Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
04-05-2019, 12:23 PM,
#31
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
थोड़ी देर में वो नाश्ता करती हैं फिर राहुल राधिका को अपने गोद में उठाकर अपने रूम में ले जाता हैं.

राहुल- तुम्हारे लिए मैने कुछ प्रेज़ेंट भी लिया है, चलो चलकर दिखलाता हूँ.

राधिका- अब भी कुछ बाकी हैं क्या, इतना सब कुछ तो तुमने मुझे दिया ही हैं, अब क्या देने चाहते हो राहुल, जितना मैने सोचा था तुमने उससे कहीं ज़्यादा मुझे दिया है.

राहुल उसे एक बड़ा सा गिफ्ट पॅक देता हैं और राधिका को खोलने को बोलता हैं. वही पर एक बर्तडे केक भी रखा हुआ था कुछ देर में राधिका वो केक कटती हैं और फिर राहुल को अपने हाथों से खिलाती हैं.

राधिका फिर वो गिफ्ट पॅक खोलती हैं तो उसमें तीन साड़ी, और दो सूट थे. वो खुशी से राहुल को अपने गले लगा लेती हैं.

राधिका- इतने कपड़े खरीदने की क्या ज़रूरत थी राहुल, ये सब मुझे नही चाहिए राहुल. मुझे बस तुम्हारी ज़रूरत हैं.

राहुल- नही राधिका ऐसी बात नही हैं बस मेरा दिल किया ,और हां किसी के दिए गिफ्ट को मना नही करनी चाहिए.

राधिका- मुझे तुम्हारा गिफ्ट बहुत पसंद आया राहुल. आज का दिन मैं यादगार बनाना चाहती हूँ राहुल. हर एक पल मैं तुममें खोना चाहती हूँ.

राहुल- अब अपनी आँखें बंद करो मैं तुम्हें कुछ और भी देना चाहता हूँ.

राधिका भी चुप चाप अपनी आँखें बंद कर लेती हैं और राहुल अपने पॉकेट में से एक हीरे की अंगूठी निकालकर उसकी उंगली में पहना देता हैं. फिर वो उसे अपनी आँखें खोलने को बोलता हैं.

राधिका को तो जैसे विश्वास ही नही होता कि राहुल उसके लिए इतना सब कुछ कर सकता हैं. वो बस एक टक राहुल की आँखों में देखती रह जाती हैं.

राधिका भी उसके सीने से लग जाती हैं और फिर वो उसके लब चूम लेती हैं.

राधिका- मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा हैं राहुल कि मेरा बर्तडे ऐसे भी कोई मुझे विश करेगा.

राधिका भी अब राहुल के करीब आती हैं और फिर धीरे से राहुल को बोलती हैं.

राधिका- मुझे और भी एक गिफ्ट चाहिए राहुल, बोले दोगे.

राहुल- अगर जान मग़ोगी तो भी दे दूँगा बोलो मेरी जान अब क्या चाहिए.

राधिका-राहुल अब मैं लड़की से औरत बनना चाहती हूँ. प्लीज़ मना मत करना मैं आज अपने आपको तुम्हारे हवाले करना चाहती हूँ. प्लीज़ राहुल मुझे पूरी तरह से अपना बना लो.

राहुल- ठीक हैं अगर यही तुम्हारी ख्वाहिश हैं तो आज मैं तुम्हें मना नही करूँगा. आज हमारा मिलन होगा,मगर जानती हो इसमें तुम्हें दर्द भी होगा, और मैं तुम्हारी आँखों में आँसू नही देख सकता.

राधिका- मैं तुम्हारी खातिर सब तकलीफें हंस कर सह लूँगी . मैं तैयार हूँ राहुल. मुझे बस तुम्हारा प्यार चाहिए.

थोड़ी देर मे राहुल बाहर चला जाता हैं और फिर आते वक्त वो अपने कमरे का दरवाजा बंद कर देता हैं. और राधिका के करीब चला जाता हैं.

अपने हाथ में एक लाल गुलाब लेकर राधिका को देता हैं और प्यार से कहता हैं आइ लव यू राधिका.

राहुल- विल यू लव मी???

राधिका एक दम से उसे अपने सीने से लगा लेती हैं और खुशी से उसके आँख से आँसू आ जाते हैं.

राधिका- अपनी जान से ज़्यादा तुम्हें चाहती हूँ राहुल, मर जाउन्गि मगर तुम्हारे उपर आँच तक नही आने दूँगी.

थोड़ी देर तक वो दोनो एक दूसरे की आँखों में देखते हैं और फिर राधिका और राहुल बेड पर जाकर बैठ जाते हैं.

राधिका- आओ राहुल मेरे एकदम करीब आओ ना, मुझे हमेशा हमेशा के लिए अपना बना लो.

राहुल भी धीरे से राधिका के करीब आता हैं और उसकी गर्देन को चूम लेता हैं और वो फिर फिर बहुत धीरे धीरे वो अपने होंठ और जीभ उसकी गर्देन पर फिराने लगता हैं. अब राधिका भी धीरे धीरे मदहोश होने लगती हैं. फिर वो अपने होंठो को राधिका के होंठो पर रख देता हैं और फिर धीरे धीरे चूसना चालू कर देता हैं. कुछ देर तक वो राधिका के उपर उसके होंठो को चूस्ता हैं फिर धीरे से नीचले होंठ को भी चूसना शुरू कर देता हैं.
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04-05-2019, 12:23 PM,
#32
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
फिर वो राधिका को अपने नीचे लेटा देता हैं वो फिर से अपने जीभ राधिका के मूह में डाल देता हैं. कुछ देर तक ऐसे चूसने के बाद वो धीरे धीरे चाट ते हुए उसकी गर्देन से होते हुए उसके निपल्स के उपर अपनी जीभ रख देता हैं. राधिका की भी मस्ती में आँख बंद होने लगती हैं. फिर वो कुछ देर ऐसे ही चाट ता हैं फिर उसकी लेफ्ट चुचि को अपने दाँत में कसकर काट देता हैं और राधिका के मूह से सिसरी निकल जाती हैं.

राधिका- आउच.................... क्या राहुल धीरे से नही काट सकते थे क्या, मारूँगी अगर दुबारा ऐसा किए तो.............लेकिन सच तो ये था कि राधिका की चूत पूरी गीली होने लगी थी. उसे लग रहा था कि उसकी पैंटी भीग गयी हैं.

फिर राहुल अपने दोनो हाथ राधिका के बूब्स पर रखकर उसे कस कर मसल देता हैं.

राहुल- राधिका कसम से ये तुम्हारे बूब्स बहुत खूबसूरत हैं. जी करता हैं इन्हे ऐसे ही प्यार करूँ.

राधिका- तो करो ना राहुल मैने तुम्हें कब रोका हैं. जब तक तुम्हारा जी ना भरे इन्हें ऐसे ही मसलो.

