RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b][b][b][b]और ठीक उसके कुच्छ मिनिट बाद हॉल पंकज की आआअहह से गूँज गया और सिमरन का मूँह उसके वीर्य से भर गया. सिमरन अभी हार नही मान रही थी और उसने लंड को जब तक नही छोड़ा जब तक कि उसके लंड से आख़िरी बूँद ना निकल गयी हो. और फाइनली सिमरन खड़ी हो जाती है, पंकज के चेहरे पर सॅटिस्फॅक्षन के भाव थे.
पंकज -" आज तुमने मुझे वो गिफ्ट दिया है जो आज तक मुझे अपनी आधी लाइफ मे नही मिला. आइ आम सो हॅपी". और सिमरन के लिप्स को किस करने के लिए आगे बढ़ता है. लेकिन सिमरन उसके छूट कर पीछे भाग जाती है. अपना दुपट्टा उठाती है और उपर वाले फ्लोर की तरफ भागने लगती है.
पंकज -" स्वीटी अभी काम पूरा नही हुआ.".
सिमरन -" मे जितना आपके लिए कर सकती थी मेने कर दिया इसके आगे कुच्छ नही". और उसे चुटकी बजा कर उंगली दिखाती है. और फिर वो उपर भाग जाती है. आराधना अपने रूम मे जाग चुकी थी. जैसे ही आराधना सिमरन को देखती है उसके होश उड़ जाते है.
आराधना -" तू और यहाँ, और ये कैसे कपड़े पहन रखे है तूने".
सिमरन-" क्यू ये भी अच्छे नही है क्या. तूने ही तो कहा था कि पूरे कपड़े पहन कर मेरे घर आया कर सो पूरे कपड़े पहन कर ही आई हू".
आराधना -" चल छोड़ इन बातो को, और सुना क्या हो रहा है".
सिमरन -" कुच्छ नही मे उपर आ रही थी तो तेरे डॅडी ने ये पोलिबॅग दिया और कहा कि ये मे आराधना के लिए लाया हू". सिमरन ने उसे वो पोलिबॅग दिया जिसे वो अपने घर से लाई थी.
आराधना -" ओह माइ गॉड, डॅडी मेरे लिए गिफ्ट लाए है, दिखा तो ज़रा". वो छीन लेती है पोलिबॅग सिमरन के हाथ से. उस बॅग को खोल कर देखती है, उसमे एक ब्लू कलर की ट्रॅन्स्परेंट साड़ी, एक स्लीवेलेस्स ब्लाउस, एक ब्लॅक ब्रा आंड एक ब्लॅक पैंटी थी. आराधना शॉक्ड मे थी कि क्या उसके डॅडी ही लाए है ये उसके लिए. वो भाग कर रेलिंग पे जाती है और आवाज़ लगा कर डॅडी से पूछती है कि डॅडी क्या जो आराधना ने मुझे दिया वो आप ही लाए है. पंकज के साथ ये डील पहले ही सिमरन कर चुकी थी. तो पंकज भी हाँ हाँ जवाब दे देता है. और आराधना भाग कर वापिस अपने रूम मे आ जाती है. वो आज बहुत हॅपी थी. ब्रा उठाती है और उसमे साइज़ देखती है 36सी.
आराधना -" लेकिन डॅडी को कैसे पता चला कि मेरा साइज़ क्या है".
सिमरन- " यार इस साइज़ मे बड़ी बात क्या है, तीन तीन बच्चे पैदा कर दिए उन्होने स्मृति आंटी के साथ खेलते खेलते. आइडिया तो रहता ही है फादर्स को."
आराधना -" तो तेरे फादर को भी पता है कि तेरा साइज़ क्या है"
सिमरन -" मेरी जान तू सवाल बहुत करती है. हाँ मेरे फादर को भी मेरा साइज़ पता है, यहाँ तक कि मेरी पैंटी का भी." सिमरन उसके गालो पे चिकोटी काट के बोलती है.
सिमरन -" चल अब देर मत कर, अंकल ने बोला है कि आराधना से बोलो कि वो इन कपड़ो को पहन कर मुझे दिखाए".
आराधना -" सच मे डॅडी ने ऐसे बोला है".
