RE: Antarvasna मैं तेरा आशिक़
गतान्क से आगे………………………..
उधर धरम अब भी जीप चला रहा था धरम ने सोचा वो टॅटू उससे मुझे क्लू मिल सकता है आइ लव यू राज ऐसा भी कोई घिनोना काम कोई पागल ही कर सकता है डॉली के जिस्म में वो टट्टू ये सब इन्ही बातों पर घात लगाते है कि वो राज जो कोई भी है उसी ने उस शाम हॉस्पिटल में डॉक्टर को मारा रिपोर्ट्स चुराए और आख़िर में डॉली को लेके फरार होने में कामयाब हो गया एक मिनिट एक मिनिट उसने वोई चश्मा पहना था जिसे मैने किसी और शक्स को लगाते हुए देखा था जब मैं शाम को हॉस्पिटल पहुचा था एक मिनिट उसे मैने काफ़ी आवाज़ लगाई थी पर उस शक्स ने लिफ्ट तब तक बंद कर दिया था…………..धरम की आँखें चौंक पड़ी……….अर्रे हां ये तो वोई शक्स था लेकिन डॉक्टर की मौत तो 20 मिनिट पहले हुई थी मेरे आने से पहले और उसको दोबारा आने की फिर ज़रूरत क्या पड़ रही थी कि जो वो भेस बदल के वापिस आ गया और अपना काम करके भाग गया सब समझ आ रहा है राज के नाम का वो टॅटू और वो शक्स शायद उसे कहीं देखा लग सकता है पर कमिने ने अपने चेहरे को ऐसा ढक रखा था कि कुछ दिखाई ही नही पड़ा आख़िर बात क्या हो सकती है मुझे कुछ समझ नही आ रहा समझ गया उसने वही चश्मा पहना हुया था भागने से पहले भी और डॉली को फरार करते हुए भी पर समझ नही आ रहा कि ये चक्कर क्या है ? उस शक्स से मैं दूर नही हू मैं इसका पता लगाके रहूँगा लेकिन उससे पहले कातिल तक पहुचने के लिए डॉली की ज़रूरत मुझे बहुत है ना जाने किस हालत में होगी वो मासूम सी लड़की
धरम ने अंजाने में ही सही पर ये बात कहके शायद खुद पर हँसी दिला दी थी क्यूंकी डॉली तो राज के साथ अब खुश थी पर ना जाने क्यू जो लड़की कुछ देर पहले इसे साइको पागल और कातिल बता रही थी आज उसके लिए इतना प्यार क्यू उमड़ा क्यूंकी वो जानती थी अगर उसे राज के चंगुल से निकलना है तो पहले राज को प्यार के दरिया में फसाना होगा पर ये नही जानती थी कि अगर उसकी सोच राज को प्यार में फ़साके भागने की है तो वो सरासर ग़लत कर रही होती क्यूंकी राज उससे भी दो कदम आगे ही रहता है वो उसे उसी समय मार सकता था लेकिन डॉली का ये बदलाव शायद ही किसी को पागल कर दे हैरान कर दे पर क्या ये प्यार क्या उसका नाटक था कुछ समझ नही आ रहा था
राज – ह्म्म्म्मम बेबी ज़रा मैं फ्रेश होके आता हू और हां भागना मत हाहहहहाहा……..राज ने डॉली का चेहरा देखा जो उसकी इस बात पर हंस पड़ी………….डरो मत प्यार से भागने की सज़ा तो कयामत से भी बड़ी होती है…………तुम सच कह रही हो आइ आम जस्ट किडिंग अपने प्यार को मैं कभी चोट नही पहुचा सकता बस इतना सोचो कि मैं अब तुम्हारे साथ हू और हां उन सब की मौत भूल जाओ मैं केस जल्द ही बंद कर दूँगा और हां एक बात और आज ही मैं तुम्हारी मा के पास तुम्हारे रिश्ता के लिए बात छेड़ुंगा………..