मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
06-08-2021, 12:50 PM,
#61
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
अनीता का ससुर कुछ नहीं कहता पर सास दिन मे कई बार गाली गलोच करके उसे बहुत परेशान करती.

एक दिन अनीता का सब्र टूट गया और उसने शन्नो का गला पकड़ा और गुस्से मे कहा – साली शन्नो… तेरी चूत से मेरा पति पैदा हुआ है इसीलिए चुप हू, वरना उसी चूत मे आग लगा देती… ज़्यादा बोल मत नहीं तो तेरे पति के सामने ही तुझे नंगा करके, महोल्ले के सामने पीटूँगी और गली के सारे कुत्तों से चुदवाउंगी…

शन्नो, बुरी तरहा डर गई और सिमट कर के कोने मे बैठ गई.

ससुर बोला – जाने दे बेटी… इतना गुस्सा मत कर…

अनीता फिर शांत हो गई और घर का काम करने लगी.

उस दिन के बाद शन्नो अनीता को कुछ नहीं बोली और अनीता भी परिवार में ज़्यादा ओपन हो गई, और उसके मन का डर निकल गया.

शाम को चेतन घर आया तब सब नॉर्मल ही था, फिर रोज़ की तरहा सब सो गये.

रात मे अनीता ने कहा – मुझे आज जी भर के चोदो… माँ कुछ नहीं बोलेगी… मैने समझा दिया है…

चेतन बोला “सच” और कस कर पकड़ लिया.

डॉली ने चोरी चोरी देखना, चालू किया

प्रोग्राम स्टार्ट करते वक़्त चेतन की नज़र, डॉली पर पड़ी.

चेतन, अनीता के कन मे फुसपुसा कर बोला – “ डॉली देख रही है”…

अनीता बोली – हाँ पता है, देखने दो… वो अब जवान हो गई है… अभी नहीं सीखेगी तो कब सीखेगी…

चेतन बोला – लेकिन, ये ठीक नहीं है… मैं नहीं कर सकता…

अनीता बोली – उसे गोली मरो… इसमे हम कुछ नहीं कर सकते… तुम अपना काम चालू रखो…

चेतन का मन नहीं मान रहा था.

अनीता ने फिर ज़बरदस्ती चेतन का शर्ट और पैंट उतरा और खुद भी नंगी होने लगी.

अनीता उस रात इतने जोश और जुनून मे थी की चेतन के इनकार करने पर भी वो नहीं मानने वाली थी.

चेतन ने अनीता से कहा – डॉली को बोलो की उस तरफ़ देखे…

अनीता बोली – ज़्यादा नाटक मत करो और मेरे मम्मे चूसो…

उस रात अनीता के ऊपर सेक्स सवार था और वो सिसकारिया लेते हुए आवाज़ कर रही थी.

चेतन ने उसे 3 4 बार कहा भी – आवाज़ मत करो… पर वो जैसे बिंदास और नशे मे थी…

डॉली के लिए उस रात का अनुभव सबसे अलग था.

चेतन के झड़ने के बाद भी, अनीता ने चेतन को नहीं छोड़ा और फिर से चूस कर लण्ड खड़ा करके चुदवाने लगी.

2 बजे तक, उनका प्रोग्राम चला.

अनीता का बस चले तो सारी रात करवाती रहे पर चेतन के ऑफीस की वजह से दोनों सो गये.

नारायण भी रंगीन आदमी था, जब बीवी और बहू दोपहर मे सोते तब वो सीडी पर ब्लू फिल्म लगा कर देखते रहता.

पहले तो वो न्यूज़ लगता था और जब सब सो जाते तो वो सीडी निकाल कर फिल्म देखता.

उसकी बीवी हमेशा बोलती – वो बुढ़ापे मे भी सुधरा नहीं…

नारायण को कुछ फ़र्क नहीं पड़ता पर बहू के आने के कारण, उसका फिल्म देखना कम हो गया था.

एक दिन, वो फिल्म की सीडी लेकर घर आया और सीडी अपने ड्रॉयर मे रख रहा था, बहू ने पूछा की कौन सी सीडी है.

ससुर बोला – कुछ नहीं, बेटी… तुम्हारे काम का नहीं है…

कुछ देर बाद, बहू के खुद ड्रॉयर खोल कर देखा और देखते ही रह गई.

एक नंगे कपल की तस्वीर थी जो सेक्स की मुद्रा मे थी.

तुरंत सीडी रख दी और सॉफ सफाई करने लगी.

दोपहर मे सोने का नाटक करके चोरी चोरी टीवी देख रही थी.

फिर देखा की ससुर एक सीडी डाल रहे हैं और टीवी का आवाज़ कम कर रहे हैं.

सीडी प्ले होती है और उस मूवी मे दो औरत और 4 आदमी सेक्स कर रहे होते है.

अनीता ये देख कर, अचंभे मे पड जाती है.

रात मे वो चेतन को पूछती है की क्या वो सब सच था.

चेतन कहता है – पापा जी जब टीवी देखते हैं, तब तुम मत देखो…

और उसने कहा – वो सब सच है, पर शूटिंग मे ही करते हैं… रियल लाइफ मे नहीं…

अगले दिन भी ऐसा ही हुआ.

अनीता इस बार, उठ कर बैठ गई.

टीवी पर ब्लू फिल्म चल रही थी.

ससुर उसे उठता हुआ देख हड़बड़ा गया और टीवी बंद कर ली.

बहू ने पूछा – कौन सा प्रोग्राम चल रहा था, बाबूजी… ??

नारायण बोला – बेटा, तुम्हारे लिए नहीं है ये सब… तुम सो जाओ…

बहू बोली – मुझे सब पता है और मैं छोटी नहीं हूँ… रात भर यही सब करती हूँ… मुझे ये सब देखने मे शरम नहीं आती… आप चिंता मत करो और पिक्चर लगाओ…

कुछ देर बाद, शन्नो उठी तो देख कर हैरान हो गई की ससुर के बगल मे बहू बैठी है.

ससुर का हाथ बहू के पीठ पर है और बहू का हाथ ससुर के लण्ड पर.

शन्नो तुरंत भड़क कर बोली – बढ़िया!! बहू से इतना प्यार की लण्ड पर काबू नहीं रहता… ?? मैं जब हाथ लगाती हूँ तो खड़ा भी नहीं होता… ?? इस लड़की ने मेरे बेटे को खा लिया और मेरे पति को भी खाने जा रही है…

नारायण बोला – मुंह संभाल कर बात कर ये घर की बहू है… घर की इज़्ज़त है… अगर चोदने की बात करती हो तो तैयार हो जा… आज तुझे पटक पटक कर चोदूंगा… इतना चिल्लाएगी की गली के कुत्ते भोकेंगे…

शन्नो बोली – आज देख लेती हू, तुम्हारे लण्ड का दम… तुम्हारी प्यारी बहू को समझा दो की रात में चोदन थोड़ा कम कर…

बहू बोली – माँ जी… आप बोलो ही मत… आप को नहीं पता की चोदन क्या चीज़ है… अगर पता होता तो ससुर की ये हालत नहीं होती… आज मे भी देखती हूँ की आप की चूत मे कितना दम है…

शन्नो बोली – बस कर, मुझे तमाशा नहीं बनाना है, खुद का… मेरे बेटे के सामने क्या इज़्ज़त रह जाएगी मेरी… तुझे तो कुछ फ़र्क ही नहीं पड़ता…

बहू बोली – माजी, आपका बेटा बहुत बड़ा चुड़क्कड़ है… आपके पति की तरहा… उसे तो अच्छा लगेगा…

उसी दिन खाना खाने के बाद, डॉली पढ़ने के लिए बैठी थी, तभी अनीता ने उसे किचन मे बुलाया और धीमी आवाज़ मे कहा – मुझे पता है की तुम चेतन और मुझे चुपके रात मे देखती हो…

डॉली की नज़र, नीचे हो गई और वो कुछ ना बोली.

अनीता ने फिर कहा – पगली, ये तो लाइफ का रियल आनंद है… मैं तेरी उम्र मे थी तो मेरे बॉय फ्रेंड से रोज़ चुदवाती थी… और मेरे 4 4 बॉय फ्रेंड थे… आखरी बॉय फ्रेंड चेतन था…खैर, वो सब छोड़… तुझे आज मौका मिलने वाला है… आज रात मे तेरे माँ बाप जम कर चुदाई करने वाले हैं… अगर हिम्मत हो तो उठ कर बैठ जाना और तमाशा देखना… कोई कुछ नहीं कहेगा… मैं संभाल लूँगी…

डॉली बोली – आप क्या बोल रही हो… मेरे कुछ समझ मे नहीं आ रहा है…

अनीता बोली – मैं जैसा कहती हू वैसा कर… आज रात मे जल्दी सोजा… रात 11 बजे, सब प्रोग्राम स्टार्ट करने वाले हैं… आँखे बंद रखना और सोने का अच्छा नाटक करना… मैं कुछ देर मे चिकुटी काट दूँगी तुम्हे… तब उठ कर बैठ जाना… उस वक़्त तुम्हारी माँ और बाप, चुदाई चालू कर चुके होंगे… बस दोनों को देख कर, आनंद लेना… मैं और चेतन भी रहेंगे और बहुत मज़ा आएगा… समझी… ??

डॉली बोली – हाँ, समझी…

रात के 10 बज गये.

डॉली सो गई.

अनीता ने चेतन को उँची आवाज़ मे कहा – आज रात, तुम्हारी माँ ने तुम्हारे बाप को चॅलेंज किया है की किस मे अभी भी दम है… मुझे लगता है की मां से नहीं होगा…

चेतन बोला – क्या नहीं होगा… ??

फिर अनीता चेतन के कान मे फुसपुसा कर बोली – आज दोनों एक दूसरे के साथ जबरदस्त चुदाई करने वाले हैं…

फिर अनीता उँची आवाज़ मे बोली – हमे अब सो जाना चाहिए नहीं तो ये दोनों का कम अटका रहेगा…

अनीता ने ससुर और सास को एक कप मे दूध दिया और बेस्ट ऑफ लक कहा.

उसने चेतन और खुद भी, एक कप दूध ले लिए.

अनीता ने चेतन को इशारा किया और दोनों सो गये.
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06-08-2021, 12:50 PM,
#62
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
अनीता तो सोने का नाटक कर रही थी.

सोने से पहले अनीता ने सास और ससुर को कहा – आप लाइट चालू रखेंगे तो अच्छा होगा… मैं देख सकूँगी की किसका कितना पानी निकला और कौन किस पर भारी है…

ससुर बोला – कोई बात नहीं, बेटा… लाइट चालू ही रखेंगे नहीं तो तुम्हारी सास का छेद ढूँढने मे तकलीफ़ होगी…

अनीता हँसने लगी, और सास कुछ नहीं बोली.

रात के 11 बज गये पर सास और ससुर ने प्रोग्राम स्टार्ट नहीं किया.

अनीता उठ कर बैठ गई और दोनों से बोली – चलो अब, आप लोग चालू हो जाओ… क्यों एक दूसरे से नफ़रत करते हो… प्यार से रहो और सेक्स करो…

ये सुन कर ससुर अपनी वाइफ से कहता है – आजा रानी, तुझे जन्नत की सैर कराता हूँ…

शन्नो बोली – पहले इस चुड़ेल से कहो की सो जाए…

अनीता शुभ रात्रि कह कर सो जाती है और सास ससुर का रोमॅन्स चालू हो जाता है.

पहले किस्सिंग 10 मिनट तक होता है, इस दौरान अनीता चेतन तो धीमी आवाज़ से उठाती है और कहती है – आज बड़ा मज़ा आएगा… तेरे बाप और अम्मा, चोदा चोदि कर रहे हैं…

चेतन की आँख खुली और वो देखने लगा की क्या हो रहा है.

सास और ससुर, दोनों को एहसास हो गया की चेतन देख रहा है, इसलिए दोनों थोड़ा रुक गये.

फिर अनीता बोली – क्या आप लोग भी… माहौल को क्यों चेंज कर रहे हो… एक दूसरे में बस खो जाओ… कोई और देखे या ना देखे आपको फ़र्क नहीं पड़ना चाहिए… चलो आगे बढ़ो…

उसके बाद, दोनों रुके नहीं.

किस्सिंग करते करते, दोनों एक दूसरे के कपड़े निकालने लगे.

ससुर, थोड़ा जोश मे लग रहे थे पर सास थोड़ा शर्मा रही थी.

चेतन और अनीता लेटे हुए थे, और दोनों की चुदाई देख रहे थे, डॉली आँखें बाँध कर लेटी हुई थी.

कुछ देर बाद, दोनों 69 पोज़िशन मे हो कर एक दूसरे का हथियार चाट रहे थे की तभी अनीता ने डॉली को चिकुटी काट कर इशारा किया और वो उठ कर बैठ गई.

डॉली चुप चाप दोनों को देखने लगी.

उधर चेतन अनीता के कपड़ो मे हाथ डाल कर उसे गरम कर रहा था.

घर के सभी लोग, सेक्स मे डूब रहे थे.

सास और ससुर, जब 69 पोज़िशन से वापस बैठ जाते है तो डॉली को देख हैरान हो जाते हैं और उसे डाटने लगते हैं.

अनीता बीच मे कहती है – उसे देखने दो… उसे भी पता चले की शादी के बाद क्या होता है और लाइफ का असली आनंद चुदाई मे है… आज नहीं तो कल ये सब सीखना ही है… ससुराल मे ये सब नहीं बताएँगे… डाइरेक्ट ठुकाई होगी… तब बिचारी का क्या हाल होगा… इसे देखने दो, आप कम मत रोको…

ससुर का मूड, सेक्स करने का था.

उसने कहा – चल शन्नो… तेरी बेटी बताएगी की मैं किस तरहा तुम्हें पेलता हूँ… आख़िर मे, तुम्हें हार माननी पड़ेगी…

सास कहती है – देखती हूँ तुम्हें, आ जाओ…

ससुर, सास के ऊपर आ जाता है, और चुदाई चालू करता है.

उधर चेतन नीचे से अनीता को नंगा कर देता है और चुदाई करना चालू करता है.

अनीता, डॉली के घुटनों पर अपना हाथ रखती है.

डॉली का ध्यान, अनीता की और भी पड़ता है.

डॉली दोनों तरफ चुदाई देख, अपने चूत और निप्पल को मसलने लगती है.

कुछ देर बाद, चेतन अनीता को घोड़ी बना कर चोदने लगता है.

डॉली, उन दोनों के और करीब जाती है.

अपने भाई के लण्ड को नज़दीक से देखने लगती है.

सास ससुर, डॉली को अपने पास बुलाते हैं और कहते हैं की वो ये सब सिर्फ़ देखे, करना तो ससुराल मे है.

डॉली का ध्यान, उसकी माँ की चूत पर जाता है जिसमे से बहुत सारा पानी निकल कर बिस्तर पर गिर रहा था.

अचानक, अनीता ज़ोर से – आ आहा आहा आ आ आ… चिल्लाती है.

डॉली देखती है की चेतन, बहुत तेज़ी से चोद रहा है.

फिर कुछ देर बाद चेतन, अनीता के मुंह मे लण्ड डाल कार चुस्वाता है.

ये देख, डॉली का गला सूखने लगता है.

चेतन अपना रस, अनीता के मुंह मे छोड़ देता है.

अनीता, मुंह मे रस पकड़े रखती है और बाहर जाकर थूक के आती है.

चेतन और अनीता का होने के बाद, डॉली पीछे घूम जाती है.

सास और ससुर, दोनों चुदाई जारी रखते है.

चेतन और अनीता, उठ कर दोनों के साइड मे खड़े हो कर देखते है.

चुदाई और 10 मिनिट चलती है.

