antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
12-01-2018, 01:02 AM,
#1
antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
सेक्स..... एक ऐसा वर्ड है जिसको हर कोई जानता है एक्सेप्ट न्यू बोर्न बेबीस. डेली बेसिस पे हम डाइरेक्ट्ली ऑर इनडाइरेक्ट्ली कितने ही इन्सिडेंट देख सकते है देख सकते है जिनसे हम ईज़िली आइडिया लगा सकते है कि कैसे लोग सेक्स के लिए मेंटली फ्रस्टरेटेड है. चाहे रोड पे गंदा कॉमेंट करने वाला कोई लड़का हो या छत के किसी कोने मे छुप कर बात करती हुई कोई लड़की हो, चाहे बुरी तरीके से घूरता हुआ कोई बूढ़ा अंकल हो या ओपन ब्लाउस से अपनी असेट्स शो करती कोई आंटी. एवेरिवन ईज़ थर्स्टी फॉर सेक्स इट ईज़ देयर राइट टू हॅव इट ऑन टाइम. लेकिन ये हर किसी को टाइम पे नही मिल पाता, अगर मिल पाता तो लाइफ मे कोई ग़लत कदम उठता ही नही.

आज मे एक ऐसी कहानी शुरू करने जा रहा हू जो अपने अंदर इस दुनिया के सारे राज समेटे हुए है. स्टोरी सभी पढ़ते है और एक्सपेक्टेशन्स सभी की अलग अलग होती है. मेरी एक्सपेक्टेशन्स बस इतनी है कि सब मुझे सपोर्ट करेंगे और मेरी ग़लतियो को इग्नोर करेंगे. स्टोरी इस टोटली बेस्ड ऑन रियल इन्सिडेंट्स आंड सम ऑफ दा इन्सिडेंट्स आर आडेड फ्रॉम माइ साइड फॉर बेटर अंडरस्टॅंडिंग ऑफ रीडर्स.

ये कहानी एक मिड्ल क्लास जॉइंट फॅमिली की है जहाँ प्यार और रेस्पेक्ट कूट कूट कर भरा है. फॅमिली के कॅरेक्टर्स का इंट्रोडक्षन करा देता हू -

1. पंकज ग्रोवर ( 43 यियर्ज़ ओल्ड मेल) -

2. स्मृति ग्रोवर ( 41 यियर्ज़ ओल्ड फीमेल आंड वाइफ ऑफ पंकज ग्रोवर)-

3. आराधना ग्रोवर (21 यियर्ज़ ओल्ड गर्ल, डॉटर ऑफ मिस्टर. आंड मिसेज़. ग्रोवर) -

4. प्रीति ग्रोवर ( 19 यियर्ज़ ओल्ड गर्ल, डॉटर ऑफ मिस्टर. आंड मिसेज़. ग्रोवर) -

5. कुशल ग्रोवर ( 18 यियर्ज़ ओल्ड बॉय, सन ऑफ मिस्टर. आंड मिसेज़. ग्रोवर) -

ये सभी इस कहानी के मेन कॅरेक्टर्स है लेकिन कुच्छ और भी कॅरक्टर है इस स्टोरी के जो टाइम बाइ टाइम सामने आते जाएँगे.

पंकज ग्रोवर ईज़ ए टॉल हॅंडसम मॅन, जो अपनी प्रिंटिंग फॅक्टरी चलाता है देहरादून मे. बिज़्नेस कोई बड़े लेवेल का नही है लेकिन इसे हम स्माल बिज़्नेस भी नही कह सकते. आलीशान घर बनाने की तमन्ना सिर्फ़ अभी दो साल पहले पूरी की अपनी बेटी आराधना की ग्रड्यूशन के बाद. स्मृति एक हाइली ब्यूटिफुल हाउस वाइफ है आंड पार्ट टाइम सॉफ्टवेर डिज़ाइन्स भी करती है. आराधना सबसे बड़ी लड़की है और काफ़ी सिन्सियर है, बच्चे सभी अपनी मोम पे गये है काफ़ी सुंदर है. आराधना ग्रॅजुयेशन कर चुकी है और करेंट्ली फॅशन डिज़ाइनिंग का कोर्स कर रही. उसकी छोटी बहन प्रीति 12थ स्टॅंडर्ड के एग्ज़ॅम दे चुकी है और रिज़ल्ट का वेट कर रही है. उनका छोटा भाई कुशल अभी 11थ ग्रेड मे आया है.

कुशल - " पापा आप मुझे शॉपिंग कब कराएँगे, मेरे सभी फ्रेंड्स सनडे के दिन कितने सेक्सी क्लॉत्स पहन कर घूमते है". कुशल ने बाहर हॉल मे अपने पापा से कहा. ये सुनकर स्मृति अपनी हँसी नही रोक पाई जो पास हॉल मे ही बैठ कर अपने लॅपटॉप पे काम कर रही थी.

पंकज - " कैसे होते है सेक्सी क्लॉत्स, हमारे बच्चे को अब पता चल गया". पंकज ने कुशल के कान को पकड़ते हुए कहा.

कुशल - " पापा सेक्सी यानी गुड लुकिंग क्लोद्स. सेक्सी जीन्स आंड सेक्सी टी-शर्ट्स और शूज भी दिलाओ मुझे". कुशल ने बचते हुए कहा.

स्मृति - " क्या अपने बेटे की बात नही मान सकते". स्मृति ने इतराते हुए कहा, आज उसने पिंक कलर का सूट और वाइट कलर की पाजामी पहनी हुई थी. मेक अप की उसे इतनी ज़रूरत नही पड़ती क्यूंकी वो ऑलरेडी बेहद सुंदर पर्सनॅलिटी की मालकिन थी. हाइट 5 फीट 6 इंचस होगी ( श्योर नही हू), फेर कलर विद स्लिम बॉडी, बिग आइज़, टोटली पिंक लिप्स, वेस्ट लाइन 28 से ज़्यादा नही थी. फर्स्ट इंप्रेशन मे कोई भी नही कह सकता था कि शी ईज़ दा मदर ऑफ थ्री चिल्ड्रेन. सबसे खास बात उसके पर्सनल असेट्स थे, जिनको मे अभी बयान नही कर सकता. शॉर्ट क्लोद्स वो नही पहनती थी, और साड़ी , सूट ही ज़्यादा पहनती थी.
पंकज - " मेडम हम ने तो कभी मना नही किया, चाहे तो आप भी चलें". पंकज ने स्मृति की बात का जवाब देते हुए कहा.

स्मृति - " मुझे रहने दीजिए, आप कुशल को ले जाइए". स्मृति ने स्माइल करते हुए कहा. तभी प्रीति भी उपर से नीचे उतर आई.

प्रीति - "डॅड मे भी आपके साथ चलूंगी, क्या हमेशा इसे ही ले जाते हो".

कुशल - " तो तू क्यू जलती है, तेरे पास तो कपड़ो की कोई कमी नही है और हर दिन नये कपड़े पहनती है. आज भी देखो नयी जीन्स और नया कुर्ता पहना हुआ है". कुशल ने थोड़ा गुस्से मे कहा

प्रीति – “ कम तो तेरे पास भी नही है, और तूने भी कम स्टाइलिश कपड़े नही पहने है. ये बात अलग है कि तुझपे कम अच्छे लगते है और मुझपे ज़्यादा”. प्रीति ने अपने कुर्ते के कॉलर खड़े करते हुए कहा.

कुशल – “ देख लो मोम इसे, हमेशा मेरा मज़ाक उड़ाती रहती है”. और कुशल भाग कर अपनी मम्मी के पास बैठ गया.

कुशल और प्रीति की उमर मे ज़्यादा फ़र्क नही था इसीलिए वो लड़ते रहते थे. जैसा पहले मेन्षन किया है सभी बच्चे खूबसूरत थे. कुशल सिर्फ़ 18 साल का था लेकिन चेस्ट पे बाल आने शुरू हो गये थे, हाइट एक दम से काफ़ी बढ़ गयी थी और 6 फीट से शायद 1 इंच ही कम होगा. उसके चेहरे पे हल्की हल्की सेविंग आनी शुरू हो गयी थी और आवाज़ मे भारीपन भी था. दूसरी तरफ प्रीति ब्यूटिफुल होने के साथ साथ सेक्सी भी थी. लेकिन कभी शॉर्ट कपड़े नही पहनती थी, कभी कभी लेगिंग पहन लेती थी अदरवाइज़ मॅग्ज़िमम टाइम लूज कपड़े ही पहनती थी. उसकी हाइट अपनी मोम से थोड़ी ही ज़्यादा हुई थी अभी तक शायद हाफ इंच. बाकी कलर फेर, कर्ली हेर आंड पिंक लिप्स, बॉडी काफ़ी स्लिम थी लेकिन अभी कुवर्व्स आने स्टार्ट हो गये थे, फिगर अराउंड 32सी – 26 – 32 होगा. सभी लोग प्रीति की आइज़ की बहुत तारीफ करते थे.

पंकज – “ अच्छा अब लड़ना बंद करो और हम सब शॉपिंग करने सनडे को चलेंगे, ठीक है अब तो”. खुशी के मारे दोनो कुशल और प्रीति दोनो अपने पापा से चिपक गये. तभी गेट खुलता है और पूरे हॉल मे खुसबु फेल जाती है, सभी ने अपनी गर्दन घुमाई तो देखा कि आराधना बाहर से आई है.
आराधना – “ क्या बात है, घर मे काफ़ी खुशिया मनाई जा रही है”.

प्रीति – “ यू नो दी, डॅड हमे सनडे को शॉपिंग करने ले जा रहे है. मज़ा आ जाएगा ना”.

आराधना – “ आंड वॉट अबाउट मी डॅड, मुझे क्या दिला रहे हो”. आराधना ने अपने दोनो हाथ और कंधे क्वेस्चन मार्क स्टाइल मे उपर करते हुए कहा.

कुशल – “ ये लो अब हमारी दीदी भी बीच मे आ गयी है, अभी तक तो ये बस प्रीति ही उच्छल रही थी”.

आराधना – “ तू टेन्षन ना ले कुशल, डॅड सबका भला करेंगे. और इस बार हम आसानी से नही मानेंगे और एक्सपेन्सिव शॉपिंग करेंगे. क्यू डॅड”.

पनकाज – “ भाई अब जब हमारी प्यारी बेटी ने डिसिशन ले ही लिया है तो हम क्या कर सकते है”. और सभी खुश हो जाते है और आकर अपने डॅड से गले मिलने लगते है. सबसे गले मिलने के टाइम पंकज का चेहरा स्मृति की तरफ था और पंकज उसे फ्लाइयिंग किस ऑफर करता है नॉटी स्टाइल मे और स्मृति उसे आँख दिखाती है.

आज फ्राइडे है, आराधना कॉलेज से आने के बाद उपर अपने बेड रूम मे चली जाती है. तीनो बच्चो के बेड रूम उपर ही है और बाथरूम सभी के बेडरूम मे अटॅच है. फर्स्ट फ्लोर पे बच्चो के लिए टाय्लेट कामन है और वो तीनो के बेडरूम क्रॉस करने के बाद आता है. पंकज आंड स्मृति ग्रोवर ग्राउंड फ्लोर पर रहते है और उनका बाथरूम आंड टाय्लेट अटॅच है.

आराधना अपने रूम मे आने के बाद फ्रेश होने का डिसिशन लेती है और बाथरूम मे चली जाती है. इसी बीच उसकी छोटी बहन प्रीति उससे मिलने उसके रूम मे आ जाती है. बाथरूम के अंदर सबसे पहले वो अपना सूट उतारती है और अंडर आर्म्स चेक करती है. अर्धना बेहद ही खूबसूरत आंड फिट बॉडी की मालकिन है, उसकी बॉडी मे सबसे खास चीज़ उसका फेस और उसका वो पार्ट जो सभी लड़कों की तमन्ना होती है – बूब्स. आइ डॉन’ट नो हाउ टू एक्सप्लेन लेकिन कभी कभी ऐसा लगता था कि जैसे कोई आइरन रोड लगी हो उनमे, नेबरहुड गर्ल्स जेलस करती थी आराधना के बॉडी स्टाइल से आंड एस्पेशली बिकॉज़ ऑफ हर टाइट बूब्स . उसका फिगर 36सी – 26 – 36 होगा लेकिन उसके कपड़ो का तरीका कभी उसके फिगर को दूसरो के सामने शो नही करता था. अंडरआर्म्स चेक करने के बाद अपना एलेक्ट्रिक शेवर उठती है और अंडर आर्म हेर क्लीनिंग स्टार्ट कर देती है.

प्रीति – “ दीदी यू आर देअर?”

अर्धना – “ ओह प्रीति यस आइ आम हियर इन बाथरूम, लेट’स सिट आइ आम कमिंग आउट इन ए व्हाइल”. उसके एलेक्ट्रिक शेवर की आवाज़ बाहर तक आ रही थी. दोनो अंडर आर्म्स क्लीन करने के बाद वो बाथरूम मिरर मे अपने आप को निहारती है, पहले फ्रंट पोज़ मे आंड देन साइड पोज़. साइड पोज़ मे उसे ऐसा लगा जैसे कि वेस्ट के मुताबिक बूब्स कुच्छ ज़्यादा ही बाहर है और इस पे स्माइल करती है. लास्ट मे बॅक पोज़ देखने के बाद वो अपना फेस वॉश करती है. उसने अभी ब्रा और पाजामा के सिवाय कुच्छ नही पहना था. अपने उपरी पार्ट को टवल से ढक कर वो बाहर आ जाती है.