फिर वो राधिका को उठाता हैं और उसका सूट को धीरे धीरे उपर करने लगता हैं. राधिका भी अपने हाथ उपर कर देती हैं और राहुल धीरे धीरे सूट राधिका के जिस्म से अलग कर देता हैं. अब राधिका सिर्फ़ वाइट ब्रा में राहुल के सामने थी.

राहुल बड़े गौर से राधिका को घूर कर देखता हैं. और उसके ऐसे देखने से राधिका भी शरमा जाती हैं.

राधिका- ऐसा क्या देख रहे हो राहुल. मुझे शरम आ रही हैं.

राहुल- कसम से राधिका जितनी खूबसूरत तुम हो उतना ही तुम्हारा बदन. मैने आज तक ऐसा हुस्न कभी नही देखा. तुम तो बूढ़ो का भी खून गरम कर सकती हो.

फिर वो नीचे झुक कर राधिका के बूब्स को अपने हाथों में कसकर मसल देता हैं. राधिका की चूत से लगातार पानी रुकने का नाम ही नही ले रहा था.

फिर वो उसके पाजिमी का नाडा खोल देता हैं और उसे भी धीरे धीरे सरका कर राधिका के जिस्म से अलग कर देता हैं. अब राधिका सिफ्र ब्रा और पैंटी में थी. नीचे उसने काली वाइट पैंटी पहनी थी. राहुल फिर से उसके सर से लेकर पाँव तक अपनी पूरा जीभ फिराता हैं और राधिका की सिसकारी बढ़ने लगती हैं.

राधिका- राहुल प्लीज़ जल्दी करो ना नही तो मैं मर जाउन्गि. प्लीज़ अब मुझे बर्दास्त नही हो रहा.
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04-05-2019, 12:24 PM,
#33
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
राधिका भी आपी आँखें बंद कर लेती हैं और वो राहुल में पूरी तरह खो जाती है. काफ़ी देर तक वो एक दूसरे के होंठ को चूमते हैं. फिर राधिका अपना हाथ बड़ा कर राहुल के हाथ में दे देती हैं और वो धीरे धीरे उसको हरकत देनी शुरू कर देती हैं. राहुल अब भी राधिका का होंठ चूस रहा था.

अब राधिका धीरे धीरे उसके हाथ को बढ़ाते हुए अपने चेहरे से लेजाति हैं और फिर गर्देन से होते हुए अपने सीने पर रख देती हैं और फिर अपना हाथ का दबाव तेज़ कर देती हैं.

राहुल भी अब राधिका के सीने पर हाथ रखकर उसे धीरे धीरे फिराने लगता हैं. कुछ देर में राधिका के निपल्स एकदम हार्ड होने लगते हैं और वो भी जोश में आने लगती हैं.

राहुल एकदम धीरे धीरे अपनी उंगली राधिका के निपल्स पर फिरा रहा था, और राधिका भी धीरे धीरे सिसकारी लेती जा रही थी उसकी आँखें एक दम लाल हो गयी थी. हवस सॉफ उसकी आँखों में छलक रही थी. राधिका अपने होंठ एक बार फिर राहुल के होंठो पर रख देती हैं और खूब तेज़ी से उसे चूसना चालू करती हैं. पहले धीरे धीरे फिर बहुत तेज़ी से अपने जीभ से उसके होंठों को चाटती हैं.

कुछ देर के बाद राहुल फिर से अपने होंठ राधिका की गर्देन पर रख देता हैं फिर धीरे से वो अपने होंठ फिराते हुए राधिका की गर्देन के पीछे से होता हुआ उसके पीठ तक चाट ता हैं. राधिका की आँखे अपने आप ही बंद होने लगती हैं. फिर वो उसका दुपट्टा उसके जिस्म से अलग कर देता हैं.

राधिका भी अब बिस्तेर पर लेट जाती हैं और राहुल को अपने उपर आने का इशारा करती हैं. राहुल जैसे ही राधिका के उपर आता हैं वो एक बार कस कर राधिका के निपल्स को अपने हाथो की दोनो उंगलियों से मसल देता हैं. और राधिका के मूह से आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह........ की कराह एक बार फिर निकल जाती हैं.

राहुल- क्या हुआ राधिका अभी तो आपके बूब्स को हल्का से मसला हैं तो आप इतना चीख रहीं हैं.अगर पूरे बदन को मैं रागडूंगा तो आपका क्या हाल होगा.

राधिका- राहुल मैं तो यही चाहती हूँ कि तुम मुझपर कोई तरस मत खाओ. जितनी बेहरमि से तुम मुझे रगड़ना चाहते हो रगड़ डालो. मेरी परवाह बिल्कुल मत करो.

राहुल- अरे आप तो हमारी जान हैं, और हमारी जान को तकलीफ़ होगी तो हमे भी दुख होगा. लेकिन क्या करे ये खेल ही ऐसा हैं इसमें जितना तकलीफ़ होती हैं उतना ही मज़ा आता हैं और मैं अपनी जान को आज पूरा जन्नत का मज़ा देना चाहता हूँ. बोलो दोगि ना मेरा पूरा साथ.

राधिका- हां राहुल मरते दम तक दूँगी, तुम्हारे दिल में जो आए तुम मेरे साथ करो ,मैं तुम्हें किसी भी चीज़ के लिए मना नही करूँगी. तुम्हारी मैं सारी इक्छाये पूरी करूँगी.

राहुल- फिर से उसके हाथ को अपने हाथ में ले लेता हैं और उसपर अपना जीभ फिराने लगता है. राधिका फिर से तड़प उठती हैं.

फिर वो राधिका को अपने उपर आने को बोलता हैं. और राहुल नीचे लेट जाता हैं. राधिका भी अब अपनी जीभ उसकी गर्देन पर रख देती हैं और धीरे धीरे वो नीचे की ओर बढ़ती हैं. फिर राधिका उसे शर्ट के बटन को अपने मूह में फँसाकर धीरे धीरे एक एक करके अपनी उंगली की मदद से खोलना चालू करती हैं.

कुछ देर में राहुल का शर्ट पूरा खुल जाता है. फिर राहुल उसे अपने जिस्म से अलग कर देता हैं. अब वो बनियान में था. राधिका को शरारत सुझति हैं और वो राहुल के लंड को पॅंट के उपर से ही पकड़ लेती हैं. राहुल के मूह से तेज़्ज़ सिसकारी निकल पड़ती हैं. और राधिका मुस्कुरा देती हैं.

फिर वो धीरे से झुक कर अपने होंठ उसके पेंट के हुक पर रख देती हैं और फिर अपने हाथ लेजा कर खोल देती हैं और राहुल की ज़िप को अपने दांतो से खींचकर धीरे धीरे उसके पेंट की चैन को खोलती हैं. थोड़ी देर में उसका ज़िप पूरा खुल जाता हैं.

