मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
07-22-2021, 12:53 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" मुझे आज्ञा दीजिये राजा ऋषभनंदन... ". महाराज नंदवर्मन ने कहा. " हम आपका आभार कैसे व्यक्त करें ? ".

दूसरे दिन महाराज नंदवर्मन ने अपने कक्ष में एक सभा बुलाई, जिसमें उनके अलावा, महारानी वैदेही, राजकुमारी अवंतिका, राजकुमार विजयवर्मन, चित्रांगदा, और स्वयं राजा ऋषभनंदन तथा उनके सेनापति कीर्तिमान शामिल थें.

" आपको मेरा आभार प्रकट करने कि कोई आवश्यकता नहीं राजन... ". राजा ऋषभनंदन नम्र स्वर में बोलें. " परन्तु अगर आप चाहते ही हैं, तो मैं आपको आज्ञा तो कदापि नहीं दे सकता, हाँ, अवश्य ही एक विनती करने कि इच्छा रखता हूँ ! ".

" निसंकोच कहें राजा ऋषभनंदन... ".

" राजन... आपके राजपुरोहित के कथनानुसार तो अब तक राजकुमार विजयवर्मन कि मृत्यु हो जानी चाहिए थी. परन्तु आपने स्वयं ही देख लिया है कि उनका कथन मिथ्या प्रमाणित हो चुका है... ". राजा ऋषभनंदन ने कहना शुरू किया. " राजकुमार विजयवर्मन अभी भी सकुशल हैं... इससे ईश्वर कि इच्छा सिद्ध नहीं होती तो क्या होता है, आप ही उत्तर दीजिये ! मैं नहीं कहता कि इन दोनों का कोई दोष नहीं... अवश्य ही हमारे समाज में भाई बहन का ऐसा सम्बन्ध अमान्य है. परन्तु इनका प्रेम सम्बन्ध अनूठा और पवित्र है, क्यूंकि स्वयं ईश्वर ने इन्हे जीवनदान देकर इनके प्रेम को सहमति प्रदान कि है राजन ! ऐसे में हम तुच्छ मनुष्य होते ही कौन हैं इनके जीवन का निर्णय लेने वाले ??? ".

" आप कहना क्या चाहते हैं राजा ऋषभनंदन... ". महाराज नंदवर्मन ने अवंतिका और विजयवर्मन कि ओर देखा, और फिर राजा ऋषभनंदन से बोलें. " स्पष्ट कहिये ! ".

" अवश्य ही राजन... ". राजा ऋषभनंदन ने सिर झुकाकर कहा. " मेरी केवल इतनी ही विनती है कि इन्हे इतनी बड़ी सजा ना दीजिये. इनका देशनिकाला स्थगित कर इन्हे पुनः अपने पुत्र तथा पुत्री के रूप में स्वीकार कर इनके विवाह को मान्यता प्रदान कीजिये, और इन्हे राजमहल में रहने कि अनुमति दीजिये !!! ".

" मुझे ये देख अत्यंत प्रसन्नता हुई राजा ऋषभनंदन, कि आप मेरे पुत्र और पुत्री कि कुशलता चाहतें हैं... ". महाराज नंदवर्मन ने गंभीर स्वर में कहा. " परन्तु आप जो मांग रहें हैं, वो संभव नहीं ! मेरा न्यायिक निर्णय अटल है !!! ".

" तनिक सोचिये राजन... ". राजा ऋषभनंदन नरम स्वर में बोलें. " आपके ज्येष्ठ पुत्र ने क्या किया !!! तुलनात्मक स्वरुप उसके सामने तो आपके इस छोटे पुत्र का दोष कुछ भी नहीं. आपने इन्हे युद्धभूमि में भी जाने कि आज्ञा नहीं दी. वरन इन्होने आपकी आज्ञा ना होते हुये भी हर्षपाल के सैनिकों से राजमहल के अंदर रहकर अकेले युद्ध करके अपने प्राणो कि चिंता ना करते हुये राज्य को बचाने का हर संभव प्रयास भी किया ! तनिक तो विवेक से काम लीजिये राजन... ".

" मुझे अपने निर्णय का कोई दुख नहीं राजा ऋषभनंदन... ". महाराज नंदवर्मन ने कहा. " परन्तु फिर भी मैं आपसे क्षमाप्रार्थी हूँ ! ".

" तो क्या यही आपका अंतिम निर्णय है राजन ??? ". राजा ऋषभनंदन ने पूछा.

महाराज नंदवर्मन ने महारानी वैदेही को देखा, और फिर बोलें.

" हमने इन्हें अपनी संतान कहलाने के अधिकार से मुक्त कर दिया है राजन... ".

" महारानी... आप तो एक माँ हैं... ". राजा ऋषभनंदन ने महारानी वैदेही से कहा. " आप तो इतनी कठोर ना बनिए. राजन को समझाइये... ".

महारानी वैदेही ने अवंतिका और विजयवर्मन को एक नज़र देखा, फिर बिना कोई उत्तर दिए अपना सिर नीचे झुका लिया.

राजा ऋषभनंदन समझ गएँ कि उनकी गुहार का यहाँ कोई मूल्य नहीं. उन्होंने अपनी पुत्री चित्रांगदा को, और फिर अवंतिका और विजयवर्मन को देखा, और महाराज नंदवर्मन से बोलें.

" जैसी आपकी इच्छा. फिर मैं अपनी पुत्री सहित राजकुमारी अवंतिका और राजकुमार विजयवर्मन को अपने राज्य ले जाने कि आज्ञा चाहूंगा !!! ".

" आप ऐसा नहीं कर सकतें राजा ऋषभनंदन... ". महाराज नंदवर्मन ने कहा. " आप अपनी पुत्री को अवश्य ले जाइये... परन्तु अवंतिका और विजयवर्मन को ले जाने कि आज्ञा देने में मैं असमर्थ हूँ ! "

" क्या मैं इसका पर्याय जान सकता हूँ राजन ??? ". राजा ऋषभनंदन ने पूछा.

" इन्हे देशनिकाला मिला है... ".

" सत्य है... यानि इन्हे इस राज्य से निष्कासित किया जा रहा है. परन्तु ये कहाँ जायेंगे, इसका निर्णय आपके हाथों में नहीं है राजन ! और फिर आपने इन्हे देशनिकाला कि सजा सुनाई है, अज्ञातवास कि नहीं !!! ".

" ये नियम के विरुद्ध है राजा ऋषभनंदन... ". महाराज नंदवर्मन का स्वर अनायास ही कठोर हो गया.

" नियम ??? ". राजा ऋषभनंदन मुस्कुरायें, अपने सेनापति कीर्तिमान कि ओर देखा, और फिर महाराज नंदवर्मन से कहा. " क्षमा कीजिये राजन, परन्तु नियम कि सुनें तो आपको तो हर्षपाल ने बंदी बना लिया था, आपकी सेना परास्त हो चुकी थी, आपके ज्येष्ठ पुत्र का वध करके हर्षपाल खुद को यहाँ का सम्राट घोषित कर चुका था. ऐसी परिस्थिति में हमने आपके राज्य को बचाया. आपके राज्य में हमारी सेना अभी भी भरी पड़ी है. ये राज्य अब आपका नहीं रहा राजन ! मैं चाहूँ तो आपको अपने अधीन कर स्वयं को एकाधिकारी सम्राट घोषित कर सकता हूँ !!! ".

" अपनी सीम ना लाँघीये राजा ऋषभनंदन ! ". कहते हुये महाराज नंदवर्मन अपने सिंहासन से उठ खड़े हुये.

ये देख सेनापति कीर्तिमान तुरंत अपनी म्यान से अपनी तलवार निकालते हुये आगे बढ़ें, तो राजा ऋषभनंदन ने उन्हें रोक लिया, और महाराज नंदवर्मन को देखते हुये मुस्कुराकर सख़्त स्वर में बोलें.

" ये बात सर्वदा स्मरण रखियेगा राजन, कि आपका राजसिंहासन छिन चुका था ! ".

महाराज नंदवर्मन चुपचाप से अपने सिंहासन पर पुनः बैठ गएँ.

" मै, कुम्भिकनरेश ऋषभनंदन, आपको आपका राज्य वापस सौंपता हूँ !!! ".

कहते हुये राजा ऋषभनंदन ने एक नज़र महाराज नंदवर्मन और महारानी वैदेही को देखा, और फिर अवंतिका, विजयवर्मन, और चित्रांगदा पर हल्की सी तीव्र दृष्टि दौड़ाकर तेज़ कदमो के साथ कक्ष से बाहर चलें गएँ. सेनापति कीर्तिमान ने अपनी तलवार पुनः अपने म्यान में रख ली, महाराज नंदवर्मन को एक बार देखा, और फिर वो भी अपने राजा के पीछे पीछे बाहर निकल गएँ.............................
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07-22-2021, 12:53 PM,
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कुम्भिक राज्य में अवंतिका, विजयवर्मन, और चित्रांगदा का भव्य स्वागत किया गया, जब वो विजयी राजा ऋषभनंदन और उनकी सम्पूर्ण सेना के साथ वापस लौटें.

अवंतिका, विजयवर्मन, तथा चित्रांगदा अब यहीं राजमहल में रहने लगें.

कुछ दिनों के उपरांत एक उचित समय देख राजा ऋषभनंदन ने तीनों को किसी विशिष्ट विषय पर विचार विमर्श करने हेतु अपने कक्ष में आमंत्रित किया, और विजयवर्मन को सम्बोधित करते हुये बोलें.

" राजकुमार विजयवर्मन... मेरी आपसे एक प्रार्थना थी ! ".

" आप मुझे आज्ञा देंगे तो अधिक उचित होगा महाराज... ". विजयवर्मन ने विनम्रता से सिर झुकाकर कहा.

" राजकुमार... मैं अपनी पुत्री को इस प्रकार आजीवन विधवा नहीं देख सकता. ". राजा ऋषभनंदन ने चित्रांगदा कि ओर देखकर कहा. " मुझे अत्यधिक प्रसन्नता होगी अगर आप मेरी पुत्री चित्रांगदा को अपनी पत्नि के रूप में स्वीकार करें ! ".

" पिताश्री !!! ". अपने पिता के इस आकस्मिक प्रस्ताव पर चित्रांगदा ने चौंकते हुये अवंतिका कि ओर एक बार देख कर कहा. " ये आप क्या कह रहें हैं ??? ".

" पुत्री... तुम्हें इस अवस्था में देखते रहने कि मेरी विवशता कि पराकाष्ठा का आकलन मेरे सिवाय किसी और कि क्षमता के परे है !!! ".

