bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
02-02-2019, 01:19 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
देर शाम को शुरू हुआ मूवी देखने का सिलसिला अगले दिन दोपहर तक चला. हर एक मूवी को बार-बार देख कर वो उसमें से ज़रूरी बातें नोट करते रहे. दोपहर तक सारा प्लान फाइनल हो चुका था. 

अब सबसे ज़रूरी था इस प्लान का आगाज़ करना. होटेल मे लंच करने के बाद वीरेंदर और आशना अपने शोरुम गये और वहाँ से कुछ ज़रूरी अपने साथ लेकर फिर से नोएडा मे अपने हनिमून सूट मे आ गये. आशना, वीरेंदर के काम करने के तरीके और तेज़ दिमाग़ से काफ़ी इंप्रेस हुई थी. उसे वीरेंदर द्वारा बनाए हुए प्लान के सफल होने की पूरी उम्मीद थी. वीरेंदर का यह रूप उसने पहले कभी नहीं देखा था. इस वक्त वीरेंदर बिल्कुल एक डीटेक्टिव की तरह सोच रहा था और उसे अमल मे लाने के लिए काफ़ी मेहनत कर रहा था. 

आशना भी उसका बखूबी साथ निभा रही थी. आख़िर दोनो को ज़िंदगी भर साथ रहने के लिए इस वक्त साथ होना बहुत ज़रूरी था. शाम को यमुना नदी के किनारे बैठ कर उन्होने आने वाले दिनो के हसीन ख्वाब देखे और फिर वहीं से अपने प्लान पर अमल करना शुरू कर दिया. 

सबसे पहले वीरेंदर ने अपने डीटेक्टिव दोस्त को फोन करके इस मामले को यहीं पर ख़तम करने के लिए कह दिया और उस से यह वादा लिया कि फ्यूचर मे कोई प्राब्लम होगी तो वो उसकी हेल्प करेगा. उसके बाद घर आकर हल्का सा डिन्नर करके वीरेंदर और आशना निकल पड़े प्लान के पहले फेज़ के लिए जो के बहुत ही अहम था.


अगली सुबह, वीरेंदर और आशना ऑफीस चले गये और फिर दोपहर को वापिस "शरमा निवास" मे आ गये. 

आशना-वीरेंदर को देखकर बिहारी की साँस अटक गयी.

बिहारी(चेहरे पर झूठी खुशी लाते हुए): मालिक आप तो एक हफ्ते के लिए गये थे तो फिर अचानक से इतनी जल्दी वापिस कैसे आ गये? सब कुशल मंगल तो है?

वीरेंदर(चेहरे पर दुख भरे भाव लाते हुए): काका, ग़लती कर ली इसे वहाँ ले जाकर. वीरेंदर ने आशना की तरफ इशारा करते हुए कहा. 

बिहारी ने आशना की तरफ देखा. आशना के चेहरे को देखकर बिहारी को भी थोड़ा अजीब लगा. कहाँ वो खिला हुआ चेहरा और अब तो ऐसा लग रहा था कि इस लड़की में जान ही नहीं है. चेहरा काफ़ी उतरा हुआ था, जैसे काफ़ी दिन से बीमार हो.

बिहारी: क्या हुआ मालकिन, आप ठीक तो हैं. 

आशना ने बिहारी की तरफ देखा और बोली: वो....वो यहाँ भी आएगी. नहीं छोड़ेगी वो, वो मेरा पीछा करते हुए यहाँ भी आएगी. 

आशना की हालत देख कर बिहारी चौंक गया. बिहारी ने वीरेंदर की तरफ सवालिया नज़रों से देखा. 

वीरेंदर: काका पता नहीं कुछ दिनो से इसे क्या हो गया है. जब से हम यहाँ से गये हैं यह खोई खोई सी रहने लगी है. अजीब अजीब सी बातें करती है. अब पिछले दो दिन से इसे यह वहम हो गया है कि डॉक्टर. बीना की आत्मा वापिस आ गयी है. 

इतना सुनते ही बिहारी के पैरों से ज़मीन खिसक गयी. 

