bahan sex kahani कमसिन बहन
06-09-2020, 01:34 PM,
#21
RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
शरीर एकदम ढीला पड़ चुका था नेहा का,
लेकिन जब विक्की के मुँह की घोड़ी से उतरकर वो उसके लंड के करीब आई तो उसकी महक ने जैसे उसके ढीले शरीर में जान सी फूँक दी...उसमें से निकल रही सोंधी खुश्बू ने उसपर ठीक वैसा ही असर किया जैसा उसकी चूत की गंध ने विक्की पर किया था...

नेहा का अंग-2 फड़क उठा अपने भाई के लंड की खुश्बू सूँघकर..

उसने मुस्कुराते हुए अपने हाथों में उसके लंड को पकड़ा और अपने चेहरे पर रगड़ डाला..

उफ़फ्फ़.....
क्या फीलिंग थी...
ऐसा लग रहा था जैसे चिकन सलामी का पूरा रोल गर्म करके उसने चेहरे से लगा लिया हो.

नेहा की तो आँखे ही बंद सी होने लगी इस नशीली चीज़ को सूँघकर..राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ते रहें मस्त कहानियाँ
उसे ऐसा लग रहा था की उसके भाई के लॅंड ने तो उसे नशेड़ी बना देना है, क्योंकि आज के बाद तो वो हर रात ये नशा लेने वाली थी.

उत्तेजना के मारे उसकी लार निकल रही थी मुँह से जो सीधा विक्की के टट्टों पर जाकर गिर रही थी...
उसने अपने दूसरे हाथ से उसे तेल की तरह वहाँ पर रगड़ डाला जिससे वो बॉल्स चमक उठी..
और यही हाल अब उसे विक्की के लंड का भी करना था, अपने मुँह में लेजाकर सीधा अपनी लार से भिगो कर उसे चमकाने का काम.

उसने धीरे से अपनी जीभ बाहर निकाली और उसके लंड को चाटना शुरू कर दिया...
जैसे कोई सॉफ्टी चाट्ता है, ठीक वैसे ही..
और फिर जब वो उसे चाटते हुए उपर तक पहुँची तो उसके लंड के टोपे को अपने होंठो और दांतो के बीच वाले हिस्से में फँसाया और ज़ोर से साँस अंदर लेते हुए उसके लंड के सिरे पर चमक रही बूँद को सडप करके निगल गयी..

विक्की का शरीर कमान की तरह बेड पर तिरछा हो गया..
और उसने खुद ही ज़ोर लगाकर अपना लंड उसके मुँह में पूरा धकेल दिया...

नेहा भी उसके लंड के पूरे मज़े लेना चाहती थी, उसने अपने होंठो और दांतो की ब्रेक ऐसी लगा रखी थी उसके लंड पर की वो भी खिसक-2 कर ही अंदर गया...
और जब पूरा लंड घुस गया तो विक्की को ऐसा फील हुआ जैसे वो हवा में तेर रहा है...

नेहा का भी मुँह अपने भाई के 7 इंची लंड से पूरा भर चुका था...
लंबाई तो एक तरफ थी, उसकी मोटाई ने उसके होंठो को फेलने पर मजबूर कर दिया था,
ऐसा लग रहा था की एक इंच भी और अंदर लिया तो उसके होंठ दोनो तरफ से फट जाएँगे..

पर मज़ा भी उतना ही मिल रहा था उसे...राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ते रहें मस्त कहानियाँ
इसलिए लंड को अंदर लेने के तुरंत बाद ही उसने अपनी जीभ से उसके लंड को तेल पिलाना शुरू कर दिया...

''आआआआआआआआआअहह नहााआआआआआआआआअ........ मेरी ज़ाआाआआआआआअन्न्‍नननणणन् उम्म्म्मममममममममममममममम..... मजाआाआआआ आआआआआआआआआ गय्ाआआआआआआआअ''

नेहा ने लंड को बाहर निकाला और बोली : "भाई, ये मज़ा तो अब रोज़ दिया करूँगी आपको....देख लेना..''

इतना कहकर वो फिर से उसके लंड को निगल गयी और चूसने लगी.

नेहा की चूत में बुरी तरह से खुजली हो रही थी....
वो विक्की की दाँयी टाँग पर चढ़ गयी, ऐसा करने से उसकी नुकीली चुचियाँ विक्की की जाँघो पर कील की तरह चुभ रही थी और उसकी चूत ठीक विक्की के पैर के पंजे के उपर थी,
विक्की ने अपने पैर की उंगलियो से उसकी गीली चूत को सहलाना शुरू कर दिया...

नेहा की रसीली गांड थिरक उठी जैसे ही विक्की के पैर का अंगूठा उसकी चूत पर लगा तो...
गीली तो वो पहले से ही थी, विक्की का अंगूठा उसे इस वक़्त एक छोटे लंड जैसा ही लग रहा था,
उसने थोड़ी सी गांड इधर उधर की और जैसे ही अंगूठा उसकी चूत के बीचो बीच सेट हुआ वो धम्म से उसपर चूत पटककर उसे अंदर निगल गयी...

ये तो शुक्र था की अंगूठे का साइज़ सिर्फ़ 2 इंच था वरना वो नेहा की चूत का कुँवारापन अभी हर लेता..

पर नेहा को मज़ा बहुत आ रहा था उस छोटे से लंड से अपनी चूत मरवाने का..

ये तो वही बात हुई की मज़ा भी ले लिया और किसी को पता भी नही चला...
यानी चूत में लंड जैसी चीज भी आ गयी और वो फटी भी नही..

अब एक साथ नेहा का मुँह और गांड एक ही लय में उपर नीचे हो रहे थे....
मुँह नीचे जाता तो गांड उपर आती, गांड नीचे जाती तो मुँह उपर आता..राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ते रहें मस्त कहानियाँ

विक्की ने शायद आज तक ऐसी उत्तेजना कभी महसूस नही की थी..
उसके निचले बदन पर उसकी बहन का नंगा शरीर जो धमाल मचा रहा था वो कबीले तारीफ था..
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06-09-2020, 01:34 PM,
#22
RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
उसके पैर की सारी उंगलिया नेहा की चूत से निकल रहे गन्ने के रस से भीग चुकी थी...
उसके खुद के लंड के आस पास का सारा हिस्सा नेहा की लार से सना पड़ा था...
चेहरा वो पहले ही अपनी चूत के पानी से रंगीन कर चुकी थी विक्की का..
आज तो ऐसे लग रहा था की नेहा अपने मुँह और चूत से निकल रहे गीलेपन से उसे नहला कर रहेगी.

नेहा की चूत में हो रही खुजली अचानक से बढ़ने लग गयी थी,
चूत में उसने उंगली भी की थी पहले कई बार, पर वो भी शायद इसी हद तक ही जा पाई थी जहाँ तक आज विक्की के पैर का अंगूठा जा रहा था...

