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RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
सारा जब अपने पति के साथ हनिमून से वापस आई तो वो अभी तक कुँवारी,
अनचुड़ी थी क्यों की उसका पति अभी तक उसको चोद नही पाया था. उस के पति का
लंबा और मोटा लंड किसी काम का नही था जो की अभी तक अपनी पत्नी को चोद नही
सका था. सारा ने अपने पति को किसी डॉक्टर की सलाह लेने को कहा क्यों कि
वो समझती थी कि सब ठीक हो सकता है. लेकिन उसके पति ने उसकी ये बात नही
मानी और कहा कि उसकी और उसके पिता की समाज मे बहुत इज़्ज़त है और उसके
पिता बहुत बड़े बिज़्नेसमॅन है, इसलिए वो अपनी नमार्दी की बात किसी भी
डॉक्टर को नही बता सकता. लोगों को पता चलने पर उनलोगों की इज़्ज़त मिट्टी
मे मिल जाएगी.
इसी तरह दिन बीत ते रहे. हर रात वो सारा को चोदने की कोशिश करता पर चोद
नही पाता. हमेश ही उसके लंड से पानी निकल जाता था जब वो अपना लंड थोडा सा
ही सारा की चूत मे घुसता था. सारा हर रात असंतुष्ट रह जाती. वो कर भी
क्या सकती थी. वो ये बात किसी को बता भी नही सकती थी.
एक दिन उनकी नौकरानी जमुना ने सारा को उसकी चुदाई के बारे मे पूछा. अपनी
नौकरानी के मूह से ये बात सुनकर सारा को बहुत आस्चर्य हुआ. जमुना ने तब
सारा को बताया कि वो उसके ससुराल मे तीन साल से काम कर रही है और ये
जानती है कि उसका पति चुदाई करने के काबिल नही है, क्यों कि उनकी शादी के
पहले वो उसको पैसे का लालच दे कर चोदने की कई बार कोशिश कर चुका है पर
कभी भी चोद नही पाया. सारा को ये सुनकर बहुत गुस्सा आया. वो एक ऐसी
असंतुष्ट शादीशुदा औरत थी जिसकी प्यास उसका पति बुझाने के बदले रोज़ उसकी
चूत पर अपने लंड का पानी निकाल कर भड़का रहा था.
समय बीत ता गया और अपनी शादी के तीन महीने बाद सारा ने अपनी नौकरानी
जमुना के साथ लेज़्बीयन चुदाई का संभंध बनाया ताकि वो अपनी चूत की आग को
शांत करसाके. जमुना एक सुंदर दिखने वाली, दो साल की शादी के बाद विधवा हो
गई औरत, चुदाई की कला जानने वाली औरत थी जबकि सारा तो चुदाई के बारे मे
बहुत कम जानती थी. जमुना बे- औलाद विधवा थी. सारा उसके साथ खुश रहने लगी
थी. वो दोनो आपस मे रोज़ दोपहर को लेज़्बीयन चुदाई करती थी जब घर मे कोई
नही होता था. वो दोनो एक दूसरी को चुदाई मे संतुष्ट करती और सारा उसको,
उसकी चुदाई के काम के लिए अलग से तोहफे और पैसे भी देती थी.
एक दिन जमुना ने बताया कि उनका ड्राइवर बसंत, सारा को अलग ही नज़रों से
देखा करता है. अगर वो बसंत से चुदवाना चाहती है तो वो बसंत से सारा की
चुदाई के लिए बात कर सकती है. बसंत एक पढ़ा लिका, अच्छे स्वाभव का
ड्राइवर था जो दिन भर पार्किंग मे बैठा रहता था. वो सारा की कार चलाने के
लिए रखा गया था. सारा जब भी बाहर जाती, बसंत गाड़ी चलाता था. हालनी सारा
जमुना के साथ लेज़्बीयन चुदाई से अंतुष्ट थी लेकिन वो लेज़्बीयन नही थी.