सास आख़िर मे कहती है – मैं छोड़ने वाली हूँ… मैं हार गई…

ससुर और कुछ झटके मारता है और सास की चूत से गढ़ा रस बाहर आता है.

फिर ससुर अपना लण्ड, सास के मुंह मे डालकर चूसवाता है और 2-3 मिनट मे वो भी रस छोड़ देता है.

अपनी माँ को देख कर, डॉली हैरान हो जाती है.

वो लण्ड को पागल कुत्ते की तरहा चूस रही थी और पूरा रस मुंह मे लेकर ज़ुबान निकाल घुमा कर पी गई.

आख़िर में, अनीता ने कहा की डॉली की चूत तो प्यासी रह गई.

फिर ससुर किचन से जाकर, एक केला ले आए और डॉली को दिया और कहा – बेटे, इस से कम चला ले…

डॉली ने केला हाथ मे लिया और नीचे का उतार कर, केला अंदर डालने लगी.

चेतन बोला – इसे तो आता ही नहीं…

बाप बोला – मैं सिखाता हूँ… तुम लोग सब सो जाओ और लाइट ऑफ कर लो…

सब सो गये और डॉली के बगल मे उस दिन, उसका बाप था.

अंधेरे मे केला उसकी चूत मे डाल डाल कर उसे गरम किया.

फिर कुछ देर बाद, उसके कान मे धीरे से पूछा की क्या मेरा लण्ड चलेगा.

डॉली तुरंत बोली – हाँ… प्लीज़ मुझे चोदो… फाड़ दो, मेरी चूत… कितने दिनो से तड़प रही हूँ…

ससुर अपना हथियार निकालता है और अपनी बेटी के ऊपर चढ़ जाता है.

3-4 शॉट लगाने के बाद, वो चिल्लाने लगती है.

सब उठ जाते हैं और लाइट चालू करते है.

दोनों की चुदाई देख, सब डॉली को पहली चुदाई की बधाई देते हैं.

कुछ धक्को के बाद, नारायण लण्ड डॉली के मुंह के पास ले जाता है की डॉली उसे पकड़ कर चूसने लगती है, और सारा वीर्य कर जाती है.

ये देख कर उसकी माँ कहती है – ये मेरी ही बेटी है… और सब, ताली बजाते हैं.

सब वापस, सो जाते हैं.
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06-08-2021, 12:50 PM,
#63
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
बेटे के दोस्त की माँ को चोदा

यह सत्य कहानी अभी 6 अप्रैल 2014 की है जब मैं मेरे लड़के को JEE कि एक्जाम दिलाने पास के सहर में ले कर जाने वाला था | जब सुबह 7 बजे घर से निकला तो एक चौराहे पर मेरे लड़के का दोस्त भी अपनी माँ के साथ मिला मैंने सोचा कि सिर्फ लड़का ही जायेगा एक्जाम देने पर जब ओ दोनों मिले तो मेरा लड़का आगे कि सीट से उतर गया और दोस्त कि मम्मी को बोला कि ''आंटी आप आगे के सीट पर बैठ गाये मैं और अंकित पीछे बैठ जाता हु'' तो दोस्त कि माँ आगे कि सीट में बैठ गई और बैठते समय मेरे से हाथ मिलाने को आगे बढ़ाया तो मैंने भी हाथ बढ़ा दिया पर जैसे ही उनसे हाथ मिलाया ऐसा लगा जिसे पुरे सरीर में करेंट लगा हो बहुत ही मुलायम हाथ है उनके इतने में उन्होंने कार का दरवाजा लगाया तो मैंने कार स्टार्ट किया और चल दिए | उन मेडम की उम्र करीब 35-38 के आसपास होगी गोरे रंग की है ओ हलके हरे-केसरिया रंग की साड़ी और केसरिया रंग का ब्लाउज पहन रखा था कलाइयों में मैच करती चुडिया पहन रखी थी,खुल्ले बाल थे इस उम्र में भी मोटापा उनके पास नहीं फटका, उनका जिस्म एकदम से फिट है पर बूब्स बड़े बड़े है ओ बड़े मादक अंदाज में तिरछी नजर से कभी कभी मेरी तरफ देखती |

कुछ देर में ड्राइविंग ग्लास को ऐसा सेट कर दिया कि उनके चेहरा दिखने लगा मुझे मेरा ध्यान कार ड्राइविंग देखने में ज्यादा था कुछ देर में टोल नाका आया तो खुद ही अपनी छोटी से पर्स को अपने ब्लाउज से स्तन के पास से निकाला और मुझे देने लगी तो मना कर दिया तो जबरजस्ती मेरे हाथ में 100 कि नोट रख दिया मैंने टोल नाका में पेमेन्ट किया और आगे बढ़ गए ,मेन मिरर ग्लास में देखा तो उनके साडी का पल्लू नीचे गिरा था और ब्लाउज का खुल गया था उनके सेक्सी बूब्स दिखने लगे सेक्सी बूब्स को देखते देखते एक्जाम सेंटर पहुच गया 8 बजकर 20 मिनट पर बच्चे और मैं मेडम के साथ कार से नीचे उतर गए दोनों बच्चे एक साइड में जाकर अपने कोर्स और एक्जाम के बारे में बाते करने लगे तो मैं और ओ मेडम एक पेड़ के नीचे खड़े होकर बाते करने लगे जान पहचान में सबसे पहले उनका नाम पूछा तो पता चला कि मेडम का नाम 'पूनम खत्री ' है पति के बारे में पूछा तो बताया कि ओ दुबई में जाब करते है और तीन तीन साल में एकात बार ही आते है तो मैंने पूछ लिया कि आपका समय कैसे पास होता है तो उदास होकर बोली बस समय काट रही हु

बाते करते करते 9 बज गए बच्चे एक्जाम सेण्टर में अंदर चले गए और हम दोनों कार में जाकर बैठ गए और बाते करने लगे , मैं FM रेडिओ लगा दिया और अपने सैमसंग गैलेक्सी में विडो सांग देखने लगा इतने में पुनम खत्री का लड़का आया और बेग में से 12 वी का ओरिजनल प्रवेश पत्र निकाल कर जाते समय बोला अंकल स्कूल वाले अंदर नहीं ले रहे है मैं जल्दी से अंकित के साथ चला गया और करके वापस आया तो देखा कि पूनम मेरे मोबाइल को अपने हाथ में लेकर कोई बड़े चाव से एक वीडिओ देख रही थी, बीडीओ देखने के बाद बोली बहुत मस्त वीडिओ है आपके पास तो मैंने बोला कौन से है जो आपको अच्छी लगी तो पहले तो सरमाई पर जब मैंने उनसे आग्रह किया तो बोली ये वाले ,मैं उस वीडिओ को देखा तो ओ वीडिओ पोर्न फ़िल्म के थे मैं पहले सरमाया और फिर बोला आपको कहा से मिल गए ये तो बोली ढूढ लिया और उसमे से एक वीडिओ मुझे दिखाया [जिसमे एक ओरत घोड़े से चुदा रही थी]और बोली ऐसी भी ओरते है तो मैंने बोला हां है ना तभी तो इसमें दिख रही है , कुछ देर बाते करने के बाद पूनम बोली चलिए कही बाहर चलते है यहां घुटन हो रही है बहुत भीड़ है [ एक्जाम सेंटर पर करीब 300 लोग इधर उधर फैले हुए थे] तो मैंने बोला किधर चलू तो पूनम बोली कि मैं बताती हु आप यहाँ से तो चले तो मैंने कार स्टार्ट किया और स्कूल के गेट से बाहर निकले तो पूनम ने कहा कि सिटी से बाहर कि तरफ चलते है जहा सुकून से बाते कर सकू तो मैं सिटी से करीब 15 KM बाहर आ गया और एक घने पेड़ कि छाया में कार खड़ी कर दिया और कार से उतर कर कार के ओलट में कार कि सीट का कवर रख कर दोनों नीचे बैठ गए और बाते करने लगे पूनम ओ पोर्न फिल्मे देखे जा रही थी चाव से उनके सारी के पास से गिर गया था उनके मस्त मस्त उन्नत उरोज़ दिख रहे थे ,

मेरे नसों में उत्तेजना बढ़ती जा रही थी पर कोई बहाना नहीं मिला रहा की पूनम को किस करू, तब दिमाग में एक ऑडिया आया मैं आलस जम्हाई फाड़ फाड़ कर तो पूनम बोली की थक गए है क्या तो मैंने हां किया तो पूनम बोली आप लेट जाए तो मैं पूनम के पास के लेट गया और पूनम पोर्न फिल्मे देखती रही पर तकिया नहीं होने के लेटते नहीं बन रहा था तो पूनम ने कहा की मेरी जांघो में सर रख लीजिये तो मैंने पूनम की जांघो पर सर रख कर लेट गया पूनम की नरम नरम जांघो पर मुझे बहुत अच्छा लगाने लगा कुछ देर में मैंने पूनम के गोद में सर रख लिया और आराम से लेट गया कुछ देर में पूनम झुकी तो उसके बूब्स मेरे गाल से टकराये तो मैंने बूब्स को किस कर लिया और हाथ से दबा दिया तो पूनम बोली ये क्या कर रहे हो कोई देख लेगा , तब भी मैं नहीं माना और पूनम के बूब्स को दबाता रहा तो पूनम उठी और कार के पीछे सीट में जाकर बैठ गई तो मैं भी सीट कवर उठाया और कार के अंदर जाकर AC ओन कर दिया,और कार के विंडो में लगे पर्दे लगा दिया,आगे की दोनों सीटों को पूरा आगे कर दिया जिससे पीछे की सीट के लिए खूब जगह हो जाए और पूनम के पास जाकर पीछे की सीट पर बैठ गया और
पूनम को किस करने लगा बूब्स को दबाने लगा पूनम भी मुझे किस करने लगी कुछ देर में पूनम के ब्लाउज के सभी हुक खोल दिया और पूनम की चुचियो को चूसने लगा पूनम प्यार से मेरे सर पर हाथ घुमाने लगी मैं पूनम के गाल और होठो को भी चूसने लगा पूनम पूनम के होठो को अपने दातो से हलके हलके काटता बदले में पूनम भी मेरे होठो को काटती यह क्रम बहुत देर तक चला पूनम चुदाने के लिए तैयार हो गई और पेंट के ऊपर से मेरे लंड़ को टटोलने लगी तो मैंने पूनम के साड़ी को जांघो तक खिसकाया और जांघो को सहलाने लगा इधर पूनम मेरे पेंट के बेल्ट को खोलने लगी तो मैंने पेंट की बेल्ट और हुक को खोल कर चढ्ढी सहित नीचे खिसका दिया पूनम मेरे खड़े लण्ड को हाथ से पकड़ कर खिलाने लगी मैं पूनम की साडी को पूरा उठा लिया और पूनम की पैंटी को उतार दिया और चुत को सहलाने लगा उधर पूनम मेरे लण्ड के साथ खेल रही थी

मैं झुक कर पूनम की चुत चाटने लगा तो कुछ ही पल में पूनम सम्भोग के मिलन के लिए तड़प उठी तो मैंने मेरी दोनों टांगो को नीचे कर दिया और पूनम को उठकर खड़ी कर दिया तो पूनम मेरे लण्ड को अपनी चुत में घुसेड़ लिया और मेरे कंधो पर अपना हाथ रखकर मेरे से चिपक गई और अपने चूतडो को मेरे लण्ड पर घिसने लगी मैं पूनम की चूतड़ को पकड़ कर आगे पीछें करने लगा पूनम का बजन ज्यादा नहीं है इस लिए बड़ी आसानी से उसे चोद रहा था , पूनम अपने जीभ को चूसते भी जाती मैं भी पूनम की जीभ को चूसने लगा और जल्दी जल्दी पूनम के चूतडो को हिलाने लगा पूनम के मुह से उ अ उ अ आ आ आ आह आह आह आह सी सी सी स्स्स्स्स्स्स्स्स आआआआ आआआआअ अहह्ह् ह्ह्ह्ह आअह्ह आह की आवाज करने लगी [मुझे डर लगा रहा था की कोई आ नहीं जाए इस लिए मैं जल्दी से पूनम को निपटाना चाहता था] मैं भी जल्दी जल्दी चोदना सुरु कर दिया और मुस्किल से 5 मिनट में ही दोनों ढेर हो गए वीर्य बह कर मेरी जांघो पर बहने लगा तो मैंने पूनम को जल्दी से उठाया और सीट में बिठा दिया तो पूनम अपने पेटीकोट से चूत को साफ़ किया और फिर अपनी पेंटी को पहन लिया मैं भी जल्दी जल्दी अपनी पेंट को पहन लिया और दोनों कार से बाहर आ गए , बाहर दूर दूर तक कोई नहीं दिखाई दिया तो मेरी सास में सास आई और मैंने फिर से पेंट को ठीक से सर्टिंग करके पहन लिया और पूनम को भी बोला की साडी ठीक से पहन लो तो पूनम ने भी साडी को ठीक से पहन लिया और फिर दोनों बाते करने लगे खड़े खड़े तब तक घड़ी में 10 बजकर 30 मिनट हो गए तो मैंने पूनम को बोला की चलो यहाँ से कोई आ नहीं जाए तो पूनम बोली टीक है और दोनों कार में बैठे और एक्जाम सेण्टर के सामने एकछोटे से होटल में बैठ गए एक एक पेप्सी लिया और स्कूल के अंदर हो गए और वहा कार में ढेर सारी बाते किया , मैंने पूनम से बोला की मजा नहीं आया तो पूनम बोली हां तो मैंने बोला की कैसे मजा आये तो पूनम बोली की अंकित [पूनम का लड़का] ट्युसन के लिए जाता है उस समय घर में कोई नहीं रहता आप आ जाना तो मैं बोला टीक है और बहुत देर तक बाते करते रहा फिर 12 बजकर 40 मिनट पर बच्चे बाहर आ गए तो हम वापस आपने सहर आ गए मैंने पूनम का मोबाइल नंबर ले लिया |

10 अप्रैल 2014 को पूनम से बात किया तो पूनम बोली अंकित 11 .30 पर ट्युसन जाता तो 4 बजे तक आता है आप दोपहर में आ जाओ गर्मी में सुनसान रहता है तो मैंने बोला टीक है आता हु और ऑफिस से निकल लिया कुछ बाहना करके और मेरी कार को एक दोस्त के घर छोड़कर पास ही पूनम के घर दोपहर में 12 बजे पहुंच गया |
पूनम मेरा इन्तजार कर रही थी दरवाजे के खड़ी होकर,पूनम एक गाउन पहन रखी थी जो की जिस्म पर फिट थे पूनम के जिस्म का एक एक अंग की बनावट साफ़ साफ़ झलक रही थी मैं जैसे ही पहुंचा पूनम ने गेट में ताला लगा दिया बाहर से जिससे की कोई ये समझे की घर में कोई नहीं है और जल्दी से घर के अंदर आ गई और घर का भी दरवाजा लगा लिया तब तक मैं शानदार और महंगे सोफे पर बैठ गया कुछ देर में पूनम एक ग्लास में सरबत बना कर लाइ और मुझे दिया और खुद भी पिया और पास ही बैठकर बाते करने लगी तो मैं पूनम को खीच लिया अपने गोद में और किस करने लगा पूनम भी किस करने लगी तो मैं पूनम के बूब्स को दबाने लगा तो बोली आपको जल्दी है क्या , तो मैंने कहा की नहीं तो बोली टेक है आराम से बैठिये अंकित तो 5 बजे के पहले नहीं आएगा , फिर मेरे पास से उठी और किचेन में घुस गई मैं भी पीछे पीछे किचेन में घुस गया और पूनम को पीछे से पकड़ कर बूब्स को दबाने लगा तो बोली रुक जाओ ना नहीं तो दूध उफान कर बाहर गिर जाएगा तो मैंने बोला दूध की तरह मुझे भी उफान आ रहा है तो बोली रुकिए सम्हालिए अपने आप को मजे से करेंगे तब मैं पूनम को छोड़ दिया तो पूनम बोली आप बैठिये कमरे में आती हु तो मैं आगे के रूम में आकर बैठ गया तो 10 मिनट बाद पूनम एक एक ग्लास दूध लाइ और बोली लीजिए फिर खाना खाएंगे इसके बाद तो मैंने और पूनम ने एक साथ एक एक ग्लास दूध पी लिया दूध का स्वाद कुछ ऐसा था जैसे उसमे कुछ मिलाया गया हो , फिर कुछ देर बाते किया और पूनम ने खाना परोशा तो दोनों डाइनिंग टेबल पर खाना खाये तब तक दोपहर के 1 बजकर 20 मिनट हो गये |

