मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
07-20-2021, 12:04 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" अभी दूर है क्या निधी ? ". रोहित ने अपनी बहन के मूड का जायजा लेने के मकसद से पूछा.

" हाँ भैया... ये बस दूसरे Route से जाती है ना. आपकी Bike में तो ज़ल्दी हो जाता है वो IBM Office के रास्ते से जाने पर. ". निधी ने तुरंत जवाब दिया, पर अभी भी पीछे नहीं मुड़ी.

" हाँ... I See... ".

रोहित ने इधर उधर आस पास के लोगों को देखा पर सभी अपने में मगन और परेशान खड़े थें... बस में दो अच्छे घराने के भाई बहन क्या कर रहें थें इसमें शायद ही किसी को रूचि हो !!!

रोहित अपना दाया हाथ नीचे सरका के अपने Trouser तक ले गया और पैंट की Zip यानि चैन खोल दी. निधी पीछे देख तो नहीं पा रही थो पर वो समझ गई की उसके भैया अब कोई और नई शैतानी करने वाले हैं. उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगा...

अपने Trouser के अंदर हाथ डाल कर रोहित ने अपना खड़ा लण्ड अपने जांघिये से बाहर निकाल लिया और फिर पैंट कि Zip वापस लगा ली. अब उसका लण्ड अंडरवीयर से बाहर लेकिन Trouser के अंदर था. उसने ऐसा इसलिये किया था ताकि उसके लण्ड को अपनी बहन के चूतड़ का ज़्यादा से ज़्यादा स्पर्श मिल सके. अब उसने अपनी बहन कि गीली कमीज़ उठा कर सीधे उसके सलवार में लिपटी गांड़ में अपना लण्ड सटा दिया और उसकी कमीज़ से वो हिस्सा ढक दिया, जिससे अगर कोई देखे तो सिर्फ ये समझे कि दोनों बस ऐसे ही बाकि यात्रियों कि तरह खड़े हैं !

निधी कि तो जैसे साँस ही रुक गई Public में अपने भैया कि इस Daring और कुछ कुछ Funny हरकत को देख कर !

निधी ने अपने भीगे बालों और गर्दन पर अपने भैया कि गरम साँसे महसूस कि... रोहित अब इसके ऊपर झुका पहले से और ज़्यादा सट कर खड़ा हो गया था. कमीज़ के अंदर ढकी उसकी गांड़ में रोहित अब खुल कर लण्ड घिसने रगड़ने लगा. निधी कि मांसल पुष्ट गांड़ कि गोलाईयां उसके लण्ड को इतना सुकून और आनंद देंगी, ये उसे अभी अभी पता चला था !

अपने पूरी तरह से उत्तेजित हो चुके लण्ड से रोहित ने ठेल ठेल कर अपनी बहन कि सलवार और उसके अंदर पहनी पैंटी को उसकी चूतड़ कि फांक में घुसा दिया था. निधी को तो मन ही मन हँसी आने लगी अपने भैया कि बेचैनी देख कर.

अति कामोत्तेजना में रोहित को पता ही नहीं चला कि कब रुकना है और उसने अपना लण्ड अपनी बहन कि टाईट गांड़ में कुछ ज़्यादा ही घिस दिया था, इस वजह से वो स्खलित होने के करीब पहुंच गया. उसने तुरंत अपना लण्ड निधी कि गांड़ से हटा लिया और साँस रोक कर अपना माल गिरने से रोकने कि कोशिश करने लगा. इस कोशिश में उसके पेट मे बल पड़ गया, मगर अब काफी देर हो चुकी थी, उसका लण्ड उसके पैंट में एकदम से बड़ा होकर फूल गया और उसका वीर्य निकल आया !!!

जब रोहित ने देखा कि अब कोई फायदा नहीं तो उसने वापस अपना लण्ड अपनी बहन कि सलवार में घुसा दिया और झड़ने लगा. उसका गाढ़ा वीर्य Trouser के कपड़े से बाहर रिस रिस कर बहने लगा. निधी ने जब अपनी सलवार में गांड़ और जांघो पर गरम गरम मलाई जैसी चिकनी रस के एक के बाद दूसरी धार को गिरता हुआ महसूस किया तो वो समझ गई कि उसके भैया का काम तमाम हो चुका है !!!

20 सेकंड के अंदर ही रोहित कि पिचकारी पूरी खाली हो गई. उसके पैर अचानक से हुए इस शीघ्रपतन से काँप रहें थें और उसने बड़ी मुश्किल से खुद को अपनी बहन के ऊपर गिरने से रोका था. निधी ने अपने हाथ से अपनी गांड़ में घुस चुकी पैंटी और सलवार को निकाला और अपने कपड़े ठीक करने लगी. पर रोहित का काम अभी ख़त्म नहीं हुआ था !

अभी अभी थोड़ी सी Relax हुई निधी ने अचानक अपने भैया का दाया हाथ सीधे अपनी चूत पे रेंगता हुआ महसूस किया. रोहित उसकी चूत सलवार के ऊपर से ही सहलाने लगा ! भैया अचानक से इतने बेशरम कैसे हो गयें ???... निधी बेचारी ये सोच ही रही थी कि रोहित ने उसकी सलवार के नाड़े में अपनी ऊँगलीयां फंसा दी... हाय !... भैया पागल हो गयें थें क्या... इतने लोगों के बीच भरी बस में अपनी सगी बहन को नंगा करना चाहते थें क्या ??? घबरा कर निधी ने तुरंत अपने भैया का हाथ पकड़ कर उन्हें रोक लिया. रोहित रुक तो गया... उसने अपनी बहन कि सलवार का नाड़ा नहीं खोला मगर अब अपना हाथ उसकी सलवार के अंदर ही डाल दिया. लेकिन निधी ने सलवार इतनी टाईट बाँध रखी थी कि मुश्किल से भैया का हाथ अंदर घुस पाया और भैया बेचारे सिर्फ उसकी पैंटी का ऊपरी हिस्से वाला Elastic ही छू पायें थें !!!

अब ये तो कुछ ज़्यादा ही हो रहा था... निधी एकाएक अपने भैया के तरफ मुड़ कर खड़ी हो गई. रोहित को ये अंदेशा नहीं था कि उसकी बहन अचानक Face To Face हो जायेगी. उसने झट से अपनी नज़र घुमा ली.

" भैया ! मम्मी को फोन किया कि हम लेट हो जायेंगे ? ". निधी ने पूछा.

रोहित समझ गया कि निधी जानबूझ कर ज़ोर से बोल रही थी और " भैया " शब्द पर ज़्यादा दबाव डाल रही थी ताकि आस पास खड़े लोगों को उनकी हरकतों पे कोई शक ना हो.
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07-20-2021, 12:04 PM,
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रोहित कि हिम्मत नहीं हुई कि अपनी बहन से आँख मिला सके... उसने कोई जवाब नहीं दिया... उसका गला सूख रहा था. निधी अब सीधे उसकी आँखों में देख रही थी.

" कितनी भीड़ है भैया... मैं गिर जाउंगी. ". निधी ने अचानक अपने दाये हाथ से अपने भैया का कमर पकड़ लिया और बाये हाथ से बस का Rod पकड़े खड़ी रही.

रोहित को और किसी इशारे कि ज़रूरत नहीं थी... वो समझ गया कि उसकी बहन के साथ उसने जो कुछ किया था वो उसे अच्छा लगा हो या ना पर इतना तो तय था कि वो नाराज़ नहीं थी........

उसकी बहन के गोल मम्मे अब उसकी छाती से दब रहें थें. उसकी कमीज़ बारिश में भीगे होने के कारण रोहित महसूस कर पा रहा था कि उसके दोनों निप्पल खड़े हो गयें थें. उसे अब बस में अपनी बहन के अलावा कोई दिखाई नहीं दे रहा था !

रोहित का पैंट निधी कि कमीज़ से ढक गया था... उसने अंदर हाथ डाल कर अपने पैंट कि Zip खोल दी और इस बार अपना लण्ड Trouser से बाहर निकाल लिया. निधी को अपने भैया कि इस हरकत पे अब कोई आश्चर्य नहीं हो रहा था... Infact, सबसे नज़र बचा कर वो दोनों जो कुछ भी कर रहें थें उससे अब निधी को एक अजीब सा Sexual Kink मिलने लगा था !!!

रोहित का लण्ड अब अपने खुद के पेट और उसकी बहन के पेट के बीच में दबा पड़ा था और ऊपर से बहन कि कमीज़ से पूरी तरह ढका हुआ था. निधी ने उसके लण्ड का चिकना सुपाड़ा अपनी नाभी में टच होता महसूस किया... अफ़सोस कि वो अपने भैया का लौड़ा देख नहीं पा रही थी... पर उसके स्पर्श से इतना तो अंदाज़ा लगा लिया था कि भैया का लौड़ा अच्छा खासा बड़ा होगा.

रोहित धीरे धीरे अपनी कमर हिला कर अपना लण्ड अपनी बहन के पेट और नाभी में रगड़ने लगा. अब वो सीधा अपनी बहन कि नज़रों से नज़रें मिलाये खड़ा था. उसका चेहरा अपनी बहन के चेहरे के इतने पास था कि उसका तो मन कर रहा था उसे चुम ही ले.

चूंकि रोहित का लण्ड अभी अभी झड़ा था, सो उसके लण्ड में ज़्यादा Sensation नहीं आ रहा था पर उसका मन कर रहा था कि वो फिर एक बार माल गिराये.

