RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b][b][b]प्रिया मेम ने जाकर दरवाज़ा खोला तो गेट पर करण खड़ा था
प्रिया मेम –“अरे करण बेटा, आओ, बड़ी देर लगा दी आने में तुमने”
करण –“वो मोम, रस्ते में ट्रैफिक में फंस गया था, इसलिए आने में थोड़ी देर हो गयी”
प्रिया मेम –“चल अब अंदर आ, देखता नही बारिश में कितना भीग गया है, अंदर चलकर कपड़े चेंज कर ले, तेरा फ्रेंड कुशल भी आया है तुझसे मिलने”
करण फटाफट घर के अंदर आ गया, वहां हॉल में कुशल सोफे पर बैठा हुआ था, उसे देखते ही करण बड़ा खुश हुआ
करण –“अरे कुशल, यार बड़े दिनों बाद याद आई मेरी, वरना तू तो छुट्टियों में मुझे भूल ही गया था बिलकुल”
कुशल –“भाई, याद तो तूने भी नही किया, न कोई फ़ोन ना कोई कोई मेसेज, मैं कम से कम मिलने तो आ गया तुझसे”
करण –“अच्छा, चल मेरे कमरे में चलते है, वहां बहुत सी बाते करनी है तेरे साथ”
ये कहकर करण कुशल को अपने कमरे की तरफ लेकर चल पड़ा, आगे करण और पीछे कुशल
कुशल ने पीछे मुडकर देखा तो प्रिया मेम उसकी तरफ बड़ी ही नशीली आँखों से देख रही थी, और उन्होंने आँखे मटका कर कुशल को इशारा किया, कुशल ने भी अपनी जीभ होटों पर फिरा दी,
फिर प्रिया मेम किचन में चली गयी, और कुशल करण कमरे में आ गये और अंदर से दरवाज़ा बंद कर लिया
करण –“साले कमीने, इतने दिन बाद याद आई है तुझे मेरी, कहाँ रंडी चोदने में बिजी था साले”
कुशल –“अबे चूतिये, मैं तो तुझसे मिलने आ तो गया, तू बता तू किधर मुंह मारने में व्यस्त था जो मेरी याद ही नही आई”
करण –“अरे भाई, ऐसी कोई बात नही, मैं तो बस यूँ ही टाइम पास कर रहा हूँ, जब से स्कूल की छुट्टियाँ पड़ी है, बहनचोद टाइम ही नही कटता मेरा तो, तू बता साले, कोई लोंडिया मिल गयी या अभी भी अपना हाथ जगन्नाथ, हा हा हा......”
कुशल –“भाई, अभी भी अपना आसरा तो हाथो का ही है, पर सपने में लोंडिया जरुर चोद लेता हूँ...हा हा हा....”
करण- अबे किसे चोद दिया सपने में, कही अपनी माँ को तो ही नही चोद दिया हा हा......” करण ठहाके लगाते हुए बोला, उन दोनों की दोस्ती इतनी गहरी थी कि वो किसी भी प्रकार की बात एक दुसरे को बोल देते थे
कुशल- साले मेरी माँ का तो पता नही पर एक बार तो मैंने सपने मे तेरे घर में आकर अपना लंड खूब तबीयत से हिलाया था
करण- “किसको सोच कर?”