" महाराज... ये मेरा सौभाग्य होगा कि मैं भाभी चित्रांगदा से विवाह करूँ ! ". विजयवर्मन ने अवंतिका और चित्रांगदा को देखा, फिर बोलें. " परन्तु मैं केवल अवंतिका से प्रेम करता हूँ. इस जीवन में उनके सिवाय मैं किसी और को अपने ह्रदय में स्थान नहीं दे सकता ! मैं सादर क्षमाप्रार्थी हूँ... ".

राजा ऋषभनंदन अपने हाथ बांधे कुछ सोचते हुये धीरे धीरे टहलने लगें.

" भैया... ये ना भूलिए कि आज आप, मैं, और हमारा प्रेम केवल मात्र भाभी और उनके पिताश्री कि वजह से जीवित है ! ". राजा ऋषभनंदन का मनोभाव आँकते हुये अवंतिका ने कहा. " ऐसे में हमारा क्या कर्त्तव्य है ये आपसे सटीक भला कौन जनता है ? हमें भी उनकी भावनाओ कि उपेक्षा नहीं करनी चाहिए ! ".

" नहीं अवंतिका... ". चित्रांगदा ने अवंतिका के कंधे पर हाथ रखकर उन्हें रोका. " राजकुमार और आप हमारे ऋणी नहीं !!! ".

" चित्रांगदा सही कह रही है... ". राजा ऋषभनंदन ने रुकते हुये विजयवर्मन से कहा. " आपका निर्णय किसी भी प्रकार के उपकार से प्रभावित नहीं होना चाहिए राजकुमार . ".

विजयवर्मन चुपचाप खड़े कुछ सोचने लगें.

राजा ऋषभनंदन टहलते हुये चित्रांगदा के समीप जा खड़े हुये, और पीछे मुड़कर विजयवर्मन को देखते हुये बोलें.

" वैसे ये सत्य है कि मेरी विनती स्वार्थमुक्त नहीं ! पर्याय ये है राजकुमार, कि चित्रांगदा के सिवाय मेरी और कोई संतान नहीं. जब तक वो आपके राजपरिवार कि कुलवधु थी, तो मुझे इस विषय में सोचने कि आवश्यकता नहीं पड़ी . परन्तु अब जब वो पुनः मेरी पुत्री के रूप में वापस मेरे परिवार का एक अंग बन गई है, तो मैं चाहता हूँ कि... ". राजा ऋषभनंदन थोड़ा रुकें, फिर कहा. " मैं चाहता हूँ कि वो हमें हमारे राज्य का उत्तराधिकारी दे !!! ".

" और फिर प्रेम तो विवाह के पूर्व भी हो सकता है ना भैया ??? ". अवंतिका ने चित्रांगदा को उनके कंधो से प्यार से पकड़ते हुये विजयवर्मन से कहा.

" ठीक है महाराज... ". विजयवर्मन ने चिंतित स्वर में कहा. " मुझे थोड़ा सोचने का अवकाश दीजिये ! ".

" अवश्य... अवश्य राजकुमार !!! ". आशा कि हल्की सी किरण मात्र से प्रसन्नचित होते हुये राजा ऋषभनंदन बोलें.......................................

प्रारम्भ में तो विजयवर्मन अपनी बात पर अडिग रहें, परन्तु फिर अवंतिका के समझाने मनाने के भरसक प्रयासों के पश्चात् उन्हें समझ आया कि, राजा ऋषभनंदन तो असल में उनसे कुछ मांग ही नहीं रहें थें, उल्टे अपनी पुत्री को उन्हें सौंप रहें थें. और फिर एक पुरुष का अपने भाई के मरणोपरांत उसकी विधवा हुई पत्नि से विवाह करना उस समय के अनुसार कोई नवीन प्रचलन तो था नहीं. विजयवर्मन का अपनी भाभी के साथ शारीरिक सम्बन्ध तो हमेशा से ही था, वो तो बस अब मन का मिलन होने जा रहा था !!!

राजा ऋषभनंदन को ना तो विजयवर्मन और चित्रांगदा के सम्बन्धों के बारे में ज्ञात था, ना ही चित्रांगदा के पूर्व पति देववर्मन कि विकृत मानसिकता के बारे में. एक प्रकार से देखा जाये तो विजयवर्मन को एक अवसर मिल रहा था इस पाप में अपनी भागीदारी का शुद्धिकरण करने के लिए !

राजा ऋषभनंदन के प्रस्ताव के दो दिनों उपरांत विजयवर्मन ने काफ़ी सोच विचार करने के बाद और अवंतिका के समझाने स्वरुप उन्हें ख़ुशी ख़ुशी अपनी स्वीकृती दी !!!

विवाह के एक ही मंडप में विजयवर्मन का विवाह अवंतिका और चित्रांगदा से संपन्न हुआ. राजा ऋषभनंदन ने अपनी पुत्री के साथ साथ अवंतिका का भी विवाह इसलिए संपन्न करवाया, क्यूंकि विजयवर्मन और अवंतिका का विवाह इसके पूर्व केवल दोषनिवारण हेतु करवाया गया था. विधिपूर्वक विवाह होने से अब उन दोनों के प्रेम सम्बन्ध को सामाजिक मान्यता मिल गई !

दो वर्षो के अंतराल में अवंतिका ने एक पुत्र को जन्म दिया, और चित्रांगदा ने एक साथ एक पुत्र तथा पुत्री को !

औपचारिकता के नाते ये समाचार महाराज नंदवर्मन तथा महारानी वैदेही को भी पहुँचाया गया, परन्तु उनकी ओर से कोई उत्तर ना आने पर ये बात स्पष्ट हो गई थी कि उन्होंने पूर्ण रूपेण अपने संतानो, अवंतिका और विजयवर्मन का परित्याग कर दिया था. जैसे जैसे समय पलायन करता गया, मानसिक भावनात्मक कष्ट के साथ ही सही, अवंतिका और विजयवर्मन ने ये तथ्य स्वीकार कर लिया !!!

इस दौरान वीर विजयवर्मन ने राजा ऋषभनंदन को उनके अनेकों अभियानों में प्रत्यक्ष रूप से सेना का नेतृत्व करते हुये राज्यविस्तार में उनकी सहायता कि. आगे चलकर उन्ही के प्रयासों से जीते हुये राजा ऋषभनंदन के अधीन राज्यों में से एक विशाल राज्य के राजसिंहासन पर राजकुमार विजयवर्मन सम्राट के रूप में विराजमान हुये, और अपनी दोनों पत्नियों, अवंतिका तथा चित्रांगदा, और दोनों पुत्रों और एक पुत्री के साथ रहने लगें !

अवंतिका ने विजयवर्मन को " भैया " बोलना नहीं छोड़ा, तो विजयवर्मन भी चित्रांगदा को " भाभी " कहकर ही सम्बोधित करते रहें. जीवन के इतने सारे उतार चढ़ाव से गुजरने के पश्चात् भी अपने मूल पारिवारिक संबंधों को स्मरण रखने का इससे उचित तरीका तथा सटीक उदाहरण और क्या हो सकता है !

ऐसे प्रेम प्रसंगों का वर्णन इतिहास में कम ही मिलता है... अनूठे और सफल प्रेम प्रसंगों का !!!

******* इति *******
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07-22-2021, 12:53 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
लड़कपन

" Coming... Wait ! ".

दरवाजे का बेल बजा तो मेघना ने तुरंत मुड़कर बाथरूम कि ओर देखा. बाथरूम का दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ था. मेघना ने जो तौलिया अपने बदन पर लपेट रखा था, उसकी गाँठ उसने अपनी चूचियों पर थोड़ी सी ढीली कर दी, फिर से एक दफा बाथरूम के दरवाजे कि ओर देखा, तौलिये कि गाँठ एक बार और चेक कि, और फिर घर के बाहरी दरवाजे कि ओर चल पड़ी.

बेल फिर एक बार बजा ही था कि मेघना ने दरवाजा खोल दिया.

" मैडम आपका आर्डर... ". दरवाजे के बाहर खड़े फ़ूड डिलीवरी बॉय ने खाने का पार्सल आगे बढ़ाते हुये कहा.

" एक्स्ट्रा कैरीबैग नहीं था क्या भैया ??? कैसे पैकिंग करते हो आपलोग... ये देखो, पूरा ग्रेवी गिर गया है ! ". मेघना ने खाने का पार्सल डिलीवरी बॉय के हाथों से लेते हुये कहा.

" सॉरी मैडम जी... एक साथ कई सारे कस्टमर्स के पैकेट थें ना तो वो नीचे दब कर हो गया होगा ! ". डिलीवरी बॉय किसी भी प्रकार के इमोशन के बगैर रोबोट कि तरह बोला.

" किस कस्टमर का पैकेट था, क्या था, कितना था, उससे मुझे कोई मतलब नहीं ... ". नहाने से भींगे हुये अपने बालों को अपने दूसरे हाथ से धीरे धीरे झाड़कर सुखाते हुये मेघना गुस्से से, मगर नम्र होकर बोली. " मुझे सिर्फ अपने पार्सल से मतलब होगा ना भैया ! ऐसे कोई खाना डिलीवर करता है क्या ? "

" सॉरी मैडम जी... ". डिलीवरी बॉय ने टालने कि खातिर बेमन से कहा.

" ऐसे कैसे चलेगा भैया... आप अभी सॉरी बोल रहे हो ! आपके रेस्टोरेंट से ही ऐसा हर बार होता है... ".

ये तो प्राय: हर ग्राहक का रोज़ का खिचखिच था उस डिलीवरी बॉय के लिए. किसी तरह फिलहाल अभी यहाँ से अपना पीछा छुड़ाने के लिए वो ज़रूर फिर से अपने बने बनाये वाक्यों में से कुछ बोलता, उसने अपना मुँह खोला भी, लेकिन अचानक से रुक गया.

ढीले गाँठ कि वजह से मेघना के शरीर से बंधा तौलिया उसके सीने के उभारों से अपने आप खुल गया, और सरसराकर सीधे नीचे ज़मीन पर उसके पैरों पर आ गिरा. मेघना दरवाजे पर अब नंगी खड़ी थी !!!

लगभग नंगी - पैंटी तो उसने पहन रखी थी, लेकिन ब्रा नदारद थी !

" छोड़ो भैया... आपलोग का तो हर बार का यही है ! ". मेघना ने अपने भींगे बालों कि लट को अपने कान के पीछे खोसते हुये ऐसे कहा जैसे कि कुछ हुआ ही ना हो. " मैं पैसे लेकर आती हूँ... ".

