Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
12-27-2021, 02:10 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
अपने बारे में सोचते सोचते मैं उन दोनों के बारे में भूल गयी जो वहा लगे पड़े थे। सैंड्रा अब दहाड़े मारते हुए चीख रही थी क्यों कि राहुल अब जानवरो की तरह उसे चोदते हुए उसको सबक सीखा रहा था। मेरा दिल दहल उठा उसका ये वहशी रूप देख कर। जोसफ का लंड जरूर जानवरो जैसा हैं पर उसने चुदाई इंसानो की तरह ही की थी।
शायद हर मर्द अपनी भड़ास औरतो की चूत पर ही निकालता हैं। ये राहुल क्या कभी मुझ पर भी इसी तरह जानवरो की तरह भड़ास निकालेगा। सैंड्रा को तो फिर भी जोसफ की आदत हैं वो सहन कर लेगी, पर मैं कैसे करुँगी। एक तरफ सैंड्रा की चीखें तो दूसरी राहुल के धक्को से ठाक ठाक की आवाजे तीव्र गति से ऊँची आवाजे। एक डरावना माहौल हो चूका था
मेरी चूत में किसी ने चींटिया छोड़ दी हो वैसा लगने लगा। ध्यान देने वाली बात थी सैंड्रा दर्द से चीख रही थी फिर भी राहुल को भड़काते हुए और जोर से करने को बोल रही थी। वो क्यों अपने पैरो पर पत्थर मार रही थी समझ नहीं आया, कुछ औरतो के अरमान बहुत ज्यादा ही जंगली होते हैं।
एक सामान्य आदमी इतनी देर में थक कर रुक जाता पर राहुल की गति में बिलकुल बदलाव नहीं आया। ऐ.सी. चालू होने के बावजूद राहुल के पसीना बहने लगा था। वो तो जैसे जिम में था और सैंड्रा कोई कसरत करने की मशीन थी। मैं अब राहुल की परफेक्ट शेप वाली गांड और जाँघे देख रही थी।
उसकी सारी मसल्स चोदने में लगी शक्ति से अकड़ कर फुल गयी थी। अब मेरी खुद की चुदने की इच्छा होने लगी थी, पिछली बार सैंड्रा को जोसफ के साथ करते देख मैंने अपने हाथों से अपना कर लिया था पर यहाँ तो मैं कही जा भी नहीं सकती थी सैंड्रा ने मना किया था।
थोडी देर इसी तरह चोदने के बाद राहुल ने सैंड्रा चोदना बंद कर उसी टेबल पर उल्टा लेटा दिया और उसके पाँव नीचे जमीन पर सीधे खड़े थे।
राहुल उसकी गांड के पीछे खड़ा हुआ और अपने एक हाथ से उसकी गांड को चौड़ा किया और दूसरे हाथ से अपना लंड पकड़ कर उसकी चूत में गुसा दिया , लंड ज्यादा बिना परेशानी के बड़ी आसानी से अंदर चला गया था और राहुल ने अगले ही क्षण वापिस निकाल दिया।
उसको कुछ सुझा और उसने अपना लंड सैंड्रा की गांड के छेद में घुसाने की कोशिश की। मगर लंड की टोपी से ज्यादा अंदर जा ही नहीं पाया।
सैंड्रा एकदम चीखी और पीछे डालने से उसको मना किया । मुझे याद आया पीछे का छेद तो उसने जैक के लिए सुरक्षित रखा हुआ हैं ताकि किसी मोटे लंड से जैक वाला छेद चौड़ा ना हो जाये।
वैसे भी राहुल का लंड अभी गुस्से से फूलकर कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा था, सैंड्रा का छेद उसे सहन नहीं कर पायेगा। राहुल जबरदस्ती उसके गांड के छेद को भेदने की कोशिश कर रहा था और सैंड्रा अपना हाथ पीछे ले जाकर उसको रोक रही थी। राहुल ने सैंड्रा की पतली कलाइयों को पकड़ा और उसकी कमर पर रख अपने एक हाथ से दबोच लिया।
राहुल ने अब फिर अपना पूरा जोर लगा अपना लंड सैंड्रा की चूत में घुसाना शुरू किया और वो थोड़ा थोड़ा अंदर जाने लगा, मगर अब सैंड्रा के चीखे सबसे तेज थी, वो दर्द की चीखे थी ये पक्का था। मुझे उस पर दया आने लगी, राहुल को उस पर ऐसा जुल्म नहीं करना चाहिए था, भले ही उसने हमारे साथ कुछ भी किया हो।
सैंड्रा अपने जाल में खुद फंस चुकी थी और तड़प रही थी। दूसरी तरफ राहुल दो इंच से ज्यादा अपना लंड उसकी गाड में नहीं डाल पा रहा था। वो जितना जोर लगाता सैंड्रा उतना चीखती। राहुल से अब और अंदर नहीं डाल पा रहा था तो उसने मेरी तरफ देखा और मदद मांगी ।
राहुल:”प्रतिमा, तुम इस छिनल की गांड पकड़ कर चौड़ी करो मैं इसमें और अंदर डालता हूँ। ”
मैं सैंड्रा की हालत देख बिलकुल नहीं हिली, इस पर राहुल मुझ पर चिल्लाया।
राहुल: “करो ना, इसने हमारे साथ क्या किया नहीं पता क्या।”
मैं सहम कर पूरा हिल गयी। मैंने आगे बढ़ कर अपने दोनों हाथ सैंड्रा की गांड के दोनों हिस्सों पर रखे। उसकी गांड मेमोरी फोम की तरह नाजुक और मुलायम थी।
मैंने दबा के उसके गांड के दोनों हिस्सों को एक दूसरे से दूर कर उसकी दरार को चौड़ा किया। बड़ी आसानी से उसकी दरार खुल गयी और मैंने उसकी गांड का गुलाबी छेद देखा जो पूरी तरह से राहुल के मोटे लंड से भर कर फंसा हुआ था।
मैं जैसी ही दरार खोली तो राहुल का लंड खिसकता हुए थोड़ा और अंदर गया और साथ ही सैंड्रा जोर से चीखी।
राहुल ने मुझे और जोर लगा के गांड चौड़ी करने को कहा और मैंने मन मार कर अपना जोर लगाया और साथ ही साथ राहुल ने भी और एकदम से उसका लंड एक इंच एक साथ अंदर घुस गया और पीछे से सैंड्रा की दहाड़।
मैं ऐसे ही पकड़े खड़ी रही और अब राहुल थोड़ा बहुत आगे पीछे हो धक्के मारने लगा। उसका लंड अटक अटक कर सैंड्रा की गांड चोदने लगा। सैंड्रा अब लगभग रोते हुए चीख रही थी।
थोड़ देर में ही राहुल का लंड अब सैंड्रा की गांड को गीला कर चूका था तो ज्यादा आराम से आगे पीछे हो चोदने लगा। जिससे सैंड्रा की चीखे थोड़ी कम हो गयी और मैंने उसकी गांड को छोड़ दिया। राहुल अब भी जोर जोर से सैंड्रा की गांड पर चोट मार रहा था जिससे ठाप ठाप ठाप की आवाज आने लगी। राहुल इस बीच हिंदी में उसको गालियां देते हुए गुस्सा निकाल रहा था।
स्साली सफ़ेद चुड़ैल, बड़ा शौक था मुझसे चुदाने का अब ले। आज तेरी ऐसी गांड फाड़ूंगा कि दस दिन तक चुदाना तो दूर चल भी नहीं पाएगी।
राहुल के मुँह से पहली बार ऐसी भाषा सुन मैं शर्मिंदा हो गयी। उससे मुझे ये सब उम्मीद नहीं थी। शायद वो अपने साथ मेरा भी बदला सैंड्रा से निकाल रहा था।
सैंड्रा: “आअह्ह, क्या बोल रहा हैं दूसरी भाषा में, अहहह, गाली दे रहा हैं !”
राहुल: “नहीं, तुम्हारे फिगर की तारीफ़ कर रहा हूँ। ”
सैंड्रा : “प्रतिमा, अब तुम कल देखो, मैं तुम्हारी क्या हालत करवाती हूँ जोसफ से। राहुल की वजह से मैं दस दिन लंगड़ा के चलूंगी तो तुम जोसफ की वजह से एक महीना लंगड़ा के चलोगी। तुम्ही ने मेरी गांड पकड़ कर चौड़ी की थी ना।”
मैं अब थर थर कांपने लगी, मुझे तो उस पर दया आ रही थी, पर राहुल की वजह से मैं खुद अब फंस चुकी थी। कल तो जोसफ मेरी जान ही निकाल देगा। सैंड्रा ने कभी जोसफ का जानवर अपनी गांड में नहीं लिया, वो अब मेरी गांड में डलवायेगी ! इसके लिए तो दुनिया का कोई भी जैल लुब्रीकेंट नहीं बना हैं।
राहुल: “उसके साथ कुछ मत करना, उसको मैंने ही करने को बोला हैं। तुम वादा करो कल इसे ज्यादा परेशान नहीं करोगी तो मैं तुम्हे अभी छोड़ देता हूँ। तुम्हे लंगड़ा के नहीं चलना पड़ेगा। ”
सैंड्रा: “ठीक हैं छोडो मुझे। ”
राहुल ने उसे छोड़ दिया। सैंड्रा अब खड़ी हो गयी। उसका लुका पीटा चेहरा बता रहा था उसकी क्या हालत हुई थी। मैंने उसको भोली शकल बनाते हुए सॉरी कहा।
सैंड्रा : “कोई बात नहीं, इसमें तुम्हारी गलती नहीं। आओ राहुल ।”
