मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
07-20-2021, 12:26 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" तो ये है आपका Secret... ". नूपुर ने अपने डैडी की बाहों में अपनी बाहें डाल कर ऐसे कहा जैसे की अब समझी हो. फिर अपनी लहंगा चोली की ओर अपने डैडी को दिखाते हुए पूछा. " लेकिन यहाँ शादी किसकी है ? ".

" किसी की भी नहीं. ". मिस्टर अरोरा ने मुस्कुरा कर कहा. " और Secret ये नहीं है... पहले अंदर तो चलो ! ".

बिल्डिंग के दरवाज़े तक पहुँचते पहुँचते एक नौकर बाहर दौड़ कर आया, तो मिस्टर अरोरा ने उससे पूछा.

" सारा अरेंजमेंट हो गया ? ".

" जी साहब... ". नौकर ने कहा और फिर नूपुर को नमस्ते किया.

" कार पार्क कर दो... और अपने क्वार्टर में जाओ... आराम करो. ज़रूरत पड़ेगी तो मैं बुला लूंगा ! ".

नौकर सर हिला कर वहाँ से चला गया.

" मुझे पूरा घर देखना है डैडी... This is so amazing ! ". अंदर दाखिल होते ही नूपुर ने चारों तरफ नज़र दौड़ाई, मानो कम से कम समय में ज़्यादा से ज़्यादा नज़ारा देख लेना चाहती हो.

" बहुत टाईम है... रिलैक्स. देख लेना...तुम्हारा ही है ! ".

मिस्टर अरोरा अपनी बेटी को एक बड़े से डाइनिंग हॉल में ले आएं तो नूपुर को लगा की जैसे आज उसके सरप्राइज का अंत होने वाला ही नहीं था. पूरा हॉल मोमबत्ती की रौशनी से जगमगा रहा था, बीच में एक बड़े से भव्य डाइनिंग टेबल पर पहले से ही खाना परोसा हुआ था. नूपुर को लगा जैसे की वो परियों की दुनिया में आ गई हो !

" मुझे तो बड़ी भूख लगी है. तुमने भी सुबह नाश्ता नहीं किया. ". मिस्टर अरोरा अपनी बेटी को खाने के टेबल तक लाते हुए बोलें.

" थैंक यू डैडी... ". भावविभोर होकर नूपुर की आवाज़ जैसे उसके गले में ही अटक गई हो.

बड़े अदब से मिस्टर अरोरा ने नूपुर के लिए चेयर खींच कर उसे बैठाया और फिर दोनों कैंडल लाईट लंच का लुत्फ़ उठाने लगें.

एक घंटे तक बैठे दोनों ने जितना खाना नहीं किया उतनी बातें की, मानो बाप बेटी नहीं, दो दोस्त हों. लज़ीज़ खाने के साथ साथ दोनों ने महँगी वाइन भी पी, फिर खाना ख़त्म करके भी नूपुर शराब पीती रही जब तक की उसके डैडी ने उसे रोका नहीं.

" अब बस करो नूपुर... और Secret नहीं देखना क्या ? ".

" प्लीज् डैडी... आज मुझे मत रोकिये, I am so happy ! ". नूपुर ने एक और पेग खाली करते हुए कहा.

" मुझे बहुत अच्छा लगा तुम्हें इस तरह खुश देख कर... Come on... उठो... अभी और भी सरप्राइज बाकि है. "

मिस्टर अरोरा के खाने के टेबल से उठते ही नूपुर भी उठ खड़ी हुई, उसने वाइन की एक नई बोतल भी उठा ली, तो मिस्टर अरोरा हँसने लगें.

हाथ में शराब की बोतल लिए, बीच बीच में एक एक सिप लेते लेते, नूपुर अपने डैडी के साथ सीढ़ीयां चढ़ती हुई ऊपर जाने लगी. ऊपर पहुँच कर दोनों एक दरवाज़े के पास रुकें.

" Are you ready for the final surprise ??? ". दरवाज़ा खोलने से पहले मिस्टर अरोरा एक पल को रुकें, नूपुर ने हाँ में सर हिला कर अपनी सहमति दी, तो उन्होंने दरवाज़ा खोल दिया.

मंत्रमुग्ध सी कदम बढाती हुई नूपुर जब कमरे में दाखिल हुई तो उसकी मानो साँसे ही थम गई, इस विशालकाय आलीशान से कमरे के बीचों बीच एक बड़ा सा सिंगल बेड था जिसपर 6 गद्देदार तकिये रखे हुए थें, और पूरा बेड गुलाब और रजनीगंधा के फूलों से भर कर सजाया गया था.

अवाक नज़रों से नूपुर अभी कमरे को निहार ही रही थी की अचानक उसने अपनी कमर में एक हाथ सरकता हुआ महसूस किया, मगर उसने अपना चेहरा नहीं घुमाया और कमरे को ही देखती रही. अपनी बेटी को उसकी कमर से पकड़े हुए मिस्टर अरोरा ने उसके गाल पर एक छोटा सा किस किया, तब जाकर नूपुर को जैसे होश आया. उसने अपना मुँह घुमाया तो उसके डैडी के होंठ उसके होंठो से जा सटे, घबरा कर उसने तुरंत अपना चेहरा पीछे कर लिया. मिस्टर अरोरा ने ना कोई जल्दबाज़ी की और ना ही जबरदस्ती, वे चुपचाप खड़े नूपुर की आँखों में देखते रहें. नूपुर ने धीरे से अपना मुँह थोड़ा आगे किया, लेकिन अपने डैडी के होंठो से अपने होंठ सटने नहीं दिए. उसकी आँखों में कई सारे सवाल थें.

" फिर रात को जब मैं आपके कमरे में आई थी तो आपने मुझे क्यूं ठुकरा दिया था डैडी ??? ". नूपुर ने पूछा.

नूपुर के होंठ मिस्टर अरोरा के होंठो के इतने करीब थें की जब नूपुर बात कर रही थी तो उन्हें उसकी साँसों की गर्मी और महक, दोनों महसूस हो रही थी. मिस्टर अरोरा ने अपनी बेटी की शराब से भीनी साँसों की सुगंध का आनंद लेते हुए हर चीज़ का खुलासा करना शुरू किया.

" मैंने तुम्हें ठुकराया नहीं था नूपुर... प्लीज् ऐसा मत सोचो. मुझे पता है की कल रात तुम सब कुछ करने को तैयार थी, पर मैं इसके लिए तैयार नहीं था. You know नूपुर... एक लड़की का सबसे पहला सेक्स एक्सपीरियंस उसकी ज़िन्दगी की सबसे यादगार चीज़ होती है, सबसे स्पेशल ! चाहे वो सेक्स किसी के साथ भी हो, उसे आजीवन याद रहती है. मैं तुम्हारे पहले सेक्स को तुम्हारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण लम्हा बनाना चाहता था, बस एक रात की कोई Cheap Fuck Session नहीं ! ये आलीशान फार्म हाउस, कैंडल लाइट लंच, और ये सुहाग सेज, तुम्हें हमेशा याद दिलाएंगे की तुम जब पहली बार किसी के साथ हमबिस्तर हुई थी, तो वो सिर्फ एक सेक्स नहीं था, एक पूरा इमोशन था, एक पूरी भावना ! आज से कुछ सालों बाद जब तुम्हारी शादी हो जाएगी, और तुम्हारे लिए तुम्हारा हस्बैंड ही सब कुछ होगा, तब अगर कभी तुम्हें आज का दिन याद भी आ जाये तो तुम्हें कोई पछतावा, कोई Regret, कोई Guilt नहीं होगा, बस एक सुखद एहसास होगा, अपनी Virginity खोने का मीठा एहसास ! लेकिन कल रात हमारे बीच अगर कुछ हुआ होता तो वो बस एक स्वार्थ और वासना की घिनौनी कहानी बन कर रह जाती, क्यूंकि मैं तुम्हारा सगा बाप हूँ, कोई बॉयफ्रेंड नहीं !!! और फिर मैं सारी ज़िन्दगी अपने आप को माफ़ नहीं कर पाता ! ".

नूपुर को और कुछ नहीं सुनना था, उसने अपनी आँखे बंद कर ली, और अपने होंठ आगे बढ़ा कर खुद को अपने डैडी के हवाले कर दिया.

" ऐसे नहीं... पहले बाहर चलो ! ". मिस्टर अरोरा ने कहा, और नूपुर के हाथ से वाइन की बोतल लेकर टेबल पर रख दी, फिर उसे लेकर कमरे की दहलीज पार करके बाहर चले आये, फिर उन्होंने अपनी बेटी को अपने गोद में उठा लिया, और वापस कमरे में दाखिल हुए, जैसे की एक दूल्हा अपनी नई नवेली दुल्हनिया को सुहागरात के कमरे में ले जाता है !!!

मिस्टर अरोरा ने नूपुर को अपनी गोद से जैसे ही वापस ज़मीन पर उतारा, नूपुर लपक कर उनसे चिपट गई. मिस्टर अरोरा ने उसके चेहरे को अपने हाथों में भर कर पहले उसके माथे को चूमा, फिर नाक को, फिर बारी बारी से दोनों गोरे गोरे गालों को, और फिर उसके होंठो का चुम्बन लेने से पहले रुकें, और पूछा.

" एक बार फिर सोच लो नूपुर... कहीं तुम्हें ऐसा तो नहीं लग रहा की मैं तुम्हारा फायदा उठा रहा हूँ ??? ".

" छी !!! What are you saying डैडी ??? You are so romantic. Thank you for all this special arrangement... I am yours now !!! I love you डैडी... ".

नूपुर ने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया तो मिस्टर अरोरा ने उसके होंठ चूम लियें, फिर जल्दी ही दोनों एक दूसरे के मुँह में मुँह घुसेड़े स्मूच करने लगें.

नूपुर को अब समझ में आया की उसके डैडी ने उससे ऐसे कपड़े पहनने को क्यूं कहे थें, जैसे की वो किसी की शादी अटेंड करने जा रही हो, अब सब कुछ साफ हो चुका था. कुछ रोज़ पहले तक जिस पिता से वो असीम नफरत करने लगी थी, आज उनके विचार जान कर, उसे उनसे ना सिर्फ बेइंतहा मुहब्बत हो गई थी, बल्कि उसके दिल में उनके लिए कई गुना सम्मान भी बढ़ गया था !

लोग यूँ ही नहीं कहते की सुबह का सपना सच होता है, अब नूपुर को इस बात पर यकीन हो गया था. आज नूपुर अपने डैडी से चुदने वाली थी !!!

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07-20-2021, 12:26 PM,
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करीब तीन मिनट तक एक दूसरे को चूमने के बाद जब मिस्टर अरोरा और नूपुर साँस लेने के लिए रुकें तो नूपुर ने अपने डैडी के गले में अपनी बाहें डाल कर मुस्कुराते हुए शरारती अंदाज़ में पूछा.

" Tell me one thing डैडी... आपको मेरे बदन का कौन सा हिस्सा सबसे ज़्यादा पसंद है ? मेरी तस्वीर में आप क्या देख कर Masturbate करते हैं ??? ".

" उस वाकये को अब भूल भी जाओ नूपुर... मैं अपनी उस घिनौनी हरकत के लिए बेहद शर्मिंदा हूँ ! ". मिस्टर अरोरा ने नूपुर की पीठ सहलाते हुए कहा.

" बहाने मत बनाइये डैडी... I want to know ! ". नूपुर अपनी बड़ी बड़ी आँखे नचाते हुए बोली.

मिस्टर अरोरा के शर्माते हुए हैंडसम चेहरे पर नूपुर को प्यार आ गया, उसने उनके गाल चूमे और फिर से वो बात बताने की ज़िद की, तो उन्होंने अपनी बेटी के गाल में आदर से चिकोटी काटते हुए कहा.

" तुम्हारा ये Cute सा चेहरा मुझे सबसे ज़्यादा भाता है ! ".

नूपुर को पता था की उसके डैडी झूठ बोल रहें हैं.

" ठीक है... मत बताइये डैडी, जब मेरे कपड़े खुल जायेंगे तो अपने आप ही पता चल जायेगा. फिर देखती हूँ सच्चाई कैसे छुपाते हैं आप ! ". नूपुर ने नाराज़ सा मुँह बनाते हुए कहा, और फिर अपने दोनों हाथ पीछे पीठ पर करके अपनी चोली की डोरी खोलने लगी.

डोरी खुलते ही नूपुर ने चोली अपनी गोरी बाहों से निकाल दी तो चोली सरक कर नीचे उसकी कमर पे अटक गई. दो छोटी छोटी, मगर एकदम टाइट और गोल चूचियाँ बाहर निकल आई. मिस्टर अरोरा ने कांपते हाथों से अपनी बेटी की चूचियों को छुआ, मगर दबाया नहीं, मानो डर रहें हो की दबाने से उनके सुंदर आकर बिगड़ ना जायें. फिर वो नीचे ज़मीन पर अपने घुटनों पर बैठ गएँ. उन्होंने नूपुर के कमर में लटक रही उसकी चोली को सूंघा और फिर उसकी नाभी को, फिर अपना मुँह नीचे उसकी जांघों के बीच घुसा कर अपनी नाक से ज़ोर ज़ोर से आवाज़ करते हुए लहंगे के ऊपर ऊपर से ही उसकी चूत की महक का अंदाजा लगाने लगें. मगर लहंगे का कपड़ा इतना मोटा था की उन्हें बस लहंगे में लगाई हुई परफ्यूम की गंध भर ही आई, चूत की गंध ना मिल पाई. निराश होकर उन्होंने अपना मुँह बाहर निकाल लिया और ऊपर नूपुर की ओर आशा भरी नज़रों से देखते हुए वैसे ही बैठे रहें. नूपुर समझ गई की उसके डैडी अभी तक नीचे इसलिए बैठे हैं ताकि जब उसका लहंगा खुले तो वो सारा नज़ारा एकदम नज़दीक से देख सकें.

" अच्छा बाबा, दिखाती हूँ चूत...वेट डैडी. रात को जब दिखाने आई थी तब तो बहुत शरीफ बन रहें थें !!! ". नूपुर को अपने डैडी के उतावलेपन पर हँसी आ गई. उसने लहंगे का नाड़ा ढीला किया और चोली के साथ साथ लहंगे को भी नीचे अपने घुटनों तक सरका दिया. अंदर उसने फूलों के डिज़ाइन वाली सफ़ेद रंग की Full Length पारदर्शी पैंटी पहन रखी थी, जिसका कपड़ा इतना महीन था की उसकी चूत की एक एक बारीकीयां साफ झलक रहीं थीं. बेसब्र मिस्टर अरोरा पैंटी के ऊपर से ही अपनी बेटी की चूत सूंघने लगें.

" ओफ्फो डैडी... रुकिए तो सही, पैंटी खोल लेने दीजिये ! ". कह कर नूपुर ने अपनी डिज़ाइनर पैंटी सरकाई तो पैंटी का कपड़ा उसकी चूत के लिप्स से ऐसे चिपक गया मानो चूत से बिछड़ने के उसकी कोई मंशा ना हो ! उसने पैंटी नीचे घुटनों तक सरका कर अपने लहंगे और चोली पे टिका दी.

