RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण समझ तो चुका था कि वो आवाज़ हर पल के साथ स्ट्रॉंग होती जा रही है. लेकिन फिर भी 4 दिन हो गये कंट्रोल करते करते. इतनी जीत भी बहुत है. फिर वो धीरे से सोनिया को डिस्टर्ब करे बिना बिस्तर से उठा और बाथरूम की ओर जाने लगा. अभी वो अपने रूम से बाहर निकला ही था कि आरोही अपने रूम से बाहर निकली. वो जस्ट अभी जागी थी तो बाल बिखरे थे. अरुण को तब रीयलाइज़ हुआ कि उसकी जुड़वा बहेन सही मे कितनी सुंदर है. वो एक पुरानी टीशर्ट मे सामने खड़ी थी, बाल बिखरे हुए, चेहरे पर कोई मेकप नही, फिर भी इतनी सुंदर लग रही थी.
"गुड मॉर्निंग, ब्यूटिफुल." अरुण सीढ़ियों से नीचे जाते हुए बोला.
"मॉर्निंग," आरोही ने एक नॉर्मल स्माइल के साथ कह दिया. उस वक़्त वो बिल्कुल पहले वाली आरोही लग रही थी, ना की नयी वाली सेक्स क्रेज़ी आरोही, जो पिछले 3 दिन से उसे तड़पाने के लिए स्नेहा के साथ पता नही क्या क्या करे जा रही थी. वो भी अरुण के पीछे पीछे बाथरूम मे चली गयी और अपने दाँत ब्रश करने लगी.
अरुण अपने कपड़े निकालकर, शवर मे चला गया. आरोही ब्रश करने के बाद अपने बाल सही कर ही रही थी कि बीच मे ही उसका हाथ रुक गया और चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान आ गयी. नयी वाली आरोही जाग गयी थी आख़िर.
अरुण आराम से हल्के गुनगुने शवर का मज़ा ले रहा था कि एक दम से दरवाजा खुला और सामने आरोही बिल्कुल नंगी खड़ी हुई थी. आरोही ने अपनी नज़रे उसके लंड पर डाली और वही नज़रे गढ़ाए रखी. वो आगे बढ़ी और दरवाजे को बंद कर दिया.
उसके बाद उसने बिना कोई हरकत किए बस अपने शरीर पर साबुन लगाना स्टार्ट कर दिया. दोनो के शरीर काफ़ी पास थे लेकिन कुछ भी आपस मे छू नही रहा था अगर हल्का सा कुछ छू भी रहा था तो वो तब जब वो अपने शरीर पर हाथ घुमा रही थी. आरोही के हाथ उसके शरीर के हर हिस्से पर झाग को फैला रहे थे फिर उसने शवर हेड लेकर अपने हर अंग पर से झाग को हटा दिया. अरुण का लंड ये देखकर खड़ा होने लगा.
"फक हर. चोद डाल. गान्ड मार. फक हर. चोद डाल. चोद...चोद...चोद...चोद." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने शोर मचाना शुरू कर दिया
इधर आरोही नहाती रही उधर अरुण का लंड झटके पर झटके ख़ाता रहा. आरोही ने उस पर ध्यान भी नही दिया, बस नहा कर बिना कुछ कहे दरवाजा खोलकर बाहर निकली.
"व्हाात! दोबारा? और तूने ऐसे जाने कैसे दिया? मैं कह रहा हूँ, अभी भी पकड़ ले जाके. वो चूत चाहिए है तो चाहिए..." अरुण के दिमाग़ में उस आवाज़ ने गुस्से से कहा
आरोही ने अपना एक पैर टाय्लेट सीट पर रखा और अपने पैरो को टवल से सॉफ करने लगी. अरुण की आँखें उसकी नंगी गान्ड पर जाके टिक गयी जहाँ पर पानी की बूंदे उसके जिस्म का मज़ा ले रही थी. जब उसने पैरो को अच्छे से सूखा लिया तो वो दोनो पैरो पर उसके सामने खड़ी हो गयी और अरुण को अपने यौवन का दर्शन करवाने लगी. नीचे का हिस्सा तो सूखा था लेकिन उपर बालों से पानी की बूंदे उसके शरीर को चूमते हुए नीचे तक आ रही थी. उसने उपर के हिस्से को भी अच्छे से टवल से रगड़कर सुखा दिया फिर अपना ध्यान अरुण की ओर करके एक मीठी सी स्माइल पास कर दी.
