मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
07-22-2021, 12:57 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
मेघना को उस अनजान मेहंदी आर्टिस्ट में रत्ती भर भी इंटरेस्ट नहीं था, लेकिन जब उसकी जाँघों पर झुके उसकी चूत पर मेहंदी लगाते उस लड़के का मुँह उसकी चूत से बस कुछेक इंच कि ही दूरी पर था, तो उसके पेट में एक अजीब सी हलचल, एक अजीब सी बेचैनी होने लगी ! उस मेहंदी आर्टिस्ट के प्रति किसी भी प्रकार कि भावना अपने मन में रखे बिना उसे ये सोचना बहुत ही रोमांचक लग रहा था कि उसकी चूत के इतने करीब होने पर उस लड़के के मन में अभी क्या चल रहा होगा, और क्या उसकी नाक में उसकी चूत कि गंध जा रही होगी !!!

मेघना कि चूत गीली होने लगी !

अभिषेक अब खड़े खड़े थक गया था, सो वो पलंग पर ही बैठकर वीडियो बनाने लगा. किसी गैर मर्द के हाथों अपनी बीवी कि चूत कि सजावट होते देख उसके लण्ड में फिर से तनाव आने लगा था, पर इस बार वो जल्दबाज़ी में कोई गन्दी बेवकूफ़ी भरी हरकत नहीं करना चाहता था, वो अपने लण्ड कि इस उत्तेजना को रात के समय वीडियो देखते हुये अपनी पत्नि को चोदने के लिए बचाकर रखना चाहता था !

मेघना कि चूचियों, नाभी, और चूत पर मेहंदी रचाई का काम खत्म हो चुका था, अब उसकी पीठ और गांड़ कि बारी थी.

" अब उठ जाइये भाभी जी... ". मेहंदी आर्टिस्ट ने कहा.

सावधानी के साथ मेघना को अभिषेक ने पलंग पर से नीचे उतारा, और मेघना अब नीचे ज़मीन पर खड़ी हो गई. मेहंदी आर्टिस्ट मेघना के पीछे अपने घुटनो के बल बैठा उसकी गांड़ पर मेहंदी लगाने लगा, और फिर खड़े खड़े उसके शरीर के बाकि हिस्सों पर अपना काम करने लगा.

काफ़ी देर तक बुत बनी नंगी खड़ी रहने के बाद आखिरकार जब मेघना कि पीठ, गांड़, गर्दन, पैर, और हाथों पर मेहंदी कि कारीगरी ख़त्म हुई, तो उसने राहत कि साँस ली.

अभिषेक का वीडियो भी कम्पलीट हो चुका था, उसने हैंडीकैम टेबल पर रख दिया.

बेचारी मेघना का पूरा शरीर अकड़ कर दर्द करने लगा था, लेकिन उसकी असली परेशानी तो अभी शुरू होने वाली थी !

" भाभी जी... अभी कम से कम एक घंटे के लिए इसे ऐसे ही छोड़ दीजिये... और भूल कर बैठ मत जाइएगा. ". अपना काम खत्म कर मेहंदी आर्टिस्ट ने अपना सारा बिखरा पड़ा सामान सरियाते हुये कहा. " दो घंटे रुक सकें तो ज़्यादा सही रहेगा, बहुत उम्दा मेहंदी है ये, जितनी देर बाद धोईयेगा उतना अच्छा है, रंग ज़्यादा निखरेगा और अधिक दिनों तक टिकेगा ! ".

" Oh no !!! ". दो घंटे खड़े रहने कि शर्त सुनकर मेघना ने मुँह बनाते हुये अभिषेक को देखा, तो अभिषेक ने उसके पास आकर उसके गाल चूम लियें और बोला.

" हो जायेगा बेबी... बस आज का दिन थोड़ा कष्ट कर लो ! ".

मेघना अपने पति को शिकायत भरी नज़रों से देखती रही, फिर मेहंदी आर्टिस्ट से बोली.

" थैंक यू भाई साहब... ".

और कमरे से बाहर चली गई.

" जी भाभी जी... ". मेहंदी आर्टिस्ट ने अपना झोला उठाते हुये पीछे मुड़कर मेघना को देखते हुये कहा.

कमरे से बाहर जाती मेघना के नंगे मटकते कूल्हे लालसा भरी ललचाई आँखों से घूरते हुये अभिषेक पीछे से चिल्लाया.

" Be careful बेबी... मेहंदी मिट ना जाये ! ".

वो अपनी पत्नि को तब तक निहारता रहा जब तक कि वो कमरे के दरवाज़े से बाहर नहीं निकल गई.

" लगता है भाभी जी को डिज़ाइन पसंद नहीं आये... ". मेहंदी आर्टिस्ट ने मुस्कुराकर अभिषेक से कहा.

" अरे नहीं भाई... क्या बोल रहे हो ? ". अभिषेक झट से बोला. " असल में उतनी मॉडर्न नहीं है वो, किसी और के सामने ऐसे बिना कपड़ो के... समझ रहे हो ना ? पहली बार है ! बहुत शर्मीली है... और कोई बात नहीं ! मस्त डिज़ाइन बनाया है आपने... जादू है आपके हाथ में भाई साहब...कलाकार हो यार... रियली ! '

" शुक्रिया सर जी... ".

अभिषेक अचानक से मेहंदी आर्टिस्ट के एकदम पास आ गया और उसके कंधे पर हाथ रखकर बोला.

" वैसे बुरा ना मानना, एक बात पूछूं ? आप मसाज वगैरह भी करते हो क्या ? ".

" नहीं सर जी... क्यूँ ??? ".

" नहीं... वो आपकी भाभी जी काफ़ी थक गई हैं, नहाने के बाद उन्हें थोड़ी Relaxation कि ज़रूरत पड़ेगी, तो... ".

" नहीं सर जी... मैं मसाज नहीं करता ! ". मेहंदी आर्टिस्ट ने अभिषेक कि बात बीच में ही काटते हुये कहा.

" Erotic मसाज ??? ". अभिषेक ने धीरे से इशारों भरी आवाज़ में पूछा.

" नहीं सर... बस मेहंदी आर्ट करता हूँ ! ".

" यार मैंने तो सुना है कि Erotic Henna Art वाले साथ में Erotic Massage वगैरह भी करतें हैं ! "

" आप जो बोल रहें हैं मैं वो सब नहीं करता सर जी !!! ". अभिषेक के मन कि बात भाप कर मेहंदी आर्टिस्ट ने मुस्कुराते हुये कहा.

" अलग से पैसे ले लो यार ! ".

" सॉरी सर जी... मैं वो सब नहीं करता ! ". मेहंदी आर्टिस्ट ने फिर से दोहराया, और फिर काफ़ी विनम्रता के साथ बोला. " आप बस Henna Art के पैसे दे दीजिये... मुझे दूसरे क्लाइंट के पास भी जाना है ! ".

" Sure... sure ! ". मेहंदी आर्टिस्ट कि अनिच्छा और लगातार इंकार को देखकर अभिषेक तपाक से बोला और उसके कंधे से अपना हाथ हटा लिया.

मेहंदी आर्टिस्ट को उसकी फीस देने के बाद अभिषेक वापस कमरे में आया, टेबल पर से अपना हैंडीकैम उठाया, और बेडरूम कि ओर चल दिया. बेडरूम के दरवाज़े पर टिककर खड़ा हुआ वो मेघना को चुपचाप देखने लगा, जो कि ड्रेसिंग टेबल के आईने के सामने आगे पीछे घूम फिरकर अपना मेहंदी से सजा नंगा बदन निहार रही थी.

वो काफ़ी खुश नज़र आ रही थी.

लेकिन अभिषेक खुश नहीं था, उसके मन में कुछ खटक रहा था !

उसकी ख्वाहिश अभी भी पूरी नहीं हुई थी... अपनी पत्नि को किसी और मर्द के साथ हमबिस्तर होते देखने कि अजीबोगरीब ख्वाहिश !!!
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07-22-2021, 12:57 PM,
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" क्या देख रहे हो ? ".

" वही वीडियो... ".

" वही कौन सा ? ".

" तुम्हारी मेहंदी कि रस्म वाला... ".

ड्राइंग रूम में अभिषेक सोफे पर बैठा अपने दोनों हाथों में लैपटॉप थामे उसपर वीडियो देख रहा था. उसके हाफपैंट का ज़िप खुला हुआ था, जिसमें से उसका लण्ड उसके अंडकोष के साथ बाहर निकला हुआ था, जिसके साथ नीचे ज़मीन पर उसके घुटनों के पास बैठी मेघना खेल रही थी !

" तीन दिनों से तो वही देख रहे हो, मन नहीं भर रहा क्या ? ". मेघना ने अपने पति के लण्ड के सुपाड़े पर अपनी जीभ फेरते हुये पूछा.

" नहीं... ". लैपटॉप कि स्क्रीन से नज़र हटाए बगैर अभिषेक ने दो टूक जवाब दिया.

" और मुझसे ? ".

" तुम तो मुझे रोज़ नई लगती हो ! ". अभिषेक ने मुस्कुराकर कहा, मगर उसका ध्यान अब भी लैपटॉप पर चल रहे वीडियो पर ही था.

" उस रोज़ मेरे कमरे से जाने के बाद मेहंदी वाले बंदे से क्या बात कर रहे थे ? ". मेघना अचानक से पूछ बैठी.

" कुछ भी तो नहीं... ".

" बताओ... ". मेघना ने ज़िद्दी सा मुँह बनाकर फिर से पूछा.

अभिषेक ने एक ठंडी साँस ली और लैपटॉप पर वीडियो बंद करके उसे सोफे पर ही अपने बगल में रख दिया, और मेघना कि नाक को अपनी उंगली से छूते हुये कहा.

" उससे पूछ रहा था कि वो मसाज वगैरह भी करता है क्या, अच्छा होता ना, तुम Tired भी तो हो गई थी ! ".

" और ??? ". मेघना ने अपनी ठुड्डी अभिषेक के लण्ड पर टिकाकर ऊपर उसे ताकते हुये पूछा.

" और क्या... ".

" तुम भले ही ना बताओ पर मैं सब समझती हूँ ! ".

" क्या समझती हो ? ".

" यही कि तुम्हारे मन में अभी भी मेरे बारे में वो वाला गंदा विचार है... ".

" कौन वाला बेबी ? ".

" धत्त... मुझे तो बोलने में भी शर्म अती है ! ". मेघना ने अपनी नज़रें नीचे झुका ली और अभिषेक के लण्ड के सुपाड़े पर अपने दाँत गड़ा दियें.

अभिषेक हँसने लगा, और मेघना कि गाल पर प्यार से एक धीमा सा थप्पड़ मारते हुये बोला.

" You know बेबी... हर पति अपनी बीवी के बारे में ऐसा ख्याल अपने जीवन में कभी ना कभी अपने मन में लाता ही है... अपनी बीवी को किसी दूसरे आदमी के साथ सेक्स करते हुये देखने का ख्याल... Trust me ! पर अपनी पत्नियों से ये बात बोलते बहुत कम लोग ही हैं... डरते जो हैं कि वो उन्हें Pervert या किसी तरह का मानसिक रोगी ना समझ बैठे ! पर हमारी बात और अंडरस्टैंडिंग अलग है... तुम्हें मुझपर भरोसा है और मुझे तुमपर... तभी मैं तुमसे अपनी ये Fantasy शेयर कर पाया !! ".

" अपनी Psychology अपने पास रखो... तुमने कहा हर पति ये चाहता है और मैं मान लूँ ना ? गंदा !!! ".

" मैंने पढ़ा है बेबी... यकीन ना हो तो सर्च कर लो नेट पर ! ".

कहते हुये अभिषेक ने मेघना का कन्धा थपथपाया, मेघना अपने पति का संकेत समझ गई, वो अब उसे चोदने के लिए रेडी था ! मेघना ने उसका लण्ड अपनी मुट्ठी में भरकर जल्दी जल्दी दो तीन बार हिलाया ताकि लण्ड अच्छे से खड़ा हो जाये, और फिर खुद उठ खड़ी हुई.

" अगर वो मेहंदी वाला बंदा मान जाता तो ??? ". अपने पति कि आँखों में देखते हुये मेघना ने अपनी नाईटी के अंदर हाथ डालकर अपनी पैंटी नीचे खींचते हुये पूछा.

" किस बात के लिए बेबी ? ".

" मसाज के लिए Stupid... ". अपनी टांगों से अपनी पैंटी निकालकर अभिषेक के मुँह पर फेंकते हुये मेघना मुस्कुराकर बोली. " तुम क्या सोच रहे थें ??? ".

अभिषेक ने मेघना कि पैंटी अपने मुँह पर से हटाकर पास ही सोफे पर रख दिया और हँसने लगा, और ऐसे सिर हिलाया जैसे कि वो अपनी पत्नि कि सारी शैतानीयां समझ रहा हो !

अपना बांया हाथ अभिषेक के सीने पर रखकर सहारा लेते हुये मेघना उसके ऊपर झुकी, और अपने दांये हाथ से अपनी नाईटी अपने पेट तक ऊपर उठाकर उसकी गोद में बैठ गई.

अपनी कमर एडजस्ट करके अभिषेक अपना खड़ा लण्ड मेघना कि चूत में घुसाने ही वाला था कि तभी दरवाज़े कि घंटी बज उठी !

" Shittt... ". मेघना के मुँह से निकला.

" अरे यार... कौन है इस वक़्त ! ". अभिषेक झल्लाते हुये बुदबुदाया.

मेघना अपने पति कि गोद से उतर गई और अपनी नाईटी ठीक करते करते दरवाज़े कि ओर बढ़ी, उसके पीछे अभिषेक ने जल्दी से अपना लण्ड और अंडकोष अपनी हाफपैंट में घुसेड़कर भर लिया और ज़िप चढ़ा कर बंद करके सहूलियत से बैठ गया.

मेघना ने थोड़ा सा दरवाज़ा खोलकर बाहर झाँका, उसे बाहर दरवाज़े पर एक अनजान चेहरा दिखा, उसने पीछे मुड़कर सांवलिया नज़रों से अभिषेक को देखा, फिर दरवाज़ा खोल दिया.

" Hi... I mean... नमस्ते !!! ".

साफ सुथरे टी-शर्ट और जीन्स में सामने एक लड़के को खड़ा देख मेघना का हाथ अपने आप अपने बालों पर चला गया, उसने अपने अस्त व्यस्त बाल ठीक कियें, पर कुछ बोली नहीं. उसके चेहरे पर मंडराता सवाल समझ उस लड़के ने तुरंत कहा.