बिहारी: क,क्या ....ये...यह कैसे हो सकता है?

वीरेंदर: यही बात तो मैं इसे समझा रहा हूँ कि यह सब फिल्मों में होता है, असल ज़िंदगी में ऐसा नहीं होता. इतना पढ़ने-लिखने के बाद भी अंधविश्वाश ने इसे जकड रखा है. देल्ही जैसे बड़े शहर मे रहकर डॉक्टर की पढ़ाई करने वाली लड़की इन सब बातों मे कैसे विश्वास कर सकती है. 

बिहारी की आँखों मे खोफ़ सॉफ देखा जा सकता था. 

वीरेंदर: काका, आप रागिनी को फोन करके जल्दी बुला लीजिए. अब रात को रागिनी इसके पास ही सोया करेगी. इसे तो अकेले सोने मे भी डर लगता है. 

बिहारी को एक और झटका लगा. 

बिहारी: ल..... ले..... लेकिन रागिनी का तो अभी तक कोई पता नहीं चला. जब से गयी है, उसने कोई फोन भी नहीं किया. उसका फोन भी स्विचऑफ आ रहा है. 

वीरेंदर: पता नहीं यह लड़की कहाँ चली गयी. 

काका: आपने अपने गाँव में ही किसी से फोन पर बात करके पूछना था कि वो वहाँ पहुँची भी है या नहीं. 

बिहारी की आँखो मे डर बढ़ता ही जा रहा था. 
Reply
02-02-2019, 01:19 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
तभी अंदर से आशना का चीखना चिल्लाना एक बंद हो गया. बिल्कुल खामोशी छा गयी. वीरेंदर और बिहारी लगातार दरवाज़ा पीट रहे थे. 

वीरेंदर(रोते हुए): आशना, दरवाज़ा खोलो अगर तुम्हे कुछ हो गया तो मैं अपने आप को कभी माफ़ नहीं कर पाउन्गा. 

काफ़ी देर तक वो दोनो दरवाज़ा पीटते रहे और फिर अचानक से रूम का दरवाज़ा खुला. अंदर की सारी लाइट्स जल रही थी. एक दम से इतनी रोशनी मे आ जाने से वीरेंदर और बिहारी की आँखे चुन्धिया गयी. जब उन दोनो की नज़रें अंदर के नज़ारे पर ठहरी तो जहाँ वीरेंदर के मुँह से एक ज़ोरदार चीख निकली वहीं बिहारी खड़े खड़े काँप गया. 

सामने आशना अपने बालों को बिखराए खड़ी थी और उसके मुँह से अजीब अजीब आवाज़ें निकल रही थी. वीरेंदर ने आगे बढ़ कर आशना को थामना चाहा लेकिन आशना ने अपना हाथ आगे करके उसे रुक जाने का इशारा किया. 

आशना: दूर रह मुझसे वीरेंदर शर्मा. मैं आशना नहीं हूँ बल्कि इस वक्त आशना के जिस्म मे मेरी आत्मा, बीना की आत्मा है. 

आशना के गले से निकल रही आवाज़ ऐसा लग रहा था कि किसी औरत और मर्द की मिली जुली आवाज़ें हों. उसकी भयानक आवाज़ सुनकर बिहारी खड़े खड़े काँपने लगा. 

वीरेंदर: क....क्या कह रही हो तुम आशना? 

आशना ने ज़ोर दार ठहाका लगाया. उसके हँसने की आवाज़ भी काफ़ी डरावनी थी. 

आशना: सही कह रही हूँ मैं वीरेंदर. याद है उस रात जब मैं तुमसे मिलने आई थी. उस रात अगर एक एमर्जेन्सी ना आई होती तो मैं तुम्हे अपना जिस्म दे चुकी होती और तुम हमेशा हमेशा के लिए मेरे हो जाते. काश ऐसा होता और मैं वहाँ से ना जाती.

