Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
07-25-2018, 10:50 AM,
#1
Lightbulb  Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा

________________________________________



शाम से बारिश हो रही थी…..और आसमान में अंधेरा छाता जा रहा था…..में अपनी दोनो बेटियों के साथ खाना बनाने के तैयारी कर रही थी. तभी फोन की घंटी बजी. में किचन से निकल कर अपने रूम में गयी. और फोन उठाया. दूसरी तरफ से किसी औरत की आवाज़ आई. “हेलो रेखा कैसी हो ? में बोल रही हूँ नीता” ये मेरी एक पुरानी सहाली की आवाज़ थी. आज बरसो बाद उसकी आवाज़ सुनी, तो कुछ बीते हुए पलों की यादें दिमाग़ में घूम गयी. 

नीता: हेलो रेखा तुम हो ना लाइन पर. 

में: हां हां बोल नीता. में ठीक हूँ. तुम अपनी बताओ ?

नीता: में भी ठीक हूँ. और तुम्हारी बेटियाँ कैसी है ?

में: वो दोनो भी ठीक है. खाना खाना रही है. 

नीता: अच्छा रेखा सुन मुझे तुझसे कुछ काम था.

में: हां बोल ना क्या काम था. 

नीता: यार कैसे बोलूं समझ में नही आ रहा…..दरअसल बात ही कुछ ऐसी है. 

में: तू ठीक है तो है. बोल ना क्या बात है.

नीता: वो वो मुझे क्या तुम मुझे एक रात के लिए अपने घर पर रुकने दे सकती हो ?

में: हां क्यों नही इसमे पूछने की क्या बात है. कब आ रही है तू.

नीता: यार आ नही रही. आ चुकी हूँ. पर पहले मेरी पूरी बात सुन ले. वो वो मेरे साथ कोई और भी है.

में: हां तो क्या हुआ आ जा.

नीता: यार तू मेरी बात को समझ नही रही. वो मेरे साथ एक लड़का है.

में: क्या लड़का तेरा बेटा है क्या ?

नीता: नही यार अब में तुम्हे कैसे बताऊ. वो वो समझ ना.

में: तू ये पहेलियाँ क्यों बुझा रही है. सॉफ सॉफ बता ना क्या बात है.

नीता: यार वो छोड़ तू ये बता कि तुम मुझे एक रात के लिए अपने घर पर एक रूम दे सकती हो या नही…..वो मेरे साथ मतलब समझ ना.
Reply
07-25-2018, 10:55 AM,
#2
Lightbulb  RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
कहाँ हम जैसे ग़रीब और मजबूर लोग जो पैसे-2 के लिए तरसते है और कहाँ वो नीता जो अपने आशिक के साथ एक रात बिताने के लिए 5000 रुपये उड़ा रही है. पर फिर मुझे अहसास हुआ कि, ये मेने क्या कर दिया. मेरी दोनो बेटियाँ अब 10थ क्लास पास कर चुकी थी. और आगे पैसे ना होने के कारण में उन्हे आगे नही पढ़ा पा रही थी. नीता मुझसे उम्र में 4-5 साल कम थी. में कैसे इतने बड़े लड़के को उसका बेटा बता सकती हूँ. फिर सोचा चलो जो होगा देखा जाएगा. 

में बाहर आई, और किचन में चली गयी. ऑक्टोबर का महीना था. और बारिश से हवा भी ठंडी हो गयी थी. मतलब सॉफ था अब सर्दियाँ आने को है. जब में किचन में पहुची, तो रामा मेरी बड़ी बेटी ने पूछा. “माँ किसका फोन था” मेने अपने आप को संभाले हुए कहा.”वो मेरी एक सहेली का फोन था. तुम नही जानती उनको. वो किसी काम से अपने बेटे के साथ यहाँ आई थी. और टाइम से वापिस नही जा पे तो, आज रात वो यहा हमारे घर पर रुकेगी. तुम थोड़ा सा खाना ज़्यादा बना लो.

सोन्या: माँ ठीक है. पर घर पर दूध नही है. उनको चाइ तो पिलानी है ना. 

में: हां ठीक है में दुकान से दूध लेकर आती हूँ.

फिर में घर के बाहर आई, तो देखा बारिश अब धीमी पड़ चुकी है. तेज हवा के साथ बारिश की हल्की फुहार का भी अहसास हो रहा था. हमारा घर एक छोटे से कस्बे में था और एक घर दूसरे घर से काफ़ी दूरी पर थे. में रास्ते पर चलती हुई दुकान पर पहुचि, दूध का पॅकेट लिया, और फिर घर की तरफ चल पड़ी.

में जैसे ही घर के बाहर पहुचि तो पीछे से गाड़ी की आवाज़ आई. गाड़ी हमारे घर के बाहर आकर रुकी, मेने पलट कर देखा तो उसमे से नीता नीचे उतर रही थी. नीता ने मेरी तरफ मुस्कराते हुए देखा, और फिर मेरे पास आकर मुझे गले से मिली. “ओह्ह रेखा. कितने सालो बाद देख रही हूँ तुझे.” तभी मेरी नज़र पीछे खड़े लड़के पर पड़ी. जो टॅक्सी ड्राइवर को पैसे दे रहा था. जैसे मेने उसकी तरफ देखा. में एक दम से हैरान हो गयी.

