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RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
आख़िर वो घड़ी भी आ गयी……रात को खाना खाने के बाद सोनिया मेरे रूम मे आई……उसका चेहरा एक दम खिला हुआ था….उसकी खुशी उसके चेहरे को देखते ही बन रही थी….उसने अंदर आते ही मुझे बाहों में भर लाया, और मेरे गालो को चूमती हुई बोली, “माँ जल्दी से तैयार हो जाओ……..अमित वेट कर रहा है.प्लीज़ जल्दी करना….ये बोल कर सोनिया बाहर चली गयी…..मैं बेड से खड़ी हुई, और नाइटी को उठा कर एक बार देखा. और फिर मन ही मन सोचा.”आख़िर तू भी तो चाहती है कि, अमित तुझसे भी प्यार करे…..तेरी भी तो कुछ ज़रूरते है…उन्हे कॉन पूरा करेगा….अब अगर सोनिया को कोई एतराज नही तो मैं क्यों इस भोले पन का ढोंग करू” मेने अपने सारे कपढ़े उतार दिए….और फिर वो नाइटी पहन कर मिरर के सामने आई तो मैं खुद पर शर्मा गयी….
वो स्लीव्लेस्स नाइटी मेरी जाँघो तक मुस्किल से आ रही थी…..उसमे मेरा जिस्म एक दम कसा हुआ लग रहा था….ऊपेर से मेरी चुचियों की शेप उसमे अलग ही नज़र आ रही थी….. में घबराते हुए, अपने कमरे से बाहर निकली, और काँपते हुए कदमो से चलते हुए, सोनिया के रूम के डोर के पास पहुची. अंदर से सोनिया और अमित के हँसने की आवाज़ आ रही थी…..डोर पर खड़े हुए मेरे हाथ पैर एक दम सुन्न पड़ गये थी….आख़िर मैं इस हालत मे अंदर जाऊ तो जाऊ कैसे. तभी रूम मे एक दम से सन्नाटा छा गया….जैसे सोनिया और अमित को मेरे रूम के बाहर खड़े होने का अंदेशा हो गया हो….मेरा दिल ज़ोर से धड़क रहा था… साँसे ऐसे चल रही थी…मानो मीलो दौड़ कर आई हूँ….
मैं अपने सांसो को थामने की कोसिश करते हुए, डोर के बाहर खड़ी थी….और अंदर जाने के लिए हिम्मत जुटा रही थी….तभी एक दम से डोर खुला….सामने अमित खड़ा था….उसने एक बार ऊपेर से लेकर नीचे तक मेरे बदन को देखा, और फिर मेरा हाथ पकड़ कर अंदर लेजाने लगा….मैं किसी कट्पुतली की तरह उसके साथ खिंचती चली गयी…..वो मेरी चुचियों को घुरे जा रहा था….मेरी नाइटी में से मेरे काले रंग के मोटे निपल सॉफ झलक रहे थे….
में शरम के मारे अपना सर भी ऊपेर नही उठा पा रही थी….रूम के बीचो बीच आकर अमित ने मेरा हाथ छोड़ दिया….और फिर मुझे पीछे से डोर बंद होने की आवाज़ आई….अमित अंदर से डोर को लॉक कर रहा था….वैसे तो घर में अब हम तीनो के सिवाए कोई नही था…..पर उसके डोर को लॉक करने की आवाज़ सुन कर मुझे ये अहसास होने लगा कि, अब आगे क्या होने वाला है…..फिर मुझे अपने पीछे से अमित मेरी तरफ बढ़ता हुआ महसूस हुआ…मेने हिम्मत करके, अपनी नज़रे ऊपेर उठाए, तो देखा सामने सोनिया बेड पर रेड कलर की नाइटी पहनी हुई घुटनो के बल बैठी थी…..उसके माथे पर ज़रा भी शिकन नही थी. वो एक दम नॉर्मल लग रही थी……
तभी अमित मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया……उसकी बॉडी मेरी बॅक से सट गयी थी…..मेने फॉरन ही अपना सर फिर से झुका लिया….और अगले ही पल अमित के दोनो हाथ मेरी कमर के बगलो से होते हुए, मेरे पेट पर आ गये….उसने पीछे से मेरे को बाहों में जाकड़ लिया था….मुझे उसका तना हुआ लंड अपनी गान्ड की दरार में सॉफ महसूस हो रहा था….जिसके कारण मेरे पैर मेरा साथ छोड़ने लगे थी…..वो धीरे-2 अपने दोनो हाथों को मेरे पेट पर घूमाते हुए सहला रहा था…..और पीछे से अपनी कमर को हल्का हलका सा घुमा रहा था….
