RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
वो एक नवजवान सा लड़का था,मुझसे और काजल से भी छोटा रहा होगा,लेकिन बहुत ही हेंडसम और लंबा चौड़ा बॉडीबिल्डर टाइप की पर्सनाल्टी थी उसकी ..
“हैल्लो सर ..”
“हैलो “
“देव ये हमारे होटल का नया चमकता चिराग है ,बहुत मेहनती और सबसे बड़ी बात बहुत ही आज्ञाकारी “
काजल ने हँसते हुए कहा ,सच में मेरी काजल हंसते हुए कितनी सुंदर लगती है …
“क्या मेडम आप भी ..अब यंहा आपकी बात नही मानूंगा तो किसकी मानूंगा ,आप के कारण तो मुझे ये जॉब मिली है”
काजल ने मेरे अपेक्षा के विरुद्ध एक कदम उठाया वो जाकर मेरे ही सामने उसके गालो को हाथो से मला और उसके गालो पर एक किस कर दिया..जिससे मैं तो आश्चर्य में पड़ गया लेकिन हर्ष शर्म से लाल हो गया ,
“सो क्यूट बेबी “
काजल उस 6’2” के लंबे चौड़े हेंडसम हल्क से बंदे को क्यूट बेबी बुला रही थी….बड़ा याराना लगता है…
“तो देव आप चलिए मैं आपको बाद में जॉइन करती हु “
उसके सामने वो मुझे और कुछ बोल भी तो नही सकती थी,मैं उसे गुस्से से देखने लगा शायद वो मेरे मन की दशा समझ चुकी थी ..
“हर्ष यार वो मैंने तुम्हे जो फाइल दी थी ना अकाउंट की वो कहा है “
काजल बड़ी चालक थी
“मेडम वो ऊपर में ही है आपके केबिन में ,मैंने चेक किया है सब कुछ सही है “
“ओके अभी लाओ उसे “
उस बेचारे का चहरा उतर गया
“मेडम मैं घर जा रहा था “
“तो ...चलो ठीक है कल सुबह ही मुझे वो दिखाना “
“ओके मेडम “वो जल्दी से भागा की कही काजल उसे फिर से ना किसी काम में फंसा दे ,काजल और मेरे चहरे में एक मुस्कान आ गई
मैंने उसके जाते ही काजल को अपने बांहो में ले लिया
“बहुत बेबी बोल रही हो “
“क्यो जलन हुई क्या “वो हल्के से मुस्कुरा रही थी .
“हम्म थोड़ी सी “
“तो निकाल लेना पूरी जलन घर तो आने दो ,”
“यंहा थोड़ी ठंडक पहुचा दो ना “मैं उसके साड़ी से झांकते हुए उसके नंगी कमर पर हाथ फेरा
“पागल हो क्या “वो मचली
“मरवाओगे आप “वो हँसने ,जब मैंने थोड़ा और जोर दिया
“छोड़ो ना ,घर आ रही हु ,पूरी जलने को बहा दूंगी “
वो खिलखिलाते हुए मेरी पकड़ से बाहर हुई ,
“बहूँगा तो लेकिन तेरे अंदर “मैं फिर से उसे पकड़ने को हुआ लेकिन वो छूट कर मुझे चिढ़ाते हुए भाग गई …..
मैं भी घर की राह लिया ..
आज मुझे खुसी थी की मेरे साथ मेरी काजल होगी,और उसकी वो बहाने वाली बात से मेरा लिंग झटके मारने लगा था..
आज इतने दिनों के बाद मैं फिर से काजल को वैसे ही प्यार करूँगा,,और अपनी सारी तकलीफे वीर्य के रूप में उसके अंदर डाल दूंगा ……..
खाली बिस्तर में मेरी स्वप्न सुंदरी की आशा में मैं करवटे बदल रहा था,काजल अभी भी नही आई थी,मुझे लगा कि फिर से आज मेरे साथ धोखा तो नही हो जाएगा,
मैं अपने लिंग को भी तसल्ली दे रहा था,
“तू सोया रह भाई, जब जिंदगी के ही लवडे लगें हो तो अपना लवडा शांत ही रखना चाहिए”
मैंने अपने बाबूराव से कहा..(जैसे शेक्सपियर की कहानी के लाइन को लोग quote के रूप में यूज करते है,आप भी मेरी इस लाइन को qoutation के रूप में यूज़ कर सकते हो )
लेकिन मैं गलत था,मेरे कमरे का दरवाजा खुला और काजल अंदर आयी ,उसने आते ही मुझे प्यार से देखा,मेरा बाबूराव खड़ा होकर अकड़ने लगा,जैसे कह रहा हो की आज कुछ तूफानी करते है...