" जी मैं अनिकेत... आपका पड़ोसी ! ".

मेघना अब भी कुछ नहीं बोली, और उस लड़के को इस तरह देखती रही, मानो पूछ रही हो, कि पड़ोसी हो तो ठीक है, पर यहाँ क्यूँ आये हो !!!

" यहीं पास वाले फ्लैट में रहता हूँ... अंदर आ जाऊँ ??? ".

मेघना जैसे नींद से अभी अभी जगी हो, उसने दरवाज़ा पूरा खोल दिया और एक तरफ हटकर खड़े हो गई, और बोली.

" सॉरी ! प्लीज्... ".

सिगरेट सुलगाते हुये अभिषेक ने पहले उस लड़के को अंदर आते देखा और फिर पीछे से अपनी पत्नि को.

" मेरा नाम अनिकेत है ! ". कमरे में आकर सोफे पर बैठे अभिषेक के सामने खड़े होते हुये उस लड़के ने कहा, फिर अपने पीछे आ रही मेघना कि ओर देखकर अभिषेक से पूछा. " आप लोग Couples हैं क्या... मेरा मतलब है हस्बैंड वाइफ ? ".

" बैठो अनिकेत... ". अभिषेक ने उस लड़के कि बात का जानबूझकर जवाब ना देते हुये कहा.

" Yeah thanks... ". कहते हुये वो लड़का सामने पड़ी एक कुर्सी पर बैठ गया.

मेघना ने देखा कि कुर्सी पर बैठते समय उस लड़के का ध्यान सोफे पर पड़ी उसकी पैंटी पर गया था, उसने अभिषेक को पैंटी हटाने या छुपाने के लिए इशारा किया, तो अभिषेक पहले तो चुपचाप अपनी सिगरेट के कश लेता रहा, फिर कुछ सोचकर उसने मेघना कि बात मान ली, और अपने बगल में पड़े लैपटॉप को उठाकर मेघना कि पैंटी पर रखकर उसे ढंक दिया.

" सॉरी मुझे ऐसे नहीं आना चाहिए था... ". अनिकेत ने झेपते हुये कहा.

" नहीं नहीं... कोई बात नहीं ! ". अभिषेक बोला.

" हम किसी को Expect नहीं कर रहें थें ! हमारे यहाँ कोई मेहमान आते नहीं ना... तो हमें आदत नहीं है ! ". मेघना ने मुस्कुराकर कहा, और चलते हुये जाकर सोफे पर अभिषेक के बगल में बैठ गई.

" आप यहीं रहते हो ? ". अभिषेक ने पूछा.

" जी... जी ! ". अनिकेत ने कुर्सी पर बैठे बैठे सामने झुकते हुये कहा. " आपके घर के लेफ्ट में जो फ्लैट है ना, पीला वाला, वो हमारा है ! ".
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07-22-2021, 12:57 PM,
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" अच्छा हाँ... नाइस हाउस ! ". मेघना ने बस बोलने कि खातिर कहा.

" थैंक्स ! लेकिन आपके इस घर जैसा नहीं...इनफैक्ट इस पूरे एरिया में इससे बड़ा और शानदार और कोई घर नहीं ! ". अनिकेत ने मेघना और अभिषेक को बारी बारी से देखते हुये कहा.

" अरे ऐसा भी क्या... थैंक्स ! ". अभिषेक बोला.

अनिकेत ने अपना गला साफ किया और फिर कुर्सी पर ठीक से एडजस्ट होते हुये बोला.

" वैसे तो मैं आपलोगों के घर बहुत दिनों से आने कि सोच रहा था... You know... पर आपलोग जब से आये हैं, इस घर का दरवाज़ा अक्सर बंद ही रहता है तो... ".

मेघना और अभिषेक ने एक दूसरे को देखा, पर कुछ बोलें नहीं.

अनिकेत ने आगे कहना जारी रखा.

" दरअसल मैं आना नहीं चाहता था... वो मेरी मम्मी है ना... जब भी इस कॉलोनी में कोई नई फॅमिली आती है तो वो मुझे भेजती है जान पहचान बढ़ाने के लिए... मतलब ऐसे ही... थोड़ी पुरानी ख़यालात कि है ना मेरी मम्मी... वर्ना आजकल लोगों को आस पड़ोस से मतलब ही कहाँ रहता है ! ".

मेघना हल्के से मुस्कुरा दी, पर अभिषेक चुपचाप सिगरेट पीता रहा.

" आप प्लीज् ये ले लीजिये... ". अनिकेत ने अपने हाथ में थामे एक बंद टिफ़िन बॉक्स को दोनों पति पत्नि कि ओर बढ़ाते हुये कहा. " मम्मी ने भेजा है ! ".

" क्या है इसमें ? ". मेघना ने हाथ आगे बढ़ाकर टिफ़िन बॉक्स लेते हुये पूछा.

" खीर है... बस थोड़ी सी ! ".

" Wow ! well... thanks... ". मेघना टिफिन बॉक्स लेकर सोफे पर से उठ खड़ी हुई. उनके पडोसी ने उनके घर आकर उन्हें कुछ दिया था तो अब औपचारिकता के नाते उन्हें भी उसे चाय वगैरह पूछना ही था. मेघना कमरे से जाते हुये बोली. " मैं कॉफ़ी लेकर आती हूँ ! ".

" नहीं नहीं... प्लीज्... मैं अभी चला जाऊंगा ! ". अनिकेत ने कुर्सी पर से लगभग उठते हुये कहा.

" क्यूँ ? आप बैठिये ना... Don't worry... मुझे कॉफ़ी बनानी नहीं है... Already तैयार है ! ". कमरे से बाहर निकलते निकलते मेघना बोल गई.

" आपलोग मुझे तुम कहकर ही बुलाईये... मैं आपलोगों से छोटा हूँ ! ". जाती हुई मेघना को देखने के बाद अनिकेत फिर से कुर्सी पर आराम से बैठते हुये अभिषेक से बोला.

" क्या करते हो अनिकेत... पढ़ रहे हो ? ". अभिषेक ने पूछा.

" जी... कॉलेज में हूँ ! ".

" तुम कॉफ़ी लोगे अभि ? ". किचन से मेघना कि आवाज़ आई.

" Sure... ". अभिषेक चिल्लाया.

अनिकेत और अभिषेक दोनों चुपचाप बैठे रहें, अनिकेत बैठे बैठे पूरे घर को देखता निहारता रहा, ज़ाहिर था कि उसे उन दोनों का ये बड़ा घर काफ़ी पसंद आया था.

कुछ देर बाद अभिषेक ने अपनी सिगरेट ऐशट्रे में बुझा दी और अनिकेत से पूछा.

" तुम्हारे घर में और कौन कौन है ? ".

" छोटी फॅमिली है हमारी, बस मैं, मम्मी, पापा, और मेरी बहन. ".

कॉफ़ी लेकर मेघना कमरे में वापस आई और मुस्कुराकर पूछा.

" लगता है आप तब घर में सबसे छोटे हो, तभी आपकी मम्मी आपको आस पड़ोस में जाने का काम सौंपती है ! ".

" नहीं नहीं... मेरी बहन सबसे छोटी है, एक साल भर कि छोटी ही सही, पर मुझसे छोटी है ! ". अनिकेत ने हँसते हुये कहा.

" Oh good... ". मेघना उसे कॉफ़ी देकर अपने और अभिषेक के लिए कॉफ़ी का कप लेकर वापस से सोफे पर बैठते हुये बोली.

" कॉफ़ी अच्छी है... Lots of sugar... ". अनिकेत ने कॉफ़ी का सिप लेते हुये कहा. " Just the way I like it ! ".

तीनों ने फिर बिना कोई बात किये अपनी अपनी कॉफ़ी ख़त्म कि.

" By the way... I am अभिषेक... और ये मेघना... ". अभिषेक ने मुस्कुराकर कहा. " And yes... हम दोनों हस्बैंड वाइफ हैं ! ".

" आपलोगों से मिलकर बहुत अच्छा लगा... ". अनिकेत ने कहा.

" आप कॉलेज में हो ना ? ". मेघना ने पूछा. " मैंने किचन से सुना ! ".

" जी... Right ! ". अनिकेत बोला, फिर अभिषेक कि ओर देखकर पूछा. " आप क्या करतें हैं अभिषेक जी ? ".

" मेरा अपना टेक्सटाइल का बिज़नेस है... अपनी फैक्टरी है... बस ! ".

" अपनी फैक्टरी ? Wow ! यानी अगर मेरी कॉलेज कि पढ़ाई नौकरी पाने के लिए ठीक ठाक नहीं हुई तो आप मुझे काम दे सकते हैं ! ".

मेघना और अभिषेक झूठमूठ का हँसने लगें.

" उसकी नौबत नहीं आएगी अनिकेत... ". अभिषेक बोला. " You will do good ! ".

" थैंक यू... ".

सारी औपचारिक बातें खत्म हो चुकी थीं. मेघना और अभिषेक जबरदस्ती हँसते मुस्कुराते बातें करतें वहाँ बैठे बैठे अनिकेत के जाने का इंतज़ार करने लगें. कुछ देर बाद अनिकेत कुर्सी पर से उठ खड़ा हुआ और बोला.

" अब मैं चलता हूँ... मुझे ट्यूशन जाना है ! ".
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07-22-2021, 12:57 PM,
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अनिकेत के जाने वाली बात पर हुई अपनी ख़ुशी को छुपाते हुये मेघना और अभिषेक भी सोफे से उठ खड़े हुये.

" वेट... मैं आपका टिफिन बॉक्स खाली करके ले आती हूँ. ! ". मेघना बोली.

" It's okay... अगली बार आऊंगा तो दे दीजियेगा ! ". अनिकेत ने मना करते हुये कहा.

अभिषेक खड़ा खड़ा कुछ सोचने लगा, और फिर अपनी पत्नि से बोला.

" टिफिन बॉक्स लौटा दो मेघना... जाओ ! "

अभिषेक ने जिस ढंग से ये बात कही थी, अनिकेत को उसकी अशिष्टता पर काफ़ी आश्चर्य हुआ, और वो शर्मिंदगी महसूस करने लगा.

अभिषेक ने एक ठंडी साँस ली और अनिकेत कि ओर देखे बिना ही बोलना शुरू किया.

" देखो अनिकेत... बुरा मत मानना, वो क्या है कि हमलोग बाकि फॅमिलीज़ कि तरह नहीं हैं. हमें एकांत पसंद है और हम दोनों अपने में ही रहते हैं. हमें आस पड़ोस में किसी से भी ज़्यादा मेल जोल बढ़ाना पसंद नहीं ! We don't want to be rude, पर हमें हमारे घर में किसी का भी आना जाना पसंद नहीं, सिवाय हमारे कुछ करीबी दोस्तों और मेहमानों रिश्तेदारों के ! ".

अनिकेत समझ नहीं पा रहा था कि अभिषेक कि इस डायरेक्ट बात पर उसकी क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिए, सो उसने रियेक्ट नहीं किया.

मेघना तब तक कमरे से बाहर जा चुकी थी, और जब वो वापस आई तो उसके हाथ में अनिकेत का टिफिन बॉक्स था, जिसे वो किचन से धोकर लाई थी. मुँह खोले अचंभित खड़े अनिकेत के हाथ में उसका टिफिन बॉक्स थमाकर मेघना जाकर अभिषेक के पास खड़ी हो गई और उसके कंधे पर अपनी हथेली रखकर अपनी आवाज़ को हर संभव विनम्र रखने कि कोशिश करते हुये अनिकेत से बोली.

" I hope you understand अनिकेत... हम हस्बैंड वाइफ ऐसे ही हैं !!! ". मेघना थोड़ी सी रुकी, अपने पति कि ओर देखा, फिर अनिकेत से मुस्कुराते हुये कहा. " पर I think आप हमारे घर में जब जी चाहे आ सकतें हैं !!! ".

अनिकेत कुछ समझ नहीं पाया, कैसे अजीब कपल हैं, पति कुछ और बोल रहा है, और पत्नि कुछ और !!!

उसने अभिषेक को एक बार देखा, फिर मेघना को, और पूछा.

" You sure ??? ".

" Absolutely ! मेरे हस्बैंड In general बात कर रहें थें... आपके बारे में नहीं ! ". मेघना ने कहा, फिर अभिषेक को देखकर बोली. " क्यूँ अभि ? ".

अभिषेक कुछ नहीं बोला, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसकी पत्नि अचानक से उसकी बात के विपरीत ये क्या बोल रही है.

" Okay ... थैंक्स ! ". कन्फ्यूज्ड हुये अनिकेत के मुँह से अनायास ही निकला.

" बस अपनी मम्मी और परिवार वालों को लेकर मत आना... प्लीज् ! You see... हम दोनों उतने ज़्यादा सोशल और मिलनसार नहीं हैं ! ". मेघना ने धीरे से कहा, उसे पता था कि उसकी बात सुनने में थोड़ी अभद्र ज़रूर लग रही होगी, पर वो ये बात अनिकेत को स्पष्ट कर देना चाहती थी, इससे उसके पति के कहे हुये बात का भी मान रह जाता !

" नहीं नहीं... I get it ! मैं आपकी प्राइवेसी कि रेस्पेक्ट करता हूँ ! ". अनिकेत ने मुस्कुराकर कहा, और जाने के लिए पीछे मुड़ा. " Bye... ".

अनिकेत के घर से जाने के बाद दरवाज़ा अंदर से बंद करके मेघना वापस आई और अभिषेक से लिपट कर ऊपर उसे देखते हुये मुस्कुराकर पूछा.

" गुस्सा हो मुझसे ? ".

अभिषेक ने उसे देखा पर कुछ बोला नहीं.

" Don't worry अभि... वो फिर कभी नहीं आएगा ! ". मेघना ने अभिषेक के गाल पर प्यार से चिकोटी काटते हुये कहा, और फिर उसे छोड़कर सोफे पर जा बैठी.

" I hope so ! ". अभिषेक बोला, और सोफे पर मेघना के बगल में बैठ गया. " अगर उसमें थोड़ी सी भी समझदारी और शर्म होगी तो ! ".

" It's okay अभि... पड़ोसी है... अब आ गया तो मना तो नहीं कर सकतें ना ! ".