" अब हम पहुँचने ही वाले हैं भैया... ". निधी ने अपने भैया को आगाह किया... उनका Stopage आने वाला था !!!

रोहित ने धीरे से अपना सिर हिला कर हामी भरी और लण्ड घिसता रहा... पर अब इससे बात नहीं बनने वाली थी... उसने तुरंत बहन कि कमीज़ के अंदर हाथ डाल कर अपना लण्ड पकड़ लिया और मूठ मारने लगा ! निधी अपने भैया का साथ देने के लिये उसके कमर को सहलाने लगी और अपनी जांघे भैया के पैरों में सटा दिया. रोहित अपनी बहन के बदन, उसकी जांघ, उसकी चूचियाँ, सबका स्पर्श Feel करते हुए पूरा Concentrate करके मूठ मारने लगा. उसकी मेहनत जल्द ही रंग लाई... उसके लण्ड का पानी छूट पड़ा. वीर्य कि पहली तीन चार धार तो इतनी तेज़ थी कि निधी के कमीज़ के अंदर होती हुई उसके ब्रा तक पहुंच गई, फिर उसके पेट और सलवार पर गिरने लगी और फिर रोहित ने झड़ता हुआ लौड़ा तुरंत अपने पैंट में घुसा लिया और बाकि का माल अपने Trouser के अंदर गिराने लगा. उसकी बहन ने अगर उसकी कमर ना पकड़ी हुई होती तो बेचारा उत्तेजना के मारे गिर ही गया होता !

फिर भी वो थोड़ा सा लड़खड़ा गया तो पास खड़े एक आदमी ने उसे टोका.

" ओ भाई... थोड़ा Balance बना के रहो... तब से देख रहा हूं ! "

" Sorry भाईसाहब... Sorry ! ". रोहित कि आवाज गले में अटक गई. निधी को हँसी आ गई अपने भैया कि हालत देख कर.

उनका Stopage आ गया था... दोनों ने अपने अपने कपड़े ठीक किये, रोहित ने अपना शर्ट बाहर कर लिया ताकि उसके पैंट में बना लण्ड का तंबू पता ना चले... गेट पर Conductor को पैसे दिये और बस से उतर गयें. मौसम उनके Favour में था, अभी भी तेज़ बारिश हो रही थी, सो उसके और उसकी बहन के कपड़ों पे लगा वीर्य ऐसे ही धुल गया.

" एक फ़ोन तो कर देते... और Bike ? " . घर में घुसते ही उनकी माँ ने पूछा.

" ख़राब हो गई मम्मी... बस से आना पड़ा. ". रोहित बोला.

" और भैया के कपड़े भी भीग गयें मम्मी ! ". निधी ने रोहित के पैंट कि ओर शरारती नज़रों से देखते हुए मुस्कुरा कर कहा तो बेचारा रोहित एकदम से झेप गया.

" अरे उन्हें बोलो ज़ल्दी से नहा ले वर्ना सर्दी लग जायेगी. ". पीछे से उनके पापा ने चिल्ला कर कहा.

" गर्मी के बारिश में भीगने से सर्दी नहीं लगती पापा. ". रोहित ने भी उतने ही ज़ोर से चिल्ला कर कहा

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07-20-2021, 12:06 PM,
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दोनों भाई बहन Drawing Room से होते हुए जब अपने कमरे कि ओर जा रहें थें तब रोहित ने सबसे नज़र बचा कर अपनी बहन कि भीगी मटकती हिलती गांड़ पे एक ज़ोर का थप्पड़ मारा और बोला. " बहुत बदमाश हो गई हो... क्या बोल रही थी ?... भैया के कपड़े भीग गयें हैं... ".

" मैं बदमाश हो गई हूं ??? ". निधी ने अपने भैया को झूठे गुस्से वाली नज़रों से देखते हुए पूछा.

कमरे में पहुंच कर रोहित ने कहा. " पहले तूम नहा लो निधी. ".

" Thanks भैया ! ". निधी ने मुँह बना कर कहा और अपना Towel लेकर बाथरूम में घुस गई.

उसने अंदर से बाथरूम का दरवाज़ा बंद कर लिया पर सिटकिनी नहीं लगाई. चूंकि रूम का ये Shared बाथरूम था तो दोनों में से कोई भी जब बाथरूम Use कर रहा होता तो बस ऐसे ही बिना सिटकिनी लगाए दरवाज़ा भिड़ा देता था, जिससे ज़ाहिर था कि कोई अंदर है.

बाथरूम में आकर निधी ने अपनी सलवार कमीज़, ब्रा और पैंटी खोल कर बाल्टी में धोने के लिये डूबा दिया. उसे बहुत जोरों कि पेशाब लगी थी, बस में इतने लम्बे सफर के दौरान उसने कब से रोक के रखी थी !

बाथरूम में Indian और Western दोनों Type के टॉयलेट थें और निधी हमेशा Indian टॉयलेट ही Use करना पसंद करती थी. नंगी निधी अपनी दोनों टांगें खोल कर बैठी तो बैठते के साथ ही उसकी बूर से इतनी देर तक रुकी पेशाब कि धार छरछरा कर फूट पड़ी. पेशाब करते हुए निधी अभी सोच ही रही थी कि आज बस में उसके और भैया के बीच में क्या क्या हुआ कि तभी बाथरूम का दरवाज़ा धड़ाक से खुला और रोहित अंदर घुस आया !!!

" भैया ??? !!! " निधी ने इस बात कि तो कल्पना ही नहीं कि थी कि भैया ऐसे बाथरूम में धड़ल्ले से घुस आएंगे. वैसे आज उसके साथ भैया ने जो कुछ भी किया था उससे अब कोई भी चीज़ होनी असंभव तो नहीं लग रही थी.

बेचारी निधी ने झट से अपने दाये हाथ से अपनी खुली नंगी चूत को ढंक लिया पर उसका पेशाब गिरता रहा. रोहित उसके सामने बिना कपड़ों के बिल्कुल नंगा खड़ा मुस्कुरा रहा था. निधी ने देखा कि उसके भैया का लण्ड खड़ा था और भैया ने लण्ड का सुपाड़ा खोल लिया था... यानि भैया फिर से शैतानी के मूड में थें... उनकी बदमाशीयां अभी बाकि थीं !!!

जल्दबाज़ी में निधी अपनी चुचियाँ छुपाना तो भूल ही गई थी और उसके भैया अब खुलेआम बेशरम कि तरह उसके मम्मे निहार रहें थें ! भैया के इस हरकत कि वजह से घबराई बेचारी निधी मन भर के ठीक से मूत भी नहीं पाई. उसने अपना बाया हाथ भी अपनी चूत पर रख लिया और बड़ी ही सावधानी से इस तरह से खड़ी हुई कि भैया को उसकी अनमोल चूत कि एक हल्की सी भी झलक ना मिलने पाए !

रोहित चलते हुए अपनी बहन के सामने जा खड़ा हुआ.

" मत करो ना भैया... जाओ यहाँ से... Please ! ". निधी ने नज़र उठाये बिना कहा, उसके गाल एकदम टमाटर कि तरह लाल हो गयें थें, शर्म से पानी पानी हो रही थी बेचारी !!!

" मुझे गलत मत समझो निधी. ". रोहित ने अपनी बहन के झुके चेहरे पर से उसके गीले बालों को हटाते हुए कहा. " देखो... अगर तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हारा फायदा उठा रहा हूं या फिर तुम्हें Use कर रहा हूं तो बोल दो... मैं चला जाऊंगा ! ".

" मैंने ऐसा तो नहीं कहा भैया... ". निधी धीरे से बुदबुदाई.

रोहित अपनी बहन के जवाब पे हल्का सा मुस्कुराया और उसे Kiss करने के लिये अपना चेहरा सामने बढ़ा दिया. मगर निधी ने अपना मुँह पीछे हटा लिया. फिर एक पल रुक कर उसने अपनी नज़रें उठाई और अपने भैया कि आँखों में देखा. उसके भैया कि आँखों में एक अजीब सा आत्मविश्वास था जो मानो कह रहा हो कि वो कुछ भी गलत नहीं कर रहा था. निधी का भ्रम जाता रहा... उसने अपने होंठ आगे बढ़ा कर अपने भैया के होठों से सटा दिये. दोनों एक दूसरे के होंठ चूसते काटते एक दूसरे को किसी बिछड़े हुए प्रेमी प्रेमिका कि तरह चुमने चाटने लगें !!!

निधी ने अपने दोनों हाथों से अभी भी अपनी चूत को ढंक रखा था. इस चुम्मा चाटी के दौरान रोहित का खड़ा लौड़ा अपनी बहन के हाथों पर ठोकर मारता रहा, मानो चूत देवी के दर्शन कराने कि ज़िद कर रहा हो !!!

करीब दो मिनट के बाद जब दोनों के होंठ अलग हुए तो रोहित ने अपनी बहन कि आँखों में देखा, निधी कि आँखे चमक रही थी, उसके चेहरे पे एक संतुष्टी के भाव वाली मुस्कान थी. रोहित उसके बदन से अलग हुआ तो निधी ने अपने हाथ अपनी चूत पर से हटा लिये, और अपने भैया को अपनी नंगी चूत दिखा दी !!!