आराधना – “ और सुना प्रीति कैसा चल रहा है”. वॉर्डरोब से एक फुल स्लीव प्लेन येल्लो टी-शर्ट ऑर पयज़ामा निकालते हुए वो प्रीति से पूछती है.

प्रीति – “ कुच्छ नही दी, रिज़ल्ट का वेट कर रही हू और घर मे बोर होती रहती हू. आप सुनाए, हो गयी क्लीनिंग”. प्रीति ने एक नॉटी स्माइल के साथ आराधना से पुछा.

आराधना – “ क्लीनिंग? कैसी क्लीनिंग, क्या पुछ्ना चाहती है तू? आराधना ने बाथरूम के अंदर जाते हुए पुछा

प्रीति – “ नही वो आपके एलेक्ट्रिक शेवर की आवाज़ आ रही थी तो मेने सोचा शायद कुच्छ क्लीनिंग की जा रही है”. प्रीति ने फिर से एक नॉटी मुस्कान के साथ कहा
आराधना –“ प्रीति मे तुम्हारी एल्डर सिस्टर हू, तुम्हे मेरे साथ ऐसे मज़ाक नही करने चाहिए”. और ये कह कर वो बाथरूम मे फिर से चली गयी टी-शर्ट और पयज़ामा को पहन ने के लिए.

प्रीति – “ ओ कम ऑन दीदी, आप ऐसे क्यू बिहेव करती है. वी आर मॉडर्न गर्ल्स, इतना तो चलता है सिस्टर्स मे”.

आराधना – “ हम ऐसी फॅमिली से बिलॉंग नही करते जहाँ ऐसे मज़ाक हो”. आराधना ने बाथरूम के अंदर से ही टी-शर्ट पहनते हुए कहा. टी-शर्ट पहन ने के बाद उसने मिरर मे देखा, टी-शर्ट पहन ने से उसके सिल्की हेर उसके फोर्हेड पे आ गये थे. उनको अपने राइट हॅंड से हठाते हुए अपने कानो के पीछे ले जाती है. उसका फेस एकदम स्पॉट लेस था, बहुत ही फेर आंड वाइट. थोड़े से ही कोल्ड वेदर मे उसके चीक्स रेड हो जाते थे. फिर वो मिरर मे साइड पोज़ मे फिर से देखती है और थोड़ा सा मूँह बनाती है जैसे उसे टी-शर्ट की फिटिंग पसंद नही आई. और उसे उतार कर वो फिर से बाहर आती है , बाहर आने से पहले अपने को फिर से टवल मे लपेट लेती है.

प्रीति – “ क्या टी-शर्ट फिट नही आई, ऐसा क्या हो गया कि ये टी-शर्ट लास्ट मंथ ही ली और अब नही आ रही है, क्यू दीदी”. प्रीति ने फिर से नॉटी अंदाज मे कहा.

आराधना – “ तू फिर से शुरू हो गयी, आज कल बहुत बड़ी बाते करने लगी है. पढ़ाई मे मन लगा और इधर उधर ध्यान मत दिया कर, समझ आया”. आराधना ने वॉर्डरोब से दूसरी टी-शर्ट निकालते हुए और प्रीति की तरफ देखते हुए कहा. वो फिर से बाथरूम मे चली जाती है टी-शर्ट पहन ने के लिए.

प्रीति –“ दीदी रिज़ल्ट का वेट कर रही हू तो पढ़ाई मे मन कैसे लगाऊ, और आप ज़रा ज़रा सी बातो के लिए सीरीयस मत हुआ करिए. ऐसे बहुत सारे कपड़े है जो मुझे लास्ट मंथ तक आते थे लेकिन अब नही आते तो इसमे बड़ी और नाराज़ होने वाली बात क्या है. हम हमेशा तो बच्चे रहेंगे नही आंड यू नो दट”. प्रीति ने भी एक ही साँस मे सब कुच्छ एक्सप्लेन कर दिया.

अर्धना – “ ओह हो, तो अब हमारी छोटी सिस्टर भी बड़ी होने लगी है और कपड़े भी छोटे होने लगे है. क्या बात है इसीलिए डॅड के साथ शॉपिंग का प्लान बनाया है

क्या”. अपने वॉर्डरोब मिरर मे देखते हुए और अपने बालो को कोंब करते हुए आराधना बोली.

प्रीति – “ ये हुई ना बात, ऐसे ही हॅपी रहा करो. कभी कभी तो लगता है कि हमारी ब्यूटिफुल और सेक्सी दीदी हिट्लर है. प्रीति ने फिर से थोड़ा सा मज़ाक करते हुए कहा और आराधना फिर से उसे चुटकी बजा के फिंगर दिखाते हुए इशारा करती है कि हिट्लर नही बोलना है. उसके बाद प्रीति बाइ बोल कर अपने रूम मे आ जाती है. तभी थोड़ी देर बाद आराधना को उसकी बेस्ट फ्रेंड सिमरन का कॉल आता है.
सिमरन – “ हे स्वीटी कैसी है?”
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12-01-2018, 01:03 AM,
#2
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आराधना – “ बस ठीक हू तू बता क्या चला रहा है”

सिमरन – “ बस यहाँ भी सब ठीक है, बोर हो रही थी सोचा तुझसे बात कर लू. और घर पे सब कैसे है”.

अर्धना – “सब ठीक है यार, सनडे को डॅड शॉपिंग करने ले जा रहे है विद ऑल फॅमिली”.

सिमरन –“ ओये होये क्या बात है, इस बार तो खरीद ले कुच्छ सेक्सी आइटम्स जो तेरी बॉडी को शो ऑफ कर सके. कब तक सती सावित्री बनी रहेगी, कभी कभी तो बिजली गिरा दिया कर अपने मोहल्ले पड़ोस मे भी. “

आराधना – “ ओये मेडम मे ऐसी लड़की नही हू, ओके. और ना ही मेरा एरिया ऐसा है जिसमे ऐसे लोग रहते है. ये काम तू ही कर और मुझे मत सिखा”.

सिमरन – “ हर किसी का लाइफ जीने का तरीका होता है, जैसी तेरी मर्ज़ी. लेकिन चल सनडे को मेरी हेल्प कर दे ना यार, मुझे अपने बॉय फ्रेंड से मिलना है और तेरे घर कोई नही है प्लीज़ क्या हम वहाँ आ जाएँ.”

आराधना –“ क्यू घर मे ही क्यू, कहीं बाहर नही मिल सकते हो”

सिमरन – “ हमेशा ग़लत ही सोचेगी. यार बाहर गर्मी है और फिर रेस्टोरेंट का क्राउड और पार्क मे तो आज कल लड़की और लड़के का मिलना ही गुनाह है. अगर तू हेल्प कर देगी तो तेरे यहाँ मिल लूँगी लेकिन अगर तू नही चाहती तो रहने दे”. सिमरन ने इनोसेंट बनते हुए कहा.

आराधना –“ ऐसी बात नही है सिमरन बस डर लगता है कि पता नही सब क्या कहेंगे, वैसे मुझे तुझ पे पूरा भरोसा है तो तू आ सकती है लेकिन कोई नॉटी हरकत नही ओके”.

सिमरन – “ ये हुई फ्रेंड्स वाली बात, तू टेन्षन ना ले और मस्त रह. हम वहाँ थोड़े टाइम रहेंगे और चले जाएँगे. चल अब तू रेस्ट कर थक गयी होगी. कल मिलते है”.

आराधना –“ ओके चल बाइ”.

इधर स्मृति और पंकज अपने बेड रूम मे मिलते है.

स्मृति –“ ये कैसी हरकते करते हो बच्चो के सामने”.

पंकज – “ क्यू कैसी हरकत कर दी मेने?”

स्मृति -“ ज़्यादा बनो मत तुम्हे पता है कि वो बच्चो के रहते मुझे फ्लाइयिंग किस देने की बात कर रही हू”. बेड पे बैठे हुए स्मृति ने अपना फेस दूसरी साइड गुस्से मे करते हुए कहा.

पंकज –“ जिसकी वाइफ इतनी सेक्सी ही वो बेचारा क्या करे, बच्चो के जाने का इंतेज़ार? इतना सब्र कैसे करू”. पंकज स्मृति के करीब जाते हुए ये बात कहता है और स्मृति का एक हाथ पकड़ कर अपने प्राइवेट पार्ट पर रख देता है.

स्मृति –“ ओह माइ गोद, ये फिर से रेडी है. क्या खिलाते हो इसे और प्लीज़ अभी मूड मत बनाना क्यूंकी मेरा कोई मूड नही है. वैसे भी बच्चे अभी घर मे है”. स्मृति ने अपना हाथ वहाँ से हठते हुए कहा.

पंकज –“ अगर मूड नही है तो बनाओ ना जान, देखो मेरा शेर कितना भूका है”. और फिर से स्मृति का हाथ पकड़ कर अपने उसी पार्ट पर रख देता है.
धड़ाक’ और तभी बेडरूम का गेट खुलता है और कुशल अंदर आता है. तीनो शॉक्ड हो जाते है और तभी स्मृति अपना हाथ हठाते हुए.

स्मृति – “ येस सन , व.. व्हाट यू नीड”. उसकी आवाज़ मे हकलाहट थी.

कुशल – “ कुच्छ नही … सॉरी “ और मुकुराते हुए बाहर आ जाता है. स्मृति गुस्से मे पंकज की तरफ देखती है और कहती है.

सिमरन –“ देखा, हमेशा बे सबरे हुए रहते हो. पता है बच्चो पे कैसा असर पड़ेगा इन सब चीज़ो से”.
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12-01-2018, 01:03 AM,
#3
RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
स्मृति –“ देखा, हमेशा बे सबरे हुए रहते हो. पता है बच्चो पे कैसा असर पड़ेगा इन सब चीज़ो से”.

पंकज – “ डार्लिंग ग़लती हमारी नही है, हम तो वोही कर रहे है जो हमे करना चाहिए लेकिन ग़लती है बच्चो की अंडरस्टॅंडिंग मे जो बिना नॉक करे हज़्बेंड वाइफ के रूम मे चले आते है. क्या तुम इतना भी नही सिखा सकती हो बच्चो को, क्या करती हो घर मे फिर”. पंकज ने मज़ाक करने के तरीके से स्मृति से कहा.

स्मृति – “ क्या बोलू बच्चो से कि रूम नॉक करके आया करो क्यूंकी उनके मम्मी डॅडी मे भी वो करने मे बिज़ी होंगे”.

पंकज – “ वो क्या करने मे मेरी जान, बताओ तो सही.” पंकज थोड़े फन्नी मूड मे लग रहा था

स्मृति –“ वाह वाह, इतने भोले हो आप तो कि आप को इतना भी नही पता कि मे क्या करने की बात कर रही हू. ऐसे ही तीन बच्चे पैदा कर दिए आपने ख्यालो से ही”. स्मृति ने फिर गुस्से मे कहा, तभी पंकज उसके शोल्डर्स को पकड़ता है और उसके होठों पे अपने होठ रख देता है. स्मृति इस आक्षन के लिए तैयार नही थी और पंकज से अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करती है लेकिन पंकज मान ने के मूड मे नही था और उसके होंठो को चूस्ते हुए अपना राइट हॅंड उसके राइट बूब्स पे ले जाकर प्रेस करने लगता है. स्मृति पूरी ताक़त लगा देती है उसे हटाने के लिए और एक झटके के साथ दोनो अलग हो जाते है. अलग होते ही एक नॉटी स्टाइल मे पंकज अपने लिप्स हाथ फ़िरता है.

पंकज – “ मुझे बस इतना पता है कि मूँह कैसे मीठा करना है और जो मेने कर लिया, कितनी सेक्सी है मेरी जान मे बता नही सकता. अब बस मेरे पास आ जा और मेरी प्यास बुझा दे मेरी रानी”. पंकज ने रोमॅंटिक अंदाज़ मे अपने सीने पे हाथ फिराते हुए कहा. तभी स्मृति उसे अपना अंगूठा दिखाते हुए रूम के डोर की ओर भागती है. वो रूम से निकल कर लेफ्ट की ओर भाग जाती है, लेकिन राइट साइड मे अभी भी कुशल खड़ा था जो कि सब देख और सुन रहा था. वो मूक रह गया था अपनी मम्मी पापा की इस हरकत से. अपनी मम्मी के बारे मे ये सेक्सी जैसे शब्द उसने पहली बार सुने थे, उसका फेस बिल्कुल रेड हो चुका था. ये उसकी लाइफ का पहला एनकाउंटर था जिसने उसे सेक्स, किस, बूब्स जैसी चीज़ो की तरफ अट्रॅक्ट कर दिया था. उसे समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे. उसे कुच्छ समझ नही आ रहा था और स्लो मोशन मे उसने उपर वाले फ्लोर पे जाना शुरू कर दिया, उपर पहुँचते ही उसने रेफ्रिजरेटर खोला और वॉटर बॉटल निकाल कर पानी पीना शुरू कर दिया. तभी प्रीति उसके रूम मे आती है.