" बेबी तुम समझ नहीं रही हो. वो एक कॉलेज में पढ़ने वाला लड़का है... कितनी उम्र होगी उसकी... 19 या फिर 20 ? हम दोनों Matured couple हैं... उससे हमारा क्या मेल ? क्या बात करेंगे उससे ? ".

" तुम उससे ज़रूरत से ज़्यादा नहीं चिढ़ रहे ? ".

" यार वो लड़का बहुत Irritating है ! ".

" Irritating ? क्यूँ ? ".

" कितना बोलता है... कितना Friendly होना चाहता है... हम कौन हैं, मैं क्या काम करता हूँ... What is this यार ??? उसका तो बात करने का तरीका ही मुझे पसंद नहीं आया ! ".

" Come on अभि... वो Young है... उसके जेनरेशन के लोग ऐसे ही बातें करतें हैं... ज़्यादा सोचते नहीं कि उनकी बात का कोई क्या मतलब निकालेगा... क्या कहेगा ! ".

" अच्छा ? तो हम क्या हैं ?? ". अभिषेक बोला. " एक साल ही हुई है हमारी शादी को... वर्ना अगर हम दोनों कुंवारे घूमते तो हम भी Young ही कहलाते ! ".

" डेढ़ साल हुये हमारे शादी को... ". मेघना ने अभिषेक के कंधे पर सिर रखकर उसकी बात को करेक्ट करते हुये कहा.

" हाँ वही... ".
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07-22-2021, 12:57 PM,
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" मैं तो 27 कि हुई... तुम 30 पार कर चुके हो... अपनी सोचो ! ". मेघना ने अभिषेक को चिढ़ाते हुये कहा.

" 32 का हूँ... 32 कि उम्र में कौन Old होता है ? ".

" किसी और के बारे में तो पता नहीं... ". मेघना अपने पति का गाल चूम कर बोली. " पर तुम तो बिल्कुल भी नहीं हुये हो ! ".

अभिषेक ने मेघना का सिर चूम लिया.

" खीर खाओगे ? ". मेघना ने पूछा.

" तुम खाओगी ? ". अभिषेक ने इशारा करते हुये वापस सवाल किया.

" धत्त ! ". मेघना अपने पति से अलग होते हुये शर्मा कर बोली.

मेघना को पता था कि अभिषेक क्या मांग रहा है !!!

कभी कभी अभिषेक ब्लोजॉब के बाद अपनी पत्नि को अपना वीर्य निगलने के लिए कहता था, ख़ासकर जब उसका चोदने के लिए मेहनत करने का मन नहीं होता था, या फिर जब उसकी पत्नि कि माहवारी चल रही होती थी. अपने महीने के उन खास दिनों में अपने पति को खुश रखने का मेघना के लिए ये अच्छा विकल्प तो हुआ करता ही था, साथ ही साथ, अपने पीरियड्स में ना चुदवा पाने कि ग्लानि से उबरने का एक जरिया भी !!!

Cum swallow के इस खेल में अभिषेक को जितना मज़ा आता था, मेघना को भी उतना ही आनंद मिलता था !

आज मेघना को मासिक नहीं हुआ था, तो ज़ाहिर था कि अभिषेक उसे ब्लोजॉब के लिए बस इसलिए बोल रहा था, क्यूंकि उसका खुद का चोदने का मूड नहीं था !

" प्लीज् बेबी... बहुत दिन हो गएँ हैं ! ". अभिषेक ने ज़िद किया.

" चोदो ना ! चोदोगे नहीं ??? ". मेघना ने रोनी सूरत बनाकर विनती कि. " अभी कुछ देर पहले तो चोदने के लिए मरे जा रहे थे !!! ".

" चुतिये ने पूरा मूड ही बिगाड़ दिया ! ". अभिषेक ने गुस्से से अपना हाथ झटकते हुये कहा.

मेघना खिलखिलाकर हँस पड़ी.

" ठीक है... पर प्रॉमिस करो, बाद में तुम मुझे भी एक अच्छा सा Orgasm दोगे ! ". मेघना ने आँख मारी.

" Done बेबी ! ".

" पक्का तो ? अपना माल गिराने के बाद तुम बदल जाते हो ! ".

" प्रॉमिस बाबा... Come on ! ".

मेघना अपनी नाईटी खोलकर नंगी हो गई. उसने नाईटी ज़मीन पर बिछा दी और उसपर अपने घुटनों के बल बैठ गई. अभिषेक सोफे पर से उठ खड़ा हुआ और सोफे पर रखे लैपटॉप पर फिर से मेघना कि मेहंदी वाली वीडियो चला दी.

" उसे बंद करो ना अभि... मुझपर Concentrate करो ! ". मेघना ने झल्लाते हुये कहा और अपने सामने खड़े अभिषेक के हाफपैंट का बटन खोलकर उसका पैंट नीचे सरका दिया.

" वही तो कर रहा हूँ बेबी ! ". अभिषेक ने लैपटॉप कि ओर इशारा करते हुये कहा.

मेघना को पता था कि उसका पति सुधरने वाला नहीं.

अभिषेक का लण्ड ढीला पड़ चुका था. मेघना उसे खड़ा करने के लिए धीरे धीरे चूसने लगी.

" और एक ये चूतिया था... ". अभिषेक ने लैपटॉप पर चल रहे वीडियो में मेहंदी आर्टिस्ट कि ओर दिखाकर कहा. " नंगी औरत को मेहंदी लगा रहा है, पर लण्ड पर कण्ट्रोल तो देखो भड़वे का ! ".

" अभि ! छोड़ो भी उसे... ". मेघना ने अभिषेक का अंडकोष अपने मुँह में भरते हुये कहा.

" Gay होगा साला... पक्का !!! ".

20 मिनट के ब्लोजॉब के बाद अभिषेक ने अपना वीर्य मेघना के मुँह के अंदर गिरा दिया. मेघना अपने पति का सारा का सारा वीर्य गटक गई, और फिर अपनी ठुड्डी, गर्दन, और चूचियों पर गिरे बचे खुचे माल को अपनी उंगलियों से काछ काछ कर इकठ्ठा करके चाट गई. लैपटॉप के नीचे से उसने अपनी पैंटी खींचकर बाहर निकाली और उससे अभिषेक का झड़ा हुआ लण्ड पोछकर साफ किया.

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" आज वाली मलाई का टेस्ट यम्मी था... ". साफ हो चुके लण्ड का सुपाड़ा चूमते हुये मेघना बोली. " क्या खाया था सुबह डार्लिंग ??? ".

" वही जो तुमने नाश्ते में दिया था बेबी... ". अभिषेक ने गहरी साँस लेते हुये मुस्कुराकर कहा. " सूजी का हलवा और एप्पल ! ".

निढाल होकर अभिषेक अपना पैंट पहने बिना ही सोफे पर पसर गया. मेघना ने अपनी गंदी हो चुकी पैंटी और नाईटी उठाई और उन्हें लेकर बाथरूम में अपना मुँह धोने चली गई.

मेघना जब वापस आई तो वो अभी भी नंगी ही थी, और उसके हाथ में दो कटोरी खीर और चम्मच थें. दोनों पति पत्नि ने सोफे पर बैठकर खीर खाया, और फिर कटोरे पास के एक टेबल पर रख दियें.

" अब मेरी बारी... ". मेघना ने सोफे से खड़े होते हुये कहा.

" सॉरी बेबी... अब मेरा मूड नहीं रहा ! ". अभिषेक ने उसे चिढ़ाया.

" थप्पड़ खाओगे ! ".

मेघना हँसते हुये बोली, और सोफे पर बैठे अभिषेक के सिर के बाल पकड़कर उसका मुँह अपनी नरम जाँघों के बीच घुसा लिया.

लैपटॉप पर वीडियो अभी भी चालू था, जिसमें अब मेहंदी से आधी अधूरी सजी मेघना का बाल्टी में पेशाब करने वाला दृश्य चल रहा था !!!
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07-22-2021, 12:57 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
अनिकेत के बारे में मेघना गलत थी, और कुछ हद तक अभिषेक भी... क्यूंकि उस दिन के बाद से अनिकेत ने उनके घर आना जाना बंद नहीं किया !

अभिषेक समझ नहीं पा रहा था कि उसकी पत्नि ने जब अनिकेत से कहा था कि " पर I think आप हमारे घर में जब जी चाहे आ सकतें हैं !!! " तो वो बस उसे बहलाने के लिए कहा था, या फिर इस वाक्य का मतलब वही था जो सुनने में लग रहा है !!!

बहरहाल जो भी हो, मुद्दे कि बात ये थी कि अनिकेत उनके घर में आने जाने लगा था, रोज़ाना ना सही, फिर भी एक दो दिन छोड़कर तो आता ही था. इस दौरान अभिषेक उससे कोई बात नहीं करता था, शुरू में तो एकदम ही नहीं, फिर कुछ दिन बाद से बस " हाय " " हेलो " " कैसे हो " तक ही सिमित रहा करता था. मेघना अपने पति को किसी तरह संभालती थी, और कहती थी कि अनिकेत कि वजह से उसे गुस्सा होकर खुद अपना मूड ख़राब करने कि कोई ज़रूरत नहीं. उसी के सुझाव पर अभिषेक हर संभव कोशिश करता था कि जब भी अनिकेत घर में आये, वो उसके सामने ना जाये.

अनिकेत युवा लड़का ज़रूर था पर सब कुछ समझता तो था ही. उसे बुरा ना लगे, इसलिए वो जब भी घर आता था, मेघना उससे अच्छे से बात किया करती थी, इनफैक्ट जब कभी अभिषेक घर में नहीं होता था, तो वो अनिकेत को घर के ड्राइंग रूम में छोड़कर निश्चिन्त होकर घर के अपने सारे काम किया करती थी, यहाँ तक कि कुछ कामों में अनिकेत उसका हाथ भी बटा दिया करता था. दोनों कभी कभार साथ बैठकर टीवी भी देखते थें, अभिषेक घर में रहे या ना रहे, दोनों सूरतों में. दोनों घुलमिल गएँ थें, ऐसा कहना तो गलत होगा, मगर इतना तो तय था कि मेघना अनिकेत पर भरोसा करती थी, वो जवान था, कम उम्र का लड़का था, थोड़ा ज़्यादा बकबक करता था, थोड़ा बेबाक था, पर अच्छे स्वभाव का था और उससे किसी को कोई हानि होने वाली नहीं थी.

पहले अनिकेत मेघना को " मेघना जी " कहकर बुलाया करता था, फिर बाद में " भाभी " और " मेघना भाभी " पर उतर आया. मेघना को इसमें कोई ऐतराज़ नहीं था. अभिषेक को वो " अभिषेक भैया " कहकर बुलाता था, जो कि ज़ाहिर है अभिषेक को पसंद नहीं था, पर वो कुछ बोलता नहीं था, वैसे भी उसे उससे ज़्यादा बात करने कि नौबत तो आती ही नहीं थी.

जो भी हो, बस ऐसे ही दिन गुजर रहा था, और करीब एक महीना और बीत गया................................

" अरे अनिकेत... अच्छा हुआ तुम आ गये ! ". अनिकेत को घर में आता देख मेघना को आज पहली बार इतनी ख़ुशी हुई थी.

" क्या हुआ भाभी ? ". अंदर आते ही अनिकेत ने अपना मोबाइल अपनी जीन्स में रखते हुये कहा.

मेघना का चेहरा मुरझाया हुआ था. लाल रंग कि पुरानी सी नाईटी पहने और कमर से दुपट्टा बांधे, बिखरे उलझे अस्त व्यस्त बालों में वो काफ़ी परेशान दिख रही थी. लेकिन फिर भी उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक आ गई थी, जब उसने अनिकेत को देखा.

" कोई काम था क्या भाभी ? ". अनिकेत ने पूछा.

" काम तो था अनिकेत... कैसे कहूं ! ". मेघना ने कहा. " देखो ना, तुम्हारे भैया भी घर पर नहीं हैं, फैक्टरी जाना पड़ा उन्हें ! ".

" हाँ हाँ बोलिये ना भाभी... मेहनत वाला काम है क्या ? ". अनिकेत हँसते हुये बोला. " पलंग आलमारी वगैरह शिफ्ट करना है क्या ? ".

मेघना हल्के से मुस्कुराई, पर कुछ बोली नहीं, जैसे कि उसके मन में कुछ और उधेड़बुन चल रहा हो.

" आप परेशान भी लग रहीं हैं... क्या हो गया ? ". अनिकेत ने पूछा.

" तुम्हें थोड़ा मार्केट जाना पड़ेगा... ". मेघना ने कहा. " जा पाओगे ? ".

" हाँ... क्यूँ नहीं ? बाइक है तो मेरे पास ! ".

" Okay... good ! ". बोलकर मेघना चुप हो गई, जैसे कि उसे पता ना हो कि आगे क्या बोले.

" लाना क्या है भाभी जी, ये तो बताइये ! ". अनिकेत बोला. " चीनी, चायपत्ती, दाल... बस सब्जी मत बोलियेगा, मुझे सब्जी मार्केट जाना पसंद नहीं... प्लीज् ! ".

" नहीं नहीं... वो सब नहीं ! ".

" फिर ? ".

" सुनो ना अनिकेत... ". मेघना कुछ कहने जा रही थी, पर फिर से हिचकिचाई . " कैसे कहूं तुमसे ? ".

" फिर वही बात ! बोलिये ना भाभी... क्या ??? ".

" तुम कुछ सोचोगे तो नहीं ना अनिकेत ? ".

" My God... भाभी प्लीज् ! ". अनिकेत तंग आते हुये बोला.

" Okay okay... ". मेघना ने जल्दी से कहा, थोड़ी रुकी, फिर नज़रें नीची करते हुये बोली. " सुनो ना... मुझे Sanitary Napkin ला दोगे ? "

अनिकेत स्तब्ध होकर मेघना का मुँह ताकने लगा.

अनिकेत कि चुप्पी से मेघना का साहस थोड़ा सा बढ़ा, उसने अबकी बार आँखें ऊपर उठाकर अनिकेत कि आँखों में देखते हुये कहा.

" प्लीज् अनिकेत... I hope you don't mind ! ".

" No.. no भाभी... It's fine ! ". अनिकेत ने हकलाते हुये कहा.

" अपना मोबाइल दो... ". मेघना ने कहा.