हर औरत की तरह वो भी चाहती की कोई मर्द उसको चोद कर संतुष्ट करे. लेकिन
सारा को डर लगता था की अगर उसके पति को पता चल गया की वो ड्राइवर से
चुदवाती है तो क्या होगा. पर जैसे जैसे समय बीत ता गया , सारा की चुदवाने
की चाहत भी बढ़ती गई, और आख़िर एक दिन जमुना ने दोनो की चुदाई का
बंदोबस्त उनके बेडरूम मे कर्दिया. जमुना और बसंत, दोनो ने ही ये बात किसी
को भी ना बताने की कसम खाई थी और सब कुछ ठीक चलने लगा. हालाँकि बसंत का
लॉडा उसके पति के लॉड जैसा लंबा और मोटा नही था, पर वो एक लंड जैसा लंड
था जो किसी औरत की प्यास बुझाने के काबिल था. आख़िर, सारा की चूत का
कुँवारापन बसंत के लंड के हिस्से मे आया. बसंत काफ़ी ग़रीब था और सारा
रुपये पैसे से उसकी सहायता करने लगी. बीच बीच मे वो जमुना के साथ भी
लेज़्बीयन चुदाई कर लेती थी. दो साल तक चुदाई का ये सिलसिला बिना किसी को
पता चले चलता रहा.
एक दिन, जब सारा अपने ड्राइवर बसंत से दोपहर मे अपने बेडरूम मे चुदवा रही
थी तो उसको उसके पति ने रंगे हाथ पकड़ लिया. उस वक़्त उसका पति कुछ
ज़रूरी कागजात लेने के लिए आया था. जमुना भी घर मे नही थी और उसके पति ने
अपने पास की चाबी से घर का दरवाजा खोला था.
उसने सारा को बहुत बुरी तरह मारा था और बसंत को भी मार कर नौकरी से निकाल
दिया. अब सारा के बुरे दिन शुरू हो चुके थे. वो अपने ही घर मे एक कैदी की
तरह रहने लगी. वो किसी से बात नही कर सकती थी और कहीं भी अकेली नही जा
सकती थी. उसका मोबाइल फोन उसके पति ने ले लिया था और घर की सभी टेलिफोन
लाइन कटवा दी गई. घर पर सारा पर नज़र रखने के लिए 24 घंटे गार्ड तैनात
कर्दिये गये थे. वो बाहर जा सकती थी पर अकेली नही. हमेशा एक या दो गार्ड
उसके साथ जाते थे और उसे किसी के भी घर मे जाना मना था. उसका पति अब उस
से कोई बात नही करता था. अब तो उसे जमुना से भी बात करने मे डर लगता था.
करीब 6 महीने बाद, एक शाम को उसका पति उसके बेडरूम मे आया और उस से माफी
माँगी. सारा को अपने कानों पर विस्वास नही हुआ. उसके पति ने कहा की जो भी
पिछले 6 महीने मे हुआ है, वो उस से खुश नही है पर वो इसकी भरपाई करने की
कोशिश करेगा. उसके पति ने उसको ब्लॅक लेबल का एक पेग दिया पर सारा ने
पीने से मना कर्दिया क्यों की वो शराब नही पीती थी. उसके पति ने कहा कि
अब वो अपने काम की कुछ ज़िम्मेदारी सारा को भी देना चाहता है और पीने मे
कुछ ग़लत नही है. उल्टा, पीने पीलाने से सारा को काम के सिलसिले मे बड़े
बड़े लोगों से संभंध बनाने मे और काम निकालने मे आसानी होगी. उसके पति ने
उसको धूम्रपान करने को भी कहा.
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RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
चुदाई का दूसरा रूप--4
गतान्क से आगे.....................
तीनों, सारा, उसका पति और वो नेता, बेड रूम मे सोफा पर बैठ कर सिगरेट
पीने लगे. सारा के पति ने सारा से कहा की लीडर को वो बहुत अच्छी लग रही
है और वो और कुछ देर घर मे रहना चाहता है. शराब के नशे मे सारा अपने पति
की बात का पूरा मतलब नही समझ सकी. वैसे भी वो एक सब का जाना पहचाना नेता
था.
