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RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
ये सुन प्रीति वहाँ से चली गयी और गुस्से में दरवाज़ा पटक दिया.. पीछे भारत फ्रेश होके 15 मिनट में बाहर आया, और सीधा अपने अप्पर्टमेंट के लॉन में गया जहाँ उसके मोम डॅड के साथ प्रीति भी बैठ के नाश्ता कर रही थी...
"गुड मॉर्निंग स्वीट हार्ट... हाउ वाज़ युवर पार्टी" कहके भारत ने अपनी मोम को हग किया जो सुबह सुबह एक दम खिले हुए गुलाब के फूल की तरह लग रही थी..
"वेरी टाइयर्ड बेटा, तुम तो जानते हो कि तुम्हारे पापा एक बार पीने बैठे तो फिर उठते ही नहीं.. रात को 2 बज गये घर आते आते... एनीवेस, तुम्हारा क्या प्लान है आज का.." सीमी ने भारत को चाइ पकड़ते हुए कहा
"नतिंग मच मोम.. थोड़ी देर फरन्डस के पास जाउन्गा, फिर डॅड के ऑफीस, उनका पोर्टफोलीयो देखना है.." भारत ने अपनी बात कही जिसे सुनके राकेश ने कहा
"थ्ट्स माइ सन.. स्ट्रेट टू बिज़्नेस.. जल्दी तैयार हो जाओ बेटे अब, चलते हैं" राकेश ने भारत से कहा
"डॅड.. टाइम है अभी, आप चलिए मैं आता हूँ" भारत ने जवाब दिया
"हेलो.. फादर सन... एक सेकेंड, भारत, कोई फरन्डस नहीं , तुम प्रीति को उसके इंटरव्यू के लिए ले जाओ.. फिर डॅड के पास जाना, आंड नो मोर हुश हुश ऑन दिस... दिस एन ऑर्डर" सीमी ने अपना फ़ैसला सुनाया
ये सुन राकेश और भारत की बोलती तो बंद हुई, बट प्रीति को थोड़ी हँसी आई और बहुत खुश हुई वो... करीब 30 मिनट में भारत और प्रीति निकल गये घर से उसके इंटरव्यू के लिए... रास्ते में भारत ने अपने फोन को गाड़ी के म्यूज़िक सिस्टम से कनेक्ट किया और शालिनी को फोन लगाया.. उसकी कॉन्वर्सेशन गाड़ी के स्पीकर्स पे सुनी जा सकती थी...
"हेलो बेब.. मॉर्निंग" भारत ने शालिनी से कहा
"हाई स्वीटी ... गुड मॉर्निंग डार्लिंग, क्या कर रहे हो" शालिनी ने जवाब दिया
"नतिंग... एक लड़की के साथ बाहर जा रहा हूँ" भारत ने प्रीति को देख कहा, जो चुप चाप उनकी बातें सुन रही थी
"हाहहाहा... एक लड़की, साले तेरा जी कहाँ भरेगा एक से.. अछा हाउ ईज़ शी, कितने मार्क्स 10 में से" शालिनी ने कहा बिना ये जाने के उन दोनो की कॉन्वर्सेशन वो लड़की सुन रही है
"हाहाहाः... माइनस है बेब... तेरे जैसी बात कहाँ और किसी में.. " भारत ने अपनी हँसी हंसते हुए प्रीति को देखा
"नोट पासिबल ड्यूड, तू माइनस वाली को मूह भी नहीं लगाता, और ये तेरी गाड़ी में है, कम से कम 10 में से 7 तो होगी ही" शालिनी ने फिर जवाब दिया
"छोड़ इसको, अब बोल , तूने क्या सोचा, प्लेसमेंट के बारे में.." भारत ने मुद्दे की बात की
"मैं सोच रही हूँ, दोनो में अपीयर करूँ, आइ मीन फाइनान्स आंड एचआर" शालिनी ने सीरीयस होके जवाब दिया
"दोनो में.. तुझे उसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी" भारत ने अपनी गाड़ी के जीपीएस में देख के कहा
"हां, कर लूँगी, आज रात भार्गव और प्लेसमेंट ऑफीसर को भी खुश करना पड़ेगा यार.. एनीवेस, चल म गोयिंग नाउ, आ जा साथ में नहाते हैं" शालिनी ने भारत को टीज़ करते हुए कहा
"तू अकेली जा फिलहाल.. मैं तो कुछ और ही करने का सोच रहा हूँ" भारत ने प्रीति को देखते हुए कहा
"अरे मेरे यार, ऐसा मत बोल, तू जब पेलता है ना, तब ऐसा लगता है बस कभी कल हो ही नहीं.. दुनिया आज में ही रुक जाए और तू मुझे ही चोदता रहे... चल छोड़, बाइ नाउ" कहके शालिनी ने फोन कट किया
फोन कट होने के करीब 3 मिनट तक गाड़ी में कोई बात नहीं हुई भारत और प्रीति में... भारत म्यूज़िक एंजाय कर रहा था, बट प्रीति अब तक शॉक्ड थी शालिनी और भारत की बातें सुन के.. प्रीति ने फिर चुप्पी तोड़ी..
"पढ़ाई में ध्यान देती आज, तो उसको ये सब नहीं करना पड़ता जॉब के लिए" प्रीति ने गाड़ी के बाहर देखते हुए कहा
ये सुन भारत ने उसे जवाब दिया
"तुम जहाँ जा रही हो इंटरव्यू देने, वहाँ कितना पे है और प्रोफाइल क्या है"
"पे ईज़ 10 लॅक्स पीए सीटीसी और प्रोफाइल सॉफ्टवेर इंजिनियर का है" प्रीति ने इतराते हुए कहा
"हाहहहहा.... तुम पढ़ाई करके 10 लाख लोगि.. शालिनी बिना ज़्यादा मेहनत किए हुए उस की वन ऑफ टॉप इनवेस्टमेंट बॅंक में जाएगी और एचआर मॅनेजर बनेगी... और यूएस में है तो तुम खुद सोचो उसका पे क्या होगा... पढ़ाई किए बिना इतना कुछ" भारत ने प्रीति को जवाब दिया
इससे पहले प्रीति कुछ बोलती, भारत ने फिर उसे कहा
"ये लो, हम आ गये... जल्दी आना, मैं एक घंटे से ज़्यादा वेट नहीं करूँगा. और अगर उससे ज़्यादा देर हो तो टॅक्सी लेके घर जाना" भारत ने प्रीति को ड्रॉप करके कहा.. जैसे ही प्रीति गाड़ी से उतरी, भारत बिना कुछ बोले, गाड़ी भगा के वहाँ से निकल गया.. पीछे प्रीति ये सोच रही थी, इससे अच्छा तो टॅक्सी में आती.. इंटरव्यू के पहले ये सब बातें सुनके उसका दिमाग़ खराब हो चुका था, और उपर से ऑल दा बेस्ट विश करने वाला भी कोई नही.. ये सब सोचके प्रीति अपनी जगह चली गयी, और एक घंटे में भारत अपने डॅड की ऑफीस पहुँचा...
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12-13-2018, 02:15 AM,
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RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"डॅड... आपका लॉगिन आइडी दो, आंड प्लीज़ लीव मी अलोन हाँ... मैं 2 घंटे में आपको बताता हूँ क्या शफल करना है.. मेरा फोन भी ले जाइए प्लीज़" भारत ने अपनी आँखें लॅपटॉप में गाढ दी और अपने आजू बाजू हो रही घटनाओ को इग्नोर करने लगा. 3 घंटे के बाद भारत अपने डॅड के पास गया.
