Adult kahani पाप पुण्य
09-10-2018, 01:33 PM,
#1
Star  Adult kahani पाप पुण्य
दोस्तों, ये कहानी मैंने काफी समय पहले कही पढ़ी थी और मुझे बहुत पसंद आई थी. कहानी का लेखक कोई और है मैं सिर्फ इसे हिंदी में देने की कोशिश कर रहा हूँ.

बात १९९९ की है जब मैं १२वी में पढता था. हम एक छोटे से शहर में रहते थे और हमारा एक छोटा सा परिवार था. मुझे मिला कर घर में कुल 4 लोग थे. पहले घर के बड़े मेरे मम्मी (४८ साल) और पापा (५५ साल), फिर मेरी एकलौती बेहन रश्मि (१९ साल) और सबसे छोटा मैं मोनू(१६ साल).
मेरी बहन रश्मि बहुत ही खूबसूरत है. दीदी की हाईट ५'५", स्लिम, दूधिया रंग और जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद है उनके रेशमी लम्बे काले बाल जो उनके कमर के नीचे तक आते है. कुल मिला कर रश्मि दीदी किसी फिल्म एक्ट्रेस से कम नहीं लगती थी. दीदी बीकॉम कर रही थी और उनकी मैथ बहुत अच्छी थी और मुझे वही मैथ पढ़ाती थी. १०वी के बाद मेरा स्कूल बदल गया था और इस नए स्कूल में ज्यादा दोस्त नहीं है बस दो तीन गिने चुने दोस्त है. उन्ही में से एक दोस्त है रिशू. जब मै नया नया इस स्कूल में आया था तो कुछ लडको ने मेरी रैगिंग करने की कोशिश की थी तब रिशू ने मुझे बचा लिया था. तब वो १२वी में था और 2 साल से फेल हो रहा था. अब वो तीसरी बार फेल हो कर मेरा क्लास फेलो हो गया है.
दरअसल रिशू की माँ और मेरी मम्मी पुराने दोस्त है, मैं कामिनी आंटी (रिशू की मम्मी) को तो अच्छे से जानता हूँ क्योंकि वो अक्सर मेरे घर आती है और मम्मी और दीदी के साथ घंटो बातें करती रहती है. पर रिशू कभी मेरे घर नहीं आया पर उसने मुझे किसी फंक्शन में मेरी मम्मी के साथ देखा था तो वो मुझे जानता था इसीलिए उसने मुझे रैगिंग से बचा लिया था. क्योंकि वो ५-६ साल से इसी स्कूल में था और वो गुंडागर्दी ज्यादा करता था पढाई कम इसीलिए सब उससे डरते थे. तभी से मैंने उससे दोस्ती करली ताकि मुझे स्कूल में कोई परेशान न करे.

मेरा स्कूल एक सरकारी स्कूल था जिसमे सिर्फ लड़के पड़ते थे. एक दिन लंच टाइम में रिशू मेरे पास आया और बोला "अबे अकेले अकेले क्या खा रहा है." मैंने बोला भाई "आप भी खा लो" तो वो हसने लगा और बोला जल्दी से खा ले तुझे एक चीज दिखानी है. मैंने जल्दी जल्दी खाना खाया और रिशू से बोला हां भाई क्या चीज दिखानी थी. रिशू मुझे क्लास के पीछे मैदान में ले गया जहा कोई और नहीं था और अपनी शर्ट के अन्दर से एक किताब निकल कर मुझे दिखाई. उस किताब में नंगी लडकियों की फ़ोटो बनी थी. रिशू का चेहरा चमक रहा था और पहली बार नंगी लड़की का फ़ोटो देख कर मेरा चेहरा उत्तेजना और शर्म से लाल हो गया था.

मेरा चेहरा देख कर रिशू बोला अबे चूतिये क्या हुआ? तेरी गांड क्यों फट रही है. मैंने कहा रिशू भाई कोई देख लेगा. अगर किसी ने पकड़ लिया तो बहुत पिटाई होगी.
रिशू बोला अबे साले फट्टू. इतनी मुश्किल से तो ये किताब का जुगाड़ किया है मैंने. पता है दिल्ली से मंगवाई है. यहाँ नहीं मिलती. और वो किताब के पन्ने पलटने लगा. दुसरे पन्नो में लडकियों के साथ नंगे लडको की भी तस्वीरे थी और कुछ तो चुदाई की भी थी. जिंदगी में पहली बार मैंने ये सब देखा था. मुझे डर भी लग रहा था और देखने की इच्छा भी हो रही थी. तभी बेल बजी और हम दोनों वापस क्लास में आ गये और मास्टर भी क्लास में आ गए थे पर मेरा मन अब भी बाकि की तस्वीरों को देखने का हो रहा था.

उस दिन जब मै घर गया तो घर पर सिर्फ मम्मी ही थी पापा शाम को ७ बजे तक ऑफिस से आते थे और दीदी 4 बजे कॉलेज से आती थी. खैर मैं खाना खा कर अपने कमरे में आराम करने चला गया. मैं आपको ये बता दूं की मेरा और दीदी का कमरा एक ही है बस बेड अलग अलग हैं. मार्च का महीना था ज्यादा गर्मी नहीं थी तो मुझे जल्दी ही नींद आ गयी. मुझे सपने में भी वोही नंगी लड़कियां उनके बूब्स नज़र आ रहे थे. तभी अचानक मेरी आँख किसी शोर से खुल गयी. सामने बेड पर दीदी की किताबे पड़ी थी यानि वो कॉलेज से लौट आई थी. सपनो की वजह से मेरे पैजामे में टेंट बना हुआ था. वो तो मैं उल्टा सो रहा था वरना दीदी को भी दिख जाता. मैं अपना लंड पैजामे में एडजस्ट कर ही रहा था की रश्मि दीदी रूम में आ गयी. उन्होंने पिंक कुरता और ब्लैक चूरीदार पहना हुआ था.

और mr. जाग गए, कितना सोते हो. दीदी ने अपना दुपट्टा स्टडी टेबल पर रखते हुए कहा. अभी भी मैं थोडा खुमारी में था. दुपट्टा हटने से रश्मि दीदी के बूब्स उभर कर आ गए और मेरी नज़र उनसे चिपक गयी. पहले भी मैं दीदी को कई बार बिना दुप्पटे के देख चूका हूँ पर पता नहीं क्यों उस दिन उनके दुपट्टा हटाते ही मुझे वो नंगी तस्वीरो की याद आ गयी और मैं उन लडकियों के बूब्स की तुलना दीदी के बूब्स से करने लगा . तभी दीदी अपने बेड पर बैठ गयी और अपने जुड़े को खोल दिया और उनके सेक्सी बाल उनके कंधो पर लहरा गए और मेरे लंड ने एक झटका लिया. क्या हुआ ऐसे क्या देख रहा है दीदी ने मुझसे कहा. मझे ऐसे लगा की मेरी चोरी पकड़ी गयी है. घबरा कर मैं बोला वो वो कुछ नहीं... आपके बाल ... मेरा गला सूख रहा था तभी दीदी हँसते हुए मेरे बगल में आ कर बैठ गयी.

मुझे उनके बदन से deo की भीनी भीनी खुसबू आ रही थी और साथ ही डर भी लग रहा था की कही दीदी मेरे पैजामे की तरफ न देख ले पर दीदी ने मेरे गाल पर एक प्यार भरी चपत लगाई और बाहर जाने लगी. उनके लम्बे बाल उनके कंधो पर बड़ी ही सेक्सी तरीके ले लहरा कर मुझे मुह चिढ़ा रहे थे.