मुझे शरम भी आ रही थी…..और अमित के लंड को अपनी गान्ड की दरार मे महसूस करके में एक दम से गरम भी होने लगी थी….फिर मुझे उसकी साँसे मेरे कान पर महसूस हुई, मेरा पूरा जिस्म एक दम सिहर गये….मेने अपने दोनो हाथों को अमित के हाथो पर रख कर दबा दिया…..”आज तेरे पिछले छेद का उद्घाटन करना है…..सुहागरात पर मुझे ये तोफा चाहिए…बोल मुझे अपनी गान्ड मारने देगी ना” अमित की ये बात सुन कर तो जैसे मेरे दिल की धड़कने ही थम गयी….उस दिन मेने असलम को सलमा की गान्ड मारते हुए देखा था. वही सीन मेरी आँखो के सामने घूम गया….दूसरा अमित ने ये बात धीरे नही बोली थी….सोनिया को ज़रूर इस बात को सुन लिया होगा…..
मैं एक दम से शरमसार हो गयी…..फिर अमित ने अपने होंटो को मेरे गले पर रख दिया….और मेरी गरदन को चूमने लगा…..मेरी आँखें अमित के होंटो को अपनी नेक पर महसूस करते ही, बंद हो गयी….पूरा बदन कांप गया….मेरे हाथ अभी भी उसके हाथों के ऊपेर थे…..और वो अपने हाथों से मेरे पेट को मसलते हुए, मेरी चुचियो की तरफ बढ़ रहा था…..ये जानते हुए भी कि सोनिया बिकुल मेरे सामने बैठी है…..मैं एक दम मदहोश सी होती हुई उसके हाथ को रोक नही पा रही थी…..धीरे-2 उसके दोनो हाथ मेरी चुचियों पर आ पहुचे…….और नाइटी के ऊपेर से मेरे मम्मो के निपल्स को अपनी उंगलियों में लेकर मसलने लगा……”आह अमित सोनियाआ” मैं एक दूं सिसक उठी…..तभी मुझे अहसास हुआ कि, मेरे घुटनो से कुछ टकरा रहा है…..
मेने सर झुका रखा था……मेने अपनी आँखें खोल कर देखा तो, वो बेड का किनारा था…..मदहोशी के आलम में मैं कब बेड तक पहुच गयी मुझे पता ही नही चला….फिर अचानक से उसने मुझे बेड पर धकेल दिया…..मैं बेड पर जा गिरी…जैसे ही मेने आँखे खोली तो मेने देखा कि मेरी आँखो के सामने सोनिया वैसे ही बैठी हुई थी…मैं बेड पर पेट के बल थी….फिर मुझे अपनी जाँघो पर कुछ महसूस हुआ….मेने लेटे हुए, पीछे गर्दन घुमा कर देखा तो, अमित मेरी जाँघो पर बैठा था…..उसके वजन के कारण मैं हिल भी नही पा रही थी. पता नही कब उसने अपना पायजामा उतार दिया था….अब उसके बदन पर सिर्फ़ अंडरवेर था…..जो आगे से उभरा हुआ था…..
उसने अपने दोनो हाथों को मेरी जाँघो पर रख दिया….और मेरी जाँघो को मसलते हुआ, ऊपेर की तरफ बढ़ने लगा….मेरे पुर बदन मे सनसनी दौड़ गयी….मेरे आँखें फिर से बंद होने लगी….मेरे फेस के बिल्कुल सामने बैठी सोनिया अपनी आँखें फाडे देख रही थी….मेने अपने चेहरे को अपने हाथो से ढक लिया…..अमित मेरी जाँघो को मसलते हुए, धीरे-2 ऊपेर बढ़ रहा था…. मेने नाइटी के नीचे पैंटी भी नही पहनी थी…..फिर अमित ने एक झटके से मेरी नाइटी को मेरी कमर तक ऊपेर उठा दिया…..मेरी गान्ड मेरी बेटी सोनिया के आँखो के सामने नंगी हो गयी होगी……मैं यही सोचते हुए शरम से मरे जा रही थी……उसने अपने दोनो हाथों से मेरे चुतड़ों को फेला कर मसलना शुरू कर दिया…..मैं एक दम से सिसक उठी……मेने सिसकते हुए अमित को रुकने के लिए कहा….
पर वो मेरी एक नही सुन रहा था…..उसने मेरे दोनो चुतड़ों को पकड़ कर फेला दिया…..फिर थोड़ी देर वैसे ही बैठा रहा…..मैं नीचे चद्दर मे अपने हाथों से अपने मूह को ढके हुए थी…..इसीलिए मैं देख तो नही पा रही थी. पर मुझे अहसास हो रहा था कि, सोनिया मेरे आगे से उठ कर अमित के बगल मे जाकर बैठ चुकी थी…..शायद अमित ने उसे इशारे से पास बुलाया था….ये सोच कर मैं शरम से दोहरी हो गयी……मेरी अपनी बेटी मेरे नंगे चुतड़ों को देख रही है……और अमित ने जिस तरह से मेरे चुतड़ों को फेला रखा था…मुझे यकीन है कि, उसे मेरी चूत के लिप्स भी दिख रहे होंगे….