वहाँ से जाने के बाद जैसे ही मैने कार स्टार्ट की और कुछ आगे बढ़ी, कार की ब्रेक्स फैल हो चुकी थी. मैं काफ़ी तेज़ी से कार चला रही थी जिस कारण कार को किसी तरह रोक पाने से पहले ही मैं डिवाइडर से टकरा गयी और उसी समय मेरे प्राण निकल गये. 

वीरेंदर: ल.......लेकिन इस में हमारा कोई दोष नहीं है. 

आशना: दोष? दोष है, इसी लड़की का दोष है जिसके जिस्म मे मैं इस वक्त शरण लेकर बैठी हूँ. शायद इसी के प्यार मे पड़कर तुमने मेरा कत्ल करवा दिया. 

वीरेंदर: नहीं यह झूठ है डॉक्टर. आंटी. मैं भला आप को क्यूँ मारूँगा? आप को इस बात की ग़लत फहमी है. 

आशना: ग़लत फहमी नहीं बल्कि मुझे पूरा एकीन है कि मेरी कार के ब्रेक्स फैल किए गये थे. 

बिहारी बुत सा बना सब देख रहा था. उसे अपनी आँखों पर यकीन नहीं हो रहा था. वो थर थर काँप रहा था. 

वीरेंदर: लेकिन आपको मार कर हमारा क्या फ़ायदा होता.

आशना ने बिहारी की तरफ देखा और बोली: फ़ायदा होता, मेरी मौत से इस बिहारी का ज़रूर फ़ायदा होता. 

बिहारी(जो अभी तक हैरान-परेशान सा खड़ा था): यह क्या बकवास है बीना जी. भला मेरा क्या फ़ायदा होता इस सब मे? आप से मेरी कोई ज्यादाती दुश्मनी नहीं है और वैसे भी मैं तो आपको वीरेंदर बाबू के मध्यम से ही जानता हूँ. 

आशना: तो ठीक है, तुम मे से कोई भी अपना गुनाह नहीं कबूलेगा ना. कोई बात नहीं, अभी तो मैं जा रही हूँ लेकिन फिर आउन्गि, जब तक मेरे कातिल को सज़ा नहीं मिलेगी तब तक ना मैं चैन से बैठूँगी और ना ही तुम सबको बैठने दूँगी जिनके कारण मेरी मौत हुई है. 


तभी आशना को एक ज़ोरदार हिचकी आई और उसने अपने पेट को पकड़ लिया. अपने पेट को ज़ोर से दबाते हुए वो बेड पर बैठ गयी और रोने लगी. वीरेंदर दौड़ता हुआ उसके पास गया.वीरेंदर ने उसकी बगल मे बैठ कर आशना को गले से लगा लिया और रोने लगा. आशना का जिस्म अभी भी काँप रहा था.

बिहारी का खून ठंडा पड़ चुका था. आशना की आवाज़ नॉर्मल हो चुकी थी. अब उसके गले से उसी की आवाज़ निकल रही थी.

आशना: मुझे बचा लो वीरेंदर, मैं मरना नहीं चाहती. बीना की आत्मा मुझे मार देगी. 

वीरेंदर: तुम्हे कुछ नहीं होगा आशना, हम कल ही यह घर छोड़कर चले जाएँगे. तुम चिंता ना करो. अब हम यहाँ नहीं रहेंगे. 

तभी आशना ने बिहारी की नज़रों से बचा कर एक बार फिर से अपने पेट पर हाथ रख कर दबा दिया और फिर अचानक से खड़ी हो गयी. 

आशना(फिर से उसी डरावनी आवाज़ मे): खबर दार अगर किसी ने भी इस घर से जाने की सोची तो. जब तक मुझे मेरा कातिल नहीं मिल जाता तक तब जो भी इस घर से जाने की कोशिश करेगा, समझ लो दुनिया से उठ जाएगा. जान की सलामती चाहते हो तो मेरे कातिल को ढूँढ कर मेरे हवाले कर दो. मैं हर पल इसी घर मे आपके आस-पास ही मौजूद रहूंगी. 

यह कहकर आशना फिर से बैठ गयी और धीरे से अपनी बेल्ट पर लगे बटन को दबा दिया. 