"डॅड.. ये लिस्ट है, एग्ज़िट कीजिए, मॅसिव सेल ऑफ .. क्रियेट न्यू शॉर्ट पोज़िशन्स ऐज वेल, टारगेट भी लिखे हुए हैं... आंड जल्दी कीजिए, नहीं तो लॉस होगा बहुत... आंड मेरा फोन दीजिए अब प्लीज़" भारत सब एक साँस में बोल गया और अपने डॅड को सुनना सही नहीं समझा.. जैसे ही राकेश ने उसे फोन पकड़ाया,
"बेटा, प्रीति का कॉल आया था 3 बार, वो वहाँ वेट कर रही है... उसे लेने जाओ" राकेश ने फाइनली अपनी बात कही
"ओके डॅड.. बबी" कहके भारत राकेश की आँखों के सामने से ओझल हो गया
"मैने तुमको कहा था के टॅक्सी पकड़ के जाओ.. वेट क्यूँ किया.." भारत ने प्रीति को फोन कर के कहा
"मुझे तुम्हारे साथ जाना है, लेने आओ अभी ओके" प्रीति ने इतना कहके अपना फोन कट किया
ये देख भारत को गुस्सा तो आया, बुत क्यूँ की सीमी ने उसे काम दिया था इसलिए वो जल्द ही वहाँ से प्रीति को रिसीव करने निकला.. जैसे ही वो प्रीति के नज़दीक पहुँचा उसका मूह खुला का खुला रह गया... प्रीति को जिस हाल में छोड़ गया था वो उससे बिल्कुल उल्टे हालत में खड़ी थी.. प्रीति के पास जाते ही
"ये तुम्हे क्या हो गया है.... ऐसे.... कैसे..." भारत को शब्द नहीं मिल रहे थे
भारत प्रीति को देख हक्का बक्का रह गया था... सुबह जब प्रीति को उसने ड्रॉप किया था, प्रीति ने पंजाबी सूट पहना था, पर अब करीब 4 घंटे बाद वो बिल्कुल बदली हुई थी... प्रीति ने एक माइक्रो मिनी स्कर्ट और एक टाइट टॉप पहना हुआ था.. टॉप में से उसके आधे से ज़्यादा चुचे बाहर को निकले हुए थे, क्लियर दिख रहा था उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी है.. उसका ब्लॅक स्कर्ट और मरून कलर का टॉप ना ही सिर्फ़ भारत पे, पर उसके आस पास खड़े कई लोगों के लंड पे वार कर रहा था.. लोग उसे देख अपने लंड को पॅंट के उपर से ही सहला रहे थे...
"अब यूही देखते रहोगे, या अंदर आने को भी कहोगे.." प्रीति ने भारत को गाड़ी के बाहर से ही कहा
भारत ने पहले अपने आप को संभाला और दरवाज़ा खोल के प्रीति को बैठने का इशारा किया... जैसे ही प्रीति बैठी, भारत ने उसे कहा
"ये क्या है.. क्यूँ ये ट्रॅन्स्फर्मेशन"
"क्या क्यूँ.. मेरी मर्ज़ी, तुम्हे क्या, " प्रीति ने अपनी सीट को रिक्लाइन किया जिससे वो सीट पे लंबी हुई... रिक्लाइन करके प्रीति ने अपनी टाँगों को लंबा किया, और भारत के सामने अपनी नंगी टाँगों का प्रदर्शन करने लगी... उसकी जांघें देख भारत से रहा नहीं जा रहा था, उसने जैसे तैसे अपना ध्यान हटाया और गाड़ी चलाने लगा.. गाड़ी चलाते चलाते भारत बार बार प्रीति को एक नज़र देखता.. और देखता भी कैसे नहीं, प्रीति अपनी टाँगों पे अपने नाख़ून फेरती, कभी अपने होंठों के साथ खेलती.... जैसे ही एक बार भारत ने उसकी आँखों में देखा, प्रीति अपने हाथ अपने चुचों पे ले गयी और उन्हे ज़ोर से भींच दिया.. ये देख भारत के लंड में तनाव बढ़ सा गया... प्रीति ने एक नज़र उसके लंड पे डाली और शॉक हो गयी.. भारत का लंड जीन्स के उपर से भी उसको तना हुआ दिख रहा था..
(अगर जीन्स ना हो तो इसका लंड तो मार ही डालेगा किसी भी लड़की को...) प्रीति ये सोच सोच के अपने बालों में उंगलियाँ घुमाने लगी
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12-13-2018, 02:15 AM,
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RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
भारत ने गाड़ी की स्पीड तेज़ की , जल्द से जल्द वो अपने घर पहुँचना चाहता था.. रास्ते में प्रीति ने अपना अंग प्रदर्शन चालू ही रखा... कभी वो अपनी जांघें सहलाती, कभी अपने चुचों को दबाती.. भारत ये सब देख बहुत गरम हो चुका था.. शाम के करीब 4 बजे दोनो घर पहुँचे.. जैसे ही दोनो अंदर गये, भारत को फिर एक झटका लगा... घर पे सीमी अकेली थी और उसने भी एक ट्रॅन्स्परेंट साड़ी पहनी थी.. प्रीति की वजह से जो आग भारत को लगी थी, सीमी के कपड़ो ने, भारत की वो आग और भड़का दी.. सीमी पिंक साड़ी पहेन के बैठी हुई थी.. सारी में से उसके बड़े मोटे चुचे अच्छी तरह शेप बनाए हुए थे, उसका ब्लाउस एक दम टाइट था.. और उसका राइट चुचा आधा बाहर निकला हुआ था..
प्रीति और भारत को देख सीमी खड़ी हुई और दोनो के पास गयी
"अरे बेटा, इतनी देर कहाँ हुई.. और प्रीति, यू आर लुकिंग गुड , नाइस आउटफिट बेटा..." कहके सीमी ने प्रीति को गले लगाया जिससे दोनो के चुचे आपस में टकराए.. ये सीन देख भारत के मूह में पानी आ गया..
"थॅंक्स मासी.. इंटरव्यू के बाद, ये कपड़े बाजू वाले स्टोर में देखे, तो ले लिए.." प्रीति ने सीमी से अलग होके कहा
"आंड जॉब मिली" प्रीति और सीमी सोफे पे बैठ गये
"हां आंटी.. नेक्स्ट महीने जाय्न करूँगी..." प्रीति ने अभी तक सीमी का हाथ पकड़ा हुआ था...
"मोम, मैं अपने रूम में जा रहा हूँ, खाना नहीं चाहिए.." कहके भारत वहाँ से अपने रूम में भागा, उसे अपने लंड को आज़ाद करना था.. भारत जैसे ही अपने रूम में पहुँचा, रूम का दरवाज़ा बंद करके, उसने एक एक कर अपने कपड़े निकाले और अपने लंड को आज़ाद कर दिया.. अपने फोन पे पॉर्न फिल्म ओपन कर दी और अपने लंड को सहलाने लगा... धीरे धीरे कर भारत की स्पीड बढ़ गयी.. तेज़ी से अपने लंड को हिलाने लगा भारत, पर लंड था सोने का नाम ही नहीं ले रहा था.. करीब 10 मिनट बाद, भारत ने पॉर्न फिल्म बंद की और शालिनी के साथ फोन सेक्स करने का सोचा.. भारत ने तुरंत शालिनी को फोन लगाया...
"पिक दा फोन बेबी.. आन्सर मी" भारत बेड पे बैठे बैठे बोलने लगा... 3 बार ट्राइ करने का बाद भी, शालिनी ने भारत का फोन आन्सर नहीं किया.. भारत फिर पॉर्न फिल्म देखने लगा और अपने लंड को तेज़ी से हिलाने लगा...
"आहाहहाअ प्रीति आहहाहहहहा..उम्म्म यआः बेबी अहहहहहाः यू आर सो हॉट अहहहहहा" भारत लंड हिलाते वक़्त बोले जा रहा था... इसके बाद भी भारत का लंड वैसा का वैसा... तक के भारत ने अपने लंड को छोड़ा और पॉर्न मूवी भी बंद कर दी.... जैसे ही भारत ने अपना मोबाइल साइड में रखा, उसका दरवाज़ा नॉक हुआ..
"कौन है अब,." भारत चिल्ला के बोला
"प्रीति हियर..." बाहर से जवाब आया..
प्रीति का नाम सुनके पहले भारत ने जीन्स पहनने का सोचा.. पर फिर जीन्स छोड़ दी, और नंगा ही दरवाज़ा खोलने गया... जैसे ही उसने दरवाज़ा खोला प्रीति अंदर आई.. प्रीति इस बार ब्लॅक सिंगल टॉप में थी जो सिर्फ़ उसकी जांघों तक था. उसके थोड़े झुकने से भी उसकी गान्ड दिख जाती पीछे से..
