Antarvasnax Incest खूनी रिश्तों में चुदाई का नशा
09-05-2020, 01:39 PM,
#31
RE: Antarvasnax Incest खूनी रिश्तों में चुदाई का नशा
मैने जैसे ही नजमा से यह कहा शाहजी नजमा का हाथ पकड़ कर खुद भी खड़ा हो गया और नजमा को भी खड़ा करके उसे बिस्तर की तरफ ले जाने लगा, नजमा आँख उठा कर मेरी तरफ देखी और चुप चाप शाहजी के साथ बिस्तर की तरफ जाने लगी, मैं सॉफ देख रहा था कि वो काँपते हुए अपने होंठो पर ज़बान फेर राही थी और चेहरे पर पसीने की बूँदें चमक रही थी . मैं सोफा पर ही बैठा रहा क्यूँ कि मेरा खुद पूरा बदन जोश और जज़्बात की शिद्दत से काँप रहा था, आज किसी लड़की को चुदवाते हूए देखने और उसे चोदने की तमन्ना पूरी होने
वाली थी, मैं अपने लौडे को कपड़े के ऊपर ही से सहलाता हुआ दोनो को खामोशी से देखने लगा, नजमा शाहजी के बराबर सर झुकाए चुप चाप बैठी थी और शाहजी उसके गोरे गालों पर हाथ फेरते हुए उसको देख रहा था, फिर गाल से हाथ हटा कर दोनो हाथों से नजमा की पतली कमर को पकड़ कर उसे उठा कर अपने गोद मे बैठा लिय्या और एक दम उसकी छाती को पकड़ कर मसल्ते हुए बोला,

"मेरी जान तेरी खूबसूरती और तेरी कमसिन जवानी को जब भी देखता था तुझे चोदने के लिए पागल हो जाता था, समझ मे नही आता था कि तुझे किस तरह चोदु.तेरे भाई ने तुझे मुझ से चुदवाने के लिए राज़ी करके बहुत बड़ा अहसान किया है उसका ये अहसान कभी नही भूलूंगा
और आज अपने बेताब और तड़प्ते हुए लौडे को तेरी कंवारी चूत मे घुसा कर तुझे इतना चोदुन्गा कि तो मज़े मे पागल हो जाएगी",

मैने देखा यह कह कर शाहजी नजमा के चेहरे को उठा कर झुका और उसके गुल्लाबी होंठो को अपने मूह मे ले कर चूसने लगा और अपना एक हाथ उसकी क़मीज़ के अंदर घुसा कर उसकी नंगी छाती को मसल्ने लगा, नजमा आँखें बंद करके शाहजी से लिपट गयी, यह देख कर
मेरे अंदर जज़्बात के अँगारे दहक उठे और मैं ज़ोर ज़ोर से अपने लौडे को सहलाता हुआ और हांपता हुआ बोला,

"शाहजी क्या सिर्फ़ यही करते रहोगे, इसे चोदते क्यूँ नही, जल्दी से अपना लौडा इसकी चूत मे घुसा कर चोदना शुरू करदो",

मुझ से बर्दाश्त नही हो रहा था मैं चाहता था कि शाहजी ये सब करने की बजाए नजमा को नंगा करके फ़ौरन चोदना शुरू कर्दे. मेरी बात
सुन कर अपना मूँह नजमा के होंठो से हटा कर मेरी तरफ देखते हुए बोला,

"अब्बे गान्डु कभी किसी लड़की को चोदा है जो मुझे मशवरा दे रहा है, मेरा मज़ा खराब मत कर चुप चाप बैठा अपने लंड को सहलाता हुआ
गौर से देखता रह कि मैं तेरी बेहन को कैसे चोदता हूँ फिर तुझे मालूम होगा कि किसी लड़की को कैसे चोदा जाता है",
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09-05-2020, 01:39 PM,
#32
RE: Antarvasnax Incest खूनी रिश्तों में चुदाई का नशा
यह कहकर शाहजी नजमा की क़मीज़ का दामन पकड़ कर उसकी क़मीज़ को उतार ने के लिए ऊपर करने लगा, मैने देखा नजमा शरम से थोड़ा कसमसाई मगर शाहजी को रोकने की कोशिस नही की बल्कि अपनी आँखें बंद करली, जैसे ही नजमा की क़मीज़ ऊपर आई उसकी छाती जैसे ही नंगी हुई मैं बे-इकतियार सिसक कर अपने लौडे को ज़ोर से मुट्ठी मे दबाकर आँख फाडे खुश्क होंठो पर ज़बान फेरते हुए दोनो को देखने लगा. इतने देर मे शाहजी नजमा की क़मीज़ उतार कर एक तरफ फेंक चुका था और अब नजमा ऊपर से बिल्कुल नंगी हो चूकि थी.