रोहित ने देखा कि निधी कि गोरी जांघों के बीच उसकी बूर झांट से ढंकी हुई थी, पर उसकी झांट अनियमित नहीं थी, यानि तय था की वो अपनी झांट शेव तो नहीं करती थी पर कैची से समय समय पर काटती संवाराती रहती थी. जब तक रोहित ने अपनी बहन का बूर नहीं देखा था उसे पक्का यकीन था की उसका बूर Shaved होगा, जैसा की आजकल का Trend है लड़कियों में बाल रहित चूत रखने का ! पर जो भी हो, उसे ये Surprise पसंद आया.
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07-20-2021, 12:06 PM,
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रोहित अपनी बहन की चूत अच्छे से मन भर कर देखना चाहता था, सो वो नीचे ज़मीन पर अपने घुटनों के बल बैठ गया, अब उसका चेहरा ठीक अपनी बहन की खुली नंगी चूत के सामने था. जब वो उसकी चूत निहार रहा था, तब उसी दौरान निधी को भी मौका मिल गया अपने भैया के लण्ड का मुआयना करने का. निधी ने देखा की उसके भैया का लण्ड नहीं भी तो कम से कम 8 इंच लम्बा और 2. 5 इंच मोटा था, जितना उसने बस में अनुमान लगाया था उससे कहीं ज़्यादा बड़ा और सख्त था. भैया का Handsome चेहरा देख कर उसे यकीन नहीं हो रहा था की उनका लौड़ा इतना तगड़ा निकलेगा, पर उसे भी ये Surprise पसंद आया !

ज़मीन पर बैठे रोहित ने आगे बढ़कर अपने दोनों हाथों से अपनी बहन का झांट हटा कर चूत के दर्शन किये, उसकी कुंवारी चूत के दोनों होंठ आपस में सटे हुए थें. फिर रोहित ने निधी के चूतड़ अपने हाथों में पकड़ कर उसे अपनी ओर खींचा और अपना मुँह उसकी जांघों के बीच घुसा दिया. निधी ने सोचा की भैया अब उसकी चूत चाटेंगे तो वो अपने दोनों हाथों से उसका सिर सहलाने लगी. पर रोहित ने अपनी बहन की चूत का सिर्फ एक चुम्मा लिया और फिर उठ कर खड़ा हो गया.

खड़े होते ही रोहित ने अपनी बहन के गालों पर प्यार से हाथ फेरा और उसके सिर को चुम लिया. निधी ने देखा की भैया का ठनका हुआ लण्ड अब फड़कने लगा था. वो समझ गई की अब भैया उसे चोदेंगे !!!

रोहित ने बिना कुछ बोले ही अपनी बहन को घुमा कर उसे बाथरूम की दिवार से सटा गया, निधी की पीठ अब उसके तरफ थी. उसने निधी की कमर को पकड़ कर अपनी ओर खींचा तो भैया का मनसूबा समझते हुए निधी ने अपनी गांड़ पीछे की ओर निकाल दी. भैया उसे Standing Doggy Style में पेलने वाले थें !!!

रोहित ने अपने बाये हाथ से अपनी बहन का कमर पकड़ा और दाये हाथ में अपना लण्ड पकड़ कर पीछे से उसकी टांगों के बीच डाल कर उसकी चूत का छेद खोजने लगा. लण्ड का सुपाड़ा तीन चार बार निधी की चूत पे घिस घिस कर उसने उसकी झांट को हटा कर चूत का छेद आखिरकार ढूंढ़ ही निकाला. वो पीछे से अपनी बहन की गर्दन पे झुका, उसके सुगंधीत बालों को चुमा, और हल्के से झटके से अपना लौड़ा उसकी चूत में ठेल दिया.

" स्स्स्सस्स्स्स भैया !!! ". निधी के मुँह से निकला तो रोहित ने तुरंत पीछे से उसके गाल चुम लियें. अपने होंठ निधी के गाल पर रगड़ते हुए रोहित ने अपना लण्ड आगे ठेलना जारी रखा, जब तक की उसके अंडकोष निधी की जांघो में ना जा सटे.

" Are You Okay निधी ? ". रोहित ने अपनी बहन के गाल पर से अपने होंठ हटाये बिना ही पूछा.

जवाब में निधी ने बिल्कुल हल्के से अपना सिर भर हिला दिया, उसने अपनी आँखे बंद कर ली थी. उसकी चूत के अंदरुनी हिस्से में हो रही जलन से उसने समझ लिया की उसका सील फट गया है !!!

रोहित ने अपनी बहन को एक मिनट तक थोड़ा संभलने का मौका दिया और फिर उसे चुमते चुमते अपना लण्ड उसकी टाईट चूत में धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा. उसने अभी मुश्किल से 5 - 6 बार ही अपना लण्ड अंदर बाहर किया होगा की उसे लगा की उसका माल गिर जायेगा. उसने तुरंत अपना लण्ड निधी की चूत से बाहर निकाला और लण्ड का चमड़ा अपने सुपाड़े पर चढ़ा कर सुपाड़ा ढंक दिया, ताकि लण्ड की Sensitivity थोड़ी कम हो जाये, फिर उसी अवस्था में लण्ड अपनी बहन की बड़ी गांड़ पे रख कर अपनी बहन को चुमने लगा !!!

करीब 5 मिनट तक उसी तरह पड़े रहने के बाद रोहित का लण्ड थोड़ा शांत हुआ और उसका वीर्य वापस उसके अंडकोष में चला गया. रोहित ने दुबारा अपने लण्ड का सुपाड़ा खोल लिया और अपनी बहन की चूत मे घुसा दिया.

अब रोहित एक हाथ से निधी की कमर पकड़े और एक हाथ से पीछे से उसकी चूची दबाते हुए उसकी गर्दन और गाल को चूमते चाटते हुए उसे पेलने लगा.

" उधर देखो निधी... ". चोदते चोदते रोहित निधी की कानों में फुसफुसाया. उसके कहने पर निधी ने अपनी बाई ओर देखा, वहाँ बाथरूम की दिवार पे एक बड़ा शीशा लगा हुआ था, शीशे में दिख रहा था की वो दोनों किस तरह से रतिक्रिया कर रहें हैं. निधी बाथरूम की दिवार पे अपने हाथों के बाल टेक लगाए गांड़ पीछे किये खड़ी है, उसके भैया पीछे से उसे धक्के मार मार कर चोद रहें हैं... यही दिखाना चाहते थें उसके बेशरम भैया उसे आईने में !!! देख कर तो निधी शर्म से लाल हुई पानी पानी हो गई और हँस कर अपना मुँह घुमा लिया !

अभी 2 मिनट भी नहीं हुए थें अपनी बहन को पेलते हुए की रोहित ने फिर से अपना लण्ड बाहर निकाल लिया.

" क्या हुआ भैया ??? ". निधी ने बिना पीछे देखे पूछा, उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.

" बहुत Hot हो तूम यार निधी... ". रोहित ने फूलती साँस में कहा. " लगता है अब मेरा वीर्य निकल जायेगा. ".

रोहित अपनी बहन को कुछ देर और चोदना चाहता था, इसलिए उसने अपने लण्ड का सुपाड़ा कस कर अपनी हथेली में भर कर दबा लिया, और अपना माल रोकने की कोशिश करने लगा.

" माल गिर जाने दो ना भैया ! क्यूं अपने लण्ड को Torture कर रहे हो ??? ". इस बार निधी ने पीछे मुड़ कर अपने भैया का लण्ड देखा और हँसने लगी.

निधी का बस इतना कहना भर था की उत्तेजना के मारे रोहित के लण्ड से वीर्य उबल पड़ा. रोहित ने कस कर अपनी बहन की चूची दबा दी और अपना लण्ड अपने हाथ से रगड़ रगड़ कर माल गिराने लगा. ढ़ेर सारा गाढ़ा वीर्य उसने अपनी बहन के चूतड़ और जांघों पर छीड़क दिया. माल की कुछ बूंदे निधी की झांट पर भी गिरी थीं, बाकि का माल रोहित ने बाथरूम की ज़मीन पर गिरा दिया.

निधी का भी पानी गिरने ही वाला था, वो झट से मुड़कर अपने भैया से लिपट गई , जिससे भैया का झड़ा हुआ आधा खड़ा लण्ड उसकी जांघों के बीच घुस गया. निधी ने कस कर अपने भैया को पकड़ा और उसी समय उसकी चूत से पानी चूने लगा. वो अपनी ज़िन्दगी में आज पहली बार चरमोत्कर्ष पर पहुँची थी. उसके लिये ये अनुभव जितना कामुक था उससे कहीं ज़्यादा भावनात्मक था, इतना की उसकी आँखों से आंसू निकल आएं. वो अपना सिर भैया के कंधों पे रख कर आँखे मुंदे रोने लगी. रोहित उसे अपनी बाहों में भरे उसके बाल सहलाते हुए उसे शांत करता रहा.

झड़ने के दौरान निधी अपनी काँपती जांघों के बीच फंसे अपने भैया के लौड़े को अपनी नरम नरम टांगों में दबाती रही, जिससे रोहित के लण्ड से वीर्य की तीन चार और धारें बह निकली !!!

पूरे दस मिनट तक निधी झड़ती रही और दोनों उसी तरह एक दूसरे से लिपटे हुए नंगे खड़े रहें. फिर रोहित ने बड़े प्यार से निधी की आंसूओ से गीले हुए गालों को चुमा और अपना पूरी तरह से झड़ा हुआ लण्ड जो की अब ढीला पड़ कर झूल रहा था, अपनी बहन की जांघों के बीच से बाहर निकाल लिया. दोनों एक साथ Shower में नहाने के लिये घुस गयें और नहाते हुए खड़े खड़े पेशाब भी कर लिया..............................

