RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
कुशल एक बार को तो कुच्छ बोल ही नही पाया. अभी कुच्छ टाइम पहले ही उसने प्रीति की चूत फाडी थी और वो अब ऐसे कामुक कपड़े पहन कर बैठी थी.
सेक्स और ड्राइविंग, ये शायद ऐसी दो चीज़े है जो स्टार्टिंग मे हर इंसान खूब दबा के करता है. कुशल को नीचे स्मृति भड़का चुकी थी और यहाँ फिर से एक बार प्रीति भी तैयार लग रही थी.
एक तरफ सिंगल टाइम फक्ड प्रीति थी, जो की बेहद सेक्सी, यंग और बेहद टाइट थी तो वहीं दूसरी तरफ स्मृति एक मेच्यूर लेडी जो कि काफ़ी एक्सपीरियेन्स दे सकती थी.
" मैं..... मैं तो ऐसे ही मम्मी से बात कर रहा था........." कुशल घबराते हुए प्रीति की बात का जवाब देता है.
प्रीति अपनी जगह से खड़ी होती है. वो एक अच्छी हाइट वाली स्लिम गर्ल थी, सेक्सी तो वो थी ही और उपर से उसने अल्ट्रा सेक्सी क्लोद्स भी पहन रखे थे धीरे धीरे वो कुशल के पास जाती है और उसके सामने खड़ी हो जाती है, उसके कॉलर को पकड़ कर अपनी तरफ खींचती है.
"ऐसा क्याआअ कर रहा था जो तुझे मेरी याद नही आई........" प्रीति की आवाज़ ऑटोमॅटिकली बहुत ज़्यादा सेक्सी हो चुकी थी.
कुशल का चेहरा उसके बूब्स के बहुत करीब था.
" मैं तो तुझे कोई और कपड़े देकर गया था........ और तूने.... तूने बदल दिए वो कपड़े........" कुशल घबराते हुए बोलता है.
" क्याअ तुझे बस मेरे कपड़े ही दिखाई दे रहे है...... उसके अंदर कुच्छ नही........" प्रीति आज कुच्छ ज़्यादा ही रोमॅंटिक थी.
प्रीति अब उसकी टीशर्ट पकड़ती है और खींच कर अंदर उसे उसके रूम मे ले आती है.
" पुचह......" अंदर आते ही वो अपने लिप्स उसके गाल पर रख कर एक किस कर देती है.
" प्रीति...... वो.... वो....." कुशल को नीचे की भी टेन्षन थी.
" क्यूँ इतना घबरा रहा है......." ये बोल कर प्रीति अब अपने होंठ उसके होंठ पर रख देती है.
प्रीति को कोई शक ना हो इसलिए कुशल भी उसे किस मे सपोर्ट करता है लेकिन अभी भी उसका ध्यान नीचे की तरफ ही था.
प्रीति अपने वाइल्ड रूप मे आने लगी थी और उसका सीना तेज़ी से उपर नीचे हो रहा था. लेकिन कुशल की तो जैसे फटी हुई थी लेकिन वो चेहरे से नही दिखा रहा था.
प्रीति अपना हाथ सीधे उसके लंड पे ले जाती है और उस पर हाथ रखते ही प्रीति को जैसे झटका सा लगता है क्यूंकी पहले स्मृति और अब प्रीति की वजह से वो लंड अब एक महा लंड बन गया था टाइट होकर.
एक पल के लिए दोनो के होंठ अलग होते है. प्रीति स्टाइल मे अपने बाल अपने हाथ से पीछे की और करती है और लंड को टाइट भींचते हुए कहती है -
" मैं समझ सकती हू कि तेरे इसको मैं कितनी पसंद आई............" प्रीति अपनी सेक्सी आइज़ से कुशल की तरफ देखते हुए बोलती है.
" तुझसे भी ज़्यादा तेरी चूत पसंद आई........" कुशल प्रीति के टच से ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो रहा था.
" क्या सभी लड़के पुसी को वोही बोलते होंगे जो तू बोलता है......." प्रीति स्माइल करते हुए और उसके लंड पर हाथ फिराते हुए बोलती है.
