Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
05-19-2019, 01:04 PM,
#1
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अमन विला

दोस्तो आपके लिए सम्सख़ान द्वारा लिखी गई एक मस्त कहानी हिन्दी फ़ॉन्ट में शुरू करने जा रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ आपको ये कहानी बहुत पसंद आएगी और आप सभी अपना सहयोग बनाए रखेंगे


दोस्तो ये कहानी आपसी रिश्तों मे सेक्स के ताल्लुकातों की कहानी है जिन दोस्तों को आपसी रिश्तों में चुदाई की कहानी पढ़ने से परहेज होता हो वो कृपया इस कहानी को ना पढ़ें
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05-19-2019, 01:05 PM,
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RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
‘अमन विला’ यही है उस खूबसूरत घर का नाम, 10 बेडरूम, एक हाल, 3 किचिन वाले इस बंगलो में 3 परिवार रहते हैं। ग्राउंड फ्लोर पे अमन का परिवार जिसमें 4 सदस्य हैं। 
अमन-उमर 20 साल, एक खुश-मिज़ाज हट्टा-कट्टा गबरू जवान, क़द 6’, ब्राउन आँखें, सफेद त्वचा। कोई भी एक बार देखे तो देखता रह जाये। 
रजिया बेगम-उमर 40 साल, सुडौल शरीर, क़द 5’5”, सफेद त्वचा। 
अनुम-उमर 18 साल, बिल्कुल अपनी माँ रजिया बेगम की जिरोक्स कापी, होंठ लाल, आँखें ब्राउन, क़द 5’6”। 
अमन के डैड और चाचू सऊदी में काम करते हैं और साल में दो बार ही आ पाते हैं। दूसरे फ्लोर पे रहते हैं। 
अमन की चाची रेहाना-38 साल की खूबसूरत लेडी। जिनकी सिर्फ़ एक बेटी है फ़िज़ा वो अभी-अभी जवान यानी 18 साल की हुई है। फ़िज़ा एक खामोश तबीयत की लड़की है और उसकी अमन की बहन अनुम के साथ अच्छी बनती है।
तीसरा परिवार है अमन की खाला हीना बेगम का, जिनके पति का कुछ साल पहले रोड एक्सीडेंट में इंतकाल हो गया था। वो टीचर हैं, उमर 38 साल, एक लड़की है शीबा, जिसकी उमर 19 साल है। 
अमन को कसरत का बहुत शौक है सुबह 6:00 बजे उठना उसकी आदत है। उसका शरीर भी किसी फिल्म आक्टर के शरीर से कम नहीं है। जब अमन ने जवानी की दहलीज पे कदम रखा तो उसे वो चीज़ सबसे ज्यादा अच्छी लगी वो थी उसकी अम्मी रजिया बेगम, और बहन अनुम। इन दोनों को देख-देखकर ही बड़ा हुआ है अमन। 

रजिया तो उसे अभी भी छोटा सा, प्यारा सा बच्चा समझती है। पर अनुम जानती है की ये बच्चा अब बड़ा हो गया है। क्योंकी उसने एक बार अमन के रूम में कुछ ब्लू-फिल्मों की सी॰डी॰ देखी थी। तब से वो अमन से गुस्सा है और ठीक तरह से बात भी नहीं करती। ये बात अमन ने भी नोटिस की पर वो नहीं जानता था कि वजह क्या है? अमन ना सिर्फ़ ब्लू-फिल्में देखता है बल्की मूठ भी मारता है… वो भी अपनी अम्मी रजिया और अनुम को कल्पना करके। 2 

रोज की तरह रजिया ने पहले अमन को उठाया फिर अनुम को और खुद किचिन में नाश्ता बनाने चली गई। अमन कसरत करने के बाद फ्रेश हुआ और किचिन में चला गया, जहाँ सिर्फ़ रजिया थी। अमन पीछे से जाकर रजिया से चिपक गया। ये उसका रोज का मामूल था। 
रजिया-अमन आज तू नाश्ते में क्या लेगा? 
अमन दिल में सोचते हुए-“आपकी चूत…” और कहा-“कुछ भी अम्मी आपकी पसंद का…” 
रजिया-ह्म्मम्म्म्मम। 
अमन-अम्मी 5 दिन बाद मेरा बर्थ-डे है, आप मुझे क्या गिफ्ट देने वाले हैं? 
रजिया-क्या चाहिए मेरे राजा बेटा को? 
अमन-मुझे वो गिफ्ट चाहिए वो अपने मुझे आज तक नहीं दिया है, वो मुझे ये यकीन दिलाए कि अब मैं 20 साल का हो गया हूँ। 
रजिया हँसते हुए-“ओ हो… ऐसा क्या चाहिए मुझे भी पता तो चले?” 
अमन-जाने दो अम्मी, आप मना कर दोगे। 
रजिया अमन की तरफ मुँह करके उसके गले में बाहें डालकर-“मेरा बेटा मुझसे कुछ भी माँगे, मैं कभी मना नहीं करूंगी प्रोमिस। अब बोल क्या चाहिए तुझे?” 
अमन रजिया की आँखों में देखते हुए-“अम्मी मुझे आपसे बर्थ-डे गिफ्ट में एक पैशनेट किस चाहिए…” 
रजिया-“बस… ये लो…” और रजिया अमन के गालों पे एक प्यारी सी किस कर देती है। 
अमन-“उफफ्र्फ… अम्मी ये नहीं होंठों पे…” 
रजिया गम्भीर नज़रों से-क्या? 
अमान-हाँ अम्मी। 
रजिया-ये तू क्या कह रहा है? अमन तू मेरा बेटा है, मैं कैसे? 
अमन-अम्मी अपने प्रोमिस किया है, मैं कुछ नहीं जानता। 3 

रजिया कुछ सोचते हुए कि अगर मैंने प्रोमिस तोड़ दिया तो अमन को हर्ट होगा वो मैं कभी नहीं चाहती। फिर कहा-“ओके अमन, मैं तुम्हें तुम्हारा गिफ्ट दूंगी, पर एक शर्त पे कि ये बात सिर्फ़ हम दोनों तक ही रहेगी। प्रोमिस करो मुझसे…” 
अमन-“अम्मी, ये भी कोई बोलने वाली बात है प्रोमिस। अम्मी मैं चाहता हूँ कि बर्थ-डे वाले दिन आप मुझे सही तरीके से गिफ्ट दें इसके लिये थोड़ी प्रेक्टिस करनी पड़ेगी…” और अमन रजिया को अपनी तरफ घुमा लेता है। 
रजिया-अमन नहीं, वो भी चाहिए बर्थ-डे वाले दिन। 
अमन-अम्मी, प्लीज़… सिर्फ़ एक केवल प्रेक्टिस के लिये। 
रजिया अपने बेटे केी बात कैसे ठुकरा सकती थी-“ओके… लेकिन सिर्फ़ एक, उसके बाद तुम कोई रिक्वेस्ट नहीं करोगे…” और रजिया अमन के गले में बाहें डालकर एक हल्का सा किस करके पीछे हो जाती है। 
अमन उसे दुबारा खींचकर अपने से चिपका लेता है-“ये क्या अम्मी? ऐसे नहीं…” और अमन रजिया के होंठों पे अपने होंठ रख देता है। 
रजिया इस हमले के लिये तैयार नहीं थी वो ‘उंह्म्महन्’ की आवाज़ें निकालने लगती है। करीब दो मिनट बाद अमन रजिया को छोड़ देता है। रजिया हाँफने लगती है। उसे अमन की इस हरकत पे गुस्सा भी आता है, और प्यार भी। रजिया शरम के मारे अपनी आँखें नीचे कर लेती है। 
अमन-“अम्मी, एक आख़िरी बार…” 
रजिया जैसे ही अमन की तरफ देखने के लिये अपनी नज़रें ऊपर उठाती है, अमन फिर से उसे अपनी बाहों में भर लेता है। दोनों की नज़रें आपस में टकराती है। 
अमन-“अम्मी मैं चाहता हूँ कि आप मुझे अपने बेटे की तरह नहीं बल्की अब्बू समझकर किस करें…” रजिया अपनी आँखें बंद कर लेती है। अमन अपने होंठ रजिया की होंठों पे रख देता है और गुलाबी लबों को चूसने लगता है। रजिया एक अलग ही दुनियाँ में खो जाती है। 
अमन रजिया का मुँह खोलकर अपनी जीभ रजिया के मुँह में डाल देता है और अम्मी की जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर देता है। रजिया भी उसका पूरा साथ देती है। दोनों तकरीबन 5 मिनट से एक दूसरे का सलाइवा चाट रहे थे और एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे। अचानक किसी के कदमों की आवाज़ सुनाई देती है तो रजिया अमन को धकेलते हुए अपना मुँह दूसरी तरफ कर लेती है। अमन भी हड़बड़ा जाता है। 
अनुम-अम्मी नाश्ता तैयार है क्या? 
रजिया-“बस एक मिनट बेटा…” 
अनुम अमन को गुस्से से देखते हुए-“तू यहाँ क्या कर रहा है? तुझे कॉलेज नहीं जाना?”
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05-19-2019, 01:05 PM,
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RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
अमन अनुम को घूरता हुआ अपने रूम में चला जाता है। 
अनुम-अम्मी, इसका दिमाग़ खराब हो गया है। देखो, कैसे मुझे घूरता हुआ गया है, जैसे मैंने इसका कोई काम बजगाड़ दिया हो। 
रजिया की लबों में मुश्कुराहट आ जाती है। वो सोचती है कि काम तो तूने बजगाड़ा है। फिर कहा-“तू बैठ, मैं नाश्ता लगाती हूँ। और ये अमन कहाँ चला गया उसे भी तो नाश्ता करना है…” और रजिया अमन के रूम की तरफ चल देती है। 
रजिया अमन के रूम में दाखिल होती है। अमन मिरर के सामने बाल सँवार रहा था। 
रजिया-अमन, नाश्ता तैयार है। 
अमन-“बस एक मिनट अम्मी…” रजिया जाने के लिये मुड़ती है तभी अमन उसका हाथ पकड़ लेता है और अपने तरफ खींच लेता है। 
रजिया उसके आँखों में देखती है। 
अमन-अम्मी, मैं सोच रहा था कि थोड़ी प्रेक्टिस कर लेनी चाहिए। 
रजिया अमन को घूरते हुए-“मैंने क्यों तुम्हें प्रोमिस किया?” 
अमन-क्योंकी अम्मी आप मुझसे बहुत प्यार करती हैं। 
रजिया की आँखें झुक जाती है। अमन उसका फायदा उठाते हुए रजिया के गले में बाहें डाल देता है और अपने होंठ रजिया की होंठों पे रख देता है। रजिया अपना बदन ढीला छोड़ देती है। दोनों के होंठ आपस में ऐसे मिले हुए थे जैसे शादीशुदा वोड़ा। 
तभी नीचे से अनुम की आवाज़ आती है-“अम्मी, मैं कॉलेज के लिये लेट हो रही हूँ, अमन कहाँ है?” 
अमन रजिया को छोड़ देता है। रजिया की आँखें लाल हो गई थी, एक अजीब सा खुमार उसके चेहरे से बयान हो रहा था। शायद इस किस ने उसे उसके शौहर की याद दिला दिया था। 
रजिया-“अभी आइ बेटा। चलो अमन तुम भी नाश्ता कर लो और कॉलेज जाओ…” और बिना अमन का जवाब सुने किचिन में चली जाती है। 
अमन नाश्ता करके कॉलेज बैग लेकर अम्मी को गुड-बाइ करने किचिन में जाता है। अनुम बाहर बाइक के पास अमन का इंतजार कर रही थी। 5 