फिर मुझे अपनी जाँघो पर वजन हल्का होता हुआ महसूस हुआ……फिर मुझे कुछ सरकने की आवाज़ आई…….और अगले ही पल एक गरम और सखत चीज़ मेरी गान्ड के छेद पर आ लगी…..में एक दम सिसक उठी…..वो चीज़ कुछ और नही….अमित के लंड का मोटा और गरम सुपाडा था……जैसे ही मेने अपनी गान्ड के छेद पर अमित के लंड के सुपाडे को महसूस किया….मेरा पूरा बदन एन्ठ गया…..चूत के अंदर सरसराहट दौड़ गयी…..मेने अपने चेहरे से हाथों को हटा लिया. और मेरे मूह से सिसकारी ना निकले.इसलिए मेने बेडशीट को अपने दाँतों में दबा लिया…….पर फिर भी मूह से घुटि हुई आह निकल गयी…..
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RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
अमित के लंड के सुपाडे की गरमी को महसूस करते ही…..मेरी जांघे अपने आप खुलने लगी…..फिर मुझे कुछ पच-2 की आवाज़ आने लगी…..में शरम से अपना सर घुमा कर भी नही देख सकती थी….पर वो आवाज़ और उँची होती गयी. और जब मेरे सबर का बाँध टूटा तो, मेने पीछे की तरफ सर घुमा कर कनखियो से देखा…..तो मेरे रोंगटे खड़े हो गये…..सोनिया और अमित एक दूसरे के होंटो में होन्ट डाले हुए, स्मूच कर रहे थे…..मैं हैरत से ये सब देख रही थी…..कि मेरी अपनी बेटी मेरी मौजूदगी में इतनी वाइल्ड्ली स्मूच कर रही है. उसको तो जैसे किसी बात की परवाह ही नही थी…..अमित ने अपना एक हाथ सोनिया की पीठ के पीछे से घुमा कर उसके चुतड़ों पर रखा हुआ था……और दूसरे हाथ से वो सोनिया की नाइटी के ऊपेर से ही उसकी चुचियों को मसल रहा था…..सोनिया अपनी दोनो बाहों को अमित की कमर पर लपेटे हुए उससे एक दम चिपकी हुई थी..
ये देख कर मेरी चूत में सरसराहट और बढ़ गयी……फिर अचानक से अमित ने सोनिया के होंटो से अपने होंटो को अलग किया….और फिर मेरी जाँघो से ऊपेर उठाते हुए, मुझे एक झटके से सीधा पीठ के बल लेटा दिया….मैं एक दम से हड़बड़ा गयी…..इस पहले कि मैं संभाल पाती…..अमित ने मेरी दोनो टाँगो को घुटनो से पकड़ कर ऊपेर उठा दिया….और फिर मेरी टाँगो को फेला दिया…..अगले ही पल उसके लंड का सुपाडा मेरी चूत के छेद पर भिड़ा हुआ था….मेने अपनी अध खुली आँखों से देखा…..सोनिया अमित की चेस्ट पर अपनी हथेलयों को फेर रही थी….अमित ने अपने लंड के सुपाडे को मेरी चूत के छेद पर दबाना शुरू कर दिया….
और उसके लंड का सुपाडा मेरी चूत की फांको और छेद को फेलाता हुआ अंदर घुसने लगा…मैं मस्ती में एक दम से सिसक उठी…….और सीईईई और सिसकने की आवाज़ मेरे कानो में गूँज उठी….ये सोनिया की आवाज़ थी….जो अमित की ओर वासना से भरी नज़रों से देखते हुए सिसकारियाँ भर रही थी….उसने अमित के फेस को अपनी तरफ घुमाया, और उसके होंटो पर अपने होन्ट रख दिए. अमित बेदर्दी से सोनिया के होंटो को चूसने लगा…….एक तो चूत में 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड ऊपर से मेरी बेटी अपने होंटो को चुसवा रही थी…….मेरी चूत की दीवारो ने अमित के लंड को अपने अंदर जकड़ना शुरू कर दिया…….फिर एक तेज मस्ती से भरी सरसराहट मेरी चूत मे उस समय दौड़ गयी. जब अमित के लंड का सुपाडा मेरी चूत की दीवारो से बुरी तरहा रगड़ ख़ाता हुआ बाहर आया. मैं एक दम से मचल उठी. और अपने सर के नीचे रखे तकिये को दोनो हाथो से पकड़ लिया..
