RE: कुंवारी बुर के छेद का आपरेशन-2
फिर मैंने गीता की चूचियों पर अपना मुँह लगाया तो गीता सिकुड़ गई। मैंने काफी देर तक गीता की दोनों चूचियों को चूस-चूसकर लाल कर दिया। उसके निप्पल बिल्कुल खड़े हो गए और बुर काफी गीली हो गई थी जिस पर लंड फिसल रहा था।
मैं समझ गया कि गीता अब चुदना चाह रही है। मैंने एक हाथ से गीता की बुर के छेद पर अपना लंड रखा और गीता की एक चूची को अपने मुँह में पूरा भरकर एक जोरदार धक्का मारा।
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गीता बहुत तेज से चिल्लाई और बेहोश सी होकर कांपने लगी। लंड का सुपाड़ा गीता की बुर के छोटे से छेद को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया था। गीता जोर-जोर से रोने लगी और लंड को बाहर निकालने का प्रयास करने लगी। मैंने गीता को भावनाओं को समझा और लंड को बुर से थोड़ा बाहर की ओर निकाला।
लंड के बाहर निकलते ही बुर से खून निकलने लगा। बुर से लंड बाहर निकलने पर गीता ने एक लंबी सांस ली। और रुआंसे मुँह से बोली- डाक्टर साहब आपने तो मेरी बुर फाड़ डाली।
फिर मैंने गीता का घ्यान भटकाने के लिए उसकी चूचियों को पीना शुरू कर दिया और बीच-बीच में उसके होंठों को चूमने लगा।
थोड़ी देर बाद गीता कुछ नार्मल हुई तो मैंने दुबारा अपना लंड उसकी बुर पर भिड़ाकर दोनों हाथों से चूचियों को पकड़कर दबाने लगा। धीरे-धीरे गीता की चूचियों में कसाव आने लगा। जिसे भांपते हुए मैंने लंड से बुर में थोड़ा से धक्का मारा, जिस पर गीता ने अपने पैर फैला लिया।
पैरों को फ़ैलते ही मुझे जगह मिल गई और मैंने कमर खींचकर एक जोरदार प्रहार किया। इस बार लंड बुर को फाड़ता हुआ सीधा बच्चेदानी से जा टकराया।
गीता हाथ पैर पटकने लगी और तेजी के साथ पैर समेटने और फैलाने लगी।
मैंने गीता का मुँह पकड़ कर समझाया- अब कुछ नहीं होगा। बस एक सेकेंड रुको।
लेकिन गीता सुनने का प्रयास ही नहीं कर रही थी और चिल्लाये जा रही थी।
फिर थोड़ी देर तक मैंने लंड को वैसे ही अन्दर रखा, गीता अपने पैर पटकती रही। फिर मैंने लंड को थोड़ा बाहर खींचा और रुक गया और थोड़ी देर बाद पुन: अन्दर की ओर ढकेला तो इस बार गीता ने कोर्इ प्रतिक्रिया नहीं दी।
फिर मैं धीरे-धीरे लंड को अन्दर-बाहर करने लगा, गीता चुपचाप लेटी रही।
अब मैंने गीता की चूचियों को दबाना शुरू किया और चोदने की स्पीड बढ़ा दी, अब मैं जोर-जोर से गीता की बुर चोदने लगा।
थोड़ी देर बाद गीता ने अपने दोनों हाथ से मेरा चेहरे को पकड़ा और चूम लिया, अब वो भी अपनी कमर उछालने लगी, मैं समझ गया कि अब गीता को चुदने में मजा आने लगा है।
गीता अब कमर उछालने के साथ-साथ बुदबुदाने लगी और सिसकारियां लेते हुए कहने लगी ‘कर दो आज.. मेरी बुर का आपरेशन.. साली बहुत दर्द देती थी.. आह्ह.. आज के बाद सारा दर्द खत्म हो जाएगा इसका..’
अब मेरा भी जोश बढ़ गया और मैं गीता की चूची को मुँह में भरकर जोर-जोर से झटके लगाने लगा।
फिर मैंने दोनों हाथों से गीता के कमर की नीचे हाथ डालकर उसके बुरड़ों को पकड़ लिया और एक जोरदार धक्का मारा। एक तेज धार के साथ मेरा वीर्य गीता की बुर में गिरने लगा।
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