Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
04-05-2019, 12:16 PM,
#1
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वक़्त के हाथों मजबूर

दोस्तो आपके लिए एक और कहानी लेकर आ रहा हूँ ये भी काफ़ी लंबी कहानी होगी कहानी का थोड़ा सा आगाज़ कर रहा हूँ 
अगर आपको पसंद आए तो ज़रूर बताना 



कहते हैं कि वक़्त से बड़ी ताक़त इस दुनिया में और कोई नही हैं. वक़्त के आगे बड़ी से बड़ी चट्टान भी झुक जाती है तो इंसान क्या चीज़ हैं.जो इंसान अगर वक़्त की कद्र करता हैं वो ही इंसान दुनिया में अपना वजूद कायम रख पाता हैं. एक बार जो वक़्त निकल गया वो कभी वापस नही आता मगर कुछ नसीब वाले इंसानो को ही वक़्त और किस्मत दोनो मिलती हैं. और वो ही इंसान सफलता के बुलांदियों को छूते हैं. मगर कुछ ऐसे भी इंसान है जो वक़्त के हाथों मजबूर और कठपुतलती मात्र बनकर रह जाते हैं.ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ था. मैं भी वक़्त के हाथों एक खिलोना बनकर बस रह गया.
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04-05-2019, 12:16 PM,
#2
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
मैं एसीपी राहुल मल्होत्रा आज वक़्त का सताया हुआ एक इंसान जो वक़्त के हाथों एक खिलोना के सिवा और कुछ भी नही है. कहने को तो मैं एसीपी हूँ मगर आज मेरे पास सब कुछ होकर भी कुछ नही हैं. आज मेरे पास बंगला, गाड़ी , नौकर चाकर सब कुछ है जो एक संपन्न परिवार में होना चाहिए या उससे भी ज़्यादा .मगर आज ना ही मेरे पास मा है और ना ही बाप.ना कोई भाई ना कोई बेहन. मैं आज तन्हा हूँ बिल्कुल अकेला.ना कोई आगे ना कोई पीछे.बचपन में मेरे मा बाप की रोड आक्सिडेंट में डेत हो गयी थी. जब मैं मात्र 10 साल का था. अभी मैने इस दुनिया के बारे में जाना ही कहाँ था कि मेरी दुनिया ही उजाड़ गयी.

बचपन से ही मेरी लाइफ स्ट्रगल रही हैं. मेरे पिताजी कहा करते थे कि कभी किसी पर डिपेंड मत रहो और टाइम ईज़ मनी. मैने उनके ही आदर्शों पर चलकर आज खुद अपनी कड़ी लगन और मेहनत के बल पर आज अपने आप को इस काबिल बनाया है कि आज मेरी खुद एक हस्ती और वजूद हैं. मैने अपनी पढ़ाई कंप्लीट करने के बाद मुझे पोलीस की नौकरी मिली और मैने पोलीस की नौकरी जाय्न कर ली. मगर यहाँ भी मेरी बदक़िस्मती ने मेरा साथ नही छोड़ा मेरी ज़िंदगी में भी ख़ुसीयों के फूल खिले मगर वक़्त ने मुझसे वो खुशी भी छीन ली. जी हां मेरी खुशी, मेरा प्यार, मेरी तड़प, मेरी ज़िंदगी सब कुछ वो जिसने मुझे जीना सिखाया , प्यार क्या होता हैं बताया. मगर आज मेरे पास वो प्यार भी नही है. वक़्त ने मुझसे सब कुछ छीन लिया.आज मैं यही सोचता हूँ कि मैं ज़िंदा हूँ भी तो सिर्फ़ एक लाश बनकर रह गया हूँ. अब ना ही मेरे जीने की कोई वजह है ना ही कोई मंज़िल. एक मेरी मंज़िल थी आज वो भी नही है जी हां वो नाम जिसे मैं याद करके पल पल मरता हूँ, वो नाम जो मेरी रूह में मेरी हर साँस में आज भी ज़िंदा है वो नाम हैं राधिका शर्मा.

वो राधिका जिसे पाकर मुझे मंज़िल मिल गयी थी, मुझे जीने की वजह मिल गयी थी. मगर आज भी वो ज़िंदा हैं मेरी हर रोम रोम में, मेरे रागों में लहू बनकर . मेरी हर साँस में मेरी धड़कन में. मैं उसे कभी भुला नही सकता. खैर जो हुआ वो वक़्त तो वापस आ नही सकता .आज भी वो पल याद आते ही मेरी आँखो से आँसुओं का एक सैलाब उमड़ पड़ता है. बात तब की है .....................................................

19-सेप्ट-2008

आज के ही दिन मेरा अपायंटमेंट हुआ था. आज मैं बहुत खुस हूँ. मुझे मेरी कड़ी मेहनत और लगन की बदोलत आज अपने आप को इस काबिल बनाया कि आज अगर मेरे पिताजी ज़िंदा होते तो आज वो अपना सीना तान कर खड़े होते. मैने शपथ ली कि ना ही मैं अत्याचार सहूँगा और ना ही अत्याचार होने दूँगा. मैं अपनी नौकरी पूरी ईमानदारी और कर्तव्य से पूरा करूँगा. आज मुझे नौकरी करते लगभग एक साल हो चुका है. इतने दिनो में मैने कई टिपिकल केसस भी हॅंडल किए हैं. और बहुत से मुजरिमो को जैल की सलाखों के पीछे भी धकेला हैं. आज बड़े बड़े मुजरिम मेरे नाम से काँपते हैं. ऐसे ही मेरे दिन आराम से कट रहे थे कि एक दिन मैं ड्यूटी पर था और किसी काम से ऑफीस जा रहा था. रास्ते में मैने अपनी पोलीस जीप एक कॉलेज कॅंटीन के सामने खड़ी कर दी. और मेरा कॉन्स्टेबल वीर सिंग भी मेरे साथ था.हम दोनो उन ही हँसी मज़ाक कर रहे थे कि सामने से दो लड़की आती हुई दिखाई दी. कसम से कहता हूँ मैने आज तक ऐसी सुन्दर लड़की कभी नही देखी थी. गोरा रंग 5.4 इंच हाइट, बहुत सुंदर नयन, गुलाबी लिप्स, और फिगर तो फिल्म आक्ट्रेस भी उसके सामने फीकी पड़ जाए. और उसकी सहेली भी बिल्कुल वैसी ही थी. गोरा रंग लगभग सेम हाइट. ऑलमोस्ट सब सेम. पर चेहरा दोनो का बहुत मासूम था.