उसने एक बार डिलीवरी बॉय को चोर नज़रों से देखा, और फिर अपना गिरा हुआ तौलिया बिना उठाये या फिर खुद का नंगा बदन ढंकने कि कोई कोशिश तक किये बिना ही खाने का कैरीबैग हाथ में झुलाते हुये वापस कमरे में आ गई. उसने खाना टेबल पर रखा, बाथरूम कि ओर फिर से देखा, कुछ सोचा, और फिर से दरवाजे पर जाकर डिलीवरी बॉय से पूछा.

" अच्छा आप कार्ड पर पेमेंट लेते हो क्या ? ".

" अभी कैसे मैडम जी... मशीन लेकर हम लोग तो नहीं आते ना... कैश... ". डिलीवरी बॉय बोला.

" अरे हाँ भैया... True ! कितना हुआ है ? ". मेघना ने उसे बीच में ही टोका.

" कैरीबैग में बिल है मैडम जी... ".

" ओह अच्छा... ".

डिलीवरी बॉय को बेवकूफ़ कि तरह वहीँ दरवाजे पर खड़ा छोड़ मेघना फिर से कमरे में आई, खाने के कैरीबैग से बिल कि पर्ची निकाल कर चेक किया, बिस्तर पर पड़े तकिये के नीचे से कुछ नोट निकालें, बाथरूम कि ओर देखा, हल्की सी मुस्कुराई, और वापस से दरवाजे पर जाकर डिलीवरी बॉय को पैसे दे दियें.

" थैंक यू मैडम जी... ". कहते हुये डिलीवरी बॉय चलता बना.

मेघना ने दरवाज़ा बंद कर दिया, अपना तौलिया उठाया, कमरे में वापस आई, एक लंबी गहरी साँस ली, बेड पर धम्म से बैठते हुये तौलिया वहीँ पर फेंक दिया, और खिलखिलाकर हँस पड़ी.

बाथरूम का थोड़ा सा खुला हुआ दरवाज़ा अंदर से अब पूरा खुल गया और बाथरूम से अभिषेक अपने हाथ में मोबाइल लिए हँसते हँसते बाहर निकला.

" Too good बेबी... ".

अभिषेक को आते देख मेघना ने अपना तौलिया उठाकर उसके ऊपर फेंक मारा. अपने हाथ से तौलिये को वहीँ ज़मीन पर झटक कर गिराते हुये अभिषेक बेड तक आया और मेघना को गले से लगाकर उसे चूमते हुये बोला.

" लव यू यार ! ".
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07-22-2021, 12:53 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
झूठा गुस्से वाला मुँह बनाते हुये मेघना ने अभिषेक को धकेल कर खुद से अलग कर दिया और शर्माते हुये मुस्कुराकर बोली.

" धत्त... कितना Embarrassing था !!! ".

अभिषेक ने जैसे मेघना कि ये बात सुनी ही नहीं.

उसने वहीँ बिस्तर पर उसके बगल में बैठते हुये उसकी कमर से कसी हुई उसकी पैंटी के इलास्टिक को खींचते हुये पूछा.

" और ये पैंटी क्यूँ नहीं उतारकर गई थी ??? ".

" पैंटी खोलने कि बात नहीं हुई थी अभि... कुछ भी ना ??? ".

" What do you mean पैंटी खोलने कि बात नहीं हुई थी ??? ". अभिषेक ने चौंकने वाला मुँह बनाते हुये कहा. " Full naked का मतलब क्या होता है ??? ".

" अच्छा ??? तो किसी पराये मर्द को अपनी चूत भी दिखा दूँ ??? ". मेघना ने पहले गुस्से से कहा, फिर अपनी बात पर खुद ही हँस पड़ी, और बोली. " वो भी एक फ़ूड डिलीवरी बॉय को ??? ".

" Come on यार... चूत ही तो... बॉडी का एक पार्ट ! It's not a big deal बेबी ! चूत... Pussy... चूत... Pussy... तुम लड़कियां कुछ ज़्यादा नहीं करती ??? ".

" कहा ना No !!! अपनी फिलोज़फी अपने पास ही रखो... ओके ! मेरी चूत बस मेरा हस्बैंड देखेगा ! ".

मेघना कि बात पर अभिषेक हँस पड़ा, फिर उसकी बांह चूमते हुये बोला.

" नेक्स्ट टाईम प्लीज़ पैंटी भी उतार देना बेबी ! देखो... एक पैंटी कि वजह से पूरी वीडियो ख़राब हो गई !!! ".

वीडियो का नाम सुनते ही मेघना कि सारी नाराज़गी जाती रही और वो खिसक कर अभिषेक से सट कर बैठ गई, और चहकते हुये उतावली होकर बोली.

" अरे हाँ... दिखाओ वीडियो ! कैसा हुआ ? ".

ख़ुशी ख़ुशी अभिषेक ने अपने मोबइल पर एक वीडियो चला दिया, और बहुत ही उत्साहित होकर मेघना को दिखाने लगा.

वीडियो भले ही बाथरूम के थोड़े से खुले हुये दरवाजे कि फांक से चोरी छुपे बनाया गया था, पर उसमें अभी अभी कमरे में हुई सारी गतिविधि बिल्कुल साफ साफ कैद हो गई थी, यहाँ तक कि मेघना और फ़ूड डिलीवरी बॉय के बीच हुई छोटी सी अनबन तक भी.

दोनों पति पत्नि बड़े ही चाव से पास पास बैठे वो वीडियो देखते देखते उसके बारे में बातें करने लगें.

" मैं मोटी लग रही हूँ ना ??? ".

" No बेबी... ".

" हाँ... मेरी Thighs देखो ना ! और कमर ??? कैसे बोल रहे हो No बेबी ? ".

" हॉट लग रही हो यार... मोटी नहीं !... हॉट !! हॉट समझती हो ??? ".

" बेचारे का मुँह तो देखो जब मेरा तौलिया गिरा... ".

" कैसा बेचारा ??? एक चीज़ देखोगी ? ये देखो... पहले जब तुम्हारा टॉवल खुला तो उसने तुम्हें ठीक से नहीं देखा... पर जब तुम वापस रूम में आने के लिए मुड़ रही हो तो वो तुम्हें पीछे से घूर रहा है... See !!! ".

" अरे हाँ... वाकई तो ! ".

" Look... देख रही हो इसकी नज़र... लो Pause कर देता हूँ... अब देखो... तुम्हारा ये बेचारा बंदा तुम्हारी गांड़ देख रहा है... देखो देखो !!! ".

" कमीना उतना शरीफ नहीं है ! जब सामने आ रही हूँ तो कैसे आँखें नीचे कर ले रहा है ! God !!! कैसे कैसे ठरकी लोग होते हैं ना ??? ".

" चूतिया है... इतनी सेक्सी भाभी को सामने से एक बार भी ठीक से नहीं देखा...लानत है यार ! पीछे से देखकर क्या करेगा इडियट ? ".

" काम चलाने भर का नज़ारा तो देख ही लिया है हरामी ने...समझ नहीं रहे हो ? ये वाला फिर से दिखाना... ".

" अभी रेस्टोरेंट वापस पहुँचते ही बाथरूम में जाकर हिलायेगा... नहीं तो रात को घर में तुम्हारे नाम पर पक्का मूठ मारेगा साला !!! ".

मेघना और अभिषेक ठहाके मारकर हँसने लगें.

नंगे बदन बैठे अभिषेक के जांघिये में पेशाब करने के लिए बनाये गये छेद से उसका लण्ड बाहर निकल आया था, और लण्ड के सुपाड़े से पानी जैसा लसलसा सा कुछ चू रहा है. मेघना कि नज़र जब उसपर पड़ी तो उसने लण्ड के सुपाड़े को अपनी उंगलियों से ठेल कर वापस से अंडरवीयर के अंदर घुसा दिया, फिर अपना सिर अभिषेक के कंधे पर रखते हुये उसका चेहरा अपने हाथ से सहलाते हुये धीरे से बोली.

" Excited हो रहे हो ??? "

जवाब में अभिषेक ने मेघना का चेहरा अपने कंधे से उठाकर अपने हाथों में ले लिया, और उसके होंठों से अपने होंठ चिपका दियें. मुँह में मुँह डाले कुछ देर तक स्मूच करने के बाद दोनों अलग हुये.

" थैंक यू बेबी... थैंक यू सो मछ ! ". अभिषेक ने मेघना कि बांह सहलाते हुये कहा. " पैंटी वाली बात का बुरा मत मानना... यू नो आई लव यू !!! ".

" आई लव यू टू अभि ! बस मुझे थोड़ा और समय चाहिए एडजस्ट करने के लिए ! ". मेघना ने अभिषेक के गाल चूमते हुये कहा.

" Ofcourse बेबी... ".

दोनों ने फिर से एक दूसरे को स्मूच किया.

" चोदोगे ??? ". अभिषेक के होंठों से अपने होंठ अलग करते हुये मेघना ने धीरे से फुसफुसाते हुये पूछा, फिर उसके जांघिये में खड़े लण्ड से बने तंबू को आशा भरी ललचाई नज़रों से देखते हुये थोड़ी सी ऊँची आवाज़ में बोली. " Fuck me ना प्लीज्... दो दिन हो गएँ !!! ".

" आज रात... ". अभिषेक मुस्कुराते हुये धीरे से बोला. " प्रॉमिस ! ".

अपने पति का वादा अच्छे से पता था मेघना को ! वो कुछ नहीं बोली, और अभिषेक के शरीर से अलग होकर चुपचाप बैठी रही.

" रुको मैं आता हूँ... ". अभिषेक बेड पर से उठते हुये बोला. " फिर खाना खाते हैं... बहुत भूख लगी है ! ".

बिना कुछ बोले अपनी नज़रें ऊपर उठाकर अभिषेक को देखकर मेघना ने धीरे से अपना सिर हिला दिया. अभिषेक ने अपने अंडरवीयर में अपना खड़ा लण्ड एडजस्ट किया, फिर अपना मोबइल हाथ में लिए हुये बाथरूम में चला गया, और अंदर से दरवाज़ा बंद कर लिया.

अभिषेक के जाते ही मेघना ने एक ठंडी साँस भरी. फिर उसने बिस्तर के किनारे बैठे बैठे अपनी टांगें फ़ैला कर खोल ली, और सिर नीचे झुकाकर अपनी जाँघों के बीच देखा. उसकी टाइट पैंटी में एक छोटा सा गीला सा भींगा हुआ धब्बा लग गया था. अपनी बेशरमी वाली बोल्ड हरकत का वीडियो देखकर उसकी चूत से पानी रिस पड़ा था !!!

मेघना ने देखा कि उसका तौलिया सामने ज़मीन पर गिरा पड़ा था. उसने एक बार बाथरूम के बंद दरवाजे कि ओर देखा, और फिर बिस्तर के किनारे से लटक रहे चादर के एक हिस्से को हाथ में लेकर अपनी पैंटी का गीला दाग पोछने लगी !

