RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
ज्वालामुखी का लावा जब फुट कर बाहर निकलता है ,तो वातावरण के ठंड से जम कर बेसाल्ट चट्टान बनाता है,वही अगर वो अंदर ही किसी कारण से जम जाय तो वो ग्रेनाइड चट्टान बनाता है…
ये मैं क्यो बोल रहा हु ,क्योकि मेरी हालत एक ज्वालामुखी की तरह हो गई थी ,जिसमे दर्द का लावा भरा हो ,बेवफाई के दर्द का, लेकिन मैं ना ही अंदर ज पा रहा था ना बाहर ही निकल रहा था…..
कितनी अजीब सी बात है की प्रकृति अपने को कभी नही दोहराती लेकिन फिर भी हर चीज का मूल स्रोत एक ही है …
मसलन 1000 मिलियन वर्ष पहले तक पृथ्वी सिर्फ और सिर्फ गर्म गैस ही थी ,जो जम कर लावा का रूप ले रही थी ,फिर लगभग 500 मिलियन वर्षों पूर्व के मध्य ये जमने लगी और पहली सतह का निर्माण करीब 235 मिलियन वर्ष पूर्व हुआ ,जो की आपस में जुड़ा हुआ था….
अब चाहे सोना हो या कोयला या हीरा या पीतल या संगमरमर या नीलम या तांबा या लोहा सभी एक ही लावा से बने हुए है..लेकिन परिस्थितियों के कारण ,दबाव ,और वातावरण के कारण सभी अलग अलग प्रतीत होते है...अगर फिजिक्स की भाषा में बोले तो और भी सूक्ष्म तहो में जा सकते है जंहा पूरे ब्रम्हांड में सिर्फ और सिर्फ ऊर्जा है और कुछ भी नही है ,बस परमाणु है जो की न्यूट्रॉन प्रोटॉन और इलेक्ट्रान से मिलकर बने हुए है जो की ऊर्जा के कण है….
फिर भी इतने विभेद देखने को मिलते है,सबकुछ ऊर्जा का ही परिवर्तित रूप है उसके अलावा कुछ भी नही ….
मैं भी परिस्थितियों का मारा था,एक तरफ मेरी खुद की बीवी थी जिससे मैं इतना प्यार करता था लेकिन आज की परिस्थिति में मेरे मन में उसके लिए शंका थी,वही मुझे अपनी बहनों के भविष्य की फिक्र थी,मेरी जान और मेरे पूरे परिवार का भविष्य ही खतरे में था …..
मैं बुरी तरह से झल्ला सा गया था और शाम होते ही मैं घर को चला गया ,
मैं सीधे अपने कमरे में गया और वँहा जाते ही मेरी आंखों में एक चमक आ गई ………
वो काजल थी ,मेरी काजल ,थककर ऐसे सोई हुई थी जैसे की कोई बच्चा सोता है…
मेरी निराश जीवन की एक आशा थी काजल,उसे देखकर मुझे बेहद प्यार और शुकुन का अहसास हुआ ,मैं जैसे डूब ही गया ,मैं जाकर उससे लिपट गया,वो बेफिक्री से बस थोड़ी कसमसाई लेकिन उसकी नींद गाढ़ी थी..
मैं उसके शरीर की गर्मी को खुद को डुबोने लगा,मैं उससे ऐसे सट जाना चाहता था जैसे की हम दोनो दो नही एक ही हो …
मेरी ताकत बढ़ते ही उसे मेरे होने का अहसास हो गया,
वो पलटी और मेरे सीने में सर रखकर सोने लगी वो जागने के मूड में तो बिल्कुल भी नही थी …लेकिन मुझे कसकर जकड़े हुए जरूर थी …
मैं अपने ही सोच में पड़ गया था ,जिसके कारण मैं सुबह से परेशान था वो खुद कितने बेफिक्री से सो रहा था,
उसे जैसे इन सबकी खबर ही नही थी ,सभी को लग रहा था की वो भाग गई है और ये रानी साहिबा यंहा आराम फरमा रही है ……….
मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई और मैं फिर इस उसके माथे को चूमा मुझे कम से कम इतनी तो तसल्ली हुई की वो मेरे पास है मेरे साथ है ….
जिक्र नही किया था कभी मैंने,अपनी मोहोब्बत का वो पगला सीने में जो सर रखा मेरा हो गया,बस यही मेरे साथ भी हो रहा था,ऐसा लगा जैसे वो मेरी हो गई हो ,अचानक से ही सही लेकिन बस मेरी हो ,बेमतलब सी ही सही लेकिन बस मेरी हो ,तमन्नाओ सी ही सही लेकिन बस मेरी हो ,मुस्किलो सी ही सही लेकिन बस मेरी हो ,परेशानियों सी ही सही लेकिन बस मेरी हो….,डूबे हुए मन में कश्तियों सी वो आयी थी,और बुझे हुए दिल में चिमनियों सी जल गई ….
मैंने फिर इस उसके माथे को चूमा ,इसबार उसके होठो पर भी एक मुस्कान आ गई वो हल्के से उठी उसके होठ मेरे होठो के पास ही थे और हमारी सांसे एक दूजे के होने का अहसास दिला रही थी ,उसके गुलाबी होठो से आने वाली खुसबू से मैं भी खुद को बचा नही पाया और उसके नरम होठो पर अपने जलते हुए होठो को हल्के से सहला दिया ,उसकी मुस्कान फिर से गाढ़ी हो गई थी ,,,
“क्या हुआ आज बड़े उतावले हो रहे हो “
“आज लगा था की मैंने तुम्हे खो ही दिया है…”
मैं हल्के से ही कह पाया जबकि मेरे होठ उसके होठो को बस छू रहे थे,उसके आंखों से नींद जैसे गायब हो गई थी ,मैंने अपने हाथो से उसके कमर को पकड़ रखा था वही उसने अपने बांहो को मेरे सीने से जकड़ा था,
उसके आंखों में एक आश्चर्य झूलने लगा..
“क्या हुआ आपको ये क्या बोल रहे हो,मैं कहा जाऊंगी आपको छोड़कर “
वो सच में बहुत ही आश्चर्य में थी …..जबकि मेरी भी हालत उससे जुदा नही थी ,मैं भी तो अपने अजीब से कसमकस में डूबा हुआ था ….
“तुम्हारा मोबाइल स्विचऑफ है “
वो हल्के से मुस्कुराई ..
“अच्छा तो इतनी सी बात पर ऐसे फिक्रमंद हो गए आप “
वो थोड़ी सी हँसी ..
“ओह नही जान ...लेकिन आज …..”
मैंने उसे पूरी घटना बता दिया ..
“हम्म मोहनी ...मैंने नही सोचा था की मोहनी इसमें शामिल हो जाएगी ,हा रश्मि ऐसा कुछ करेगी ये मुझे लगा था ..”
इसका मतलब था की वो मोहनी को जानती है,और रश्मि ऐसा क्यो करेगी ,मैं फिर से आश्चर्य से भर गया..
“असल में ये हमारे ही खेल का परिणाम है “
“लेकिन मोहनी ने तो कहा था की वो खान के लिए काम करती है “
“उसने गलत नही कहा था “
काजल ने बोलना शुरू रखा
“वो भटनागर साहब के साथ काम करती है “
मैं भटनागर को जानता था ,असल में वो एक चार्टर अकाउंटेंट है जो की खान और कपूर दोनो के लिए काम करता है ,मतलब ये हुआ की मोहनी भी दोनो के लिए ही काम करती है ..
“लेकिन इससे हमे कैसे पता लगेगा की ये काम खान ने किया या रश्मि ने और उन्होंने ये क्यो कहा की काजल ने तुम्हे धोखा दिया है ...और बार बार तुम्हारे प्लान के बारे में पूछना “
काजल थोड़ी सीरियस हो गई
“असल में इस बात को लेकर तो मैं भी कंफ्यूज होई रही हु,क्योकि शक तो दोनो को ही मुझपर है ,और रश्मि में ना जाने खान के कानो में क्या भरा हुआ है ,वो अब मुझे अपने से दूर ही रख रहा है,मैंने इतनी मेहनत की है यंहा तक पहुचने के लिए अब इसे खराब होने नही दे सकते…..और भगवान का शुक्र है की मैंने आपको सब कुछ पहले ही बता दिया वरना आप के लिए ये और भी शॉकिंग होता और असल में होना भी चाहिए ….”