" आपलोगों ने भी नहीं खाया ? खा लेते ना... ". खाने के टेबल पर Lunch के दौरान रोहित ने अपने मम्मी पापा से पूछा.

" कोई बात नहीं... रोज़ जब साथ खाते हैं तो... एक दिन लेट हो गया तो क्या. " उनके पापा ने कहा.

" You Know मम्मी, आपसे एक बात थी... ". निधी ने कहा. " मैं अपना अलग रूम मांग रही थी ना, वो अब मुझे नहीं चाहिये. ".

रोहित ने अपनी बहन की ओर देखा तो निधी ने उसे आँख मार दी.

" अच्छा... Good. पर क्या हो गया अचानक ? ". माँ ने पूछा.

" भैया ने मुझे एक साड़ी Gift करने का वादा किया है... ". निधी मुस्कुराते हुए बोली.

" अरे ! मैंने कब कहा ? ". रोहित ने कहा.

" आपने बोला था भैया... बस में. ". निधी ने कहा.

रोहित अपनी बहन की शैतानी पर मुँह दबा कर हँसने लगा और फिर सब एक साथ खाना खाने लगें............................

रात को डिनर के बाद दोनों भाई बहन रोज़ की तरह अपने मम्मी पापा को Good Night बोल कर अपने कमरे में आ गयें. एक दिन में सब कुछ बदल गया था, कहाँ रोज़ दोनों इसी कमरे में लड़ते झगड़ते रहते थें और एक ही बिस्तर पर भाई बहन की तरह सोते थें, और आज देखो, रोहित की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा जब निधी ने रूम का दरवाज़ा अंदर से बंद किया तो, मानो वो अपनी बहन नहीं बल्कि अपनी नई नवेली दुल्हन का Wait कर रहा हो !!!

रोहित की आँखे खुली की खुली रह गई जब निधी बाथरूम से कपड़े चेंज करके आई. उसकी बहन ब्रा और एक पारदर्शी Designer स्लीपिंग पैंट में अतुलनीय सुन्दरता की कामदेवी लग रही थी.
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07-20-2021, 12:06 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
बिस्तर पर आकर बैठते हुए निधी ने देखा की उसके भैया ने पहले से ही अपने पजामे में लण्ड खड़ा कर रखा है, उसके पजामे में लण्ड वाली जगह पे एक बड़ा सा गोल सा गीला धब्बा बन गया था, यानि भैया का Pre - Cum निकल आया था... निधी को हँसी आ गई अपने भैया की बेचैनी देख कर !

रोहित ने पहले अपनी बहन के सिर को चुमा, फिर गालों को और फिर उसके होठों को. उसके बाद वो अपनी बहन की चुचियाँ ब्रा के ऊपर ऊपर से दबाने लगा. कुछ देर अपनी बहन के दूध को मसलने के पशचात उसकी नाभी में ऊँगली डाल कर खेलता रहा. फिर हाथ सीधा पेट से नीचे सरकाने लगा तो निधी समझ गई की भैया उसकी चूत की ओर बढ़ रहें हैं, उसने तुरंत अपने भैया का हाथ पकड़ कर उन्हें रोका और भैया को शर्माते हुए देखने लगी.

" क्या हुआ ? . रोहित ने धीरे से पूछा.

" अभी नहीं भैया... ". निधी ने कहा.

" क्यूँ ? दर्द हो रहा है क्या ? ".

" नहीं भैया... ".

" फिर ??? ".

" अब तीन दिन बाद ही मेरी बूर मिलेगी... ". निधी का चेहरा शर्म से लाल हो गया.

" तीन दिन बाद ??? मतलब ? ".

" ओफ्फो भैया... आपको इतने बड़े MNC में कैसे Job मिल गई ??? ". निधी ने आँखे बड़ी बड़ी करते हुए कहा.

रोहित कुछ ना समझते हुए बेवकूफ़ की तरह उसकी ओर देखता रहा.

" मेरे बुद्धू भैया... इधर आओ ! ". निधी को अपने भैया की नादानी पर प्यार आ रहा था, उसने अपने भैया का चेहरा अपने हाथों में लेकर उन्हें होठों पे Kiss किया और फिर उसके कान में कुछ बोलने लगी.

निधी की बात ख़त्म होने पर रोहित ने कहा. " तो इसमें इतना शर्माने की क्या बात है ??? हर लड़की को तो ये होता ही है हर महीने ! ".

फिर अपने हाथ से अपनी बहन की चूत को उसके स्लीपिंग पैंट के ऊपर से सहलाते हुए कहा.

" इसका ध्यान रखना ये तीन दिन... अब ये मेरी अमानत जो है !!! ".

अब जब रोहित को पता चल गया की आज रात चोदने नहीं मिलेगा तो उसने अपने पजामे में हाथ डाल कर अपने खड़े लण्ड का सुपाड़ा खोल लिया और पजामा पहने हुए ही निधी के ऊपर चढ़ गया. निधी ने अपने ब्रा में से अपनी एक चूची निकाल ली अपने भैया के चूसने के लिये. रोहित अपनी बहन की चूची का दूध पीते पीते अपने पजामे में खड़ा लण्ड अपनी बहन की चूत पे स्लीपिंग पैंट के ऊपर ऊपर से रगड़ने लगा. जब उसे लगा की अब उसका माल गिर जायेगा तो वो अपनी बहन के ऊपर से उठ कर उसकी बगल में लेट गया. निधी को पता था की अब क्या करना है.

निधी उसकी तरफ घुम गई और अपना दाया जांघ अपने भैया के लण्ड पर उनके पजामे के ऊपर से रख कर घिसने लगी. निधी ने अपने भैया की नंगी छाती को अपने हाथ से जैसे ही सहलाना शुरू किया, उसका लौड़ा पजामे के अंदर ही स्खलित हो गया. पूरा पजामा वीर्य से भर कर सन गया, निधी तब तक अपने जांघ से उसका लण्ड मसाज करती रही जब तक की उसका लण्ड शांत होकर ढीला नहीं पड़ गया. रोहित ने अपनी बहन को Kiss किया और अपना पजामा चेंज किये बिना वैसे ही पड़ा रहा, फिर दोनों भाई बहन एक दूसरे की बाहों में पड़े पड़े सो गयें.

अगले दिन निधी कॉलेज नहीं गई तो रोहित ने भी ऑफिस से Sick Leave ले लिया. फिर जब निधी तीन दिन तक कॉलेज नहीं गई तो उसने भी अपनी छुट्टी बढ़ा कर Friday तक कर ली ताकि अपनी बहन के साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय घर में बिता सके. और फिर शनिवार और रविवार तो उसका Week Off रहता ही था , सो कुल मिलाकर ये उन दोनों का एक लम्बा हॉलिडे हो गया.

इन तीन दिनों के दौरान रोहित ने अपनी बहन का जितना हो सका ख्याल रखा, उसके लिये रोज़ ढ़ेर सारी Chocolates ले आता था, क्यूंकि निधी ने बताया था की उसके Periods के दिनों में उसे Chocolates खाना बहुत पसंद है. यही नहीं, उसने अपनी बहन को तीन चार जोड़ी पैंटी भी ला दी थी ताकि वो बदल बदल कर पहन सके. और तो और, उसे एक बेशकीमती साड़ी और उसकी मैचिंग पेटीकोट और ब्लाउज़ भी गिफ्ट कर दिया. कुल मिलाकर निधी को यकीन नहीं हो रहा था की उसके भैया इतने रोमांटिक हो सकतें हैं.

इन तीन दिनों के दौरान दोनों भाई बहन अधिकतर वक़्त बंद कमरे में ही बिताते थें. कमरे में दोनों हमेशा पूरे नंगे ही रहते थें, हालाँकि निधी सिर्फ पैंटी पहने रहती थी जो की उसके लिये उस वक़्त ज़रूरी था, पर वो पैंटी पहनना भी नंगे होने के बराबर ही था, क्यूंकि रोहित जितनी भी पैंटी उसके लिये खरीद लाया था वो सभी छोटी छोटी Designer पैंटी थीं, जो सिर्फ चूत भर ढंकने के लिये ही बनी थी.

रोहित का लण्ड हर वक़्त खड़ा ही रहता था पर उसने अपनी बहन को कभी तंग नहीं किया और ना ही खुद मूठ मारा. उसे तो सब्र का फल चखना था ! वैसे निधी की कोशिश यही रहती थी की जितना हो सके अपने भैया को इन तीन दिनों तक बोर ना होने दे और खुश रखे, और इसलिए वो जब भी नहाने जाती तो बाथरूम का दरवाज़ा खुला ही छोड़ देती, ताकि उसके प्रेमी भैया बिस्तर पर से कम से कम उसके नंगे बदन का मन भर दर्शन तो कर सकें !!!

खैर, तीन दिन किसी तरह बीत गयें और चौथा दिन शनिवार का था. उस दिन तो निधी की खुशी का ठिकाना ही नहीं था, आज भैया मिलन का दिन जो था, सो सुबह सुबह उसने स्नान कर लिया और भैया की गिफ्ट दी हुई साड़ी पहन ली. उसकी साड़ी को उसके मम्मी पापा ने भी काफी पसंद किया. साड़ी में निधी इतनी प्यारी लग रही थी की रोहित से तो सारा दिन जैसे इंतजार किया ही नहीं जा रहा था की कब रात हो. पूरे दिन दोनों भाई बहन अपने मम्मी पापा से नज़रें बचा कर एक दूसरे से आँख मिचौली और प्यार भरी छेड़खानी करते रहें !