" लड़के क्या लड़किया भी........ चूत को चूत ही बोलती है..........."कुशल का ध्यान अपने लंड की भी तरफ था. अब तक प्रीति लंड को बाहर निकाल चुकी थी.
" लड़कियो को बदनाम ना कर......." फिर से एक प्यारी सी स्माइल के साथ प्रीति कुशल से बोलती है.
" अच्छा सच बता..... कभी तुझे लंड के सपने नही आए......." पंकज प्रीति से पुछ्ता है. प्रीति अपने हाथ अब तक उसके खाली लंड पे फिराने लगी थी.
" मुझसे क्या पुछ्ता है..... लड़के नही देखते क्या पुसी के सपने....." प्रीति कुशल को रिप्लाइ करती है.
" लड़के सपने नही लेते पुसी के...... चोद देते है उसे मिलते ही......." कुशल की इस बात से प्रीति को हँसी आ जाती है.
" बाते बनाना ना तो कोई तुझसे सीखे......" ये बोलते हुए प्रीति अपने एक हाथ को अपने एक बूब्स पे ले जाती है और धीरे से उसे अपनी ब्रा से बाहर निकाल देती है.
कुशल का लंड अभी भी उसके हाथ मे था. कुशल आगे बढ़कर उसकी कमर को पकड़ता है और उसके लिप्स पर एक किस करता है.
" प्रीति... यू आर डॅम सेक्सी... अच्छा सुन मुझे लगता है की मुझे अभी नीचे जाना चाहिए क्यूंकी मोम अकेली हैं ना....." कुशल सिचुयेशन को देखते हे बोलता है.
प्रीति फिर से कुशल के करीब आकर और चिपक जाती है और बोलती है -
" बड़ी फिक्र कर रहा है मोम की....... मेरी फिक्र नही है तुझे.......?" प्रीति उसकी आँखो मे आँखे डालती हुई बोलती है.
" नही वो.. वो... मुझे डर है कि कहीं वो उपर ना आ जायें.........." कुशल फिर से बात को पलटने की कोशिश करता है.
प्रीति कुशल से थोड़ा दूर हट जाती है और बेड पर जाकर आराम से सीधा लेट जाती है.
प्रीति का एक बूब ऑलरेडी बाहर ही था. अब वो अपना हाथ पैंटी पर ले जाकर उसकी स्ट्राइप अपनी चूत से साइड मे करती है.
" लेकिन....... तेरे लिए तो ये तरस रही है मेरी जान........." प्रीति अपनी चूत मे एक उंगली घुसा देती है.
ये बहुत ही ज़्यादा एग्ज़ाइटेड कर देने वाला सीन था. कुशल अब सब भूल चुका था, उसे बस वो याद था जो अब उसके सामने था.
वो आगे बढ़ता है....... अपने दोनो हाथो से उसकी टाँगो को फेलाता है और अपने होंठ को उसको चूत पे रख देता है.
" आआहह..... कुशालल्ल्ल्ल........ आइ....... लव...... यू............" प्रीति की आँखे बंद हो जाती है. लड़कियो को इतना मज़ा सेक्स मे भी नही आता जितना की उन्हे अपनी चूत चटवाने मे आता है.
" म्*म्म्मममह.........कुशल..............." प्रीति मस्त हो चुकी थी.
प्रीति की पैंटी की स्ट्राइप को पकड़ कर कुशल अपनी जीभ को उसकी चूत मे अंदर घुसाए जा रहा था. प्रीति की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. पानी तो पहले से ही था लेकिन अब और भी ज़्यादा रसीली हो चुकी थी उसकी चुत.
" आआआआआआईयईईईई.....म्*म्म्ममममममममममममज....." प्रीति के साउंड का वॉल्यूम बढ़ता जा रहा था.
इससे पहले जब कुशल और उसका मिलन हुआ था तो एग्ज़ाइट्मेंट मे कुशल ने उसकी पुसी को अपनी जीभ से टेस्ट नही कराया था तो आज वो तमन्ना पूरी हो रही थी प्रीति की.