उसके चहरे में एक चमक आ गई ...\
“हा सही है देव ये शॉकिंग ही होना चाहिए तुम्हारे लिए की कोई तुम्हारी बीवी के बारे में पूछे क्योकि तुम्हे तो ये कुछ भी नही पता “
मैं उसकी बात को समझ रहा था लेकिन फिर भी मेरे दिमाग में और भी कई प्रश्न थे ..
“लेकिन तुम्हारा मोबाइल और खान साहब को हमारे रिश्ते के बारे में पता होना ?????”
उसके चहरे में एक मुस्कान आ गई
“उन सब बातो से कुछ नही होता,ऐसे भी रश्मि को तो पहले से ही पता है ,जैसा की मैंने तुम्हे बताया था की अजीम और रश्मि दोनो ही हमारे रिश्तों के बारे में जानते है ,और उन्हें अपने काम से मतलब है ,हो सकता है की रश्मि ने ही खान को बताया हो...और वो ये जांचने के लिए की तुम्हे कुछ पता है की नही तुम्हे किडनैप करवा लिया हो ..मेरे मोबाइल के स्विचऑफ होने का भी उन्होंने बहुत फायदा उठाया है तुम्हे डराने के लिए सोचा होगा की तुम डरकर सब बोल दोगे .हमे बस उनके सामने यही नाटक करना है की हम नही पता की उन्हें सब कुछ पता है ...उन्हें समझने दो की हम मोहरे है ,और हम अपना खेल उन्हें मोहरा बना कर खेलेंगे...तुम कल होटल में इतना दुखी दिखना जैसे की कोई मर गया हो ...उन्हें भी तो लगना चाहिए की तुम एक सीधे साधे से इंसान हो जिसकी बीवी कमीनी है ,और हम दोनो के बीच में कुछ भी सही नही है ...तुम मुझे पूछना चाहते हो लेकिन मैं तुमसे झगड़ा कर लेती हु ,तुम अपनी बहनों की वजह से मुझसे ज्यादा बहस नही करते और मैं तुम्हे दबा कर रखती हु ….”
वो मुस्कुराने लगी ..
“तुम तो मुझे एक्टिंग सीखा के ही रहोगी “
मैं हल्के से हंसा ,उसने अपने बांहो का हार मेरे गले में डाल दिया ..
“मेरी जान अब तुम उनके यूज़ करने के लायक हो गए हो,हमारे दुश्मन मुझे हराने के लिए तुम्हे यूज़ करेंगे…”
वो थोड़ी देर चुप रही और फिर थोड़ी सीरियस सी बोलने लगी
“अब तुम्हे मुझसे नफरत करनी होगी देव ,सबके सामने मुझसे बहुत ही नफरत करनी होगी ताकि उन्हें यकीन हो जाए की तुम उनके जाल में पूरी तरह से फंस चुके हो ...शायद तुम्हारे लिए ये मुश्किल हो ,क्योकि तुमने मुझे हमेशा ही इतना प्यार किया है ,मेरी गलतियों के बावजूद मुझे इतना चाहा है “
काजल की आंखों में पानी की बूंदे आ गई थी ,ना जाने मैं इस मुखड़े को और इस रूह को कैसे नफरत कर पाऊंगा ..
मैं कैसे इस मखमली देह को नफरत कर पाऊंगा ,मैं कैसे उसके प्यार से भरे हुए मन को नफरत कर पाऊंगा …
मैं उसके होठो को अपनी ओर खिंच कर उसे चूमने लगा ,मेरे होठ उसके होठो में डूबने लगे ..
जब हम अलग हुए दोनो ही एक दूसरे के अहसास से भरे हुए थे,दोनो ही एक दूजे की आंखों में झांक रहे थे..