मंत्रमुग्ध से खोये हुये अनिकेत ने अपनी जीन्स के पॉकेट से अपना मोबाइल निकाला और अनलॉक करके मेघना के हाथ में दे दिया. मेघना जब तक उसकी मोबाइल लेकर कुछ करती रही, अनिकेत बेवकूफ़ कि तरह इधर उधर देखता रहा, फिर अनायास ही उसकी नज़र मेघना कि चूत वाली जगह पर चली गई, जहाँ मेघना ने अपनी नाईटी के ऊपर से एक दुपट्टा बाँध रखा था, पर किसी और कि बीवी के अंदरूनी अंग को इस तरह से घूरना गलत है, ये एहसास होते ही उसने तुरंत अपनी नज़रें वहाँ से हटा ली.

" ये लो... ". मेघना ने अनिकेत को उसका मोबाइल वापस करते हुये कहा. " मैंने जिस ब्रांड कि फोटो ली है वही वाला दिखा देना, शॉपकीपर दे देगा, तुम्हें कुछ बोलना नहीं पड़ेगा ! ".

अनिकेत अपनी मोबाइल देख ही रहा था कि मेघना ने फिर से कहा, मगर थोड़े धीमे से हिचकती हुई आवाज़ में.

" दो जोड़ी पैंटी भी ला देना प्लीज्... मैंने ब्रांड कि फोटो दी हुई है, साइज वगैरह सब है उसमें ! ".

अनिकेत को कुछ बोलने या पूछने का मौका दिए बिना मेघना जल्दी से कमरे से बाहर गई, और वापस आकर अनिकेत के हाथ में कुछ नोट देकर उसकी मुट्ठी बंद कर दी, और एक गहरी साँस लेकर थोड़ा शांत होकर बोली.

" I am so sorry अनिकेत... मैं तुम्हें कभी नहीं बोलती, पर मुझे अभी के अभी ज़रूरत है ! तुम्हारे अभि भैया के आने का वेट नहीं कर सकती मैं ! ".

" कोई बात नहीं भाभी जी... मैं चला जाता हूँ ! ". अनिकेत ने रोबोट कि तरह कहा.

" This is so embarrassing... सॉरी अनिकेत !!! ".

अनिकेत जबरदस्ती मुस्कुराया, और जाने के लिए पीछे मुड़ा.

" और थोड़ा जल्दी आना अनिकेत... थैंक्स ! ". मेघना ने पीछे से जल्दी से पुकारकर कहा.

उनके घर से बाहार निकलते हुये, फिर अपने घर जाकर अपनी बाइक निकालकर स्टार्ट करते हुये, बाज़ार जाते हुये, और मेघना भाभी के लिए स्पेशल खरीदारी करते हुये अनिकेत अपने आपे में नहीं था, बस यही सोच रहा था, कि अभी अभी क्या हुआ उसके साथ...भला ऐसे कोई औरत किसी पड़ोसी लड़के को ये सब लड़कीयों वाला सामान लाने भेंजती है क्या ??? वो भी ऐसे लोग जो अपने पड़ोसीयों से सीधे मुँह बात तक नहीं करतें... सेल्फिश कहीं के... लेकिन ये भी तो सच था कि मेघना भाभी ने तो उससे कभी बुरा बर्ताव नहीं किया... बस उनका पति उसे ऐटिटूड दिखता था... कमीना साला !!! खैर, हो सकता है मेघना भाभी को लगा हो कि उनके पास ये सारी चीज़े स्टॉक में है, पर अचानक से ऐसी इमरजेंसी में पता चला होगा कि... कह नहीं सकतें... पता नहीं क्या माज़रा है !

20 साल कि उम्र में अनिकेत को ये एक Shocking Incident लग रहा था, अगर वो थोड़ा बड़ा और Matured होता, मेघना और अभिषेक कि तरह, तो शायद उसका रिएक्शन ऐसा ना होकर थोड़ा सामान्य, थोड़ा अलग होता !
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07-22-2021, 12:57 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
मर्ज़ी से, बिना मर्ज़ी से, जो भी हो जैसा भी हो, आखिरकार बेचारा अनिकेत बाज़ार से मेघना का बताया हुआ सारा सामान ले आया... जल्द से जल्द, जैसा कि मेघना ने रिक्वेस्ट किया था !

उनके घर के बाहर ही अपनी बाइक स्टैंड करके अनिकेत घर के अंदर घुस गया, दरवाज़ा खुला हुआ ही था.

" अनिकेत ??? तुम हो क्या ??? ". बाहर अनिकेत के बाइक के शोर और फिर घर में दाखिल होने कि उसकी आहट से पहचानते हुये मेघना ने अंदर किसी कमरे से पूछा.

मेघना कि आवाज़ तो अनिकेत ने सुनी, पर वो कहाँ थी, ये वो समझ नहीं पाया. इतने बड़े घर के ड्राइंग रूम को छोड़कर वो कभी अंदर कहीं गया भी तो नहीं था ना !

" हाँ भाभी... कहाँ हैं आप ??? ".

" इधर... इधर आओ अनिकेत... मैं बाथरूम में हूँ !!! ".

मेघना कि पुकार से दिशा निर्देश लेते समझते हुये दो कमरों को पार करके अनिकेत बाथरूम तक पहुँच गया और दरवाज़े के सामने खड़े होकर बुलाया.

" भाभी... ".

बाथरूम का दरवाज़ा कुछेक इंच भर अंदर से खुला, और मेघना का एक हाथ बाहर निकल आया. दूसरी ओर मुँह घुमाकर न्यूज़पेपर में लिपटे Sanitary Pad और पैंटी के पैकेट को अनिकेत ने उसके हाथ में दे दिया. मेघना का हाथ उसका अपना सामान थामे वापस से अंदर चला गया, पर दरवाज़ा जितना खुला हुआ था, उसने उसे उतना ही खुला हुआ वैसे ही छोड़ दिया, अनिकेत को लगा कि वो उसका शुक्रिया अदा करेगी, पर मेघना ने कुछ नहीं कहा... शायद वो जल्दी में थी !

ऐसा नहीं कि अनिकेत ने जानबूझकर किया हो, पर वहाँ से जाने से पहले अनायास ही उसकी नज़र बाथरूम के उस थोड़े से खुले हुये दरवाज़े से अंदर कि ओर चली गई - भीतर बाथरूम में मेघना पूरी तरह से नंगी थी !! हाथ में अपनी चीज़े थामे मेघना बाथरूम के अंदर शावर को पार करके बाथटब कि ओर बढ़ रही थी तो उसके हिलते थिरकते बड़े बड़े गोल गोल चूतड़ देखकर अनिकेत का कलेजा मुँह को आ गया !!!

उसे और कुछ नहीं देखना था, ये तो बिना चाहे हो गया था, अचानक से ऐसा दृश्य देखकर वो घबराकर वहाँ से तेज़ कदमो के साथ बाहर निकल गया.

करीब चालीस मिनट बाद मेघना नहाकर अनिकेत कि लाई हुई पैंटी में से एक नई पैंटी पहनकर बाथरूम से बाहर निकली. वो अब काफ़ी रिलैक्स दिख रही थी. अपने बेडरूम में जाकर उसने बिना ब्रा पहने ही ऊपर से एक साफ सुथरी नाईटी डाल ली. उसे हेयरड्रायर से बाल सुखाना पसंद नहीं था, वो एक तौलिये से अपने बाल सुखाने लगी. तभी उसे याद आया कि अनिकेत के जाने के बाद बाहर घर का दरवाज़ा खुला हुआ ही रह गया होगा.

" अरे अनिकेत... तुम यहीं हो, घर नहीं गये ??? ".

अपने भींगे बाल तौलिये से झाड़ते सुखाते हुये मेघना जब ड्राइंग रूम में पहुँची तो अनिकेत को सोफे पर बैठे टीवी देखते हुये देख उसे बहुत आश्चर्य हुआ.

मेघना को कमरे में आता देख अनिकेत ने टीवी स्विच ऑफ करके रिमोट वहीँ सोफे पर रख दिया और तुरंत सोफे पर से उठ गया और बोला.

" आप ठीक तो हैं ना भाभी जी ? ".

" अरे... मुझे क्या हुआ है ??? ". मेघना हँसने लगी.

अनिकेत ने देखा... सचमुच मेघना भाभी को कुछ भी तो नहीं हुआ था ! नई साफ सुथरी नाईटी में नहा धोकर वो एकदम ताज़ी फ्रेश और रोज़ कि ही तरह बेहद खूबसूरत लग रही थी !

" मैंने सोचा कि रुककर एक बार पूछ लूं... आपकी तबियत ठीक नहीं लग रही थी ना ! ". अनिकेत बोला.

" अभी कैसी लग रही हूँ ? ". मेघना ने अपने दोनों हाथ बगल में फ़ैलाते हुये मुस्कुराकर पूछा.

अनिकेत हँसने लगा.

मेघना आगे बढ़ कर आई, और इससे पहले कि अनिकेत कुछ समझ पाता, उसने अनिकेत के गाल पर एक छोटा सा चुम्मा दे दिया.

" So sweet of you अनिकेत... ". अनिकेत के गाल से अपने होंठ हटाकर मेघना ने धीरे से कहा. " I am okay now... तुमने आज मेरी बहुत हेल्प कि ! ".

अनिकेत मेघना के इतने करीब कभी भी नहीं आया था, उसके भींगे बालों से आ रही शैम्पू कि भीनी भीनी महक, नहाने के बाद का पोछा हुआ पानी से तर बदन कि हल्की हल्की खुशबु, और उसपर से उसके नर्म होंठों का उसके गाल पर चुम्बन - अनिकेत तो जैसे बावला दीवाना ही हो गया हो, उसके दिल कि धड़कन एकबारगी तेज़ हो गई !

पर इससे ज़्यादा कुछ कहने सुनने या सोचने को नहीं था, क्यूंकि अनिकेत के किसी भी प्रकार के प्रतिक्रिया कि प्रतीक्षा किये बिना ही मेघना तुरंत से पीछे मुड़कर बिना कुछ और बोले अंदर कमरे में चली गई.

अनिकेत समझ गया कि अब उसे जाना चाहिए...............

सारा दिन और शाम अनिकेत आज हुई घटना के बारे में ही सोचता रहा और मन ही मन मुस्कुराता भी रहा, एक ही दिन में कितना कुछ हो गया था... वैसे कुछ ज़्यादा नहीं, पर उसकी उम्र के हिसाब से काफ़ी कुछ !

रात को सोने के समय बिस्तर पर लेटकर अनिकेत फिर से दिनभर कि हुई सारी घटना एक एक करके याद करने लगा, खासकर मेघना भाभी का पीछे से दिखा नंगा शरीर और उनका उसकी गाल पर का चुम्बन ! अनिकेत जब थोड़ा सा रिलैक्स होकर सब कुछ याद करने लगा तो उसका लण्ड खड़ा हो गया. उसने देखा कि उसकी छोटी बहन बिस्तर से दूर एक टेबल के पास कुर्सी पर बैठी पढ़ाई कर रही है - उसके Exams थें. अनिकेत को अपनी बहन के साथ अपना कमरा शेयर करना पड़ता था.

अपनी उम्र के बाकि लड़को कि तरह अनिकेत को भी मूठ मारने कि आदत थी, वो प्रायः रोज़ ही मूठ मारा करता था, कभी कभार तो दिन भर में दो से तीन बार भी ! अधिकतर समय वो अपने मोबाइल पर पोर्न वगैरह देखकर ही मूठ मारता था या फिर अपने कॉलेज कि किसी लड़की या रास्ते पर आते जाते दिखी किसी खास सेक्सी लड़की, जिसका फिगर भुलाये ना भूले, के बारे में सोचकर अपना माल गिरा लेता था.

बिस्तर पर सोये सोये मूठ मारने के लिए उसे अपनी छोटी बहन के सोने का इंतज़ार करना पड़ता था, और अगर वो जगी रहती थी, जैसा कि आज रात हुआ था, तो वो बाथरूम में चला जाता था.

पर आज कि बात कुछ और थी.

मेघना भाभी ने आज उसे चूमा था... शायद बस ऐसे ही, धन्यवाद स्वरुप ख़ुशी ज़ाहिर करने के लिए ही सही, पर चूमा तो था ! अनिकेत कि अब तक कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनी थी और ये उसके जीवन का पहला Kiss था, ( Well, अगर थैंक्स बोलने के लिए गाल पर लिए गये छोटे से चुम्मे को Kiss का नाम दिया जा सके तो ).

और फिर मेघना भाभी का गांड़ !!!

कपड़े के ऊपर से तो पता नहीं चलता, पर कितने बड़े हैं ना मेघना भाभी के चूतड़ !!!

अनिकेत ने आज तक मेघना के बारे में कभी कुछ गंदा तो क्या, कुछ भी नहीं सोचा था, वो उसे उस नज़र से देखता ही नहीं था. लेकिन उसकी नंगी छवि जो उसने आज बाथरूम में गलती से देख ली थी, वो उसे कैसे भुला दे ??? आखिर मेघना पहली स्त्री थी जिसे उसने नंगा देखा था, जितना सा भी दिखा हो !

ये सोच सोच कर उसका मन विचलित होने लगा कि क्या इस वक़्त मेघना भी उसके बारे में कुछ सोच रही होगी ?

शायद नहीं...

Kiss करते समय उसने क्या सोचा होगा ?

कुछ भी नहीं...

उसके मन में क्या चल रहा होगा ?

पता नहीं...

एक शादीशुदा औरत के बारे में ऐसा सोचना तो अच्छा नहीं लग रहा था, मगर अनिकेत का बहुत मन कर रहा था कि वो मेघना भाभी के बारे में सोचकर मूठ मार ले, उसके लण्ड कि बेचैनी शायद थोड़ी तो कम हो ! उसका लण्ड तनते ही जा रहा था ! उसे पता था कि अगर वो मेघना भाभी कि गांड़ का दृश्य याद करके अपना लण्ड हिलायेगा, तो एक दो मिनट में ही उसकी सारी मलाई बाहर निकल जाएगी, मज़ा जो आएगा सो अलग !!!

लेकिन घूम फिरकर बात वहीँ आ पहुँची...

मेघना भाभी के चुम्बन का क्या ???

बड़ी दिक्कत से अनिकेत एक निश्चित फैसले पर पहुँचा - मेघना भाभी के नाम कि मूठ गिरा कर वो उनकी चुम्बन वाली मीठी याद को गंदा नहीं करना चाहता था. उसने मुड़कर देखा, उसकी बहन अभी भी पढ़ाई में मसगुल थी. उसने एक तकिया अपने पेट के पास रखा, और करवट बदलकर उसपे अपना पैर चढ़ाये अपनी पैंट में अपना खड़ा लण्ड किसी तरह से दबाकर सो गया !!!..........................