अगले दिन रिशू मुझे क्लास में छेड़ते हुए बोला अबे वो किताब कैसी लगी तुझे मज़ा आया था. हम क्लास में पिछले डेस्क में बैठे थे.

कितनी बार मुठ मारा तूने बोल बोल भाई से क्या शर्म. वो फिर बोला

मैंने ऐसा कुछ नहीं किया मैंने चिढ़ते हुए कहा

अबे चूतिये सिर्फ फ़ोटो देख के तेरा ये हाल है अगर तुझे फिल्म दिखा दी तो क्या होगा. बोल देखेगा नंगी लडकियों की फिल्म

ये सुन कर मेरे लंड में हरकत होने लगी और न चाहते हुए भी मेरे मुह से निकला क..क..कहा देखेंगे

वो मुझ पर छोड़ दे बस छुट्टी के बाद मेरे साथ चलना.

छुट्टी के बाद वो मुझे स्कूल के पास वाले साइबर कैफे में ले गया. कैफे वाला रिशू को पहचानता था उसने हमें कोने का एक केबिन दे दिया. कंप्यूटर रिशू ऑपरेट कर रहा था. देख कर लग रहा था की वो काफी एक्सपर्ट है. तभी उसने एक साईट ओपन कर के एक लिंक पर क्लिक किया और कुछ सेकेंड बाद एक क्लिप चलने लगी जिसमे एक आदमी एक लड़की के ऊपर चढ़ा था लड़की झुकी हुई थी और वो आदमी जोर जोर से धक्के लगा रहा था. ये देख कर मेरा लंड एक दम तन कर खड़ा हो गया

इसको चुदाई कहते है मेरे लाल. देख कैसे चोद रहा है लड़की की चूत को. रिशू बोला

मै कुछ बोल नहीं रहा था बस कंप्यूटर स्क्रीन को घूरे जा रहा था. गला सूख रहा था और दिल जोर से धड़क रहा था. डर भी लग रहा था की खाई कोई पकड़ न ले.
अचानक मेरी ऑंखें नीचे गयी तो मैंने देखा की रिशू की पेंट का टेंट मेरे टेंट से काफी बड़ा था. मैंने फिर से कंप्यूटर की तरफ देखा अब एक दूसरी क्लिप चल रही थी जिसमे दो काले आदमी एक गोरी लड़की को बड़ी बेरहमी से चोद रहे थे. ये देख कर मेरा लंड और अकड़ गया. क्लिप छोटी छोटी ही थी पर उनसे मेरे अन्दर बड़ी बड़ी उमंगें जग गयी थी. हम १ घंटे के बाद अपने अपने घर चले आये.
Reply
09-10-2018, 01:34 PM,
#2
RE: Adult kahani पाप पुण्य
आह फ़क मी हह आह लड़की चिल्ला रही थी. ये वोही लड़की थी जिसे मैंने दोपहर को फिल्म में देखा था बस अंतर इतना था की काले आदमी की जगह अब उसे मैं चोद रहा था. फ़क मी आह यस आह मेरी ऑंखें बंद थी तभी मुझे कुछ गीला गीला लगा मेरी ऑंखें खुल चुकी थी और मेरा सपना टूट गया था पर मेरे लंड ने सपना देखते देखते ही पानी छोड़ दिया था. सामने घडी में रात के दो बज रहे थे. नाईट बल्ब की लाल रौशनी कमरे में फैली हुई थी और सामने के बेड पर रश्मि दीदी सो रही थी. दीदी सीधे लेती हुई थी. उनकी चून्चिया बिलकुल सीधे तनी हुई थी और उनकी सांसो के साथ जुगलबंदी कर रही थी. मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए और मेरी नज़रे उन उभारो पर जम गयी और मेरे पैजामे में फिर से वोही हलचल होने लगी. मुझे समझ नहीं आ रहा था की अपनी बेहेन को देख कर क्यों मुझे ऐसा हो रहा है. मैं गिल्ट फील करने लगा और उठकर बाथरूम चला गया और लौट कर नाईट बल्ब बंद करके सो गया.

अगली सुबह मेरी आँख ८ बजे खुली तो मैंने देखा की दीदी का बैग टेबल पर रखा है मतलब दीदी कॉलेज नहीं गयी थी. मैं फ्रेश हुआ और नीचे ड्राइंग रूम में चला गया. रश्मि दीदी सोफे पर बैठ कर टीवी पर न्यूज़ देख रही थीं. मुझे फिर रात की बात याद आ गयी और फिर से मुझे गिल्ट फील होने लगा.
अरे तू जाग गया. आ बैठ. दीदी मुस्कुराते हुए बोली.

आप कॉलेज नहीं गयी दीदी मैंने पुछा.

लो कर लो बात. कहा दिमाग रहता है तेरा. अरे सन्डे को कॉलेज कब से खुलने लगा भाई.

अरे हाँ आज तो सन्डे है. मम्मी और पापा कहा है. मैंने पुछा और मन में सोचा की रिशू के साथ रहते हुए मै भी कैसा होता जा रहा हूँ.

वो तो बुआ के यहाँ गए है शाम तक आएंगे. दीदी टीवी देखते हुए बोली. मम्मी नाश्ता और खाना बना कर गयी है. चाहिए तो मांगना मैं दे दूँगी. मैंने भी अभी नाश्ता नहीं किया है.

मैंने कहा दे दो और दीदी किचेन में चली गयी और मैं रिमोट लेकर चैनल बदलने लगा पर रिमोट के सेल वीक हो गए थे और कई बार बटन दबाने से के बाद बड़ी मुश्किल से एक चैनल लगा जसमे जानवरों के बारे में बता रहे थे तो मैं वही देखने लगा. थोड़ी देर में दीदी नाश्ता ले आई और हम दोनों नाश्ता करने लगे.

तू बड़ा होकर जरूर जानवरों का डॉक्टर बनेगा दीदी हँसते हुए बोली.

क्यों दीदी. मैं बोला

सारा दिन टीवी पर जानवरों को जो देखता रहता है. दीदी अपने रेशमी बालो को खोलकर अपने सीने पर डालते हुए बोली. मेरा तो बुरा हाल हो गया. एक तो दीदी इतनी खूबसूरत और उस पर जब वो अपने बाल खोल लेती हैं तो बॉलीवुड क्या हॉलीवुड भी फ़ैल हो जाता है.

ला अपना लेफ्ट हैण्ड दे मैं तेरा फ्यूचर बताती हूँ. कहते हुए दीदी ने मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया. क्या मुलायम हाथ था उनके हाथो में मेरा हाथ एकदम काला नज़र आ रहा था. हां तो तू बड़ा होकर एक बहुत बड़ा हां जोकर बनेगा. दीदी मेरा मजाक बना कर हंस रही थी पर मैं उनकी ख़ूबसूरती को निहार रहा था.