कमरे की रोशनी मे उसका दुबला पतला गुलाबी और बे-दाग जिस्म चमक रहा था. दूध जैसी सफेद चुचियाँ जो अभी सेब से थोड़ी ही बड़ी थी और उन पर रखा हुआ लाल रंग का छोटा सा दाना चमक रहा था, शाहजी ने नजमा की एक चुचि को अपने मूँह मे ले कर नजमा के साथ बिस्तर पर इसतरह चित्त लेट गया कि उसके मूँह मे नजमा की छाती थी और नजमा शाहजी के पेट पर अपना पेट रखे हुए लेटी थी, शाहजी उसकी छाती को ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था और दाँत से हल्के हल्के काट भी रहा था और अपने दोनो हाथ से नजमा के दोनो चुतड़ों को

पकड़ कर दबा भी रहा था, नजमा अपनी गर्दन उठाए हुए आँख बंद करके मचल रही थी और सिसकारी लेते हुए बडबडा रही थी,



"अया...... आह .... ऊफ़फ्फ़...... ***** ....ऊओफ़ ......आआहिस्ता ....ऊऊफ़फ्फ़ ....ह....हा...ऊफ़फ्फ़",



मैं जोश मे सोफा से उठ कर खड़ा हो गया और मुझे नही मालूम कि मैने कब अपनी शलवार का नाडा खोल कर अपनी शलवार उतार कर नीचे से नंगा हो कर अपने लौडे को सहला रहा था, शाहजी नजमा की चुचि को चूस्ते हुए अपना एक हाथ उसके चूतड़ से हटा कर उसकी कमर पर लाया और नजमा की शलवार मे अपना हाथ शलवार के अंदर घुसा कर उसके नंगे चुतड़ों पर लगाया, नजमा की शलवार मे नाडा की बजाए एलास्टिक लगा हुआ था इस लिए उसका हाथ आराम से अंदर घुस गया था, यक़ीनन शाहजी को इस बात का एहसास हो गया था


क्यूंकी उसने फ़ौरन अपना हाथ नजमा के चुतड़ों से निकाल कर नजमा की शलवार को पकड़ लिया और साथ ही दूसरे हाथ की मदद से भीउसके चूतड़ उठा कर शलवार को नीचे पाँव की तरफ खैंच कर नजमा की गान्ड को नंगा कर दिया, नजमा की नंगी गान्ड को देखते ही मैं बे-एख्तियार तड़प कर बिस्तर के पास पहुँच कर अपने लौडे को ज़ोर ज़ोर से मसलता हुआ झुक कर नजमा की गुलाबी रंग की बेदाग गान्ड को देखने लगा, शाहजी ने दोनो हाथों से नजमा की गान्ड को पकड़ कर चीर कर अपनी एक ऊँगली थोड़ा सा नजमा की गान्ड के सुराख मे घुसा कर हिला रहा था और नजमा मचलती हुई और अपने चूतड़ हिलाती हूई अपना एक हाथ पीछे करके शाहजी की कलाइ को पकड़ कर उसे अपनी गान्ड से हटाने की कोशिश करते हुए थोड़ी ऊँची आवाज़ मे कह रही थी,
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09-05-2020, 01:39 PM,
#33
RE: Antarvasnax Incest खूनी रिश्तों में चुदाई का नशा
"ऊओफफफफफफफफफफ्फ़.............न्‍न्न्नाआी.......आ हह. ........मत घूऊओ.सस्सस्स.......एयेए…ऊऊओ….आअहह....निकालो. ...ब्ब्बबबाहुत तकलीफ़ हो रही है",

मैने एकदम अपना हाथ नजमा के चुतड़ों पर रख दिया और उसके चुतड़ों को सहलाता हुआ नजमा से कहा,

"नजमा शाहजी का हाथ मत रोको वो जो भी करता है उसे करने दो, घबराओ मत पहली बार थोड़ी बहुत तकलीफ़ होती है मगर थोरी देर मे मज़ा भी बहुत मिले गा

मेरी बात सुन कर नजमा तो कुछ नही बोली मगर शाहजी नजमा की गान्ड से ऊँगली निकाल लिय्या और नजमा की कमर मे हाथ डाल कर उसे अपने ऊपर से उतार कर अपने बराबर बिस्तर पर चित लेटा कर खुद उसके बराबर बैठ कर झुका और नजमा के होंठो को चूमता हुआ बोला,