अनिकेत जो एक बार सोया तो सीधे सुबह दस बजे उठा. नींद खुली तो उसने महसूस किया कि उसका पैंट वीर्य से सना पड़ा है, जिस तकिये को वो अपनी टांगों के बीच रखकर सोया था, उसका कवर भी गीला हो गया था - बेचारे का लण्ड नींद में ही झड़ गया था, स्वप्नदोष हो गया था उसे, क्यूंकि उसने रात को मेघना के बारे में इतना कुछ सोचने के बावजूद भी मूठ ना मारकर अपना वीर्य ज़बरदस्ती रोक लिया था !

अनिकेत बहुत Frustrated महसूस कर रहा था, उसका लण्ड सिकुड़ कर अपने सामान्य आकार में आ गया था. एक बात अच्छी थी, उसे सुबह सुबह सबसे पहले मेघना भाभी का चुम्बन याद आया था, ना कि उनका नंगा शरीर !

उसे आज कि सुबह कुछ नई नई सी लग रही थी !!
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07-22-2021, 12:57 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" अरे अनिकेत... क्या हुआ ? ". अनिकेत को घर में आते देख मेघना ने ख़ुशी और आश्चर्य मिश्रित स्वर में पूछा. " सब ठीक तो है ना ? पूरे एक हफ्ते बाद आ रहे है ! ".

उस दिन कि घटना के बाद अनिकेत करीब चार पाँच दिन तक मेघना और अभिषेक के घर नहीं गया था. उसे खुद समझ में नहीं आ रहा था कि वो ऐसा क्यूँ कर रहा है, बस इतना पता था उसे कि उस रोज़ मेघना भाभी ने उसे जो काम करने को सौंपा था, वो उसे अजीब तो लगा था पर उसकी वजह से उसकी मेघना से कोई नाराज़गी नहीं थी. एक कारण ये भी था कि वो मेघना भाभी के चुम्बन वाली याद को अंतिम याद के रूप में संजो कर रखना चाहता था, वो नहीं चाहता था कि वो इस बार जब मेघना से मिले तो उसका व्यवहार कुछ अलग हो, जैसा इतने दिनों तक था, जब मेघना भाभी उसे सिर्फ एक कम उम्र के युवक कि तरह ट्रीट करती रही थी.

लेकिन सबसे प्रमुख बात जिसे अनिकेत मन ही मन समझ तो रहा था पर स्वीकार नहीं कर रहा था, वो ये थी कि एक विचित्र सी ग्लानि कि भावना उसे अंदर ही अंदर कचोट रही थी - एक शादीशुदा स्त्री के बारे में सोचते रहने कि ग्लानि कि भावना ! ये फीलिंग उसे भीतर ही भीतर खाये जा रही थी, इससे पार पाना ज़रूरी था, क्यूंकि इसकि वजह से उसका कहीं भी मन नहीं लग रहा था, ना पढ़ाई में, ना घर के कामों में, और इसी असमंजस से उबरने के लिए आज वो मेघना भाभी से मिलने आया था !!!

" खूब पढ़ाई कर रहे हो क्या आजकल ? ". मेघना मुस्कुराते हुये बोली, और धम्म से सोफे पर बैठकर अनिकेत को भी बैठने का इशारा किया.

" पढ़ाई नहीं... हाँ मतलब पढ़ाई तो है... ". अनिकेत बैठते हुये बोला, फिर रुक गया, क्यूंकि उसे खुद पता नहीं था कि वो क्या बोले.

" पढ़ाई वढ़ाई छोड़ो... तुम्हारे अभि भैया ने तो तुम्हें अपने ऑफिस में काम देने का वादा कर ही दिया है ! ". मेघना हँसते हुये बोली.

अनिकेत हल्के से मुस्कुरा दिया पर कुछ बोला नहीं.

मेघना Matured औरत थी, दुनिया देखी थी उसने, काफ़ी सारी बातें समझती थी. वो ठीक समझ पा रही थी कि अनिकेत उस दिन वाली घटना से थोड़ा अपसेट है, और शायद थोड़ा Embarrassed भी !

" अब देखो... उस दिन मैं परेशान थी, और आज तुम परेशान लग रहे हो ! ". मेघना फिर से बोली.

" नहीं नहीं भाभी जी... ऐसी कोई बात नहीं ! ". अनिकेत ने कहा, फिर कुछ तो कहना होगा, इसलिए बहाना बनाते हुये बोला. " वो मम्मी ने थोड़ा झगड़ा हो गया आज ! ".

" धत्त ! मम्मी से भी कोई झगड़ा होता है क्या... पागल ? ". मेघना ने मुस्कुराकर समझाया.

अनिकेत फिर से चुप हो गया.

मेघना उसे सहज करना चाहती थी, सो वो बोली.

" अच्छा अनिकेत... उस दिन के लिए बहुत बहुत थैंक्स तुम्हें. मैं थोड़ी परेशान सी थी इसलिए ठीक से तुम्हारा शुक्रिया अदा भी नहीं कर पाई... That is so rude... I know ! ".

" अरे आप ऐसा क्यूँ बोल रही हो भाभी जी ? ". अनिकेत नम्र होकर बोला, मेघना कि शुक्रिया अदा करने वाली बात पर उसे उसका चुम्बन भी याद आ गया, तो वो थोड़ा सा शर्मा गया.

मेघना अबकी बार चुप्पी साधे बैठी रही. वो चाहती थी कि अब अनिकेत बोले. उसे समझ आ रहा था कि बात कुछ और थी, और अनिकेत का उसे वो बात खुलकर बोलना ज़रूरी था, नहीं तो वो ऐसे ही उदास मुँह बनाये बैठे रहेगा, उनकी बातचीत कहीं तक भी नहीं पहुँच पायेगी, और अनिकेत कि समस्या, वो चाहे जो कुछ भी हो, का समाधान नहीं हो पायेगा.

मेघना एकटक अनिकेत को ताकती रही.

उसका अंदाज़ा सही निकला, अनिकेत ने कुछ देर कि चुप्पी और हिचकिचाहट के बाद कहा.

" भाभी जी... मुझे आपसे कुछ कहना था ! ".

" हाँ बोलो... ". मेघना ने तुरंत ऐसे कहा, मानो वो इसी का वेट कर रही थी.

" Actually... कहना नहीं, कुछ बताना है ! ".

" Sure... बोलो ! ".

" उस दिन... ".

अनिकेत ने पहली बार अपनी नज़रें ऊपर उठाकर मेघना को देखा, मेघना उसे ही देखते हुये उसकी बात ध्यान से सुनने के लिए बैठी थी. अनिकेत ने आगे कहना शुरू किया.

" उस दिन भाभी... मैंने ना... I mean... गलती से आपको बाथरूम में देख लिया था... ".

मेघना मन ही मन मुस्कुराई, अपनी आँखें एक पल के लिए नीचे कि, कुछ सोचा, फिर ऊपर अनिकेत को देखते हुये उसकी बात पूरी होने कि प्रतीक्षा करने लगी.

" बिना कपड़ो के !!! ". अनिकेत अपनी बात पूरी करके रुक गया, जैसे कि मेघना कि इसपर प्रतिक्रिया कि प्रतीक्षा कर रहा हो.

" Okay ! तो ? ". मेघना जानबूझकर ऐसे बोली जैसे कि कुछ हुआ ही ना हो.

अनिकेत कि आँखों में एक चमक सी आ गई और उसने थोड़ा सा खुश होते हुये पूछा.

" तो... मतलब आपको बुरा नहीं लगा ? ".

मेघना मुस्कुराई और फिर बोली.

" मुझे तो पता भी नहीं कि तुमने मुझे देखा था. अगर तुम ना बताते तो... ".

" मुझे पता है कि आपको नहीं मालूम... और यही बात मुझे तब से खाये जा रही थी ! ". थोड़ा सा साहस होते ही अनिकेत ने ऊँची आवाज़ में कहा.

" It's okay अनिकेत ! ".

" मैंने गलती से अंदर झाँक लिया था... बस कुछ सेकंड के लिए... I swear ! I am sorry भाभी जी ! ".

" मैंने कहा ना It's okay... रिलैक्स ! ".

" आप गुस्सा तो नहीं हो ना... मुझसे नाराज़ तो नहीं ? ".

अनिकेत कि घबराहट देखकर मेघना समझ गई कि उसे उसको दिलासा देना होगा, नहीं तो वो ऐसे ही बकबक करता रहेगा.

" ये तुम्हारी अच्छाई है अनिकेत जो तुमने मुझे ये बात बताई... ".

अनिकेत चुप रहा.

" Don't feel guilty ! ".

" भाभी जी... Thank you so much ! ". अनिकेत ने ऐसे कहा मानो उसे मेघना कि बातों से ना जाने कितना आराम मिला हो.

उसके ऊपर से एक बोझ उतर गया था, वो काफ़ी हल्का महसूस कर रहा था.

" स्वीट्स खाओगे ? ". मेघना ने बात बदलने के उद्देश्य से सोफे पर से उठते हुये कहा. " केक भी है... आपके अभि भैया लाये थें कल रात को ! ".

" No भाभी... ". अनिकेत ने मना कर दिया तो मेघना वापस से सोफे पर बैठ गई.

दोनों कुछ देर तक चुपचाप ऐसे ही बैठे रहें, फिर अनिकेत ने चुप्पी तोड़ी.

" भाभी... आपके पुरे शरीर पर मेहंदी है क्या ? ".

मेघना हँस पड़ी.

उसे पता था कि कपड़ो में उसके हाथ, पैर, और गले कि मेहंदी तो दिखती होगी अनिकेत को, मगर उस दिन शायद बाथरूम में उसने उसके नंगे बदन कि मेहंदी भी देख ली होगी, इसलिए पूछ रहा है.

" अनिकेत ? अभी अभी तो तुम बोल रहे थे कि बस मुझे दो सेकंड भर के लिए देखा था ? ". मेघना ने मुस्कुराते हुये ऐसे पूछा जैसे कि अनिकेत कि चोरी पकड़ी गई हो. " और क्या क्या देखा ??? ".

अनिकेत ने अपनी आँखे नीची कर ली और शर्माते हुये मुस्कुराने लगा.

" चलो बताओ... क्या क्या देखा ? ". मेघना ने आगे बढ़कर अनिकेत कि आँखों में झाँकते हुये फिर से आग्रह किया.

अनिकेत समझ नहीं पा रहा था कि वो मेघना से कैसे कह दे कि उसने उसकी गांड़ देख ली थी !!!

गांड़ का अच्छा शब्द क्या होगा... चूतड़... नहीं नहीं... Ass... लेकिन वो भी तो गंदा शब्द है... पिछवाड़ा... नहीं... नितंब... नहीं... ये तो पुराना हो गया है... फिर क्या ?

गांड़ ही तो होगा !!!

बेचारा अनिकेत मुसीबत में पड़ गया.

" आपकी पीठ... पीछे से... आपकी पीठ देखी थी बस ! ". अनिकेत ने हकलाते हुए कहा.

अच्छा... तो पीठ देखी थी... यानि कि गांड़ - मेघना ने मन ही मन सोचा, मतलब चूचियाँ और चूत नहीं देखी... ठीक ही है !!!

मेघना अचानक से उठ खड़ी हुई, और अनिकेत के कुछ और कहने से पहले ही कमरे से चली गई.

" Shittt यार !!! ". अनिकेत के मुँह से निकला.

ये उसने क्या बोल दिया ? क्यूँ बताने गया ये सब ?

अनिकेत समझ गया कि मेघना भाभी को बुरा लगा है. अब वो मुसीबत में है. उसे समझ नहीं आ रहा था कि मेघना तो गुस्सा होकर चली गई, क्या उसे अभी भी यहाँ बैठे रहना चाहिए या इज़्ज़तदार पड़ोसी कि तरह इस घर से चले जाना चाहिए. और कहीं मेघना भाभी अपने पति को बुलाकर ले आई तो ???

फैसला करने में अनिकेत ने ज़्यादा देर नहीं कि... हाँ... उसका अभी के अभी चले जाना ही उचित होगा.

लेकिन उसकी किस्मत ही ख़राब थी !

बेचारा जैसे ही सोफे पर से उठने गया, ना जाने कहाँ से मेघना वापस ड्राइंग रूम में आ गई, और ठीक उसके चेहरे के सामने आकर खड़ी हो गई !!

" देखोगे... मेरी मेहंदी ??? ". मेघना ने धीरे से पूछा.

अनिकेत के चेहरे पर हवाईयां उड़ने लगीं. चुस्त सलवार कुर्ती में खड़ी मेघना कि कमर से उसका मुँह बस कुछेक इंच कि ही दूरी पर था.

" पर किसी को बताओगे तो नहीं ना ??? I mean किसी को भी नहीं !!! ". मेघना ने शर्त रखी.

अनिकेत कि साँसे उसके गले में ही अटक गई, वो कुछ जवाब दे ही नहीं पाया, वो सोचने लगा - मेघना भाभी के कपड़ो से आ रही परफ्यूम कि खुशबु जब इतनी अच्छी है, तो उनके नंगे बदन का गंध कैसा होगा ???

अनिकेत को अपने नसीब पर यकीन नहीं हो रहा था. मेघना भाभी नाराज़ नहीं हुई थी, बल्कि उल्टे वो तो उसे अपने कपड़े खोलकर अपना मेहंदी से सजा जिस्म दिखाने कि बात कर रहीं थीं !!!

हक्केबक्के हुये अनिकेत ने आँखे ऊपर उठाकर मेघना को देखा और धीरे से हाँ में अपना सिर हिला दिया, लेकिन फिर अचानक से उसे कुछ याद सा आया और उसने झट से अपनी चिंता ज़ाहिर कि.

" अभिषेक... अभिषेक भैया ??? ".

" वो घर पर नहीं हैं... ". मेघना ने मुस्कुराते हुये कहा.

अनिकेत को आगे पता नहीं था कि क्या करना है, सो वो सोफे पर थोड़ा सा पीछे खिसककर आराम से अपनी पीठ टिकाकर बैठ गया और मेघना के कपड़े उतारने कि प्रतीक्षा करने लगा !!!

" प्रॉमिस ??? ". मेघना ने पुष्टिकरण कि खातिर और एक बार पूछा.

अनिकेत ने सिर हिलाकर हामी भर दी, कुछ बोलने कि स्थिति में तो बेचारा था ही नहीं.