फिर अपने दोनो हाथ सरका कर राहुल की पेंट को उससे अलग कर देती हैं. अब राहुल सिर्फ़ अंडरवेर और बनियान में था. फिर राधिका उसके उपर झुककर अपनी पूरी जीभ उसके होंठ से लेकर उसके पाँव तक पूरा फिराती हैं. राहुल मस्ती में अपनी आँखें बंद कर लेता हैं. उसे इतना मज़ा आ रहा था कि लगा कि उसे जन्नत मिल गयी हो.
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04-05-2019, 12:24 PM,
#34
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
वक़्त के हाथों मजबूर--14

फिर वो अपना हाथ नीचे सरकाते हुए राधिका का चूत को अपनी मुट्ठी में कसकर भींच लेता हैं. राधिका फिर से सिसक पड़ती हैं.

अब राहुल को भी बर्दास्त नही होता और वो पीछे अपने हाथ लेजा कर उसके ब्रा के हुक खोल देता है. और फिर एक हाथ नीचे लेजा कर उसकी पैंटी भी उसके जिस्म से अलग कर देता हैं. राधिका थोड़ा विरोध करती हैं मगर राहुल के हाथों को नही रोकती हैं.

अब राधिका राहुल के सामने एक दम नंगी थी. वो झट से अपना हाथ अपने चेहरे पर रख लेती हैं. आज वो अपनी जिंदगी में पहली बार किसी मर्द के सामने पूरा नंगी हुई थी. राहुल को तो जैसे होश ही नही रहता राधिका के हुस्न को देखकर वो तो लगभग खो जाता हैं.

लगता हैं. और फिर एक हाथ नीचे लेजा कर उसकी चूत पर रख देता हैं. राधिका के तो होश ही उड़ जाते हैं.

राधिका- क्यों तुम मेरी जान लेने पर तुले हुए हो राहुल मेरा सब्र अब बिल्कुल टूट चुका है. मुझे जल्दी से प्यार करो नही तो........

राहुल- नही तो .................क्या....... बोलो ना राधिका क्या हो जाएगा.

राधिका- मुझे शरम आती हैं. मैं तुमसे नही कह सकती.

राहुल- बताओ ना इस वक़्त यहाँ पर सिर्फ़ हम दोनो के सिवा कोई नही हैं. अब मुझसे कैसी शर्म.?????

राधिका- मेरे अंदर आग लगी हैं राहुल. प्लीज़ ..........................

राहुल- जान ज़रा खुल कर बताओ ना कैसे होता हैं प्यार. कैसे किया जाता हैं प्यार.

राधिका- तुम तो सच में बेशरम हो. और मुझे भी बेशरम बनाने पर तुले हुए हो.

राहुल- इसमें बेशरमि की क्या बात हैं प्लीज़ जान हर बात को खुलकर कहो ना. जितना तुम मुझसे खुलकर कहोगी उतना ही इस खेल में मज़ा आएगा.

राधिका भी जान गयी थी कि राहुल ऐसे नही मानने वाला इस लिए उसने भी सोच लिया कि अब वो उसके लिए पूरी बेशरम बनेगी.

राधिका- ठीक हैं राहुल अगर तुम्हारी ख्वाहिश यही हैं तो यही सही. मैं तुम्हारे लिए ये भी करूँगी.

राहुल- तो खुलकर बोलना, जहाँ जहाँ मैं हाथ रखूँगा तुम्हारे बदन पर तुम्हें उसका नाम बताना हैं.

राधिका भी अच्छे से समझ रही थी कि राहुल उससे क्या कहलवाना और क्या सुनना चाहता हैं.

फिर राहुल अपनी उंगली उसके एक निपल्स पर रख देता हैं और राधिका की ओर इशारा करता हैं.

राहुल- बताओ ना मेरा उंगली इस वक़्त कहाँ पर हैं. राधिका के लिए ये इतना आसान नही था मगर फिर भी वो अपनी साँस थामते हुए कहती हैं.

राधिका- राहुल मेरे निपल्स को कस कर मसलो ना. मुझे आज पूरा बेशरम बना दो.

फिर धीरे धीरे वो अपना हाथ उसकी चूत पर रख देता हैं.

राधिका- प्लीज़ राहुल मैं ये शब्द नही बोल सकती , मुझे बहुत शर्म आ रही हैं.

राहुल- बोलो ना जान क्यों इतना शरमाती हो, भला अपनों से कोई ऐसे शरमाता हैं क्या.

राधिका- राहुल उसे वेजाइना कहते हैं.

राहुल- अरे मेरी जान अपनी भाषा में बोलो ना, हिन्दी में.

राधिका-च............चूत. ?? इतना बोलकर राधिका एक दम से शरमा जाती हैं.

राहुल- अरे वाह तुम्हें तो सब पता हैं. थोड़ी देर में वो अपना हाथ अपने लंड पर रख देता हैं और राधिका की तरफ़ इशारा करता हैं.

राधिका- प्लीज़ राहुल अब मुझसे नही होगा. मैं शरम से मर जाउन्गि. रहने दो ना.

राहुल- नही जब तक हम आपस में पूरा खुल ना जाए सेक्स का मज़ा नही आएगा.

राधिका को अब बोलना ही पड़ता हैं- इसे लंड कहते हैं.

राहुल- बताओ ना राधिका इसका क्या काम हैं.??

राधिका- इसे तुम मेरी चूत में डालकर मुझे प्यार करोगे.

राहुल- प्यार नही चुदाई बोलो.

राधिका- हां चुदाई..............
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04-05-2019, 12:24 PM,
#35
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
राधिका का चेहरा एक दम शरम से लाल हो गया था. आज उसने अपनी जिंदगी में पहली बार किसी मर्द के सामने ये सब शब्द कहे थे. वो तो निशा से अक्सर बातों बातों में कहती थी मगर आज हालत दूसरे थे.

फिर राहुल अपना मूह उसके निपल्स में लेकर चूसना शुरू कर देता हैं और राधिका फिर से मचल उठती हैं.

राधिका- प्लीज़ राहुल बस भी करो क्या आज मेरी जान लेकर रहोगे क्या. क्यों तुम मेरे सब्र का इम्तहान ले रहे हो. कहीं ऐसा ना हो कि मेरा सब्र टूट जाए और मैं पूरा बेशरम बन जाउ.

राहुल-यही तो मैं चाहता हूँ कि तुम मेरे लिए पूरी बेशरम बन जाओ.

फिर वो नीचे झुक कर उसके पेट पर जीभ फिराते हुए उसकी चूत पर होंठ रख देता हैं औ राधिका के मूह से एक तेज़्ज़ सिसकारी निकल पड़ती हैं.

