Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
12-27-2021, 01:09 PM,
#51
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
अब वो मेरे अंदर अपनी ऊँगली चारो तरफ फिराते हुए मजे लेते कहने लगा, “अंदर तो मौसम बहुत गर्म हैं और गीला हैं।”

फिर उसने अपनी ऊँगली अंदर बाहर करनी शुरू कर दी। मेरी ना चाहते हुए भी सिसकिया निकलने लगी।

वो दोनों हँसने लगे और बोले “अब आया न मजा इसको भी।”

तभी मेरी सिसकिया सुनकर संजू उठ गया, अपना सर ऊपर उठाते हुए अमित पर चिल्लाया “अबे छोड़ ना अमित, उसको तेरे से नहीं कराना तो क्यों पीछे पड़ा हैं”

अमित ने अपनी ऊँगली मेरी चुत से बाहर निकाल दी। संजू अब उठ खड़ा हुआ। अमित ने मेरे हाथ और पाँव पर पकड़ भी छोड़ दी। पति ने भी मुझे छोड़ दिया। और अमित बिस्तर के कोने पर जाकर बैठ गया।

मैं भी अपने घुटने मोड़ कर बैठ गयी और अपने सीने से चिपका कर अपना मुँह घुटनो के बीच छुपा लिया।

संजू ने भाभी का हाथ पकड़ कर उनको भी उठाया और उनको बोला “चलो हम वाशरूम में खुद की थोड़ी सफाई करके आते हैं।”

अमित ने अपना कंडोम निकाल कर फेंक दिया जो भाभी पर यूज़ किया था। मैंने सर उठा के देखा, संजू और भाभी कमरे के बाहर निकल गए।

तभी अमित ने अब दूसरा कंडोम पहन लिया। मैं डर गयी उसके इरादे नेक नहीं लगते।

मैं सही थी, पर कुछ समझ पाती उससे पहले ही अमित पीछे मुड़ा और पति से बोला “संजू गया, अब लेते हे इसकी फिर से”।

उन दोनों ने मुझे फिर से पकड़ लिया, मैंने विरोध किया। उन्होंने मुझे घुटनो के बल बैठाया और मेरी पीठ को दबाते हुए मुझे मुँह के बल नीचे झुका दिया।

मेरा मुँह मास्क सहित बिस्तर से चिपका था और पति ने पीठ से दबा कर मुझे वहां चिपका ही रहने दिया।

अमित अब मेरे पिछवाड़े आ गया था और मेरे दोनों कूल्हो को अपने हाथों में भर लिया। उसका कड़क लंड रह रह के मेरे नितंबो को छू रहा था।

अब शायद वो घड़ी आ चुकी थी जब भाई बहन का रिश्ता तार तार होने वाला था। एक पाप होने वाला था। मेरी आँखों के सामने एक पिक्चर रील चल रही थी जिसमे मेरे पिछले सारे कांड चल रहे थे।

मैं आज जिस स्तिथि में थी उसकी जिम्मेदार शायद मैं ही थी। आँखों के सामने चलती हुई वो पिक्चर अचानक थम सी गयी, जब मैंने एक कड़क मांस का लोथड़ा मेरी चुत में धीरे धीरे घुसते हुए महसूस किया। मेरी दिल की धड़कने कुछ सेकंड्स के लिए रुक सी गयी थी। भाई बहन के रिश्ते पर दाग लगा गया था।

अमित का लंड पूरा अंदर तक आ गया था और मेरी बच्चे दानी को थपकी मारते हुए फिर धीरे धीरे बाहर आने लगा। पूरा बाहर आने से पहले ही वो रुक गया और एक बार फिर रगड़ करते हुए अंदर जाने लगा। मेरी रुकी धड़कने एक बार फिर चलने लगी।

मुझे उन दोनों की हंसी कही दूर से आती हुई सुनाई पड़ रह थी, जब की वो दोनों मेरे पास ही बैठे थे।

अमित मुझे पीछे से जोर जोर से चोद रहा था और लाचारी में मेरे मुँह से अनायास ही निकल गया “बहनचोद”। जो कि एक कड़वा सत्य भी था।

गाली सुन उसको ओर जोश आ गया और वो ओर भी जोर के झटके मारने लगा।
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12-27-2021, 01:09 PM,
#52
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
इस सच को स्वीकारने के अलावा मेरे पास कोई ओर चारा न था। अमित के लंड के अंदर बाहर जाते झटको के साथ मेरा सारा विरोध और छटपटाहट धीरे धीरे शांत हो चुकी थी।

अब विरोध करने के लायक कुछ बचा ही न था। पति ने भी मेरी पीठ पर से हाथ हटा लिया था।

अमित बोला “देखा अंदर लंड जाते ही अच्छी अच्छी घोड़िया शांत हो जाती हैं” और दोनों कहकहे लगाने लगे। मैं अपना चेहरा बिस्तर में घुसाए मास्क के अंदर जैसे रो रही थी।

अमित का इसका कोई असर नहीं हुआ, उसने झटके मारना जारी रखा और सिसकिया भी निकालते जा रहा था। मेरे पहले विरोध करने पर वो जितने जोर के झटके मार रहा था अब मेरा विरोध ख़त्म होने पर उसके झटको में उग्रता नहीं रही थी।

संजू और भाभी ने हँसते हुए एक बार फिर कमरे में प्रवेश करते हैं। वहाँ की हालत देखकर संजू दंग रह गया।

वो एक बार फिर अमित पर चिल्लाया “अरे अमित तुझे मना किया था इसको छोड़ दे पर तू फिर शुरू हो गया।”

अमित ने भी जवाब दिया “तेरी क्या बहन लगती हैं जो बार बार बचा रहा हैं?”