हम दोनो भी कॉलेज कॅंटीन के पास बैठे थे इतने में तीन बदमाश कॉलेज के मेन गेट से आते हुए दीखाई दिए. उनकी नज़र जब उन दोनो लड़की पर पड़ी तो उन तीनो के भी होश उड़ गये. एक गुंडा उनका लीडर था जग्गा. उसका काम ही था रोज रोज लड़ाई , मारा पीटी, छेड़ छाड़ कोई उससे पंगा भी नही लेता था. गंदी सूरत, काला जिस्म और मूह में पान चबाते हुए वो सामने के मैन गेट पर खड़ा हो गया और उन दोनो लड़कियों का इंतेज़ार करने लगा.

जग्गा- यार देख तो कसम से क्या चिड़िया है. साली पहले तो नही देखा इसको. लगता हैं नयी आई हैं. जो भी हैं कसम से पटका है.

इतना सुनते ही जाग्गा का दोस्त रामू बोल पड़ता हैं

रामू- अरे जग्गा भाई इस लड़की से पंगा मत लो यार.

जग्गा- क्यों बे कहीं की महारानी है क्या.

रामू- अरे महारानी से भी बढ़कर है यार .ये साली आटम बॉम्ब है. जब ये फटेगी तो तेरा भी पता नही चलेगा. याद हैं ना मनीष नाम का लड़का. अरे उसने इसे छेड़ने की ग़लती कर दी थी बस फिर क्या था साली ने उसका ऐसा बॅंड बजाया कि बेचारा इसको आँख उठा कर भी देखना तो दूर इसको दूर से देखते ही वो अपना रास्ता बदल देता हैं. और कभी संजोग से वो सामने आ जाए तो पूछ मत यार लगता है साला पॅंट में सू-सू कर देगा.

जग्गा- ऐसा क्या,! लगता है ये तो तीखी मिर्च हैं. और तू तो जानता है कि मुझे तीखी चीज़ कितनी पसंद हैं.

जग्गा का दूसरा दोस्त श्याम- हाँ यार रामू ठीक ही तो कह रहा है क्यों इस लड़की से बेवजह पंगा ले रहा हैं. तुझे छेड़ना ही है ना तू चल ना कोई और लड़की को छेड़ते हैं.
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04-05-2019, 12:16 PM,
#3
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
जग्गा- इतना सुनते ही जग्गा का परा गरम हो जाता हैं. और कहता है साले तुम दोनो इस लड़की से डर गये साले ना-मर्दो कहीं के. देख अब मैं कैसे अकेले ही इन दोनो को सबक सिखाता हूँ. तुम लोग बस तमाशा देखते जाओ. देखना आज जग्गा कैसे इन दो टके की लौंडिया को अपने नीचे लाता है.... इतना कहकर जग्गा उनकी तरफ चल पड़ता है. जग्गा को सामने से आता देखकर निशा घबरा जाती है और अपनी सहेली से कहती है.....

निशा- राधिका यार प्लीज़ चल ना कहीं और चलते हैं मेरा मन नही कर रहा है इस कॅंटीन में जा ने का.

राधिका- यार तू भी अजीब है इतने देर से कह रही है मुझे भूक लग रही है और अब कॅंटीन आ गया तो कह रही है कहीं और चलते हैं.

निशा- बात ये है ना कि वो गुंडा जग्गा देख हमारी ही तरफ आ रहा है. तू उसको नहीं जानती एक नंबर का लफंगा और बदमाश है. आए दिन हर लड़की को छेड़ता रहता हैं.

राधिका- बस इतनी सी बात है. तू भी इस दो टके के गुंडे से घबरा गयी. तू चिंता मत कर अगर वो हम से पंगा लेगा तो साला बहुत पिटेगा.

निशा- अरे तू नहीं जानती इस से कोई पंगा नही लेता. बहुत ख़तरनाक है ये. मैं तो कहती हूँ अगर ये कुछ बोले तो बस तू चुप चाप निकल जाना. बस कुछ बोलना नही .

तभी जग्गा उनके करीब आ जाता है................

जग्गा- क्यों री चिड़िया तेरा नाम क्या है.

राधिका- आपसे मतलब. आप कौन होते हैं पूछने वाले.

जग्गा- अरे ए साली ,ए तो हम से ही सवाल कर रही हैं. तू जानती नही हैं लड़की हम कौन हैं. नाम है जग्गा. नाम तो तुमने सुना ही होगा.

राधिका- क्यों कोई फिल्म आक्टर हो क्या जो तुम्हारा नाम सुना है. तुम जैसे दो टके के आदमी से हमे कोई बात नही करनी. जाओ अपना रास्ता नापो. इतना सुनते ही जग्गा का पारा गरम हो जाता है.

जग्गा- तू जानती नही हम को मैं इस एरिया दादा हू दुनिया सलाम करती है जो पूछ रहा हूँ चुपचाप बता दे नही तो.........और इतना बोलते ही जग्गा चुप हो जाता है,

राधिका- नही तो क्या............... क्या कर लोगे. राधिका गुस्से से उसको देखकर बोलती हैं.

जग्गा- तुझे यहीं बीच सड़क पर नंगा करके घुमाउन्गा. इतना सुनते ही निशा डर से सहम जाती हैं और राधिका को धीरे से बोलती हैं.

निशा- अरे राधिका क्यों बात को बढ़ा रही हैं. जाने दे ना ऐसे लोगों से हमे पंगा नही लेना चाहिए.

राधिका- ठीक है निशा इसको बोल दे कि ये मुझसे माफी माँग ले. मैं यही पर बात ख़तम कर देती हूँ. इतना सुनते ही जग्गा ज़ोर ज़ोर से हँसने लगता हैं.

जग्गा- माफी और वो भी इस छोरी से. अरे मेरी चिड़िया अगर तू मेरी बात मान ले तो मैं तुझे रानी बनाकर रखुगा. फिर तुझे कोई भी आँख उठा कर नही देखेगा.

निशा- देखिए प्लीज़ हमे जाने दीजिए. राधिका की तरफ से मैं आपसे माफी मांगती हूँ.

जग्गा- अरे मेरी चिड़िया तू क्या समझती है कि तेरे माफी माँगे से मैं तुम दोनो को जाने दे दूँगा क्या. अगर इसे मैं अपनी रानी बनाउन्गा तो तुझे अपनी रखैल........

राधिका- देखिया मिस्टर. जग्गा जी आप अपनी हद्द से आगे बढ़ रहे है. आप अपनी औकात में रहकर बात कीजिए. वरना अंजाम बुरा होगा.