थोडा हंसी मजाक के बाद हम फिर से टीवी देखने लगे. फिर कुछ ऐसा हुआ की मेरी ही नहीं दीदी की भी हंसी रुक गयी. दरअसल टीवी पर कुछ जेब्रा दिखाए जा रहे थे की अचानक एक मेल जेब्रा फीमेल जेब्रा को पीछे से सूंघने लगा और चाटने लगा. चैनल के कैमरामैन का पूरा फोकस अब वही पर था. फिर कैमरे का फोकस जेब्रा की टैंगो की तरफ हुआ और अब उसका लंड पूरा लाल हो कर विशालकाय रूप ले चूका था. उसका लंड देख कर ही हम दोनों की हंसी रुक गयी थी और आवाज़ बंद हो गयी थी. मैंने दीदी की तरफ देखा वो बिना पलकें झपकाए एकटक टीवी देख रही थी. उनके सीने के उभर कुछ और तन गए थे. उनकी सांस भी कुछ तेज चल रही थी. अचानक उन्होंने मुझे देखा और उनका चेहरा शर्म से लाल हो गया और उन्होंने बिना कुछ बोले रिमोट उठाया और चैनल चेंज करने की कोशिश करने लगी पर बैटरी वीक होने की वजह से चैनल नहीं बदला और वो जेब्रा फीमेल जेब्रा पर चढ़ गया. मेरा हाथ अभी भी दीदी के हाथ में था जो उनकी जांघ पर रखा था. उनकी कोमल त्वचा का एहसास मुझे उनके पैजामे के ऊपर से भी हो रहा था.तभी जेब्रा ने एक ही झटके में अपना विशाल लंड फीमेल जेब्रा की चूत में घुसा दिया और दीदी ने उस पहले झटके के साथ ही मेरा हाथ कास के भींच लिया. मेरी हालत बहुत बुरी हो गयी थी ऐसा लग रहा था की मैं दीदी के साथ बैठ कर ब्लू फिल्म देख रहा हूँ. मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था और उधर जेब्रा लगातार झटके मार रहा था.

मुझ पर सेक्स का नशा चढ़ता जा रहा था और अब दीदी भी चैनल बदलने की कोशिश नहीं कर रही थी. कुछ तो उन जानवरों का सेक्स देख कर और कुछ दीदी की नरम जांघ की गर्मी मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपने हाथों को थोडा खोला और दीदी की राईट जांघ, जिस पर मेरा हाथ था, को कस कर दबा दिया... बस मेरे लिए इतना ही काफी था और मेरे लंड ने पानी छोड दिया. तभी फ़ोन की रिंग बजी और दीदी जैसे नींद से जागी और फ़ोन उठाने के लिए चली गयी और मैं बाथरूम की तरफ.
Reply
09-10-2018, 01:34 PM,
#3
RE: Adult kahani पाप पुण्य
बस उस दिन और कुछ ख़ास नहीं हुआ. बस हम दोनों के बीच ज्यादा बात नहीं हुई और धीरे धीरे एक हफ्ता बीत गया. मैं रिशू के साथ एक दो बार साइबर कैफ़े भी हो आया और रिशू के साथ अब मैं खुल कर सेक्स के बारे में बात करने लगा. उसकी सेक्स की नॉलेज सिर्फ बुक और फिल्म तक ही नहीं थी बल्कि उसकी बातो से लगता था की उसने कई बार प्रक्टिकल भी किया था पर किसके साथ ये उसने मुझे नहीं बताया.

कुछ दिनों बाद पापा दीदी के लिए घर में ही कंप्यूटर ले आये थे और मैं अक्सर उसपर गेम खेलता रहता था. मेरे पेपर हो गए थे और हम रिजल्ट का वेट कर रहे थे. गर्मी की छुट्टिया शुरू हो गयी थी. उस दिन भी मैं गेम खेल रहा था. फ्राइडे का दिन था. दीदी मेरे पास आकर बोली चलो कंप्यूटर बंद करो और मेरे साथ बैंक चलो.

क्यों दीदी क्या हुआ.

अरे मुझे एक फॉर्म के साथ ड्राफ्ट भी लगाना है जल्दी से तैयार हो जा.

जब मैं तैयार हो कर नीचे पहुंचा तो दीदी ने भी ड्रेस चेंज करके एक ग्रीन कलर का कुरता और ब्लैक चूडीदार पहन लिया था और अपने रेशमी बालों की एक लम्बी पोनी बनी हुई थी.
जल्दी कर मोनू बैंक बंद होने वाला होगा. आज मेरे को ड्राफ्ट बनवाना ही है. कल फॉर्म भरने की लास्ट डेट है बोलते बोलते दीदी सैंडल पहनने के लिए झुकी तो उनके कुरते के अन्दर कैद वो गोरे गोरे उभार मुझे नज़र आ गए. मेरा दिल फिर से डोल गया और हम बैंक की तरफ चल पड़े.

मैंने मेह्सूस किया की लगभग हर उम्र का आदमी दीदी को हवस भरी नज़रो से घूर रहा था. पर दीदी उनपर ध्यान न देते हुए चलती जा रही थी. मुझे अपने ऊपर बड़ा फक्र हुआ की मैं इतनी खूबसूरत लड़की के साथ चल रहा था भले ही वो मेरी बहन ही.हम १५ मिनट में बैंक पहुँच गए पर उस दिन बैंक में बहुत भीड़ थी. ड्राफ्ट वाली लाइन एक दम कोने में थी और उसके आस पास कोई और लाइन नहीं थी. शुक्र था की वहां ज्यादा भीड़ नहीं थी.

मोनू तू यहाँ बैठ जा और ये पेपर पकड़ ले मैं लाइन में लगती हूँ दीदी बैग से कुछ पेपर निकलते हुए बोली.

मैं वही साइड पर रखी बेंच पर बैठ गया और दीदी कोने में जाकर लाइन में लग गयी. मैं बैठा देख रहा था की बैंक की ईमारत की हालत खस्ता थी. एक बड़ा हाल जिसमे हम लोग बैठे थे. और बाकि तीन तरफ कुछ कमरे बने थे. कुछ खुले थे कुछ में ताला लगा था. जिस जगह मैं बैठा था उसके पीछे के कमरे में तो सिर्फ टूटा फर्निचर ही भरा था.

खैर ये तो उस समय के हर सरकारी बैंक का हाल था. जहाँ दीदी खड़ी थी उस जगह तो tubelight भी नहीं जल रही थी, अँधेरा सा था. दीदी मेरी तरफ देख रहीं थी और मुझसे नज़र मिलने पर उन्होंने एक हलकी सी तिरछी स्माइल दी जैसे कह रही हो ये कहा फंस गए हम.

तभी दीदी के पीछे एक आदमी और लाइन में लग गया जिसकी उम्र करीब ३५ साल होगी. वो गुटका खा रहा था. उसने एक दम पुराने घिसे हुए से कपडे पहने थे. एक दम काले तवे जैसा उसका रंग था. गर्मी भी काफी हो रही थी.

कितनी भीड़ है बहेंनचोद... उसने गुटका थूकते हुए कहा.

तभी उसका फ़ोन बजा मैं तो अचम्भे में पड़ गया की ऐसे आदमी के पास मोबाइल फ़ोन कैसे आ गया. उस वक़्त मोबाइल रखना एक बहुत बड़ी बात थी वो भी हमारे छोटे से शहर में.
फ़ोन उठाते ही वो सामने वाले को गलिया देने लगा. बहन के लौड़े तेरी माँ चोद दूंगा वगेरह. दीदी भी ये सब सुन रही थी पर क्या कर सकती थी. उस आदमी को भी कोई शर्म नहीं थी की सामने लड़की है वो और भी गलिया दिए जा रहा था. मुझे गुस्सा आ रहा था पर तभी उसने फ़ोन काट दिया.

५ मिनट के बाद मैंने देखा तो मुझे लगा की जैसे वो आदमी दीदी से चिपक के खड़ा है. उसका और दीदी का कद बराबर था और उसने अपनी पेंट का उभरा हुआ हिस्सा ठीक दीदी के चूतरों पर लगा रखा था. मेरी तो दिल की धड़कन ही रुकने लगी. वो आदमी दीदी की शकल को घूर रहा था और दीदी के कुरते से उनकी पीठ कुछ ज्यादा ही नज़र आ रही थी. मुझे लगा वो अपनी सांसे दीदी की खुली पीठ पर छोड़ रहा था.

