कौन सच्चा कौन झूठा--एक्शन थ्रिलर सस्पेंस
06-28-2017, 10:59 AM,
#21
RE: कौन सच्चा कौन झूठा--एक्शन थ्रिलर सस्पेंस
सब लोग पोलीस स्टेशन मे झुंड बना के खड़े थे

राणे: चलो करो भाई देखे क्या लाए हो

हवळ्डाऱ ने जो फोन टॅप किया था उसकी रेकॉर्डिंग ऑन की , जैसे -2 आवाज़
सुनाई देने लगी वाहा खड़े लोगो के होश उड़ गये , राणे खुद बहुत हैरान था ,

रेकॉर्डिंग सुनने के बाद

राणे: बहुत बढ़िया काम किए तुम , जाओ अपना काम चालू रखो , अगर और कुछ मिले
तो ले कर आना

हवलदार वाहा से बाहर हुआ

राणे: ये उसकी आवाज़ है ना ( राणे ने दूसरे डीटेक्टिव से पूछा)

जी सर ये वही है

डीटेक्टिव: सर अब तो सबकुछ आईने जैसा सॉफ हो गया हे , मेरे हिस्साब से आप
को अब आक्षन लेना चाहिए

राणे: पर हमका लागत हैं के एक कड़ी कही गुम है , कुछ समझ नही आ रहा

राणे: बाबूराम दीपक के केस की फाइल ले कर आओ

हवलदार फाइल ले कर आया

राणे ने फाइल ओपन करी , और उसको अपनी खोई हुई कड़ी मिल गयी

राणे फाइल खोलते ही , थोडा सोच मे पड़ गया , हवलदार को आवाज़ दी उसे कुछ
समझाया और वाहा से जाने को कहा

शाम हो चुकी थी राणे अब तक कफफी सबूत इकट्ठे कर चुका था , चंपा और चंदू अभी
तक थाने मे ही थे

और वो जासूस्स भी वही था जिसे हवलदार अपने साथ ले कर आया था,

थोड़ी देर ऐसे ही वक्त बीत जाने के बाद , राणे घर जाने के लिए निकला

जासूस: सर मुझे जाने दीजिए

राणे: अभी नही भैया , आज तुम यही रुकोगे , तुम्हारी ज़रूरत है हमे

हवलदार को जाने से पहले राणे

राणे: इन सब का खायल रखना , कल रात हमका ठीक से नींद नही आई हम घर जा रहे
है , और कोई खबर मिले तो हमका फोन कर देना

हवलदार: जी सर

राणे पोलीस स्टेशन से बाहर हुआ गाड़ी मे बैठा , अपने घर के बाहर उतरा गाड़ी
आगे बढ़ गयी , राणे गेट के पहुचा ही था के किसी ने पीछे से हमला कर दिया

राणे की चीख निकल पड़ी

अगली सुबह जासूस ने फोन किया

कातिल: बोलो

जासूस: दीपक ने इनस्पेक्टर राणे का खून कर दिया वो अभी शिव मंदिर मे है ,
मेरी आँखों के सामने

कातिल : ठीक है तुमहरे पैसे तुम्हारे पास पहुच जाएँगे

उसने फोन कांटा


कुछ देर बाद कातिल ने किसी को फोन किया ,

कातिल : दीपक को ख़तम कर दिया , उसकी लाश यहा शिव मंदिर मे पड़ी हे, आकर
देख लो

फोन कांटा


....


मंदिर की सीढ़ियो से चढ़ता हुए उपर पहुचा , सामने नीचे दीपक की लाश पड़ी थी
, और मारने वाला सामने खड़ा था

(ज़ोर से हंसते हुए बोले) सब ख़तम हो गया अब सब कुछ हमारा है

पीछे से तालियो की आवाज़ आई , उसने मूड के देखा सामने इनस्पेक्टर राणे खड़ा
था

राणे: क्या बात है , मान गये आपको इंदु जी , एई हमार ज़िंदगी का सबसे
मजेदार केस था

इंदु घबरा गयी , चारो तरफ से पोलीस वाले निकल खड़े हुए जो च्छूपे हुए थे

राणे: दीपक बाबू खड़े हो जाइए

इंदु हैरानी से पीछे मूडी , दीपक नीचे से खड़ा हो रहा था,चंदू और चंपा उसके
पास आए

चंपा: ये कैसी मा है अपने ही पति बेटी को मार दिया और अब अपने बेटे को
मारना चाहती थी

राणे: नाहहिईीईई(ज़ोर से बोला) एई दीपक की मा नही एई सौतेली मा है,दीपक की
माता जी का देहांत हो चुका है

राणे: इंदु जी मज़ा आगेया , आज ज़िंदगी मे पहली बार राणे किसी के दिमाग़ की
दाद देगा , अगर आप पोलीस मे होती ना तो राणे आपको सल्यूट मारता

इंदु अपना सिर नीचे झुकाए खड़ी थी , कुछ बोल नही रही थी

राणे: इंदु जी आप शायद भूल गयी हम आप से आपके घर आके बोले थे " ये जो चोर
है बहुत चालू है" और आपने हमे बोला था के " क्या आप उसे ढूंड नही पाएँगे"
उस वक्त आप हमारा मतलब नही समझी थी ,पर हम उसी वक्त आप पर नज़रे डाल दिए थे