अब संजू भला क्या बोलता। मुझे तो इसमें ही सांत्वना मिल गयी कि पति ना सही मेरा पहला प्यार ही मुझको बचाने की कोशिश तो कर रहा हैं। हालाँकि इस स्तिथि में फंसाने का जिम्मेदार भी वो ही था।

संजू ने अमित के सामने प्रस्ताव रखा कि भाभी एक बार फिर से तैयार हैं करवाने के लिए तो वो उन के साथ कर ले और मुझे छोड़ दे।

पर अमित ने मना कर दिया और भाभी को बोला “माफ़ करना पर आपको थोड़ी देर पहले ही चोदा था पर कुछ नया नहीं लगा, पर इस पूर्वी को चोदने का एक अलग ही नशा आ रहा हैं।”

बाकि लोग तो वैसे भी समझ चुके थे कि भाभी को तो वैसे भी अमित रोज चोदता हैं तो मजा कैसे आएगा।

संजू अब मेरी पीठ पर हाथ फेर सहलाने लगा और बोला “चिंता मत कर शरीर ही तो हैं, कौन चोदता हैं क्या फरक पड़ता हैं, तुम मजे लो।”

अब पति ने भी अमित से डिमांड की के मिलकर करते हैं। अमित मान गया एक से भले दो। अमित और पति मिलकर मुझे बिस्तर से उतार नीचे लाये।

पति एक कुर्सी पे जाकर बैठ गए और मुझे अपनी गोद में बैठा लिया। अमित ने मेरे दोनों पैर ऊपर उठाये और घुटनो के बल मोड़ते हुए पति की दोनों जांघो पर मेरे दोनों पैर के पंजे टिका दिए।

मैं एक ग़ुलाम की तरह उनके आदेश मानने के अलावा कुछ कर भी नहीं सकती थी।

पति ने अब अपना कंडोम निकाल दिया और अपना लंड पकड़ा और मेरी गांड में घुसाना शुरू कर दिया। दर्द से मेरी भी एक चीत्कार निकली। उन्होंने अब अपना पूरा लंड मेरी गांड में उतार दिया और अब मेरी कमर पकड़ कर मुझे ऊपर नीचे करने लगा।

मेरे पति ने अब अपनी दोनों टाँगे फैलानी शुरू की जिससे उस पर रखी मेरी टाँगे भी खुलने लगी। संजू और भाभी बिस्तर पर बैठे इस नज़ारे का आनंद ले रहे थे।

अमित अब आगे बढ़ा और हम दोनों की टांगो के बीच आकर मेरी चुत को रगड़ने लगा और अपना अंगूठा चुत की खुली दरार में डाल कर फिराने लगे। मैं भी अब तड़पने लगी थी और सिसकिया मारने लगी।

अब अमित घुटनो के बल बैठा और अपना लंड पकड़ मेरी चुत की खुली दरारों में पर ऊपर नीचे रगड़ने लगा। रगड़ते हुए अचानक मेरे खुले छेद में उसने अपना लंड घुसेड़ दिया। अमित ने अपने दोनों हाथ मेरे मुड़े घुटनो के नीचे डालें और पाँव को थोड़ा उठा दिया।

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12-27-2021, 01:09 PM,
#53
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
अब अमित घुटनो के बल बैठा और अपना लंड पकड़ मेरी चुत की खुली दरारों में पर ऊपर नीचे रगड़ने लगा। रगड़ते हुए अचानक मेरे खुले छेद में उसने अपना लंड घुसेड़ दिया। अमित ने अपने दोनों हाथ मेरे मुड़े घुटनो के नीचे डालें और पाँव को थोड़ा उठा दिया।

एक तरफ अमित सामने से आगे पीछे झटके मार कर मजे दिला रहा था, तो नीचे से मेरा पति अपना लंड मेरी गांड में अंदर घुसाए ऊपर नीचे करने की कोशिश कर रहा था।

पति ने अब मेरी कमर छोड़ी और मेरे दोनों मम्मे पकड़ लिए और मसलने लगे। फिर उन्होंने मेरी तनी चूंचिया दो ऊँगली में दबा नॉब की तरह घुमाने लगा.

मेरा भाई और पति मेरे दोनों छेदो में अपना लंड घुसाए मुझे मजा दिला रहे थे। मैं भी अब अह्ह्ह्ह उह्ह्ह करते हुए लगातार सिसकिया निकाल रही थी।

क्योकि अंत में मै भी थी तो एक औरत, उस मजे को नजर अंदाज भी नहीं कर सकती थी।

पति भी अब जोर जोर से सिसकिया निकालने लगे और मेरी चूंचिया छोड़ मेरी कमर पर हाथ रख एक बार फिर मुझे ऊपर नीचे करने लगा। थोड़ी ही देर में उन्होंने जोर की चीख निकाली और उनका सारा गरम पानी मेरी गांड में छूट गया।

अमित अब भी मुझे आगे से चोदे जा रहा था। हम तीनो की हालत देख संजू और भाभी का फिर से मूड बनने लगा।

संजू हमारी तरफ टाँगे कर बिस्तर पर लेट गया और भाभी हमारी तरफ पीठ कर संजू पर झुकी। उनका मुँह दूसरी तरफ था तो भाभी ने हिम्मत कर अपना मास्क निकाल दिया और संजू का लंड चूसने लगी।

जबकि उनको इतना भी डर नहीं था कि उनका चेहरा उनके पति को दिख जाएगा।

अपने पति और भाई से एक साथ चुदवाते हुए, ना चाहते हुए भी मैं आनंद सागर में हिचकोले खा रही थी। पति मेरी गांड में ही झड़ चुके थे। उधर भाभी उत्साह में अपना मास्क निकाले संजू का लंड चूस रही थी।

पति का हो चूका तो उन्होंने कहाँ “मेरा हो गया, मुझे नीचे से निकलने दो, फिर तुम दोनों करते रहना”।

अमित ने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाला और पीछे हटा। मैं पति के ऊपर से नीचे उतरी। पति के लंड से निकला हुआ पानी मेरी गांड में जमा था जो लंड के बाहर आते ही रिसने लगा।

पति को पूरा लंड पानी से तरबतर हो गंदा हो चुका था। पति बोले मैं वाशरूम जाकर साफ़ करके आता हूँ।

अमित ने मुझको बोला “अब बिस्तर पर करते हैं।” मुझे ले जाकर संजू के पास लेटा दिया।

मैंने देखा भाभी ने मास्क नहीं लगा रखा हैं और उनका चेहरा थोड़ा दिख रहा हैं, अमित के मेरे पास आते ही उसको भाभी का चेहरा दिख सकता हैं, पर भाभी तो चूसने में इतनी मगन थी कि उनको कोई अहसास ही नहीं था इस बात का।

संजू ने समय रहते एक हाथ से भाभी का चेहरा ढक लिया और दूसरे हाथ से मास्क उठा कर भाभी के चेहरे के साइड में लगा दिया। अमित ने मेरी टाँगे चौड़ी कर फोल्ड कर दी और झुक कर अपने मुँह से मेरी चुत चाटने लगा।

