bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्घाटन
04-23-2019, 11:59 AM,
#1
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बहन की कुँवारी चूत का उद्घाटन

बंधुओ आपकी सेवा एक और तड़कती फड़कती कहानी लेकर हाजिर हूँ साथ बनाए रखिएगा

दोस्तो मेरा नाम राज है, ये कहानी तब की है जब मैं 11थ क्लास मे था और मैं देल्ही मे एक गँवरमेंट.कॉलोनी मे अपनी फॅमिली के साथ रहता था. मेरे फादर और मदर दोनो गँवरमेंट जॉब मे है, और मेरे अलावा मेरी एक सिस्टर भी है, उसका नाम पायल है, जो मुझसे 2 साल बड़ी है, मैं उन्हे हमेशा दीदी कह कर ही बुलाता हूँ. उन दीनो हम दोनो के बोर्ड के एग्ज़ॅम्स चल रहे थे.

मोम सुबह ऑफीस जाते हुए हम दोनो को स्कूल छोड़ देती जो वॉकिंग डिस्टेन्स पर ही था और वहाँ से हम दोनो एक साथ घर आ जाते, मोम हमारा लंच सुबह ही तैयार करके जाती थी, जिसे गर्म करके पायल दीदी मुझे बड़े प्यार से खिलाती.

एग्ज़ॅम्स के बाद हम दोनो को 2 महीने का ब्रेक मिला, और हम दोनो भाई बहन घंटों तक पार्क मे, घर पर अकेले या आस पड़ोस के दोस्तों के साथ खेलते रहते थे. उन दिनो हम एक गेम खेला करते थे जिसका नाम था स्टाचु (स्टॅच्यू).

इस गेम मे कोई भी, कभी भी एक दूसरे को स्टाचु बोल देता था और वो उसी पोज़िशन मे तब तक फ्रीज़ होकर खड़ा रहता जब तक स्टाचु बोलने वाला उसे रिलीस ना कर दे… और स्टाचु बने रहने के दौरान वो ना तो हिल सकता था, और ना ही कुछ बोल सकता था, वरना उसे सज़ा मिलती…शुरू मे तो वो गेम दूसरी गेम्स की तरह ही थी पर एक दिन उस खेल के दौरान सब बदल गया..यहाँ तक कि हम भाई बहन के रिश्ते भी..

उस दिन सुबह उठकर मैं बाथरूम के अंदर बने वाश्बेसिन मे ब्रश कर रहा था कि तभी पायल दीदी भागती हुई सी अंदर आई…

पायल : “ओ भाई, जल्दी से बाहर निकल, मुझे सूसू आया है ज़ोर से..”

मैने ब्रश मुँह मे रगड़ते हुए कहा : “अभी 5 मिनट और लगेंगे दीदी, रूको बस..”

पायल : “इतना टाइम नही है, ज़ोर से लगी है मुझे…”

मुझे अब हँसी आ गयी, वो भी मेरे साथ अक्सर ऐसा ही करती थी, मैं बाहर खड़ा हुआ चिल्लाता रहता और वो नहाने मे ज़्यादा से ज़्यादा टाइम लगाती..इसलिए मैं आराम से ब्रश करता रहा.

जब वो समझ गयी कि मैं उसी बात का बदला ले रहा हूँ तो उसने अचानक मुझे स्टाचु कहा.. और मैं जहाँ का तहाँ रुक गया… ब्रश मेरे मुँह मे था पर ना तो मैं हिल सकता था और ना ही कुछ बोल सकता था..

और वो झट से मेरे पीछे बने कॅमोड के पास आई और अपनी पयज़ामी खोलकर उसपर बैठ गयी…

मेरे तो कान गर्म से हो गये ये सोचकर कि मेरी सग़ी बहन ठीक मेरे पीछे बैठकर मूत रही है…

सुर्र्रर की आवाज़ के साथ उसकी एक ठंडी सी आह मुझे सुनाई दी, यानी वो रिलीव हो गयी थी अपना मूत निकाल कर… और जब वो उठी तो उसने अपनी कुरती को दांतो तले दबाया और अपनी पयज़ामी का नाडा बाँधने लगी… और यही वो मौका था जब मेरी नज़रें सामने वाले मिरर पर जमकर रह गयी, जहाँ से उसका प्रतिबिंब सॉफ दिख रहा था..और इस वक़्त मैं उसे नीचे से नंगा देख पा रहा था.

मैने लाइफ मे पहली बार चूत देखी और वो भी अपनी खुद की बहन की.

पायल दीदी जब खड़ी हुई तो उनकी चूत मुझे शीशे मे सॉफ दिख रही थी, उन्होने अपनी पैंटी उपर उठाई और फिर पयज़ामी के नाडे को बाँध कर अपना चेहरा उपर उठाया और तभी उनकी नज़रें सामने लगे मिरर से टकराई और मेरी घूरती हुई आँखो से आ मिली..

एक पल के लिए तो वो सकपका सी गयी, उन्हे पता चल चुका था कि मैने सब देख लिया है और ये सोचते ही उनकी आँखो मे गुलाबीपन सा उतर आया… मुझे तो लगा था कि वो गुस्सा हो जाएगी और मुझे मारेगी भी, पर ऐसा कुछ नही हुआ… वो धीरे से मुझे रिलीस बोलती हुई बाहर निकल गयी..

मैने ब्रश मुँह से निकाल कर एक गहरी साँस ली, कुल्ला करके मैं बाहर आया तो वो किचन मे मेरे लिए नाश्ता बना रही थी, उसके बाद उस बारे मे कोई बात नही हुई.

पर मैं सोफे पर बैठकर सोच रहा था कि दीदी ने मुझ पर गुस्सा क्यो नही किया…

मैने जो हरकत की थी उसके बाद तो वो मुझे मार भी सकती थी, मेरी शिकायत मोम से करने की धमकी देकर मुझसे घर के सारे काम भी करवा सकती थी, पर उन्होने ऐसा कुछ भी नही किया, मुझे इसी बात की हैरानी हो रही थी कि ऐसा ना करने के पीछे दीदी का क्या मकसद हो सकता है..

और तभी मेरे दिमाग़ की घंटी जल उठी… कहीं उन्हे ये बात पसंद तो नही आई की मैने उन्हे नीचे से नंगा देख लिया है…

इस तरह की बाते स्कूल मे अपने दोस्तों के साथ करने मे मज़ा तो मुझे भी बहुत आता था, कभी अपनी क्लास की लड़की के बारे मे या किसी टीचर के बारे मे बोलकर हम सभी दोस्त काफ़ी मज़ा लेते थे.. पर कभी अपनी माँ या बहन के बारे मे ऐसे गंदे विचार नही आए थे.

पर अपनी बहन के साथ हुई इस घटना के बाद आने लगे थे, अब मैं सोफे पर बैठा हुआ अपनी बहन को देख कर उसके बारे मे गंदा-2 सोचने लगा..

