RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
“ मैं मर जाउन्गि………….दीदी कुच्छ करो प्लीज़…..” प्रीति एग्ज़ाइट्मेंट मे चिल्लाते हुए बोलती है.
सिमरन उसके बूब्स से अपना मूँह हटाती है और सीधी खड़ी होती है. प्रीति अपनी आँखे धीरे धीरे खोलती है और सिमरन से आँखे मिलते ही शरमा जाती है. वो आगे बढ़ कर सिमरन को हग कर लेती है –
“ बहुत तड़प रही है रानी……….” सिमरन उसके कान मे आराम से बोलती है.
“ प्लीज़ आप ऐसी बाते ना करो………… आपके बदन की हीट मुझे और जला रही है.” प्रीति भी उसके कान मे ऐसे ही बोलती है.
“ प्रीति तू चुद चुकी है ना…………..???” सिमरन उसके कान मे फिर से बोलती है लेकिन इस बात से प्रीति के होश उड़ जाते है. वो सिमरन के गले से हट जाती है और पूछती है –
“ क्या पुछा आपने दीदी……..?” प्रीति उसकी आँखो मे देखती हुई बोलती है.
“ तू चुद चुकी है ना……… लंड ले चुकी है ना………..” सिमरन उसकी आँखो मे देखती हुई बोलती है.
प्रीति के तो चेहरे की हवा उड़ जाती है लेकिन वो हिम्मत से काम लेती है.
“ ये… ये आप….क..कैसी बाते कर रही है……आई….ऐसा तो कुच्छ नही है…………….” प्रीति हकलाते हुए बोलती है.
“ चल तू बोलती है तो मान लेती हू….. नही तो तेरी चूत के खुले हुए होंठ तो ऐसे ही बता रहे है कि किसी तगड़े लंड से ठुकी है तू……… लेकिन छोड़ मेरी रानी और मुझे प्यार कर………….” सिमरन सोफे पे लेट जाती है और अपनी टांगे फेला कर प्रीति को इन्वाइट करते हुए बोलती है.
सिमरन की टांगे जैसेही खुलती है तो उसकी गुलाबी चूत प्रीति के सामने आ जाती है. प्रीति टाइम ना वेस्ट करते हुए नीचे बैठती है और अपनी उंगलियाँ उसकी चूत मे घुसा देती है. सिमरन की चूत खुली हुई थी.
“ ओूऊऊऊ…..मेरी जान ऐसे ही……खा जा मेरी चूत को…………..” सिमरन तो जैसे कुच्छ ज़्यादा ही वाइल्ड लड़की थी. उसके मूँह से निकलने वाली आवाज़ से ही कोई भी मर्द झाड़ जाए.
“ उईईईईईईईई………………..चाट मेरी पुसी को…….हीईीईईई………म्*म्म्मममममह…………………….यू बिच……….चोद अपनी जीभ से ऐसे ही………….” सिमरन की चूत पर प्रीति पूरी ताक़त के साथ मेहनत कर रही थी.
प्रीति बीच बीच मे अपना मूँह भी लगा देती थी उसकी चूत मे जिससे सिमरन और भी ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो रही थी. दूसरी तरफ खुद प्रीति भी पागल हो रही थी तो अपने उल्टे हाथ को वो अपनी चूत पर ले जाकर खुद भी सहलाने लगती है.
“म्*म्म्मह………….उउफफफफफफफफ्फ़…………..” अब ये साउंड दोनो तरफ से आ रहा था क्यूंकी दोनो गर्ल्स मस्त हो चुकी थी.
प्रीति अपनी उंगलियाँ उसकी चूत मे चला रही थी और खुद अपनी चूत को भी सहला रही थी. सिमरन की चूत खूब सारा पानी छ्चोड़ रही थी.
“ हईईए……………….उफफफफफ्फ़……ऐसे हीइ…………….फाड़ दे मेरी चुत्त्त्त्त्त्त्त कूऊव…..उफफफफफफफ्फ़…फफफफफफफफ्फ़………..” सिमरन कुच्छ ज़्यादा ही गरम हो चुकी थी. कुच्छ ही मिनिट और होने के बाद सिमरन अपना सारा पानी छोड़ देती है.