ये कहते हुए उसने राहुल को सोफे पर बैठाया, और खुद उसकी गोद में दोनों तरफ पाँव चौड़े कर बैठ गयी। और उसका लंड अपनी चूत में घुसा दिया। सोफे का सहारा ले उसने ऊपर नीचे जोर जोर से उछलते हुए राहुल को चोदना शुरू कर दिया। ये नजारा दर्दनाक नहीं था पर प्यारा था। दोनों की मजे के मारे आहें निकलने लगी।
उनकी वो क्रिया और आवाजे सुन मेरे पुरे बदन में जैसे नशा चढ़ने लगा। मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा था मेरी पैंटी काफी गीली हो चुकी थी। मैं बाथरूम में जाने लगी पर सैंड्रा ने देख रोक लिया।
सैंड्रा : “जब तक हमारा पूरा ना हो, तुम जा नहीं सकती। ”
मैं: “मुझे वाशरूम जाना हैं, अर्जेंट। ”
सैंड्रा : “मुझे पता हैं क्यों जाना हैं , शर्माओ मत , ये नेचुरल हैं। जो भी करना हैं यही कर लो। ”
उसकी बातें सुन मैं शरमा गयी। खड़ी हो तड़पती रही। उन लोगो ने चोदना जारी रखा।
आह्ह आह्ह ऊह्ह्ह ऊह्ह्ह उम्म आह्ह आह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह हम्म्म्म
राहुल के लंड पर फिसलती सैंड्रा की चूत का नजारा मैं देख देख कर अपने को रोक नहीं पा रही थी। राहुल से शर्म भी आ रही थी। मेरे सब्र का बांध अब टूटने लगा था।
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12-27-2021, 02:10 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
राहुल के लंड पर फिसलती सैंड्रा की चूत का नजारा मैं देख देख कर अपने को रोक नहीं पा रही थी। राहुल से शर्म भी आ रही थी। मेरे सब्र का बांध अब टूटने लगा था।
मैं राहुल के पीछे की तरफ साइड में जाकर खड़ी हो गयी। सैंड्रा मुझे देख सकती थी पर राहुल नहीं। मैंने एक हाथ अपने मम्मे पर रख मसलना शुरू किया और दूसरा अपनी कैप्री पैंट के ऊपर से ही अपनी चूत पर रख हल्का रगड़ना शुरू किया।
सैंड्रा : “प्रतिमा, कपड़े खोल के कर लो, किसी को बुरा नहीं लगेगा। ”
उसके बोलने की ही देर थी और मैंने अपने नीचे वाले हाथ से अपनी पैंट को एक झटके में पैंटी सहित नीचे कर दिया।
सैंड्रा मेरी तरफ देख बोली: “क्या मस्त चूत हैं तुम्हारी।”
ये सुनते ही राहुल ने गर्दन मोड़ी और मेरी तरफ देखने लगा। वो मेरी चूत देख पाता उसके पहले ही मैंने अपना हाथ अपनी चूत पर रख छूपा लिया। फिर भी उसको मेरी चूत के साइड का नंगा एरिया और कूल्हों की हड्डी दिख गयी थी। मेरी नीचे की शेप का उसे अंदाजा हो गया था। वो मुझे ही घूर रहा था और मैंने शर्म के मारे अपना दूसरा हाथ भी नीचे ला ढक दिया।
मेरी तो जैसी सारी इच्छा ही मर गयी थी। मैंने सावधानी से एक हाथ से चूत ढकते हुए दूसरे से अपनी पैंट फिर ऊपर खिंच पहन ली। सैंड्रा और राहुल की आहें लगातार जारी थी और साथ ही मेरी चूत में चूल मच रही थी। मैं वापिस आकर सैंड्रा के पीछे आकर बैठ गयी।
मैंने देखा सैंड्रा की चूत से जैसे दुध की नदिया बह रही थी और सफ़ेद धाराएं राहुल के लंड को पूरा लपेट चुकी थी। यहाँ से राहुल सैंड्रा के पीछे छुपा था और सैंड्रा की पीठ मेरी तरफ थी। मैं सोफे पर पीछे खिसक कर पीठ टिकाये बैठ गयी। पैंट थोड़ी नीचे खिसका कर अपनी पैंटी में हाथ डाल रगड़ने लगी।
मेरे नीचे का माहौल पूरा बरसाती था। पैंटी नीचे पूरी गीली हो चुकी थी। मैं रगड़ रगड़ कर अपना काम पूरा करने लगी। उधर वो दोनों जोर जोर से चिखने लगे। शायद झड़ने वाले थे। अब भर भर के पानी सैंड्रा की चूत से निकल रहा था और राहुल की आहें भारी हो गयी थी उसने अपना पानी लगभग खाली कर दिया था। पर मेरा अभी नहीं हुआ था।
दोनों चीखते हुए झड़ कर शांत हो गए। मैं अभी भी अपनी चूत रगड़े जा रही थी। मेरे कुछ ही सेकंड बाकी थे। परन्तु सैंड्रा अब राहुल के ऊपर से उठने लगी।
मैंने जल्दी से उठ कर अपने कपड़े ऊपर कर लिए और उन दोनों ने शायद हलकी सी झलक देख ली थी कि मैंने अभी अभी बंद किया हैं। मैं वही खड़ी हो गयी। सैंड्रा ऐसे ही नंगी मेरे पास चलते हुए आयी और अपना हाथ हलके हलके से मेरी चूत पर रगड़ने लगी।
मैं तो झड़ने के एकदम मुहाने पर खड़ी थी तो उसके हाथ से होती रगड़ से मेरे अंदर कम्पन होने लगा और मैं खड़े खड़े ही आहें भरने लगी और सैंड्रा हंसने लगी। उसने मुश्किल से दस बार अपना हाथ मेरी कैप्री पैंट के ऊपर से ही मेरी चूत पर रगड़ा और मैं खड़े खड़े ही चीखते हुई झड़ गयी।
सामने से राहुल हम दोनों को देख रहा था, और मैं शर्म से जमीन में गड़ी जा रही थी। सैंड्रा मुझ पर खिलखिलाते हुए आगे बढ़ी और फ़ोन से उसने अपने ड्राइवर को बुला लिया लेने आने के लिए।
सैंड्रा: “राहुल वाशरूम किधर हैं?”
राहुल: “चलो मैं बताता हूँ, प्रतिमा तुम्हे भी जाना हैं वाशरूम।”
मैंने ना में सर हिला दिया।
सैंड्रा : “वो तो पहले ही कपड़ो सहित नहा चुकी हैं अपने ही पानी से । मैंने बोला था कपड़े निकाल कर कर ले। ”
राहुल और सैंड्रा ने अपने कपड़े उठाये, वाशरूम में गए और थोड़ी देर बाद कपड़े पहने हुए आये। मैं तब तक वही खड़ी थी। मेरे कपड़े नीचे से गीले थे और थोड़ा असहज महसूस हो रहा था। मेरा कुर्ता बिलकुल ठीक था। इस लक्की कुर्ते ने मेरी इज्जत बचा ली थी ।
सैंड्रा का ड्राइवर आ गया था वो वो जाने लगी।
सैंड्रा : “थैंक यू राहुल, इस मजेदार चुदाई के लिए। प्रतिमा कल ठीक ग्यारह बजे गेस्ट हाउस पहुंच जाना। आज तो तुम्हे कुछ नहीं मिला, कल बहुत कुछ मिलेगा। बाय ”
सैंड्रा चली गयी और मैं उसको ताकते रह गयी। शाम हो चुकी थी और ऑफिस बंद होने वाला था और अब वापिस ऑफिस नहीं जा सकते थे। सीधा घर ही जाना था पर फार्म हाउस काफी बाहरी इलाके में था तो रिक्शा कैब मिलना मुश्किल था। मैंने राहुल की तरफ देख फिर नीचे देखने लगी।
राहुल : “मेरे पास यहाँ रूही की एक दो ड्रेस पड़ी हैं। तुम वो पहन सकती हो। ”
वो अंदर गया और हाथ में रूही की एक फ्रॉक वाली ड्रेस लेकर आया। मैं वो ड्रेस लेकर बाथरूम में गयी, मेरा कुर्ता हालाँकि ख़राब नहीं था पर फ्रॉक के साथ कुर्ता पहन नहीं सकती थी तो खोल दिया।
कैप्री पैंट और पैंटी गीली थी तो उसको खोल अपना शरीर नीचे से साफ़ किया। फिर सीधा फ्रॉक पहन ली। अंदर पैंटी नहीं पहने होने से थोड़ा खाली खाली लग रहा था पर कोई उपाय नहीं था।
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12-27-2021, 02:10 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
मैंने ऊपर से नीचे देखा, वो एक बहुत खूबसूरत ड्रेस थी और मुझ पर फब रही थी। हालांकि किसी और की ड्रेस थी पर रूही तो अब आने वाली नहीं, मेरी इच्छा थी मैं इसे रख लू। मैं ख़ुशी ख़ुशी बाहर आयी। मेरे सामने आते ही राहुल मुझे आँखें फाड़ एकटक देखता ही रह गया। उसके मुँह से एक बार सिर्फ “रूही” निकला।
वो मुझ में आज भी रूही को ही देखता हैं। मुझे उसके दर्द का अहसास हुआ पर मैं उसके दर्द का इलाज नहीं थी। उसने मेरी तारीफ़ की कि मैं उसे रूही की याद दिला रही हु और ये ड्रेस मेरे लिए ही बनी हैं।