“आहह अमित सीईइ” मेने अपनी अध खुली आँखो से अमित और सोनिया की ओर देखते हुए सिसकारी भरी…अमित ने सोनिया के होंटो से अपने होंटो को अलग किया, और फिर मेरे ऊपेर झुकते हुए, मेरे स्लीव्लेस्स नाइटी के स्ट्रॅप को पकड़ कर कंधो से नीचे सरकाना शुरू कर दिया. मेने उसे रोकने की कॉसिश की, पर उसके आगे मेरी एक ना चली, जैसे ही मेने उसके हाथो को पकड़ कर रोकना चाहा. उसने अपने लंड को दो तीन बार पूरी तेज़ी से मेरी चूत के अंदर बाहर कर दिया……मेरे पूरे बदन मे करेंट सा दौड़ गया…..और मेरी पकड़ अमित के हाथो पर ढीली हो गयी. और उसका फ़ायदा उठाते हुए, उसने मेरी नाइटी के स्ट्रॅप्स को मेरे कंधो से नीचे सरका कर , मेरी बाहों से बाहर निकालते हुए, नीचे खेंच दिया.
मेरी 38 साइज़ की चुचियाँ अब नाइटी की क़ैद से बाहर आ गयी थी…..जो मेरे तेज़ी से साँस लेने से ऊपेर नीचे हो रही थी…..फिर अमित ने झुकते हुए, मेरे हाथो को पकड़ कर बेडशीट से टिका दिया. और मेरी एक चुचि मूह मे भर कर चूसने लगा. उसने मेरे दोनो हाथो को पकड़ कर मेरे सर के दोनो तरफ बिस्तर पर दबाया हुआ था……मेरी आँखे मस्ती में बंद होने लगी……तभी मेरा पूरा बदन एक दम से कांप गया……मुझे मेरे दूसरे निपल पर मुझे कुछ गरम और नरम सा अहसास हुआ. मेने अपनी आँखो को ज़ोर लगा कर खोल कर देखा, तो में एक दम से हैरान रह गयी…..मेरे एक मम्मे को अमित चूस रहा था. और दूसरे मम्मे को सोनिया अपने मूह मे भर कर चूस रही थी….मेरे पूरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी. और साथ ही शरमसार भी हुए जा रही थी. मेरी चूत और ज़्यादा पानी छोड़ने लगी……नीचे अमित के धक्के और तेज हो गये. वो अपने लंड को पूरा बाहर निकाल-2 कर मेरी चूत मे पेल रहा था.
अब मुझसे भी बर्दास्त से बाहर होता चला जा रहा था. मेरी चूत की आग इस कदर बढ़ चुकी थी कि, मेने खुद ही अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर उछालना शुरू कर दिया……मेरी इस हरक़त को देख सोनिया ने अपना मूह मेरी निपल से हटा लिया. और फिर मेरी चूत की तरफ देखने लगी. जिसमे अमित का 9 इंच लंबा मोटा लंड बड़ी तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था….”आह धीरे आह अहह उंह “
अमित: ले साली और ले…….देख तुझे तेरे बेटी के सामने चोद रहा हूँ. देख सोनिया तेरी माँ की फुद्दि कितनी गरम है. देख कैसे पानी छोड़ रही है….
अमित ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल कर दिखाते हुए कहा. उसका लंड मेरी चूत के पानी के कारण ट्यूब लाइट की रोशनी मे चमक रहा था. उसका झटके ख़ाता हुआ लंड आज और ज़्यादा विकराल लग रहा था. फिर सोनिया ने वो क्या जिसके बारे में मेने सोचा भी नही था. अमित ने सोनिया की गर्दन के पीछे एक हाथ डाल कर उसे अपने लंड पर झुका लिया. जो मेरी चूत के ठीक ऊपेर झटके खा रहा था. और मेरे देखते ही देखते. सोनिया ने अपने मूह को खोल कर अमित के लंड के बड़े और मोटे लाल सुपाडे को अपने होंटो में कस लिया.”आह” अमित भी सिसक उठा….उसने अपने दोनो हाथों से सोनिया के सर को पकड़ कर अपनी कमर को तेज़ी से हिलाना शुरू कर दिया. सोनिया भी अमित के लंड आधे से ज़्यादा निगलते हुए चूस रही थी….उसका एक हाथ मेरे पेट के ऊपेर था. और दूसरा हाथ उसने बेड पर टिका रखा था.
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RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
“पुच पब्ब्ब-2 की आवाज़ें सोनिया के मूह से निकल रही थी….फिर थोड़ी देर बाद सोनिया ने लंड को मूह से बाहर निकाला. और फिर हाथ से पकड़ कर तेज़ी से हिलाने लगी. और फिर मेरी तरफ देखते हुए बोली. “मम्मी ये तुम्हारी बेटी की तरफ से तुम्हारे लिए तोहफा है” और फिर उसने हाथ से अमित के लंड को पकड़ कर मेरी चूत के छेद पर लगा दिया…..में भी अपनी चूत की फांको को अपने हाथो से फेलाते हुए, उसे अपनी चूत का गुलाबी छेद दिखाया. और अमित का लंड एक बार फिर से मेरी चूत के छेद पर था. “अह्ह्ह्ह सोनिया बेटा मुझी ये गिफ्त बहुत पसंद है….अहह अह्ह्ह्ह धीरे अमित आह मर गयी. मेरी फुदी अह्ह्ह्ह” अमित ने फिर से अपना पिस्टन चलाना शुरू कर दिया था…..उसके हर झटके के साथ थप-2 की आवाज़ पूरे रूम में गूँज रही थी…..