" कुशालल्ल्ल्ल........ माइ मॅन......ग्रेट.....लाइक दट प्लीज़.........थोड़ा और.............." प्रीति ऑटोमॅटिकली ही पता नही मूँह से क्या निकले जा रही थी. वो अपनी चूत को और उछालने भी लगी थी.
कुशल बार बार अपने होठ भी रगड़ देता था उसकी चूत से.... जिससे प्रीति की पूरी बॉडी मे झुरजुरी हो जाती थी.
" आइ.......लव.....ऊवूऊवूयूयूयुयूवयू.......आअहह......म्*म्म्मममममह...इस्शह......" प्रीति अपनी चरम सीमा पर थी.
कुशल भी अपनी जीभ को अब तेज़ी से हिलाने लगा था. प्रीति की चूत पानी पानी हो चुकी थी.
" फक्क मी....... प्लीज़......कुशल फक मी............ आअहह..... आहह....ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ......." कुशल अपने सीधे हाथ से उसकी चूत मे उंगली भी चला रहा था.
उसकी चूत अब लंड के लिए बेचैन थी. कुशल सही मौका देख कर अपने को उसकी चूत से हटता है और अपनी टीशर्ट उतारता है.
बिना टाइम वेस्ट करे वो नीचे से भी बिल्कुल नंगा हो जाता है. उसका लंड किसी बड़े हथियार जैसा लग रहा था.
वो आगे बढ़ता है और प्रीति की कमर को पकड़ कर उल्टा कर देता है. प्रीति तो जैसे लंड के लिए भूखी थी. जैसा कुशल कर रहा था वो वैसे ही कर रही थी.
अब प्रीति पेट के बल लेटी हुई थी बेड पर और उसके हिप्स कुशल के सामने थे. कुशल एक बार फिर से उसकी कमर पर हाथ रखता है और उसके हिप्स को थोड़ा उपर उठा देता है.
अब प्रीति बिल्कुल डॉगी पोज़िशन मे थी -" अपने हिप थोड़े बाहर निकाल ......." कुशल प्रीति से बोलता है और प्रीति भी अदा मे अपनी गान्ड को बाहर निकाल लेती है. चूत जैसे एक दम से क्लियर हो जाती है कुशल को.
कुशल फिर से उसकी गान्ड मे अपना मूँह घुसा कर उसकी चूत चाटने लगता है. ये प्रीति के लिए एक नया एक्सपीरियेन्स था कि कैसे बॅकसाइड से कुशल ने अपना मूँह उसकी चूत तक पहुँचा दिया.
" आआआहह...प्लीज़ और मत तरसा....... फक मी प्लीज़.........." प्रीति अपनी गान्ड को थोडा सा बाहर करते हुए बोलती है.
कुशल वहाँ से हट जाता है. अपने हाथो पर थोड़ा थूक लगा कर अपने लंड पर लगाता है. उसका लंड थूक से भीग चुका था, लंड की हर नस क्लियर दिखाई दे रही थी.
कुशल उस लंड को उसकी चूत पर टिकाता है और एक धक्का लगाता है - फुचह....... साउंड के साथ लंड का सुपाडा अंदर पहुँच जाता है. आज साउंड कुच्छ डिफरेंट था जब लंड अंदर गया.
" आआआआआआहह........" प्रीति एक बार फिर से चिल्लाती है. लेकिन अब की बार शायद पेन इतना नही था जितना की पहली बार मे हुआ था. प्रीति को देख कर भी अंदाज़ा लगाया जा सकता था कि पेन तो उसका अच्छे वाला हुआ है.
कुशल उसकी गान्ड पे दो थप्पड़ जामाता है. जैसे उसकी गान्ड पे मोजूद मांसल हिस्सा हिलता है तो उसे देख कर कुशल मस्त हो जाता है और फिर प्रीति की कमर पकड़ कर एक करारा धक्का लगाता है.
" आआऐईयाीईईईईईई....... आराम से........" शायद ये स्ट्रोक कुच्छ ज़्यादा ही स्ट्रॉंग था और लंड काफ़ी अंदर जा चुका था.
कुशल फिर से उसकी कमर को पकड़ कर लंड बाहर निकालता है और धीरे से फिर से अंदर घुसा देता है. फिर से बाहर और फिर से अंदर......