अचानक, उस नेता ने सारा को अपनी बाहों मे जाकड़ लिया तो सारा चौंक गई और
उसने अपने पति की तरफ देखा. उसका पति मुस्करा रहा था. सारा को सारी बात
समझ मे आगाई जो वो अब तक नही समझी थी. उस नेता ने सारा को अपनी बाहों मे
उठा कर बिस्तर पर गिरा दिया. सारा ने फिर अपने पति की तरफ देखा तो उसके
पति ने कहा की नेताजी को खुश करदो. सारा ना कुछ बोल सकी और ना ही कुछ कर
सकी. उसकी आँखों से आँसू निकल आए. उस ने सोच लिया कि वो उस नेता से चुदवा
कर अपने पति के काम मे उसकी मदद करेगी. इस काम मे शराब का भी काफ़ी हाथ
था.
सारा अपने बिस्तर पर पड़ी थी और उसका पति और उसका नेता दोस्त दोनो मिलकर
उसके कपड़े उतारने लगे. जल्दी ही उन दोनो ने सारा को पूरा नंगा कर दिया.
उसके पति ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगा हो कर, सोफा पर बैठ कर
सिगरेट पीने लगा. सारा जान गई कि उसका पति जो नामार्द है, कुछ नही करेगा
और उसका नेता दोस्त उसको चोदेगा और उसका पति सब देखेगा. नेता ने सारा को
कहा की वो उसके कपड़े उतारे. सारा ने नेता के कपड़े उतार कर उसे भी नंगा
किया और उसका बेशरम नमार्द पति सोफा पर बैठा सब देख रहा था.
नेता चुदाई के मामले मे बसंत की तरह एक काबिल मर्द था और काफ़ी दिनों के
बाद सारा को चुदाई मे संतुष्टि मिली थी, पर सारा खुश नही थी क्यों कि
उसके पति ने उसका, उसके बदन का, उसकी चूत का, उसकी चुदाई का अपने धन्दे
मे फ़ायदे के लिए इस्तेमाल किया था.
वो नेता तो सारा को चोद कर चला गया था. उस नेता से चुदवाते हुए सारा ने
देखा था कि उसके पति के लंड का पानी अपने आप ही निकल कर सोफा के पास फैल
गया था. किसी रंडी की तरह, बिना अपने पति की तरफ ध्यान दिए, करवट ले कर
सारा नंगी ही सो गई.
अगले दिन सुबह, जब शराब का नशा नही था, तो सारा को सारी बात अच्छी तरह
समझ मे आई. एक बार उसने सोचा कि उसने बहुत ग़लत काम किया है, पर फिर उसने
सोचा कि उसने जो भी किया, अपने पति के कहने पर किया और उसका पति खुद वहाँ
मौजूद था जब वो नेता उसको चोद रहा था. वैसे भी वो कोई सती सावित्री नही
थी. अपनी खुशी के लिए वो बसंत से चुदवाती थी तो धंधे मे फ़ायदे के लिए एक
बार अपने पति के कहने पर उस नेता से चुदवा लिया तो क्या हो गया . ये
चुदाई की बात तो उन तीनो के बीच ही रहनेवाली है. और अंदर से कहीं वो खुश
भी थी की उसको चुदाई मे संतुष्टि भी मिली है जिसकी वो हक़दार है.
पर जल्दी ही सारा को पता चल गया कि ये उसकी ग़लती थी जो वो अपने पति के
बारे मे अच्छा अच्छा सोचती थी. सारा ने सोचा था कि वो केवल एक बार की बात
थी जो उसे अपने पति की खातिर उस नेता से चुदवाना पड़ा था. वो अपने पति को
ठीक से पहचान नही पाई थी. करीब करीब रोज़ ही शाम को उसका पति अलग अलग
आदमियों के साथ घर आता और सारा को उनसे चुदवाने को कहता. जब कभी भी सारा
ने चुदवाने के लिए ना कहा, उसका पति उसे बुरी तरह मारता था. अब वो समझ गई
थी कि उसके पति की पहुँच बहुत उपर तक थी. उसने कई बार घर से भागने की
कोशिश की पर नाकाम रही और उसके पति ने उसे पीटा था. उस ने पोलीस मे भी
जाने की कोशिश की थी पर उसको पता नही था कि एक बड़ा पोलीस ऑफीसर उसके पति
का दोस्त था और बाद मे उसी पोलीस ऑफीसर ने उसके पति की मौजूदगी मे सारा
को बुरी तरह चोदा था.