अमन-अम्मी, मैं कॉलेज जा रहा हूँ…” 
रजिया उसे प्यार से देखते हुए गुड-बाइ कहती है। 
तभी अमन रजिया को गले लगा लेता है। ये उसका रोज का मामूल था। पर आज उसने रजिया को कुछ ज्यादा ही कसके गले लगाया था। जिसे रजिया ने भी महसूस किया-“बाइ अम्मी…” 
रजिया-बाइ बेटा। 
बाहर अनुम तैयार खड़ी थी। अनुम ने कहा-कितना टाइम लगाते हो? 
अमन-क्या दीदी, तैयार होने में वक्त तो लगता है ना। 
अनुम दिल में-हाँ पता है, क्यों इतना तैयार होकर कॉलेज जाता है कमीना कहीं का। 
अमन बाइक स्टाट़ कर देता है और अनुम उसके पीछे बैठ जाती है। रास्ते में ब्रेकर से बाइक उछल जाती है तो अनुम गुस्से में अमन के पेट में घूँसा मारते हुए-आराम से नहीं चला सकते? 
अमन मुश्कुराता हुआ-“उफफ्र्फहो दीदी, आप मुझे कसके पकड़ो नहीं तो गिर जाओगी…” 
अनुम-“तुम आराम से चलाओ…” 
और बातों-बातों में दोनों कॉलेज पहुँच जाते हैं। 
अनुम-“मैं ठीक 2:00 बजे गेट पे तुम्हारा इंतजार करूंगी। अपने दोस्तों के साथ गप्पें हांकते बैठ मत जाना…” 
अमन-“ओके दीदी…” और दोनों अपने-अपने क्लास रूम में चली जाती हैं। आज अमन का मन क्लासरूम में नहीं लग रहा था। उसे बस सुबह हुई अम्मी के साथ किसिंग याद आ रही थी। वो क्लास से बाहर निकल जाता है। 
उधर अनुम उसकी दोस्त सबा से बातें कर रही थी, तभी अमन उनके सामने से गुज़रता है। 
सबा उसे देखते हुए-“अनुम, ये तुम्हारा भाई कितना हैंडसम है। यार सच में आँखें जब भी इसे देखती है बस देखती ही रह जाती हैं…” 
अनुम गुस्से से-“अपनी बकवास बंद कर सबा…” पता नहीं जब भी कोई अमन की तारीफ अनुम के सामने करता था तो अनुम को बहुत गुस्सा आता था। 
उधर रजिया नहाने के लिये बाथरूम में चले जाती है। मिरर के सामने जब वो पूरी नंगी होती है तो उसे शरम आने लगती है। वो सुबह हुई घटना को सोचने लगती है, और उसके हाथ खुद-बा-खुद अपनी चूत की तरफ बढ़ने लगते हैं। कई दिनों के बाद आज उसे अपनी चूत में अकड़न महसूस हो रही थी वो अपनी क्लिट को रगड़ने 

लगती है और दूसरे हाथ से अपने निपल को मरोड़ने लगती है। उसे आज पता नहीं क्या हो गया था कि उसे सिर्फ़ अमन का चेहरा नज़र आ रहा था ‘अमन्न ऊओ अमन्न उंह्म्मह…’ और उसकी चूत पानी छोड़ देती है। 
2:15 बजे अनुम पिछले 15 मिनट से अमन का इंतजार कर रही थे और उसे पता नहीं क्यों गुस्सा आ रहा था। तभी उसे अमन नज़र आया, वो किसी लड़की के साथ बातें करता हुआ आ रहा था। ये देखकर अनुम का गुस्सा सातवें आसमान पे पहुँच गया। 
अमन ने उस लड़की को बाइ कहा और अपनी बाइक की तरफ बढ़ गया। 
अनुम-कौन थी वो? 
अमन-वो मेरी क्लासमेट है उसे कुछ नोटस चाहिए थे। 
अनुम-ऊ हो क्या बात है? कोई और नहीं मिला नोटस माँगने के लिये? 
अमन इतराते हुए-“अब क्या करें दीदी, मेरे पर्सनलटी ही कुछ ऐसी है कि लड़कियां खिंची चली आती हैं…” 
अनुम गुस्से से-“चुप कर… बड़ा आया पर्सनलटी वाला। अगर वो लड़की दुबारा तेरे करीब भी नज़र आयी तो तो…” 
अमन-तो क्या? 
अनुम-तो मैं अम्मी को बोल दूंगी कि तू पढ़ने नहीं, लड़कियों से फ्लर्टिंग करने कॉलेज जाता है। 
अमन उसकी आँखों में देखते हुए-“तुम तो बिल्कुल बीवी की तरह बजहेव कर रही हो ह्म्मम्म्म्म…” 
अनुम सकपका जाती है और अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती है-“चुप कर, घर नहीं चलना लेट हो रहे हैं…” 
अमन कुछ सोचते हुए-“ओके दीदी बैठो…” और दोनों घर की तरफ चल देते हैं। 
उधर घर पर रजिया अपने गीले बालों को सुखाने के लिये गार्डन में एक चेयर पर बैठकर अमन के बारे में सोच रही थी।
तभी उसकी देवरानी रेहाना आती है-क्या हो रहा है जी? 
रजिया जैसे किसी ख्वाब से जागी हो-“क…क…कुछ नहीं… अरे आओ रेहाना बैठो, फ़िज़ा नहीं आई?” 
रेहाना-फ़िज़ा पढ़ाई कर रही है बच्चे कहाँ हैं? 7 

रजिया बोलने ही वाली थी कि अमन और अनुम घर में दाखिल होते हैं-“सलाम चाची जान…” ‘जान’ शब्द को कुछ ज्यादा ही लम्बा करके कहा अमन ने। 
जिससे रेहाना के चेहरे पे एक अजीब सी मुश्कान आ गई। 
अनुम अपने रूम में चेंज करने चली गई। जबकी अमन वहीं उन दोनों के साथ बैठ गया। 
रजिया-तुम लोग बैठो, मैं कुछ खाने के लिये लाती हूँ। अमन तू फ्रेश क्यों नहीं हो जाता? 
अमन-ओके अम्मी। चाचीज़ान, मैं अभी आया। 
रजिया उससे घूरकर देखती है। दोनों ओरतें आपस में बातें कर रही थीं। तभी अमन हाथों में डम्बल लेकर आता है और वहीं गार्डन में कसरत करने लगता है। वो सिर्फ़ शॉर्ट्स में था। सीने पे हल्के भूरे बाल सूरज की रोशने में चमक रहे थे। 
रेहाना दिल में सोचने लगी-“क्या गबरू जवान है मेरा भतीजा…” और उसकी चूत में अकड़न होने लगी। वो बातें तो रजिया से कर रही थी पर उसकी नज़रें अमन से हट नहीं रही थीं। 
अमन कसरत करके वहीं घास में लेट जाता है। पसीने से उसकी शॉर्ट्स उसकी कमर से चिपक जाती हैं जिससे उसका 8” इंच लंबा लौड़ा थोड़ा-थोड़ा नज़र आने लगता है। 
रेहाना जब ये नज़ारा देखती है तो उसे उसके शौहर जमाल मलिक की याद आ जाती है वो पिछले 6 महीने से सऊदी थे। रेहाना को चुदे 6 महीने हो चुके थे, जिससे उसके अंदर की आग भड़की हुई थी। यही हाल रजिया का भी था 
अनुम रजिया को आवाज़ लगाती है-अम्मी, मुझे भूख लगी है। 
रजिया-आई बेटे। 
“अच्छा मैं चलती हूँ बाजी…” रेहाना ने रजिया से खुदा हाफिज़ कहा और अपने घर की तरफ जाने लगी। तभी कुछ सोचते हुए कहा-“अरे अमन बेटा, मुझे कुछ सामान मंगवाना था बाजार से, तुम ला दोगे?” 
अमन-क्यों नहीं चाची जान्न। 
फिर रेहाना अपने घर में मुश्कुराते हुए चली जाती है। 
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05-19-2019, 01:05 PM,
#4
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
रजिया अनुम को खाना देकर अमन के पास आती है-“चल मुझे तुझसे कुछ बात करनी है…” और अमन का हाथ पकड़कर उसे अपने कमरे में ले जाती है और दरवाजा बंद कर देती है। 
रजिया-“क्या बात है, आज बड़ा जान-जान कह रहा था रेहाना को चक्कर क्या है? हाँ…” 