थोड़ी देर चाटने के बाद अमित मुझसे बोला “ये पास वाली अपना मास्क हटा के लंड मुँह में ले रही हैं, तू भी ऐसा ही कर।”

अमित ने अपना कंडोम निकाल कर फेंक दिया। मेरी तरफ टाँगे कर सीधा लेट गया और मुझे उस पर लेट कर 69 पोजीशन बनाने को कहा। मैं उसके कहे अनुसार उस पर लेट गयी। उसके होंठ एक बार फिर मेरी चुत पर चलने लगे। उसका लंड मेरे मास्क के नीचे था।

अमित ने मुझे उसका लंड भी मुंह में लेने को कहा। मैंने डरते हुए उसका लंड अपने हाथ में पकड़ा और एक अजीब सी घबराहट हुई और उसे छोड़ दिया।

उसने थोड़ा जोर से फिर मुझे मुँह में लेने को कहा। मुझे लगा कही वो आकर मेरा मास्क ही ना हटा दे। उसका लंड रह रह कर फडफडा रहा था और ऊपर नीचे हो रहा था।
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12-27-2021, 01:09 PM,
#54
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
मैंने एक बार फिर उसका लंड अपने हाथ में लिया। पति बाहर गए थे और भाभी दूसरी तरफ मुँह कर संजू का लंड चूसने में लगी थी।

मैंने अपना मास्क थोड़ा ऊपर उठा कर ललाट पर कर दिया और आँखें बंद कर ये सोचते हुए मुंह में लेने लगी, कि ये लंड पति का हैं।

मुंह में लंड जाते ही मुझे गिन्न आने लगी। मैं फिर निकालना चाहती थी पर अमित नीचे से ही झटके मारते हुए मेरे मुंह को चोदने लगा।

थोड़ी देर मुंह में रखने के बाद मुझे वो भी दूसरे लंडो की तरह ही लगा और मैं ऐसे ही उसे चूसने लगी।

नीचे से अमित ने अब अपनी जबान से मेरी चुत को चाटना और चोदना शुरू कर दिया। अमित की खुरदरी गीली जबान मेरी चुत में चल रही थी और मैं पागल हुई जा रही थी।

तभी पति कमरे में आये। मैंने तुरंत अपने खुले बालो को बिखेर कर अपने चेहरे को ढक लिया और एक हाथ से साइड फेस को छुपाने लगी।

दोनों लड़कियों को लंड चूसते देख पति का भी मूड खुश हो गया। मैंने उंगलियों के झरोखे से देखा वो अपना नरम पड़ा लंड अपने हाथों से रगड़ते हुए कड़क करने लगे।

मैं अपनी जबान को अमित के लंड की टोपी के चारो तरफ फेरते हुए रगड़ रही थी। थोड़ी थोड़ी देर में उसका एक बून्द पानी लंड से निकलता और मैं उसको अपनी जबान से चाट कर साफ़ कर देती।

पति का लंड अब कड़क हो चूका था और वो कंडोम पहन कर उलटी लेती भाभी के ऊपर चढ़ गए।

उनका चेहरा भी अब दूसरी तरफ था तो मैंने अपना हाथ जो चेहरे को ढका था हटा लिया और इत्मीनान से अमित की टोपी को आइसक्रीम की तरह चाटती रही।

मैं अब तक अमित का बून्द बून्द पानी चाट रही थी, अब मैंने उसका पूरा लंड मुँह में घुसा कर अंदर ही रखे घुमाने लगी। उसका नमकीन मीठा गुनगुना पानी मेरे मुँह से होते हुए गले में जाने लगा।

थोड़ी देर के लिए मैं भूल गयी कि मैं किसके साथ कर रही हूँ और इस ग्रुप सेक्स में मुझे भी मजा रहा था और मदहोशी में मेरा भी पानी छूटने लगा था।

अमित को जैसे ही मेरे पानी का स्वाद लगा, थोड़ी देर तो उसने चाटा फिर उसने चाटना छोड़ दिया और मुझको बोला “मुंह से बहुत चोद लिया अब लंड से चोदने की बारी है।”

उसने मुझे अपने ऊपर से हटा लिया और मैंने तुरंत अपना मास्क नीचे खिसका कर चेहरे को फिर ढक लिया। अमित ने बिस्तर से उतर कर नया कंडोम पहन लिया।

उधर संजू जोर जोर से सिसकारियां मारने लगा और उसने अपना सारा पानी भाभी के मुंह में छोड़ दिया। उसने अभी भी हाथ और मास्क से भाभी का चेहरा छुपा रखा था।

भाभी अब संजू के लंड पर लगे पानी को चाट कर साफ़ करने लगी। फिर संजू ने सावधानी से फिर उनको मास्क पहना दिया।

संजू अब भाभी के सामने से हटा, भाभी वही लेटे लेटे मेरे पति से पीछे से चुदवा रही थी। संजू अब बिस्तर से नीचे उतर आया, उसका लंड तो भाभी ने चाट कर वैसे ही साफ़ कर दिया था।

अमित अब बिस्तर पर लेट गया और मुझको उस पर बैठने के बोला। मैं उसका सामना नहीं करना चाहती थी तो उसकी तरफ पीठ करके उसके लंड पर बैठ गयी।

मैंने उसका लंड पकड़ा और अपनी चुत में घुसा कर उसके पैरो की तरफ झुक गयी। मैं अब अपने कूल्हों को ऊपर नीचे करते हुए उसके लंड को अपनी चुत के अंदर बाहर कर रगड़ने लगी।

अमित अपने लंड को मेरी चुत से अंदर बाहर होते हुए देख पा रहा था। वो वहां का दृश्य देख पागल हो गया और बोला “क्या मस्त गांड हैं, और गुलाबी खुली चुत में मेरा लंड मस्त अंदर बाहर हो रहा हैं”।

उसकी तारीफ़ सुन मैं भी जोर जोर से उसको चोदने लगी। अमित की सिसकारियां निकलने लगी।

उधर पति भाभी को पीछे से जम के जोर जोर से चोद रहे थे, जिससे थाप थाप की आवाजे आ रही थी। संजू मेरे सामने आया और मेरे मास्क को ऊपर कर दिया।