डॉली- जल्दी आइ मीन वो इस वक़्त अपसेट होंगी उन्हे मेरी किडनॅपिंग का पता चल चुका होगा…………डरो नही मैं बात संभालने में और दबाने में माहिर हू तुम्हे डरने की ज़रूरत नही प्यार जब किया है तो डर कैसा और हां अगर धरम आए तो कहीं छुप जाना और गेट खोलना भी मत क्या भरोसा करू तुम पर………डॉली ने तिरछी नज़रो से राज को देखा और उसके पास गयी और राज के गाल पर एक चुम्मा लिया कर सकते हो मेरी जान………ह्म्म्म्म मैं अभी आता हू फिर हम कुछ खाएँगे……..डॉली ने मुस्कुराते हुए कहा ऑलराइट जल्दी आना………राज थोड़ी देर बाद बाहर निकला और दोनो ने साथ में लंच किया और तभी राज ने डॉली के हाथो को पकड़ते हुए उसे कहा पता है आज सच में तुमने तो मेरी गान्ड ही मार ली पता है मैने तो कभी ये उम्मीद नही की थी कि तुम मान जाओगी मेरा साथ मुझे अपना लोगि जितना भी मैने कुछ किया फिर उसके बावजूद आज वो सपना हक़ीक़त लग रहा है वैसे तुम्हे एक बात बताऊ
डॉली – बताओ जल्दी
राज ने मुस्कुराते हुए कहा – सच में बताऊ
डॉली – बताओ ना आइ आम वेटिंग
राज – तो सुनो आज इस खुसबुसरत दिन में मैं अपनी कहानी बताने वाल हू
मैं एक छोटे से गाओं से था 5 साल का होने पर मुझे दिल्ली लाया गया मैं एक आर्मी अंकल के पास रहा करता था डॅड की मौत हो चुकी थी और मैं अब बढ़ने लगा था आर्मी अंकल के घर रोज़ रोज़ एक नयी लड़की आती थी जो कि यक़ीनन रंडिया ही थी उनके साथ चुदाई होती उनकी चीख ऊनका दर्द मुझे दिखता था मैं अंकल से इस बात को कहना चाहता था पर सेक्स के वर्ड की स्पेलिंग भी मुझे उस उमर में पता नही थी बढ़ा होता गया सब समझता गया और आर्मी अंकल भी खाड़ुस से हो गये एक रात मैने उन्हे अपनी मा के साथ देखा जहाँ वो मेरी मा के साथ बिस्तर पर थे और दोनो की चुदाई होते देख मेरी आँखें फॅट गयी मैं पागल हो गया मैने उसी वक़्त गुस्से से मुक़्क़ा मारा दीवार पर मारा दीवार में दरार सी आ गयी क्यूंकी मैं कमज़ोर था पर मेरा गुस्सा इतना घातक कि एक लोहे को भी पलभर में पिघला दे मेरी मा के साथ वो हर्वक़्त करता मुझे गुस्सा आता पर गुस्से के आँसू को मैं घोंट लेता था ये आहेसास नही होने देता कि मैने क्या देखा है उनका जब भी मेरे सर पर हाथ होता वो मुझे नापाक ही लगते मुझे ऊनसे घीन आती मा तो अपने जिस्म की आग भुजा रही थी ऊनसे पैसे लेती थी और यहाँ भी उस हरामी को चैन ना मिला की उसने मेरी मा को दूसरो के हवाले कर दिया वो रिटाइर्ड हो चुका था उसने ना तो मेरी मा से शादी की और ना ही मुझे अपने बेटे जैसा समझा मुझे गुस्सा आता मैं हार मानकर गुस्से के घूँट को पीता गया और आख़िर में मेरी मा की मौत हो गयी ऊन्हे एड्स हो गया था मैं अपनी मा से उनके इस मामले में कोई ज़िक्र नाही पाया सबकुछ उस कामीने रिटाइर्ड फ़ौजी की वजह से हुआ उसने अपने ही घर में मुझे नौकर बना दिया उसने मेरे साथ भी बदसलूकी की मुझे उल्टा टाँगकर खूब पीके वो टॉर्चर करता था मेरे पिछवाड़े पर ज़ोर ज़ोर से मारता मेरी चीखें घर में ही दब जाती मेरी ज़िंदगी पूरी तरीके से हेल बन चुकी थी उसने यहाँ तक मेरे छेद में काफ़ी बार डंडा तक घुस्सा डाला मैं चीखता रहा चिल्लाता रहा कोई नही आया और आख़िर एक दिन उसने मेरा रेप करने की कोशिश की तभी मैने