“मेरी जान ! पहली बार थोड़ी बहुत तो तकलीफ़ तुझे बर्दास्त करनी ही होगी, बस एक बार चुदवा लेगी उसके बाद हमेशा के लिए तकलीफ़
ख़तम और सिर्फ़ मज़ा ही मज़ा मिले गा",

यह कह कर शाहजी सीधा हो कर बैठ गया और उसकी निगाह नजमा की चूत पर गयी, नजमा जो चित लेटी हूई थी और उसकी शलवार जो कूल्हे (हिप) से नीचे होने की वजह से उसकी चूत नंगी हो चूकि थी, उसे देखते ही वो एक-दम अपना हाथ उसकी चूत पर रख कर सहलाता हुआ ज़ज़्बात और मस्ती से कॅप-कपा कर बार-बार , "हाई ......ओफफ्फ़ क्या मक्खन की तरह तेरी बगैर बाल की कंवारी चूत है, " इतना कह कर शाहजी ने नजमा की शलवार को पकड़ा और उसे उतार ने लगा, नजमा ने शाहजी को रोकने की कोशिस नही की सिर्फ़ शरमा कर अपने दोनो हाथ अपने चेहरे पर रख कर अपना चेहरा छुपा ली,

शाहजी नजमा की शलवार उतार कर एक तरफ फैंक कर अपनी शलवार का नाडा एक झटके से खैंच कर खोला और अपनी शलवार को उतार कर उसे भी बिस्तर से नीचे फैंक कर बिल्कुल नंगा हो गया, मैने देखा शाहजी का लंड इस वक्त 6" से भी लांबा और पहले के लंड से भी मोटा हो रहा था और इस तरह फूल कर और खंभे की तरह आसमान की तरफ सर उठाए लाल हो कर हिल रहा था जैसे अभी फट जाए गा, उसके लंड की टोपी पर पानी का कतरा चमक रहा था. शाहजी फ़ौरन नजमा की दोनो टाँगो को पकड़ कर अलग करके फैला दिया
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09-05-2020, 01:39 PM,
#34
RE: Antarvasnax Incest खूनी रिश्तों में चुदाई का नशा
इस तरह नजमा की चूत पूरी तरह खुल गयी और चूत की दोनो फूली हूई फाँक अलग हो गई और नजमा की चूत के अंदर तक की लाल रंग की चमड़ी नज़र आने लगी, नजमा की चूत इस तरह गीली हो रही थी जैसे उसका पिशाब निकल आया हो, मैने देखा शाहजी सरक कर नजमा की दोनो टाँगो के बीीच अपने घूटनों को बिस्तर पर रख कर इस तरह बैठ गया कि उसका लोहे की तरह तन-तना-ता हुआ लंड नजमा की चूत से बिल्कुल क़रीब हो गया, मैं भी नजमा के बराबर बैठ कर अपने लंड को सहलाता हुआ नजमा की चूत को देखने लगा, मैं समझ रहा था कि अब शाहजी अपना लंड नजमा की चूत मे घुसाएगा, मगर मैने देखा शाहजी अपना लंड चूत मे घुसाने की बजाए अपने दोनो हाथ नजमा की गान्ड के नीचे घुसा कर नजमा के चुतड़ों को ऊपर उठा लिया और अपना सर झुका कर नजमा की चूत पर अपना मूँह रख कर नजमा की छोटी सी चूत को पूरे का पूरा अपने मूँह मे ले कर चूसने लगा, जैसे ही शाहजी ने नजमा की चूत को चूसना शुरू किया नजमा एक ज़ोर दार सिसकारी मार कर तडपी और अपना ऊपर का धड़ थोड़ा उठा कर एक हाथ से शाहजी के सर के बालों को पकड़ कर उसके सर को अपनी चूत से दबाने लगी और दूसरे हाथ से बिस्तर की चादर को मुट्ठी मे जकड कर अपनी गान्ड हिलाती हूई लज़्जत और मज़े मे डूबी सिसकारियाँ लेती हुई पागलों की तरह बोलने लगी,

"आआआहह.......ऊऊफफफ्फ़.........ऊओफफ्फ़.... .बब्ब ब.....ब्ब्ब्बाआ....बाहहुत.....मज़ा......आआआआअ एयेए रहा है......ऊओफफफ्फ़.....सस्स्शहाआहजी...... .आअहह....म्‍म्म्मार......म्‍म्मारर्ग्ग्ाआईइ....ऊ ऊफफफ्फ़.....हान्ं......आआययससे ही कककाआरूव.....ऊओफफफ्फ़....ज़ूओर से कातू ऊओफफ्फ़”,