संजू को पता था बाकी तीनो लोग मेरी पीठ की तरफ थे, तो मेरा चेहरा देख नहीं पाएंगे। संजू ने अपना लटकता हुआ लंड मेरे मुंह में डाल दिया।

संजू का लंड अभी भी पानी की वजह से थोड़ा चिकना था। मुझे उसका स्वाद अमित के जैसा स्वादिष्ट नहीं लगा। मैं उसका लंड मुँह से निकालना चाहती थी पर संजू ने मेरा मुँह पकड़ कर उसको निकलने नहीं दिया।

अमित ने मेरी गांड के दोनों पाटो को चौड़ा कर अपनी ऊँगली मेरे पीछे के छेद में डाल दी और ऊँगली अंदर बाहर करने लगा। मेरे तीनो छेद भर चुके थे।

वो अब एक हाथ से ऊँगली कर रहा था तो दूसरे हाथ से पिछवाड़े पर चमाट मारने लगा।

मैं अब झड़ने वाली थी, तो मैंने अपने झटके जोर से मारने शुरू कर दिए। अमित ओर जोर से सिसकारियां मारने लगा।

मेरे मुँह में संजू का लंड था जो धीरे धीरे फिर कड़क हो बड़ा होने लगा था। मैं ढंग से अपनी ख़ुशी भी नहीं बता पा रही थी और मुँह से दबी हुई आहें निकल रही थी।

मैं झड़ने को हुई और मैंने अपना पूरा मुंह खोल कर आवाज निकलते हुए आहें भरने लगी, उसी बीच अमित भी बच्चो की तरह आ आ आ उई उई आ आ ओह माय गॉड.. ओह माय गॉड करता हुआ मेरे साथ ही झड़ गया।

संजू ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाल मेरा मास्क फिर चेहरे पर ढक दिया। मैं अमित के ऊपर से हट गयी।

मुझे वाशरूम जाना था पर अमित वाशरूम की तरफ चला गया। संजू मुझे बोला वाशरूम खाली हो तब तक ला मैं भी तुम्हारा चख लेता हूँ।

संजू बिस्तर पर लेट गया और अपना सर बिस्तर के किनारे पर ले आया। मैंने अपने पाँव चौड़े कर अपनी गीली चुत उसके होठों पर रख दी। वो अब आराम से मेरी चुत पर जबान फेर चाटने लगा।
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12-27-2021, 01:10 PM,
#55
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
संजू ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाल मेरा मास्क फिर चेहरे पर ढक दिया। मैं अमित के ऊपर से हट गयी।

मुझे वाशरूम जाना था पर अमित वाशरूम की तरफ चला गया। संजू मुझे बोला वाशरूम खाली हो तब तक ला मैं भी तुम्हारा चख लेता हूँ।

संजू बिस्तर पर लेट गया और अपना सर बिस्तर के किनारे पर ले आया। मैंने अपने पाँव चौड़े कर अपनी गीली चुत उसके होठों पर रख दी। वो अब आराम से मेरी चुत पर जबान फेर चाटने लगा।

थोड़ी देर में अमित वापस आ गया। संजू ने चाटना छोड़ कर मुझे वाशरूम जाने को कहाँ। मैं जब वापिस आयी तो देखा, उन्होंने भाभी को नंगी खडी कर रखा था और मेरे पति उसकी टांगो के बीच घुसकर नीचे से चाट रहे थे, जब कि संजू भाभी के मम्मे मुँह में भर काट रहा था। भाभी रह रह कर कभी दर्द तो कभी मजे से कराह रही थी।

अमित कुर्सी भी बैठा अपनी पत्नी को मजे लेता देख रहा था, और उसको अहसास भी ना था वो लोग उसकी बीवी के साथ ही कर रहे थे।

मुझे अंदर आया देख अमित बोला इसको भी ऐसे ही खड़ा करते हैं और मैं इसके मोटे मम्मे काटूंगा। संजू ने मुझको बोला “तुम अब घर जाओ।”

मैंने अपने बिखरे कपडे उठाये और वो मुझे दूसरे कमरे में ले आया जहा, मैंने सुबह कपडे चेंज किये थे। आते वक़्त उसने उन लोगो को बैडरूम में बाहर से बंद कर दिया था।

अपने भाई के साथ करने का बहुत दुःख था मगर ग्रुप सेक्स का मजा लेने की ख़ुशी भी थी। मैंने जल्दी जल्दी अपने कपडे पहने और पहले जिस तरह आयी थी वैसे तैयार हो गयी।

तैयार होते होते मैं संजू को बहुत भला बुरा सुनाये जा रही थी, कि उसकी वजह से मुझे अपने भाई के साथ सोना पड़ा।

मेरे तैयार होते ही संजू हँसते हुए बोला “चिंता मत कर वो तेरा भाई अमित नहीं, ये बस डील डोल में तुम्हारे भाई जैसा दीखता हैं। इसका नाम कुछ ओर हैं, और इस घर का मालिक हैं। इसकी बीवी कुछ दिन के लिए बाहर गयी हुई हैं इसलिए हम यहाँ हैं, वरना हम किसी होटल में जाते।”

मैं संजू की तरफ आश्चर्य से देख रही थी। मुझे यकीन नहीं हो रहा था। अमित के कपडे वो नहीं थे जो सुबह भाई पहन कर गया था और आवाज में भी थोड़ा अंतर था।

जब मुझे अहसास हुआ उसने क्या बोला हैं, तो मैं ख़ुशी के मारे कूद कर उसकी गोद में उछल बैठ गयी और उसने भी मुझे लपक लिया।

मैंने उसको टाइट हग किया और फिर उसके होठों को अपने होठों में दबा एक थैंक यू किस भी किया।

उसने कहाँ “कभी कभी मजा दुगुना करने के लिए और उत्तेजना बढ़ाने के लिए झूठ भी बोलना पड़ता हैं। अब देखो तुम्हारी भाभी क्या इतने ज्यादा मजे ले पाती। कल रात को ही वो बोल रही थी कि उसको अपने पति के सामने कभी चुदवाने का बहुत मन हैं, तो मैंने नकली में ही सही उसकी इच्छा पूरी कर दी”।

उसने कहना जारी रखा “इस सब चक्कर में तुम पीस गयी पर उन दोनों आदमियों को तुम्हारे नखरो की वजह से मजा आ गया” ।