"कपड़े क्यूँ नहीं पहने तुमने.." प्रीति ने भारत के लंड को देख के कहा...
"पॉर्न मूवी देख रहा हूँ.. तुम्हे क्या काम है, " भारत ने अपना दरवाज़ा बंद किया और स्टॉपर लगा लिया..
"मैं टीवी देखने आई हूँ, नीचे बंद है. प्लीज़ डोंट माइंड हाँ" प्रीति बेड पे उल्टी होके लेट गयी और टीवी ऑन कर दी.. पीछे से उसका टॉप उपर हुआ.. पीछे से उसकी गान्ड और चूत भारत को सॉफ दिख गयी, उसने पैंटी नहीं पहनी थी
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12-13-2018, 02:15 AM,
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RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
उसकी चूत और गान्ड देख भारत की हालत और खराब हो गयी... भारत भी जाके बेड पे लेट गया, उसके पैर अब प्रीति के चुचों के ठीक नीचे थे.. ये देख प्रीति मुस्कुराने लगी... भारत ने अपनी पॉर्न मूवी स्टार्ट की और अपने लंड को हिलाने लगा... नीचे से उसके पैर प्रीति के चुचों को टच कर रहे थे... प्रीति जान बुझ के एक बार भारत के लंड को देखती और फिर अपनी आँखें टीवी में डालती... उधर भारत, अपने पैर की उंगलियों से प्रीति के चुचों को टच करने लगा जिसे प्रीति ने महसूस किया और उसने अपनी पोज़िशन बदली नहीं.. वो अब भी घोड़ी बनी हुई थी और भारत की टच को एंजाय कर रही थी... धीरे धीरे जब प्रीति से सहन करना मुश्किल हुआ, वो थोड़ी झुकी और भारत के पैर की उंगलियों को सक करने लगी..
"उम्म्म्मम आहहहहहा सीईईई ममवाहाहहहहा..." प्रीति सक करते करते सिसकारियाँ लेने लगी.. जब भारत ने देखा ये, वो अपनी आँखें बंद करने लगा और अपने लंड को सहलाने लगा, इस बार धीरे धीरे..
"उम्म्म अहहहहः... यू आर आ बिच प्रीति आहहसिईई.." भारत बोलने लगा... ये सुनके प्रीति ने भी अपने कपड़े उतार दिए और एक दम नंगी हो गयी... कपड़े उतार के प्रीति ने भारत के पैर को छोड़ के उसके लंड को हाथ में पकड़ा और उसे सहलाने लगी...
"उम्म्म आहाहहा... क्या लंड है तेरा भारत आहहाहहा....उम्म्म्म, आँखें खोल ना अहहहः.. देख तेरी रंडी है तेरे सामने आहहहः..." कहके प्रीति अब अपनी एक उंगली से भारत के लंड के टोपे को उपर नीचे करने लगी.. भारत ने आँखें खोली, और अपन हाथ माथे के पीछे ले जाके उस पल का मज़ा लेने लगा...
"अहहहहः... भारत अहहहहहा... रंडी बनाओ ना अपनी मुझे अहहः सीईइ.." प्रीति भारत से गुज़ारिश करने लगी
"उम्म्म.. अहहा, क्यूँ..." भारत ने सिर्फ़ इतना ही जवाब दिया
"अहहहः क्यूँ नहीं अहहाहा.... बहेन नहीं मानता ना तू उम्म्म मुझे अहहहहः... तो रंडी बना ले ना अहाहहा... मुझे भी यूएस ले चल ना अपने साथ अहहहहा.... ओह्ह्ह येस्स अहहाहहहहा" प्रीति अब अपनी मैन बात पे आ गयी..
"उम्म्म... अहहहहहा..कीप डूयिंग दिस बेबी यआःहाहा" भारत ने इस बार प्रीति के माथे को पकड़ा और झुका दिया उसे अपने लंड पे.. प्रीति ने तुरंत भारत के लंड को अपने मूह में लिया और उसे ब्लो जॉब देने लगी...
"अहहाहा.. यआःहा उहह.. क्या मर्द है तू अहहहहः... ले चल ना भारत आहाहहा सीसीसीसी..... इधर मेरी लाइफ नहीं है अहहहहहहा.....यॅ बेबी अहहहहहा..." प्रीति अपनी बात पे ज़ोर देने लगी..
"उम्म्म अहहहः यॅ...." भारत सिर्फ़ इतना ही जवाब दे रहा था...
जब प्रीति ने देखा, भारत उसे जवाब नहीं दे रहा, उसने उसके लंड को छोड़ा, और अपनी जीभ को उसके लंड के साथ उसके टट्टों पे घुमाने लगी...
ऐसा होते ही, भारत से कंट्रोल नहीं हुआ
"अहहहहा.. यआः आइ एम कमिंग अहहहहाहा ओह..." कहके भारत ने अपना सारा पानी प्रीति के चेहरे पे छोड़ दिया और प्रीति उसका सारा पानी सॉफ करने लगी अपनी जीभ से...
"उफ्फ..... दट वाज़ गुड...उम्म्म अहहहहा..." भारत लेटे लेटे ही बोलने लगा
"मुझे यूएस ले चलोगे ना" प्रीति भारत के चेहरे के पास जाती हुई बोली, उसके चुचे भारत की छाती से सटे हुए थे....
"हुहम... बेब, देखते हैं... थॅंक्स फॉर दा ब्लो जॉब..." कहके भारत बेड से उठा और अपने कपड़े पहनने लगा... प्रीति वहीं की वहीं बैठी रही, वो अभी भी नंगी ही थी...
"चलो, आइ एम गोयिंग आउट नाउ.. मेरा रूम लॉक कर देना ओके.. सी या" कहके भारत बाहर चला गया...
भारत जैसे ही बाहर गया, प्रीति ने दरवाज़ा लॉक किया.. बाथरूम में जाके खुद को सॉफ किया, फ्रेश होके कपड़े पहने और भारत के कपबोर्ड में कुछ ढूँढने लगी.. जैसे ही उसे वो चीज़ मिली जो उसे चाहिए थी, उसने तुरंत अपना फोन उठाया
"मासी.. आइए, मिल गया है हमे जो चाहिए" प्रीति ने फोन पे कहा
2 मिनट में सीमी भारत के रूम में आई और अंदर से लॉक कर दिया..