बिहारी की तो जैसे जान ही निकल गयी थी. सब एक दूसरे का मुँह देख रहे थे. 

वीरेंदर: काका अब हम क्या करें, हमें तो पता भी नहीं कि यह सब कैसे हो गया? बीना आंटी को क्यूँ लगता है कि उनका कत्ल हम ने किया है?

बिहारी क्या जवाब देता, वो तो जड बन चुका था. उसके चहरे पर डर सॉफ दिखाई दे रहा था.उसके दिन की धड़कन बहुत ही तेज़ी से चल रही थी. उसे किसी भी वक्त हार्ट-अटॅक आ सकता था. 

आशना: वीरेंदर, प्लीज़ आप यहाँ मेरे कमरे मे ही सो जाइए, मुझे बहुत डर लग रहा है. 

वीरेंदर: काका, सुबह सोचते हैं क्या करना है. आप भी अपने कमरे मे जाकर सो जाइए मैं आशना के साथ यहीं रहूँगा. काफ़ी डर गयी है यह, पता नहीं वो आत्मा फिर से कब इसके अंदर आ जाए. 

बिहारी की तो हिम्मत नहीं हो रही थी अपने कमरे मे जाने की. 

बिहारी: छोटे मालिक, डर तो मुझे भी बहुत लग रहा है. मैं भी यहीं किसी कोने मे ही सो जाउन्गा. 

वीरेंदर: काका, आप बे-वजह डर रहे हैं. वो तो सिर्फ़ आशण को ही नुकसान पहुँचा रही है. बीना आंटी को शायद यही लगता है कि उनकी जान इसी के कारण गयी है तभी तो वो सिर्फ़ इसके ही सामने आती हैं. आप चिंता ना करे, मुझे और आप को वो कोई नुकसान नहीं पहुँचाएगी. आख़िर हम निर्दोष हैं और अगर सच मे ही किसी ने उनकी कार की ब्रेक्स फैल कर दी थी तो जल्द ही हमे दोषी को ढूँढना होगा वरना वो आशना की जान ले लेगी और फिर उसके बाद हमे भी मार डालेगी. 
Reply
02-02-2019, 01:19 AM, (This post was last modified: 02-02-2019, 01:20 AM by sexstories.)
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
वीरेंदर की बातें सुनकर बिहारी और भी डर गया. वो जानता था कि बीना का गुनहगार तो वो खुद है तो उसका डरना लाज़मी था. डरते डरते बिहारी सीडीयों तक पहुँचा. वो अपने चारो तरफ ऐसे देख रहा था जैसे किसी को ढूँढ रहा हो. जैसे ही बिहारी ने कुछ सीडीया उतरी, आशना ने बटन दबा कर कहा: बदला लूँगी, एक एक से बदला लूँगी. 

यह सुनते ही बिहारी के कदम लड़खड़ा गये और वो गिरता पड़ता किसी तरह नीचे पहुँचा. तेज़ी से भाग कर वो अपने कमरे मे घुसा और झट से हनुमान चालीसा पढ़ने लगा. काफ़ी देर तक वो हनुमान चालीसा पढ़ता रहा. जैसे ही वो आँखे बंद करता, बीना का चेहरा उसकी आँखों के आगे आ जाता. सारी रात बिहारी ने बैठ कर गुज़ारी. सुबह तक उसकी हालत काफ़ी खराब हो चुकी थी. दर्द से उसका सर फटे जा रहा था.

वहीं आशना और वीरेंदर को अपनी इस कामयाबी पर बहुत खुशी थी. वो बिहारी के दिल मे दर पैदा करने मे कामयाब हो चुके थे. 

वीरेंदर ने आशना के टॉप के अंदर से एक छोटा सा माइक निकाला और उसे चूम कर कहा: आज पहली बार लग रहा है कि मैने पापा के एलेक्ट्रॉनिक्स बिज़्नेस को जाय्न करके कोई ग़लती नहीं की. अब तक तो यही लगता था कि मैं अपनी एमबीए की डिग्री यूँ ही बर्बाद कर रहा हूँ. 

