RE: Antarvasnax क़त्ल एक हसीना का
राजहिला नहीं, इसलिए सांद्रा ने उसकी पेंट उठाई और उसमें से पर्स निकाल लिया। बर्गिता कुर्सी पर गिर चुकी थी और कुछ पलों तक जो सुनाई दे रहा था, वह सांद्रा के पैसे गिनने की आवाज थी और बर्गिता की हल्की-हल्की सुबकी।
‘मैं जा रही हूं,' सांद्रा ने जाते हुए खुशी से कहा।
‘रुको!' राजने कहा लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दरवाजा बंद हो चुका था।
‘रुको?' तुमने कहा कि रुको?' वह कुर्सी से उठते हुए चीखी। 'तुम रंडीबाज हो, हरामी। तुमको कोई हक नहीं है।'
राजने उसके चारों तरफ बांह डालने की कोशिश की लेकिन उसने उसे धक्का मारकर वापस भगा दिया। वे दोनों एक-दूसरे के सामने दो पहलवानों की तरह खड़े थे। बर्गिता ऐसा लग रहा था जैसे किसी और ही दुनिया में हो। उसकी आंखें नफरत से अंधी हो गई थीं और गुस्से से उसका मुंह भिंच गया था। राजको यह लगा कि वह अगर कभी उसका क़त्ल करना चाहती होती तो वहीं और उसी दिन कर देती, बिना किसी झिझक के।
‘बर्गिता में...’
‘मरने तक शराब पियो और मेरे जीवन से निकल जाओ!' वह उठी और तेजी से बाहर निकल गई। जब उसने जोर से दरवाजा बंद किया तो सारा कमरा जैसे हिल गया।
फोन बज उठा। रिसेप्शन से था। ‘क्या हो रहा है मिस्टर राज? आपके बगल के कमरे में जो औरत है उसने फोन किया था और...'
राजने रिसीवर रख दिया। उसे भयानक गुस्सा आया और वह तोड़ने के लिए कुछ उठाने लगा, वह टेबल से व्हिस्की की बोतल उठाकर उसे दीवार से मारने ही वाला था कि उसने अपना दिमाग बदल दिया।
जीवन भर खुद पर नियंत्रण करने का प्रशिक्षण, उसने सोचा, बोतल खोलते हुए मुंह से लगा लिया।
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