आश्वस्त होते ही मेघना अनिकेत के बगल में सोफे पर बैठ गई और अपने पीठ पीछे से अपनी हथेली में छुपाया हुआ अपना मोबाइल बाहर निकाल लिया.

" पर मेरी मोबाइल को हाथ मत लगाना... Okay ?. " मेघना ने अपनी मोबाइल कि ओर इशारा करते हुये कहा. " मैं जितना दिखाऊंगी, बस उतना ही देखना ! ".

वेट !!! तो मेघना भाभी मोबाइल में शायद अपनी फोटो दिखाने कि बात कर रही थी, अनिकेत के सामने नंगी होने कि नहीं !!!

अनिकेत का माथा झन्ना गया, क्या हो रहा था ये उसके साथ ? कैसा बेवकूफ़ बन गया वो ?? उसने सोच भी कैसे लिया कि मेघना भाभी उसके सामने अपने कपड़े उतारकर उसे अपने नग्न शरीर के दर्शन कराएगी ???

अनिकेत समझ नहीं पा रहा था कि मन ही मन वो हँसे या इस बात का शोक मनाये. अब वो थोड़ा रिलैक्स सा हुआ तो उसने धीरे से कहा.

" Sure भाभी जी ! ".

अनिकेत कि आवाज़ में एक हताशा साफ झलक रही थी, पता नहीं मेघना ने इसपर ध्यान दिया कि नहीं, पर उसने अब बिना किसी देरी के कुछ भी कहे सुने अपने मोबाइल पर एक वीडियो चला दिया, और मोबाइल अपने हाथ में ही पकड़े हुये अनिकेत को वो वीडियो दिखाने लगी.

ये तो शायद मेघना भाभी को साक्षात् नंगे देखने से भी ज़्यादा बढियाँ था !!!

अनिकेत निराश नहीं हुआ... सचमुच !

उसकी सारी हताशा दूर हो गई. मेघना भाभी उसे कोई आम साधारण सा Travel वीडियो वगैरह नहीं दिखा रही थी जिसमें वो बिकिनी पहनकर स्वीमिंग कर रही हो !!!

अनिकेत ने देखा कि वीडियो में मेघना पलंग पर पूरी तरह से नंगी अवस्था में लेटी हुई है और एक लड़का उसके बदन पर मेहंदी लगा रहा है. उसे इतना समझते देर ना लगी कि वो वीडियो अभिषेक भैया ही बना रहें थें.

अनिकेत का अपने अच्छे नसीब पर विश्वास पुनः लौट आया !
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07-22-2021, 12:57 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
बिना किसी लाज शर्म और हिचकिचाहट के अनिकेत अपनी आँखें फाड़े और मुँह खोले मेघना के हाथ में थमी उसकी मोबाइल पर वीडियो देखने लगा. मेघना का पूरा ध्यान अनिकेत के चेहरे पर था, शायद वो उसके मन के भाव पढ़ने कि कोशिश कर रही थी. अनिकेत का अचंभित मुँह देखकर उसे मन ही मन हँसी तो बहुत आ रही थी, पर उसने अपनी हँसी और भावनाओ दोनों को अच्छे से बड़ी ही सफाई के साथ अपने काबू में किये रखा.

मेघना अकेले में और अपने पति के साथ अपनी मेहंदी वाली ये वीडियो इतनी दफा देख चुकी थी कि उसे अच्छी तरह से याद हो गया था कि वीडियो में कब कब क्या क्या और कहाँ कहाँ है. वो अनिकेत को अपनी मन मर्ज़ी मुताबिक बस उतना ही दिखाना चाहती थी जितना उसे खुद उचित लगे.

" एक मिनट रुको... ". मेघना ने अचानक से वीडियो Pause करते हुये कहा.

वीडियो में अब अभिषेक का मूठ मारने वाला दृश्य आने वाला था. मेघना ने मोबाइल अपनी ओर घुमा लिया ताकि अनिकेत देख ना पाए, और वो सीन फॉरवर्ड करने लगी.

इस छोटे से ब्रेक कि वजह से अनिकेत ने अब तक जो कुछ भी देखा था, उसे पचाने का उसे भी थोड़ा टाइम मिल गया. दरअसल उसने अभी तक अपनी आशा से ज़्यादा ही कुछ देख लिया था. वीडियो में मेघना ने अपनी चूत तो अपने हाथ से छुपा रखी थी और बाद में उसकी चूत को मेहंदी लगाने वाले उस लड़के ने तौलिये से ढंक दिया था, पर उसकी चूचियाँ, उसकी जाँघ, पेट, और नाभी, सभी कुछ अनिकेत देख ही चुका था ! उसके लण्ड में ऐसा तनाव पहले कभी नहीं आया था, उसके टाइट जीन्स और जीन्स के अंदर पहने अंडरवियर ने उसके खड़े हो चुके लण्ड को नीचे कि ओर ही दबा रखा था, जिसकी वजह से अब उसका लण्ड दुखने भी लगा था.

पहले चुम्बन, और अब फिर ये... अनिकेत समझ नहीं पा रहा रहा था कि मेघना भाभी उसके साथ ये क्या और क्यूँ कर रही है.

पर क्या ये सोचने कि असल में कोई ज़रूरत थी ???

" लो... अब यहाँ से देखो ! ".

मेघना ने वीडियो फिर से रिज्यूम कर दिया, थोड़ी देर तक अनिकेत को दिखाने के बाद फिर से रोक दिया, क्यूंकि उसका बाल्टी में पेशाब करने वाला दृश्य आने वाला था. इसी तरह थोड़ा थोड़ा करके मेघना ने अनिकेत को पूरी वीडियो दिखाई, मगर इस बात का पूरा पूरा ध्यान रखा कि उसकी चूत वाला कोई भी शॉट ना दिख जाये. वीडियो ख़त्म होने के बाद उसने अनिकेत को अपनी कुछ मेहंदी वाली नंगी प्राइवेट तस्वीरें भी दिखाई, जो कि बाद में अभिषेक ने ली थी.

वीडियो और फोटोज़ में कुल मिलाकर अनिकेत मेघना भाभी का सारा कुछ देख ही चुका था, सिवाय उनकी अनमोल चूत के !

" How was it ? ". अपना मोबाइल लॉक करके मेघना ने पूछा. " मेहंदी आर्ट ? ".

गले में अटकी हुई अपनी साँस गटकते हुये अनिकेत ने अपने चेहरे के भावों को छुपाने कि नाकाम कोशिश करते हुये जबरदस्ती मुस्कुराकर कहा.

" Awesome भाभी जी... टैटू से भी बढियाँ है ये मेहंदी वाला आईडिया ! ".

मेघना धीरे से मुस्कुराई और कुछ नहीं बोली.

कुछ देर बाद अनिकेत ने पूछा.

" अभि भैया ने वीडियो बनाई थी ? ".

" और कौन बनाएगा ? ".

थोड़ी देर रुककर अनिकेत ने दबी दबी सी आवाज़ में कहा.

" भाभी... मुझे ये वीडियो Send करिये ना ! ".

मेघना हँस पड़ी.

" क्या करोगे ? अपने दोस्तों को दिखाओगे ? ".

" नहीं नहीं... कभी नहीं ! ". अनिकेत जल्दी से बोला.

" मुझे लगा दोस्तों को दिखाकर डिंगे हांकोगे कि देखो मेरी बगल वाली भाभी का मेरे साथ चक्कर है ! ".

" छी भाभी जी... Never ! ".

" फिर क्या करोगे ? ".

अनिकेत चुप रहा.

" अकेले में आराम से देखोगे ना ??? ". मेघना ने मुस्कुराते हुये धीरे से पूछा, जैसे कि उसे सब पहले से ही पता हो.

अनिकेत का बुरी तरह से शर्माना मेघना कि बात को सच साबित कर रहा था. अनिकेत के मोबाइल में अपलोड किये हुये सारे पोर्न से भी ज़्यादा हॉट ये वीडियो था, इस वीडियो पर तो अनिकेत महीनों क्या, ज़िन्दगी भर मूठ मार सकता था !!!

" No अनिकेत ! ". मेघना ने सीधे मना कर दिया, फिर थोड़ी सी नर्म होकर बोली. " पता है मैंने तुम्हें ये सब क्यूँ दिखाया ? ".

अनिकेत ने मेघना कि आँखों में देखकर बिना मुँह से कुछ कहे पूछा कि क्यूँ ?

" तुम उस रोज़ मुझे बाथरूम में देख ही चुके थे. मैं चाहती थी कि तुम्हारा सारा कौतुहल खत्म हो जाये मेरे बारे में, इसलिए सब कुछ ठीक से दिखा दिया. वर्ना तुम्हारा मन इसी ओर घूमता रहता... तुम्हारी पढ़ाई पर असर पड़ता You know ! ". मेघना ने बताया. " तुम्हारी उम्र में ये नार्मल है... Don't worry ! ".

अनिकेत खुद को विश्वास दिलाना चाहता था कि मेघना झूठ बोल रही है, बहाना बना रही है. उसके हाव भाव साफ बता रहें थें कि उसे मेघना कि बात पर यकीन नहीं आया था. वो कुछ देर बैठा बैठा कुछ सोचता रहा, फिर अचानक से मेघना को घूरते हुये कहा.

" मुझे अच्छा नहीं लगा भाभी जी !!! ".

" अरे... मुझे तो लगा तुमने कहा अच्छा लगा ? ".

" वो नहीं भाभी जी... ".

" फिर ??? "

" अभिषेक भैया को किसी और के सामने आपको ऐसे बिना कपड़ो के नहीं जाने देना चाहिए था ! ".

"अच्छा वो ? ". मेघना मुस्कुराई. " वो मेहंदी आर्टिस्ट था अनिकेत... मैं अपने कपड़े ना उतारती तो वो कैसे लगाता फिर मेहंदी ? ".

" ज़रूरत ही क्या थी... ".

" अरे... मतलब ??? ".

" किसी के भी सामने ऐसे... Naked ??? ".

" घर जाओ अब अनिकेत !!! ". मेघना के चेहरे का रंग अचानक से बदल गया और वो धीरे से मगर सख़्त आवाज़ में बोली.

लेकिन अनिकेत रुका नहीं, ना जाने उसे क्या जो हुआ कि उसका बात करने का लहजा अनायास ही बदल गया. वो गंभीर होकर बोला.

" अगर मैं अभि भैया कि जगह होता तो अपनी Wife को सबकी नज़र से बचाकर रखता, किसी के सामने उसकी बेइज्जती नहीं होने देता !!! ".

" जाओ अनिकेत... ". मेघना ने ऊँचे स्वर में कहा, और सोफे से उठकर खड़ी हो गई. " उनके आने का समय हो गया है !!! ".

मेघना को अपने पति के बारे में कुछ भी गलत सुनना गंवारा ना था !!!

अनिकेत समझ गया कि मेघना भाभी गुस्सा हो गई है. गुस्सा तो अब उसे भी आ रहा था... मेघना भाभी पर नहीं, उनके निठल्ले पति पर !!

अनिकेत भी उठकर खड़ा हो गया और अनायास ही आगे बढ़कर उसने मेघना के होंठों के ठीक बगल में उसकी नर्म गाल पर एक चुम्बन जड़ दिया !!!

" I love you भाभी जी !!! ".

मेघना कि प्रतिक्रिया देखने के लिए रुके बगैर ही अनिकेत जल्दी से पीछे मुड़ा और तेज़ कदमो के साथ घर से बाहर निकल गया.

हतप्रभ सी मेघना उसे जाते हुये देखती रही ! उसे यकीन नहीं हो रहा था कि अभी अभी अनिकेत ने उसे Kiss किया था, वो भी बिना उसकी मर्ज़ी, बिना उसकी इज़ाज़त लिए. कुछ देर वैसे ही मूर्ति बने खड़े रहने के बाद उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कुराहट खेल गई, और उसके मुँह से निकला.

" पागल !!! ".

घर का दरवाज़ा बंद करके मेघना ड्राइंग रूम से अपने बेडरूम में आई तो देखा कि अभिषेक दरवाज़े पर ही खड़ा था.

" कब कर रही हो दूसरी शादी ? ". अभिषेक ने दरवाज़े से हटकर मेघना को अंदर आने का रास्ता देते हुये पूछा.

" Shut up अभि ! ". मेघना उसे देखे बगैर बोली और जाकर अपनी मोबाइल बिस्तर पर फेंक दी.

" अपने प्रेमी के साथ साथ मुझे भी साथ रखोगी या मुझे तलाक दे दोगी ? ". अभिषेक ने फिर से पूछा.

मेघना मुड़कर वापस अभिषेक के पास आई और उसके गाल पकड़कर प्यार से बोली.

" इतनी आसानी से तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ने वाली मैं ! ".

अभिषेक और मेघना के बीच एक अजीब तरह कि जुगलबंदी थी, दोनों एक दूसरे को खूब समझते थें. अभिषेक घर पर ही था, लेकिन जब उसने सुना कि ड्राइंग रूम में उसकी पत्नि अनिकेत से कह रही है कि उसका पति घर पर नहीं है, तो वो समझ गया था कि मेघना नहीं चाहती थी कि वो उन दोनों के सामने आये. दूसरी ओर मेघना ने जब ये बात अनिकेत से कही थी तो उसे भी पता था कि अभिषेक बेडरूम से सब कुछ सुन रहा होगा, पर उसे पूरा विश्वास था कि वो उसका इशारा समझकर ड्राइंग रूम में आकर उन दोनों को डिस्टर्ब नहीं करेगा !!!

और ठीक ऐसा ही हुआ भी !

" सब कुछ दिखा दिया उस चुतिये को ??? ". अभिषेक ने गुस्सा होते हुये पूछा.

मेघना मुस्कुराई, और अभिषेक का हाथ अपने हाथ में पकड़कर उसे अपनी सलवार के ऊपर ऊपर अपनी चूत पर सटाते हुये बोली.

" इसे छोड़कर ! ".

अभिषेक ने अपना हाथ मेघना कि चूत से हटाकर उसकी हाथ कि पकड़ से छुड़ा लिया और वहाँ से जाने के लिया मुड़ा.

" अब तुम्हें क्या होगा ? ". मेघना ने अपने पति का हाथ पीछे से पकड़ कर उसे रोकते हुये पूछा.

" I don't like all this मेघना ! ". अभिषेक ने गर्दन घुमाकर पीछे अपनी पत्नि को देखते हुये कहा.