पायल दीदी के बूब्स छोटे-2 थे, टेन्निस बॉल जितने और उनका बॉडी स्ट्रक्चर भी नॉर्मल सा था, गान्ड वाले हिस्से पर कुछ ज़्यादा ही माँस था और इस वक़्त उन्हे किचन मे इधर से उधर हिलता हुआ देख कर मेरी नज़रें उनकी गान्ड पर ही जमी हुई थी..

पायल मेरे लिए नाश्ता बनाकर ले आई और मेरे सामने रख दिया और रखते हुए जब वो झुकी तो मेरी गंदी नज़रों ने पहली बार, जान बूझकर, उनकी कुरती के खुल्ले हुए गले की तरफ देखा…

और जो मुझे दिखा, उसके बाद तो मेरे लंड का बैठे रहना दुश्वार हो गया.. गला नीचे करने की वजह से उनके गले की गहरी घाटियाँ अंदर तक मुझे दिखाई दे गयी… दो पके हुए मोटे अमरूद ठीक मेरी नज़रों के सामने थे…

उनकी कसावट का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता था कि वो हिल भी नही रहे थे, एकदम किसी पत्थर की तरह जम कर चिपके हुए थे वो उनकी छाती से..

पर बाथरूम की तरह यहाँ भी मेरी गंदी नज़रों की चोरी पकड़ी गयी.

मैं उनके बूब्स को देख रहा था और वो मुझे

पायल : “आजकल कुछ ज़्यादा ही बदमाशियाँ दिखा रहे हो तुम”

और एक कातिलाना स्माइल देकर वो अपनी गान्ड मटकाती हुई फिर से किचन मे चली गयी..

मेरा मुँह खुल्ला का खुल्ला रह गया, दूसरी बार भी उन्होने कुछ नही कहा… एक तरह से देखा जाए तो मैने एक ही दिन मे उन्हे उपर से नीचे तक नंगा देख लिया था, पहले उनकी नंगी चूत और अब ये ऑलमोस्ट नंगे बूब्स… और दोनो ही बार उन्होने मुझे देखते हुए पकड़ा भी और मुस्कुराइ भी.. यानी उन्हे इस बात मे मज़ा आ रहा था…
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04-23-2019, 12:00 PM,
#2
RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
मैने ये बात आज़माने की सोची और हिम्मत करके, उठकर उनके पास जाकर खड़ा हो गया..

दीदी ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराइ, और अपने काम मे लगी रही… मैं साइड मे खड़ा हुआ उनकी छातियों की गोलाई नापने की कोशिश कर रहा था..

वो काम करते-2 बोली : “अब क्या हुआ, क्या देख रहा है…?”

उन्होने जिस अंदाज मे, मुस्कुराते हुए ये बात कही थी, उससे सॉफ पता चल रहा था कि वो जानती है कि मेरी नज़रें इस वक़्त कहाँ है और मेरी तरह उनके मन मे भी गुदगुदी हो रही है.

और अचानक मैने उनसे कहा स्टाचु, और वो जम कर वही खड़ी रह गयी..

मैं धीरे से उनके पीछे आया और उनसे बिल्कुल सट कर खड़ा हो गया… यानी अपने लंड वाला हिस्सा उनकी गान्ड से लगाकर..मैने अपने हाथ उनके पेट पर रखकर उन्हे बाँध सा लिया..

वैसे तो इस तरह की टचिंग और हग करना हम दोनो मे आम सी बात थी, पर आज ये कुछ ख़ास तरह का एफेक्ट डाल रही थी…

मैं जिस पोज़िशन मे खड़ा था, वहाँ से मैं आगे झुककर उनके बूब्स को देख पा रहा था… और मेरे इतने करीब खड़े होने की वजह से दीदी की नन्ही छातियाँ उपर – नीचे होने लगी…

मुझे उनके उठते-गिरते सीने के बीच रह-रहकर नन्हे बूब्स की छवि भी दिख रही थी… और वो देख कर मेरा लंड झटके मारने लगा… और शायद ये झटका दीदी ने भी महसूस किया…और पहली बार वो स्टाचु की गेम बीच मे ही छोड़कर भागती हुई अपने कमरे मे चली गयी..

मैं पीछे खड़ा हुआ उनके हिलते चूतड़ देखता रह गया…

अब मुझे पूरा यकीन हो चुका था कि वो मेरी इन हरकतों का विरोध नही करेगी… और मैं रोबीले अंदाज मे उन्हे खेल से भागने की सज़ा देने के लिए उनके रूम की तरफ चल दिया.


मैं दीदी के रूम मे पहुँचा तो वो बिस्तर पर ओंधी पड़ी हुई अपनी साँसों पर काबू पाने की असफल कोशिश कर रही थी. मैं भी बेड पर जाकर उनके करीब लेट गया, हम दोनो के चेहरे एक दूसरे के बिल्कुल करीब थे.

मैं : “क्या हुआ दी, आपने गेम को बीच मे क्यो छोड़ दिया ”

पायल दीदी ने अपनी आँखे खोली और शराबी आँखो से मुझे देखते हुए कह : “तुम्हारी बदमाशी की वजह से, क्यो पकड़ा था मुझे तुमने पीछे से ?”

उनकी आवाज़ मे हल्की मिठास के साथ एक छुपी हुई सी शिकायत थी..

मैं : “अर्रे, ये तो हम अक्सर करते है, आज क्या हो गया आपको, मुझे तो नही लगता कि ये बदमाशी कहलाएगी ”

पायल (शरमाते हुए) : “बदमाशी तुम नही कोई और कर रहा था ..”

उनकी ये बात सुनते ही मेरी नसें सुलग उठी… यानी वो मेरे पप्पू की हरकत का ज़िक्र कर रही थी..

मैं फिर भी अंजान बनता हुआ बोला : “क्या दीदी, मैं कुछ समझा नही…”

पायल : “तू सब समझने लगा है आजकल..तभी तो तेरी नज़रें बदमाशियाँ करने पर उतारू है..”

मैं मंद-2 मुस्कुरा उठा…

फिर मैं अचानक बोला : “चलो, ये सब छोड़ो आप, मैं तो यहाँ आपको गेम को बीच मे छोड़ने की सज़ा देने आया हूँ…चलो अब खड़ी हो जाओ और जैसा मैं कहूँ वैसा करो..”

वो बिना किसी विरोध के खड़ी हो गयी, मेरा मन तो कर रहा था कि उन्हे कस कर पकड़ लूँ और सज़ा के तौर पर अनगिनत किस्सस कर दूं और शायद वो मना भी नही करेंगी…पर ऐसा करने की मेरी हिम्मत नही हुई.