तभी मुझे अपने ऊपेर कुछ महसूस हुआ. मेने मस्ती में सिसकते हुए अपनी आँखो को खोल कर देखा तो, सोनिया मेरे ऊपेर थी. उसके दोनो पैर मेरी कमर के दोनो तरफ थे. और वो बिल्कुल डॉगी स्टाइल मे मेरे ऊपेर थी…..”माँ मुझे भी तुमसे गिफ्ट चाहिए “ सोनिया ने मेरी अध खुली आँखो में झाँकते हुए कहा. पर मैं कुछ बोल नही पा रही थी…उसने मेरे कोई जवाब देने से पहले ही, अपने होंटो को मेरे होंटो की तरफ बढ़ा दिया. “आह नही” मेने अपनी चूत मे महसूस हो रहे धक्को से सिसकते हुए कहा, और अपना फेस दूसरी तरफ घुमा लया. अमित और ज़ोर से अपना लंड बाहर निकाल-2 कर अंदर पेलने लगा था. उसके हर धक्के से मेरा पूरा बदन हिल रहा था. उसके बॉल्स मेरी गान्ड के छेद पर टकरा रहे थे. “उम्मह सीईईई अमित आह धीरे आह” फिर सोनिया ने मेरे फेस को अपने हाथो में पकड़ कर जबरन अपने होंटो को मेरे होंटो पर लगा दिया.
मेने शरम के मारे अपने होंटो को आपस मे भींच लिया. पर अमित के लंड के झटके अब मेरी चूत में इतने तेज हो गये थे कि, मुझे अपने होंटो को खोलना पड़ा. जैसे ही मेने अपने होंटो को खोला, सोनिया ने अपनी जीभ मेरे मूह मे घुसा दी. उसकी जीभ मेरे मूह के हर कोने में घूम रही थी. उसके दोनो हाथ मेरे मम्मो पर थे. जिसे वो दबा-2 कर खेंच रही थी. फिर उसने मेरे होंटो को चूसना शुरू कर दिया. अब मेरे भी बर्दास्त से बाहर होता जा रहा था. मेने मन में सोच लिया था कि, अगर मेरे बेटी मुझसे इस तरह बेशर्मी से पेश आ सकती है, तो में क्यों पीछे रहूं.
मेने भी सोनिया का साथ देना शुरू कर दिया. कभी वो मेरे होंटो को चुस्ती, तो कभी मैं उसके होंटो को चुस्ती………”आहह सालियो मुझे भूल गयी क्या ?” अमित ने नीचे से मेरी चूत में अपना लंड पेलते हुआ कहा. और फिर उसने एक ज़ोर दार थप्पड़ सोनिया की गान्ड पर मारा. जिसकी आवाज़ मुझे सॉफ सुनाई दी, और फिर सोनिया के सिसकने की आवाज़ आई. मेने देखा, सोनिया मेरे ऊपेर से उठ कर फिर से अमित के पास जाकर घुटनो के बल बैठ गयी. अमित ने अपने लंड को मेरी चूत से बाहर निकाला, और सोनिया की तरफ देखने लगा. सोनिया ने अमित को लंड को हाथ में पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया.
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RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
अमित का लंड मेरी चूत के कामरस से पूरी तरहा भीगा हुआ था. सोनिया उसके लंड को हिलाते हुए धीरे-2 नीचे झुकने लगी. उसके होंटो और मेरी चूत के बीच सिर्फ़ 2-3 इंच का फाँसला ही रह गया था. और चूत के ठीक सामने अमित का लंड था. उसने झुकते हुए अमित के लंड को मूह में भर लिया. और ज़ोर-2 से सर हिलाते हुए, अमित के लंड को चूसने लगी. में ये सब देख कर और गरम हुई जा रही थी…..अमित ने मेरी टाँगो को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठाया,और मेरी जाँघो को ज़ोर से पकड़ लाया. फिर उसने एक हाथ से सोनिया के बालों को पकड़ा और उसका सर पीछे खेंचते हुए, अपने लंड को उसके मूह से बाहर निकल लिया. फिर उसने सोनिया के बालो को पकड़े हुए, उसके फेस को मेरी चूत की तरफ बढ़ा दिया. अगले ही पल उसने सोनिया के बालो को छोड़ कर मेरी टाँगो को पकड़ कर और फैला दिया.