अमन मुश्कुराते हुए-“आप भी ना अम्मी, कुछ भी बोल देती हैं। जैसे आप मेरी अम्मी जान जैसे वो मेरी चाचीज़ान…” और ये कहकर अमन रजिया की गले में बाहें डाल देता है और उसे अपने से सटा लेता है। 
रजिया-“छोड़ मुझे, जब देखो बदमाशी…” 
पर अमन रजिया की आँखों में देखते हुए-“अम्मी, आज मेरा दिल किसी काम में नहीं लग रहा था। बस मुझे सुबह वाली बात याद आ रही थी। अम्मी, क्या मैं आपको किस कर सकता हूँ? रजिया कुछ कहने ही वाली थी कि अमन उसके होंठों पे अपने होंठ रख देता है और नीचे का होंठ चूसने लगता है। 
रजिया इस हमले के लिये तैयार नहीं थी। पर शायद वो भी यही चाहती थी, और वो अपना मुँह खोल देती है। जिसे अमन ग्रीन सिग्नल समझकर अपनी जीभ रजिया की मुँह में डाल देता है और उसकी लार पीने लगता है। रजिया अब अपने होश में नहीं थी। वो भी अमन से चिपक जाती है। उसकी सुडौल चुचियाँ अमन की नंगी छाती में धँस जाती हैं और वो पागलों की तरह अमन की जीभ चूसने लगती है। तभी रजिया को अपनी जांघों के बीच कुछ महसूस होता है। ये अमन का लौड़ा था वो अपनी औकात में आ गया था। 
रजिया अमन को अपने से पीछे करते हुए-“बस अमन, आज के लिये इतनी प्रेक्टिस काफी है…” 
अमन को अहसास होता है कि उसने थोड़ी जल्दबाज़ी कर दी। रजिया रूम का दरवाजा खोलकर बाहर आ जाती है और अमन अपने रूम में जाकर बेड पे लेट जाता है। 
अमन-अम्मी, मैं चाची जान्न की तरफ जा रहा हूँ, उन्हें कुछ सामान मंगवाना है बाजार से। 
रजिया-ठीक है बेटा, पर जल्दी आना। 
अमन-“ओके अम्मी…” और अमन रेहाना की तरफ चल देता है। 
रेहाना किचिन में कुछ काम कर रही थे और फ़िज़ा अपने रूम में पढ़ाई। 
अमन सीधा किचिन में चला जाता है-“चाची जान्न, बोलिये क्या काम था?” 
रेहाना पीछे देखते हुए-“आ गये तुम? ज़रा बैठो तो सही, आजकल तो इधर आते ही नहीं…” 
अमन-आप दिल से नहीं बुलाते हैं ना… चाची जान्न। 
रेहाना के चेहरे पे हल्की सी मुश्कान आ जाती है और वो अमन को घूरने लगती है-“अमन, बड़े शरारती होते जा रहे हो तुम…” 
अमन रेहाना के बगल में जाकर खड़ा हो जाता है और रेहाना का हाथ पकड़ लेता है-“अरे वाह… कितनी खूबसूरत सोने की चूड़ियाँ हैं, कब बनाया चाचीज़ान?” 

रेहाना-तुम्हें अच्छी लगी? तुम्हारे चाचू ने भिजवाई हैं पिछले हफ्ते। 
अमन रेहाना की उंगलियों में अपनी उंगलियाँ फँसा लेता है-“आपका हाथ बहुत नाज़ुक है चाचीज़ान…” 
रेहाना का चेहरा लाल पड़ जाता है, वो अमन की इस हरकत से थोड़ा उत्तेजित हो जाती है, और वो भी अपनी उंगलियाँ कस लेती है। 
अमन रेहाना के आँखों में देखते हुए रेहाना के हाथ को चूम लेता है। 
रेहाना घबराते हुए-“किक… ये क्या हरकत है अमन?” 
अमन रेहाना से एकदम सटकर खड़ा हो जाता है। पीछे शेल्फ होने की वजह से रेहाना रुक जाती है। अमन रेहाना के इतने करीब खड़ा था कि उसे रेहाना की सांसों की आवाज़ भी सुनाई दे रही थी। अमन के हाथों में अभी भी रेहाना का हाथ था, वो रेहाना की आँखों में झाँकते हुए रेहाना के इतने करीब हो जाता है कि रेहाना की चूची अमन की छाती से टकरा जाती है। अमन थोड़ा और चिपक के खड़ा हो जाता है। 
रेहाना-“इस्स्स्स्स्स्स… उंह्म्मह… अमन, तू ये क्या कर रहा है बेटा? उंह्म्मह… ससस्स…” 
अमन रेहाना की कमर में हाथ डालकर उसे अपने बाँहो में समेट लेता है, रेहाना के कानों में अपने जीभ डालकर हल्के से कहता है-“चाचीज़ान आप मुझे बहुत अच्छी लगती है…” और अपने हाथ पीछे लेजाकर रेहाना की कमर अपने दोनों हाथों से मसलने लगता है। 
रेहाना का इस सबसे बुरा हाल था वो सोचने समझने की ताकत खो चुकी थी। शायद इसकी वजह ये थी की पिछले 6 महीने से उसकी चूत प्यासी थी और कहीं ना कहीं वो भी दिल में अमन को पसंद करती थी रेहाना अपने बदन को ढीला छोड़ देती है-“स्स्सस्स… अमन उंह्म्मह… प्लीज़… मुझे छोड़ दो, फ़िज़ा घर पे है…" 
अमन पर तो जैसे जुनून सवार था। पिछले 6 महीने से रेहाना उसे चिड़ा रही थी। उसे ऐसे अंदाज में घूरती थी जैसे खा जाएगी। आज अमन को मौका मिला था तो अमन ने अपने दोनों हाथों में रेहाना का चेहरा पकड़ा और उसके होंठ पे अपने होंठ रख दिए। 
रेहाना-“उंह्म्मह… उंह्म्मह…” 
अमन की पकड़ काफी मजबूत थी, उसने रेहाना को बहुत मजबूती से पकड़ा हुआ था। कुछ सेकेंड में ही रेहाना का जिस्म ढीला पड़ गया और उसने अपना मुँह थोड़ा सा खोल दिया। जिसका फायेदा उठाकर अमन ने अपनी जीभ रेहाना के मुँह में डाल दी। रेहाना कई महीने की प्यासी शेरनी की तरह अमन के होंठों को चूस रही थी। अमन भी रेहाना की चूची को मसलते हुए किस कर रहा था। रेहाना का बस चलता तो वो अभी अमन को अपने रूम पे लेजाकर पूरी नंगी होकर खूब चुदवाती। पर फ़िज़ा घर पे थी। तभी रेहाना ने अमन को पीछे धकेला, क्योंकी उसे किसी के कदमों के आहट सुनाई दी थी। 

फ़िज़ा-अम्मी, कहाँ हैं आप? 
अमन भी थोड़ा संभल जाता है और चेयर पे बैठकर अपने लण्ड को अड्जस्ट कर लेता है। 
फ़िज़ा किचिन में दाखिल होते हुए-अरे अमन, तुम कब आए? 
अमन-बस दीदी, अभी आया। वो चाचीज़ान को कुछ सामान मंगवाना था बाजार से। 
फ़िज़ा-ओह्म्मह… अरे मेरी भी कुछ चीज़ें ला दोगे? 
अमन-जी बिल्कुल। 
फ़िज़ा अमन को आवाज़ देतेी है और अमन रेहाना को घूरता हुआ फ़िज़ा के रूम की तरफ बढ़ जाता है। 
फ़िज़ा अमन के हाथ में एक लिस्ट थमाते हुए-“ये कुछ चीज़ें हैं, प्लीज़… अच्छे से पैक करके लाना। 
अमन लिस्ट पढ़ने लगता है, तो उसमें विस्पर-पैड लिखा देखकर उसे हँसी आ जाती है। 
फ़िज़ा-क्यों, क्या हुआ? 
अमन-दीदी ये विस्पर-पैड क्या होता है? 
फ़िज़ा का चेहरा लाल होने लगता है-“तुझे क्या, जो जो लिखा है वो लेती आना…” 
अमन-“पर दीदी, इसमें विस्पर-पैड की साइज़ नहीं लिखी…” 
फ़िज़ा-“उफफ्र्फ हो अमन, तू मार खाएगा मेरे हाथों…” और अपनी हँसी रोकते हुए उसे घूरती है। 
अमन-ओके, मैं चाचीज़ान से पूछ लेता हूँ। 
फ़िज़ा घबराकर-“रुक… इधर आ बेवकूफ़ ये एम॰सी॰ पैड है जिसे लड़कियां एम॰सी॰ के टाइम पहनती हैं…” 
अमन-एम॰सी॰ वो क्या होता है दीदी? 
फ़िज़ा को गुस्सा भी आ रहा था और हँसी भी-“अमन तू मेरा प्यारा भाई है ना… अभी तू जा मैं फिर कभी तुझे बताऊँगी…” 
अमन दिल में सोचते हुए-“मेरी जान, तू मुझे क्या बताएगी? एक बार तेरी माँ को चोद लूँ फिर तुझे तो मैं बिना कंडोम के ही चोदूंगा…”
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05-19-2019, 01:05 PM,
#5
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
फ़िज़ा अमन को हिलाते हुए-क्या हुआ, कहाँ खो गये? 
अमन-“कककक कुछ नहीं पक्का बताओगी ना?” 
फ़िज़ा-हाँ बाबा, पक्का अब तू जा भी। 
अमन रेहाना की तरफ चला जाता है और उसके कान के पास आकर-“रेहाना तेरी दे…” 
रेहाना-क…क्या कहा तूने? 
अमन-लिस्ट दो, मुझे लेट हो रहा है। 
रेहाना उसका मतलब समझ गई थी। अमन को लिस्ट देते हुए-कब दोगे? 
अमन-क्या? 
रेहाना-“सामान कब लाकर दोगे?” और रेहाना के चेहरे में एक अजीब से मुश्कान आ जाती है। 
अमन रेहाना के करीब आकर-बहुत जल्द। 
रेहाना और अमन दोनों मतलब समझ गये थे। 
अमन रेहाना से पैसे लेता हुआ बाजार की तरफ चल देता है। 
उधर अनुम अपने रूम को बंद करके पेट के बल लेटे हुए सोच रही थी-कितना गंदा हो गया है अमन कैसी-कैसी फिल्म देखने लगा है? क्या मैं अम्मी को इस बारे में बता दूं? नहीं नहीं, और वो कमीनी लड़की कैसे अमन से हँस-हँस के बातें कर रही थी। अगर दुबारा वो अमन के पास दिखाई भी दी तो… तो क्या करोगी तुम? 
उसके दिल के किसी कोने में से आवाज़ आइ-“अमन अब बड़ा हो गया है और जवान भी। वो तुम्हारा भाई है शौहर नहीं। उसे अपनी लाइफ जीने का पूरा हक है…” 
“पर मैं भी तो अमन का भला चाहती हूँ, वो गलत रास्ते पे ना जाए बस यही चाहती हूँ। कहीं मुझे अमन से प्यार तो नहीं? नहीं नहीं, अमन मेरा भाई है। बिल्कुल नहीं…” अनुम खुद से बातें कर रही थी और खुद को दिलासा दे रही थी। 
सच तो ये है कि जबसे अनुम ने होश संभाला उसे अपने करीब सिर्फ़ एक इंसान नज़र आया और वो था अमन। अमन भले ही उसे उस नज़र से नहीं देखता होगा, पर अनुम उसे बचपन से सच्ची मोहब्बत करती थी, और कहीं ना कहीं वो चाहती थी कि अमन सिर्फ़ उससे बातें करे, उसके पास रहे, किसी और लड़की की तरफ देखे भी नहीं। ये कोई भाई-बहन की मोहब्बत नहीं थी। ये कुछ और थी, जिसे अनुम पिछले कई सालों में खुद को मानते हुए कि ऐसा कुछ नहीं है, वो मेरा भाई है, सिर्फ़ भाई। 

