RE: antervasna चीख उठा हिमालय
" हम वह ज्ञान प्राप्त करते ही रह जायेंगें अौर हैरी फार्मुला प्राप्त कर लेगा ।" विकास ने कहां ।
हल्के से मुस्कराया अलफांसे । वही मुस्कान् जो अक्सर ऐसे समय उसके होंठों पर उभंरा करती है । ।।
" फार्मुला प्राप्त करना उतना आसान नहीं है बैटे, जितना तुम समझ रहे हों । पहली बात तो वतन ने उसे इतनी लापऱवाही से नहीं रखा होगा की कोई उसे आसानी से प्राप्त कर ले और दूसरी बात यह कि सांगगोक, बागारोफ और जेम्स बाण्ड इतनी सरलता से उसे फार्मुले के साथ अमेरिका नहीं पहुंचने देंगें । माना कि हैरी फार्मुला निकालने में सफल हो
जाता है । बीच में विभिन्न देश के जासूस उसका मार्ग अबरूध करेंगे --बस -हमें विदित हो जायेगा कि किसने कहां क्या मोर्चा लगाया है ? यह पता लगते ही हम स्वयं भी मैदान में कूद पड़ेंगे ।"
" क्या अाप स्पष्ट शब्दों में मुझे अपनी योजना नहीं बता सकते गुरु ?"
" बता तो दी है ।" अलफासे ने कहा…"इससे स्पष्ट अौर क्या -बताऊं ? तुम एयरपोर्ट से सीधे राष्ट्रपति भवन पहुंचकर हमारी सारी योजना पर पानी- न फेर दो यही सोचकर तो हम तुम्हें सीधे यहाँ ले आये । वैसे तुम्हें एक बात बता दें और वह, यह कि सब कुछ करने के लिये ट्रांसमीटर पर जासूसं प्यारे े ही हमसे कहा था । यह भी कहा था कि तुम्हारे यहां पहुंचते ही हम ट्रांसमीटर पर उससे सम्बन्ध स्थापित करें ।।"
विकास चुप ही रहा न जाने क्या सोच रहा था वह ?
अलफांसे ने अपने गले से लोंकेट-रूपी ट्रांसमीटर निकाला और सम्बन्ध स्थापित किया ।
"'चमगादड़ की मम्मी स्पीकिंग ।" दूसरी तरफ से विजय का स्वर उभरा ।
"'मैं चमगांदड़ का बाप बोल रहा हूं ।" हल्के से मुस्कराकर अलफासे ने कहा ।
" हांय ।" दूसरी तरफ से कहा गया है-""चमगादड़ के बापू , कहां हो तुम ? मैं चीन की दीवार पर उल्टी
तुम्हारी विरहाग्नि’ का स्वाद चख रही हूँ ।। मैंने जो अाम का अचार तुम्हारे पास भेजा था, वह पहुंचा या नहीं
।"
"पहुंच गया है ।" अलकांसे ने कहा-"स्बाद चखो ।"
कहते हुए अलफांसे ने ट्रांसमीटर विकास को पकड़ा दिया ।
विकास ने कहा…"पांव लागूं गुरु ।"
" जल्दी से हो जाओं शुरु ।" विजय की आवाज ।
" गुरू ये सब चक्कर क्या चल रहा है हैं"
"ये ज्ञान की बातें हैं प्यारे दिलजले । तुम समझने की कोशिश करोगे तो हमारी तरह चमगादड़ बनकर उल्टे लटक जाओगे ।" दूसरी ओर से विजयं कह रहा था… मुझे तुमसे सिर्फ इतना ही कहना है कि तुमसे अपने लूमड़ भाई -जो कहे, आँख, कान, नाक, मुंह बन्द करके वह करते चले जावो ।"
" क्या मतलब गुरु ?"
"मतलव कल्लो कहारी के मंजे हुए बर्तनों कौ तरह एकदम साफ है प्यारे दिलजले । दिमाग और धैर् यसे काम लोगे तो कामयाब हो जाओगे, वरना प्यारे, अन्तरोंष्ट्रीय जासूसों के चक्रव्यूह में फंसकर अभिमन्यु ही कहलावोगे
"
"आपके ढंग से काम करना मेरे बस का नहीं है गुरु ।"
"तुम क्या करना चाहते हो ?"
" मैं तमाशा घुसकर देखना चाहता हूं । "विकास ने कहा-मैं डरपोक नहीं जो जासूसों के चक्रव्यूह से डरुं ।"
" मुझे बहादुर आदमियों से डर लगता है प्यारे ।" विजय की आवाज-अच्छा है कि ट्रांसमीटर तुम अपने लूमड़ भाई के हाथ में दे दो ।"
" मैं कुछ करने की इजाजत चाहता हूँ गुरु !"
" क्या करने की ?"