रात को डिनर में भी दोनों का मन नहीं लगा और किसी तरह आधा अधूरा खाना खा कर दोनों ने निपटाया और फिर सोने का वक़्त होते ही अपने कमरे में चले आएं..............................
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07-20-2021, 12:06 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" तुम्हारे लिये एक Surprise है निधी. ". बिस्तर के किनारे नंगे बैठे रोहित ने अपने तकिये के नीचे से Condom का पैकेट निकालते हुए कहा.

Dressing Table के पास खड़ी निधी अपनी साड़ी खोल रही थी, उसने पीछे मुड़ कर देखा पर कुछ बोली नहीं. साड़ी खोल कर निधी ने Dressing Table पर ही फेंक दिया और ब्लाउज़ और पेटीकोट में अपने भैया के पास आ खड़ी हुई. उसने अपना हाथ भैया के कंधे पर टिका दिया और भैया को एकटक देखने लगी.

" बहुत इंतजार कराया निधी... इतना वेट तो कोई अपने पति को भी नहीं कराता. ". रोहित ने अपने दोनों हाथ अपनी बहन के नरम गांड़ पर लपेट दिये और उसे अपनी ओर खींच लिया, उसने महसूस किया कि निधी ने पेटीकोट के अंदर पैंटी नहीं पहनी थी.

" सिर्फ तीन दिन में ही ये हालत है भैया ??? ". निधी ने अपनी आँखे बड़ी बड़ी करते हुए कहा. " मैं तो इतने सालों से आपके साथ रह रही हूं. "

रोहित बिना कोई जवाब दिये उसके ब्लाउज़ को सूंघने लगा, फिर थोड़ा नीचे आकर अपनी बहन कि नाभी में नाक घुसा दिया. मन भर कर नाभी कि गंध सूंघ कर रोहित फिर नीचे बढ़ा और निधी कि पेटीकोट और पेटीकोट के नाड़े कि महक सूंघने लगा. निधी समझ गई कि आज भैया उसे बहुत तंग करने वाले हैं !!!

बदमाश भैया ने जब निधी कि पेटीकोट के ऊपर से उसकी चूत का गंध लेना चाहा तो निधी ने हँसते हुए अपने भैया को धक्का देकर बिस्तर पर लिटा दिया और खुद भी बिस्तर पर चढ़ गई. वो अपने भैया का जांघ सहलाने लगी तो उसका लौड़ा तन कर पूरा टाईट खड़ा हो गया.

" Condom क्यूं भैया ??? ". निधी ने अपने भैया के अंडकोष पर अपनी पतली उंगलियां फेरते हुए पूछा.

" जो हुआ सो हुआ निधी... मैं अपने स्वार्थ के लिये तुम्हें मुसीबत में नहीं डाल सकता. हम अब से बिना Condom के नहीं करेंगे. ". रोहित ने अपनी बहन के गाल चूमते हुए कहा.

निधी मन ही मन गदगद हो गई... उसके भैया उसके बारे में कितना सोच रहें थें ! पर कुछ बोली नहीं...

निधी ने देखा कि भैया के लण्ड से पतले पानी जैसा कुछ निकलना शुरू हो गया था, वो उठ बैठी और अपनी एक ऊँगली से भैया के Pre - Cum को उसके लण्ड के मुँह पर मलने लगी. लण्ड का मुँह थोड़ा गीला होते ही निधी ने भैया का लण्ड अपनी मुठठी में लेकर उसका सुपाड़ा खोल दिया. लण्ड का सुपाड़ा बाहर आते ही रोहित के पूरे शरीर में एक कंपन सी दौड़ गई !

भैया के लण्ड का लाल चिकना सुपाड़ा इतना सुंदर लग रहा था कि निधी से ना रहा गया और उसने नीचे झुक कर उसके सुपाड़े को चुम लिया. फिर उसके लण्ड को अपने चेहरे पे हर तरफ रगड़ने घिसने लगी. रोहित का लण्ड उसकी हथेली में फूल कर और बड़ा होने लगा. रोहित को लगा कि Chances है कि उसे आज एक स्वीट सा ब्लोजॉब मिल जाये, सो उसने बिस्तर पे पास पड़ा तकिया खींच कर अपने सिर के नीचे रख लिया और आगे जो कुछ भी होने वाला था उसका पूरा आनंद लेने के लिये रेडी हो गया !

लण्ड को चेहरे पे मलने कि वजह से लण्ड से निकला Pre - Cum निधी के गालों और होठों पर फ़ैल गया, जिससे उसके खूबसूरत चेहरे कि रंगत और खिल गई. अब निधी ने अपने होंठ खोल कर अपने भैया के लण्ड का सुपाड़ा मुँह में भर लिया, फिर रुकी, और अपनी नज़रें उठा कर भैया को देखा. भैया के चेहरे कि खुशी और रौनक देख कर निधी समझ गई कि भैया को ब्लोजॉब चाहिये था. उसके भैया उसके लिये इतना सब सोच और कर रहें थें, इतना तो बनता ही है !!!

निधी ने अपना मुँह नीचे कि ओर दबाया तो लण्ड का बाकि का हिस्सा भी उसके मुँह में समा गया. रोहित का लौड़ा इतना बड़ा था कि पूरा अंदर लेना संभव नहीं था, सो जितना भी अंदर जा सका, उतना भर ही मुँह में लिये हुए निधी उसका लण्ड चूसने लगी. रोहित को पता था कि उसकी बहन को लण्ड चूसने का कोई तज़ुरबा नहीं था, पर फिर भी शायद ये ब्लोजॉब उसकी ज़िन्दगी का बेस्ट ब्लोजॉब बन जायेगा, क्यूंकि ये ब्लोजॉब उसकी कोई गर्लफ्रेंड या बीवी नहीं, बल्कि अपनी खुद कि सगी बहन दे रही थी !!!

निधी को अपने भैया के लण्ड का टेस्ट एकदम पसंद नहीं आ रहा था, फिर भी अपने भैया कि खुशी के लिये वो उसका लौड़ा चूसती रही. लण्ड चूसने के दौरान वो बिना पलके झुकाये ऊपर कि ओर अपने भैया को ही देखती रही, उसके भैया के चेहरे पर झलक रही खुशी उस वक़्त उसके लिये अनमोल थी.

" अच्छा भैया... एक बात बताओ... ". निधी ने भैया का लण्ड एक सेकंड के लिये अपने मुँह से निकाल कर पूछा. इसके आगे वो कुछ और बोल पाती, उसके पहले ही रोहित के लण्ड से माल गिरना शुरू हो गया. वीर्य कि दो तेज़ धार छिटक कर रोहित के पेट पर गिरी तो मौके कि नज़ाकत को समझते हुए निधी ने झट से उसका लण्ड वापस अपने मुँह में भर लिया और उसे अपने मुँह के अंदर झड़ने देने लगी !

10 सेकंड के अंदर ही निधी का पूरा मुँह वीर्य से भर गया, तो उसने भैया का लण्ड मुँह से बाहर निकाल लिया और लण्ड फड़क फड़क कर बाकि का वीर्य उसके गोरे चेहरे पर थूकने लगा !

5 मिनट तक रोहित का लण्ड झड़ता रहा और तब तक निधी ने उसका वीर्य अपने मुँह में भरे रखा. उसे वीर्य का नमकीन स्वाद एकदम नहीं भाया था, उसने काफी कोशिश कि अपने भैया के माल को अंदर निगल लेने कि, पर नहीं हो पाया उससे . आखिरकार हार कर उसने अपने हाथ से अपना मुँह दबा लिया ताकि माल वहीं बिस्तर पे मुँह से बाहर ना आ जाये, और बिस्तर से उठ कर दौड़ कर बाथरूम कि ओर भागी !!!

रोहित अपना लण्ड हाथ में लिये सहलाने लगा.

बाथरूम से वीर्य थूक कर और अपना मुँह धो कर निधी वापस आई और थोड़ा सा पानी पीने के बाद वापस बिस्तर पर चढ़ गई. शीघ्रपतन कि वजह से रोहित अभी भी वैसे ही निस्तेज पड़ा हुआ था, उसकी सांसे फूल रही थीं. उसका झड़ा हुआ लण्ड उसके पेट पर लुढका पड़ा था और वो धीरे धीरे अपने हाथ से अपना खुला हुआ सुपाड़ा सहला रहा था.

" जब चूत Available ना हो तो मूठ मार लेनी चाहिये. तीन दिनों से माल ना गिराने का नतीजा देखा भैया ! ". निधी ने अपने भैया के लण्ड पर प्यार से एक थप्पड़ मारा और हँसने लगी.

" Sorry निधी... ". रोहित ने फूलती साँस में कहा. जवाब में निधी ने उसके होठों पर एक Kiss किया और बोली.

" वैसे भैया... मेरे पास भी आपके लिये एक Surprise है. "

निधी उठ कर अपने भैया के सीने के बगल में अपने घुटनों पर बैठ गई और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगी. नाड़ा खुलते ही वो रुकी, अपने भैया को शरारती नज़रों से देखा, और फिर अपना पेटीकोट कमर से नीचे सरका दिया. वाकई में ये रोहित के लिये एक Surprise था... निधी ने अपने बूर कि झांट शेव कर ली थी !!!