करीब 5 - 6 मिनट बाद बाथरूम के अंदर से फ्लश करने कि आवाज़ आई तो मेघना बिस्तर का चादर ठीक ठाक करके अपनी एक टांग पर दूसरी टांग चढ़ाकर आराम से बैठ गई.

बाथरूम का दरवाज़ा खुला तो अभिषेक धीमी आवाज़ में कोई गाना गुनगुनाते हुये बाहर निकला. उसके हाथ में उसकी मोबाइल थी. मेघना कि नज़र सबसे पहले अपने पति के जाँघों के बीच गई - कुछ देर पहले उसके जांघिये में बना तंबू अब गायब हो गया था ! मेघना समझ गई कि उसका पति बाथरूम में उसकी डिलीवरी बॉय के साथ वाली हरकत कि वीडियो क्लिप देखकर माल गिरा आया है !! मेघना के लिए ये कोई नई बात नहीं थी !!!
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07-22-2021, 12:54 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" मटन मत देना मुझे, सिर्फ चिकन देना ! ". अभिषेक ने अपना जांघिया चेंज करते हुये कहा.

मेघना बिना कुछ बोले बेड पर से उठी और बाथरूम में चली गई.

" जल्दी आना... फुटबॉल मैच आने वाला है टीवी पर ! ". पीछे से अभिषेक चिल्लाया. " शैम्पू ले जाओ अगर नहाने जा रही हो तो... अंदर नहीं है ! ".

अभिषेक फिर से गाना गुनगुनाने लगा. उसने अपना मोबाइल टेबल पर रख दिया, कुछ सोचा, गाना गुनगुनाना बंद कर दिया, और बाथरूम कि ओर चल दिया. मेघना ने बाथरूम का दरवाज़ा अंदर से लॉक नहीं किया था, और थोड़ा सा खुला ही छोड़ दिया था, ज़ाहिर था कि वो नहा नहीं रही थी. अभिषेक ने खुले दरवाज़े कि फांक से अंदर झाँका.

वेस्टर्न टॉयलेट पर अपनी पैंटी सरका कर बैठी मेघना का एक हाथ उसकी जाँघों के बीच था, तो दूसरे हाथ से वो अपनी चूचियाँ मसल और दबा रही थी. उसकी बंद आँखों और चेहरे के भाव से अभिषेक समझ गया कि उसकी पत्नि आनंद के ऐसे दरिया में गोते लगा रही है जिसमें अभी कुछ देर पहले वो खुद डूबा हुआ था ! वो मन ही मन मुस्कुराया, सिर नीचे करके कुछ सोचा, एक बार फिर अंदर झाँका, और फिर वापस कमरे में आ गया !

********

अभिषेक ने अपना वादा निभाया.

रात को सोने से पहले बेडरूम में दोनों पति पत्नि ने पूरे नंगे होकर एक दूसरे कि बाहों में लेटकर फिर से मोबाइल पर वो वीडियो देखा, बार बार, और फिर जब दोनों गरम हो गएँ और अपनी उत्तेजना पर उनका और काबू ना रहा, तो अभिषेक ने मेघना को चोदा. ये बात और थी कि दस मिनट के अंदर ही अभिषेक झड़ कर शांत हो गया, हालांकि मेघना का पानी नहीं निकला, लेकिन एक अच्छी बीवी कि तरह उसने कोई शिकायत नहीं कि, आज तक कभी नहीं कि थी !

मेघना के शरीर पर चढ़ा अभिषेक लुढककर उससे अलग हो गया, और उसकी बगल में ही लेटकर हाँफने लगा. मेघना ने बिस्तर पर पड़ी चादर खींच कर अपने और अभिषेक के खाली बदन पर डाल लिया और उसके सीने पर सिर रखकर उससे लिपटकर लेट गई.

" अच्छा मेघना... एक बात बताओ. ". अभिषेक ने अपनी पत्नि के बालों में अपनी ऊँगलीयां फेरते हुये कहा. " अगर आज तुमने उस डिलीवरी बॉय को थोड़ा और Seduce किया रहता तो वो अंदर कमरे में आता ? क्या लगता है तुम्हें ??? ".

" नहीं आता... ". मेघना बुदबुदाई.

" और अगर तुमने अपनी पैंटी नहीं पहनी होती तब ??? ".

" तब तो ज़रूर आता ! ".

मेघना के साथ साथ अभिषेक भी हँस पड़ा.

" नहीं Seriously... What do you think ! ".

" अंदर रूम में ??? बिल्कुल भी नहीं आता. ". मेघना ने दोहराया.

" इतनी सुंदर भाभी अगर खुला मौका दे फिर भी नहीं ??? ".

" नहीं. क्यूंकि आजकल मस्ती मज़ा तक तो ठीक है, पर उससे ज़्यादा रिस्क कोई लेना नहीं चाहता. झूठा रेप चार्ज, मर्डर, क्या क्या नहीं हो सकता, लोग डरते हैं अगर औरत इतना ज़्यादा खुल कर सामने आ जाये तो... You know ! ". मेघना ने अपनी बात समझाते हुये कहा.

" हाँ... ये तो है. ". अभिषेक ने ठंडी साँस भरते हुये कहा. " काश उस चूतिये को पता होता कि हम तो बस थोड़ी सी Excitement भर चाहते हैं ! हमें कौन सा उसे किसी मुसीबत में डालना है, और या फिर खुद को ! ".

" मेरी जैसी सेक्सी भाभी किसी को भी इतनी आसानी से अवेलेबल हो जाये तो उसे शक तो होगा ही ना ! ". मेघना ने मुस्कुराते हुये झूठे घमंड भरे अंदाज़ में कहा.

" सेक्सी भाभी ??? सुपर सेक्सी बोलो बेबी... वो भी पूरे शहर में ! ".

" ऊपर से अगर वो अंदर आता और तुम बाथरूम से बाहर निकल आते, वो भी हाथ में मोबाइल लिए वीडियो बनाते हुये, तो बेचारे को तो हार्ट अटैक ही आ जाता शायद ! ". मेघना ने हँसते हुये कहा.

अभिषेक धीमे से मुस्कुराया, पर कुछ बोला नहीं, चुपचाप मेघना कि पीठ सहलाने लगा.

कुछ देर बाद अभिषेक को किसी गहन चिंतन में देख मेघना पूछ बैठी.

" क्या सोच रहे हो अभि ? ".

अभिषेक कुछ सोचता रहा पर जवाब नहीं दिया.

" कुछ तो है ?? क्या चल रहा है तुम्हारे दिमाग़ में ??? ".

मेघना ने बेड के पास के टेबल पर से सिगरेट का पैकेट उठाया, और उसमें से एक सिगरेट निकालकर अपने होंठों में दबाकर दूसरा अभिषेक को दिया, और लाइटर से दोनों का सिगरेट सुलगा दिया.

" बोलो ना अभि ! ". मेघना ने सिगरेट का कश लेते हुये फिर से पूछा.

" सच कहूं तो यार अब इसमें मज़ा नहीं आ रहा... ". अभिषेक बोला. " और Excitement, और Passion, और Fun चाहिये ! ".

" Yeah yeah I know ! ओके बाबा... अगली बार पैंटी भी उतार दूंगी ! ". मेघना ने हँसते हुये कहा. " डिलीवरी बॉय, दूधवाला, सब्जीवाला, मीटर रीडिंग वाला... जो भी आएगा...ओके ? एक अच्छी सी हॉट वीडियो दूंगी तुम्हें ! अब खुश ??? ".

अभिषेक ने हल्की सी बनावटी हँसी हँसते हुये मेघना को चूम लिया, पर उसका चेहरा साफ बता रहा था कि वो किसी बात को लेकर सोच में पड़ा हुआ है. उसने जल्दी जल्दी सिगरेट के कुछ कश मारे, और फिर बोला.

" मैं वीडियो से आगे कि कुछ करने कि सोच रहा था... You know... कुछ नया ! ".

मेघना ने सिर घुमाकर अभिषेक को सवालिया नज़रों से देखा, तो अभिषेक समझ गया कि उसकी पत्नि शायद अंदाजा लगा चुकी है कि वो किस उधेड़बुन में है. उसने मेघना से नज़रें चुराते हुये कहा .

" Yes बेबी ! मुझे बहुत अच्छा लगेगा अगर तुम किसी और के साथ सेक्स करो ! ".

मेघना चुपचाप अभिषेक के चेहरे पर नज़रें गड़ाये उसे देखती रही, थोड़ी देर कि चुप्पी के बाद जब अभिषेक को अपनी पत्नि कि ओर से कोई प्रतिक्रिया आती नहीं दिखी, तो इस बार उसने अपना चेहरा उसकी ओर घुमाकर उसकी आँखों में आँखे डालकर पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा.

" वो भी मेरे सामने !!! ".

लेकिन मेघना कि चुप्पी देखकर अभिषेक समझ गया कि उसने अपनी पत्नि से शायद कुछ गलत बात कह दी है जो कि उसके दिल पर जा लगी है, उसने तुरंत अपनी आँखें नीची कर ली, और मुँह घुमाकर सिगरेट पीने लगा.
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07-22-2021, 12:54 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
मेघना कि उंगलियों के बीच दबी उसकी सिगरेट धुआँ बनती रही. अभिषेक के चेहरे से अपनी नज़रें हटाए बिना वो कुछ देर तक बुत बनी बैठी रही, और फिर ज़ोर से हँस पड़ी.

मेघना को हँसते हुये देख अभिषेक कि जान में जान आई, और उसने मेघना को अपनी बांहों में भरकर कहा.

" I mean... मैं सिर्फ सोच रहा है... Just a fantasy ! ".

अचानक से हँसी आ जाने कि वजह से मेघना खांसने लगी. उसने अपनी बाकि कि बची अधजली सिगरेट टेबल पर पड़े ऐशट्रे में हाथ बढाकर बुझाते हुये पूछा.

" सिर्फ Fantasy ??? ".

अभिषेक ने अपनी सिगरेट के अंतिम के दो तीन लंबे कश लिए और मेघना को दे दिया. मेघना ने उसकी सिगरेट भी ऐशट्रे में फेंक दी, और फिर वापस से उसके पास आकर उससे चिपककर उसके सीने पर हाथ फेरते हुये पूछा.

" या फिर तुम सचमुच में चाहते हो कि मुझे कोई और चोदे ??? ".

मेघना को खुद पता नहीं था कि उसके मुँह से ये बात कैसे निकली. लेकिन उसकी चूत पनिया गई थी, जिससे उसने इतना तो समझ ही लिया था कि ये आईडिया गंदा, घटिया और घिनौना होने के बावजूद भी किसी ना किसी अनदेखी वजह से उसे उत्तेजित तो कर ही रहा था !!!