राधिका- बस राहुल................अब नही बर्दास्त होता...........

राहुल धीरे धीरे उसकी चूत के होल पर अपनी ज़ुबान फिराने लगता हैं और राधिका एक दम बेचैन हो जाती है.

राधिका- हां राहुल मेरी चूत को पूरा चाटो, उसे पूरा अपने मूह में ले लो राहुल.

राहुल भी करीब 10 मिनिट धीरे धीरे उसकी चूत को पूरा चाट ता हैं और फिर उसके क्लीस्टोरील्स को अपने दाँत में पकड़कर धीरे धीरे उसपर जीभ फिराता हैं. थोड़ी देर में राधिका कंट्रोल के बाहर हो जाती हैं और आपनी जिंदगी में उसका पहला ऑर्गॅनिसम हो जाता हैं.

राधिका- आह...........................हा राहुल........................अब............बस...........

राधिका इतना बोलकर एक दम से बिस्तर पर पसर जाती हैं और अपनी आँखे बंद करके राहुल को अपने सीने से लगा लेती हैं.

थोड़ी देर के बाद ...........

राधिका- आइ लव यू राहुल. आओ अब मुझे पूर औरत बना दो. मैं तैयार हूँ.

राहुल भी अपना बनियान और अंडरवेर पूरा निकाल देता हैं और राधिका उसके लंड को देखकर एक कुटिल मुस्कान उसके चेहरे पर आ जाती हैं. राहुल का लंड करीब 7 इंच और 2.5 इंच मोटा था.

फिर वो राधिका को अपना लंड छूने को बोलता हैं. और राधिका भी धीरे से उसके लंड के करीब आती हैं और हल्का सा जीभ उसके लंड पर फिराती हैं. राहुल को एक झटका लगता हैं.

राहुल- मेरा लंड को पूरा अपने मूह में लेकर चूसो ना राधिका. इसे प्यार करो ना.

राधिका भी धीरे धीरे उसके लंड के टोपा पर अपनी ज़ुबान रख देती हैं और एक दम धीरे धीरे उसको चाटना शुरू करती हैं. पहले वो कुछ देर तक उसका टोपा चुस्ती हैं फिर वो नीचे झुक कर उसके दोनो बॉल्स पर अपना जीभ फिराती हैं और राहुल मस्ती में खो जाता हैं. उसके मूह से भी तेज़्ज़ सिसकारी निकल पड़ती हैं.

थोड़े देर में राहुल का लंड पूरा गीला हो जाता हैं अब राधिका भी धीरे धीरे उसको अपने मूह में लेती हैं. और तेज़ी से आगे पीछे चूसना शुरू आर देती हैं. करीब 15 मिनिट की चुसाइ के बाद राहुल का शरीर अकड़ने लगता हैं और और वो अपना हाथ राधिका के सर पर रखकर अपने लंड पर प्रेशर बनाता हैं.

थोड़ी देर में उसके लंड से वीर्य निकल जाता हैं और राधिका को इससे पहले कुछ समझ में आता, उसका मूह वीर्य से पूरा भर जाता हैं.

राधिका बुरा सा मूह बनाकर कुछ वीर्य अपने अंदर ले लेती हैं और कुछ नीचे गिरा देती हैं. उसे बड़ा अजीब सा स्वाद मिला था. कुछ नमकीन सा खट्टा सा. राहुल का वीर्य उसके होंठ से टपकता हुआ उसके गले से होता हुए उसके सीने तक आ जाता हैं. फिर वो एक कपड़े से सॉफ करती हैं.
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04-05-2019, 12:24 PM,
#36
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
थोड़ी देर में फिर राधिका राहुल के लंड को अपने मूह में लेकर चुस्ती हैं. कुछ देर में उसका लंड अकड़ जाता हैं और उसका हथ्यार तैयार हो जाता हैं.

राहुल- नीचे सो जाओ जान , अब वक़्त आ गया हैं तुम्हें लड़की से औरत बनाने का. लेकिन इसके लिए तुम्हें कुछ दर्द होगा. सह लोगि ना दर्द मेरी खातिर.

राधिका- हां राहुल मैं तैयार हूँ तुम मेरी चिंता मत करना. बस डाल दो.

राहुल भी धीरे से अपना लंड का निशाना राधिका की चूत पर फिक्स करता हैं और धीरे धीरे उसपर प्रेसर डालने लगता हैं. मगर उसका लंड नही जाता हैं.

राहुल वही तेल की शीशी को लेकर अपने लंड पर लगाता हैं और कुछ राधिका की चूत के होल पर भी लगा देता हैं.

थोड़ी देर में फिर वो कोशिश करता हैं इस बार राधिका की चूत में राहुल का लंड करीब 2 इंच चला जाता हैं और राधिका की तेज़्ज़ सिसकरी निकल जाती हैं. आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उसका दिल ज़ोरों से धड़क रहा था.

फिर राहुल अपना लंड बाहर खींच लेता हैं और फिर एक दम तेज़ी से एक झटके में पूरा लंड राधिका की चूत में डाल देता हैं. राधिका के मूह से एक ज़ोरदार चीख निकल जाती हैं और उसकी आँखो से आँसू बहने लगते हैं. राहुल का लंड करीब 4 इंच तक राधिका की चूत में समा चुका था. उसका कुँवारापन भी अब टूट गया था. उसकी चूत से खून की धारा बाहर निकलना शुरू हो गयी थी.

राधिका दर्द से बहुत बेचैन थी. उसे ऐसा लग रहा था कि किसी ने उसकी चूत में कोई चाकू डाल दिया हो. राहुल कुछ देर तक अपना लंड को वही रहने देता हैं और फिर अपना लंड बाहर निकाल लेता हैं और फिर तेज़ी से अंदर डाल देता हैं. इस बार फिर राधिका के मूह से ज़ोरदार चीख निकल पड़ती हैं. उसके आँसू थमने का नाम नही ले रहे थे.

राहुल करीब 5 इंच तक राधिका की चूत में अपना लंड पेल चुका था. फिर से वो एक बार निकालता हैं और इस बार पूरे प्रेशर से तुरंत अंदर डालता हैं. इस बार राधिका की चूत राहुल का लंड को पूरा निगल लेती हैं.

राधिका फिर से चीखती हैं . अब राहुल का पूरा लंड राधिका की चूत में था. करीब 5 मिनिट तक वो ऐसे ही रहने देता हैं और फिर धीरे धीरे वो आगे पीछे करने लगता हैं. अब राधिका को दर्द की जगह कुछ मज़ा आना शुरू हो जाता हैं. उसके मूह से भी सिसकारी निकलनी शुरू हो जाती हैं. कुछ देर में राधिका खुद अपनी चूत आगे पीछे करने लगती हैं और राहुल भी उसे थाम लेता हैं और वो उसके निपल्स को लगातार अपने हाथो में लेकर मसलता हैं.