“सच में इन सब के कारण मेरा दिमाग ही ठंडा हो गया “
मैं उसके बालो पर अपनी उंगलिया फेरते हुए बोला
“ओह तो तुन्हें गर्मी देना होगा ,”वो मुस्कुराई
“ह्म्म्म लगता है मेरे चार्जर को तुम्हारे प्लग में लगाना ही पड़ेगा “
वो खिलखिलाई और मैं उसके ऊपर खुद गया ……...
…….
मैं सर गड़ाए बैठा हुआ था,कमरे में बीप बीप की आवाजे लगातार आ रही थी ,अचानक मेरे कंधे पर एक हाथ आया और मैं सर उठाकर उसे देखने लगा,मेरी आंखे लाल थी ,प्रतिशोध की आग से भरी हुई आंखे,जिसे देखकर एक बार डॉ चुतिया भी डर गए जो की मुझे सांत्वना देने के लिए आये थे..
“उन्हें ऐसा नही करना चाहिए था,खासकर पूर्वी के साथ तो बिल्कुल भी नही ,मेरी मासूम सी बच्ची …..”
मैं इतना ही कहते हुए रुका मेरी नजर फिर से पूवी पर पड़ी जो की बिस्तर में लेटी हुई थी ,चहरे पर अब भी वही मासूमियत झलक रही थी ,वो बेहोश ही और हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में थी ,मैं अभी अभी ही आया था डॉ यहां पहले से ही उपस्थित थे उनके कहने नपर ही मुझे पूर्वी के पास आने दिया गया था…
“शायद वो तुम्हे डरना चाहते थे,या शायद ये बस किसी मनचले की करतूत हो “
डॉ ने गंभीर से स्वर में कहा
“जो भी जिसने भी ये किया उसने अच्छा नही किया,मैं पूर्वी को सबसे अधिक प्यार करता हु,शायद काजल और निशा से भी ज्यादा ..”मैं अब भी धीरे धीरे ही बोल रहा था जैसे खुद से बोल रहा हु ..
“जो डर जाते है देव दुनिया उन्हें ही डराती है …”
मैं फिर से डॉ के चहरे की ओर देखा और उठ खड़ा हुआ,,मैं सीधे ही आईसीयू से बाहर आया ,मेरे पीछे डॉ भी बाहर आने लगे ,बाहर काजल और निशा थे,काजल भी खबर मिलने पर अभी अभी ही आयी थी जबकि निशा पूर्वी को हॉस्पिटल लाने वालो में एक थी..
मुझे देखकर निशा मेरी ओर लपकी लेकिन
‘चटाक’
मेरा हाथ घूमता हुआ सीधे निशा के गालो में पड़ा और उसके गोरे गालो पर मेरे पांचों उंगलियों के निशान छप गए,वँहा उपस्थित सभी लोग हमे ही देखने लगे थे लेकिन फिक्र किसे था…
“ये सब कुछ तेरे ही कारण हुआ है “मैं उत्तेजित होकर बोला और उसका हाथ पकड़कर उसे खिंचता हुआ ले गया ..काजल ने मुझे ऐसे देखा मानो पूछ रही हो की ये क्या बोल दिया लेकिन मैं आज किसी की सुनने के मूड में नही था ,काजल ने एक बारगी मुझे रोकने की कोशिस की लेकिन डॉ ने उसे रोक दिया…
“जाने दो उसे आज नही जागा तो पूरे जिंदगी डर डर कर ही जियेगा “
डॉ की ये हल्की सी आवाज मेरे कानो पर पड़ी ,
मैं गाड़ी चला रहा था जबकि निशा रोती हुई मेरे बाजू में बैठी की वो कुछ भी बोलने की हिम्मत नही जुटा पा रही थी वही मैं कुछ बोलने के मूड में ही नही था..