"क्या है दिखाओ..."सीमी ने बेड पे बैठी हुई प्रीति से पूछा
"क्या है प्रीति, मुझे दिखाओ.." सीमी ने बेड पे बैठते हुए कहा
"मासी, कल जब मैं भारत के रूम में आई थी रात को, वो बहुत टेन्स्ड था... शायद रो भी रहा था, मुझे यकीन नहीं हुआ कि वो रो भी सकता है, इसलिए मैं बाहर आ गयी, बट दरवाज़ा बंद करके कीहोल से देखती रही.. भारत ने इस डाइयरी में कुछ लिखा, फिर 10 मिनट तक पेज पलट पलट के पढ़ता रहा, उसका रोना बढ़ गया और फिर डाइयरी वापस रख के सो गया.." प्रीति ने सीमी को भारत की डाइयरी देते हुए कहा
"लाइफ ईज़ ब्यूटिफुल"... "भारत डाइयरी लिखता है... कभी इस बात का पता नहीं चला हमे" सीमी ने डाइयरी का कवर पेज देख के कहा
"मासी, लिखता है नहीं , लिखता था.. इसके आधे पेजस ब्लॅंक हैं" प्रीति ने सीमी को कहा
"थॅंक यू बेटा.. आंड आइएम सॉरी, मेरे कहने पे तुमने जॉब का नाटक किया और ये सब करना पड़ा तुमको.." सीमी ने प्रीति से कहा
"मासी ठीक है, बट आपने मुझे ही क्यूँ चूज़ किया इस काम के लिए.. आइ मीन, कोई दूसरी लड़की.." प्रीति ने सिर्फ़ इतना ही कहा
"नहीं बेटे, तुम घर की हो, एक वो सेफ्टी है, बिसाइड्स भारत आज तक किसी गैर लड़की के पास इतना जल्दी नहीं जाएगा.. तुम्हे जानता था शायद इसलिए तुम उसके पास जल्दी आ गयी.. उसके कॉलेज की फ्रेंड्स है एक दो, बट पराई लड़की पे मैं ट्रस्ट नहीं कर सकती.." सीमी ने जवाब दिया
"मासी, आपने ये क्यूँ करवाया, मुझे कोई दिक्कत नही है, एनितिंग फॉर यू, बट रीज़न" प्रीति ने अपनी आँखें सीमी की आँखों से मिला के पूछा
"पिछले तीन सालों से भारत में जो बदलाव आए हैं, वो अच्छे नहीं है. सबसे दूर हो गया है वो, मुझसे और राकेश से नहीं, पर बाकी सब से. उसे ये तक याद नहीं कि उसकी कोई बुआ भी है.. जब मैने उसे कहा कि बुआ की लड़की की शादी है, उसको उसका नाम तक नहीं याद.. भारत कभी ऐसा नहीं था.. मुझे याद है, जब हम एक दूर के रिलेटिव वेड्डिंग में गये थे, भारत बहुत खुश था, सब से मिला, डॅन्स किया, एंजाय किया.. बट सडन्ली ये चेंज, मुझे बहुत ही टेन्षन होता रहा.. 4 दिन पहले मैं मेरी फ्रेंड से डिसकस कर रही थी, उसने मुझे कहा ज़रूर उसके पास्ट में कुछ हुआ होगा जो उसने किसी को नहीं बताया.. मैं उससे डाइरेक्ट पूछती तो वो मना कर देता, इसलिए तुमसे ये सब करवाना पड़ा मुझे...." सीमी ने अपनी उदास आवाज़ में कहा
"कोई बात नहीं मासी... देखिए, इसमे हमें कुछ पता चलेगा..." प्रीति ने सीमी से कहा और दोनो ने डाइयरी खोल दी
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12-13-2018, 02:15 AM,
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RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"लाइफ ईज़ ब्यूटिफुल...."
चॅप्टर 1 :-
जन्वरी 13 2008 :- आज जैसे ही मेरा 5+ कंप्लीट हुआ, मैं बहुत खुश था... पढ़ाई ख़तम, नो टेन्षन अब.. मस्त घूमना फिरना और आराम... अब बहुत गेम खेलूँगा मैं... ये सोच कर जैसे ही मैं कॉलेज कॉंपाउंड में आया, सामने से भारती मॅम ने बुलाया
"भारत.. प्लीज़ कम हियर फॉर आ सेकेंड"
"येस मॅम.. हाउ आर यू" मैने पूछा
"भारत.. तुम्हारा दोस्त अनिल, उसको लेके मेरे कॅबिन में आओ, मुझे कुछ बात करनी है तुमसे.." कहके भारती मॅम अपने कॅबिन में चली गयी
भारती मॅम के जाते ही मैने अनिल को फोन किया..
"भाई, किधर है तू.. जल्दी आ, काम है" मैने अनिल से फोन पे कहा
"भाई, पीछे हूँ देख" अनिल ने जवाब दिया
जैसे ही मैं पीछे पलटा, पीछे अनिल खड़ा था..
"अरे मेरे भाई.. आजा गले लग जा... आज तो एग्ज़ॅम ओवर हुई वूहह" मैं अनिल के गले लगते हुए बोला
"हाहहः.. और बोल, क्यूँ बुलाया तूने मुझे" अनिल ने मुझसे अलग होते हुए कहा
"अरे वो भारती मॅम ने बुलाया है हमे, चल देखते हैं" मैने अनिल से कहा
"वो सब ठीक है रे, बट अब सुन, वो अपने क्लास की है ना मस्त लड़की, अवनी... वो तुझसे मिलना चाहती है कॅंटीन में.. जा पहले उससे मिलके आ" अनिल ने मुझे कहा
"नहीं भाई.. छोड़ ना, लड़की के चक्कर यार, आंड बिसाइड्स मैं उस दिन नयी गाड़ी लाया था तभी से वो मुझसे बात करती है.. मुझे नहीं मिलना उसके साथ.. ऐसी लड़की नहीं चाहिए रे.." मैने अनिल का हाथ पकड़ा और मेडम की कॅबिन में जाने लगा
"ओह हो... तो कैसी लड़की चाहिए मेरे भाई को वो तो बोल दे" अनिल ने मुझसे पूछा
"पता नहीं दोस्त, बट जब उसको देखूँगा.. सबसे पहले बोलूँगा..."अनिल, तेरी भाभी है ये" कहके मैं और अनिल हँस दिए और मेडम की कॅबिन में पहुँच गये जहाँ मेडम हमारा वेट कर रही थी..
"अनिल, भारत.. प्लीज़ सिट" मेडम ने हमें कहा
"एक बहुत ही अच्छी जॉब ऑफर आई है.. भारत आइ नो यू डोंट नीड आ जॉब, अनिल सेम अप्लाइस टू यू.. बट दिस विल बी आ गुड एक्सपोज़र... फाइनान्षियल मार्केट्स का है.. जाना चाहोगे" मेडम ने हमे पूछा
"उः मॅम.. कौनसी कंपनी है" अनिल ने मेडम से पूछा
"र*****ए मनी... वहाँ के हेड मेरे अच्छे फ्रेंड हैं आंड उनको कुछ कॅंपस के लड़के चाहिए.. जाना चाहोगे तुम" मेडम ने अपने स्पेक्स निकालते हुए पूछा
"ओके मॅम.. कब जाना है इंटरव्यू के लिए.." मैने पूछा
"कल और परसो छुट्टी है, जनवरी 16थ को जाओ.. और उनका कार्ड ये रहा" मेडम ने हमे कार्ड दिया और हम बाहर निकल गये
"भाई, क्या जॉब है..." अनिल ने पूछा
"पता नहीं रे.. चल के देखेंगे, तू परसो घर आ जाना, गाड़ी में साथ जाएँगे" मैने अनिल को कहा
"इंटरव्यू गाड़ी में.. कौन नौकरी देगा.. चल तू मेरे घर आना, अपन बाइक पे चलेंगे ओके.. और तेरी बाइक नहीं भाई, होंडा सीबीआर भी बहुत महँगी है.." अनिल ने हँस के कहा
"पता है साले.. चल अब बाइ.. मिलते हैं परसो" कहके मैं और अनिल अपने घर निकल गये.
जैसे ही मैं घर पहुँचा, मोम डॅड के साथ जॉब के बारे में डिसकस किया.. डॅड रेडी नहीं थे, पर मैने उन्हे ये कहके मनाया के जॉब नहीं करूँगा, बट लेट मी ट्राइ अटलीस्ट.. जैसे तैसे मोम डॅड माने और मैं खुशी खुशी 16थ जनवरी का इंतेज़ार करने लगा..
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12-13-2018, 02:15 AM,
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RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
चॅप्टर 2 :-
16थ जनवरी 2008 :- पिछले 2 दिन की छुट्टी में भूल ही गया था आज मेरा इंटरव्यू है.. ना तो मैने कंपनी प्रोफाइल देखा, ना तो उसकी कोई प्रेपरेशन की.. पिछले 2 दिन सिर्फ़ वीडियो गेम में ही निकले.. सुबह को तैयार होके मैं अनिल के घर पहुँचा.. जल्दी, अनिल और मैं मेडम के दिए हुए अड्रेस पे पहुँचे और उस आदमी से मिले.. उसका नाम था मेहुल
"ये जॉब हार्ड सेल्स की है.. हार्ड सेल्स जानते हो, घर घर जाके डेमॅट, म्यूचुयल फंड, इन्षुरेन्स बेचना है.. बेच पाओगे" मेहुल ने हम से पूछा...
"उः.. नहीं सर, आइ डोंट थिंक सो.." कहके अनिल पीछे हट गया
"आंड यंग मॅन.. तुम करोगे...." मेहुल ने मुझे देख पूछा..