आशना ने पॅंट की बेल्ट से अटॅच्ड उस वाइयरलेस माइक का कंट्रोल निकाल कर वीरेंदर को दे दिया. 

आशना: यह पकडो इसका रिमोट, यह तो सच मे बहुत ख़तरनाक डिवाइस है. मुझे तो आज पता चला कि हॉरर मूवीस मे भूत की आवाज़ कैसे निकाली जाती है. 

वीरेंदर ने माइक और रिमोट आशना की पॅंट की पॉकेट मे डाल दिया. 

आशना: अब तो वो सारी रात डर के मारे सो नहीं पाएगा. चलो हम भी उसके की-चैन मे छुपाये हुए माइक्रोफोन की रेकॉर्डिंग सुन लेते हैं. शायद कुछ काम की बात पता चल जाए. 

वीरेंदर: रेकॉर्डिंग तो सुबह भी सुनी जा सकती है. इस वक्त मेरे ख़याल से हमे सो जाना चाहिए.

आशना: ठीक है वैसे भी आप थक गये होंगे. यह सब प्लान करने मे आपको काफ़ी मेंटल स्ट्रेस भी तो हुआ होगा. 

वीरेंदर(शरारत भरी नज़रों से देखते हुए): स्ट्रेस तो है और तुम चाहो तो मेरा स्ट्रेस दूर भी कर सकती हो. 

आशना ने शरमाकर वीरेंदर की तरफ देखा और बोली: अपना स्ट्रेस डोर करने के आपके इरादे मुझे नेक नहीं लग रहे.

वीरेंदर: इरादे तो एकदम नेक हैं मेडम अगर प्यार से मान जाओ, वरना तुम्हे एक बार जो बिना कपड़ो के देख ले वो तो आवेश मे आकर तुम्हारा रेप करने से भी ना चुके. 

आशना: मुझे तो लगता है कि आपको ज़बरदस्ती करना कुछ ज़्यादा पसंद है. 

वीरेंदर ने आशना की आँखों मे देखा और बोला: सच पूछो तो मेरी यह फॅंटेसी रही है कि मैं अपनी बीवी के साथ एक बार तो यह खेल ज़रूर खेलूँ. वैसे तो रेप करने वालों से मुझे सख़्त नफ़रत है लेकिन सेक्स मे अगर थोड़ी वाइल्डनेस हो तो इसका रोमांच क्या होता है, मैं इसे फील करना चाहता हूँ. 

वीरेंदर की बात सुनकर आशना अंदर तक सिहर गयी. शायद कुछ कुछ ऐसी ही फॅंटेसी उसकी भी थी. उसके भी दिल के किसी कोने मे तड़प तड़प कर सेक्स फील करने की चाहत थी. आशना का दिल ज़ोर से धड़क उठा था अपनी इमोर्टल डिज़ाइर के लिए. अपने दिल की बात वो अपनी ज़ुबान पर ला पाने मे असमर्थ थी. वो चाहती थी कि वीरेंदर कदम आगे तो बढ़ाए वो झट से उसे थाम लेगी और उसकी हरकतों मे शरीक होकर इस ताबू को फील करना चाहेगी. 

वीरेंदर: मैं तुम्हारे चेहरे पर वो दर्द देखना चाहता हूँ गुड़िया जब मैं तुम्हे बिना किसी इंसानियत के नोचूँ. मैं तुम्हारे जिस्म मे उठती हुई दर्द भरी हलचल को तुम्हारे चेहरे पर देखना चाहता हूँ. जानता हूँ कि तुम इसे मेरा सन्किपन समझोगी मगर तुम्हे दर्द देकर मुझे जो आनंद मिलेगा उसे मैं शब्दों मे बयान नहीं कर पाउन्गा. 

आशना ने वीरेंदर की आँखों मे देखा. वीरेंदर की आँखों मे इस बात को लेकर डर था कि उसके मन की बात जानकर आशना पता नहीं किस तरह से रिएक्ट करेगी वहीं आशना की आँखों मे स्वीकृति और तपिश देख कर वीरेंदर के दिल की धड़कनें बढ़ गयी थी. 