मैं काजल पर टूट पड़ा,वो भी मुझे पागलो की तरह किस किये जा रही थी
काजल को बिस्तर पर पटकते ही मैं अपने कपड़े खोल कर फेक दिया और काजल के गालो को खाने लगा,उसके गुलाबी से गाल जो रस से भरे हुए थे ,मेने उसके गालो को पूरी तरह से भिगो दिया था,मेरे थूक से गिला हुआ उसका गाल अपनी नरमी से मुझे सुख दे रहा था और मैं और भी टूटकर उसके गालो को खा रहा था,अपने दांतो से मेने उसके गालो में निशान ही बना दिए जिसपर काजल ने मुझे एक शिकायत भरे निगाहों से देखा पर उसकी आंखों में अब भी वही प्यार था जो मैं हमेशा से ही मेरे लिए महशुस करता हु…………….
उसके बालो को अपने हाथो में फसाकर मैं उसे सहलाने लगा,और वो भी बेहद कामुक अंदाज में मेरे होठो पर टूट पड़ी,दो जिस्मो की गर्मी ने हमारे बदन में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया था,
मैं काजल के कपड़ो के तरफ रुख किया और उसके कपड़ो को धीरे धीरे उतारने लगा , मैं उसके भरे हुए नितंबो को अपने हाथो से भरकर उसे मसलने लगा,काजल और भी गहरे से मुझे चूमने लगी ,मैं उसका शर्ट खोलकर फेक चुका था,शायद अब काजल को सहन नही हो रहा था और वो जल्दी से ही अपने कपड़े खोलने लगी,लेकिन मैंने उसको उसकी पेंटी खोलने से मना कर दिया वो मुझे फिर से शिकायत के भाव से देखने लगी ,मैं अपने पूरे कपड़े खोल कर नंगा हो कर उसके सामने खड़ा हो गया ,मेरे लिंग को देखकर वो हल्के से हँसी और उसे पकड़कर उसे इतने प्यार से चूसने लगी जैसे की वही वो चीज थी जिसके लिए वो इतनी प्यासी थी,.....
मैं उत्तेजना के शिखर पर पहुच रहा था और मैं झरने को बिल्कुल भी तैयार नही था,मुझे तो अभी जितनी देर हो सके अपनी जान के साथ खेलना था,मैं काजल के मुह से अपना लिंग निकल कर अलग किया ,वो जल्दी से अपनी पेंटी निकालने को हुई पर मैंने उसे फिर से रोक दिया वो मुझे प्रश्नवाचक दृष्टि से देखने लगी ,और मेरे होठो में एक शरारती सी मुस्कान उभर आयी .,....
“नही ना जान करो ना “
उसने लगभग रोते हुए कहा ,वो आमतौर पर इतनी बेताब नही होती पर आज तो कई दिनों के बाद हम प्यार के गोते में डूबने वाले थे...वो मछली जैसे तड़फने लगी और मुझे उसकी तड़फन बहुत ही मजेदार और मनमोहक लग रही थी ,मैं उसके पास जाकर उसे लिटा दिया और खुद उसके पेंटी के पास अपनी नाक ले जाकर जोरो से सूंघ लिया,उसके कामरस से भीगा वो अंतःवस्त्र इतने मादक खुसबू से भरा था की मैं फिर से उसे जोरो से सूंघने से अपने को नही रोक पाया,लेकिन मेरी इस हरकत से काजल की हालात और भी खराब हो गयी उसे होने वाले का अंदेशा हो चुका था और उसका शरीर छटपटाने लगा था वो अपनी कमर ऊपर कर मुझे आमंत्रण दे रही थी और जब मैं अपना नाक उसके योनि के भाग से लगाया वो अपने कमर को ऊपर कर मेरे नाक से अपनी योनि को रगड़ने लगी,काजल की योनि से बहते हुए गीले गीले से प्यार की धार ने मेरे नाक को भी भिगो दिया और मेरे मुख से एक मुस्कान सी निकल गयी ….
वो बस झरने ही वाली थी और मैं उसे यू बेताबी में झरने नही देना चाहता था उसे भी वो मजा मिले जिसके लिए वो इतनी तड़फ रही थी ,मै उसकी पेंटी को उसकी योनि के ऊपर से हटा कर अपनी जीभ से उसे चाटने लगा,काजल का हाथ मेरे सर पर था और वो पूरे ताकत से उसे अपने अंदर लेने की चेष्टा कर रही थी पर शायद उसे वो आनंद नही मिल पा रहा था जिसके लिए वो तडफ रही थी और आखिर में वो हारकर मुझे अपने ऊपर खिंच ही लिया ,आज मैं काजल की ताकत देखकर दंग ही रह गया वो मुझे बिल्कुल ही आराम से उलटा कर के मेरे ऊपर चढ़ गयी ,अपने हाथ मेरे लिंग पर रख उसे अपने आग की उस भट्ठी में डाल दी जो पानी से भरी थी,........