मैं : “अब आप 10 पुश अप्स लगाओ यही, मेरे सामने…”

‘मेरे सामने’ बोलते हुए मैने कुछ ज़्यादा ही ज़ोर दिया
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04-23-2019, 12:00 PM,
#3
RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
वो समझ गयी कि मेरे दिमाग़ मे क्या चल रहा है… वो मेरे सामने अपने हाथों और पैर के पंजों पर ओंधी होकर पुश अप मारने की पोज़िशन मे आ गयी.. और लगभग उसी वक़्त मैं सामने पड़ी एक चेयर पर जाकर बैठ गया जहाँ से मुझे वो नज़ारा सॉफ दिख रहा था जिसके लिए मैने उन्हे ये सज़ा दी थी…यानी उनके खुले गले से झाँकते अमरूद देखने का नज़ारा..

वो धीरे-2 पुश-अप्स लगाने लगी… मेरी नज़रें गले को भेदती हुई अंदर की छातियों से चिपकी हुई थी… कोशिश तो मेरी यही थी कि दीदी के निप्पल्स के दर्शन हो जाए, पर ब्रा की फिटिंग इस तरह की बनी हुई थी की उनके निप्पल्स का बाहर निकलना संभव होता दिख नही रहा था… पर जो भी मुझे दिख रहा था वो भी कम नही था.

उनकी गोलाइयाँ और कठोर पन देख कर मेरे लंड मे एक बार फिर से कठोरता भरती जा रही थी… और मैं अपने लंड को अपनी दीदी के सामने ही पेंट मे अड्जस्ट करने लगा.. मैं तो दीदी के बूब्स को देख रहा था पर मैं ये नही देख पाया कि दीदी की नज़रें भी मेरे हाथ और अड्जस्ट हो रहे लंड पर थी.

कुछ ही देर मे उन्होने अपनी सज़ा के 10 पुशप्स पुर कर लिए और वो उठ खड़ी हुई. मैं वही का वही बूत बनकर बैठा रहा, अब तक मुझे इस बात का ज्ञान भी हो चुका था कि अपने खड़े लंड के साथ अगर मैं अपनी जगह से उठा तो मेरी दीदी उस उभार को सॉफ देख लेगी, इसलिए मैं बैठ ही रहा.. 

दीदी ये सब देख कर मंद-2 मुस्कुरा रही थी. और शायद अब उनके दिमाग़ मे भी मेरी तरह कोई प्लानिंग चल रही थी.

थोड़ी देर मे जब मेरा लंड थोड़ा ढीला हुआ तो मैं बाहर निकल कर अपने रूम मे आ गया और जल्दी से अपनी पेंट उतार कर एक तरफ उछाल दी और अपने अंडरवेर को घुटनो तक सरकाकर अपना लंड बाहर निकाल लिया और शीशे के सामने खड़ा होकर मैं अपने लंड को बुरी तरह से मसल्ने लगा…

और तभी मेरे दरवाजे पर कुछ आहट हुई, मैने तुरंत अपना अंडरवेर उपर खींच लिया और ठीक उसी वक़्त मेरी सिस्टर मेरे रूम मे दाखिल हुई…जल्दबाज़ी मे मैने दरवाजा खुल्ला ही छोड़ दिया था.

मैने पलटकर अपनी पेंट उठानी चाही पर उससे पहले ही दीदी ज़ोर से चीखी स्टाचु और मैं जहाँ का तहाँ खड़ा रह गया.

अब मेरी हालत ये थी कि मैं सिर्फ़ एक टी शर्ट और अंडरवेर मे खड़ा था और मेरा लंड पूरा खड़ा होकर बंदूक की नोक बनाकर मेरे अंडरवेर के अंदर था.

मैं समझ गया कि मैं बुरी तरह से फँस चुका हूँ… और दूसरी तरफ अपनी इस चाल पर मुस्कुराती हुई मेरी सिस्टर पायल धीरे-2 चलती हुई मेरे पास आकर खड़ी हो गयी.

पहली बार इस गेम मे फंसकर मुझे दर लग रहा था, पर जो भी था , मज़ा बहुत आने वाला था अब.

दीदी मेरे पास आई और बोली : “अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे, बच्चू मुझे स्टाचु बोलकर तुमने बहुत सताया है, अब मैं मज़ा चखाती हूँ तुम्हे…”

उन्हे शायद पता था कि उनके रूम से आने के बाद मैं क्या कर रहा होऊँगा,

और मेरे हिसाब से तो ये सब पता होने के बाद उन्हे मेरे रूम मे आना ही नही चाहिए था और अगर आ भी गयी थी तो मेरी हालत देख कर वापिस चले जाना चाहिए था.. पर उन्होने ऐसा नही किया..

पायल दीदी ने मुझे स्टाचु बनाकर मेरी हालत का मज़ाक सा बना दिया था.

पर उनकी बातें सुनकर मुझे लग रहा था कि अब कुछ ऐसा होने वाला है जिससे उनके मन मे जो चल रहा है वो सब बाहर आ जाएगा, इसलिए मैं भी स्टाचु बनकर वैसे ही खड़ा रहा, मैं देखना चाहता था कि आज ये खेल किस हद तक आगे जाता है.

वो मुझे बड़े गोर से देख रही थी, ख़ासकर मेरे अंडरवेर को और उसमे खड़े मेरे लंड को…

वो मेरे चेहरे के बिल्कुल करीब आई और बोली : “ओले ओले, लगता है मैं ग़लत टाइम पर आ गयी, मेरे बेबी को रेलीव होना था शायद…पर वो तो तभी होगा ना जब मैं तुम्हे रिलीस करूँगी…”

मैं उनकी इस बात को सुनकर समझ गया कि वो अच्छे से जानती थी कि मैं मूठ मार रहा था.

फिर वो बोली : “मैं भी तो देखु, मेरे भाई को कितना कंट्रोल है अपने आप पर…तुम कितनी देर तक ऐसे रह पाओगे…”

इतना कह कर उन्होने अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी और मेरे बहुत करीब आ गयी, इतने करीब की पायल दीदी की साँसे मेरे चेहरे से टकरा रही थी, उनके बूब्स मेरी छातियो से और मेरा खड़ा हुआ लंड उनके पेट से… मैने जिस अंदाज मे उन्हे पीछे से हग किया था, वो मेरे सामने से कर रही थी.

मुझे तो यकीन ही नही हो रहा था कि वो ऐसी हरकत कर रही है, और वो भी अपने खुद के सगे भाई के साथ…
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04-23-2019, 12:00 PM,
#4
RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
ऐसी हालत मे देख कर तो उन्हे वापिस चला जाना चाहिए था, पर जो हरकतें वो कर रही थी उससे सॉफ पता चल रहा था कि वो कुछ सोचकर ही आई है.