शाहजी नजमा की चूत को पागलों की तरह चूस्ते चूस्ते कभी अपना मूँह चूत पर रगड़ने लगता कभी चूत के सुराख मे अपनी ज़बान घुसा कर निकालता और फिर घुसा देता कभी चूत की दोनो फांको के बीच ऊपर की तरफ लाल रंग के माँस के टुकड़े को मूँह मे ले कर चूस्ते हुए उसे हल्के हल्के दाँत ने काटने लगता, नजमा खुद ही अपनी दोनो टाँग उठा कर शाहजी के कंधे पर रख कर अपने चुतड़ों को हिलाती हुई अपनी
चूत को बार बार ऊपर उठा कर शाहजी के मूँह की तरफ धक्का मारती, नजमा का पूरा बदन काँप रहा था उसकी आँखें बंद थी और उसकी एक एक हरकत और जो अल्फ़ाज़ उसके मूँह से निकल रहे थे उससे सॉफ पता चलता था कि वो और उसका पूरा वजूद बे-पनाह लज़्जत-ओ-सूरूर की मस्ती मे डूबा हुआ है.
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09-05-2020, 01:39 PM,
#35
RE: Antarvasnax Incest खूनी रिश्तों में चुदाई का नशा
मैनें नजमा के बराबर बैठा अपने लौडे को सहलाता हुआ बड़े गौर से हर चीज़ देख रहा था ता कि मुझे मालूम हो सके कि लड़की को चोदने का असल तरीका क्या है, यह सब देख कर मुझे इतना मज़ा मिल रहा था कि मुझ पर एक नशा छाया हुआ था और मैं अपने लोहे की तरह तन-तनाए हुए लंड को सहलाता हुआ देख रहा था. शाहजी 15/20 मिनिट तक नजमा की चूत को खूब चूस्ता रहा फिर वो चूत को चूस्ता हुआ नजमा के पेट की तरफ आने लगा और पेट को ज़बान से चाट-ता हुआ नजमा की छाती की तरफ आया और वो नजमा के जिस्म पर लेट कर नजमा की चुचि को मूँह मे ले कर चूसने लगा, नजमा के जिस्म पर लेटने की वजह से उसका लंड नजमा की चूत से टकराने लगा, नजमा मज़े और मस्ती मे डूबी मदहोशी के आलम मे आँखे बंद किए मचल रही थी, शाहजी से लिपट कर उसकी पीठ को नौंचती हुई चूतड़ उठा उठा कर अपनी चूत शाहजी के लंड से टकराते हुए सिसकारियाँ ले-ले कर बड़बड़ा ती जा राही थी,

"इससस्स....आ...शा...शा...शाहजी ...........ऊऊफ़फ्फ़..बबबाहुत ....म्माज़्ज़ा ......आ रहहै........ऊओफफफत्त्त्त्तूओं मेरी ज्ज्जान हू ऊओफफ्फ़ शाहजी ब्बास करो आहह मुझे चूऊड़ो",

शाहजी नजमा के ऊपर से उतर कर उसके बराबर बैठ कर उसकी छाती को मुट्ठी मे ले कर पंप की तरह दबाते हुए बोला,

"मेरी जान! अब उठ कर बैठ जा और मेरे लंड को सहला, इसे प्यार कर और इसे चूस",

यह कह कर शाहजी ने नजमा को पकड़ कर उठा दिया और अपने बराबर बैठा कर खुद बिस्तर पर चित लेट गया, नजमा ज़ोर ज़ोर से हांप रही थी, और उसकी आँखें अभी तक बंद थी, वो शाहजी के बराबर बैठ कर अपनी आँखें खोली, उसकी आँखें लाल हो रही थी और ऐसा
लग रहा था कि वो नशे में हो, शाहजी नजमा का हाथ पकड़ कर अपने आसमान की तरफ सर उठाए लोहे की तरह तन्तनाये हुए लंड पर रखता हुआ बोला,

"चुप-चाप क्यूँ बैठी है इसे पकड़ कर सहला और इसे चूस",
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09-05-2020, 01:39 PM,
#36
RE: Antarvasnax Incest खूनी रिश्तों में चुदाई का नशा
नजमा का हाथ जैसे ही शाहजी के लंड से टकराया वो “खाप” से लंड को पकड़ ली और एकदम इस तरह छोड़ दी जैसे उसका हाथ जल गया हो और लंड को देख कर उसके चेहरे पर शरम की लाली दौड़ गयी, और शरमा कर दोनों हाथों से अपना चेहरा छुपा लिया. शाहजी फ़ौरन उसका हाथ उसके चेहरे से हटा कर दुबारा अपने लंड पर रखता हुआ बोला,

"शरमा, शरमा कर क्यूँ मज़ा खराब कर रही है, अब शरमाने के लिए बाक़ी क्या बचा है,"

