RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
अलका उसके हाथो से अपने हाथ छुड़ाने की कोशिश करती हुई रवि ये क्या कर रहा है तुझे अचानक क्या हो जाता है,
रवि बाइक के पास आकर बाइक स्टार्ट करके - दीदी बैठो,
अलका- रवि तू कहाँ ले जा रहा है मुझे
रवि-दीदी बैठो भी तुम सवाल बहुत करती हो,
अलका उसकी बाइक पर बैठते हुए रवि तू बिल्कुल पागल है,
रवि- हाँ लेकिन तुम्हारे प्यार मे, और रवि अलका को एक पार्क मे ले जाता है उस समय वहाँ बिल्कुल सन्नाटा था रवि बाइक से उतर कर -दीदी लव पॉइंट पर ही चलते है और अलका का हाथ थाम कर बेंच पर जाकर अलका को बैठा देता है और खुद भी उसकी बगल मे बैठ कर अलका को देखता है
अलका थोड़ा घबराई हुई रवि को देखती है उसका दिल तेज़ी से धड़कना शुरू कर देता है,
रवि- दीदी आज तुम इतनी सेक्सी लग रही हो कि मैं तुम्हे चूमे बिना रह नही सकता, और अलका के चेहरे को अपने दोनो हाथों मे भर लेता है,
अलका उसके हाथो के उपर अपने हाथ रख कर हल्का सा ज़ोर लगा कर उसे हटाने की कोशिश करती हुई -रवि यह सब मत कर,
रवि- दीदी तुम इतनी सुंदर लग रही हो कि तुम्हे खा जाने को मन कर रहा है और अपने होंठो को अलका के होंठो से लगा कर एक हाथ से उसकी पीठ को अपनी ओर दबाते हुए उसके रसीले होंठो को लगभग दो मिनिट तक चूस्ता है, जब वह अलग होता है तो अलका की साँसे चढ़ जाती है और उसका चेहरा शर्म से लाल हो जाता है
रवि उसको प्यासी नज़रो से देखता रहता है और वह अपनी नज़रे नीचे झुका लेती है,
रवि- दीदी मेरी तरफ देखो ना,
अलका अपना सर झुकाए बैठी रहती है,
रवि- दीदी क्या तुम मुझसे शर्मा रही हो, एक बार अपनी कातिल नज़रों से मुझे देखो ना
अलका अपने आँखे रवि की ओर करती है,
रवि अपनी दीदी के मस्ताने हुस्न को देख कर मस्त हो जाता है और उसको फिर से एक गहरा किस कर देता है
अलका रवि को आँखे फाड़ कर देखती रहती है पर बोल कुछ नही पाती,
रवि- दीदी लगता है मेरे इस तरह से किस करने से तुम्हे कुछ होने लगा है
अलका अपनी नज़रे इधर उधर घुमाते हुए दूर कहीं देखने लगती है
रवि- दीदी तुम कुछ कहती क्यों नही क्या मुझसे नाराज़ हो गई,
अलका उसको देखती हुई -नही,
रवि मुस्कुराते हुए -तो फिर लगता है तुम मेरे इस तरह किस करने से उत्तेजित हो गई हो,
अलका थोड़ा मुस्कुरा कर उसकी बाजू मे मारते हुए -रवि तू बहुत बिगड़ गया है तुझे सुधारना अब किसी के बस की बात
नही,
रवि- दीदी मुझे सिर्फ़ एक ही लड़की सुधार सकती है,
अलका- कौन,
रवि -तुम,
अलका- मेरी इतनी चूत देने के कारण ही तो तू इतना बिगड़ गया है,
रवि-दीदी मुझे पूरी छूट दे दो ना,
अलका- किस बात की,
रवि उसके मोटे मोटे दूध को घूरता हुआ, तुम्हारे हर अंग को छूने की,
अलका उसे आँखे दिखाती हुई,
अलका- कितनी गंदी नज़रे है तेरी जब देखो तब मेरे..,
रवि- दीदी मेरी गोद मे आओ ना,
अलका- रवि अब चलो यहाँ से,
रवि- दीदी अभी मैं आपको एक बार और किस करूँगा,
अलका- रवि अब नही,
रवि- प्लीज़ दीदी बस एक बार,
अलका उठते हुए - मैं जा रही हूँ,
रवि अलका का हाथ पकड़ कर उसे अपने उपर गिरा लेता है और उसे अपनी बाँहो में भर कर उसे अपनी गोद में बैठा लेता है और उसके चेहरे को अपने चेहरे के पास लाकर उसकी आँखो में देखता है अलका भी रवि की आँखो में देखती है, रवि अलका के सर के बालो मे अपनी उंगलिया घुसा कर उसके सर के पीछे से सहलाता हुआ धीरे से अपने होंठो को अलका के रसीले होंठो की ओर बढ़ता है और अलका बिना कोई विरोध करे अपनी आँखे बंद कर लेती है, रवि बहुत प्यार से अपनी दीदी के रसीले होंठो चूमना शुरू कर देता है, अलका अपने जिस्म को रवि के उपर पूरा ढीला छोड़ देती है, रवि अलका के गोरे गोरे गालो को अपनी हथेलियो से सहलाता हुआ अपनी बहन के रसीले होंठो का रस बहुत आराम आराम से पीने लगता है,
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