खाना खाकर दोनों लिविंग रूम के सोफे में बैठकर बाते करने लगे , मैं पूनम को किस करने लगा पूनम भी मुझे किस करती और मेरे शरीर पर हाथ घुमाती तब मेरे लण्ड में तनाव बनने लगा ऐसा लग रहा था की लण्ड पेंट से बाहर आ जाएगा पूनम की आँखे लाल लाल होने लगी , पूनम मादक अंदाज में बोली '' चलिए बेड रूम में यहाँ गर्मी लग रही है '' तो हम दोनों बेड रूम में आ गए बैडरूम में AC चल रहा था रूम नार्मल टेम्पेचर में था | बैडरूम में जाते ही पूनम को गोद में उठा लिया और बेड पर बिठा दिया [पूनम का बजन मुस्किल से 50-55 KG होगा,जबकि मैं 85 KG का हु पर मेरी उचाई 6 फिट 1 इंच है 48 साल की उम्र में भी एकदम से फिट हु गेहुआ रंग है भरे भरे लाल-लाल गाल बड़ी बड़ी आँखे और खूब स्मार्ट लगता हु मेरी खूबसूरती को ही देखकर पूनम इतनी जल्दी कार में चुदाने के लिए तैयार हो गई थी उस दिन]
और को किस करने लगा पूनम को तो पूनम मुझे अपनी तरफ खीच कर बेड पर गिरा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई और नशीली आबाज में बोली 'आज बहुत परेसान करुँगी तुझे तैयार है न' तो मैंने बोला 'जितना मर्ज़ी आये जुल्म कर लो पर बाद में ये नहीं कहना की बहुत सताया'और इतना कहने के बाद पूनम मेरे कपडे उतारने लगी तो मैं खुद ही मेरे सभी कपडे उतार दिया और नंगा हो गया तो पूनम मेरे मोटे और लम्बे लण्ड को पकड़ लिया और हिलाने लगी इधर उधर और कुछ बड़बड़ाई तो मैंने पूछा ''क्या हुआ क्या कह रही हो '' तो बोली '' कुछ नहीं '' तो मैंने बोला ''बताओ ना '' कुछ नहीं बोली और झुक कर मेरे लण्ड को चाटने लगी जीभ निकाल निकाल कर मैं गर्म पड़ने लगा मेरा लण्ड आज कुछ ज्यादा ही खूँखार लग रहा है , मैंने भी पूनम की गाउन को निकाल दिया तो देखा की पूनम सिर्फ गाउन ही पहन रखी थी जैसे ही गाउन उतारा पूनम के मस्त मस्त बूब्स दिखाई दिया तो मैं लपक कर बूबस को मुह में ले लिया और चूसने लगा और पूनम को बिस्तर पर लिटा दिया और क्लीन चूत को चाटने लगा 2 मिनट की चूत चटाई में ही पूनम आग की तरह भभक कर जलने लगी और मुझे नीचे गिराते हुए मेरे ऊपर चढ़ गई और बेड में तकिये के नीचे से कोहिनूर कंडोम [जिसमे बाहर से खुरदुरा रहता है] निकाला और मेरे लण्ड पर चढ़ा लिया और फिर लण्ड को अपनी चूत में डाल लिया और मेरे ऊपर लेट गई और अपनी चूत को मेरे लण्ड के साथ घिसने लगी तो मैं भी लण्ड का थोकड़ मारने लगा कुछ ठोकड़ के बाद ही पूनम को नीचे गिरा दिया और फिर मैं पूनम को लण्ड के ठोकरों की बाौछार कर दिया पूनम के मुह से उ उ उ उ आ आ आ आ आ आ आ आह आह आह आ आ आ आह आ अहा अहा सी सी सी सी सास स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आआ आ आआआ आ आआ आआह् ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह की आवाजे आने लगी पूनम अपनी दोनों आँखों को बंद करके मजे से चुदा रही थी और जोर जोर से बडबडा रहे थी और और और जोर जोर से चोदो मेरे राजा बहुत दिन बाद आज चुदा रही हु तीन साल हो ह\गए इस तरह चुदाई मारो मारो छोड़ दो आज फाड़ डालो इसे बहुत कूदती थी बाके नौजवानो को देखकर मैं जोर जोर से चौदने लगा पूनम 10 मिनट तक चुदाने के बाद स्खलिात होने की कगार पर आ गई तो मैंने चुदाई की स्पीड काम कर दिया तो पूनम बोली मारो बहुत अच्छा लग रहा है पर मैं कुछ बाते करने लगा जिससे पूनम का ध्यान बट जाए तो मैं इसे दूसरे तरीके से चोदु क्योकि इसका बजन कम है इसे उठा उठा कर हवा में लहरा लहरा कर मजे से चोदा जा सकता है और मेरे चाल

कामयाब रही तब मैंने पूनम को बोला की बेड के किनारे के पास आओ और मैं भी बेड से नीचे आ गया और पूनम की दोनों टाँगो को पकड़ कर ऊपर कर दिया और लण्ड पेलते हुए पूनम को उठा लिया और पूनम की दोनों टांगो को मेरे कंधे पर रख लिया पूनम अपने दोनों हाथो को मेरे गले में डाल लिया मैं पूनम के पीठ में हाथ रख कर पकड़ लिया और हवा में झूला झुला झुला कर चोदने लगा पूनम बड़े मजे के साथ हवा के झूलने लगी बीच बीच में पूनम मेरे मुह से अपने मुह को जोड़ लेती और मेरी जीभ होठो को चूसती पूनम का बजन काम होने से पूनम को खूब देर तक चुदाई किया पूनम इतना उत्तजित हो गई की ऐसा लगता था की मेरी जीभ को खीच कर अपने मुह में हमेसा के लिए ले लेगी पर मैं भी तबियत से पूनम की चुदाई करने लगा पूनम मुह से उ उ उ उ आ आ आ आ आ आ आ आह आह आह आ आ आ आह आ अहा अहा सी सी सी सी सास स्स्स्स्स्स् स्स्स्स्स्स आआ आ आआआ आ आआ आआह् ह्ह्ह्ह् ह्उ उ उ उ आ आ आ आ आ आ आ आह आह आह आ आ आ आह आ अहा अहा सी सी सी सी सास स्स्स्स्स्स्स्स् स्स्स्स आआ आ आआआ आ आआ आआह् ह्ह्ह्ह् ह्उ उ उ उ आ आ आ आ आ आ आ आह आह आह आ आ आ आह आ अहा अहा सी सी सी सी सास स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आआ आ आआआ आ आआ आआह् ह्ह्ह्ह् ह् की जोर जोर से आवाज निकलने लगी और मेरे से चिपक कर ढीली पड़ गई मैं समझ गया पूनम झर चुकी है तब मैंने पूनम को नीचे उतार दिया तो पूनम मेरे खड़े लण्ड को देखकर बोली ''ये रिलेक्स नहीं हुआ क्या '' तो मैंने बोला नहीं तो पूनम बोली आओ कर लो रिलेक्स और लेट गई तो मैंने बोला नहीं मैं इसे ठंडा कर लेता हु एक घंटे बाद फिर से कर लेंगे तो पूनम तैयार हो गई और मेरे पास ही नंगी होकर लेटी रही और गन्दी गन्दी बाते करने लगी , मैंने पूनम से पूछा की कैसे रह पाती हो बिना चुदाई करवाये तो पूनम हस्ते हुए बोली ''बैगन ''

किस दिन काम आएगा तो मैंने पूछा की बैगन से करती हो तो बोली की हां क्या करू और कोई चारा नहीं तो मैंने पूछ लिया कैसे करती हूँ बैगन से तो बोली की लंबा और मोटा सा बैगन लाती हु उसके ऊपर कंडोम लगाकर अपनी फ़ुद्दी की भूख काम करती हु फिर मैंने पूछा की दूध में क्या दिया था था तो बोली की एक कैप्सूल आती है ओ [पति का नाम लिया] लाते थे तो हम दोनों दूध में डालकर पी लेते थे एक घंटे बाद दोनों मस्त मजा लेते थे चुदाई , फिर मैंने पूनम से पूछा की और किसी से चुदाया आज तक तो बोली नहीं पति और आप मैंने बोला झूठ बोलती हो तो बोली नहीं आप ही है जो पहली नजर में पसंद आ गए बौत देर तक बाते करते करते मैं फिर से पूनम को प्यार करने लगा तो पूनम गर्म पड़ने लगी तो पूनम की चूत को चाटने लगा और फिर पूनम की चूत की चुदाई का सिलसिला किया जो आज तक लगातार चालु है | पूनम का लड़का पुणे पढ़ने चला गया अब पूनम पूरी तरह से अकेली है । पूनम के पास उसके भाई की एक लड़की रहने लगी जो इस साल 8 वी में एड्मिसन लिया है जब ओ स्कूल चली जाती है तब पूनम फोन करके बुला लेती है । अब तो पूनम खत्री सप्ताह में एक दिन तो जरूर ही चुदवाती है ।
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06-08-2021, 12:50 PM,
#64
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
पापा का लौड़ा बहन की चूत में-1

दोस्तो घर में मेरे इलावा मम्मी-पापा, और एक बड़ी बहन भी थी।
पापा को, अपने काम से फ़ुर्सत ही नहीं मिलती थी.. इस कारण, हम दोनों भाई बहन मम्मी के साथ ही घूमते फिरते थे..
वैसे, मेरी बड़ी बहन अधिकतर घर से बाहर ही रहा करती थी।
मौका मिलते ही, वह कभी नाना-नानी, कभी दादा-दादी या कभी और किसी करीबी रिश्तेदार के पास, रहने चली जाती थी।
उसकी पढ़ाई भी इस कारण अच्छी नहीं रह पाई।
हमारी मम्मी जो की खुद अच्छी पढ़ी लिखी महिला थीं, काफ़ी मॉडर्न विचारों वाली थीं।
वह कभी भी दकियानूसी विचारों को नहीं पालती थीं.. उन्होंने, कभी भी हम भाई बहन में अंतर नहीं रखा..
इस कारण, हम लोग आपस में काफ़ी खुले हुए थे।
यहाँ तक की कभी भी किसी भी बात पर, अपने विचार व्यक्त कर सकते थे।
एक तरह से, हम में किसी प्रकार का कोई परदा नहीं था।
मम्मी और मेरी बहन जो की मुझसे करीब एक साल बड़ी थी ने कभी मुझसे शरम या परदा नहीं किया..
वह दोनों घर में, मेरे सामने ही अपने ऊपरी कपड़े बदल लेती थीं.. जैसे तोलिये की आड़ में, या पीठ कर के..
जिस कारण, मैं बड़ी सफाई से निगाहें चुरा कर उन दोनों के मांसल बदन का भरपूर रसस्वादन करता था…
इसका एक कारण, यह हो सकता है की मैं बचपन से ही काफ़ी सीधा साधा, भोला भंडारी सा दिखता था.. लेकिन, कोई नहीं जानता था की मैं जितना ज़मीन के ऊपर हूँ, उससे कहीं ज़्यादा ज़मीन के नीचे हूँ..