जग्गा- अच्छा तो तू बताएगी मुझे मेरी औकात. देखता हूँ मैं भी तो कि तू मेरा क्या बिगाड़ लेगी.
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04-05-2019, 12:16 PM,
#4
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
इतना सुनते ही राधिका का चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है और वो एक कॉल करती हैं. राधिका को कॉल करते देख कर जग्गा ज़ोर ज़ोर से हँसने लगता है और बोलता है.

जग्गा- लगता है अपने बाय्फ्रेंड को बुला रही है मुझको पिटवाने के लिए. ज़रा मैं भी तो देखूं कौन साला मर्द पैदा हो गया जो जागा को छू भी सके.

राधिका- फोन पर बात करते हुए - हेलो सर मुझे एक जग्गा नाम का आदमी परेशान कर रहा है और बहुत बतदमीज़ी से पेश आ रहा है. राधिका अब तक जो बातें होती है वो पूरी बात बता देती है और कुछ अपनी तरफ से भी नमक मिर्ची लगा कर जोड़ देती है.

उधेर से आवाज़ आती है क्या वो आदमी अभी भी आपके पास खड़ा है. राधिका हाँ में जवाब देती हैं. उधर से आवाज़ आती हैं ज़रा मेडम प्लीज़ फोन उसे दीजिएगा. मैं उससे ज़रा बात करता हूँ .

इतना सुनते ही राधिका उसको फोन थमा देती है......................................................

टू बी कंटिन्यूड.................................................................
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04-05-2019, 12:17 PM,
#5
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
जग्गा- अबे कौन बोल रहा है बे. किस साले की मौत आई है जो जग्गा से पंगा ले रहा है.

उधर से आवाज़ आती है - तो आप ही जग्गा है. अरे भाई क्यों आप उन दोनो लड़कियों को बेवज़ह परेशन कर रहे हैं.आपकी भलाई इसी में है कि आप चुप चाप वहाँ से चले जाइए वरना अंजाम बुरा होगा.इतना सुनते ही जग्गा के सर पर खून सवार हो जाता है और वो ज़ोर से चिल्ला कर बोलता है

जग्गा- अगर सच्चा मर्द है तो फोन पर क्या बात कर रहा है .दम है तो सामने आ कर जग्गा का सामना कर. तुझे यही पर ज़िंदा ज़मीन में दफ़न कर दूँगा.उधर से आवाज़ आती है- देखिए भाई साहब ज़रा तमीज़ से बात कीजिए मैं आपसे आराम से बात कर रहा हूँ इसका मतलब आप कुछ भी बोल देंगे. आप की भलाई..................

बात पूरी होने से पहले जग्गा बोल पड़ता है- अगर
अपनी माँ का दूध पिया है तो आ जा सामने तुझे
अभी पता लग जाएगा की जग्गा क्या चीज़ है.
उधेर से फिर - आप वही पर रुकिये हम अभी आते हैं. ज़रा बताइए इस वक़्त आप कहाँ पर हैं. हम अभी पहुँचते हैं.
जग्गा- चल आ जा मैं इस वक़्त आइआईएमटी कॉलेज के मेन गेट पर हूँ देखता हूँ तू मेरा क्या बिगाड़ लेता है. इतना कहकर जग्गा फोन काट देता है और ज़ोर से हंसता है.

जग्गा- लगता है हिजरों की फ़ौज़ आ रही है मुझको
मारने के लिए. जग्गा घूर कर राधिका को देखता है और धीरे से कहता है- वैसे एक बात बोलू मेरी रानी अगर तू मेरे साथ चले तो मैं तुझे माफ़ कर सकता हूँ. अगर तू मेरे नीचे एक बार आ जा फिर तू देख माँ कसम तेरी दिल नही करेगा मुझे छोड़ कर जाने को. जानती हैं मेरा केला बहुत बड़ा और मोटा है. पूरे 9' इंच का है. तुझे बहुत मज़ा दूँगा.

इतना सुनते ही राधिका का पारा एकदम हाइ हो जाता है

राधिका- अब तक मैं तेरी हर बात को मज़ाक में टाल रही थी अब तुझे बताती हूँ कि मैं क्या चीज़ हूँ. इतना कहकर राधिका ज़ोर से चिल्ला
कर भीड़ इकट्ठा करती है
राधिका- भाइयों और बहनों ज़रा प्लीज़ मेरी
बात सुनिए . वहाँ खड़ी भीड़ राधिका की आवाज़
सुनकर सब लोग इकट्ठा होने लगते हैं.
राधिका- ये भाई साहब आप लोगों से कुछ कहना
चाहते हैं. इतना सुनते ही जग्गा के चेहरे का रंग
उड़ जाता है और वो एक दम से घबरा जाता है.
जग्गा- धीरे से ये क्या तमाशा कर रही है तू. चल इन लोगों को यहाँ से दूर भगा.
राधिका- देखिए भाई लोगों ये जग्गा आप सब से
अपनी कुछ पर्सनल बात बताना चाहते हैं. ज़रा
आप सब इन्ही से पूछ लीजिए.
जग्गा को तो जैसे साप सूंघ जाता है और वह चाह
कर भी एक शब्द नही बोल पाता है.
तभी भीड़ में से एक आवाज़ आती है - अरे भाई
क्या पर्सनल बात बताने वाले हो ज़रा हम भी तो सुने. जग्गा- वो..........मैं...... कुछ............नही..........कोई .....बात..........नही...... बस.........आप..........सब .....चले ...जाइए....
राधिका- क्या जग्गा जी ज़रा इनको भी तो बताइए आप तो मुझे जबर्जस्ति बात बता रहे थे. आप बताएँगे कि मैं बोल दूं..............
जग्गा- देखिए........... वो....... कोई .........बात......ना...ना....नही.................. इतने में फिर एक आवाज़ आती है- अरे भाई ऐसी कौन सी पर्सनल बात है जो तू इनको कह सकता है और हूमें नही . बता ना.
राधिका- ये भाई साहब अपने केले के बारे में
बात कर रहे थे. राधिका जग्गा की ओर देखते हुए बोलती हैं ज़रा इन्हे भी तो बताइए ना.
इतने में फिर आवाज़ आती है- अबे कौन से केले की बात कर रहा है खाने वाला या वो वाला.
जग्गा को तो जैसे कुछ समझ ही नही आता कि वो क्या
बोले. और वो चुप हो कर भीड़ के बीच में
चुप चाप खड़ा रहता है.फिर एक आवाज़ आती है- अबे क्या साइज़ है तेरे केले का ज़रा हमे भी तो बता. इन लड़कियों को तो बताने में शरम
नही आ रहा था और अब साला शरमाता है .
जग्गा- वो बात .... है ना.... मुझे ....कुछ ..........ग़लतफहमी .......... हो गयी.............थी. भीड़ में से फिर दूसरी तरफ़ से- आबे बता ना कितना इंच का है तेरा केला. जग्गा को अब मज़बूरन बोलना ही पड़ता हैं- और वो बस इतना ही बोल पता है 9' का.
जग्गा का दशा देखकर उसके दोनो दोस्त रामू और श्याम धीरे से खिसक लेते हैं.
राधिका- अरे जग्गा जी ज़रा खुल कर इन लोगों को भी बताइए ना अपने केले के बारे में.
इतने देर में कुछ लड़कियाँ भी भीड़ में से
निकल कर जग्गा की ओर बढ़ती हैं.