उसने मुझे वो ड्रेस रखने की इजाजत दे दी। मैं बहुत खुश हुई। वो मुझे घर तक छोड़ने आया और पुरे रास्ते वो बार बार मुझ देख मुस्कुराते रहा और मैं भी उसको मुस्कुराते हुए जवाब देती रही।
राहुल ने विदा लेते वक्त मुझे कल के लिए बेस्ट ऑफ़ लक बोला और कहा कल जोसफ के साथ काम ख़त्म होने पर मैं सीधा घर पर जा सकती हूँ, मेरी तबियत ख़राब होने के चांस हैं।
अच्छा था कि अशोक नहीं था वरना क्या सोचता, गयी थी कुछ ओर पहन कर और आयी कुछ ओर पहन कर। मैंने कपड़े बदल लिए और फिर याद आया मेरे अपने कपड़े तो वहा बाथरूम में ही छोड़ आयी।
मेरा लक्की कुर्ता वहा छूट गया था, जिसकी मुझे कल जरुरत पड़ेगी। ये उसका अपशकुन था मेरे साथ कल जो होने वाला था।
ग्यारह बजे मुझे गेस्टहॉउस पहुंचना था और चिंता मेरे चेहरे पर साफ झलक रही थी।
मैंने अपनी पिछली तैयारी के हिसाब से दर्द निवारक गोली और एक्स्ट्रा कपड़े ले लिए। मैंने डॉक्टर के पास जाकर गर्भनिरोधक इंजेक्शन लगवा लिया जो मुझे गर्भवती नहीं होने देगा। मुझे वो लुब्रीकेंट जैल चाहिए था जो सैंड्रा ने इस्तेमाल किया था।
पर वो तो कोई विदेशी प्रोडक्ट था, इतना जल्दी मिलना मुश्किल था। फिर भी मैं थोड़ा जल्दी निकली और सुपर स्टोर और मेडिकल पर गयी पर वैसा कुछ नहीं मिला। इस तरह के सामान शायद खुले में नहीं बिकते हैं, ऑनलाइन ही खरीदने पड़ते हैं शायद।
मेरी उम्मीद सैंड्रा का जैल था, वो तो वही पड़ा होगा ले लुंगी। मैं ठीक ग्यारह बजे गेस्ट हाउस पहुंची। दरवाजा जोसफ ने खोला । कपड़ों के नाम पर उसने शरीर पर सिर्फ एक बॉक्सर पहना था, उसके घर का शायद यही पहनावा था।
मुझे देख आश्चर्य करने लगा, उसे उम्मीद नहीं थी की मैं आ जाउंगी। पर मैं भी हिम्मतवाली थी, उससे घबराने वाली नहीं थी। वो दरवाजा रोक कर मुझे ही घूर रहा था, जैसे वही खड़ा खड़ा ही मुझे चोद देगा।
पीछे से सैंड्रा के बुलाने पर वो हटा और मैं अंदर आ गयी। जैक वहां नहीं था। सैंड्रा मेरे पास आयी।
सैंड्रा : “तुम पांच मिनट लेट हो। जितना हो सके जैक को अहसास दिलाना कि तुम्हे उसमे रूचि नहीं। जरुरत पड़ने पर मैं तुमको निर्देश देती रहूंगी और तुम दोनों वैसा करते रहना। जोसफ आज तुम अपना पूरा जोर लगा देना। प्रतिमा तुम जैक को यकीन दिला दो कि तुम्हे जोसफ जैसे मर्द चाहिए ना कि जैक जैसे बच्चे। ”
जोसेफ : “इसकी क्या जरुरत हैं, समझा कर भी देख सकते हैं।”
सैंड्रा : “तुम अपना दिमाग मत लगाओ, जैसा बोला हैं वैसा करते रहना। जैक के आने के बाद मुझे तुम दोनों की ना नहीं सुननी हैं। अब जल्दी शुरू करो इसके पहले कि जैक वाशरूम से बाहर आ जाये।”
मैं: “मुझे वो जैल चाहिए। ”
सैंड्रा बैडरूम में जैल लेने गयी।
जोसफ : “आर यू सीरियस? तुम अपनी इच्छा से आयी हो?”
तभी सैंड्रा आ गयी हाथ में जैल की डिब्बी लेकर और मुझे दे दिया। जोसफ फिर चुप हो गया।
सैंड्रा:”जल्दी से पोजीशन लो, जैक बाथरूम से आता होगा।”
जोसफ: “मैं किसी के साथ जबरदस्ती नहीं कर सकता। क्या ये अपनी इच्छा से आयी हैं ?”
सैंड्रा: “ये मेरा आर्डर हैं जोसफ। प्रतिमा तुम्हे करना हैं या नहीं?”
मैं: “जोसफ मैं अपनी इच्छा से आयी हु, तुम मेरी चिंता मत करो। ”
जोसफ : “जैसी तुम्हारी इच्छा।”
जोसफ जब मुझसे पहली बार मिला था तो मुझे देख कर उसने गंदा कमेंट किया था और आज जब उसे मौका मिल रहा था तो वो आनाकानी कर रहा था। ये बड़ा अजीब मामला था। फिलहाल वो तैयार हो गया था। सैंड्रा ने हम दोनों को अपने कपड़े जल्दी से निकालने को कहा।
मैं मिडी ड्रेस पहन कर आयी तो मैंने एक बार में उसे नीचे से उठा ऊपर कर सर से निकाला और मैं अब ब्रा और पैंटी में खड़ी थी। जोसफ को भी सिर्फ बॉक्सर निकालना था उसने कर दिया। मेरी नजर उसके लंड पर गयी। मुझे मेरी ककड़ियो की याद आ गयी। मैं तो इस स्तिथि के लिए तैयार ही थी।
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12-27-2021, 02:10 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
जोसफ ने मुझे पीछे मुड़ा कर सोफे के साइड से हेडरेस्ट पर झुकाया और मेरी पैंटी को निकाल दिया। फिर अपने लंड को एक डंडे की तरह इस्तेमाल करते हुए मुझे मेरी गांड पर हंटर मारने लगा। उसका लंड सच में बहुत भारी था और मेरी गांड पर पड़ते लंड रूपी हंटर से चटाक चटाक की आवाजे आने लगी।
उस मार से हल्का मीठा दर्द भी हो रहा था। थोड़ी देर चटाके मारने के बाद उसने मुझे सीधा कर दिया। मैंने देखा उसका लंड अब कड़क हो कर खड़ा हो गया था। वो अब थोड़ा और मोटा और लंबा हो चूका था। इतने मोटे लण्ड को इतने करीब से देख कर मैं थोड़ा डरी कि इसको अपने अंदर लेना होगा। मेरे मन में शंकाये उत्पन्न होने लगी।
उसने अब मेरा ब्रा भी निकाल कर पूरा नंगा कर दिया। वो अपने काले मोटे भद्दे होंठ आगे लाया, और मेरे मम्मो को अपने बड़े मुँह में भर दिया और चूसने के मजे लेने लगा। उसके होंठ खुरदरे थे तो मेरे मम्मो को रगड़ कर करंट पैदा कर रहे थे। तभी बाथरूम के दरवाजे की आहट हुई और सैंड्रा ने लंड चूसने को कहा।
मुझे बिलकुल सोचने का मौका नहीं मिला और अब जोसफ का मोटा लंड मुझे मुँह में लेना था। मैं जल्दी से नीचे बैठी और जोसफ के लंड की टोपी को अपने मुँह में डाल दिया।
उसका लंड पकड़ने पर ऐसा लगा जैसे किसी की कलाई पकड़ ली हो। आधा किलो वजन तो रहा होगा उसके लंड का। उसके लंड की टोपी ही इतनी बड़ी थी कि सिर्फ इसको चुसो तो ही आपका काम हो जाये।
जैक बाथरूम से बाहर आया, उसकी गर्लफ्रेंड जोसफ के लंड को चूस रही थी। मैंने उससे नज़रे नहीं मिलाई। मैं जोसफ के लंड के बाकी हिस्से को अपनी उंगलियों से रगड़ रही थी। मेरी उंगलिया उसके लंड को पूरा घेर भी नहीं पा रही थी। मैं अपनी उंगलिया उसके लंड के चारो तरफ घुमा घुमा कर लहरदार अंदाज़ में रगड़ती रही।
मेरा एक मकसद ये था कि जितना हो सके उसका लंड चाटने चूसने से ही काम हो जाये तो मैं चुदने से बच जाउंगी या फिर उसको झड़ने के जितना करीब हो ले आँऊगी ताकि चोदते हुए उसका काम जल्दी ख़त्म हो जायेगा तो मेरी तकलीफ कम होगी।
उसके लंड पर इतनी ज्यादा जगह थी कि सब तरफ हाथ फेरने के लिए कि थोड़ा समय लगा । फिर मैंने उसका लंड पकड़ एकदम ऊपर की तरफ खड़ा कर दिया और उसके नीचे लटका गुदगूदेदार गुब्बारा और उसमे फंसी अंटियो को देखा।
मैंने उसकी अंटियो को अपने मुँह में भर लिया और चूसती रही। अंटियो को चूसते हुए मैंने अपने हाथ से उसके लंड को रगड़ना जारी रखा।
मैंने जब उसको चूसना छोड़ा तो जोसफ ने मुझे पूरा मुँह खोलने को कहा और अब अपना लंड मेरे मुँह में तीन इंच अंदर डाल दिया। इतने मोटे लंड के मुँह में जाते ही मेरा मुँह पूरा सील हो गया।
वो अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर कर मेरे मुँह को चोदने लगा। मेरे मुँह की गरमी से वो अब गरम हो गया और अपना लंड थोड़ा और अंदर डाल दिया और अपनी गति भी बढ़ा दी।