तो अब, मैं सीधे सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ… …
मेरी मम्मी जो की काफ़ी बिंदास स्वाभाव की थीं की उम्र 37-38 होगी.. क्यूंकि, मम्मी की शादी 17-18 साल की उम्र में ही हो गई थी और 19-20 साल में मेरी बड़ी बहन जन्मी थी..
अपने कॉलेज की पढ़ाई, मेरी मम्मी ने हम दोनों बच्चों के जन्म के बाद की थी।
उनका बदन, अब तक गठीला था.. लंबाई, लगभग 5.5 फीट और बदन पूरा मांसल… (यानी केवल वहीं पर, जहाँ ज़रूरी होता है।) कहीं कोई, ज़्यादा चर्बी नहीं थी.. इस कारण, वह अब भी 30-32 से ज़्यादा की नहीं लगती थीं..
ऐसी ही मेरी बहन भी थी.. जोकि, उस समय कोई 18-19 साल की थी..
उसका रूप सौंदर्य भी देखते ही बनता था.. ग़ज़ब का नशीला जिस्म था, उसका..
मेरे दोस्त भी उसे चोरी छुपे देखा करते थे और मेरे पीठ पीछे उसके बारे में गंदी और अश्लील बातें करते थे.. जिन्हें, मैं थोड़ा बहुत सुन कर खुश होता था की चलो, मेरे घर में मुझे क्या मस्त चीज़ें देखने को मिलती हैं.. जिसके लिए, ये सभी बिचारे तरसते हैं..
खैर, तो उन दिनों मेरी बहन कुछ ज़्यादा ही मोटी लगने लगी थी।
असल में, वो कुछ दिनों पहले ही दादा-दादी के यहाँ से आई थी और वहां लाड प्यार में खूब खाया पिया था।
यहाँ आने के बाद, मम्मी ने उसे कहा की रोज़ाना एक्सर्साइज़ करा कर… नहीं तो, फुलती ही चली जाएगी…
उसने भी डर कर, हामी भर दी।
इसके बाद, वह रोज़ाना हमारे रूम में सुबह और शाम के समय कसरत करती।
हम दोनों बचपन से, एक ही रूम में रहते और सोते थे.. जिसमें, एक डबल बेड रखा था..
अब वह रोज़ाना सुबह 6 बजे का अलार्म लगाकर उठती थी और फ्रेश होकर, केवल स्पोर्ट्स ब्रा और नेकर पहन कर एक्सर्साइज़ करती.. मैं धीरे से आधी आँख खोल कर, उसका भूगोल देखता रहता था..
कभी कभी, मम्मी भी वहां कई बार कोई एक्सरसाइज सीखने के लिए हम दोनों के सामने ही, अपनी साड़ी खोल कर केवल ब्लाउज पेटीकोट में एक्सर्साइज़ सिखातीं।
तब तो, मेरा दिमाग़ ही खराब हो जाता और मैं अपना तना हुआ लौड़ा दबाया करता।
ऐसा कई महीनों तक चलता रहा और मैं बुद्धू बन कर मज़े मारता रहा।
इस बीच, हम लोग पापा के पीछे पड़ गये की हम सभी को कहीं घूमने ले जाएँ… तो वो बोले की मैं समय निकालने की कोशिश करता हूँ…
लेकिन, समय यूँही बीतता गया और मेरी बहन ने चाचा चाची के साथ, बाहर घूमने का प्रोग्राम बनाया और वो उन लोगो के साथ 15-20 दिनों के लिए, घूमने चली गई।
इससे हम (मम्मी और मैं) पापा से नाराज़ हो गये तो कुछ ही दिन बाद, पापा ने कहा की उनके एक दोस्त का गोआ शहर के बाहर एक गेस्ट हाउस है और अभी वो खाली है… इसलिए, हम लोग वहां चले जाएँ और मज़े करें… बाद में, वो भी समय निकाल कर वहां आ जाएँगें…
लेकिन, हम उनके बिना वहां जाना नहीं चाहते थे.. पर, उनके समझाने पर मैं और मम्मी गोआ चले गये और मेरी बहन का पापा के साथ, वहां आना तय हुआ..
और तय प्लान के अनुसार, मैं और मम्मी ठीक समय गोआ पहुँच गये।
उस समय वहां ऑफ सीज़न चल रहा था और बारिश की वजह से टूरिस्ट्स भी नाम के ही थे.. लेकिन, वहां जाते ही रास्ते में वहां के सेक्सी नज़ारे देख कर, मुझे लगा की यहाँ आकर कोई ग़लती नहीं की है..
हमें लेने के लिए, गेस्ट हाउस से एक आदमी आया था और उसने बताया की यहाँ अंदर ही ज़रूरत की सभी चीज़ें हैं और यदि कुछ चाहिए तो उसकी दुकान कम हाउस पास ही है.. अपना फोन नंबर देकर, वो बोला की बस हम उसे फोन कर दें और वो आकर समान या जो भी हमें चाहिए हो दे जाया करेगा.. रोज़ सुबह शाम, सफाई वाली आएगी और आपके बाकी सभी काम भी कर देगी..
मम्मी इस बात से खुश थीं की गेस्ट हाउस में रुकने से हमें होटल का भारी रूम चार्ज नहीं लगेगा और यहाँ हम, कम पैसों में कई दिन मज़े कर सकते हैं।
खैर, गेस्ट हाउस में आकर पता चला की यहाँ पर घूमने के लिए एक गाड़ी भी खड़ी है.. किचन और फ्रिज, पूरा खाने की चीज़ों से भरा हुआ है..
सड़क से अंदर, गेस्ट हाउस एक बड़े कॉंपाउंड में फैला हुआ था.. जिसके, चारों और बड़ी-बड़ी कटेदार दीवारें थीं.. पीछे की तरफ, उफनता हुआ समुंदर था और यह पूरा इलाक़ा सुनसान में था.. जहा, चारों तरफ केवल समुंदर और बड़े-बड़े पत्थर रखे थे..
अंदर अलमारी में शानदार कपड़े थे.. जिनमें, स्विमिंग कॉस्ट्यूम्स ऐसे थे की जिनको हाथ में लेने में ही, शरम महसूस हो..
खैर, एक बात थी की यहाँ कोई भी अपना परिचित नहीं था.. इस कारण, शरम और संकोच का, यहाँ कोई काम नहीं था..
मैंने मम्मी को खुशी से, अपनी बहन से फोन पर बात करते सुना की यहाँ इतनी आज़ादी है की चाहे तो पूरे नंगे होकर, सी बीच पर दौड़ लगाओ… कोई, देखने वाला नहीं है…
गेस्ट हाउस के पीछे, जो स्विमिंग पूल है उसमे नीला आसमान ऐसा दिख रहा था मानो ज़मीन पर उतर आया हो।
कुल मिलाकर, हमारा “जैक पॉट” ही लग गया था…
अगली सुबह, जब मैं सोकर उठा तो मम्मी नहीं दिखीं।
मैं उन्हें ढूंढने के लिए, दूसरे कमरे में गया। जहाँ पर, वह अलमारी खोल कर उसमें अपने साइज़ के स्विमिंग कॉस्ट्यूम्स देख रही थीं और मुझे देखकर कहने लगीं की चलो, तुम भी चेंज कर लो और हम दोनों स्विमिंग करेगे…
मैं तो कब से, मौका ही देख रहा था।
जल्दी से, फ्रेश होकर फटाफट पूल साइड पर पहुँचा तो देखा की मम्मी ने पहले ही ब्रेकफ़स्ट का सारा समान पूल साइड पर रखवा कर, काम वाली बाई से सभी काम करवा कर, उसे चलता कर दिया था।
अब वहां पर, मेरे और मम्मी के अलावा कोई नहीं था।
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06-08-2021, 12:51 PM,
#65
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
थोड़ी देर बाद, वहां मम्मी आईं तो मेरा तो दिमाग़ ही खराब हो गया।
उस समय, उन्होंने जो स्विमिंग कॉस्ट्यूम पहना था वो शायद उनके साइज़ से एक साइज़ कम था.. इसीलिए, उनका पूरा बदन कॉस्ट्यूम फाड़ कर, बाहर आने के लिए मचल रहा था..
मेरे तो बस होश ही उड़ गये और मैं फटी फटी आँखों से, उन्हें देखने लग गया।
तभी, मम्मी ने मुझे आवाज़ देकर जगा दिया और एक कॉस्ट्यूम देते हुए कहा की मैं भी यही पहन लूँ।
खैर, मैंने वहीं पर तौलिये में अपना कॉस्ट्यूम चेंज किया। लेकिन, उसका कट कुछ ऐसा था की मेरा पूरा तना हुआ लिंग बाहर से दिख रहा था।
जिस कारण, मैं शरमा रहा था।
मम्मी ताड़ गईं और कहने लगीं की क्या तू तो, लड़कियाँ से भी बदतर है… तेरी जगह मैं या तेरी बहन होती, तो अब तक तो सी बीच पर टू पीस में दौड़ लगा आती…
ऐसा कह कर, उन्होंने मेरा तोलिया खींच लिया।
अब मैं केवल, जरा सी कॉस्ट्यूम में था और शरमाते हुए पानी में पैर डाल कर बैठ गया, क्यूंकि मुझे तैरना नहीं आता था।
मम्मी को भी तैरना, इतने अच्छे से नहीं आता था। इसलिए, उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर धीरे-धीरे पानी में उतरना शुरू किया और जल्दी ही हम दोनों सीने तक पानी में समा गये।
मम्मी को मैंने पहली बार, इतने बिंदास अंदाज़ में देखा था। उन्हें शरम नाम की कोई चीज़ ही नहीं थी और वो अपने जवान लड़के के साथ, पानी में मस्ती कर रही थीं।
उनकी कॉस्ट्यूम, जो की उन्हें थोड़ी टाइट थी, पानी में भीगने की वजह से और ज़्यादा बदन से चिपक गई और उनकी निप्पल भी थोड़ी थोड़ी दिखने लगी थी। जिसे देखकर, मेरा लंड चड्डी फाड़ कर बाहर आने को मचलने के लिए बेताब हो गया।
बड़ी मुश्किल से, मैंने दबाए रखा।
लगभग 2 घंटे के बाद, जब हमें भूख सताने लगी तो हम दोनों माँ बेटे पूल से बाहर आए और मम्मी ने मेरे सामने ही ज़रा से तौलिये की आड़ कर के अपनी बिकनी चेंज कर के, एक बड़े से गले की पारदर्शी सी नाईटी पहन ली.. जोकि, उनके घुटने से भी छोटी थी और अंदर उन्होंने कुछ नहीं पहना.. जिस वजह से, उनकी नाईटी उनकी गांद के अंदर घुस रही थी और उनकी खड़ी निपल्स भी साफ दिख रही थी..
मुझे लगता है की उन्होंने ऐसा शायद जान मुझकर किया। वो अपने मन में दबी इच्छा पूरी करना चाहती थीं।
इसके बाद, हम दोनों ने पूरे समय टीवी देखा। जिसमें, यहाँ चलने वाला कोई लोकल चैनल था। जिसमें, यहाँ पर आने वाले विदेशी टूरिस्ट्स जो की नंग धड़ंग बीच पर मज़े मारते हैं, उनकी शूटिंग दिखाते हैं।
ऐसे ऐसे सीन दिखाए की मैं शरमाता रहा। लेकिन, मम्मी ने चैनल चेंज करना ज़रूरी नहीं समझा।
शाम को, जब मम्मी मेन गाते पर नाईटी में खड़ी थीं तो मैं पीछे से चुपचाप जा कर खड़ा हो गया।
सामने सुनसान बीच पर, एक विदेशी जोड़ा लगभग संभोग की मुद्रा में बड़े पत्थरों के बीच मस्ती कर रहा था और मम्मी जो की सूर्यास्त के कारण डूबते सूरज की रोशनी में खड़ी थीं की नाईटी में से सूरज की लाइट, इस तरह पास हो कर दिख रही थी की उनका पूरा भूगोल आर पार दिखाई दे रहा था।
जब मैं, उनके ठीक पीछे पहुँचा तो मैंने देखा की वो अपना एक हाथ नाईटी के अंदर डाल कर, अपनी चूत को रगड़ रही थीं और हल्के हल्के, कराह रही थीं।
जब उन्होंने, मुझे पीछे खड़ा देखा तो बेशरम की तरह हंसकर कहने लगी – देख, कैसे मज़े मार रहे हैं वो दोनों, बीच पर और एक तू है की अंदर भी शरमा रहा है… लगता है, मैंने तेरे साथ आकर ग़लती की… मुझे तू पूरा चंपू लगता है…
तो, मैंने कहा की नहीं मम्मी यह बात नहीं है… मैं तो शुरू में, थोड़ा झिझक रहा था… लेकिन, यदि आप साथ हो तो काहे की शरम…
इस पर मम्मी बोलीं – देख, आदमी को बार बार ऐसा मौका नहीं मिलता… जब हम, खुलकर अपनी दबी इच्छा पूरी कर सकें और मज़े मार सकें… इस मज़े के लिए, अगर हम लाखों रुपये भी खर्च करेंगें तो भी हमें इतनी आज़ादी और प्राइवेसी नहीं मिलेगी… और फिर तू तो जवान है… मुझे तो ये मौका अब जाकर बुडापे में मिला… इसलिए, शरमाना छोड़ और यह भूल जा की हम यहाँ माँ बेटे हैं और समय का और अपनी जवानी का लुफ्त उठा… जितना हो सके, मज़ा लूट ले… फिर, ऐसा वक्त नहीं आएगा…
अगले दिन, सुबह से ही ज़बरदस्त बारिश हो रही थी और सामने बीच पर समुंदर मचल मचल कर, बाहर आने को बेताब नज़र आ रहा था तभी यहाँ के कीपर का फोन आया की आज सफाई वाली नहीं आएगी और हम भी बाहर ना निकलें.. क्यूंकि, पानी कभी भी बढ़ भी सकता है.. इसलिए, हम अपने गेस्ट हाउस में अंदर ही रहें और यदि कोई चीज़ की ज़रूरत हो तो उसे फोन कर दें.. वह अरेंज कर देगा।
मम्मी ने कहा – ठीक है… हम आराम करेंगें… आप भी ज़्यादा परेशान ना हो…
फिर, मम्मी बोलीं की आज हम दिन भर टीवी देखेगें… खूब खाएँगें और सोना स्टिम बाथ लेंगें… जो की, गेस्ट हाउस के बेसमेंट में है… जिसका की मुझे अब तक पता ही नहीं था।
आज के पहले मैंने सोना स्टिम बाथ का केवल नाम सुना था.. लेकिन, देखा या अनुभव नहीं किया था..
मम्मी तो एक दो बार पापा के साथ, टूर्स पर गई थीं और बड़ी होटेल्स में इन सबका मज़ा लूट चुकी थीं।
सुबह के हेवी ब्रेक फास्ट के बाद, मैं और मम्मी दोनों नीचे बेसमेंट में गये और वहां जाकर मम्मी ने सोना बाथ का एलेक्ट्रिक स्विच चालू किया। जिस से की सेमी ट्रांसपेरेंट ग्लास के केबिन में हॉट स्टीम बनाने लगी, तब मम्मी बोली की आओ चलो… अपनी बॉडी पर भी मेरे साथ स्टीम बाथ के पहले लगाने वाला, स्किन क्रीम लगा लो…
तब, मम्मी ने अपनी नाईटी खोल दी।
मैंने देखा तो मम्मी ने अंदर केवल ब्रा पैंटी पहन रखी थी। जब मम्मी ने अपनी गोरी गोरी, मोटी मोटी टाँगें चौड़ी करी तो मैंने देखा की उनकी पैंटी में से उनकी चूत की झाँटे, बाहर आने को मचल रही थीं।
जिन्हें देख कर, वो हल्की सी मुस्काई और बोलीं – बेटा, देख तो यहाँ ड्रॉर में कोई हेयर रिमूवर रखा है क्या… ??
मैंने देखा तो वहां पर अनफ्रेंच का हेयर रिमूवर था, जिसे मैंने उन्हें दे दिया।
अब मम्मी बोलीं – चल जल्दी से, अंदर जा कर तापमान देख ले… मैं भी आती हूँ…
मैंने केबिन में जाते समय, अपनी तिरछी निगाहें मम्मी पर डालीं तो वे अपनी पैंटी को थोड़ा नीचे करती दिखीं।
अब मेरा दिमाग़ खराब हो रहा था.. यह समझ नहीं आ रहा था की मम्मी मुझ पर इतनी मेहरबान क्यों है और वह मुझे इस तरह उत्तेजित कर के क्या चाहती हैं… ?? क्या मैं खुद आगे बढ़ कर, हिम्मत कर के कुछ करूँ… ??
उनका मज़ा मारने का शब्द, मुझे अंदर तक कन्फ्यूज़ कर गया..
मैंने बाहर देखने की कोशिश की पर अंदर स्टीम की भाप के कारण, बाहर का कुछ दिखाई नहीं दे रहा था..
अचानक, मम्मी अंदर आईं और कहने लगीं की ऐसी ही मत बैठो… अपने बदन पर, हाथ फिरा फिरा कर पसीना और भाप की मालिश करो… स्टीम बाथ से, अपनी खराब स्किन साफ होकर, नई स्किन बनती है…
तब मम्मी ने मेरी तरफ पीठ की और कहा की चल, मेरी ब्रा का हुक खोल दे और मेरी पीठ पर अपने हाथों से अच्छी तरह से मालिश कर दे…
अब मैं भी बेशरम होकर, मम्मी की मांसल पीठ पर हाथ फेरता जा रहा था.. लेकिन, मैं अभी तक मम्मी की निपल्स और बड़े-बड़े बोबो के खुल कर दर्शन नहीं कर पाया था.. क्यूंकि, मम्मी ने अपने दूध पर हाथ रख रखा था..
लगभग, आधा घंटा स्टीम बाथ लेने के बाद, हम दोनों बाहर आ गये..
मम्मी ने अपने कंधों पर तोलिया रखा था। जिस वजह से, मुझे उनके रसीले आमों को देखने का मौका नहीं मिल रहा था।
खैर, उसी शाम पापा का फोन आया की वह और मेरी बड़ी बहन दोनों, अगले दो दिनों में यहाँ पहुँचने वाले हैं।
यह सुन कर, मैं थोड़ा उदास हो गया। क्यूंकि, तब मुझे शायद पापा के सामने मम्मी का ऐसा सेक्सी रूप, देखने को नहीं मिलेगा।
रात में, मम्मी ने हल्का फूलका डिन्नर बनाया। जिसे हम खाकर, टीवी के सामने जम गये।
बाहर, बारिश में भी कुछ कमी महसूस होने लगी थी।
तभी मम्मी बोलीं की चलो, टीवी देखते हुए मेरी पीठ पर हल्की मालिश भी कर दो… शायद, बेड चेंज होने से कुछ दर्द महसूस हो रहा है…
मम्मी ने सुबह से ही, टी-शर्ट और नेकर पहन रखा था।
मम्मी ने अपनी टी शर्ट ऊपर उठाई तो अंदर उनकी ब्रा थी। जिसका हुक खोल कर, मैंने उनकी पीठ पर आयिल मसाज करना शुरू कर दिया।
तब मम्मी बोलीं – ऐसा कर, मैं अपनी नेकर थोड़ा नीचे करती हूँ… मेरे हिप्स की भी, थोड़ी मालिश कर दे…
मैं सेक्सी सपने देखते हुए, मम्मी की मालिश करता जा रहा था।
कुछ देर में, मम्मी मस्त सो गईं.. उनकी पीठ और हिप्स भी खुले ही थे..
मैं बहुत देर तक गौर से देखता रहा और नींद आने पर उनके पास ही डबल बेड पर सो गया..
रात में, लगभग 2-3 बजे। मम्मी के हल्के से करवट लेने पर, मेरी आँख खुल गई और मैंने देखा की मम्मी अब चित सो रही थीं।
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06-08-2021, 12:51 PM,
#66
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
उनकी गहरी नींद में होने का पक्का कर, मैंने उनका टी शर्ट थोड़ा ऊपर किया और उनकी ब्रा भी ऊपर कर के, उनके मस्त रस भरे स्तनों के दर्शन करने लग गया..
उनकी निपल्स भूरे रंग की थीं और मैं उनको देख कर पागल सा हो गया और मैंने तत्काल बिना देर किए, आहिस्ता से उनको अपने मुँह में ले लिया और धीरे – धीरे उनको चूसने लगा.. ..