दीदी ने मेरी तरफ देखा तो मैं दूसरी तरफ देखने लगा जिससे दीदी को लगा मैंने कुछ नहीं देखा और दीदी थोडा आगे हुई तो मैंने देखा उस आदमी के पेंट में टेंट बना हुआ था उसने अपने हाथ से अपना लंड एडजस्ट किया, इधर उधर देखा और फिर से आगे बढकर दीदी से चिपक गया. अब उसकी पेंट का विशाल उभार उनके उभरे हुए चूतड़ो के बीच में कहीं खो गया. दीदी का चेहरा लाल हो गया था जिससे पता चल रहा था की दीदी के साथ जो वो आदमी कर रहा था उसको वो अच्छे से महसूस कर रही थी. एक बार को मेरा मन हुआ की जाकर उस आदमी को चांटा मार दूं पर पता नहीं क्यों मैं वही बैठा रहा और चुपचाप देखता रहा.

दीदी की तरफ से कोई विरोध न होते देख कर उस आदमी का हौसला बढ़ रहा था और वो दीदी से और ज्यादा चिपक गया और उनके बालों में अपनी नाक लगा कर सूंघने लगा. अब दीदी काफी परेशान सी दिख रही थी. दीदी की चोटी उस आदमी के बदन से रगड़ खा रही थी. मेरी बेहद खूबसूरत बहन के साथ उस गंदे आदमी को चिपके हुए देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा. तभी उस आदमी ने अपना निचला हिस्सा हिलाना शुरू कर दिया और उसका लंड पेंट के अन्दर से दीदी के उभरे हुए चूतरों पर रगड़ खाने लगा. ये हरकतें करते हुए वो आदमी दीदी के चेहरे के बदलते हुए हाव भाव देखने लगा.

उस जगह अँधेरा होने का वो आदमी अब पूरा फायदा उठा रहा था वैसे भी इतनी सुन्दर जवानी से भरपूर लड़की उसकी किस्मत में कहाँ थी. दीदी न जाने क्यों उसे रोक नहीं रही थी और बीच बीच में मुझे भी देख रही थी की कहीं मैं तो नहीं देख रहा हूँ. मैंने एक अख़बार उठा लिया था और उसको पढने के बहाने कनखियों से दीदी को देख रहा था. जब दीदी को लगा मैंने कुछ नहीं देखा तो वो थोड़ी रिलैक्स लगने लगी.

वो आदमी लगभग १० मिनट से दीदी के कपड़ो के ऊपर से ही खड़े खड़े अपना लंड अन्दर बहार कर रहा था. तभी मुझे लगा उस आदमी ने दीदी के कान में कुछ बोला जिसका दीदी ने कुछ जवाब नहीं दिया. फिर उस आदमी ने अपना दीवार की तरफ वाला हाथ उठा कर शायद दीदी की चूंची को साइड दबा दिया और दीदी की ऑंखें ५ सेकंड के लिए बंद हो गयी और उनके दान्त उनके रसीले होंठो को काटने लगे.

मुझे ठीक से समझ नहीं आया पर शायद वो आदमी हवस के नशे में दीदी की चूंची को ज्यादा ही जोर से दबा गया था.
Reply
09-10-2018, 01:34 PM,
#4
RE: Adult kahani पाप पुण्य
जब तक दीदी का नंबर आ गया था तो काउंटर पर बैठा आदमी बोला मैडम लंच टाइम है. दीदी ने कहा मैं बहुत देर से लाइन में लगी हूँ. उसने कहा वैसे तो अब काउंटर बंद होने का टाइम है पर १० मिनट वेट कीजिये, मैं खाना खाकर आता हूँ और वो विंडो बंद करके चला गया अब लाइन में केवल दीदी और वो गन्दा आदमी ही बचे थे. तभी उसने दीदी के कान में फिर से कुछ कहा और दीदी ने झिझकते हुए अपनी टांगो को थोडा खोल दिया. अब वो थोड़ी तेज़ी से दीदी के उभरे हुए चूतरों को ठोकने लगा. हवस का ऐसा नज़ारा देख कर मैं पागल हो गया की दीदी उसको सपोर्ट कर रही थी और उनको इस बात का भी डर नहीं था की अगर बैंक में कोई उनको ऐसे देख लेता तो कितनी बदनामी होती. मैं और देखना चाहता था की वो आदमी अब क्या करेगा.

तभी उसने दीदी से फिर कुछ कहा इस बार दीदी ने भी उसको कुछ जवाब दिया तो वो कुछ पीछे होकर खड़ा हो गया और दीदी ने मुझे आवाज़ लगाई मोनू जरा इधर तो आ. मैं उधर गया और अंजान बनकर दीदी से बोला क्या हुआ दीदी.

सुन यहाँ तो खाने का टाइम हो गया है अगर मैं हटी तो कोई और लाइन में लग जायेगा तो मैं यही लाइन में हूँ तू तब तक जाकर १० रेवेनु स्टाम्प ले आ. पापा ने मंगवाए थे और उन्होंने मुझे २० रुपये दिए. जा जल्दी से ले आ. मुझे गुस्सा तो बहुत आया पर क्या करता जाना तो पड़ेगा ही तो मैं पैसे लेकर जल्दी से पोस्ट ऑफिस की तरफ भगा. बाहर जाकर मैंने मुडकर देखा की वो आदमी फिर दीदी से कुछ कह रहा था. अब दीदी उसकी तरफ देख रही थी और उनका चेहरा अभी भी लाल था. मैं जल्दी से स्टाम्प लेने के लिए दौड़ने लगा और सोचने लगा की अब वो आदमी दीदी के साथ क्या कर रहा होगा. मेरी दीदी तो बहुत भोली है फिर दीदी ने मुझसे जाने के लिए क्यों कहा. क्या जो हो रहा था उसमे दीदी की मर्ज़ी थी. नहीं नहीं मेरी दीदी ऐसी लड़की नहीं है. वो शायद डर के कारण कुछ नहीं बोली थी. वो आदमी इसी का फायदा उठा रहा था. क्या अब वो रुक जायेगा. क्या दीदी उसको मना करेंगी. मैं येही सब सोच रहा था और स्टाम्प ले कर आने में मुझे 3० मिनट लग गए थे. मैं जल्दी से बैंक पहुच कर ड्राफ्ट की लाइन की तरफ बढ़ा पर वहां तो कोई भी नहीं था. और काउंटर बंद हो गया था.

बैंक में भीड़ भी नहीं थी ज्यादातर लोग चले गए थे. तभी मैंने देखा की वो टूटे फुर्निचर वाले रूम से वोही आदमी निकला और मैंने ध्यान से देखा की उसके पेंट की ज़िप खुली हुई थी. मुझे लगा दीदी शायद घर वापस चली गयी होंगी पर तभी उसी कमरे से दीदी भी अपने बाल ठीक करती हुई निकली.मेरी दिल की धड़कने एकदम से तेज़ हो गयी. दीदी उस कमरे में उस आदमी के साथ अकेले. जब वो खुले में इतना कुछ कर रहा था तो अकेले में क्या किया होगा? इस सवाल ने मेरे लंड में खून का दौरा बढ़ा दिया.

आप कहा चली गयी थी. मैं आपको ढूँढ रहा था. मैंने दीदी से कहा

दीदी हल्का सा घबरा गयी फिर मुस्कुरा कर बोली तू स्टाम्प ले आया.

हां ले आया और अपने ड्राफ्ट बनवा लिया.

नहीं यार वो क्लर्क बोला की आपका अकाउंट यहाँ होना चाहिए ड्राफ्ट बनाने के लिए दीदी बोली. दीदी का कुरता कई जगह से पसीने से तर बतर था मतलब दीदी उस कमरे में काफी देर रही थी .