प्रीति अपने एक हाथ को अपने मूँह के पास ले जाकर उस पर थोड़ा सा थूक लगाती है और उसे अपने पेट के नीचे से ले जाकर अपनी चूत पर लगाती है.
" उफफफफफफफफ्फ़...... कुशल.............आऐईयईईईईईई.........आहह....ऊऊऊऊ" प्रीति का दर्द कम होता जा रहा था और मज़ा बढ़ता जा रहा था.
फुच....फुचह..फुचह....फुच
ऐसे साउंड फिर से आने शुरू हो गये थे रूम मे. कुशल ने स्ट्रोक लगाने शुरू कर दिए थे और यही नही प्रीति भी बार बार अपनी गान्ड को पीछे कर कर के कुशल को सपोर्ट कर रही थी.
"एसस्स्स्स्सस्स.....उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़........ग्रेट.......फकक्क्क्क मी........ओह...." प्रीति जैसी लड़की के मूँह से निकलती हुई ऐसी सेक्सी आवाज़ो ने कुशल को और भी ज़्यादा मजबूर कर दिया था कि वो और तेज धक्के लगाए.
" फक्क्क्क माइ पुस्स्स्स्स्सययययी........ आआआआआआआहह........फाड़दे ईससीए......कुशाल्ल्ल.........."
जब करीबन 8 इंच का तगड़ा लंड बाहर निकाल कर स्रर्र्ररर से दोबारा अंदर जाता तो प्रीति की चूत तो जैसे धन्य हो जाती. उसकी चूत खुलती जा रही थी और कुशल का लंड और भी मोटा होता जा रहा था. प्रीति बार बार अपना चेहरा पीछे कर रही थी, उसकी सेक्सी आइज़ कुशल को और भी ज़्यादा स्पीड के साथ काम करने के लिए इन्वाइट कर रही थी.
प्रीति की गान्ड और कुशल की थाइस जब स्ट्रोक लगाने के दौरान आपस मे टकरा रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि मानो कहीं कोई सीरीयस लड़ाई हो रही हो.
" आअहह.......फाड़ दे मेरी कुशल........उफफफफफफफफफफ्फ़.............आइ.....लव........यू..........अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह........"
फूच...फूच..फुच्च.फूच...फूच..फुच्च.... कुशल के बेड पर हो रही प्रीति की चुदाई से आ रहे साउंड को अगर कोई भी सुनता तो आइडिया लगा लेता कि ये कोई हार्ड फक्किंग सेशन चल रहा है.
" आआहह........ आइ.........एम.......कमिंग............ आअहह आहह आहह.........." और इसके साथ ही प्रीति की चूत अकड़ जाती है.
कुशल अभी भी फुल स्पीड मे लगा हुआ था. लेकिन प्रीति की चूत का पानी निकल चुका था.
कुच्छ सेकेंड्स के लिए सब नॉर्मल था लेकिन फिर प्रीति को जैसे परेशानी होने लगी.
" कुशल....... जल्दी कर ना प्लीज़.... कितना टाइम लगेगा....."
कुशल धक्के लगाने मे लगा हुआ था.
" कुशल... मुझे जलन हो रही है प्लीज़ जल्दी कर ना...."
लेकिन कुशल अभी भी लगा हुआ था. कुशल के लंड की मोटाई को अब झेलना तो जैसे प्रीति के बस का नही था.
" कुशल......... अब...... मुझे पेन हो रहा है........... सोर्र्र्ररयययययययययी....." और ये बोलते ही वो आगे हो जाती है और लंड बाहर.
कुशल को तो जैसे अब होश आया था. प्रीति के इस सडन रिक्षन की तो जैसे कुशल को भनक भी नही थी. कुशल का लंड बाहर और उसका चेहरा एक दम तमतमाता हुआ लाल हो चुका था.
" ये क्या बदतमीज़ी है.........?" कुशल गुस्से मे प्रीति से पुछ्ता है.
" बदतमीज़ी तो तू दिखा रहा था.... जब मुझे पेन हो रहा था तो तू जल्दी नही कर सकता था." प्रीति उल्टा लेटे लेटे जवाब देती है.