मुझे अपनी आँखों पर यकीन नही हो रहा था. सामने जो लड़का खड़ा था. वो मुस्किल से मेरे बेटी से एक दो साल बड़ा होगा. मेरे बेटी **** साल की थी. और छोटी उससे एक साल छोटी थी. में आँखें फाडे उसे देख रही थी. कभी नीता को देखती. नीता मेरे मन में उठ रहे सवालो को समझ चुकी थी. उसने अपने होंटो पर मुस्कान लाते हुए कहा. “अंदर चल बताती हूँ, अमित ये बॅग उठा कर अंदर ले आओ’
Reply
07-25-2018, 10:55 AM,
#3
Lightbulb  RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
उसके बाद हम दोनो अंदर आ गये. हमारे पीछे वो लड़का भी अंदर आ गया. मेने गेट बंद किया. और अंदर जाने लगी. मेने देखा मेरी दोनो बेटियाँ बड़े ही उत्साह के साथ घर आए हुए मेहमानो को देख रही थी. जब से उन दोनो ने होश संभाला था. तब से पहली बार हमारे घर पर कोई आया था. हमारी जिंदगी बहुत ही नीरस होकर रह गयी थी. जब रात होती तो, घर में अजीब सा सन्नाटा छा जाता. खाना खाने के बाद हम तीनो अपने-2 बिस्तरों पर लेट जाते. और सोने की कॉसिश करते. ना कभी हँसी मज़ाक होता. और ना ही कभी किसी तरह का एंजाय्मेंट.

मेरे पति के गुजरने के बाद ये घर सिर्फ़ एंथो का मकान रह गया था. पर आज मेने कई सालो बाद अपनी दोनो बेटियों के चेहरे पर हल्की से मुस्कान देखी थी. हम लोग अंदर आए, और में उन्हें अपने रूम में ले गयी. अब ग़रीबो के पास सोफा तो था नही. इसलिए मेने उन्हे बेड पर बैठाया. और अपनी बड़ी बेटी रामा को आवाज़ दी.

में: रामा बेटा ज़रा दो ग्लास पानी ले आना. 

रामा: जी मम्मी.

थोड़ी देर में रामा पानी लेकर रूम में आई, और उसने नीता और उस लड़के अमित को पानी दिया. “रामा बेटा आंटी को नमस्ते कहो” रामा ने नीता को नमस्ते कहा.

नीता: (रामा को गले से लगाते हुए) ये रामा है, देखो तो सही कितनी बड़ी हो गयी है. पहचान में नही आ रही. बहुत खूबसूरत है तुम्हारी बेटी. और छोटी कहाँ है सोन्या. 

मेने सोन्या को आवाज़ दी, और सोनिया भी रूम में आ गये. 

सोनिया: नमस्ते आंटी जी.

नीता: (सोन्या को गले लगाते हुए) नमस्ते बेटा. रेखा तुम्हारी दोनो लड़कियाँ कितनी खूबसूरत है. बिल्कुल तुम पर गयी है. 

सोनिया: में नही आंटी जी. रामा गयी है माँ पर.

और फिर नीता और सोनिया हसने लगी. आज पता नही कितने सालो बाद मेने अपने बेटियों के चेहरो पर ख़ुसी देखी थी.”एक मिनिट” कहते हुए नीता अपना बॅग खोलने लगी. और उसने उसमे से दो पॅकेट निकाले, और रामा और सोनिया को देते हुए कहा “ये तुम दोनो के लिए” दोनो ये गिफ्ट लेकर बहुत खुस थी. 

में: अर्रे इसकी क्या ज़रूरत थी ?

नीता: अर्रे कितने सालो बाद देख रही हूँ. तो खाली हाथ आती क्या ?

में: रामा जाकर आंटी के लिए चाइ नाश्ते का इंतज़ाम करो.

रामा: जी मम्मी.

और फिर रामा और सोनिया दोनो किचन में चली गयी. मेने नीता की तरफ देखा, तो उसने मुझे इशारे से बाहर चलने को कहा. में और नीता दोनो बाहर आ गये. में जानती थी कि नीता से नीचे बात करना ठीक नही होगा. क्योंकि नीचे रामा और सोनिया दोनो किचन में थी. तभी अंदर से अमित ने आवाज़ लगाई “आंटी जी” मेने उसकी तरफ पलट कर देखा तो वो मुझे ही बुला रहा था. में थोड़ा सा अनकंफर्टबल महसूस कर रही थी. 

में उसके पास गयी और बोली “क्या हुआ कुछ चाहिए क्या” 

अमित: नही वो में कह रहा था. कि क्या में टीवी देख सकता हूँ.

में: (थोड़ी देर सोचने के बाद) हां लगा लो. (जब से मेरे पति की मौत हुई थी. तब से ना तो कभी मेने टीवी देखा था और ना ही मेरे बेटियों ने. इसीलिए में थोड़ा झीजक रही थी)

में नीता को लेकर ऊपेर आ गयी. और ऊपेर आते ही, उसने अपने पर्स से 1000-2 के 5 नोट निकाल कर मेरे सामने कर दिए. मुझे इन पैसो की सख़्त ज़रूरत थी. पर ना जाने क्यों में अपने हाथ आगे नही बढ़ा पा रही थी. 

नीता: अर्रे देख क्या रही है (और ये कहते हुए उसने मेरा हाथ पकड़ कर मेरे हाथ में पैसे थमा दिए) क्या सोच रही है.

में: तू ये सब क्यों मतलब उस लड़के की उमेर तो देख ली होती. तेरे बेटे जैसा है वो. और आज कल के ये बच्चे भी.

