वो मेरी रखेल बन गयी
06-04-2017, 10:34 AM,
#1
वो मेरी रखेल बन गयी
मेरा नाम हरीश है और मेरी उमर २५ साल है मैं मुम्बई का रहने वाला हूं, मैने अव की बहुत सी कहानियां पढ़ी है, मुझे ऐसा लगता है कि ८० % कहानियां झूठी होती है, मैं आपको को एक सच्ची स्टोरी बताने जा रहा हूं, ये एक सच्ची स्टोरी है "मानो या न मानो"

ये २ साल पुरानी बात है, तब मैं याहू मेस्सेंजेर पर चट्टिंग बहुत करता था, मैं हमेशा मुम्बई की लड़कियों से ही चट्टिंग करता था, लेकिन मुझे कोई भी लड़की इंटरेस्टिंग नहीं लगती थी। (ज्यादातर लड़कियां चट्टिंग में टाइमपास करती थी) एक दिन मुझे एक लड़की मिली उसका ईमेल आई डी अजीब लगा, पहले मुझे लगा वो कोई विदेशी लड़की है, लेकिन मैने उससे चट्टिंग शुरु की।

मैं – हाय, आइ एम् हरीश फ्रॉम मुंबई एंड यु ? युअर ऐ एस एल प्लीज

लड़की – हेल्लो डियर , श्रुति , २१ /ऍफ़ /मुंबई.

(उसका नाम श्रुति था, उमर - २१ , फ़ीमेल, और मुम्बई की रहने वाली थी)

जैसे-जैसे मैं उससे बात आगे बढ़ाता गया तो मुझे पता चला वो कोई नयी है उसे चट्टिंग करनी नहीं आती थी। खैर मैं उससे चट्टिंग करता रहा उसने मुझे अपने बारे मे बताया मैने भी उसे अपने बारे में बताया। वो मुझे अच्छी लगी

मैन – व्हाट यु दू ?

लड़की – कॉलेज

मैं – यु हैव बाय्फ्रेंड?

लड़की – नो

मैं – व्हय ?

लड़की – सिम्पली

मैं- ओके

फिर तो मैं रोज उससे चट्टिंग करने लगा, एक दिन मैने उसको अपना फोटो भेजने को कहा।

मैं- यु हैव पिक ?

लड़की – यस

मैं – प्लीज़ सेंड मी युअर पिक , आई वांट टू सी यु

लड़की – नो.

मैं – व्हय?

लड़की – फर्स्ट यु सेंड मी युअर पिक

मैं – ओके

और मैने उसे अपना फोटो भेज दिया (वईया ईमेल )

और दूसरे दिन उसने भी अपना फोटो भेज दिया (वइया ईमेल )

उसका फोटो साफ़ नहीं थी शायद स्कैनिंग ठीक से नहीं हुआ था, लेकिन मैने उससे कहा यु लुक गुड एंड सेक्सी .
अगले दिन मैने उससे उसका मोबाइल नम्बर मांगा तो उसने अपना मोबाइल नम्बर भी दे दिया। अब हम लोग रोज मोबाइल पर घंटों बातें करने लगे, मैं एक दिन उससे कहा कि मैं उससे मिलना चाहता हूं, तो वो मान गयी। और हमने मिलने की जगह और समय फ़िक्स किया, जगह थी मुम्बई का एक मशहूर रेलवे स्टेशन और समय था शाम के ७ बजे, हमने एक दूसरे को अपना ड्रेस कोड बताया, मेरा ड्रेस कोड था काली पैंट और हल्की गुलाबी कमीज और उसका ड्रेस कोड था स्काई ब्लू जींस और व्हाइट टी -शर्ट.

और उससे मिलने रेलवे स्टेशन पहुंच गया मुझे डर भी लग रहा था, तो मैने पैंट नवी ब्लू और शर्ट व्हाइट पहन के चला गया, मैं रेलवे स्टेशन के पुल पर खड़ा था तभी मेरी नजर एक लड़की पर पड़ी जो बार-बार अपनी घड़ी देख रही थी उसने ब्लू जींस और व्हाइट टी -शर्ट पहन रखा था लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि उसके पास जाऊं और कहूं मैं ही हरीश हूं, फिर मैने देखा वो अपने मोबाइल से फोन करने लगी और मेरा मोबाइल बजने लगा, उसने मेरी तरफ़ देखा, मैने भी उसे देखा फिर उसने नजर हटा ली और मोबाइल को कानो से लगा लिया, अब तक मैं समझ चुका था ये श्रुति ही है, मैने अपना कॉल रेसिव का बटन दबाया तो आवाज आयी। "हरीश, तुम कहां पर हो, मैं एक घंटे से तुम्हारा इन्तजार कर रही हूं, अगर तुम नहीं आ रहे हो तो मैं जाती हूं" ये बात सुनते ही मुझे गुस्सा आ गया, मैं सीधे उसके पास गया और बोला, "क्या कहा तुमने तुम एक घंटे से यहां आयी हो, तुमसे पहले से मैं यहां खड़ा हूं और तुम्हे कब से मैं देख रहा हूं" इस बात पर वो जोर-जोर से हंसने लगी और बोली मैं जानती हूं, अगर मैं ऐसा नहीं बोलती तो तुम मेरे पास नहीं आते, इस बात पर मैं भी मुस्करा दिया।