कुशल- तेरी मोम को सोच कर और किसको
करण- लगता है आज तू सुबह से ही किसी की चूत के दर्शन करके आया है जो सुबह से ही तुझे चूत दिखाई दे रही है
कुशल- सॉरी यार बुरा मत मानना मै तो मज़ाक कर रहा था
करण- अबे तेरी बात का बुरा मान कर मैं कर भी क्या लूँगा, तेरा कोई भरोसा नही है, तू मेरी मोम को ढंग से देख लेगा ना तो उसे भी चोदने के बारे मे सोचने लग जाएगा, आख़िर हरामी जो ठहरा
कुशल- “नही यार, तेरी मोम तो बूढ़ी हो गई होगी, उसकी चूत मार कर क्या मजा आएगा” कुशल करण के मन की बात जानना चाहता था, इसलिए जानबुझकर ऐसी बाते कर रहा था,
करण- “अबे साले, तूने अगर मेरी मोम को देखा होता तो ऐसी बात नही करता”
कुशल- “अच्छा तो क्या तेरी मोम अभी तक जवान है”
करण- “तू बैठ मैं पहले अपनी सिगरेट लेकर आता हूँ, फिर आराम से बैठ कर बाते करेगे, आज मेरा लंड भी सुबह से परेशान कर रहा है”
कुशल- “क्यो तुझे तेरी मोम की गदराई फूली हुई चूत याद आ गई क्या...हा हा हा” कुशल हँसते हुए बोला
करण- “अबे तू एक बार अगर मेरी मोम की मस्त चूत और मोटी गान्ड देख लेगा ना तो पागल हो जाएगा कसम से”
कुशल- “अबे दिखा चाहे ना दिखा, तू अपने मुँह से ही बता दे, मुझे तो उसमे ही मज़ा आ जाएगा, और साले तेरा लंड तो पेंट के अंदर ही खड़ा हो रहा है साले”
करण- “अरे यार क्या बताऊ, तूने आते ही मेरी मोम की फूली हुई चूत की बात करके मेरा लंड खड़ा कर दिया है”
कुशल- “क्या तेरी मोम की चूत इतनी ज़्यादा मस्त और फूली हुई है, तूने देखी है क्या कभी”
करण- “ हाँ यार अब तुझसे क्या छुपाऊ, दरअसल मैंने हमारे बाथरूम के दरवाजे में छोटा सा छेद कर रखा है, इसलिए कई बार उन्हें नहाते हुए देखता हूँ छुप छुप कर, हाय...मेरी मोम की चूत देख कर तो बुड्ढे का लंड भी झटके मारने लगे, क्या गदराई चूत है उनकी और उनकी मोटी गान्ड देख कर तो तू खड़े-खड़े ही उनकी गान्ड मे अपना लंड फांसने को तैयार हो जाए” करण ने अपने लंड पर हाथ मसलते हुए कहा
कुशल- “क्या सच में में तेरी मोम की गांड मोटी और गदरायी है” कुशल को समझ आ गया था कि जल्द ही वो अब करण का लंड प्रिया मेम की चुत में डालने में सफल हो जाएगा क्यूंकि आग तो दोनों तरफ बराबर लगी हुई थी
करण- “अरे अगर तू मेरी मोम को पूरी नंगी देख लेगा ना तो तेरे लंड से खड़े-खड़े ही पानी निकल जाएगा, मेरी मोम की गदराई जवानी उसकी मोटी गान्ड और उसकी मोटी-मोटी चिकनी जांघे, हाय मैं तो अपने लंड को अपनी मोम को पूरी नंगी सोच कर ही हिलाता हूँ, ऐसी जबरदस्त गान्ड और ऐसी फूली हुई चूत मैंने आज तक नही देखी”
अब कुशल उसको क्या बोलता, वो तो अभी कुछ देर पहले ही उस मस्त चूत और गांड की सवारी करके आया है
कुशल- “अच्छा ये बता तेरी मोम की उमर कितनी है”
करण- “अरे यार कम से कम 45 की होगी, पर उसकी गदराई जवानी आज भी इतनी कसी हुई है, उसके भारी-भारी चुतड तो तेरे दोनो हाथो मे भी नही समा सकते और एक दम गोरी गान्ड है उसकी और उसकी चुत उफ्फ्फ्फ़ क्या बताऊ, आज भी वो अपनी चुत के बाल जब साफ कर लेती है तो उसकी चुत इतनी गोरी और इतनी फूली हुई नज़र आती है कि दिल करता है की अपनी मोम की चूत मे अपना मुँह रख कर अपने मुँह से उसकी फूली हुई चूत को दबाता ही रहू, उसकी गदराई जंघे देख कर तो मैं पागल हो जाता हूँ, इतनी चिकनी और इतनी मोटी-मोटी गदराई जंघे है कि अपने दोनो हाथो मे भर-भर कर दबोचने मे मज़ा आ जाए, उसके दूध इतने मोटे-मोटे और कसे हुए है कि क्या बताऊ यार”