"अभी मैं स्वयं भी नहीं जानता कि क्या करना है मुझे ?" विकास का स्वर निरन्तर गम्भीर होता चला जा
'रहा था…"इस अभियान को शुरू से ही आपने मुझे अपनी योजनाओं के चक्कर में बांध रखा है । इस तरह काम करना से मुझे बोरियत आती है । मैं खुलकर कुछ करना चाहता हूँ । अच्छा है कि आप अपनी योजनाओं के अँकुश मुझ पर न लगायें ।। मुझे अपने ढ़ग से काम करने दे । मुझे सिर्फ इतना विदित है किं हैरी गुरु का मेकअप करके वतन के पास चला गया है । मैं हैरी को इस ह्ररकत का सबक देना चाहता हूं ।"
"जिस आदमी को यह नहीं पता कि वह करना क्या चाहता है वह करेगा क्या ?"
"प्यारे लूमड़ भाई, अपने साले दिलजले का तो है दिमाग खराब है !" विजय ने कहा--- "उसे कोई ऐसी हरकत करने को रोकना तुम्हारा काम है जिससे हमारी योजना पर पानी न फिर जाये, मैं कहता था न --- असली जासूसी नहीं जानता वह । साला मारधाड़ में विश्वास करता है अौर इस समय उसके हाथ खुजला रहेॉ है कहीं ऐसा न हो कि हैरी से ही जाकर लिपट जाये । अगर ऐसा हो गया प्यारे लूमड़ भाई, तो तुम स्वयं समझ सकते हो कि हमारी सारी योजना का कचूमर निकल जायेगा ।"
"उसकी तुम चिंता मत करो जासूस प्यारे ।" अलफांसे ने कहा -" विकास मेरे पास है और इसे मैं देख लूगा तुम बताओं कि नई बात है क्या कुछ ?"
--"हां है" विजय ने बताया, अलफांसे के साथ विकास भी ध्यानपूर्वक सुन रहा थां-"कुछ ही देर पहले अमेरिका से अपने झानझरोखे ने खबर भेजी है कि हैरी ने ट्रांसमीटर पर अमेरिकन सीक्रेट सर्विस के चीफ को एक रिपोर्ट भेजी है ।"'
"क्या ?"
"यह कि अलफासे के भेष से वह प्रयोगशाला के अंन्दर पहुंच गया है ।" विजय ने कहना प्रारम्भ किया---"हैरी ने वतन की प्रयोगशाला के अन्दर स्थान-स्थान पर अपनी योजनानुसार टाइम बम फिक्स कर दिये प्रयोगशाला से फार्मुला निकालने की न उसने सिर्फ पूरी योजना वना ली है वल्कि उसे कार्यान्वित भी करना प्रारम्भ कर दिया है हैरी ने अपने चीफ को बता दिया है कि अपनी योजना के अनुमान टाइमिंग सैट करके उसने प्रयोगशाला के अंदर कई बम फिट कर दिये हैं वह प्रयोगशाला से बाहर निकलेगा।। वतन, धनुषर्टकार और अपोलो के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंचेगा भवन से चमन घूमने के बहाने वह ठीक शाम को छ: बजे बाहर निकलेगा--
इस समय में बह प्रेयोगशाला की चारों सर्चलाइटें फोड़ने का प्रबन्ध कर आयेगा ।ये चारों सर्चलाइटें रात के ठीक बारह बजे फूटगी । उस समय अलफांसे बना हैरी वतन इत्यादि के पास ही सौया होगा इत्यादि ।" दूसरी तरफ से विजय ने ट्रांसमीटर पर हैरी की सारी योजना बता दी अन्त में बोला----" इस प्रकार वह फार्मूला लेकर चमन से बाहर जाने वाली सडक पर ठीक वहां पहुंचेगा, जहाँ मील का वह पत्थर लगा होगा, जिस पर बारह लिखा होगा । हैरी ने यह भी बताया है कि उस समय वंतन के मेकअप में होगा ।"
-"हूँ ।" अलफासे सुनता रहा ।
" इधर अमेरिकन सीक्रेट सर्विस चीफ ने हैरी से कहा है कि वह हैलीकॉप्टर लेकर जैकी को भेजेगा, इत्यादि ।"
"निश्चय ही बडी सुन्दर योजना बनाई है हैरी ने ।" अलफांसे ने कहा---"हैरी क्या कुछ करने जा रहा है यह तुम जान चुके हो लूमड़ भाई ।" विजयं ने कहर-"बदले में तुम्हें क्या करना है; यह बात तुम जैसे समझदार आदमी को समझामे की आवश्यकता नहीं है है ।"
" हम सब सम्हाल लेंगे है"
"ओ - के ।" विजय ने कहा जरा दिलजले की लगाम खींचकर रखना यह ऐसा घोडा है कि बेलगाम होते ही सरपट दौड़ना शुरू कर देता है । फिर ऐस गिरता है सम्हालने गुरुयों को ही जाना पड़ता है ।। ध्यान रहे वह कोई ऐसाा कदम न उठा पाये जिससे सारा गुड़ गोबर हो जाये । "
इन शब्दों के साथ ही दूसरी तरफ से विजय ने सम्बन्ध विच्छेद कर दिया ।। ट्रांसमीटर आँफ करके लाकेट गले में पहनता हुआ अलफांसे विकास की तरफ देखकर बोला ---" सुना तुमने ? क्या कहा तुम्हारे अंकल ने ?"