उसका लंड कुछ ज्यादा ही मेरे मुँह में उतर गया और मेरा गला जैसे चॉक होने लगा और अंदर बने पानी से ग्वा ग्वा की आवाज आने लगी। शायद मेरी तकलीफ देख उसने थोड़ी ही देर में अपना लंड बाहर निकाल दिया। इसके बदले मैं उसकी लंड के नीचे की थैलियों पर बनी सिलवटों पर अपनी खुरदरी गीली जबान फेर चाटने लगी और पहली बार उसकी सिसकी निकली।
जैक का साया अभी भी वही खड़ा था, शायद यकीन नहीं कर पा रहा था कि मैं कुछ ऐसा भी कर सकती हूँ। मुझे तो उसका लंड चूसने का कभी मौका ही नहीं मिला था।
पीछे से सैंड्रा का आदेश आया “जोसफ तुमने पैसे चोदने के दिए हैं या चूसने के? चूसते ही रहोगे या चोदना भी शुरू करोगे ”
सैंड्रा मुझे अब जैक की नजरों में पैसा लेकर धंधा करने वाली दिखानी चाहती थी। उसको थप्पड़ मारने की इच्छा हुई। पर जोसफ ने मेरी मदद की।
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12-27-2021, 02:10 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
जोसफ: “कोई मनी नहीं दी हैं, उसे सिर्फ बड़ा लंड अनुभव करना था।”
सैंड्रा: “जो भी हो, हर किसी के साथ चुदवाती तो हैं। तुम जल्दी करो। ”
जैक ये बात सुनकर बैडरूम में चला गया।
जोसफ: “जैक समझ गया हैं, अब हमें बंद कर देना चाहिए।”
सैंड्रा: “नहीं, तुम जोर से करो। और प्रतिमा तुम्हारी आवाज अंदर बैडरूम तक जानी चाहिए। ”
जोसफ ने मुझे सोफे पर बैठा दिया, सोफा काफी चौड़ा था और मैं अपनी कोहनियो के बल आधी लेटी थी। मेरे पैर आगे की तरफ थे। मैंने जोसफ को वो जैल लगाने को बोला और जोसफ ने अपने लंड पर अच्छे से लपेट दिया।
जोसफ ने मेरे दोनों पैर चौड़े कर खोल दिए और अपने लंड की टोपी अंदर डाल दी । उसने हल्का धक्का मार, दो इंच लंड अंदर डाल दिया।
मेरी आह आह चालू हो गयी। उस छह इंच मोटी ककड़ी के अंदर जाने जैसा अहसास हुआ। जोसफ ने अपना लंड फिर बाहर निकाल दिया, मुझे एक दम अधूरा अधूरा सा लगा।
अब उसने अपना लंड मेरी चूत पर रख टोपी अंदर डाली और अपने दोनों हाथ मेरे मेरी पतली कमर पर रख पकड़ लिया और आगे झुक कर अपना लंड और अंदर घुसाने लगा। मेरी फिर आह निकली और इस बार उसने ज्यादा जोर लगा के तीन इंच लंड अंदर घुसा और अंदर बाहर धक्का मारना शुरू किया। मेरी आवाज चालू हो गयी ओह या आह फ़क आह या या ओह या फ़क या या फ़क।
सैंड्रा मुझे और जोर से आवाज करने का इशारा कर रही थी। तब जोसफ ने गहराई बढ़ाते हुए चार इंच लंड अंदर बाहर करने लगा और मेरी हालत ज्यादा ख़राब हुई और मेरे मुँह से जोर से चीख निकली अह्हह्ह्ह्ह या ओह माय गॉड ओह माय गॉड, और मैं ऐसे ही कुदरती रूप से चीखती रही, नकली आवाज की जरुरत ही नहीं पड़ी।
मेरी तकलीफ देख एक बार फिर जोसफ ने मुझे थोड़ी राहत देते हुए अपना लंड बाहर निकाला और मेरे एक पैर को पकड़ अपन कंधे पर रख दिया और दूसरा सोफे पर लंबा लेटाए रखा। इससे मेरा छेद थोड़ा और खुल गया।
इस बीच मेरी चीखे सुन जैक फिर बाहर आ गया और देखने लगा। जोसफ ने एक बार फिर अपना लंड एक इंच अंदर डाला और और धीरे धीरे और भी बढ़ाते हुए दो इंच और फिर तीन इंच अंदर घुसा दिया। अब वो धक्के मारने लगा।
पिछली बार के मुकाबले इस बार दर्द थोड़ा कम था और मजा थोड़ा ज्यादा था। मेरी आहें निकलना जारी था उसके हर धक्के के साथ में लगातार आहें भरते जैसे गुनगुना रही थी।
सैंड्रा : “कुतिया बना कर चोद, इसे मजा नहीं आ रहा होगा।”
जोसफ ने अपना लंड बाहर निकाला और मुझे कुतिया बना कर सोफे पर बैठा दिया। मेरी जैक से नजरे मिली और मैंने अपना हाथ पीछे ले जाकर अपनी चुत पर रगड़ा और जैक को सुनाते हुए जोसफ को बोला कि वो मेरी चूत चोद दे।
जोसफ ने मुझे दोनों कूल्हों से पकड़ा और अपना लंड दो तीन इंच अंदर डाल कर अंदर बाहर धक्के मारने लगा। मेरी आहें फिर से चालू हो गयी आह या या आहआहआह हाह। जोसफ को भी इस स्तिथि में शायद मजा आया तो उसने और अंदर उतरते हुए पांच इंच लंड अंदर उतार कर धक्के मारने लगा।
मेरी बुरी तरह से जोर जोर की आहें शुरू हुई और रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी आआआआ ऊह ऊह ऊह ऊह।
जोसफ अब टॉप गियर मैं था और इसने छह सात इंच लंड अंदर घुसा दिया, उसकी लम्बाई के साथ मोटाई अब असहनीय थी मैं गला फाड़ चिल्ला रही थी आह्हः आह्हः आह्हः।
मैं उसे धीरे धीरे करने को कहते हुए रटने लगी उह या उह या। उसका लंड जैसे मेरी चूत का दोस्त बन गया था। अब दर्द धीरे धीरे मिट रहा था और मजा दोगुना और तिगुना होता जा रहा था।
उसने अब अपने हाथ छोड़ दिए जो मेरे कूल्हों पर थे और धक्का मारना भी बंद कर दिया। मुझे तो पूरा मजा आना ही अब शुरू हुआ था। मैं अब खुद ही आगे पीछे होती हुए चुदने लगी।
उसका लंड अब मेरी मर्जी से मेरी चूत में फिसलता हुआ आ जा रहा था। मेरी आहें तो अब नशीली हो गयी थी। मेरी सजा अब मजा में बदल गयी थी।
मैं लहराते हुए अपनी गांड को डांस करवा ऊपर नीचे आगे पीछे हो कर मरवा रही थी। बड़े मोटे लंड का क्या मजा होता हैं वो मुझे समझ में आ रहा था।
थोड़ी देर मैं ऐसे ही आगे पीछे हो मजे लेती रही पर फिर अचानक जोसफ पीछे हट गया और अपना लंड बाहर निकाल दिया, मैं हवा में आगे पीछे होती ही रह गयी।
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12-27-2021, 02:10 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
मैं लहराते हुए अपनी गांड को डांस करवा ऊपर नीचे आगे पीछे हो कर मरवा रही थी। बड़े मोटे लंड का क्या मजा होता हैं वो मुझे समझ में आ रहा था।
थोड़ी देर मैं ऐसे ही आगे पीछे हो मजे लेती रही पर फिर अचानक जोसफ पीछे हट गया और अपना लंड बाहर निकाल दिया, मैं हवा में आगे पीछे होती ही रह गयी।
जोसफ अब खुद सोफे के आगे अपनी पीठ सटा कर पंजो के बल नीचे बैठ गया और अपनी पीठ उसने पीछे झुका कर सोफे की सीट पर लेटा दी। मैं उसकी तरफ पीठ करके उसके लंड पर दोनों तरफ पाँव कर खड़ी हो गयी और उसका लंड एक बार फिर अपनी चूत के हवाले कर दिया।
मैं अब ऊपर नीचे उठक बैठक करते हुए चोदने लगी। मेरे लिए तो ये रोज की कसरत थी, इस बार कसरत करते हुए चुदाई का मजा भी आ रहा था।
इतनी देर से चुदते चुदते हमारा काफी सारा काम हो चूका था तो दोनों का पानी निकलने लगा था। मेरी सिसकियाँ जारी थी और उस बीच मेरी चूत में बने पानी की आवाजे आने लगी थी अहह अहह हाहहह छप छप्प छप्प ..
जोसफ ने मुझे फिर कूल्हों से पीछे पकड़ा और ऊपर नीचे करवाने लगा। शायद उसका होने वाला था। वो अब थोड़ा पीछे खिसक कर पूरा सोफे पर लेट गया और सोफे के आगे से उसके पाँव सोफे के नीचे खड़े थे। मैं उस पर फिर बैठ गयी और मेरे पाँव भी सोफे के ऊपर थे।।
उसने मेरे मम्मो के साइड से पीछे से पकडा और मुझे ऊपर नीचे करने लगा। मैं खुद भी अब पूरा जोर लगा रही थी मुझे अपना भी पूरा करना था। आह आह्ह ओह या हां हां अहा अहा आअहां हम्म्म्म ऊहू ऊहू ऊहू अहहहअहहहअहहह करते हुए झड़ गयी।
मुझे लगा मेरा काम अब ख़त्म हो गया हैं पर सैंड्रा के इरादे नेक नहीं थे। मेरी बैंड बजनी अभी बाकी थी।