नीता: क्या क्या कहा तूने बच्चा. अर्रे मेरी जान एक बार उसका हथियार देख लेगी ना तो खड़े -2 तेरी फुद्दि मूत देगी. 

में: होश में रह कर बात कर नीता. बच्चे नीचे है. 
Reply
07-25-2018, 10:56 AM,
#4
Lightbulb  RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
नीता: मुझे बाहों में भरते हुए) ओह्ह हो नाराज़ क्यों हो रही है. वैसे एक बात कहूँ, लड़के में दम बहुत है. मेरी जैसी औरत की भी तसल्ली करवा देता है. लंड नही मानो लोहे का रोड हो. साले का लंड जब भी चूत में जाता है, तो कसम से चूत पानी की नदी बहा देती है.

नीता की बातें सुन कर मेरे बदन में अजीब से झुरजुरी दौड़ गयी. में उसकी ये बकवास बातें नही सुनना चाहती थी. पर नज़ाने क्यों उसके और अमित के बीच की बातें जानने का दिल कर रहा था. अजीब सा अहसास हो रहा था. मेरा पूरा बदन रोमांच के कारण काँप रहा था. यही सोच कर कि, कैसे एक औरत अपने बेटे की उम्र के लड़के से ऐसे संबंध रख सकती है. एक अजीब सी उतेजना मुझमे भरती जा रही थी.

में: पर तू और वो लड़का कैसे ये कैसे हो सकता है. मतलब.

मेरे अंदर छुपी जिग्यासा नीता से छुपी ना रही. और वो मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देख कर बोली.”सब बता दूँगी. आगे चल कर तेरे काम आएगा” ये कहते हुए उसने शरारती मुस्कान के साथ मेरी कमर पर चुटकी काट दी.

में: आहह पागल है क्या कैसी बात करती है. 

तभी नीचे सोनिया की आवाज़ आए. “माँ चाय तैयार है. नीचे आ जाओ” में और नीता नीचे आ गये. नीता सीधा रूम में चली गयी. और में किचन में चली गयी. जब में किचन में पहुची तो , मेने देखा सोनिया और रामा दोनो टीवी पर चल रहे सॉंग की आवाज़ के साथ गुनगुना रही थी. आज सच में मेने उनको पहली बार इस तरह खुश देखा था. 

टीवी पर चले रहे सॉंग्स और नीता और अमित की माजूदगी ने मानो जैसे इस घर में थोड़ी से जान डाल दी हो. मेने चाइ को कप्स में डाला, और रूम में चली गयी. दोनो को चाइ दी, फिर वहीं बैठ कर नीता के साथ इधर उधर की बाते करने लगी. चाइ पीने के बाद नीता बोली “चल रेखा छत पर चलते है. ऊपर मौसम बहुत अच्छा है” 

में नीता के साथ बाहर आई, मेने देखा रामा और सोनिया दोनो खाना बना रही थी. “रामा तुम खाना बनाओ में तुम्हारी आंटी के साथ ऊपेर जा रही हूँ” में और नीता ऊपेर आ गये. बारिश अब पूरी तरह बंद हो चुकी थी. और अंधेरा छा चुका था. मेने ऊपेर वाले रूम से एक चारपाई निकाली और बाहर बिछा दी. और फिर में और नीता वहाँ पर बैठ गये.

में: नीता में कहती हूँ. तू जो ये कर रही है, ठीक नही कर रही. अगर तेरे पति और घर वालो को पता चला तो क्या होगा ?

नीता: क्या मेरा पति. उसे कभी अपने बिज़्नेस से फ़ुर्सत मिले तब तो उसे पता चले. और यार हम औरतें ही क्यों यूँ अपने अरमानो को मार कर घुट-2 कर जीती रहे. कब तक हां. में तो नही जी सकती. 

में: पर एक बार उसकी उम्र का तो ख्याल क्या होता. वो बच्चा है अभी, और अगर ग़लती से उसने किसी को तेरे बारे में बता दिया तो, 

नीता: तूने आज कल की जेनरेशन को क्या समझ रखा है. डियर ये आज की जेनरेशन हमसे कही समझदार है. और वैसे भी में कॉन सी इसके प्यार में पागल हूँ. बस मेरी ज़रूरत पूरी हो जाती है, और उसकी भी.

में: तू सच में बहुत कमीनी है. कहाँ से पकड़ लाई तू इसे.

नीता: अर्रे यार कुछ नही. अनाथ है बेचारा. तेरे सहर का ही है. पिछली मर्तबा जब में यहाँ अपनी बहन के यहाँ आई थी तो, मेरी बेहन के घर नौकर था. 

में: पर ये सब कैसे शुरू हुआ ?
Reply
07-25-2018, 10:56 AM,
#5
Lightbulb  RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
नीता: उस दिन जीजा जी, और दीदी किसी की शादी में गये हुए थे. तो में घर पर अकेली थी. और मेने थोड़ी सी वाइन पी ली.मुझे हल्का-2 नशा सा होने लगा था. में घर के हॉल में बैठ कर टीवी देख रही थी. तभी मुझे बहुत तेज पेशाब लगा. में अपने रूम की तरफ जाने लगी. जैसे ही में ऊपेर वाली मंज़िल पर अपने रूम की तरफ बढ़ रही थी. तो मुझे स्टोर रूम से अमित के कराहने की आवाज़ सुनाई दी. मुझे लगा कि अमित किसी तकलीफ़ में है. में स्टोर रूम की तरफ बढ़ी. पर मेरे कदम स्टोर रूम के डोर पर ही रुक गये….