कुशल उसकी ये बात सुनकर जैसे पागल हो जाता है -
" जब तेरी चूत मे इतनी जान नही है तो क्यू लंड के पीछे भागती है.......?" कुशल बेड से खड़ा होता हुआ बोलता है.
" मुझसे बकवास करने की कोई ज़रूरत नही है.... समझ आया तुझे....." प्रीति गुस्से मे बोलती है.
कुशल उसकी इस बात से और भी ज़्यादा गुस्से मे आ जाता है. जब किसी लड़के के साथ ऐसा होता है तो वो अपना आपा वाकई मे खो सकता है और इसका आइडिया प्रीति को नही था.
कुशल गुस्से मे आगे बढ़ता है और उसके बाल पकड़ कर उपर की ओर खींच लेता है
कुशल अपना दूसरा हाथ सीधा उसकी गान्ड पर ले जाता है. इससे पहले की प्रीति कुच्छ सोचती कुशल अपनी उंगली उसकी गान्ड के छेद मे घुसा देता है. वो छेद बहुत ही ज़्यादा टाइट था.
"आआऊऊऊऊऊऊओ....." प्रीति चिल्ला पड़ती है.
" अब तो तेरी चूत फटी है...... ज़्यादा बोलेगी तो तेरी गान्ड भी मार लूँगा. एक उंगली से चिल्ला रही है तो सोच कि इतने मोटे लंड से क्या होगा." कुशल प्रीति को बोलता है.
प्रीति कुशल की इस बात का कोई जवाब नही देती क्यूंकी वो समझ चुकी थी कि इस टाइम कुच्छ भी बोलना सही नही है.
खैर पता नही क्या सोच कर कुशल अपनी उंगली को बाहर निकालता है और प्रीति को छोड़ कर अपने कपड़े पहन ने लगता है.
प्रीति अभी भी चुप थी लेकिन जब कुशल रूम के बाहर जाने लगता है तो वो पूछती है -
" कहाँ जा रहा है......." उसकी आवाज़ मे थोड़ी केर थी.
" तेरी मा चोदने............" कुशल की ये बात सुन कर फिर से प्रीति की हँसी छूट जाती है.
आक्च्युयली प्रीति इस बात को कुशल का गुस्सा समझ रही थी और कुशल ने एक अपने दिल की बात बता दी थी.
इससे पहले की प्रीति कुच्छ बोलती कुशल रूम से चला जाता है.
प्रीति का प्लान भी पता नही क्या था लेकिन उसको देख कर ये नही लग रहा था कि वो कुशल के रूम से जाने के मूड मे है.
कुशल का मूड ऑफ हो चुका था. कहाँ वो इतनी टाइट चूत मार रहा था और कहाँ उसका एंडिंग पॉइंट होने से पहले ही उसके साथ चीटिंग हो गयी.
धीरे धीरे वो नीचे आता है. लेकिन नीचे आते ही उसको हॉल मे बैठी हुई स्मृति दिख जाती है. उसने अभी भी टीशर्ट आंड जीन्स पहनी हुई थी.
वो हॉल मे सोफे पर बैठी थी और हाथ मे अगेन वाइन का ग्लास था. कुशल को थोड़ी राहत मिलती है.
" हाई मोम....." कुशल फिर से स्माइल करते हुए कहता है.
लेकिन स्मृति उसे कोई रेस्पॉन्स नही देती. वो अपने ग्लास को हाथ मे लेकर ड्रिंक करने मे बिज़ी रहती है.
कुशल उसके साथ आकर सोफे पर बैठ जाता है. लेकिन स्मृति उसकी तरफ नही देखती.
" क्या बात है मोम.... गुस्सा लग रही हो......" कुशल फिर से स्माइल करते हुए कहता है.
लेकिन स्मृति फिर भी उसे कोई रिप्लाइ नही देती. कुशल थोड़ा सा आगे बढ़कर अपना हाथ उसके हाथ पर रखते हुए बोलता है -" क्या बात है मोम.... आप बात क्यू नही कर रही हो.
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