अब उसे खुजली हो रही थी और अंदर तक कुछ महसूस करने की और इसके लिए लंड से अच्छा कुछ और हो ही नहीं सकता था...

ये सोचते ही उसकी आँखो में वासना उतर आई...
अपने ही भाई के लंड को आज चूत में लेने की सोच रही थी वो...
सोचती भी क्यों नही...
इतना कुछ जो हो चुका था उनके बीच...
अब तो सिर्फ़ चुदाई ही बाकी रह गयी थी....
आज वो भी कर ही ली जाए...

इस विचार के साथ ही वो किसी नागिन की तरह खिसक कर उसके शरीर पर उपर की तरफ फिसलने लगी..

विक्की का लंड लगभग झड़ने के बिल्कुल करीब था...
ऐसे में जब नेहा ने उसके लंड को बाहर निकाला तो उसने भी चौंकते हुए आँखे खोली पर नेहा को अपनी तरफ घूरते देखकर और उसकी आँखो में छुपी वासना के डोरों को पहचानकर उसे समझते देर नही लगी की वो क्या चाहती है...

चाहता तो वो भी यही था पर पहले ही दिन वो ऐसा कुछ करके अपने आने वाले दिनों के मज़े को खराब नही करना चाहता था.

पर नेहा अब डिसाईड कर चुकी थी...
पलक झपकते ही वो उसके उपर आ पहुँची और अपने गीले मुँह से उसके होंठो को दबोच कर जोरों से स्मूच करने लगी.

विक्की का तमतमाता हुआ लंड उसने अपनी चूत पर रख कर उसे अंदर लेना शुरू कर दिया...
और उसी के साथ ही उसके चेहरे पर दर्द की एक लहर उठती चली गयी...
अब उस बेचारी को ये कौन समझाए की पैर के अंगूठे में और लंड नुमा खूँटे में ज़मीन आसमान का फ़र्क होता है...
वो अंगूठा तो उसकी चूत में 2 इंच अंदर तक चला गया था पर ये निगोडा 7 इंची लंड तो 1 इंच पर ही रुक सा गया..
नेहा की हिम्मत नही हो रही थी अपनी गांड को पटककर नीचे करने की जैसा की उसने अंगूठा अंदर लेते वक़्त किया था...
अब उसे सच में अपनी चूत के फटने का डर सता रहा था...

उधर विक्की का भी बुरा हाल था,
एक तो पहले ही वो झड़ने के करीब था जब नेहा ने उसके लंड को मुँह से निकाल बाहर किया था उपर से अब इतनी टाइट चूत में उसका लंड आकर फँसा हुआ था की उसके लंड से बर्दाश्त करना मुश्किल सा हो रहा था...
अब तो उसके सामने 1 ही रास्ता था की उसकी कमर को पकड़े और नीचे से धक्का मारकर अपने लंड की मिसाईल उसकी चूत के अंतरिक्ष में दाखिल कर दे...

पर अगले ही पल उसे इस बात का भी एहसास हो गया की वो इस वक़्त कहाँ पर है,
पहली चूत चुदाई मतलब ढेर सारी चीख पुकार और खून ख़राबा...
और इस वक़्त घर में होते हुए ये सब करना ख़तरे से खाली नही था..
इसलिए उसने ये विचार उसी वक़्त त्याग दिया..

पर लंड नही मान रहा था उसका...
और ना ही उस चूत के मुहाने से बाहर आने को तैयार था वो..
इसलिए समय की माँग के अनुसार उसने उसी एक इंच की जगह पर अपने लंड को हिलाना शुरू कर दिया...

अब एक तरह से नेहा का शरीर हवा में लटक रहा था और विक्की का लंड उसकी चूत में आगे की तरफ फँसा हुआ सिर्फ़ हल्के फुल्के झटके ही मार रहा था...
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06-09-2020, 01:34 PM,
#23
RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
अब एक तरह से नेहा का शरीर हवा में लटक रहा था और विक्की का लंड उसकी चूत में आगे की तरफ फँसा हुआ सिर्फ़ हल्के फुल्के झटके ही मार रहा था...

वैसे तो इन छोटे-मोटे झटकों से कुछ नही होना था पर विक्की का लंड इस वक़्त अपने आख़िरी पड़ाव पर था,
इसलिए अपने ऑर्गॅज़म तक पहुँचने में उसे थोड़ी भी देर नही लगी और उसके लंड से ताबड़तोड़ सफेद रंग के गोले निकलकर नेहा की चूत का शृंगार करने लगे..

ऐसा करते हुए उसने ख़ास तौर से ध्यान रखा की उसके लंड की पिचकारियाँ सिर्फ़ चूत के बाहरी हिस्से पर ही टक्कर मारें, अंदर की तरफ नही..

सारा रस निकल जाने के बाद विक्की का लंड थके हुए सैनिक की तरह वहीं ढेर हो गया...
और उसके उपर नेहा की चूत भी आकर धराशायी हो गयी..

दोनो के होंठ एक बार फिर से एक दूसरे से आ मिले...
नेहा को अपने भाई का केयरिंग करना काफ़ी पसंद आया,
और कोई होता तो इस वक़्त वो अपनी चूत को पकड़कर सुबक रही होती,
पर उसके भाई ने कितनी अक्लमंदी से इस स्थिति को संभाला था...
आज उसे सच में अपने भाई से प्यार हो गया था..

पर आने वाले दिनों में ये प्यार और केयरिंग कहाँ तक रहने वाली थी ये वो भी जानती थी और विक्की भी...
और आज के लिए उन दोनो के बीच का वो परदा तो गिर ही चुका था जिसके बाद अब उन्हे एक दूसरे से किसी भी तरह की कोई शर्म नही रह गयी थी..बस अपने इस प्यार को कैसे आगे बढ़ाना था ये उन्हे सोच समझकर डिसाईड करना था.

पर जितना आसान वो अपनी आने वाली लाइफ को सोच रहे थे उतनी आसान थी नही .....
आने वाले दिनों में लाइफ का एक जबरदस्त ट्विस्ट उनका इंतजार कर रहा था.

***************

अगले दिन स्कूल में जब दोनो सहेलियाँ मिली तो वो काफ़ी खुश थी...

दोनो के पास अपनी-2 वजह थी खुश होने की...
पर कारण एक ही था..
विक्की

दोनो की मचल रही जवानी को विक्की ने जिस अंदाज से अपने प्यार से सींचा था, उसके बाद तो दोनो का यौवन पकी फसल की तरह लहलहाने लगा था...
जवानियाँ बेशक कच्ची थी दोनो की
पर इरादे पक्के थे विक्की के लंड से चुदने के
और उसे ही सोच-सोचकर दोनो अंदर ही अंदर खुश हो रही थी..

मंजू के पेट के अंदर तो जैसे बहुत बड़ी बात हिचकोले सी खा रही थी....
जिसे बाहर निकालना बहुत ज़रूरी था..