मैंने गाड़ी एक चाय की टापरी पर रोकी जो की उनके कालेज जाने के ही रास्ते पर पड़ता ,निशा और मैं नीचे उतरे ,
“कौन था वो “मैंने सपाट सा सवाल किया ,
“वो नीले शर्ट वाला “निशा ने उंगली दिखाई,मेरी नजर उस नीले शर्ट वाले लड़के पर जम गई ,वो एक लंबा चौड़ा स्मार्ट सा लड़का था जोकि अपने 5-6 दोस्तो के साथ किसी बात पर सिगरेट पीते हुए ठहाके लगा रहा था,मैं पीछे से एक लोहे निकाल कर उसकी ओर बढ़ने लगा,उसके किसी दोस्त का ध्यान अचानक ही मुझपर गया,उसने सभी को सतर्क कर दिया उस लड़के की आंखे जैसे निशा पर पड़ी जैसे वो सब कुछ समझ गया,मैं उनके पास पहुचा ही था की ..
“अरे देखो ये है इस रंडी का भाई,या कोई आशिक है “उसने जोरो से कहा सभी हँसने लगी लेकिन मुझे उसकी बात का कोई फर्क नही पड़ा मैं सपाट सा चहरा बनाये हुए उनकी ओर बढ़ रहा था,वो सभी चौक कर सतर्क खड़े हो गए,
“देखो मैं तो बस उसे डरना चाहता था “
वो अपने हाथो को मेरी ओर मुझे रोकने का इशारा कर रहा था की ..
“रआआआ टट “रॉड घुमा और सीधे उसके चहरे से टकराया ,वो लोहे की मोटी रॉड थी जिससे उसका जबड़ा ही उखाड़ गया,मुह से खून की धार निकलने लगी और उसके सभी दोस्त ख़ौफ़ज़दा से कभी मुझे देखते तो कभी उसे सम्हालते …
“ये लड़की धंधा करती है ,इस बेचारे ने तो बस रेट पूछा था दूसरी वाली को और उसने इसे थप्पड़ मार दिया “
उसका एक दोस्त बौखला कर बोल पड़ा ,मैंने फिर से रॉड घुमाया और ‘रआआआ टट’
उसका भी जबड़ा टूट गया और मुह से खून की धार बहने लगी ,माहौल में पूरी तरह से सन्नाटा था और साथ ही मेरे दिल में भी ,मैंने हाथ घूमने से पहले ये भी नही सोचा था की दूसरे लड़के की क्या गलती थी,मेरा चहरा अभी भी सपाट था,...
वँहा खड़े लड़के और बाकी लड़को को जैसे होश आया हो ,वो मुझे देखकर चिलालने लगे और मेरी ओर दौड़े ,जैसे मुझे खा जाएंगे,अपने दोस्तो की ये हालत देखकर वो सभी बौखला गए थे ,
“मारो मादरचोद को हमारे इलाके में आके हमारे भाई को मारा है इसने “
एक लड़का पूरे जोश में चिल्लाय ,लेकिन मेरे मन में एक जु तक नही रेंगी,मैं वैसा ही खड़ा रहा जैसे पहले था,लड़को के हाथो में जो आया वो उसे पकड़ कर मेरी ओर दौड़ाने को हुए ,जो पहला लड़का मेरे पास पहुचा उसके हाथ में लकड़ी का बांस जैसा कुछ था ,इससे पहले की वो उसे घुमा भी पता वो मेरे रॉड के रेंज में था और ‘रआआआ टट’
दूसरे के पेट में रॉड चला गया,तीसरा जो की मेरे पास ही खड़ा था ,वो अपने मुक्के को मेरी ओर उछाला और मैं झुकते हुए रॉड से उसके पैरो में वार कर दिया ,जैसे उसके घुटने टूटे हो ,वो दर्द से छटपटाता हुआ नीचे गिर गया,अपने तीनो दोस्तो का हाल देखकर बाकी के सभी वही जड़वत खड़े हो गए,मैं इंताजर में था की कौन आगे आएगा,उन्होंने मुझे चारो ओर से घेर लिया था ,लेकिन कोई भी आगे आने का साहस नही कर पा रहा था,सबसे ज्यादा हालत उसकी खराब थी जिसके पेट में मैंने रॉड घुसा दिया था,वो चीखता हुआ जमीन में छटपटा रहा था लेकिन किसी की इतनी हिम्मत भी नही हो रही थी की कोई आगे आकर उसे उठा ले ……..मेरे मन में अब भी ख़ौफ़ या भविष्य की कोई चिंता नही थी,मैं ऐसे खड़ा था जैसे मुझे इससे कोई भी फर्क नही पड़ता की कोई मरे या जिए……