आशना ने वीरेंदर की आँखों मे देखते हुए आगे बढ़ना शुरू किया और उसके करीब पहुँचकर धीरे से होंठ हिलाकर बोली: सुना है कि आपके रूम से कोई भी आवाज़ बाहर नहीं जाती. 

वीरेंदर ने सवालिया नज़रों से उसकी तरफ देखा. 

आशना: वेट फॉर मी वीर, आइ विल कॉल यू सून.

यह कह कर आशना अपने रूम से बाहर निकल गयी. वीरेंदर का शरीर अपनी फंतासी के पूरा होने की कल्पना में काँप रहा था. हाथ पाँव ठंडे पड़ने लगे थे जबकि सारे जिस्म की गर्मी उसकी आँखों और कानो मे उमड़ आई थी. उसके दिल की धड़कन एकदम तेज़ हो गयी थी. उसे ऐसा लग रहा था जैसे कि वो किसी बहुत ही बड़े काम को अंजाम देने जा रहा है. उसके लिंग ने आने वाले पॅलो की कल्पना मे अपने विराट रूप को इख्तियार कर रखा था. 


वीरेंदर को एक एक पल भी बहुत भारी लग रहा था. थोड़ी देर बाद उसकी पॉकेट मे पड़ा मोबाइल वाइब्रट हुआ. फोन की तरफ देखे बिना ही वीरेंदर अपने कमरे की तरफ भागा. कमरे का दरवाज़ा हल्का सा खुला हुआ था. सारे कमरे मे अंधेरा छाया था. वीरेंदर ने झट से स्विच ऑन किया जिसकी रोशनी बस बिस्तर पर फोकस्ड थी. 

बिस्तर पर आशना ब्लू कलर की एक छोटी सी मिनी-स्कर्ट और टाइट वाइट टॉप मे थी. उसके सर पर लेदर की एक वाइट कॅप थी. उसे देखते ही वीरेंदर समझ गया कि आशना ने इस वक्त अपनी एयिर्हसटेस्स की यूनिफॉर्म पहन रखी है. हालाँकि जब से आशना ने वीरेंदर के साथ रहना शुरू किया है, उसने थोड़ा सा वेट पुट ऑन कर लिया था जिस वजह से उसके जिस्म का हर कर्व उस ड्रेस मे उभर कर दिख रहा था. आशना उसकी तरफ देख कर स्माइल कर रही थी. 

आशना ने उंगली के इशारे से उसे अपनी तरफ बुलाया और बोली: हाउ कॅन आइ हेल्प यू सर?

वीरेंदर तो जैसे मन्तर्मुगध हो गया था. उस से कुछ बोले नहीं बन रहा था. वो तो आने वाले हसीन पल की कल्पना मे खो गया था. आशना जैसी लड़की को अपना जीवन साथी पाकर वीरेंदर अपने आप को दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान समझ रहा था. 

वीरेंदर को एकटक अपनी तरफ देख कर आशना शरमा गयी. उसने नज़रें झुककर अपने हाथ वीरेंदर की तरफ बढ़ा दिए. वीरेंदर, आशना की इस हरकत से होश मे आया. आशना की कलाईयों मे बँधे रेशमी गुलाबी रिब्बन्स को देख कर वीरेंदर का दिल और ज़ोर से धड़कने लगा. हालाँकि आशना ने नज़रें झुका रखी थी लेकिन उसकी आँखों मे उठते हुए आमंत्रण भाव को वीरेंदर सॉफ पढ़ सकता था. 

आशना की मांसल जांघे आपस मे जुड़ी हुई थी और उसने पैरों की एडीयो पर भी कलाईयों की तरह ही गुलाबी रंग के रेशमी रिब्बन बाँध रखे थे. गुड़िया अपने वीर के लिए पूरी तरह से समर्पण भाव मे थी. अपने वीर को वो हर खुशी, हर तरंग देना चाहती थी जिन्हे वीरे ने अपने दिल मे बसा रखा था. 
Reply
02-02-2019, 01:20 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
वीरेंदर की तरफ से कोई हरकत ना पाकर आशना ने वीरेंदर की तरफ देखा लेकिन वीरेंदर तो किसी अद्वित्य लोक की कल्पना मे खोया हुआ था. 