आख़िरकार उससे सहन नही हुआ और उसने नेहा को एक कोने में लेजाकर अपने दिल की बात बतानी शुरू की

मंजू : "यार....समझ नही आ रहा की ये बात कैसे बताऊँ ...पर बात ही कुछ ऐसी है की तुझसे छुपा भी नही सकती...''

नेहा समझ तो गयी थी की वो कल शाम वाली बात उसे बताना चाह रही थी जब विक्की उसे घर छोड़ने गया था...
जरूर कुछ ख़ास हुआ था उन दोनो के बीच.

और अचानक मंजू ने एक बम्ब सा फोड़ दिया उसके सिर पर...

''मैं तेरे भाई से प्यार करने लगी हूँ नेहा....सच्चा वाला प्यार...''

ये सुनते ही नेहा के सिर पर जैसे बिजली सी गिर गयी....
ये बात तो वो भी जानती थी की मंजू उसके भाई को पसंद करती है..
पर ये बात 'सच्चे प्यार ' तक पहुँच जाएगी ये उसने सोचा भी नही था...
और वैसे भी जब से उसे मंजू के मंसूबो का अंदाज़ा हुआ था उसके खुद के मन में अपने भाई के लिए प्यार ने जन्म ले लिया था...क्योंकि उसके हिसाब से तो अपने भाई पर उसका खुद का पहले हक़ बनता था..

नेहा के चेहरे को देखकर मंजू के चेहरे से भी हँसी गायब हो गयी...
उसे तो लगा था की वो खुश होगी...
पर उसने तो बुरा सा मुँह बना लिया था जैसे उसने नेहा के भाई पर नही उसके बाय्फ्रेंड पर डाका डाल दिया हो..

मंजू : "क्या हुआ नेहा....तुझे खुशी नही हुई...''

नेहा : "खुशी होनी होती तो वो चेहरे पर ही दिख जाती...और उस दिन मेरे और भाई के बारे में तुझे जब पता चल ही चुका है तो उसके बाद भी तेरी इतनी हिम्मत कैसे हुई की मेरे भाई से प्यार करे ...''

उसका गुस्से वाला रूप देखकर मंजू की समझ में भी नही आया की ये ऐसा बिहेव क्यों कर रही है...
वो शायद उस दिन की बात याद दिला रही थी जो नेहा ने अपने भाई के साथ हुई घटना के बारे में उसे बताया था...
और कुछ दिन बाद पुराने किले पर भी नेहा ने जिस बेबाकी से अपने भाई के सामने अपने कपड़े उतारे थे और तीनो ने मिलकर जो मजे लिए थे, वो उसे भी याद दिलाने की कोशिश कर रही थी..
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06-09-2020, 01:34 PM,
#24
RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
मंजू : "हाँ ....वो सब मुझे याद है और इस बात से मुझे कोई फ़र्क भी नही पड़ता नेहा...भले ही वो तेरा भाई है फिर भी तुम दोनो ने जो किया वो मेरे लिए कोई मायने नही रखता...इनफेक्ट आगे भी विक्की और तुम्हारे बीच अगर कुछ होता है तो मुझे कोई प्राब्लम नही है...मैं तो बस तुझे अपने दिल की बात बता रही हूँ की मुझे तेरे भाई से प्यार हो गया है...और शायद वो भी मुझे प्यार करता है...''

नेहा : "और अगर ये बात मैं भी कहूँ की मुझे भी अपने भाई से प्यार है तो...''

मंजू : "मतलब ??''

नेहा : "मतलब वही जो तू समझ रही है....'सच्चा वाला प्यार ' काइंड ऑफ''

अब जिसके सिर पर बिजली गिरी वो मंजू थी...

उसका मुँह खुला का खुला रह गया...
ये क्या बकवास कर रही थी नेहा...
कोई भला अपने ही भाई से कैसे प्यार कर सकता है...
माना की दोनो की उम्र ऐसी है की अच्छे से अच्छा इंसान बहक जाए और तोड़ा बहुत दोनो बहक भी चुके थे , उसके बावजूद मंजू को उनके रिश्ते से कोई परेशानी नही थी...
पर ये 'सच्चे प्यार ' वाला एंगल उन दोनो के बीच कैसे आ गया...
ऐसा तो कहीं नही होता...

पर वो उस से लड़ भी तो नही सकती थी ...
एक तो वो उसके बचपन की सहेली और उपर से अब उसके भाई से उसे प्यार भी हो गया था तो वो नेहा को नाराज़ नही करना चाहती थी.

और नेहा की ज़िद्द का उसे भी पता था,
उसने अगर कुछ ठान लिया तो वो उसे किए बिना नही रहने वाली थी,
फिर चाहे अपनी जिद्द के लिए अपने खुद के भाई से चुदाई ही क्यों ना करवानी पड़े.

चुदाई का ख्याल आते ही उसके दिमाग़ में एक विचार कौंधा

हो सकता है जिसे नेहा प्यार समझ रही है वो सिर्फ़ अपने भाई से चुदाई करवाने का एक ज़रिया हो....
दोनो सहेलियां बचपन से ही एक दूसरे की रग-2 से वाकिफ़ थी...
ऐसे में मंजू अगर नेहा की जगह होती तो शायद वो भी यही कर रही होती, अपने ही भाई से प्यार का इज़हार...
फिर चाहे उस इज़हार के पीछे चुदाई ही क्यों ना छिपी हो...

फिर मंजू ने सोचा, देखा जाए तो वो भी तो यही चाहती है विक्की से,
बस वो उसकी सग़ी बहन नही है इसलिए प्यार नाम का इस्तेमाल कर सकती है वो..
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06-09-2020, 01:34 PM,
#25
RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
कुल मिलाकर मंजू की समझ में ये परिस्थिति आ चुकी थी...
पर शायद नेहा अभी ये सब समझने की हालत में नही थी...
उसे तो बस यही लग रहा था की भाई उसका है तो सच्चा प्यार भी वही करेगी.

खैर, नेहा को इस वक़्त कुछ भी समझाना मुश्किल था इसलिए मंजू की ने ही हथियार डाल दिए, पर अंदर ही अंदर उसे भी पता था की आने वाले दिनों में नेहा का बर्ताव उसके प्रति कैसे होने वाला है...
ख़ासकर अब क्योंकि उसने उसके भाई के लिए अपने प्यार का इज़हार जो कर दिया था.

माहौल को ठंडा करने के लिए उसने नेहा से कहा : "चल छोड़ ये सब बातें , तुझे मेरे साथ आज एक शादी में चलना है रात को....''

नेहा को बचपन से बस एक ही शौंक था, सजने सँवारने का...
और शादी पर ये काम सबसे बढ़िया तरीके से हो पाता था..

शादी पर जाने की बात सुनकर, वो सब कुछ भूलकर, ऐसे चाहक उठी जैसे अभी कुछ देर पहले उनके बीच कुछ हुआ ही नही था..