लगभग 15 मिनिट की चुदाई के बाद राहुल के लंड पर प्रेसर बढ़ जाता हैं और राधिका भी ऑर्गॅनिसम के करीब पहुच जाती हैं. और वो उसकी चूत में ही अपना पूरा वीर्य छोड़ देता हैं और तुरंत राधिका के उपर पसर जाता हैं. राधिका का भी ऑर्गॅनिसम हो जाता हैं. दोनो की साँसें बहुत तेज़ चल रही थी. और दोनो आपस में एक दूसरे से लिपटकर एक दूसरे के उपर लेट जाते हैं.

कुछ देर तक वो दोनो अपने साँसों को कंट्रोल करते हैं फिर राधिका बाथरूम चली जाती हैं. थोड़ी देर में फिर उनकी चुदाई शुरू हो जाती हैं और करीब 3 बजे तक राहुल 3 बार राधिका की चूत मारता हैं. राधिका भी करीब 5 बार झाड़ चुकी थी. वो आज बहुत खुस थी.

राहुल और राधिका कुछ देर में अपने कपड़े पहनते हैं और कुछ देर इधेर उधेर की बातें करते हैं.

राहुल उठकर वही ड्रॉयर में से एक सिंदूर का पॅकेट राधिका के पास ले कर आता हैं और संजोग या उसकी बदक़िस्मती कि वो सिंदूर उसके हाथ से छूट कर नीचे फर्श पर बिखर जाता हैं.

राधिका का दिल ज़ोर से धड़कने लगता हैं. वो ये बात अच्छी से जानती थी कि सिंदूर का ऐसा गिरना कोई अप्शगुन का संकेत हैं. हो ना हो हमारा मिलन शायद भगवान को भी मंज़ूर नही हैं.

राहुल- पता नही ये कैसे नीचे गिर गया.

राधिका- ये अप्शगुन हैं राहुल. ये अच्छा नही होता ,ऐसे सिंदूर नीचे फर्श पर बिखर जाना.

राहुल- तुम भी ना राधिका ये क्या पुराने ख़यालों में विश्वास रखती हो. भला ऐसा भी कहीं होता हैं क्या.

राधिका- हां राहुल तुम मानो या ना मानो पर ये संकेत हमारे लिए अच्छा नहीं हैं.

राहुल- जब तुम मुझे चाहती हो और मैं तुम्हें तो फिर हमारे बीच अब कोई तीसरा नही आ सकता. और इतना कहकर राहुल राधिका को अपने गले लगा लेता हैं.

लेकिन राधिका के दिल में एक अजीब सा डर जनम ले चुका था.वो जान चुकी थी कि ज़रूर कुछ ना कुछ ऐसा हमारे साथ होने वाला हैं जो हमारी ज़िंदगी में बहुत बड़ा तूफान ला सकता हैं.

राधिका का अंदाज़ा करीब सही ही होने वाला था क्यों कि वाकई उसकी ज़िंदगी में एक आने वाला तूफान था जो उसकी ज़िंदगी पर भारी पड़ने वाला था.

राधिका भी करीब 5 बजे अपने घर आ जाती हैं. उसकी चाल में भी आज बदलाव आ गया था. तीन बार की चुदाई से उसकी चूत में दर्द हो रहा था. लेकिन उसे सबसे ज़्यादा चिंता थी तो इस बात की , कैसे वो सिंदूर नीचे फर्श पर गिर गया था. क्या हमारे भगवान भी हमे मिलाना नही चाहते. ये सब सोचकर उसका दिल बैठा जा रहा था.
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04-05-2019, 12:24 PM,
#37
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
जैसे ही वो घर पर आती हैं उसके भैया अभी भी घर पर नही आए थे. वो झट से नहा धोकर कृष्णा की लाई हुई साड़ी पहन लेती हैं. वो वाकई में किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह प्यारी सी लग रही थी.

थोड़ी देर में कृष्णा भी आ जाता हैं.

कृष्णा आज नशे में फुल था. वो लड़खड़ाते हुए घर के अंदर आता हैं और सीधा सोफा पर आकर बैठ जाता हैं.

राधिका- ये क्या भैया आज आपने फिर से शराब पी रखी हैं.

कृष्णा- क्या करू राधिका ये शराब मुझे जीने नही देती, बहुत कोशिश करता हूँ मगर ये साली छूटती नहीं. अब तो लगता हैं कि मेरे मरने के बाद ही छूटेगी.

राधिका- प्लीज़ भैया, ये सब मत बोलिए, मैं आपकी शराब छुडवाउन्गि.

कृष्णा- नही राधिका ये शराब इतना आसानी से पीछा नही छोड़ती. तुम्हारे बस में नही हैं ये सब.

राधिका- पर भैया कोशिश तो आप कर ही सकते हो ना.

कृष्णा एक टक राधिका को सर से पाँव तक घूर कर देखता हैं और फिर मुस्कुरा कर कहता हैं.

कृष्णा- अरे मेरी बेहन, सच में तू तो किसी परी जैसी लग रही हैं.इन सारी में तो तू बहुत सुन्दर लग रही हैं.

राधिका- इसलिए भैया आज मेरे जनम पर शराब पी कर आए हो, अपनी बेहन के लिए शराब तक आप नही छोड़ सकते. है ना..

कृष्णा- मुझे माफ़ कर दे राधिका, मुझे तेरा दिल तोड़ने का इरादा बिल्कुल भी नही था. चल कोई बात नही मैं अभी तेरा बर्तडे विश करूँगा.

राधिका- भैया आप प्लीज़ पहले नहा लीजिए, नहाने के बाद आपका नशा कुछ कम हो जाएगा.

कृष्णा- तू सच कह रही हैं. मैं अभी नहा कर आता हूँ. फिर हम दोनो मिलकर बर्तडे विश करेंगे.

कृष्णा झट से अपना शर्ट और पेंट वही राधिका के सामने उतार देता हैं. और फिर उसके तुरंत बाद वो अपनी बनियान और अंडरवेर भी निकाल कर वही फेंक देता हैं. राधिका जब उसको ऐसी अवस्था में देखती हैं तो उसके होश उड़ जाते हैं.

राधिका- भैया.........ये... आप.....क्या कर .............रहे हैं.......आपके कपड़े.

कृष्णा- तेरे से क्या शरमाना तू तो मेरी अपनी हैं. चल ना बाथरूम में ज़रा नल खोल दे.

राधिका का दिमाग़ कुछ काम नही करता हैं. वो एक टक अपने भैया को बिल्कुल नंगा अपने सामने देखकर उसकी हालत खराब हो जाती हैं. आज पहली बार उसने अपने भैया को ऐसी अवस्था में देखा था. उसके भैया का लंड करीब 10 इंच का था और करीब 3 इंच मोटा. इस वक़्त कृष्णा का लंड सोई हुई अवस्था में भी करीब 4 इंच का लग रहा था.