" मुझे अजनबी लोगों के सामने नंगा करके तो तुम्हें अच्छा लगता है, वो ठीक समझ में आया ... ". मेघना धीमी आवाज़ में बोली. " पर जब कोई गैर मर्द मेरे नंगे शरीर को छुएगा, तब क्या तुम्हें जलन नहीं होगी अभि ??? ".

" जलन ??? क्यूँ ? ". अभिषेक ने आश्चर्य से पूछा.

" मैं तुम्हारी वाइफ हूँ... ".

" Exactly !!! तुम मेरी बीवी हो ! ".

" मतलब ? ".

" मतलब ये कि हमारा ये रिलेशन तो कोई चेंज नहीं कर सकता ना. हमारा प्यार एक सीमा तक जाकर थम गया है, ये और कम तो नहीं हो सकता, हाँ... बढ़ ज़रूर सकता है. तुम चाहे किसी के साथ भी सेक्स करो, रहोगी तो मेरी ही वाइफ ना ? ".

" तुम उसकी वीडियो भी बनाओगे ? ".

" May be... may be not. सिचुएशन पर डिपेंड करता है ! I mean... अगर उस बंदे को कोई ऐतराज़ ना हो तो शायद वीडियो कि सोच सकता हूँ. ".

" और कैसे देखना चाहते हो मुझे... एक आदमी के साथ या गैंगबैंग टाइप ??? ".

" सिंगल वाला ही पहले एक्सपेरिमेंट करके देखते हैं, आगे देखा जायेगा ! ".

मेघना कुछ नहीं बोली और अभिषेक को देखकर मुस्कुराने लगी.

" यानि कि तुम राज़ी हो ??? ". आश्चर्य मिश्रित ख़ुशी के साथ अभिषेक ने कहा, और उठकर बैठ गया.

" Ofcourse not !!! ". मेघना आराम से बोली.

" What ? ".

" No... मतलब नहीं ! छी... ". मेघना हँसने लगी.

" माने कि तुम मज़ाक कर रही थी ??? ". अभिषेक का चेहरा ऐसे उतर गया मानो कि उसे किसी ने उसका फेवरेट खिलौना हाथ में देकर वापस से तुरंत ही छीन लिया हो.

" और नहीं तो क्या ? ". मेघना ने मुस्कुराते हुये अभिषेक को वापस से बिस्तर पर खींचते हुये कहा. " बस तुम्हें ऐसे ही छेड़ रही थी... देखो अपना चेहरा ! ".

" This is not fair मेघना... मैं तुमसे सीरियस बात कर रहा था ना ! ". गुस्से से अभिषेक ने चादर टान कर ओढ़ ली और दूसरी ओर करवट बदल कर लेट गया.

" ऐसा तो मत करो... मैं अब तुम्हें थोड़ा तंग भी ना करूँ ? ". अभिषेक के ख़राब हुये मूड पर मेघना को हँसी तो आ रही थी, मगर उसके गुस्से को देखकर उसने अपनी हँसी मुँह में ही दबा ली और उसका कन्धा पकड़कर उसका शरीर अपनी ओर घुमाने कि कोशिश करने लगी.

मेघना कि थोड़ी कोशिशों के बाद अभिषेक उसकी ओर मुड़ तो गया लेकिन उसका मुँह अभी भी बना हुआ था.

" तुम तो जानते हो अभि, कि मुझे अजनबीयों को अपना बदन दिखाकर टीज़ करना पसंद है... ". मेघना ने थोड़ा सा गंभीर होकर कहा. " पर उससे ज़्यादा कुछ नहीं ! वो सब मत करो... प्लीज् ! ".

अभिषेक चुप्पी साधे रहा.

" किसी और के साथ कैसे करुँगी... बोलो ??? ".

अभिषेक कुछ नहीं बोला, तो फिर मेघना भी चुप हो गई.

कुछ देर बाद अभिषेक ने मेघना का हाथ अपने हाथ में लेकर चूमा, और आशा भरी नज़रों से उसे निहारते हुये पूछा.

" कोई चांस नहीं ??? ".

जवाब में मेघना ने मुस्कुराते हुये धीरे से ना में सिर हिला दिया.

अभिषेक ने कुछ नहीं कहा. उसकी उदासी मेघना को खटक रही थी, वो जब चुप हो जाता था, नाराज़ हो जाता था, या फिर यहाँ तक कि थोड़ा सा भी गंभीर हो जाता था, तो मेघना का भी मन ख़राब होने लगता था. सो मेघना ने बातों कि दिशा बदलने के लिए पुराने टॉपिक को फिर से छेड़ा, और चहकते हुये बोली.

" लेकिन इस बार पक्का ! जो भी खुशनसीब बंदा अगली बार हमारे दरवाज़े पर आएगा, उसे सब कुछ दिखा दूंगी... I swear !! पैंटी में बात अलग होती है, इस बार मुझे भी देखना है कि मुझे पूरा नंगा देखकर उस आदमी का रिएक्शन कैसा होगा... I mean पूरा नंगा मतलब पूरा नंगा... Full nude !!! "

अभिषेक अपनी पत्नि कि एक एक रग से वाकिफ़ था, उसे पता था कि वो उसकी एक ख़ुशी छीन कर उसे दूसरी ख़ुशी देकर उसका अभी भर के लिए बस मन बहलाना चाहती थी.

लेकिन मेघना तो असलियत में इस बार ऐसा ही करना चाहती थी - बिना ब्रा और पैंटी के किसी अजनबी के सामने जाकर उसे टीज़ करना. जैसा कि उसने कहा था कि उसे अनजान लोगों को इस तरह से टीज़ करना पसंद था, इसलिए नहीं कि वो आदमी उसे नंगा देखे, बल्कि इस चरम अनुभूति के लिए कि उसे सामने नंगा पाकर भी वो आदमी कितना बेबस होगा कि कुछ कर ना सके, बस देख सके, निहार सके, वो भी चोरी छुपे, डर डर कर, और सिर्फ दुआ करे कि वो थोड़ी सी रहम खाकर उसे घर के अंदर बुला ले और बात आगे बढे ! पर मेघना ऐसा करेगी बिल्कुल नहीं, कण्ट्रोल कि यही अनुभूति ना सिर्फ मेघना को, बल्कि अभिषेक को भी उस घड़ी उत्तेजित करने का काम करती थी जब ये सारा कुछ हो रहा हो !!!

पानी कि तरह पतले लेकिन लस्सेदार रस से मेघना कि दोनों जाँघों के अंदरूनी भाग गीले होकर चट चट करने लगें थें. उसने अपना नरम पेट अभिषेक कि कमर से सटा दिया और चादर के अंदर हाथ डालकर उसके अंडकोष अपनी मुट्ठी में भरकर आहिस्ते से दबाते हुये बोली.

" Grand Peak Hotel वाली वीडियो चलाओ ना, देखते हैं थोड़ा. मुझे सबसे ज़्यादा पसंद है वो घटना... तुम्हारा भी तो फेवरेट है ना ! ".

" अब कल... ". अभिषेक ने बेमन से कहा. " अब सो जाओ... बहुत रात हो चली है ! ".

अभिषेक के अंडकोष छोड़ अब उसके ढीले पड़े लण्ड को सहलाते हुये मेघना उसके सीने को चूमते हुये मासूमियत के साथ ज़िद करती हुई बोली.

" और नहीं चोदोगे ? प्लीज् यार... एक बार और करो ना ! आजकल कितना कम कम चोद रहे हो !!! "

अभिषेक को भी मेघना को नाराज़ करना अच्छा नहीं लगता था, सच में वो उससे बेइंतहा प्यार करता था. उसने हँसते हुये मेघना का सिर चूमा, और बोला.

" एक हफ्ते भर हैं हमारे पास, सो जाओ... सुबह उठकर सामान वगैरह पैक करने शुरू करना होगा कल से ! ".

अभिषेक के सीने पर से अपना मुँह उठाते हुये उसे अवाक नज़रों से देखने लगी मेघना.

" गुलमोहर रोड वाले इलाके में मैंने एक बड़ा सा घर लिया है... ऑफिस भी वहाँ से नज़दीक पड़ेगा ! ".

" और ये तुम मुझे कब बताने वाले थे ??? ". मेघना अपनी कोहनी के बल उठते हुये बोली.

" नये घर में शिफ्ट करने के एक दिन पहले ! ". अभिषेक ने मुस्कुराते हुये कहा. " पर आज ही मुँह से गलती से निकल गया ! सरप्राइज देना चाहता था तुम्हें... ".

" कैसा है ? बड़ा है ?? ". मेघना ने खुश होते हुये पूछा.

" बहुत... इस घर से तो बहुत ही बड़ा ! ".

" और किराया ? ".

" Come on यार... अपने हस्बैंड को क्या समझ रखी हो तुम ? वो घर अपना है... खरीद लिया है मैंने ! ".

अपनी अपार ख़ुशी कैसे व्यक्त करे, समझ में ना आया तो मेघना ने अभिषेक के ऊपर लगभग गिरते हुये उसे गले से लगा लिया.

" I am so happy अभि !!! ".

अभिषेक ने मेघना को अपनी बांहों में भरे रखा, और बोला.

" नई जगह, नया घर... क्या पता कौन सी नई Opportunity सामने आ जाये. और शायद तुम्हारा फैसला भी बदल जाये ! ".

" वो तो होने से रहा... ". मेघना अपने पति के शरीर से अलग होते हुये बोली. " गुड नाईट ! ".

" लव यू बेबी... गुड नाईट ! ".

अभिषेक करवट बदल कर सो गया तो कुछ देर बाद मेघना ने अपने तकिये के पास रखा अपना मोबाइल उठा लिया. उसने पलट कर एक बार अभिषेक को देखा, जो कि बेसुध हुआ सोया पड़ा था, वो हल्के से मुस्कुराई, फिर अपने बाएं हाथ में मोबाइल पकड़े उसे अपने सीने पर रखे, अपनी ही एक वीडियो चला ली - Grand Peak Hotel वाली वीडियो, जिसके बारे में अभी कुछ देर पहले वो बात कर रही थी - और अपना दायां हाथ चादर के अंदर अपने पेट से सरकाते हुये अपनी जाँघों के बीच डाल ली !

मोबाइल स्क्रीन पर चल रहे वीडियो कि रौशनी में उसकी आँखें धीरे धीरे बड़ी होने लगीं !!!
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07-22-2021, 12:54 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
EPISODE 2
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" ये सब ज़रूरी है क्या अभि ??? ".

" अरे... क्या हो गया ? ".

" छोड़ो ना... मुझे बहुत अजीब लग रहा है ! "

" कपड़े उतारने में अजीब लग रहा है ? ये पहली बार तो है नहीं मेघना... ".