नेहा : "शादी...वॉव ...पर किसकी....तेरे मम्मी पापा नही जाएँगे क्या..''

मंजू : "वो भी जाएँगे...मेरी माँ की मौसेरी बहन है, उसकी लड़की की शादी है...सबको बुलाया है...तू भी चल, मैं माँ से बात कर लूँगी...''

नेहा बड़ी खुश हुई....
अब उसके दिलो दिमाग़ से विक्की वाली बात निकल चुकी थी..
उसे तो अब ये चिंता हो रही थी की रात को वो पहनेगी क्या.

स्कूल की छुट्टी के बाद हमेशा की तरह विक्की उनका बाहर इंतजार कर रहा था..
पर इस बार मंजू ने जान बूझकर दौड़कर बाइक पर बैठने की जल्दी नही दिखाई...
वहीं दूसरी तरफ नेहा हिरनी की तरह उछलती हुई गयी और विक्की के पीछे चिपककर बैठ गयी...
मंजू को भागता ना देखकर विक्की को हैरानी ज़रूर हुई पर मंजू ने आँखो के इशारे से उसे चुप रहने को कहा,
विक्की समझ गया की ज़रूर दोनो के बीच कोई बात हुई है.

उसने भी चुप रहना सही समझा और दोनो को बिठा कर घर की तरफ चल दिया...
बाइक पर बैठते ही नेहा ने अपनी नन्ही छातियाँ विक्की की पीठ में गाड़ दी और अपने दोनो हाथों से उसकी छाती को ऐसे पकड़ लिया मानो वो उसकी प्रेमिका हो...
विक्की ने भी उसके हाथ पर हाथ रखकर उसे सहलाया, ये देखकर उसकी छातियाँ और बाहर निकल आई और विक्की को अच्छे से मसाज देने लगी.

वहीं दूसरी तरफ मंजू के दिमाग़ में सब प्लानिंग चल रही थी....
उसे कैसे विक्की से मज़े लेने है, कैसे नेहा को पटाकर रखना है,
ये सब उसके शातिर दिमाग़ में चल रहा था..

रास्ते में दोनों को आइसक्रीम खिलाकर वो घर की तरफ चल दिया , कुछ ही देर में नेहा का घर आ गया और वो बेमन से नीचे उतर गयी...
अब आगे विक्की ने मंजू को छोड़ने उसके घर जाना था, जो कुछ ही दूर था...
नेहा जानती थी की ऐसे मौके को पिंकी हाथ से जाने नही देगी, पर वो कुछ नही कर सकती थी...
बेचारी थके कदमो से अपने घर के अंदर आ गयी..

कुछ दूर आगे चलते ही मंजू ने उसी अंदाज से विक्की को पकड़ लिया जैसे कुछ देर पहले नेहा ने जकड़ा हुआ था उसे...
और अपने रसीले होंठो से उसके कान को टच करते हुए बोली : "मुझे तुम्हे किस्स करना है...अभी...''

ये एक ऐसी लाइन थी जिसे सुनने के लिए लड़के मरे जातें है...
उपर से इतनी हॉट लड़की जब खुद पहल करे तो उसका मज़ा दुगना हो जाता है...
विक्की के मन में भी सुबह से यही चल रहा था, और उसने तो जगह भी चुन ली थी,
इसलिए बिना कुछ कहे उसने बाइक को एक सुनसान सी जगह की तरफ मोड़ लिया...
ये एक टीला सा था, जहाँ उपर तक बाइक जा सकती थी, और उपर से ही दूर से कोई भी आता - जाता दिखाई भी दे सकता था..

उपर पहुँचते ही विक्की ने बाइक एक कोने में लगाई और एक मोटे से पेड़ के तने के पीछे मंजू को सटाकर खड़ा किया और उसके होंठो पर टूट सा पड़ा...

एक तूफान सा छिड़ गया दोनो के बीच,
एक जंग सी होने लगी दोनो के होंठो में ..
और दोनो ही वो जंग जीतना चाहते थे..

विक्की के हाथ उसके बूब्स पर थे...
वो उन्हे जोरों से मसल रहा था...

मंजू भी चाहती थी की विक्की उन्हे चूस डाले...अपने होंठ लगाकर उसके निप्पल्स को निचोड़ डाले.

मंजू ने एक ही झटके में अपनी शर्ट के बटन खोले और उसे निकाल फेंका, नीचे उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी, घने पेड़ के नीचे वो विक्की के सामने टॉपलेस खड़ी थी, उसके नन्हे बूब्स और उनपर लगे कड़क निप्पल्स विक्की को अपने पास बुला रहे थे

विक्की ने उसके बूब्स को पकड़कर होले से दबाना शुरू कर दिया और अपने होंठों से उसकी गर्दन से लेकर नीचे तक का सफर चाटते हुए तय करना शुरू कर दिया

पर जैसे ही विक्की ने अपना मुंह नीचे करके उसके निप्पल को मुंह में लेकर चूसना चाहा , दूर से कुछ बच्चे उन्हे उपर टीले की तरफ आते दिखाई दिए...
ये जामुन का मौसम था, और वो जिस पेड़ के नीचे खड़े थे वो जामुन से लदा पड़ा था...
उन दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा और वहाँ से जाने में ही भलाई समझी....
मंजू ने जल्दी से अपनी शर्ट पहन ली
शुक्र था की उन बच्चों में से कोई भी उन दोनो को नही जानता था, वरना जिस अंदाज से उन्हे वापिस जाते हुए बच्चे उन्हें घूर रहे थे वो पक्का वापिस जाकर उनकी चुगलखोरी कर देते..
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06-09-2020, 01:35 PM,
#26
RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
रास्ते में मंजू ने विक्की को रात की शादी के बारे में बताया और ये भी कहा की नेहा भी आ रही है...
हो सके तो वो भी किसी तरह से वहां आ जाए ताकि बाकी का बचा हुआ काम वहां निपटाया जा सके.

आग दोनो में इतनी लगी हुई थी की विक्की ने बिना कुछ सोचे समझे हां कर दी...

अब तो बस सभी को रात की शादी का इंतजार था..

***************

शाम होते-2 नेहा ने तैयार होना शुरू कर दिया...
सजना संवरना तो उसका फ़ेवरेट काम था
इसलिए अपने कमरे में घुसकर उसने दरवाजा किया अंदर से बंद और शुरू हो गयी शादी में जाने की तैयारियों में.

सबसे पहले तो उसने अपने सारे कपड़े निकाल फेंके...
और अपनी बाँहों और पैरों पर वीट क्रीम लगाकर उन्हे चिकना किया...
चेहरे पर भी उसने ढेरो क्रीम लगाई और उसे चमकदार बना दिया...
सुंदर तो वो थी ही, पिंक लिपस्टिक और उसी रंग की छोटी सी बिंदी लगाकर उसका चेहरा राजकुमारियों की तरह खिल उठा...
बालों की भी उसने अच्छे से प्रेस्सिंग की..
कुल मिलाकर नहा धोकर जब वो आईने के सामने आकर नंगी खड़ी हुई तो खुद को देखकर उसे खुद पर ही ढेर सारा प्यार आ गया...