गदराई जाँघों के आपस में सटे होने के कारण नूपुर की छोटी सी तीकोनी चूत पावरोटी की तरह फूल कर बाहर निकली हुई थी. गोरी गोरी जाँघों के बीच सांवली चॉकलेटी रंग की टाइट चूत इतने करीब से देख कर मिस्टर अरोरा की आँखे फ़ैल गईं और जबड़ा खुल गया. उनकी हालत देख नूपुर ने हँसते हुए उनका सर अपने हाथ से पकड़ कर अपनी टांगों के बीच घुसा लिया. चूत से नाक और मुँह सटते ही एक अत्यंत तीर्व गंध मिस्टर अरोरा के ज़हन में समा गई, नूपुर ने जो परफ्यूम अपने लहंगे में लगाया था, वो लहंगे के कपड़े और पैंटी से होता हुआ भीन कर उसकी चूत की त्वचा में भी समा गया था, नतीज़न उसकी चूत से अजीब सी मादक सुगंध आ रही थी. मन भर कर नूपुर की चूत सूंघने के बाद मिस्टर अरोरा खड़े हुए तो नूपुर ने देखा की उनके ट्रॉउज़र ( Trouser ) का ज़िप तनाव के कारण फ़ैल कर खुल गया है, जिसमें से उनके अंडरवियर में लिपटा लण्ड बाहर निकल आया है.

" Show me your Dick... डैडी ! ". नूपुर ने मिस्टर अरोरा के सीने को सहलाते हुए मांग की.

मिस्टर अरोरा ने एक बार में अपनी बेटी की बात मान ली और अपना ट्रॉउज़र खोल दिया. नूपुर ने देखा की उनके ब्लू कलर के अंडरवियर में एक बड़ा सा गीला धब्बा लग गया है, वो समझ गई की उसके डैडी का Pre - Cum निकल आया होगा. कुछ सोच कर मिस्टर अरोरा ने अपना अंडरवियर नहीं खोला, और नूपुर को अपनी बांहों में भर कर उसे लगभग घसीटते हुए बिस्तर तक ले गएँ. शराब के नशे में धुत नूपुर अपने डैडी की बेकरारी देखकर हँसने लगी, उसने रास्ते में टेबल पर से वाइन की बोतल उठा ली, और इस दौरान अपने पैरों से झटक कर अपनी चोली, लहंगा और पैंटी ज़मीन पर ही फेंक दी. बिस्तर तक पहुँचते पहुँचते वो पूरी नंगी हो चुकी थी !!!

" Ouch... डैडी... what you doing !!! ". नूपुर की हँसी रुक ही नहीं रही थी. मिस्टर अरोरा ने उसे धकेल कर बेड पर गिरा दिया, बड़ी मुश्किल से नूपुर ने अपने हाथ में थामे शराब की बोतल को बचाया. नूपुर समझ गई की अब उसके डैडी उसे चोदेंगे !

उसने अपनी टांगें खोल दी और अपने दोनों हाथ फैला कर अपने डैडी को अपने बदन पर चढने का न्योता दिया , मगर मिस्टर अरोरा को अभी अपनी बेटी की चूत से और खेलना था. उन्होंने उसकी चूत चूम ली, फिर अपनी उंगलियों से चूत के होंठ फैला कर देखने लगें.

" हाँ बाबा... Virgin हूँ ! ". नूपुर ने लेटे लेटे बोतल से शराब की एक घूंट पीते हुए कहा और पास पड़ा एक तकिया खींच कर अपने सर के नीचे घुसा लिया.

मिस्टर अरोरा कुछ नहीं बोलें, वो अभी अपनी बेटी की चूत का पोस्टमार्टम करने में बिज़ी थें ! नूपुर की चूत बेहद टाइट थी, उसकी चूत के लिप्स मुश्किल से एक दूसरे से अलग हुए थें. मिस्टर अरोरा के उंगलियों से पूरे ज़ोर लगाकर फैलाने के बावजूद चूत बस आधे इंच भर ही खुल पाई थी. मिस्टर अरोरा ने देखा की चूत का छोटा सा दाना ( Clitoris ) फूल कर टाइट हो गया है और चूत की छेद को लाल रंग की एक पतली सी झिल्ली ( Hymen ) ने ढंक रखा था. उन्होंने चूत की झिल्ली को अपने जीभ से कुरेदना शुरू किया, झिल्ली इतनी पतली थी की उन्हें लगा की अगर हल्का सा भी दबाव दिया जाये तो वो फट जाएगी, तो उन्होंने उसे छोड़ दिया. अब उन्होंने चूत के दाने को अपने होठों के बीच में भर लिया और चप चप की आवाज़ के साथ चॉकलेट की तरह चूसने लगें.

" ससससस... डैडी Nooooo ! ".

नूपुर छटपटा उठी, उसके हाथ से वाइन की बोतल छूट कर बिस्तर पर गिर गई और शराब बाहर छलक कर बहने लगी. उसकी चूत पनिया चुकी थी, पानी जैसा पतला रंगहीन रस उसकी चूत से निकल कर उसकी गांड़ के छेद से होती हुई नीचे बिस्तर पर फूलों पे गिरने लगी. गुलाब की पंखुड़ीयों और रजनीगंधा के फूलों पे टिकी गांड़, चूत और फूलों की मिलीजुली खुशबु ने मिस्टर अरोरा को मानो और हौसला दिया और वो अब चूत के दाने को छोड़ कर अपना मुँह जितना खुल सकता था, खोल कर, पुरे चूत को अपने मुँह में भर कर चूसने खाने लगें ! उत्तेजनावश नूपुर अपना बदन ऐंठने लगी, उसने अपने डैडी के सर के बचे खुचे बाल अपनी मुट्ठी में पकड़ लिए और अपनी दोनों मांसल जाँघों को आपस में भींच कर बीच में घुसा उनका चेहरा दबाने लगी. किसी और परिस्थिति में रहने पर शायद मिस्टर अरोरा दर्द से चीख उठते, पर इस वक़्त अपनी बेटी की चूत के नमकीन स्वाद ने उन्हें सिर्फ दर्द पीड़ा से ही नहीं बल्कि हर भावना से परे कर दिया था . एक मिनट के अंदर नूपुर की चूत ने ताज़ा पानी उनके मुँह में भर दिया, जिसे मिस्टर अरोरा ने बड़े चाव से गले के अंदर घोंट लिया.

तभी हठात मिस्टर अरोरा ने अपनी बेटी की चूत पर अपने दाँत गड़ा दिए तो नूपुर चिंहुक उठी.

" हाय मम्मी... उफ्फ्फ ससससस !!! ".

मिस्टर अरोरा एकदम से रुक गएँ और नूपुर की चूत को मुँह से निकाल लिया, उनका चेहरा उसकी जाँघ पर लुढ़क गया, और वो लम्बी लम्बी साँसे लेने लगें.

" क्या हुआ डैडी ??? Are you alright ? ". नूपुर ने सर उठा कर अपने डैडी को देखा और उनका सर सहलाने लगी.

मिस्टर अरोरा ने कोई जवाब नहीं दिया, करीब दो मिनट बाद जब उनकी साँसे थोड़ी सामान्य हुई तो वो अपने घुटनों पर उठे और तब नूपुर ने देखा की उनका अंडरवियर पूरी तरह से गीला हो पड़ा है. चूत चूसते चूसते उसके डैडी का पैंट में ही शीघ्रपतन हो गया था !!!

मिस्टर अरोरा ने अपने अंडरवियर के होल से अपना झड़ा हुआ लौड़ा बाहर निकाल लिया. नूपुर ने जब देखा की उनका लण्ड अभी तक ज़ोर ज़ोर से फड़क रहा है और पूरा खड़ा है तो उसने अपनी बाँहें खोल कर उन्हें अपने ऊपर आने का इशारा किया. मिस्टर अरोरा अपनी बेटी के बदन पर चढ़ कर उससे लिपट, नूपुर ने बड़ी ही सावधानी से उनके अंडरवियर के छेद से बाहर निकले लण्ड को अपनी चूत पर लिटा दिया और अपने हाथ से सहलाने लगी. अपनी बेटी के गरम आगोश में मिस्टर अरोरा को इतना आराम मिला की उनके लण्ड से फिर से थोड़ा सा वीर्य निकल आया.

" सॉरी नूपुर... आआआआहहह... इतने सालों बाद मुझे किसी लड़की का देह सुख मिला है, I just could not take it any longer !!! ". मिस्टर अरोरा ने शर्मिंदगी से भरी आवाज़ में गहरी साँसे लेते हुए कहा.

" It's okay डैडी... You don't need to explain ! ". अपने डैडी का अंडकोष खाली हो जाने के बाद नूपुर ने उनके लण्ड को अपनी दोनों जाँघों के बीच फंसा लिया और उनके शरीर को सहला कर शांत करने लगी. नूपुर की जाँघों में घुस कर थोड़ी देर तक सोने के बाद कहीं जाकर मिस्टर अरोरा के फड़कते लौड़े को चैन मिला.

20 मिनट तक दोनों वैसे ही एक दूसरे की बाँहों में पड़े रहें. फिर मिस्टर अरोरा के शरीर में थोड़ी सी हलचल हुई, शीघ्रपतन से हुई थकावट से अब वो धीरे धीरे उबर रहें थें. उन्होंने अपना हाथ नूपुर की पीठ से सरका कर उसकी गांड़ की गोलाईयों के बीच घुसा दिया और उसकी छेद को खोजने टटोलने लगें, फिर आखिरकार जब उसकी छोटी सी छेद मिल गई, तो उसे अपनी उंगलियों से कुरेदते हुए बोलें.

"नूपुर... मैंने तुम्हारी चूत देखी, अभी बहुत टाइट और छोटी है, चोदने लायक नहीं हुई है ! ".

" 21 साल की जवान लड़की की Pussy ऐसी ही होती है डैडी... ". नूपुर को अपने डैडी के भोलेपन पर हँसी आ गई. " आप चोदिए... कुछ नहीं होगा ! ".

" तुम्हें अपनी चूत अपने होने वाले पति के लिए बचा कर रखनी चाहिए बेटी... ". मिस्टर अरोरा ने नूपुर के माथे को चूमते हुए कहा.

" Oh please डैडी... I am not some traditional middle class girl. What nonsense !!! ". नूपुर अचानक से गुस्सा हो गई.

(( हाई क्लास लड़की नूपुर को मिडिल क्लास लड़कियों से सख़्त नफरत थी, शुरू से ही. उसे उनके जीवनशैली के साथ तुलना किया जाना बिल्कुल भी पसंद नहीं था, ये आपने इस कहानी में पहले भी गौर किया होगा जब वो अपनी माँ से बात कर रही होती है. इसे इस बड़े घर की लड़की का घमंड ही कह लीजिये, पर हमारी नूपुर ऐसी ही थी. ))

" मिडिल क्लास वाली बात नहीं है नूपुर... अच्छा वो छोड़ो, ये तो देखो की अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है, आगे चलकर अगर तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड ही बन जाये, तुम्हें सच्चा प्यार करने वाला, तुम्हारा जीवनसाथी टाइप, तो ऐसा लड़का ही सही रहेगा तुम्हारी चूत की सील फाड़ने के लिए ! ". मिस्टर अरोरा ने अपनी बेटी के बालों में अपने दूसरे हाथ से उंगलियां फेरते हुए कहा.

" अभी जब तक मैं 30 की नहीं हो जाती, आप ही मेरे बॉयफ्रेंड हैं डैडी. ". नूपुर प्यार से मिस्टर अरोरा के शरीर से चिपट कर सोते हुए बोली. " और फिर अभी आप ही तो कह रहें थें की आप मेरे पहले सेक्स को यादगार बनाना चाहते हैं और इसलिए आपने ये सारा कुछ अरेंजमेंट किया है. You have already made it memorable for my entire life... डैडी !!! ".

" सच का सामना करना सीखो नूपुर... मैं तुम्हारा बॉयफ्रेंड, तुम्हारा हमसफर, कभी नहीं बन सकता, I am your father ! हम जो कर रहें हैं वो दरअसल बहुत ही गलत है... ". मिस्टर अरोरा ने नूपुर के गाल चूमते हुए कहा.

" मैं कुछ नहीं जानती डैडी... Just fuck me ! ". नूपुर ने अपने डैडी के सीने में अपना चेहरा छुपाते हुए ज़िद किया.

" I will fuck you बेटी... But all I am saying की मैं तुम्हारी वर्जिनिटी नहीं तोड़ना चाहता. ". मिस्टर अरोरा ने नूपुर की गांड़ के छेद को अपनी उंगलियों से दबाते हुए कहा. " We can have Anal Sex !!! ".

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07-20-2021, 12:26 PM,
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नूपुर को जैसे किसी ने झकझोर कर नींद से जगा दिया हो ! तकिये पर से अपना सर उठा कर मिस्टर अरोरा के बाँह पर धीरे से एक मुक्का मारते हुए वो बोली.

" अच्छा... तो ये सारा नाटक मेरी गांड़ मारने के लिए था !!! है ना डैडी ??? ".

जवाब में मिस्टर अरोरा हँसने लगें और अपने बेटी के झूठे गुस्से वाली शक्ल को प्यार से चूम लिया.

" आखिर पकड़े गये ना डैडी... यानि आपको भी बाकि लोगों की तरह मेरे शरीर का जो हिस्सा सबसे ज़्यादा पसंद है, वो है मेरी गांड़. मैंने कहा था ना की मैं पता लगा लूंगी ! ". नूपुर ने ख़ुशी से ऐसे चहकते हुए कहा मानो कोई बहुत बड़ा राज़ उसके हाथ लग गया हो.

" ऐसी बात नहीं है स्वीटहार्ट... मैं सचमुच में तुम्हारी चूत नहीं फाड़ना चाहता ! ". मिस्टर अरोरा ने उठ कर अपनी बेटी का गांड़ चूमते हुए कहा. " And by the way, I used to jerk off watching your Pussy and Thighs in your nude pictures ! ".

अच्छा, तो ये बात है !!! पूरी दुनिया जिस लड़की की चूतड़ की दीवानी है, उसके अपने पिता उसकी चूत के आशिक बने बैठे हैं - अपने पिता की गन्दी और घिनौनी सच्चाई सामने आने से अब नूपुर को कोई फर्क नहीं पड़ता था, वे दोनों इन सब बातों से बहुत आगे निकल चुके थें.

" ठीक है यार... अब आपने मुझे एक्स्ट्रा दर्द देने का सोच ही लिया है तो आपकी ही ज़िद रही ! ". नूपुर ने ठंडी साँस लेते हुए जानबूझकर ऐसे कहा मानो कोई बहुत बड़ा बलिदान दे रही हो. मिस्टर अरोरा मुँह दबाकर मुस्कुराने लगें.

मिस्टर अरोरा का लण्ड छिटक कर नूपुर की जाँघों के बीच से अपने आप बाहर निकल आया. लण्ड के सुपाड़े का दबाव अपनी चूत पर महसूस करते ही नूपुर समझ गई की उसके डैडी के लौड़े में वापस जान आ गई थी. उसने अपने डैडी को स्मूच किया और फिर करवट बदल कर अपने हाथों की कोहनी और घुटनों पर टिकती हुई अपनी गांड़ पीछे धकेल कर ऊपर उठा ली. कुतिया बनी अपनी बेटी के गांड़ को मिस्टर अरोरा ने नीचे झुक कर चूमा, फिर चुटकी भर गुलाब और रजनीगंधा के फूल लेकर उसकी गांड़ की छेद पर रख कर रगड़ने मसलने लगें. मसले हुए फूलों के रस से सुगंधित हुए गांड़ के छेद को उन्होंने सूंघा, टूटे बिखरे फूलों को उसकी छेद पर से झाड़ कर साफ किया, और फिर अपना वीर्य से सना अंडरवियर खोल कर लण्ड पूरा बाहर निकाल लिया. पास पड़े एक दो तकिये को उठाकर उन्होंने खोजा तो एक तकिये के नीचे उन्हें कई सारे कंडोम के स्ट्रिप्स पहले से रखे हुए मिलें . नूपुर गर्दन घुमा कर देखती रही - उसके डैडी ने अपने नंगे लण्ड पर एक कंडोम चढ़ाया और फिर मूठ मार कर लण्ड को अच्छे से खड़ा करने लगें. लण्ड ठनक कर रेडी होते ही मिस्टर अरोरा ने अपने हाथों से नूपुर की गांड़ के दोनों गुम्बद फैला कर उसकी छेद का मुआयना किया - छेद बहुत ही टाइट दिख रही थी, सुई की नोक बराबर ही खुली हुई होगी !!!