रजिया-पिछले 10 मिनट से अनुम के पास खड़ी उसे देख रही थी अचानक अनुम को एहसास हुआ कि कोई उसे देख रहा है-“अम्मी… अम्मी आप कब आईं?” 
रजिया-बस अभी। अनुम, किचिन में मेरी थोड़े हेल्प कर दो। 
अनुम खुद को ठीक करते हुए-चलिये अम्मी। 
रजिया की नज़र अनुम की भरी-भरी चूची पे पड़ी वो उसकी खूबसूरती को और हसीन बना रहे थे। 
अनुम ने जब रजिया को ऐसे घूरते देखा तो पूछ बैठी-क्या देख रही हो अम्मी? 
रजिया-“अनुम तुम टाइट ब्रा पहना करो बेटा, फिगर खराब हो जाता है…” 
अनुम ने उस वक्त शायद ब्रा नहीं पहना था। अनुम आँखें नीचे झुकाते हुए-“जी अम्मी, अभी आती हूँ…” 
रजिया उसके सर पे प्यार से हाथ रखकर उसे अपने सीने से लगा लेती है-“तुम जानती हो अनुम, जब मैं तुम्हारी उमर की थी तो बिल्कुल तुम्हारी जैसी लगती थी…” 
अनुम रजिया को अपनी बाहों में समेटते हुए रजिया से चिपक जाती है, दोनों की चूची आपस में रगड़ खाने लगती है। रजिया भी अनुम को अपने से जोर से चिपका लेती है। कुछ देर खामोशी के बाद रजिया अनुम को छोड़ देती है, और किचिन की तरफ चल देती है। 
10:00 बजे अमन रेहाना के घर सामान पहुँचाकर अपने घर में आ जाता है। वैसे तो उसका इरादा रेहाना को चोदने का था, पर फ़िज़ा जाग रही थी इसलिये वो घर लौट आया। घर में दाखिल होने पे उसने देखा कि अनुम सो चुकी है और रजिया अपने रूम में बेड से पीठ टिकाए लेटी हुई है, उसकी आँखें बंद थीं। अमन रजिया की जिस्म को घूरने लगता है। रजिया ने नाइटी पहनी हुई थी, अंदर ब्रा नहीं थी जिससे रजिया की चुचियाँ रजिया की सांस लेने से ऊपर-नीचे हो रही थी। 
अमन रजिया की पास आकर बैठ जाता है और उसका हाथ अपने हाथ में ले लेता है। रजिया शायद सोई नहीं थी। वो आँखें खोलते हुए-“आ गये बेटा, बहुत देर लगा दी। तुम फ्रेश हो जाओ, मैं खाना लगा देती हूँ…” 
अमन-अम्मी मुझे भूख नहीं है। 
रजिया-बेटा भूखा नहीं सोते, दूध पीकर सो जा। 
अमन रजिया की चुचियों को घूरने लगता है-“पिलाओ ना…” 
रजिया उसका मतलब समझ जाती है और शरमा जाती है। 

अमन-“अम्मी, आप बहुत खूबसूरत हो, और आपको पता है सबसे अच्छे आपके ये होंठ है…” और अमन रजिया की होंठों पे उंगली फेरने लगता है। 
रजिया-“उंह्म्मह… अमन ये तुझे क्या हो गया है? इसस्स्स्स्स…” 
अमन रजिया का चेहरा अपने हाथ में ले लेता है और उसकी आँखों में देखते हुए-“अम्मी, मुझे आपके होंठों का रस पीना है…” और ये कहकर रजिया की निचले होंठ अपने मुँह में ले लेता है। 
रजिया-“उंन्ह… उंन्ह… आह्म्मह… सस्स्स्स्स…” रजिया सिहर जाती है, उसका बदन काँपने लगता है। 
अमन उसका अपना बेटा था। वो जानती थी कि ये गलत कर रहा है मगर ना जाने क्यों वो उसे रोक नहीं पा रही थी। रजिया अपनी बाहें अमन के गले में डाल देती है और अमन का साथ देने लगती है। दोनों एक दूसरे को चाट रहे थे, चूस रहे थे, एक दूसरे की लार पी रहे थे। अमन अपने हाथ रजिया की चुचियाँ पे रख देता है तो उसे एहसास होता है कि रजिया ने ब्रा नहीं पहना है। 
अमन रजिया की चुचियों को मसलने लगता है। 
रजिया-“अह्म्मह… उंह्म्मह… अमन्न नहीं…” 
अमन रजिया की गोद में चढ़कर बैठ जाता है और रजिया की जीभ अपने मुँह में लेकर चूसने लगता है। रजिया की चुचियाँ तन जाती हैं। अमन अपना हाथ नीचे लेजाकर रजिया की नाइटी में डाल देता है। अब अमन सीधे रजिया की चुचियाँ मसलने लगता है् रजिया अपना होश खो चुकी थी, उसकी चूत गीली हो गई थी, निपल तन गये थे। अमन की लार रजिया के चेहरे पे थी। अमन अपना एक हाथ नीचे लेजाकर रजिया की पैंटी में डाल देता है। 
रजिया चौंक जाती है और अपनी आँखें खोल देती है-“नहीं अमन, यहाँ नहीं…” और अमन का हाथ जहाँ से निकाल देती है। 
अमन बुरी तरह भड़क जाता है, उसे गुस्सा आ जाता है और वो उठकर अपने रूम में चला जाता है। 
रजिया-“अमन… अमन सुन तो… बेटा अमन…” रजिया उसे पुकारती रह जाती है। 
अमन अपने रूम में आकर दरवाजा बंद कर लेता है। बाथरूम में जाकर शॉर्ट्स नीचे करके लण्ड बाहर निकाल लेता है और उसे हिलाने लगता है। साली की चूत पे हाथ क्या रख दिया कि लेक्चर देने लगी। कमीनी तुझे तो ऐसा चोदूंगा कि याद रखेगी। और अमन अपने लण्ड का पानी निकालने की कोशिश करता है पर न जाने क्यों उसके लण्ड से पानी नहीं निकलता। 
आख़िरकार काफी देर लण्ड हिलाने के बाद उसके लण्ड से पानी निकलने लगता है और अमन शांत पड़ जाता है। फिर बेड पे जाकर लेट जाता है तो थकान से उसकी आँख लग जाती है। 
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05-19-2019, 01:05 PM,
#6
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
रजिया परेशान हो जाती है कि उसने अमन को क्यों रोका? जब वो अमन को इतना चाहती है और अगर वो नहीं चाहती की अमन उसे छुये तो क्यों अमन की बाहों में पिघल जाती है। यही सोचते-सोचते उसे नींद आ जाती है। 
अगले दिन सबेरे 8:00 बजे-
“अमन उठो-उठो, अमन कॉलेज नहीं जाना…” रजिया रोज की तरह अमन को उठा रही थी। 
अमन आँखें खोलता है तो उसे सामने रजिया दिखाई देती है वो मुश्कुराते हुए उसे उठा रही थी। अमन को रात वाली बात याद आ जाती है और वो उठकर बाथरूम चला जाता है। 
रजिया उसे देखती रह जाती है। अमन फ्रेश होकर बाथरूम से बाहर आता है। तब तक रजिया वहाँ से जा चुकी होती है। अमन हाल में आकर टीजी देखने लगता है। जहाँ पहले से अनुम नाश्ता कर रही थी। 
अनुम-क्या हुआ अमन? तैयार नहीं हुआ, कॉलेज नहीं चलना? 
अमन-नहीं दीदी, मेरा सर दर्द कर रहा है। 
अनुम-टेबलेट लेकर आराम कर, मैं फ़िज़ा के साथ चली जाती हूँ। 
रजिया किचिन से-“अनुम, मुझे भी कुछ शॉपिंग करनी है, मैं भी चलती हूँ। अमन दरवाजा बंद करके आराम करना और मैं अनुम के साथ चली जाती हूँ…” 
अमन रजिया को कोई जवाब नहीं देता। उन लोगों के जाने के बाद अमन दरवाजा बंद कर देता है। अमन कुछ सोचकर रेहाना की तरफ चल देता है। 
अमन-“चाचीज़ान, कहाँ हैं आप?” अमन लगातार आवाज़ें दे रहा था। 
रेहाना-“मैं यहाँ हूँ अमन…” रेहाना अभी-अभी नहाकर बाथरूम से निकली थी। उसने सिर्फ़ तौलिया लपेट रखा था, और अंदर कुछ नहीं पहना था। 
अमन रेहाना को इस हालत में देखकर सकपका जाता है। 
रेहाना-आओ अमन, इस वक्त कैसे? कॉलेज नहीं गये? 
अमन-सर दर्द कर रहा था और अम्मी भी बाजी के साथ बाहर गई हैं। 
रेहाना-“इधर आ, मैं तेरा सर दबा देती हूँ…” और रेहाना बेड से पीठ टिका के बैठ जाती है। 
अमन बेड पे लेट जाता है और अपना सर रेहाना की गोद में रख देता है। 

रेहाना धीरे-धीरे अमन का सर दबाने लगती है-अमन एक बात पूछूं? 
अमन-पूछो। 
रेहाना-कल तुझे क्या हो गया था? 
अमन-कुछ भी तो नहीं चाची। 
रेहाना-“अच्छा बच्चू… अब चाची, कल तो रेहाना कह रहा था। सच कहूँ तो तेरे मुँह से रेहाना बड़ा अच्छा लगता है…” 
अमन रेहाना के बाल पकड़कर अपनी तरफ खींचने लगता है और रेहाना झुकती चले जाती है। अमन रेहाना के होंठ चूसने लगता है। 
रेहाना-“उंह्म्मह… क्या कर रहा है?” और रेहाना अमन के सीने को सहलाने लगती है। 
अमन की हिम्मत बढ़ जाती है और वो रेहाना के मुँह में अपनी जीभ डाल देता है। रेहाना होश खोने लगती है। वो भी अमन के मुँह में जीभ डालकर लार पीने लगती है। 
रेहाना-“गलप्प्प… स्स्स्स्स… म्म्म्म… उंन्ह… उंन्ह… अमन्न…” 
दोनों एक दूसरे को चूस रहे थे, चाट रहे थे। तभी अमन रेहाना की तौलिया खोल देता है। रेहाना किसिंग में इतनी खो जाती है कि उसे होश ही नहीं रहता कि वो पूरी नंगी हो चुकी है। उसे तब होश आता है, जब अमन उसकी एक चूची मसलने लगता है। 
रेहाना-“अह्म्मह… उंह्म्मह… अमन्न बेटा सस्स्स्स्सशह…” 
अमन बेड से खड़ा हो जाता है। रेहाना शरमाकर अपना चेहरा नीचे कर लेती है। अमन अपने कपड़े उतारने लगता है-“तुम्हें और क्या अच्छा लगता है रेहाना?” 
रेहाना अमन के बाल खींचते हुए-“तुम…” 
अमन रेहाना का सर पकड़कर नीचे करने लगता है, और रेहाना झुकती चली जाती है। दोनों इतने करीब थे कि एक दूसरे की सांसें साफ सुनाई देती हैं। अमन रेहाना के होंठों पर अपने होंठ रख देता है। 
रेहाना-“उंह्म्मह… सस्स्सस्स…” 
अमन रेहाना के होंठों को चूस रहा था। अब रेहाना से भी बर्दाश्त नहीं होता और वो भी अमन के बाल में उंगलियाँ फँसाकर अमन के होंठ चूसने लगती है। दोनों एक दूसरे को चूस रहे थे तभी अमन रेहाना के मुँह में अपनी जीभ डाल देता है। 