प्रीति – “ क्या जन्मो का प्यासा है क्या, घर का सारा पानी ख़तम कर दिया तूने”. प्रीति ने उसे फिर छेड़ने के अंदाज़ मे कहा. पहली बार ऐसा हुआ कि उसने प्रीति की किसी बात का जवाब नही दिया और पीछे मूड कर अपने बेड पे जाकर लेट गया.

प्रीति -“ हे भगवान, आपने मेरे भाई का दिमाग़ सही कर दिया, बहुत बहुत शुक्रिया. वो मुझे कोई जवाब नही दे रहा है, ये कैसे हो गया”. उसने फिर से कुशल को छेड़ना शुरू कर दिया और आसमान की तरफ हाथ जोड़ कर भगवान का शुक्रिया नाटकिया अंदाज़ मे करने लगी और इसी अंदाज़ मे रूम से बाहर जाने लगी लेकिन उसे कुच्छ शक हुआ और फिर से पूछने मूडी. वो दोबारा वापिस आई और कुशल के माथे पे हाथ लगाया कि कहीं इसे फीवर तो नही हो गया और उसे सब सही लगा.

प्रीति –“ तुझे ये साँप क्यू सूंघ गया है, क्या हुआ है तुझे”.

कुशल – “ तू जा ना यहाँ से परेशान मत कर”. कुशल ने उसका हाथ अपने माथे से हटाते हुए बोला.

प्रीति – “ जैसी तेरी मर्ज़ी, मुझे लगा कि तेरी तबीयत खराब है तो मे पुछ लू”. प्रीति ने सीरीयस होते हुए कहा.

कुशल – “तुझे बताऊ तो बताएगी नही किसी से?”. कुशल ने क्वेस्चन मार्क स्टाइल मे पुछा.

प्रीति – “ ऐसी क्या बात करना चाहता है तू मुझसे, कहीं प्रपोज़ तो नही करना चाहता मुझे. लड़के ऐसे ही बोलते है. वैसे भूल जा मे तुझे घास नही डालने वाली और किसी और को देख”. प्रीति ने फिर से अपना लेफ्ट हॅंड हवा मे लहराते हुए कहा.

कुशल –“ प्रपोज़ और तुझे, हे भगवान क्या मेरे इतने खराब दिन आ गये है कि मे अनिमल्स को प्रपोज़ करू. मेरे लिए तो भगवान ने कहीं कोई एंजल चुन रखी होगी”. कुशल ने थोड़ा रिलॅक्स होते हुए कहा. तभी प्रीति इस बात को सुनकर बनावटी गुस्से मे कुशल के उपर आकर बैठ जाती है और शरारती अंदाज़ मे कुशल का गला दबाने लगी है. कुशल एक मजबूत बॉडी वाला लड़का था, वो प्रीति के दोनो हाथो को पकड़ कर लेफ्ट और राइट दोनो डाइरेक्षन मे फेला देता है जिससे प्रीति सीधी उसके सीने पे आकर गिरती है. दोनो मे से कोई भी इस सिचुयेशन के लिए तैय्यार नही था, प्रीति के बूब्स बुरी तरह से कुशल के मजबूत सीने मे गढ़ जाते है. कुशल की निगाहे ठीक इस टाइम प्रीति के बूब्स और उसकी पिंक ब्रा पे थी. और दोनो की नज़रे मिल जाती है, प्रीति की साँसे तेज होती जा रही थी. 

. वो नॉर्मल होते हुए कुशल के उपर से उठ जाती है और ऐसे दिखाती है जैसे कुच्छ हुआ ही नही. उसके उपर से उठते ही दूसरी साइड होकर वो टी-शर्ट को सही करती है और टी-शर्ट के अंदर हाथ डाल कर ब्रा को सही करती है. इस टाइम उसकी बॅक कुशल की तरफ थी तो उसे पता नही चल पा रहा था कि प्रीति क्या कर रही है.

कुशल –“ क्या चाकू निकल रही है क्या मुझे मारने के लिए”.

प्रीति – “ तुझे चाकू से मार कर चाकू की इन्सल्ट थोड़े ही करनी है”. प्रीति फिर से कुशल की ओर घूमते हुए बोलती है.

प्रीति – “ अब बता ऐसी क्या बात है जो मे किसी और को ना बताऊ”. प्रीति ने फिर से नॉर्मल होते हुए बोला.

कुशल –“ कुच्छ नही है ऐसी बात बस आज मेने डॅड और मोम को थोड़े रोमॅंटिक स्टाइल मे देख लिया”. कुशल ने ऐसे बोला जैसे कुच्छ हुआ ही नही.

प्रीति –“ ओह माइ गॉड, डॅड आंड मोम इन रोमॅंटिक सिचुयेशन. बता ना क्या हुआ?”. प्रीति ने सर्प्राइज़ होते हुए पुछा.

कुशल – “कुच्छ नही यार मे ग़लती से रूम मे एंटर हो गया और मोम का हाथ डॅड के वहाँ था”.

प्रीति –“ वहाँ कहाँ, शोल्डर पे?”

कुशल –“ अरे गधि शोल्डर पे नही वहाँ पे”.

प्रीति – “ वहाँ कहाँ, क्या बकवास कर रहा है. बताता क्यू नही कि कहाँ”.

कुशल –“ अरे समझती क्यू नही है वहीं पे, वहीं पे”. कुशल उसे इशारे मे समझाना चाहता है.

प्रीति –“ वहाँ कहाँ पेट पे”.

कुशल इस बार पागलो की हरकत पे उतर जाता है और प्रीति का हाथ पकड़ कर अपने विशालकाय कॉक पे रख देता है.

कुशल –“ यहाँ पे, अब खुश”. ये एक ऐसी सिचुयेशन थी जिन्हे वो लोग आसानी से समझ सकते है जो वर्जिन है या जिनके सामने और साथ कभी ऐसा इन्सिडेंट नही हुआ है. प्रीति अब पूरी तरह से मेच्यूर भी नही हुई थी तो वो कुशल की इस हरकत से शॉक्ड रह गयी. उसका कोमल हाथ मिनिमम 10 सेकेंड्स तक कुशल के कॉक पर रहा. कुशल अब कोई बच्चा नही था और ना ही उसका वो पार्ट छोटा रहा था, बॉडी के साथ साथ उसका कॉक भी काफ़ी हेल्ती ओर स्ट्रॉंग था. प्रीति का हाथ उस कॉक पर शॉर्ट के उपर से ही टच हुआ था लेकिन फिर भी प्रीति आइडिया लगा सकती थी क्या स्ट्रेंत है कुशल के कॉक की.

प्रीति – “ ये क्या बदतमीज़ी है कुशल, अगर मे थोड़ी सी ओपन हू तो इसका ये मतलब तो नही कि तू मेरे साथ ऐसी हरकत करेगा. या फिर मे भी आराधना दीदी की तरह ट्रडीशनल बॅंकर पेश आने लागू तेरे साथ”. प्रीति ने अपना हाथ उसके कॉक से हटाते हुए कहा.

कुशल –“ यार आइ आम सॉरी लेकिन इतनी देर मे तो आराधना दीदी भी समझ जाती. पता नही तू बड़े कमाल की ढक्कन है समझती ही नही."
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12-01-2018, 01:03 AM,
#4
RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b]ठीक इसी जिम मे उसकी फ्रेंड सिमरन भी आया करती है. सिमरन एक ओपन कॅरक्टर है और काफ़ी बिंडसस लड़की है, कई बार आराधना के बाकी फ्रेंड्स को भी समझ नही आता कि आख़िर आराधना की फ्रेंडशिप सिमरन से कैसे हो गयी क्यूंकी दोनो बिल्कुल अपोजिट है थॉट वाइज आंड लाइफस्टाइल वाइज़. अब जिम मे ही आइडिया लगाओ जहाँ आराधना ने फुल स्लीव टी-शर्ट आंड फुल लेंग्थ पयज़ामा पहना हुआ है वहीं सिमरन ने एक मामूली सी स्ट्रिंग वेस्ट और एक शॉर्ट पहना हुआ है.

सिमरन - "हाई आरू कैसी है तू". सिमरन ने आराधना को हग करते हुए बोला.

आराधना - " मे ठीक हू तू सुना कैसा चल रहा है और ये शोल्डर पे निशान कैसा". आराधना ने सवालिया अंदाज़ मे पुछा.

सिमरन - "लव बाइट्स". सिमरन ने आँख मारते हुए कहा.

आराधना- " लव बाइट्स? क्या बकवास कर रही है खुल कर बता ना".

सिमरन - "क्या यार, लव बाइट्स नही समझती. वैसे कैसे समझेगी तेरा कोई बॉय फ्रेंड है भी तो नही. लास्ट टाइम अपने बॉय फ्रेंड के साथ डेट पे गयी थी उसने मेरे शोल्डर पे काट लिया". अब आराधना और सिमरन दोनो ट्रेड्मिल पे वॉर्म अप रन्निंग करने लगी थी.

आराधना -" तो क्या तू अपने बॉय फ्रेंड को अलाउ कर देती है कि वो तुझे टच कर सके वो भी शोल्डर पे".

सिमरन - " तो क्या टच तेरी मा को करेगा वो. अरे कम ऑन यार कौन सी लाइफ मे जीती है. ग्रो अप और अब तू बच्ची नही रही है. थिंकिंग को थोड़ा बदल और बड़ी हो जा. शोल्डर पे टच मे इतनी शॉक्ड क्यू हो रही है, वो मेरा बॉय फ्रेंड है और ये उसका राइट है कि जहाँ मर्ज़ी टच करे चाहे लिप्स, बूब्स या पूस....." और आराधना उसे बीच मे ही रोकते हुए बोलती है

आराधना -" बंद कर ये सब. और नही भाषण सुन ना है मुझे तुझसे. मुझे लगता है कि बॉय फ्रेंड एक दोस्त की तरह होता है लेकिन तू तो उसे वो राइट दे रही है जो हज़्बेंड के होते है". आराधना ने उसे समझाते हुए कहा.

सिमरन - " हज़्बेंड की मा की..... जो अभी है ही नही उसकी टेन्षन तू ले और मुझे मत दे. मेरी लाइफ मस्त चल रही है और चलने दे. तू हज़्बेंड का वेट कर, वो ही आकर तेरी नथ खोलेगा."

आराधना -" हाँ वो ही करेगा जो करना है, तुझे क्या प्राब्लम है".

सिमरन- " यार मे लेज़्बीयन नही हू जो मुझे कोई प्राब्लम होगी. हाँ अगर मे लड़का होती तो तेरा काम ज़रूर कर देती. तू भी तो डॅम सेक्सी और ब्यूटिफुल है. वो सब है तेरे पास जो लड़को के दिलो के ज़ज्बात भड़का सकता है". सिमरन ने मज़ा लेने के अंदाज़ मे कहा.

आराधना -" बड़ी आई काम करने वाली. ये तेरी ही थिंकिंग है, मेरे एरिया मे सभी शरीफ है और कोई मुझे इस निगाह से नही देखता. समझी".

सिमरन - " मेरी जान किसी की पॅंट खोल कर तो तू देखती नही. क्या पता सब साले गे हों तेरे मोहल्ले मे जो तेरे हुस्न को देख कर भी नही पिघलते. नही तो आज कल हर कली पे भंवरे मंडराने लगते है. कहे तो एग्ज़ॅंपल दिखाऊ?".

आराधना -" क्या एग्ज़ॅंपल दिखाएगी". और तभी ट्रेड्मिल से उतर कर सिमरन वॉटर बॉटल से पानी पीने लगती है. पानी फेस उपर करके ऐसे पीती है जिससे थोड़ा पानी उसके फेस से होता हुआ गर्दन पे पहुँचता है और उसके बाद बूब्स पे. तभी धडाम से वो अपनी बॉटल गिराती है, सामने वाले एरिया मे सभी लड़कों की निगाह उस बॉटल पे गिरती है और तभी सेक्सी अंदाज़ मे सिमरन नीचे झुकती है और बॉटल उठाती है. सभी लड़को के सिमरन के सेक्सी 36 डी बूब्स देख कर होश उड़ जाते है. सबके मूँह खुले के खुले रह गये. आराधना ये सब देख रही थी. बॉटल उठाने के बाद सिमरन वापिस टर्न होती है और सेक्सी स्टाइल मे अपनी आस को मूव करती हुई दोबारा ट्रेड मिल पे रन्निंग स्टार्ट कर देती है. जिम मे साइलेन्स हो गया था, सभी लड़कों की निगाहे अभी तक सिमरन पे ही थी.

सिमरन-" देख लिया मेरी जान. लड़की एक ऐसी चीज़ है कि बूढ़ा हो या जवान देखे बिना नही रह पाता. अब वो बात अलग है कि तेरे मोहल्ले मे साले गे हैं. "

आराधना -" ऐसे दिखाएगी तो कौन नही देखेगा. लड़की को अपनी सीमा मे रहना चाहिए नही तो यही होगा".