दीदी मेरे सामने खड़ी थी मैंने ध्यान से देखा की उनके सूट पर बहुत झुर्रिया पड़ी हुई हैं खास करके उनकी छातियो पर पर जब हम घर से चले थे तो दीदी ने प्रेस किया हुआ कुरता पहना था, मैंने दीदी से सीधे पूँछ लिया की आप उस कमरे में क्या कर रही थी. दीदी मुस्करा कर बोली अरे उधर वाशरूम है न. पर मुझे लगता था ये काम उस गंदे आदमी के हाथों का है. मुझे अब बहुत जलन सी हो रही थी उस गंदे आदमी से और ऊपर से दीदी मुझसे झूट बोल रही थी मुझे लगा वो मेरे जाते ही काउंटर से हट कर उस टूटे फर्नीचर वाले अँधेरे कमरे में चली गयी थी तभी ड्राफ्ट नहीं बना.

मेरा ये सब सोच कर बुरा हाल था मेरा लंड भी बहुत अकड़ रहा था और मुझे बाथरूम जाना था. मैंने सोचा की मैं भी वाशरूम जाने को बोलता हूँ तो ये पता चल जायेगा की दीदी सच बोल रही है या नहीं. तो मैंने दीदी को वेट करने को बोला और उधर कमरे में चला गया. उस कमरे के एक कोने में लेडीज और दुसरे कोने में जेंट्स वाशरूम थे मतलब दीदी सच बोल रही थी और वो आदमी भी हो सकता है की बाथरूम से निकल कर आ रहा था जब मैंने उसे देखा. मैंने जल्दी से बाथरूम जाकर पेशाब की और बाहर आकर देखा की दीदी अभी भी अपना सूट ठीक कर रही थी.

मैं अब ध्यान से कमरे को देखने लगा टूटा पुराना फर्नीचर सीलन से भरा हुआ कमरा था ऊपर रोशनदान से हलकी रौशनी आ रही थी फर्श पर धुल की मोती परत जमी थी जिन पर लोगो के पैरो के निशान बने थे तब मैंने देखा की सब निशान तो बाथरूम की तरफ जा रहे हैं पर सिर्फ चार पैरों के निशान कमरे के दुसरे कोने की तरफ जा रहे थे जहाँ कुछ टेबल्स एक के ऊपर एक रखी थी और उनके पीछे जाकर वो पैरों के निशान आपस में ऐसे मिल रहे थे जैसे काफी खीचतान हुई हो. मैंने सोचा क्या ये दीदी और उस आदमी के निशान है. फिर मैं जल्दी से रूम से निकल आया.

फिर हम घर की तरफ चल पड़े. मैं यही सब सोच रहा था तो दीदी से थोडा पीछे हो गया. मैंने देखा की उनकी चोटी से भी काफी बाल बहार आ गए थे और उनकी गर्दन पर एक पिंक निशान भी था जैसे किसी ने काटा हो. रिशू के साथ वो सब गन्दी फिल्मे देखने से मेरे मन में गंदे ख्याल आने लगे की पक्का दीदी और उस आदमी के बीच कुछ हुआ है पर खड़े खड़े १५-२० मिनट में चुदाई तो नहीं हो सकती.

हमारे घर पहुँचने तक हममे कोई बात नहीं हुई. रात को भी मुझे नींद नहीं आ रही थी और रह रह कर बैंक की बातें मेरे दिमाग में घूम रही थी और सबसे ज्यादा ये की दीदी ने उस आदमी को रोका क्यों नहीं. ये सब सोचते सोचते मैंने सामने सोती हुई दीदी को देखा और मेरा हाथ अपने खड़े हुए लंड पर चला गया. और मैं जोर जोर से अपना लंड हिलाने लगा और थोड़ी देर बाद मेरा पानी निकल गया और मैं नींद के आगोश में डूब गया.
Reply
09-10-2018, 01:35 PM,
#5
RE: Adult kahani पाप पुण्य
अगले दिन शाम को मैं रिशू से कैफे में मिला और फिर से कुछ ब्लू फिल्म देखी और वहां से निकल कर मैं साथ के सरकारी टॉयलेट में घुस गया और पेशाब करने लगा तभी रिशू भी अन्दर घुस आया और बोला क्यों बे मुठ मार रहा है क्या और हँसते हुए मेरे बगल में खड़ा हो कर मूतने लगा.

आ आजा आह यलगार ... वो अपना मुह ऊपर करके बोला. तभी मेरी नज़र उसके लंड पर गयी. बाप रे कितना बड़ा लंड था उसका. मैं उसका साइज़ अपने से कम्पेयर करने लगा. हम दोनों के ही लंड खड़े थे अगर मेरा लंड ४.५ इंच का था तो उसका कम से कम ७.५ इंच का रहा होगा और मोटा भी ज्यादा था. मुझे लगा इसका बैठा हुआ लंड मेरे खड़े लंड के बराबर होगा. फिर मैंने सोचा की इसकी उम्र भी मुझसे ज्यादा है शायद इसीलिए.

तभी रिशू ने देखा की मैं उसके लंड को घूर रहा हूँ. क्यों कैसा लगा गांडू. वो मुझे छेड़ते हुए बोला. मुह में लेगा क्या. मैंने कोई जवाब नहीं दिया और अपनी ज़िप बंद करके बाहर आ गया.

अबे बोल न बड़ा है न. साले इसी पर तो लडकिया मरती है. वो भी बाहर आते हुआ बोला. इंडिया में कामन साइज़ ५-६ इंच का होता है. मेरा स्पेशल साइज़ है समझा और हम घर की तरफ बढ़ गए.

हम थोड़ी दूर ही गए थे तभी मुझे लगा की कोई मुझे बुला रहा है. मैंने पीछे देखा की रश्मि दीदी मेरे तरफ आ रही थी. उन्होंने आज आसमानी रंग की जीन्स और पैरेट कलर का टॉप पहना हुआ था. हालाकी हमारे शहर में उस वक़्त लडकिया जीन्स बहुत कम पहनती थी पर हमारे घर पर ऐसी कोई रोक टोक नहीं थी.

क्या बात है साले तू तो छुपा रुस्तम निकला... पूरे शहर में नहीं मिलेगा ऐसा माल फसाया है बे. रिशू दीदी को घूरते हुए बोला. मुझे बड़ा गुस्सा आया रिशू पर.

मैंने चिढ़ते हुए बोला वो मेरी बड़ी बहन है. फालतू बात मत करो.

तब तक दीदी हमारे पास आ चुकी थी. उनके बदन से deo की भीनी भीनी खुशबु आ रही थी.

कहा घूम रहा है और ये श्रीमान कौन है. दीदी रिशू की तरफ देखते हुए बोली.

मेरे कुछ कहने से पहले ही रिशू ने आगे होकर अपने हाथ बढ़ा दिया, जी मेरा नाम रिशू है मैं इसका दोस्त हूँ हम साथ ही पढ़ते है. दीदी ने भी अपना हाथ आगे करके रिशू से मिला लिया.

तब मैंने कहा ये कामिनी आंटी का बेटा है.

ok, very nice to meet you Rishu. तुमको तो कभी देखा ही नहीं. कभी अपनी मम्मी के साथ घर आयो न..

मैंने देखा रिशू की नज़रे सीधे दीदी की चूचियों पर गड़ी थी. टॉप दीदी के बदन पर एक दम फिट था और उसमे दीदी की गोलाईया बहुत आकर्षक लग रही थी. दीदी ने भी रिशू को अपने बदन का मुआएना करते हुए देख लिया और वो थोडा शर्मा गयी.