अब मैं आपको श्रुति के बारे में बता दूं, वो बहुत ही सुंदर थी, उसकी हाईट थी लगभग ५'२" और फ़ीगर होगा ३६-२६-३६ । मुझे तो वो एक नजर में ही अच्छी लगी, मुझे ऐसा लगा बस अब तो पूरी ज़िन्दगी इसी के साथ गुजारना है।

हम रेलवे स्टेशन के बाहर आये और मैने उससे पूछा "कहां चलोगी?" तो जवाब दिया "कहीं भी ले चलो" मैने उससे अपनी बाइक पर बैठा लिया और उसे एक रेस्तौरांत में ले गया। और हम गप-शप करने लगे उसने मुझे बातो ही बातो में बताया कि वो मुझे पसंद करती है, मैने भी उसे बोल दिया कि मैने भी उसे पसंद करता हूं, फिर अचानक वो चुप हो गयी और रोने लगी उसके आंखों से आंसू आने लगे, मैने उससे पूछा कि क्या बात है, तो उसने मुझसे कहा कि मैने तुमसे एक झूठ कहा था, मैने पूछा क्या झूठ

उसने बताया कि "मैं शादी शुदा हूं, और मेरी उमर २४ साल है" मुझे जैसे एक जोरदार झटका सा लगा, उसने आगे बताया मेरी शादी मेरे घरवालों ने जबरदस्ती एक लड़के से करा दी जो दिमाग से कमजोर (पागल) है। मैं उसके साथ नहीं रहना चाहती प्लीज़ मुझे यहां से निकालो, मेरा उस पागल से पीछा छुड़ाओ" एक बार तो मुझे उसके ऊपर बहुत गुस्सा आया लेकिन मुझे उसके ऊपर तरस भी आ रहा था, कुछ देर सोचने के बाद मैने उससे कहा ठीक मैं तुम्हारी मदद करने के लिये तैयार हूं, लेकिन मुझे क्या मिलेगा, तो उसने कहा "मैं तुम्हारी हमेशा के लिये हो जाउंगी" मैने कहा लेकिन तुम्हारी तो शादी हो चुकी है। तो उसने कहा "मैं अभी तक कुंवारी हूं, उस पागल ने मुझे अभी तक छुआ तक नहीं, उसे तो ये भी पता नहीं कि सुहागरात क्या होती है" मैने कहा मैं कैसे मानू कि तुम कुंवारी हो, तो उसने कहा मुझसे शादी करो और सुहागरात मनाओ, अपने आप पता चल जायेगा, मैने कहा नहीं, मैं तुमसे अब शादी नहीं कर सकता तुम मेरे साथ रह सकती हो बिना शादी के, तो उसने कहा नहीं, ये नहीं हो सकता, तो मैने कहा मेरे माता-पिता नहीं मानेंगे कि मैं किसी शादीशुदा लड़की से शादी करूं, कुछ देर सोचने के बाद वो मान गयी।

उसने कहा ठीक है, लेकिन मेरी कुछ शर्तें हैं, तुम मुझसे हमेश प्यार करोगे , मेरी सारी जरुरतों को पूरा करोगे, मुझे अपने पत्नी की तरह ही रखोगे, मैने उसकी सारी शर्तें मान ली। (आप सब को लग रहा होगा ये सब एक ही मुलाकात में नहीं सम्भव है, लेकिन ऐसा ही हुआ था, शायद ये सब उसकी मजबूरी थी)

फिर मैने एक अच्छे से वकील से उसका तलाक करवा दिया और उसे एक किराये फ़्लैट दे दिया।
अब वो मेरी हो चुकी थी, लेकिन मैने अभी तक उसे छुआ तक नहीं था, मैने उससे कहा अब तो तुम मेरी हो अब तो मेरे पास आ जाओ, और मुझसे लिपट गयी। मैने उसे गोद मे उठा लिया और उसे बेडरूम ले गया। मैने उससे कहा तुम्हे कैसा लग रहा है, उसने कहा बहुत अच्छा, आज से आप मेरे स्वामी हो और मैं आपकी दासी। और फिर मैने उसे धीरे-धीरे गरम करना शुरु किया।