"हां सर, कभी किया नहीं है, आपको नालेज देना पड़ेगा.. इफ़ यू आर रेडी तो आइआम ऑल्सो रेडी" मैने कॉन्फिडेंट्ली जवाब दिया
"ओके गाइस.. तुम्हारा स्टाइपंड 10,000 पर मंथ होगा.. इन्सेंटीव्स का मैं बाद में एक्सप्लेन करूँगा.. आप बाहर वेट कीजिए , मैं आपको थोड़ी देर में बुलाता हूँ" कहके मेहुल ने हमे बाहर भेजा
बाहर आते ही मैं इधर उधर देखने लगा.. बहुत ही बड़ी ऑफीस, लोग बहुत हलचल कर रहे थे.. लड़के लड़कियाँ सब थे... जैसे ही अनिल और मैं बाहर आके सोफा पे बैठे, मेरी नज़र एक लड़की पे गयी.... येल्लो कलर का शिफ्फॉन टॉप, लाइट ब्लू कलर की जीन्स.. बाल खुले हुए, एक दम सिल्की ब्राउन कलर.. उसके कान में दो मीडियम साइज़ के झुमके थे, नाक में रिंग पहनी थी.. पिंक कलर के उसके होंठ... उसकी स्माइल, मार डालने वाली थी.. उसे देखा तो बस उसे ही देखता रह गया मैं... उसे देखते ही मेरे दिल की धड़कन रुक सी गयी.. यूँ लगा काश हमारे आस पास के सब लोग रुक जाए, और बस सिर्फ़ हम दोनो ही रहें अकेले... वो बस यूही हँसती रहे और मैं उसे देखता रहूं...
"सुन रहा है ना तू मुझे" कहके अनिल ने मुझे अपने ख़यालों से निकाला
"हुहम.. क्या हुआ.. हां रुक, बोल" मैं अनिल से कहने लगा
"क्या रुक, बोल... हार्ड सेल्स कभी की है, साले लग जाएगी हमारी.. " अनिल ने मुझे चेतावनी दी
"अनिल... अगर वो यहीं काम करती है तो मैं ज़िंदगी भर यहीं रहूँगा यार..." मैने अनिल को वो लड़की दिखा के बोला
"वेल यंग बॉय.. हियर ईज़ युवर ऑफर लेटर.." मेहुल ने अनिल और मुझे देख अपनी भारी आवाज़ में कहा
"ओह.. यस, थॅंक यू सर... " मैने अपनी नज़रें नीची करके कहा, मुझे लगा शायद उसने हमे देख लिया
"आंड, बाइ दा वे.. निधि.... कम हियर प्लीज़... " मेहुल ने उस लड़की को बुलाया जिसे में कब से देख रहा था
जैसे जैसे निधि आगे आ रही थी, मेरे दिल की धड़कन तेज़ होती जाती.. एक पल तो ऐसा लगा कि कहीं मेरी धड़कन रुक ही ना जाए... निधि अब मेरे और अनिल के पास आ गयी थी
"यस अंकल..." निधि ने मेहुल को देख के कहा
"निधि, ही ईज़ भारत.. ही विल बी वर्किंग ऐज आ सेल्स पर्सन हियर.. इनको यहाँ का स्ट्रक्चर समझाओ और कोई दिक्कत हो तो कॉल मी.. ओके यंग मॅन, सी यू सून" कहके मेहुल वहाँ से चला गया... जैसे ही मेहुल गया, निधि ने एक बार फिर अपनी स्माइल फ्लश की, उसकी वो किल्लर स्माइल मुझे बार बार घायल कर रही थी... मैं अभी भी अपने ख़यालों में खोया हुआ था कि तभी निधि ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और कहा
"हाई... आइ आम निधि शाह... वेलकम.."
"हाई... आइ आम निधि शाह... वेलकम" निधि ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा, पर मैं तो अभी तक उसकी स्माइल से हुए उसके गालों के डिंपल्स में खोया हुआ था
"अबे..हाथ मिला भाई....कहाँ खो गया साले" अनिल ने मेरे कान में कहा
"हा..अहन्न.. यस... आइ अम भारत" मैने हड़बड़ा कर निधि से हाथ मिलाया
"भारत.... ?" निधि ने पूछा
"भारत... जस्ट भारत" मैने स्माइल के साथ कहा
"हही... ओके.. कम वित मी, भारत, आइ विल शो यू अराउंड" कहके निधि आगे बढ़ी और मैं उसके पीछे पीछे जाने लगा.. करीब 15 मिनट मैं और निधि ऑफीस में साथ थे.. निधि ने काफ़ी कुछ बताया लोगों के बारे में, काम के बारे में, पर मेरा दिमाग़ ब्लॉक हो गया था.. दिल में बस एक ही बात थी, एक ही चेहरा था.. निधि...
ऑफीस के कुछ लोगों से मिलके, काम काज देख के, मैं और निधि वापस रिसेप्षन के पास आ गये जहाँ अनिल मेरा वेट कर रहा था..
"ओके भारत... सी यू टुमॉरो देन.. बाइ..." कहके निधि पलट के जाने लगी
"ऊह.एक्सक्यूस मी मिस..निधि.." मैने पीछे से निधि को बुलाया
"यस, बोलिए.." निधि पलट के फिर मेरे पास आई
"यू आर वेरी प्रेटी..." ना चाहते हुए भी मेरे दिल में जो आया मैने निधि से बोल दिया
"सी यू टुमॉरो..." कहके निधि ने हल्की स्माइल दी और वापस अपनी जगह पे चली गयी...
"चल भाई... " अनिल ने मेरा हाथ पकड़ के कहा..
"अनिल... ये लड़की को मैं तेरी भाभी बनाउन्गा..." मैने वापस जाती हुई निधि को देखके कहा.
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12-13-2018, 02:15 AM,
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RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
बॅक टू प्रेज़ेंट.................................................
"ये निधि... इसके बारे में कभी भारत ने बताया नही हमे" सीमी डाइयरी से नज़र हटा कर प्रीति को देख बोली...
"ऑब्वियस है मासी... अगर बताता, तो वो आज ऐसा नही होता..." प्रीति ने सीमी से कहा
"चलिए, आगे तो देखें क्या है.." जैसे ही प्रीति ने सीमी से कहा,
"ठक्क ठकककक ठाककक.. कौन है मेरे रूम में अंदर.. मोम, ईज़ इट यू... " भारत बाहर से चिल्लाने लगा
"मासी, डाइयरी दो पहले वो रखते हैं" प्रीति ने सीमी से धीमी आवाज़ में कहा
"हां बेटा एक सेकेंड... प्रीति, जैसी थी वैसी रखना ओके..." कहके सीमी बेड से उठी और जैसे ही प्रीति ने डाइयरी वापस रखी..
"हेलो बेटा... इतनी जल्दी वापस आ गये..." सीमी ने दरवाज़ा तो खोला, लेकिन भारत को अंदर आने नही दिया
"हां सीमी ...कुछ हुआ क्या, अंदर आने दोगे तो सब बताउन्गा ना स्वीट हार्ट" भारत ने सीमी को काफ़ी दिन बाद सीमी कहा.
"ओह.. हां आओ आओ, " सीमी ने भारत के लिए रास्ता बनाते हुए कहा
"मोम, मैं वापस जा रहा हुन्न्ञणन्.... ये क्या कर रही है, आंड आप दोनो क्या कर रहे हाँ मेरे रूम में" भारत ने प्रीति को देख के कहा जो भारत के कपबोर्ड के पास ही खड़ी थी
"कुछ नही बेटा... हम बस यूही सॉफ सफाई करने आए थे, और कुछ नही... तुम्हे पुणे कब निकलना है" सीमी ने बात पलट के कहा
"स्वीट हार्ट.... कुछ तो हुआ है,चलिए आप दोनो बाहर जाइए, मैं चेंज करके आता हूँ, और प्लीज़ सिर्फ़ जूस बनाना, खाना देर से खाउन्गा..." भारत ने दरवाज़ा खोला और दोनो को बाहर जाने का इशारा किया
"ओक डियर, जल्दी आना, " कहके सीमी बाहर निकल गयी, और उसके पीछे प्रीति, धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी
"उस में इतना धीरे चलने वालों को एंट्री नही देते, मूव फास्ट प्लीज़" भारत ने प्रीति से कहा. प्रीति ये सुनके बिना जवाब दिए वहाँ से निकल गयी और बाहर चली गयी. प्रीति के जाते ही भारत ने रूम का दरवाज़ा बंद किया और अपनी टीवी ऑन करके कुछ बटन प्रेस करने लगा.. 15 सेकेंड्स, और भारत के सामने आ गया वीडियो रेकॉर्डिंग उसी के कमरे का.. अपने रूम में भारत ने हिडन कॅमरा रखा था, जो किसी को पता नही था.. रीवाइंड, रीवाइंड करके भारत ने देखा के सीमी और प्रीति थोड़ी देर पहले क्या कर रहे थे इस कमरे में..