वैसे इतना तो मैं भी कर ही रहा था उनके साथ जब वो स्टाचु बनकर किचन मे खड़ी थी, मैने भी तो उन्हे पीछे से हग किया था पर मेरे लंड की दबिश महसूस करके वो तो भाग गयी थी, लेकिन मैं ऐसा नही करने वाला था. मुझे तो देखना था कि आज ये खेल को कितना आगे ले जाती है.


पायल दीदी के चेहरे को इतने करीब से शायद मैने आज तक नही देखा था, एकदम चिकना, गोरा, बिना कोई दाग धब्बे का चेहरा था उनका, उनके पिंक होंठों से बड़ी अच्छी वाली स्ट्रॉबेरी लिपीसटिक की खुश्बू आ रही थी, उनके फड़फड़ाते होंठों को देख कर मन तो कर रहा था कि उन्हे दबोच लूँ, होंठों के उपर जो नन्हा सा तिल था उसे मुँह मे लेकर चूस लूँ.. पर मैं अपनी सीमा जानता था इसलिए कुछ नही कर रहा था.

पर एक चीज़ थी जो मेरी बात ना मानकर अपनी सीमा से बाहर हो रही थी… और वो थी मेरे लंड की लंबाई… जो पायल दीदी के आने के बाद ऐसे बढ़ने लगी जैसे जंगली बेल… और लंड का आकार बढ़ते-2 उनकी नाभि तक पहुँच गया और उसपर पड़ रहे दबाव से उन्हे सॉफ पता चल गया कि नीचे मेरा छोटा सिपाही क्या हरकत कर रहा है…

फिर उन्होने अपनी तरफ से पहल की, वो अपने पंजों पर खड़ी हो गयी… और धीरे-2 करके वो इतनी उपर तक आ गयी कि मेरा लंड अब उनकी चूत के ठीक सामने था… मेरी तो हालत खराब हो गयी उनकी इस हरकत को देख कर…

फिर उन्होने अपनी चूत को मेरे लंड पर रखकर ज़ोर से दबा दिया… और ऐसा करते हुए उनकी छातियाँ भी मेरे सीने से बुरी तरह से पिस गयी, जिसकी नर्माहट महसूस करके मेरी तो हालत खराब हो गयी, और ना चाहते हुए भी हम दोनो के मुँह से आह निकल गयी..

पर फिर उन्होने अपने जज्बातों पर काबू पाया और अपने पंजों को नीचे करके अपनी छूट को वाहा से हटा लिया, मैने चैन की साँस ली. 

पर मुझे नही पता था कि ये चैन की साँस सिर्फ़ एक पल के लिए आई थी… क्योंकि उसके बाद जो दीदी ने किया उसे देख कर मेरी हालत खराब हो गयी.

उन्होने अपना एक हाथ सरकाते हुए सीधा लेजाकर मेरे लंड पर रख दिया… ये वो मौका था जब मैं ये गेम छोड़कर भाग जाना चाहता था पर ना जाने क्या हो गया था मुझे, मैं हिल भी नही रहा था…

पायल दीदी की साँसे भारी हो चली थी मेरे पप्पू को पकड़कर

वो बोली : “उम्म….. मेरा छोटा भाई अब बड़ा हो गया है…. देखु तो सही की कितना बड़ा हुआ है…”

इतना कहते हुए उन्होने भाई-बहन के रिश्तों की सारी सीमा लाँघ दी और मेरे अंडरवेर मे हाथ डालकर मेरे मचलते हुए लंड को कसकर पकड़ लिया..

”अहह क्या बात है छोटे.. सच मे अब तू बड़ा हो गया है…”

मैं तो खड़ा-2 काँप सा रहा था, ये मेरी लाइफ का पहला मौका था जब मेरे सिवा किसी और ने मेरे लंड को छुआ था, और वो और कोई नही मेरी सग़ी बहन पायल थी…

पर एक बात तो थी यारों, मज़ा बहुत मिल रहा था…

दीदी के कोमल हाथों मे आकर मेरे गर्म लंड को जैसे जन्मो का बिछड़ा साथ मिल गया हो… वो किसी पालतू कुत्ते की तरह कू-2 करते हुए दीदी के हाथों की गर्मी का मज़ा लेने लगा…

पायल : “एक बात तो माननी पड़ेगी भाई, तेरी कंट्रोल करने की पवर बड़ी जबरदस्त है… पर आज मैने भी कसम खाई है कि तेरी इस तपस्या को तोड़कर रहूंगी… लेट मी सी, तू कब तक इस गेम मे बना रहता है..”

इतना कहते हुए उन्होने मेरे अंडरवेर को पूरा उतार कर नीचे गिरा दिया..

अपनी बहन के सामने मैं इस वक़्त नंगा हो चुका था… सिर्फ़ एक टी शर्ट थी पर नीचे कुछ नही था एक मर्द के लिए वही तो सब कुछ होता है…

पर मेरी ज़िद की दाद देनी पड़ी दीदी को जब मैने नीचे से नंगा होने के बाद भी अपनी स्टाचु की पोज़िशन को नही छोड़ा..

पर उन्हे तो इस बात का ध्यान ही नही था, वो तो इस वक़्त मेरे नंगे लंड को देख कर अपनी पलके झपकाना भी भूल चुकी थी… शायद उनकी लाइफ का भी ये पहला लंड था जो वो इस तरह नंगा देख रही थी… ठीक वैसे ही जैसे मैने आज उनकी पुसी को देखा था.

वो धीरे-2 नीचे बैठ गयी… ठीक मेरे लंड के सामने और अपने दोनो हाथों से पकड़ कर वो मेरे लंड को उपर से नीचे तक, दाँये-बाए से, गोटियों को टटोलकर ऐसे देखने लगी जैसे इसके उपर कोई रिसर्च सब्जेक्ट का काम मिला है…

इस गेम को उन्होने कहाँ से कहाँ पहुँचा दिया था.
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04-23-2019, 12:00 PM,
#5
RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
फिर पायल दीदी ने मेरे लंड की खाल खींचकर नीचे कर दी और मेरे लंड का सुपाड़ा पूरा उभरकर सामने आ गया… मैने तिरछी नज़रों से उन्हे देखा, उनके मुँह मे पानी आ चुका था वो देख कर, अपनी जीभ को वो होंठों पर फिरा रही थी, सॉफ पता चल रहा था कि वो उसे चूसना चाहती है…

वो उसे उपर नीचे करने लगी… मेरी हालत खराब हो रही थी… मैं काफ़ी देर से उत्तेजित था, उन्होने धीरे-2 जब मेरे लंड की खाल को उपर नीचे किया तो मुझसे और कंट्रोल नही हो पाया और मेरे लंड से ताबड़तोड़ वीर्य निकल कर बाहर आने लगा…

वो एक पिचकारी की तरह निकलकर सामने बैठी पायल दीदी को भिगो रहा था… पहली 3-4 बोछार सीधा उनके चेहरे और गालों पर पड़ी… फिर सीने पर और फिर उनके घुटनों पर…

दीदी की आँखे बंद हो गयी.. वो तो उस बोछार का ऐसे आनद ले रही थी जैसे गर्म पानी का फव्वारा चला दिया हो उनके चेहरे पर और वो उसमे नहा रही है..