काजल अंदर से इतनी गर्म होगी मुझे पता नही था आज तो उसकी योनि मानो कोई भठ्ठी ही हो,मेरे लिंग के अंदर जाते ही काजल को ऐसे सुख का अहसास हुआ जैसे सालो से प्यासे को कोई अमृत ही पिला दे,
“aaaahhhhhh जाआआआआन लव यु बेबीईईईईई “
वो अपनी रफ्तार तेज करने लगी उसकी सिसकियों से ही मैं झट जाता इतनी मादकता अपने अंदर लिए है मेरी रानी काजल ……
“आह आह आह आह आह आह ,ओ ओ ओ आह जआआआननन आह जाआआआआआआनननन “
वो किसी पम्प की तरह मेरे ऊपर कूद रही थी और मेरे होश ही उड़ा रही थी मुझे पता था की काजल इतनी गर्म हो चुकी थी की वो ज्यादा समय तक नही टिकने वाली ,मेरी अकड़ को आज काजल शायद तोड़ ही देती वो बिल्कुल भी आराम के मूड में नही थी ,वो लगातार ही कूद रही थी ,
“लव यू बेबी ,लव यू ,फ़क मि जान आह आह आह ,”
“लव यू मेरी रानी “
हमारी सांसे कब उखाड़ जाती इसका कोई भी भरोषा ही नही था,पर आनद के उस सागर से मैं कभी भी बाहर नही निकलना चाहता था,लेकिन शायद काजल को जल्दी से ही झरना था वो अपनी बेताबी के इंतहा पर थी और वो उस ज्वाला को निकाल देना चाहती थी जो उसके अंदर भरी हुई थी ,काजल ने अपने स्तनों को मेरे मुह में ठूस दिया और मैं भी किसी आज्ञाकारी बच्चे की तरह उसके स्तनों का पान करने लगा..मैं और भी उत्तेजित हो गया और उसे नीचे से ही और जोरो के धक्के देने लगा पर शायद वो जोर नही बन पा रहा था ,काजल भी अब कूदना बन्द कर जोरो से धक्के मारे जा रही थी मेरे अंडों में एक दर्द भर गया पर उसी दर्द का तो मजा था,,....
हम दोनो ही अपने तरफ से पूरी ताकत से धक्के दे रहे थे…
“आह वो आह आह आह आह जान जान आह “
दोनो के धक्के एक साथ मिलकर और भी तेज और प्रभावशाली हो जाते और दोनो के मुह से ही एक सिसकारी फुट पड़ती थी...उसके योनि से रगड़ते हुए मेरे लिंग की चमड़ी से उठाने वाला वो आनद मैं कभी भी खोना नही चाहता था पर वो एक धारा सी मेरे वृषनकोशों से आती हुई मुझे प्रतीत हुई और काजल भी अपने चरम के नजदीक ही थी हम दोनो ही अंतिम धक्कों पर अपनी पूरी की पूरी ताकत खर्च कर रहे थे ,और वो ज्वाला फूटा और काजल मेरे ऊपर झरने सी धार छोड़ती हुई लेट गयी,मेरा भी हाल उससे अन्यथा नही था और मैं भी उसके अंदर ही एक तेज फुहारे को छोड़ता हुआ हाँफने लगा,...............
दोनो ही हाफ रहे थे और दोनो ही उस आनंद में डूबे थे जो हमे अभी अभी मिला था...वो गीलापन हमारे यौन अंगों से बाहर आ रहा था,चिपचिपे वीर्य में मिला काजल का कामरस मुझे इच्छा तो हुई की उसे पी लू पर उठाने की हिम्मत ही नही जुटा पाया और मुझे पूरा यकीन था की यही हाल काजल का भी हो रहा होगा उसे भी मेरा वीर्यपान करना बहुत ही पसंद था ,खासकर जब गहरे संतोष की दशा हमे घेरे हुए हो …………………
उखड़ती सांसो में मेरा प्यार काजल के अंदर जा रहा था और वो भी मेरे वीर्य को अपनी योनि सिकुडकर अपने अंदर ही रखने का प्रयाश कर रही थी ,मैं उसे और भिगोना चाहता था पर मेरे अभी का कोटा पूरा हो चुका था …………..
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