कहते है ना की नंगे से खुदा भी डरता है,ये तो मामूली से कालेज के लड़के थे,और मैं अभी पूरी तरह के नंगा था,मेरे ऊपर कोई भी मर्यादा और कानून के डर का कपड़ा नही था,मैं सभी कुछ तभी छोड़ आया था जब मैंने पूर्वी को देखा था,इस लड़के ने उसे डराने के लिए ही सही लेकिन तेजाब उसके ऊपर फेक दिया था,वो उसे जलाना नही चाहता था लेकिन फिर भी उसके तिरछे फेके गए तेजाब से मेरी बहन का हाथ जल गया ,और उसे हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा था ,मेरी मासूम बहन को ये लोग ना जाने कितने दिनों से परेशान कर रहे थे,जब इसके बावजूद वो नही टूटी तो उन्होंने ये ट्रिक इस्तमाल में लाई …
वो सभी भी किसी के बेटे या भाई थे लेकिन वो अपनी मर्यादा से बाहर गए थे जिसका अंजाम उन्होंने भुगता था,इसके लिए मेरे दिल में ना तो ग्लानि थी ना ही कोई दया ,
मैं बाकी खड़े हुए लड़को की तरह मुड़ा उनमे से कुछ तो डरकर बहुत दूर जा खड़े हुए थे ,जो पास में थे वो भी कांप रहे थे की पता नही मेरा अगला शिकार कौन होगा ...मुझे उनकी हालत देखकर थोड़ी हँसी भी आ गई जिसने मेरे चहरे में हल्की सी मुस्कान ला दी ,मुझे मुस्कुराता देखना शायद उन लड़को के लिए और भी डरावना था,क्योकि या तो उन्होंने किसी को गुस्से में पागल होते देखा होगा ,या चिल्लाते हुए मारधाड़ करते,लेकिन मैं उन सभी से अलग था,मैंने अभी तक किसी से कोई भी बात नही की थी ,मैंने तो एक शब्द भी नही निकाला था लेकिन मेरे कारण 4 लड़के खून से सने हुए पड़े थे,मैं थोड़ा आगे बड़ा था लड़के तीतर बितर हो गए ,मैं उस लड़के के पास पहुचा जिसने पूर्वी के ऊपर तेजाब फेका था…
“किसी लड़की को छेड़ने से पहले ये याद रखना की वो भी किसी की बहन होगी ,...शायद तुम्हारी भी कोई बहन होगी ,अगर होगी तो तुम समझ पाओगे की एक भाई पर क्या बीतती है ……..”
मैं उठकर सीधे अपने कार की ओर बड़ा ,निशा अजीब सी निगाहों से मुझे देख रही थी ,मेरा दिल एक अजीब से सुकून से भर गया था,शायद आज पहली बात मैंने किसी के ऊपर हाथ उठाया था मैं तो एक सीधा साधा सा लड़का था.ये पूर्वी का प्यार ही था जो मुझे यंहा तक खिंच लाया था…..
तभी वँहा पुलिस सायरन की आवाज सुनाई दी ,लड़के जख्मी लड़को को उठा रहे थे ,पुलिस की गाड़ी वँहा पहुच चुकी थी मैंने देखा की डॉ भी पुलिस के साथ पीछे पीछे पहुचे थे ,पुलिस वालो से देर ना करते हुए जख्मी लड़के की मदद की ..
“आपको मेरे साथ चलना होगा”
इंस्पेक्टर मेरे पास पहुच चुका था,मैंने वो रॉड उसके हवाले कर दिया ,डॉ के भाव को देखकर मैं समझ गया था की ये पुलिस डॉ ने ही बुलाई थी शायद मेरी मदद करने लेकिन यंहा का हाल देखकर वो भी दंग थे …
“तुम चलो मैं आता हु “डॉ ने मुझे कहा और मैं इंस्पेक्टर के साथ चल दिया …….
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