राधिका का गला सूखने लगता हैं और वो थूक को निगलते हुए कहती हैं.

राधिका- भैया प्लीज़ कम से कम अंडरवेर तो पहन लीजिए. आप को तो सच में शरम नही आती.

कृष्णा राधिका का हाथ को पकड़ता हुआ उसे बाथरूम में ले जाता हैं और शवर ऑन कर देता हैं . जैसे ही शवर का पानी नीचे गिरने लगता हैं राधिका का भी बदन भीगना शुरू हो जाता हैं .

राधिका- मैं भीग जाउन्गि भैया, आप नहा लीजिए मैं बाहर ही हूँ. और राधिका जैसे ही बाहर जाने के लिए मुड़ती हैं कृष्णा उसका हाथ पकड़ लेता हैं.

कृष्णा- मेरी बेहन, आज मैं तेरे साथ नहाना चाहता हूँ, क्या तू अपने भैया की ये इच्छा पूरा नही करेगी.

राधिका- भैया,प्लीज़ आप इस वक़्त नशे में हैं इस लिए आप को नही मालूम कि आप क्या बोल रहे हैं.

कृष्णा भी आप पूरा भीग चुका था और राधिका की साड़ी भी उसके जिस्म से एक दम चिपक गयी थी. और वो और भी खूबसूरत लग रही थी.और उसका जिस्म इस वक्त कयामत का रूप ले चुका था. जिसकी वजह से कृष्णा के लंड में धीरे धीरे हलचल होने लगी थी.
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04-05-2019, 12:25 PM,
#38
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
राधिका- प्लीज़ भैया, ये सब ठीक नही हो रहा हैं. प्लीज़ आप मुझे जाने दीजिए नही तो ...........

कृष्णा- तू चिंता मत कर राधिका मैं तेरा रेप नही करूँगा. बस तू मेरा लंड को ठंडा कर दे बस. मुझे और कुछ नही चाहिए.

राधिका- भैया ये आप क्या बोल रहे हैं. भला मैं कैसे ये सब कर सकती हूँ.

कृष्णा- तू बस इसे अपने मूँह में लेकर चूस कर मेरा माल निकाल दे बस. विश्वास कर राधिका मैं इससे आगे तेरे साथ कुछ नही करूँगा. और वैसे भी तू तो मुझे पूरी छूट दे ही चुकी हैं तो तू क्यों बेकार में बहस कर रही हैं.

राधिका भी एक नज़र कृष्णा की आँखों में देखती हैं और कृष्णा को बोलती हैं.

राधिका- सोच लो भैया एक बार फिर से, बाद में कहीं ऐसा ना हो कि पछताना पड़े.

कृष्णा- राधिका विश्वास कर मेरा मैं तेरे बदन को हाथ भी नही लगाउन्गा, बस तो एक बार मेरा लंड पूरा चूस कर मेरा माल निकाल दे.

राधिका- वैसे भैया एक बेहन को इससे बढ़िया बर्तडे गिफ्ट और क्या मिल सकता है, चूसने को अपने ही भाई का लंड................

राधिका- ठीक हैं भैया अगर आपकी यही इच्छा हैं तो मैं आपको रोकूंगी नहीं .

राधिका कुछ देर इसी उधेरबुन में फँसी रहती हैं कि क्या ये सब सही हैं. क्या मुझे ये सब करना चाहिए. दुनिया वाले क्या कहेंगे, अगर मैने दुनिया की परवाह की तो मेरे भैया का क्या होगा. जो अब मेरे लिए इंसान बनना चाहते हैं ,क्या वो मेरे लिए आपने आप को बदल देंगे. जो भी हो मेरे परिवार की लगाम अब मेरे हाथों में हैं. और मैं किसी भी सूरत में अपने भैया को फिर नरक में नही धकेल सकती. मैं इनकी शराब छुडवाउन्गि, अगर नही छोड़ सके तो मैं शराब को आपना लूँगी. चाहे जैसे भी हो मुझे हर हाल में अपने भैया का ख्याल रखना हैं.

लेकिन एक तरफ़ तो राहुल हैं. अगर वो मेरे और भैया के नाजायज़ संबंध को अगर जान गया तो क्या होगा. क्या वो मुझे अपना लेगा.या मुझे वो अपनी जिंदगी से निकाल देगा, मैं आज ऐसे मज़धार में फँसी हुई हूँ कि एक तरफ़ तो पहाड़ तो दूसरी तरफ खाई.

एक तरफ़ राहुल हैं तो दूसरी तरफ कृष्णा. अगर मैं कृष्णा को अपना बदन सौपुंगी तो राहुल की नजरो में बेवफा कहलाउन्गा. अगर मैं अपने भैया की इच्छा नही पूरी करती तो वो फिर से उस हरामी बिहारी की गुलामी करेगा, और दिन ब दिन शराब सिगरेट, सब नशा फिर से शुरू कर देगा. आज मुझे फ़ैसला लेना ही होगा कि एक तरफ कृष्णा और दूसरी तरफ राहुल.

नही नही मैं दोनो को नही छोड़ सकती.दोनो मेरी ज़िंदगी हैं. मुझे किसी भी हाल में अपना परिवार और अपना प्यार दोनो बचाना हैं इसके लिए अगर मुझे ही अपनी कुर्बानी देनी पड़े तो मैं आपने आप को भी कुर्बान कर दूँगी. मगर दोनो पर आँच तक नही आने दूँगी.

राधिका बहुत देर तक इसी उधेरबुन में फँसी रहती हैं उसे लाख सोचने पर भी कुछ समझ नही आता कि वो क्या करे. अब तो वो सब अपने नसीब पर छोड़ने का फ़ैसला कर लेती है चाहे जो भी हो, जैसे भी हो मेरी किस्मत उपर वाले के हाथ में हैं.
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04-05-2019, 12:25 PM,
#39
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
वक़्त के हाथों मजबूर--15

राधिका को ऐसे सोच में डूबा देखकर कृष्णा एक टक उसको बड़े प्यार से देखता रहता हैं. राधिका इस समय पूरा भीग चुकी थी. उसकी साड़ी पूरे उसके जिस्म से चिपक गयी थी. उसे गान्ड और दूध पूरी तरह से गोल गोल शेप में दिख रहे थे जो किसी का खून गरम करने के लिए काफ़ी थे. और कुछ देर में कृष्णा का लंड भी अपना आकार ले चुका था.

कृष्णा- किस सोच में डूब गयी हो राधिका?? कोई बात हैं क्या??

राधिका को कृष्णा की आवाज़ सुन कर जैसे वो किसी नींद से जागती हैं और एक दम से हड़बड़ा जाती हैं.