उसने सोचा की काश इस वक़्त उसका भाई वहां होता तो उसे इस रूप में देखकर क्या हाल होता उसका...
अपने हुस्न पर इतराते हुए उसने घूम-घूमकर अपने जिस्म के हर अंग को अच्छे से देखा और हर बार उसकी आँखो की चमक बढ़ती ही चली गयी.

फिर उसने अपना फ़ेवरेट पिंक कलर का सूट निकाला जो उसे आज शादी में पहन कर जाना था...
इसका गला काफ़ी डीप था, जिसमे से उसकी नन्ही ब्रेस्ट का उभार सॉफ दिखाई देता था...
पर उस उभार को दिखाने के लिए वो उसे बिना ब्रा के ही पहनटी थी..
और ब्रा से तो वैसे भी नेहा को एलेर्जी थी..
इसलिए अक्सर स्कूल में भी वो बिना ब्रा के ही जाया करती थी.

पूरी तैयार होकर जब वो कमरे से बाहर निकली तो विक्की सामने ही दिख गया, उसकी आँखे एक पल के लिए फटी रह गयी...
इतना सैक्सी कोई कैसे हो सकता है यार....
और वो भी उसकी बहन...
पर जो भी था, उसके लंड ने खड़े होकर सलामी ठोकी नेहा के हुस्न को, जिसे नेहा ने सॉफ महसूस किया

वो मुस्कुराती हुई उसकी बगल से निकलकर अपनी माँ की तरफ चल दी...
जाते-2 उसने अपने नाज़ुक हाथों से उसके लंड के उभार को भी सहला दिया,
जिसे महसूस करके विक्की की आँखे मुंद सी गयी और उसके मुँह से आह निकल गयी..

माँ ने उसे अच्छे से समझाया बुझाया और विक्की को उसे मंजू के घर तक छोड़कर आने को कहा...

विक्की : "ठीक है माँ ...और हाँ, मैं भी घर पर बोर नही होना चाहता, मैं अपने दोस्त के घर चला जाऊंगा , वहां हमने घर पर मूवी देखने का प्रोग्राम बनाया है, वो ख़त्म होते ही मैं रात को नेहा को लेकर एक साथ ही वापिस आऊंगा ...''

उसकी माँ ने भी कुछ नही कहा...
क्योंकि वो जानती थी की उसे मना करने का कोई फायदा तो है नही...
जो काम उसे करना है वो उसे करके ही रहता है.

खैर, नेहा को बाइक पर बिठाकर वो मंजू के घर की तरफ चल दिया...
रास्ते में उसने नेहा को इस बात की भनक भी नही पड़ने दी की वो भी शादी में चुपके से पहुँच जाएगा, क्योंकि ऐसा करने के लिए मंजू ने ही उसे माना किया था
शायद नेहा के लिए वो विक्की के रूप में एक सर्प्राइज़ रखना चाहती थी...

मन तो नेहा का बहुत कर रहा था इस वक़्त की विक्की को कसकर दबोच ले..
उसे रास्ते में रोककर अच्छे से स्मूच करे पर शादी के कपड़े और मेकअप को वो खराब नही करना चाहती थी...
पर हाँ ,रात को आने के बाद वो रुकने वाली नही थी...
इसलिए शादी में जाकर क्या-2 करना है और वापिस आकर विक्की के रूम में जाकर क्या करना है ये सब सोचते हुए वो आख़िरकार मंजू के घर पहुँच ही गयी...

मंजू और उसके मम्मी पापा पहले से ही तैयार थे,
वो सब उनकी कार में बैठकर शादी वाली जगह की तरफ चल दिए..
और विक्की भी बीच के थोड़े बहुत टाइम को काटने के लिए अपने एक दोस्त के घर चला गया..

शादी में पहुँचकर दोनो सहेलिया अपने में मस्त हो गयी और मंजू के माँ बाप अपने रिश्तेदारों में ...

बारात आ चुकी थी, और उन दोनों को काफी भूख भी लगी थी इसलिए नेहा और मंजू ने जमकर स्नैक्स खाए...
और फिर DJ पर भी खूब डांस किया...
डांस करते हुए बरातीयों के साथ आए कुछ छिछोरे लड़के उनके पीछे ही पड़ गये...
पर उनसे पीछे छुड़वाने के बजाये उन्होंने भी जमकर उनसे मज़े लिए ,
कोई उनकी कमर पे तो कोई नितंबो पर हाथ मारकर दोनो के अंदर की आग को बड़ा रहा था,
शादी की भीड़-भाड़ में कोई ये सब बाते ज़्यादा नोट नही करता, इसलिए उन्हे भी भीड़ में ऐसा करवाने में कोई परेशानी नही हो रही थी...
पर उनके हर टच के साथ दोनो के शरीर मे एक अजीब तरह की आग भी लगती जा रही थी..
मस्ती का माहौल भी बन रहा था...
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06-09-2020, 01:35 PM,
#27
RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
कुछ देर बाद तो नेहा ने भी अपनी तरफ से रिस्पॉन्ड करना शुरू कर दिया उन लड़को को...
और अंदर ही अंदर एक इच्छा ने भी जन्म ले लिया की काश इनमे से कोई स्मार्ट सा लड़का उसके फूल जैसे जिस्म को रगड़ डाले..

वहीं दूसरी तरफ मंजू भी नेहा के बदलते बर्ताव को देखकर मंद-2 मुस्कुरा रही थी...
वो अपनी बचपन की सहेली को अच्छे से जानती थी,
विक्की से खुलने के बाद उसमें काफ़ी बदलाव आ चुका था...
अब वो बाहर के लड़को के साथ भी खुलकर मज़े लेने के मूड में थी...
उनमे से एक लड़का ख़ासकर नेहा के पीछे ही पड़ा हुआ था...
उसी ने अभी तक उसके नितंबो और कमर पर हाथ लगाकर सबसे ज्यादा उसे अच्छे से महसूस किया था...
नेहा भी उसके स्पर्श को एंजाय कर रही थी...
वो तो चाह रही थी की वो लड़का उसके मुम्मो को पकड़कर मसल डाले पर इतने लोगो के सामने ये काम थोड़ा मुश्किल था...

खैर, नाच गाने से निपटकर जब थक हारकर वो दोनो एक कोने में बैठी थी तो मंजू ने नेहा से पूछा : "क्या बात है नेहा डार्लिंग, आज कुछ ज़्यादा ही जलवे बिखेर रही है...''