रेहाना-“उंह्म्मह…” और रेहाना भी अमन के मुँह में जीभ डालकर लार पीने लगती है। 
दोनों इस कदर एक दूसरे को चाट रहे थे कि रेहाना को होश ही नहीं रहता कि कब अमन ने उसका तौलिया खोलकर अलग कर दिया। जब अमन रेहाना के वपंक निपल को मरोड़ता है, तब उसे एहसास होता है कि वो नंगी हो चुकी है। 
रेहाना-“अह्म्मह… उंह्म्मह… अमन नहींईई…” 
पर अमन कहाँ रुकने वाला था। वो बेड से खड़ा हो जाता है, और अपने कपड़े उतारने लगता है। रेहाना मारे शरम के चेहरा घुमा लेती है। अमन पूरा नंगा हो जाता है। उसका 8” इंच लंबा और 3” इंच मोटा सफेद लण्ड फनफनाने लगता है। रेहाना जब उसे देखती है तो देखती रह जाती है। ये पहली बार था, जब उसके शौहर के अलाजा किसी और का लण्ड उसने देखा थ। 
अमन रेहाना के करीब आकर उसके बाल पकड़ लेता है। जिससे रेहाना का मुँह खुल जाता है। और अमन जल्दी से अपना लण्ड उसके मुँह में डाल देता है। 
रेहाना-“उंन्ह… अमन नहीं सस्स्स्स्स… गलप्प्प… गलप्प्प्प…” 
अमन-“चूस रेहाना, मेरी जान चूस इसे अह्म्मह… साली चूस…” 
रेहाना-“गलप्प… गलप्प…” और रेहाना जोर से अमन के लण्ड को चूसने लगती है-गलप्प्प… उंह्म्मह… गलप्प्प… गलप्प्प…” 
अमन-“अह्म्मह… साली पक्की रंडी अह्म्महईई आराम से अह्म्मह… रेहानाआअ…” 
रेहाना अपने मुँह से अमन का लण्ड निकालकर-“चुप कर… ये मेरा है, मैं कुछ भी करूं गलप्प्प… गलप्प्प… उंह्म्मह…” 
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05-19-2019, 01:05 PM,
#7
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
अमन पहलेी बार अपना लण्ड किसी के मुँह में डाल रहा था। हालांकि उसने कई ब्लू फिल्में देखी थी, पर अनुभव उसे आज हो रहा था-“अह्म्मह… साली धीरे…” अमन से अब कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था। वो रेहाना के मुँह से लण्ड निकाल लेता है, और उसे बेड पे धकेल देता है। 
रेहाना अपने पैर खोल देती है, और उसे अपने ऊपर खींच लेती है। 
अमन रेहाना के निपल को मुँह में लेकर चूसने लगता है। 
रेहाना-“अह्म्मह… बेटा आराम से अह्म्मह… उंह्म्मह… अमन्न सस्स्स्स्स… धीरे राजा बेटा आह्म्मह… चूस इन्हें अमन बहुत परेशान करते हैं ये तेरी रेहाना को अह्म्मह… उंह्म्मह…” 

अमन जोर-जोर से रेहाना के निपल को चूस रहा था, वो निपल को काटने लगता है। 
रेहाना-“अह्म्मह… सस्स्स्स्स… राजा बेटा धीरे ऊऊह्म्मह… अम्मीई…” रेहाना नीचे हाथ बढ़ाकर अमन का लण्ड हाथ में पकड़ लेती है, और उसे अपनी चूत पे रगड़ने लगती है-“अह्म्मह… डाल दो अमन्न… मत तड़पा अपनी जान को अह्म्मह…” 
अमन वो बस बच्चे की तरह चूस रहा था सिहर उठता है। और रेहाना की दोनों चुचियाँ मसलने लगता है। 
रेहाना-“उंह्म्मह… बेटा अमन आह्म्मह… डालो ना अंदर…” रेहाना अमन से चुदने के लिये मरी जा रही थी। 
पर अमन था कि उसकी बात सुन ही नहीं रहा था। 
रेहाना-“उंह्म्मह… अमन चोद मुझे… डाल दे अंदर तेरे चाची के… अह्म्मह… उंह्म्मह…” 
अमन रेहाना की आँखों में देखते हुए-“पहले बोल तू मेरी कौन है?” 
रेहाना-“अह्म्मह… उंन्ह… मैं तेरी बीवी हूँ। आज से तेरी रखैल हूँ अह्म्मह… तू वो कहेगा वो हूँ। बस मुझे चोद बेटा अह्म्मह…” 
अमन-“मुझसे रोज चुदेगी? बोल साली…” 
रेहाना-“हाँ… रोज, हर वक्त, जब तू कहे तब, जहाँ कहे वहाँ… अह्म्मह…” 
अमन रेहाना की कमर के नीचे हाथ डालकर अपना लण्ड उसकी चूत के मुँह पे टिकाकर जोर से धक्का मारता है-“ले रेहाना अह्म्मह…” 
रेहाना 6 महीने से नहीं चुदी थे और अमन के इतने जोर के धक्के ने उसकी बच्चेदानी तक हिलाकर रख दिया था-“उंह्म्मह… अह्म्मह… अम्मी ऊऊऊऊ… उंह्म्मह… अमन… अह्म्मह… बेटे इतनी जोर से अह्म्मह…” 
अमन कहाँ रुकने वाला था, वो तो दनादन लण्ड चूत में पेले जा रहा था-“ले साली अह्म्मह… अह्म्मह… चुद जा अपनी बेटे से ले…” और रेहाना की चुचियाँ मसलते हुए चोदे जा रहा था। 
रेहाना-“अह्म्मह… उंह्म्मह… धीरे-धीरे बेटा अह्म्मह…” रेहाना की चूत पानी छोड़ने लगी थी जिससे अमन को चोदने में आसानी हो रही थी। फच-फच की आवाज़ें रूम में गूँज रही थीं। 
रेहाना-“मैं छूटने वाली हूँ अह्म्मह… अमन…” 
अमन-“मैं भी… कहाँ निकालूं पानी? अह्म्मह…” 
रेहाना-“अंदर ही निकाल उंह्म्मह…” 

और दोनों एक साथ डिस्चार्ज हो जाते हैं। दोनों की सांसें थमने लगती हैं। वो दोनों एक दूसरे को चूमने लगते हैं। 
रेहाना-“अमन, तूने आज अपनी जान को वो खुशी दी है, वो मैं कई सालों से चाहती थी…” 
अमन-सच? 
रेहाना-हाँ अमन। 
अमन-मैं भी तुझे चोदने के लिये तरस रहा था रेहाना। 
रेहाना-अब तो मैं तेरी हो गई हूँ जब चाहे मुझे चोद, मैं मना नहीं करूंगी। 
अमन-“हाँ जान…” 
और दोनों 15 मिनट तक एक दूसरे में खो जाते हैं। तभी अमन की नज़र घड़ी पे पड़ती है-“बाप रे… मुझे जाना होगा, अम्मी आती होंगी…” और अमन बेड से खड़ा हो जाता है। 
रेहाना भी अपने कपड़े पहनकर अमन को दरवाजे तक छोड़ने आती है। रेहाना दरवाजे पे अमन से चिपकके-“अमन, रोज चोदेगा ना मुझे?” 
अमन उसे किस करते हुए-“रोज मेरी जान…” और अमन रेहाना को बाइ कहकर अपने घर कि तरफ बढ़ जाता है। 
अमन अपने रूम में बेड पर लेट जाता है, और रेहाना के साथ की चुदाई को याद करके गरम होने लगता है। उसे अपनी किस्मत पे यकीन नहीं हो रहा था कि कैसे इतनी जल्दी उसे अपनी पहली चूत मिल गई पर उसे यकीन था कि इस परिवार की सभी चूतें उसे ज़रूर मिलेगी, क्योंकी इस परिवार में सिर्फ़ एक मर्द था और वो था खुद अमन। उसके अब्बू और चाचू तो महीनों बाहर रहते थे, जिससे उसकी अम्मी, खाला और चाची की चूत में खुजली बढ़ने लगी थी। वो अपने ही ख्यालों में गुम था। तभी डोरबेल बजती है तो वो दरवाजा खोलता है तो सामने उसकी अम्मी रजिया खड़ी थी। 
रजिया-अमन, अब कैसी तबीयत है? 
अमन उसे कोई जवाब नहीं देता और अपने रूम में चला जाता है। 
रजिया सामान किचिन में रखकर अमन के रूम में आ जाती है। अमन बेड से पीठ टिकाए बैठा था। रजिया उसके पास बैठ जाती है। दोनों एक दूसरे को देख रहे थे मगर कोई कुछ बोल नहीं रहा था। रजिया अमन के करीब आती है, और उसके गले में बाहें डाल देती है। अमन उसे ही देख रहा था। दोनों की सांसें तेज चल रही थीं। 