राधिका- वो.........नही भैया क.....कोई बात नहीं.

कृष्णा- देख राधिका अगर तेरा मन ये सब करने का नहीं हैं तो मैं तुझे कभी मज़बूर नही करूँगा. मैं तो बस यही चाहता हूँ कि तू खुद अपनी मर्ज़ी से ये सब करे. मैं तुझे सिड्यूस करके पाना चाहता हूँ.

राधिका- ऐसी कोई बात नहीं हैं भैया . पर क्या ये सब ठीक रहेगा आपको क्या लगता हैं. क्या दुनिया इसे सही मानेगी. क्या कोई बेहन अपने ही भाई का बिस्तेर गरम कर सकती हैं.कभी नही भैया दुनिया कभी हमारे रिश्ते को नही मानेगी. आप पर तो कोई भी उंगली नही उठाएगा मगर मैं किस किस का मूह बूँद करूँगी. ये दुनिया ये समाज मुझे जीने नहीं देगा. बोलो हैं आपके पास इसका कोई जवाब.???

कृष्णा- क्या राधिका तुम भी ना फिर से वही बात लेकर बैठ गयी. ये दुनिया और ये समाज़ का काम ही हैं बस बोलना. बोलने दो. मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता.

राधिका- लेकिन मुझे फ़र्क पड़ता हैं भैया. आपको क्या मालूम कि, औरत की ज़िंदगी इतनी आसान नही होती. अगर कल को कोई लड़की शादी होकर अपने ससुराल जाती हैं और उसके पति की किसी आक्सिडेंट में मौत हो जाती हैं तो दुनिया लड़के को नही दोष देती. उल्टे लड़की पर हज़ारों उंगली उठाती हैं. कि लड़की अप्शगुनि हैं तो डायन , आते ही अपने पति को खा गयी, और पता नहीं क्या क्या...............

कृष्णा- लेकिन तुझपर जो उंगली उठाएगा उसका मैं हाथ तोड़ दूँगा. जिसने भी तेरे बारे में कुछ बोला साले की ज़ुबान काट दूँगा.

राधिका- भैया ये सब इतना आसान नही हैं. मैं इस वक़्त ये सब नही कर सकती भैया मुझे अभी और वक़्त चाहिए. प्लीज़ मेरी बात का बुरा मत मानना. मैं अभी इसके लिए तैयार नहीं हूँ.

कृष्णा भी राधिका के करीब जाता हैं वो उसे अपने सीने से लगा लेता हैं. उपर से शवर का पानी में वो दोनो पूरी तरह से भीग जाते हैं . कृष्णा उसके माथे को चूम लेता हैं .

कृष्णा- ठीक हैं राधिका, मैं तुम्हें पाने के लिए कुछ पल तो क्या ज़िंदगी भर इंतेज़ार करने को भी तैयार हूँ. मुझे उस पल का बहुत बेसब्री से इंतेज़ार रहेगा.

राधिका की आँखो से आँसू छलक पड़ते हैं और वो कस कर कृष्णा को अपने सीने से लगा लेती हैं.

राधिका- अब ऐसे ही पूरा नंगे रहोगे क्या. आपको तो शरम हैं नही , ये भी नही मालूम कि घर पर एक जवान बेहन भी हैं.

कृष्णा- मुस्कुराते हुए , हां पता हैं अरे तू तो मेरी ही खून हैं ना. जब मैं तुझे अपना समझता हूँ तो तुझसे किस बात का शरमाना .

राधिका- बस बस बहुत हो गया आप इस वक़्त बाथरूम से बाहर चले जाइए और चुप चाप जाकर अपने कपड़े पहेन लीजिए.

कृष्णा झट से बाहर निकल जाता हैं और जाकर दूसरे कपड़े पेहेनने लगता हैं तभी उसके घर का बेल बजता हैं. बेल सुनकर राधिका और कृष्णा के होश उड़ जाते हैं. वो जल्दी से अपने कपड़े पहनता हैं और जाकर दरवाजा खोलता हैं. सामने निशा खड़ी थी.

निशा- भैया, राधिका घर पर हैं क्या???

कृष्णा-हां , आओ ना अंदर अभी वो नहा रही हैं.

निशा घर के अंदर आती हैं और वही सोफे पर बैठ जाती हैं.

थोड़ी देर के बाद राधिका भी अपने कपड़े बदल कर एक नया सूट पहनकर निशा के पास आती हैं.

निशा- कहाँ थी अब तक मेडम??? फोन भी लगाने पर तुम रिसीव नहीं करती और आज कॉलेज क्यों नही आई. मैं आज सुबह से ही तेरा वेट कर रही थी.

कृष्णा-क्या??? राधिका तुम आज कॉलेज नही गयी, पर क्यों???

राधिका- हां वो भैया मेरी तबीयत आज कुछ ठीक नही लग रही ही. तो दिन भर मैं आज घर पर सोई थी.

निशा उसको घूर कर देखती हैं वो अच्छे से जानती थी कि राधिका कभी कॉलेज गोल नहीं करती हैं. चाहे उसका तबीयात ही क्यों ना खराब हो??

कृष्णा भी थोड़े देर वहाँ रुक कर बाहर निकल जाता हैं.

राधिका- यार तू थोड़ी देर अपना मूह नही बूँद रख सकती थी क्या???

निशा- यार आज तेरा बर्तडे हैं. तुझे अच्छे से पता हैं कि मैं तेरा बर्तडे हमेशा से विश करती चली आ रही हूँ. फिर भी तू आज कॉलेज नहीं आई. बात कुछ और हैं राधिका तू मुझसे कुछ छुपा रही हैं.

राधिका- नही निशा सच में.............कोई बात नही हैं..

निशा- एक बात और बता तू आज कुछ परेशान लग रही हैं बात क्या हैं??? मैने तुझे इतने टेन्स में कभी नही देखा.

राधिका- नही निशा, बिलिव मी यार ऐसी कोई बात नहीं हैं..

निशा- एक बात कहूँ मैने अभी देखा हैं कि कृष्णा भैया भी अभी अभी नहा कर बाहर निकले हैं और तू भी इस वक़्त नहा कर आ रही हैं. और मैं जानती हूँ कि तेरे घर में सिर्फ़ एक ही बाथरूम हैं. क्या जो मैं समझ रही हूँ कहीं वो बात तो नहीं हैं ना.

इतना सुनते ही राधिका के चेहरे का रंग एक दम उड़ जाता हैं और वो झट से अपना सिर नीचे झुका लेती हैं. बस निशा को सब समझ में आ जाता हैं.

निशा- राधिका तेरा दिमाग़ तो नहीं खराब हो गया ना. क्यों तू अपने ही जिंदगी से खिलवाड़ कर रही हैं. पता भी हैं आगे जाकर इसका क्या अंजाम होगा.