"बिच... मेरे रूम में नज़र रखती है, प्रीति, यूआर स्क्रूड" कहके भारत ने टीवी बंद की और अपने कपबोर्ड से अपनी डाइयरी ले ली.. डाइयरी भारत ने अपनी शर्ट के अंदर छुपाई और बाहर आ गया
"जूस दो मोम, मुझे लेट हो रहा है" भारत ने चिल्लाके कहा
"तुम नौकरी कब जाय्न करोगी" भारत ने प्रीति से कहा जो सामने खामोश बैठी थी
"उः..नेक्स्ट मंथ, क्यूँ" प्रीति झेन्प्ते हुए बोली
"यूएस चलोगि ना, तुमने कहा था" भारत ने सीरीयस टोन में कहा
"देखते हैं.." प्रीति ने सिर्फ़ इतना ही कहा कि सामने से सीमी जूस के ग्लास लेके आई
"क्या देखते हैं, क्या बातें हो रही हैं" सीमी ने आते ही पूछा
"कुछ नही मोम, ये यूएस जाना चाहती है, और मुझे बोल रही है अपने साथ ले जाने को" भारत ने जूस का ग्लास लिया और पीने लगा
"तुम यूएस क्यूँ जाओगे भारत, " सीमी ने भारत से कहा
"प्लेसमेंट मोम.. इनवेस्टमेंट बाँक्स आई हैं कुछ, अगर सेलेक्ट हुआ तो यूएस में जॉब पक्की है" भारत ने खुश होके सीमी से कहा
"आइ वोंट लेट यू गो, यहीं काम करो ना, " सीमी ने भारत का हाथ पकड़ के कहा
"अरे यार, पहले सेलेक्ट तो होने दो.. अब चलो, निकलता हूँ, बाय, प्लेस्मेंट्स के बाद आउन्गा ओके, दाद को फोन कर देता हूँ, सी यू " भारत ने सीमी के गालों पे किस किया और निकल गया वहाँ से.. घर से निकल के, भारत अपनी गाड़ी में बैठा, और थोड़ी दूर जाके एक फोन किया..
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RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"हेलो... कौन से होटेल में है.. लॅंड्स एंड.. फक्किंग एक्सपेन्सिव... आइ विल सी यू देअर" कहके भारत ने फोन कट किया और गाड़ी दौड़ा दी बांद्रा की तरफ... कुछ सेकेंड्स में भारत पहुँचा ताज लॅंड्स एंड... अंदर जाते ही भारत ने रिसेप्षन पे पूछा
"उः.. आइ आम हियर टू सी मिस्टर पिटर्स.. कॅन यू प्लीज़ टेल मी दा रूम नंबर" भारत ने सामने बैठी रिसेप्षनिस्ट से कहा
"जस्ट आ सेकेंड सर... " कहके रिसेप्षनिस्ट अपने कंप्यूटर मे देखने लगी...
"सो सॉरी सर, बट ही ईज़ नोट एक्सपेक्टिंग एनिबडी..यू कन्नोट मीट हिम" रिसेप्षनिस्ट ने अपनी झूठी स्माइल देके कहा..
"ओह.. आइ आम सो सॉरी, यू आर राइट..." कहके भारत ने 3, 1000 के नोट अपने हाथ में लिए और रिसेप्षनिस्ट के हाथों को दबाने लगा... रिसेप्षनिस्ट ने पहले तो कुछ समझा नही, पर जैसे ही उसे समझ आया, उसने इधर उधर नज़र घुमाई..जब उसे यकीन हुआ कि उन्हे कोई नही देख रहा, उसने झट से भारत के हाथ से रुपये लिए, और कहा..
"ही ईज़ इन 1010..."
"थॅंक्स, तुम प्रोफेशनल हो, यू विल गो आ लोंग वे इन युवर करियर" भारत ने रिसेप्षनिस्ट से कहा और वहाँ से निकला... वहाँ से निकल के भारत ने फिर फोन किया
"आइ एम वेटिंग..व्हेअर आर यू ... जल्दी आ" कहके भारत ने फोन कट किया और रिसेप्षन के पास ही वेट करने लगा.. 10 मिनट बाद उसे सामने वो शक़्स आता दिखा जिसका उसे इंतेज़ार था..
"कितना वेट यार... चल.." ये कहके भारत और वो शक़्स रेस्टोरेंट में जाके बैठ गये...
"हां बोल... आज दोपहर को क्या हुआ, जो यहाँ आना पड़ा तुझे..." भारत ने सामने बैठे राहुल से पूछा
"यार, ऐसा कुछ नहीं हुआ... बट जस्ट ऐसे ही इन्फ़ॉर्मेशन निकालने आया था कि कौन आया है इंटरव्यू लेने के लिए, " राहुल ने भारत को जवाब दिया
"इन्फ़ॉर्मेशन निकाल के क्या करेगा ड्यूड... तू क्या लड़की है जो उसको खुश करेगा और नौकरी लेगा.." भारत ने राहुल से कहा
ये सुनके राहुल थोड़ी देर खामोश रहा... हो भी क्यूँ ना, भारत ने बात भी तो ठीक कही थी...
"चूतिया नहीं है तू इतना, मैं तुझे अच्छी तरह जानता हूँ.. चल बता यहाँ क्यूँ आया है" भारत ने अपने और राहुल के लिए एक ड्रिंक मँगवाते हुए कहा
"यार.. वो रूबी ने कहा था मुझे..." राहुल ने हिचकिचाते हुए कहा
"रूबी!!!!! उसने क्यूँ भेजा तुझे.. और एक चुदाई क्या दी उसने तुझे, तू तो उसका गुलाम बन गया हाँ.." भारत ने गुस्से में आके राहुल से कहा
"यार, ऐसा नहीं.... पर... अब तो....." राहुल को शब्द नहीं मिल रहे थे
"क्या बोल ना... " भारत ने चिल्ला के कहा
"वो रूबी इसलिए जा रही है उसके पास ताकि शालिनी को इंटरव्यू में रिजेक्ट किया जाए.." राहुल ने भारत से डर के कहा
"और रूबी को ऐसा क्यूँ लगा कि शालिनी जॉब के लिए ऐसा करेगी..." भारत ने सर्प्राइज़ होके कहा
"तुम्हारी बातें सिड ने सुन ली, और आज कल सिड और रूबी कुछ ज़्यादा ही क्लोज़ हैं.. इसलिए उसने मुझे यहाँ भेजा.." राहुल ने अपनी नज़रें झुका के कहा
"और तू यहाँ आ गया.. ये भी नहीं सोचा, के दोस्त के साथ तू ऐसा करेगा... और रूबी खेल रही है भाई.. शी ईज़ प्लेयिंग यू..." भारत ने राहुल को समझाया
"अब मैं क्या करूँ यार...." राहुल ने भारत से सेहेम के कहा
"कुछ मत कर.. तू कैसे आया है यहाँ..." भारत ने राहुल से ठंडे दिमाग़ से कहा
"टॅक्सी में..." राहुल ने कहा
"ये ले मेरी गाड़ी.. निकल तू, मैं दूसरी गाड़ी में आता हूँ... और रूबी को कुछ मत बोलना, इनफॅक्ट वो तुझसे कुछ पूछेगी भी नहीं समझा... चल निकल, मैं मिलता हूँ तुझे थोड़ी देर में..." कहके भारत और राहुल वहाँ से बाहर निकल गये..