मुझे अपनी आँखों पर यकीन नही हो रहा था. जो में ये सब देख रही थी. एक **** साल का लड़का अपने हाथ से अपने लंड को तेज़ी से हिला रहा था. जैसे ही मेरी नज़र उसके 8 इंच लंबे और 3 इंच मोटे लंड पर पड़ी….मेरी तो मानो जैसे साँसे ही रुक गयी हो. उसका गोरे रंग का लंड इतना बड़ा था कि, मेरी फुद्दि में एक टीस सी उठी. और मेरी चूत में झुरजुरी सी दौड़ गयी…. लाइट की रोशनी में चमक रहा उसका गुलाबी सुपाडा तो और भी बड़ा लग रहा था. 

पता नही क्यों ये सब देख कर मेरे अंदर एक अजीब से खुमारी छाने लगी. पर तभी बाहर से डोर बेल बजी. मुझे लगा के, जीजा जी और दीदी आ गये हैं. में जल्दी से नीचे आ गयी, और डोर खोला. दीदी और जीजा जी वापिस आ चुके थे. वो दोनो खाना खा कर आए थे….उसके बाद में अपने रूम में आ गयी. और सोने की कॉसिश करने लगी. पर मेरे ध्यान में अभी भी अमित का विशाल लंड छाया हुआ था. मेने अपनी नाइटी को अपनी कमर तक ऊपेर उठा रखा था. और अपनी चूत की आग को अपनी उंगलियों से शांत करने की कॉसिश कर रही थी. 

पर चूत की आग और बढ़ती जा रही थी……में एक दम से बोखला सी गयी. और उठ कर वाइन के दो पेग और मार लिए. पर फिर भी अमित का वो फुन्कारता हुआ लंड मेरी आँखों से हट नही रहा था. में काम वासना से एक दम विहल हो चुकी थी….अब मेरी चूत की खुजली और बढ़ चुकी थी….में बेड से खड़ी हुई, और अपनी नाइटी को ऊपेर उठा कर अपनी पैंटी को उतार कर फेंक दिया. और फिर रूम से बाहर आकर स्टोर रूम की तरफ चल पड़ी.

अमित उसी स्टोर रूम में सोता था. मेने उसके रूम का डोर नॉक किया. और थोड़ी देर बाद अमित ने डोर खोला. मेरे बाल बिखरे हुए थे. मेने रेड कलर की नाइटी पहनी हुई थी. जो मेरी थाइस तक लंबी थी. मुझे इस हालत में देख कर अमित मुझे घुरने लगा. “जी आंटी क्या हुआ” अमित ने मेरे बदन को घुरते हुए कहा.

में: वो अमित बेटा……मेरी पीठ बहुत दर्द कर रही है……तू थोड़ी देर के लिए मेरी पीठ दबा दे ना. मुझे नींद नही आ रही….

मेरे ये बात सुनते ही उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक आ गयी….और मुझे उसकी आँखों में वो वासना देख कर समझने में देर ना लगी की, ये भी मेरी तरह सेक्स का मारा हुआ है….और इसे पटाने में कुछ ख़ास मेहनत नही करनी पड़ेगी…..में पलट कर अपने रूम की तरफ जाने लगी. वो मेरे पीछे चल रहा था. में जानबूझ कर अपनी गान्ड को मटका कर चल रही थी. मेने तिरछी नज़रों से जब पीछे की ओर देखा, तो अमित अपने शॉर्ट्स के ऊपेर से अपने लंड को मसल रहा था.
Reply
07-25-2018, 10:56 AM,
#6
Lightbulb  RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
में अपने रूम में आकर पेट के बल बेड पर लेट गयी. मेने अमित को डोर लॉक कर आने को कहा. अमित ने डोर लॉक किया, और मेरे पास आकर बैठ गया. में बेड पर पेट के बल लेटी हुई थी….मेरी नाइटी मेरी जाँघो के ऊपेर तक चढ़ि हुई थी. और वो मेरी चिकनी जांघे देख रहा था.

अभी नीता मुझे अपने और अमित के बारे में बता ही रही थी कि, रामा ऊपेर आ गयी. रामा को देख कर नीता चुप हो गयी.

में: हां बेटा कुछ काम था क्या……

रामा: वो मम्मी खाना बन गया है. और लगा भी दिया है. नीचे आकर खाना खा लो.

में चाहती तो नही थी. पर फिर भी मुझे नीचे तो जाना ही था. मेने नीता की तरफ देखा, तो उसने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा. “यार अब तुझ्मे इतनी भी ना समझ नही है कि, आगे क्या हुआ तुम्हे अंदाज़ा ना हुआ हो” मेने हां में सर हिला दिया और रामा को बोला. “तुम चलो हम नीचे आ रहे हैं” रामा नीचे चली गयी.

में: तो फिर ये तेरी बेहन के घर में नौकर है. और तू इसे यहाँ ले आई. तेरी बेहन को पता है क्या, ये तेरे साथ है.

नीता: नही उसे नही पता. अब ये उसके पास नही रहता. और इसने वहाँ पर काम करना भी बंद कर दिया है.

में: तो फिर ये रहता कैसे है. कहाँ रहता है.