मैं नजमा की गर्दन पर हाथ रख कर उसके चेहरे को शाहजी के लंड की तरफ झुका ता हुआ बोला,

"नजमा यहाँ चुदवाने के लिए आई हो और नंगी भी हो चुकी हो तो अब कैसा शरम, शरमाना छोड़ो और जल्दी से लंड को मूँह मे ले कर चूसना शुरू कर दो",

हमारी बात सुन कर नजमा ने आहिस्ता से शाहजी के लंड को अपनी मुट्ठी मे पकड़ लिया, शाहजी का मोटा लंड उसकी मुट्ठी मे नही आ रहा था, वो आहिस्ता आहिस्ता लंड को सहलाने लगी, लंड को सहलाते हुए उसके हाथ मे शाहजी के लंड से निकला हुआ ज़ज़्बात का पानी जो उसके लंड के टोपे पर लगा हुआ था नजमा के हाथ मे लग गया तो वो फ़ौरन लंड से हाथ हटा कर मेरी तरफ देख कर बोली,

"मैं नही चुसुन्गी इस ने पिशाब कर दिया है"'

नजमा की बात सुन कर शाहजी ज़ोर से हंस दिया साथ मैं भी हंस कर शाहजी का लंड पकड़ कर बोला,

"बुद्धू कहीं की अरे बेवक़ूफ़ शाहजी ने पिशाब नही किया है यह तो ज़ज़्बात का पानी है, देख मैं शाहजी का लंड अपने मूँह मे लेकर चूस रहा हूँ",

यह कह कर मैं फ़ौरन शाहजी का लंड अपने मूँह मे ले कर चूसने लगा, थोड़ा चूस कर मैं लंड को अपने मूँह से निकाल कर नजमा के चेहरे को लंड की तरफ झुका ता हुआ उसे चूसने के लिए कहा. नजमा शाहजी के लंड को पकड़ कर झुकी और अपना मूँह पूरी तरह खोल कर शाहजी के लंड को अपने मूँह मे लेली, लंड की टोपा चूँकि बहुत मोटा था इसलिए बड़ी मुश्किल से नजमा के मूँह मे घुसा. थोड़ी देर नजमा
लंड को मूँह मे लिए चुप चाप रही फिर उसने चूसना शुरू कर दिया, थोड़ी देर मे मैने देखा कि नजमा अब पूरी तरह मस्ती मे डूब कर
शाहजी के लंड को पकड़े हुए आधा लंड मूँह मे घुसा ती और निकालती, वो लंड चूस रही थी कि शाहजी ने उसके चुतड़ों को पकड़ कर उसे
उठाया और नजमा से कहा,

"ऊओफफ्फ़ आअहह मज़ा आ गया, अब तू मेरे सीने पर बैठ कर अपनी चूत मेरे मूँह पर रख दे ता-कि मैं भी तेरी चूत को चूस कर तुझे
मज़ा दूं"
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09-05-2020, 01:39 PM,
#37
RE: Antarvasnax Incest खूनी रिश्तों में चुदाई का नशा
नजमा लंड को मूँह से निकाले बगैर शाहजी की छाती पर बैठ कर अपने दोनो पैर शाहजी के बदन के दोनो तरफ करके बैठ गयी, शाहजी फ़ौरन नजमा के चुतड़ों को पकड़ कर उठाया और उसकी चूत को अपने मूँह के पास लाकर चूत को चूसने लगा, जैसे ही उसने चूत को चूसना शुरू किया नजमा एकदम लंड को मूँह से निकाल कर एक ज़ोर की सिसकारी भरी और दुबारा लंड को मूँह मे लेकर ज़ोर ज़ोर से चूस्ते हुए अपनी चूत शाहजी के मूँह से रगड़ने लगी. मैं थोड़ा सरक कर शाहजी के सिरहाने बैठ गया और देखा कि शाहजी कभी चूत को
अपनी ज़बान से चाट्ता और फिर नजमा की गान्ड के सुराख पर अपनी ज़बान फेरते हुए उसकी गान्ड मे अपना ज़बान घुसा देता. मैं देख रहा था कि नजमा को ज़िंदगी का वो मज़ा मिल रहा था जो उसने सोचा भी नही था, वो लंड चूस्ते चूस्ते लंड को मूँह से निकाल देती और आँखें बंद किए अपना सर उठा कर मस्ती मे सिसकारी ले कर बडबडाति, "आहह....ऊऊफफफ्फ़...हूऊ...हूओ....", और दुबारा लंड चूसने लगती.
तक़रीबन [10] मिनट के बाद शाहजी नजमा के चुतड़ों को थप-थपा ता हुआ बोला,