राहुल के जाते ही, भारत ने अपने डॅड से ड्राइवर के हाथ एक और गाड़ी मंगवा दी... गाड़ी का वेट करते वक़्त, भारत ने रूबी को फोन लगाया
"हाई स्वीट हार्ट... हाउ आर यू" भारत ने मीठे आवाज़ में रूबी से कहा
"हाई भारत.... फाइन... कब वापस आ रहा है घर से" रूबी ने भारत से पूछा
"रूबी.. आम सॉरी अबौट युवर अंकल'स न्यूज़... मुझे समझना चाहिए था..." भारत ने धीरे से रूबी को कहा
"थ्ट्स ओके भारत.. आइ नेवेर एक्सपेक्ट एनी एमोशन्स फ्रॉम यू नाउ... फर्गेट इट " रूबी ने निराशा भरी आवाज़ में कहा
भारत :- चल फर्गेट इट... और बता, प्लेसमेंट की तैयारी कैसी चल रही है... कौनसी कंपनी में इंट्रेस्टेड है तू...
रूबी :- छोड़ ना यार, मैने कुछ नहीं सोचा अब तक.. तू बता..
भारत :- मैं तो अपना सेट्टिंग कर लूँगा, बट चिंता है मुझे शालिनी की यार
रूबी :- क्यूँ, उसकी क्या चिंता
भारत :- अरे वो प्लेस्मेंट्स में नहीं बैठ रही, वो अपने डॅड के बिज़्नेस में जाना चाहती है
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12-13-2018, 02:16 AM,
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RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
रूबी :- क्या बात कर रहा है.. मैने तो सुना वो एचआर और फाइनान्स दोनो में अपीयर करना चाहती है
"वाह... तुझे कब से न्यूज़ मिलने लगे हाँ..." भारत ने सर्प्राइज़ होके कहा
"ग्रेप्वाइन हमारा भी है बॉस... " रूबी ने गर्व से कहा
"थोड़ा पीछे है ..... मैने अभी शालिनी से बात की, उसने अपना नाम रिमूव करवाया है.... मैने भार्गव और प्लेसमेंट कोवोर्डिनेटर से बात भी की है..." भारत ने झूठ कहा
"ओह.... अच्छा.... चल कोई नही, तू आजा फिर बात करते हैं चल... बाइ" कहके रूबी ने फोन कट किया और दौड़ के सिड के पास गयी इस खबर की पुष्टि करने के लिए
"सिड..... सिड... ओपन दा डोर नाउ फास्ट...." रूबी सिड के रूम के बाहर खड़ी थी
दरवाज़ा खुलते ही...
"धीरे बोल यार, दिस ईज़ आ बोय्ज हॉस्टिल. तू यहाँ इतना चिल्ला मत... और क्या हुआ बोल" सिड ने दरवाज़ा बंद करके कहा
रूबी ने सिड से सारी बातें की, जो भारत ने उसे बताई थी....
"ह्म्म्म ... इस की कन्फर्मेशन तो सिर्फ़ भार्गव ही दे सकता है..." सिड ने बेड पे बैठते हुए कहा
"ह्म्म्म्म .... अब उससे कन्फर्म करने के लिए मुझे ही कुछ करना पड़ेगा... तू समझ रहा है ना" रूबी ने सिड से आँख मारते हुए कहा
"वो तो ठीक है यार, बट तुझे शालिनी की इतनी चिंता क्यूँ है... आइ मीन शी ईज़ नोट युवर कॉंपिटेशन... फिर भी क्यूँ" सिड ने रूबी से कन्फ्यूज़ लुक देके कहा
"शालिनी ईज़ नोट माइ कॉंपिटेशन.. बट वो मेरे और भारत के बीच आ रही है.... मैं भारत से दूर होना नहीं चाहती... मैं किसी भी कीमत पे भारत के पास रहना चाहती हूँ..." रूबी की आँखों में ईर्ष्या के भाव थे...
ये देख सिड ने कुछ नहीं कहा... कुछ देर वो शांत रहा , फिर उसने रूबी से कहा..
"चलो... मिलते हैं भार्गव से" कहके सिड और रूबी बाहर निकले और चल दिए भार्गव के रूम की तरफ.. वक़्त शाम के 7.30 के करीब हो रहा था, भार्गव ऐज यूषुयल अपने कमरे में रेडिन्ब्ग ग्लासस लगा के नॉवेल पढ़ रहा था... तभी उसके कमरे पे दस्तक हुई,,
"नॉक नॉक..... सर..... सर...." बाहर से रूबी ने धीमी आवाज़ में कहा...
लड़की की आवाज़ सुन भार्गव थोड़ा परेशान हुआ.. पर उसने बिना देर किए दरवाज़ा खोला
"रूबी.. तुम इधर.. इस वक़्त... ऑल वेल ?" भार्गव ने रूबी को अंदर आने का रास्ता देके कहा
"उः.. सर.... जस्ट मैं देखने आई थी.. ईज़ माइ सर कंफर्टबल एनफ इन दिस हॉट वेदर..." रूबी ने भार्गव के कमरे का दरवाज़ा बंद करते हुए कहा....
रूबी उस वक़्त केवल एक ब्लू कलर के मिडी में थी.. अंदर से उसने ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी.. उसे देख भार्गव के लंड में जो अकड़न हुई वो रूबी आराम से देख सकती थी.. उसके लंड की अकड़न देख अंदर ही अंदर वो खुश हुई.. वो थोड़ा और टीज़ करना चाहती थी भार्गव को.. वो जान बुझ के पलट गयी और अपने गर्दन से अपने बालों को पकड़ के थोड़ा झुकी और बोलने लगी...
"उम्म्म.... कितनी गर्मी है सर इधर आहह...."
भार्गव अब सहन नहीं कर सकता था... भार्गव वहाँ से आगे बढ़ा और रूबी की तरफ गया...
"रूबी.. कंट्रोल युवरसेल्फ गाल.. तुम्हारी इस हरकत की वजह से मैं तुम्हे सस्पेंड करवा सकता हूँ समझी... अब सीधी हो जाओ, और बताओ, क्या बात है..." भार्गव ने रूबी से गुस्से में कहा.... भार्गव के ये शब्द सुनके रूबी को एक बहुत बड़ा झटका लगा.. उसे लगा था वो भार्गव को बहला फुसला के अपना काम कर देगी, पर सब कुछ उल्टा हो गया... रूबी सीधी हुई, उसकी नज़रें झुकी हुई थी... उसे समझ नहीं आ रहा था क्या करे.. भार्गव उसके शरीर का भोग लगाता, तो उसे दुख नहीं होता... पर उसकी इज़्ज़त भार्गव के आगे कुछ नहीं रही थी अभी... ये सोच सोच के वो अंदर ही अंदर मरे जा रही थी....
"विल यू प्लीज़ स्पीक नाउ.." भार्गव ने चिल्ला के कहा
"सर... सॉरी, बट मैं सिर्फ़ ये जानने आई थी कि शालिनी प्लेस्मेंट्स में बैठ रही है कि नहीं" रूबी ने अपनी आँखें उठा के पूछा
"यंग गर्ल.. कंट्रोल युवर डिज़ाइर्स.. और शालिनी नहीं बैठ रही.. यू कॅन गो नाउ.." कहके भार्गव ने अपने कमरे का दरवाज़ा खोला और रूबी को बाहर का रास्ता दिखाया... रूबी के जाते ही भार्गव ने अपना कमरा बंद किया और फोन लगाया
"हेलो... हां वो चली गयी है, तुमने जैसा कहा मैने वैसा ही किया है.... बट प्लीज़ वो क्लिप किसी को मत दिखाना, नहीं तो मेरी नौकरी ख़तरे में आ जाएगी" भार्गव फोन पे गिडगीडा ने लगा
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RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
उधर भारत की गाड़ी आते ही, भारत जल्द से जल्द पुणे पहुँचना चाहता था.... करीब डेढ़ घंटे की ड्राइव में बार बार भारत को सिर्फ़ प्रीति का ख़याल आ रहा था... वो सिर्फ़ यह सोच रहा था कि प्रीति उसकी बहेन होके भी इस काम के लिए कैसे मान गयी... और उसे सीमी पे भी बहुत गुस्सा आ रहा था... आज तक सीमी ने भारत की पर्सनल लाइफ में इतना इंटर्फियर नहीं किया था, पर यह लिमिट थी.... सोच के भारत को बहुत गुस्सा आ रहा था.... बार बार भारत के दिमाग़ में सीमी की तस्वीर आ रही थी... वो सीमी से बहुत प्यार करता था, पर उसने कभी नहीं सोचा था कि सीमी उसके साथ ऐसा कर सकती है, वो भी अपनी बहेन की बेटी को इस्तेमाल करके...