इतने मे प्रीति भी अपने आप को काफ़ी गरम कर चुकी थी. सिमरन झड़ने के बाद प्रीति को डॉगी स्टाइल मे आने की सलाह देती है. प्रीति उसके इन्स्ट्रक्षन्स को फॉलो करती है और ठीक वैसी ही पोज़िशन मे आ जाती है. सबसे पहले सिमरन उसकी चूत मे अपनी एक फिंगर घुसाती है
“ दीदी………..और तेज……..चलो फिंगर को……………. उफफफफफफफफफफफफ्फ़.फ…….घुसा दो अंदर……..और अंदर…………उफफफफफफफ्फ़…….स्शह…………………” प्रीति पागल होकर अपनी गान्ड पीछे को उच्छाल रही थी.
सिमरन अपनी फिंगर स्पीड को बढ़ा देती है और साथ ही साथ अपनी दूसरी फिंगर भी घुसा देती है….
“ उफफफफफ्फ़….उफफफफफफफ्फ़…………….दिदीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइ…….” और इस सिसकी के साथ प्रीति भी अपना पानी छोड़ देती है.
दोनो सेक्सी लड़किया काफ़ी देर तक बेड पर ऐसे ही पड़ी रहती है. फिर धीरे धीरे दोनो कपड़े पहनती है. सिमरन बड़े गौर से प्रीति की ओर देख रही थी.
“ आप ऐसे क्या देख रही हो……….मुझे शरम आती है……..” प्रीति सिमरन की तरफ देखते हुए बोलती है.
“ कसम से तूने मुझे इतना मज़ा दिया तो अपने बॉय फ्रेंड को कितना मज़ा देगी तू….. मस्त घोड़ी है तू……. लेकिन पता नही ऐसा क्यू लगता है तेरी चूत को देख कर कि ये ले चुकी है……….” सिमरन फिर से प्रीति के नीचे के हिस्से की तरफ देखते हुए बोलती है.
“ छोड़ो भी दीदी……… ले तो आप भी चुकी हो… मुझे पता है………” प्रीति भी अपना कॉमेंट करती है.
“ तो मेरी रानी……… मैं तो बोल ही रही हू कि मैं ले चुकी हू नहीं तो नींद नही आती…….” सिमरन भी पानी पीते हुए बता देती है.
“ तो किसने किया आपकी पुसी का उद्घाटन……” प्रीति स्माइल करते हुए बोलती है.
“ तो अब फॉर्म मे आ रही है लड़की…………. है कोई लेकिन तू जान कर क्या करेगी……. तू ये बता कि तू तो घर से ज़्यादा बाहर भी नही जाती तो तूने किसके साथ करा लिया…………. कहीं ऐसा तो नही की कुशल को ही अपनी मस्त बॉडी दिखा कर काम करा लिया हो…………… “ सिमरन हंसते हुए बोलती है.
“ क्या आप अपनी बॉडी अपने बड़े भैया को दिखाओगि तो वो आपका काम कर देंगे??? आप बताइए……………” प्रीति उसकी बात का जवाब ना देते हुए उससे पूछती है.
“ तुझे एक बात बताऊ??” सिमरन सीरीयस होते हुए बोलती है.
“ हाँ….हाँ क्यू नही…. बताओ मुझे……” प्रीति एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.
“ क्या मैं तुझ पर भरोसा कर सकती हू……………” सिमरन सीरीयस होते हुए बोलती है.
“ अपना सब कुच्छ तो खोल कर दिखाया आपको……… इतना क्लोज़ तो मैं कभी किसी के भी नही गयी….. और अगर आप अब भी मुझ पर भरोसा नही करेंगी तो मुझे दूख होगा……” प्रीति भी उसे एमोशनल ब्लॅकमेलिंग करती है.
“ सच मे बता दू….?” सिमरन फिर से पूछती है.
“ प्लीज़ बताओ ना और टेन्षन ना लो………..” प्रीति उसे रिलॅक्स करते हुए बोलती है.
“ मेरे रीलेशन मेरे भाई के साथ ही है…………………” सिमरन की इस बात से फिर से प्रीति के होश उड़ जाते है.
“ क्य्ाआआआआआआअ…………….. डू यू मीन कि आप भाई बहन सेक्स कर चुके हो…….ये कैसे हुआ…… वेरी इंट्रेस्टिंग……..मुझे बताओ ना कि ऐसा क्या हुआ कि आपके भाई ने आपके साथ ये सब किया………. लेकिन आराधना दीदी तो बताती है कि आपका कोई बॉय फ्रेंड है……..” प्रीति एक ही साँस मे सारे सवाल पुच्छ लेती है. आक्च्युयली मे वो एग्ज़ाइटेड थी सिमरन के मूँह से ये बात सुन कर……..