जोसफ ने मुझे अच्छी तरह से चोद कर रख दिया था। इस जबरदस्त चुदाई को देख कर सैंड्रा अपने गाउन को ऊपर उठाये अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी।
सामने जैक खड़ा था, उसके शार्ट में उसका लंड खड़ा हो चूका था । वो तुरंत बाथरूम की तरफ गया। मेरे झड़ते ही जोसफ ने भी धक्का मारना बंद कर दिया था। मैं उसके ऊपर से उतरी तो देखा उसके काले लंड पर दूध की नदिया बह रही थी।
सैंड्रा: “जोसफ, मुझे पता हैं तुम्हारा नहीं हुआ हैं। ”
जोसफ: “कोई बात नहीं, मैं ठीक हूँ, जितना मजा आया ।”
सैंड्रा: “मेरा कल का बदला बाकी हैं, जोसफ तुम प्रतिमा की गांड मारो, तुम्हारा भी हो जायेगा और मेरा कल का बदला भी। ”
मैं भी चाहती थी उसका पूरा हो उसने मुझ पर इतनी मेहनत जो की थी पर अपनी गांड में उसका मोटा लंड लेना मतलब मौत को दावत देना था। मैं अपने कपड़े पहनने के लिए उठाने लगी। पर सैंड्रा ने आगे आकर मुझे पकड़ा और जोसफ को मुझे सोफे पर उल्टा लेटाने को कहा।
जोसफ ने वैसा ही किया, शायद उसको भी पूरा करना था। मैं उनको दुहाई देते मना ही करती रह गयी।
जोसफ ने मुझे उल्टा लेटा दिया। सैंड्रा ने आकर मेरी गांड़ के दोनों गालो को पकड़ दरार को चौड़ा कर जगह बनाई और जोसफ ने अपने लंड की टोपी को मेरे गांड के छेद के बाहर रखा। मैंने सोचा आज तो मेरी गांड फटने वाली हैं। यहाँ से सीधा अस्पताल जाना पड़ेगा टाँके लगवाने के लिए।
मैं: “सैंड्रा ये गलत हैं”
सैंड्रा : “ये तुम्हे कल सोचना चाहिए था, जब मुझे पकड़ कर राहुल का साथ दिया था। ”
मैं सैंड्रा को समझाती रही, जिस तरह वो कल मुझसे मिन्नतें कर रही थी आज मैं कर रही थी। मैंने राहुल की वजह से ही सैंड्रा को पकड़ा था, राहुल ने ही मुझे इस दर्दनाक गांड चुदाई की मुसीबत में फंसाया था ।
जोसफ: “छोड़ दो इसे, तुमने भी एक बार कोशिश की थी मेरा लंड अपनी गांड में लेने की याद हैं, बहुत दर्द होगा इसको। ”
सैंड्रा : “तुम ज्यादा मत सोचो, और डालो। ”
जोसफ ने अब अपना लंड मेरी गांड के छेद से छुआ दिया और मैं एकदम शांत हो गयी, मैंने सोच लिया अब मेरा कुछ नहीं हो सकता था। उसने अपने लंड की टोपी मेरी चौड़ी हो चुकी गांड के अंदर डाल दी। मेरी एक आह निकली, और उसने थोड़ा जोर लगा के बड़ी मुश्किल से अपने लंड की मोटाई वाला भाग आधा एक इंच और अंदर डाला और मेरी दर्द के मारे चीखे निकलने लगी।
मुझे तो सांस लेने में तकलीफ होने लगी और मुँह उठा कर खुला का खुला ही रह गया। मेरी भी रोने जैसी हालत थी। जो मैंने कल किया आज मैं भुगत रही थी। मेरी हालत पर तरस खा जोसफ ने अपना लंड थोड़ा बाहर खिंच कर सिर्फ टोपी वाला मोटा हिस्सा ही अंदर रखा और लंड की टोपी को ही मेरी गांड में अंदर बाहर कर चोदने लगा।
सैंड्रा उसको बोलती रही कि वो और अंदर लंड डाले, पर उसने अब मना कर दिया। पहली बार उसने अपनी मालकिन को मना किया था।
सैंड्रा अब मेरे से कहने लगी।
सैंड्रा: “मैंने लंड अपनी गांड में पूरा लिया था, अब तुम्हे भी लेना ही पड़ेगा। ”
मैं: “पर जोसफ और राहुल के लंड के साइज में अंतर तो देखो।”
सैंड्रा : “लेना तो पड़ेगा ही, जोसफ का ना सही राहुल का। बोलो किसका लोगी?”
इस बार अगर मैंने जोसफ चुना तो वो इसी वक़्त मेरी गांड फाड़ देगा, इसलिए मैंने बचने के लिए जवाब दे दिया।
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12-27-2021, 02:11 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
मैं: “मैं राहुल का ले लुंगी।”
तभी जैक अपना काम ख़त्म करके बाथरुम से बाहर आया। उसे मेरी चीखे तो सुनाई दी होगी।
सैंड्रा : “फिर से कहो क्या कहा ?”
वो मुझे जैक के सामने कबूल करवाना चाहती थी।
मैं: “मैं राहुल का ले लुंगी।”
सैंड्रा : “क्या लोगी, जोर से पूरा वाक्य बोलो।”
मैं: “मैं अपनी गांड में राहुल का लंड लुंगी। ”
सैंड्रा ने मुझे छोड़ दिया, जोसफ अभी भी अपने लंड की टोपी को मेरी गांड मे हिला रहा था और उसके मुँह से ऐसी आवाज आ रही थी जैसे अभी उल्टी करने वाला हो। ऊहब्ब्ब ऊहब्ब्ब ऊहब्ब्ब और एक जोर की दहाड़ के साथ उसने एक इंच लंड और मेरी गांड में डाल दिया . इधर मेरी चीख निकली और उधर उसने अपना पानी मेरी गांड में खाली कर झड़ गया।
उसने अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाला और मेरी गांड ने जैसे काफी देर के बाद सांस ली। मेरी गांड अब फफक फफक कर धड़क रही थी। मेरे हाथ पैर भी कांप रहे थे। मैं थोड़ी देर लेटे रही और अपना संतुलन वापिस लाने लगी। मैं अब खड़ी हुई, सामने जैक को देखा, वो शरमा कर अपने कमरे में चला गया। मैं पूरी थक के चूर थी।
जोसफ बाथरूम से साफ़ होकर बाहर आया और मैं उठी और कपड़े उठा कर बाथरूम में साफ़ होने गयी। मैं थोड़ी देर अंदर ही बैठ गयी और आराम करने लगी। नहा धो कर पुरे तीस मिनट बाद अपने कपड़े पहनते हुए मैंने सोचा इतना बुरा भी नहीं था। उस गांड चुदाई का थोड़ा हिस्सा छोड़कर बाकी का जितना दर्दनाक सोचा था उससे काफी ज्यादा सुखद था।
मैं अब बाहर आयी तो देखा राहुल वहा मौजूद था। उसे देख मेरे चेहरे पर एक ख़ुशी आ गयी। मुझे देखते ही वो मेरे पास आया और मेरी तबियत पूछने लगा। मैंने उसको बताया कि मैं ठीक हूँ । वो मेरी ही चिंता कर रहा था और मुझे लेने ही आया था। वो अब मुझे लेकर जाने लगा तो सैंड्रा ने मुझको याद दिलाया।
सैंड्रा : “प्रतिमा तुम्हे अपनी गांड चुदवाना हैं। चलो आ जाओ। ”
राहुल: “ये क्या बोल रही हो?”
सैंड्रा : “पूछो इसको। बताओ प्रतिमा।”
मैं अपना सर झुकाये खड़ी हो गयी। मैंने उस वक्त बचने के लिए बोल दिया था, सोचा था ये बाद में भूल जाएगी। मगर राहुल तो यहाँ आ गया।
सैंड्रा: “राहुल कल अगर प्रतिमा ने तुम्हारा साथ नहीं दिया होता तो तुम मेरी गांड नहीं मार पाते। प्रतिमा को भी अपनी गांड मरवानी पड़ेगी। मुझे जो दर्द मिला उसका बदला दर्द से ही होगा। ”
राहुल:”पर मैंने तुमको छोड़ दिया था, इस वादे के साथ कि तुम प्रतिमा से बदला नहीं लोगी”
सैंड्रा : “बहुत देर से छोड़ा था, तुमने जितनी देर कल मेरी गांड मारी थी उतनी देर तो इसको भी मरवानी पड़ेगी।”
मैं: “मुझे अभी थोड़ा दर्द हैं”
राहुल; “प्रतिमा तुम्हे ये करने की जरुरत नहीं। सैंड्रा तुम्हारा असली काम हो चूका हैं, जैक वाला। अब क्या प्रॉब्लम हैं तुमको। छोड़ दो बेचारी को। ”
सैंड्रा : “मुझको भी बेचारी बनाया था। ये तो करना पड़ेगा वरना तुम दोनों की अब तक की मेहनत पानी में जाएगी। सोच लो। ”
राहुल: “डील को लेकर बहुत ब्लैकमेल कर लिया, नहीं चाहिए डील। चलो प्रतिमा। ”
मैंने अपनी इज्जत लुटा दी बाकी लोगो की ख़ुशी के लिए और अब मिलेगा क्या कुछ नहीं, मतलब मेरा सारा त्याग तो व्यर्थ जायेगा। एक बार करवाया हैं, एक बार और करवा लुंगी। राहुल ने मुझे बाहर चलने को कहा और हम वहा से जाने लगे।
सैंड्रा पीछे से चिल्लाई “प्रतिमा ने तुमको चुना हैं अपनी गांड मरवाने के लिए। कल दोपहर में तुम्हारे ऑफिस आउंगी, मेरे सामने उसकी गांड चुदाई करना या उसका वीडियो दिखा देना तो डील साइन हो जाएगी।”
बाहर लाकर उसने मुझे अपनी कार में बैठाया और कहा कि वो मुझे घर पर छोड़ देगा । कार में वो मुझसे बातें करने लगा।
राहुल :”तुम चिंता मर करो, डील को भूल जाते हैं, फिर से दो साल मेहनत कर लेंगे। ”
मैं: “मुझे अपने लिए फैसला लेना होता तो कब का मना कर दिया होता। मैं ये नहीं चाहती कि मेरी वजह से इतने लोगो का करियर और ज़िंदगी खराब हो।”
मैं अब चिंता में पड़ गयी, ये कैसी नयी मुसीबत मौल ले ली मैंने। राहुल के सामने शर्मिंदा ना होना पड़े इसलिए जोसफ को चुना था, और अब राहुल के साथ भी चुदवाना पड़ेगा।
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12-27-2021, 02:12 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
मैं अब चिंता में पड़ गयी, ये कैसी नयी मुसीबत मौल ले ली मैंने। राहुल के सामने शर्मिंदा ना होना पड़े इसलिए जोसफ को चुना था, और अब राहुल के साथ भी चुदवाना पड़ेगा।

