RE: bahan ki chudai बहन की इच्छा
ये"किस को मालूम पड़ेगा, दीदी? जिस सम'य हम इस रूम से बाहर निकलेंगे उस पल से हम एक दूसरे को बहेन-भाई कहना बंद करेंगे. हम एक दूसरे को अप'ने नाम से पुकारेंगे."
"तुम तो. ना.. बहुत ही स्मार्ट हो, सागर.!" ऐसा कह'कर ऊर्मि दीदी हंस'ने लगी.
"हँसती क्यो हो, दीदी! अगर सचमूच हमे खंडाला जैसी जगह का आनंद लेना है तो हमे भूलना पड़ेगा के हम दोनो भाई-बहेन है. वैसे भी हम में दोस्ती का नाता ज़्यादा है तो फिर यहाँ हम दोस्तो जैसे ही रहेंगे. तुम्हे क्या लगता है, दीदी?"
"हा!. हा!. हा!." ऊर्मि दीदी अभी भी हंस रही थी और हंस'ते हंस'ते उस'ने जवाब दिया, "हाँ. माइ डियर फ़्रेंड! अगर तुम कह रहे हो तो मुझे कोई ऐतराज नही अपना असली नाता भूल जाने में. वैसे भी में तुम्हे नाम से ही पुकारती हूँ. सिर्फ़ तुम्हे मुझे 'दीदी' के बजाय 'ऊर्मि' कहना पड़ेगा. लेकिन मुझे उस'से कोई ऐतराज नही है." ऊर्मि दीदी ने मेरे इस सुझाव का विरोध नही किया यह देख'कर मेरी जान में जान आई और में खूस हो गया.
"ओोऊऊ!. कितना अच्च्छा, .... नही?. हम दोनो.. दोस्त!." ऊर्मि दीदी ने उत्तेजीत होकर कहा, "वैसे भी कोई लड़का मेरा दोस्त नही था. ये भी इच्छा में पूरी कर लेती हूँ अभी. हे, सागर.. सचमूच हमारी जोड़ी अच्छी लगेगी? या तुम मेरे साथ मज़ाक कर रहे हो?"
क्रमशः……………………………
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