“ यार ये एक लोंग स्टोरी है. मैने कभी नही सोचा था कि मुझे चोदने वाला मेरा भाई होगा और ना ही मेरे भाई ने कभी सोचा था…………. रही बात मेरे बॉय फ्रेंड की तो वो कोई और नही सिर्फ़ मेरा भाई है. जब आराधना और तुम सारी फॅमिली शॉपिंग करने गये थे तो मैं तुम्हारे घर उसी के साथ गयी थी….. तुम्हारे घर पर भी हम ने खूब दबा कर चुदाई की…..” सिमरन उसे बताती है.
“ लेकिन आप अपने घर पर भी तो कर सकते थे….. आपको तो पूरा टाइम मिलता होगा तो ये हमारे घर पे प्लान करने की क्या ज़रूरत थी….” प्रीति सिमरन से पूछती है.
“ हर किसी की अपनी फॅंटेसी होती है, मेरा भाई मुझे नयी नयी जगह पे चोदना चाहता है…… पहले मैं भी भोली भोली हुआ करती थी. इन्फेक्ट लड़की को तो जब तक लंड नही मिलता तो वो भोली ही रहती है…..” सिमरन एक्सप्लेन करती है.
“ दीदी प्लीज़ बताओ ना कि कैसे आपने अपने भाई को फँसाया…….. मैं जान ने को बेकरार हू…….” प्रीति एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.
“ यार ये कोई वन डे स्टोरी नही है…… रिलिटी जान ने के लिए तुझे ध्यान से सुन ना पड़ेगा और इसके लिए टाइम चाहिए………” सिमरन प्रीति को बोलती है.
“ अच्छा इतना तो बता दो कि क्या आप भी चाहती थी कि आपके भाई के साथ आपका सेक्स हो जाए या फिर बस आपके भैया ही चाहते थे…….” प्रीति फिर से एक क्वेस्चन करती है.
“ चाहता तो कोई भी नही था………. ये इंसान का शरीर है ही ऐसी चीज़……….. कभी पाँव पिसल जाते है पता ही नही चलता. होश आता है तो चुदाई हो चुकी होती है और एक बार खून मूँह लग जाए तो फिर रहा नही जाता… लेकिन सब कुछ मेरे बारे मे ही पूछती रहेगी. अपने बारे मे भी बता ना कि तेरी चूत ऐसी क्यू है जैसे तू चुद चुकी है….. सच सच बता मुझे नही तो कट्टी………” सिमरन एमोशनल ब्लॅकमेल करते हुए बोलती है.
“ हाँ दीदी मैं करवा चुकी हू…………..” प्रीति अपनी निगाहे नीचे करे हुए बोलती है.
“ ओह……माइ गॉड….. ऑर तू इतनी बड़ी बात मुझसे छुपा रही है…. बोल…बोल… कौन है वो………जल्दी बोल….” सिमरन प्रीति को हग करते हुए बोलती है.
“ कुशल…………….” प्रीति आख़िर बोल ही देती है.
“ वाउ……मेरी जान मुझे तो पहले ही पता था…………. गजब………….. दुनिया के सामने उसे मारती है और दुनिया के पीछे उससे मरवाती है……… बता ना कैसा है उसका……..” सिमरन और भी एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.
“ आप क्यूँ पुच्छ रही हो……आपने तो खुद देखा है उसका……. रात को आप भी तो मिलती हो उससे….” प्रीति अंधेरे मे तीर छोड़ती है.
“ ये क्या नयी बकवास सुना रही है…. मैं मिल रही हू उससे…. लेकिन कब और कहाँ…………तुझे ऐसा किसने कहा…. कुशल ने??” सिमरन शॉक्ड होते हुए बोलती है.
“ दीदी प्लीज़ मुझे सच बताओ…. क्या आप नही थी कल रात उसके साथ…… अगर आप थी तो मुझे कोई परेशानी नही है बस आप बता दो मुझे……” प्रीति उससे रिक्वेस्ट करती है.
“ प्रीति ये क्या बोल रही है….. मैं डर कर कुच्छ करने वालो मे से नही हू…. अगर मे उसके साथ कुच्छ करती तो बता देती…. लेकिन तू मुझ पर शक क्यूँ कर रही है…….” सिमरन फिर से पूछती है.