मैं बंद होंठों से सीसीया कर रह गया.

फिर उन्हे पता नही क्या हुआ कि वो मुझे रिलीस बोलती हुई जल्दी से मेरे कमरे से निकल गयी..

और जाते हुए उन्होने मुड़कर जब मुझे देखा तो मैं उनकी मटक रही गान्ड को देखने मे व्यस्त था… मैने उनके चेहरे पर एक सेक्सी मुस्कान देखी और फिर उन्होने अपनी जीभ टेडी करके अपने होंठों के पास गिरे रस को समेट कर निगल लिया और भागती हुई बाहर निकल गयी..

मैं अपने पलंग पर गिर कर गहरी साँसे लेने लगा.. मुझे तो अब भी विश्वास नही हो रहा था कि मेरी बहन ने कुछ पल पहले मेरी मूठ मारी है.

पर जो भी हुआ था उसमे मुझे मज़ा बहुत आया था.. और शायद दीदी को भी आया ही होगा.

अगले दिन मोम डॅड हमेशा की तरह सुबह ही घर से निकल गये… हम दोनो का तो स्कूल ब्रेक चल रहा था इसलिए जल्दी उठने का कोई मतलब ही नही था.. पर रोजाना की तरह मेरी नींद 8 बजे ही खुल चुकी थी, मैं बस आँखे बंद किए अपने बिस्तर मे गर्म रज़ाई मे लेटा रहा.

मेरी बंद आँखो मे कल के सारे सीन घूम रहे थे, जिसमे पायल दीदी ने मुझे स्टाचु गेम के ज़रिए जो मज़ा दिया था वो याद कर करके मैं अपने लंड को सहला रहा था..

तभी मेरे रूम के दरवाजे पर कुछ आहट हुई… 



कहानी जारी है बंधुओ.......................
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04-23-2019, 12:00 PM,
#6
RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
तभी मेरे रूम के दरवाजे पर कुछ आहट हुई… वो पायल की सिवा कोई और हो ही नही सकता था, इसलिए मैं आँखे बंद किए लेटा रहा.

वो दबे पाँव मेरे बिस्तर के करीब आई और मुझे 1-2 बार पुकारा, पर मैं गहरी नींद मे सोने का नाटक करते हुए लेटा रहा.

फिर वो मेरे बेड पर बैठ गयी, और धीरे-2 करके उन्होने मेरी रज़ाई को उतार दिया… मैने सिर्फ़ एक शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनी हुई थी.. मेरा शरीर काँप सा गया बाहर की ठंडी हवा से पर मैं उठ नही सकता था, मैं देखना चाहता था कि अब कौनसी हद पार करती है मेरी बहेन.

वो कुछ देर तक तो मेरे अंडरवेर मे क़ैद खड़े लंड को निहारती रही और फिर धीरे-2 उन्होने मेरे लंड पर हाथ रख दिया.

मैने कुन्मूनाने का नाटक किया और उनके हाथ के उपर अपना हाथ रखा .… वो पूरी तरह से गर्म चुकी थी.. और शायद काँप भी रही थी..

मेरा हाथ उनके हाथ पर था इसलिए जब उन्होने अपने हाथ की मूव्मेंट स्टार्ट की तो मुझे सॉफ एहसास हुआ कि वो कैसे अपने काँपते हाथों से मेरे लंड को सहला रही है.

कुछ ही देर मे मेरा लंड कल की तरह उभरकर पूरा खड़ा हो गया..

मेरी साँसे तेज़ी से चल रही थी उनके अगले मूव के बारे मे सोच-सोचकर..

और फिर उन्होने वही किया जिसके बारे मे मैं सोच रहा था.

पायल दीदी ने मेरी शॉर्ट्स को धीरे-2 नीचे खिसकाना शुरू कर दिया और कुछ ही देर मे मेरा लंड तन कर उनके सामने खंबे की तरह खड़ा था… बंद कमरे मे उनकी तेज साँसों की आवाज़ मुझे सॉफ सुनाई दे रही थी..

फिर वो साँसे धीरे-2 मुझे मेरे लंड पर भी महसूस होने लगी… एक दम गर्म थी वो.. मेरे लंड को पिघला देने वाली गर्म साँसे… और फिर उन्होने अपनी गर्म जीभ को मेरे लंड से छू लिया.. मुझसे बर्दाश्त करना अब मुश्किल हो रहा था…

मैने एक जोरदार सिसकारी के साथ अपनी आँखे खोल दी और वो सीधा मेरी बहेन की आँखो से जा टकराई जो मेरे लंड को बस मुँह मे लेने ही वाली थी..

जैसे ही दीदी ने मुझे नींद से जागते देखा, वो झट से बोली स्टाचु

और एक बार फिर मैं जहाँ का तहाँ, जम कर रह गया..

हालाँकि मैं उन्हे रोकने वाला तो फिर भी नही था, पर फिर भी इस खेल की आड़ मे ये सब करने मे जो रोमांच हम दोनो को महसूस हो रहा था वो अलग ही था..
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04-23-2019, 12:00 PM,
#7
RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
मुझे स्टाचु बनाकर उन्होने अपने गुलाबी होंठों को पूरा खोला और मेरे लंड के सुपाडे को मुँह मे लेकर बंद कर दिया…

मैं सिसकारी मारकर रह गया.

”उम्म्म्ममम अहह”

दीदी के नर्म होंठ मेरे लंड को पूरी तरह से जकड़ते हुए धीरे-2 नीचे जाने लगे… और कुछ ही पलों मे उन्होने मेरे 6 इंची लंड को पूरा नाप लिया…

मेरा लंड अब पूरी तरह से उनके होंठों के कब्ज़े मे था, ये एक अलग ही फीलिंग थी, जिसे शब्दों मे बयान करना मुश्किल है, मेरा पूरा बदन गर्म हो गया, जो कुछ देर पहले रज़ाई हटने से काँप रहा था अब उसपर पसीने की बूंदे चमकने लगी..

एक लड़की के गर्म शरीर मे कितनी ताक़त होती है ये मैने आज ही जाना.

पायल दीदी ने अपनी जीभ से मेरे लंड को चुभलाना शुरू कर दिया. मैने अपनी गान्ड थोड़ी सी हवा मे उठा ली जिसके वजह से रहा-सहा लंड भी जड़ तक उनके हलक मे उतर गया… बहुत ही मज़ा आ रहा था ये सब करवाने मे… उनके मुलायम बूब्स मेरे घुटनो पर बुरी तरह से पिस कर मुझे मस्साज़ दे रहे थे.

धीरे-2 उनकी लंड चूसने की स्पीड बढ़ती चली गयी.