" कपड़े उतारने में नहीं बाबा ! लेकिन ये सब... ".

" हम इसके बारे में डिसकस कर चुके थें बेबी... प्लीज् यार... क्या कर रही हो ? ".

मेघना चुप हो गई.

" बॉडी आर्ट बहुत कॉमन है आजकल. It's your body... अपने शरीर कि सजावट में शर्म कैसी ??? ".

" मुझे ये Tattoo वगैरह पसंद नहीं अभि... ".

" Tattoo कहाँ है बेबी ? ".

" हाँ वही...जो भी ! ".

" चलो भी यार... इतनी मिन्नतें तो मत करवाओ ! ".

" My God अभि...तुम भी ना कभी कभी कैसे हो जाते हो ! You are so irritating sometimes !! ".

" Don't do this बेबी... चलो... आओ ! ".

मेघना जानती थी कि अभिषेक उसे किसी ना किसी तरह मना ही लेगा, हर बार ऐसा ही होता है.

मेघना का हठ और विरोध कमज़ोर पड़ता देख अभिषेक ने उसके कंधे पर हाथ रखा और उसे बेडरूम से बाहर ले जाने लगा.

अभिषेक अपनी पत्नि को एक दूसरे बड़े से फर्नीश्ड रूम में लेकर आया तो मेघना ने देखा कि वहाँ सोफे पर पहले से ही एक लड़का साधारण से पैंट कमीज़ में बैठा हुआ था. दोनों को अंदर कमरे में आते देख वो लड़का उठ खड़ा हुआ.

" आपने अपना नाम क्या बताया भाई साहब ? ". अभिषेक ने पूछा.

" रमेश... ". लड़के ने कहा.

अभिषेक ने उस लड़के कि ओर दिखाते हुये मेघना से कहा.

" बेबी... ये रमेश भाई हैं. Henna Art के एक्सपर्ट हैं. शादी सगाई वगैरह में तो इनकी बहुत डिमांड है ही , प्राइवेट में भी ये काम करतें हैं... Erotic Mehendi Artist के रूप में ! ".

मेघना ने सिर हिलाया और एक नज़र उस लड़के को देखा पर कुछ बोली नहीं.

" आपकी भाभी जी थोड़ी शर्मीली हैं. पहली बार भी है ना ! ". अभिषेक मुस्कुराकर उस लड़के से बोला.

" हमारा यही काम है भाभी जी, आप घबराईये नहीं ! ". रमेश ने कहा, फिर अभिषेक कि ओर देखकर पूछा. " कहाँ कहाँ मेहंदी लगानी है सर जी ? ".

" भाभी जी कि चूत पर और... ".

अभिषेक अपना वाक्य पूरा करने ही वाला था कि मेघना ने आश्चर्य से अपनी आँखें बड़ी बड़ी करके उसे देखा और अपमानित महसूस करने वाली आवाज़ में गुस्से से उसे टोका.

" अभि !!! ".

" It's okay बेबी... ". अभिषेक हल्के से हँसते हुये बोला, फिर रमेश से कहा. " मैंने कहा था ना भाई साहब, आपकी भाभी थोड़ी लजालू है ! ".

वो लड़का कुछ नहीं बोला.

" वैसे आप कहाँ से हो भाई साहब ? ".

" यूपी... ". लड़के ने बताया.

" यूपी... अच्छा. वहाँ आपलोग चूत ही बोलते हो ना ? कि कुछ अलग बोलते हो ?? ".

" हाँ सर जी... ". रमेश ने दो टूक जवाब दिया और सोफे पर रखा अपना एक छोटा सा झोला उठाकर उसमें से अपने सामान निकालने लगा.

" देखा बेबी... सब यही बोलते हैं. ये कोई ख़राब शब्द नहीं है ! रिलैक्स... ".

मेघना अभी भी अपने पति को गुस्से से घूर रही थी, और फिर एक ठंडी साँस लेकर अपनी आँखें फेर ली, जैसे कि उसे पता हो कि उसका पति सुधरने वाला नहीं !
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07-22-2021, 12:56 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
झोले से अपने ज़रूरत का सारा सामान निकालकर रमेश ने पलंग पर रख दिया और अभिषेक से कहा.

" चादर थोड़ी गंदी हो जाएगी सर जी... आप देख लो ! ".

" कोई बात नहीं भाई साहब... ". अभिषेक हाथ हिलाकर बोला, फिर मेघना को शांत देख उसके पास जाकर धीमी आवाज़ में उससे कहा. " अपना मूड ख़राब मत करो बेबी... प्लीज् ! ".

" I'm okay... ". मेघना ने नज़रें उठाकर अभिषेक को देखा और मुस्कुरा दी. अभिषेक उसे चाहे जितना भी तंग करे, नाराज़ करे, वो अगर बाद में उससे दो मीठे बोल बोल देता था, तो मेघना का सारा गुस्सा जाता रहता था.

" आइये भाभी जी... ". पलंग पर चढ़कर बैठते हुये रमेश ने कहा.

मेघना ने अपने गाउन का फीता खोला, अभिषेक को एक बार लाज भरी दबी दबी सी मुस्कुराहट के साथ देखा, फिर गाउन को अपने कंधो से उतारकर अपनी पीठ से सरकाते हुये अपने शरीर से निकाल दिया. अभिषेक ने तुरंत आगे बढ़कर उसका गाउन अपने हाथों में ले लिया, और उसे पास पड़ी एक कुर्सी पर फेंक दिया.

अपने बदन से गाउन के उतरते ही मेघना ने झट से सबसे पहले अपने दाएं हाथ से अपनी नंगी चूत को ढंक लिया, मगर अपनी चूचियों को खुला ही छोड़ दिया. वो पहले से तैयार होकर आई थी, गाउन के अंदर उसने कुछ भी नहीं पहना था !

टूटे आत्मविश्वास से डगमगाते भारी कदमो के साथ मेघना पलंग कि ओर बढ़ी, एक बार मुड़कर अपने पति को उलझन भरी नज़रों से देखा, उसका हौसला बढ़ाने के लिए अभिषेक ने मुस्कुराकर अपना सिर हिला दिया, और मेघना पलंग पर चढ़ गई.

रमेश ने मुड़कर अभिषेक को देखा तो अभिषेक उसका ध्येय समझ गया कि वो पूछना चाहता है कि मेहंदी बदन के किस किस हिस्से पर लगानी है.

" हाँ तो रमेश भाई, आप एक काम करो... भाभी जी कि... ". अभिषेक ने कहना शुरू किया, फिर रुककर मेघना का चेहरा देखा, और संभलकर बोला. " भाभी जी कि वहाँ पर लगा दो, समझ रहे हो ना, और... और फिर नाभी में एक डिज़ाइन बनाओ, दोनों बूब्स पर बनाओ और फिर पीछे... मतलब... वो गांड़ पर ! हाथ कि कलाईयों पर, पैरों पर, पीठ पर, गर्दन पर तो रहेगा ही... पूरा सजाना है... ठीक है ? ".

रमेश ने धीरे से अपना सिर हिला दिया और एक बड़ी सी एल्बम अभिषेक कि ओर बढ़ाते हुये कहा.

" क्या डिज़ाइन रहेगा... आप चूज़ करके बताइये यहाँ से. ".

" मैं क्या देखूँ मेरे भाई ? भाभी जी को दिखाओ ना... मार खिलवाओगे क्या यार ? ".

" लीजिये भाभी जी... हर बॉडी पार्ट के लिए इसमें डिज़ाइन है... बोलिये जो जैसा चाहिए ! ".

मेघना बेड पर अच्छे से पालथी मार कर बैठ गई. गदराई जाँघों के बीच उसकी दाएं हाथ कि हथेली कि लंबी गोरी उंगलियों ने अभी भी एक स्त्री के शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग को छुपा रखा था ! बाएँ हाथ में मेहंदी डिज़ाइन का एल्बम अपने घुटने पर रखकर थामे, वो तस्वीरों के पन्ने पलटने लगी. कुछ देर बाद उसने एल्बम बंद कर दी और परेशान सा मुँह बनाकर अभिषेक से बोली.

" एक से एक डिज़ाइन है यहाँ तो... पर बहुत Confusing है... कैसे चूज़ करूँ ??? ".

" आप टाइम लेकर देखिये भाभी जी... कोई बात नहीं. ". अभिषेक के जवाब देने से पहले ही मेहंदी आर्टिस्ट बोल पड़ा.

" अभि !!! कैसे ??? ". मेघना ने क्यूट सी रोनी सूरत बनाकर अभिषेक को देखा तो अभिषेक आकर पलंग पर बैठ गया, और उसके हाथ से एल्बम ले लिया. उसने एल्बम उलट पलट कर कुछ तस्वीरें देखीं, फिर उसे बिस्तर पर रखते हुये मेहंदी आर्टिस्ट से कहा.

" मेरे भाई... इतने सारे डिज़ाइन हैं, कैसे सेलेक्ट करें ? आप ऐसा करो, आपको तो एक्सपीरियंस है ना, अपने अनुसार भाभी जी पर जो भी हॉट सेक्सी लगे, आप बना दो, मुझे बनाने से पहले डिज़ाइन एक बार बस दिखा लो... समझ गये ! "

मेहंदी आर्टिस्ट ने बात समझ में आ जाने कि हामी भरी, एल्बम अपने बगल में रख लिया, और अपने सामान रेडी करते हुये बोला.

" लेट जाइये भाभी जी... ".

मेघना ने एक बार उस लड़के को देखा, फिर पास बैठे अपने पति को, अभिषेक झट से बेड पर से उठा और बिस्तर पर पड़ा तकिया अपनी पत्नि के लेटने के लिए ठीक कर दिया, तो मेघना बिस्तर पर पीठ के बल लेट गई. लेटते वक़्त उसने पूरी सावधानी बरती कि कहीं उसकी चूत दिख ना जाये.

थोड़ी सी सहमी घबराई हुई सी मेघना कि चूत को अभी तक छुपाये उसकी हथेली पर जब रमेश कि नज़र पड़ी तो उसने अभिषेक से एक तौलिया मांगा. अभिषेक से तौलिया लेकर उसने मेघना कि हथेली के ऊपर से उसकी जाँघों पर डाल कर उसकी चूत को ढंक दिया, और उससे बोला.

" कोई बात नहीं भाभी जी... आप आराम से लेटीये... हमारा तो यही काम है ! ".

मेघना ने बिना कुछ बोले तौलिये के अंदर से अपनी चूत पर से हाथ हटा लिया. तौलिये से चूत ढंक जाने कि वजह से अब वो काफ़ी सहज महसूस कर रही थी. उसने अपनी गर्दन ऊपर उठाकर अभिषेक को देखा, अभिषेक मुस्कुराया तो वो भी मुस्कुरा दी.