मैं उसकी गोद से उतरी, मेरे ऊपर से गुनाह का बोझ उतर गया था। मैंने उसको शिकायत की कि तुमने किसी भी ऐरे गेरे आदमी के साथ मुझे सुला दिया।

उसने कहा “मैंने तो तुम्हे बहुत बचाने की कोशिश की पर तुम हो ही इतनी सेक्सी कोई कण्ट्रोल कैसे करे। तुम्हारे लिए अपने भाई के साथ सोना बेटर था ये इस ऐरे गेरे के साथ? वैसे भी ये अच्छे घर का हैं, पहली बार अपनी बीवी के अलावा किसी ओर के साथ कर रहा था”।
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12-27-2021, 01:10 PM,
#56
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
उसने मुझको बोला “ग्रुप सेक्स में ऐसा होता हैं कि अनजान लोगो के साथ भी करना पड़ता हैं। तुम अब यहाँ से बिंदास निकलो तुमको अभी तक किसी ने पहचाना नहीं हैं।”

हम दोनों कमरे से बाहर निकले, बैडरूम के सामने से निकलते हुए अंदर से भाभी के चीखने चिल्लाने की आवाजे आ रही थी। हम दोनों एक दूसरे की तरफ देख कर हँसे।

संजू बोला “आज तुम्हारी भाभी की हम लोग मिलकर अच्छे से लेंगे।”

मैं घर से बाहर आ कर रिक्शा पकड़ अपने घर की तरफ निकल पड़ी। पुरे रास्ते मैं ये ही सोचती रही कि संजू ने जो पहले बोला था वो सच था या वो जो उसने आखिर में बोला।

घर पहुंचने के एक घंटे बाद भाभी भी थकी हारी लुकी पीटी घर पहुंची। उसके आधे घंटे बाद पति भी घर पहुंचे, उनमे थकान कम और संतुष्टि ज्यादा नजर आ रही थी।

शाम को भैया घर आये, हम तीनो ही चोरो की तरह उनसे अपना मुंह छुपाये फिर रहे थे। भैया हमेशा की तरह एक दम नार्मल बीहेव कर रहे थे। मुझे बिलकुल नहीं लगा कि दोपहर वाला अमित ये ही था।

हालांकि संजू चाहता तो मुझे और भाभी को एक्सपोज़ कर सकता था, पर जिस तरह मैं एक बुरी स्तिथि फंसी थी मैंने सोच लिया था कि मुझे संजू और इस तरह की परिस्थितियों से हमेशा दूर ही रहना हैं।

मैं ये आपके विवेक पर छोड़ती हूँ कि आपको क्या लगता हैं, संजू ने जो पहले कहा वो सच था या वो जो उसने बाद में कहा। मैंने उसके बाद वाले कथन को ही सच माना हैं।

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12-27-2021, 01:10 PM,
#57
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
कुछ समय बाद, काफी उत्साह के साथ मैं अपना बेग पैक कर रही थी। आखिर कई बार मिन्नतें करने के बाद पति बाहर घूमने ले जाने को राजी हो गए थे। दो तीन दिनों के लिए हिल स्टेशन जाने का प्रोग्राम बन गया था।

पति काफी समय से दबाव डाल रहे थे कि हम मेरे भैया भाभी को साथ घूमने को लेकर जाए। पर मैं जानती थी इसका कारण क्या हैं, अगर आपने मेरी पिछली कहानी “पुराना प्यार चुदाई की बहार” पढ़ी हैं तो आपको भी पता ही होगा।

मैंने कोई बहाना मार कर हमेशा भैया भाभी के साथ ले जाने से मना कर दिया। इसी चक्कर में हमारे कार्यक्रम में थोड़ा विलंब हो रहा था।

इस प्रोग्राम में हमारे साथ उनके एक दोस्त राज अपनी पत्नी पायल के साथ आ रहे थे। हमने बच्चे को उसकी दादी के साथ छोड़ने का फैसला किया, क्यों की वो बहुत छोटा हैं और वहां बोर हो जाता और हमें पूरा लुत्फ़ नहीं उठाने देता, जैसा की पहले भी हो चूका था।

पहले राज और पायल हमारे ही शहर में रहते थे और काफी वक़्त साथ बिताया था, तो हम एक दूसरे के साथ काफी दोस्ताना और आरामदायक थे। वह लोग दूसरे शहर से सीधे हिल स्टेशन में मिलने वाले थे।

थकान न हो इसलिए हम सब लोग शाम के समय ही हिल स्टेशन पहुंचने का प्लान बना चुके थे, ताकि अगले दिन फ्रेश घूमने जा सके। हमने होटल में चेक इन किया तो पता चला राज पायल अभी तक नहीं पहुंचे हैं।

तक़रीबन 1 – 2 घंटे के बाद वह लोग पहुंच गए और हमारे रूम से कुछ कमरे दूर ही उनको रूम मिला। हम दोनों उनसे मिलने गए, बड़ी आत्मीयता से मिले और एक दूसरे की कुशलक्षेम पूछी।

हम लोग काफी समय बाद मिले थे। हालांकि सोशल मीडिया और फ़ोन के द्वारा कभी कभी बात हो जाती थी। इतने सालों के बाद भी राज अभी भी वैसा ही था छरहरा और हैंडसम। वो हमेशा ही आकर्षक व्यक्तित्व का धनी रहा हैं। पायल ने जरूर कुछ वजन बढ़ा लिया था पर अभी भी चेहरा उतना ही खूबसूरत था।

हम लोगो ने मिलकर अगले दिन के प्रोग्राम के बारे में विचार विमर्श करने की सोची। पायल सफर से थोड़ा थक चुकी थी और थोड़ा रेस्ट करना चाहती थी। तो पायल को वही छोड़कर बाकी हम लोग मेरे रूम में आ गए थे।

बड़े जोर शोर से अगले दिन का प्रोग्राम बनाने लग गए। हमने निर्णय लिया कि सुबह के समय फेमस जगह पर घूमेंगे और दोपहर के बाद किसी जंगल ट्रेल पर जायेंगे ताकि कुदरत की खूबसूरती देख सके और भीड़भाड़ से दूर थोड़ा सुकून का समय बिता सके।

थोड़े समय बाद रूम के फ़ोन की घंटी बजी। पति ने से फ़ोन उठाया और थोड़ी बात करने के बाद “अभी आता हूँ” बोल कर फ़ोन रख दिया।