नीता: यार ये शुरू से अनाथ नही है. बचपन में इसके माँ बाप की मौत हो गयी थी. इसके पिता सरकारी नौकरी करते थे. 18 साल के होने पर इसे अपने पिता की नौकरी मिल जाएगी. अभी तो ये एक फॅक्टरी में काम कर रहा है. इसी सहर में. और अपने दोस्त के साथ उसके रूम में रहता है. और साथ में प्राइवेट स्टडी भी कर रहा है. अच्छा अब चल नीचे चल कर खाना खाते है……

में और नीता नीचे आ गये. नीचे रामा और सोनिना ने उन्दोनो का खाना रूम में लगवा दिया. और मेरा और अपना दोनो का खाना दूसरे कमरे में. हमने खाना खाया. और फिर मेने और रामा ने मिल कर दूसरे रूम में उन दोनो के सोने का इंतजाज़ कर दिया. वो रात मुझ पर बहुत भारी रही. मुझे रह-2 कर ये चिंता सता रही थी कि, कही रामा और सोनिया को किसी बात को लेकर शक ना हो जाए.
Reply
07-25-2018, 10:57 AM,
#7
Lightbulb  RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
रात के करीब 1 बजे में पेशाब लगने के कारण उठी, तो में रूम से बाहर निकल कर बाथरूम की तरफ जाने लगी. मेने देखा कि , उनके रूम में अभी भी लाइट जल रही थी. और अंदर से नीता की सिसकारियों की आवाज़ आ रही थी. मुझे तो बस यही डर सता रहा था कि, कही रामा और सोनिया को कुछ पता ना चल जाए. पर किसी तरह रात काट गयी. सुबह हुई तो मेने उनके रूम के डोर पर नोक कर उन्हे उठाया.

रामा और सोनिया पहले ही चाइ नाश्ता तैयार कर चुके थे. अमित और नीता उठ कर फ्रेश हुए, नाश्ता किए और जाने की तैयारी करने लगी. में घर के काम में लगी हुई थी, तब नीता मेरे पास आई. “अच्छा रेखा अब हमे चलना है” पर जाने से पहले मुझे तुझसे कुछ ज़रूरी बात करनी है.”

में: हां बोल ना.

नीता: देख टू तो जानती है कि, अमित का इस दुनिया में कोई नही है, और वो अपने दोस्त के साथ उसके रूम में रह रहा है. अमित अपने लिए रूम ढूँढ रहा है, और तुम्हारे पास तो इतने रूम खाली पड़े है. हो सके तो इसको अपने घर में रूम किराए पर दे दे. तेरा खर्चा पानी भी चलता रहेगा. देख ये तुझे महीने के 5000 रुपये देता रहेगा. बस एक आदमी का खाना ही देना पड़ेगा तुझे. 

में नीता की बात सुन कर चुप हो गयी. में जानती थी कि, अमित देखने में चाहे ही बच्चा लगता हो. पर नीता के साथ रह कर वो कुछ ज़्यादा ही मेच्यूर हो गया है. और मेरे घर में दो जवान बेटियाँ भी तो थी. इसीलिए में उससे हां नही कर पा रही थी.

में: नीता मुझे सोचने के लिए कुछ वक़्त चाहिए. तू तो जानती है ना कि, घर में दो दो जवान बेटियाँ है.

नीता: हां में समझ सकती हूँ. वैसे अमित वैसा लड़का नही है. बहुत ही समझदार है. में उसे समझा भी दूँगी. बाकी तू सोच ले. 

उसके बाद नीता और अमित दोनो घर से चले गये. नीता ने जो 5000 रुपये मुझे दिए थे. उससे हमें बहुत राहत मिली. दिन रात फिर से उसी तरह काटने लगी. मेने बाहर कई लोगो से भी कह दिया था कि, अगर कोई फॅमिली वाला रूम किराए पर रहने के लिए ढूँढे तो उसे हमारे घर के बारे में बता दें. 

में नही चाहती थी कि, में अपने घर पर किसी अकेले लड़के को रखूं. जो मेरे ही लड़कियो की उमेर का हो. में उन्हे समाज की इस गंदगी से बचा कर रखना चाहती थी. मेरा यही सपना था कि, वो अपने दामन पर किसी तरह का दाग लिए बिना अपनी ससुराल चली जाए. पर अभी ना तो मेरे पास इतने पैसे थे. और नी ही अभी उन दोनो की शादी की उम्र थी.

अब वो 5000 हज़ार तो ख़तम होने ही थे. और आख़िर कब तो उन पैसों से गुज़ारा होता. दिन बीत रहे थे. एक बार फिर से हमारी माली हालत खराब होती जा रही थी. कभी-2 मुझे लगता कि, उस दिन मेने अमित को कमरा देने से इनकार कर मेने बहुत बड़ी ग़लती कर दी. पर अब ना तो नीता का कोई पता था और ना ही अमित का. में किसी तरह सिलाई का काम करके अपने घर का खरच चला रही थी.

नवमबर का महीना शुरू हो चुका था. अब सर्दियाँ शुरू हो चुकी थी. एक दिन में अपनी छत पर बैठे हुई, धूप में सिलाई का काम कर रही थी. रामा और सोनिया दोनो अपनी सहेली के भाई की शादी में गयी हुई थी. तभी बाहर से डोर बेल बजी. मेने छत की दीवार के पास आकर नीचे देखा तो, नीचे कोई खड़ा था. में उसका चेहरा नही देख पा रही थी.

में: (छत पर से आवाज़ लगाते हुए) जी किसी मिलना है.

मेरी आवाज़ सुन कर उसने ऊपेर की तरफ देखा तो, मेने देखा कि नीचे जो लड़का खड़ा है, वो कोई और नही अमित है. उसने मुझे नीचे से नमस्ते कहा. में नीचे आ गयी, और गेट खोला.

