RE: Antarvasnasex चिकनी भाभी
अब तो भाभी को शक हो गया कि शायद मैने उन्हें नंगी देख लिया था. और फिर उनकी पॅंटी भी तो गायब थी. भाभी ने शरमाते हुए पूछा " कहीं तूने मेरे कमरे से कोई चीज़ तो नहीं उठाई?'
"अरी हाँ भाभी! जब मैं आया तो मैने देखा कि कुच्छ कपड़े ज़मीन पर पड़े हैं. मैने उन्हें उठा लिया." भाभी का चेहरा सुर्ख हो गया. हिचकिचाते हुए बोली
"वापस कर मेरे कपड़े."
मैं तकिये के नीचे से भाभी की पॅंटी निकालते हुए बोला " भाभी ये तो अब मैं वापस नहीं दूँगा."
"क्यों अब तू औरतों की पॅंटी पहनना चाहता है?"
"नहीं भाभी" मैं पॅंटी को सून्घ्ता हुआ बोला…
"इसकी मादक खुश्बू ने तो मुझे दीवाना बना दिया है."
"अरे पागला है? यह तो मैने कल से पहनी हुई थी. धोने तो दे."
"नहीं भाभी धोने से तो इसमे से आपकी महक निकल जाएगी. मैं इसे ऐसे ही रखना चाहता हूँ."
"धात पागल! अच्छा तू कब्से घर में है?" भाभी शायद जानना चाहती थी कि कहीं मैने उसे नंगी तो नहीं देख लिया. मैने कहा
"भाभी मैं जानता हूँ कि आप क्या जानना चाहती हैं. मेरी ग़लती क्या है, जब मैं घर आया तो आप बिल्कुल नंगी शीशे के सामने खड़ी थी. लेकिन आपको सामने से नहीं देख सका. सच कहूँ भाभी आप बिल्कुल नंगी हो कर बहुत ही सुन्दर लग रही थी. पतली कमर, भारी और गोल-गोल मस्त चूतड़ और गदराई हुई जंघें देख कर तो बड़े से बड़े ब्रहंचारी की नियत भी खराब हो जाए."
भाभी शर्म से लाल हो उठी.
"हाई राम तुझे शर्म नहीं आती. कहीं तेरी भी नियत तो नहीं खराब हो गयी है?"
"आपको नंगी देख कर किसकी नियत खराब नहीं होगी?"
"हे भगवान, आज तेरे भैया से तेरी शादी की बात करनी ही पड़ेगी" इससे पहले मैं कुछ और कहता वो अपने कमरे में भाग गयी.
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