राहुल : “तुम दूसरे लोगो का कितना सोचती हो। तुम्हे त्याग करना पड़ा, मुझे अच्छा नहीं लग रहा हैं। ”

मैं: “मुसीबत भी तो मेरी वजह से ही आयी थी न। ”

राहुल: “अपने आप को दोष मत दो।”

मैं: “राहुल मैंने सोच लिया हैं, इतना त्याग किया हैं, मैं एक बार और कर लुंगी। इतना आगे आकर पीछे नहीं हटना मुझे। ”

राहुल: “तुम स्योर हो? कल तुमने मेरी बजाय जोसफ को चुना था। कोई तो कारण रहा होगा। ”

मैं: “तुम्हारे साथ एक बार ये सब करवाउंगी तो फिर हमेशा ऑफिस में तुम्हारा सामना कैसे करूंगी । यही सोच कर जोसफ को चुना था। ”

राहुल: “तो ये फैसला आखिरी हैं ?”

मैं: “हां, मुझे तुम पर पूरा यकीन हैं। थैंक यू, इन दिनों में तुमने मेरा बहुत साथ दिया और ध्यान रखा।”

राहुल: “तुम वाकई बहुत महान हो। तुम्हारी तबियत कैसी ही? तुम कह रही थी थोड़ा दर्द हैं। ”

मैं: “नहीं, ऐसे ही कह रही थी, सैंड्रा को टालने के लिए। ”

राहुल: “तो फिर कब करना हैं। सैंड्रा के सामने कल ऑफिस में या पहले ही करके वीडियो सबूत दिखाना हैं।”

मैं: “आज नहीं, कल। वीडियो सबूत मैं अपने मोबाइल में ही रखूंगी।”

राहुल: “अवश्य, जैसी तुम्हारी मर्जी।”

राहुल: “तो फिर तुम्हारे घर या मेरे फार्म हाउस पर।”

मैं: “जैसा तुम्हे ठीक लगे।”

राहुल: “कल तुम्हारे कपड़े मेरे फार्म हाउस पर रह गए थे। मैंने धुलवा दिए हैं। कल वही चलते हैं, अपने कपड़े भी ले लेना और एक रिक्वेस्ट हैं”

मैं: “क्या?”

राहुल :”तुम्हे फार्म हाउस पर जो ड्रेस दी थी रूही की, वो पहन कर आना, मुझे अच्छा लगेगा।”

मैं: “ठीक हैं, और कुछ?”