सिमरन - " अपनी एक बॉटल उठाई तो मेने सीमा तोड़ दी. पागल इस दुनिया से बाहर निकल, अगर हम हेर कटिंग नही कराएँगे तो सारे ब्यूटी पार्लर वाले लोग भूके मर जाएँगे, ठीक इसी तरह से अगर अपनी बॉडी को ढक कर ही रखना होता तो भगवान हम लड़कियों को बूब्स और सेक्सी आस ना देता. समझी".

आराधना- " तो नंगी होकर घूम. तुझे भगवान ने ही भेजा है सबको नंगा होकर अपने आइटम्स दिखाने को. हा हा हा हा". आराधना उसका मज़ाक उड़ाती है

सिमरन -" मेरी जान, ओपन नंगी लड़की को कोई नही देखता. तू मिनी स्कर्ट पहन तो तुझे लोग देखेंगे और तू एक लोंग स्कर्ट पहन कर उसे अपनी थाइस तक उठा दे फिर देख लोग पागल हो जाएँगे.".

आराधना- " तू उठा अपनी स्कर्ट, मुझे नही उठानी. मे जैसी हू वैसी ठीक हू".

सिमरन- " अच्छा एक बात कहु बुरा तो नही मानेगी".

आराधना -" वैसे तो तू हर बात ग़लत ही बोलती है लेकिन फिर भी बोल कि क्या बोलना चाहती है".

सिमरन- " तो चल एक बार वॉशरूम मे". काफ़ी सवालो के बाद आराधना वॉशरूम मे उसके साथ चली जाती है.

सिमरन- " चल एक बार अपनी आँखे बंद कर".

आराधना - " क्यू करू आँखे बंद, ऐसा क्या करना है तुझे".

सिमरन- " कर तो सही मेरी जान, प्लीज़.". काफ़ी रिक्वेस्ट के बाद आराधना अपनी आँखे बंद कर ही लेती है. वॉशरूम मे उन दोनो के सिवाय कोई नही था. तभी सिमरन आगे बढ़कर अपने लिप्स आराधना के लिप्स पर रख देती है और उसके सॉफ्ट लिप्स को चूस लेती है. आराधना इस सिचुयेशन के लिए बिल्कुल तैयार नही थी, वो एक दम जैसे सदमे मे आ गयी हो ऐसी हो जाती है. सिमरन उससे अलग होकर थोड़ा पीछे जाती है

सिमरन- " कैसा लगा बता?"

आराधना -" मुझे नही पता था कि तू ऐसी है". आराधना ने आराम से अपने लिप्स को पोछते हुए कहा. उसका चेहरा लाल हो चुका था.

सिमरन-" देख मे लेज़्बीयन तो हू नही और ना ही ऐसा है की मे तेरे साथ कुच्छ खेलना चाहती हू. मे बस तुझे ऐसा अहसास दिलाना चाहती थी कि किस क्या होती है. सोच अब कि कैसा लगेगा जब मजबूत बॉडी वाला लड़का तुझे अपनी बाँहो मे भर कर तेरे होठ चुसेगा, तेरी बॉडी से खेलेगा और तुझे जन्नत दिखाएगा."

आराधना -" बस अब और एग्ज़ॅंपल मत दिखा मुझे और जाने दे."

सिमरन-" वैसे बता ना लिप टू लिप कॉंटॅक्ट से कैसा लगा तुझे."

आराधना-" बकवास". और हंस कर बाहर भाग जाती है. इस किस का असर था आराधना पे, ये पहला अहसास था कि उसे किसी ने किस किया, चाहे वो लड़की ही थी लेकिन उसे हिंट मिल गया था कि किस करने पे कैसा लगता है.

जिम करने के बाद आराधना घर आती है और घर आते ही अपने बेडरूम मे पहुँच जाती है. बेडरूम मे आते ही वो गेट बंद करती है और ड्रेसिंग टेबल के सामने आकर अपनी टी-शर्ट उतारती है. वाउ क्या नज़ारा था, वो खुद भी शर्मा रही थी अपने बूब्स देख कर. एक दम गोरे और सुडोक, ब्रा के अंदर से आधे बाहर झाँक रहे थे. वो साइड पोज़ मे घूमती है और एक फिंगर अपने मूँह मे डालकर मिरर मे देखती है और शरमाती है. खुश होकर बाथरूम मे वो नहाने भाग जाती है.
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12-01-2018, 01:03 AM,
#5
RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b]स्मृति के तीन ही शॉक थे जिन्हे वो फ्री टाइम मे पूरा कर लेती थी - फ़ेसबुक, अंग्री बर्ड्स आंड फारम्वियल. उसका फ़ेसबुक प्रोफाइल 2008 का बना हुआ था और मोरे दॅन 500 फ्रेंड्स थे. कुच्छ फ्रेंड्स स्टार्टिंग मे जोश मे ही बन गये थे जो अननोन भी थे. कुच्छ फ्रेंड्स को वो ब्लॉक भी कर चुकी थी क्यूंकी वो उसकी अपलोड की हुई फोटोस को लाइक नही करते थे. लॅडीस आंड गर्ल्स को वो फ़ेसबुक फ्रेंड बहुत बुरे लगते है जो उनके अपलोड पे पॉज़िटिव कॉमेंट या उन्हे लाइक नही करते. फ़ेसबुक चाटिंग का भी उसे काफ़ी शोक था और अक्सर फ्रेंड्स के साथ थोड़ी गॅप शॅप कर लेती थी. हाल ही मे उसे एक रिक्वेस्ट आई जिस यूज़र का नाम ट्रिपल ऐक्स_लाइयन था, स्मृति के माइंड मे कभी कोई ग़लत बात नही थी तो उसने वो रिक्वेस्ट आड कर ली. वो एक लड़का था जिसकी उमर 20 साल थी और प्रोफाइल पिक्चर मे एक लाइयन का ही फोटो लगाया हुआ था. उसे आड करने के कुच्छ दिन बाद उस लाइयन ने एक फ़ेसबुक पे एक पर्सनल मेसेज भेजा - वाना डर्टी चॅट? स्मृति को उसकी इस बात पे बहुत गुस्सा आया और वो सीधा पंकज के पास आई. पंकज हॉल मे बैठा हुआ न्यूसपेपर पढ़ रहा था.

स्मृति - "जी सुनो, देखो ये फ़ेसबुक पे मुझे कैसे मेसेज भेज रहा है". स्मृति ने अपना स्मार्ट फ़ोन पंकज को देते हुए कहा. पंकज उस मेसेज को देख कर हँसने लगा.

पंकज - " टाइम बदल गया है. पहले जमाने मे लड़का लड़की को बोलता था कि आजा कोने मे, कुच्छ कर दू तेरे साथ. और आज के टाइम मे तो साले 41 साल की लेडी से डर्टी चॅट करके खुश हो जाते है. दम ही नही है आज कल के बच्चो मे". और वो हा हा हा करके हँसने लगता है.

स्मृति -" कभी तो सीरीयस लिया करो मेरी बातो को, कोई तुम्हारी वाइफ को ऐसे मेसेज कर रहा है और तुम हो कि हंस रहे हो".

पंकज-" जब वाइफ हो ही इतनी सेक्सी तो इसमे इस चूहे की क्या ग़लती है, और नाम रखा है लाइयन."

स्मृति-" ठीक है तो आप अपना न्यूसपेपर पढ़ो, मे इससे चॅट कर ही लूँगी".

पंकज - " हमारा भला तो करती नही हो कम से कम इस नकली लाइयन का तो भला कर दो". और वो फिर से हँसने लगता है. स्मृति पेर पटक के वहाँ से अपने रूम मे भाग जाती है. इतिफाक से ट्रिपल ऐक्स_लाइयन भी ऑनलाइन आ जाता है और स्मृति को मेसेज भेजता है-

लाइयन- हाई, यू देअर्?

स्मृति- यस, आइ आम हियर.

लाइयन- हाउ आर यू, सेक्सी?

स्मृति - यू बस्टर्ड, मे तेरी मा जैसी हू. मुझे सेक्सी जैसे शब्द बोलते हुए तुझे शरम नही आती.

लाइयन- ओह्ह्ह, प्लीज़ कूल डाउन. मा भी तो सेक्सी हो सकती है, आइ वाज़ नोट अवेर दट यू आर दट मच नॅरो माइंडेड अदरवाइज़ मे कभी ऐसे शब्द यूज़ नही करता.

स्मृति - आइ आम ऑल्सो वेरी ओपन माइंडेड लेकिन मुझे ये सब पसंद नही है जैसे तुम बात कर रहे हो.

लाइयन - आंटी आप इतना माइंड ना करे.

स्मृति- हाउ डेर यू कॉल मी आंटी. यू आर रियली ऐन अग्ली गाइ, डोंट एवर चॅट वित मी अगेन.

लाइयन- अपनी लाइफ मे पहली बार मे इतना कन्फ्यूज़ हू. कभी तो आप कहती है कि यू अरे लाइक माइ मों और कभी आप कहती है कि मुझे आंटी मत बोलो. समझ नही आ रहा कि आप क्या कहना चाहती है. मेरा इरादा आपको परेशान करने का बिल्कुल नही है, चॅट करने के लिए आपको हज़ार लड़के मिलेंगे तो मुझे भी 500 लड़किया मिल ही जाएँगी.

स्मृति - मेरे कहने का मतलब है कि एज के मामले मे तुम्हारी मा जैसी हू लेकिन इसका ये मतलब नही है कि तुम मुझे आंटी कहोगे. अभी भी देखने मे तुम्हारी छोटी सिस्टर ही लगूंगी.

लाइयन- इतनी फिट बॉडी है आपकी?

स्मृति - यस, अभी भी पार्टी या किसी फंक्षन मे जाती हू तो कोई नही कह सकता कि मेरी बड़ी लड़की 21 साल से ज़्यादा की है. सब कहते है कि मेरी छोटी सिस्टर लगती है.

लाइयन- इसी फिट बॉडी को तो सेक्सी बॉडी कहते है. जो कम ही लॅडीस की होती है नही तो बच्चे होने के बाद फट लटक जाता है. बूब्स ढीले पड़ जाते है, आस बहुत फेल जाती है, थाइट्स मोटी हो जाती है. हज़्बेंड का इंटरेस्ट कम हो जाता है ऐसी लॅडीस मे.

स्मृति- देखो मे एक शरीफ वाइफ हू और मुझे ऐसी बाते बिल्कुल पसंद नही.

लाइयन - मुझे दूख है कि मेरी हर बात आपको ग़लत लगती है जबकि मे तो अब तक सारी बाते आपसे सच बोल रहा हू. आप के प्रोफाइल फोटो को देख कर आप सेक्सी लगी तो बोल दिया था. लेकिन आइ आम सॉरी, मे ऑफलाइन हो जाता हू और आप मुझे ब्लॉक कर देना.

स्मृति - मेने ऐसा तो नही कहा.

लाइयन- नही वाकई मे एक गंदा लड़का हू मे और आपको मुझसे बात नही करनी चाहिए.

स्मृति - देखो मेरा फ़र्ज़ है कि मे तुम्हे समझाऊ कि बडो से बात कैसे की जाती है.

लाइयन- तो आप मुझे बताए जी आपको मे क्या कह कर बुलाऊ?

स्मृति - जो मेरा नाम है यानी स्मृति.

लाइयन - तो स्मृति जी, बडो से कैसे बात की जाती है बताइए.

स्मृति - तमीज़ से पेश आना होता है. सेक्सी जैसे शब्द लॅडीस को अच्छे नही लगते.

लाइयन- हा हा हा हा हा

स्मृति - हंस क्यू रहे हो

लाइयन - बस अब और कुच्छ मे आपको बता नही सकता. अगर कुच्छ बताउन्गा तो आपको बुरा लगेगा.

स्मृति - नही नही बताओ.

लाइयन - तो सुनो, मेने बहुत गर्ल्स, आंटीस, भाभिस, ईवन अपने रिलेटिव्स लॅडीस से अननोन बन कर चॅट की है. जब भी मे नॉर्मल चॅट करता हू कि कैसी हो, घर मे सब कैसे है तो पता है मुझे क्या रिप्लाइ मिलता है.

स्मृति- क्या?

लाइयन- के यार तुम बहुत बोर हो. तुम्हे स्पाइसी बाते नही आती. आज के बाद हम से चॅट मत करना और कुच्छ तो मुझे डेलीट ही कर देती है.

स्मृति - तो उन्हे कैसी बाते पसंद आती है?

लाइयन- डर्टी टॉक, डर्टी लॅंग्वेज, बूब्स की बाते, आस की बाते, मेरे --लंड की बाते.
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12-01-2018, 01:03 AM,
#6
RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b]स्मृति का फेस बूब्स, आस, और खास कर --लंड वाली बात सुनकर बिल्कुल रेड हो गया. उसकी सासे तेज चलने लगी, उसकी चूचियाँ बार बार उपर नीचे हो रही थी. उसका दिल कर रहा था कि वो चॅट वही क्लोज़ कर दे लेकिन वो ऐसा कर नही पा रही थी. पता नही उसे क्या हो रहा था. उसने फिर टाइप करना शुरू किया.