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RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
सारा की जिंदगी नर्क बनती जा रही थी. अब तो उसका पति उसे दो - तीन
आदमियों से एक साथ ही चुदवाता था. वो एक रंडी की जिंदगी जी रही थी और
उसका अपना पति ही जैसे उसका दलाल / भड़वा बन गया था. सारा को बड़े बड़े
आदमियों से चुदवा कर, अपना काम निकलवा कर, उसके पति ने अपने धन्दे मे
बहुत पैसा कमाया. अलग अलग आदमी सारा को अपनी पसंद के अनुसार अलग अलग
तरीके से चोद्ते थे और सारा चुदवाने के सिवाय कुछ नही कर पाती थी.
और इसी कारण वो एक पक्की शराबी बन गई थी और बहुत धूम्रपान करती थी. सारा
ने अपनी किस्मत से समझौता कर लिया था. अब तो ये हालत थी कि सारा को
चुदवाने की जैसे आदत पड़ गयी थी और वो अब चुदाई के बिना नही रह सकती थी
और उसको रोज़ एक से ज़्यादा मर्द चाहिए चुदवाने के लिए. अब वो अपनी आदत
और मर्ज़ी से एक रांड़ बन चुकी थी. अब उसे किसी तरह की शर्म भी नही आती
थी. वो किसी से भी, कभी भी, कैसे भी चुदवा सकती थी.
मुझे सारा के मूह से उसकी कहानी सुन कर बहुत धक्का लगा और बहुत दुख हुआ.
मगर सारा मुस्कराती रही, शराब पीती रही, धूम्रपान करती रही और अपनी चुदाई
की भयानक कहानी सुनाती गई.
अंत मे सारा ने बताया - मेरा भड़वा पति अपने तीन विदेशी दोस्तों को लाने
के लिए बाहर गया है और आज मैं तीन तीन विदेशियों से एक साथ चुदवाउंगी.
मैं बोली - सारा, ये सब तुम कितनी आसानी से कह रही हो. ये चिंता की बात है.
सारा ने जवाब दिया - नही यार! मेरी जिंदगी मे ये सब आम बात है. मैं खुद
अब इन सब के बिना नही रह सकती.
मैं बोली - सारा ! मेरी दोस्त ! मुझे बताओ कि मैं तुम्हारे लिए क्या करूँ
कि तुम इस नर्क से बाहर आ जाओ.
सारा - कुछ नही जूली! मुझे अब इसकी आदत पड़ गई है. मैं जो भी कर रही हूँ,
वो अपनी मर्ज़ी से कर रही हूँ. मुझे किसी से कोई शिकायत नही है. मुझे
रोज़ाना चुदवाने के लिए एक नया मर्द चाहिए और जिस दिन मेरे भॅडव पति का
कोई दोस्त नही आता, उस दिन मैं अपने दलाल पति से किसी मर्द का बंदोबस्त
करने को कहती हूँ और वो किसी ना किसी को मुझे चोदने के लिए ले आता है.
मैं अब बहुत खुश हूँ.
पर मैं जानती थी, वो बहुत तो क्या, ज़रा भी खुश नही है. पर मैं उसके लिए
कुछ भी नही कर सकती थी.
शाम के 7.30 बज चुके थे. सारा ने बताया की उसके भदवे पति के, उसके तीन
विदेशी दोस्तों के साथ आने का समय हो गया है. वो तीनो विदेशी मिलकर अब
उसको उसके ही भद्वे पति के सामने चोदेन्गे. मैं उसके पति को भड़वा नही
कहना चाहूँगी क्यों कि भड़वा तो उसके लिए बहुत छ्होटा शब्द है.
मैने भारी मन से सारा से विदाई ली और अपने घर की तरफ रवाना हो गई. मैने
उसी समय सोच लिया था कि मैं ये कहानी अपनी अगली चुदाई की दास्तान मे
ज़रूर लिखूँगी ताकि लोगों को पता चले कि चुदाई का ये भी एक रूप है.
समाप्त
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