" मेरे लिए ??? ". रोहित कि ख़ुशी का तो ठिकाना ही ना रहा. उसकी बहन ने शर्माते हुए हाँ में सिर हिला दिया.

" ना मेरी शादी हुई है और ना ही मेरा कोई बॉयफ्रेंड है... इसलिये चूत के बाल पहले नहीं काटती थी... ".

" और अब ? ". रोहित ने अपनी बहन कि चूत पर से नज़रें हटाये बिना ही कहा. झांट शेव हो जाने कि वजह से अब उसकी चूत कहीं ज़्यादा फुली हुई मोटी गुदेदार लग रही थी. Indian लड़कियों कि बूर थोड़ी सांवले रंग की होती है, पर निधी ने चूंकि पहली बार अपने झांट साफ किये थें, तो उसकी चूत एकदम गोरी लग रही थी.

" अब आप मेरी ज़िन्दगी में जो आ गये हो भैया... ". निधी बोली. " भैया... मुझे एक चूत शेव करने वाली क्रीम ला देना ना प्लीज़. "

" इस बार कैसे काटा ? ".

" आपकी दाढ़ी काटने वाली Gillette Guard से... ". निधी ने मुँह बनाते हुए कहा, जैसे की भैया की डांट से डर रही हो. पर रोहित को उसकी बात पर हँसी आ गई, और उसने अपनी बहन की नाभी में प्यार से एक चिमटी काटी, फिर उसकी कमर पकड़ कर अपनी ओर खींचा. निधी समझ गई की भैया को क्या चाहिये !

निधी ने अपना पेटीकोट पैरों से निकाल कर वहीं बिस्तर पर रख दिया और रोहित के तकिये पर उसके मुँह के सामने अपनी टांगे खोले बैठ गई. उसने अपनी ऊँगलीयों से अपनी योनि के Lips को फैला कर अपने भैया को अंदर का गुलाबी फांक दिखाया. झांट ना होने कि वजह से अब उसके चूत का दाना यानि Clitoris भी साफ दिखाई दे रहा था. रोहित ने आगे बढ़ कर अपनी बहन कि खुली हुई चूत को सूंघा और फिर अपना चेहरा सीधे उसकी जांघों के बीच डाल दिया.

निधी अपने भैया के बालों को सहलाते हुए उसे अपनी चूत चटाते रही. कुछ देर बाद रोहित ने अपना मुँह उसकी बूर से बाहर निकाला और उसे कमर से पकड़ कर बिस्तर पे लिटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ने लगा. निधी ने देखा कि भैया के लण्ड में थोड़ा सा तनाव आ गया है तो वो समझ गई कि वो अब उसे चोदने वाले हैं !

" ऐसे नहीं भैया... ". निधी कुछ और ही प्लान कर रही थी. उसने अपने भैया को अपने ऊपर से धकेल दिया और बिस्तर पर बैठने का इशारा किया. निधी के कहे अनुसार रोहित पलंग पे अपनी पीठ टिका कर अपने दोनों पैर फैलाये बैठ गया तो निधी उसके ऊपर आ कर उसकी गोद में बैठ गई. रोहित ने अपने खड़े लण्ड पर एक Condom चढ़ा लिया और मूठ मार कर लौड़े को ठीक से खड़ा करने लगा.
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07-20-2021, 12:06 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
जब रोहित का लण्ड चोदने लायक ठीक ठाक खड़ा हो गया तो निधी ने अपना गांड़ थोड़ा ऊपर उठा कर एक हाथ से उसके लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत में फिट किया और धीरे धीरे भैया कि गोद में बैठने लगी. रोहित का लण्ड अपनी बहन कि बूर का छोटा टाईट छेद फैलाता हुआ अंदर समाने लगा. निधी ने अपने दोनों हाथ भैया के कंधे पर रख दिये और भैया उसके कमर में अपने हाथ डाले उसे अपनी गोद में बैठाये चोदने के लिये रेडी थें !

निधी एकदम आहिस्ते आहिस्ते अपने चूतड़ ऊपर नीचे करती हुई अपने भैया को चोदने लगी. निधी हर बार अपनी गांड़ इतना ऊपर तक उठाती कि भैया के लण्ड का बस सुपाड़ा भर ही उसकी चूत में रह जाता और फिर वो वापस अपनी गांड भैया कि गोद में नीचे तक लाती जब तक कि उसका लण्ड जड़ तक अंदर ना घुस जाता.

मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि इस वक़्त मेरी कहानी पढ़ने वाले जितने भी लोग हैं, अगर वो उस वक़्त वहाँ होतें, तो एक भाई का अपनी सगी बहन को इस तरह अपनी गोद में बैठा कर चोदने का कामुक दृश्य देख कर आपका लण्ड आपकी पैंट में ही उल्टी कर देता ( और अगर आप लड़की हो तो आपकी चूत पानी छोड़ देती ).

निधी ने अभी अपने गांड़ पटकने कि स्पीड थोड़ी सी बढ़ाई ही थी कि रोहित ने कहा. " निधी Wait... लगता है Condom फट गया. ".

रोहित ने अपना लण्ड बाहर निकाला तो देखा कि Condom का मुँह फाड़ कर उसका मोटा लाल सुपाड़ा बाहर झांक रहा है. उसने उस फटे Condom को खोले बिना ही उसके ऊपर एक दूसरा Condom पहन लिया और वापस लण्ड अपनी बहन कि चूत में ठूस दिया.

निधी अब अच्छी खासी स्पीड में अपने भैया को पेलने लगी. 5 मिनट के अंदर ही उसकी टाईट चूत ने असर दिखाना शुरू कर दिया और रोहित का पूरा शरीर अकड़ गया. निधी समझ गई कि भैया स्खलित होने वाले हैं तो वो एकदम से रुक गई. उसने अपने ब्लाउज़ खोल कर भैया के दोनों हाथ अपनी चुचियों पर रख दिये तो रोहित उसके बूब्स दबाने मसलने लगा. इस वजह से रोहित का ध्यान भटक गया और उसका वीर्य वापस उसके अंडकोष में लौट गया. निधी ने फिर से चोदन क्रिया शुरू कर दी.

अब चोदते चोदते जब भी रोहित झड़ने के करीब पहुँच जाता, निधी वैसे ही चुदाई एकदम से रोक देती, और जब उसके लण्ड कि उत्तेजना कम हो जाती, तो वो वापस फिर से शुरू हो जाती. अब रोहित कि समझ में आया कि उसकी बहन ने क्यूं उसे अपने ऊपर चढ़ कर पेलने नहीं दिया और वो खुद उसके गोद में बैठ कर क्यूं पेलवा रही है... निधी भैया के शीघ्रपतन को कण्ट्रोल करना चाहती थी !!!

निधी कि तरकीब काम कर रही थी. पूरे 50 मिनट हो गयें थें पर उसके भैया का माल नहीं निकला था... या फिर यूँ कहें कि निधी ने अपने भैया को माल गिराने ही नहीं दिया था ! दरअसल इस पूरे 50 मिनट के चोदा चोदी के दौरान रोहित का लौड़ा अनगिनत बार झड़ने के करीब पंहुचा था, पर उसकी बहन ने उसे झड़ने नहीं दिया था. रोहित का अंडकोष वीर्य से लबालब भर कर अब दर्द करने लगा था. अपना माल गिराने के लिये तरस गया था बेचारा रोहित !!!

अब तो एक घंटे से ज़्यादा हो गयें थें और निधी अपने भैया कि गोद में बैठी उछल उछल कर खुब चुद रही थी. उसका खुब पानी निकला था आज, भैया कि जांघे, उनके अंडकोष और बिस्तर कि चादर सब भीग गई थी बहन कि योनि रस के स्राव से ! बस सिर्फ बेचारे भैया के लण्ड को ही स्खलित होने कि इज़ाज़त नहीं थी !!!

आखिरकार रोहित के सब्र का बांध टूट ही गया... उसने ठान ली कि अब उसे किसी भी हालत में माल गिराना ही है. उसने कस कर अपनी बहन को अपनी बाहों में भरा और उसे एक ही झटके में बिस्तर पर पलट दिया. इससे पहले कि निधी कुछ समझ पाती, भैया उसके ऊपर थें !

निधी के ऊपर चढ़ते ही रोहित ने उसके नरम बदन को रोंदना शुरू कर दिया... निधी कि हँसी छूट पड़ी अपने भैया कि बेकरारी और बेचैनी देख कर... वो समझ गई कि अब तो भैया रुकने वाले नहीं हैं !

रोहित का वीर्य तो उसके लण्ड के मुहाने पर कब से आकर अटका पड़ा था, उसने घपाघप तीन चार धक्के मारे और अपना लण्ड अपनी बहन कि चूत कि तह तक घुसेड़ कर Condom में वीर्य भरने लगा. इतनी देर कि तड़प एकबारगी शांत हुई तो उसका पूरा शरीर सिहर उठा और वो अपनी बहन के जिस्म पर निढ़ाल होकर गिर पड़ा.

" ममममममम... भैया... हो गई तसल्ली ??? ". निधी ने अपने भैया कि पीठ सहलाते हुए कहा.
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07-20-2021, 12:06 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
तीन मिनट तक अपनी बहन कि चूत में लण्ड घुसेड़े रोहित माल गिराता रहा. जब उसे लगा कि Condom अब वीर्य से भर कर फूल गया है और किसी भी वक़्त दबाव के कारण अंदर चूत में ही फट सकता है तो वो निधी के बदन पर से उठा और बड़ी सावधानी से अपना लौड़ा उसकी चूत से बाहर निकाला. उसने वीर्य से भरा Condom खोल कर वहीं नीचे ज़मीन पर फेंक दिया और फिर से एक नया Condom अपने झड़े लण्ड पर चढ़ा लिया. निधी समझ गई कि उसने अपने भैया को अभी इतनी देर तक सताया है और अब उसकी खुद कि चूत का बारह बजने वाला है !!!