और जग्गा बिल्कुल घबरा जाता हैं.
राधिका- देखिए इनमे से कोई भी आदमी इनके उपर
हाथ नही उठयगा. आज इनका बारात यही मौजूद
सारी लड़कियाँ ही निकालेंगी.
उसके बाद तो भीड़ में से कई और लड़की अपना
जुत्ति , सॅंडल , और कुछ लड़के अपना बेल्ट निकाल कर
लड़कियों को थमा देते है और उसके बाद जग्गा की वो पिटाई होती है कि उसका मूह सूज जाता है .
तभी पोलीस के सायरन की आवाज़ आती है और कुछ
पोलीस वाले जीप से उतर कर आते हैं. पोलीस को
आता देख कर वहाँ मौजूद भीड़ एक साइड में हो जाती हैं.

एक पोलीस वाला- हां तो किसने मेरे पास अभी
फोन किया था. इनमें से राधिका और निशा कौन हैं. और वो हरामी जग्गा कौन है .
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04-05-2019, 12:17 PM,
#6
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
राधिका- मैने ही आपको फोन किया था सर. और
जग्गा की ओर इशारा करते हुए. ये ही है जो आपको
धमकी दे रहा था. कह रहा था मैं ही इस एरिया का दादा हूँ . और सर आपको बहुत गंदी गंदी गाली भी दे रहा था.
इतने देर में उस पोलीस वाले की नज़र इनस्पेक्टर
राहुल पर पड़ जाती है और वो राहुल को आने का
इशारा करता हैं.राहुल उनके नज़दीक आता हैं.
पोलीस वाला- सर इस वक़्त मैं एक बहुत ज़रूरी
मीटिंग में था. मगर आपका कॉल आया इसकी वजह से मुझे आना पड़ा.
राहुल- चलिए ख़ान जी आपने मेरी बात रख ली और
समय पर आप आ गये. ये ही है जग्गा इसे ले जाओ और इसकी इतने आच्छे से खातिरदारी करो कि इसकी दादागिरी सब जैल के सलाखों के पीछे गुम हो जाए.

ख़ान- सर आप चिंता मत कीजिए ऐसे दो टके के
टपोरी को मैं सीधा करना बहुत अच्छे से जानता हूँ.
राधिका- इसका मतलब आप मेरे कहने पर यहाँ
नही आए. राधिका ख़ान से पूछती है.
मेडम ऐसी कोई बात नही है आप का कॉल भी हमारे लिए इंपॉर्टेंट है मगर हमे सर के कहने की वजह से इस वक़्त आना पड़ा.
ख़ान- सर इस सिचुयेशन को तो आप ईज़िली हॅंडल कर सकते थे फिर आपने हमे क्यों बुलाया.
राहुल- यार ऐसे छोटे मोटे गुंडे से उलझकर मैं अपनी रेप्युटेशन खराब नही करना चाहता था इसलिए.
अब चौकने की बारी राधिका की थी-
राधिका- इसका मतलब मैं इस गुंडे से इतनी देर तक उलझती रही उसका कोई वॅल्यू नही है क्या..
राहुल- अरे मेडम आप तो वाकई में बहुत
स्ट्रॉंग लड़की हो. आपकी हिम्मत की तो दाद देनी चाहिए. थोड़ी देर बाद पोलीस की गाड़ी जग्गा को पकड़ कर ले जाती है और फिर माहौल पहले जैसे हो जाता है.
राधिका- अक्चा थॅंक यू इनस्पेक्टर साहब. आपने
जो हमारी मदद की . चलो निशा अब हम कॅंटीन
चलते हैं.
निशा- यार कैसी लड़की हो तुम ये साहब ने हमारी
इतनी मदद की और तुम बस थॅंक यू बोल कर जा रही
हो. यार चल कर कुछ चाइ नाश्ता इनके साथ कर लेते हैं.
राधिका- अरे निशा तू नही जानती इन पोलीस वालो को
सब एक जैसे ही होते हैं.
राहुल- सब नही मेडम कुछ लोग है हमारे
डिपार्टमेंट में. इस समाज में हर टाइप के इंसान होते हैं कुछ अच्छे कुछ बुरे. अगर एक बुरे इंसान से हमे परेशानी होती है तो पूरे समाज को तो बुरा नही कह सकते ना.
निशा- अरे छोड़ ना यार तू भी बस हर बात लेकर
बैठ जाती है चलिए सर आप हमारे साथ चलकर
चाइ कोफ़ी पी लीजिए.
राहुल- ठीक है . इतना कहकर राहुल उन दोनो के
साथ कॅंटीन में चला जाता हैं.
राहुल- कूल डाउन मेडम. आपकी सहेली सही कह
रही है आप भी छोटी छोटी बात को लेकर चलती हैं.तभी राहुल कुछ स्नॅक्स और चाइ का ऑर्डर देता है.
राहुल- अरे आप दोनो ने तो आपना नाम भी नही बताया.
निशा- मेरा नाम निशा अग्रवाल हैं. मैं इसी
कॉलेज के सेकेंड एअर की स्टूडेंट हूँ और बी.कॉम
कर रही हूँ. और ये है मेरी बेस्ट फ्रेंड राधिका शर्मा . ये भी मेरी क्लास मेट है.
राहुल- वैसे राधिका जी आपको गुस्सा बहुत आता है.आप तो सचमुच आटम बॉम्ब हैं. इतना कहकर
राहुल हँसने लगता हैं. बाइ दा वे आइ एम इनस्पेक्टर
राहुल मल्होत्रा. मुझे पोलीस में जाय्न हुए लगभग एक साल हो गया हैं.
राधिका- गुस्से से आपको किसने बताया कि मैं
आटम बॉम्ब हूँ. ज़रा बताइए मुझे अभी साले का
सिर फोड़ दूँगी.
राहुल- हँसते हुए अरे वो जग्गा के साथ दो आदमी थे ना वही कह रहे थे. मैने खुद सुना.
निशा- सर आप वहाँ पर खड़े थे तो आप ने हमे बचाया क्यों नही उस जग्गा से.
राहुल- दर-असल मैं ये देखना चाहता था कि वो
लोग तुम्हारी सहेली को आटम बॉम्ब क्यों बोल रहे
थे. मुझे लगा कि ये अगर सच में आटम बॉम्ब
है तो ज़रूर कुछ धमाका करेगी. लेकिन सच कहूँ आपकी सहेली आटम बॉम्ब से भी बढ़कर है.
राधिका- तो अब आप भी मुझे वही नाम से पुकारने लगे.
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04-05-2019, 12:17 PM,
#7
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
राहुल- आइ आम सॉरी राधिका जी मैं बस मज़ाक कर
रहा हूँ. आप सच में बहुत बहादुर हैं.
मैं आपको सचमुच सल्यूट करता हूँ.
अगर आप जैसी लड़की रहे और जिसका ऐसा इरादा हो तो
गुंडे बदमाश तो किसी को भी छेड़ने की ग़लती नही
करेंगे.
निशा- अरे सर आप राधिका को नही जानते इसने बड़े
बड़े किस्से किए हैं. मैं इसे 8 साल से जानती हूँ.
अभी तक जिसने भी इसे प्रपोज़ या छेड़ा है इसने तो
उसकी पूरी बॅंड बजा डाली है.
राहुल- भाई अभी तो मैं थोड़ी देर फ्री हूँ आप
चाहे तो इनका किस्सा हमे बता सकती हैं.
राधिका- हम गैर लोगों को अपनी बात बताना
ज़रूरी नही समझते. इतना कहकर राधिका निशा को चलने का इशारा करती हैं.
निशा- यार प्लीज़ रुक ना क्यों तू हर बात को
सीरियस्ली लेती है. निशा के बोलते ही राधिका अपनी सीट पर दुबारा बैठ जाती हैं.
निशा- जानते हो साहब ....
राहुल- प्लीज़ निशा जी आप मुझे साहब मत कहिए आप मुझे राहुल बुला सकती हैं.
निशा- ओके राहुल जी एक बार जब मैं इसके साथ
सिनिमा से आ रही थी तभी आकाश मेरे कॉलेज का ही लड़का है वो राधिका को बहुत प्यार करता था. बेचारा सुबह शाम रात दिन राधिका का ही नाम लेता था. एक दिन उसके दोस्तों ने कह दिया अरे प्यार
करता है तो जा कर प्रपोज़ कर दे ना. पता चला कि
तू उसका नाम लेता रह जाएगा और कोई और उसको
पटा कर ब्याह रचा लेगा.
बस फिर क्या था वो बस इनको प्रपोज़ करने की ग़लती
कर बैठा जानते हो राहुल इसने उसका क्या जवाब
दिया...........