अमित: नमस्ते आंटी जी.

में: नमस्ते बेटा. तुम इधर कहाँ ?

अमित: वो उस दिन शायद नीता आंटी ने आपको बताया हो कि मुझे रूम की ज़रूरत है.

में: हां बताया था. तुम अंदर आओ.

में और अमित अंदर आ गये. मेने उसे रूम में बैठाया. और उसे पानी के लिए पूछा, तो उसने मना कर दिया. “चाइ तो पी लो.” पर अमित ने मना कर दिया ये कह के, उसे थोड़ा जल्दी है वापिस जाना है काम पर. वो लंच टाइम पर घर आया था. मुझे एक बार फिर से कुछ आमदनी की आस हुई. पर मुझे नज़ाने क्यों सही नही लग रहा था. मेरे अंदर हज़ारो सवाल थी. और आख़िर कार मेने उससे अपनी मन की बात कह दी.

में: देखो बेटा मुझे भी रूम को किराए पर देने की उतनी ही ज़रूरत है. जितनी तुम्हें. पर पहले मेरी बात ध्यान से सुन लो.

अमित: जी आंटी बोलिए.

में: देखो अमित में जानती हूँ कि, तुम्हारे और नीता के बीच में किस तराहा का रिश्ता है…..में यी भी जानती हूँ कि तुम उम्र के किस दौर से गुजर रहे हो. और में नही चाहती कि, मेरी बेटियों पर इन बातों का असर पड़े.

तुम समझ रहे हो ना में क्या कहना चाहती हूँ. मेरी दो जवान बेटियाँ है बेटा. हम बहुत ग़रीब लोग है. और हमारी इज़्ज़त के सिवा हमारे पास कुछ नही है. अगर तुम्हे मेरे घर में रूम चाहिए तो, अपनी हदों में रहना होगा.
Reply
07-25-2018, 10:57 AM,
#8
Lightbulb  RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
अमित: (मुझे बीच में टोकते हुए) आंटी जी आप फिकर ना करे. आपको अपने घर में मेरी माजूदगी कर अहसास तक नही होगा. में अपनी आँखें हमेशा फर्श की तरफ रखूँगा. आप मेरा यकीन मानिए……

में: देख लो अमित अगर मुझे तुम्हारी कोई भी हरकत अच्छी ना लगी तो, तुम्हे उसी वक़्त ये घर छोड़ कर जाना होगा….

अमित: ठीक है आंटी जी. में आपको शिकायत का कोई मोका नही दूँगा. आप ये बताए कि आपको कितना रेंट चाहिए. 

में: (थोड़ी देर सोचने के बाद) बेटा मुझे नीता ने 5000 रुपये महीना कहा था. 

अमित: आंटी अब आप से क्या छुपाना. में फॅक्टरी में सिर्फ़ 8000 रुपये महीने का कमाता हूँ. बाकी आप जैसे कहे. वैसे 5000 हज़ार भी दे दूँगा. अगर आप खाना और मेरे रूम की सॉफ सफ़ाई और मेरे कपड़ों को धो सके तो.

में अमित की बात सुन कर सोच में पड़ गये. आख़िर अकेला कितना खा लेगा. और अगर दो तीन दिन में इसका एक सूट धोना भी पड़े तो कॉन सी आफ़त आ जाएगी.

में: पर में घर पर बेटियों को क्या कहूँगी , कि तुम यहाँ पर किराए पर क्यों रहे हो. 

अमित: आप उनसे कह देना कि में यहा पर पढ़ रहा हूँ. और नीता आंटी ने आप से मुझे यहा रखने के लिए कहा है.

मुझे अमित की बात सही लगी. मेने उससे हां कर दी. “ तो तुम कब अपना समान लेकर आ रहे हो “ मेने अमित से पूछा.

अमित: आंटी जी मेरे पास तो मेरे कपड़ो के सिवा कोई समान नही है. में कल सुबह आ जाउन्गा. कल सनडे है.

में: ठीक है तुम कल आ जाना. में तुम्हारे रहने वाले कमरे में एक सिंगल बेड लगवा देती हुई. पुराना है पर गुज़ारा कर लेना.

अमित ने हां में सर हिला दिया. और अपनी जेब से 5000 रुपये निकाल कर मेरी तरफ बढ़ा दिए. मेने हिचकते हुए उससे पैसे ले लिए. उसके अमित चला गया. पर में अजीब सी उलझन में थी. मेरे दिल के किसी कोने में शायद ये बात मुझे काट रही थी कि, में जो कर रही हूँ ठीक नही कर रही. मेने अपना ध्यान बटाने के लिए घर के काम में लग गयी. शाम हो चुकी थी, अब तक रामा और सोनिया वापिस नही आई थी. मुझे थोड़ी चिंता होने लगी.

मेने बाहर आकर गेट खोला और बाहर देखने लगी. पर मुझे ज़्यादा देर इंतजार नही करना पड़ा. थोड़ी देर में ही मुझे रामा और सोनिया आती हुई दिखाई दी. जब वो घर के सामने आई तो, मेने उनसे पूछा कि इतनी देर कहाँ लगा दी, तो सोनिया बोली, माँ अब शादी में टाइम तो लगता है ना. 

उसके बाद दोनो अंदर आ गयी. मेने रात के खाने की तैयारी पहले ही कर ली थी. थोड़ी देर रेस्ट करने के बाद मेने रामा और सोनिया को बुलाया, और उनको कहा. कि अमित कल से यहाँ रहने आने वाला है.