आशना(गले को सॉफ करने की आवाज़ निकालते हुए): लगता है यहाँ पर कोई अपने ही ख़यालों मे खो गया है. उसमे तो दूसरों के जज़्बात समझने की शक्ति ही नही बची. 

आशना की तड़प भरी पुकार को सुनकर वीरेंदर एक बार फिर से होश मे आया. वीरेंदर कुछ कहने ही वाला था कि आशना ने उसे खामोश रहने का इशारा किया. वीरेंदर बोलते बोलते रुक गया. आशना ने शरमाते हुए अपने पैरों मे बँधे रिब्बन को पकड़ा और एक एक करके उन्हे लेफ्ट और राइट साइड पर बेड पोस्ट से बाँध दिया. वीरेंदर को ऐसा लग रहा था कि उसका दिल निकल कर बाहर आ जाएगा. आशना का भी बुरा हाल था लेकिन वो वीरेंदर की खुशी के लिए कुछ भी करने को आतुर थी. दोनो पैरों को अलग अलग बाँध कर आशना बिस्तर पर पीठ के बल लाइट गयी. 

वीरेंदर की तरफ देख कर आशना बोली: कम ऑन वीर, टाइ माइ हॅंड्ज़ आंड मौल मी ऐज यू विश. कम ऑन, आइ आम वेटिंग फॉर युवर वाइल्ड लव वीर. युवर गुड़िया ईज़ लॉंगिंग फॉर युवर वाइल्डनेस.

आशना की इस पुकार ने वीरेंदर के सबर का बाँध तोड़ दिया और वो दौड़कर आशना के पास चला गया. आशना ने झट से अपने हाथ हवा मे उठाकर उन्हे बांधने का इशारा किया. वीरेंदर ने उसे स्माइल दी और बोला: सब कुछ बाँध दूँगा तो हिल भी नहीं पाओगी. 

आशना: पिन मी वीर. आइ डॉन'ट वॉंट टू मूव अंडर यू. आइ जस्ट वॉंट टू गिव यू वॉट यू वॉंट आंड वॉंट टू गेट वॉट आइ डिज़ाइर. 

वीरेंदर ने आराम से उसके हाथ पीछे की तरफ बाँध दिए. 

वीरेंदर: ओह शिट मॅन, अब ड्रेस का क्या करूँ. यह कैसे उतारूँगी?

आशना उसकी तरफ देख कर शरमाकर मुस्कुराइ और बोली: मेरे पास अभी दो और सेट और हैं यूनिफॉर्म के. वैसे भी वाइल्ड सेक्स मे जब लड़की की फिकर नहीं तो फिर कपड़ो की क्यूँ? 

आशना का जवाब सुनकर वीरेंदर बौखला उठा. झट से अपने कपड़े उतार कर वो एकदम नंगा खड़ा हो गया. वीरेंदर का लिंग पूरे शबाब मे अकडा हुआ खड़ा था. उसके विशाल रूप को देख कर एक बार तो आशना की भी रूह कांप गयी लेकिन फिर उसने वीर की तरफ देख कर अपनी जीभ होंठों पर फिरा दी. 

वीरेंदर: सेक्सी गर्ल. आइ लव टू फक यू हार्ड बेबी. आइ विल फक यू टिल यू क्राइ आंड प्रे मी टू लीव यू. आशना के जिस्म मे एक मीठे दर्द का आभास हुआ. 

वो जानती थी कि अब बातों का दौर ख़तम हो चुका है. वीरेंदर को और उकसाने का मतलब शैतान को लालायित करना था. वीरेंदर, आशना के उपर लेट गया. आशना की टाँगों मे अपने निचले शरीर को टिका कर वो उसके उपर आ गया. आशना ने उसे अपने उपर से झटकने की कोशिश की तो वीरेंदर एक तरफ लूड़कते लूड़कते बचा. वीरेंदर ने हैरानी से उसकी तरफ देखा. 