मैंने अपना एक हाथ उनकी नेकर में भी डाल दिया। नेकर के हुक खुला होने से वह भी उनकी योनि के पास तक सरक गई थी।
मैंने अपनी दो उंगलियों को धीरे से, अंदर डाला तो मुझे अंदर सफ़ाचट चिकना स्पर्श सा लगा। तभी ध्यान आया की आज सुबह ही तो मम्मी ने स्टीम बाथ के समय, अपने बाल साफ किए थे।
मम्मी की चूत का हिस्सा गर्म भट्टी सा तप रहा था और मैंने महसूस किया की मम्मी की निपल्स भी अब पहले से ज़्यादा कड़ी होकर, बड़ी बड़ी महसूस हो रही थीं.. लेकिन, मैं रुका नहीं और चूसते चूसते ही थक कर सो गया..
अगले दिन सुबह, जब मैं सो कर उठा तब आसमान बिल्कुल साफ़ था और बाहर धूप खिल उठी थी।
रेतीली मिट्टी होने से, कहीं भी पानी का नामो निशान नहीं था।
मल्लिका बाई ने, पूरा गेस्ट हाउस साफ़ कर दिया था।
मैंने देखा की मम्मी साड़ी पहन कर, उससे पास के किसी मंदिर का पता पूछ रही थीं।
मैंने सोचा शायद पापा के आने का सुनकर, नाटक कर रही हैं।
बाई के जाने के बाद, मम्मी ने मुझसे कहा की चलो, नाश्ते के बाद हम बीच पर चलेंगें…
मैं सोचने लगा की मम्मी साड़ी पहन कर, बीच पर क्या करेंगी.. लेकिन, जाने के समय मैं देखता ही रह गया.. मम्मी ने एक काली कलर की बिकनी ढूँढ निकली.. जिसकी साइज़ पहले की तरह छोटी थी और उनका मांसल बदन, बिकनी फाड़ने को बिल्कुल तैयार लग रहा था..
रास्ते में, मम्मी बोलीं की रात में ऐसी ही सो गई… सुबह जाकर, समझ आया की रात में क्या हुआ… ??
मैं चुप ही रहा और अंदर ही अंदर समझ गया की मम्मी सब जान गई हैं।
सी बीच पर जाने के बाद, हमने देखा की वहां कोई भी नहीं है और चारों तरफ सुनसान है।
इतना अकेलापन भी डर लगने का कारण हो सकता है, ऐसा पहली बार महसूस हुआ।
कल की ज़ोर दार बारिश की वजह से, समंदर का पानी काफ़ी ज़ोर मार रहा था और उसमे रेत भी ज़्यादा थी.. जिससे की पानी में, गंदगी सी महसूस हो रही थी..
तब मम्मी बोलीं – चलो, पत्थरों की और चलो… अंदर जाने में तो डूबने का डर रहेगा…
फिर, मैं और मम्मी उथले पानी में ही सीने तक डूब कर पत्थरों पर बैठ गये.. लेकिन, समंदर की तेज़ लहरें हमें बार-बार डुबाने की कोशिश करती थीं और हम दोनों चिपक कर, फिर से चट्टान पर बैठ जाते..
मम्मी से इतना ज़्यादा चिपकने का मौका, मैं खोना नहीं चाहता था.. इसलिए, मैं मौका मिलते ही, मम्मी को पकड़कर सीने से लगा लेता..
तभी, वहां एक बाइक आकर रुकी। जिस पर, एक अधेड़ आदमी जिसकी उम्र करीब 50 के आस पास होगी और एक 25 साल की लड़की को लेकर आया।
दोनों के हाथों में शराब की बॉटल्स थीं और वे बिकनी और बरमूडा में थे। गाड़ी खड़ी करके, वहां पत्थरों के बीच आड़ में चूमा चाट करने लग गये।
यह देख कर, मम्मी बोलीं की हम यहाँ चुपचाप पत्थरों के पीछे से उनको वॉच करते हैं, यह लड़की, उसकी बेटी की उम्र की लग रही है, और एस बुड्ढे को जवानी चड़ी है… मज़ा आने वाला है, आज तो…
वह दोनों कुछ देर तक तो दारू पीते हुए, बात करते रहे… लेकिन, बाद में उस बुड्ढे ने लड़की के होंठो को चूसना शुरू कर दिया और धीरे से उसकी ब्रा निकाल दी और उससे मस्ती करने लगा…
तभी लड़की ज़ोर से हंसते हुए, भाग खड़ी हुई और हमारी तरफ ही आने लगी।
तब मम्मी बोलीं की देख, ऐसा दिखना की हमने उनको अभी तक देखा ही ना हो… और हम भी पानी में मस्ती करने लगे।
वह लोग भी हमारी तरफ ही आ गये।
हमें देख कर लड़की ने अपने दोनों दूध पर हाथ रख कर, ब्रा पहनने की कोशिश की..
वह आदमी हल्के से मुस्कुराया और विश करने के अंदाज़ में झुकते हुए बोला – क्या आप भी ज़िंदगी का मज़ा उठा रहे हो… ??
तो मम्मी बोलीं – जी हाँ, बिल्कुल…
तभी वहां पानी में एक बड़ी सी बॉल ना जाने कहाँ से तैरकर आ गई.. जिसे उस लड़की ने पकड़ लिया, और कहने लगी की आओ ना, हमारे साथ खेलो…
मम्मी के आँखों से इशारा करने पर, हम भी उनके साथ इंजोय करने लगे।
एक तरफ वो दोनों थे तो दूसरी तरफ, हम दोनों माँ बेटे।
जब मम्मी बॉल लेने के लिए झुकतीं, तब वह आदमी मम्मी के बूब्स को गौर से देखने लगता और पीठ करती तो मम्मी की गांद को घूरता।
खैर, लगभग एक घंटा मस्ती करने के बाद, वह जाने लगे तो उसने कहा की आप लोग किस होटल में रुके हुए हैं… तो मम्मी बीच में ही बोल पड़ीं की हम यहाँ ताज रिज़ॉर्ट्स में है और कल ही वापस चले जाएँगे…
जब वह अपनी बाइक के पास गया तो मुझसे धीरे से बोला की मैंने तो पैसे देकर लड़की को किया है… इसलिए, साली ज़्यादा नाटक कर रही है.. लेकिन, तू तो बच्चा होकर मस्त माल बटोर लाया है… तेरी बड़ी बहन लगती है, क्या… ?? ऐसी चीज़ तो पूरे गोआ बीच पर नहीं देखी, यार…
मैंने सोचा क्या वास्तव में मम्मी इतनी सेक्सी हैं या वह फालतू ही बोल रहा था।
कुछ देर बाद, हम भी वापस लौट आए। तब मम्मी बोलीं की चलो, गेस्ट हाउस के पीछे चलते हैं… वहां स्विमिंग पूल में तैरकर, बदन पर लगी मिट्टी और रेत साफ़ कर लें…
मैं बोला की आप पूल में उतरो… मैं अभी, तौलिये और कपड़े लेकर आता हूँ..
जब मैं तौलिये लेकर आया तो देखा की मम्मी ने अपनी बिकनी उतार कर पूल साइड पर रख दी है और वह नंगी होकर, मेरी और पीठ करके पानी में खड़ी थीं।
यह देख कर, मैं चौंक सा गया.. लेकिन, तभी फोन की बेल बाजी और मैं अंदर चला गया..
फोन बहन का था और वह कह रही थी की वह पापा के साथ, कल सुबह गोआ पहुँच जाएगी और आज पापा उसे दिन मे स्विमिंग कॉस्ट्यूम्स वगेरह दिलाएँगें…
तो मैंने कहा की पैसे मत बिगाड़ो… यहाँ सभी ज़रूरत की चीज़ो से वॉर्डरोब्स भरे पड़े हैं… बस, जल्दी से, जल्दी आ जाओ…
तो वो कहने लगी की हाँ… पापा भी कह रहे थे की जल्दी से गोआ चलते हैं…
अगले दिन, लंच के समय तक पापा और बहन भी पहुँच गये।
मम्मी ने घुटनों के ऊपर तक का पतला सा स्कर्ट और टॉप पहन रखा था और बहन भी टाइट वाइट टॉप और जीन्स पहन कर आई थी।
जिसमें से उसके बड़े बड़े बूब्स साफ़ दिखाई दे रहे थे.. गांद पर से भी उसकी फिगर, कयामत ढा रही थी..
फिर, उसने बताया की पापा ने उसे ऐसे कपड़े दिलाए हैं की अपने यहाँ तो उनको पहनने की कोई हिम्मत भी नहीं कर सकता।
लंच के बाद, हम चारों पूरा गेस्ट हाउस घूम कर पूल साइड पर बैठकर गपशप कर रहे थे.. तब, पापा ने बताया की यह गेस्ट हाउस उनके बॉस का है और वह इसे केवल अपने खास लोगों को ही एंजाय करने के लिए देते हैं और यदि ऐसा कॉटेज किराए पर लिया जाए तो वह यहाँ की किसी फाइव स्टार होटल के बराबर पड़ेगा। फिर भी हमें, उसमें इतनी प्राइवेसी नहीं मिलेगी।
इधर, तेज़ हवाओं के कारण मम्मी का पतले कपड़े का स्कर्ट बार बार उड़कर उनकी थाइस पर चढ़ रहा था…
लेकिन मेरी मम्मी, उसे बड़े बेफ़िक्र अंदाज़ में आराम से उसे सीधा करतीं.. !!
वैसे, पापा भी कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं कर रहे थे।
खैर, शाम को हम सभी ने होटल में जाकर डिन्नर करने का प्लान बनाया।
मम्मी ने काले रंग का बेक लेस ब्लाउज पहना.. !! जिसमें, से उनकी गोरी पीठ देखने वालों पर बिजली गिर रही थी और मेरी बहन ने लंबे कट वाला लोंग स्कर्ट पहना था.. !! जिसमें, से उसकी सफेद जांघें बाहर आ रही थीं.. !! जो की, कुर्सी पर बैठने पर पूरी साफ़ नज़र आ रही थीं.. !!
यह दोनों ड्रेसस, इन्हें वॉर्डरोब में से ही मिली थीं और काफ़ी कीमती थीं.. !!
शानदार लंच के बाद, हम गोआ के नाइट स्पॉट्स पर भी घूमे.. !! जहाँ, गोआ जवान नज़र आता है.. !!
रात में मम्मी ने गेस्ट हाउस में आकर अपनी वही छोटी सी नाईटी पहन ली और बहन ने बदन पर एक सिल्क का कुर्ता डाल लिया। जिसमें से, उसके बोबे आकर्षक दिखाई दे रहे थे।
टीवी देखते हुए, मैंने देखा की मेरी बहन जोकि सिर्फ़ सिल्क का कुर्ता डाले हुए थी अपने पैरों को कुछ ज़्यादा ही फैला कर बैठी थी। जिससे, उसकी जांघें और पैंटी का साइड का भाग भी दिख रहा था और पापा भी मम्मी की जाँघो को हाथों से दबाते हुआ बहन को देख रहे थे…
अगली सुबह, कुछ नज़ारा ही अलग था.. !! .. !!
पापा, जिन्हें मैंने पहली बार स्विम कॉस्ट्यूम में देखा। उनका तना हुआ लिंग, बड़ा अजीब सा लग रहा था।
बहन और मम्मी, दोनों ने भी छोटी छोटी सी बिकनी पहन रखी थी।
पापा बोले की सब लोग खूब मज़े करो.. … जितना हो सके.. … पता नहीं, ये मौका दुबारा मिले नहीं मिले.. …
और हम चारों ने खूब मज़े करे.. !! .. !!
फिर, हम सभी बीच पर गये और वहां पर समंदर में काफ़ी डीप तक घुस कर तैरते रहे।
पापा, मम्मी और बहन की बिकनी खींच खींच कर, उन्हें रेत पर घसीट रहे थे.. !! जिससे की उन दोनों के बूब्स, बाहर निकलने को होते.. !!
काफ़ी देर बाद, हम वापस पूल साइड में आए और मम्मी ने ठीक कल की तरह ही रेत में भरी बिकनी उतार फेंकी और पूल में कूद गईं.. !!
यह सब देख, मैं वहां से हट अंदर आ गया.. !!
पीछे – पीछे, बहन भी अपने अधनंगे चुत्तड हिलाती हुई आ गई और कहने लगी – तुम पागल हो, जो शरमाते हो.. … मज़े लूटो.. … ऐसे खुले विचारों वाले, मां बाप नहीं मिलेंगें… जो, तुम्हें इस तरह आज़ादी दे रहे हैं.. … तुम्हारी जगह, मैं होती तो कपड़े खोल कर एकदम नंगी कूद जाती.. …
कुछ देर बाद, जब मैंने रूम से बाहर झाँका तो देखा की मम्मी पापा, दोनों नंगे होकर पूल में मस्ती कर रहे हैं और मेरी बड़ी बहन जिसने केवल बिकनी पहन रखी थी, वह एक खंबे की आड़ में यह सब तमाशा गोर से देख कर, अपनी चूत को मसल रही थी…
शाम को, हम सभी लगभग अधनंगे होकर एक नाइट क्लब में जा घुसे.. !!
वहां पर, शराब और शबाब का जो नंगा नाच हो रहा था.. !! उसे देख कर, तो मेरा लंड बस फटने ही वाला था.. !!
पापा मम्मी बोले – जिसे, जिसके साथ जोड़ी बनाना हो बना लो.. … कोई किसी की शरम मत पालना.. … दारू पियो या लड़कियाँ नचाओ, कोई बात नहीं.. …
इसके बाद, मैं और मेरी बहन जिसने बड़े गले वाली छोटी सी स्पोर्ट्स ब्रा और जीन्स की जैकेट पहन रखी थी और नीचे केवल दिखाने का छोटा सा मिनी स्कर्ट पहना था, हम खूब नाचे…
बहन बोली की क्यों ना हम भी, बियर या वाइन टेस्ट करें।
तब मैंने उसे कहा की ठीक है… तू केवल, बियर ही पीना.. … मैं थोड़ी सी वाइन लेकर आता हूँ.. …
नशा करने के बाद, कान फोड़ू डिस्को साउंड के बीच… हम अब केवल औरत और मर्द महसूस कर रहे थे…
हमारे बीच, खून का रिश्ता नहीं बचा था,.. !!
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06-08-2021, 12:51 PM,
#67
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
अब मैंने अपनी हदें तोड़ते हुए, उसकी शरीर के सभी उभारों को जी भरकर छुआ ही नहीं बल्कि खूब दबाया भी और वह भी कहती रही की भाई, अब मत रूको… तोड़ दो सारी हदें और एक हो जाओ.. …
मैंने देखा की हमारी माँ जो की जीन्स और शर्ट पहनकर उत्तेजक डांस कर रही थीं, उसके शर्ट के आधे से ज़्यादा बटन खुले हुए थे और ब्रा और स्तन बाहर को आने को बेताब हो रहे थे.. !!
मम्मी के चारों और कामुक नशे में धुत्त लोगों का घेरा था.. !! जो बार बार मम्मी के शरीर को छूने और दबाने की कोशिश कर रहे थे.. !!
मैंने देखा उनमें वह आदमी भी था.. !! जो की, दो दिन पहले हमें बीच पर मिला था.. !! वह तो पागलों की तरह, मम्मी के ब्रा में बंद दोनों कबूतरों को पकड़ने की कोशिश में था.. !!
इस बीच, पापा मुझे कहीं नहीं दिखे।
मैंने उन्हें जब खोजा तो वह एक 20-22 साल की लड़की.. !! जो की, शायद मेरी बहन की उम्र की होगी के चक्कर में थे और उसके साथ शराब पी रहे थे और उसके छोटे से स्कर्ट में हाथ डाल डाल कर, उसके चुत्तडों पर चिकोटी काट रहे थे.. !!
थोड़ी देर बाद, पापा उसी लड़की के साथ रंग रेलिया मना रहे थे.. !! जो की, हमें उस बुड्ढे के साथ समंदर किनारे मिली थी.. !!
आधी रात के बाद, जब रात अपने पूरे शबाब पर थी।
तेज़ म्यूज़िक के बीच में मम्मी ने अपना शर्ट हाथ में लेकर हिला हिला कर डांस की भद्दी स्टेप्स करना शुरू कर दी.. !! जो शायद ज़्यादा नशे के कारण थी।
मेरी बहन भी नशे में धुत्त हो, कोने के सोफे पर पैर चौड़े कर अपनी पैंटी दिखा रही थी.. !! उसे ज़रा भी होश नहीं था की दो लड़के जो की शायद ड्रग्स लिए हुए थे.. !!
उसके पैरों में बैठ कर, उसकी पैंटी को टच कर रहे थे।
हम लोग, करीब रात के 4-5 बजे गेस्ट हाउस पहुँचे और सीधे मास्टर बेडरूम में घुस गये।
किसी को अपने कपड़ों का ख्याल नहीं था।
मम्मी तो हाथ में शर्ट लेकर ही घूम रही थीं और बहन ने भी अपना स्कर्ट और जैकेट उतार फेका.. !! .. !!
मेरा नशा, अब कुछ कम होता सा लग रहा था.. !! लेकिन, पापा तो अब भी अपनी बची हुई दारू की बोटल को मुँह से लगाए हुए थे.. !!
नाच और नशे के कारण, गर्मी बहुत लग रही थी.. !! इसलिए, हमने ए सी चालू होने के बावजूद अपने सारे कपड़े खोल दिए.. !!
इधर, पापा तो बहन को ब्रा पैंटी में देख कर उस पर टूट ही पड़े और मम्मी ने मुझे अपने ऊपर लगभग खींचते हुए लपेट लिया,
मैं कहाँ मौका छोड़ने वाला था.. !! मैं भी पापा की तरह कपड़े खोल कर मम्मी के ऊपर चढ़ गया और फ़ौरन मम्मी की जीन्स उतारकर उनकी चिकनी चूत को मुँह में लेकर ज़ोर – ज़ोर से चूसने लगा.. !!
यह देख कर, मेरी बहन ने भी अपनी पैंटी उतार फेंकी और पापा के मुंह के ऊपर बैठ गई।
जैसे ही, पापा ने उसकी चूत को चाटा, वह आनंद से भरकर मूतने लगी और पापा अपनी जवान बेटी की चूत का सारा पानी यानी रस भारी मूत पी गये.. !!
मम्मी भी, अपने दोनों हाथों से अपने स्तानो को दबाते जा रही थीं और कहने लगी की बेटा, यह हिम्मत तू दो दिन पहले क्यो नहीं कर गया… मैं कब से, तड़प रही थी… अब तक तो हम ना जाने, कितने दौर पर दौर मार कर मज़े ले चुके होते…
अगली सुबह 10 बजे, जब मल्लिका बाई आई तो मम्मी ने उससे बेड रूम छोड़ कर बाकी पूरा गेस्ट हाउस साफ़ करवा लिया क्योंकि, बेड रूम में हम तीनों अभी तक नंगे पड़े हुए थे.. !!
पापा का लौड़ा तो बहन की चूत में खाली होकर लटक रहा था और बहन के दूध पर मेरा हाथ रखा हुआ था।
दोपहर के भोजन के बाद, हम सभी वापस बड़े बिस्तर पर एकत्रित हुए और इस बार बिना नशा किए मैंने अपनी बहन को चोदा, मम्मी भी पापा से चुदवाने के बाद वापस मेरे लंड को खड़ा करने के लिए, चूसने लगी.. !! .. !!
उधर पापा भी बहन की छोटी सी चूत की फांको का स्वाद ले रहे थे…
इस तरह, हम अगले कुछ दिन और गोआ में रहे.. !!
इस बीच, हम दिन में कई बार आपस में सेक्स का नंगा नाच करते और इस बीच पूरे घर में नंगे नाचते रहते।
घर वापस आने के बाद तो हम आज तक कभी भी अलग-अलग नहीं सोए।
सभी कामन रूम में डबल किंग साइज़ के बेड पर सोते हैं और मज़े मारते हैं और हाँ अब हमारे घर में कपड़ों का खर्च कुछ कम हो गया है क्यूंकि कपड़े हम केवल बाहर जाने के लिए ही पहनते हैं।
घर में तो हमेशा नंगे ही रहते हैं।
मम्मी भी पापा से एक बात ही कहती है की जल्दी से वापस ऐसी ही कोई और ट्रिप का इंतज़ाम करो।