दीदी मैं तो घर ही जा रहा था. बस यहाँ रिशू से मिलने आया था. मैं बोला

अच्छा जल्दी से घर आ जाना. मुझे तुझसे कुछ काम है. दीदी बोली

आप फिकर मत करिए मैं खुद इसको घर छोड़ दूंगा. रिशू दीदी की आँखों में झांकता हुआ बोला और फिर से हाथ आगे बढ़ा दिया.

थैंक यू रिशू. दीदी ने उससे हाथ मिलते हुए कहा.

और हां दीदी अगर आपको मुझसे कोई काम हो तो जरूर बताइयेगा. ये कहते हुए रिशू ने दीदी का हाथ हलके से दबा दिया.

दीदी ने अपना हाथ छुड़ाया और जाने लगी. पीछे से रिशू उनके सुडोल और उभरे हुए चूतरो को देख रहा था और अपना लंड खुजा रहा था. ये देख कर मेरे मन में एक कसक सी उठी. न जाने क्यों.

फिर हम थोड़ी देर इधर उधर की बातें करते रहे और रिशू कहने लगा चल तुझे घर छोड़ आता हूँ. मैंने मना किया तो वो पीछे गया. बोला मैंने दीदी से प्रॉमिस किया है. दरअसल मैं जानता था की रिशू एक बिगड़ा हुआ आवारा लड़का है और मैं उसे अपना घर नहीं दिखाना चाहता था पर वो मुझे घर तक छोड़ ही गया. वो तो अन्दर भी आना चाहता था पर मैंने उसे बहाने से टरका दिया.

मैं घर में घुसा तो पापा ने कहा अरे तुझे रश्मि पूछ रही थी. पता नहीं क्या काम है. ऊपर रूम में गयी है जा देख.

मैंने ऊपर जा कर देखा तो दीदी बेड पर लेटी थी. मुझे देखते ही बोली आ गया तू. वो काम तो अभी रहने दे पहले मेरा सर बहुत दर्द कर रहा है जरा तेल लाकर मालिश कर दे. और वो उठ कर नीचे फर्श पर बैठ गयी. और में तेल लाकर बेड के ऊपर बैठ गया दीदी मेरे दोनों पैरों के बीच में आ गयी. दीदी ने एक पुरानी टीशर्ट और लोअर पहना हुआ था. मैंने अपने हाथों में तेल लिया और उनके रेशमी बालो में हाथ डाल दिए और हलकी हलकी मालिश करने लगा. तभी मेरा ध्यान दीदी के टीशर्ट के अगले हिस्से पर गया जिससे मुझे दीदी की चूचिया साफ़ दिख रही थी. दीदी ने ब्रा नहीं पहना था. पहली बार मैंने इतने करीब से दीदी के चूचियो को देखा था. जैसे जैसे चम्पी करते करते दीदी का सर हिलता था वैसे ही उनकी चूचिया भी हिलती थी. इस सबसे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और दीदी से सर से टच करने लगा.
Reply
09-10-2018, 01:35 PM,
#6
RE: Adult kahani पाप पुण्य
इसी उत्तेजना मे मैंने दीदी का सर थोडा जोर से रगड़ दिया.

आह आराम से भैया दीदी बोली.

मुझ पर तो मानो नशा सा हो गया, मुझे याद आने लगा रिशू दीदी को कैसे देख रहा था. मुझे वो बैंक वाला आदमी भी याद आ गया. मुझ पर वासना छाने लगी और मैंने दीदी के बालो को उठा कर अपने लंड पर डाल लिया और एक हाथ से उनके बालो को अपने लंड से रगड़ने लगा और दुसरे हाथ से उनका सर सहलाता रहा.

अरे दोनों हाथो से कर न. दीदी अपनी बंद आँखों को खोलते हुए बोलीं.

फिर मैंने उनके सर को थोडा पीछे करके अपने लंड पर भी लगाया और मैं झड़ने ही वाला था की मम्मी रूम में आ गयी.

क्या बात है बड़ी सेवा कर रहा है बहन की. मम्मी बोली.

मेरा सारा मज़ा किरकिरा हो गया.

सच में माँ ये बहुत अच्छी मालिश कर रहा है. दीदी हँसते हुए बोली.

चलो दोनों जल्दी से नीचे आ जाओ खाना लग गया है. दीदी ने जुड़ा बांध लिया और उठ गयी. मैंने अपने पर कण्ट्रोल किया और दीदी के साथ नीचे चला गया.

पिछले कुछ दिनों से मेरा दीदी के लिए बदलता नजरिया मुझे बहुत परेशान कर रहा था. अब वो मुझे अपनी बहन नहीं एक जवान लड़की लगने लगी थी. यह सब बाते मेरी ग्लानी को बढ़ा रही थी. मुझे लगता था ये पाप है. पर मै ये भी सोचता था की अगर दीदी के साथ कोई और ऐसा करे जिसका दीदी से सिर्फ लंड चूत का रिश्ता हो. मुझे वो बैंक वाला गन्दा आदमी याद आ जाता था. रिशू का दीदी को हवस से घूरना याद आ जाता था
Reply
09-10-2018, 01:35 PM,
#7
RE: Adult kahani पाप पुण्य
मेरी तो छुट्टिया चल रही थी पर दीदी के पेपर होने वाले थे तो वो पूरा दिन अपने रूम में बैठ कर पढ़ती रहती थी.

एक दिन मैं घर का कुछ सामान लेने घर के सामने वाली दुकान पर गया था. लौटते हुए मैंने देखा की एक आदमी मेरे घर की दीवार पर पेशाब कर रहा है. इसको मैंने एक-दो दिन पहले भी यहाँ पेशाब करते देखा था. मैंने सोचा जल्दी से ऊपर जाकर इसके ऊपर पानी फेक देता हूँ. तभी मैंने देखा वो बार बार ऊपर देख रहा है. मेरी नज़र ऊपर गयी और मैंने देखा की दीदी अपने रूम के खिड़की में से देख रही है.

मैं जब ऊपर गया तो दीदी अपने रूम में नहीं थी और वो आदमी भी जा चूका था. मुझे लगा क्या ये आदमी रोज़ यहाँ आता है और दीदी इसको खिड़की से देखती है.

अगले दिन मैं उसी टाइम पर धीरे से दीदी के रूम में गया और दरवाजे की ओट से मैंने देखा की दीदी खिड़की के पास खड़ी थी और टीशर्ट के ऊपर से अपनी एक चूची को दबा रही थी और उनके दुसरे हाथ में जो पेन था उसे वो अपनी चूत के पास गोल गोल घुमा रही थी और लगातार खिड़की से नीचे देख रही थी. उनका चेहरा वासना से लाल हो गया था.

फिर दीदी थोडा आगे की तरफ हुई और उन्होंने अपना निचला हिस्सा दीवार से रगड़ना शुरू कर दिया. ये सब देख कर मैंने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया और मैं भी मुठ मरने लगा. चूँकि घर पर कोई और नहीं था तो मुझे पकडे जाने का डर नहीं था. दीदी भी जल्दी जल्दी अपना निचला हिस्सा दीवार से रगड़ने लगी और अपनी कड़क हो चुकी चूचियों को जोर से दबाने लगी.

