RE: Antarvasna Chudai विवाह
अक्षय (साला)
अगले हफ्ते शादी है. कितनी जल्दी जल्दी सब हो रहा है! लीना दीदी भी बहुत अच्छे मूड मे रहती है. मामा मामी शादी की तैयारी मे जुटे हैं, वे बाहर जाते हैं तो दीदी मुझे अपनी सेवा मे बुला लेती है, उसे एक पल भी नही खोना है मेरे साथ का. कह रही थी की अक्षय, बचे समय का पूरा फ़ायदा उठाना चाहिए, बाद मे ना जाने कब मौका मिले! लीना दीदी दो दिन काफ़ी उदास थी. फिर जब ससुराल वालों ने उसे घर बुलाया और वह नीलिमा दीदी और अपनी सास से मिल कर वापस आई तब काफ़ी खुश लग रही थी. बोली कि क्या आलीशान बंगला है उनका. वह तो अनिल और उसका बेडरूम भी देख आई, बता रही थी कि बहुत बड़ा है, पलंग तो इतना बड़ा है कि चार लोग सो जाएँ, फिर मुन्ह छिपा कर हँसने लगी.
वैसे अनिल जीजाजी तो दो दिन रहेंगे, फिर जर्मनी चले जाएँगे, दीदी बेचारी अकेले रहा जाएगी उस बड़े बेडरूम मे.
वैसे अनिल को जीजाजी कहलवाना बिलकुल अच्छा नही लगता. कह रहे थे कि मुझे सिर्फ़ अनिल कहा करो. परसों ही घर आए थे चाय पर. बहुत अच्छे चिकने लग रहे थे जींस और टी शर्ट मे. मैने भी बाई चांस कल जींस ही पहनी थी. मुझे अनीला से ईर्ष्या हो रही थी, मेरी दीदी अब उनकी हो जाएगी. उन्होने एक बहुत मस्त आफ्टर शेव लगाया था, कितनी
अच्छी सुगंध थी. अनिल का मुझमे बहुत इंटेरेस्ट है, दीदी के बजाय मुझसे ही ज़्यादा बातें कर रहा था. बीच मे बड़ी आत्मीयता से उन्होने मेरे कंधे पर हाथ रखा और जाँघ थपथपाई. मुझे थोड़ा आश्चर्य हुआ, मुझे लगा था कि वी दीदी के पास बैठेंगे और उसे हाथ लगाने का मौका ढूंढ़ेंगे.
वैसे अनिल का अभी हो ना हो, नीलिमा और उसकी मा दीदी मे बहुत इंटेरेस्ट ले रही हैं. कल जब दीदी उनके यहाँ गयी थी तो दोनों ने बहुत देर उसके साथ गप्पें लड़ाईं, बिलकुल घर जैसी. अनिल जीजाजी कुछ देर थे, फिर चले गये. यह कहते समय दीदी थोड़ी उदास लग रही थी, उसे लगा होगा कि अनिल को भी रुकना था. वैसे उसकी कमी नीलिमा दीदी और सास ने पूरी कर दी. सुलभाजी ने तो दीदी को प्यार से अपने पास सोफे पर बिठा लिया था
ऐसा दीदी बोल रही थी. एक दो बार तो बड़ी ममता से उसे पास खींच कर उसके लाड किए थे जैसे वह छोटी बच्ची हो. दीदी बता रही थी कि सासूमा बहुत सुंदर हैं. उसे दिन दूर से भले ही पता ना चल रहा हो पर पास से दिखता है क्या गोरी चिकनी हैं, उनका कंपेक्स्षन भी एकदमा स्निग्ध है. बाल भी करीब करीब काले हैं, बस एकाध लट छोड़ कर. आगे दीदी ने थोड़ा शरमाते हुए कहा कि माजी का फिगर इस उमर मे भी अच्छा है. उन्होने घर मे एक फैशनेबल तंग सलवार कमीज़ पहनी थी. दीदी तो देखती रहा गयी. वे इतनी मॉडर्न हो सकती हैं ऐसा उसने नही सोचा था. फिर दीदी ने धीरे से मुझे बड़े नटखट अंदाज मे बताया कि कमीज़ के पतले कपड़े मे से माजी ने पहनी हुई लेस वाली ब्रा सॉफ दिख रही थी. कमीज़ तंग होने से उनके स्तन भी खूब उभर कर दिख रहे थे. लो कट कमीज़ थी इसलिए उनके स्तनो के बाच की खाई का उपरी हिस्सा और उसमे सोने की चेन ... ऐसा रूप था दीदी की सास का.
दीदी ने यह बताते हुए अचानक मेरा कान मरोड़ना शुरू कर दिया. मैं चिल्लाया तो बोली कि उसे याद आया कि उस दिन मैं कैसा माजी को घूर रहा था. फिर कान छोड़कर मुझे चूम कर बोली कि असल मे मेरा कसूर नही था, वे हैं ही ऐसी सुंदर पर आगे फिर से मेरी सास के साथ कोई बदतमीज़ी की तो मार खाएगा. दीदी आगे बोली कि उन्हे पता चल गया तो वे तुझे घर आने नही देंगी, फिर मैं क्या करूँगी, खा कसम कि अब नही करेगा. मैने कसमा खा ली पर मेरा बहुत मन करता है की
सुलभाजी को उस सलवार कमीज़ मे देखूं.
दीदी आगे बोली कि नीलिमा बड़ी अच्छी नीले रंग की साड़ी पहने हुए थी. उसके गेहुएँ रंग पर वह खूब फॅब रही थी. बातें करते करते नीलिमा ने बड़ी सहजता से दीदी का पल्लू उठाकर देखा और फिर पूछ लिया कि ब्रा बड़ी अच्छी लग रही है, कौन से ब्रांड की है. दीदी को थोड़ा अजीब सा लगा पर नीलिमा इतने प्यार से और अपनेपन से पूछ रही थी कि उसने
बुरा नही माना.
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