" What you don't like ? ये कुछ नया तो नहीं ? ". मेघना ऐसे बोली जैसे उसे अभिषेक के इस बर्ताव पर यकीन ना हो रहा हो. " कितनों के सामने मैं नंगी हुई हूँ अभि... हम दोनों ये जानते हैं और हम दोनों को ये पसंद है और हमें इसमें मज़ा आता है ! ".

" बेबी... मुझे ये लड़का पसंद नहीं ! ". अभिषेक पीछे मुड़कर मेघना के पास आया और उसके गाल पर हाथ रखकर शांति से बोला.

" तो मुझे कौन सा पसंद है... इनफैक्ट मुझे तुम छोड़कर कोई और पसंद ही नहीं अभि ! ". मेघना ने अपने गाल पर रखे अभिषेक के हाथ को चूमते हुये कहा.

" ये लड़का मुसीबत बनेगा बता दे रहा हूँ मैं. तुम्हें आई लव यू बोल कर गया है हरामी ! ".

" I think मैं उसका पहला Crush हूँ... उसकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं होगी I am sure ! ". मेघना ने हँसते हुये कहा. " उसकी उम्र का लिहाज करो... रिलैक्स ! ".

अभिषेक कुछ क्षण के लिए रुका, एक लंबी गहरी साँस ली, और फिर मेघना को अपनी बांहों में भरकर बोला.

" Look बेबी... मैं तुम्हारे बारे में हर तरह कि Fantasy करता रहता हूँ... तुम्हें किसी गैर आदमी के साथ बिस्तर पर देखने कि ख्वाहिश रखता हूँ ! मगर ये भी सच है कि मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता ! ".

" ये सब क्या बोल रहे हो अभि ? Have you lost it or what ?? ". मेघना आश्चर्य से बोली. " मैं दूसरे मर्दो से तुम्हारे कहने पर फ़्लर्ट करती हूँ, ताकि हमारी शादीशुदा ज़िन्दगी Spice up हो, ना कि किसी गैर मर्द के करीब जाने पर मैं तुमसे दूर चली जाऊँ ! ".

" मैं सिर्फ इतना ही चाहता हूँ बेबी कि तुम्हें पता रहे कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ ! ". अभिषेक ने धीरे से कहा.

" दुबारा कभी ऐसा मत सोचना अभि ! ". मेघना ने अपना चेहरा अभिषेक के सीने में छुपाते हुये कहा.

दोनों पति पत्नि को एक दूसरे पर पूरा भरोसा था, मगर ये कभी भी संभव नहीं था कि मेघना अपने पति के मन कि बात पूरी तरह से समझ ले और अभिषेक उसके मन कि बात !

कोई किसी के चाहे जितना भी करीब हो, एक दूसरे के मन कि बात सौ प्रतिशत जान पाना मुमकिन नहीं... मुमकिन है क्या ???

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Reply
07-22-2021, 12:58 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
अनिकेत के लिए सबसे मुश्किल बात थी ये फैसला लेना कि अब वो आगे क्या करे. आज वो मेघना भाभी के साथ जो कुछ भी करके आया था, उसके बाद अब उसके जीवन में एक ऐसा मोड़ आ गया था जहाँ उसके पास विकल्प बहुत ही कम बचे थें. अपने पति के घर वापस आने पर मेघना भाभी ने या तो अभिषेक भैया को सब कुछ सच सच बता दिया होगा या फिर वो बात अपने तक ही सिमित रखी होगी - दोनों सूरतों में अनिकेत कि परिस्थिति में कोई खास बदलाव आने वाला तो था नहीं. अभिषेक भैया को पता हो या ना हो, मेघना भाभी भला अपने पति को धोखा देने क्यूँ जाएगी. और अगर अभिषेक भैया को उन्होंने सारा किस्सा बता दिया होगा तब तो खेल ही ख़त्म ! कोई भी पति अपनी पत्नि के साथ फ़्लर्ट करने वाले को कैसे बर्दास्त करेगा ?

देखने में तो यही लग रहा था कि मेघना भाभी और अभिषेक भैया में बहुत बनती है, लेकिन ये भी तो हो सकता है कि मेघना भाभी अपने पति के चंगुल में फंसी हुई हो और उनकी अनिच्छा के बावजूद उन्हें अपने पति के साथ सम्बन्ध निभाना पड़ रहा हो. तभी तो देखो ना, कौन सा पति अपनी पत्नि को किसी दूसरे आदमी के सामने नंगा भेजेगा... वो चाहे मेहंदी वाला हो या टैटू वाला ? मेघना भाभी को शायद किसी कि ज़रूरत थी जो उन्हें इस नर्क से निजात दिला सके !

तो फिर अनिकेत क्या करे - मेघना भाभी के घर अब से जाना छोड़ दे या फिर जबरदस्ती उनके पीछे पड़े रहे और सच्चाई का पता लगाए, और अगर ज़रूरत पड़ी तो मेघना भाभी कि सहायता करे.

मुश्किल था तय करना, लेकिन आखिरकार अनिकेत ने सोच ही लिया था कि अब वो उनके घर नहीं जायेगा. क्या ज़रूरत किसी के आपसी मामलों में पड़ने कि. और फिर सिर्फ वो ही क्यूँ पहल करे, मेघना भाभी का रेस्पॉन्स भी तो मायने रखता है ना.

उस रात बिस्तर पर लेटे लेटे अनिकेत यही सब सोचता रहा. कमरे कि बत्ती बंद थी और अनिकेत ने देखा कि उसकी छोटी बहन आज सो चुकी थी. उसने अपना मोबाइल उठाया और अपनी फेवरेट पोर्न वीडियो निकालकर मूठ मारने कि तैयारी करने लगा. फिर उसके मन में कुछ आया, आज ना जाने क्यूँ उसका मूड नहीं बन रहा था ! सुबह जब उसने मेघना भाभी कि नंगी वीडियो देखी थी तो वो बहुत उत्तेजित हो गया था और सोचा था कि रात को खूब लण्ड हिलायेगा उनके बारे में सोचकर ! पर अब उसके ज़हन में इतनी सारी बातें चल रहीं थीं कि उसका मन ही उखड़ गया था.

अपना मोबाइल लॉक करके वो रखने ही वाला था कि अचानक से उसकी व्हाट्सप्प पर एक मैसेज आया.

ये तो मेघना भाभी का मैसेज था !

अनिकेत और मेघना ने एक दूसरे से अपना अपना व्हाट्सप्प नंबर शेयर कर रखा था और एक दूसरे को जोक्स और फनी वीडियोज़ वगैरह भेजा करते थें.

अनिकेत ने मैसेज खोला तो देखा कि वो एक वीडियो था, उसने डाउनलोड में क्लिक किया तो वीडियो डाउनलोड होते हुये प्ले हो गया.

ये तो मेघना भाभी कि मेहंदी वाला वीडियो था जो उन्होंने अनिकेत को आज सुबह दिखाई थी !!!

अनिकेत कि मुसीबते ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहीं थीं. सुबह जब उसने वीडियो मांगा था तो मेघना भाभी ने साफ इंकार कर दिया था, और अब खुद ही भेज दिया ???

इसका मतलब तो ये हुआ कि उन्होंने अपने पति को कुछ भी नहीं बताया होगा... यही ना ? आखिर मेघना भाभी चाहती क्या है ?

कितनी मुश्किल से अनिकेत इस नतीज़े पर पहुँचा था कि अब वो मेघना भाभी से कोई सम्बन्ध नहीं रखेगा, और तभी देखो तो मेघना भाभी ने उसे अपनी प्राइवेट वीडियो भेजकर एक और नई कड़ी कि शुरुआत कर दी !

सुबह जिस वीडियो को पाने के लिए वो उतावला हुआ जा रहा था, वो वीडियो अब उसकी अपनी मोबाइल में था, डाउनलोड पूरा हो चुका था !!! ..................................

" मेघना भाभी... मेघना भाभी... कहाँ हो आप ? ".

अनिकेत के लिए ये गुत्थी सुलझानी बहुत ज़रूरी थी कि आखिर उसके साथ हो क्या रहा है. ना चाहते हुये भी दूसरे दिन वो मेघना के घर आ धमका.

" ये लड़का सचमुच में पागल हो गया है ! ". अपने बेडरूम में ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठी अपनी साड़ी ठीक करते हुये मेघना बुदबुदाई.

" मेघना भाभी... ". अनिकेत ने फिर से ड्राइंग रूम से आवाज़ लगाई.

" आजाओ अनिकेत... ". मेघना ने चिल्लाते हुये कहा. " मैं अपने बेडरूम में हूँ ! ".

कुछ देर बाद अपने पीछे कदमो कि आहट सुनकर मेघना समझ गई कि अनिकेत कमरे में आ चुका है, मगर उसने उसपर ना कोई ध्यान दिया और ना ही उसे पीछे मुड़कर देखा.

" बोलो अनिकेत... ". मेघना ने बिना मन से कहा.

" अभि भैया घर पर हैं क्या ? ". अनिकेत ने पूछा.

मेघना चुप रही, आईने में खुद को देखा, कुछ सोचा, और फिर बोली.

" अगर वो घर पर होतें तो मैं तुम्हें अपने बेडरूम में बुलाती ??? ".

अनिकेत चुप हो गया, फिर कहा.

" लेकिन बाहर Garage में तो उनकी कार है ! ".

" वो अपने दोस्त के साथ गएँ हैं... ". मेघना ने कहा, फिर झल्लाते हुये पूछा. " बात क्या है अनिकेत, क्यूँ पूछ रहे हो उनके बारे में ? ".

" मुझे आपसे कुछ बात करनी है भाभी जी... ".

" कहो अनिकेत... ". मेघना खुद के साथ ब्यस्त रही.

" मुझे आपसे माफ़ी मांगनी थी ! ". अनिकेत धीरे से बोलकर रुक गया.

" बोलो... सुन रहीं हूँ ! ".

" कल के मेरे Behavior के बारे में ! ".

मेघना से अब रहा नहीं गया. थोड़ी ऊँची आवाज़ में परेशान सा होकर उसने कहा.

" ये क्या चल रहा है अनिकेत ? हर दूसरे दिन आ जाते हो और कहते हो कि सॉरी... फिर कुछ और उल्टा सीधा कहकर चले जाते हो ! ".

अनिकेत कुछ नहीं बोला.

" तुम्हें क्या लगा अनिकेत... तुम मेरे घर में आकर मेरे ही सामने मेरे हस्बैंड के बारे में बुरा भला कहोगे और मैं बर्दास्त कर लूंगी ? ".

" मैं उस बात कि माफ़ी मांगने नहीं आया हूँ भाभी ! ".

इस बार मेघना ने बैठे बैठे अपनी गर्दन घुमाकर पहली बार अनिकेत को देखा, और पूछा.

" अच्छा ? Great... फिर क्या है ? ".

" मैंने जो आपसे आई लव यू कहा था... ".

" Okay... and ? ".

" और आपको जो Kiss किया था ! ".

" तो मैं समझी नहीं... तुम मुझसे प्यार करते हो या नहीं ? ". मेघना ने जानबूझकर हँसते हुये पूछा.

" वही जानने आया हूँ ? ".

" मुझसे ??? ".

" जी भाभी जी... ".

मेघना के लिए अब ये सब असहनीय होते जा रहा था. उसने एक गहरी साँस ली और उठ खड़ी हुई, फिर चलते हुये अनिकेत के पास गई और मुस्कुराते हुये पूछा.

" मैं भला तुमसे क्यूँ प्यार करुँगी ? I am married अनिकेत ! ".

अनिकेत ने मेघना कि आँखों में देखा, मगर मेघना का चेहरा और भाव दोनों कठोर थें, तो उसने अपनी नज़रें नीचे झुका ली. मेघना उसे घूरती रही, फिर थोड़ा सा शांत होकर बोली.

" Look अनिकेत... उस दिन मेरे... मेरे Periods शुरु हो गएँ थें और मुझे लगा कि मेरे पास Sanitary Pad है, पर नहीं था, ख़त्म हो गया था, ऐसे में तुम आ गये और इसलिए तुम्हें लाने को भेजा, मैं खुद बाज़ार कैसे जाती बोलो ? और फिर तुमने मेरी मदद कि तो मैंने तुम्हें Kiss कर दिया... वो भी गाल पर... You know... Thank you kiss... बस... That's it ! अब मुझे क्या पता था कि तुम मुझपर लट्टू हो जाओगे और इस छोटी सी बात का बतंगड़ बना दोगे !!! ".

" आप झूठ बोल रहीं हैं भाभी... ". अनिकेत ने दृढ स्वर में धीरे से कहा.

" तुम्हें ऐसा क्यूँ लग रहा है कि मेरी बात झूठी है ? ". मेघना ने बिना उत्तेजित हुये शांति से पूछा.

" आप फिर मुझे अपनी प्राइवेट वीडियो और तस्वीरें ना दिखाती ! ".

" वो मैंने क्यूँ दिखाई ये मैं कल ही एक्सप्लेन कर चुकी थी अनिकेत ! ".

" Really ? ". अनिकेत ने व्यंग्यात्मक तरीके से हँसते हुये कहा. " और फिर आपने जो मुझे अपनी वीडियो कल रात भेजी उसका क्या ??? ".

अनिकेत के सवाल से मेघना विचलित नहीं हुई और सीधे सपाट स्वर में बोली.

" वो इसलिए नहीं अनिकेत कि मैं तुमसे प्यार करती हूँ... वो इसलिए था क्यूंकि मैंने गलती से जो कुछ तुम्हारे साथ शुरु किया था उसे ख़त्म करना चाहती थी. अब जब तुम एक पराई शादीशुदा औरत का सब कुछ देख चुके हो तो I hope कि उसके शरीर के हर अंग के बारे में तुम्हारी जिज्ञासा समाप्त हो गई होगी और तुम उसे अकेला छोड़ दोगे ? "

अनिकेत को उसके सारे सवालों का सटीक जवाब मिल चुका था, अब उसके पास मेघना भाभी से सच्चाई निकलवाने का कोई रास्ता ना बचा तो उसने बिना किसी शर्म मेघना से सीधे प्रश्न कर दिया.

" आप अभि भैया के साथ खुश हैं भाभी जी ? ".

" What nonsense अनिकेत ??? अब तुम अपनी हद पार कर रहे हो ! ". मेघना भड़क उठी, उसे यकीन नहीं हुआ कि अनिकेत ने उससे उसके पति के बारे में अभी अभी ऐसी डायरेक्ट बात कही थी !