बस फिर क्या था वो बस इनको प्रपोज़ करने की ग़लती
कर बैठा जानते हो राहुल इसने उसका क्या जवाब
दिया...........
आकाश- राधिका मैं तुमसे बहुत प्यार करता
हूँ. मैं तुम्हारे लिए पागल जैसे यहाँ से वहाँ ,वहाँ से यहाँ दिन रात भटकता रहता हूँ. प्लीज़ राधिका मेरी इस बीमारी का इलाज़ तुम ही कर
सकती हो .मैं तुम्हारे प्यार में इस कदर पागल हो चुका हूँ की मुझे तुम्हारे सिवा कुछ दिखाई नही देता राधिका आइ लव यू.
राधिका- अच्छा तो आप मेरे प्यार में पागल हो
गये हैं. मेरे साथ चलिए मैं आपकी बीमारी
हमेशा के लिए ठीक कर देती हूँ.
फिर क्या था राधिका ने एक नंबर पर कॉल किया और उसकी बाइक पर बैठ गयी.
राहुल- फिर क्या हुआ...
ये महारानी उस बेचारे को सचमुच पागल खाने ले कर चली गयी उसको वहाँ भरती करने के लिए. इस लिए उसने पागल खाने वालों के अड्रेस्स पर फोन किया था.
राहुल- हा ....हा.........हा मेरी हँसी नही रुक रही
निशा जी .......फिर क्या हुआ उसके साथ...हा.हा..
निशा- जब वो वही पहुचि तो दो कॉन्स्टेबल उनके
तरफ आते दिखाई दिए. अभी भी आकाश को कुछ
समझ नही आ रहा था कि राधिका उसको कहाँ ले जा
रही है.
पहला आदमी- अरे मेडम आपने ही हमें
फोन किया था क्या.
राधिका- हाँ. आकाश की ओर इशारा करते हुए ये ही
हैं वो भाई साहब. इतना सुनते ही दोनो आदमी उसको लगभग घसीटते हुए वॉर्ड में ले जाते हैं और एलेक्ट्रिक शॉक उसके ब्रेन में फिट कर
देते हैं. आकाश को सब समझ आ जाता है की मैं सचमुच पागल खाने आ गया हूँ.
बस फिर क्या था आकाश ज़ोर ज़ोर से कहता है कि मैं
पागल नही हूँ .
दूसरा आदमी- हर पागल यही बोलता है. चिंता मत
कर दो तीन शॉक में तेरा दिमाग़ कुछ सही हो जाएगा.
इतना कहकर वो दोनो उसका हाथ पैर बाँध देते
हैं और एलेक्ट्रिक शॉक का 2 - 3 झटका देते हैं. और आकाश बेहोश हो जाता है.
फिर राधिका ऑटो पकड़ कर घर चली आती है और
आकाश कैसे भी करके दो तीन घंटे में भाग
कर वापस आ जाता है.
राहुल- हा. ........हा....... हा.... यार राधिका आप तो
सचमुच कमाल हो.
अब बेचारा जब भी इसको देखता हैं उल्टे पाँव
भागता हैं.
तभी राहुल के मोबाइल पर एक कॉल आता है.....
राहुल कॉल रिसेव करता है और उधर से आवाज़ आती
है- राहुल कहाँ पर हो यार मैं तुम्हें
ढूँढ रहा हूँ मुझे तुमसे एक बात करनी
हैं.कॉल उसके बेस्ट फ्रेंड विजय का था और राहुल
अपना अड्रेस उसे बता देता है और उधर से जवाब आता है की मैं थोड़े देर में तुम्हारे पास आरहा हूँ. इतना कहकर राहुल फोन रख देता है.
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04-05-2019, 12:19 PM,
#8
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
वक़्त के हाथों मजबूर--5

अब आगे.....