मेहंदी आर्टिस्ट ने मेहंदी के Tube और Cone तैयार कर लिए.

" पहले भाभी जी कि बूब्स पर डिज़ाइन कर लेते हैं... ". मेहंदी आर्टिस्ट ने एल्बम से अपने चुने हुये कुछ डिज़ाइन अभिषेक को दिखाए. " मेरे खयाल से इनमें से कोई एक अच्छा लगेगा भाभी जी पर... कौन सा सर जी देखिये ? ".

" ये वाला करो... यही अच्छा रहेगा. ये ठीक है तो ? ". अभिषेक ने डिज़ाइन सेलेक्ट करके कहा.

अभिषेक कि चुनिंदा डिज़ाइन जब मेहंदी आर्टिस्ट ने बनानी शुरू कि तो अभिषेक तेज़ी से दौड़कर कमरे से बाहर चला गया, और जब वापस कमरे में आया तो उसके हाथ में एक हैंडीकैम था.

" कोई दिक्कत नहीं तो भाई साहब ??? ". अभिषेक ने हैंडीकैम का लेंस ठीक करते हुये बस औपचारिकता के नाते पूछा, जैसे कि उसे अपनी इस सवाल का जवाब नहीं चाहिए हो !

मेहंदी आर्टिस्ट हल्के से मुस्कुराया, जैसे कि अपने क्लाइंट्स कि ऐसी उलजलूल हरकतों से वो रोज़ ही मुख़ातिब होता हो, और मेघना कि चूची को बिना छुए उसपर Tube से मेहंदी कि पतली धार गारते हुये अभिषेक कि ओर बिना देखे हुये ही बोला.
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07-22-2021, 12:56 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" सारे Couples करते हैं सर जी... हमें आदत है ! ". फिर थोड़ा सा रुककर कहा. " बस देखिये कि वीडियो में मेरा चेहरा ना आये तो अच्छा रहेगा ! ".

" फ़िक्र क्यूँ करते हो यार... ". अभिषेक ने वीडियो बनाना चालू करते हुये कहा. " ये हमारी Private Viewing के लिए है. हमें कौन सा इसे फेसबुक और इंस्टाग्राम पर डालना है ! ".

" अपनी प्राइवेट वीडियो इंटरनेट पर डालता कोई नहीं सर जी... ". मेहंदी आर्टिस्ट धीरे से हँसकर बोला. " लीक हो जाता है ! ".

अभिषेक को मेहंदी आर्टिस्ट कि बकवास में कोई दिलचस्पी नहीं थी, वो उसकी बात अनसुनी कर खड़े खड़े पूरे कमरे में घूम घूम कर अलग अलग एंगल से वीडियो बनाने लगा.

मेघना को कोई अचंभा नहीं हुआ, उसे पता था कि उसका पति इस Erotic Henna Art कि वीडियो बनाएगा ही बनाएगा, इनफैक्ट, अभिषेक ने इसी खास अवसर के लिए दो दिनों पहले ही ये महँगा हैंडीकैम ख़रीदा था. एक हफ्ते ही हुये थें दोनों पति पत्नि को अपने इस नये घर में आये हुये, और तभी से अभिषेक ने मेघना को अपने शरीर पर मेहंदी आर्ट करवाने कि ज़िद लगा रखी थी. शुरू शुरू में तो मेघना इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हुई, उसे किसी अनजान मेहंदी वाले के सामने यूँ घंटों नंगे पड़े रहना गंवारा ना था, नये नये घर में आते ही अभिषेक को नई नई ठरक जागी है ऐसा मज़ाक मज़ाक में बोलकर मेघना ने टालमटोल करने कि भरसक कोशिश भी कि, पर अभिषेक ना माना ! फिर बाद में अभिषेक के लाड प्यार और चिकनी चुपड़ी बातों से वो किसी तरह राज़ी हुई. और अब जब अभिषेक उसकी कामुक मेहंदी रचाई कि वीडियो बना रहा था, तो वो एकदम ही सहज़ और नार्मल थी. मेहंदी भले ही वो आधे अधूरे मन से लगवा रही थी, पर ना जाने क्यूँ उसकी वीडियो देखने के लिए वो मन ही मन अभी से ही उतावली हुई जा रही थी !

अपने पति को एक अच्छा सा वीडियो देने के लिए खुलकर हँसती, मुस्कुराती, आँख मारती, लिप किस देती, मेघना बीच बीच में तकिये पर से अपना सिर उठा उठाकर अपनी चूचियों पर मेहंदी कि कारीगरी भी देखती रही. उसे एक बात बढियाँ लगी कि मेहंदी लगाने के दौरान उस लड़के ने उसके बदन को छुआ तक नहीं था, और तो और, वो अपने काम में इतना मसगुल था कि ऐसा लग रहा था कि उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा हो कि उसके सामने एक सुंदर विवाहिता लड़की नंगी लेटी पड़ी है ! इतना तो तय था कि उसे इन सबकी आदत हो रखी थी, यही उसका काम, उसकी रोज़ी रोटी जो थी, और मेघना के लिए भले ही ये पहला अनुभव हो, लेकिन वो मेहंदी आर्टिस्ट तो ना जाने कितनी फीमेल क्लायंट्स के साथ ऐसे प्रोफेशनल सेशन्स से रोज़ाना गुजरता होगा !

पर अभिषेक के साथ ऐसा नहीं था, हमेशा कि तरह अपनी पत्नि कि वीडियो बनाते बनाते वो अब आहिस्ते आहिस्ते उत्तेजित होने लगा था !!!

अपने होंठों को अपने दाँतों के बीच दबाकर मेघना अपनी हँसी रोकने में कामयाब हुई, जब उसने देखा कि मेहंदी आर्टिस्ट के पीठ पीछे खड़े अभिषेक के बारमुडा पैंट में उसका लण्ड ठनका हुआ साफ पता चल रहा है. मेहंदी आर्टिस्ट पूरी तरह से अपने काम में डूबा, ध्यान लगाए, बारीक़ी के साथ मेघना कि चूचियाँ मेहंदी से सजाने में व्यस्त था, और इस बात का अभिषेक ने पूरा फायदा उठाया !

एक हाथ में हैंडीकैम थामे दूसरे हाथ से अभिषेक अपना खड़ा लण्ड पैंट के ऊपर ऊपर से रगड़ने लगा, और फिर पैंट थोड़ा सा नीचे सरका कर आधा लण्ड बाहर निकालकर धीरे धीरे मसलने लगा. मेघना को तो विश्वास ही नहीं हुआ कि वो क्या देख रही है !!! मुँह में हँसी दबाये अपनी बड़ी बड़ी आँखें नचाते हुये उसने अभिषेक को इशारा करके रोकने कि कोशिश कि, ताकि वो मेहंदी आर्टिस्ट कहीं उसे ये घिनौनी हरकत करते देख ना ले, मतलब कि घिनौनी हरकत उस मेहंदी आर्टिस्ट के लिए... अभिषेक के लिए तो ये एक स्वाभाविक सी बात थी, और कुछ हद तक मेघना के लिए भी !!!

अभिषेक ने मेघना का संकेत तो समझा, पर उसकी बात मानी नहीं, हैंडीकैम से कभी वो अपना पैंट से बाहर झाँकता खड़ा लण्ड रिकॉर्ड करता तो कभी बिस्तर पर लेटी अपनी पत्नि का नंगा बदन ! मेघना को पता था कि ये शायद उन दोनों कि Fantasy का अब तक का सबसे ज़्यादा गरम वीडियो बनने वाला था , लेकिन उसे डर भी लग रहा था कि कहीं उन दोनों को इस बोल्ड हरकत के लिए उस अनजान मेहंदी वाले लड़के के सामने शर्मिंदगी ना उठानी पड़ जाये !

मेघना को देखकर अभिषेक मुस्कुराया, और अब लण्ड अपने पैंट से थोड़ा और बाहर खींचकर निकाल लिया और अच्छे से मूठ मारने लगा. अपने पति के खड़े लण्ड कि हालत देखकर मेघना को डर था कि अगर उसने अपने लण्ड के साथ अभी के अभी खेलना नहीं छोड़ा, तो जल्दी ही वहीँ खड़े खड़े उसका वीर्य निकल जायेगा ! उसने फिर से उसे इशारे करके ये सब बंद करने को कहा, लेकिन जब अभिषेक अपना मूठ मारना हैंडीकैम से रिकॉर्ड करने लगा, तो मेघना समझ गई कि वो रुकना चाहता ही नहीं था - वो अब झड़ना चाहता था !

पलंग पर एक गैर मर्द के सामने नग्नावस्था में पड़े पड़े सामने अपने पति को इस बात से उत्तेजित होकर माल गिराते हुये देखने से ज़्यादा रोमांचक मेघना के लिए और क्या हो सकता था !!! मेघना को अपने पति को झड़ते हुये भी देखना था और वो डर भी रही थी. असमंजस में पड़ी मेघना अपने दोनों पैरों कि उंगलियों को आपस में उलझाकर कुरेदने लगी. उसकी चाहत पर आखिरकार उसका डर हावी हो ही गया, उसे जैसे अभी अभी होश आया हो - अभिषेक ये अच्छा नहीं कर रहा है , इतना रिस्क लेना दोनों इज़्ज़तदार पति पत्नि के लिए ठीक नहीं है !

उसने इस बार सख़्ती के साथ गुस्से से अभिषेक को आँखे दिखाकर रुकने का इशारा किया !!!

और ठीक तभी मेहंदी आर्टिस्ट अपनी गर्दन पीछे घुमाकर अभिषेक से बोला.

" बूब्स का हो गया... भाभी जी कि नाभी का डिज़ाइन भी बता दीजिये सर जी !!! ".
Reply
07-22-2021, 12:57 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
इससे पहले कि मेहंदी आर्टिस्ट कुछ देख पाता, ठीक ऐन वक़्त पर अभिषेक ने अपना खड़ा लण्ड वापस से अपनी बारमुडा पैंट में ठूस लिया था ! बस दिक्कत ये हो गई थी कि उसने जोश में आकर अपने लण्ड को कुछ ज़्यादा ही रगड़ मसल दिया था - नतीजन, उसका लण्ड पैंट में ही पिचकारी पर पिचकारी छोड़ने लगा !!!

बड़ी ही चालाकी के साथ अभिषेक थोड़ा सा पीछे घूम गया ताकि उसका गीला हो रहा पैंट वो मेहंदी आर्टिस्ट देख ना सके, और झूठमूठ का हैंडीकैम इधर उधर करते हुये ज़ोर से बोला.