मुझे ये तो अच्छे से पता था कि ये उनका फर्स्ट टाइम है, पर उनकी लंड चूसने की कला देख कर लग नही रहा था कि पहली ही बार मे वो एक प्रोफेशनल की तरह चूस रही है…

शायद उन्हे भी पॉर्न मूवीस का चस्का था.

मेरा लंड बुरी तराहा से ऑर्गॅज़म के करीब पहुँच गया और जल्द ही वो पल भी आ गया जिसके लिए वो मेरे लंड को दोह रही थी..

मेरे लंड से ताबड़तोड़ वीर्य निकलने लगा… जिसकी एक बूँद तक मैं नही देख पाया, सारा का सारा रस वो नाश्ते का समान समझकर पी गयी…

उनकी इस कलाकारी को देख कर मैं अचंभित सा होकर उन्हे देखता रह गया..

मेरे लंड को अच्छी तरह से चूसने के बाद, उसमे से एक-2 बूँद निचोड़ने के बाद वो खड़ी हुई और दरवाजे तक मटकते हुए गयी और बाहर निकलने से पहले उन्होने मुझे ‘रिलीस’ बोला और चली गयी..

मैं एक बार फिर से अपने रस निकल चुके लंड को देख कर, अपनी किस्मत की दाद देता हुआ मुस्कुराने लगा..

कल के बाद आज सुबह भी उन्होने दो बार मुझे स्टाचु बनाकर मुझसे मज़ा लिया था…

अब किसी भी कीमत पर मुझे इस बात का बदला लेना था..यही मज़ा मुझे उन्हे देना था, दीदी को स्टाचु बनाकर.

मैं अपने बिस्तर से उठा और बाथरूम मे जाकर फ्रेश हुआ, ब्रश किया और फिर नीचे आ गया..

दीदी मेरे लिए नाश्ता बना रही थी..

इस वक़्त उन्होने अपनी रात वाली ड्रेस ही पहनी हुई थी जो एक कपरी और टी शर्ट थी.. मेरे दिमाग़ मे कुछ चल रहा था…

जब मुझे नाश्ता सर्व करके वो अपने रूम मे गयी तो मैं समझ गया कि वो नहाने जा रही है, मुझे तो कोई फ़र्क नही पड़ता था पर वो बिना नहाए ब्रेकफास्ट नही करती थी.

मैने जल्दी से अपना नाश्ता निपटाया और मैं भी दबे पाँव उनके रूम मे घुस गया…

दरवाजा खुला था, और बेड पर उन्होने अपने लिए ब्लॅक कलर की ब्रा और पैंटी का सेट रखा हुआ था जो वो आज पहेन ने वाली थी, मैने उसे उठाकर अपने चेहरे से लगा लिया, उसमे से उनके जिस्म की खुश्बू आ रही थी..

साथ मे दीदी ने एक टी-शर्ट और शॉर्ट्स रखी हुई थी, जो मुझे भी काफ़ी पसंद थी, उसमे उनकी सुडोल जांघे काफ़ी सेक्सी लगती थी.

फर्श पर उनकी टी शर्ट और कपरी पड़ी थी जिससे सॉफ पता चल रहा था कि उसे उतारकर वो नंगी ही अंदर चली गयी थी…

मैने बाथरूम के दरवाजे की तरफ देखा और धीरे-2 उसके करीब आ गया…

अंदर शावर चल रहा था और उनके गुनगुनाने की आवाज़े आ रही थी..

”मेरे ख्वाबो मे जो आए, आके मुझे छेड़ जाए, उससे कहो कभी सामने तो आए”

मेरा दिल मचल उठा ये सुनकर… ऐसी अल्हड़ उम्र मे ऐसे ही गाने निकलते है नहाते हुए..

मैने उपर वाले का नाम लेते हुए दरवाजे को धीरे से धक्का दिया और वो खुलता चला गया… दीदी ने उसे अंदर से बंद नही किया था. मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गयी…

ये पहला मौका था जब मैं अपनी तरफ से कोई ऐसी हरकत करने जा रहा था जो हमारे समाज मे सही नही समझी जाती पर ऐसा करने के लिए मुझे पायल दीदी ने ही विवश किया था. उन्होने ही इन सब की शुरूवात की थी वरना मैने तो आज तक इन्सेस्ट के बारे मे सोचा तक नही था..

मेने धड़कते दिल से पूरा दरवाजा खोल दिया और मेरे सामने वो नज़ारा था जिसकी मैने आज से पहले कभी कल्पना भी नही की थी…

पायल दीदी नंगी खड़ी होकर नहा रही थी.. उनकी पीठ थी मेरी तरफ और उनके भरे चूतड़ मेरी आँखो के बिल्कुल सामने थे..

पानी की बूंदे उनके संगमरमरी बदन से लूड़क कर नीचे फिसल रही थी, और गान्ड की दरारों मे घुसकर गायब होती जा रही थी..

मन तो कर रहा था कि उन दरारों मे जीभ लगाकर उस झरने का सारा पानी पी जाउ…

दीदी ने अपने सिर पर शेंपू लगाया और पूरा बाथरूम जेस्मीन की महक से नहा उठा… चेहरे और बदन पर पूरी झाग ने कब्जा कर लिया… और फिर शावर के नीचे खड़े होकर वो शॅंपू की झाग को निकालने लगी… और धीरे-2 घूमकर उन्होने मेरी तरफ मुँह कर लिया…
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04-23-2019, 12:00 PM,
#8
RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
ये नज़ारा तो पिछवाड़े से भी ज़्यादा ख़तरनाक था… पहले तो हल्की झाग ने उनके बूब्स और पुसी को कवर कर रखा था पर जैसे-2 पानी पड़ रहा था वो जगह निखरकर सामने आ रही थी… और कुछ ही पलों मे उनका पूरा जिस्म दमकने लगा… और मैने दीदी के बूब्स देख ही लिए…

एकदम मध्यम आकार के थे वो, करीब 34 साइज़ के, एकदम कठोर, लाल निप्पल्स लगे थे उनपर.. और उनकी पुसी तो मैने कल सुबह ही देख ली थी पर फिर भी एक बार फिर से उसे देख कर एक अजीब सी गुदगुदी हो रही थी मेरे लंड मे…

एकदम कसी हुई थी उनकी पुसी, हल्के बाल थे, देखने मे इतनी टाइट थी कि ऐसा लग रहा था कि उसमे एक उंगली का भी घुसना संभव नही होगा..

मैं उनके नंगे बदन की सुंदरता को निहार ही रहा था कि अचानक उन्होने आँखे खोल दी और मुझे सामने खड़े देख कर बोखलाते हुए वो ज़ोर से चीखी

“राज तू…..तू यहाँ क्या कर रहा है…”

इतना कहते हुए उन्होने एक हाथ अपने बूब्स पर और दूसरे को अपनी चूत पर रखकर उसे ढक लिया…

और लगभग तभी मैने वो बोलकर उन्हे चुप करा दिया जिसे इस्तेमाल करके वो पिछली 2 बार से मुझे सता रही थी.