मोनिका- तुम अब पूरे 32 साल के हो गये हो और इतनी ही चुदाई का शोक है तो क्यों नही कर लेते

शादी. अरे 3, 4 साल बाद तो कोई तुमको अपनी लड़की भी नही देगा. तुमसे कोई लड़की शादी भी नही करेगी.

विजय- हँसते हुए अरे मेरी रांड़ तो तू है ना अपनी

चूत देने के लिए. तू भी तो पूरे 30 साल की हो गयी

है और अब तो तू पूरी चीज़ बन गयी है.

मोनिका- रहने दो ज़्यादा मस्का मत लगाओ और जो

करना है वो जल्दी से कर लो. मुझे घर भी जाना

है.

विजय- तो चल जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार कर पूरी नंगी हो जा.आज तो मैं तेरी अच्छे से लूँगा.

मोनिका- ये भी कोई बात हुई क्या. जब देखो कपड़े निकालो. अरे क्या कोई ऐसे ही चुदाई करता है क्या.ज़रा धीरे धीरे मुझे अपनी बाहों में लेकर मुझसे कुछ बातें करो, फिर मेरे जिस्म से खेलो, थोड़ा मुझसे प्यार करो फिर देखना मैं ऐसी आग लगूंगी कि तुम भी क्या याद करोगे.

विजय- ऐसा क्या मेरी रंडी तो फिर मैं अभी आता

हूँ. आज तो तेरी चूत और गान्ड रगड़ रगड़ कर

चोदुन्गा.

इतना कहकर विजय दूसरे कमरे में चला जाता है और कुछ देर बाद उसके हाथ में एक इंजेक्षन

लेकर वापस मोनिका के पास आता है. मोनिका

इंजेक्षन को देखकर बोखला जाती है और विजय से

कहती है..

मोनिका- ये क्या कर रहे हो तुम. मुझे जिसका डर

था वही हुआ.

''दर-असल जो इंजेक्षन विजय के हाथ में था वो कोई

दवाई नही थी बल्कि ड्रग्स का इंजेक्षन था. विजय

ड्रग्स का अडिक्ट था. और वो ड्रग्स का भी बिज्निस चलाता था.''

विजय- बस एक बार मैं ये इंजेक्षन ले लू तो फिर

देखना आज मेरी तेरी चूत कैसे फाड़ता हूँ.

मोनिका- नही विजय ये तुम ठीक नही कर रहे हो.

ड्रग्स लेने के बाद तो तुम पूरे जानवर बन जाते हो.तुम्हें ये भी होश नही रहता है कि मुझपर क्या बीतती है. तुम बहुत ज़्यादा वाइल्ड हो जाते हो. मुझे तो तुमसे कभी कभी डर लगता है.

विजय- अरे मेरी रंडी तुझे तो वाइल्ड सेक्स बहुत

पसंद है ना. परेशान मत हो मैं तेरी आराम से मारूँगा. इतना कहकर विजय मोनिका के दोनो बूब्स को अपने हाथों में लेकर मसल देता है और मोनिका के मूह से ज़ोर से चीख निकल जाती है.

मोनिका- आआआ..................हह. प्लीज़

विजय मैं कहीं भागी तो नही जा रही ना ज़रा आराम से दबाओ ना.

विजय- एक हाथ से मोनिका के बूब्स दबाता है और

दूसरे हाथ में इंजेक्षन लेकर खड़ा रहता हैं.

विजय- चल आज तू ही लगा दे मुझे ये नसीला

इंजेक्षन. तू लगाए गी तो दर्द कम होगा.

मोनिका- प्लीज़ विजय क्यों नही तुम ड्रग्स को छोड़ देते हो. जानते हो ना ये कितना ख़तरनाक है.

विजय- अरे मेरी जान शराब और शबाब का नशा तो आदमी कभी भी नही छोड़ सकता. जिसको ये दोनो की आदत पड़ गयी वो इन दोनो का गुलाम बन जाता है.

और विजय मोनिका को इशारा करता है. मोनिका आकर उसे उसके हाथों में ड्रग्स का इंजेक्षन लगा देती है.

थोड़ी देर तक उसे कोई होश ही नही रहता फिर वो

धीरे धीरे होश में आने लगता है और मोनिका को अपने पास आने का इशारा करता है.

मोनिका- प्लीज़ विजय ज़रा आराम से करना. मुझे

बहुत डर लगता है जब तुम ड्रग्स लेकर मेरे साथ सेक्स करते हो तो.

विजय- विजय की आँखे एक दम लाल हो चुकी थी और

वो मोनिका के दोनो बूब्स को अपने हाथों में

एकदम ज़ोर से डाबा देता है और मोनिका के

मूह से एक दर्द भरी सिसकारी निकल जाती है.

विजय- कसम से तेरा बूब्स कितना मस्त है लगता है

इन्हें खा जाउ. साली पूरे 38 साइज़ के गोल गोल हैं.

फिर अपने दोनो हाथ बढ़ा कर मोनिका की साड़ी के उपर से ही उसके दोनो निपल्स को अपनी चुटकी में लेकर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगता हैं.

मोनिका- प्लीज़ विजय होश में करो ना. मुझे आज तुम्हारी नियत कुछ ज़्यादा ही खराब लग रही है.सच में तुम्हें दर्द देने में पता नही क्या मज़ा मिलता है.

विजय- तू सही कह रही है जब तक औरत चीखती नही है मुझे ज़रा भी मज़ा नही आता. इतना कहकर विजय मोनिका की साड़ी का पल्लू को खींचने लगता है और कुछ देर में वो उसके जिस्म से अलग कर देता है..

मोनिका- क्या बात है आज कोई दूसरी आइटम तो नही मिल गयी ना तुझे जो तेरा लंड आज सोने का नाम ही नही ले रहा है. इतना कहकर मोनिका उसके लंड को अपने हाथ में पकड़ लेती है.

विजय- ज़्यादा बक बक मत कर समझी, नही तो जानती

है ना मैं तुझे कजिरि के पास भेज दूँगा फिर साली कोसते रहना ज़िंदगी भर अपने आप को .

मोनिका कजरी का नाम सुनते ही उसके रौन्ग्ते खड़े हो जाते हैं और एकदम से सहम जाती है............

मोनिका- देख विजय तू मुझे जान से मार दे मगर मुझे उसके पास भेजने की बात मत किया कर.

विजय- अरे तू इतना डरती क्यों है वो तेरी चूत की सारी

खुजली हमेशा हमेशा के लिए मिटा देगी. तुझे

भी तो एक साथ 8, 10 लंड लेने में मज़ा आएगा.