" अरे यार... बैटरी ख़त्म हो गई ! ".

मेघना खुद को अब और रोक नहीं पाई, और खिलखिलाकर हँस पड़ी. अपने पति के हावभाव देखकर वो समझ गई थी कि उसका पैंट में शीघ्रपतन हो चुका है. मेहंदी आर्टिस्ट को कोई शक नहीं हुआ, मेघना के अचानक से हँस पड़ने से उसे लगा कि हैंडीकैम कि बैटरी ख़त्म हो जाने वाली बात पर ही वो हँस रही होगी. वो चुपचाप मेहंदी वाली एल्बम में अगली डिज़ाइन खोजने लगा.

अभिषेक कि पैंट से चू कर थोड़ा सा वीर्य नीचे ज़मीन पर गिर गया था, उसने चुपचाप से अपने पैर से घिस घिस कर चिपचिपा वीर्य ज़मीन पर फ़ैला फ़ैला कर पोछ दिया ! पैंट से रिस रिस कर और वीर्य नीचे ना टपके, इसलिए उसने अपने झड़ते हुये लण्ड को पैंट के ऊपर से ही अपनी मुट्ठी में दबा लिया, और मेहंदी आर्टिस्ट से नज़र बचाते हुये कमरे से बाहर चला गया, और जाते जाते पीछे झूठमूठ का बोल गया.

" मैं नई बैटरी लगाकर अभी आया भाई... ज़रा रुको ! ".

कुछ देर बाद अभिषेक अपना पैंट बदलकर पजामा पहने वापस से कमरे में आया तो मेघना फिर से हँसने लगी.

" Come on यार... इसमें हँसने कि क्या बात है ? ". अभिषेक ने चिढ़ते हुये कहा. " बैटरी ख़त्म हो ही सकती है... मैंने चेक नहीं किया था कि पुरानी बैटरी ही लगी हुई है ! ".

" Yeah yeah I know... ". मेघना अपनी हँसी दबाकर आँख मारते हुये बोली.

बहरहाल, दोनों पति पत्नि बहुत खुश थें कि मेहंदी आर्टिस्ट कुछ समझ नहीं पाया था !

मेघना कि नाभी के लिए एक अच्छी सी डिज़ाइन का चयन करके अभिषेक फिर से वीडियो बनाने में व्यस्त हो गया. एक बार वीर्यपात हो जाने के कारण उसकी उत्तेजना एकदम से जाती रही, वो काफ़ी हल्का महसूस कर रहा था, जिसकी वजह से अब वो वीडियो बनाने में पूरी तरह से मन लगा सकता था, ये ज़रूरी भी था, क्यूंकि ये वीडियो आने वाले कई दिनों और महीनों तक दोनों कि Fantasy को पूरा करने में कारगर साबित होने वाला था, इसलिए इनकी इस प्राइवेट वीडियो का शूट बेहतर से बेहतरीन होना आवश्यक था, इस बात से अभिषेक जितना वाकिफ़ था, उतनी ही मेघना भी !

नाभी का डिज़ाइन पूरा होते होते अच्छा खासा समय बीत चुका था. एक ही जगह पीठ के बल लेटे लेटे मेघना का पूरा बदन अकड़ गया था और पैरों में झुनझुनी होने लगी थी.

" अभि... मुझे बाथरूम जाना है ! ". मेघना ने अपने पति से कहा और उठकर बैठने लगी.

" संभाल कर भाभी जी... मेहंदी अभी गीली है, ख़राब ना हो जाये. ". मेहंदी आर्टिस्ट बोला.

" वेट वेट... तुम यहीं रहो ! ". अपनी पत्नि को हिदायत देकर अभिषेक कमरे से बाहर चला गया.

मिनटों बाद अभिषेक वापस आया तो उसके हाथ में नहाने वाली प्लास्टिक कि एक बाल्टी थी, वो बाथरूम से ये बाल्टी उठा ले आया था. बाल्टी देखते ही मेहंदी आर्टिस्ट सारा माजरा समझ गया और चुपचाप अपना मुँह फेरकर दूसरी ओर कर लिया.

" छी... ऐसे कैसे करुँगी... मुझे बाथरूम ले चलो... धत्त !!! ". मेघना शर्म से लाल पड़ गई.

" इसमें शर्माने वाली क्या बात है बेबी... अपने घर में हैं हम... बेकार में मेहंदी ख़राब हो गई तो ? भाई साहब कि सारी मेहनत बेकार चली जाएगी ! आओ... उठो... I will help you... चलो चलो ! ".

मेघना कि जाँघों पर पड़े तौलिये को हटाकर अभिषेक ने उसे अपने हाथों का सहारा देकर बिस्तर पर से उठने में मदद कि, ताकि उसकी चूचियों और नाभी में अभी अभी लगा मेहंदी का डिज़ाइन लीपा पुती होकर बिगड़ ना जाये. अपने पति के बाहों का सहारा लिए मेघना उठकर पलंग के किनारे तक आई और अपने दोनों पैर नीचे ज़मीन पर रखकर अपनी गांड़ बिस्तर के किनारे टिकाकर अपनी टांगें खोले बैठ गई.

अभिषेक ने बाल्टी ठीक उसकी टांगों के बीच नीचे ज़मीन पर रख दिया. मेघना ने एक बार मुड़कर मेहंदी आर्टिस्ट को देखा, वो उसकी ओर पीठ किये पलंग पर बैठा हुआ अपने एल्बम और सामान के साथ बिज़ी था. वो नहीं देख रहा है, इस बात से निश्चिन्त होते ही मेघना ने अपनी नज़रें उठाकर एक बार अभिषेक को देखा और मुस्कुराई.

" रिलैक्स बेबी... करो ! ". मेघना को पलंग पर छोड़ अभिषेक उसके सामने खड़ा हो गया और अपने हैंडीकैम को उसकी चूत कि ओर झुका दिया.

" What you doing ??? ". मेघना एकदम धीमे आवाज़ में बोली ताकि मेहंदी आर्टिस्ट सुन ना ले. " अब कम से कम इसकी वीडियो तो मत बनाओ ! "

" क्यूँ बेबी ? कितना हॉट मोमेंट है ये कुछ अंदाज़ा है तुमको ? ". अभिषेक ने कहा. " जब बाद में वीडियो देखोगी तो मुझे थैंक्स बोलोगी... चलो करो ! ".

मेघना कि चूत में लबालब पेशाब भरा पड़ा था, जो कि कब से बाहर उमड़ने को बेताब था, जिसकी वजह से मेघना का पेट भी दुख रहा था, उसने अपने ज़िद्दी पति से बेकार में आगे और तर्क किये बिना अपनी मूत को निकल जाने दिया. चूत से निकलते और फिर बाल्टी में गिरते पेशाब से ज़्यादा आवाज़ ना हो, इसलिए शुरू में मेघना ने शर्म से पेशाब को धीरे धीरे बाहर आने दिया, पर जल्दी ही उसका अपने शरीर पर ये कण्ट्रोल जाता रहा, उसने अपनी जाँघे ढीली छोड़ दी तो उसका पेशाब छरछराकर उसकी चूत से निकलने लगा !!!

साफ पीले पेशाब के झरने को अभिषेक वीडियो में ज़ूम करके कैद करता रहा. पेशाब के कुछ छींटे उसके पैरों और
हैंडीकैम के लेंस पर पड़े, तो थोड़ा बहुत पेशाब बाल्टी से छलककर बाहर नीचे ज़मीन पर भी गिरा, और पलंग के किनारे से झूलते चादर पर भी !

मन भरकर मूतने के बाद मेघना ने इशारा किया तो अभिषेक अपनी पत्नि कि पेशाब से भरी बाल्टी उठाकर ले गया और बाथरूम में पेशाब गिराकर वापस कमरे में आ गया. मेघना के गाल अभी तक शर्म से लाल पड़े हुये थें, उसे यकीन नहीं हो रहा था कि अपने ठरकी पति कि बातों में आकर उसने अभी अभी ये क्या किया था, वो भी एक अनजान आदमी के सामने, भले ही वो देख ना रहा हो पर कमरे में मौजूद तो था और सब कुछ जान समझ तो रहा ही था ना ! पता नहीं उसके पति को उससे ये बेशरम हरकत करवाकर क्या Excitement मिल रहा था !!!

अभिषेक ने बिस्तर पर से तौलिया लेकर पहले अपनी पत्नि कि चूत को अच्छे से पोछ कर साफ किया , फिर उसकी जाँघे, अपना खुद का पैर, हैंडीकैम का लेंस, और फिर तौलिया वहीँ ज़मीन पर फेंक दिया ताकि नीचे गिरा हुआ थोड़ा बहुत पेशाब भी तौलिया सोख ले.

मेघना वापस से बेड पर लेट गई. इतना सब कुछ हो जाने के बाद अब वो पहले के मुकाबले काफ़ी सहज हो चुकी थी. उसने अपनी चूत नंगी खुली छोड़ दी, अगला डिज़ाइन चूत पर ही होने वाला था. हर बार कि तरह इस दफा भी अभिषेक ने अपनी पत्नि के लिए एक अच्छा सा डिज़ाइन चूज़ कर लिया !

गाढ़ी मेहंदी का ठंडा पेस्ट जब पहली बार Henna Tube से निकलकर मेघना कि नंगी चूत कि त्वचा पर गिरा, तो उसके ठंडेपन से उसने अपनी आँखें भींच ली और हँसने लगी. उसकी हरेक छोटी से छोटी हरकत कि तरह उसके पति ने उसकी इस क्यूट सी हरकत कि बारीक़ीयों को भी बड़ी ही निपुणता के साथ अपनी वीडियो में कैप्चर किया. यही सारे हॉट और सेक्सी मोमेंट तो उसे उत्तेजित करते थें, और मेघना को भी !

आज मेघना ने अपनी पूरी ज़िन्दगी में पहली बार अपने पति के सिवाय किसी और को अपनी चूत दिखाई थी, हालांकि ये अवसर सेक्सुअल तो कतई नहीं था. वैसी भी किसी अनजान आदमी, जैसे कि वो फ़ूड डिलीवरी बॉय, को अपनी नंगी चूत के दर्शन कराने और इस मेहंदी आर्टिस्ट के सामने कपड़े उतारने में काफ़ी फर्क था. मेहंदी आर्टिस्ट के तो काम कि ये मांग थी, ना कि कोई जबरदस्ती ! और फिर मेघना को बिना कपड़ो के देखने में उस मेहंदी आर्टिस्ट को कोई दिलचस्पी नहीं थी, ये अब तक के उसके हाव भाव तौर तरीको से साफ ज़ाहिर हो गया था, उसे तो बस अपने काम, कलाकारी, और कारीगरी से मतलब था !
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