राहुल: “कल सुबह मैं तुम्हे लेने तुम्हारे घर आऊंगा। तुम तैयार रहना। सीधा फार्म हाउस जायेंगे और काम होते ही वापिस ऑफिस आ जायेंगे। कल सैंड्रा डील को फाइनल कर देगी। ”

मेरा घर आ गया और मैंने राहुल से विदा ली। घर पर आकर मैं अपने आप को एक गुनहगार महसूस कर रही थी। मैंने अपनी शपथ तोड़ कर एक गैर मर्द के साथ संबंध बनाये थे। और मेरी शपथ कल दूसरी बार टूटने वाली थी जब मैं राहुल के साथ भी करुँगी। पर सान्तवना थी कि ये सब दुसरो के भले के लिए था ।

हालांकि जोसफ का मोटा लंड लेने के बाद भी ज्यादा कुछ दर्द नहीं था । मैंने दर्द निवारक दवाई ले ली दोपहर और फिर रात को। सामान्यतया दर्द सुबह उठने पर ही महसूस होता हैं तो ये एहतियात जरुरी थी।

अगली सुबह एक दर्द के साथ मेरी नींद खुली, मेरी गांड और चूत में हलकी सी टीस उठ रही थी। दर्द से मेरे दोनों छेद लपक झपक कर रहे थे।

मैंने उठ कर अपने काम निपटा कर पहले नाश्ता किया ताकि फिर से दर्द निवारक दवा ले सकू और इस दर्द से थोड़ी राहत मिले। मुझे आज उसी छेद में राहुल का लंड भी लेना था तो अपने आप को तैयार रखना था।

मैंने राहुल की दी हुई ड्रेस पहन ली। वो एक नीले रंग की फ्रॉक ड्रेस थी और उस पर सफ़ेद छोटे फूल बने थे। कमर से ऊपर वो बदन से चिपकी सी थी और कमर के नीचे हल्की ढीली थी और घुटनो तक आती थी। मैंने मेकअप करना शुरू कर दिया था, राहुल कभी भी आता होगा। धीरे धीरे दवा ने असर दिखाना शुरू कर दिया था और अब वो टीस थोड़ी हल्की पड़ गयी थी।

थोड़े इंतजार के बाद राहुल आ गया था, मुझे देख एक बार फिर ताकता ही रह गया। उसने ऑफिस के कपड़े ही पहन रखे थे क्यों कि फार्म हॉउस से सीधा हमें ऑफिस ही जाना था, जहा सैंड्रा आने वाली थी।

पुरे रास्ते बार बार वो मुझे ही देख कर मुस्कुरा रहा था और और उसे देख मैं भी हल्का शर्म से मुस्कुरा देती। हम दोनों को ही पता था हम क्या करने जा रहे हैं। दोनों की ही इच्छा तो नहीं थी पर फिर भी जो काम करना था उससे एक दूसरे के प्रति वासना उमड़ना तो स्वाभाविक था। मुझे तो हल्का दर्द भी था तो मुझे कुछ ज्यादा ही नियंत्रण में रहना था।

हम दोनों अब उसके फार्म हाउस पर पहुंचे। हॉल में आने के बाद वो मुझे सीधा उस बालकनी में ले गया जहा पार्टी वाली रात उसने मुझे चूमने की कोशिश की थी और हम पहली बार अन्तरंग हुए थे। हालांकि तब मैंने बहुत नियंत्रित किया था और बच गयी थी।

बालकनी में पहुंच कर वो मेरे सामने खड़ा हो गया और मुस्कराहट के साथ मेरी दोनों हथेलिया अपनी हथेली में ली और अपने अंगूठे से मेरी उंगलियों को सहलाते मुझे देखता रहा। मुझे समझ नहीं आया क्या कर रहा हैं। मैंने बस मुस्कुरा कर जवाब दिया। वो एक कदम और करीब आया और अपना सर थोड़ा सा तिरछा करते हुए अपने होंठ मेरे होंठो के करीब ले आया।
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12-27-2021, 02:12 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
मेरी उसके करीब आते ही मेरी और उसकी मुस्कान गायब हो गयी। दोनों के होंठ बंद थे और एक बार तो मुझे कुछ सुझा ही नहीं मैं क्या करुं। तब तक उसके बंद होंठ मेरे बंद होंठो को हल्का सा छू गए। मेरे पुरे बदन में एक सिहरन सी उठी। उसने हल्का सा होंठ पीछे कर अपने होंठ थोड़े खोले और मेरे होंठ भी स्वतः ही खुल गए।

उसके होंठ एक बार फिर आगे बड़े और मेरे ऊपर के होंठ को छू अपने अंदर दबाने ही वाले थे कि मेरी गांड में उठे एक दर्द ने मुझे जगा दिया और मैं एकदम से पीछे हट गयी। उसके होंठ खुले के खुले रह गए।

मैं: “नहीं राहुल, ये ठीक नहीं।”

राहुल: “मैं इतना बुरा हु ! जैक को चूमा वो ठीक, पर मैं उसके जितना काबिल नहीं?”

मैं: “तुम गलत सोच रहे हो, तुम अच्छे इंसान हो मुझे पसंद हो, पर तुम मेरे बॉस हो। मैं बॉस के साथ कोई संबंध नहीं बना सकती। मुझे तुम्हारा सामना रोज ऑफिस में करना पड़ेगा। एक तरफ ऐसा रिलेशन दूसरी तरफ ऑफिस का, मैं दोनों हैंडल नहीं कर पाऊँगी। वैसे भी मैं शादीशुदा हु, मैं किसी और के साथ लंबा रिलेशन नहीं रखना चाहती।”

राहुल: “आई एम् सॉरी। तुम्हारे जैक के साथ रिश्ते को लेकर मैं इमोशनल हो गया था। थोड़ी जलन भी थी।”

मैं: “मैं किसी के साथ दिल नहीं लगाना चाहती, जैक के साथ लगाया था उसके परिणाम सामने हैं। अब और गलती नहीं करनी हैं। आज मेरी आखिरी गलती होगी। हम जिस काम के लिए आये हैं वो कर लेते हैं और फिर अपनी अपनी राह पकड़ लेते हैं, पहले की तरह।”

राहुल: “ठीक हैं मेरे बैडरूम में चलते हैं।”

राहुल और मैं अब उसके बैडरूम में आ गए थे। हम दोनों एक दूसरे की शक्ल ताक रहे थे कि आ तो गए अब शुरू कैसे करे। आज तो सैंड्रा भी नहीं जो आदेश देकर हमें शुरू करवा सके। कभी हम एक दूसरे को देखते तो कभी आस पास।

राहुल अब आगे बढ़ा और मुझे पीछे घुमा कर मेरी पीठ पर से ड्रेस की चैन नीचे खिंच खोल दी। मैं थोड़ा आगे हटी और फिर उसकी तरफ घूम कर हाथ पीछे ले जाकर अपनी चैन बंद कर दी।

मैं: “पुरे कपडे खोलने की क्या जरुरत हैं, तुम नीचे से कपडे थोड़े उठा कर ही पीछे से कर सकते हो। ”

राहुल: “मैंने सोचा तुम्हारे कपड़े गंदे हो जायेगे इसलिए.. ”

मैं: “अगर ख़राब भी हो गए तो कोई बात नहीं, मेरी पिछली बार के जो कपड़े रह गए थे वो मैं पहन लुंगी। वैसे भी मैं इन केजुअल कपड़ो में ऑफिस नहीं जा सकती।”

राहुल: “मेरे पास यहाँ कोई ऑफिस वियर नहीं हैं इसलिए मुझे मेरे कपड़े तो खोलने ही पड़ेंगे । तुम्हे कोई आपत्ति तो नहीं ?”