" If you don't mind, तुम्हारी गांड़ पर थूक लगा सकता हूँ नूपुर ??? ". मिस्टर अरोरा ने अपनी बेटी की गांड़ पर प्यार से हाथ फेरते हुए पूछा.

" Ofcourse डैडी... आपको मेरे साथ कुछ भी करने के लिए मेरी इज़ाज़त लेने की ज़रूरत नहीं है, बेटी हूँ आपकी ! ". अपने पिता के शालीन व्यवहार पर गदगद हुई नूपुर ने मुस्कुरा कर अपनी गांड़ नचाते हुए कहा.

मिस्टर अरोरा ने नूपुर की गांड़ पर थूक दिया, फिर थूक को उसकी छेद पर मल कर छेद गीला किया, लण्ड का सुपाड़ा छेद पर रखते हुए एक हाथ से लण्ड का जड़ कस कर पकड़े रखा, ताकि लण्ड एकदम सीधा खड़ा रहे, और हल्का सा धक्का दिया, मगर छेद बंद होने के कारण लण्ड मुड़ कर नीचे नूपुर की चूत से जा टकराया. मिस्टर अरोरा ने हार नहीं मानी, लण्ड का सुपाड़ा वापस गांड़ की छेद पर टिकाया और अबकी बार दूसरे हाथ से सुपाड़ा छेद पर फिट करके पकड़े रहे, ताकि लण्ड फिर से छिटक ना जाये, और एक बार फिर से ठेला, तो इस बार लण्ड के सुपाड़े का मुँह थोड़ा सा अंदर घुसते ही उन्होंने लण्ड से हाथ हटा कर लण्ड खुला छोड़ दिया, और नूपुर की कमर दोनों हाथों से पकड़ कर और एक धक्का लगाया तो कंडोम में लगे Lubricant की वजह से चिकना हो चुका सुपाड़ा फिसल कर गांड़ की छेद में फंस गया !

" Stop it डैडी... It's paining !!! ". नूपुर ने अपनी गांड़ आगे करके बचने की पूरी कोशिश की, लेकिन उसकी कमर पर उसके डैडी के हाथों की पकड़ इतनी मजबूत थी की बेचारी का गांड़ अपनी जगह से टस से मस भी नहीं हुआ.

अपनी बेटी की गुहार को अनसुना करके मिस्टर अरोरा ने 5 - 6 छोटे छोटे, मगर सख़्त, धक्कों में ठूस ठूस आखिरकार 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा अपना पूरे का पूरा लण्ड उसकी गांड़ में उतार ही दिया. एक मिनट शांत रुक कर उन्होंने अपनी बेटी को एडजस्ट करने का मौका दिया.

" Are you okay... Sweetheart ??? ". नीचे झुक कर नूपुर की पीठ चूमते हुए मिस्टर अरोरा ने पूछा.

जवाब में नूपुर ने हल्के से सर हिला दिया, उसने पास गिरे वाइन के बोतल को उठाया, जिसमें से अधिकतर शराब बह कर बिस्तर पर पहले ही गिर चुकी थी, बचे खुचे शराब में से एक बड़ी सी घूंट उसने अपने गले में उतारी , फिर मिस्टर अरोरा ने वो बोतल मांगी , और उन्होंने बाकि बची शराब पी कर खाली बोतल वहीँ बिस्तर पर फेंक दी . अब तक नूपुर ने अपनी गांड़ सिकोड़ सिकोड़ कर अपने डैडी के लण्ड के लिए अंदर छेद में जगह बना ली थी. अब वो अपने पिता से गांड़ मरवाने के लिए तैयार थी !!!

मिस्टर अरोरा अपनी कमर हिलाते हुई करीब 5 मिनट तक नूपुर को एकदम आहिस्ते आहिस्ते चोदते रहें. लेकिन नूपुर की गांड़ के छेद की अंदरूनी गरमी और कोमलता ने जल्दी ही उनके लण्ड को कामोत्तेजना से ग्रसित कर दिया. हवस और वासना मिस्टर अरोरा पर हावी होने लगी तो उन्होंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. उन्हें एक बात की ख़ुशी थी की उनका एक बार माल गिर चुका था, अब वो ज़्यादा देर तक अपनी बेटी को पेल सकते थें, वर्ना इतनी टाइट गांड़ में उनका लण्ड मुश्किल से 30 - 40 सेकंड ही टिक पाता. हालांकि उनकी ख़ुशी की वजह नूपुर के दुख का कारण बनी, क्यूंकि बेचारी के गांड़ के कष्टदायक चोदन की अवधी बढ़ चुकी थी !

" आआआआआहहहहह... मममममम्म...धीरे फ़क कीजिए डैडी... ससससससससससस... बहुत दर्द हो रहा है... हाय मम्मी मेरी गांड़ !!! ".

कुतिया बनी नूपुर अपनी गांड़ में अपने पिता के पेलन - शॉट्स सहती रही, कभी वो गर्दन घुमा कर पीछे अपनी हिलती थिरकती गांड़ देखती तो कभी अपने डैडी का हवस से भरा चेहरा, उनका नंगा सीना और उनका धक्के मारता पेट ! 51 साल की उम्र में भी किसी कॉलेज बॉय की तरह चोद रहें थें उसके डैडी, अंदर ही अंदर नूपुर के मन में अपने डैडी के इस लाजबाब स्टैमिना के लिए एक सराहना पैदा होने लगी. वो अपनी माँ के बारे में सोचने लगी - इतने अच्छे चुदक्कड़ मर्द से भला कोई औरत कैसे नाखुश रह सकती है ???

नूपुर की कसी हुई गांड़ ने पतले कंडोम को अपने अंदर ज़्यादा देर तक टिकने नहीं दिया, लगातार घर्षण की वजह से जल्द ही कंडोम फट गया तो लण्ड का सुपाड़ा कंडोम का मुँह फाड़ कर बाहर निकल आया ! मिस्टर अरोरा ने चुदाई जारी रखी, फटा हुआ कंडोम अपने आप धक्के खा खा कर मुड़ कर लण्ड के जड़ तक आ पहुँचा और वहीँ पर सट कर झूलने लगा.

गांड़ चुदवाने में नूपुर को बस एक ही दिक्कत आ रही थी, वो ये थी, की सेक्स की उत्तेजना के वक़्त चूत की तरह गांड़ कोई रस या पानी नहीं छोड़ती, जिससे गांड़ का अंदरूनी भाग सूखा रह जाता है और अंदर की चमड़ी छिल जाती है. हालांकि मिस्टर अरोरा का लण्ड लगातार Pre - Cum छोड़ रहा था और वो बीच बीच में अपने लण्ड पर थूक भी रहें थें, मगर फिर भी नूपुर जैसी टाइट गांड़ की स्मूथ पेलाई के लिए ये पर्याप्त नहीं था. नतीजन, ठरकी बाप के सारे मज़े थें, और मासूम बेटी की सज़ा !

मगर इसकी भरपाई भी जल्दी ही हो गई.

उत्तेजनावश जब मिस्टर अरोरा ने नूपुर को और भी तेज़ी से चोदना शुरू किया, तब उनका बड़ा अंडकोष हर धक्के पर नूपुर की चूत पे थपेड़े मारने लगा. इससे नूपुर के चूत का दाना ( Clitoris ) अच्छा खासा घिसने लगा. पहली बार नूपुर को अब मज़ा आना शुरू हुआ.

" मममममममम...हहहहहह... आअह्ह्ह डैडी... Fuck me harder... Yes... Yess... Yesss...ओह डैडी... प्लीज् और चोदिए ना... रुकिए मत ना डैडी... उफ्फ्फ मम्मी... God !!! ". नूपुर बड़बड़ाने लगी.

" कितना मज़ा दे रही हो यार... आआह... पहले... अअअअअहहहहह... पहले क्यूं नहीं चोदने दिया नूपुर बेबी... इतने दिन बेकार गएँ ना ! ". मिस्टर अरोरा ने हाँफते हुए कहा.

" अब तो दे रही हूँ ना डैडी... आआहहहहह... चोदिये ना जितना मन करे... किसने रोका है ! ".

" थैंक यू नूपुर बेटी... मैं तुम्हारा ये एहसान ज़िन्दगी भर नहीं भूलूंगा ! "

" अच्छा डैडी... रात आपने मेरी पैंटी में भी मूठ मारी थी ना ??? देखिये... आआआआहहहहहह... झूठ मत बोलियेगा ! ".

" तुम्हें कैसे... आआहहहह मममम... पता ??? "

" बस गेस कर रही हूँ ! हाय मेरा पानी गिर रहा है... ".

" सही पकड़ी हो बेबी... दरअसल तुम्हारी पैंटी से बहुत अच्छी महक आ रही थी तो मुझसे रहा नहीं गया... ".

" धत्त डैडी... कितने गंदे हो आप !!! ".

दोनों बाप बेटी कामोत्तेजना से पगलाए हुए ऐसे ही फिज़ूल की बातें बकते हुए सेक्स करतें रहें. मिस्टर अरोरा ने नूपुर को इतने ज़ोर ज़ोर से चोदा की नूपुर की कोहनी फिसल गई और वो औधे मुँह सामने तकिये पर गिर गई. बेचारी के घुटने भी दर्द के मारे जवाब देने लगें तो वो कुतिया स्टाइल भूल गई और बिस्तर पर धम्म से पेट के बल गिर गई. मिस्टर अरोरा ने झट से एक तकिया उठा कर उसकी पेट और जाँघों के बीच घुसेड़ दिया ताकि उसकी गांड़ ऊपर उठी रहे और चोदने में सुविधा हो........................................

अब तक नूपुर कई बार झड़ चुकी थी, उसकी चूत से पानी निकलना बंद ही नहीं हो रहा था, नीचे पूरा तकिया, चादर और सारे फूल उसकी बूर - क्रीम से भींग गएँ थें. मिस्टर अरोरा पीछे से उसके बदन पर चढ़ कर उसे थप थप, घप घप, लप लप, फच फच, पेल रहें थें. उसकी गांड़ का टाइट छेद अब बहुत हद तक खुल कर फ्री हो चुका था. करीब 40 मिनट होने को आये थें, मिस्टर अरोरा के अंडकोष में अब माल भर गया था. उन्होंने महसूस किया की वीर्य उनके लण्ड के मुँहाने तक आ पहुँचा है और अब निकलने ही वाला है. मगर उनका मन अभी तक नहीं भरा था, उन्हें अपनी बेटी की गांड़ को और भोगना था ! सो उन्होंने तुरंत अपना लण्ड बाहर निकाल कर नूपुर की गांड़ पर रख दिया और पीछे से उसकी गाल और गर्दन चूमने लगें. दो मिनट रुकने के बाद जब उन्हें लगा की लण्ड की संवेदनशीलता अब थोड़ी कम हो चुकी है और वीर्य वापस अंडकोष में लौट गया है, तो उन्होंने फिर से अपना लण्ड नूपुर की गांड़ में ठूस दिया और उसे चोदने लगें. मगर उनकी इस तरकीब से उन्हें कोई खास लाभ नहीं हुआ, अभी उन्होंने 7 - 8 धक्के भर ही लगाए होंगे की उनके लण्ड से फलफला कर वीर्य की पिचकारी छूट पड़ी ! मिस्टर अरोरा को लगा की जैसे वो बेहोश ही हो जायेंगे, उन्होंने बड़ी मुश्किल से खुद को नूपुर के बदन पर गिरने से रोका. थोड़ी देर रुक कर उन्होंने फिर से जल्दी जल्दी 3 - 4 धक्के लगाए और थोड़ा सा और वीर्य अपनी बेटी की गांड़ में भर दिया, और फिर निढाल होकर उसके बदन पर पसर कर सो गएँ.

दस मिनट तक मिस्टर अरोरा के लण्ड से थोड़ा थोड़ा बचा खुचा वीर्य रिस रिस कर गिरता रहा, फिर जब आखिरकार उनका लण्ड झड़ कर पूरी तरह से ढीला पड़ गया, तो नूपुर की गांड़ की कसी हुई छेद ने उसे अपने आप धकेल कर बाहर निकाल दिया. मिस्टर अरोरा के भारी भरकम शरीर के नीचे दबी नूपुर अब कसमसाने लगी तो वो समझ गएँ की उसे उनके वजन से तकलीफ हो रही होगी. वो नूपुर के जिस्म से लुढ़क कर उसके बगल में बिस्तर पर अपने पीठ के बल हो लिए. नूपुर ने करवट बदली और अपने डैडी के ढीले लण्ड में फंसे फटे हुए कंडोम को खींच कर निकाल दिया और उन्ही के पेट पर रख कर हँसने लगी. उसने उनके लण्ड को अपने हाथ में लेकर कुछ देर तक हिलाया और मसला, फिर उनके पेट पर अपनी एक टांग चढ़ा कर उनके सीने से चिपक कर सो गई.

" आपने एन्जॉय किया ना डैडी ??? ". एक अच्छी सेक्स पार्टनर की तरह नूपुर ने अपने डैडी के सीने पर हाथ फेरते हुए पूछा.

" Quite a lot... And you ? ". मिस्टर अरोरा ने अपनी बेटी की चूची सहलाते हुए कहा.

" Well... मेरी गांड़ ने तो खूब मज़े उठाये... ". नूपुर ने अपनी गांड़ के छेद से बह रहे अपने डैडी के वीर्य को अपने हाथ से पोछते हुए कहा, फिर एक ठंडी आँह भरते हुए शिकायत भरे लहजे में अपनी जाँघों के बीच इशारा करते हुए बोली. " पर मेरी प्यासी चूत नाराज़ हुई बैठी है... देखिये !!! ".

मिस्टर अरोरा जानबूझकर कुछ नहीं बोलें, चुप रहें, वो समझ गएँ की उनकी बेटी फिर से अपनी चूत मरवाने वाली बात उठाएगी, जिसे वो टालना चाहते थें. ना जाने कैसी ज़िद पकड़े बैठी थी वो, मगर अपनी सगी बेटी की चूत की सील तोड़ कर महापाप के भागी बनने से उन्हें खुद को रोकना था. ये बात और थी की उन्हें खुद यकीन नहीं था की इस प्रयास में वो अपनी ज़िद्दी बेटी के सामने कितने सफल होंगे !!!

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Reply
07-20-2021, 12:27 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
थकावट और शराब के नशे में दोनों बाप बेटी कितने देर तक एक दूसरे की बाहों में सोये रहें इसका उन्हें कोई होश नहीं..................................