स्टाचु

मेरे मुँह से स्टाचु सुनते ही वो शावर के नीचे फ्रीज़ होकर खड़ी रह गयी..

उनके चेहरे पर आए हैरानी के भाव बता रहे थे कि उन्होने ये एक्सपेक्ट ही नही किया था मुझसे…

पर ये तो टिट फॉर टॅट हो रहा था

उन्होने जिस तरह मुझे कल मूठ मारते हुए स्टाचु बोलकर ना हिलने पर मजबूर कर दिया था उसी तरह से मैने भी उन्हे नहाते देख कर ये तरीका अपनाया था.

मैने सबसे पहले तो आगे बढ़ कर शावर बंद कर दिया ताकि उन्हे ज़्यादा परेशानी ना हो.. और उसके बाद जब पानी की सारी बूँदो ने उनके जिस्म का साथ छोड़ दिया तो नीचे का नंगा बदन उजागर होकर सामने आ गया…

अब मैं उन्हे काफ़ी गोर से देख रहा था…

उनके जिस्म के रोँये खड़े हो चुके थे, जो इस बात को दर्शा रहे थे कि वो पूरी तरह से उत्तेजित है.

मैने उनकी आँखो मे देखा, जो विनती कर रही थी कि उनकी इस मजबूरी का फ़ायदा ना उठाए..

मैने कहा : “दीदी , इस गेम को यहाँ तक लाने मे आपका ही हाथ है… अदरवाइज़ मैं तो सपने मे भी ये गुस्ताख़ी नही करता…”

इतना कह कर मैने उनके कूल्हे पर हाथ रख दिया..

ऐसा करने की हिम्मत मुझमे कहाँ से आई ये मैं आज तक नही जान पाया…

पर मज़ा बहुत आया…

इतने मुलायम, गद्देदार और कठोर कूल्हे पकड़ कर मेरे लंड का पारा फिर से चढ़ने लगा…
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04-23-2019, 12:01 PM,
#9
RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
हालाँकि मैं अभी कुछ देर पहले ही झडा था पर फिर भी वो बैठने का नाम नही ले रहा था, नज़ारा ही इतना सेक्सी था.

मैने पायल दीदी के दोनो हाथ नीचे कर दिए, वो तो बुत बनकर खड़ी रही जैसे उनमे कोई जान ही ना हो..
और हाथ नीचे होते ही उनके बूब्स एक बार फिर से मेरे सामने आ गये…

उनके उठते-गिरते सीने को देख कर उनके अंदर चल रही उथल-पुथल का सॉफ पता लगाया जा सकता था..

और फिर मैने नीचे झुक कर उनके बूब्स को चूम लिया..

उनके मुँह से ना चाहते हुए भी एक जोरदार सिसकारी निकल गयी

”आआआहह उम्म्म्ममम विक्ककीईईईईईई”

मुझे तो ऐसा लग रहा था जैसे माँस से बना कोई पिल्लो मैने अपने होंठों से लगा लिया है…
मैने उसे दांतो से काटा तो और भी ज़्यादा मज़ा आया..
और शायद मुझसे ज़्यादा मज़ा उन्हे आ रहा था क्योंकि उनकी सिसकारियाँ तेज होती जा रही थी..

मैने अब उन्हे इतनी छूट दे दी थी कि इस गेम मे वो सिसकारियाँ मार सकती है..

और फिर धीरे-2 उनके बूब्स को अच्छी तरह चूसने के बाद मैने उनके निप्पल को मुँह मे भर लिया…

ये वो मौका था जब उनकी सिसकारी अब तक की सिसकारियो मे सबसे तेज थी.

”अहह उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़… म्म्म्मममम”

मैं खुद सातवे आसमान पर पहुँच गया… ऐसा लग रहा था जैसे कोई रसीला फ्रूट चूस रहा हूँ मैं अंदर से रस निकले ही जा रहा था… रुकने का नाम ही नही ले रहा था.

और एक के बाद दूसरा फल चूसने के लिए जब मैने दूसरे बूब की तरफ मुँह बढ़ाया तो मैने महसूस किया कि उन्होने खुद ही अपना वो स्तन मेरी तरफ कर दिया है… यानी वो भी पूरी तरह से एंजाय कर रही थी.

मैने मस्ती मे भरकर उनके दूसरे बूब को भी उसी तरह से चूसा जैसे पहले को चूसा था.. अब तो पायल दीदी का शरीर फड़फड़ाने सा लगा… उनके अंदर की उत्तेजना उबल्कर बाहर आ रही थी…

फिर मैने सोचा कि देखा जाए कि ये उत्तेजना उनसे क्या करवाती है

उन्हे यहाँ से भागने पर मजबूर करती है या यही रुक कर मज़े दिल्वाति है…

मैने धीरे से उनके गालो को चूमते हुए कहा रिलीस

और मेरे इतना कहने की देर थी कि उन्होने मुझे बुरी तरह से पकड़ कर मुझे चूमना शुरू कर दिया..

यानी जो आग मैने लगाई थी वो पूरी तरह से भड़क कर बाहर आ चुकी थी…

उन्होने अपने गीले और रसीले होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और मुझे अपनी जवानी का रस पिलाने लगी..

और साथ ही साथ वो बुदबुदा भी रही थी..

”ओह्ह्ह राज…… अहह…. सककककक इट बैबी…… एसस्स्स्स्स्सस्स सकककक इट…… उम्म्म्मम”

मेरे हाथ पकड़ कर उन्होने खुद ही अपने बूब्स पर रख दिए और उन्हे दबाने लगी जैसे अपनी कोई पीड़ा कम करवा रही हो…

मेरी हथेलियो के नीचे दबकर उनके बूब्स पिस कर रह गये थे पर उसमे भी उन्हे बड़ा मज़ा मिल रहा था..

फिर दीदी ने मेरे सिर को पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया और मैं एक बार फिर से उनके निप्पल्स को मुँह मे लेकर उनकी सेवा करने लगा..
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04-23-2019, 12:01 PM,
#10
RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
ऐसा शायद और भी काफ़ी देर तक चलता रहता और शायद बहुत कुछ और भी हो जाता अगर नीचे के दरवाजे की बेल ना बजी होती…



हम दोनो ने एक दूसरे को देखा, कोई बाहर के दरवाजे की बेल लगातार बजाए जा रहा था.. और दोनो के मन का चोर एक साथ बोल पड़ा कि कहीं ये मम्मी तो नही है जो घर वापिस आ गयी है…



दीदी तो नंगी थी, मेरे कपड़े भी थोड़े बहुत गीले हो गये थे उनके पानी से भीगे बदन को बाहों मे लेने की वजह से…



पर फिर भी बाहर जाया जा सकता था… मैने अपना हुलिया ठीक किया और दरवाजा खोने भागा..