***************************************
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04-05-2019, 12:19 PM,
#9
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
(काजीरी एक एजेंट है जो प्रॉस्टिट्यूशन का धंधा चलाती है. और उसका मालिक और कोई नही बल्कि विजय है. काजीरी कस्टमर से बात करके वो लड़की सप्लाइ करती है और जो लड़की उसकी पास एक बार कदम

रख ले वो समझ लो इस दुनिया की सबसे बड़ी रंडी

बनकर रह जाती है. उसका हिसाब है जितना मोटा मालदार कस्टमर उतने ज़्यादा पैसा. चाहे

लड़कियों को उस पैसे के लिए कुछ भी क्यों ना

करना पड़े. उससे कोई फरक नही पड़ता. बस

हाथ में पैसा आना चाहिए. और बस लड़की ज़िंदा

वापस आनी चाहिए चाहे वो किसी भी हाल में

***************************************

मोनिका- नही विजय मैं तुम्हारे लिए सब कुछ

करूँगी पर प्लीज़ मुझे काजीरी के पास मत

भेजना.

विजय- आ गयी ना लाइन पर. चल अब मेरे सारे

कपड़े निकाल और जो सुरू से प्रोसेस होता है वो

शुरू कर वरना मुझे इंसान से हैवान बनने

में ज़्यादा देर नही लगती.

इतना सुनकर मोनिका उसके कपड़े एक एक करके

निकाल देती है. अब विजय मोनिका के सामने बिल्कुल नंगा खड़ा हो जाता है अब उसके जिस्म पर एक भी कपड़ा नही था.मोनिका उसको एक टक उसके लंड को देखते ही रहती है. उसको ऐसा देखकर विजय उससे कहता है.

विजय- क्यों मेरी रंडी ऐसे क्या देख रही है चल

आ जा इधेर.मोनिका इतना सुनकर विजय के पास चली जाती है. और विजय के पास जा कर खड़ी हो जाती है.

विजय- अब बस खड़ी ही रहेगी या मेरा लंड भी अपने मूह में लेगी. चल सबसे पहले तू मेरे पास आ जा मेरी बाहों में.

मोनिका विजय के एक दम करीब जा कर खड़ी हो जाती

है. और विजय ठीक उसके पीछे जाकर अपने दोनो

हाथ से उसके दोनो बूब्स को अपने दोनो हाथों में पकड़ कर बहुत ज़ोर से मसल देता है.

मोनिका- अऔच............ की सिसकी भरी आवाज़ उसके

मूह से निकल जाती है. कुछ देर तक विजय उसके बूब्स ब्लाउस के उपर से ही मसलता है और फिर अपनी दो उंगलियों से उसके दोनो निपल्स को मसलना सुरू कर देता है और धीरे धीरे उसके उंगलियों में दबाव बढ़ना शुरू हो जाता है और उधेर मोनिका के मूह से सिसकारी भी तेज़ होने लगती है. उसकी चूत एक दम गीली होने लगती है.

विजय- तेरी निपल्स कितनी मस्त है रे जी करता है इन्हे काट कर अपने पास रख लूं.

मोनिका- प्लीज़ ज़रा धीरे मस्लो ना बहुत दर्द

कर रहा है.

विजय- साली नीचे तेरी चूत ज़रूर गीली होगी और

कुतिया कह रही है कि दर्द हो रहा है.

विजय अपना एक हाथ सीधा मोनिका की चूत पर रख देता है और कस कर मसल देता है. विजय- अरे ये तो पूरी गीली है. चल अब अपने ब्लाउस और

पेटिकोट निकाल.

मोनिका भी चुप चाप अपना हाथ बढ़ाकर अपने

ब्लाउस का बटन खोलने लगती है और धीरे

धीरे करके एक एक बटन खोल देती है और नीचे हाथ लेजा कर अपनी पेटिकोट का नाडा धीरे से सरका देती है. उसका पेटिकोट नीचे ज़मीन पर गिर जाता है. अब मोनिका सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में विजय के सामने खड़ी रहती है.

विजय- अब मेरा मूह क्या देख रही है चल जल्दी से आकर मेरा लंड चूस ना. मोनिका धीरे धीरे विजय के पास आती है और झुक कर नीचे ज़मीन पर बैठ जाती है. उसको नीचे बैठता हुआ देखकर

विजय- ऐसे नही मेरी जान चल तू मेरे बेडरूम

में.

मोनिका भी कुछ बोलती नही और विजय के पीछे

पीछे उसके बेडरूम में चली जाती है..........

विजय- मुस्कुराते हुए तो चल बेड पर पीठ के बल

लेट जा और अपनी गर्देन बेड से नीचे झूला ले. मैं

आज ये पूरा लंड तेरे हलक में डालना चाहता

हूँ.

मोनिका भी चुप चाप आकर बेड पर लेट जाती है और अपनी गर्दन बेड के नीचे झुका लेती है. थोड़ी देर बाद विजय उसके मूह के नज़दीक आता है और उसके सिर को अपने हाथों से पकड़ लेता है और कहता है इस लिए तो तू मेरी पर्सनल रंडी है. जो मैं चाहता हूँ वो बस तू ही दे सकती हीं. इतना कहकर दोनो मुस्कुरा देते हैं.

अब विजय अपना पूरा लंड धीरे धीरे मोनिका के

मूह में डालना सुरू करता है. जैसे जैसे उसके

लंड पर प्रेशर बनता है मोनिका की साँस फूलना सुरू हो जाती है और लंड धीरे धीरे मोनिका के मूह में घुसता चला जाता है.

मोनिका अब तक पूरा 5 इंच लंड अपने मूह में ले चुकी थी और अब उसकी साँसे तेज़ होने लगी ही. इधेर विजय एक बार फिर पूरा लंड उसी पोज़िशन में बाहर निकालता है और फिर तेज़ी से अंदर की ओर धकेलने लगता है. मोनिका की आँखें बाहर को आने लगती है.

मोनिका का दम घुटने लगता है मगर वो अपनी

आँखों के इशारे से विजय को मना नही करती और

फिर विजय इस बार एक झटके में अपना लंड बाहर

खीच लेता है और उतनी ही तेज़ी से अंदर को धकेल

देता है. बस फिर क्या था मोनिका की आँखो से

आँसुओ का सैलाब बहने लगता है और उसके मूह से गूओ...........गूऊऊऊओ की आवाज़ें

निकलने लगती है.