जब अचानक मिस्टर अरोरा की आँख खुली तो उन्होंने खुद को बिस्तर पर नंगा लेटा हुआ पाया, मगर नूपुर उनके बगल में नहीं थी. वो उठ कर बैठ गएँ, तो सामने उनकी नज़र नूपुर पर पड़ी, जो की वहीँ कमरे में कुछ दुरी पर ज़मीन पर बैठ कर अपनी टांगें खोले पेशाब कर रही थी ! जब नूपुर ने अपने डैडी को खुद को घूरते हुए देखा तो उसने उन्हें आँख मारी और फिर मुस्कुरा कर बोली.

" सॉरी डैडी... I needed to pee badly !!! मुझे बाथरूम नहीं मिल रहा था ! ".

" कोई बात नहीं... तुम्हारा ही घर है, जो मर्ज़ी करो. ". मिस्टर अरोरा ने अस्वासन भरे स्वर में कहा, फिर मुस्कुरा कर बोलें. " वैसे लगता है तुम्हें नशा चढ़ गया है, बाथरूम तो रूम में ही अटैच्ड है... See ! ".

" नशा तो हुआ था डैडी, पर अब सब उतर गया है ! ". मूत कर नूपुर उठी और चलते हुए बेड तक पहुँची, जब वो चल रही थी तब उसकी चूत से पेशाब की कुछ बूंदे अभी भी टपक रही थी. बेड के पास आकर उसने बिस्तर के चादर के किनारे से अपनी चूत को अच्छे से पोछ कर साफ किया, और फिर बिस्तर पर चढ़ कर मिस्टर अरोरा के बगल में बैठते हुए बोली. " और शराब मंगाईये ना डैडी प्लीज् ! ".

" घर नहीं जाओगी ? शाम हो गई है... ". मिस्टर अरोरा ने कहा, अपने iphone में उन्होंने देखा की शाम के 6:20 बज रहें थें.

" अभी तो हम एक महीने यहीं रहेंगे... ". नूपुर ने अपने डैडी के कंधे पर अपना सर रखकर कहा.

मिस्टर अरोरा हँसने लगें, फिर बोलें.

" चलो रेडी हो जाओ, तुम्हारी Mom हम दोनों का वेट कर रही होगी. "

" आपको बहुत याद आ रही है Mom की ??? ". नूपुर ने मज़ाक किया, फिर ज़िद करते हुए बोली. " डैडी प्लीज्... मुझे अभी यहीं रहना है, आपके साथ ! ".

" Okay बाबा... मगर बस आज की रात... खुश ??? ".

" लव यू डैडी... थैंक्स ! ". नूपुर ने अपने डैडी को चूम लिया.

मिस्टर अरोरा ने फोन करके नौकर को बुलाया, तो 5 मिनट के अंदर वही नौकर दौड़ते दौड़ते आया जो फार्म हाउस में पहले मिला था. वो यहीं रह कर फार्म हाउस की देख रेख किया करता था.

कमरे में घुसते ही सामने का नज़ारा देखकर नौकर ने अपनी नज़रे नीचे झुका ली, दोनों नंगे बाप बेटी ने खुद को ढंकने का कोई भी प्रयास नहीं किया. उसे इन अमीर लोगों के चोचले मालूम थें, उसे सिर्फ काम से मतलब होना चाहिए था, कुछ भी देखने समझने से नहीं. उस बेचारे गरीब नौकर को तो ये भी मालूम नहीं था की उसके मालिक अपनी सगी बेटी को लाकर चोद रहें हैं !!! उसे तो लगा की ये लड़की साहब की कोई बाहर वाली गर्लफ्रेंड, कोई सेक्रेटरी, या फिर खूब संभवत: कोई हाई क्लास रंडी होगी !

" थोड़ी दारू ले आओ भाई... और हाँ, कुछ खाने को भी ! ". मिस्टर अरोरा ने सिगरेट जलाते हुए कहा.

" जी साहब... ".

नौकर जाने लगा तो मिस्टर अरोरा ने उसे फिर से रोका.

" और सुनो, ये फर्श ज़रा साफ कर दो, पानी गिर गया है ! ".

नौकर ने तुरंत बाथरूम से Floor Mop लाकर ज़मीन पोछ दी, पोछते वक़्त उसे गंध से पता चल गया की दरअसल ये पानी नहीं, किसी का पेशाब है, पर बेचारा कुछ नहीं बोला ! फिर बिना किसी हिदायत के उसने अपने मन से ज़मीन पर पड़ी लहंगा, चोली, पैंटी, ट्रॉउज़र, बनियान, शर्ट, सब उठा कर एक तरफ टेबल पर अच्छे से रख दिया और चला गया.

वापस आकर वो Scotch की चार बोतलें, दो ग्लास, और चिकन मटन के कुछ आइटम परोस कर चला गया.

मिस्टर अरोरा और नूपुर ने बेड पर ही खाया और फिर सिगरेट शराब और चखने का दौर चालू हो गया.

" आपने Viagra लिया है ना डैडी ? ". नूपुर ने शराब की चुस्की लेते हुए अपने डैडी के ढीले लण्ड की ओर देखते हुए पूछा.

" No बेबी... तुम्हारे साथ हूँ तो ज़रूरत नहीं पड़ेगी. पहले जब तुम्हारी मम्मी को चोदता था तो खाना पड़ता था ! ". मिस्टर अरोरा ने सिगरेट का कश लेते हुए बताया.

" Viagra ले लीजिये डैडी... You need to fuck me all night... कहे देती हूँ !!! ".

मिस्टर अरोरा ने आगे बढ़कर नूपुर की चूची का निप्पल अपने मुँह में भर लिया, थोड़ा सा चूसा, फिर निप्पल मुँह से निकाल कर बोलें.

" लो... ले लिया !!! ".

नूपुर और मिस्टर अरोरा दोनों खिलखिला कर हँस पड़े..............

एक घंटे तक खूब शराब पीने के बाद जब नूपुर और मिस्टर अरोरा को हद नशा चढ़ गया तो दोनों ने एक साथ मिल कर सारा ताम झाम बोतल वगैरह किनारे करके एक टेबल पर रख कर बिस्तर चोदने के लिए खाली कर दिया.

" वैसे तुम्हारी चूत फोटोशूट में अलग लगती है... एकदम गोरी और लाल, और रियल में बिल्कुल अलग ! ". बेड पर रिलैक्स करते हुए मिस्टर अरोरा ने अपनी बेटी की नंगी चूत को सहलाते हुए कहा.

" आपको कौन वाली ज़्यादा अच्छी लगी डैडी ??? ". नूपुर ने अपनी टांगें खोल ली, ताकि उसके डैडी अच्छे से उसकी चूत छू सकें.

" Well... this one is better ! ". मिस्टर अरोरा ने नूपुर की चूत से हाथ हटा कर अपनी उंगलियां सूंघते हुए कहा, फिर वापस उसकी चूत मसलने दबाने लगें.

नूपुर हँसने लगी, और बोली.

" मैं आपको बताने ही वाली थी डैडी... You know... शूट के पहले वे लोग मेरी चूत और गांड़ के छेद का भी मेकअप करते हैं, ताकि तस्वीर में वो ज़्यादा अट्रैक्टिव लगे ! ".

" इस बार तुम्हारी शूट पे मैं भी साथ चलूँगा, फिर उन बेवकूफ़ो को बोलूंगा की भाई मेरी खूबसूरत बेटी को किसी मेकअप की ज़रूरत नहीं, ना ऊपर ना नीचे ! ". मिस्टर अरोरा ने नूपुर की चूत को अपनी मुट्ठी में भरकर प्यार से दबाते हुए कहा.

" So sweet डैडी... ". नूपुर ने अपने डैडी के होंठ चूम लिए.

मिस्टर अरोरा उठे और नूपुर की खुली टांगों के करीब अपना चेहरा ले जाकर उसकी चूत को ध्यान से देखते हुए बोलें.

" What a lovely Pussy you have got नूपुर... seriously !!! ".

" एक बात कहूं डैडी ? ". नूपुर ने पूछा.

" बोलो ना... ". मिस्टर अरोरा ने नूपुर की चूत के होंठो को अपनी उंगलियों से आपस में सटाते हुए कहा.

" मन मसोस कर मत रहिये डैडी... अगर मन कर रहा है तो मेरी चूत चोद लीजिये... It's not a big deal... come on !!! ". नूपुर ने अपने डैडी का सर सहलाते हुए कहा.

" चूत मारने का तो बहुत मन कर रहा है बेटी... पर मैं अपने स्वार्थ के लिए तुम्हारी ज़िन्दगी बर्बाद नहीं कर सकता... सॉरी ! ". मिस्टर अरोरा ने नूपुर की चूत को उंगलियों से पकड़ कर चूमते हुए कहा.

" फिर इतनी बकवास का क्या फायदा ? लगता है मेरी फोटो वाली बनावटी चूत देखने के बाद अब आपको मेरी रियल की चूत में इंटरेस्ट नहीं आ रहा. कोई प्यार व्यार नहीं है आपको मुझसे ! ". नूपुर ने मुँह फुलाते हुए कहा और अपने डैडी का हाथ अपनी चूत से झटक कर हटा दिया.

" अभी दिखाता हूँ तुम्हें की How much I love you... ". हँसते हुए मिस्टर अरोरा ने नूपुर की गांड़ थपथपाई और उसके ऊपर चढने लगें.

" डैडी No... आप बहुत ज़ोर ज़ोर से गांड़ मारते हैं ! ". नूपुर ने मिस्टर अरोरा के पेट पर हाथ रख कर उन्हें अपने ऊपर चढने से रोकते हुए कहा, फिर उन्हें धकेल कर बिस्तर पर पीठ के बल लिटा दिया, और खुद उनके ऊपर बैठते हुए बोली. " You just lie there like this... I will fuck you this time !!! "

" Good बेबी... ". मिस्टर अरोरा की आँखे चमक उठी.

नूपुर अपने डैडी की गोद में ऐसे बैठ गई की उनका ढीला पड़ा लण्ड उसकी चूत के नीचे दब गया था, फिर उसने धीरे धीरे अपनी कमर आगे पीछे आगे पीछे करते हुए उनके लण्ड को अपनी चूत से घिसना शुरू किया. दो मिनट के अंदर नूपुर ने अपनी चूत के नीचे उनका लण्ड फूलता हुआ महसूस किया. आखिरकार लण्ड में इतना तनाव बढ़ गया की वो नूपुर की चूत और गांड़ को ठेल कर बाहर निकलने के लिए बेताब होने लगा, मगर नूपुर नहीं उठी, और लण्ड पर बैठी बैठी उसे रगड़ती रही. कुछ ही देर में मिस्टर अरोरा छटपटाने लगें तो नूपुर को हँसी आ गई, उनपर दया करते हुए नूपुर ने अपनी गांड़ बस थोड़ी सी ही ऊपर उठाई की निकलने की जगह पाकर मिस्टर अरोरा का लण्ड सटाक से छिटक कर बाहर आ गया और उनके अपने पेट पर गिर कर ज़ोर ज़ोर से फड़कने लगा !

" कंडोम रहने दीजिये डैडी... वैसे भी फट ही जाता है. ". नूपुर ने मिस्टर अरोरा के लण्ड के सुपाड़े को अपनी उंगली से मारते हुए कहा.

मिस्टर अरोरा कुछ नहीं बोलें, नूपुर ने उनके मुँह की बात छीन ली थी, उन्हें भी बिना कंडोम पहने ही चोदने का मन था !

नूपुर ने अपनी हथेली में थूक भरा और फिर उसे मिस्टर अरोरा के खड़े लण्ड पर पोतने लगी. लण्ड और अंडकोष में अपने लस्सेदार थूक का अच्छी तरह से लेप लगाने के बाद नूपुर ने अपनी गांड़ उठाई, और लण्ड को एक हाथ से पकड़ पर अपनी गांड़ की छेद पर रखा, और फिर नीचे बैठ गई. पहले से एक बार चुद चुकी गांड़ की छेद खुल चुकी थी, सो थूक से चिकना हुआ लौड़ा एकबारगी उसमें जड़ तक धस गया. नूपुर अपने डैडी के सीने पर अपने दोनों हाथ रखकर बैलेंस बनाये अपने चूतड़ ऊपर नीचे करके उन्हें चोदने लगी ! नशे से बोझल हो चुकी आँखे बंद करके मिस्टर अरोरा अपनी बेटी की लटकती हुई चूचियों को अपने दोनों हाथों से दबाते हुए अपने लण्ड के चारों ओर टाइट गांड़ की नरम दीवार को महसूस करते हुए चुदाई का लुत्फ़ उठाने लगें !

करीब दस मिनट हो चुके थें, मिस्टर अरोरा ने अपनी आँखे नहीं खोली, मानो ये मीठा सपना टूट जाने से डर रहें हों. ठीक ऐसे समय में जब मिस्टर अरोरा चरम आनंद के सागर में गोते लगा रहें थें, नूपुर ने अचानक अपनी गांड़ पूरी ऊपर उठा कर उनके लण्ड को बाहर निकाल दिया, और अपने हाथ से लण्ड की जड़ को पकड़ कर उसका सुपाड़ा अपनी चूत की फांक में सटा दिया. मिस्टर अरोरा को जैसे ही एहसास हुआ की उनका लण्ड उनकी बेटी की चूत में घुसने जा रहा है, उन्होंने घबरा कर अपनी आँखे खोल ली.

" नूपुर बेटी... Nooooooo !!! ". मिस्टर अरोरा चिल्लाये.

पर तब तक काफ़ी देर हो चुकी थी !!!

अपने बदन का पूरा भार अपने डैडी के ऊपर डाल कर नूपुर उनकी गोद में बैठ गई, उनके खड़े लण्ड का मोटा सुपाड़ा सरसरा कर उनकी बेटी की चूत की पतली झिल्ली ( Hymen ) को फाड़ता हुआ भीतर तक घुस कर उसकी बच्चेदानी में ठोकर खा कर रुक गया. टाइट अनचुदी चूत के अकस्मात ही फटने से नूपुर असहनीय दर्द से कराह उठी और धड़ाम से अपने डैडी के सीने पर गिर पड़ी. मिस्टर अरोरा ने उसकी बांहों को पकड़ कर उसे रोकने की नाकाम कोशिश की, पर नूपुर नहीं रुकी, उसने ठान ली थी वो अपने डैडी से अपनी चूत चुदा कर ही दम लेगी !!! असीम पीड़ा के बावजूद नूपुर ने साहस का परिचय देते हुए अपनी गांड़ हिलानी शुरू की तो मिस्टर अरोरा का लण्ड उसकी चूत में अंदर बाहर अंदर बाहर होने लगा.

उनकी चालक बेटी ने सब कुछ इतनी जल्दी किया था की अब मिस्टर अरोरा को समझ नहीं आ रहा था की क्या करें. उनकी मर्ज़ी के बगैर उनका लण्ड उनकी बेटी की चूत को पेल रहा था, और सबसे दुख और आश्चर्य की बात ये थी की उन्हें इसमें मज़ा भी आ रहा था ! अपने शरीर पर गिरी नूपुर को उन्होंने अपनी बाहों में कस कर दबोच लिया और उसे बेतहाशा चूमने लगें. नूपुर ने एकदम से महसूस किया की उसके डैडी का लण्ड उसकी चूत में फूलने लगा है, वो समझ गई की वो अब झड़ जायेंगे, और यही मौका था उसके लिए अपने डैडी का चूत ना मारने वाली कसम और व्रत तोड़ने का !!!

नूपुर झट से अपने डैडी के शरीर पर से उठी और उनकी गोद में से अपनी गांड़ खिसका कर उनका लण्ड अपनी चूत से बाहर निकाल कर वैसे ही खुला छोड़ दिया.