स्मृति - तुम ये गंदी बाते मुझसे कैसे बोल सकते हो.

लाइयन - डोंट माइंड स्मृति लेकिन ये गंदी बाते मे बोल नही रहा हू, लिख रहा हू और इससे हमारी ज़ुबान भी गंदी नही होगी. और मे वो ही सब तुम्हे बता रहा हू जो मेरे साथ होता है.

स्मृति ने बड़ी हिम्मत करके टाइप किया.

स्मृति - लेकिन वो लड़किया तुम्हारे उसके बारे मे क्यू पूछती है.

लाइयन - उसके किसके बारे मे?

स्मृति - वो ही तुमने टाइप किया था ना पहले की मेरे उसके बारे मे.

लाइयन- ओके, उसके किसके मेरे लंड के बारे मे.

स्मृति का तो पसीना ही छूट गया. ऐसा पहली बार हो रहा था उसके साथ. वो उठी और पानी पीने लगी. उसका दिल बहुत तेज धड़क रहा था. उसका पसीना फेस पर से होता हुआ ठीक उसकी गर्दन और फिर उसके बूब्स पे जा रहा था. एक ही झटके मे वो बहुत सारा पानी पी गयी. बड़ी हिम्मत करके उसने फिर से टाइप करना शुरू किया.

स्मृति - प्लीज़ ऐसी बाते मत लिखो.

लाइयन - स्मृति ग्रो अप यार. इतना तो चलता है, तुम कोई नाज़ुक कली तो हो नही. एक कंप्लीट लेडी हो जिसने दबा के लंड लिया है. लिया है या नही?

स्मिरिटी - हाँ लिया तो है.

स्मृति को पता नही क्या हो गया था और उसने जैसे ब्लाइंड बन कर वो सब टाइप कर दिया.

लाइयन - तो फिर क्या टेन्षन है. बी ओपन विद मी. मुझ पे तुम ट्रस्ट कर सकती हो. आइ कॅन बी युवर सीक्रेट फ्रेंड.

स्मृति - मुझे किसी सीक्रेट फ्रेंड की ज़रूरत नही है.

लाइयन - हर लड़की को होती है. हज़्बेंड्स से बात नही बनती आज कल, हर किसी ने किसी ना किसी को बना रखा है.

स्मृति - किस लिए बना रखा है?

लाइयन- फॉर फिज़िकल नीड्स

स्मृति - मेरी कोई फिज़िकल नीड नही है. मेरे हज़्बेंड मेरे लिए काफ़ी है.

लाइयन - मेरी जान अगर ये बात सच है तो एक बार अपनी अपनी चूत पे हाथ लगा के बता कि वो गीली है या नही.

स्मृति को तो जैसे चक्कर आ गये ये बात सुनकर. उसकी बॉडी अब उसके कंट्रोल मे नही थी, उसका हाथ ऑटोमॅटिक ही अपने ट्राउज़र से होता हुआ अपनी पैंटी तक पहुँच गया.

वो शॉक्ड हो रही थी कि कैसे ये ट्रिपल ऐक्स_लाइयन सारी सिचुयेशन जानता है. उसका हाथ उसकी वेजाइना के रस से भर गया. वो उस टाइम बहुत पानी छोड़ रही थी. उसे समझ नही आ रहा था कि चॅट कंटिन्यू करे या रहने दे. बड़ी हिम्मत करके उसने अपने आप को लोग ऑफ कर दिया लेकिन उसके दिल को शांति नही मिली थी. आँखे बंद करके वो लेट गयी.

" आरू, आरू". पंकज ने आवाज़ सुनी जो बाहर से आ रही थी. हॉल मे बैठ कर वो चाइ पी रहा था. ये आवाज़ सिमरन की थी. तभी उसकी एंट्री घर के अंदर हो जाती है, दर असल वो आराधना को कॉलेज के लिए बुलाने आई थी. पंकज उसको देख कर शॉक्ड रह गया, उसने वाइट स्लीवेलेस्स टॉप, जीन्स शॉर्ट पहना हुआ था जो उसकी थाइट्स तक था. एक सेक्सी गॉडेस लग रही थी वो. लाइट मेक अप किया हुआ था जिसमे उसकी थ्रीडिंग और लिप्स और भी सेक्सी लग रहे थे.

सिमरन- "गुड मॉर्निंग अंकल. आराधना है यहाँ पे."

पंकज - "हाँ वो उपर है और अभी आ रही है." पंकज उसे उपर से नीचे तक देखता हुआ बोला.

सिमरन - " और बताएए कि लाइफ कैसी चल रही है, आंटी कहाँ है".

पंकज- " बहुत ही बुरी लाइफ चल रही है". पंकज अपने कॉक पे हाथ फिराता हुआ सिमरन की ओर देखते हुए बोलता है.

सिमरन - " ऊप्स ख्याल रखिए आप अपना". उसे पंकज की इस हरकत पे हँसी आ गयी.

पंकज -" मेरा दिल कर रहा है कि मे भी पढ़ाना शुरू कर दू, और मुझे लगता है कि तुमसे बेहतर स्टूडेंट नही मिलेगी मुझे". पंकज ने अपना हाथ फिर से अपने कॉक पे फिराते हुए और सिमरन के बूब्स को घूरते हुए कहा. वो डबल मीनिंग बाते कर रहा था.

सिमरन -" आराधना के बारे मे आपका क्या ख्याल है. कसम से कह रही हू ऐसी स्टूडेंट पूरे वर्ल्ड मे नही मिलेगी और घर के घर मे ही मिल जाएगी". सिमरन मे हंसते हुए कहा. पंकज का जोश इससे भी कम नही हुआ.

पंकज-" जो बात तुम जैसे स्टूडेंट मे है वो कहीं और कहाँ. तुम इरादा बनाओ, पूरे मन से पढ़ाउंगा". पंकज फिर से उसके जुवैसी लिप्स को देखते हुए बोला.

सिमरन - " सॉरी अंकल, मेने अपना टीचर ढूंड लिया है. हाँ अगर आपका पढ़ने का इतना ही मूड है तो मे आराधना से बात करू.". सिमरन ने आँख मारते हुए पंकज से कहा. तभी आराधना उपर से नीचे आने लगती है.

आराधना " क्या बाते कर हो दोनो आपस मे".

सिमरन- " हाई आरू, यू नो युवर डॅड वांट्स टू टीच मी".

आराधना - " व्हाट?"

पंकज- " नतिंग बेटा, मे तो ऐसे ही मज़ाक कर रहा था". पंकज ने बात टालते हुए कहा.

सिमरन-" सी यू अंकल, बाइ".

आराधना- " बाइ डॅड"

पंकज -" बाइ बेटा".

फिर वो दोनो बाहर जाने लगे. बाहर निकलने से पहले सिमरन एक बार पीछे मूडी और हंस कर पंकज से कहा

सिमरन- " आइ विल थिंक आंड लेट यू नो ऑन युवर प्रपोज़ल". पंकज के खुशी का ठिकाना नही था.
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12-01-2018, 01:03 AM,
#7
RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b]आराधना और सिमरन कॉलेज जाने के लिए घर से बाहर आ जाती है. सिमरन की न्यू कार होंडा आराधना के घर के बाहर ही खड़ी थी जो हाल मे ही सिमरन के फादर ने उसे बर्तडे गिफ्ट दी थी. सिमरन डोर खोलती है और अंदर बैठती है, फिर सीट बेल्ट लगाती है और कार स्टार्ट करती है. दूसरी साइड से आराधना भी डोर ओपन करके बैठ जाती है. सिमरन कार का एसी ऑन करती है और ड्रॉयर से सिगरेट का बॉक्स निकाल कर एक सिगेरेट अपने लिए निकालती है. और एक सिगेरेट आराधना को भी ऑफर करती है.

आराधना -" तू जानती है ना कि मे स्मोकिंग नही करती". आराधना ने गुस्से मे रिप्लाइ किया.

सिमरन- " ओके, ओके लेकिन गुस्सा क्यू हो रही है. तू नही करती बट आइ लाइक स्मोकिंग. लेकिन बता ना कि तेरा मूड क्यू ऑफ है".

आराधना -" तू ऐसे कपड़े पहन कर घर क्यू आती है".

सिमरन -" तो क्या बुर्क़ा पहन कर आउ?"

आराधना- " तुझे पता है कि ना की मेरे घर मे जवान भाई है और मेरे डॅडी भी है. तुझे ऐसे कपड़े पहन कर नही आना चाहिए."

सिमरन - " मुझे तो लगता है कि तेरे डॅडी को मेरे कपड़े पसंद आए, भाई को भी बुला कर दिखा दे उसका भी रेयेक्सन देख लेते है".

आराधना- " मेरे डॅडी को ऐसे कपड़ो मे कभी लड़किया पसंद नही आती."

सिमरन-" मेरी जान ये जितने भी शरीफ डॅडी होते है ना, मौका मिलते ही चौका मार देते है. हा हा हा हा". आराधना को सिमरन की इस बात पेर गुस्सा आ जाता है और कार का गेट खोलने की कोशिश करने लगती है. तभी सिमरन सारे डोर लॉक कर देती है.

सिमरन- " सॉरी स्वीटी, चल अब कॉलेज चलते है. गुस्सा थूक दे". सिगेरेट फेंकने के बाद सिमरन गाड़ी कॉलेज की तरफ बढ़ा देती है.

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प्रीति अब तक सोकर उठ चुकी है और उठते ही उसे बेड टी चाहिए. स्मृति उसके लिए बेड टी लेकर उसके रूम मे जाती है, उसके सिल्की बालो मे हाथ फिरते हुए जगाती है. प्रीति उठ कर पीठ के बल बैठ जाती है. उसके बाद स्मृति नीचे चली जाती है. चाइ की एक दो चुस्की लेने के बाद, उसकी नींद थोड़ी सी खुलती है और उसे महसूस होता है कि फर्स्ट फ्लोर की गॅलरी पे कुच्छ धम्म धम्म जैसा साउंड हो रहा है. वो आँखो को थोड़ा और खोलती है तो देखती है कि कुशल फर्स्ट फ्लोर गॅलरी मे एक्सर्साइज़ कर रहा है. उसने बस एक शॉर्ट पहना हुआ है और कुच्छ नही. चेस्ट पूरी पसीने मे लथ पथ थी. वो जैसे कूद रहा था, उसका वो पार्ट भी ऐसे ही कूद रहा था. प्रीति की निगाहे जैसे ही वहाँ पड़ती है उसके हाथ से चाइ का कप छूट ही जाता बस बच गया पता नही कैसे. स्ट्रॉंग बाइसेप्स, मस्क्युलर बॉडी और शॉर्ट मे एक्सर्साइज़ करते हुए उसे देख कर प्रीति की तो नींद ही उड़ गयी. उसे कल का इन्सिडेंट याद आ गया जब कुशल ने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया था.

गुस्सा भी आ रहा था और दिल मे एक हलचल भी हो रही थी. वो चाइ का कप हाथ मे लिए बाहर जाती है.

प्रीति - " गुड मॉर्निंग ब्रो".

कुशल - " हे भगवान, मेरी बहन की तबीयत तो ठीक है जो इतने प्यार से गुड मॉर्निंग बोल रही है"

प्रीति - "चल अपना गुड मॉर्निंग वापिस लेती हू. वैसे कल तू सही कह रहा था कि तेरे पास कपड़ो की कमी है". प्रीति कुशल की चेस्ट की तरफ देखती हुई बोलती है.

कुशल - " जो ढका होना चाहिए वो ढका हुआ है, फिर तुझे क्यू लगता है कि मेरे पे कपड़ो की कमी है".

प्रीति -" क्या ढका होना चाहिए".

कुशल-" बताउ या दिखाऊ".
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12-01-2018, 01:04 AM,
#8
RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b][b]प्रीति के चेहरे का रंग लाल पड़ गया अपनी भाई की ये बात सुनकर. और उठ कर वो अपने रूम मे चली जाती है. अपने रूम मे जाते ही वॉर्डरोब से रेड ब्रा और रेड पैंटी निकालती है. टवल उठाती है और बातरूम मे घुस जाती है. बाथरूम मे घुसने के बाद वो जैसे ही टी-शर्ट उतारती है, अपने बूब्स पे नज़र पड़ते ही वो शर्मा जाती है. टिट्स बिल्कुल टाइट हो चुके थे, वो खुद भी नही समझ पा रही थी कि आख़िर क्या हो रहा आज कल. बॉडी क्यू ऐसा फील करती है, सर दर्द क्यू हो जाता है, होंठ क्यू सुख जाते है, ऐसा क्यू लगता है कि कुच्छ कमी, और वो क्या कमी है. बहुत सारे सवाल उसके माइंड मे चल रहे थे. लेकिन वो फिर भी मुस्कुरा रही थी कि जो भी अहसास है अच्छा अहसास है. उसके बाद उसकी नज़रे अपनी गीली पैंटी पे जाती है, पैंटी के अंदर हाथ डालती है और देखती है कि एक लिक्विड बाहर आया हुआ है. ये लिक्विड क्या है, क्यू आ रहा है.