end
Reply
06-08-2021, 12:51 PM,
#68
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
अब ज्यादा दर्द नहीं होगा

हैल्लो फ्रेंड्स.. में राज एक बार आप सभी के सामने एक और घटना लेकर आया हूँ दोस्तों.. मेरी उम्र 22 साल है और में एक बहुत स्मार्ट लड़का हूँ और मेरी हाईट 5.11 इंच और मेरा लंड 6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है। दोस्तों.. में अब अपनी कहानी शुरू करता हूँ.. यह एक सच्ची कहानी है। मेरी पहले वाली कहानी की तरह यह भी एक साल पहले की है। दोस्तों एक दिन मुझे कॉल आया और यह कॉल गुडगाँव से पारूल नाम की लड़की का था। उसका असली नाम नहीं बता सकता इसलिए नाम चेंज किया है। उसने अभी अभी बारहवीं की पढ़ाई पूरी थी और नई नई घर से बाहर कॉलेज लाईफ में प्रवेश किया था। एक दिन उसका मुझे कॉल आया और वो थोड़ी परेशान और डरी हुई थी.. क्योंकि लाईफ में पहली बार किसी लड़के से बात कर रही थी और वो भी सेक्स के लिए.. किसी को पता चल जाएगा तो? यह सब उसने मुझे कॉल में बताया था.. लेकिन जब मैंने उसे समझाया कि में किसी को कुछ नहीं बताऊँगा.. तब जाकर उसको मुझ पर थोड़ा विश्वास हुआ।

फिर उसने बताया कि मैंने इस साईट पर आपकी स्टोरी पढ़ी है और वो मुझे बहुत अच्छी लगी। आपने एक वर्जिन लड़की को कितने प्यार से संतुष्ट किया है.. इसलिए में आपको कॉल कर रही हूँ। तभी मैंने उससे पूछा कि क्या तुम भी वर्जिन हो? तो उसने कहा कि हाँ.. मुझे अभी तक किसी ने भी नहीं छुआ है और ना ही मैंने किसी को कुछ करने दिया है। तो मैंने पूछा कि फिर मुझसे सेक्स के लिए कैसे मन बना लिया? तो उसने कहा कि आपकी कहानी मुझे बहुत पसंद आई और मैंने अपनी फ्रेंड से सुना था कि अनुभवी लड़के के साथ सेक्स करने में बहुत मज़ा आता है। आपने इतनी वर्जिन गर्ल के साथ सेक्स किया हुआ है और में भी वर्जिन हूँ इसलिए में आपके साथ सेक्स करना चाहती हूँ। मैंने उससे पूछा कि फिर कब मिलना चाहती हो? तो उसने कहा कि अगले सप्ताह उसकी फ्रेंड का जन्मदिन है और में रात को उसके घर पर ही रुकने वाली हूँ.. तो उस रात हम मिल सकते है.. अगर आप फ्री हो तो। फिर मैंने कहा कि में आ जाऊंगा.. लेकिन क्या उसके घर पर उसके माता, पिता नहीं होंगे? तो उसने कहा कि उसके माता, पिता बिज़नेस के काम से दो दिन के लिए चंडीगढ़ गये है।

घर पर वो और उसके है और दादा, दादी नीचे के कमरे में सोते है और रात को ऊपर नहीं आते। तो मैंने पूछा कि.. तुम्हारी फ्रेंड का क्या? तो उसने कह दिया कि वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ साईड वाले रूम में रहेगी और में उससे यह कहूंगी कि आप मेरे बॉयफ्रेंड है फिर उसने पूछा कि क्या आप ज्यादा उम्र के तो नहीं लगते? तो मैंने कहा कि में जवान और सुंदर लड़का हूँ। तुम्हारी फ्रेंड को शक भी नहीं होगा। फिर हमने एक सप्ताह तक चेटिंग की और उसने अपना मोबाईल नंबर भी मुझे दे दिया था और देर रात को हमारी बातें भी होती थी और कभी कभी फोन सेक्स भी। फिर एक सप्ताह के बाद उसका मुझे शाम को कॉल आया कि वो अपनी फ्रेंड के घर जा रही है और वो रात को मुझे कॉल कर देगी। में उसके फोन का इन्तजार करने लगा। रात 11 बजे तक कोई कॉल नहीं आया। मुझे लगा कि वो पागल बना रही थी। फिर 11:15 पर उसका कॉल आया.. वो बोली कि आप आ जाओ मैंने अपनी फ्रेंड को बोल दिया है उसका फ्रेंड भी आ गया है। में आपको नीचे लेने आ जाउंगी.. आप मुझे कॉल कर देना। में बताये हुए एड्रेस पर गया और उसे कॉल किया तो वो नीचे आई और दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि मेरे सामने बेहद ही सेक्सी और ब्यूटीफुल लड़की पिंक कलर की ड्रेस में थी। में उसे देखता ही रह गया। मैंने उससे पूछा तुम पारूल हो तो उसने कहा हाँ में ही हूँ.. वो थोड़ी परेशान थी और बोली की जल्दी ऊपर चलो कोई देख लेगा। में उसके साथ ऊपर चला गया। तब तक उसकी फ्रेंड के दादा, दादी सो चुके थे और वो अपने बोयफ्रेंड साथ अपने रूम में थी। पारूल मुझे दूसरे रूम में ले गयी.. वो खुश भी थी और परेशान भी। मैंने उससे पूछा कि तुम इतनी परेशान क्यों हो?

पारूल : मुझे बहुत डर लग रहा है।

में : लेकिन किस से?

पारूल : मेरी फ्रेंड ने मुझे अभी अभी बताया है कि पहली बार सेक्स करने पर बहुत दर्द होता है।

में : तुम डरो मत ऐसा कुछ भी नहीं होता और में हूँ ना.. में तुम्हे बिल्कुल भी दर्द नहीं होने दूंगा और थोड़ा बहुत होगा ज्यादा नहीं.. जिसे तुम आराम से सह सकती हो।

फिर मैंने उससे बातें की और करीब एक घंटे के बाद वो थोड़ी शांत हुई। मैंने उसे कंधे पर छुआ तो वो स्माईल करने लगी.. फिर मैंने उसे गर्दन पर किस किया तो उसने अपनी दोनों आंखे बंद कर ली। में उसे किस करते हुए आँखों पर गया और फिर होंठ पर। उसके होंठ गुलाब की तरह मुलायम थे और मैंने उसे स्मूच करना शुरू कर दिया। वो कुछ नहीं कर रही थी.. लेकिन में उससे लगातार स्मूच करता रहा। फिर उसका भी जवाब आने लगा.. उसने अपने होंठ खोल दिए। यार क्या टेस्ट था उसके होंठो में? फिर हमने 10 मिनट तक स्मूच किया और स्मूच करते करते मैंने उसके टॉप में हाथ डालकर उसके बूब्स को दबाने, सहलाने लगा वो बहुत ज्यादा मुलायम थे और धीरे धीरे उनकी निप्पल टाईट हो रही थी। जब मैंने उसके बूब्स को प्रेस किया तो वो धीर धीरे आवाज़ निकालने लगी, में समझ गया था कि उसे मज़ा आ रहा है। फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर आकर उसकी गर्दन पर किस करने लगा और किस करते हुए में नीचे उसके बूब्स पर टॉप के ऊपर से ही किस करने लगा और निप्पल अपने दांत से पकड़ने लगा। उसने मेरे चहरे को पकड़ लिया और बोली कि आराम से करो.. में आपकी ही हूँ। तो में और जोश में आ गया और उसके बूब्स पर किस करता रहा और फिर उसके टॉप को ऊपर उठाकर बूब्स को सक करने लगा। फिर जीभ को नाभि में डाल दिया। वो तो मेरे ऐसा करने से जैसे पागल हो गयी। तो उसने मुझसे कहा कि प्लीज़ और तड़पाओ मत अब मेरे साथ सेक्स करो।

में : इतनी जल्दी नहीं.. आज तुम्हे सेक्स के पूरे मज़े दूंगा जिसे तुम जिंदगी भर याद करोगी।

पारूल : तो ठीक है फिर आप जो करना चाहो करो में मना नहीं करूंगी.. लेकिन अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा।

में : तुम कंट्रोल में मत रहो.. आऊट ऑफ कंट्रोल हो जाओ।

पारूल : ह्म्म्म्मम अह्ह्ह।

फिर उसने अपनी आंखे बंद कर ली और पूरे पूरे मज़े लेने लगी.. तो मैंने उसका टॉप निकाल दिया और फिर ब्रा भी.. वो क्या लग रही थी बिना टॉप के एकदम सेक्सी.. मानो कि उसके शरीर के हर हिस्से को तराश कर बनाया हो। मैंने उससे कहा कि तुम बहुत ज्यादा सुंदर हो तो वो शरमा गई।

पारूल : आज पहली बार किसी ने मेरी इतनी ज्यादा तारीफ की है और वो भी इतने प्यार से.. आप सही में बहुत अच्छे हो।

फिर में उसके बूब्स और निप्पल चूसने लगा वो ज़ोर ज़ोर से जोश में आवाजे निकालने लगी और मेरे सर को बूब्स पर ज़ोर से दबा रही थी और कह रही थी कि और ज़ोर से चूसो राज। तो मैंने भी उसके बूब्स के निप्पल चूस चूसकर उसके गुलाबी निप्पल लाल कर दिए और में बहुत ज्यादा प्यार से सक कर रहा था। फिर नीचे नाभि पर किस करते हुए चूत तक गया और लोवर के ऊपर से ही उसकी चूत पर किस किया.. वो कामुक हो रही थी और किस करते ही लोवर गीला हो गया.. फिर मैंने लोवर को नीचे करना शुरू किया उसने मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए।
पारूल : प्लीज़ मुझे बहुत शरम आ रही है। प्लीज़ नीचे नहीं.. मैंने यह सब कभी नहीं किया।

में : मैंने ऊपर जो किया वो भी तुमने पहली बार किया था.. फिर क्यों तुम इतनी शरम महसूस कर रही हो?