रजिया-“अमन, मुझे लगता है कि हमें थोड़ी और प्रेक्टिस करनी चाहिए…” और अमन के जवाब देने से पहले अपने होंठ अमन के होंठों पर रख देती है। 
अमन रजिया को किस नहीं कर रहा था बस रजिया ही अमन के निचले होंठ को चूस रही थी। रजिया अमन के ऊपर चढ़ जाती है। अमन का लण्ड पहले से ही रेहाना की चुदाई सोच-सोचकर खड़ा हो गया था। ऊपर से रजिया की किस उसे और गरम कर रही थी। उसका गुस्सा शांत हो चुका था। अब वो भी रजिया को अपनी बाहों में भर लेता है, और रजिया को चूसने चाटने लगता है। 
रजिया-“उंन्ह… उंह्म्मह… उन्न्न् गलप्प्प-गलप्प्प…” 
दोनों एक दूसरे के मुँह में अपनी जीभ डालकर किसिंग कर रहे थे। उनकी लार नीचे गिरने से पहले वापस मुँह में चाट ली जाती। वो दोनों अब पूरी तरह गरम हो चुके थे। अमन अपना हाथ रजिया की चुचियों पे रखकर दबाने लगता है। 
रजिया-“उंह्म्मह… सस्स्स्स्सह उम्म्म्म…” 
अमन पूरी ताकत से चुचियाँ मसल रहा था। रजिया की गाण्ड अमन के लण्ड पे घिसने लगती है। दोनों माँ बेटे किसी प्रेमी की तरह अपनी दुनियाँ में गुम थे अमन रजिया को नीचे कर लेता है, और उसके ऊपर चढ़ जाता है। 
रजिया-“अह्म्मह… उंह्म्मह… गलप्प्प…” 
अमन रजिया के ऊपर ऐसे चढ़ा हुआ था कि उसका लण्ड ठीक रजिया की चूत पे रगड़ खा रहा था, जिससे रजिया की चूत में पानी आने लगा था। अमन अपना हाथ रजिया की कमीज़ में डालने लगता है, और अंदर पहुँचकर पीछे से उसकी ब्रा खोल देता है। 
रजिया-“अह्म्मह… उंह्म्मह… अमन बेटा उंह्म्मह… अह्म्मह… नहीं उंह्म्मह…” 
अमन कहाँ रुकने वाला था। वो तो रजिया की चुचियों को मसले जा रहा था। रजिया की चुचियाँ रेहाना की चुचियों से भी ज्यादा नरम थीं। 
रजिया-“उंह्म्मह… अमन बस्स कर बेटा अह्म्मह…” 
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05-19-2019, 01:05 PM,
#8
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
अमन रजिया की शलवार का नाड़ा खोलने ही वाला था कि डोरबेल बजती है। रजिया अमन को अपनी ऊपर से धकेलकर अपने रूम में भाग जाती है। उसके चेहरे से साफ लग रहा था कि वो चिढ़ी हुए है, उस कम्बख़्त डोरबेल बजाने वाले से। 
अमन भी झुंझलाकर अपने आपको ठीक करके दरवाजा खोलता है तो सामने अनुम खड़ी थी। 
अनुम-कितने देर से बेल बजा रही हूँ, कहाँ था? 

अमन-“मैं कोई चपरासी नहीं हूँ, वो दरवाजे के पास बैठा रहूं। पढ़ाई कर रहा था…” 
अनुम उसे गुस्से से देखते हुए-“बड़ा आया पढ़ाई करने वाला…” और पैर पटकके अपनी रूम में जाने लगती है। अनुम ने पीछे मुड़कर पूछा-अम्मी आ गई क्या? 
अमन-हाँ, अपने रूम में होंगी। 
उधर रजिया बाथरूम में अपनी चूत के दाने को मसलकर अपना पानी निकालने लगती है। अगर अनुम नहीं आती तो शायद आज रजिया चुद जाती। 
9:00 बजे खाना खाने के बाद अमन हाल में बैठा टीजी देख रहा था। रजिया और अनुम किचिन में सफाई कर रहे थे। 
अमन कुछ सोचते हुए-“अम्मी, मैं चाचीज़ान के यहाँ जा रहा हूँ उनके कंप्यूटर से नोटस निकालने हैं। अगर देर हो गई तो वहीं सो जाऊँगा। 
रजिया-“ठीक है। रेहाना को मेरा सलाम कहना…” 
फिर अमन अपने रूम में जाकर नाइट पैंट पहन लेता है। और रेहाना के घर की तरफ निकल जाता है। रेहाना और फ़िज़ा अभी-अभी खाना खाकर उठे थे और वो भी अपने बर्तन साफ करने में लगे थे। तभी अमन किचिन में दाखिल होता है। 
अमन-सलाम चाचीज़ान। 
रेहाना अमन को इस वक्त देखकर खुशी के मारे उछलना चाहती है। मगर फ़िज़ा के करीब होने से सिर्फ़ मुश्कुराकर जवाब देती है-“अरे अमन, आओ बेटा इस वक्त कुछ काम था?” 
अमन-“वो चाचीज़ान, आपके रूम में वो कम्प्यूटर है। मुझे वो इश्तेमाल करना था, कुछ नोटस निकालने हैं। टेस्ट नज़दीक आ रहे हैं ना…” 
रेहाना उसे घूरते हुए-“अच्छा अच्छा, जाओ इश्तेमाल कर लो। मैं तुम्हारे लिये चाय बनाकर लाती हूँ…” 
फ़िज़ा-“क्या बात है अमन, आजकल बड़ी पढ़ाई हो रही है? हाँ…” 
अमन-हाहाहाहा… बस दीदी आपका असर है। 
फ़िज़ा उसे शरारती स्माइल देकर चली जाती है। 
अमन रेहाना को अपनी बाहों में भर लेता है। 

रेहाना-“अह्म्मह… अमन क्या कर रहा है? छोड़ मुझे, फ़िज़ा देख लेगी…” 
अमन-“देखने दे, आज रात भर तुझे रगड़कर चोदना है। अम्मी ने यहाँ सोने के इजाजत दे दी है…” और अमन रेहाना के होंठ चूम लेता है। 
रेहाना-“अह्म्मह… सच…” और रेहाना मारे खुशी के उसे काट लेती है। तभी फ़िज़ा की आवाज़ से दोनों अलग हो जाते हैं। 
अमन कम्प्यूटर इश्तेमाल कर रहा था। इश्तेमाल क्या टाइम पास कर रहा था, और फ़िज़ा के सोने का इंतजार कर रहा था। 
पर फ़िज़ा थी कि रेहाना के रूम में बैठी रेहाना से अपने कॉलेज की बातें किये जा रही थी। रेहाना की चूत में आज रात होने वाली चुदाई को सोच-सोचकर पानी आ रहा था। तभी अमन कम्प्यूटर बंद करके उनके साथ बातें करने लगता है। वो बेड से पीठ टिकाए बैठा था, रेहाना चेयर पे और फ़िज़ा सोफे पर। बातें करते-करते अमन अपने आँखें बंद कर लेता है, जैसे सो गया हो। 
10 मिनट बाद जब अमन कोई रेस्पॉन्स नहीं देता तो फ़िज़ा धीरे से रेहाना से कहती है-“अम्मी लगता है कि अमन सो गया है। इतनी रात को इसे उठाकर भेजना ठीक नहीं लगता…” 
रेहाना-“हाँ, बच्चा सो गया लगता है। मैं ऐसा करती हूँ कि रजिया बाजी को फोन करके बोल देती हूँ कि अमन कल नाश्ता करके आ जाएगा…” 
फ़िज़ा-“हाँ, ये ठीक रहेगा। पर अम्मी आप कहाँ सोयेंगे?” 
रेहाना-“बेटा, मैं नीचे बेड डाल देती हूँ। जैसे भी मेरी पीठ में दर्द है कल से। नीचे सोने से आराम मिल जाएगा…” 
फ़िज़ा-“ओके अम्मी, मुझे भी बहुत नींद आ रही है। मैं चली सोने। बाययी गुड नाइट…” 
रेहाना-गुड नाइट बेटा। 
फ़िज़ा के जाने के बाद रेहाना अमन को घूरते हुये-“बहुत चालाक हो जानू…” और रजिया को फोन करके अमन के रुकने की इत्तेला दे देती है। 
सभी दरवाजे बंद करके रेहाना फ़िज़ा के रूम में जाती है। फ़िज़ा घोड़े बेचकर सो चुकी थी। रेहाना के चेहरे पे मुश्कान आ जाती है। और वो रूम में जाकर दरवाजा बंद कर लेती है। फिर अलमारी से एक पतली सी नाइटी निकालकर पहन लेती है, और अपनी ब्रा और पैंटी उतार देती है। रेहाना बेड पे जाकर अमन के कान में धीरे से कहती है-“गुड नाइट अमन…” 
अमन आँखें खोलकर रेहाना को अपने ऊपर खींच लेता है, और रेहाना को देखते हुए-“गुड नाइट… ऐसे कैसे गुड नाइट? 


पहले लण्ड को कर टाइट, 
चूत से करने दे फाइट, 
गिरने दे सफेद वीर्य, 
तब होगा आल राइट’ 
तब कहना गुड नाइट। 

रेहाना खिलखिलाकर हँसने लगती है, और अमन पे चढ़ जाती है-“गंदे कहीं के…” 
अमन रेहाना की गाण्ड पकड़कर मसलने लगता है। 
रेहाना-“अह्म्मह… उंह्म्मह… अमन उंह्म्मह…” 
अमन-“रेहाना, आज तेरे तीनों सुराखों में लण्ड डालूंगा अह्म्मह…” 
रेहाना-“अह्म्मह… उंह्म्मह… डालो ना जी, मैं तो पूरी की पूरी आपकी हूँ उंह्म्मह… अह्म्मह…” 
अमन-“साली क्या बात है, एक ही चुदाई में तू से आप?” 
रेहाना-“अमन, मैंने आपको अपना शौहर मान लिया है। अबसे रेहाना आपकी बीवी है, और बीवी को चोदने के लिये पूछा नहीं करते… बस चोदते हैं। ओह्म्मह… उंह्म्मह…” 
अमन ने रेहाना की गाण्ड में एक उंगली डाल दी थी, जिससे रेहाना उछलने लगती है। 
रेहाना-“उंह्म्मह… आअगघ… अह्म्मह…” 
अमन रेहाना की नाइटी गले से उतार देता है, और उसे नंगी कर देता है। नाइट बल्ब की रोशनी में रेहाना का बदन चमकने लगता है। रेहाना की कमर थोड़ा बाहर निकली हुई थी पेट एकदम स्लिम और छाती बाहर एकदम परफ़ेक्ट बदन। अमन रेहाना की गाण्ड में उंगली करने लगता है। 
रेहाना-“आआह्म्मह… उंह्म्मह… सुनिए, मुँह में डालिये ना…” 
अमन-क्या? 
रेहाना-आपका लण्ड। 
अमन-चल मुझे नंगा कर 
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05-19-2019, 01:06 PM,
#9
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
रेहाना अमन की नाइट पैंट खींच लेती है, और अंडरवेअर भी। अमन का लण्ड अपनी औकात में आ जाता है। रेहाना बिना देर किए उसके गुलाबी सुपाड़े पे चूम लेती है, और “गलप्प्प… गलप्प्प…” मुँह में भर लेती है। उंह्म्मह… गलप्प्प-गलप्प्प। 
अमन-“धीरे, साली इतने जोर से नहीं अह्म्मह… अह्म्मह… धीरे ऊह्म्मह…” 
रेहाना उसकी बात को अनसुना करके पूरी रफ़्तार से लण्ड चूसने लगती है-“गलप्प्प… गलप्प्प… गलप्प्प… उंह्म्मह… उंह्म्मह… उंह्म्मह…” 
अमन रेहाना की गाण्ड पे थप्पड़ मारता जाता है-“चूस साली चूस… कमीनी अह्म्मह… अह्म्मह… अह्म्मह…” 
रेहाना के थूक से अमन का लण्ड और चमकने लगता है-“उह्म्मह… गलप्प्प… गलप्प्प उंह्म्मह…” 
फिर अमन रेहाना के बाल पकड़कर ऊपर खींच लेता है-“इधर आ रेहाना…” अमन रेहाना के होंठ चाटने लगता है। दोनों एक दूसरे की जीभ चाट रहे थे। 
रेहाना-“उंह्म्मह… अह्म्मह…” फिर रेहाना अपनी चूत को और अमन के लण्ड को एक साथ सहलाने लगती है-“उंह्म्मह… अह्म्मह… आगगघ…” 
अमन से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था वो रेहाना को नीचे कर लेता है, और उसके पैरों के बीच आ जाता है। 
रेहाना-“उंह्म्मह… अह्म्मह… जानू… अमन उंह्म्मह…” 
अमन लण्ड को रेहाना के चूत पे घिसने लगता है। 
रेहाना-“अह्म्मह… ओह्म्मह… अह्म्मह… जानू चोदो ना जी अह्म्मह… उंह्म्मह… डालो ना अमन…” 
अमन रेहाना के आँखों में देखते हुए-“ले साली अह्म्मह… अह्म्मह…” 
रेहाना-ओह्म्मह… इस्स्स्स्स… आह्म्मह… उंह्म्मह… अम्मी उंह्म्मह…” 
अमन दनादन रेहाना को चोदने लगता है-“ले रेहाना… ले मेरी जान… चुद ले अपने शौहर से अह्म्मह…” 
रेहाना-उंह्म्मह… आह्म्मह… उंह्म्मह… अमन्न जानू धीरे… उंह्म्मह… नहीं…” 
दोनों एक दूसरे के अंदर बस समा जाना चाहते थे। अमन इतने जोर से रेहाना को चोद रहा था कि फटक-फटक की आवाज़ रूम में गूँज रही थी, ऊपर से दोनों के चिल्लाने की आवाज़ें। अमन रेहाना की गाण्ड को पकड़कर चोदे जा रहा था। 
और रेहाना नीचे से गाण्ड उछाल-उछालकर उसका साथ दे रही थी-“अह्म्मह… उंह्म्मह… जानू…” 