नेहा ने मुस्कुराते हुए कहा : ''आज बड़े दिनों बाद ये माहौल मिला है, ऐसे में जलवे बिखेरना तो बनता ही है ना...''

ऐसा कहते हुए उसने एक आँख मार दी उसे...
फिर उसकी नज़रें उसी लड़के को ढूँढने लगी, पर वो कही नही दिखा...
उन दोनो के अंदर एक आग लगाकर वो छिछोरे लड़को की टोली गायब हो चुकी थी..
और शादी के मौके पर ऐसे गायब होने का सिर्फ़ एक ही मतलब होता है, दारू पीना..
वो सब भी इकट्ठे होकर बाहर खड़ी गाडियों में जाम छलका रहे थे..

नेहा : "क्या यार...अक्चा भला मूड बनाकर साले गायब हो गये.....आज की शाम लगता है बकवास जाने वाली है...''

मंजू ने उसके कान के पास होंठ लाते हुए कहा : "मेरे होते चिंता करने की क्या ज़रूरत है मेरी जान....चल मेरे साथ...मैंने एक लड़के को पटा लिया है मजे लेने के लिए ''

इतना कहकर वो उसका हाथ पकड़कर टेंट के पीछे वाले हिस्से की तरफ चल दी...
मंजू के मम्मी पापा अपने रिश्तेदारों में मस्त थे ,
उन्हे मंजू और नेहा की कोई फ़िक्र नही थी,
वो जानते थे की दोनो आपस में मस्त होंगी...

बेचारे ये नही जानते थे की मस्त होने के साथ-2 मस्ती लेने भी चल पड़ी है दोनो...

मंजू ने अपना फोन निकाला और विक्की को फोन मिलाकर सीधा एक ही सवाल पूछा : "कहाँ हो...''

विक्की : "और कहाँ ...वहीं टेंट के पीछे....आधे घंटे से खड़ा हूँ ...''

मंजू ने मुस्कुराते हुए कहा : "सब्र करो...सब्र का फल मीठा होता है...''

इतना कहकर वो मुस्कुराते हुए नेहा का हाथ पकड़कर चल दी...

नेहा : "तू तो बड़ी चालू निकली साली....मैं नाचती रह गयी और तूने अपना बंदा सेट कर लिया...शाबाश मेरी जान ....अब तो सब्र नही हो पा रहा मुझसे....इस वक़्त कोई ना मिला ना तो उस हलवाई के सामने ही नंगी हो जाउंगी मैं ....''

टेंट के पीछे बैठा मोटा हलवाई भी उन दोनो के हुस्न को देखकर अपने भद्दे होंठों पर जीभ फेर रहा था....
उसे पता होता की उसकी ही बात कर रही है नेहा तो पूडी तलना छोड़कर उसके पीछे ही हो लेता वो भी..

हलवाई के छोटे टेंट को पार करके वो दोनो पिछली तरफ आ गये....
ये एक बड़ा सा ग्राउंड था, जिसके आधे हिस्से पर ही ये सब कार्यकर्म हो रहा था...
बाकी का हिस्सा सुनसान सा पड़ा था...
दूर अंधेरे में विक्की एक पेड़ के नीचे पड़ी बेंच पर बैठा उनका इंतजार कर रहा था...
उन्हें आता देखकर वो खड़ा हो गया

नेहा की आँखे चमक उठी उस नौजवान को देखकर...
उसकी हाइट और बॉडी दूर से देखकर ही उसकी चूत में पानी आ गया.....
अब ऐसा भी नही था की उसे चूत मरवाने की आग लगी हुई थी...
वो तो वैसे भी उसने अपने भाई के लिए ही रख छोड़ी थी,
पर आज के माहौल में जिस तरह से उसके जिस्म को रगड़ा गया था,
कम से कम उस खुजली को शांत करना तो बनता ही था,
और वो खुजली तो स्मूच और मुम्मे चुसवाने से ही दूर हो सकती थी...
एक अलग ही रोमांच का अनुभव कर रही थी नेहा...
इन्फेक्ट मंजू भी काफ़ी रोमांचित हो रही थी ऐसी स्थिति में नेहा और विक्की को मिलवाकर...
अब जो भी होने वाला था उसमे उन दोनो भाई बहन को तो मज़ा आने ही वाला था,
साथ ही साथ वो भी जानती थी की उसे बीच में कैसे मज़े लेने है...

अपनी प्लानिंग और अक्लमंदी पर मुस्कुराते हुए उसने नेहा से कहा : "देख....ये लड़का हमे दूर से देख रहा था, हमारी तरफ का ही है...इसलिए शरमा रहा है, वो सिर्फ़ एक ही शर्त पर यहां पीछे आने को तैयार हुआ है की जो भी होगा, अंधेरे में ही होगा...ताकि बाद में उसके लिए कोई प्राब्लम ना हो...''

नेहा : "अरे साला ...ये तो लड़कियो से भी ज़्यादा शरमाता है....जब इतना शरमा रहा है तो करेगा कैसे...हे हे''

पर नेहा को इस वक़्त उसके इस अनोखे व्यवहार से ज़्यादा अपने बदन की गर्मी की पड़ी थी....
इसलिए मंजू की बात में हाँ मिलाकर वो उसकी तरफ चल दी...

अब असली खेल शुरू होने वाला था....
जिसका विक्की धड़कते दिल से इंतजार कर रहा था.

******************
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06-09-2020, 01:35 PM,
#28
RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
विक्की तक जाते हुए नेहा के दिल की धड़कन तेज होने लगी....
उसके निप्पल कड़क होकर अलग से चमकने लगे...
उसकी जाँघो के बीच गीलापन आ गया.

मन ही मन वो सोच रही थी की आज उसकी जवानी को उसके भाई के अलावा कोई दूसरा हाथ लगाएगा...
विक्की भी धड़कते दिल और खड़े लंड के साथ अपनी बहन को अपनी तरफ आते देखकर कुलबुला रहा था...
हालाँकि वो अच्छी तरह जानता था की घर में वो नेहा से ज़्यादा अच्छी तरह से मज़े ले सकता है
पर इस स्थिति में एक अलग ही तरह का रोमांच था..
साथ ही उसने आज सोच लिया था की वो एक साथ दोनो से मज़े लेगा..

वो उसके करीब पहुँची तो चाहकर भी विक्की का चेहरा ठीक से देख नही पाई,
घुप्प अंधेरा था वहाँ, उपर से वो जिस पेड़ के नीचे खड़ा था वो भी काफ़ी घना था, इसलिए सिर्फ़ नेहा उसके शरीर को महसूस कर सकती थी, देख नही पा रही थी..
वैसे भी इस वक़्त नेहा के अंदर इतनी चुदासी भरी पड़ी थी की उसे उसकी शक्ल से ज़्यादा उसका लंड देखने की पड़ी थी...

एक अजीब सी शांति छा गयी जब तीनो एक दूसरे के सामने पहुँचे तो...
मंजू ने विक्की को कुछ भी बोलने से मना किया था क्योंकि उसकी आवाज़ से उनका भांडा फूट जाता..