में: तुम दोनो ध्यान से सुनो. उस दिन जो आंटी और उनका बेटा हमारे घर आए थे ना. उनका बेटा अमित इसी सहर में आगे पढ़ रहा है. और वो कल से यही हमारे घर पर रहेगा. 

रामा: जी माँ.

में: देखो बेटा में चाहती हूँ कि, तुम दोनो उससे ज़्यादा बात मत करना. अपने काम से मतलब रखना.

सोनिया: जी मम्मा.

में: मेने उसको नीचे वाला ही रूम दिया है. खाना तो मेने तैयार कर दिया है. अब तुम मेरे साथ मिल कर उस कमरे की थोड़ी सफाई कर दो. और हां जो बाहर बैठक में सिंगल बेड पड़ा है, उसे उसके रूम में शिफ्ट करना है.

दोनो ने हां में सर हिला दिया. उसके बाद हम तीनो ने कमरे की सफाई की, और उसके रूम में कुछ समान सेट करवा दिया. काम करने के बाद हम तीनो काफ़ी थक गये थे. थोड़ी देर आराम करने के बाद हमने रात का खाना खाया, और सोने के लिए अपने-2 कमरो में चले गये. 
Reply
07-25-2018, 10:57 AM,
#9
Lightbulb  RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
सोनिया और रामा दोनो मेरे रूम के साथ वाले रूम में सोती थी. अगली सुबह में थोड़ा सा असहज महसूस कर रही थी. में सोच रही थी कि, मेने कोई बड़ी ग़लती तो नही कर दी, अमित को रूम रेंट पर देकर. फिर मेने सोचा, अभी हालत ऐसे है कि, में कुछ कर भी नही सकती, जब मेरे बाकी रूम रेंट पर चढ़ जाएँगे तो, में अमित को दूसरा रूम लेने के लिए कह दूँगी. 

सुबह के 10 बजे में घर के आँगन में बैठी हुई, सिलाई का काम कर रही थी, कि तभी मुझे घर के बाहर बाइक के रुकने की आवाज़ आई. गेट बंद था, में गेट की तरफ देखने लगी. फिर थोड़ी देर बाद डोर बेल बजी, में खड़ी हुई, और गेट की तरफ जाकर गेट खोला, तो सामने अमित अपने बॅग के साथ खड़ा था. मेने अपने होंटो पर ज़बरदस्ती मुस्कान लाते हुए उसे अंदर आने को कहा. उसने पहले अपना बॅग घर के अंदर रखा, और फिर बाइक घर के अंदर कर ली.

उसके अंदर आने के बाद मेने गेट लॉक कर दिया. “नमस्ते आंटी जी” अमित ने मुस्कुराते हुए कहा.” मेने उस के रूम की तरफ इशारा करते हुए कहा. “चलो तुम्हे रूम दिखा देती हूँ. “ और उसके बाद में उसे उसके रूम में ले गयी.

में: अमित ये तुम्हारा रूम है. तुम अपना समान सेट कर लो. में तुम्हारे लिए चाइ नाश्ते का इंतज़ाम करती हूँ.

अमित: ठीक है आंटी जी.

में रूम से बाहर आ गयी. मेने देखा कि रामा और सोनिया दोनो अपने रूम के डोर के पीछे खड़े होकर बड़ी उत्सुकता से देख रही थी. मेने सोनिया को आवाज़ लगाई , तो वो थोड़ी घबरा गयी. और मेरे पास किचन में आ गयी. “जी माँ”


में: ऐसे छुप-2 कर क्या देख रही हो.

सोनिया: कुछ नही माँ वैसे ही.

में: चल छोड़ ये सब और चाइ नाश्ता तैयार कर दे, अमित के लिए. 

सोनिया: जी माँ.

में बाहर आकर फिर से अपने सिलाई का काम करने लगी….हमारा घर छत से पूरा कवर था. बस ऊपेर जाने के लिए सीडया थी. और उन सीडयों पर पर लोहे का गेट लगा हुआ था. जो हमेशा खुला रहता था. जब कभी हम तीनो एक साथ बाहर जाते थे, तो छत वाला गेट भी बंद कर के जाते थे. घर के पीछे की तरफ दो रूम थे. जिसमे से एक में में सोती थी, और दूसरे में रामा और सोनिया. उसके बाद हमारा किचन था. और गेट के पास एक तरफ दो रूम और थी. गेट के साथ वाला रूम खाली था.

और उससे पिछले वाले रूम को अमित को दिया था. तो में बाहर बरामदे में बैठी थी, ठीक अमित के रूम के सामने, उसका रूम का डोर खुला था. और वो अपनी पेंट शर्ट उतार रहा था. उसने पेंट उतारने के बाद अपने बॅग में से एक शॉर्ट निकाला, और पहन लिया. फिर टीशर्ट पहन कर बेड पर लेट गया.
Reply
07-25-2018, 10:57 AM,
#10
Lightbulb  RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
शाम ढाल चुकी थी……..आज में बहुत रिलॅक्स फील कर रही थी……रामा और सोनिया दोनो बहुत खुस लग रही थी. और ऊपेर छत पर बातें कर रही थी….इतने में अमित अपने रूम से बाहर आया, और बातरूम में चला गया….में बाहर बैठ कर काम कर रही थी…..बाथरूम से आकर वो मेरे साथ थोड़ी दूरी पर नीचे फर्श पर बैठ गया…….

में: चाइ पीओगे बेटा…..

अमित: नही आंटी जी….