तभी उसने हाथ हटा लिए और मैंने लोवर निकाल दिया और उसकी पेंटी पर किस करने लगा.. जो कि पूरी गीली थी और वो बहुत ज्यादा गरम भी हो रही थी। वो आहे भरने लगी और सिसकियाँ लेने लगी।

में : जान अभी से ही यह हाल है तो जब में तुम्हारी चूत चाटूंगा तब क्या होगा?

पारूल : राज अभी ही कंट्रोल नहीं हो रहा है.. तब तो में मार ही जाऊंगी।

में : में तुम्हे अभी नहीं मरने दूंगा.. क्योंकि अभी तो तुम्हे जन्नत के मज़े लेने है।

फिर मैंने उसकी पेंटी को अपने मुँह से निकाल दिया.. वाह क्या चिकनी चूत थी? उसकी गुलाबी, बहुत मुलायम और बहुत हॉट चूत.. में तो देखते ही उस पर टूट पड़ा और उसके दोनों पैरों को खोलकर चूसने लग गया।

पारूल : राज प्लीज़ रुक जाओ.. मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है।

इतने में वो मेरे मुहं पर ही झड़ गई और उसका सारा जूस में पी गया और वो पहले से थोड़ी ठंडी हो गयी थी.. लेकिन उसे गरम करना ज़रूरी था। तो में फिर से उसकी चूत को सक करने लगा और दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और फिर धीरे धीरे वो गरम होने लगी और कामुक आवाज़े निकालने लगी।

पारूल : आहह मैंने इतना अच्छा तो आज तक कभी भी महसूस नहीं किया था.. अह्ह्ह धन्यवाद राज।

में : अभी तुम धन्यवाद मत बोलो.. क्योंकि यह तो अभी शुरुवात है।

पारूल : क्या तुम सच कह रहे हो राज.. फिर तो मुझे आज वो अहसास दे दो जो मैंने कभी महसूस नहीं किया।

में : जान में आज वो सब दूंगा तुम्हे जो तुम मुझसे चाहती हो।

फिर चूत सक करते करते मैंने अपनी पेंट निकाल दी.. अब में अंडरवियर में था। मैंने उससे कहा कि तुम मेरा अंडरवियर भी निकाल दो।

पारूल : नहीं मुझे बहुत शरम आ रही है।

में : प्लीज़ मेरे लिए प्लीज़ एक बार।

पारूल : ठीक है फिर उसने मेरा लोवर निकाला और मेरे लंड को देखते ही डर गयी।

पारूल : इतना बड़ा, मोटा लंड अंदर कैसे जाएगा?

में : जान यह दिखता मोटा है.. लेकिन चूत में बड़े आराम से चला जाएगा। तुमसे पहले भी तो यह बहुत सी लड़कियों की चूत में गया है ना।

मैंने प्यार से उसे समझाया तो वो समझ गयी और फिर वो कहने लगी कि प्लीज़ अब कुछ करो ना मुझसे रहा नहीं जा रहा है। तो मैंने कहा कि बस दो मिनट रुको और फिर से उसके निप्पल सक करने लगा.. वो पागल हो गयी निप्पल सक करते हुए उंगली से चूत पर सहला रहा था.. लेकिन अब उससे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हुआ।

पारूल : राज प्लीज़ करो नहीं तो में मर जाऊंगी।

में : ठीक है जान में करता हूँ.. फिर मैंने लंड उसकी चूत पर लगाया और अंदर डालने की कोशिश की.. लेकिन लंड नहीं गया और फिर से ट्राई किया.. लेकिन फिर भी नहीं गया तो मैंने थोड़ा उसकी चूत का जूस लंड पर लगाया और फिर से ट्राई किया। मैंने उसे बहुत टाईट पकड़कर लंड को धक्का दिया तो लंड दो इंच चूत के अंदर चला गया और वो बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी उईईई माँ मर गई अहह अह्ह्ह्हह। मैंने उसके मुहं पर हाथ रख लिया। उसकी आंखो से आंसू आ गये फिर में रुक गया और प्यार से उसे किस करने लगा.. तो उसे भी थोड़ा अच्छा लगा और वो जब थोड़ी ठीक हुई.. तब मैंने पूछा कि अगर नहीं करना है तो हम नहीं करते। तो वो बोली कि करना है। तो मैंने थोड़ा दबाव डाला और एक झटका दिया और लंड 4 इंच अंदर चला गया। वो फिर से चिल्लाने लगी आअहह निकालो प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है। मैंने एक और धक्का लगाया और पूरा लंड अंदर चला गया और उसने अपनी आंखे बंद कर ली, दांत टाईट कर लिए.. लेकिन फिर से चिल्लाई नहीं।

पारूल : आअहह मुऊउंमाआअ प्लीज़ राज निकालो प्लीज़ में मर जाउंगी आअहह।

में : जान बस अब ज्यादा दर्द नहीं होगा.. सच में।

फिर में थोड़ी देर पारूल पर लेटा रहा और उसके बाद वो थोड़ी नॉर्मल हुई तो लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और अब उसे भी मज़ा आ रहा था और वो भी अब गांड को उठा उठाकर पूरे मज़े लेने लगी.. मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और वो आआअहह माँ मरी की आवाज़ निकालने लगी। में उसे 20 मिनट तक लगातार चोदता रहा और फिर वो मुझसे बोली कि मुझे कुछ हो रहा है राज तो में समझ गया कि वो झड़ने वाली है और उसने मुझे बहुत टाईट पकड़ लिया और मेरी पीठ पर नाख़ून भी गड़ा दिए और वो आअहह उईईइ राज करते करते डिसचार्ज हो गयी.. लेकिन में अभी भी अपनी स्पीड में चुदाई कर रहा था। 12 मिनट तक चोदने के बाद जब में झड़ने लगा तो मैंने उससे कहा कि में झड़ने वाला हूँ। उसने कहा कि अंदर कुछ मत करना.. हमने कंडोम का उपयोग नहीं किया है।

तो मैंने कहा कि इसकी एक गोली आती है उसको खाने से तुम्हें कुछ नहीं होगा.. तुम डरो मत। तो मैंने अपनी स्पीड और ज्यादा कर दी और ज़ोर ज़ोर के धक्को के साथ में उसकी चूत में ही झड़ गया। वो बहुत ज्यादा खुश लग रही थी। वो मुझे किस करते हुए बोली कि धन्यवाद मुझे इतना प्यार करने के लिए और फिर मैंने भी उसे धन्यवाद किया। फिर में उसे उठाकर बाथरूम में ले गया और नहाने के लिए जैसे ही नीचे उतरा तो वो ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी। फिर मैंने उसे समझाया कि पहली चुदाई के समय ऐसा ही होता है और थोड़ी देर में ठीक हो जाएगा। फिर हम दोनों एक साथ नहाए और वापस रूम में गये। रूम में जाकर देखा तो बेडशीट बहुत गन्दी हो गई थी। वो उसे बदलने लगी। मैंने कहा कि क्यों मज़ा नहीं आया क्या? उसने कहा कि मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आया।

पारूल : आज में लाईफ में सब से ज्यादा खुश हुई हूँ। आप इतना ध्यान रखने वाले और प्यार से करने वाले हो.. मैंने आपसे अपनी वर्जिनिटी खत्म करवा कर एकदम ठीक किया है आज में बहुत बहुत ज्यादा खुश हूँ।

में : तो बेड शीट चेंज क्यों कर रही हो? और सेक्स नहीं करना क्या ?

वो बहुत खुश हो गयी और मुझसे गले लग गयी और उस रात सुबह के 6 बजे तक हमने सेक्स किया। उसकी फ्रेंड के दादा, दादी के उठने का समय हो गया था.. तो में अपने घर वापस आ गया और फिर उसने मुझे फोन पर बहुत किस किए और बोली कि मेरी चूत थोड़ा दर्द कर रही है और मुझे बार बार आपकी याद दिला रही है। तो मैंने कहा कि जब भी तुम्हे सेक्स करना हो मुझे बता देना में आ जाऊंगा। फिर उसके बाद हमने कई दिनों तक बहुत बार सेक्स किया और फिर वो कुछ दिनों के बाद अपनी पढ़ाई के लिए बेंगलोर चली गयी ।।
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06-08-2021, 12:51 PM,
#69
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
दर्द में ही तो मजा है

हाय दोस्तो, मेरा नाम रमण (बदला हुआ) है और अभी नौकरी कर रहा हूँ।
मैं दिल्ली में रहता हूँ।
आज मेरी कहानी आप लोगों के सामने है।
यह बिल्कुल ही सच्ची कहानी है।

मैं जहाँ पर नौकरी करता हूँ वहाँ पर एक बसंती नाम की औरत काम करती थी.. वो बहुत सुंदर थी।

वो अपनी गांड हिलाकर चलती थी.. गर्दन हिला कर बात करती थी.. उसके चूचे भी बड़े-बड़े थे।

मैं उस पर पागल था.. मेरा मन करता था कि साली को पकड़ कर चोद दूँ।

लेकिन वो किसी और से प्यार करती थी और फैक्ट्री में उससे ही चुदती भी थी।

मेरा मन करता था मैं उस वक्त चोद दूँ.. पर जबरदस्ती से चोदने में मजा नहीं आता।
मैंने सोचा कि इसे प्यार में फंसाना पड़ेगा।

मैंने उस पर डोरे डालना चालू कर दिया.. पहले मैंने उसको प्रपोज किया।

उसने मना करते हुए कहा- मैं तुमसे प्यार करुँगी तो सभी मुझे रंडी कहेंगे।

मैंने सोचा कुछ तो हो सकता है फिर मैंने उसको उस लड़के के बारे में भड़काना चालू कर दिया- वो तुम से प्यार नहीं करता.. वो तुम्हारी चूत से प्यार करता है.. वो तुम्हारी बदनामी कर रहा है.. तुम उसका साथ छोड़ दो। मैं तुम्हें बहुत प्यार दूँगा.. मैं अभी कुँवारा हूँ.. मैं तुम्हें पत्नी वाला प्यार दूँगा। मुझे तुम्हारी चूत से नहीं तुमसे प्यार करता हूँ.. मुझसे प्यार करो।

उसने इतना कहने के बाद भी ‘हाँ’ नहीं किया.. बस मुस्कुरा कर चली गई।

फिर अगले दिन मेरा मूड खराब हो गया फिर मैंने उसकी जबरदस्ती होंठों की पप्पी ले ली।

वो मस्ता गई.. फिर उसने कहा- कल सोचकर बताती हूँ..

अगले दिन उसने ‘हाँ’ करते हुए कहा कि वो रात भर सो नहीं पाई.. मेरे बारे में सोचती रही।

फिर क्या था नेकी और पूछ..

उसने कहा- अगर तुम मेरे सिवाय किसी के बारे में भी नहीं सोचोगे तो मैं तुम्हें सब कुछ दूँगी।

फिर इतना कहते ही मैंने उस अपनी बाँहों में जकड़ लिया.. उसके मम्मे दबा दिए.. और उसके होंठों को चूसने लगा।

वो गरम हो गई फिर मेरा लंड खड़ा हो गया।
वो सहलाने लगी।

अब चूत मारूँ.. तो कैसे मारूँ.. उस वक्त तो सभी लोग फैक्ट्री में थे।

फिर मैं उसे जीने में ले गया.. मैं इस मौके को कैसे छोड़ सकता था।

मैंने अपना लंड बाहर निकाल उसको कड़ा किया.. उसका नाड़ा ढीला किया.. फिर चूत में ऊँगली डाली.. तो देखा.. साली पहले ही पानी छोड़ चुकी थी।

फिर उसकी चुन्नी से उसकी चूत साफ की.. और उसकी चूत में लंड को टिका दिया।

वो तो पूरा बिना आवाज के पूरा लौड़ा ले गई.. लेती भी क्यों नहीं वो दो बच्चों की माँ थी.. चूत का तो भोसड़ा बन ही गया था.. पता नहीं कितनों का लंड ले चुकी होगी साली..

लेकिन मुझे तो जी.बी. रोड के पैसे बचाने थे.. मैं उसे पाँच मिनट तक चोदता रहा फिर मेरा माल झड़ गया।

अगले दिन मेरा मन फिर चुदाई करने का कर रहा था.. उसका भी मन चुदने को कर रहा था।

उसने अपनी सहेली लता को मनाया और कहा- किसी को जीने में नहीं आने देना।

लेकिन वो लड़की लड़कों कैसे रोक पाती.. साला कोई न कोई आता-जाता रहता.. मेरा मूड खराब हो रहा था।

मैंने दिमाग लगाया क्यों न इसे सर के टॉयलेट में ले जाकर चोदूँ।

मैं उसे सर के जाने के बाद टॉयलेट में ले गया.. अन्दर से कुण्डी लगा ली।

मैंने उससे कहा- चल खोल..

वो बोली- आज नहीं हो सकता.. ऊपर से ही काम चला लो।

मैं- क्यों?

बोली- माहवारी आ रही है..

तेरी बहन की चूत.. माथे की पिन हिला दी।

मैं बोला- चल मुँह में ले।

वो पहले तो मना करने लगी- मैंने आज तक अपने पति तक का नहीं लिया..

मैंने कहा- मैं तुमसे प्यार करता हूँ और प्रेमी तो पति से बड़ा होता है।

तो बोली- अच्छा ठीक है तुम्हारा ले लूँगी.. मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।

फिर वो लौड़ा चूसने लगी।

मैं उसे लवड़ा चुसाता रहा.. पाँच मिनट के बाद मैंने उसके मुँह में ही पानी झाड़ दिया।

वो रंडी न बन जाए हमें छुप-छुप कर चोदा-चोदी करनी थी.. पर ऐसे मजा नहीं आ रहा था।

मैंने सोचा सब को पता लग जाए तभी खुल के चोदने को मिलेगा।

रंडी को क्या रंडी बनाना साली जो अपने पति की नहीं हुई.. मेरी क्या होगी।

पर मुझे भी उससे थोड़ा प्यार हो गया था।

मैं उसे सबके सामने ऊपर गोदाम में ले गया… फिर उसे पूरा नंगा किया और उसके चूचों को चूसने लगा।
अपने होंठों को उसके होंठों से चिपकाया।

वो साली इतनी बड़ी चुदक्कड़ थी कि हाथ लगाते ही पानी छोड़ देती थी।

उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत में डाल लिया और खुद झटके मारने लगी।

फिर कुछ ही झटकों के बाद मेरा पानी छूट गया।

कुतिया को सौ रूपए की आइपिल देनी पड़ी।

यह सिलसिला लगातर 4 महीने चलता रहा।

फिर उसके पति ने यहाँ से काम छुड़वा दिया.. लेकिन उसे चुदने से कौन बचा सकता था।

मैंने उसको फोन लेकर दे दिया.. और उससे रोज बात करने लगा।

फिर हमने करवाचौथ के एक दिन पहले करवाचोद मनाने का प्लान बनाया।

उस दिन 2 अक्टूबर को हम पहाड़गंज के होटल गए..