चुप्पी को तोड़ते हुए मंजू ने कहा : "अर्रे यार, ऐसे ही खड़े रहना है तो अंदर ही चलते है ना...जल्दी करो जो भी करना है, ऐसा ना हो की कोई आ जाए...''

ये सुनते ही विक्की के हाथ हरकत में आ गये, वो हाथ बढ़ाकर नेहा के मुम्मे पकड़ने ही वाला था की उससे पहले ही नेहा के हाथ सीधा उसके लंड पर पहुँच गये...
विक्की ने तो सोचा भी नही था की उसकी शरीफ सी दिखने वाली बहन ऐसी हरकत या पहल कर सकती है...
वो जीन्स में फँसे उसके लंड को अच्छे से सहला रही थी,
एक अलग ही टीला सा बना हुआ था विक्की की पेंट में,
नेहा ने सिसकारी मारते हुए अपने शरीर को विक्की से सटाया और अपनी नन्ही बूबियां उसकी छाती पर रखकर ज़ोर से मसल डाली....
अब विक्की के लिए भी रुकना मुश्किल था...
उसने अपने दोनो हाथो मे उसकी चुचियों को पकड़ा और अपना मुँह नीचे करते हुए उसके लरजते हुए होंठों पर अपने होंठ रखकर उन्हे चूस डाला...

एक बिजली सी कड़क गयी जब दोनो के गीले होंठ मिले तो....
हालाँकि ये पहली बार नही था जब दोनो भाई बहन एक दूसरे को चूम रहे थे, विक्की को तो पता था की वो नेहा को ही चूम रहा है, पर नेहा को दूर - 2 तक अंदाज़ा भी नही था की वो उसका खुद का भाई है जिसके साथ वो इस रोमांचक पल में मज़े ले रही है...

नेहा ने फड़फड़ाते हाथों से विक्की की जीन्स खोल डाली और उसके कबूतर को बाहर निकाल लिया....
लंड के बाहर आते ही एक अजीब सा नशा फैल गया हवा में....
नेहा की बेसब्री का आलम ये था की उसने अपनी स्मूच तोड़ते हुए नीचे फिसलना शुरू कर दिया और अपने पंजो पर बैठकर अपने भाई के लंड को एक ही बार में निगल गयी....

विक्की ने बड़ी मुश्किल से अपने मुँह से आआआआआहह की आवाज़ को निकलने से बचाया..
बाकी का काम मंजू ने आसान कर दिया,
वो लपक कर आगे आई और उसने अपने होंठ विक्की के होंठो पर रखकर उन्हे चूसने लगी...

उपर के होंठो पर मंजू के होंठ, नीचे लंड पर नेहा के होंठ, दो लड़कियो को ऐसे चूसने का मौका मिल जाए तो दुनिया के किसी भी मर्द को अपने आप पर गर्व होने लगेगा...

मंजू ने अपने सूट को उपर करके उसे उतार कर साइड के बेंच पर रख दिया,
ब्रा भी उसने एक ही झटके में खिसका कर अपने स्तनो से ऊपर खींच दी,
अब वो विक्की के सामने टॉपलेस होकर खड़ी थी,
विक्की ने भी देर नही लगाई और उसके मदमस्त मुम्मो को एक-2 करके चूसने लगा...

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06-09-2020, 01:35 PM,
#29
RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
नीचे नेहा ने भी कोहराम मचा रखा था,
उसे ये तो एहसास हो चुका था की इस लड़के का लंड भी उसके भाई जितना ही है,
पर अभी भी दूर -2 तक उसके अलावा उसे कुछ और पता नही चल पा रहा था,
वो तो बस मस्त होकर विक्की के लंड की बिन बजाने में लगी हुई थी...

कुछ देर बाद दोनो ने अपनी जगह चेंज कर ली, नेहा उपर आ गयी और मंजू नीचे चली गयी...

विक्की के होंठो को चूसते हुए कुछ देर के लिए तो उसे लगा की ये होंठ वो पहले भी चूस चुकी है,
पर सैक्स की ठरक इतनी चढ़ी हुई थी उसपर की उसका दिमाग़ काम ही नही कर रहा था....
विक्की ने उसके सूट की कमीज़ भी उतार डाली, अब वो भी मंजू की तरह उपर से नंगी थी...

मंजू भी उसका लंड चूसने के बाद उपर आई और फिर वो दोनो मिलकर विक्की को बारी-2 से स्मूच करने लगी...
विक्की के दोनो हाथ में उन दोनों की रेशमी गांड थी जिसे वो जी भरकर दबा रहा था...

नेहा के मन में अंतर्द्वंद चल रहा था....
काश वो अपने भाई से पहले चुदवा चुकी होती तो आज ऐसे सुनहेरे मौके को हाथ से ना जाने देती....
वो अभी के अभी अपनी सलवार नीचे करती और घोड़ी बनकर उसके लंड को अपनी चूत में ले लेती...
पर अपना कुँवारापन उसे अपने भाई के नाम करना था, इसलिए उसने बड़ी मुश्किल से अपने जज्बातों पर काबू पाया...

वहीं दूसरी तरफ मंजू की चूत भी बुरी तरह से पनिया चुकी थी....
चाह तो वो भी रही थी की उसकी चूत का उद्घाटन आज ही हो जाए पर इस तरह से जल्दबाज़ी वाली चुदाई करवाना उसे भी पसंद नही आ रहा था...
अपनी पहली चूत चुदाई के लिए उसने काई सपने संजो रखे थे, जहाँ वो और विक्की हो होंगे, रोमांटिक सा माहौल होगा, गद्देदार बिस्तर होगा जिसपर बिछकर वो चुदाई के भरपूर मज़े ले सकेगी...

पर अभी के लिए तो कुछ ना कुछ करना ही था, और उसके लिए उन दोनो को ही अपने नाड़े खोलने की ज़रूरत थी....
मंजू ने पहले खुद का और फिर नेहा की पायजामी का भी नाड़ा खोलकर उसे घुटनो तक खिसका दिया और फिर दोनो ने एक-2 करके अपनी नंगी चूत और गांड को अच्छी तरह विक्की के खड़े लंड पर रगड़ा...

और फिर विक्की की जाँघो पर अपनी-2 गांड टीका कर उन दोनो ने विक्की के हाथो को अपनी चुतों पर रख लिया, विक्की का लंड इस वक़्त उन दोनो की कमर के बीचो बीच फँसा हुआ था, जिसपर दोनो की गांड का साइड वाला हिस्सा दबाव बनाकर उसे अलग सा एहसास दे रहा था....
इधर विक्की के हाथ हरकत में आए और उधर उसका लंड ....
वो अपनी कमर आगे पीछे करके अपने फँसे हुए लंड से उनकी कमर की चुदाई करने लगा...
और खुद उनकी चुतों में उंगली डालकर उनके दाने को रगड़कर उन्हे रोमांच के आख़िरी पड़ाव तक ले जाने लगा...
बीच-2 में वो अपने हाथ उपर करके उनकी चुचियों से भी खेलता और फिर से हाथ नीचे करके उनकी रसीली चूत में उंगली डालकर उसे चोदने लगता...