इससे पहले कि मैं कुछ कर पाती, सोनिया ने अपनी जीभ को नॉकदार बनाते हुए, मेरी चूत के छेद पर लगा दिया. मैं जल बिन मछली की तरह तड़प उठी. पर मैं अपने आप को छुड़ा नही पा रही थी. क्योंकि अमित ने मेरी टाँगो को फेला कर ज़ोर से पकड़ रखा था……सोनिया अपनी जीभ मेरी चूत के छेद पर रगड़ रही थी. सुर्प-2 की आवाज़ से ऐसा लग रहा था. जैसे कि वो मेरी चूत से बह रहा सारा पानी पी जाएगी. मेरे आँखे फिर से मस्ती मे बंद हो गयी…..
मैं: अह्ह्ह्ह सोइना आहह ईए ईए क्याअ कर मत करो अह्ह्ह्ह उंह सीयी आह बेटाअ अहह हट जाअ….
मेरी मस्ती का कोई ठिकाना नही था. मेरी कमर अपने आप ही झटके खाने लगी. जिससे मेरी चूत बार-2 सोनिया के मूह पर दब जाती, और वो और ज़ोर से मेरी चूत की फांको को मूह में भर कर चूसने लगती…..फिर अमित ने मेरी टाँगो को पकड़ और ऊपेर उठा दिया. इतना ऊपेर कि, मेरी गान्ड बेड से 3 इंच ऊपेर उठ गयी…और अगले ही पल सोनिया ने मेरी चूत को चाटते हुए, एक तकिया मेरी गान्ड के नीचे लगा दिया. मेरी चूत से निकल रहा पानी, और सोनिया का थूक बहता हुआ मेरी गान्ड के छेद की तरफ जा रहा था…..जैसे ही सोनिया ने मेरी गान्ड के नीचे तकिया लगाया. अमित ने मेरी टाँगो को छोड़ दिया. नीचे तकिया होने के कारण मेरी गान्ड अब कुछ ज़यादा ही ऊपेर उठ चुकी थी…….
सोनिया अभी भी मेरी चूत को चाट रही थी. मैं मस्ती आहह ओह्ह्ह्ह बस उफ्फ किए जा रही थी….तभी मेरा पूरा बदन एक दम से कांप गया. जब अमित ने अपने फन्फनाते हुए लंड का गरम सुपाडा मेरी गान्ड के छेद पर लगा दिया. मेरे पूरे बदन में सनसनी दौड़ गयी……”
आह नही अमित वहाँ नही प्लीज़ “ मेने सिसकते हुए कहा……एक तो अमित के लंड का गरम सुपाडा मेरी गान्ड के छेद पर रगड़ खा रहा था. और ऊपेर से सोनिया मेरी चूत के छेद को चाट रही थी. बस सिर्फ़ कहने को मना कर रही थी…..पर मैं बिकुल भी विरोध नही कर पा रही थी…..मेरी चूत से निकला काम रस और सोनिया का थूक मेरी गान्ड के छेद पर आ रहा था…….जिससे मेरी गान्ड का छेद नरम हो गया था. अमित ने धीरे अपने लंड के सुपाडे को मेरी गान्ड के छेद पर दबाना शुरू कर दया.
जब उसके लंड का गरम सुपाडा मेरी गान्ड के छेद पर रगड़ खा रहा था, तब एक मस्ती भरी सनसनी मेरे बदन में दौड़ रही थी…….पर जैसे ही उसके लंड का सुपाडा मेरी गान्ड के छेद को फेलाता हुआ थोड़ा सा अंदर घुसा, मेरे पूरे बदन में दर्द की तेज लहर दौड़ गयी. मेरा पूरा बदन एक दम से ऐंठ गया. मेने अपने आप को दर्द से बचाने के लिए अपने पैरो को हिलाना शुरू कर दिया. पर अमित ने मेरी टाँगो को कस के पकड़ा हुआ था. अमित अपने लंड के सुपाडे को मेरी गान्ड के टाइट छेद में अंदर घुसाने लगा……में दर्द से एक दम चीख उठी.
“अहह अमित मर गयी मैं छोड़ दे मुझे आह मेरी गान्ड फॅट जाएगी.ओह्ह्ह अमित अह्ह्ह्ह आहह माआ” अमित ने अपने लंड के सुपाडे को दबाते हुए, मेरी गान्ड के छेद मे घुसा दिया था. दर्द की तेज लहर मेरे बदन में दौड़ गयी. मेरा पूरा बदन दर्द के कारण काँपने लगा……पर अमित को मेरी हालत पर ज़रा भी तरस नही आया…..उसने मेरी जाँघो को पकड़ कर ऊपेर उठाते हुए, मेरी चुचियों से सटा दिया. और अपनी पूरी ताक़त से एक जोरदार धक्का मारा. अमित का आधा लंड मेरी गान्ड में घुस कर फँस गया…….