तकरीबन 10 सेकेंड तक विजय अपना लंड मोनिका

के हलक के नीचे पहुँचाने में कामयाब हो जाता है और उधेर मोनिका की बेचैनी बढ़ने लगती है ऐसा लगता है कि उसका दम घुटने से वो मर जाएगी.
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04-05-2019, 12:19 PM,
#10
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
वक़्त के हाथों मजबूर--6

कुछ देर तक उसी पोज़ीशन में रहने के

बाद विजय अपना पूरा लंड बाहर निकाल लेता है. जैसे ही विजय का लंड बाहर आता है मोनिका ज़ोर से

खांसने लगती है और उसके मूह से लेकर लंड तक

एक डोर की तरह थूक की लाइन नज़र आती है.

फिर देर ना करते हुए विजय एक बार फिर अपना लंड

पूरा मोनिका के हलक में डाल देता है और उसी

पोज़िशन में कुछ देर रहने देता है . पहले के

मुक़ाबले इस बार मोनिका को ज़्यादा तकलीफ़ नही होती

और कुछ देर में विजय का शरीर अकड़ने लगता

है और वो मोनिका के सिर को पकड़ के तेज़ी से लंड आगे पीछे करने लगता है .

कुछ ही मिनिट्स में उसका वीर्य पूरा मोनिका के हलक के नीचे उतर जाता है और वो मोनिका को ना चाहते हुए भी उसे पूरा अपने पेट में लेना पड़ता है.

विजय- सुन रांड़!! मेरा वीर्य बड़ा कीमती है पूरा पी जाना एक भी बूँद नीचे नही गिरना चाहिए वरना तू जानती है ना .......और विजय हँसने लगता है..

विजय- अरे क्या हुआ तू तो इतनी जल्दी ठंडी पड़ गयी .

अभी तो ये मेरा पहली बार निकला है चल अभी तो

मुझे तेरी चूत और गान्ड की कुटाई भी तो करनी है.

चल दुबारा इसमें जान डाल दे.

मोनिका- बस करो विजय क्या हुआ है तुम्हें ऐसा

जंगली पन मे मैने आज तक तुम्हें कभी नही देखा. मुझे नही चुदवाना तुमसे मैं अपने घर जा रही हूँ. और मोनिका की आँख में आँसू आ जाते हैं. उसको रोता हुआ देखकर विजय भी थोड़ा ठंडा पड़ जाता है.

विजय- आइ अम सॉरी जान पता नही मुझे आज क्या हो

गया था. मैं खुद हैरान हूँ. और वो कैसे

भी करके मोनिका को दुबारा मना लेता है.

लेकिन विजय आज अच्छी तरह से जनता था कि उसके वाइल्ड

सेक्स के पीछे क्या कारण है. क्यों वो आज इतना

जंगली बन गया था. बस राधिका ही वो वजह थी जो उसके जेहन में जो वो चाह कर भी उसे नही भुला पा रहा था. और वो ये सोच रहा था कि राधिका ने उसपर ऐसा क्या जादू कर डाला है .

मोनिका- विजय मैने तुमसे कहा था ना कि जब तुम

ड्रग्स लेते हो तो मुझे तुमसे सेक्स करना बिल्कुल भी

पसंद नही है.

विजय- मोनिका को प्यार से गले लगाते हुए. मेरी

जान मैं क्या करू ये ड्रग्स मेरे रोम रोम में समा चुका है. मैने कितनी बार तुम्हारे कहने पर इसे छोड़ने की कोशिस की है मगर मैं इसे नही छोड़ पाया. जब तक दिन में एक बार मैं नही लेता लगता हैं जैसे मैं पागल हो जाउन्गा .

मोनिका- मैं समझ सकती हूँ विजय पर फिर फिर

तुम्हें ये ज़हर छोड़ ना होगा.

विजय- मोनिका प्लीज़ यार मुझे तेरी चूत मारने का बहुत मन कर रहा है.

मोनिका- तो मार लो ना मैने कब रोका है मगर

प्यार से करोगे तो जैसे कहोगे वैसे दूँगी.

विजय- अपने ब्रा और पैंटी तो निकाल दे ना कब तक

मुझसे छुपाटी फ़िरेगी.

इतना सुनकर मोनिका अपना हाथ पीछे लेजा कर ब्रा

का हुक खोल देती है और फिर धीरे से पैंटी भी

सरका देती है. अब उसके जिस्म पर एक भी कपड़ा नही था.

विजय- चल ना एक बार मेरे पीछे से होकर पूरा

लंड चाट ले. कसम से बहुत मज़ा आता है फिर मैं तेरी भी चाटूँगा.

मोनिका- तुम नही सुधेरोगे लेकिन मुझे तुम्हारी

गान्ड चाटने में बहुत घिंन आती है.

विजय- लेकिन जान उससे मेरे लंड में जान भी तो आ जाती है.

मोनिका- चलो बहुत बातें बनाते हो. घूम

जाओ . इतना कहकर मोनिका उसकी गान्ड को चाटना सुरू करती है.

मोनिका को बार बार उबकाई जैसा आने लगता है पर विजय की वजह से वो चुप चाप उसकी गान्ड को

चाटती है और थोड़ी देर में विजय का लंड भी

खड़ा हो जाता है.

विजय- वाह मेरी रानी तू तो कमाल का चुसती है. चल अपने पैर फैला कर लेट जा. और विजय उसकी चूत के एक दम नज़दीक आता है और जैसे ही जीभ उसकी चूत के होल पर रखता है मोनिका को एक तेज़ करेंट जैसे लगता है. वो इतनी मदहोश हो जाती है और अपने दोनो आँख बंद कर लेती है . और कुछ देर में मोनिका के मूह से तेज़ सिसकारी निकलने लगती है. इतनी देर की चूत चुसाइ में मोनिका झरने के बहुत करीब होती है मगर विजय उसको अपनी बाहों में उठा लेता है और खुद नीचे बेड पर लेट जाता है और मोनिका को आपने उपर आने को कहता है.

मोनिका भी उसी पोज़िशन में आ जाती है और फिर शुरू होता है मोनिका की चूत की कुटाई का सिलसिला. विजय एक ही बार में पूरा लंड मोनिका की चूत में डाल देता है. और करीब 10 मिनिट तक उसी पोज़ीशन में चोदने के बाद अपना लंड मोनिका की चूत से निकाल कर उसके गान्ड पर रख देता है और धीरे धीरे अपने लंड पर प्रेशर बनाने लगता है. मोनिका अऔच..................की ज़ोर से आवाज़ करती है और विजय धीरे धीरे अपना लंड पूरा मोनिका की गान्ड में डालने लगता है.
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