“ दीदी…….मेरे साथ सेक्स करने के बाद वो कहीं बाहर चला गया….. आक्च्युयली मे मैं पहले झाड़ गयी और उसका काम नही हो पाया था…….. सेक्स करने के बाद मुझे उसके ही रूम मे नींद आ गयी थी….. जब मैं जागी तो रूम बाहर से बंद था… मैने आवाज़े लगाई तो वो उपर आया…….. मैने गुस्से मे उसका हथियार चेक किया तो वो गीला था… उसे चूस कर भी देखा तो उस पर किसी की पुसी का रस चढ़ा हुआ था….. मुझे पूरा यकीन है कि वो किसी के साथ सेक्स करके आया था… मैने बहुत पुछा लकिन उसने नही बताया कि वो किसके साथ था…. और तो कोई लड़की हमारे यहाँ नही आती तो मेरा शक आप गया…….. लेकिन अगर आप भी मना कर रही है तो किसके साथ था वो…..” प्रीति सोचते हुए बोलती है.
“ हा हा हा हा हा हा……. अभी भी नही समझी………..” सिमरन हंसते हुए बोलती है.
“ क्या…??” प्रीति उससे पूछती है.
“ पागल वो तेरी मा को चोद रहा है…….. वैसे भी तेरी मा है ही इतनी हॉट की कोई भी चोद दे………. देख लेट नाइट कोई और तो तेरे घर नही आ सकती यहाँ तक मैं भी नही…… उसने तेरा गेट भी इसीलिए बंद किया कि कहीं तू आकर देख ना ले………..” सिमरन प्रीति को समझाती है.
“ ओह….माइ गॉड…….उसने मा को भी फँसा लिया… लेकिन कभी ऐसा लगा नही कि दोनो के बीच ऐसा हो सकता है……. और मोम को क्या ज़रूरत है कुशल से करने की. डॅड तो है ना………..” प्रीति फिर से कुच्छ सवाल करती है सिमरन से.
“ सुन….. लेडी कभी बोलती नही लेकिन वो भी टेस्ट चेंज करना चाहती है. एक बात को तो अब मैं यकीन के साथ कह सकती हू कि कुशल का लंड दम दार है नही तो वो शादी शुदा लेडी उससे नही फँसती….. क्या साइज़ होगा उसके लंड का……..” सिमरन प्रीति से पूछती है.
“ मैने कभी नापा तो नही लेकिन 8 इंच से कम नही होगा……. मोटा बहुत है… पहली बार मे तो जैसे मैं मर ही गयी थी……. “ प्रीति बताती है.
“ मेरी जान बहुत लकी है तू…. लड़के मिल जाते है लेकिन अच्छे लंड नही मिलते….. तेरी मा को पता चल गया कि कुशल का लंड धान्सु है और इसीलिए तेरे डॅड के जाते ही उसने अपना काम करा लिया…..” सिमरन उसे समझाती है.
“ लेकिन अब मैं क्या करू…. मैं चाहती हू कि वो मुझ पर ध्यान दे……. ऐसा कैसे चलेगा…..” प्रीति परेशान होते बोलती है
“ कम ऑन स्वीटी… चियर अप. दिमाग़ से काम ले और अपना काम निकाल……. तुझे कौन सा हमेशा घर रहना है… एक दिन शादी करके चली जाएगी और दबा दब लंड खाएगी…. तो सीरीयस मत हो और कुशल को खुद भी आज़ादी दे कि जिसे चाहे उसे चोद सके वो…… लड़को को ऐसी पाबंदी पसंद नही होती है…… उसकी एक अच्छी दोस्त बन कर रह… खुद चुद भी और उससे औरो को भी चुदवा. ऐसे ही तेरा फॅन हो जाएगा वो…. हाँ लेकिन सेक्सी लुक मेनटेन करके रह….. हुस्न की बिजलिया गिराती रह……….” सिमरन उसे और ज्ञान देती है.
“ तो क्या आपके भाई भी किसी और के साथ करते है…………?” प्रीति सिमरन की आँखो मे देखते हुए पूछती है.
“ वो क्या मुझे मौका मिले तो मैं भी कर लू किसी और के साथ…. इसमे बुराई क्या है. मेरा भाई ओपन माइंडेड है…… अक्सर पार्टी वग़ैरा मे बजा देता है लड़कियो को और मुझे बता भी देता है….. मैं तो बुरा नही मानती….” सिमरन उसे और समझाती है.