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RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
“हाए ओई मारा डाला हरामी अह्ह्ह्ह फाड़ दी अह्ह्ह्ह मेरीए माआ बहुत दर्द हो रहा है अहह ओह ओह्ह्ह्ह निकालो ईससीए अमित मेरीई.” पर अमित तो जैसे रुकने का नाम ही नही ले रहा था. उसने अपने लंड को ही मेरी गान्ड के छेद के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…..मेरी आँखे दर्द के कारण बंद हो चुकी थी….और मेरे आँसू भी निकल आए थे…..जब मेरी आँखे बंद थी, तब पता नही कब सोनिया एक बार फिर से मेरे ऊपेर आ गयी……इस बार वो मेरे ऊपेर 69 की पोज़िशन मे थी. उसका फेस मेरी चूत की तरफ था. और उसकी चूत मेरे फेस के ठीक ऊपेर थी….मेरी टाँगो के दरमिया बैठा, अमित अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाल कर फिर से गान्ड मे पेल देता. मेरी तो दर्द से जान ही निकली जा रही थी…..पर मुझे तब दर्द से थोड़ी राहत मिली, जब सोनिया ने फिर से मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
कहाँ तो मुझे ये सोच कर ही घिन आ रही थी, कि मेरे अपनी बेटी ही, मेरी चूत को चाट रही है. और कहाँ अब मैं उसकी चूत चाटने से मस्त होने लगी थी. “आह क्या कर रही हो सोनिया आह हाई मेरीए गांडड़ अह्ह्ह्ह मत कर सोनियाअ अहह आह तू तू येयी सब क्यो कर रही है अहह” पर वो तो जैसे मेरी बात ही नही सुन रही थी…..अब धीरे-2 मेरा दर्द भी कम होने लगा. पर अमित के धक्को की रफ़्तार जैसे-2 बढ़ती दर्द भी बढ़ता…..पर थोड़ी देर बाद कम हो जाता……..अब अमित पूरी रफ़्तार से अपने मुन्सल लंड को मेरी गान्ड के छेद के अंदर बाहर कर रहा था…..
“अहह क्या टाइट गान्ड है साली अहह मेरा लौडा पिघल जाएगाअ अह्ह्ह ले मेरीई रानी मैं आयाअ अहह” अमित झड़ने के करीब था….लेकिन इससे पहले कि अमित झाड़ता. सोनिया बोल पड़ी……”नही अमित मुझे तुम्हारा पानी पीना है… प्लीज़ कम ऑन माइ फेस”
अमित: आहह हां ले नाआ आ जल्दी आ…….
अमित की बात सुनते ही सोनिया मेरे ऊपेर से उतर कर बेड पर घुटनो के बल बैठ गयी…..अमित ने मेरी गान्ड से अपना लंड बाहर निकाला, और सोनिया के सामने खड़ा होकर तेज़ी से मूठ मारने लगा. और अचानक ही वो गरजते हुए झड़ने लगा. उसके लंड से वीर्य की धार निकल कर सोनिया के चेहरे को भिगोने लगी. जैसे ही सोनिया के चेहरे पर अमित के लंड से निकला पानी गिरने लगा तो सोनिया के होंटो पर ऐसी मुस्कान आ गयी………जैसे उसे अमृत मिल गया हो. ये सब देखते हुए मुझे पता नही कब मेरा हाथ मेरी चूत की भगनासा पर चला गया. और मैं अपनी उंगलियो से चूत की क्लिट को मसलने लगी….
जैसे-2 अमित के लंड के सुपाडे से वीर्य की बौछार निकल कर सोनिया के चेहरे पर गिर रही थी……वैसे-2 मेरी चूत ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया. मैं भी झड कर हाँफने लगी……अमित भी झड कर बेड पर लेट गया…..सोनिया एक दम से बेड से नीचे उतरी, और बाथरूम के लिए बाहर चली गयी…..मेरी हालत बहुत बुरी हो चुकी थी…..थोड़ी देर बाद सोनिया वापिस आ गयी. और मैं उठ कर बाथरूम में चली गयी……मैं बड़ी मुस्किल से चल पा रही थी…..अमित के मुन्सल लंड ने तो सच मे मेरी गान्ड को फाड़ कर रख दिया था. जब बाथरूम से वापिस आई, तो मेने देखा. अमित बेड पर पीठ के बल लेटा हुआ था. और सोनिया उसकी जाँघो के पास बैठी हुई झुक कर उसके लंड को चूस रही थी……..