राधिका-प्लीज़ निशा मुझे बस मेरे हाल पर छोड़ दे. मैं जैसे भी हूँ ठीक हूँ.

निशा- मेरी आँखों में देखकर बता राधिका कि जो तू ये सब कर रही हैं क्या ये सब तुझे ठीक लगता हैं. भला तू अपने ही भैया से वो सब कैसे कर सकती हैं. क्या तेरी आत्मा इस बात की गवाही नही देती कि.............
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04-05-2019, 12:25 PM,
#40
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
राधिका-बस कर निशा , मैं ये सब बिल्कुल सुनना नहीं चाहती, प्लीज़ चुप हो जा.

निशा- मुझे विश्वास नही होता कि तू वही राधिका हैं जो कल तक तुझे जो भी आँख उठा कर देख लेता था तू उसका बॅंड बजा देती थी तो आज क्या हो गया हैं तुझे. क्यों आज अपने ही बदन को अपने ही भाई के हवाले करना चाहती हैं. क्यों तू अपने आप को बर्बाद करना चाहती हैं.

राधिका- बोल ले निशा जितना जी में आए मुझे बोल ले, मैं तुझे आज एक शब्द भी नही बोलूँगी.

निशा- ठीक हैं राधिका ये ले मेरा गिफ्ट अब मैं चलती हूँ हो सके तो तू मुझे माफ़ कर देना. आज के बाद मैं तुझसे कभी नही मिलूंगी.

राधिका की आँखो से आँसू निकल पड़ते हैं और वो झट से निशा का हाथ पकड़ लेती हैं.

राधिका- मुझे माफ़ कर दे निशा मेरा ये इरादा नहीं था कि तुझे दुख पहुँचे. राधिका अपने आँखों से आँसू पोछते हुए बोली.

निशा- प्लीज़ राधिका मुझे जाने दे. मैं अब तेरे साथ कोई भी रिश्ता नही रखना चाहती प्लीज़ लीव मी..............

राधिका- अगर तू इस वक़्त यहाँ से चली गयी तो मेरा मरा हुआ मूह देखेगी. और तू जानती हैं कि मैं बोलती नही करती भी हूँ.

निशा के बढ़ते कदम इतना सुनकर रुक जाते हैं और फिर वो राधिका के करीब आती हैं.

निशा- तू क्यों ऐसा कर रहीं हैं. क्यों तू अपने ज़िंदगी बर्बाद करने पर तुली हुई हैं.आख़िर क्या जताना चाहती हैं तू.... ....मेरी बात मान राधिका अब भी कुछ नहीं बिगाड़ा हैं वक़्त रहते सम्भल जा. वरना कल को तेरी शादी हो गयी और तेरे ससुराल वालों को इस बात की भनक भी लग गयी तो तेरा ज़ीना मुश्किल हो जाएगा.

राधिका- जाने दे ना निशा मैं सब कुछ अपने नसीब पर छोड़ चुकी हूँ. अगर मेरे नसीब में गिरना ही लिखा हैं तो मुझे गिरने से कोई नहीं बचा सकता.

निशा- नसीब वासीब कुछ नही होता राधिका. यहाँ पर इंसान खुद अपनी तकदीर बनाता हैं और बिगाड़ता हैं. आज भी सब कुछ तेरे हाथों में हैं. आगे तेरी मर्ज़ी ....................

फिर कुछ देर के बाद दोनो नॉर्मल होते हैं और कृष्णा भी घर पर आ जाता हैं और फिर दोनो मिलकर राधिका का बर्तडे सेलेब्रेट करते हैं. राधिका भी उसे अपने घर पर खाना खिलाती हैं और फिर निशा करीब 7 बजे अपने घर चली जाती हैं.

निशा के जाने के बाद वो उसका गिफ्ट पॅक खोलती हैं उसमें एक लाल डायरी था.जिसे देखकर राधिका का चेहरा ख़ुसी से खिल उठता हैं. .....

राधिका कुछ देर में घर का सारा काम ख़तम करके, बिस्तर पर लेट जाती हैं. उसकी आँखों में नींद कोसो दूर थी. जैसे ही वो बिस्तेर पर लेट ती हैं उसके आँखों के सामने सुबह से अब तक की पूरी घटनायें याद आने लगती हैं. जो भी हो आज उसका दिन वाकई में यादगार बन गया था. सुबह उठाते ही भैया का सर्प्राइज़ प्रेज़ेंट, फिर दिन भर राहुल के साथ वो हसीन पल और शाम को भैया के साथ वो घटनायें सब कुछ उसकी नज़र के सामने घूमने लगता हैं.काफ़ी देर तक ये सब सोचते सोचते उसको नीद आ जाती हैं.

सुबह जब उसकी आँख खुलती हैं तो वो झट से फ्रेश होती हैं और नाश्ता बनाकर अपने कॉलेज के लिए निकल पड़ती हैं. थोड़ी देर में उसके बाप और भैया दोनो बाहर निकल जाते हैं.

पोलीस स्टेशन में.................

इधेर राहुल भी सुबह 9 बजे अपने पोलीस हेडकार्टर पहुँच जाता हैं. उसके थोड़ी देर के बाद ही ख़ान भी जीप से उतरकर उसके सामने आता हैं.

ख़ान- गुड मॉर्निंग सर!!!!

राहुल- वेरी गुड मॉर्निंग ख़ान भाई , कहिए क्या हाल समाचार हैं.

ख़ान- सर एक बहुत ज़रूरी बात करनी थी आपसे. मामला बहुत गंभीर हैं.

राहुल- बोलो ख़ान क्या बात हैं??

ख़ान- सर कल रात में करीब 10 बजे एम.जी चौक पर पोलीस मुठभेड़ में दो बदमाश मारे गये हैं . और सर हमारे कॉन्स्टेबल रघु के हाथ में भी गोली लगी हैं. अभी वो हॉस्पिटल में अड्मिट हैं. और ख़तरे से बाहर हैं.

राहुल- क्या???? इतना सब कुछ हो जाने पर तुम अभी मुझे ये रिपोर्ट दे रहे हो. कल नही बता सकते थे क्या???

ख़ान- सॉरी सर आपने कल छुट्टी ली थी तो मैने आपको डिस्टर्ब करना सही नही समझा.

राहुल- चलो कोई बात नही लेकिन आगे से मुझे तुरंत रिपोर्ट मिलनी चाहिए. और हां उन बदमाशों का कुछ पता चला क्या,, कौन थे वो?? और उनका मकसद क्या था.

ख़ान- सर कल रात मे हमने एम.जी रोड पर नाकाबंदी कर रखी थी. इतने में ये दोनो बदमाश अपनी मोटरसाइकल से आए और आते ही हम पर फाइरिंग कर दी. जवाब में हमे भी गोली चलानी पड़ी. और ये दोनो मारे गये.
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