कहीं ये कुशल की बातो से तो नही...., नही नही ऐसा कैसे हो सकता है आख़िर वो मेरा भाई है. प्रीति ने मन मे सोचा. उसने अपनी पैंटी उतारी और अब वो बिल्कुल नगन सिचुयेशन मे थी. बाथरूम मिरर मे उसने अपने आप को देखा और देखती ही रह गयी. गुलाब की पंखुड़ियो जैसे लिप्स, गोरे गोरे चीक्स, सिल्की हेर, मजबूत अमरूद जैसे बूब्स, और बस क्या बताऊ. उसे बस अपनी बॉडी मे एक चीज़ अजीब लगी जो कि उसकी पुसी पे आए हुए बड़े बड़े बाल. उनको देख कर वो शर्मा गयी, उसने सोचा कि क्यू ना आज क्लीन कर लू इन्हे. उसने अपना एलेक्ट्रिक शेवर सर्च करना शुरू किया लेकिन नही मिला. टवल लपेट कर वो बाथरूम के बाहर आई, और अपने रूम मे ढूँढा लेकिन नही मिला. अच्छे तरीके से सर्च करने के बाद भी नही मिला तो सोचा कि कहीं आराधना दीदी ने तो नही ले लिया है. लेकिन उनके पास तो अपना है, कहीं बाहर टाय्लेट मे तो नही है. हाँ शायद वहाँ हो सकता है, ये सोच कर वो बाहर जाने का फ़ैसला करती है लेकिन सोचती है कि बाहर कुशल है क्या टवल मे जाना सही होगा. फिर उसके मन मे आता है कि क्यूँ जब वो शॉर्ट मे एक्सर्साइज़ कर सकता है तो क्या मे टवल मे बाहर नही जा सकती. और आख़िर कार वो बाहर आ ही जाती है, कुशल के पाँव तले से ज़मीन खिसक जाती है. वो टवल भी कोई फुल साइज़ नही था, उसके बूब्स पे बेहद टाइट था और थाइस तक कवर कर रहा था.
कुशल-" लगता है तेरे पास भी कपड़ो की कमी हो गयी है." कुशल उसे उसी तरीके से छेड़ता हुआ बोलता है जिस तरीके से प्रीति ने उसे छेड़ा था.

प्रीति -" जो ढका होना चाहिए वो ढका हुआ है तो तुझे क्यू लगा कि कपड़ो की कमी है मेरे पास". प्रीति ने भी साइड पोज़ मे अपने बूब्स को थोड़ा बाहर निकालते हुए ये बात कही और अपनी बात का बदला ले लिया. और कुशल के मूँह से कोई शब्द नही निकले. फिर वो फर्स्ट फ्लोर टाय्लेट मे जाकर अपना एलेक्ट्रिक रेज़र सर्च करने लगती है. कुशल उसे देख रहा था कि वो कुच्छ ढूंड रही है. वो अपने रूम मे जाता है और बाहर आता है.

कुशल -" क्या इसे ढूंड रही है?". उसके हाथ मे एलेक्ट्रिक शेवर था, जिसे देख कर प्रीति का चेहरा लाल पड़ जाता है और वो भाग कर कुशल के हाथो से वो छीन लेती है.

प्रीति - " तो बदमाश आज कल तू मेरे रूम मे चोरी भी करने लगा है". प्रीति ने स्माइल करते हुए कहा.

कुशल -" मेने सोचा कि पैसे क्यू वेस्ट करने, इसीलिए तेरा ही यूज़ कर लिया".

प्रीति - " लेकिन अभी तो तेरी शेविंग ठीक से आई भी नही".

कुशल - " तो मेने इसे फेस शेविंग के लिए उसे नही किया". और फेस पे शैतानी मुस्कान थी.

प्रीति - " तो क्या गंजा होने के लिए चुराया था तूने ये".

कुशल-" गंजा तो किया है लेकिन सर को नही किसी और को" और ये कहते हुए उसकी निगाहे नीचे जाती है अपने शॉर्ट की तरफ. प्रीति का मूँह खुला का खुला रह जाता है उसकी इस बात पर और वो शरमा कर अपने रूम मे भाग जाती है. बाथरूम मे पहुँच कर वो अपना गेट बंद कर लेती है. कुशल पीछे पीछे पहुँच जाता है. और चुप चाप जाकर उसके बेड पे बैठ जाता है, वहीं साइड मे उसकी पिंक ब्रा पड़ी थी जिस पे 32 सी लिखा हुआ था.

कुशल - "प्रीति ये 32सी क्या होता है"?

प्रीति - " नलायक तू यहाँ भी आ गया, भाग यहाँ से.

कुशल - " बता पहले कि ये 32सी क्या होता है".

प्रीति - " तेरा सर होता है भाग यहाँ से, और नहाने दे मुझे".

कुशल -" मेरे सर का ऐसा तो ऐसा साइज़ नही होता".

प्रीति -" तो कैसा साइज़ होता है". प्रीति ने अब अपना एलेक्ट्रिक रेज़र स्टार्ट कर लिया था जिसकी आवाज़ बाहर कुशल भी सुन रहा था.

कुशल - " बताऊ कैसा साइज़ होता है".

प्रीति - " हाँ बता". उसने अपनी पुसी को क्लीन करना शुरू कर दिया था.

कुशल -" पक्का बताऊ".

प्रीति -" हाँ बता ना".

कुशल -" कभी नापा नही किया लेकिन 8 इंच से कम नही होगा". ये बात सुनते ही प्रीति के तो जैसे होश ही उड़ गये, उसके पाँव मे जैसे जान ही नही रही. फिर भी उसने अपने आप को संभालते हुए बोला

प्रीति -" ये क्या साइज़ बता रहा है, क्या अपनी हाइट बता रहा है". लेकिन प्रीति पर कुशल की बात का गहरा असर हुआ था और चूत की क्लीनिंग मे उसे साफ अहसास हो रहा था कि वो बुरी तरीके से पानी छोड़ रही है.

कुशल-" ये हाइट नही लेंथ होती है, कहे तो विड्त और बताऊ?"

प्रीति -" मुझे नही पता करनी, तू जा यहाँ से".

कुशल -" सच मे जाउ"?

प्रीति -" मुझे पता है बताए बिना तू नही जाएगा तो बता दे और भाग यहाँ से".

कुशल- " विड्त होगी करीब 3 इंच". ये सुनते ही प्रीति के मूँह से सर्प्राइज़ वाला आन्ह्ह्ह निकला जिसे कुशल ने भी सुना. प्रीति बच्ची नही थी और वो समझ रही थी कि वो किस की बात कर रहा है, वो अपने माइंड मे सोच कर ही डर गयी थी कहीं मेरा भाई मज़ाक तो नही कर रहा है. अगर ये साइज़ सच है तो इसकी वाइफ तो गयी. फट जाएगी बेचारी की.

कुशल -" अब तो बता दे कि ये 32सी क्या है".

प्रीति -" अपनी किसी गर्ल फ्रेंड से पुच्छ ले".

कुशल-" मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नही है". प्रीति मन मे सोच रही थी कि अगर कोई बनेगी भी तो तेरा देख के भाग जाएगी.

प्रीति -" तो मम्मी से पुच्छ ले जाकर वो बता देगी". प्रीति ने इतराते हुए कहा.

कुशल -" मम्मी से 32सी क्यू पुछुन्गा, उनसे तो 36डी पुछ्ना पड़ेगा". ये बात सुनकर प्रीति की हँसी छूट गयी. मन मे वो सोच रही थी कि ये तो बड़ा छुपा रुस्तम निकला मम्मी का भी साइज़ पता है. इतने मे नीचे से आवाज़ आती है " कुशल, ओ कुशल". ये स्मृति बुला रही थी कुशल को नीचे, वो हड़बड़ा जाता है और नीचे भाग जाता है.

अब लंच टाइम है, स्मृति के मन मे बस ट्रिपल ऐक्स_लाइयन ही घूम रहा है. उसने फ़ैसला किया था कि अब उससे कभी चॅट नही करेगी लेकिन वो उसके मन से नही निकल पा रहा था. डर डर के उसने फ़ेसबुक लॉगिन किया, पता चला के लाइयन ने उसे मेसेज भेजा हुआ है - तुमसे एक बात पुच्छनी थी, हो सके तो रिप्लाइ करना. स्मृति ने सोचा कि वो रिप्लाइ नही करेगी.
उसने फ़ेसबुक से लोग आउट कर दिया और टीवी ऑन कर दिया. वो चॅनेल पे चॅनेल चेंज किए जा रही थी लेकिन उसका ध्यान कहीं और था. "ये क्या हो रहा है मुझे, मेरा मन क्यू नही लग रहा". उसने आप से सवाल किया. उसे कुच्छ समझ नही आ रहा था, रह रह कर उसका ध्यान फ़ेसबुक पर ही जा रहा था. " ये बदतमीज़ लड़का मुझसे क्या पुछ्ना चाहता है". उसके मन मे ये सवाल चल रहा था. वो अपने

मन मे सोच रही थी अगर अबकी बार इसने कोई बदतमीज़ी करी तो मुझसे बुरी भली सुन लेगा. उसने सोचा क्यू ना जाना जाए क़ि आख़िर ये जान ना क्या चाहता है. बड़ी हिम्मत करके उसने फ़ेसबुक लॉगिन किया और उसे रिप्लाइ किया.

स्मृति - मुझे तुम जैसे बदतमीज़ लड़को मे कोई इंटेरेस्ट नही है, इससे पहले कि मे तुम्हे ब्लॉक कर दू अपनी औकात मे आ जाओ. एक इंसान के नाते पुछ लेती हू कि क्या पुच्छना चाहते हो, अगर ग़लत बात हुई तो मे तुझे ब्लॉक कर दूँगी. और मेसेज कर के शांत बैठ जाती है, इस टाइम ट्रिपल ऐक्स_लाइयन ऑनलाइन शो हो रहा था लेकिन उसका कुच्छ रिप्लाइ नही आया. एक मिनिट, दो मिनिट, 5 मिनिट आंड फाइनली 10 मिनिट लेकिन उसका कोई रिप्लाइ नही आता है. स्मृति उसकी इस हरकत से पागल हो जाती है और फिर से टाइप करती है.

स्मृति - क्यू दम नही रहा पुच्छने का कुच्छ भी.

ये लिखने के बाद स्मृति की स्क्रीन पर लिखा आ जाता है कि ट्रिपल ऐक्स_लाइयन ईज़ टाइपिंग, ये देख कर स्मृति के चेहरे पे एक अलग टाइप की खुशी आ जाती है.

लाइयन - अब क्या पुच्छू, सोचा था मुझे एक अच्छी दोस्त मिल गयी है लेकिन ये दोस्त तो मुझे अपनी औकात मे रहने की बात करती है. मे सच मे ही बहुत खराब लड़का हू, प्लीज़ कर दो मुझे ब्लॉक.

स्मृति - सच मे तुम एक खराब लड़के हो, नही तो उस दिन वैसी बात नही लिखते.

लाइयन - कैसी बात?

स्मृति - तुम्हे सब पता है कि मे कौन सी बात की कर रही हू.

लाइयन - स्मृति जी, मे एक जवान लड़का हू. पता नही कितनी लड़कियो और लड़को से चॅट होती है, हर टाइप की बात होती है इसमे बुरा मान ने वाली कौन सी बात है.

स्मृति - मे उन सब जैसी नही हू जो तुमसे गंदी गंदी बाते करते है. मे एक शरीफ लेडी हू जिसके हज़्बेंड उसे बहुत प्यार करते है और जिसके 3 बच्चे भी है.

लाइयन- हज़्बेंड और प्यार? ये किस चीज़ का नाम है? हा हा हा

स्मृति - यू डॉग, तुम्हे रीलेशन का मीनिंग पता ही नही है. अगर तुम मेरे सामने होते तो एक थप्पड़ पड़ता अभी तुम्हे.

लाइयन - थप्पड़ तो हम खा लेंगे लेकिन बताइए ना कि मेने ग़लत क्या कहा.

स्मृति - हाउ डरे यू पॉइंट आउट माइ हज़्बेंड'स लव.

लाइयन- स्मृति जी, नाराज़ मत होना लेकिन कौन हज़्बेंड प्यार करता है अपनी वाइफ से. वो सब तो बस चूत से प्यार करते है. जिसकी जितनी अच्छी चूत उसको उतना ही प्यार मिलता है. 10 दिन उन्हे चूत मत दो तो पता चल जाएगा की वो कितना प्यार करते है. मेरी डर्टी लॅंग्वेज को माइंड मत करना लेकिन मे क्या करू जब बचपन से ही मेने ये लॅंग्वेज सीखी है.

स्मृति - यू बस्टर्ड, जब तू मरेगा ना तो देखियो कि तेरी लाश को भी कोई नही कंधा देने आएगा.

लाइयन - मेरी लाश को कोई कंधा देने नही आएगा क्यूंकी मेने सच बोला, या मेने चूत को चूत बोल दिया.

स्मृति - तुम चाहते तो उसके लिए कुच्छ और भी शब्द यूज़ कर सकते थे लेकिन तुम हो ही गंदे.

लाइयन - स्मृति जी मेने बताया ना कि बचपन से ही यही सीखा है. हो सके तो आप कुच्छ अच्छा सिखा दो.