अनिकेत रुका नहीं, डरा नहीं, और आगे कहा.

" मुझे तो लगता है कि आप अभि भैया के साथ जबरदस्ती निभा रहीं हैं ! ".

मेघना को पता नहीं कि ये कैसे हो गया, पर अभिषेक के बारे में ऐसी घटिया बात सुनकर अचानक से उसका हाथ उठा और उसने अनिकेत कि गाल पर एक ज़ोरदार तमाचा जड़ दिया.

" मैंने अब तक तो उन्हें कुछ भी नहीं बताया था... ". मेघना गुस्से से बोली. " पर अब लगता है उन्हें सब कुछ बताना ही पड़ेगा ! ".

" एक हस्बैंड को अपनी वाइफ को जितनी इज़्ज़त देनी चाहिए, अभि भैया उतना दे नहीं रहें आपको भाभी जी ! ".

कहते हुये अनिकेत हल्के से मुस्कुराया और मुड़कर कमरे से बाहर निकल गया.

मेघना को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ, क्या चल रहा है, सब कुछ इतनी जल्दी हो गया था, वो वापस आकर पलंग के सामने खड़ी हो गई और और अपने सिर पर हाथ रखकर परेशान हुई सारा घटनाक्रम फिर से एक बार सोचने लगी.

अनिकेत के गये अभी दो मिनट ही हुये होंगे कि मेघना ने ऐसा महसूस किया कि जैसे उसके पीछे कोई खड़ा हो. वो घबराई नहीं, ना ही उसने कोई प्रतिक्रिया दिखाई, बस चुपचाप खड़ी रही.

उसे पता था कि अनिकेत वापस लौट कर आ गया है !

" पता है भाभी... ". अपनी गर्दन के पीछे अनिकेत कि साँसों को मेघना ने साफ महसूस किया जब उसने बोलना शुरु किया. " कल रात मैंने आपकी वीडियो देखे बिना ही डिलीट कर दी थी !!! ".

अनिकेत सच बोल रहा था !

रात को उसने मेघना कि भेजी हुई वीडियो डाउनलोड ज़रूर करी थी, पर फिर कुछ सोचकर बिना देखे ही डिलीट भी कर दी थी.

" क्यूँ ? ". बिना पीछे मुड़े ही मेघना ने धीमी आवाज़ में पूछा.

" पता नहीं ! ".

अनिकेत को थप्पड़ मारने के बाद मेघना अब तक थोड़ी शांत हो चुकी थी, और उसका गुस्सा भी कम हो गया था.

अनिकेत ने थोड़ी देर रुककर फिर से कहा.

" शायद इसलिए क्यूंकि आपकी मर्ज़ी मेरे लिए बहुत मायने रखती है. जिस दिन आप भी मुझसे उतना ही प्यार करने लगोगी जितना मैं आपसे कर बैठा हूँ, उस दिन फिर से वो वीडियो मुझे भेज दीजियेगा भाभी जी ! ".

मेघना मन ही मन मुस्कुराई, और पीछे मुड़ी, तो देखा कि अनिकेत एकदम उसके समीप खड़ा है !

" और तुम्हें क्यूँ लगता है कि मैं तुमसे प्यार करुँगी ??? ". मेघना ने अनिकेत कि आँखों में देखते हुये पूछा.

" बस लगता है... ". अनिकेत बोला.

" ये Crush है अनिकेत... प्यार नहीं ! ". मेघना ने ऐसे कहा मानो वो अनिकेत को ही नहीं, बल्कि खुद को भी ये बात समझा रही हो.

" मेरी उम्र में हो तो Crush... आपलोगों कि उम्र में हो तो सच्चा प्यार ! ". अनिकेत बोला. " ऐसा क्यूँ भाभी ? ".

मेघना के पास अनिकेत के बेवकूफ़ी भरे बचकाने सवालों के कोई जवाब नहीं थें, लेकिन उसे पता था कि अगर वो चुप रही तो अनिकेत इसे उसकी मर्ज़ी समझ बैठेगा, सो वो समझाने के अंदाज़ में धीरे से बोली.

" देखो अनिकेत... ज़िद छोड़ो, इस रिश्ते से किसी को भी ख़ुशी नहीं मिलेगी ! ".

" मुझे बस आपको खुश देखना है भाभी ! ".

मेघना धीरे धीरे कमज़ोर पड़ने लगी थी, ये अनिकेत समझ चुका था, या फिर ये कहें कि कम से कम उसे तो ऐसा ही लगा. मेघना का चेहरा उसके इतने करीब था कि वो खुद को और रोक नहीं पाया, चुम्बक कि तरह खींचता चला गया ! उसके होंठों को अपनी ओर बढ़ता देख मेघना ने अपना चेहरा थोड़ा सा घुमा लिया. मेघना के चेहरे से बस नाख़ून भर कि दूरी पर अनिकेत ने रुक कर मेघना के गालों कि महक को महसूस किया, और फिर आगे बढ़कर अपने होंठ मेघना के गाल पर सटा दियें !

मेघना ने अनिकेत को रोका नहीं, उसे अपने गाल चूमने दियें. अनिकेत दरअसल उसे चूम नहीं रहा था, बस अपने होंठों से मेघना के गाल सहला रहा था.

" ये गलत है अनिकेत... मत करो ! ". मेघना फुसफुसाते हुये बोली.

अगर अनिकेत कि माने तो उसने मेघना कि वीडियो देखे बिना ही डिलीट कर दी थी, और अब वो मेघना के साथ ये सब कर रहा था - मेघना इतना तो समझ ही रही थी कि ये लड़का सिर्फ सेक्स नहीं चाहता, सच्चा प्यार ना सही, पर वो उसे पसंद करने लगा था, इतना तो स्पष्ट ही था.

मेघना के लिए इस वक़्त अनिकेत को रोकने से भी ज़्यादा ज़रूरी था खुद को रोकना, और उसने वैसा ही किया. अपने दोनों हाथों से अनिकेत को उसके सीने से धकेलते हुये मेघना झट से पीछे मुड़ी, लेकिन अनिकेत पहले से ही मानो तैयार था. उसने तुरंत अपना एक हाथ मेघना कि कमर से लपेट कर उसे कसकर पकड़ लिया. मेघना जाने के लिए मुड़ी तो थी, पर अपनी जगह से एक इंच भर भी हिल ना पाई थी. बस मुड़ने कि वजह से अब उसकी पीठ अनिकेत कि ओर हो गई थी !

पीछे से मेघना को सख़्ती के साथ पकड़े हुये अनिकेत ने अपना चेहरा उसके लंबे खुले बालों में छुपा लिया और फिर अपनी आँखे बंद करके उसकी गर्दन को चूमने लगा.

" अनिकेत Don't !... Stop it !! ".

अनिकेत के होंठ अपने गर्दन पर रगड़ खाते महसूस करते ही मेघना कि हालत ख़राब होने लगी. अनिकेत कि पकड़ से निकलने कि उसने नाकाम कोशिश कि तो अनिकेत ने अपना दूसरा हाथ भी उसकी कमर से लपेट कर उसे पूरी तरह से जकड़ लिया.

" अनिकेत No ! ".

मुलायम शिफॉन साड़ी में लिपटी अपनी गांड़ पर मेघना ने जब अनिकेत कि जाँघों और कमर का दबाव महसूस किया तो उसे समझते देर ना लगी कि अनिकेत उत्तेजित हो रहा है, क्यूंकि अपने चूतड़ कि दरार के ठीक बीचोबीच अनिकेत कि जीन्स में खड़े उसके लण्ड कि चुभन का एहसास उसे अभी अभी बिना किसी शक के एकदम साफ तौर पर हुआ था !

चीज़ें काबू से बाहर हो रहीं थीं.

" जाओ अनिकेत... प्लीज् ! "

अनिकेत ना बात सुन रहा था, ना ही रुक रहा था. अपनी पूरी ताकत लगाकर आखिरकार मेघना ने अपनी कमर से किसी तरह से अनिकेत के दोनों हाथ हटाएं, उसकी पकड़ ढीली होते ही वो उसकी ओर वापस से मुड़ी, और उसके गाल पर एक थप्पड़ मारा !

अनिकेत रुक गया और मुस्कुराकर मेघना को देखने लगा. लेकिन उसने अभी भी मेघना को अपनी बाहों में भर रखा था. उसकी मुस्कुराहट से चिढ़कर मेघना ने उसके गाल पर एक और थप्पड़ कस दिया, और उसे गुस्से से घूरने लगी. मेघना ने सोचा था कि अनिकेत उसे अब छोड़ देगा, लेकिन उल्टे अनिकेत ने इस बार आगे बढ़कर अपने होंठ मेघना के होंठों पर रख दियें. अनिकेत कि बाहों में छटपटाते हुये मेघना उसकी चंगुल से निकलने का भरसक प्रयास करती रही, मगर अनिकेत ने उसे नहीं छोड़ा. करीब तीस सेकंड तक मेघना के होंठों से अपने होंठ चिपकाये रखने के बाद अनिकेत ने मेघना को छोड़ दिया.

अविश्वसनीय नज़रों से अनिकेत को घूरते हुये मेघना लंबी लंबी गहरी साँसे भरने लगी. अनिकेत उसे एकटक देखे जा रहा था. करीब दस सेकंड तक ऐसे ही एक दूसरे से बिना एक शब्द कहे आमने सामने खड़े रहने के बाद ना जाने क्या सोचकर मेघना ने अपना चेहरा आगे कि ओर बढ़ा दिया और अपनी आँखें बंद कर ली. अनिकेत को पता था कि मेघना क्या चाहती है, वो पिघल रही थी !!! अनिकेत ने आगे बढ़कर मेघना कि पीठ से अपने हाथ लपेट दियें और दोनों एक दूसरे के होंठों से होंठ सटाये चुम्बन में ऐसे लिप्त हो गएँ मानो कि दोनों ना जाने कब के दो बिछड़े हुये प्रेमी हों ! ये चुम्बन ना तो जबरदस्ती वाला था और ना ही जल्दबाज़ी वाला , बल्कि शांत, सोचा समझा और प्रेमपूर्ण था !!!

" My God अनिकेत... मैं ऐसा नहीं कर सकती ! ". मन भर कर एक दूसरे को चूमने के बाद मेघना ने खुद को अनिकेत से अलग करते हुये ऐसे कहा जैसे कि उसे खुद पर ही विश्वास ना हो रहा हो कि वो क्या कर रही है.

अनिकेत ने बिना कुछ कहे मेघना के दोनों कंधो को अपने दोनों हाथों कि मुट्ठी में पकड़ा और उसे धीरे से धकेलते हुये पलंग के बगल में कमरे कि दीवार तक ले गया. एक बार जब मेघना कि पीठ दीवार से टिक गई तो उसने खुद को अनिकेत के हवाले कर दिया और उसके अगले कदम का इंतज़ार करने लगी.

मेघना ने अपनी ब्लाउज़ में कसी चूचियों को छिपाने कि कोई कोशिश नहीं कि जब अनिकेत ने उसके कंधे से उसकी साड़ी का पल्लू नीचे सरकाया. अनिकेत ने देखा कि मेघना ने ब्लाउज़ के अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी और उसके खड़े हो चुके निप्पल साफ पता चल रहें थें, और इस बात कि ओर स्पष्ट संकेत कर रहें थें कि वो भी उतनी ही उत्तेजित हो रही थी जितना कि वो खुद !

अनिकेत का साहस बढ़ चुका था और अब जब मेघना भाभी उसका साथ दे रही थी, या फिर यूँ कहें कि कम से कम उसका विरोध नहीं कर रही थी, तो उसने और आगे बढ़ने का फैसला ले लिया. उसने अपने दोनों हाथों से मेघना के पेटीकोट को पकड़कर उसमें खोसी हुई उसकी साड़ी समेत उसकी कमर से थोड़ा सा ही नीचे सरकाया होगा, कि उसे मेघना कि गहरी नाभी दिख पड़ी, जिसकी गोलाई के चारों ओर लाल मेहंदी का एक सुंदर सा डिज़ाइन बना हुआ था. अनिकेत ने अपने दाएं हाथ कि उंगली से मेघना कि नाभी को हल्के से छुआ, मेघना कि आँखों में एक बार देखा, और नीचे ज़मीन पर अपने घुटनों के बल बैठ गया. अनिकेत अपने होंठ मेघना कि नाभी के करीब लाया ही था कि अचानक से मेघना जैसे किसी सम्मोहन से बाहर निकली, उसे जैसे होश आ गया हो, उसने झट से अपने दोनों हाथों से अनिकेत का मुँह पकड़कर उसे रोक लिया. अनिकेत ने कोई ज़बरदस्ती नहीं कि, मेघना भाभी कि इच्छा के विरुद्ध उसकी नाभी चूमने का आगे और कोई प्रयास किये बिना ही ऊपर नज़र उठाकर उसे देखा और मुस्कुराया, उसके हाथ, जिन्होंने उसके चेहरे को थाम रखा था, को चूमा, और फिर अपना चेहरा उसकी साड़ी के ऊपर से ही उसकी जाँघों के बीच घुसा दिया !!!

" मत करो अनिकेत... प्लीज् ! ". मेघना के मुँह से एक कमज़ोर सी आवाज़ निकली और उसने अपनी आँखें मूँद ली.

अब तक अनिकेत ये भलीभांति समझ चुका था कि मेघना भाभी के किस कथन और किस इशारे का मतलब क्या था, कब हाँ था... और कब ना था !

साड़ी और पेटीकोट के अंदर छिपी नरम त्वचा से अपना मुँह धीरे धीरे घिसते समय अनिकेत ने ये अंदाज़ा लगा लिया था कि मेघना ने पेटीकोट के भीतर पैंटी नहीं पहनी हुई थी ! ये बात और थी कि मेघना कि जाँघों से लिपटी साड़ी से आ रही खुशबु से अनिकेत ये समझ नहीं पा रहा था कि ये साड़ी कि गंध है या मेघना भाभी के चूत कि ! फिर वो सही नतीज़े पर पहुँचा - मेघना भाभी कि चूत कि महक उसके पेटीकोट और साड़ी में लगी परफ्यूम से भीन कर आ रही होगी. यही चूत कि गंध और परफ्यूम कि महक कि मिलीजुली खुशबु उसे इस वक़्त हर तरह का रिस्क लेने पर मज़बूर कर रही थी !!!
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