रेहाना की चूत पूरी तरह से चिकनी हो चुकी थी, जिससे अमन को चोदने में आसानी हो रही थी-“अह्म्मह… रेहाना तेरी चूत अह्म्मह… साली देख कैसे जा रहा है तेरी चूत में अह्म्मह… उंह्म्मह…” 
रेहाना-“हाँ हाँ चोदो जानू अह्म्मह… चोदो अपनी रेहाना को अह्म्मह… चीर दो मेरे चूत को अह्म्मह… मैं चल भी ना पाऊँ, ऐसे चोदो अह्म्मह… उंह्म्मह… अह्म्मह…” 
अमन-“अह्म्मह… रेहाना, आज रात भर तुझे चोदना है, रगड़कर जान उंह्म्मह…” दोनों तकरीबन आधे घंटे से चुदाई में मसरूफ थे। 
रेहाना-“अह्म्मह… अमन मैं आ रही हूँ…” 
अमन-“अह्म्मह… मैं भी… ले रेहाना तेरी चूत में मेरा पानी अह्म्मह… अह्म्मह… श्श्शह…” 
और दोनों पानी छोड़ने लगते हैं। तकरीबन 10 मिनट बाद दोनों की सांसें सभलती हैं। अमन अभी भी रेहाना के ऊपर था। अमन रेहाना को अपने ऊपर खींच लेता है, और रेहाना को अपनी बाहों में भर लेता है। अमन रेहाना को अपने ऊपर ले लेता है, पर अमन का लण्ड अभी भी रेहाना की चूत में था और उसकी चूत से दोनों का पानी बाहर निकल रहा था। रेहाना अमन की छाती पे अपना सर रखे हुए उसके गुलाबी निपल्स को काटती है। 
अमन-“अह्म्मह… क्या कर रही है?” 
रेहाना-“मेरा जानू है, कुछ भी करू?” 
अमन-“रेहाना, एक बात बता कि तू मुझसे चुदने के लिये कैसे तैयार हो गई?” 
रेहाना-“क्योंकी मैं आपसे सच्ची मोहब्बत करती हूँ अमन…” 
अमन-“झूठ… कुछ दिन बाद चाचू वापस आएंगे तो तू उनसे चुदाएगी और मुझे भूल जाएगी…” 
रेहाना की आँखों में नमी आ जाती है, और वो अमन को देखने लगती है-“क्या मैं तुझे ऐसी औरत लगती हूँ, वो बस लण्ड के लिये मरती है? तेरे चाचू मेरे शौहर ज़रूर हैं, पर दिल की मोहब्बत मैं तुझसे करती हूँ और करती रहूगी मरते दम तक…” और अमन के ऊपर से उठने लगती है। 
अमन उसे वापस खींच लेता है-“अरे, मैं तो मज़ाक कर रहा था जान…” 
रेहाना-ऐसा मज़ाक दुबारा मत करना। 
अमन रेहाना के होंठ को चूमते हुए-“नहीं करूगा…” फिर रेहाना की चूत में अमन का लण्ड जागने लगता है। 
रेहाना-उंन्ह… अमन एक बात कहूँ? 

अमन-बोल। 
रेहाना-आई लव यू। 
अमन रेहाना के होंठों को चूसने लगता है-“आई लव यू टू रेहाना…” 
रेहाना-“अह्म्मह… क्या कर रहे हो? उंन्ह… वहाँ नहीं…” 
अमन ने रेहाना की गाण्ड में एक साथ दो उंगलियाँ डाल दी थी, जिससे रेहाना मचल उठी थी। 
रेहाना-“क्यों जी, क्या इरादा है? अह्म्मह… ओह्म्मह…” 
अमन-“तेरी गाण्ड मारने का इरादा है। पर मुझे नहीं लगता कि तू मेरा ले पाएगी…” 
रेहाना-“आप प्यार से डालोगे तो मैं ज़रूर ले लूंगी अह्म्मह… ऊऊह्म्मह…” 
अमन-“अच्छा देखते हैं। जा तेल की बोतल लेकर आ…” 
रेहाना अमन के लण्ड पे से उठ जाती है तो ‘पच्च’ की आवाज़ से अमन का लण्ड बाहर आ जाता है। और रेहाना गाण्ड मटकाते हुए तेल की बोतल लाने चली जाती है। अमन घड़ी के तरफ देखता है तो रात के 2:00 बज रहे थे। 
रेहाना-“क्या देख रहे हो जी? आज आपको सोने नहीं दूंगी…” 
अमन-“हाहाहाहा… साली छिनाल इधर आ, तेल लगा मेरे लण्ड में…” 
रेहाना अपनी हथेली में तेल लेती है। मगर अमन के लण्ड पे तेल लगाने के बजाए खुद की चूत और गाण्ड पे तेल लगाने लगती है, और अमन का लण्ड मुँह में ले लेती है। 
अमन-“अह्म्मह… अह्म्मह… रेहाना धीरे, क्या कर रही है? अह्म्मह…” 
रेहाना-“उंहूँ गलप्प्प… गलप्प्प… अह्म्मह… गलप्प्प… गलप्प्प…” और जोर-जोर से लण्ड चाटने लगती है। रेहाना का थूक अमन के लण्ड को गीला कर चुका था। रेहाना अमन के लण्ड को मुँह से निकालकर फिर तेल अमन के लण्ड पे लगाती है। 
अमन-“अह्म्मह… रेहाना तू पक्की एक्सपर्ट है। चाचू का भी लण्ड ऐसे ही चूसती है क्या?” 
रेहाना-“नाम मत लो उस हरामी का, मुझे यहाँ अकेले छोड़कर जहाँ गाण्ड मरा रहा है…” 

अमन रेहाना के बाल खींचते हुए-इधर आ। 
रेहाना तकलीफ और मस्ती में अह्म्मह… अह्म्मह… करते हुये अमन के पास आ जाती है। 
अमन-चल घोड़ी बन जा। 
रेहाना घोड़ी बन जाती है। उसके चुचियाँ नीचे लटक रही थी, गाण्ड पीछे की तरफ थी और बाल खुले हुए थे। अमन पागल हुआ जा रहा था और अपने लण्ड को मसलते हुए-“पहले कभी पीछे लिया है?” 
रेहाना-नहीं जी। 
अमन-थोड़ा दर्द होगा। 
रेहाना-होने दो आप बस चोदो। 
अमन पीछे से रेहाना की गाण्ड पे अपना लण्ड टिका देता है, और रेहाना के कंधे को पकड़कर जोरदार झटका देता है-“अह्म्मह… ले जान…” 
रेहाना-“अम्मी उंह्म्मह… अह्म्मह… नहींई निकालो जी उंह्म्मह… प्लीज़ बाहर निकालो उंह्म्मह… सुनिए ना जी बहुत दुखता है… अम्मी जी…” 
अमन-“अह्म्मह… चुप कर, बस हो गया…” और एक जोरदार झटके से अपना पूरा लण्ड रेहाना की गाण्ड में पेल देता है। 
रेहाना-“अह्म्मह… हाँ उंह्म्मह…” रेहाना के लिये दर्द बर्दाश्त करना मुश्किल था, मगर अमन की मोहब्बत उसे रोक रही थी चिल्लाने से। रेहाना बेड से चिपक जाती है। 
अमन रेहाना की गाण्ड में धीरे-धीरे लण्ड अंदर-बाहर करने लगता है। वो सिर्फ़ दो इंच बाहर निकालकर पेल रहा था। मगर रेहाना को ऐसा लग रहा था जैसे अमन पूरा बाहर निकालकर जड़ तक पेल रहा है। 
रेहाना-“अह्म्मह… अजी सुनिए, आराम से मारिये ना अह्म्मह…” 
अमन-“हाँ मेरे रानी, बहुत टाइट है तेरी गाण्ड अह्म्मह… ओह्म्मह… उंह्म्मह…” 
रेहाना-“चुचियाँ मसलते हुए चोदिए ना जी… अह्म्मह…” 
अमन रेहाना की चुचियों को मसलते हुए रेहाना की गाण्ड मारने लगता है। अब थोड़ा आसानी से लण्ड अंदर जा रहा था-“रेहाना तू ठीक तो है ना? दर्द तो नहीं हो रहा ना जान? अह्म्मह… 
रेहाना-नहीं, उंह्म्मह… मैं ठीक हूँ अह्म्मह… उंह्म्मह… अम्मी उंह्म्मह… ओह्म्मह…” 
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05-19-2019, 01:06 PM,
#10
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
अमन अब दनादन गाण्ड में लण्ड डालने लगता है। जिससे पच-पच की आवाज़ आने लगती है-“अह्म्मह… रेहाना अह्म्मह…” अमन रेहाना से बुरी तरह ऊपर से चिपका हुआ था। उसके हर झटके से रेहाना बेड में धँस जाती थी। 

रेहाना-“अम्म्म्मम जानू आपका बहुत बड़ा है। मेरी गाण्ड फट गई है। अह्म्मह…” 

अमन-“आह्म्मह… मुझे फाड़नी है तेरी… साली, कल तू चल भी नहीं पाएगी ऐसे चोदना है तुझे आह्म्मह… ले ले ल्ले और जोर-जोर से। अह्म्मह… ऐसे-ऐसे होना ना तुझे ऐसे…” अमन रेहाना की कमर पकड़कर अपनी पूरी ताकत से उसकी गाण्ड मार रहा था। 

रेहाना-हाँ हाँ अह्म्मह… ओईईए अम्मी उंह्म्मह… अगघ उंह्म्मह… अम्मी गग्गग्गग… सुनिए जी, सुनिए ना…” 

अमन-अह्म्मह… बोल क्या हुआ? 