" What you doing बेबी... प्लीज्... Fuck me !!! ". मिस्टर अरोरा ने अपने फड़कते लण्ड को देखते हुए अपनी बेटी से विनती की. उनके लण्ड का सुपाड़ा उनकी बेटी की फटी चूत के लाल खून से सना हुआ चमक रहा था !!!

जवाब में नूपुर बस अपने होंठ टेढ़े करके शरारती अंदाज़ में मुस्कुराती रही और अपने डैडी के जाँघों पर बैठी रही.

" नूपुर प्लीज् बेबी... I am going to Cum !!! ". मिस्टर अरोरा ने रोनी सूरत बना कर कहा. फिर जब उन्होंने देखा की उनकी मिन्नतों का उनकी बदमाश बेटी पर कोई असर नहीं हो रहा तो उन्होंने अपना हाथ अपने लण्ड की ओर बढ़ाया, मगर नूपुर ने तुरंत अपने दोनों हाथों से उनके दोनों हाथ कस कर पकड़ लिए ओर उन्हें रोक दिया !

" I need to Cum नूपुर... कम से कम मेरी मूठ ही मार दो यार ! या बस थोड़ा सा टच कर दो, मेरा माल गिर जायेगा... प्लीज् नूपुर... Try to understand !!! ". लाचार हो चुके मिस्टर अरोरा अपनी बेटी के सामने गिड़गिड़ाने लगें.

नूपुर ने नीचे झुक कर उनके निप्पल को अपने दांतो से हल्के से काटा और फिर उनके होंठो पर एक चुम्बन देते हुए बोली.

" Then you need to fuck my Pussy... डैडी !!! ".

" ऐसा मत करो नूपुर, मैं तुम्हारी चूत नहीं चोद सकता, बाप हूँ तुम्हारा, हमारे रिलेशन का थोड़ा तो लिहाज करो ! तुम्हारी गांड़ तो मार ही रहा हूँ ना... और क्या चाहिए तुम्हें बेटी ??? ". मिस्टर अरोरा ने अपनी बेटी को मनाने की एक और कोशिश की.

नूपुर ना में सर हिलाते हुए हँसने लगी.

मिस्टर अरोरा की एक ना चली ! बड़ी दयनीय स्थिति थी उनकी, उनका लण्ड और अंडकोष वीर्य से लबालब भर जाने की वजह से अब दुखने लगा था, उन्हें ऐसा लग रहा था मानो दर्द से उनके लण्ड की नसे फट पड़ेंगी. आखिरकार उन्हें अपनी बेटी की इस अजीबोगरीब ज़िद के आगे नतमस्तक होना ही पड़ा !!!

" ओके बाबा... तुम जीती, मैं हारा ! ". मिस्टर अरोरा ने अपना एक हाथ अपनी बेटी के हाथ की पकड़ से छुड़ा कर उसके जाँघ पर प्यार से थप्पड़ मारते हुए कहा.

" अब आये ना रास्ते पर... ". अपनी जीत की ख़ुशी में नूपुर ने चहकते हुए कहा.

उसने अपनी गांड़ उठाई और अपने डैडी के लण्ड को बिना हाथ से पकड़े ही अपनी जाँघों से टटोल कर उसे चूत की फांक में फिट करके उसपर फिर से बैठ गई. लण्ड अंदर घुसते ही बेचारे मिस्टर अरोरा की जान में जान आई.

" आअह्ह्ह... नूपुर... थैंक... मममममम्म... हहहहहह... थैंक यू !!! ". मिस्टर अरोरा के चेहरे पर मुस्कुराहट लौट आई और आनंदविभोर होकर उनकी आँखे उलट गई.

नूपुर उनकी गोद में अभी मुश्किल से 3 - 4 बार ही ऊपर नीचे उठी बैठी होगी, की मिस्टर अरोरा का पूरा शरीर अकड़ कर कड़ा हो गया, उन्होंने नूपुर की कमर को अपने हाथों की मुट्ठी में कस कर भींच लिया, ताकि चरमोत्कर्ष के इस क्षण में कहीं उन्हें तंग करने के उद्धेश्य से उनकी Naughty बेटी फिर से उनका लण्ड अपनी चूत से बाहर ना निकाल बैठे ! ठीक उसी पल नूपुर ने अपनी बच्चेदानी में गरम गरम वीर्य के एक के बाद दूसरी मोटी मोटी धारों की पिचकारी महसूस की. अपनी गांड़ स्थिर करके वो अपने डैडी की गोद में बैठी रही, ताकि वो मन भर कर झड़ सकें. मिस्टर अरोरा करीब दो मिनट तक बिस्तर पर पड़े छटपटाते हुए अपनी बेटी की चूत में स्खलित होते रहें. फिर उनका शरीर एकदम से ठंडा पड़ गया तो नूपुर ने अपनी गांड़ के पीछे से हाथ घुसा कर उनके अंडकोष अपनी मुट्ठी में ले लिए और दबाने लगी, ताकि बचा खुचा वीर्य भी निकल जाये और लण्ड पूरी तरह से शांत हो जाये. अंडकोष दबाये जाने की वजह से उनके लण्ड से थोड़ा सा और वीर्य चू कर नूपुर की चूत में चला गया. नूपुर झुक कर अपने डैडी के सीने पर लेट गई और उन्हें चूमने लगी. मिस्टर अरोरा कुछ भी करने की अवस्था में नहीं थें, बस आँखे बंद किये गहरी लम्बी साँसे लेते रहें !!!

15 मिनट तक एक दूसरे से लिपटे निस्तेज पड़े रहने के बाद नूपुर ने अपनी गांड़ पर अपने डैडी के हाथों को रेंगता हुआ महसूस किया, और नीचे से वो अपनी कमर हिलाने लगें.

" डैडी ??? Not again !!! ". मिस्टर अरोरा के सीने पर से अपना चेहरा उठाकर अविश्वास से अपनी आँखे बड़ी बड़ी करते हुए नूपुर बोली.

वो सोचने लगी - आखिर ये कैसे संभव था, वो भी इस उम्र में ? अभी अभी तो उसके डैडी का वीर्यपात हुआ था और फिर से उसकी चूत के अंदर उनका लण्ड फूलने लगा था !

मिस्टर अरोरा ने बिना कुछ बोले अपनी बेटी के गाल चूम लिए.

" इतनी पसंद आई आपको मेरी चूत ??? ". नूपुर ने अपने डैडी के सीने पर से उठते हुए पूछा, और फिर बोली. " और कहाँ आप तो मेरी चूत चोदने को राज़ी ही नहीं हो रहें थें ! Now tell me... ".

अपनी चूत में अपने डैडी का लण्ड फंसाये नूपुर धीरे धीरे अपनी गांड़ उनकी गोद में रगड़ने लगी. उसकी चूत में भरा वीर्य लण्ड के चारों तरफ से बह कर बाहर गिरने लगा.

" चूत मरवाने को मरी जा रही थी ना तुम ??? लो... अब भुगतो !!! ".

कहते हुए अचानक मिस्टर अरोरा ने नूपुर की कमर को अपने बाहों में भरकर करवट बदली, और उसे पीठ के बल बिस्तर पर पटक कर खुद उसके ऊपर चढ़ गएँ. उसकी गोरी टांगों को हवा में फ़ैला कर अपनी कमर को उसकी जाँघों के बीच घुसेड़ दिया, और एक हाथ से उसके कंधे तो दूसरी हाथ से उसका सर पकड़ कर उसके बदन से लिपट कर उसे चोदने लगें !
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07-20-2021, 12:27 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
शुरू में तो अपने डैडी की इस बेकरारी पर नूपुर खूब हँसी और उनकी पीठ सहलाते हुए उन्हें चूमते चाटते हुए चुदवाती रही, मगर जल्द ही उसकी हँसी रुलाई में बदल गई, जब मिस्टर अरोरा का लण्ड पूरी तरह से पहले जैसा सख़्त खड़ा हो गया, और वो पिस्टन की रफ़्तार से अपनी कमर दौड़ाते हुए उसे पेलने लगें.

" डैडी... डैडी... आआह डैडी... प्लीज्... रुक जाइये... Oh Goddd... my Pussy... बहुत दर्द हो रहा है डैडी... अअअअअहहहहहह.... मममममममम... मेरा खून निकल रहा है डैडी... कुछ तो रहम कीजिये... मेरी गांड़ मारिये ... चूत को बक्श दीजिये अब... डैडी प्लीज्... आपको Mom का वास्ता... लगता है फट गई है मेरी चूत... ऐसा मत कीजिये डैडी... ये मेरा फर्स्ट टाइम है ना डैडी... प्लीज्... Just Cum and finish it डैडी... ओह्ह्ह्हह... Fuckkkk !!! ".

बिटिया रानी चुदाई रोकने की दुहाई दे रही थी, मगर मिस्टर अरोरा ने उसकी एक ना सुनी. नूपुर की गांड़ तो लाजबाब थी ही, मगर अभी अभी उन्हें उसकी चूत के स्वाद का भी चस्का लग चुका था, सालों बाद कमसिन जवान चूत नसीब हुई थी उन्हें, सगी बेटी की ही सही, भला दिल भर कर चोदे बिना छोड़ कैसे दे ???

नूपुर ने अपनी टांगें अपने डैडी के कमर में कस कर लपेट ली थी, ताकि उनके धक्कों में थोड़ी सी तो कमी आये. मगर शराब के नशे में चूर मिस्टर अरोरा को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा था. वैसे नशे में मदमस्त तो नूपुर भी थी, मगर उसकी अभी अभी फटी हुई चूत के दर्द को शराब थोड़ा सा भी कम नहीं कर पाई थी. थक हार कर अब तो बेचारी बस अपनी आँखे मूंदे, कराहती, सिसकारती, अपने डैडी के भारी भरकम शरीर के नीचे लेटी चुदती पिसती बस उनके फिर से झड़ने का इंतज़ार करने लगी !!!

एक तो मिस्टर अरोरा पहले ही एक बार झड़ चुके थें, ऊपर से उन्होंने बहुत ज़्यादा शराब पी रखी थी, सो इस बार उनके लण्ड की संवेदनशीलता काफ़ी हद तक कम हो चुकी थी. पुरे 50 मिनट तक उन्होंने नूपुर को उसी एक पोज़ में पूरज़ोर चोदा. फिर धक्के मारते मारते कब उनके लण्ड ने वीर्य की उल्टी कर दी, उन्हें पता तक ना चला ! वो तो जब चोदते चोदते उनका लण्ड नूपुर की चूत में सिकुड़ कर छोटा और ढीला पड़ गया और उनके पूरे शरीर में एक झनझनाहट सी पैदा होने लगी, तब जाकर वो निढाल होकर अपनी बेटी के बदन पर गिर पड़े, फिर करवट बदल कर बगल में ही लेट कर हाँफने लगें. नूपुर ने राहत की एक लम्बी ठंडी साँस ली, अपने हाथ को अपनी जाँघों के बीच डाल कर अपनी दुखती हुई चूत को दबाने सहलाने लगी, और मुड़ कर अपने डैडी के कंधे पर सर रख कर सो गई !!!

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रात को नूपुर और मिस्टर अरोरा ने डिनर भी नहीं किया, दोनों पहले ही बहुत ज़्यादा पी चुके थें, तो भूख भी मर गई थी. गले तक टल्ली होने के बावजूद भी पूरी रात दोनों सेक्स ब्रेक के दौरान शराब पीते रहें. मिस्टर अरोरा ने अपनी बेटी को रात भर सोने नहीं दिया, भोर 5 बजे तक उसे चोदा. अंत में आलम ये था की मिस्टर अरोरा के टट्टे खाली हो गएँ और उनका वीर्य निकलना बंद हो गया, मगर लण्ड खड़े का खड़ा ही रहा. सारी रात नूपुर उनसे अपनी गांड़ मारने की विनती करती रही, मगर मिस्टर अरोरा किसी ना किसी तरह बहला, फुसला, समझा, मना कर बेचारी की चूत रौंदते रहें. नूपुर के सर से चूत मरवाने का भूत तो कब का उतर चुका था, वो तो बस उस घड़ी को कोस रही थी जब उसके डैडी के लाख मना करने के बावजूद भी उसी ने उन्हें जबरदस्ती अपनी चूत पेलने के लिए उकसाया था !!!

दिन के 11 बजे मिस्टर अरोरा की नींद खुली, जब उनका नशा और थकावट कट गएँ. उठते ही उन्होंने देखा की नूपुर बिस्तर पर पहले से जगी बैठी है.

" गुड मॉर्निंग... कब उठी ??? ".

नूपुर ने कोई जवाब नहीं दिया, और तब मिस्टर अरोरा ने गौर किया की वो सिसक सिसक कर रो रही है !

" Hey... what happened ? ". मिस्टर अरोरा ने नूपुर के चेहरे पर गिरे उसके उलझे बिखरे बाल हटाते हुए पूछा.

" See ... what you did to my Pussy !!! ". आंसुओ से झिलमिलाती बड़ी बड़ी आँखों से अपने डैडी को गुस्से से देखती हुई नूपुर ने सुबकते हुए कहा, और उनके सामने अपनी नंगी टांगें खोल दी.

मिस्टर अरोरा ने देखा की उनकी बेटी की चूत की हालत सच में खस्ता थी, चूत सूज कर लाल हो गई थी ! कल तक जिस चूत के होंठ आपस में ऐसे चिपके रहते थें मानो अंदर कोई छेद ही ना हो, आज उसी चूत का मुँह फ़ैल कर कम से कम 3 इंच खुल गया था. चूत के अंदरुनी होंठ छितरा कर बाहर उभर आये थें और फटे हुए फांक से भीतर का लाल चमड़ा साफ नज़र आ रहा था. पहली बार तो सिर्फ चूत की सील फटने से थोड़ा सा खून निकला था, पर बाद में चूत को बड़ी ही बेदर्दी से रौंदे जाने की वजह से अंदर की नरम दीवार छिल गई थी, जिससे और भी ज़्यादा खून निकला था, जो की अब चूत के मुँह पर, उसके अगल बगल, और जाँघों पर लग कर सूख चुका था. यही नहीं, पूरा बिस्तर अस्त ब्यस्त हो चुका था, सारे फूल मसले, टूटे, बिखरे पड़े थें, और चादर पर भी जगह जगह चूत के खून के धब्बे और निशान लगे पड़े थें.

" I am really sorry नूपुर... रात को नशे की हालत में मुझे पता ही नहीं चला की मैं तुम्हारे साथ क्या ज्यादती करता रहा. ". सांत्वना देने हेतु मिस्टर अरोरा ने नूपुर की चूत को हाथ से छुआ ही था की बेचारी दर्द से चिंहुक उठी, तो उन्होंने तुरंत हाथ हटा लिया, और उसके गालों से आंसू पोछते हुए उसका चेहरा अपने हाथों में लेकर प्यार से बोले. " प्लीज् मत रोओ... जाओ, अपनी चूत धो लो ! ".

" बहुत ख़राब हैं आप डैडी... अब आपको कभी करने नहीं दूंगी ! ". नूपुर ने अपने डैडी को भोली नज़रों से देखते हुए कहा.

" सुहागरात के बाद वाले दिन तुम्हारी मम्मी ने भी मुझसे यही बात कही थी, और फिर एक दिन बाद खुद ही मेरे पास आई थी ! ". मिस्टर अरोरा ने मुस्कुराते हुए कहा.

अपने डैडी की ये बात सुनकर नूपुर की रोते हुए भी हँसी छूट गई और वो उनसे लिपट गई.