"बॅस कर मेरी जान, अब बिस्तर पर लेट जा अब तुझे चोदने का वक़्त आ गया है अब अपना लंड तेरी कंवारी चूत मे घुसा कर तुझे लड़की से
औरत बना दूँगा",

शाहजी ने नजमा को बिस्तर पर चित लिटा दिया और एक तकिया ले कर नजमा के चुतड़ों को उठा कर चुतड़ों के नीचे रख दिया, इस तरह
नजमा की चूत पूरी तरह निकल आई थी, यह सब करने के बाद शाहजी चौंकता हुआ बोला,

"अर्रे मैं क्रीम तो ला कर रखना भूल ही गया था, तू इसी तरह लेटी रह मैं अभी दुकान से क्रीम ले कर आता हूँ",

शाहजी नजमा से यह कह कर बिस्तर से उतर गया और नंगा ही कमरे का दरवाज़ा खोल कर क्रीम लाने चला गया. शाहजी के जाते ही
नजमा मेरा हाथ पकड़ कर घबराई हुई आवाज़ मे बोली, उसका बदन काँप रहा था,

"सस्स्शहाहाब मुझे डर लग रहा है, उसका बहुत लांबा और मोटा है मुझे कुछ होगा तो नही?"

मैं नजमा की चूत पर हाथ फेरता हुआ प्यार से बोला, "डरने की कोई बात नही है, लंड जितना बड़ा होता है लड़की को उतना ही ज़्यादा मज़ा आता है, चूँकि तुम अभी तक कुँवारी हो इसलिए सिर्फ़ पहली बार लंड घुसते हुए थोड़ी तकलीफ़ होगी फिर जैसे ही लंड घुस जाएगा तकलीफ़
ख़तम और सिर्फ़ मज़ा ही मज़ा मिलने लगे गा",
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09-05-2020, 01:43 PM,
#38
RE: Antarvasnax Incest खूनी रिश्तों में चुदाई का नशा
नजमा कुछ नही बोली और आँखें बंद करके अपने होंठो पर ज़बान फेरने लगी, इतनी देर मे शाहजी वापस आ गया और दरवाज़ा बंद करके बिस्तर पर नजमा की दोनो टाँगों के बीच बैठ कर शीशी मे ऊँगली डाल कर क्रीम निकाला और ढेर सारी क्रीम ऊँगली से नजमा की चूत के
अंदर तक ठीक से लगा दिया फिर और क्रीम निकाल कर अपने लौडे पर भी लगा कर क्रीम की शीशी एक तरफ रखता हुआ मुझ से बोला,

"अब्बे गान्डु तू अब अपनी बेहन के दोनो टाँगों को पकड़ कर ऊपर उठा ले ताकि इसकी चूत का रास्ता मेरे लौडे के लिए बिलकूल सॉफ हो जाए और गौर से देखते रहना के किस तरह मेरा लंड तेरी कंवारी बेहन की चूत मे घुसता है और लड़की को कैसे चोदा जाता है ताकि मेरे
बाद तो इसे अच्छी तरह चोद सके",

मेरा पूरा बदन ज़ज़्बात की शिद्दत से काँप रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था की मेरा लंड धम्माके से फटने वाला हो, मुझ पर एक नशा छाया हुआ था, मैं फ़ौरन नजमा की दोनो टाँगों को पकड़ा और उसे ऊपर की तरफ उठा कर दो तरफ करके फैला दिया, इस तरह नजमा की चूत पूरी तरह खूल गयी, शाहजी अपने घुटनों को बिस्त्तर पर रख कर नजमा की चूत के पास बैठ गया और अपने लंड को पकड़ कर लंड की टोपी को नजमा की चूत से रगड़ने लगा. रगड़ते रगड़ते उसने एक हल्का सा धक्का मारा, धक्का मारते ही उसके लंड की टोपी खच से नजमा की चूत मे घुस गयी, नजमा के मूँह से एक “आहह” की आवाज़ निकली और वो अपनी आँखें बंद करके दांतो से अपने होंठ काटने लगी. शाहजी ने धीरे धीरे अपना लंड चूत मे घुसाना शुरू किया, आहिस्ता आहिस्ता उसने अपना एक चौथाई [¼] लंड नजमा की चूत मे घुसा कर मुझे पाँव [लेग] को छोड़ने का इशारा किया, मैने नजमा का पाँव छोड़ दिया, शाहजी ने नजमा की दोनो रानो को अपने बाज़ू पर रख कर
नजमा पर लेट गया और नजमा की दोनो चुचियों को पकड़ कर मसल्ते हुए अपने चूतड़ को आहिस्ता से ऊपर कर के अपने लौडे को थोड़ा निकाला और फिर फ़ौरन ही हल्का धक्का मार कर दोबारा अंदर घुसा दिया, आहिस्ता आहिस्ता वो अपने धक्के की रफ़्तार बढ़ाने लगा, मैं पीछे से झुक कर सॉफ देख रहा था कि शाहजी धक्का मारने के बावजूद अपने लंड को और ज़्यादा अंदर नही घुसने दे रहा था, नजमा अब लज़्जत और मस्ती मे डूब कर शाहजी से लिपटती हुई अपनी चूतड़ हिला रही थी. अभी मैं लंड को नजमा की चूत मे घुसता और निकलता
हुआ देख कर सोच ही रहा था कि शाहजी अपना पूरा लंड क्यूँ नही घुसा रहा है, इसी वक़्त मैने देखा कि इस बार शाहजी ने थोड़ा ज़ोर लगाकर अपना लंड और अंदर घुसाना शुरू कर दिया, इसी वक़्त मैं नजमा को तिलमिला कर कराहते हुए और तकलीफ़ मे डूबी सिसकारी ले कर कहते सुना,