पर मन ही मन मेरी हालत खराब हो रही थी.



दरवाजा खोला तो मैं हेरान रह गया, सामने मेरी मौसी की लड़की काजल और उसका भाई जय खड़े थे.. मैं उन्हे देख कर जितना हैरान था उतना ही खुश भी था..



मेरी मौसी आगरा मे रहती है और उनके दोनो बच्चे लगभग हमारी ही उमर के है.. अक्सर छुट्टियों मे हम एक दूसरे के घर पर जाया करते थे, इन दोनो से मिलने के लिए तो मैं हमेशा तैयार रहता था.



उन्हे गले से लगाकर, हाथ मिलाकर अंदर बिठाया मैने, तब तक पायल दीदी भी कपड़े पहन कर नीचे आ गयी, और मेरी तरह वो भी उन्हे देख कर हैरान रह गयी.. पर साथ ही साथ खुश भी काफ़ी हुई.



तब उन दोनो ने बताया कि यहाँ आने के प्रोग्राम के बारे मे हमारी मोम को ऑलरेडी पता था, ये तो बस काजल और जय हम दोनो को सर्प्राइज़ देना चाहते थे, इसलिए हमे नही बताया गया था इस बारे मे.. पर उन दोनो से मिलकर काफ़ी अच्छा लगा.. अब वो अगले 1 हफ्ते के लिए यहीं रहने वाले थे.



मैने पायल दीदी की तरफ देखा, खुश तो वो भी थी उनके आने से पर इस वक़्त उन्होने आकर जिस तरह से हम दोनो को डिस्टर्ब किया था, उसका गुस्सा भी उनके चेहरे पर सॉफ देखा जा सकता था.



पर पायल दीदी समझदार थी, वो जान चुकी थी कि जहाँ तक हम दोनो इस गेम के ज़रिए निकल आए है, वहाँ से सिर्फ़ आगे जाया जा सकता है, पीछे नही और एक ही घर मे रहने की वजह से ऐसे कई मोके और मिलेंगे जिसमे हम दोनो भाई बहेन ऐसी मस्तियाँ जारी रख सकते है.



अब मैं आपको काजल के बारे मे बता देता हूँ, वो मुझसे 2 महीने छोटी है, और मैं उसे अपनी छोटी बहेन की तरह ही मानता था.. मानता था मैने इसलिए कहा क्योंकि वो 2 साल पहले तक छोटी ही लगती थी. बाल बिखरे हुए से, चेहरे पर कोई रोनक नही होती थी.. बात-2 पर लड़ती झगड़ती रहती थी.. देखने मे वो थोड़ी काली थी और बॉडी बिल्कुल फ्लॅट थी उसकी..



पर पिछले साल जब मैं मौसी के घर रहने गया था तो उसका बदला हुआ रूप देख कर मैं हैरान रह गया था, वो भी 12थ मे आ चुकी थी और उसके पहनावे मे तो ज़मीन आसमान का अंतर आ चुका था…



हमेशा वेस्टर्न कपड़े पहनती थी वो जिनमे उसके शरीर के कटाव सॉफ नज़र आते थे और तभी मुझे पता चला था कि उसके बदन मे कहाँ-2 और कैसे-2 बदलाव आ चुके है… उसकी छातियाँ निकल आई थी जो करीब 32 के साइज़ की थी… गान्ड वाला हिस्सा भी उभरकर उतना ही बाहर आ चुका था जितनी छातिया बाहर थी..



उपर से उसकी अदाए, उसका चलने का तरीका और बोलने का अंदाज, सब बदल चुका था… उसकी सेक्सी आँखो मे एक अलग ही शरारत झलकने लगी थी… और उस शरारत को महसूस करके कई बार मेरा मन उसके लिए बेईमान हुआ था… और तभी से मैं उसके बारे मे गंदा सोचने लगा था और तभी से मैं उसे अपनी बहेन की तरह नही बल्कि एक कच्ची कली की तरह देखने लगा जो कभी भी फूल बन सकती थी.



वहीं जय, दीदी से 2 साल बड़ा था, वो कॉलेज के 2न्ड एअर मे था, उसकी और दीदी की हमेशा लड़ाई हुआ करती थी, पर पिछले 1-2 सालो मे काफ़ी कुछ बदल चुका था, शायद उनकी लड़ाई भी ख़त्म हो चुकी थी.



शाम को जब मोम आई तो सभी ने मिल जुलकर धमाल किया… पापा हम सभी को एक अच्छे से रेस्टोरेंट मे ले गये.. मैने नोट किया कि जय की नज़रें दीदी के उपर ही थी, शायद वो भी उनके शरीर मे आए बदलाव को देख कर हैरान था.. हालाँकि दीदी को इस बात का इल्म नही था कि जय उन्हे घूर रहा है, वो तो मुझे ही देखने मे लगी हुई थी… जबकि मैं काजल को ताड़ रहा था..



मेरे मन मे ये विचार भी आया की काश ऐसा हो जाए कि हम सभी भाई बहेन आपस मे एक दूसरे के साथ मज़े कर सके… जय मेरी दीदी के साथ और मैं जय की बहेन यानी काजल के साथ…



पर ये सोचने मे ही इतना अटपटा लग रहा था कि करने मे कैसा लगेगा वो… खैर ये तो मेरे दिमाग़ मे चल रहे गंदे ख़याल थे, जो सच होंगे या नही इसका कोई अता-पता नही था..



पर एक बात तो पक्की थी, काजल के दिल मे ज़रूर कुछ चल रहा था मेरे लिए.. इसलिए जब भी हम दोनो की नज़रें आपस मे मिलती तो वो मुस्कुरा देती.. और एक लड़का होने की वजह से मुझे पता था कि ऐसी मुस्कुराहट का मतलब क्या होता है… उसकी आँखो की चमक भी एक अलग ही इशारा कर रही थी, एक बार तो उसने मुझे आँख भी मारी.. और उसी वक़्त मैने निश्चय कर लिया कि मैं उसपर भी हाथ आजमा कर ही रहूँगा..



इस बीच मैं थोड़ी देर के लिए भूल चुका था कि मेरा और पायल दीदी का खेल अधूरा सा रह गया है, जिसकी मुझसे ज़्यादा उन्हे चिंता थी शायद.



रात को जल्दी सोने का कोई मतलब नही था, छुट्टियां जो चल रही थी, इसलिए हम चारो ड्रॉयिंग रूम मे बैठकर मूवी देखने लगे..


जय अपने साथ पेन ड्राइव मे हॉरर मूवी कॉंज्रिंग 2 लेकर आया था, और पायल दीदी को हमेशा से ही हॉरर मूवीस पसंद थी, इसलिए सभी देखने बैठ गये..
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