स्मृति - अगर कभी तुम्हारी मा के वहाँ प्राब्लम हो जाए और डॉक्टर पुछे कि क्या परेशानी है तो क्या कहोगे.

लाइयन - आप यकीन तो नही करेंगी लेकिन मे तो डॉक्टर से सीधा बोलूँगा कि मेरी मा की चूत मे परेशानी है. जितनी देर मे शरीफो वाली लॅंग्वेज मे डॉक्टर को सम्झाउन्गा उतनी देर मे तो मा का घाघरा फट जाएगा.

उसकी ये बात सुनकर सिमरन अपनी हँसी नही रोक पाती और बहुत ज़ोर ज़ोर से हँसने लगती है. फिर उसे अहसास होता है कि वो कुच्छ ज़्यादा ही एग्ज़ाइटेड हो गयी है, फिर से नॉर्मल होते हुए स्क्रीन की तरफ देखती है.

स्मृति - मुझे लगता है कि तुम एक शरीफ और अच्छे लड़के बन सकते हो.

लाइयन - मुझे किस के लिए शरीफ बन ना है. वैसे मेडम क्या मे जान सकता हू क़ि आप मुझे बदमाश क्यू कह रही है.

स्मृति - वो ही गंदे शब्दो का यूज़ करना. ये अच्छे लड़को की पहचान नही है.

लाइयन - तो आपसे पुछ्ता हू कि अगर आपकी चूत मे कुच्छ परेशानी हो तो आप डॉक्टर को कैसे बताओगि.

स्मृति - मे इशारे से बता दूँगी कि मुझे वहाँ परेशानी है.

लाइयन - अगर डॉक्टर अँधा हुआ तो?

फिर से इस बात पर स्मृति को बहुत तेज हँसी आ जाती है. फिर से कंट्रोल करते हुए वो टाइपिंग करना शुरू करती है.

स्मृति - तो धीरे से उसके कान मे कह दूँगी कि मेरी पुसी मे परेशानी है.

लाइयन - वाह स्मृति जी वाह, चलो कुच्छ तो सीख ही लिया हम ने आपसे. लगता है आपके साथ रह कर तो मे बिल्कुल ही शरीफ हो जाउन्गा.

स्मृति - मे खुद भी चाहती हू कि तुम अच्छे लड़के बनो.

लाइयन - उससे क्या होगा?

स्मृति - सब लोग शरीफ लड़को को अच्छा बताते है.

लाइयन - पता नही आपसे चॅट करते हुए तो डर लगता है. मुझे रोड पे लड़किया धमका दे या मुझे गाली दे दे तो मुझे डर नही लगता लेकिन पता नही आपसे क्यू डर लगने लगा है.
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12-01-2018, 01:04 AM,
#9
RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b][b][b]स्मृति - हमारी पर्सनॅलिटी ही ऐसी है.

स्मृति ने इतराते हुए टाइप किया.

लाइयन - हाँ ये तो बात है.

स्मृति - और बताओ

लाइयन - पुछो जी, हम बता देंगे

स्मृति - क्या करते हो?

लाइयन - लड़कियो से चाटिंग, घूमना फिरना और एंजाय

स्मृति - काफ़ी खुश दिल लगते हो

लाइयन - लाइफ एक है, ये आप के उपर है कि शराफ़त का बोझ ढोते रहो या एंजाय करो

स्मृति - लड़कियो से चाटिंग करके तुम्हे क्या मिलता है?

लाइयन - हर कली को भंवरे की तलाश होती है और मे वो ही भँवरा हू.

स्मृति - ये कैसी फिलोसॉफिकल बाते करते हो. कलियाँ क्यू आएँगी इस भंवरे के पास, शादी तो हो ही जानी है उनकी.

लाइयन - स्मृति जी, आपकी नज़र मे तो हू ही बदनाम लेकिन फिर भी बता देता हू कि इस नाचीज़ के पास शादी शुदा कलियाँ ही ज़्यादा आती हैं अपना रस चुसवाने के लिए.

स्मृति - तो इस इंडिया मे अकेले मर्द हो तुम. हा हा हा हा हा

लाइयन - अकेला तो नही हाँ लेकिन मर्दो मे से एक हू.

स्मृति - हर मर्द यही कहता है.

लाइयन - सच बोलू तो आपसे कहना नही चाहता था लेकिन आपने मजबूर कर दिया कहने के लिए. आपको तो मे प्रॅक्टिकली बताता कि मर्द क्या होता है.

स्मृति - हा हा हा हा हा. ख्वाब बहुत देखते हो तुम. मुझे क्या ज़रूरत है जान ने कि तुम कितने बड़े मर्द हो, मेरे हज़्बेंड सबसे बड़े मर्द है इस दुनिया के.

लाइयन - हज़्बेंड चाहे कितना भी बड़ा मर्द क्यू ना हो, सेक्स ऐसी चीज़ है जो एक्सपेरिमेंट्स से ज़्यादा सॅटिस्फाइ करती है. रेग्युलर सेक्स से हज़्बेंड भी बोर हो जाता है और वाइफ भी, जिन हज़्बेंड को मौका नही मिल पाता वो हमेशा अपनी बीवी के ही पीछे लगे रहते है. ये एक ऐसी फॅंटसी है जिसे समझदार लोग जल्दी समझ लेते है और बेवकूफ़ लोग इसी सच के साथ जीते और मर जाते है. इंडिया मे ऐसी कितनी लॅडीस है जिन्हे आज तक सेक्स पोज़िशन्स तक के बारे मे नही पता, उनको बस इतना पता है कि हज़्बेंड आएगा, उपर लेटेगा और काम कर देगा.

स्मृति - गुरु जी बस. आप बस चुप ही रहो, और अपनी समझ अपने पास ही रखो.

तभी पंकज की एंट्री होती है रूम मे, स्मृति के तो जैसे होश ही उड़ जाते है और स्मार्ट्फोन उसके हाथ से छूट के गिर जाता है और बॅटरी बाहर. सिमरन अपने आप को बड़ी मुश्किल से संभालती है. पंकज अभी अंदर आकर गेट बंद करता है.

स्मृति - " क्या गेट नॉक करके नही आ सकते हो, डरा दिया मुझे". पंकज पीछे मूड कर देखता है जैसे स्मृति किसी और से कह रही है.

पंकज- " क्या आप हम से कुच्छ कह रहीं है?".

स्मृति - " नही पड़ोसियो से कह रही हू". और पंकज धीरे धीरे उसके पास आने लगता है, स्मृति उठ कर बेड के कोने मे खड़ी हो जाती है.

पंकज -" इतना ना तरसाओ मेरी जान, बस तुम ही तुम दिखाई दे रही हो चारो तरफ".

स्मृति - " ठीक है तो प्यार से बाते करते है".

पंकज -" प्यार से कभी बाते होती है, प्यार से सिर्फ़ प्यार होता है और वही करने मे आया हू". स्मृति के दिमाग़ मे लाइयन की बात घूमने लगती है कि हज़्बेंड्स को वाइफ से बस एक ही काम होता है, नही तो पास भी नही आते है.

स्मृति - " मेरा प्यार करने का कोई मूड नही है". और बेड के दूसरे कोने से उतर कर जल्दी से भाग जाती है. पंकज मन मार कर रह जाता है. अपने लंड पर हाथ लगाते हुए उपर देखता है और कहता है कि " बीमारी दे दी इसके रूप मे, अब कम से कम दवाई का तो इंतज़ाम करा". और हंसते हंसते रूम के बाहर चला जाता है.

इधर सिमरन और आराधना का कॉलेज ख़तम होने का टाइम हो जाता है. सिमरन कॅंटीन मे पहुँचती है आराधना से मिलने के लिए. आराधना के हाथ मे कॅरोट जूस का ग्लास था.

सिमरन - " तो मेरी जान अकेले अकेले जूस पी रही है. "

आराधना -" सॉरी डियर, तुझे फोन करने ही वाली थी कि इतने मे तू आ ही गयी". आराधना उसे जूस ऑफर करती है लेकिन सिमरन ये कह कर मना कर देती है उसका कुच्छ खाने का मन है पीने का नही.

सिमरन -" भैया 2 समोसे देना". कॅंटीन वाले भैया से 2 समोसे मांगती है.

आराधना -" प्लीज़ मेरे लिए मत लेना"

सिमरन -" क्यू समोसे मे ऐसी क्या बुराई है".

आराधना - " यार कितना फॅट होता है और आयिली भी, वेस्ट भी 24 से 26 होने आ जा रही है".

सिमरन -" मेरी जान मुझे समझ नही आता कि इतनी फिगर कोन्सियस क्यू है, जब तू किसी की लाइन आक्सेप्ट नही करती."

आराधना - " यार हर लड़की को फिगर कोन्सियस होना चाहिए, मे भी हू. इसमे बुरा क्या है".

सिमरन-" कपड़ो मे अपनी बॉडी का हर पार्ट तू ढक कर रखती है, ऐसी फिगर का क्या फ़ायदा जिसे कोई देख ही ना सके".

आराधना -" तू दिखाती फिर अपनी बॉडी, मे तो बस अपने हज़्बेंड को दिखाउन्गि". आराधना ने इतराते हुए कहा.

सिमरन -" अगर मे शॉर्ट कपड़े पहनती हू तो मना करती और वैसे कहती है कि तू दिखाती फिर अपनी बॉडी".

आराधना -" मेने तुझे कम कपड़े पहन ने से मना नही किया, तू नंगी घूम चाहे. बस मेरे घर अच्छे कपड़े पहन कर आया कर."

सिमरन - " अच्छे यानी कैसे कपड़े".

आराधना -" सूट सलवार पहन लिया कर या सारी. दोनो ही कपड़ो मे लड़किया अच्छी लगती है". ये बात सुनकर एक शैतानी मुस्कान थी सिमरन के चेहरे पर.
आराधना -" ऐसे क्यू हंस रही है".

सिमरन-" मेरी जान तेरी ये तमन्ना मे ज़रूर पूरा करूँगी". और फिर वो दोनो घर के लिए रवाना हो जाते है. थोड़े ही देर मे सिमरन आराधना को उसके घर ड्रॉप कर देती है. आराधना आते ही उपर जाती है और थक कर सो जाती है.

शाम के 6 बजे है, स्मृति बाहर लोकल मार्केट मे वेजिटेबल्स लेने गयी और तीनो बच्चे अपने रूम मे सो रहे है. पंकज ग्राउंड फ्लोर पर ईव्निंग एक्सर्साइज़ कर रहा है. उसने एक बॉक्सर शॉर्ट पहना हुआ है और स्लीवेलेस्स टी- शर्ट.

" ट्रिंग, ट्रिंग". डोर बेल बजती है और पंकज शॉक्ड हो जाता है. "मुसीबत अभी तो बाहर गयी थी आ गयी क्या". वो मन मे सोचता हुआ डोर की तरफ बढ़ता है. वो स्मृति के बारे मे सोच रहा था कि वो मार्केट से जल्दी आ गयी है.

डोर खुला और जैसे पंकज को होश ही नही रहा. बाहर सिमरन खड़ी थी, एक स्लीवेलेस्स सूट मे, वाइट कलर का स्लीवेलेस्स सूट आंड ग्रीन कलर की टाइट पयज़ामी. उसके उपर दुपट्टा ग्रीन और वाइट मिक्स कलर का था. हाइ हील सॅंडल्ज़, खुले हुए बाल और वो भी गीले ही थे जैसे अभी ही फ्रेश होकर आई हो वो. डार्क लिपस्टिक लगाई हुई थी उसने. सूट इतना टाइट था कि ऐसा लग रहा था कि बूब्स या आस पर से भी कभी भी फट सकता है और उसकी बॉडी आज़ाद हो सकती है. सेक्सी शब्द काफ़ी नही था उसकी बॉडी के लिए, वो उससे कहीं बढ़ कर लग रही थी. उसके हाथ मे एक ब्रॅंडेड पोलिबॅग था.

सिमरन " मे आइ कम इन". सिमरन ने पंकज की आँखो मे देखते हुए बोला. पंकज की हालत बेहद खराब थी, सिमरन का ये रूप उसका होश उड़ चुका था.

पंकज -" या सू.. सू.. श्योर". सिमरन स्टाइल मे चलते हुए घर मे एंट्री लेती है. वो आज जान बुझ कर जान लेवा अंदाज़ मे चल रही थी, चलते चलते अचानक अपना चेहरा पीछे की ओर घुमाती है और पंकज को अपनी आस की ओर घूरता पाती है. उसकी हँसी छूट जाती है.

सिमरन-" अंकल आराधना कहाँ है".

पंकज -" कभी हम से भी बात कर लिया करो". पंकज उसकी नज़रो मे घूरता हुआ बोलता है. सिमरन हॉल मे रखे सोफे पर बैठ जाती है और स्टाइल मे एक टाँग के उपर दूसरी टाँग रखते हुए बोलती है.

सिमरन -" यू नो अंकल, मेन'स की ये प्राब्लम है कि वो ज़्यादा टाइम बात नही कर पाते. ज़्यादा से ज़्यादा 5 मिनिट और ख़तम." उसकी डबल मीनिंग बात को पंकज अच्छे से समझ रहा था.