700 में 6 घंटे के लिए एक कमरा लिया।

वेटर को 100 रूपए दिए एक माजा मंगवा ली।

फिर मैंने अपने बैग में से रॉयलस्टैग का क्वार्टर निकाला और माजा में मिला कर पिया।

वो काले रंग की साड़ी पहन कर आई थी.. बहुत हॉट एंड सेक्सी लग रही थी।

मैंने जल्दी से उसकी साड़ी खोल दिया और झट से अपनी बाँहों में जकड़ लिया।

मैं बेताब होकर उसके होंठों को चूसने लगा और हाथों से उसके तने हुए चूचे दबाने लगा।

वो मेरी कमर पर हाथ फेरने लगी.. नाखून मारने लगी।

मुझे दर्द तो हो रहा था.. पर मजा भी आ रहा था।

फिर में उसकी चूत में उंगली डालने लगा.. वो ‘अह आह’ करने लगी।

अब मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया.. अपना लंड निकाला और उसकी चूत पर फेरने लगा।

वो चुदासी होकर तड़प रही थी- डालो अन्दर.. जानू प्लीज़ डालो..

वो पानी छोड़ चुकी थी, फिर मैंने रुमाल से उसकी चूत साफ की फिर लंड डाला।

लवड़ा डालते समय मैंने सोचा कि आज साला टाईट कैसे घुस रहा है.. साली ने चूत को भींच रखा था।

मैंने अपने आपसे कहा कि कोई बात नहीं मजा तो मुझे ही आ रहा है।

दस मिनट बाद मेरा पानी निकल गया.. मैं उसके ऊपर लेटा रहा।

कुछ देर बाद वो मेरे लंड को हिलाने लगी और चूसने लगी.. मेरा लंड फिर खड़ा हो गया।

मैंने बोला- जानू तेरी गांड मारूँगा।

‘नहीं जानू बहुत दर्द होगा.. जानू चूत से ही मजा ले लो न!’

मैं- नहीं जानू.. एक बार तो गांड में लेकर देख।

‘नहीं जानू तुम मुझसे प्यार नहीं करते.. क्या मुझे दर्द होगा तो तुम्हें अच्छा लगेगा..?’

‘नहीं जानू.. दर्द में ही तो मजा है..’ मैंने उसको पलटा और लण्ड कड़ा किया.. उसकी गांड के छेद में टिका दिया।

अब लौड़े के नखरे.. साला घुस ही नहीं रहा था.. इधर-उधर भाग रहा था।

फिर मैंने लंड को उसके मुँह में दिया तो थोड़ा चिकना हो गया।

उसकी गांड के छेद पर थूका.. फिर एक ही झटके में घुसेड़ डाला।

वो चिल्लाई- अह आह हु… मेरी गांड फट गई।

उसकी आँखों से आसू निकल रहे थे।
मुझे मजा आ रहा था।
मैंने झटके तेज कर दिए..
वो और जोर से चिल्लाने लगी- उइ माँ.. मर गई.. आहह.. अह उफ़ आ आह अह..

मैं उसके होंठों को चूसने लगा.. वो थोड़ी देर बाद पूरा लंड का पानी उसकी गांड में ही डाल दिया।

फिर हम दोनों फ्रेश होने बाथरूम में गए।

दोनों एक-दूसरे को नहलाने लगे।

फिर हम नंगे ही कमरे में बैठे.. लंच करने लगे।

लंच के साथ ड्रिंक भी की.. फिर चुदाई का मूड बन गया।

फिर वो मेरे लंड से खेलने लगी.. चूसने लगी।

मैं मस्त हो गया और बोला- चूस मेरा लौड़ा.. चूस.. चूस.. मेरे टट्टे चूस.. चूस ले.. आज जितना मन है चूस ले.. चूस मेरा लौड़ा चूस..

यह सब कहते-कहते मैं झड़ गया.. पूरा माल उसके मुँह में ही छोड़ दिया। वो पूरा माल गटक गई।

मेरी ऊर्जा ख़त्म हो रही थी।

मैं बादाम किसमिस घर से ही ले गया था.. उसको खाया फिर मेरी दम बढ़ने लगी।

इस तरह मैंने उसको 6 घंटे में 7 बार चोदा.. कुछ देर आराम करके फिर हम ऑटो पकड़ कर अपने-अपने घर आ गए।
ये चुदन चुदाई के बारे में मैंने अपने दोस्तों को बताया.. उन्हें विश्वास नहीं हुआ।

फिर मैंने उससे फोन पर बात करते वक़्त लाऊड स्पीकर खोल दिया.. और दोस्तों को सुनाने लगा।
उन्हें विश्वास हो गया।

वो फोन पर बोली- तुमने तो मेरे पति को भी फेल कर दिया.. तुम्हारे अन्दर बहुत दम है.. मेरा पति ने तो सुहागरात वाले दिन 5 बार ही चोदा था.. तुमने तो 7 बार चोद दिया.. बहुत खूब।

मैं बोला- जानू ये सब लड़कियों को ताड़ने से बना है.. जिसको भी देखता सोचता मिल जाए और मुठ नहीं मारता था.. इसीलिए मेरे लौड़े में बहुत जान है। अगली बार का प्रोग्राम बना तुझे दर्जन बार न चोदा तो मेरा नाम बदल देना।

वो बोली- ठीक है, देखूँगी।

यह थी मेरी चुदाई की सच्ची कहानी।
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06-08-2021, 12:51 PM,
#70
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
चिकनी चमेली

मेरा नाम अमन सिंह है.. मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ।
मैं बताना चाहता हूँ कि मैं घर पर अकेला ही रहता हूँ। मॉम-डैड पास ही एक गाँव में रहते हैं।

वैसे तो अभी मैं ग्रॅजुयेट हुआ हूँ, तो जॉब के बारे में कुछ सोचा नहीं… बस घर पर ही रहकर अपनी आगे की पढ़ाई करता हूँ और डिफेन्स की तैयारी कर रहा हूँ।

वैसे भी मुझे डिफेन्स में जाने की बचपन से ही बहुत इच्छा थी और इसीलिए अपनी बॉडी को भी फिट कर रखा है।

मेरा कद 5 फिट 10 इंच है और मैं दिखने में भी काफ़ी आकर्षक हूँ। शायद इसीलिए लड़कियां मुझे देख कर ‘आहें’ भरती हैं।

अब मैं आपको अपनी कहानी पर ले चलता हूँ।

ये बात उन दिनों की है जब मैंने कॉलेज में प्रवेश लिया था।
यहाँ आए तो नया कॉलेज और नए लोग थे, पर जल्द ही अपने मस्त और हँसमुख व्यवहार के कारण बहुत मेरे सारे दोस्त बन गए।
उन्हीं में से एक ख़ास दोस्त नयना भी थी.. जिसे देखकर तो मेरा सुर ही बदल जाता है।
वो भी दिखने में बहुत सुन्दर.. एकदम अप्सरा लगती है।
उसके जिस्म के 36-32-36 कटाव भी क्या खूबसूरत थे..

वैसे तो हम एक-दूसरे को बस देखते थे.. खूब सारी बातें करते थे और एक-दूसरे को देख कर मुस्कुरा देते थे, पर एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि हम इतने करीब आ गए कि आज भी हम एक-दूसरे को अलग करने को तैयार नहीं हैं।

उस समय गर्मियों के दिन थे और कॉलेज में भी छुट्टियाँ होने वाली थीं।
इम्तिहान हो चुके थे बस परिणाम आने का इंतजार था।

शाम के वक्त मैं छत पर कुछ दोस्तों के साथ मस्ती कर रहा था कि अचानक नीचे देखा कि नयना आ रही है।

अब उस समय गर्मी थी और हम सब दोस्त तो ऐसे ही सादा हाफ लोवर और टी-शर्ट में थे।

मैं जल्दी अन्दर गया और कपड़े बदल कर वापस आया तो देखा कि खिड़की पर नयना जो कि पहले ही आ गई थी।

मैं कुछ कह पता कि नयना ने खुद ही टोक दिया- आपकी ज़िप खुली है।

अब मेरी हालत पहले तो खराब थी ही बाकी नयना की बात सुनकर मैंने जल्दी से अपनी ज़िप बन्द की।

फिर हम दोनों कमरे में आकर सोफे पर बैठ गए और शायद तब तक सारे दोस्त भी चले गए थे।

मैं उस वक्त घर पर अकेला ही था।
मुझे चाय पीना बहुत अच्छी लगती है, इसीलिए मैं थोड़ी देर बात करने के बाद रसोई में चला गया।

थोड़ी देर बाद जो मैंने देखा तो उस पल मेरा तो बुरा हाल हो गया।

मैं चाय बना ही रहा था कि पीछे से नयना आई और मुझसे लिपट गई।

अब मेरा तो पहले से ही दिमाग़ काम नहीं कर रहा था.. फिर ऊपर से ये नयना की मस्त हरकत।

मैंने पीछे से नयना के हाथ को पकड़ कर आगे किया ही था कि वो मेरे सीने से लिपट गई और अपनी तेज हो रही सांसों से मेरे दिल में आग लगाने लगी।

मैं भी थोड़ा गर्म हो रहा था तो मैंने गैस बन्द की और नयना से कुछ कहने ही वाला था कि उसके होंठों ने मेरे होंठों को खूब कस कर जकड़ लिया।
अब मुझे भी थोड़ा-थोड़ा सुरूर छाने लगा।

मैंने नयना को अपनी बाहों में भर लिया और उसके चुम्बन का जवाब देने लगा।

उफ्फ.. उसके होंठ कितने मस्त थे कि उसे छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था।

करीब 15 मिनट तक चूमा-चाटी के बाद मैंने नयना को अपनी गोद में उठा लिया और अपने कमरे में ले गया।

हमारा घर थोड़ा बड़ा है तो कमरे भी बड़े ही बनवाए गए हैं।

मैंने नयना को अपने बिस्तर पर बड़े प्यार से लिटाया और फिर मैं भी उसके बगल में लेट गया और उसके होंठों को चूमने लगा।
अब अपने हाथों को उसकी ब्रा पर फेरने लगा।
फिर धीरे से उसके कपड़ों को उतारने लगा।

वो भी मेरा साथ दे रही थी।

मैं उसके होंठों को.. गालों को… माथे को.. कान के पास और फिर गले पर और कंधे पर जी भर कर चूमने लगा।

अब नयना मेरे सामने सिर्फ सफ़ेद ब्रा और गुलाबी पैन्टी में थी और मैं उसकी ब्रा को उतारने लगा…

तो नयना मेरे बेल्ट को ढीला करके मेरे बाबूलाल (लौड़े) को निकालने लगी।

ब्रा के खुलते ही नयना मेरे बाबूलाल को अपने हाथों से सहलाने लगी और कहने लगी- यह कितना बड़ा है?

मैंने कहा- मुझे नहीं पता..

तो वो उठी और वहीं से स्केल उठा कर मेरे बाबूलाल को नापने लगी।

वो खुशी से चिल्लाई- हे भगवान… पूरा 9 इंच का है..

मुझे भी यकीन नहीं हुआ.. क्योंकि पहली बार किसी लड़की ने मेरे लौड़े को हाथों से सहलाया था।

फिर नयना ने मेरे बाबूलाल को अपने होंठों में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूमने लगी।

मैं तो जैसे स्वर्ग में था… मैंने उसके बालों को पकड़ कर उससे अपने बाबूलाल को मस्ती से चुसवाने लगा।

थोड़ी देर में ही मेरा निकलने वाला था।

मैंने कहा- मेरा सैलाब निकलने वाला है।

तो वो भी बड़े जोश से बोली- मुझे पिला दो अपना रस.. मैं तो बहुत दिनों से इसी रस की प्यासी थी।

जैसे ही मेरा निकलने वाला था तो नयना ने बाबूलाल को दांतों में दबा लिया..
सच में दोस्तों मुझे इतना अच्छा लगा कि मैं देर तक अपने बाबूलाल को वैसे ही लगाए रहा और नयना मेरे बाबूलाल का रस पीकर बहुत खुश थी।

फिर नयना ने बाबूलाल को साफ़ किया और मेरे गालों पर काट लिया।

तब मेरी आँखें खुलीं और फिर अब प्यार का मेरा नंबर था। मैं भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता था।

अब मैंने नयना को बड़े ही प्यार से चूमते हुए चित्त लिटा दिया और उसकी गुलाबी पैन्टी को नीचे खींच कर उसके जिस्म से अलग कर दिया।

हय.. उसकी चिकनी चमेली ने मेरे लौड़े की हालत फिर से खराब कर दी और मेरा बाबूलाल फिर से अंगड़ाई लेने लगा।
मैंने उसकी चूत की दरार में अपनी ऊँगली डाली, वो एकदम से चिहुंक गई.. रस से सराबोर उसकी चूत में मेरी ऊँगली घुसती चली गई।

उसने मीठी सी सिसकारी लेकर मेरा हाथ पकड़ लिया।

मैंने भी उसके ऊपर झुकते हुए उसकी नाभि को चूमा और अपने होंठों को उसकी चूत की तरफ लाना आरम्भ कर दिया।

‘अमन.. गुदगुदी होती है.. आह्ह..’

‘होने दो..’

मैं लगातार इस पल का मजा ले रहा था।

फिर मेरी जीभ की नोक उसकी चूत की दरार में घुस गई और वो एकदम से अकड़ी और अगले ही पल वो झड़ गई, उसका नमकीन पानी मेरी जुबान से छुआ मैंने चपर चपर करते हुए उसके रस को चाट लिया।

वो शिथिल होकर मेरे सर को अपने हाथों से पकड़े हुए थी।

अब मैंने बैठ कर उसको अपनी गोद में बिठाया और अपने सीने से लगा लिए।

वो अपने दोनों पैर मेरी कमर में लपेटे हुए मुझसे चिपकी हुई थी।

कुछ देर हम दोनों ऐसे ही लिपटे हुए बैठ रहे.. मेरा लवड़ा खड़ा हो कर उसकी चूत से स्पर्श कर रहा था।

मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को उठाया और उसकी चूत के छेद को लौड़े की नोक पर सैट किया।

उसकी चूत अनछिदी थी। मेरा लौड़ा गीली चूत की दरार में घुस गया।

उसके मुँह से एक तेज ‘आहहह..’ निकली पर मैंने उसको अपनी बाँहों में भींचा हुआ था।

मैं कुछ देर तक उसके होंठों को अपने होंठो से दबा कर चूसता रहा और अपने चूतड़ों को उठाकर उसकी चूत में पेवस्त करने का मेरा प्रयास जारी था।

फिर मैंने उससे कहा- थोड़ा दर्द सहने को तैयार रहना अब मैं पूरा अन्दर करने जा रहा हूँ।

उसकी बन्द आखों ने मौन स्वीकृति दी और मैंने अपने पूरी ताकत से लवड़े को उसकी चूत में ठूंस दिया।

वो चिल्लाना चाहती थी पर मैं सजग था।
मेरे होंठ उसकी आवाज पर पहरा दे रहे थे।

कुछ देर तड़फने के बाद वो शिथिल हो गई।

मैंने भी उसको नीचे से ठोकरें लगाना आरम्भ कर दीं।

फिर जब वो कुछ सामान्य हुई तो मैंने कुछ इस तरह उसको लिटाया कि मेरा बाबूलाल उसकी मुनिया में ही रहा और उसी वक्त मुझे हल्के से खून की लालिमा दिखी पर मैं चुप रहा।
और अब पूरी तरह से उसके ऊपर चढ़ कर मैंने उसकी चुदाई आरम्भ कर दी।

कुछेक मिनट बाद वो अकड़ गई और झड़ गई पर मेरी धकापेल चालू थी फिर दस मिनट की चुदाई के बाद उसकी चूत ने फिर से अपना रस छोड़ना चालू किया तो मेरा बाबूलाल भी चूत के दरिया में डूब कर अपनी जान दे बैठा.. उसने उलटी कर दी थी।

हम दोनों ही निढाल हो कर एक दूसरे से चिपक कर लेटे रहे।

कुछ देर बाद उठे और फिर एक-दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगे।

यह हमारे मिलन की दास्तान थी।

उम्मीद है आप सभी को अच्छी लगी होगी।
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