फिर थोड़ी देर खामोशी रही………

अमित: आंटी जी एक बात पुच्छू……

में: हां बोलो……..

अमित: आंटी जी दोपहर घर में बहुत शोर हो रहा था कोई आया था क्या ?

में: हां वो मेरे जेठ जी और जेठानी आए थे…..

अमित: ओह्ह अच्छा…….सॉरी आंटी ये आप की घर के निजी बातें है……पर मेने सुना कि आप किसी की शादी और रिस्ते की बात कर रही थी….किसकी शादी है…….

में: खुस होते हुए) वो मेरी जेठानी है ना..उसकी बेहन के लड़के का रिश्ता आया है रामा के लिए….बहुत अच्छे लोग है..अगले सनडे को रामा की शादी है उससे….लड़का सरकारी नौकरी करता है……और पता है. दहेज भी कुछ नही माँग रहे….बोल रहे थे अपनी लड़की को तीन कपड़ों में विदा कर दे…..

अमित: ये तो बहुत अच्छी बात है आंटी जी पर ?

अमित बोलते-2 चुप हो गया……..”पर क्या अमित” 

अमित: जाने दीजिए…..ये आप के घर की बात है…और वैसे भी आपने सोच समझ कर ही फ़ैसला लिया होगा…….

में: (अमित की बात सुन कर सोच में पड़ गयी.कि कहीं मेने कोई जल्द बाजी तो नही कर दी) बोलो अमित में बुरा नही मानूँगी…..तुम्हे तो पता है कि मेरी बेटियों का मेरे सिवाय कोई नही है….जो ऐसे फैंसले ले सके…..

अमित: आंटी जी आप ने लड़के को देखा है ?

में: हां उसकी फोटो देखी है……अंदर रूम में है…..

अमित: आंटी जी क्या में वो स्नॅप देख सकता हूँ……..

में: हां में अभी लेकर अत्ती हूँ……..

में रूम में गयी……और उस लड़के का स्नॅप ले आई……और अमित को देखते हुए बोली…..”ये देखो” अमित ने मेरे हाथ से स्नॅप ली, और बड़े गोर से देखने लगा. कोई 3-4 मिनिट देखने के बाद अमित बोला…….”आंटी जी हमारी रामा वहाँ पर राज करेगी” में उसके मूह से हमारी रामा सुन कर थोड़ा हैरान हो गयी. पर अगले ही पल जैसे उसको अपनी ग़लती का अहसास हुआ.

अमित: ओह्ह सॉरी आंटी जी……वो ऐसे ही मूह से निकल गया……….दरअसल में तो अनाथ हूँ ना….तो जब भी कोई मुझसे अपने दिल के बात करता है या फिर थोड़ा प्यार करता है….में जल्द ही उनको अपना मानने लगता हूँ……

में: अर्रे कोई बात नही…….अब तुम अकेले नही हो…….वैसे तुम्हे कैसे लगा कि रामा वहाँ खुस रहगी….क्या तुम जानते हो इस लड़के को……

अमित: नही आंटी जी जानता तो नही….पर आप यकीन नही करोगे……

में: क्या…….

अमित: में किसी के भी चेहरे को देख कर ये बता सकता हूँ कि, वो इंसान कैसा है…..उसकी फ़ितरत कैसी है…..और ये फोटो देख कर भी में किसी के बारे में बता सकता हूँ……….

में: तुम सच कह रहे हो अमित…….

अमित: हां आंटी जी……अभी तक तो मेने जिसके बारे में जो जो बताया है वो ठीक ही हुआ है……..

उसके बाद में और अमित यूँ ही इधर उधर के बातें करते रहे…मुझे मालूम ना था कि, अमित इतनी जल्दी मुझसे इतना घुल मिल जाएगा कि, में उससे अपने घर के बातें भी करने लगी…..

अमित: ठीक है आंटी जी….अगर किसी तरह की मदद के ज़रूरत हो तो, मुझे बोल देना….शरमाईएगा मत….मेने कुछ पैसे जोड़ रखे है बॅंक में…अगर ज़रूरत हो तो बता देना…..और समझ लेना कि मेने आपको रेंट अड्वान्स दिया है…..

में: ठीक है बेटा….फिलहाल तो अभी ऐसे कोई ज़रूरत नही है…….पर हां तुम मेरी मदद कर दोगे……

अमित: हां आंटी जी क्यों नही…….

में: वो दरअसल बात ये है कि, अगले सनडे को रामा की शादी करनी है. तो उसके लिए नये कपड़े खरीदने है. तुम मुझे मार्केट ले चलोगे……तुम्हारे पास तो बाइक है……

अमित: हां आंटी पर ?

में: क्यों क्या हुआ ?

अमित: में कह रहा था कि, आप रामा को भी साथ ले चलो…..आख़िर शादी उसकी है, उसे अपनी पसंद की ड्रेसस खरीदने दो……

मुझे अमित के बात सही लगी..इतनी कम उमर में ही कितना समझदार है. वरना ये बात तो मेरे दिमाग़ में भी नही थी………अक्सर में ही रामा और सोनिया के लिए कपड़े खरीद कर लाती थी…..और उन्हने ने भी कभी कोई शिकायत नही की थी…..

में: पर एक बाइक पर तीन लोग कैसे जा सकते है……

अमित: फिर टॅक्सी या ऑटो में चलते है……..

में: हां ये ठीक रहेगा…..
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,301,228 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,435 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,151,640 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 872,290 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,543,009 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,987,486 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,797,871 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,519,660 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,827,021 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,306 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)