पहले मैने उसे चूमना शुरु किया, पहले उसके लाल-लाल गालों पे मैने चुम्बन शुरु किया, मैं उसके होंठों पे अपने होंठ रख दिये और उसके रसीले होंठों को चूमने लगा, उसके होंठ सचमुच में बहुत ही रसीले थे, मैने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी, उसने भी अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, फिर मैं उसके ब्रेस्ट को धीरे-धीरे दबाने लगा, अभी हम बेड पर बैठे थे इसलिये ठीक से कुछ जम नहीं रहा था, मैने उसके टी - शर्ट और जींस उतार दिये और अब वो मेरे सामने पैंटी और ब्रा में थी। मैने उसे बेड पर लिटा दिया और उसे फिर से चूमना शुरु किया वो भी मेरा साथ दे रही थी और बीच-बीच में वो सिसकारिया भी ले रही थी, मैने धीरे-धीरे उसके ब्रा और पैंटी भी उतार दी

अब वो बिल्कुल ही नंगी थी, उसने मुझसे कहा मुझे तो नंगा कर दिया और खुद कब नंगे होंगे, मैने भी जल्दी-जल्दी अपने सारे कपड़े उतार दिये और उसके ऊपर आ गया, मैं उसके चूची को सहलाने और दबाने लगा वो गरम हो चुकी, धीरे-२ मैं उसे चूमते हुए उसके टांगो के बीच में आ गया और उसकी टांगो को फैला के उसके चूत को चाटने लगा, उसके मुंह से आवाज आने लगी…यीईएस्सस्सस्सस्स…।और ज्जजूऊर्रर्रर……।सीईईई…। अह्हह्हह…अ…।।ह्हह…मैने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी कुछ ही देर बाद एक नमकीन सा गाढ़ा पानी उसकी चूत से बहने लगा मैं सारा पानी पी गया, मैं उठा और अपना ७" का लंड उसके मुंह के पास लया और उससे कहा कि इसे मुंह लेकर चूसो, उसने कहा मुझे लंड चूसना नहीं आता, मैने कहा कैंडी आइस-क्रीम की तरह चूसो, उसने मेरे लंड अपने मुंह में लिया और चूसने लगी, मुझे ऐसा लगा कि मैं स्वर्ग में हूं, एक बहुत ही सुन्दर और सेक्सी लड़की मेरा लंड चूस रही थी, मैने ऐसा कभी सपने मैं भी नहीं सोचा था, कुछ देर के बाद मैं उसके टांगों के बीच आ गया और अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रख कर एक धीमा धखा मार… वो चिल्लाने लगी…।हरीश प्लीज़ इसे बाहर निकालो ये बहुत बड़ा है, मुझे दर्द हो रहा है, प्लीज़ बाहर निकालो इसे…आआआईईइईईएई…म्मम्मम्मम्माआआर्रर्रर्रर्रर गययययीईए मैन्नन्नन।

मैने कहा कुछ नहीं होगा तुम्हे इस दर्द के बदले जो खुशी तुम्हे मिलने वाली है वो इस दर्द से बहुत ज्यादा है, मैने अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर एक जोर से धक्का लगाया मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया, कुछ देर रुक कर मैने और एक धक्का लगाया मेरा पूरा लंड उसके चूत में चला गया, अब मैं उसे धीरे-धीरे चोदने लगा कुछ देर चोदने से उसे भी मजा आने लगा अब मैं उसे और जोर से चोदने लगा और वो भी गांड उठा-उठा के मेरा साथ देने लगी, मेरा लंड एक जवान सुंदर लड़की के चूत के अंदर-बाहर हो रहा था, मैं उसे चोदता रहा चोदता रहा, उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मैं आपको बता नहीं सकता, तकरिबन ३० मिनट चोदने के बाद मेरा घड़ा भर गया, मैने एक जोर दार झटके के साथ अपना सारा पानी उसकी चूत में छोड़ दिया, उसकी चूत मेरे वीर्य से भर गयी, इस बीच वो २ बार झड़ चुकी थी, मेरा लंड कुछ ढीला हुआ तो मैं उसके ऊपर से उठ गया, मैने बेड पर देखा कि बेडशीट पर खून गिरा था और मेरे लंड पर भी खून लगा था, और उसकी चूत से भी थोड़ा खून बह रहा था, मैं समझ गया की ये लड़की कुंवारी थी, मैने ही इसकी सील तोड़ी है, श्रुति बहुत खुश थी उस दिन मैने उसे ३ बार चोदा

अब तो वो मेरी रखेल बन के रह गयी है। मैं तो उससे शादी करना चाहता था लेकिन मेरे मां-बाप इस रिश्ते को नहीं स्वीकार करते, मैं अब भी जब मेरा मन करता है उसके यहां जाता हूं और उसे खूब चोदता हूं, क्या करूं मैं इससे ज्यादा कुछ भी नही कर सकता, मैं उससे शादी तो कर नहीं सकता। और वो भी मेरी रखेल बन के खुश है। कम से कम मैं उस पागल से तो अच्छा हूं जो उसे चोद सके।
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