" That's like a brave girl ! जाओ... फ्रेश हो लो, हमें घर जाना चाहिए अब ! ". मिस्टर अरोरा ने अपनी बेटी के कंधे को सहलाते हुए कहा...........................

बाथरूम जाने के लिए बेड से उतर कर नूपुर ने जैसे ही नीचे ज़मीन पर अपने कदम रखें, वो लड़खड़ा कर गिर पड़ी.

" Shittttt ! ". मिस्टर अरोरा बिस्तर से कूद कर नीचे उतरें और अपनी बेटी को उठाया, फिर उसे अपने बाहों का सहारा देकर बाथरूम तक ले गएँ. नूपुर लंगड़ा लंगड़ा कर धीरे धीरे चल रही थी, क्यूंकि चलते वक़्त जब उसकी दोनों जाँघे आपस में सट रही थीं तो चूत बीच में रगड़ खाने की वजह से दुख रही थी.

" Wait a second नूपुर... ". जब नूपुर बाथरूम में घुसी तो मिस्टर अरोरा ने उसे रोका और दौड़ कर शराब की एक आधी खाली बोतल उठा लाये और उसे देते हुए बोले. " वाइन से अपनी Pussy साफ कर लो, अल्कोहल Antiseptic होता है, और दर्द से भी राहत मिलेगी ! ".

फ्रेश होने के बाद मिस्टर अरोरा और नूपुर कपड़े पहन कर घर जाने के लिए रेडी होने लगें. नूपुर की चूत की हालत इतनी ख़राब थी की बेचारी से पैंटी भी नहीं पहनी गई, क्यूंकि पैंटी के कपड़े से चिपकने पर चूत और ज़्यादा दुख रही थी. लिहाजा उसने बिना पैंटी के ही अपना लहंगा चढ़ा लिया.

कार ड्राइव करते हुए मिस्टर अरोरा अपनी बेटी के साथ वापस घर की ओर चल दियें.

" एक प्रॉमिस कीजिये डैडी... ". नूपुर ने ड्राइव करते मिस्टर अरोरा के कंधे पर अपना सर रखकर कहा.

" Sure बेबी... ".

" आप Mom के साथ अपना रिलेशन सुधारेंगे और डाइवोर्स की नौबत नहीं आने देंगे ! ".

" ठीक है... Done ! मैं भी तुम्हारी मम्मी से बेहद प्यार करता हूँ, मेरी तरफ से निश्चिन्त रहो, पर तुम उन्हें भी थोड़ा समझाओ... प्लीज् ! ".

" थैंक यू डैडी... ". नूपुर ने मिस्टर अरोरा के गाल चूम लियें. " उन्हें समझाने की ज़िम्मेदारी मेरी है ! ".

घर पहुँचते पहुँचते दोपहर के 3 बज चुके थें.

नूपुर जब कार से उतरी तो मिस्टर अरोरा ने देखा की उसके लहंगे में गांड़ वाली जगह पर खून का दाग़ लगा हुआ है . हालांकि दाग छोटा सा ही था, मगर लहंगे का रंग पीला होने की वजह से एकदम साफ पता चल रहा था. शायद इतनी देर तक कार की सीट पर बैठे रहने के कारण उसकी फटी हुई घायल चूत लीक कर गई होगी और पैंटी ना पहने हुए होने की वजह से खून सीधे लहंगे में पुत गई होगी !!!
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07-20-2021, 12:27 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" नूपुर... There is blood on your dress ! ". मिस्टर अरोरा ने नूपुर को उसकी गांड़ की ओर इशारा करते हुए धीरे से कहा.

नूपुर ने तुरंत अपनी गर्दन पीछे घुमा कर अपने हाथ से अपनी गांड़ पर का लहंगे का कपड़ा खींच कर देखा.

" Fuck यार... अब क्या करूँ ??? ".

" Okay look... सीधे अपने कमरे में चली जाना, Hope की तुम्हारी मम्मी सामने ना आ जाये ! ".

मगर उन दोनों का नसीब ही ख़राब था !

हॉल से होकर जब वो दोनों घर घुस रहें थें तो एकदम से मिसेज़ अरोरा सामने आ धमकी.

" अरे... Where you guys have been ??? ". मिसेज़ अरोरा ने दोनों को आश्चर्य से देखते हुए पूछा.

" डैडी मुझे हमारा नया फार्महाउस दिखाने ले गएँ थें... ". अपने डैडी के जवाब देने का इंतजार किये बिना ही नूपुर तपाक से बोली. " It's so amazing Mom... आने का मन ही नहीं कर रहा था. आपको भी चलना चाहिए था ! ".

" Great ! मैं तो सोची की तुम्हारे डैडी मुझे छोड़ कर भाग गएँ ! ". मिसेज़ अरोरा ने मुस्कुराते हुए व्यंग्यात्मक स्वर में कहा.

" Very funny... ". मिस्टर अरोरा ने कहा और वहाँ से चलते बनें.

नूपुर भी जब जाने के लिए मुड़ी तो अचानक मिसेज़ अरोरा ने उसे रोका.

" नूपुर... तुम्हारे लहंगे में ये Blood stain कैसा है ??? ".

नूपुर एकदम से सकपका गई, उसे समझ नहीं आया की क्या बोले. फिर खुद को संभालते हुए बिल्कुल सामान्य होने का नाटक करते हुए उसने तुरंत पीछे मुड़ कर नीचे अपने लहंगे को देखा और झूठमूठ का चौंकने की नौटंकी करते हुए बोली.

" Oh noooo... मेरा Tampon लीक हो गया लगता है !!! ".

" पर अभी चार पाँच दिन पहले ही तो तुम्हारे Periods हो कर गएँ थें ना ??? ". मिसेज़ अरोरा ने अपनी बेटी को शक की निगाह से घूरते हुए पूछा.

(( मिसेज़ अरोरा शुरू से ही अपनी बेटी की कुछेक गतिविधियों का पूरा ब्यौरा रखती थी, खासकर उसकी औरतों से सम्बंधित समस्याओ की ))

" Yeah... I mean... इस बार के Periods क्लियर नहीं हुए थें, शायद इसलिए दुबारा आ गएँ... I don't know !!! ". नूपुर ने जो मन में आया बोल दिया, और फिर सर झुकाये चुपचाप खड़ी अपनी माँ के अगले सवाल का इंतज़ार करने लगी !

मिसेज़ अरोरा कुछ देर तक उसकी आँखों में देखते हुए उसे घूरती रही, मानो उसकी बात का सच या झूठ समझने की कोशिश कर रही हो, फिर अचानक से एकदम नार्मल हो गई और बोली.

" हाँ I know... ऐसा कभी कभार हो जाता है...Don't worry...जाओ चेंज कर लो. पर अब से पैड यूज़ किया करो, तुम्हारा फ्लो बहुत ज़्यादा रहता है, Tampon से काम नहीं चलेगा. You better avoid being embarrassed in public... बेटी !!! ".

" Sure Mom... ". नूपुर ने चैन की साँस ली और मुड़ कर जाने को हुई तो मिसेज़ अरोरा ने उसे फिर से रोका और बोली.

" और अब से ये जो तुम Periods delay करने वाली दवाईयां खाती हो, ये सब बंद. ये Irregular Periods उन्ही का साइड इफ़ेक्ट है. I really don't care की तुम्हारा फोटोशूट है या नहीं, मगर Periods में No work... घर में आराम करो !!! ".

नूपुर अपने मम्मी का अपने प्रति ये चिंता भाव देखकर ख़ुशी से हँस पड़ी और वापस आकर उन्हें चूमते हुए बोली.

" Don't worry Mom... I will be fine ! ".

और फिर वहाँ से अपने कमरे की ओर चली गई. हालांकि उसकी चूत का दर्द थोड़ा सा भी कम नहीं हुआ था, फिर भी अपनी माँ को दिखाने के लिए वो सामान्य सी बिना लंगड़ाते हुए चल रही थी !.......................................

रात को सोने के वक़्त अपने बेडरूम में जब मिस्टर अरोरा कपड़े बदल रहें थें तो मिसेज़ अरोरा उनके पास आई और उनसे पूछा.

" सच सच बताइये, आप दोनों बाप बेटी कहाँ गये थें ? ".

" Told you ना... फार्महाउस. ". मिस्टर अरोरा ने अपनी बीवी की ओर देखे बिना ही अपने शरीर में परफ्यूम लगाते हुए कहा.

" कौन सी पार्टी थी ? ".

" कोई नहीं... ".

" फिर उसे इतना सजा धजा कर क्यूं ले गये थे ? और अभी जब वो लौट कर आई है तो उसका चेहरा उतरा हुआ क्यूं है ??? ".

मिस्टर अरोरा चुप रहें.

" और उसके लहंगे में खून कैसे लगा ??? ".

" Ask her... ". मिस्टर अरोरा ने दो टूक जवाब दिया.

मिसेज़ अरोरा ने अपने पति की बांह पकड़ कर उन्हें अपनी ओर घुमा लिया और अबकी बार उनकी आँखों में आँखे डालकर पूछा.

" What did you do to my daughter ??? ".

मिस्टर अरोरा ने बोलने के लिए अपना मुँह खोला ही था, की उनकी बीवी ने उनके गाल पर एक ज़ोर का तमाचा जड़ दिया !!!

अवाक सा मुँह बनाकर मिस्टर अरोरा कुछ सेकंड रुकें, फिर अपनी मुठ्ठी में अपनी बीवी के बाल कस कर पकड़ कर उसका चेहरा ऊपर की ओर उठा दिया, उसकी आँखों में देखा, और फिर उसके होंठो से अपने होंठ सटा दियें.

मिसेज़ अरोरा ने शुरू में उनसे छूटने की भरसक कोशिश की, पर जल्द ही हार कर वो भी उन्हें अपनी बाहों में भर कर चुम्बन में उनका साथ देने लगी.

करीब एक मिनट के लंबे स्मूच के बाद जब दोनों अलग हुए तो मिसेज़ अरोरा पूछा.

" How was she on bed ??? "

" क्यूं ? जलन हो रही है ? ". मिस्टर अरोरा शरारत भरे मुस्कान के साथ बोलें.

" जलन ??? वो भला क्यूं ??? She is my daughter... ".

" Because she has a much more younger Vagina than yours ! ".

" So you are saying she was good on bed ??? ".

" Ofcourse she was... लेकिन तुमसे ज़्यादा नहीं !!! ".

कह कर मिस्टर अरोरा ने अपनी बीवी को धकेल कर पलंग पर गिरा दिया और अपना पजामा सरका कर अपना लण्ड बाहर निकाल लिया.

" Bastard !!! ". मिसेज़ अरोरा ने गहरी साँसे लेते हुए कहा और बिस्तर पर लेट कर अपनी नाईटी ऊपर अपने मोटे कमर तक उठा दी !!!

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07-20-2021, 12:27 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
(( नूपुर जिस जगह से देख रही थी, सब कुछ एक सीध में था, एकदम साफ - नूपुर ने शुरू में अपनी मम्मी को न्यूड मॉडलिंग ज्वाइन करने के बारे में बताया, लेकिन अपने डैडी को नहीं, न्यूड मॉडलिंग में अपना करियर बनाया, पॉपुलर हुई, फिर अचानक एक दिन अपने ही डैडी को अपनी नंगी फोटो पर मूठ मारते हुए देख लिया, नाराज़ हुई, गुस्सा हुई, अपने सगे पिता पर घिन आने लगी उसे, पहले नूपुर ने डैडी को इग्नोर करना शुरू किया तो बाद में डैडी ने उसे, फिर धीरे धीरे डैडी से इस बारे में बात हुई, डैडी ने समझाया, मनाया, मम्मी के ठंडेपन से डैडी काफ़ी परेशान थें, अकेले हो चुके थें, डैडी ने बताया की उनके मित्र कुणाल अंकल ने सबसे पहले उन्हें उनकी बेटी की नंगी तस्वीरों के इंटरनेट पर आने के बारे में बताया, और तब से वो उसकी न्यूड फोटोज़ के दीवाने हो गएँ, सारी बातें जान कर पहले डैडी से नूपुर को जितनी घृणा हुई, बाद में धीरे धीरे उसे डैडी उतने ही पसंद आने लगें, और फिर स्वेक्षा से उसने उन्हें अपना सब कुछ सौंप दिया.

मगर साफ दिखने वाली चीज़ ही सत्य भी हो, ऐसा आवश्यक तो नहीं !

इस पूरे प्रकरण का असली पहलु नूपुर को शायद ही कभी ज्ञात हो सके !!

दरअसल, नूपुर ने जिस दिन अपनी माँ को अपनी न्यूड मॉडलिंग के बारे में बताया था, उसी दिन मिसेज़ अरोरा ने ये बात नूपुर के डैडी को बता दी थी. उन्होंने उस एजेंसी का नाम भी उन्हें बता दिया था, जिसे नूपुर ज्वाइन करने वाली थी - Elite Adult Talent Transformation Modeling Agency. मिस्टर अरोरा को पहले तो अपनी बेटी के इस वाहियात फैसले पर बहुत गुस्सा आया, पर वो पूरी सच्चाई जानने का इंतज़ार करने लगे, वे उस वेबसाइट के सब्सक्राइबर बन गएँ और ट्रैक करने लगें की कब उनकी बेटी का प्रोफाइल वहाँ अपलोड होता है. जब उन्हें अपनी बेशर्म बेटी के किये धरे का पक्का सबूत मिल जायेगा तब वो उसकी खबर लेंगे !

मगर हुआ सब कुछ एकदम उल्टा - जब मिस्टर अरोरा ने पहली बार रिलीज़ हुई नूपुर की नंगी तस्वीरों की एल्बम " Undress My Soul - Nupur Arora " उस वेबसाइट पर देखी तो उन्हें यकीन नहीं हुआ की उनकी अपनी सगी बेटी इतनी हॉट मॉडल बन चुकी है !!! वो उसकी क्या खबर लेते, वो तो उसका नंगा जिस्म देखकर खुद अपने होश गवां बैठे थें. पत्नि से तो सम्बन्ध अच्छे थें ही नहीं, सालों से दोनों तलाक की कगार पर थें, ऐसे समय में अपनी सगी बेटी की नग्न तस्वीरें कब मिस्टर अरोरा के रातों के अकेलेपन की साथी बन गईं, ये उन्हें खुद भी पता ना चला !

देर रात जब मिसेज़ अरोरा सो जाती, तब मिस्टर अरोरा अपने लैपटॉप, और कभी कभार अपने मोबाईल पर अपनी बेटी की नंगी फोटोज़ देखकर मूठ मारने लगें. ये गंदी गन्दी हरकतें रोज़ाना होने लगी, और फिर एक दिन अनजाने में ही मिसेज़ अरोरा ने उन्हें आधी रात को बिस्तर पर ही अपने बगल में लैपटॉप पर नूपुर की तस्वीरें खोले तकिये पर लण्ड रगड़ते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया ! उस रात दोनों के बीच काफ़ी झगड़ा हुआ, झगड़ कर जब दोनों आखिरकार थक गएँ, तब दोनों ने बातचीत करके इस मसले को सुलझाने का फैसला लिया.

उस रात मिसेज़ अरोरा भली भांति समझ गई की उन्हें उनके पति के साथ जो एकमात्र कड़ी जोड़े हुए है, वो है उनकी बेटी नूपुर ! तलाक का शुरुआती फैसला मिस्टर अरोरा का ही था, ना की उनकी पत्नि का. मिस्टर अरोरा अपनी पत्नि से अब ऊब चुके थें. मिसेज़ अरोरा तो हमेशा से उनके साथ रहना चाहती थी, पर दिन ब दिन अपने प्रति उनकी बढ़ती बोरियत देख कर धीरे धीरे अब उन्हें भी तलाक की राह माननी पड़ रही थी. ऐसे हालात में मिसेज़ अरोरा को एक नायब मौका मिला था सब कुछ पहले जैसा ठीक ठाक कर देने का !