आह हह आ इसस दीदी की हलकी से आवाज़ मेरे कानो में आई और मेरे लंड ने पानी निकाल दिया. शायद दीदी भी झड गयी थी और वो आकर बेड पर लेट गयी और मैं जल्दी से घर से बाहर आ गया. मैंने देखा की वो आदमी पेशाब करके जा रहा था. ये सिलसिला कुछ दिन तक चला फिर उस आदमी ने वहा आना बंद कर दिया.
Reply
09-10-2018, 01:35 PM,
#8
RE: Adult kahani पाप पुण्य
अब मेरा मन कहीं नहीं लगता था दिमाग में सिर्फ सेक्स ही घूमता रहता था. मैं चाहे जितनी भी कोशिश करता दिमाग इन सबसे हटाने के लिए पर कही न कहीं से घूम कर बात वही आ जाती थी और इसका एक बड़ा कारण रिशू भी था. उसी ने मेरे अन्दर हवस का शैतान जगाया था.

रश्मि दीदी के बारे में मेरा नजरिया और गन्दा होता जा रहा था. मुझको अब लगने लगा था की दीदी अपनी मदमस्त जवानी लुटाने को बेताब है. और इसी दौरान एक दिन दीदी ने मुझसे कहा की उन्हें कॉलेज से एक असाइनमेंट मिला है जिसमे उन्हें झोपड़ पट्टी वाले इलाके का एक सर्वे करना है और उन्हें साफ़ सफाई के बारे में जागरूक करना है. उनकी पार्टनर शहर के दुसरे हिस्से के ५० घरों में जाएगी और हमारे घर के पास वाले इलाके में दीदी को ५० घरों में जाना था. दीदी ने कहा तुम मेरे साथ चलना.

अगली सुबह 9 बजे मैं और दीदी सर्वे के लिए निकल पड़े. दीदी ने उस दिन ब्लैक रंग का सूट पहना था और जूडा बंधा हुआ था. काले रंग के कपड़ो में दीदी का गोरा बदन क़यामत बरपा रहा था. थोड़ी ही देर में हम स्लम एरिया में पहुच गए. हर तरफ गंदगी फैली हुई थी. गन्दी नालिया टूटी सड़के. हवा में बदबू. ज्यादातर घर खाली पड़े थे, उनमे रहने वाले लोग अपने अपने काम पे चले गए थे. सड़क पर जो मर्द दिख रहे थे वो दीदी को भूखी नज़रो से देख रहे थे.

एक आदमी जो सड़क के किनारे चरस पी रहा था दीदी को देख कर बोला, अरे कहा जा रही है मेरी जान... मेरे पास आ जा. बेहेन्चोद रण्डी की क्या गांड है. अरे मस्त कर दूंगा अपने लंड से.

हम उसकी बात को इगनोर करके आगे बढ़ गए. अनपढ़ जाहिल लोगो से वैसे भी हम क्या उम्मीद करते. खैर कुछ घरों में औरते थी जिनसे दीदी ने बात की. कुछ ने हमारी मदद की और कुछ ने नहीं की. ये सब करते करते दोपहर के 2 बज गए पर अभी भी ५० घर पूरे नहीं हुए.

दीदी कितना घूमना पड़ेगा. मैं थक गया हूँ. मैं दीदी से बोला.

ओह मोनू मैं भी बहुत परेशान हो गयी हूँ. ये लोग तो ठीक से बात ही नहीं करते. तभी मैंने जो देखा तो मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी. सामने से वही बैंक वाला गन्दा आदमी चला आ रहा था. हमारे पास आकर वो रुक गया. और दीदी की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोला

किसी ने सही कहा है, जब उपरवाला देता है तो छप्पर फाड़ के देता है आज जुए में १०००० रूपए जीता और अब आप से मुलाकात हो गयी. पहचाना मैडम? कुछ याद आया. आप आज यहाँ कैसे.
Reply
09-10-2018, 01:35 PM,
#9
RE: Adult kahani पाप पुण्य
रश्मि दीदी को तो साप सूंघ गया वो कुछ बोल ही नहीं रही थी तो मैं बोला हम यहाँ सर्वे करने आये है.
कैसा सर्वे.
जी हम लोगो को साफ़ सफाई के बारे में बता रहे है.
वाह बहुत नेक काम है जरा मुझे भी तो कुछ बताइए. आइये मैडम मेरा घर पास ही में है. वो आदमी मुझे पूरी तरह इग्नोर कर रहा था और उसने दीदी से इशारे में कुछ कहा. दीदी ने अपनी नज़रे नीची कर ली.

चलिये न मेरे घर. सामने ही है. वो फिर बोला

न..न..नहीं. हमारा काम पूरा हो गया अब हमे घर जाना है. दीदी ने कापती आवाज़ में बोला.

पर वो भी बड़ा हरामी आदमी था. वो इतना अच्छा मौका कैसे जाने देता. उसने फ़ौरन दीदी का गोरा हाथ पकड़ लिया और बोला, अरे ऐसे कैसे.. आप तो मेरी मेहमान है. मुझे भी सेवा का कुछ मौका दे. और वो दीदी को सामने वाले घर की तरफ ले जाने लगा. दीदी तो काठ की गुडिया की तरह उसके साथ चल दी. मैं चाहता तो उनको रोक सकता था पर मेरे अन्दर का हवस का शैतान मुझे ऐसा करने से रोक रहा था. मैं भी उन दोनों के पीछे उस घर के अन्दर आ गया. झोपड़े जैसा घर था. एक कमरा आगे और एक पीछे बना था. एक कोने में शराब की कुछ खाली बोतले पड़ी थी. सामान के नाम पर एक पुरानी चारपाई, एक मेज़, एक बड़ा बक्सा आगे वाले कमरे में था. उसने दीदी को चारपाई पर बिठा दिया.

देखा मैडम हमारा हवा महल हा हा हा. वो अपनी जेब से एक क्वाटर निकाल कर मेज़ पर रखता हुआ बोला.

वो आदमी अन्दर चला गया और 2 मिनट बाद जब वो बाहर आया तो उसके हाथ में एक स्टूल था और सिर्फ लुंगी में था. वो एकदम दुबला पतला था. उसने बनियान भी नहीं पहनी थी.
अरे मैडम मुझे भी तो बताइए सफाई के फायदे. देखो मेरा घर कितना गन्दा है और मेरे घर में सफाई करने वाली भी कोई नहीं है. वो दीदी के बिलकुल पास स्टूल रखकर बैठ गया. अब दीदी की साँसे कुछ तेज़ चलने लगी. दीदी की घबराहट मैंने और उस आदमी ने भी नोट की. वो फिर बोला अरे कुछ जवाब नहीं दिया आपने.

दीदी ने कुछ संभलते हुए एक फॉर्म निकाला और उससे कहा, पहले ये फॉर्म भर दो.

वो बोला मैडम मैं इतना पढ़ा लिखा होता तो मेरी ये हालत होती. मैं बोल देता हूँ आप ही भर दो.

दीदी ने बैग से पेन निकालते हुए पुछा, तुम्हारा नाम

मेरा नाम सलमान है. ये कह कर उसने अपना उल्टा हाथ दीदी की जांघ पर रख दिया. दीदी को तो मानो ४४० वाल्ट का करेंट लग गया और उनके बदन ने झटका सा लिया.

हम लेट हो रहे है. हम कल आकर आपको बता देंगे. दीदी ने एक बार फिर से वहां से निकलने की कोशिश की.

अरे अभी तो 2 ही बजे है और बाहर कितनी तेज़ धुप है. थोड़ी देर में चली जाना मैडम. सलमान जिसका हाथ अभी भी दीदी की जांघ पर था उससे दीदी की जांघ सहलाता हुआ बोला. दीदी ने फॉर्म को सर्वे के रजिस्टर में रखा और बोली नहीं हम कल आ जायेंगे.

कितनी गर्मी है. पानी पियोगी मैडम.