उन्होंने कहा की रिसेप्शन से फ़ोन था, मैंने उनसे घूमने के लिए गाडी, कुछ जगह के ब्रॉउचर और मैप्स मांगे थे, वो आ गए हैं मैं लेकर आता हूँ और थोड़ी पूछताछ भी करके आऊंगा तब तक तुम लोग कल का प्रोग्राम बनाना जारी रखो।

अब कमरे में सिर्फ मैं और राज थे, हमने सोचा पति के आने तक इंतज़ार करते हैं, फिर ही अपना प्रोग्राम बनाना जारी करेंगे। जल्दी ही हम ज़िन्दगी से जुडी दूसरी बातों में मशगूल हो गए।

वो मेरे फिट शरीर की तारीफ़ करते हुए अपनी बीवी के बढे वजन की शिकायत कर रहा था। मैंने बताया कैसे मैं रेगुलर योगा और कसरत करती हूँ और फिटनेस का ध्यान रखती हूँ।
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12-27-2021, 01:10 PM,
#58
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
राज ने मेरी तारीफ़ की और कहा मुझे भी कुछ कसरत बताओ जो मैं पायल को करवा सकू। मैं बिस्तर से उतर कर नीचे जमीन पर आ गयी।

मैं राज को प्लैंक करके बताने लगी। इसमें शरीर को दोनों पाँव के पंजो और बाहों के बल रखना होता हैं। राज भी नीचे आकर मेरे सामने बैठ कर देखने लगा।

मैंने महसूस किया की राज कुछ विचलित हो रहा हैं, हालाँकि उसका मजाक और बातें जारी थे। मुझे कुछ शंका हुई, कही मैंने कुछ गलत तो नहीं किया।

मैंने बड़ी चालाकी से जल्दी से अपना चेहरा एक दो सेकंड के लिए नीचे करते हुए खुद को निहारा और वापिस ऊपर किया और अहसास हुआ की मेरे बटन-अप स्लीप शर्ट के ऊपर का हिस्सा खुला था जिससे मेरे दो गोल मम्मे झाँक रहे थे।

क्यों कि मैं सोने जाने वाली थी तो सफर से आने के बाद मैंने पजामा सेट पहनते वक़्त आदत के अनुसार अपनी ब्रा नहीं पहनी थी।

मैं झेप गयी, कही यह तो वो कारण नहीं जिससे वह विचलित हो रहा हैं।

मैंने यह दिखाने का प्रयास किया कि मुझे अभी पता नहीं चला हैं और उसी मुद्रा में रही। मैं यह छुपाने का काम कुछ चतुराई से करना चाहती थी।

अगर मैं अचानक से हटती तो उसको पता चल जाता कि मुझे पता हैं वो क्या देख रहा था और मेरे लिए ये शर्मनाक स्तिथि होती।

वो मुँह से गिनती बोलते हुए गिन रहा था कि मैं कितनी देर इस मुद्रा में रह सकती हूँ। बीच बीच में उसके चेहरे पे एक कुटिल मुस्कान आ जाती जैसे मुझे चिड़ा रहा हो की मैं छिपाने की चीज में सफल नहीं हो पायी।

हालांकि मैं काफी देर ओर इसी मुद्रा में रह सकती थी पर मेरी उस स्तिथि के कारण मैंने बीच में ही छोड़ दिया और सीधी बैठ गयी।

वो भी ये वाला आसन करने लगा और कुछ सेकंड में ही रुक गया और बोला ये तो पायल के लिए बहुत कठिन आसन होगा। इससे मिलता झूलता कोई दूसरा सरल वाला हो तो बताओ।

मुझे बड़ी ख़ुशी हुई कि मैं एक टीचर बन गयी हूँ फिटनेस के लिए और किसी की हेल्प कर रही हूँ। शुरुआत में मुझे भी प्लैंक कठिन लगता था, तब मैं उससे थोड़ा सरल सीधे हाथ वाला प्लैंक करती थी। तो मैंने उसको वो बताना शरू किया।

इसमें बाहों की बजाय हाथ सीधे रखते हुए हाथ और पाँव के पंजो को जमीन पर रखते हुए शरीर को उठाना होता हैं।

टीचर बनने की जल्दबाजी में, मैं भूल ही गयी कि मैं एक बार फिर उसी परिस्तिथि में थी। मेरा स्लीप शर्ट थोड़ा लटक कर नीचे हुआ और उस खुले हिस्से से मेरे दोनों गोल मम्मे आधे से ज्यादा दिखने लगे थे।

उसकी आँखें ओर भी बड़ी गोल हो गयी थी। तब मुझे पता चला कि मैंने क्या बेवकूफी कर दी हैं।

वो बोला “इस मुद्रा में तो पिछले वाले से भी ज्यादा देर रहोगी ना, क्यों कि ये ज्यादा सरल हैं”।

उसने गिनती गिनना शुरू कर दिया था। मैं जल्दी से सीधा होना चाहती थी पर उसको साबित भी करना था कि ये आसन ज्यादा सरल हैं तो हट भी नहीं पा रही थी।

वो उत्साह से मुझे इशारे कर रहा था कि मैं थोड़ी देर ओर इसी पोज़ में रहु और ज्यादा देर रहने का रिकॉर्ड बना दूँ। उसकी आँखें बता रही थी कि मुझे ऐसा रखने के पीछे उसका असली मकसद क्या था।

मुझे उसका तरसता हुआ चेहरा देख कर मजा भी आ रहा था। पर अब उसकी हंसी थोड़ी ग़ायब हो गयी। मुझे लगा मामला कुछ गंभीर हो चूका हैं तो तुरंत घुटनो के बल सीधा बैठ गयी। पर शायद आग तो लग चुकी थी।

वो मेरी चेहरे की तरफ घूर के देख रहा था और मैंने अपनी आँखें एक अपराधी की तरह नीची कर ली।

मेरी नजर उसके शॉर्टस पर गयी, उसमे उभार साफ़ नजर आ रहा था। क्या मेरे वो अंग देख कर वो इतना उत्तेजित हो गया था कि उसका लंड कड़क हो तैयार हो गया था।
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12-27-2021, 01:10 PM,
#59
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
मेरी नजर उसके शॉर्टस पर गयी, उसमे उभार साफ़ नजर आ रहा था। क्या मेरे वो अंग देख कर वो इतना उत्तेजित हो गया था कि उसका लंड कड़क हो तैयार हो गया था।