मिस्टर अरोरा ने अपनी पत्नि को बताया की वो अपनी सगी बेटी नूपुर के लिए पागल हो चुके हैं और उसे किसी भी हालत में पाना चाहते हैं. उन्होंने बड़ी ही निर्लज्जता से अपनी पत्नि से मदद मांगी - नूपुर को उनके साथ सोने के लिए Convince करने की ! मिसेज़ अरोरा ने ये घिनौना काम करने से तो साफ इंकार कर दिया, मगर साथ ही ये बात भी बिल्कुल साफ कर दी, की अगर वो अपनी बेटी को किसी तरह पटा कर उसके साथ हमबिस्तर हो सकें, तो हो जायें, उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी !!!

बदले में मिसेज़ अरोरा ने अपने पति के साथ आजीवन रहने का अस्वासन माँगा, जिसपर मिस्टर अरोरा ख़ुशी ख़ुशी राज़ी हो गएँ.

उस रात सालों बाद फिर से एक बार मिस्टर और मिसेज़ अरोरा ने Passionate Sex किया !!!

मिसेज़ अरोरा के लिए ये " चित भी मेरी और पट भी मेरी " वाली बात थी - उनके पति जिस दूसरी औरत पर लट्टू हो चुके थें, कम से कम वो अपने ही परिवार की लड़की थी, कोई बाहरी पराई औरत तो नहीं. अगर उनके पति अपनी सगी बेटी के साथ थोड़ी बहुत मस्ती कर भी लेते हैं, तो इसमें हर्ज़ ही क्या है ? कम से कम उनका अपने पति के साथ सम्बन्ध तो सुधर जायेगा !!!

उस दिन के बाद से मिस्टर अरोरा अपनी बेटी नूपुर का बदन भोगने के लिए तरह तरह के प्लाट और प्लानिंग करने लगें. मगर इसी बीच गलती से उस दिन नूपुर ने उन्हें ऑफिस रूम में लैपटॉप पर अपनी नंगी फोटो पर मूठ मारते हुए देख लिया. सारा काम बिगड़ गया, एक पल के लिए तो मिस्टर अरोरा को ऐसा लगा की जैसे सारे किये कराये पर पानी फिर चुका है, मगर फिर वहाँ से उन्होंने सारा खेल संभाला, और फाइनली अपनी बेटी को अपने बैडरूम तक लाने में सफल हो ही गएँ !!!

नूपुर को पाने के लिए मिस्टर अरोरा ने उससे हर एक बात झूठ बोली. नूपुर की सहानुभूति पाने के लिए अपने और अपनी पत्नि के बिगड़ रहे रिलेशन की बात का इमोशनल सहारा लिया, वो रिलेशन जो की अब बेटी के जिस्म के सौदे के तहत कब का सुधर चुका था ! बस एक बात मिस्टर अरोरा ने अपनी बेटी से सच कही थी, वो ये, की वो सचमुच में उसकी चूत नहीं मारना चाहते थें... Anal Sex उनके लिए काफ़ी था अपनी ठरक मिटाने के लिए !!! ))

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07-20-2021, 12:27 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
नूपुर के लिए अगले एक हफ्ते बड़े ही कष्टदायक गुजरे, उसे पेशाब में जलन होती थी, और बीच बीच में चूत से खून भी आता था, उसके डैडी ने उसकी चूत बहुत ही बुरी तरह से फाड़ी थी ! करीब एक हफ्ते बाद उसकी हालत में सुधार होने लगा और फिर उसका घाव भरते ही उसकी चूत पहले जैसी चंगी हो गई.

नूपुर और उसके डैडी की प्रेम कहानी फिर से शुरु हो गई.

मिस्टर अरोरा आये दिन नूपुर को फार्महाउस लेजाकर चोदा करतें, कभी कभी तो एक दो दिन तक दोनों वहीँ रुक जातें, खासकर वीकेंड में. नूपुर अपनी मम्मी से कभी ये तो कभी वो बहाना करती रहती, ये सोचते हुए की उन्हें कुछ भी पता नहीं है !

मिस्टर अरोरा को अपनी कमसिन बेटी के बदन का सुख प्राप्त हो रहा था.

मिसेज़ अरोरा अपने पति के साथ अटूट बंधन को एन्जॉय कर रही थी.

नूपुर को अपने मम्मी डैडी, दोनों की खुशियाँ मिल चुकी थी, जो की वो हमेशा से चाहती थी.

एक खुशहाल परिवार में और क्या चाहिए ??? और हाँ, कौन कहता है की बड़े घर के फॅमिली के लोग खुश नहीं रहतें ???

महीने बाद नूपुर को एजेंसी की तरफ से बुलावा भी आ गया, उसने एक साथ कई सारे प्रोजेक्ट साइन कर लिए, और एक एक करके उनपर काम करने लगी. एजेंसी ने गौर किया की इन कुछेक महीनों में नूपुर काफ़ी बदल चुकी थी - उसके प्राइवेट पार्ट्स देखकर ज़ाहिर था की अब वो वर्जिन नहीं रही थी. खासकर राजीव को इस बात का डर था की उसकी ढीली हो चुकी चूत और गांड़ के प्रति लोगों की प्रतिक्रिया शायद नेगेटिव निकले !

मगर वो पुरानी कहावत है ना - जो होता है, अच्छे के लिए होता है.

नूपुर के चाहने वालों ने उसकी फटी चूत और गांड़ को खूब पसंद किया, अब नूपुर काफ़ी Matured लग रही थी, और Sexually Experienced भी !

एजेंसी समझ चुकी थी की नूपुर उनके कंपनी की एकमात्र ऐसी मॉडल है, जिसे लोग हर रूप में, हमेशा पसंद करेंगे.

नूपुर अरोरा चीज़ ही ऐसी थी !!!

******The End ******
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next story is वो सत्ताईस दिन.
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07-22-2021, 12:50 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
वो सत्ताईस दिन

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( ये आज से करीब 5000 साल पहले की एक काल्पनिक पौराणिक गाथा है, इसलिए जहाँ तक संभव हो सका है, मैंने उस समयानुसार कहानी लेखन में अपने शब्दों का चयन किया है, कहानी बयां करते समय Modern शब्दों का प्रयोग है और किरदारों के बातचीत के समय उस वक़्त की बोलने की शैली. कितना सफल रहा हूँ, ये मैं पाठकों पर छोड़ता हूँ )

-----------------*******----------------

" ये आप कैसी बातें कर रहें हैं पुरोहित जी ? ". महारानी वैदेही ने अचंभित होकर पुरोहित जी से पूछा, और फिर महाराजा नंदवर्मन की ओर देखने लगी, ताकि वो भी कुछ बोलें, मगर वे चुप रहें, और कुछ सोचने लगें.

" क्षमा चाहता हूँ महारानी जी, मगर मेरे वचन असत्य नहीं हो सकतें ! ". पुरोहित जी ने बड़े ही आदरपूर्वक कहा और अपना सर झुका लिया.

" लेकिन ऐसा तो हमने कभी नहीं सुना, अगर ऐसा हुआ तो फिर... ". महारानी ने कहा.

" पुरोहित जी, काफ़ी रात हो चुकी है, अब आप आइये... ". महारानी की बात बीच में ही काटते हुए महाराजा नंदवर्मन ने कहा. " और हाँ... कल कृपया दिन की घड़ी में आ जाइएगा, हम चाहते हैं की ये बात आप स्वयं हमारी पुत्री, दोनों पुत्रों और बड़ी कुलवधु के सामने कहें. आपके इस विचित्र कथन के बारे में हमें उनकी भी राय जाननी है ! ".

" जो आज्ञा महाराज... ". कहकर पुरोहित जी उठ खड़े हुए और महाराजा और महारानी को चिंतित छोड़ कर वहाँ से चले गएँ.........................................

राजकुमार देववर्मन के शयनकक्ष में सारे दीये बुझा कर कुछेक दीये ही जलाये रखे गये थें, जिससे की कमरे में बस हल्की झिलमिलाती रौशनी रहे. सारे दास दासीयों को बाहर निकाल दिया गया था, और कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद था.

बिस्तर पर चित्रांगदा अपने पीठ के बल लेटी हुई थी, उसके शरीर पर कपड़े का एक टुकड़ा मात्र तक नहीं था, और ना ही कोई गहना या आभूषण, यहाँ तक की उसने अपने कानों के झुमके, नाक की नथ, माथे का मांगटीका, गले का मंगलसूत्र, सोने की कमरबंद और पैरों की पायल तक खोल रखी थी !

चित्रांगदा के नंगे शरीर पर राजकुमार विजयवर्मन चढ़े हुए थें, जिन्हे चित्रांगदा ने अपनी बाहों में जकड़ रखा था, और अपनी गोरी टांगें उनके कमर से कस कर लपेट रखी थी, वो कमर, जिसे राजकुमार विजयवर्मन चित्रांगदा के जाँघों के बीच धीरे धीरे आगे - पीछे आगे - पीछे करते हुए उसे चोद रहें थें. वहीँ ठीक बगल में बिस्तर पर राजकुमार देववर्मन एक लंबे बड़े तकिये का सहारा लिए हुए आधे लेटे लेटे ये सब देख रहें थें. उनकी आँखे बड़ी हो चली थीं, मानो उनके सामने जो कुछ भी हो रहा था, उसका कोई भी अंश गलती से भी देखने से चूकना ना चाहते हों, उनके जबड़े खुले हुए थें, और वो अपने एक हाथ में अपना खड़ा लण्ड लिए उसे आहिस्ते आहिस्ते हिला रहें थें.

" आआआआआहहहहहह... ". चित्रांगदा अकस्मात ही सिसक उठी, उसने एक हाथ से अपने ऊपर चढ़े राजकुमार विजयवर्मन के लंबे बाल भींच कर पकड़ लिए और दूसरा हाथ राजकुमार देववर्मन की ओर बढ़ा दिया, जिसे तुरंत उन्होंने अपने हाथ में थाम लिया और उसकी नरम हथेली को अपने हाथ से दबाने लगें, मानो उसे कामसांत्वना दे रहें हो.

राजकुमार देववर्मन समझ गएँ की चित्रांगदा चरमसुख को प्राप्त करने ही वाली है, और इसीलिए वो अपना लण्ड भी अब ज़ोर ज़ोर से अपने हाथ में मसलने लगें, ताकि वो भी उसके साथ साथ स्खलित हो जायें. मगर ठीक तभी राजकुमार विजयवर्मन एक झटके के साथ खुद को चित्रांगदा की पकड़ से छुड़ाते हुए उसके बदन से अलग हो गएँ और वहीँ बिस्तर पर अपने घुटनों के बल बैठ गएँ !

" क्षमा कीजिये भाभी... आज मुझसे नहीं हो रहा !!! ". राजकुमार विजयवर्मन ने अपने दोनों हाथों से अपना लण्ड ढंक लिया और अपना सिर नीचे झुका कर आँखे शर्म से नीचे कर ली.

राजकुमार विजयवर्मन ने चित्रांगदा का साथ ऐसे समय में छोड़ा था जब उसका चूत - रस फफकने ही वाला था, असमंजस में पड़ी बेचारी अब समझ नहीं पा रही थी की क्या करे, तो तुरंत उसने अपनी जाँघे आपस में कस कर सटा ली, जिससे झड़ने के निकट पहुँच चुकी चूत की बेचैनी थोड़ी तो कम हो, और फिर आँखे मूंदे अपने चूत के पानी का वापस बच्चेदानी में लौट जाने का इंतज़ार करने लगी !

" ये कैसा असभ्य व्यवहार है अनुज ??? ". अपना लण्ड हिलाना छोड़ कर राजकुमार देववर्मन अपने छोटे भाई पर गुस्से से बौखला उठें.

चित्रांगदा थोड़ी सी सामान्य हुई, तो उसने अपनी आँखे खोली और राजकुमार देववर्मन की ओर देख कर उन्हें शांत रहने का इशारा किया, और फिर अपने एक हाथ से राजकुमार विजयवर्मन की टांगों के बीच घुसे उनके दोनों हाथों को पकड़ कर एक तरफ हटा दिया तो उनका नंगा लण्ड बाहर निकल आया. राजकुमार विजयवर्मन का लण्ड ढीला पड़ कर नीचे झूल रहा था !

" हम्म्म्ममममम...तो ये बात है ! ". चित्रांगदा ने राजकुमार विजयवर्मन का लण्ड अपने हाथ में लेकर ऐसे कहा मानो कोई राज़ की बात अभी अभी समझी हो. ढीला पड़ जाने की वजह से लण्ड के मुँह की चमड़ी सुपाड़े पर नीचे सरक कर उसे पूरी तरह से ढंक चुकी थी , चित्रांगदा ने लण्ड की चमड़ी को अपने हाथ से पीछे खिसका कर सुपाड़ा वापस से खोल दिया, और राजकुमार देववर्मन को दिखाते हुए बोली. " आज तो देवर जी के लिंग से एक बूंद भर भी कामरस नहीं निकला है... देखिये, सूखा है अभी तक ! "

" क्या आपको आपकी भाभी अब आकर्षक नहीं लग रही भाई ??? आप इस तरह से उनका अपमान नहीं कर सकतें ! ". राजकुमार देववर्मन ने अपने लण्ड पर चादर रख कर उसे ढंकते हुए सख़्त स्वर में कहा, उनका खड़ा लण्ड भी अब धीरे धीरे नरम पड़ने लगा था.

" मैंने भाभी का अनादर करने के उद्धेश्य से ऐसा नहीं किया भैया... ". राजकुमार विजयवर्मन ने धीमी आवाज़ में कहा, उनमें अपने ज्येष्ठ भ्राता की बातों का सामना करने का साहस कतई नहीं था.

" क्रोधित मत होइए राजकुमार... मैं जानती हूँ की देवर जी ने ऐसा जानबूझकर नहीं किया है ! ". चित्रांगदा ने अपने पति राजकुमार देववर्मन से कहा, फिर तिरछी नज़रों से राजकुमार विजयवर्मन को देखते हुए अपने होंठ टेढ़े करके मुस्कुराई, और बोली. " दोष इनका नहीं, इनके प्रेम का है. देवर जी प्रेम के मोहपास में फंस चुके हैं !!! ".

" प्रेम ??? किस से ? ". राजकुमार देववर्मन के गुस्से का स्थान अब उनके कौतुहल ने ले लिया था.

" आप तो ऐसे पूछ रहें हैं जैसे आपको ज्ञात ही ना हो ! ". चित्रांगदा ने अपनी आँखे नचाते हुए कहा. " पूरे राज्य को पता है, सिवाय महाराज और महारानी के ! ".

राजकुमार देववर्मन को मानो अब भी कुछ समझ नहीं आया, वो बेवकूफ़ की तरह अपनी पत्नि चित्रांगदा और अपने छोटे भाई राजकुमार विजयवर्मन को देखने लगें.

" और भला कौन ? राजकुमारी अवंतिका ! ". चित्रांगदा ने ऐसे कहा जैसे ये कोई सामान्य सी बात हो, और फिर राजकुमार विजयवर्मन के नंगे पेट पर धीरे से अपनी उंगलियां दौड़ाते हुए बोली. " क्यूँ ... है ना देवर जी ??? ".