जी पिला दीजिये. दीदी ने सोचा वो पानी लेने जायेगा तो हम भाग भी सकते है. पर वो बहुत मंझा खिलाडी था. उसने मुझसे कहा जा बेटा जरा अन्दर से एक गिलास पानी तो ले आ. गिलास अन्दर अलमारी में है और पानी मटके में. ये कहते हुए वो स्टूल से उठ कर दीदी के बगल में चारपाई पर आ बैठा. और सीधा दीदी की छातियो को घूरता हुआ बोला तुम्हारा नाम क्या है मैडम.

जी मेरा नाम रश्मि है.

दीदी को देख कर वो बहुत उत्तेजित हो रहा था मुझे लगा अगर मैं वहां नहीं होता तो वो अब तक दीदी के कपडे फाड़ चूका होता.

तुम इतना क्यों डर रही हो रश्मि. फॉर्म तो पूरा भर लो. वो बोला और मैं मन मारकर पानी लेने अन्दर चला गया.
Reply
09-10-2018, 01:35 PM,
#10
RE: Adult kahani पाप पुण्य
अब सलमान के साथ दीदी अकेले थी. अन्दर के कमरे में टीवी वीसीआर होम थिएटर जैसी चीजे एक कोने में पड़ी थी जिसको देख कर मुझे लगा या तो सलमान मैकनिक है या फिर चोर वरना इसके पास ये सामान कैसे आया. फिर जैसे ही सामने अलमारी से पीतल का गिलास उठाया वैसे ही मेरे कानों में दीदी की हलकी सिसकी सुनाई दी. आह इशह. ये सीत्कार बहुत धीमी थी पर वो घर इतना छोटा था की मुझे सुनाई दे गई. मै पानी भरना भूल के दीवार के पास आ गया और कान लगा कर सुनने लगा. कुछ हलकी हलकी आवाज़ सुनाई दे रही थी. मैंने ध्यान दिया और सुना

दीदी: आह सलमान प्लीज अब जाने दो हमे

सलमान: ऐसे कैसे जाने दू मेरी जान. मुझे तो मेरी किस्मत में यकीन नहीं हो रहा.

दीदी: अरे वो मेरा छोटा भाई साथ है. वो क्या सोच रहा होगा. मेरी बड़ी बदनामी होगी... अआह

सलमान: उस दिन बैंक में १०० लोगो के बीच में तेरी बदनामी नहीं हुई थी और आज तो यहाँ कोई नहीं है. साली तेरी शकल सोच कर मैंने कितनी रंडियों को चोदा है और कितना मुठ मारा है तुझे इस बात का ज़रा भी इल्म है.

तभी फिर मुझे दीदी की सिसकारी सुनाई दी. आह इश्श आह वो मेरा भाई तो यहाँ है अन्दर आह प्लीज

सलमान: अच्छा अब समझा तू अपने भाई से डर रही है रुक मैं कुछ करता हूँ.

दीदी कुछ नहीं बोली. मैं सोच में पड़ गया की क्या वाकई दीदी मेरी वजह से हिचक रही है, अगर मैं न होता तो क्या वो वाकई चुदवा लेती. मैं तुरंत पानी लेकर बाहर आ गया. मुझे देख कर सलमान खड़ा हो गया और मैंने देखा की दीदी की जुड़ा खुल चूका था और वो अपना दुपट्टा सही कर रही थी. सलमान अपनी लुंगी में खड़े लंड को मुझसे छुपाते हुए बोला
अरे ये पानी तो इस गर्मी में बिलकुल बेकार है. एक काम कर तू जल्दी से दो ठन्डे की बोतले ले आ. और उसने मुझे १०० रूपये का नोट दे दिया. मुझे बहुत गुस्सा आया क्योंकि वो तो मुझे एक नौकर की तरह ट्रीट कर रहा था पर उसका मकसद मैं समझ गया था.

तभी दीदी बोली की नहीं ये पानी ही ठीक है. इतनी धुप में ये कहा जायेगा. मैं समझ गया की वो मुझसे कहना चाहती है की मुझे इस आदमी के साथ अकेले मत छोड़ो

अरे जवान लड़का है. कुछ नहीं होता. जा बेटा जल्दी जा. अगर चौराहे वाली दुकान बंद हो तो थोडा आगे पानवाले के पास से ले आ. खूब ठंडी देख कर लाना. सलमान ने दीदी की बात काटते हुए कहा.

फिर मैं बाहर आ गया और सलमान ने दरवाजा बंद कर दिया. पर मेरे दिमाग में कुछ और चल रहा था. मैं घूम के साइड में खिड़की के पास आ गया. अन्दर क्या हो रहा होगा ये सोच कर मैं पागल हुआ जा रहा था. खिड़की की लकड़ी कई जगह से चिटकी थी. मैंने एक दरार में अपनी आँख लगा कर अन्दर देखा

सलमान ने रश्मि दीदी को अपनी बाँहों में जकड़ा हुआ था और उसका हाथ दीदी की कमर और चूतर को सहला रहा था.

अब तो शर्म छोड़ दो रश्मि... अब तो तेरा भाई भी चला गया मेरी जान. सलमान दीदी की गांड को दबाते हुए बोला

प्लीज् सलमान मुझे घर जाने दो प्लीज् , दीदी सलमान का हाथ अपनी गांड से हटाती हुई बोली.

तूने उस दिन बैंक में भी मेरे साथ KLPD कर दी थी. आज तो जाने नहीं दूंगा मेरी जान. आज तो तुझे जवानी का पूरा मज़ा दूंगा. और सलमान दीदी के बालो में अपना मुह डालते हुए बोला. दीदी के बालों की खुसबू से उसका लंड और ज्यादा तन गया. अब सलमान दीदी के बालो को अपने लंड से रगड़ने लगा और दीदी के बाल खीचने लगे तो दीदी कराहते हुए बोली आह दर्द होता है. मुझे ये जान के अच्छा लगा की उस दिन बैंक में उसने दीदी को चोदा नहीं था.

सलमान का जोश अब बढ़ता जा रहा था. और वो दीदी की जांघो को सहलाने लगा. दीदी भी थोडा बहकने लगी. अब वो सलमान को रोक नहीं रही थी.

तेरी उम्र क्या है छमिया, सलमान ने पुछा

जी १९ साल दीदी कापती आवाज में बोली.

पहले कभी लंड खाया है... सलमान दीदी की गर्दन को अपनी खुरदुरी जीभ से चाटता हुआ बोला. दीदी के बदन ने फिर से एक झटका खाया.

सलमान: बोल साली...चुदी है किसी से पहले. बोल कुतिया.

दीदी: आह नाही हह मैं कुवारी हूँ अआह

सलमान की आँखों में एक चमक आ गयी जैसे उसे कुबेर का खजाना मिल गया हो. उसने जल्दी से दीदी को चारपाई पर पटका और अपनी लुंगी खोल कर पूरा नंगा हो गया. उसका लंड झटके ले रहा था. मेरा तो हलक सूख गया था पता नहीं दीदी की क्या हालत हुई होगी.

हाथ में ले इसे. सलमान ने दीदी का हाथ पकड़ कर उसने अपने लंड पर रख दिया. दीदी ने धीरे से उसका लंड दबा दिया. दीदी के नर्म हाथो का स्पर्श पाकर लंड ने फिर से जोर का झटका खाया और इस बार सिसकी सलमान के मुह से निकली. आह साली क्या नरम हाथ है रंडी तेरे आ आह

अपनी बड़ी बहन को सलमान का लंड इस तरह से हिलाते देख मुझसे कण्ट्रोल नहीं हुआ और मैंने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,248,394 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 516,638 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,130,297 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 857,168 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,512,626 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,962,424 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,753,825 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,362,749 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,771,580 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 261,198 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)