रेहाना-“मुझे जोर से पेशाब आई है। बाहर निकालिये ना जी अह्म्मह… उंह्म्मह…” 

अमन इतना हट्टा-कट्टा था कि एक साथ दो औरतों को अपनी गोद में उठा सकता था। अमन ने कहा-“रुक…” और रेहाना को अपनी गोद में उठा लेता है। रेहाना की गाण्ड में अभी भी लण्ड था और वो एक बच्चे की तरह पैर चौड़ा किये अमन की गोद में थी। अमन उसे रूम में बने बाथरूम में ले जाता है, और कमोड पे खड़ा कर देता है, और कहता है-“चल मूत…” 

रेहाना-“उंह्म्मह…” वो कोशिश करती है, पर मूत नहीं पाती-“अह्म्मह… सुनिए, नहीं आ रहा है ना जी…” 

अमन रेहाना को थोड़ा ठोंकता है, और दनादन-दनादन चोदने लगता है-“अह्म्मह… अह्म्मह… अह्म्मह… मूत साली…” 

रेहाना अमन के इतने जोरदार झटकों से काँपने लगती है, और उसकी चूत से पेशाब निकलने लगता है-“अह्म्मह… अह्म्मह… अम्मी अम्मी… आययी अम्म्म्म…” पेशाब दोनों के पैरों से बहता हुअ नीचे गिर रहा था पर उन्हें इसकी परवाह नहीं थी। 

“अह्म्मह… अह्म्मह…” अमन रेहाना की चुचियाँ मरोड़ते हुए-“हो गया?” 

रेहाना-“हाँ अह्म्मह… मेरा पानी अह्म्मह…” अमन ने इतने जोर से रेहाना की गाण्ड मारी थी कि पेशाब करने के बाद रेहाना की चूत अब पानी छोड़ने लगी थी-“अह्म्मह… अह्म्मह… 

अम्मी…” और रेहाना पानी छोड़ देती है। वो ढीली पड़ गई थी। पर अमन अभी तक झड़ा नहीं था। उसका स्टैमिना देखकर रेहाना पूछ बैठती है-“सुनिए, आपका पानी नहीं निकला?” 

अमन-“नहीं… एक बार जब मेरा पानी निकल जाता है तो उसके बाद दुबारा पानी निकलने में वक्त लगता है…” ये कहकर अमन रेहाना की चूत से लण्ड निकाल लेता है। 

रेहाना पानी से अपनी चूत और गाण्ड साफ करने के बाद अमन का लण्ड भी साफ करती है, और पेशाब भी। 

अमन-चल बेड पे। 
रेहाना-मुझसे चला नहीं जा रहा है। 

अमन रेहाना को गोद में उठा लेता है, और उसके होंठों को चूसने लगता है-“तू बहुत नौटंकी करती है रेहाना…” 

रेहाना-आपके हुंह्म्मह। 

अमन रेहाना को बेड पे लेटाकर उसके बाजू में लेट जाता है। 

रेहाना अमन से चिपक जाती है-एक बात कहूँ? 
अमन-बोल। 

रेहाना-“मैं चाहती हूँ कि मैं ऐसे ही पूरी नंगी हर रात आपकी बाहों में पड़ी रहूं और आप मुझे रोज चोदें…” 

अमन-कुछ रोज रुक जा फिर तू जैसा चाहेगी वैसा होगा। 

रेहाना-सच… और रेहाना अमन के ऊपर आ जाती है। 

अमन-सुन मेरे लण्ड पे बैठ जा। 

रेहाना-“जी…” और रेहाना पैर चौड़े करके अमन के लण्ड पे बैठते चली जाती है-“अह्म्मह… अह्म्मह… उंह्म्मह…” 

अमन रेहाना को अपने से चिपकाकर नीचे से लण्ड उसकी चूत में पेलने लगता है-“अह्म्मह… अह्म्मह… रेहाना अह्म्मह…” 

रेहाना ऊपर से अपनी गाण्ड हिलाने लगती है, जैसे अमन को चोद रही हो और अपनी चुचियाँ अमन के बालों वाले छाती पे रगड़ने लगती है-“अह्म्मह… आग्गगघ…” 

अमन रेहाना को चोदे जा रहा था और उसकी जीभ को मुँह में लेकर चूसने लगा था। रेहाना की गलप्प्प-गलप्प्प उंह्म्मह… उंह्म्मह… अह्म्मह… ऊऊऊ ओह्म्मह… फच-फच, पच-पच रूम में उन दोनों की आवाज़ें माहौल को और रोमांटिक बना रही थीं। 

अमन-“अह्म्मह… ले मेरा पानी आह्म्मह… अह्म्मह…” और अमन रेहाना की चूत में पानी छोड़ देता है। 

रेहाना भी तीसरी बार झड़ रही थी-“अह्म्मह… उंह्म्मह…” 
दोनों एक दूसरे से चिपके एक दूसरे को शांत कर रहे थे। 

10 मिनट बाद रेहाना ने कहा-सुनिए जी। 
अमन-बोल। 

रेहाना-आप मुझे कल प्रेग्गनेन्सी रोकने की गोलियाँ लाकर देंगे। 

अमन-क्यों? 

रेहाना-“आपने मुझे इतनी बार चोदा है, मैं प्रेग्गनेंट हो सकती हूँ… मैं रिस्क नहीं लेना चाहती…” 

अमन-“क्यों, मेरा बच्चा पैदा नहीं करेगी?” 

रेहाना-करूंगी, पर वक्त आने पे। 
अमन-ठीक है, ला दूंगा। अब सो जा रात के 3:00 बज रहे हैं। 

रेहाना-आप सो जाओ, मैं आपके ऊपर ही सोऊँगी। 

अमन-ठीक है, बाहर निकालूं? 

रेहाना-“नहीं, अंदर ही रहने दो ना…” 

फिर अमन आँखें बंद कर लेता है। रेहाना अमन के ऊपर उससे चिपकी उसका लण्ड अपनी चूत में रखे लेटे हुए अपनी आने वाली जिंदगी के बारे में सोचने लगती है। 

सबेरे 5:00 बजे-
अमन और रेहाना एक दूसरे की बाहों में सो चुके थे। कुछ देर बाद अमन की आँख खुलती है। और वो अभी भी रेहाना को अपने ऊपर चिपका पाता है। अमन का लण्ड ढीला था मगर रेहाना की चूत में था। अमन रेहाना के बालों में हाथ डालकर सहलाने लगता है, और एक हाथ से रेहाना की कमर सहलाता है।

रेहाना अभी-अभी सोई थी-“उंन्ह… सोने दीजिये ना…” 

अमन बिना कुछ कहे रेहाना को सहलाता रहता है। रेहाना जाग जाती है, और अमन की आँखों में देखते हुए-“आज आप सोने नहीं दोगे? है ना…” 

अमन-नहीं। 

रेहाना-फिर? 

अमन-चोदना है। 

रेहाना-“उंह्म्मह… नीचे लो मुझे…” 

अमन रेहाना को नीचे लेता है, और उसकी चुचियों को मसलते हुए-“सुन… लण्ड को टाइट कर…” 

रेहाना-“हाँ…” और रेहाना उठकर अमन का लण्ड मुँह में ले लेती है। अमन के लण्ड पे उन दोनों का पानी रेहाना को मदमस्त कर रहा था-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…” 

अमन-“आ जा…” अमन का लण्ड तो टाइट था ही, बस उसे गीला करना था। 

रेहाना अमन के नीचे अपनी टाँगें खोल देती है। और अमन रेहाना के दोनों पैर हवा में उठा देता है। फिर उसकी चूत पे लण्ड रगड़कर अंदर डालने लगता है।
रेहाना-“अह्म्मह… अह्म्मह… जानू अह्म्मह…” 

अमन-“रेहाना अह्म्मह… अह्म्मह…” 

रेहाना-“आप जब भी मेरी चूत के अंदर लण्ड डालते है तो ऐसा एहसास होता है कि जैसे पहली बार चुद रही हूँ अह्म्मह… धीरे-धीरे जी… अम्मी अम्मी…” 

अमन ताकत से रेहाना को चोद रहा था। रेहाना उसके पेट को कुरेदने लगती है। दोनों चुदाई में मस्त थे अपनी ही दुनियाँ में। 30 मिनट बाद दोनों फिर से झड़ जाते है। और फिर से लेट जाते हैं। 

सुबह 7:00 बजे-
उन दोनों को सोये हुये एक घंटा ही हुआ था कि फ़िज़ा दरवाजा खटखटाते हुए-“अम्मी दरवाजा खोलिये, मुझे ट्यूशन जाना है…” 

रेहाना हड़बड़ाते हुए उठ जाती है, और जल्दी से अमन को उठाती है-“उठो अमन, अपने कपड़े पहनो। फ़िज़ा दरवाजे पे है…” 

अमन जल्दी से उठ जाता है। दोनों अपनी कपड़े पहन लेती हैं। फिर अमन अपने बेड पे लेट जाता है। और आँखें बंद करके कंबल ले लेता है। 

रेहाना कपड़े पहनकर दरवाजा खोलती है। उसकी आँखें लाल थीं और बाल खुले हुए। 
फ़िज़ा-अम्मी, क्या हुआ, आपकी आँखें लाल क्यों हैं? 
रेहाना-“कु…कुछ नहीं बेटा, नीचे रात में नींद देर से आई थी। तुम बैठो, मैं नाश्ता बनाती हूँ…” और रेहाना बाथरूम में घुस जाती है। 
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