रोहित बिस्तर से नीचे ज़मीन पर उतर गया और निधी कि नंगी टांगों को पकड़ कर खींच कर बेड के किनारे ले आया.

" आअह्ह्ह्हह... भैया धीरे ! ". रोहित ने निधी को इतनी ज़ोर से खींचा था कि निधी गुस्से में बोली मगर फिर हँसने लगी.

निधी कि गांड़ अब पलंग के किनारे पर थी और उसके पैर हवा में फ़ैले हुए . रोहित ने ज़मीन पर खड़े होकर अपना आधा खड़ा झड़ा हुआ लण्ड अपनी बहन कि बूर में ठेल कर घुसा दिया. निधी ने अपनी दोनों टांगें भैया के मजबूत कंधो पर टिका दी और अपने भैया को तंग करने कि सजा भुगतने को तैयार हो गई.

लण्ड चूत में जाते ही रोहित ने अपनी बहन को चोदना शुरू कर दिया. कौन कहेगा कि अभी तुरंत उसका वीर्यपात हुआ था !!!

5 मिनट तक अपनी बहन कि चूत में लण्ड अंदर बाहर करने के बाद रोहित का लौड़ा अब पहले जैसा सख्त हो गया. वो एक कामोत्तेजित कुत्ते कि तरह अपनी कुंवारी बहन को पेलने लगा !

" भैया... आआह्ह्ह्हह्ह... धीरे करो ना भैया... हाय मम्मी... मेरी चूत !!! ". पलंग पर लेटे लण्ड के तेज़ झटके खाती निधी को समझ आ गया था कि एक मर्द को चरमोत्कर्ष के वक़्त रोकने का क्या परिणाम हो सकता है !!!

" भैया Nooooo....प्लीज भैया.... आअह्हह्ह्ह्ह... ". निधी सिसकारती कराहती रही. " अब मैं आपको कभी भी माल गिराने से नहीं रोकूंगी भैया... जितनी मर्ज़ी झड़ना... बस आज मुझे छोड़ दो... उफ़्फ़ मम्मी... हाय मेरी चूत... भैया !!! ".

रोहित ने अपने बहन कि एक ना सुनी और उसकी नंगी टांगों को अपनी बाहों में जकड़े हुए उसे चोदता रहा. बरसो से संभाल कर रखी अपने सगी बहन कि कसी हुई चूत को लगता है एक ही रात में फाड़ कर ढीला कर देने कि फ़िराक में था वो कमीना !!!

25 मिनट तक जमकर पेलने के बाद रोहित के अंडकोष में फिर से वीर्य बनना शुरू हो गया. उसने अपनी बहन कि चूत में लण्ड डाले हुए ही उसे बिस्तर से उठाया और उसे अपनी गोदी में ले कर ज़मीन पर खड़े खड़े उसकी गांड़ थामे उसे उछाल उछाल कर चोदने लगा. 12 सेकंड के अंदर ही उसके Condom में माल कि पिचकारी उबल पड़ा !

10 मिनट तक अपनी बहन को उसी तरह अपनी गोद में उठाये रोहित माल गिराता रहा. जब उसका सारा का सारा वीर्य निकल गया तो उसका लण्ड ढीला पड़ कर वीर्य से भरे Condom सहित अपनी बहन कि चूत से खुद ब खुद बाहर निकल कर झूलने लगा. लण्ड ढीला पड़ जाने कि वजह से उसका Condom अपने आप सरक कर खुल के नीचे ज़मीन पर गिर गया !!!

रोहित ने संभाल कर आराम से निधी को बिस्तर पे लिटाया और खुद भी उसके बगल में बेसुध होकर लेट गया. निधी अपने भैया कि ओर करवट बदल कर लेट गई और उसके लण्ड को पकड़ कर अपनी दोनों जांघों के बीच दबा लिया. फिर दोनों भाई बहन कब ऐसे ही थक कर एक दूसरे कि बाहों में सो गयें, पता ही नहीं चला..................................

अगली सुबह दोनों देर से दस बजे तक उठे. Fresh होकर दोनों भाई बहन अपने मम्मी पापा के साथ नाश्ता करने बैठे.

" बेटा रोहित, एक लड़के का रिश्ता आया है तेरी बहन के लिये... तू ज़रा अपने ऑफिस के दोस्तों से बोल कर पता तो लगा उस लड़के के बारे में... वैसे देखने में अच्छा है. ". माँ ने कहा.

निधी ने झट से अपने भैया कि ओर देखा.

" मम्मी... अभी निधी बस बीस कि है... और पढाई भी कर रही है... अभी तो कम से कम उसकी शादी के बारे में 4 - 5 साल तक मत सोचो... ". रोहित कि आवाज सख्त थी.

" बेटा क्या बोल रहे हो... ". पापा ने टोका.

" No पापा... अब और नहीं... आप लोगों कि हर बात मेरी बहन नहीं मानेगी. आप लोग मुझे कहते हो उसे कॉलेज ले जाने और लाने को ताकि बेचारी की किसी लड़के से दोस्ती ना हो जाये...चलो वहाँ तक तो ठीक है... पर आप लोग हर चीज़ में उसकी मर्ज़ी और आजादी तो मत छीनो... प्लीज़. ". रोहित ने आत्मविश्वास से भरे स्वर में कहा.

निधी को इस बात की फ़िक्र नहीं थी की अब उसके मम्मी पापा क्या जवाब देंगे, और उसका क्या होगा. उसका तो बस दिल आ गया था अपने भैया के इस बात पर की किस तरह आज उन्होंने एक सच्चे हमसफर की तरह उसे Support किया था. उसकी ज़िन्दगी में अब वो लड़का आ गया था जिसपे वो बेफिक्र होकर भरोसा कर सके. आगे ज़िन्दगी जहाँ ले जाये !!!

आज बाहर फिर से तेज़ बारिश शुरू हो गई थी......................

**********The End ************
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07-20-2021, 12:14 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
आपकी खातिर

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" मेरा Purse कहाँ है निहारिका ? ". आदित्य ने पूछा.

" एक साल दो महीने हो गयें हमारी शादी को... आपको अब तक मेरी आदत छूट जानी चाहिये थी. " निहारिका पीछे से आई और अपने पति को उसका Purse देते हुए उसके कंधे पर हाथ रख कर बोली.

" एक साल तीन महीने... ". आदित्य ने अपनी पत्नि की गलती सुधारते हुए कहा. " और हाँ... आदत छूटी नहीं है, तुम्हारी आदत पड़ गई है. "

" इतना रोमांस लाते कहाँ से हो ? ". निहारिका ने हँस कर कहा. " अच्छा सुनो... शाम को ऑफिस से जल्दी आ रहे हो ना ? ".

" इतना Miss करोगी मुझे सारा दिन ??? ".

" Miss नहीं... आज आप मेरी Jewellery लाने वाले हो. "

" अरे हाँ... Ofcourse. "

" याद नहीं था ना आपको... I Know. "

जवाब में आदित्य ने अपनी पत्नि के गाल पर एक Kiss किया और कमरे से बाहर निकल गया . निहारिका कमरे की खिड़की का पर्दा हटा कर बाहर की ओर देखती रही जब की आदित्य घर से बाहर निकल कर अपनी Car में बैठ नहीं गया, उसने उसे हाथ दिखा कर Bye किया और वापस कमरे में आकर बिस्तर ठीक करने लगी.

" बीवी जी... ". तभी घर की बाई अंदर आकर बोली.

" बोल मालती... ". निहारिका ने उसकी ओर देखे बिना ही अपना काम करते हुए कहा.

" मैं जा रही हूं बीवी जी. नाश्ता बना दिया है, Lunch भी, घर साफ कर दिया... कपड़े बस धोने बाकि हैं. "

" कपड़े आज छोड़ दे... शाम को आ जाना... चल जा. "

घर की बाई मालती चली गई. कुछ देर बाद निहारिका अपने बेडरूम से निकल कर बाहर Drawing Room में गई. Drawing Room में पहले से ही खाने के टेबल पर उसके ससुर जी, जेठ जी ( पति के बड़े भैया ) और छोटा देवर बैठे हुए थें. निहारिका ने घर का दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया और फिर वहाँ से लौटते वक़्त सबसे पूछा.

" नाश्ता लगा दूं क्या आप सबको ? ".

" हाँ भाभी... बहुत भूख लगी है. ". छोटे देवर आशीष ने कहा, जेठ जी राजेश, और ससुर जी चुप रहें.

निहारिका वापस अपने कमरे में आई और अपनी नाईटी खोल दी. अंदर उसने लाल रंग की ब्रा और पैंटी पहन रखी थी, उसने अपनी ब्रा भी खोल दी पर पैंटी पहने रही. उसने अपने बंधे हुए काले बाल भी खोल कर अपने कंधे पर फैला लिये और उसी हालत में किचन की तरफ चल पड़ी.

किचन में उसने देखा की बाई नाश्ते में ओमलेट और टोस्ट बना कर गई है. उसने अपना और घर के बाकि सदस्यों का नाश्ता Tray में लिया और Drawing Room में वैसे ही अधनंगी अवस्था में आ गई. अपने देवर और जेठ जी के बीच में खड़ी होकर वो खाने के टेबल पर नाश्ता लगाने लगी.