“ प्लीज़ बताओ ना कि कैसे आपके और आपके भाई के रीलेशन बने……. बड़ा एग्ज़ाइट्मेंट है मेरे दिल मे ये जान ने के लिए……” प्रीति फिर से रिक्वेस्ट करती है.
“ तो एक काम कर….. तू एक रात के लिए यहाँ रहने आजा तो तुझे सारी कहानी सुनाउन्गा…………” सिमरन प्रीति को इन्वाइट करती है.
“ लेकिन क्या आपके भाई घर पर नही होंगे…………?” प्रीति पूछती है.
“ अगर एक रात नही चुदुन्गि तो क्या तूफान आ आ जाएगा…… तुझसे ही प्यार कर लूँगी जैसे आज किया है…..” सिमरन स्माइल करते हुए बोलती है.
“ लेकिन मैं घर पर क्या बोलूँगी……….?” प्रीति सिमरन से फिर से क्वेस्चन करती है.
“ मेरी जान…….. तुझे कोई नही रोकेगा…. तेरी मा तुझे खुद ही हाँ कर देगी क्यूंकी कुशल जैसे जवान लड़के का लंड मिल रहा है उसे………… तेरे जाने से उनका काम आसान हो जाएगा… तू मेरा नाम लेकर आजा…..” सिमरन उसे समझाती है.
“चलो मैं देखती हू…….” प्रीति स्माइल करते हुए बोलती है.
“ लेकिन फिर तभी कुशल और अपनी स्टोरी बताएगी कि कैसे बात बनी तुम दोनो की….. ओके?” सिमरन अपनी शर्त रखती है.
“ पक्का…. प्रॉमिस. अच्छा अब मुझे चलना चाहिए……” प्रीति खड़े होते हुए बोलती है.
“ चल मैं तुझे घर छोड़ देती हू………….” सिमरन भी उसके साथ खड़े होते हुए बोलती है.
दूसरी तरफ
सिचुयेशन तो बदल चुकी थी लेकिन हम वहीं से शुरू करते है जहाँ से छोड़ी थी.
आराधना बस अब पंकज का इंतेज़ार कर रही थी और उसने अभी अभी वो ही सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी लेकिन थोड़ी परेशान भी थी. डोर बेल बजती है – ट्रिन्न्नन्न्न्न…….
इस बार गेट खोलने से पहले वो हॉक आइ मे से देखती है तो पंकज ही था. वो अपने बालो को फिर से सही करती है… दुपट्टा हटाती है और बूब्स की विज़िबिलिटी को बढ़ाते हुए गेट खोलती है –
“ हाई डॅड……” और कस कर पंकज को हग करती है. उसके टाइट बूब्स पंकज के सीने मे घुस जाते है. लेकिन पंकज शो नही करता.
पंकज कुच्छ खाने का सामान लाया था जिन्हे वो चेर पर रखता है.
“ डॅड….आपको पुच्छने एक फॅमिली आई थी….” आराधना इन्फर्मेशन पंकज को देती है.
“ कौन लोग थे…? पंकज पूछता है.
“ पता नही लेकिन वो इसी होटेल मे रूके है और इसी फ्लोर पर है……” आराधना उसे बताती है.
“ ओःह्ह्ह… तो वो यहाँ आया था….. वो ही तो कमीना सेकेंड कॉंट्रॅक्टर है जो मुझे कांट्रॅक्ट लेने नही दे रहा है……….” पंकज गुस्सा होते हुए बोलता है.
“ डॅड वो अपनी वाइफ के साथ आया था और…..और……” आराधना आगे बताते हुए थोड़ी घबरा जाती है…..
“ और क्या..?? बताओ मुझे…..” पंकज पूछता है.
“ उन्होने मुझे ऐसे कपड़ो मे देखा तो ये समझा कि मैं आपकी वाइफ हू…. और घबराहट मे मैं उनकी किसी बात का जवाब नही दे पाई…. वो यही सोच रहे है कि हम हज़्बेंड वाइफ है…….” आराधना सारी बात बता देती है.
“ ओह्ह्ह्ह…. नो…. अब तो हम ये भी नही बोल सकते कि हमारा असली रीलेशन क्या है… खैर वो हमे जानता तो है नही……. कुच्छ दिन अब हमे हज़्बेंड वाइफ बन कर ही रहना पड़ेगा……….” पंकज परेशान होते हुए बोलता है.