राणे: अब सब कुछ बता दीजिए काहे किए ये सब कुछ वरना हम लेडी पोलीस भी साथ
मे लाए है उषा जी

उषा जी पीछे से आगे सामने की तरफ आई , और ज़ोर से थप्पड़ मारा इंदु के मुँह
पर

इंदु: (रोते हुए बोली) सब कुछ बताती हू

इंदु : सब कुछ राज के पैसो के लिए किया था

दीपक: पैसा ही सब कुछ था , अगर डॅड से पैसे माँग लेती तो वो क्या मना करते
(गुस्से मे बोला)

इंदु: मैं राज के ऑफीस मे काम करती थी, दीपक की मा के देहांत के बाद , राज
से मेने नज़दीकिया बढ़ा ली, मुझे उसका पैसा चाहिए था और वो मुझसे प्यार
करने लगा था

इंदु::कुछ वक्त बाद हमने शादी कर ली , राज की पहली बीवी (शीला) और उसकी
बेहन वीना दोनो उस कंपनी की माल्लिक थी जहा मे नौकरी करती थी , शादी के बाद
मुझे पता चला के सारी जायदाद दीपक के नाम कर दी गयी थी बस उसके बालिग होने
की देर थी

मुझे ये पता चला के , वीना मा नही बन सकती और उसने भी अपनी सारी जायदाद
दीपक के नाम ही कर दी थी वो और मयूर दीपक से बहुत प्यार करते थे

मेने सिर्फ़ पैसे के लिए राज से शादी की थी , पर वो पैसा मुझे मिल नही पाया
, 19 साल इंतेज़ार किया पर कोई फ़ायदा नही हुआ (रोते हुए बोली)

राणे: अपने पति और बेटी का खून क्यू किए

इंदु: एक दिन राज ने मुझे बताया कि , हम लोग अब अमेरिका जाने वाले है ,
उसने मुझे ये भी बताया की हम यहा कभी लौट के नही आएँगे और सारी कंपनीज़
वीना और मयूर के नाम कर देंगे, राज को पैसे से प्यार नही था अपनी कंपनी मे
ही नौकरो की तरहा काम करता था


बस उसी वक्त मेने राज को मारने की सोच ली थी

राणे: दीपक को काहे नही मारे

इंदु: उसके बालिग होने मे एक महीना बाकी था और अगर उसकी मौत

इंदु: और अगर उसकी मौत हो जाती तो सारा पैसा वीना का हो जाता , मेने अपने
भाई सुनील को जैल से बाहर निकलवाया

राणे: इसके उपर तो और भी केस है , एक केस की ज़मानत तो राज साहेब ने ही दी
थी

इंदु: जी हां मेरी शादी होने के बाद ये खून के केस मे पकड़ा गया और राज ने
ही इसकी बैल कराई थी

राणे: अपनी बेटी और पति को मारे केसे


इंदु: मेने और सुनील ने मिल के ये प्लान बनाया , उस दिन मे घर से सब्जी
लेने के लिए निकली , घर मे दीपक, निशा थे और राज थोड़ी देर मे आने वाले थे ,
सुनील ने एक चोर से घर का लॉक खोल वाया , ताकि किसी को ये शक ना हो के
बाहर से किसी ने आकर खून किया है , सब यही सोचे ये काम दीपक ने किया है ,
मेने दीपक को दूध दिया था घर से निकलने से पहले उसमे ड्रग्स की 4 टॅब्लेट्स
मिला दी जो सुनील ने मुझे ला कर दी थी


राज और निशा का खून करने के बाद , सुनील और उसके साथी ने दीपक के हाथो के
निशान चाकू और निशा के गले पर दिए और वाहा से निकल गये


राणे: घर मे चोरी केसे हुई

इंदु: कोई चोरी नही हुए थी , मेने ही अलमारी का लॉक तोड़ा था

इंदु: सुनील मुझसे पैसो की डिमॅंड करने लगा था, मुझे धमका रहा था, मेने
अलमारी का लॉक खुद ही तोडा मे जानती थी के सुनील का मूह कैसे बंद करना है ,
इसलिए मेने घर से चोरी की और झूठी रिपोर्ट की

राणे: झूठी रिपोर्ट ही नही , आपने तो अपने बेटे पर नज़र भी रखवाई इंदु:

हां दीपक जैल से भाग चुका था, हमने पहले ये सोचा था के दीपक के जैल जाने

के बाद उसे जैल मे ही मरवा देंगे पर दीपक पहले ही जैल से भाग निकला , अगर

उसके बालिग होने से पहले उसे मार देते तो सारा पैसा वीना का हो जाता , एक

दिन उस जासूस ने दीपक की खबर दी , सुनील और उसका साथी उसे मारने गये पर

गोली लगने के बाद भी दीपक बच गया राणे: का दिमाग़ पाए हो , अब चलो पोलीस

थाने , बहुत दिन से खातिरदारी नही किए किसी की पोलीस वाले , इंदु , सुनील

और उसके साथी को लेकर वाहा से चले गये राणे: दीपक बाबू हमारी भी ग़लती है

, अगर हम पहले ही ठीक से काम करते , तो तुहार को ये सब नही झेलना पड़ता

दीपक: सर कौन सच्चा कौन झूठा ये पता करना मुश्किल होता है दोस्तो कैसी

लगी ये कहानी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा समाप्त दा एंड.
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