मेरे पति भी कमरे में नहीं थे तो मुझे डर लगने लगा कही वो मुझपे हमला ना कर दे। दोनों दोस्तों में लड़ाई हो जायेगी और हमारी छुट्टिया बर्बाद हो जाएगी।

मैं इसी उधेड़बुन में थी कि उसने चुप्पी तोड़ते हुए पूछा ओर कोई सरल कसरत हो तो बताओ। मुझे लगा वो अब सामान्य हो रहा हैं। उसने पूछा कोई ऐसा आसन जिससे पायल की पेट की चर्बी कम हो जाये।

मुझे सबसे पहले चक्रासन की याद आयी और उसे बोल दिया। फिर लगा कही ये मुझे ही करने को ना बोल दे, वरना फिर से वही स्तिथि बन जाएगी।

मैंने उसको कहा कि ये शायद पायल के लिए थोड़ा कठिन होगा तो इसको छोड़ देते हैं।

शायद वो मेरी झिझक समझ गया था।

उसने कहा कि एक बार कर के बताओ तो पता चले कि कितना कठिन होगा।

मैंने उसको टालने की कोशिश कि पर मगर वो अड़ गया “अब आसन का नाम लिया हैं तो करके बता ही दो”।

अकेले कमरे में, मैं राज को उसकी बीवी के लिए दो कसरते बता चुकी थी और अनजाने में अपने अंगो का प्रदर्शन भी कर चुकी थी। वो अब मुझे तीसरा आसन चक्रासन कर के दिखाने को बोल रहा था।

मेरे पास कोई चारा नहीं था इससे बचने का। मैं उसको चक्रासन करके दिखाने लगी। इसमें भी शरीर को हाथ और पैर के पंजो के बल उठाना होता हैं पर शरीर की आकृति एक आधे चक्र की तरह वक्राकार होती हैं।

मैं नीचे लेट गयी और धीरे धीरे हाथ और पैर के पंजो के बल अपने शरीर को पेट से ऊपर उठा कर एक गुम्बद की आकृति बनाने लगी।

मैंने काले स्लीप शर्ट के साथ काले स्लीप शॉर्ट्स पहने थे। काले शॉर्ट्स में से मेरी चिकनी गोरी जाँघे चमक रही थी। चक्रासन में आते ही मेरी कमर से शर्ट थोड़ा खिसक कर हट गया, मेरी नाभी के साथ पतली गोरी कमर उसको दिख रही थी।

उसने मुझे बोला थोड़ी देर ऐसे ही रहना मैं चारो तरफ घूम कर देखता हूँ कि किस तरह से पोजीशन करना हैं।

वो मेरे पावों की तरफ गया। मेरे दोनों पावों के बीच एक फ़ीट की दुरी थी और आसन से कसाव के कारण मुझको पता था कि उसको मेरे शॉर्ट्स के बीच मेरी चुत की दरार और उसका उभार भी दिख रहा होगा।

उसने कहा कि “मैं हाथ लगा के देखता हूँ कि इस आसन से कहाँ कहाँ खिंचाव महसूस होता हैं”।

उसने अचानक मेरी जांघो पर हाथ रख दिया और मैं डर के मारे कांप उठी।

वो प्यार से मेरी जांघो पर हाथ फेरते हुए बोला “हां, यहाँ की मसल टाइट हुए हैं”।

अगले कुछ सेकण्ड्स वो मेरी जांघो पर हाथ फेरता रहा।

अब वो मेरे साइड में आया। मेरी पतली कमर उसको आकर्षित कर रही थी। उसने आते ही मेरी पेट पर हाथ रख दिया। उसके स्पर्श से मेरे शरीर के रोंगटे खड़े हो गए।

वो इत्मीनान से मेरे पेट पर हाथ फेरते हुए तारीफ़ करने लगा कि एब्स बने हैं। जब वो मेरे पेट और कमर पर हाथ फेर रहा था तो मेरे अंदर कुछ कुछ होने लगा।

अब वो मेरे चेहरे के पास आया और नीचे बैठ कर अपना चेहरा मेरे कंधे के करीब ले आया। मैं थोड़ा असहज महसूस करने लगी। मेरे छाती का हिस्सा ढलान में नीचे की तरफ था, जिससे मेरे मम्मे बिना ब्रा के बंधन के नीचे की तरफ आ शर्ट से बाहर निकलने को आतुर थे।

वो वही नीचे झुक कर बैठा रहा, मुझे पता था वो मेरे मम्मे झाँकने के लिए ही इतना नीचे हुआ हैं। मैंने फिर आसन ख़त्म किया और सीधा बैठ गयी। वो ओर आसन के बारे में पूछने लगा।

पर मैंने बहाना मार दिया कि गलत समय पर आसन करने से मेरे मसल थोड़े खिंच गए हैं और मैं उसको यकीन दिलाने के लिए मेरे कंधे और पाँव दबाने लगी।

उसको इसमें भी एक मौका नजर आया। आगे बढ़ते हुए उसने कहा “लाओ मैं मसाज कर देता हूँ, मैं अच्छी मसाज करता हूँ। पायल को मैं आये दिन मसाज देता हूँ और उसको बहुत रिलैक्स फील होता हैं”।

मैंने उसको मना किया कि अरे इसकी कोई जरुरत नहीं हैं, पर तब तक वो उठ कर मेरी पीठ के पीछे तक आ गया और मेरे कंधे को दबा कर मसाज देने लगा। सच में मेरी मसल्स को बहुत रिलैक्स फील हुआ। मेरी इच्छा हुई कि मैं सो जाऊ।

थोड़ी देर कंधे की मसाज के बाद वो बोला कि वो अब पाँव की मसाज करेगा।

मैंने उसको मना किया कि कोई मेरे पाँव दबाये मुझे अच्छा नहीं लगता, पर वो मानने वाला नहीं था। उसने मेरे पाँव का पंजा अपने हाथ में लिया और अपने हाथों के बीच रख दबाने लगा। मुझे बहुत अच्छा लगा। आज तक मुझे किसी ने मसाज नहीं दी थी।

मै अभी भी नीचे बैठी थी।

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12-27-2021, 01:11 PM,
#60
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
उसने कहा कि तुम आराम से बिस्तर पर लेट जाओ फिर मैं तुम्हारे पाँव की मसाज करता हूँ ज्यादा अच्छा लगेगा।