लेकिन आख़िर क्या बात थी कि तुमने इतनी सेक्सी ड्रेस ये दिन मे ही पहन ली……” पंकज मुस्कुराते हुए आराधना से पुछ्ता है.
“ सेक्सी ड्रेस की बात नही है…. पता नही बॉडी मे ही क्या हो रहा है कि हर कपड़ा मुझ पर सेक्सी लगता है…….” आराधना ने भी सेक्सी वाय्स मे पंकज से कहा.
दोनो मे शान्ती रहती है और पंकज अपनी शर्ट के बटन खोलने लगता है क्यूंकी वो उसे उतारना चाहता था. आराधना धीरे धीरे उसके पास पहुँचती है और खुद ही उसके बटन खोलने लगती है. बटन खोलने के टाइम आराधना की सॉफ्ट सॉफ्ट उंगलियाँ पंकज के बालो भरे सीने मे टच हो रही थी. अभी ना तो रात थी और ना ही दिन लेकिन फिर भी पंकज का लंड खड़ा होने लगा था.
पता नही क्यू वो आराधना से शरमा सा रहा था. शर्ट के सारे बटन खोलने के बाद आराधना उसे खुद उतारती है. उतारने के लिए उसे थोड़ा सा आगे होने पड़ता है क्यूंकी पंकज की बाजू मे से शर्ट को बाहर निकालना था. जैसे ही आराधना थोड़ा आगे होती है तो उसके बूब्स भी पंकज के सीने मे चुभने लगते है और दूसरी तरफ उसकी डीप नेक नाइटी मे उसके गोरे गोरे और मोटे मोटे बूब्स क्लियर दिखाई दे रहे थे.
पंकज का तो मूँह खुला का खुला रह जाता है और आराधना ये सब देख कर हँसी आ रही थी. खैर उसकी शर्ट उतारने के बाद आराधना उसे टी-शर्ट देती है और शर्ट को बाथरूम मे टाँग देती है कि लौंड्री बॉय को बुला कर दे दूँगी.
“ डॅड, आज कहीं घूमने चले……” आराधना शर्ट को बाथरूम मे डालने के बाद पंकज से पूछती है.
“ कहाँ चलना है घूमने………?” पंकज टीशर्ट पहनते हुए बोलता है.
“ कहीं पर भी…. मुझे तो देल्ही के बारे मे कुच्छ पता ही नही है…..” आराधना भी एक प्यारी सी स्माइल के साथ बोलती है.
“ चलो मैं कुच्छ अच्छी जगह देखता हू…. और फिर चलते है…………..” पंकज की इस बात को सुन कर आराधना भाग कर उसे हग कर लेती है.
दोनो की नज़रे मिलती है तो शरमा कर आराधना की हँसी कम हो जाती है. अभी आराधना के होंठ पंकज के होंठ के बिल्कुल करीब थे… आराधना के लिप्स पर लगा हुआ लिप ग्लॉस इतना जुवैसी बना रहा था उसके लिप्स को कि पंकज भी ये देख कर पागल हो रहा था. दोनो के लिप्स धीरे धीरे एक दूसरे की तरफ बढ़ते है …..
ट्रिन्न्नन्नन्नन्न्न……… डोर बेल फिर से बजती है. दोनो फिर से होश मे आते है और लग हो जाते है. आराधना एक जोड़ी कपड़े लेकर बाथरूम मे घुस जाती है और पंकज गेट खोलता है.
पंकज आगे बढ़ कर गेट खोलता है तो देखता है कि सामने वो ही खड़ा हुआ था जो पहले आया था.
“ नमस्कार ग्रोवर जी…….” सामने खड़ा हुआ आदमी पंकज को हाथ जोड़ कर नमस्कार करता है.
“ नमस्कार शेट्टी जी……” पंकज भी उसको हाथ जोड़ कर नमस्कार करता है और उसे अंदर आने के लिए जगह देता है.
वो इंसान अंदर आकर चेर पर बैठ जाता है. और फिर बात करना शुरू करता है –
“ मैं पहले भी आया था…… बताया नही आपकी वाइफ ने…..” वो आदमी पुछ्ता है.
“ मेरी वाइफ…….??? ओह्ह्ह येस….. हाँ बताया उन्होने लेकिन बस मैं अभी कुच्छ 5 मिनिट पहले ही आया हू………” पंकज कन्फ्यूषन से बाहर निकलते हुए बोलता है.