सिमरन -" तुझे यकीन नही है तो पुच्छ ले". इस बार आराधना पुच्छने नही जाती है, और भाग कर बाथरूम मे उन कपड़ो को लेकर घुस जाती है. करीबन 10 मिनिट तक वो अंदर ही कपड़े पहनती रहती है. फिर उसकी आवाज़ आती है.
आराधना-" यार सिमरन, कपड़े तो अच्छे है लेकिन साड़ी कुच्छ ज़्यादा ही ट्रॅन्स्परेंट है, ब्लाउस कुच्छ ज़्यादा ही टाइट है".
सिमरन -" मेरी जान तूने कभी साड़ी और ब्लाउस नही पहना है ना तो तुझे ऐसा लग रहा है. ब्लाउस पहन कर एक बार अंगड़ाई लेगी ना तो सब अड्जस्ट हो जाएग."
आराधना -" तू सच कह रही है ना".
सिमरन -" अब जल्दी बाहर आ जा, मे झूठ नही बोल रही हू". 10 मिनिट के बाद आराधना बाहर आ जाती है और खुद सिमरन उसे देख कर शॉक्ड रह जाती है. ब्लू कलर की ट्रॅन्स्परेंट साड़ी, स्लीवेलेस्स ब्लाउस वो भी इतना टाइट, पेटिकोट भी फिटिंग का था. ब्लाउस के अंदर से बूब्स जैसे बाहर आने को तैयार थे, इतना टाइट था वो. पेटिकोट की लेंग्थ कम थी तो एक दम लो वेस्ट आ रहा था, जिससे कि आराधना की नाभि क्लियर विज़िबल थी. सिमरन को खुद भी आशा नही थी कि वो इतनी सेक्सी लगेगी.
सिमरन -" ओये मे मर जावां. क्या कयामत लग रही है. अंकल ने सही कपड़े चुने अपनी जवान और सेक्सी बेटी के लिए".
आराधना -" तू फिर शुरू हो गयी, चल अब नीचे चल डॅडी के पास".
सिमरन -" मेरी जान रुक तो सही, अभी थोड़ा मेक अप तो कर दू तेरा." सिमरन उसके बाल खोल देती है, उसके लिप्स पर सेक्सी लिपस्टिक लगाती है, गोरे हाथों मे चूड़ीयाँ देती है पहन ने के लिए. और उसके बाद दोनो नीचे आने लगते है.
आराधना -" यार मुझे ब्लाउस बहुत टाइट लग रहा है". नीचे उतरते हुए आराधना सिमरन के कानो मे कहती है.
सिमरन -" एक अंगड़ाई लेगी सब सही हो जाएगा". और दोनो नीचे आ जाते है. " देखो डॅडी मे कैसी लग रही हू". आराधना अपने डॅडी से पूछती है, पंकज ये देख कर सोफे से आश्चर्यचकित होकर खड़ा हो जाता है.
सिमरन -" अंकल देख लीजिए अपनी बच्ची...... को". सिमरन पीछे खड़े होकर एक आँख मारते हुए पंकज से कहती है. बच्ची शब्द पे आज सिमरन ने कुच्छ ज़्यादा ही ज़ोर दिया क्यूंकी उसे भी पता था कि आज आराधना बेहद गदराई हुई बॉडी वाली लड़की लग रही है. पंकज का मूँह खुला का खुला रह गया. आराधना उसके सामने एक चुटकी बजाती है
आराधना -" डॅडी, डॅडी...
पंकज -" ये... ये... यस बेटा". पंकज होश मे वापिस आता है.
आराधना -" बताइए तो मे कैसी लग रही हू?". इससे पहले कि पंकज कुच्छ जवाब देता, आराधना को ब्लाउस मे कुच्छ प्राब्लम लगती है और वो इशारे मे सिमरन से पूछती है कि क्या करू. सिमरन उसे इशारे मे बताती है कि एक छोटी सी अंगड़ाई ले.
वो अपनी गोरी गोरी बाँहे उपर करके एक अंगड़ाई लेती है, उसकी बिना बालो वाली गोरी गोरी अंडरआर्म्स पंकज के सामने थी. उसके अंगड़ाई लेते ही कटक कटक की दो आवाज़े आती है और ब्लाउस के बटन बाहर.
सोचो दोस्तो ये क्या हो गया.....आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह[/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b]
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