तीनो एक ही लय में आहें भरते हुए अपने-2 ऑर्गॅज़म के करीब पहुँचने लगे और अंत में एक साथ ही उन सबके अंदर का रस निकलकर बाहर आ गया....
विक्की के दोनो हाथ खीर से भर गये...
और उन दोनो की कमर पर ढेर सारी मायोनिज़ फैल गयी...

विक्की ने हाथ उपर किए और अपने गीले हाथ उनके चेहरो के करीब लाया, नेहा की चूत की मलाई उसने मंजू को खिलाई और मंजू की चूत का रस उसने नेहा के मुँह में डाल दिया, फिर दोनो ने मिलकर अपनी कमर पर फैली रसमलाई इकट्ठा की और उसे उंगलियों से चाट-चाटकार खाया....

अब विक्की का काम ख़त्म हो चुका था,
उसे तो अब भी विश्वास नही हो रहा था की नेहा ने उसे अभी तक नही पहचाना,
और वो आगे भी ना पहचाने इसलिए उसने जल्दी-2 अपने कपड़े पहने और उनके होश में आने से पहले ही वहां से रफू चक्कर हो गया..

कुछ देर बाद जब दोनो ने अपनी बोझिल आँखो से आस पास देखा तो विक्की वहाँ नही था,
मंजू ने जल्दी-2 अपने कपड़े पहने, नेहा को भी पहनाए और फिर जिस रास्ते से वो दोनो आए थे, वहीं से होते हुए वापिस अंदर पांडाल की तरफ़ चल दिए,
पहले बाहर बने लेडीज़ बाथरूम में उन्होने अपना हुलिया ठीक किया और फिर चुपके से अंदर जाकर बारात की भीड़ में मिल गये...
किसी को कुछ भी पता नही चला.

कुछ देर बाद दोनो ने खाना खाया और फिर मंजू के मॉम-डेड के साथ वो लोग वापिस आ गये...
वहां पहुँचने से पहले ही नेहा ने विक्की को फोन कर दिया था ताकि वो उसे घर ले जा सके..

घर जाते हुए वो आज काफ़ी खुश थी,
अपनी लाइफ का ये एडवेंचरस सैक्स एक्सपीरियन्स उसे काफ़ी पसंद आया था...
पर इस अधूरे खेल को अब वो पूरा करना चाहती थी,
उसने सोच लिया था की आज किसी भी हालत में वो विक्की के लंड को अपनी चूत में लेकर रहेगी...
इसलिए घर जाते हुए वो उसे कस कर पकड़े बैठी थी,
और रह रहकर उसका हाथ उसके कड़क होते लंड पर जा रहा था...
आज वो अपने भाई का शिकार करने के पूरे मूड में थी.

*************
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06-09-2020, 01:35 PM,
#30
RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
विक्की भी इस एडवेंचर भरे सफ़र में काफ़ी खुश लग रहा था...
आज से पहले उसने जब भी नेहा या पिंकी को किस्स किया था, ऐसा रोमांच उसे आज तक नही मिला था....
वो अंजान बनकर अपनी ही बहन से लंड चुसवाना,
उसके बूब्स चूसना
और
उसके होंठो का रस पीना...
उफ़फ्फ़,
कयामत था वो सब...
मन तो उसका कर रहा था की इसी सुनसान रास्ते में बाइक को किनारे लगाकर वो उसकी चूत मार ले,
एक के बाद दूसरा रोमांचक एनकाउंटर हो जाता वहाँ,
ऐसी चुदाई में मज़ा भी बहुत मिलता,
पर पहली चुदाई का सवाल था, जिसे वो ढंग से ही करना चाहता था...
मन तो उसका बहुत कर रहा था आज ही नेहा को चोदने का पर उसे डर था की पता नही वो मानेगी या नही..

काश वो दोनो भाई बहन इस वक़्त खुल कर अपने दिल की बातें बयां कर लेते तो उन्हे पता चल जाता की चुदाई का आज से अच्छा मौका हो ही नही सकता..

खैर, एक दूसरे को अपने शरीर की गर्मी प्रदान करते-2 वो दोनो घर पहुँच गये,
रात काफ़ी हो चुकी थी, माँ ने ऊंघते हुए दरवाजा खोला और बंद आँखो से ही ऊँघते हुए अपने कमरे में वापिस चली गयी...

जैसे ही विक्की उपर अपने रूम में जाने लगा, नेहा ने बड़ी ही शराबी आवाज़ में कहा : "रूको ना भाई, मैं कपड़े बदल लूँ , फिर एकसाथ ही उपर चलते है...''

उसका कहने का अंदाज ही इतना नशीला था की विक्की को बिना पिए ही शराब सी चढ़ गयी.

वो सम्मोहन में बँधा हुआ सा उसके पीछे-2 उसके रूम तक आ गया,
नेहा ने उसका हाथ पकड़ कर बेड पर बिठाया और खुद अपनी अलमारी से कपड़े निकालने लगी..

फिर मुस्कुराते हुए वो उसकी तरफ पलटी और बिल्कुल उसके करीब आकर खड़ी हो गयी...
इतना करीब की उन दोनो के घुटने आपस में टकरा रहे थे..

फिर उसने अपनी कुरती को नीचे से पकड़ा और उसे धीरे-2 उपर करके अपने गले से निकाल फेंका...
नीचे कसी हुई ब्रा में उसके नन्हे बूब्स दिल की धड़कन के साथ-2 उपर नीचे हो रहे थे...

फिर उसने विक्की के हाथ को पकड़कर अपनी पायजामी के नाड़े पर रखा और उसे खोलने के लिए कहा,
विक्की ने एक झटका दिया और वो दोहरी गाँठ वाला नाड़ा खुलते ही उसकी कमर से पायज़ामी की पकड़ भी ढीली पड़ गयी और वो नीचे सरकने लगी, नेहा ने उसे भी पकड़कर नीचे किया और उसे अपनी टाँगो से निकाल फेंका..

एक अजीब सी खामोशी थी कमरे में ...
बगल के कमरे में दोनो के माँ -बाप सो रहे थे और यहाँ इन दोनो के जवान जिस्म एक अलग ही आग में जल रहे थे..

नेहा ने हाथ पीछे करते हुए अपनी ब्रा के हुक्स खोले और वो भी एक झटके से छिटककर आगे की तरफ़ लटक गयी...
नेहा ने उसे निकाल कर विक्की के गले से लटका दिया...

अब वो टॉपलेस होकर अपने भाई के सामने खड़ी थी...
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