“आहह……..ऊऊफफफ्फ़….अओरर्र…………नही……..घूऊओ औसस्साऊओ…………आहह……….न्न्नाही………नही…..आ ह……मार……..गयी…….ब्ब्ब्बाहूत………….ताअकलीफ़ हूरही……..है……..और….न्न्नाही…………….. घौसाऊ….म्मईरी चूओत फॅट जाए गी”,
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09-05-2020, 01:43 PM,
#39
RE: Antarvasnax Incest खूनी रिश्तों में चुदाई का नशा
मैं जल्दी से नजमा के सिरहाने बैठ कर उसके चेहरे को सहलाने लगा उसके चेहरी पर पसीना भरा हुआ था, मैने शाहजी की तरफ देखा उनकी आँखें खून की तरह लाल हो रही थी और उसका चेहरा भी पसीने से भरा हुआ था वो मेरी तरफ देख कर नजमा की चुचियों को गुब्बारे की तरह पंप करता हुआ धक्का लगाते हुए बोला,

“आहह अब्बे शहाब ऊऊफ़फ्फ़ तेरी बेहन की चूत का जवाब नही है, साली की चूत इतनी टाइट है कि मेरा लंड ज़रूर छिल गया होगा,” फिर वो नजमा के होंठो को चूम कर उसे कहा, “मेरी जान पहली बार चुदवाते हुए हर लड़की को तकलीफ़ होती है, बस एक बार मेरे पूरे लंड को
अंदर घुस जाने दे उसके बाद तुझे ज़िंदगी मे कभी तकलीफ़ नही होगी और तेरी ज़िंदगी मे सिर्फ़ मज़ा ही मज़ा रह जाए गा”,

मैने भी नजमा की चुचियों को सहलाना शुरू कर दिया और सहलाते हुए उस से कहा, नजमा बस थोड़ा बर्दास्त कर्लो अभी थोड़ी देर बाद
देखना कितना मज़ा मिले गा,”

नजमा शायद हमारी बात नही सून रही थी वो सिर्फ़ किसी भी तरह खुद को शाहजी से छुड़वाने के लिए मचल रही थी और तकलीफ़ से रो रही थी, मैने देखा शाहजी ने नजमा की दोनो रानो को अपनी बगल मे इस तरह दबा लिया कि वो हिल भी नही सकती थी और उसपर लेट कर एक हाथ से नजमा के कंधे को मजबूती से पकड़ लिया और दूसरे हाथ की हथेली से नजमा का मूँह बंद कर दिया और पूरी ताक़त से जोरदार धक्का मारा, मैं यह तो नही देख सका कि उसका लंड पूरा घुसा या नही, मगर नजमा को ज़बरदस्त तरीक़े से उछल ते हुए देखा, वो इतने ज़ोर से उछली थी कि शाहजी जैसा ताक़तवर आदमी भी पूरी तरह हिल गया था, नजमा के चेहरे से सॉफ मालूम हो रहा था कि वो बे-इंतेहा तकलीफ़ मे है उसका मूँह अगर शाहजी बंद नही करता तो यक़ीनन उसकी चीख से पूरा मोहल्ला जमा हो जाता, नजमा चीख तो नही सकी थी मगर उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे.