"मैं तो ये सुनना चाहता हूं गुरु, कि आप क्या कहते हैं ।"
"किस विषय में ?"
" क्या मुझे गुरुयोॉ की कैद में रहकर काम करना पडेगा ?"
"साफ-साफ कहो ।" अलफांसे का गम्भीर स्वर ---" क्या कहना चाहते हो ! "
""यह कि शुरू से ही इस केस पर खुलकर काम करने का मौका नहीं दिया जा रहा है ।" विकासं का लहजा अलफासे से भी कहीं अधिक गंभीर था…"मै चमन के लिये रवाना होने बाला था, जवं मैंने अखबार में वतन का स्टेटमेंट पढा, किन्तु विजय गुरु ने यह कहकर रोक दिया कि सारा काम एक योजनाबद्ध तरीके से होगा । मैं रुक गया ।। उनकी बात मान ली । उनकीं योजना के अनुसार ही सरदार के मेकअप में मैं यहाँ पहुंचा । यहां पहुंचते ही आपने मुझे आनी कैद में ले लिया । फिर वही बन्दिश कि मैं कुछ न करु---सांरा काम योजनानुसार होगा ।"
" क्या सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है ?"
"खाक ठीक-चल रहा है !" गुर्रा उठा बिकास… "हैरी ने वतन की प्रयोगशाला में बम फिट कर दिये यह ठीक चल रहा है ?"
"ठीक न चलता तो यह खबर हम तक न पहुंचती । "
" जो कुछ चल रहा है, उसे आप ही ठीक समझे गुरु ।" विकास ने कहां…"मेरी दृष्टि में तो यह सब कुछ
गलत हो रहा है । योजना के नाम पर मैं आपकी तरह यहाँ चुपचाप बैठकर सव कुछ नहीं देख सकता ।"
" तुम करना क्या चाहते हो ?"
"हैरी की गर्दन तोड़ना चाहता हूं ।" विकास गुर्राया---"उसने वतन की प्रयोगशाला में वम फिट करने की जरूरत कैसे की ?"
" तुम मैदान में अाये तो सांगपोक, बागरोफ, तुगलक और जेम्सवाण्ड में से कोई तुम्हारी गर्दन तोड़ देगा ।"
" देखा जायेगा गुरु ।" बिकास गुर्रा उठा था---"इतना बुजदिल नहीं है आपका चेता कि उन कुतों के डर से इस बिल में छुपा रहे । "
-"सवाल बुजदिली का नहीं बेटे, सवाल है बुद्धिमानी का ।" अलफांसे ने कहा-"तुम स्वयं समझ सकते हो मैदान में सिर्फ हैरी उतरा है,.वह भी मेरे मेकअप में । जिस मकसद से हैरी यहाँ पहुंचा है, उसी मकसद से बाण्ड, बागरोफ, नुसरत खान और सांगपोक इत्यादी अपने-अपने देशों से चले हैं । जरा सोचो सोचो कि वे सब कहाँ गयै क्या कर रहे ?"
" आपकी तरह छूपे बैठे होंगे किसी विल में" ।
"क्यों ? " ।।
" हैरी फामुँला प्राप्त करे और वे उससे छीन लें ।"'
" मतलब सोंचने का पुरा दिमाग है तुम पर, किन्तु उसे कष्ट नहीं देते हो ।" हल्के से मुस्कराकर अलफांसे ने कहा--" निश्चय ही
अपना-अपना मोर्चा लगाये घात में बैठे है कि जैसे ही वह फार्मुला निकालकर प्रयोशाला से बाहर लाये और अपनेअपने ढंग से वे उस पर झपट पड़े ।। उनके बीच जमकर युद्ध होगा और जो भी उनमें अंतिम विजेता होगा, वह हमारा शिकार बनेगा ।"
" अगर सब यहीं सोचे बैठे रहे तो हैरी सफालतापूर्वक फार्मूला लेकर अमेरिका पंहुंच जायेगा ।"
" वहां उसे रोकने के लिए अशरफ मौजूद है ।"
"आवश्यक तो नहीं कि अशरफ अंकल उसे रोक ही लें ? " विकास ने कहा----"हम इस उम्मीद पर यहां क्यों बैठे रहें कि प्रयोगशाला से निकलकर अन्त में फार्मूला हमारे ही हाथ लगेगा । जब हम यह कर सकते हैं कि फार्मूले को वतन की प्रयोगशाला से बाहर ही न निकलने दे तो क्यों न ऐसा ही करें ? क्यों यह रिस्क उठाये कि हैरी फामुँला बाहर लाये ? अन्य जासूस उस पर झपटें ?"
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