“ अभी दिखाई नही दे रही है मेडम……..” वो आदमी रूम मे देखता हुआ बोलता है.
“ नही वो बाथरूम मे है………….??” पंकज आर्टिफिशियल स्माइल करते हुए कहता है.
“ कुच्छ भी कहो ग्रोवर जी, अच्छा ग्रो किया है आपने बिज़्नेस मे…. ऐसी वाइफ ढूँढ ली कि अंबानी को भी जलन हो जाए…..” उस आदमी ने ये बात थोड़ी लाउड वाय्स मे की और ये आवाज़ आराधना भी सुन रही थी जो कि बाथरूम मे इस आदमी के जाने का इंतेज़ार कर रही थी.
“ वाइफ तो आपकी भी कम नही है शेट्टी जी……..” पंकज भी उसे बोलता है. आक्चुयल मे पंकज इस बात को बस ख़तम करना चाहता था.
“ इसीलिए तो बस अभी काम कर के आ रहा हू…..क्या करू बहुत फुदक्ति है बेड पे…. हा हा हा हा हा” शेट्टी हंसते हुए बोलता है और पंकज भी उसकी बात मे हंस देता है.
आराधना अंदर ये सब सुन रही थी और हैरान थी कि क्या मर्द लोग अपनी वाइफ के बारे मे ये सब बाते कर लेते है. वो इस बात से भी हैरान थी कि कैसे पंकज भी उसकी वाइफ के लिए ये बोल रहा है कि वो भी कम नही है.
“ और बताइए कैसे आना हुआ…..?” पंकज ग्लास मे विस्की डालते हुए शेट्टी से पुछ्ता है और फिर वो ग्लास शेट्टी को ऑफर करता है.
“ पता चला कि आप इसी फ्लोर पर रहते हो तो सोचा की मिल लू……. रूम पर आया तो आपकी हॉट वाइफ से मुलाकात हो गयी………….” शेट्टी अपने हाथ मे विस्की का ग्लास पकड़ते हुए बोलता है.
“ नही आक्चुयल मे…. कांट्रॅक्ट के सिलसिले मे बाहर गया था…..” पंकज अपने लिए भी एक ग्लास मे विस्की डालते हुए बोलता है.
“ अरे ग्रोवर साहिब, क्या करोगे इतना पैसा कमा कर……. उपर वाले ने इतनी खूबसूरत बीवी दी है…. थोड़ा टाइम वहीं गुजारो……..” शेट्टी पंकज के साथ चियर्स करते हुए बोलता है.
“ नही शेट्टी जी…. लाइफ मे आगे बढ़ना भी कोई चीज़ है बाकी सब तो चलता रहता है. अब आप ही को लीजिए, आपकी वाइफ भी कम हॉट नही है लेकिन आप भी तो अपना हाथ इस कांट्रॅक्ट से नही खींच रहे है……..” पंकज भी धीरे धीरे मैं पॉइंट पर आ जाता है.
“ ग्रोवर जी.... हम तो अपने जहाज़ को कई सालो से उड़ा रहे है. आपको तो पता ही है कि इंसान किसी भी चीज़ से इतना जल्दी बोर नही होता जितनी जल्दी चूत से हो जाता है. लेकिन आपने ने तो एकदम नयी चूत ढूंढी है…. कब की शादी आपने……………?” शेट्टी अपना पेग लगाते हुए बोलता है.
पंकज को गुस्सा भी आ रहा था कि वो आराधना के लिए ऐसे बोल रहा था लेकिन वो कुच्छ रिक्ट नही कर रहा था शायद कांट्रॅक्ट के सिलसिले मे.
“ अभी 6 महीने हुए है………” पंकज भी अपने पेग को पीते हुए झूठ बोल देता है.
“ तो अभी तो सही से खुली भी नही होगी………” शेट्टी हंसते हुए फिर से आराधना की चूत के बारे मे बोलता है. आराधना ये सब सुन रही थी लेकिन वो आराम से बाथरूम मे थी और इंतेज़्ज़र कर रही थी कि कब शेट्टी जाए और वो बाहर आए.
“ और सूनाओ…..आज का क्या प्लान है…… क्यू ना कहीं डिन्नर पर चले……” शेट्टी पंकज से पुछ्ता है.