कुशल -अच्छा करण प्रिया मेम कोनसी पेंटी पहनती है, बता न यार”
करण- “अरे वो तो अपनी भारी गान्ड के उपर इतनी छोटी सी पेंटी पहनती है कि उसकी पेंटी तो उसकी मोटी गदराई गान्ड की दरार मे ही फस जाती है और उसके भारी-भारी चुतडो के पाट पूरे नंगे ही नज़र आते है, और तो और जब मेरी मोम की चूत उसकी गुलाबी पेंटी मे कस जाती है तब भी मेरी मोम की चूत पेंटी के उपर से भी इतनी फूली हुई नज़र आती है कि अपने हाथो के पूरे पंजो से पकड़ कर दबोचने पर भी मेरी मोम की फूली हुई चूत पकड़ मे ना आए”
कुशल- अच्छा करण जब तेरी मोम अपनी मोटी गदराई जाँघो को फैला लेती है, तब उसकी चूत कैसी नज़र आती है”
करण- “सबसे बड़ी बात तो यह है कि मेरी मोम हमेशा अपनी चूत के बाल साफ करके उसे एक दम चिकना रखती है और जब वह अपनी मोटी-मोटी गदराई जाँघो को फैला लेती है तो उसका चूत पूरा भोसड़ा नज़र आने लगती है, उसकी चूत की फूली हुई मोटी-मोटी फांके बहुत ही गदराई हुई लगती है और जब वह घोड़ी बन कर खड़ी होती है तो उसकी फूली हुई गदराई फांके बहुत ही खूबसूरत लगती है,
ऐसा लगता है जैसे पीछे से उसकी मस्तानी फूली हुई चूत की मोटी-मोटी फांको को फैलाकर अपनी मोम की चूत को खूब कस-कस कर चाट लू, मेरी मोम की चूत और मोटी गान्ड को जब से देखा है मैं तो पागल हो गया हूँ यार, मेरा लंड दिन रात अपनी मोम की चूत और गान्ड चोदने के लिए तड़पता रहता है, मैं तो दिन रात अपनी मोम को अपनी कल्पना मे नंगी करके खूब कस-कस कर चोदता हू और यह फील करता हूँ कि कैसे मेरी मोम अपने नंगे बदन को मुझसे चिपका-चिपका कर मुझसे अपनी चूत और गान्ड मराएगी, जब मैं अपनी मोम को अपने सपनो मे पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदता हूँ ना तो मुझे बहुत मज़ा आता है और मैं तबीयत से
झड़ता हूँ”
कुशल- “करण पर यार प्रिया मेम थोड़ी सी मोटी नही है क्या” कुशल करण के दिल और लंड को आग को और भी ज्यादा भड़का रहा था
करण- “अबे साले ,तू उसे मोटी नही गदराई गांड बोल, उनका गुदाज उभरा हुआ पेट उसकी गहरी नाभि, उसके भारी-भारी मोटे-मोटे चुतड, उसकी गदराई चिकनी और खूब मोटी जंघे और सबसे खूबसूरत चिकनी फूली हुई चूत, उफ्फ कुशल मेरे भाई मैं तो अभी ही झड़ जाऊंगा...हय्य्य....भले ही मेरी मोम थोड़ी भारी बदन की है लेकिन उसे चोदने मे मज़ा आ जाए, उसे जब पूरी नंगी करके उसके नंगे गदराए बदन पर चढ़ कर उसे चोदो तो मज़ा आ जाए, तू पिछली बार कह रहा था ना कि करण तेरी फॅंटेसी क्या है तू किसको नंगी सोच कर अपने लंड को सहलाता है, तू किसकी चूत को अपनी कल्पना मे चोद-चोद कर झाड़ता है, तो दोस्त वह मेरी मोम है जिसको अपने कल्पना मे मे कई बार चोद चुका हू”[/b][/b][/b][/b][/b][/b]
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