" ये पैंटी कब खरीदी भाभी ??? ". आशीष ने अपने बगल में खड़ी निहारिका की गांड़ पर हाथ फेरते हुए पूछा.

" मेरी पैंटी के बारे में पूछ रहे हो तो मेरी गांड़ क्यूं छू रहे हो देवर जी ??? ". निहारिका उसकी ओर देखे बिना ही मुस्कुरा कर बोली.

" खाने के वक़्त नहीं आशीष... ". ससुर जी ने अपने छोटे बेटे को मना किया, फिर निहारिका को घूरते हुए बोला. " वैसे जंच रही हो रेड पैंटी में... बहु ! ".

निहारिका ने मुँह में ही अपनी हँसी दबा ली पर उसके जेठ जी और देवर जी हँसने लगे.

" इतना भी मज़ाक उड़ाने की ज़रूरत नहीं... आजकल ऐसी हो पैंटी का प्रचलन है. ". कहते हुए निहारिका ने अपनी पैंटी उतार कर वहीं खाने के टेबल पर उन सबकी Plates के बीच में रख दी और खुद अपने ससुर जी के बगल में पूरी नंगी बैठ गई नाश्ता करने के लिये !!!

उसके जेठ जी ने उसकी पैंटी हाथ में उठा ली और सूंघ कर बोले. " हम्म्म्ममममममम... खुशबु तो अच्छी है... रात को पहन कर सोई थी क्या ??? ".

" छी... आपलोग दिन ब दिन गंदे और बेशरम होते जा रहे हो. ". निहारिका ने कहा, और फिर अपने ससुर जी की ओर मुँह करके बोली. " और बाबू जी आप भी... ".

" मैंने क्या किया बहु ? ". ससुर जी हँसने लगें................

चारों फिर इधर उधर की बातें करते हुए नाश्ता करने लगें.
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07-20-2021, 12:14 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" अच्छा आज पहले कौन चोदेगा ? ". कुछ देर बाद निहारिका ने खाते खाते पूछा. " आज आदित्य शाम को जल्दी घर आ जायेंगे... "

" मुझे कॉलेज जाना है भाभी... पहले मुझे करने दो ना. ". आशीष ने कहा.

" वैसे मैं आज कुछ और सोच रही थी... ". निहारिका ने कहा.

" क्या ? ". जेठ जी ने पूछा.

" देखती हूं... बताती हूं. " निहारिका ने कुछ सोचते हुए कहा.

" भाभी एक बात पूछूं ? . " आशीष बोला.

" बोलिये ना देवर जी... ".

" आपको बुरा नहीं लगता ? ".

" क्या देवर जी ? ".

" वही... आदित्य भैया के बारे में ! ".

निहारिका एकदम से चुप हो गई.

" बहु... तूमने फिर कभी Try किया था क्या ? ". इस बार ससुर जी ने कहा.

" रोज़ करती हूं बाबू जी... पर उनमें कोई हरकत ही नहीं होती. कोई उत्तेजना ही नहीं आती. ". निहारिका खाते खाते रुक गई.

" मन छोटा मत करो निहारिका... ". जेठ जी ने कहा.

" आदित्य भैया का लण्ड थोड़ा सा भी खड़ा नहीं होता क्या ??? ". आशीष ने पूछा, फिर ये सोच कर की कहीं भाभी को बुरा ना लगे, थोड़ा संभल कर बोला. " I Mean... Sorry भाभी... मेरा मतलब है आप इतनी सुंदर हो फिर भी... ".

" अगर होता तो आज मैं इस तरह से... ". कहते कहते निहारिका रुक गई. फिर मुस्कुरा का बोली. " मगर वो मुझे बहुत प्यार करते हैं... और मुझे इस बात की खुशी है. मेरे लिये इतना काफी है. ".

ससुर जी ने निहारिका के कंधे को सहलाते हुए उसे सांत्वना दी.

सबका नाश्ता खत्म हुआ तो निहारिका ने सारे Plates उठा लिये पर अपनी पैंटी वहीं टेबल पर छोड़ दी.

" वैसे भाभी आप कुछ बताने वाली थीं सोच कर... ". आशीष ने कहा.

" आकर बताती हूं... ". नंगी निहारिका वहाँ से जाते हुए बोली. देवर, जेठ जी और ससुर जी घर की बहु की थिरकते हुए चूतड़ देखते रहें.

निहारिका वापस Drawing Room में आई तो उसने देखा की उसके ससुर जी, देवर और जेठ जी अभी भी खाने के टेबल पर ही बैठे थें.

" कितने Lazy हो गये हो आप तीनों... ". निहारिका बोली.

वो अपनी पैंटी लेने आई थी पर उसने देखा की टेबल पर उसकी पैंटी नहीं थी.

" मेरी कच्छी कहाँ है ??? ". निहारिका ने पूछा और जवाब का इंतजार किये बिना ही आशीष का कान पकड़ कर ज़ोर से मरोड़ दिया, उसे पूरा यकीन था की ये हरकत उसके शैतान देवर की ही है.

" भाभी... मैंने नहीं लिया... I Swear ! ". आशीष बेचारे की गर्दन टेढ़ी हो गई.

निहारिका अपने ससुराल वाले इन मर्दों की आदतों से अच्छी तरह वाकिफ थी, वो चुपचाप अपने देवर को छोड़ कर अपने ससुर जी के पास गई तो उसने देखा कि उसके ससुर जी ने उसकी लाल पैंटी अपनी गोद में लुंगी में दबा रखी है. निहारिका ने नक़ली गुस्से भरी बड़ी बड़ी आँखों से अपने ससुर जी को देखा और अपनी पैंटी उठा ली.

" अभी मत लीजिये बाबू जी... एकदम नई है ना. पिछले Sunday को ही लाये थें आदित्य... ". अपने ससुर जी का मायूस चेहरा देख कर निहारिका को हँसी आ गई तो उसने उन्हें समझाते हुए कहा. " एक दो महीने पहन लूं , फिर दे दूंगी. "

" दे दीजिये पापा... पैंटी थोड़ी पुरानी पहनी हुई हो तो अच्छा रहता है... शरीर के अंदरुनी अंगों कि गंध उसमें समा जाती है. ". जेठ जी बोलें. " जैसे निहारिका कि ब्लैक कलर वाली पैंटी से अभी तक कितनी मादक महक आती है... ".

" भाभी ? राजेश भैया को आपने अपनी पैंटी दे रखी है ??? और मुझे ? ". आशीष ने कहा.

" हर बात में अपने पापा और भैया से Competition मत किया कीजिये देवर जी... वो लोग आपसे बड़े हैं ना. ". निहारिका बोली , और फिर डांटते हुए पूछा. " और कॉलेज क्यूं नहीं गये आप आज ? ".

आशीष के पास कोई जवाब नहीं था.

" ऐसा मत कीजिये देवर जी... मैं कहाँ भागी जा रही हूं ? ". निहारिका ने कहा, आशीष ने अपना सिर झुका लिया, निहारिका फिर अपने जेठ जी से बोली. " और आपका क्या बहाना है Showroom नहीं जाने का ? ".

" अरे बाबा... Market के एक दुकानदार कि मौत हो गई है, अभी दो दिन तक हम लोग कोई दुकान वगैरा नहीं खोलेंगे. ". राजेश ने कहा, उसका एक अच्छा खासा बड़ा कपड़ों का Showroom था उस शहर में.

निहारिका ने इस तरह से अपना सिर हिलाया जैसे कि बोलना चाह रही हो कि " आप लोग कभी नहीं सुधरोगे " पर बिना कुछ बोले अपनी पैंटी लेकर वहाँ से चली गई.

निहारिका घर में नंग धड़ग घुम रही थी और फिर भी उसके ससुर जी, देवर और जेठ जी का आचरन सामान्य था, इसका ये मतलब नहीं था कि वो सेक्सी नहीं थी, बल्कि बात तो ये थी कि उन सबको इसकी आदत पड़ चुकी थी अब !

वैसे 30 साल कि निहारिका देखने में खूबसूरत तो थी ही पर उसकी खासियत उसकी सुंदरता नहीं बल्कि उसका बदन था. उसकी चुचियाँ बड़ी बड़ी थीं लेकिन नीचे लटकी हुई ना होकर ऊपर कि ओर टाईट उठी हुई थीं. वो अपने कांख ( Armpit ) के बाल नियमीत रूप से शेव करती थी पर उसे चूत का झांट छीलना पसंद नहीं था. उसके झांट काफी घने आते थें, इसलिये वो उन्हें कैची से इस कदर Trim करके रखती थी की उसका तिकोना झांट उसकी बूर को ढंक कर भी रखे और थोड़ी बहुत चूत की फूली हुई Lips भी दिखे. उसका पेट, जो की हल्का सा निकला हुआ था और इसी वजह से सेक्सी लगता था, नीचे मुड़ कर उसकी चूत में जाकर गायब हो रहा था और पीछे की ओर बड़ी गांड़ में तबदील होकर बाहर निकला हुआ था. उसकी गदराई जांघे आपस में सटी हुई रहती थीं और इसी कारण अगर वो नंगी भी खड़ी रहती थी तो उसकी बूर उसकी जांघों के बीच इस कदर छुप जाती थी की उसके दर्शन हो पाना मुश्किल था.
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