“ आज नही……. हम ने कहीं बाहर घूमने का प्लान बनाया है…… फिर कभी देखेंगे….” पंकज फिर से बात को टालते हुए बोलता है.
“ ओह… रियली?? कहाँ घूमने जा रहे हो…… हम भी आपके साथ ही चलेंगे….. रूम मे पड़े पड़े उसकी चूत मार मार कर बोर हो गया हू………” शेट्टी फिर से अश्लील शब्द यूज़ करता है.
“ अभी प्लान तो नही बनाया है…. मैं अपनी वाइफ से पुच्छ कर बता दूँगा कि कहाँ जा रहे है……….” पंकज फिर से इस मॅटर को ख़तम करना चाहता था.
“ नेकी और पुच्छ पुच्छ…. अभी पुच्छ लेते है…….” ये बोल कर शेट्टी अपनी चेर से खड़ा होता है और बाथरूम की तरफ बढ़ जाता है. पंकज को इतना टाइम भी नही मिलता की वो कुच्छ सोच पाए…..
“ भाभी जी….. ओ भाभी जी……..” शेट्टी बाथरूम के गेट पर खड़े होकर आराधना को आवाज़ लगाने लगता है.
पहले तो आराधना कोई आवाज़ नही देती लेकिन फिर उसके बार बार बोलने पर आवाज़ दे ही देती है.
“ जी भाई साहिब……… बोलिए क्या बात है…..” आराधना रूखी सी आवाज़ मे अंदर से आवाज़ देती है. आक्चुयल मे वो सारी स्टोरी सुन रही थी.
“ ग्रोवर जी ने बताया कि आप दोनो कहीं घूमने जा रहे है….. हम भी चलते है ना. अच्छी कंपनी मिल जाएगी आपको……. हमारी मेडम भी आप जैसी खूबसूरती से मिल कर खुश हो जाएँगी.
“ मुझे तो देल्ही के बारे मे कुच्छ आइडिया नही है…. जहाँ भी ले जाएँगे डॅडी ही…… मेरा मतलब होने वाले बच्चो के डॅडी ही ले जाएँगे…” आराधना तो जैसे बाल बाल पकड़े जाने से बची.
“ तो चलो मैं उन्ही से पुच्छ लेता हू…. अगर दोनो फॅमिली कहीं साथ चले तो आपको तो कोई परेशानी नही है ना…….” शेट्टी फिर से क्वेस्चन करता है आराधना के साथ.
“ मुझे…. मुझे भला….. क्या परेशानी होगी………” आराधना इसके सिवाय और कुच्छ बोल भी नही सकती थी.
शेट्टी अपनी बेशर्मी से आराधना की हां करा चुका था. और इसके बाद पंकज भी कुच्छ नही कर सकता था.
“ तो ग्रोवर जी, अब तो गवर्नमेंट ने भी हाँ कर दी है…… बताएए कि अब कहाँ घुमा कर ला रहे है……..” शेट्टी फिर से चेर पर बैठते हुए बोलता है.
“ अब तो आप ही बताएए कि क्या प्लान है….. कहाँ चलना है चल देंगे………..” पंकज भी और क्या कर सकता था.
“ क्यूँ ना ईव्निंग मूवी चले……. और फिर डिन्नर करने चलेंगे………. क्यूँ क्या सोचते हो….?” शेट्टी पंकज से पुछ्ता है.
“ हाँ… शायद यही ठीक है….चलो तो आप रेडी हो जाओ नही तो ईव्निंग शो मिस हो जाएगा…….” पंकज उसे रूम से बाहर भेजने की ये एक ट्रिक और इस्तेमाल करता है.“ हाँ आप ठीक कहते हो….. मैं भी अपनी मेडम से बोलता हू कि जल्दी से तैयार हो जाए.” ये बोल कर वो बाहर चला जाता है. पंकज गेट बंद करता है और आराधना का बाथरूम का डोर नॉक करता है.
“ आरू.. गया वो अब गेट खोलो…..” पंकज आवाज़ लगाता है.
आराधना गेट खोल कर फिर से बाहर आ जाती है.
“ क्या हुआ डॅडी……. ?” आराधना पंकज से पूछती है.
“ नही… कुच्छ नही बेटे… तुम तैयार हो जाओ और हम चल रहे है.
“ लेकिन कहाँ…….?” आराधना ऐसे बनते हुए बोलती है जैसे उसे कुच्छ अंदर सुनाई नही दे रहा था.
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