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06-25-2019, 01:17 PM,
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RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
मेरे कदमो की आहट सुन कर सोनिया ने अमित के लंड को मूह से बाहर निकाला, और मेरी तरफ देखा. पर उसे शायद अब मेरी मौजूदगी से कोई फरक नही पड़ रहा था. उसने फिर से मेरी ओर देखते हुए, अमित के लंड के सुपाडे पर जीभ बाहर निकाल कर चाटने लगी. ये सब वो मेरी ओर देखते हुए कर रही थी….अमित भी मेरी ओर देख कर मुस्करा रहा था. उसने मुझे अपने पास आने का इशारा किया. मैं अपने सामने चुदाई के इस खुले खेल को देख कर मंत्र मुग्ध सी बेड की ओर खिचति चली गयी. जैसे ही, मैं बेड पर आई. अमित ने मुझे पकड़ कर अपनी तरफ खेंचते हुए, अपने ऊपेर झुका लिया. अब मैं और सोनिया एक दूसरे के बिल्कुल सामने थी. वो अमित के लंड को बार-2 अपने मूह से निकालती, और मेरी तरफ देखते हुए, अपनी जीभ बाहर निकाल कर उसके लंड के मोटे लाल सुपाडे को चाटने लगती. मैं एक टक हैरानी से उसे ये सब करता हुआ देख रही थी. जब वो अमित के लंड के सुपाडे को जीभ बाहर निकाल कर चाटती, तो वो अमित के लंड को नीचे से पकड़ कर मेरे होंटो की तरफ करती. जैसे कहना चाहती हो. तुम क्यों फ्री बैठी हो……फिर उसने अमित के लंड को चूसना छोड़ कर अमित के बगल मे लेट गये. अमित ने एक हाथ से मेरे बालो को पकड़ कर मुझे अपने लंड पर झुकाना शुरू कर दिया…..
मैं भी इतनी मस्त हो चुकी थी, कि किसी बात की परवाह किए बिना अमित के लंड के मोटे सुपाडे के चारो तरफ अपने होंटो को कस लिया. और फिर उसके लंड के सुपाडे को अपने होंटो के बीच में दबाते हुए चूसने लगी. मेने अमित के लंड को चूस्ते हुए देखा के सोनिया ने अपनी नाइटी के स्ट्रॅप्स को अपने कंधो से सरका कर निकाल दिया था. और अमित सोनिया की चुचियों को चूस रहा था. “अहह श्ह्ह अमित “ सोनिया अमित के बालो को सहलाते हुए, उसके सर को अपनी चुचियों पर दबा रही थी.
सोनिया: आहह अमित चूसो ना मेरे मम्मो को अह्ह्ह्ह देखो ना माँ कैसी तुम्हारे लंड को चूस रही है…..
ये सुनते ही मेने शरम के मारे अमित के लंड को मूह से बाहर निकाल दिया. और फिर सोनिया मुस्करते हुए, अमित के ऊपेर आ गयी. अब उसकी चूत भी बिल्कुल मेरी आँखो के सामने थी……
.”माँ डालो ना मेरी चूत के अंदर अमित का लंड” सोनिया ने पीछे फेस घुमा कर मेरी तरफ देखते हुए कहा. मैं बुत सी बनी वैसे ही बैठी रही…..
अमित: डाल ना साली देख नही रही, तेरी बेटी कैसे मेरे लंड के लिए तरस रही है. चल डाल जल्दी…..
अमित की रोबदार आवाज़ सुन कर मुझे झटका सा लगा. मेने अपने काँपते हुए हाथो से अमित के लंड के पकड़ कर सोनिया की चूत के छेद पर लगा दिया. जैसे ही अमित के लंड का सुपाडा सोनिया की चूत के छेद पर लगा….सोनिया के मूह से मस्ती भरी आह निकल गयी……..उसने अपनी चूत को अमित के लंड के सुपाडे पर दबाना शुरू कर दिया…..मैं उसके पीछे बैठी हुई ये सब देखते हुए हैरान हो रही थी.
अमित का लंड 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड सोनिया की चूत के टाइट छेद को फेलाता हुआ अंदर घुसने लगा……जैसे-2 अमित का लंड सोनिया की चूत की गहराइयों में समाता जा रहा था. सोनिया की सिसकारियाँ उँची होती जा रही थी….मेरे देखते ही देखते, अमित का मुन्सल जैसा लंड सोनिया की टाइट चूत में समा गया……अमित ने फिर मुझे अपने पास आने का इशारा किया……मैं उठ कर अमित की बगल मे जाकर लेट गयी…..उधर सोनिया ने अपनी गान्ड को ऊपेर नीचे हिलाते हुए अमित के मुन्सल लंड से चुदवाना शुरू कर दिया था….अमित ने मुझे पकड़ कर अपने ऊपेर झुका लिया, और मेरे होंटो को अपने होंटो में भर कर चूसने लगा.
मैं अपने सामने अपनी बेटी को चुदते देख और मदहोश होती जा रही थी. जिसके कारण मैं अमित को किसी भी बात के लिए रोक नही पा रही थी. चुदाई का जो सिलसिला आज शुरू हुआ था. वो अब मेरे जीवन में सदा के लिए रहने वाला था.
दोस्तो ये थी मेरी छोटी सी भूल की वो सज़ा जिसके लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ. उम्मीद है कि ये स्टोरी आप को पसंद आए होगी.
समाप्त
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