राजकुमार विजयवर्मन चुप रहें, उनके गाल शर्म से लाल हो गएँ थें. राजकुमार देववर्मन ने उन्हें कुछ क्षण घूरा, मानो उनके जवाब का इंतज़ार कर रहें हो ताकि इस बात की पुष्टि हो सके की चित्रांगदा सच बोल रही है या झूठ, और फिर उनकी चुप्पी से खुद ही सच्चाई का अंदाजा लगा लिया, और ठहाका मारकर ज़ोर से हँस पड़े !

हँसते हँसते राजकुमार देववर्मन के पेट में बल पड़ गएँ, वो अपना पेट अपने हाथ से दबाने लगें, फिर उन्हें खांसी आने लगी, और बड़ी मुश्किल से अपनी हँसी रोक कर उन्होंने अपने छोटे भाई की ओर देखकर कहा .

" बुरा ना मानना अनुज... मैं आप पर नहीं, अपनी मुर्खता पर हँस रहा था ! भला मैं ये बात भूल कैसे गया ? ". फिर थोड़ा सोचकर पूछ बैठे. " वैसे... क्या अवंतिका भी आपसे प्रेम करती है ??? ".

अपने छोटे भाई को चुप देखकर राजकुमार देववर्मन फिर से बोलें.

" अरे हाँ.. ये कैसा प्रश्न हुआ ? अवश्य करती होंगी... एक बहन को अपने भाई से जितना प्रेम करना उचित है, कम से कम उतना तो अवश्य ही करतीं होंगी !!! ".

और फिर से ज़ोरदार ठहाका मारकर हँसने लगें.

चित्रांगदा भी मुँह दबाकर हँसती रही, मगर कुछ बोली नहीं.

राजकुमार विजयवर्मन के लिए ये हँसी ठिठोली अब असहनीय हो रही थी, वो बिस्तर से उठ कर जाने को हुए की अचानक से चित्रांगदा ने उनका हाथ पकड़ कर उन्हें रोक लिया, और नरम स्वर में उन्हें मनाती हुई बोली.

" आपके भैया मात्र आपको तंग कर रहें हैं, बुरा मत मानिये देवर जी ! ".

मगर राजकुमार देववर्मन के मन में सिर्फ अपने छोटे भाई के साथ मज़ाक करने की भावना भर ही नहीं थी... कुछ और भी था, तभी तो उन्होंने फिर से पूछा.

" अवंतिका जानती है की आप उससे प्रेम करतें हैं ? ".

राजकुमार विजयवर्मन चुप रहें, उन्हें अब किसी तरह की बात करने की इच्छा ही नहीं हो रही थी.

" उसका चुम्बन तो लिया होगा ??? ".

राजकुमार विजयवर्मन अब भी चुप रहें.

" उसका शरीर तो छुआ होगा... मेरा मतलब है, उसके स्तन, उसकी कमर, उसकी जंघा, या फिर उसके नितंब ??? वैसे मेरी पूछो तो मुझे तो उसके पुष्ट नितंब ही ज़्यादा भाते हैं !!! ".

राजकुमार विजयवर्मन और चित्रांगदा, दोनों भली भांति जानते थें की राजकुमार देववर्मन सिर्फ हँसी मज़ाक नहीं कर रहें थें, क्यूंकि ये अश्लील बातें करते करते चादर में लिपटा उनका लण्ड अब फूलने लगा था, वो सचमुच में अपनी गंदी बातों का खुद ही आनंद भी उठा रहें थें !

चरमोत्कर्ष की सीमा तक पहुँच कर अनायास ही रुक चुकी चित्रांगदा को इस वक़्त सिर्फ और सिर्फ एक सख़्त लण्ड की ज़रूरत थी, वो चाहे अपने देवर का हो या अपने पति का. और यही कारण था की अपने पति का अपनी सगी छोटी बहन के बारे में सोचकर उत्तेजित होने जैसी शर्मनाक बात से भी उसे अब कोई फर्क नहीं पड़ता था, उसे तो बस इस बात की ख़ुशी थी की उसके पति के लण्ड में फिर से कड़ापन आने लगा था ! चित्रांगदा अपने देवर राजकुमार विजयवर्मन को छोड़ अब सरक कर अपने पति राजकुमार देववर्मन से जा चिपटी, और चादर के ऊपर से ही उनका लण्ड अपनी मुट्ठी में पकड़ कर घिसने रगड़ने लगी.
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07-22-2021, 12:50 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" अच्छा चलो... कभी उसे पूर्णतः नग्न अवस्था में तो देखा ही होगा ??? की नहीं ??? ". राजकुमार देववर्मन ने अपनी पत्नि की चूचियाँ सहलाते हुए पूछा.

राजकुमार विजयवर्मन के सब्र का बाँध टूट चुका था, मगर फिर भी किसी तरह उन्होंने अपने गुस्से को काबू में करते हुए, जितना संभव हो सके, नम्र स्वर में अपने बड़े भाई से कहा.

" क्षमा चाहूंगा भैया... मगर अवंतिका सिर्फ मेरी ही नहीं, हम दोनों की छोटी बहन है. आपको उसके बारे में ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग करना शोभा नहीं देता !!! ".

" और आपको शोभा देता है अनुज ??? ". राजकुमार देववर्मन ने आँखे बाहर निकाल कर कहा.

" भाभी ने ठीक ही कहा है भैया... मैं अवंतिका से प्रेम करता हूँ. मेरे मन में उसके प्रति कोई गन्दी भावना या विचार नहीं है... ". राजकुमार विजयवर्मन ने अपना सिर उठाकर जवाब दिया.

राजकुमार देववर्मन ने अपने छोटे भाई की इस बात का कोई विरोध नहीं किया, चुप रहें, अपनी पत्नि को आगे बढ़कर चूम लिया, और फिर बोलें.

" वैसे मैंने सुना है की अभी अभी पुरोहित जी आकर गएँ हैं, माताश्री और पिताश्री से अवंतिका के विवाह के बारे में बात करने हेतु ! ".

" आपने बिल्कुल सही सुना है राजकुमार... ". चित्रांगदा ने अपने पति के चौड़े सीने के बालों में उंगली फेरते हुए, राजकुमार विजयवर्मन की ओर देखकर कहा. " मरूराज्य नरेश हर्षपाल के शौर्य की गाथा कौन नहीं जानता ? उम्र में थोड़े बड़े हैं, और उनकी 23 और भी रानीयां हैं, मगर हमारी अवंतिका जैसी रूप सौंदर्य वाली रानी कोई नहीं होगी, इसपर तो मैं किसी से भी शर्त लगा सकती हूँ !!! "

राजकुमार देववर्मन के चेहरे पर ख़ुशी की एक मुस्कान खेल गई, वो अपने छोटे भाई को देखते हुए इस बात पर उसकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा करने लगें, मगर राजकुमार विजयवर्मन के मुँह से एक शब्द भी ना निकला, उन्हें पता था की ये सत्य है.

" अब आप क्या करेंगे अनुज ? आपकी प्रेमकथा तो प्रारम्भ होने से पहले ही समाप्त हो गई लगती है ! ". राजकुमार देववर्मन बोलें.

चित्रांगदा ने मुस्कुरा कर एक नज़र अपने देवर को देखा, फिर करवट बदल कर अपने पति के ऊपर चढ़ कर उनकी गोद में बैठ गई. उसकी टांगों से रगड़ खाकर राजकुमार देववर्मन के कमर से लिपटी चादर एक ओर खिसक गई, और उनका तना हुआ लण्ड छिटक कर बाहर निकल आया और चित्रांगदा के पेट से चिपक गया.

" हर्षपाल का तो पता नहीं, मगर देखो, अवंतिका ने मेरे लिंग की क्या दशा कर डाली है !!! ". राजकुमार देववर्मन ने बड़ी ही निर्लज्जतापूर्वक अपने लण्ड की ओर इशारा करते हुए अपने छोटे भाई से कहा.

राजकुमार विजयवर्मन ने घृणावश अपना मुँह घुमा लिया.
अपने ज्येष्ठ भ्राता से इस बात पर बहस करने के लिए उन्हें भी उनकी तरह ही नीचे गिर कर बात करनी होगी. नम्र स्वाभाव वाले राजकुमार विजयवर्मन को ना ही ये मंजूर था, और ना ही वो ऐसा करने में सक्षम थें. वैसे उन्हें पता था की उनके बड़े भैया ऐसी बातें क्यूँ कर रहें हैं और उनके मन में किस बात का द्वेष है . राजकुमार देववर्मन चित्रांगदा से अपने विवाह के पहले अपनी बहन अवंतिका को अनेको बार अपना प्रेम प्रस्ताव दे चुके थें, मगर राजकुमारी अवंतिका ने हर बार उन्हें बड़ी ही विनम्रता और शालीनता के साथ इंकार कर दिया था, क्यूंकि वो जानती थी की ये उनकी प्रेम इच्छा नहीं, बल्कि काम इच्छा थी ! अपने इस तिरस्कार और अस्वीकार से हुए अपमान को राजकुमार देववर्मन आजीवन नहीं भूल पाए थें. और उससे भी बड़ी बात जो उन्हें हमेशा खटकती थी, वो ये थी की, राजकुमारी अवंतिका का शुरु से ही राजकुमार विजयवर्मन के प्रति रुझान रहा था !!!

" वैसे मैंने राजकुमारी अवंतिका को नग्न अवस्था में देखा है... कई बार... और हर रोज़ देखती हूँ !!! ". चित्रांगदा ने अपने पति की गोद में बैठे हुए अपनी गांड़ धीरे धीरे हिलाते हुए कहा.

" कैसे... कैसे ??? ". उत्साहित होकर राजकुमार देववर्मन ने अपनी पत्नि की कमर पकड़ कर मरोड़ डाली .

" नहाते समय... हम स्त्रीयों के गुसलखाने में... और कहाँ ??? ". चित्रांगदा ने मुस्कुरा कर कहा.

" तनिक बताओ तो वो बिना वस्त्र के कैसी दिखती है. आपके देवर जी भी सुनना चाहेंगे, देखने का तो सौभाग्य उन्हें मिलने से रहा ! ". राजकुमार देववर्मन ने कहा.

" मुझे आज्ञा दीजिये... ". कहकर राजकुमार विजयवर्मन बिस्तर से उतरकर नीचे खड़े हो गएँ और अपने कपड़े उठाने ही वाले थें की उनके बड़े भाई ने उन्हें सख़्ती से रोक लिया.

" आप अभी यहीं रुकेंगे अनुज... सुन कर तो जाइये ! "

" मुझे कोई रूचि नहीं... ". राजकुमार विजयवर्मन ने धीरे से कहा.

" कोई बात नहीं... मैं आग्रह नहीं करूँगा ! ". राजकुमार देववर्मन झट से बोलें, फिर चित्रांगदा के कमर पर थप्पड़ मार कर उसे कुछ इशारा किया, इशारा समझते ही चित्रांगदा ने अपनी गांड़ थोड़ी सी ऊपर उठाई और एक हाथ से राजकुमार देववर्मन का लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में घुसेड़ कर वापस उनकी गोद में बैठ गई. राजकुमार देववर्मन ने चित्रांगदा के जाँघों को सहलाते हुए वापस अपने छोटे भाई की ओर देखते हुए उनसे कहा. " कम से कम आज आपने अपनी भाभी का जो अपमान किया है, उसकी भरपाई तो करते जाइये. और हाँ, ये भी देखते जाइये, की मैं नपुंसक नहीं हूँ !!! ".

राजकुमार विजयवर्मन जहाँ थें, वहीँ खड़े रह गएँ, उन्हें पता था की उनके बड़े भाई ने एक बार जो आदेश दे दिया, तो बस दे दिया !

" अब अवंतिका के बारे में बताओ प्रिये !!! ". राजकुमार देववर्मन ने चित्रांगदा के गांड़ की दोनों गोलाईयों को अपने हाथों से दबाते हुए कहा.

चित्रांगदा ने आगे झुक कर अपने दोनों हाथ अपने पति के चौड़े सीने पर टिका दिये, और फिर धीरे धीरे अपनी गांड़ ऊपर नीचे करते हुए उन्हें चोदते हुए कहना शुरू किया.

" ननद जी कोई आम राजकुमारी नहीं, साक्षात् काम की देवी लगती हैं, जब वो निर्वस्त्र होकर नहाने के लिए पानी में उतरती है ! उनकी सुराहीदार गर्दन नीचे छोटे कंधो से होती हुई उनकी छाती तक पहुँचती है, जहाँ उनके कसे हुए वक्ष सदैव ऊपर कि ओर ही उठे हुए रहते हैं. ".

" रुको मत प्रिये... और बताओ ! ". राजकुमार देववर्मन ने गहरी साँसे लेते हुए कहा, और अपनी आँखे बंद कर ली.

चित्रांगदा उनकी गोद में बैठी अपनी कमर नचाते हुए कभी उन्हें तो कभी राजकुमार विजयवर्मन को देखते हुए बोलती रही.

" ऊँचे वक्षस्थल नीचे की ओर पतली लचकदार कमर में परिवर्तित हो गई है. उनकी नाभी गोल नहीं, बल्कि एक लम्बी संकरी छोटी सी लकीर मात्र है. "

" और... और... ". राजकुमार देववर्मन के मुँह से निकला.

उन्होंने अपनी आँखे बंद ही रखी थीं. ज़ाहिर था की अपनी पत्नि के मुँह से निकले अपने बहन के शरीर के वर्णन के शब्द उन्हें कामोत्तेजित कर रहें थें. चित्रांगदा ने अपनी कमर हिलाने की गति थोड़ी सी बढ़ा दी और फिर आगे कहना जारी रखा.

" उनकी नाभी से होते हुए उनका पेट नीचे ढलान से मुड़ कर उनकी योनि में जाकर विलीन हो जाता है, और पीछे की ओर विशालकाय, मगर गोल और सुडॉल नितंब में बदल कर बाहर की ओर पुनः निकल पड़ता है. "

" अअअअअहहहहहह ... प्रिये... बहुत खूब... ". राजकुमार देववर्मन के मुँह से गरम आह निकली.

चित्रांगदा ने महसूस किया की उनके पति का लण्ड उसकी चूत में हर क्षण फूलता ही जा रहा रहा था, उसने अपने पति को इतना ज़्यादा उत्तेजित कभी नहीं देखा था... जब उनके सामने राजकुमार विजयवर्मन उसे चोदते हैं, तब भी नहीं !!!

चित्रांगदा ने अपनी ननद राजकुमारी अवंतिका का दैहिक वर्णन जारी रखा.

" उनकी कोमल मांसल जांघे आपस में हमेशा सटी हुई रहती हैं और इसी कारणवश अगर वो आपके सामने आकर पूर्णतः नंगी भी खड़ी हो जायें, तो उनकी योनि उनकी जंघा के बीच इस भांति छुप जाती है की उसके दर्शन हो पाना दुर्लभ है ! "

" हम्म्म्म... मममममममम... अवंतिका !!! ". राजकुमार देववर्मन ने ऐसे कहा मानो उन्हें साँस लेने में कठिनाई हो रही हो.

राजकुमार विजयवर्मन चुपचाप खड़े सब कुछ देखते हुए बस इस घिनौने खेल के अंत की प्रतीक्षा कर रहें थें.

" राजकुमारी अवंतिका की योनि पर अवस्थित रेशम से भी ज़्यादा मुलायम काले घुंघराले केश ऐसे लगते हैं मानो... ".

" बस... बस... रुको प्रिये... बस !!! ".
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