"अगर सीमी को इतनी चिंता थी, तो उसने मुझसे क्यूँ नहीं पूछा... ऐसा करके बहुत ग़लत किया आपने मोम...." भारत अपने आप से कहने लगा...
सीमी और प्रीति के ख़यालों में भारत मुंबई से पुणे पहुँच गया...
"यह भैनचोद, एक दिन भी आराम नहीं करने देते.." भारत ने अपनी गाड़ी पार्क की और शालिनी के रूम की तरफ जाते हुए खुद से बोलने लगा... गर्ल्स कॉरिडर में अकेले जाते हुए उसे थोड़ी घबराहट हो रही थी... शालिनी के रूम की तरफ वो पहुँच गया
"बेब्स.. प्लीज़ ओपन दा डोर" भारत ने धीमे से शालिनी को फोन पे कहा
शालिनी ने दरवाज़ा खोला और भारत अंदर जाके बेड पे बैठ गया
"बोल.. इतना टेन्षन में क्यूँ था, और घर से आज क्यूँ आया, कल आने वाला था ना तू तो.." शालिनी ने दरवाज़ा बंद करके कहा और अपने लिए और भारत के लिए सिगरेट जला ली
"तेरी बेस्ट फ्रेंड... रूबी.. नहीं चाहती कि तू प्लेसमेंट में बैठे... बोल, अब मैं क्या करूँ" भारत ने शालिनी के हाथ से सिगरेट लेके कहा
"हाहहाहा.. तू क्या करेगा... डोंट आस्क मी.... मेरी जान, तूने कुछ कर दिया होगा आइ आम श्योर.... बट मैं यह समझ नहीं पा रही, रूबी को मुझसे क्या प्राब्लम है.. आइ मीन मैं तो मार्क्स में भी उससे पीछे हूँ" शालिनी ने बेड पे बैठते हुए कहा और अपनी एक टाँग पे दूसरी टाँग चढ़ा के बोली
"इतना विश्वास है तुझे मुझपे... मैने कुछ किया नहीं है अब तक इस बात का.." भारत ने अपना मूह पलट के कहा
"ओह ऐसा... चल मैं जान जाउन्गि सच कुछ देर में... मुझे सब आता है.." कहके शालिनी अपने बेड से खड़ी हुई और भारत के सामने आ गयी... शालिनी ने उस वक़्त केवल एक ट्रॅन्स्परेंट नाइटी पहनी हुई थी... उसके बालों की दो लट उसके बूब्स को ढक रही थी, पर शालिनी ने उन लट्टों को हटाया और अपने चुचे भारत को दिखाने लगी... नाइटी के नाम पे उसने केवल एक कपड़ा पहना था जो उसके चुचों को और उसकी चूत को ढक रहा था... काले रंग की नाइटी में शालिनी को वो मासूम हँसता हुआ चेहरा, उपर से उसका सफेद शरीर , उसकी ज़ूलफें.. भारत को पागल कर रही थी..
भारत का लंड अपनी औकात में आने लगा था... ट्रॅक पेंट के उपर से उसका तंबू शालिनी को सॉफ दिख रहा था... यह देख शालिनी को हँसी आई
"हहहहहा... मेरी जान, तुझे तो मैने कुछ किया भी नहीं तुझे.. यह अभी से क्यूँ खड़ा हो गया है..." शालिनी ने भारत के लंड पे इशारा करके कहा..
"यह अपनी फी माँग रहा है.. तुझे ईको के एग्ज़ॅम में जो मदद की थी, उसकी...." भारत ने अपना ट्रॅक पेंट उतारते कहा... जैसे ही भारत ने अपना ट्रॅक पेंट उतारा, उसका लंड किसी स्प्रिंग की तरह उछल के बाहर आया... उसका काला लंबा लंड देख शालिनी के मूह में पानी आने लगा... वो धीरे से अपने होंठ पे जीभ फेरने लगी और अपनी नाइटी को थोड़ा उँचा करके अपनी नंगी चूत भारत को दिखाती हुई बोली...
"आहहाहा... कितना बड़ा है यह, 2 दिन पहले तो इतना बड़ा नहीं था अहहहहा उफ्फ......." कहके शालिनी अपनी चूत को सहलाने लगी और एक हाथ से चुचों को मसल्ने लगी... शालिनी का खेल अब भारत के लंड पे छुरियाँ चला रहा था.... भारत ने जल्दी से अपनी टी-शर्ट उतारी और बेड पे से ही झुक के शालिनी की चूत को चाटने लगा....
"उम्म्म अहहहहा.... यॅ बेबी अहहहहहा मेरी चूत को चाट ना आहहहाः...उम्म्म्मम यॅ अहहह्ह्ह्ह्ह...." कहके शालिनी ने भारत को बालों से पकड़ के उसका मूह अपनी चूत में घुसती चली गयी और एक हाथ से अपने चुचे तेज़ी से सहलाने लगी....
"उम्म्म्म स्लूर्रप्प्प्प स्लूरप्प्प्प्प्प आहाहहहा... सीसिसीसीसी.... ओह अहाहा....यूउंम्म्मम अहहहाहा...उम्म्म्म स्लूरप्प्प्प स्लूरप्प्प्प्प्प्प अहहहहाः" भारत अब ज़ोर ज़ोर से शालिनी की चूत को चाटने लगा.... शालिनी खड़े खड़े ही इसके मज़े ले रही थी.... "आआहहहा येआः फास्टर बेबी अहहहहा....लिक्क मी हार्ड आहहहहहाः...एहहहहहा" कहके शालिनी ने अपनी नाइटी उतार दी और अब वो दोनो एक दम नंगे हो गये थे....
"उम्म्म्म आहाहहाहा हार्डर अहहहा... ज़ोर से चोद ना भारत अहाहहाहा, अपनी ज़बान तेज़ चला अहहहहहहा यआहहा अहहहहहा" शालिनी की टाँगें अब अकड़ने लगी थी.. "अहहहहहा हां और तेज़ अहहहाहा आहाहा उईईइ अहहहहाहा यआःा अहहहहहहः... तेज़्ज़िई सी आहहहहहहहाहा.... मैं आ रही हूँ उउईइ अहहहहः मामममंमा.... माआआ मैं गयी अहहहहहहहाआहहहा" कहके शालिनी ने अपनी चूत का सारा रस भारत के मूह पे छोड दिया जिसे भारत ने चाट चाट के सॉफ कर दिया.....
"अहहहहः... अब मेरी बारी है मेरी जान आहाहहहा" कहके शालिनी ने भारत को ज़मीन से उठाया और दोनो एक दूसरे को चूमते चूमते बेड पे जा पहुँचे... बेड पे जाते ही शालिनी ने भारत को लेटा दिया और उसकी टाँगों के पास जाके उसके लंड को पकड़ लिया
"उम्म्म्म अहाहहाः.. बहुत तद्पआYआआ है तूने ज़ालिम अहहहः.... मेरे पीछे किसकी चूत में घुसा जो इतना बड़ा हो गया अहहहहहा.... उम्म्म यह तो बोल ही नहीं रहा है... लगता है इसे ज़बान देनी पड़ेगी अहहहाहा...." कहके शालिनी ने धीरे धीरे भारत के लंड की मूठ मारना शुरू किया और जब जब उसके लंड का सुपाड़ा दिखता, उसपे हल्की से अपनी ज़बान फेरने लगती...
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