"ओह हाई, गुड मॉर्निंग." आरोही ने उसके लंड की तरफ देखते हुए कहा फिर मुड़कर बाथरूम से बाहर जाने लगी.
"फकक्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क!" आवाज़ बहुत तेज़ी से चीखने लगी.
तभी उसे बाहर आरोही की धीमी सी आवाज़ सुनाई दी.."नही, खाली है."
तुरंत ही दरवाजा खुला और स्नेहा अंदर आने लगी. स्नेहा की नज़र सीधे शवर पर पड़ी, फिर अपने भाई पर, फिर नज़रे सीधे नीचे जा कर उसके पानी से भीगे खड़े लंड पर जम गयीं.
"ओह्ह्ह, सॉरी, सॉरी." उसके मूह से अनायास ही निकल गया और वो सॉरी कहते कहते बाथरूम से चली गयी.
अरुण ने एक आह भारी और फिर नहा कर शवर ऑफ कर दिया. शायद आज का दिन उतना अच्छा भी नही जाने वाला था.
कुछ देर बाद जब वो अपने रूम से नीचे आया तो सुप्रिया नाश्ता बना रही थी. उसने फिर से एक टीशर्ट के उपर एप्रन पहेन रखा था. उसने आकर पीछे से सुप्रिया को गले लगा लिया और उसके गाल चूम लिए.
"मॉर्निंग, स्वीतू." उसने पराठे बनाते बनाते विश कर दिया.
"गुड मॉर्निंग, दी." अरुण ने थोड़ा डर के जवाब दिया. वो नॉर्मल ऐक्ट कर रही थी, ना कि कल की तरह सेक्सी वाली सुप्रिया.
फिर अरुण जाके टेबल पर बैठ गया और सोचने लगा कि कम से कम नाश्ता तो सुकून से हो जाए. कुछ ही देर मे सुप्रिया उसके लिए पराठे ले आई. अरुण ने बिना उपर देखे पराठो का मज़ा लेना स्टार्ट कर दिया. फिर खाते खाते उपर देखा तो धस्का लग गया. सामने सुप्रिया सिर्फ़ एप्रन मे थी. सिर्फ़ एप्रन मे. टीशर्ट निकाल दी थी उसने.
उसने जल्दी से पानी पिया और अपनी आँखें नीचे खाने पर कर दी. फिर दोबारा नज़रे चुराकर उपर देखा तो उसके माथे पर शिकन आ गयी. सुप्रिया की टीशर्ट वापस आ गयी थी.
"ये क्या था?" अरुण ने सोचा.
तब तक सोनिया नीचे आ गयी. अरुण उसे किस करने के लिए पीछे मुड़ा तो उसे देख कर उसका मूह खुला का खुला ही रह गया. वो पूरी तरीके से नंगी थी. वो ऐसे ही नंगी अपने दूध हिलाते हुए वहाँ आई और सुप्रिया के मुँह पर किस करने लगी.
अरुण ने तुरंत ही अपनी आँखो को रगड़ा तो फिर उसे झटका लगा. उसने कपड़े पहने थे और वो सुप्रिया के गाल पर किस कर रही थी.
"मैं कहा था दोस्त. तेरी चबन्नी हट गयी है. मैने कहा था कि चूत नही मिली तो तेरा दिमाग़ तो गया. अब देखो मेरी बात ना मानने का क्या नतीज़ा होता है." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने अरुण को धमकी देते हुए कहा
"हे भगवान, क्या हो रहा है मेरे साथ?" अरुण भी सोचने पर मजबूर हो गया.
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