मौके का फायेदा उठाया और उसकी जाँघो पर एक्ज़ोर दार लात मारी वो चीखता हुया गिर गया उसके हाथ अब भी मेरी तरफ बढ़ रहे थे मेरी जाँघ से खून निकल रहा था जो मेरी छेद से आ रहा था और तभी मैने उस आग की भट्टी से वो आइरन स्टील रोड लिया और सीधे उसके उपर वार किया एयेए हह आआआआः ऐसी दर्दनाक चीखों से पूरा माहॉल गूँज़ रहा था मुझे गुस्सा आया मैने उसके खड़े लंड को देखा जिसने मेरी मा का रेप किया मेरी मा को जीते जी मार डाला और तभी मैने वो चाकू को गरम किया उसके पास लाया और उसके लंड को काट डाला आआआआआआआआआहह…………….डॉली सहम गयी……………….हाहहहहः ऐसे ही चीखा था वो कुछ देर तक तड़प्ता रहा अगर उसकी चीखें सुनी होती तो आज यहाँ खड़ी नही हो पाती पर मैने मैने पल पल महसूस किया उस दर्द को उन चीखो को हर वक़्त मेरे कानो से गुज़रती थी क्या करता डर चुका था मैं घुट घुट के पागल हो चुका था
उसके कटे हुए उस लंड को मैने देखा जिससे खून ही खून निकल रहा था वो आर्मी अंकल मर चुका था आँसू जम चुके थे आँखें बिल्कुल लाल थी मैं वक़्त की परवाह करे बिना ही वहाँ से निकल गया पोलीस का हाथ मुझ तक नही पहुचा सबकी आँखें बाहर आ चुकी थी ये सब सुनकर मैने वो शहेर को छोड़ डाला और भागकर यहाँ आ गया मैं अब अनाथालय में था और मेरे पास अब एक नयी ज़िंदगी थी मुझे किसी की परवाह नही थी तभी मेरी मुलाक़ात उस लड़की से हुई जिसका नाम था जुली………..जुली…………हां जुली तुम्हारे नाम से काफ़ी मिलता है चेहरा भी तुम्हारी तरह खूबसूरत और अच्छे जिस्म की मालकिन मेरी हमसफर पर शायद हमारा प्यार कम हो गया था जब मैने उसे किसी और की बाहों में झूलते देखा मेरा गुस्सा भड़क गया अपनो के साथ देखी हुई उन चीज़ो से मैं पागल चुका था मैं तुरंत उसके बाय्फ्रेंड के पास गया उसके बाय्फ्रेंड का उसी के सामने गला घोटा और फिर उसके बाद जुली के बालो को खिचता हुया बाहर ले आया और तभी मैने उसे ज़ोर से ज़मीन पे पटक डाला वो रो रही थी उसके होंठो से खून निकल रहा था नाक की नस फट चुकी थी जिससे खून निकल रहा था मैने उससे काफ़ी कहा था कि मुझसे बेवफ़ाई मत करना भले ही मुझे मार देना मत करना बेवफ़ाई नही समझी मैने उसे बाँध दिया एक सुनसान बंद कॉटेज में उसके साथ उसके जिस्म पर ब्लेड्स दौड़ाए वो चीख रही थी रो रही थी तड़प रही थी मैने कुछ नही सुना और आख़िर में जलती हुई भट्टी से वो ब्लेड निकाला और उसके आँख ही निकाल ली उसकी काफ़ी चीखे निकली पर मैने सब अनसुनी कर दिया सब की सब अनसुनी कर डाला था मैने उसके बाद वो तड़पति रही और ज़्यादा देर तक दर्द ना सहेन कर पाई और सीधे खिड़की से जा गिरी और टूटे हुए काचों में उसका जिस्म धँस गया और उसके सर में भी घुस चुका था मैने उसे वही दफ़नाया और वहाँ से भाग निकला ओर फिर तो जैसे कोहराम मच चुका था पोलीस आई तफ़तीश हुई पर मैं बच निकला था और आज तक उसी अकेले पन के साए में जी रहा हू मेरी डॉली और यक़ीनन तुम वो धोका मुझे नही दोगि मैं जानता हू
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