उसकी मसाज से मुझे भी नींद जैसा फील होने लगा था तो मैं उठ कर बिस्तर पर लेट गयी।

वो मेरे पांवो के पास आकर बैठ गया और मेरे पाँव उसकी गोदी में रखे और फिर मेरे पंजो की मसाज करने लगा।

मैं आँखें बंद कर उसका आनंद लेने लगी। मैं तो चाहती थी वो ऐसी मसाज करता ही रहे, पर मैंने उसको रोका कि अब मेरा पाँव सही हैं तो छोड़ दूँ।

उसने मेरे पंजे से हाथ हटा ऊपर करते हुए मेरे पाँव की मसल्स को दबा मसाज करने लगा। मैंने अपना पाँव खींच कर रोकने की कोशिश की, कि मुझे जरुरत नहीं पर वो फिर टांग अपनी तरफ खींच बोला “अरे तुम्हे अच्छा लगेगा करने दो”।

वो मेरे पैरो की मसल्स को दबा रहा था और सच पूछो तो मुझ बड़ा सुकून मिल रहा था।

शायद मेरे शरीर को छूने से उसको भी आनंद मिल रहा था तो हम दोनों के लिए ही फायदा था।

मैंने उससे पूछा, पायल के तो मजे हैं, उसको फ्री में मसाज मिलती हैं।

वो बोला “ऐसा नहीं हैं, इसके बदले वो भी मुझे कभी कभार मसाज देती हैं, तो बराबर हो जाता हैं”।

हालांकि मुझे उसकी मसाज से मजा आ रहा था, परंतु थोड़ी देर मसाज करने के बाद मैंने उसको रोका।

उसने मेरे पाँव छोड़े और बोला “तुमने चक्रासन किया तो तुम्हारे कमर में खिंचाव आ गया होगा, लाओ मैं कमर की भी मालिश कर देता हूँ”। ऐसा कहते हुए उसने मेरे कमर की तरफ हाथ बढ़ाया।

मैं तुरंत उठ बैठी और उसको रोका कि मैं तो ये आसन आये दिन करती रहती हूँ, मेरी कमर में कोई खिंचाव नहीं हैं।

उस पर उसने तर्क दिया कि “खिंचाव ना भी हो तो भी मालिश करवा सकते हैं, इससे आराम मिलता हैं। तुम घबराओ मत, मैं पायल की कमर की मालिश करता रहता हूँ, घर के कामों के बाद मेरी मालिश से उसको बहुत अच्छा लगता हैं। तुम भी करवा देखो मेरी गारंटी हैं बहुत अच्छा लगेगा”।

उसने इतने प्यार से बोला कि मैं उसको कैसे रोकती।

मैंने उसको बोला ठीक हैं और मैं उल्टा लेट गयी।

मैंने अपने दोनों हाथ अपने सर के नीचे रख कर बिस्तर के दूसरी तरफ देखने लगी जहां ड्रेसिंग टेबल था। मैं ड्रेसिंग टेबल के आईने में देख रही थी। मेरे शॉर्ट्स के अंदर के गोल नितम्बो का उभार बहुत सेक्सी लग रहा था।

आईने में साफ़ दिख रहा था कि राज मेरे नितम्बो को ही घूर रहा था। इसको इतना भी ध्यान नहीं था कि आईने के माध्यम से मैं देख रही हूँ।

मैंने उसका ध्यान तोड़ते हुए पूछा कि वह किसका इंतज़ार कर रहा हैं। उसका ध्यान टुटा कि उसको कमर की मालिश करनी हैं।

उसने मुझसे कहा कि वो शॉर्ट्स को कमर से थोड़ा ऊपर उठाएगा। उसकी जो मनोस्तिथि थी, उसमे मैं नहीं चाहती थी कि वो मेरी स्किन जरा सी भी देखे।

वैसे भी थोड़ी देर पहले मेरे पेट पर उसका हाथ लगते ही जैसे मुझे करंट सा लगा था और रोंगटे खड़े हो गए थे.

मैंने उसको कहा कि शर्ट के ऊपर से ही मसाज कर लो।

वो बोला “नहीं, मालिश करनी हैं तो कपड़ो के ऊपर नहीं कर सकते है”।

मैंने कहा कि मेरे पति आ जायेंगे तो उन्हें ये देख अच्छा नहीं लगेगा, रहने देते हैं।

उसने बताया कि मेरे पति रूम की चाबी साथ लेकर नहीं गए हैं तो जब तक हम अंदर से नहीं खोलेंगे वो नहीं आएंगे।

मुझे उसको इजाजत देनी ही पड़ी। उसने मेरा स्लीप शर्ट ऊपर करने की कोशिश की पर शर्ट मेरे शरीर के नीचे दबा होने से वो उठा नहीं पाया।

मैंने कहा “रुको, मैं थोड़ा ऊपर हट कर शर्ट ऊपर कर देती हूँ” । मैंने अब एक करवट ली और शर्ट थोड़ा ऊपर खिसकाने लगी तो उसने रोका।

वो बोला “एक काम करो, शर्ट के नीचे के एक आध बटन खोल दो, इससे शर्ट ऊपर करने में आसानी होगी”।

मुझे लगा शर्ट तो वैसे भी ऊपर हो ही जाता पर एक दो बटन खोलने में भी कोई हर्ज नहीं था, वैसे भी बटन वाला हिस्सा मेरे शरीर के नीचे दबने वाला था।

मेरे स्लीप शर्ट में सिर्फ चार बटन थे, एक वक्षो के ठीक ऊपर बीच मे, दूसरा वक्षो के ठीक नीचे, एक नाभी के ठीक ऊपर और एक नाभी के एक दो इंच ऊपर। मैंने नाभी के वाला बटन खोल दिया और उसका पूछा “अब ठीक हैं?”

उसने कहा, एक ओर बटन खोल दो ताकि शर्ट फिसल फिसल कर वापिस नीचे ना आये।

मैंने कहना मानते हुए नाभी से ऊपर वाला बटन भी खोल दिया और उस हिस्से के शर्ट के दो पल्लो को दोनों तरफ फैलाते हुए फिर उलटा लेट गयी।

उसने अब निकले हुए शर्ट के दोनों पल्लो को पकड़ा और कमर से पीठ की तरफ ऊपर की ओर फोल्ड करने लगा।
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