पंकज -" एक बार मौका तो दो बात करने का, तभी बताएँगे कि हम कितनी देर बात कर पाएँगे" ये बात बोलते हुए पंकज अपना हाथ लंड पर ले आता है और उसे उपर से सहलाने लगता है.

सिमरन - " अंकल क्यू ना आप आराधना से बाते करे. वो भी समझदारी से समझेगी आपकी बात". सिमरन ने आँख मारते हुए कहा. पंकज ने ये सुनते ही अपना हाथ अपने लंड से हटा लिया.

पंकज-" आराधना मे वो बात कहाँ जो तुम मे है. आराधना तो अभी बच्ची है, लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि तुम मेरी पूरी बात हजम कर पाओगि". पंकज सिमरन की पयज़ामी पे देखते हुए बोलता है.

सिमरन -" हा हा हा हा हा हा हा".

पंकज -" हंस क्यूँ रही हो"

सिमरन - " नही आपने कहा ना कि आराधना बच्ची है, आपको बता दू कि किसी भी मर्द की पूरी बात सुन ने के लिए वो पूरी तरह तैयार है". सिमरन का मतलब था कि वो किसी भी मर्द का पूरा लेने के लिए जवान हो चुकी है.

पंकज -" वो अभी तुम्हारे जितनी परिपक्व नही हुई है". पंकज सिमरन के बूब्स की तरफ देखते हुए बोलता है.

सिमरन -" अगर आप कहेंगे तो मे दिखा दूँगी कि वो कितनी परिपक्व हो चुकी है लेकिन आपको सपोर्ट करना पड़ेगा. बोलो तैयार हो?"

पंकज -" हाँ हाँ क्यू नही, बोलो क्या करना है".

सिमरन -" तो सुनिए, मे उपर जाउन्गि आराधना के रूम मे. वो उपर से जो भी आपसे पुछेगि बस आपको हाँ हाँ मे जवाब देना है".

पंकज -" मे तैयार हू लेकिन तुम्हारा ये रूप देख कर मुझसे बात किए बिना रहा नही जा रहा.

सिमरन ये सुन कर सोफे से खड़ी होती है. एक झटके से अपना दुपट्टा हटाती है, टाइट सूट मे उसके बूब्स की लाइन और भी क्लियर दिखाई देने लगती है. वो पंकज की तरफ कदम बढ़ाना शुरू करती है, उसकी हाइ हील की ठक ठक पंकज के दिल पे बिजलिया गिरा रही थी. वो आगे बढ़ती जाती है और ठीक पंकज के सामने आकर खड़ी हो जाती है. दोनो अभी एक दूसरे के सामने खड़े है, तभी सिमरन अपने घुटनो के बल बैठ जाती और अपनी बड़ी बड़ी आँखो से पंकज की निगाहो मे देखती है. उसके तुरंत बाद अपने दोनो हाथ पंकज जी बॉक्सर रखती है और उसे नीचे खींच देती है.
पंकज की तो जैसे लॉटरी लग गयी. बॉक्सर उतरते ही सिमरन पंकज के मोटे और तगड़े लंड को अपने डार्क लिपस्टिक वाले लिप्स से चूसने लगती है. वाउ क्या नज़ारा था, सिमरन जैसी सेक्सी गॉडेस पंकज का लंड चूस रही है. सिमरन उसे थोड़ा और मूँह के अंदर ले जाती है और फिर बाहर निकाल कर पंकज की आँखो मे देखती हुई बोलती है कि " यू लाइक दट?". पंकज आज सातवे आसमान पर था, स्मृति ने कभी उसका लंड नही चूसा था. ये उसके लिए पहला अनुभव था. सिमरन अपने दोनो हाथों की फिंगर से पंकज के लंड को पकड़ कर चूस रही थी. उसकी सेक्सी नेल पैंट वाली फिंगर्स के बीच पंकज का काला और भयानक लंड, ये देख कर पंकज बेहद ज़्यादा एग्ज़ाइटेड होता जा रहा था. लंड चूस्ते टाइम सिमरन की आँखे पंकज की तरफ ही थी, पंकज क्या कोई भी इंडियन मर्द यही चाहता है कि जब उसे प्यार मिले तो खुल कर मिले उसमे शरम नाम की कोई चीज़ ना हो. आज पंकज के साथ यही हो रहा था.

सिमरन ने लंड चूसने की स्पीड बढ़ा दी थी और अब उसने पूरे लंड को मूँह मे लेना शुरू कर दिया था. वो उसके गले मे भी अटक रहा था लेकिन वो खुद भी चाहती थी कि पंकज को पूरा प्लेषर दे. सिमरन की लिप स्टिक भी अब हट कर लंड पर लगने लगी थी, लेकिन सिमरन हिम्मत हारने वाली नही थी. इतने मोटे लंड के बार बार गले मे टकराने से उसकी आँखो मे पानी भी आ गया था.
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12-01-2018, 01:04 AM,
#10
RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b][b][b][b]और ठीक उसके कुच्छ मिनिट बाद हॉल पंकज की आआअहह से गूँज गया और सिमरन का मूँह उसके वीर्य से भर गया. सिमरन अभी हार नही मान रही थी और उसने लंड को जब तक नही छोड़ा जब तक कि उसके लंड से आख़िरी बूँद ना निकल गयी हो. और फाइनली सिमरन खड़ी हो जाती है, पंकज के चेहरे पर सॅटिस्फॅक्षन के भाव थे.

पंकज -" आज तुमने मुझे वो गिफ्ट दिया है जो आज तक मुझे अपनी आधी लाइफ मे नही मिला. आइ आम सो हॅपी". और सिमरन के लिप्स को किस करने के लिए आगे बढ़ता है. लेकिन सिमरन उसके छूट कर पीछे भाग जाती है. अपना दुपट्टा उठाती है और उपर वाले फ्लोर की तरफ भागने लगती है.

पंकज -" स्वीटी अभी काम पूरा नही हुआ.".

सिमरन -" मे जितना आपके लिए कर सकती थी मेने कर दिया इसके आगे कुच्छ नही". और उसे चुटकी बजा कर उंगली दिखाती है. और फिर वो उपर भाग जाती है. आराधना अपने रूम मे जाग चुकी थी. जैसे ही आराधना सिमरन को देखती है उसके होश उड़ जाते है.

आराधना -" तू और यहाँ, और ये कैसे कपड़े पहन रखे है तूने".

सिमरन-" क्यू ये भी अच्छे नही है क्या. तूने ही तो कहा था कि पूरे कपड़े पहन कर मेरे घर आया कर सो पूरे कपड़े पहन कर ही आई हू".

आराधना -" चल छोड़ इन बातो को, और सुना क्या हो रहा है".

सिमरन -" कुच्छ नही मे उपर आ रही थी तो तेरे डॅडी ने ये पोलिबॅग दिया और कहा कि ये मे आराधना के लिए लाया हू". सिमरन ने उसे वो पोलिबॅग दिया जिसे वो अपने घर से लाई थी.

आराधना -" ओह माइ गॉड, डॅडी मेरे लिए गिफ्ट लाए है, दिखा तो ज़रा". वो छीन लेती है पोलिबॅग सिमरन के हाथ से. उस बॅग को खोल कर देखती है, उसमे एक ब्लू कलर की ट्रॅन्स्परेंट साड़ी, एक स्लीवेलेस्स ब्लाउस, एक ब्लॅक ब्रा आंड एक ब्लॅक पैंटी थी. आराधना शॉक्ड मे थी कि क्या उसके डॅडी ही लाए है ये उसके लिए. वो भाग कर रेलिंग पे जाती है और आवाज़ लगा कर डॅडी से पूछती है कि डॅडी क्या जो आराधना ने मुझे दिया वो आप ही लाए है. पंकज के साथ ये डील पहले ही सिमरन कर चुकी थी. तो पंकज भी हाँ हाँ जवाब दे देता है. और आराधना भाग कर वापिस अपने रूम मे आ जाती है. वो आज बहुत हॅपी थी. ब्रा उठाती है और उसमे साइज़ देखती है 36सी.

आराधना -" लेकिन डॅडी को कैसे पता चला कि मेरा साइज़ क्या है".

सिमरन- " यार इस साइज़ मे बड़ी बात क्या है, तीन तीन बच्चे पैदा कर दिए उन्होने स्मृति आंटी के साथ खेलते खेलते. आइडिया तो रहता ही है फादर्स को."

आराधना -" तो तेरे फादर को भी पता है कि तेरा साइज़ क्या है"

सिमरन -" मेरी जान तू सवाल बहुत करती है. हाँ मेरे फादर को भी मेरा साइज़ पता है, यहाँ तक कि मेरी पैंटी का भी." सिमरन उसके गालो पे चिकोटी काट के बोलती है.

सिमरन -" चल अब देर मत कर, अंकल ने बोला है कि आराधना से बोलो कि वो इन कपड़ो को पहन कर मुझे दिखाए".

आराधना -" सच मे डॅडी ने ऐसे बोला है".

सिमरन -" तुझे यकीन नही है तो पुच्छ ले". इस बार आराधना पुच्छने नही जाती है, और भाग कर बाथरूम मे उन कपड़ो को लेकर घुस जाती है. करीबन 10 मिनिट तक वो अंदर ही कपड़े पहनती रहती है. फिर उसकी आवाज़ आती है.

आराधना-" यार सिमरन, कपड़े तो अच्छे है लेकिन साड़ी कुच्छ ज़्यादा ही ट्रॅन्स्परेंट है, ब्लाउस कुच्छ ज़्यादा ही टाइट है".

सिमरन -" मेरी जान तूने कभी साड़ी और ब्लाउस नही पहना है ना तो तुझे ऐसा लग रहा है. ब्लाउस पहन कर एक बार अंगड़ाई लेगी ना तो सब अड्जस्ट हो जाएग."

आराधना -" तू सच कह रही है ना".

सिमरन -" अब जल्दी बाहर आ जा, मे झूठ नही बोल रही हू". 10 मिनिट के बाद आराधना बाहर आ जाती है और खुद सिमरन उसे देख कर शॉक्ड रह जाती है. ब्लू कलर की ट्रॅन्स्परेंट साड़ी, स्लीवेलेस्स ब्लाउस वो भी इतना टाइट, पेटिकोट भी फिटिंग का था. ब्लाउस के अंदर से बूब्स जैसे बाहर आने को तैयार थे, इतना टाइट था वो. पेटिकोट की लेंग्थ कम थी तो एक दम लो वेस्ट आ रहा था, जिससे कि आराधना की नाभि क्लियर विज़िबल थी. सिमरन को खुद भी आशा नही थी कि वो इतनी सेक्सी लगेगी.

सिमरन -" ओये मे मर जावां. क्या कयामत लग रही है. अंकल ने सही कपड़े चुने अपनी जवान और सेक्सी बेटी के लिए".

आराधना -" तू फिर शुरू हो गयी, चल अब नीचे चल डॅडी के पास".

सिमरन -" मेरी जान रुक तो सही, अभी थोड़ा मेक अप तो कर दू तेरा." सिमरन उसके बाल खोल देती है, उसके लिप्स पर सेक्सी लिपस्टिक लगाती है, गोरे हाथों मे चूड़ीयाँ देती है पहन ने के लिए. और उसके बाद दोनो नीचे आने लगते है.

आराधना -" यार मुझे ब्लाउस बहुत टाइट लग रहा है". नीचे उतरते हुए आराधना सिमरन के कानो मे कहती है.

सिमरन -" एक अंगड़ाई लेगी सब सही हो जाएगा". और दोनो नीचे आ जाते है. " देखो डॅडी मे कैसी लग रही हू". आराधना अपने डॅडी से पूछती है, पंकज ये देख कर सोफे से आश्चर्यचकित होकर खड़ा हो जाता है.

सिमरन -" अंकल देख लीजिए अपनी बच्ची...... को". सिमरन पीछे खड़े होकर एक आँख मारते हुए पंकज से कहती है. बच्ची शब्द पे आज सिमरन ने कुच्छ ज़्यादा ही ज़ोर दिया क्यूंकी उसे भी पता था कि आज आराधना बेहद गदराई हुई बॉडी वाली लड़की लग रही है. पंकज का मूँह खुला का खुला रह गया. आराधना उसके सामने एक चुटकी बजाती है

आराधना -" डॅडी, डॅडी...

पंकज -" ये... ये... यस बेटा". पंकज होश मे वापिस आता है.

आराधना -" बताइए तो मे कैसी लग रही हू?". इससे पहले कि पंकज कुच्छ जवाब देता, आराधना को ब्लाउस मे कुच्छ प्राब्लम लगती है और वो इशारे मे सिमरन से पूछती है कि क्या करू. सिमरन उसे इशारे मे बताती है कि एक छोटी सी अंगड़ाई ले.

वो अपनी गोरी गोरी बाँहे उपर करके एक अंगड़ाई लेती है, उसकी बिना बालो वाली गोरी गोरी अंडरआर्म्स पंकज के सामने थी. उसके अंगड़ाई लेते ही कटक कटक की दो आवाज़े आती है और ब्लाउस के बटन बाहर.

सोचो दोस्तो ये क्या हो गया.....आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
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