शाहजी ने अब अपनी आँखें बंद कर के पूरी ताक़त से नजमा को चोदना शुरू कर दिया मगर वो अभी भी नजमा का मूँह बंद कर रखा था शाहजी के हर धक्के से नजमा रोती हुई उछलती और दोनो हाथों से शाहजी को कभी नौचती और उसे धक्का देकर अपने ऊपर से उतार ने की जद्दोजहद करती, मगर कहाँ वो नाज़ुक सी दुबली पतली लड़की और कहाँ शाहजी जैसा ताक़तवर मर्द. थोड़ी देर मे मैने देखा कि नजमा के चेहरे के तास्सुरात बदलने लगे और उसके चेहरे पर तकलीफ़ की जगह मज़े और लज़्जत ने लेना शुरू कर दिया, जिन हाथों से वो शाहजी को नौच रही थी और उसे धक्का दे कर अपने ऊपर से उतार ने की कोशिश कर रही थी अब उसकी उन्ही दोनो हाथों से शाहजी को पकड़ कर अपने जिस्म से भींच ना शुरू कर दिया था और शाहजी के धक्के के जवाब मे अपने चूतड़ भी हिलाना शुरू कर दिया था.
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09-05-2020, 01:43 PM,
#40
RE: Antarvasnax Incest खूनी रिश्तों में चुदाई का नशा
मैं चुप चाप अपने लौडे को सहलाता हुआ एक अनोखी लज़्जत मे डूबा आँखें फाड़ कर दोनो की चुदाइ देख रहा था. शाहजी यक़ीनन बहुत तजुर्बेकार मर्द था उस ने नजमा की कैफयत से यक़ीनन समझ लिया था कि अब नजमा भी चुदाई का मज़ा ले रही है इस लिए वो अपना हाथ नजमा के मूँह से हटा कर उसकी दोनो चुचियों को अपने पंजे मे ले कर मसलता हुआ पूरी ताक़त से चोदने लगा.

जैसे ही नजमा का मूँह आज़ाद हुआ नजमा ने एक गहरा साँस लिया और शाहजी को अपने ऊपर से उतारने के लिए उसे धकेल कर अपने ऊपर से उतार ने की कोशिश करते हुए तकलीफ़ मगर साथ साथ लज़्ज़त के नशे मे डूबी हुई आवाज़ मे सिसकारी लेते हुए बडबडा भी रही थी साथ साथ नीचे से अपने चूतड़ भी हिलाती जा रही थी,

“आआहह………….ऊओफफफफ्फ़……आअहीइसस्सता………………ओ ऊओफफफफफ्फ़…….हूऊऊ…..हूऊऊ…….आआहह…….एमेम मईररी……चूत…….मे बहुत दर्द हो रहा है, शहाब मेरा भाई….. ऊऊफफफफ्फ़……शाहजी को रूको, आहह….इसे निकाल ने को बोलो मैं मर जाऊंगी ऊओफफफफ्फ़ मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही है,”

शाहजी धक्का मारते हुए नजमा की छाती को मसलता हुआ उसके होंठो को चूमते हुए बोलने लगा, “मेरी जान थोड़ा बर्दाश्त कर पहली बार चुदवाते हुए यह तकलीफ़ हर लड़की को होती है, अभी थोड़ी देर मे तेरी सब तकलीफ़ ख़तम हो जाए गी और तुझे इतना मज़ा मिले गा कि तू खुद बोले गी कि ज़ोर से चोदो,”

नजमा का चेहरा पसीने से भरा हुआ था मुझे उसकी तकलीफ़ का अहसास था क्योंकि पहली बार जब मैने शाहजी से गान्ड मरवाया था तो मैं बहुत तकलीफ़ से गुज़रा था मगर बाद मे मुझे वो मज़ा मिला था जिस का तस्सव्वर भी नही कर सकता था, इस लिए मैं बे-फ़िक्र था कि अभी थोड़ी देर मे नजमा की तकलीफ़ ख़तम हो जाएगी और उसे वो मज़ा मिले गा जिसके लिए वो तड़प रही थी, मैं बिल्कुल चुप चाप जज़्बात और लज़्जत के नशे मे डूबा अपने लंड को ज़ोर ज़ोर से सहलाते हुए दोनो को देख रहा था, मैं इस तरह बैठा हुआ था कि मुझे सॉफ सॉफ नजमा
की चूत मे शाहजी का लंड पिस्टन की तरह घुसता और निकलता हुआ नज़र आ रहता, थोड़ी देर बाद ही मैने नजमा की आवाज़ और उसके अंदाज़ मे तब्दीली देखी अब नजमा शाहजी को धक्का दे कर अपने ऊपर से उतार ने की कोशिश की बजाए उससे लिपट रही थी और आँखें
बंद करके अपनी चूत को शाहजी के लंड की तरफ उसके धक्के के जवाब खुद भी नीचे से धक्का मारते हुए उछाल रही थी और लज़्जत
और मज़े मे डूबी सिसकियाँ लेती हुई एक नशे की कैफयत मे बडबडा रही थी.
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