मैं: “मैं पीछे मुड़ जाती हूँ, तुम कपड़े खोल लो। ”

राहुल अपने कपड़े निकालने लगा और मैं उसकी तरफ पीठ कर खड़ी हो गयी। थोड़ी देर में उसने सब कपड़े निकाल दिए। हम दोनों बिस्तर के पास ही खड़े थे। मेरा मुँह बिस्तर की तरफ था।

राहुल ने बताया कि वो कपड़े खोल कर तैयार हैं तो मैंने अपना फ़ोन रिकॉर्डिंग के लिए राहुल को दे दिया। हमें वीडियो सैंड्रा को सबूत के तौर पर दिखाना था। राहुल ने मेरा मोबाइल एक टेबल पर सेट कर रख दिया। मैं अब भी उसकी तरफ पीठ घुमाये खड़ी थी और उसका इंतजार कर रही थी।

वो मेरे पीछे आकर खड़ा हुआ, और मैंने अपनी ड्रेस के नीचे से अंदर हाथ डाल कर अपनी पैंटी निकाल कर रख दी। मैं आगे की तरफ झुक कर उसकी ओर अपनी गांड कर दी और उसके हाथ के स्पर्श का इंतजार किया। उसका हाथ तो नहीं आया पर आवाज आ रही थी। वो अपना लंड रगड़ कर कड़क करने की कोशिश कर रहा था शायद।

राहुल: “मुझे कुछ समय दो, अपने आप को तैयार करने के लिए।”

मैं फिर सीधा खड़ी हो इंतजार करने लगी। एक दो मिनट के बाद वो फिर बोला।
राहुल: “अगर तुम्हे कोई आपत्ति ना हो तो मेरी मदद कर दोगी तैयार करने में। ”
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12-27-2021, 02:12 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
राहुल: “मुझे कुछ समय दो, अपने आप को तैयार करने के लिए।”
मैं फिर सीधा खड़ी हो इंतजार करने लगी। एक दो मिनट के बाद वो फिर बोला।
राहुल: “अगर तुम्हे कोई आपत्ति ना हो तो मेरी मदद कर दोगी तैयार करने में। ”
मैं सकपका गयी, उसके लंड को कैसे हाथ लगा सकती हूँ। मगर समय बचाना था, जल्दी से इस स्तिथि से बाहर आना था। तो मैंने बिना मुड़े अपना हाथ पीछे किया और टटोलने लगी उसका लंड कहाँ हैं। उसने मेरा हाथ पकड़ा और रास्ता दिखाते हुए अपने नरम पड़े लंड पर रख दिया।
हाथ से उसके लंड को छूते ही मुझे जैसे करंट लगा और मैंने झटके से हाथ फिर खींच लिया। मैंने एक बार फिर प्रयास किया और इस बार बिना उसकी मदद के अपना हाथ पीछे ले जाकर उसके एब्स पर रख दिया, फिर बिना हाथ उठाये उसके बदन पर खिसकाते हुए उसके लंड तक ले आयी और उसे पकड़ लिया।
उसका तीन चार इंच का जेली समान नरम लंड था। मैंने उस पर अपना हाथ रगड़ना शुरू किया। हाथ पीछे की तरफ था तो संतुलन नहीं बैठ रहा था।
राहुल: “तुम मेरी तरफ घूम जाओ, नहीं देखना हो तो नीचे मत देखना। ”
मुझे उसकी बात समझ में आ गयी, मैं नजरे सीधी सामने रखते हुए उसकी तरफ मुड़ गयी। हम दोनों अब एक दूसरे के चेहरे पर देख रहे थे।
मैं एक बार फिर अपना हाथ अंदाज़े से नीचे ले गयी और एक बार में उसके लंड पर हाथ रख उसको पकड़ रगड़ने लगी।
जैसे जैसे मैं उसका लंड रगड़ रही थी वो मेरी तरफ देख हल्का सा मुस्कुरा रहा था, तो मैं भी शर्म के मारे मुस्कुरा रही थी। कुछ ही देर में उसका लंड बड़ा और कड़क होने लगा था। उसका लंड अब हल्का गरम हो चुका था पर थोड़ी नरमी अभी बाकी थी। मैंने उसके चेहरे पर देखा तो कभी एक शिकन आ जाती तो कभी उसका मुँह हल्का सा खुल जैसे सिसकी निकलने को होती और वो दबा लेता। उसकी हंसी अब गायब थी।
उसका ये मजा लेता चेहरा देख मुझे भी कुछ कुछ होने लगा, पर शरम ज्यादा थी। वो मेरी तरफ देख रहा था और मैं अपना चेहरा कैसे छुपाती। मैं बीच बीच में इधर उधर देखने लगती। उसने मेरे कंधे पर हाथ रखा और मुझे दबाने लगा। मुझे भी लगा कि उसका सामना करू उससे अच्छा हैं नीचे बैठ कर रगड़ू।
मैं अब नीचे बैठ गयी और उसका लंड मेरे सामने था। उसके लंड के अंदर की नसे थोड़ी तन गयी थी। ये मेरी चूत में जाने के लायक तो था पर गांड के लिए थोड़ा और कड़क होना जरुरी था। मैं पंजो पर बैठे अपना संतुलन नहीं बना पा रही थी तो उसकी एक जांघ को पीछे से पकड़ लिया। एक इच्छा हुई उसका लंड मुँह में ले लू ताकि जल्दी कड़क हो जाये। पर आगे बढ़कर कैसे करूँ, वो क्या सोचेगा।
उसने अपना हाथ मेरे सर के पीछे रखा और आगे की तरफ अपनी ओर लाने लगा। शायद वो भी मेरी तरह यही चाहता था। मैंने अपने हाथ में पकड़ा लंड अपने मुँह में रख दिया और उसकी एक स्पष्ट आह निकली।
मैंने अब अपना दूसरा हाथ भी फ्री कर उसकी दूसरी जांघ को पीछे से पकड़ लिया।
उसका आधा लंड मेरे मुँह में था और मैं आगे पीछे हो उसे रगड़ रही थी और उसस्की सिसकिया चालू थी। थोड़ी देर में उसने मुझे मुँह में ही जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया। मैं भी अपना मुँह आगे पीछे कर रही थी और वो भी आगे पीछे हो रहा था तो इससे गति ज्यादा हुई। उसका लंड अब स्टील की भांति कड़क हो चूका था।
उसके लंड का टेस्ट मुझे अच्छा लग रहा था और उस पर उसकी सिसकिया, मैं उनमे गुम हो रुकी नहीं। फिर अचानक गप्प की आवाज आयी और उसने अपना पूरा लंड मेरे मुँह में उतार दिया और वही रुक गया, उसका लंड मेरे गले तक उतर गया था । मेरी तो सांस ही रुक गयी, और मैंने जल्दी से उसका लंड बाहर उगल दिया।
मैं अब खांसते हुए खड़ी हुई क्यों कि उसका थोड़ा पानी मेरे गले में अटक गया था। मैं अब थोड़ा सामान्य हुई, वो मुझे अब पोजीशन में लाने लगा। उसने मुझे बेड के किनारे पर घोड़ी की तरह घुटनो और कोहनियो के बल लेटा दिया। मेरे घुटने बेड के किनारे पर थे और गांड का हिस्सा बेड के बाहर लटका था। जब कि मेरा धड़ और सर बिस्तर पर था।
इस पोजीशन में आते ही मेरी ड्रेस नीचे से थोड़ी सी ऊपर हो गयी और जाँघे बाहर आ गयी। वो मेरी गांड की तरफ बिस्तर के पास नीचे खड़ा था। उसने मेरी ड्रेस नीचे से पकड़ी और ऊपर उठा कर मेरी गांड को नंगा कर दिया। ड्रेस हटते ही मेरी गांड और चूत के छेद पर हवा पड़ने लगी। मैं अपने बॉस के सामने पहली बार नंगी थी।

इस पोजीशन में जरूर उसको मेरी चूत का छेद भी दिख रहा होगा ये सोच कर मुझे और भी शरम आ रही थी। गांड मारते हुए वो मेरी शक्ल नहीं देख पायेगा बस ये ही अच्छी बात थी। मैंने सोचा मैं खड़े हो कर गांड मरवा लेती हु ताकि वो मेरी चूत को ना देख पाए। मैं खड़े होने को हुई और उसने मेरी ड्रेस को और भी ऊपर खिसका कर कमर से ऊपर कर दिया। अब मेरी नंगी गांड के साथ नंगी कमर भी उसके सामने थी।

वो नीचे खड़ा था और अपने हाथ की उंगलिया मेरे गांड के छेद पर रगड़ने लगा, चूत का छेद एकदम उसके नजदीक ही था तो उसकीउंगलिया वहा भी छूने लगी। मेरा पानी निकलने लगा था उसकी उंगलिया भीग गयी थी और उसने वो पानी मेरी गांड के छेद पर लगा दिया। वो अपना उंगलिया मेरी चूत के छेद से शुरू करते हुए रगड़ता हुए गांड के छेद तक लाते हुए चिकनाई लगा रहा था।

अनायास ही उसकी उंगलियों की छुअन से मेरी चूत अपना थोड़ा पानी छोड़ रही थी। मुझे मेरी गांड पर भी उस सारे चिकने पानी के लगने से अब ठंडाई महसूस हो रही थी ।

तभी एक कड़क गरम लोहे की छड़ की तरह चीज मेरे गांड के छेद को छू गयी। उसका लंड अब मेरे अंदर प्रवेश को तैयार था। उसने अपने लंड की टोपी मेरे गांड के छेद में घुसा हल्का धक्का मारा और उसका दो इंच लंड मेरी गांड के अंदर घुस गया और मेरी एक आह निकली।
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