आशना( आँखें बंद करके): इतनी आसानी से थोड़ी ही रेप करने दूँगी अपना. 

वीरेंदर उसकी बात सुनकर ताव मे आ गया.

वीरेंदर: पहली ग़लती तो तुम्हारी यह है कि तुमने अपने हाथ पैर बँधवा लिए और दूसरी ग़लती यह कि मेरी फॅवुरेट डिश को मेरे आगे रखकर मुझसे छिनने की कोशिश कर रही हो . अब देखो मैं तुम्हारा क्या हशर करता हूँ. मुझे तो तुम्हारी चिंता हो रही थी और तुम हो कि मुझे और उकसा रही हो. 

आशना: जा जा, रेप ऐसे ही हो जाता है क्या? कोई भी लड़की इतनी आसानी से अपना जिस्म ढीला नहीं छोड़ती. 

वीरेंदर ने उठकर उसके हाथ पैर खोल दिए. आशना मुस्कुरा कर वीरेंदर की इस हरकत को देख रही थी. उसके दिल मे वीरेंदर के लिए इज़्ज़त और बढ़ गयी थी. 

वीरेंदर: अब तुम भी मेरी तरह आज़ाद हो. देखते हैं कि अब इस कमरे से तुम बचकर कैसे जाती हो. तुम देख लेना कुछ ही समय मे मैं अपने अरमान पूरे कर लूँगा. 

आशना: लगी बेट.

वीरेंदर ने आशना को अपने सीने से जकड लिया और बोला: बेट मे क्या लगाओगी गुड़िया. पिछला गिफ्ट तो तुम पहले ही हार चुकी हो और बहुत जल्द मैं उसे रिसीव भी करने वाला हूँ. 

आशना ने वीरेंदर के कान मे धीरे से कहा: एनितिंग फॉर यू माइ वीर. 

उसके बाद बिस्तर पर सेक्स का जो खेल हुआ वो सच मे किसी रेप से कम ना था. जहाँ आशना वीर के चंगुल से निकालने का भरसक प्रयास करती रही वहीं वीरेंदर को आशना को अपने नीचे संतुलित रखने के लिए काफ़ी मेहनत करनी पड़ी. वीरेंदर जैसी शक्सियत से भीड़कर आशना थक कर चूर हो चुकी थी. और जब आशना थक कर टूट गयी तो वीरेंदर ने अपना दाव खेला और झट से अपने लिंग को उसकी योनि पर रखकर एक ज़ोरदार धक्के से उसे जड तक प्रवेश करा दिया. 
Reply
02-02-2019, 01:20 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
आशना के गले से दिल दहला देने वाली चीख निकली मगर इस बार वीरेंदर नहीं रुका. लंबे और ताकतवर धक्कों के साथ वो आशना की योनि को मथने लगा. इस वाइल्ड फक्किंग से आशना जल्द ही सखलित हो गयी. वीरेंदर बिल्कुल हैवान की तरह उसे नोच रहा था. ना जाने आशना कितनी बार सखलित हुई और साँसें दुरुस्त करके वीरेंदर के अमानवीय धक्कों को सहती रही. अंत मे जब वीरेंदर के लिंग की नसें फूली तो आशना ने एक ज़ोरदार चीख के साथ वीरेंदर के लिंग को अपने गर्भ मे प्रवेश करवाया और उसके वीर्य के समुंदर का सॅंगम अपनी छलक्ति नदी से करवाते हुए अपनी कोख के महासागर मे सींच लिया.

सुबह जब बिहारी अपने कमरे से बाहर निकला तो वो अभी भी डरा हुआ था. उसकी नज़रें हाल के चारो और ऐसे दौड़ रही थी जैसे किसी को ढूँढ रहा हो लेकिन सूरज के उजाले मे रात का डर थोड़ा फीका पड़ जाता है. 

किचन मे जाकर उसने नाश्ता तैयार किया. इस बीच आशना, अपनी ऑर वीरेंदर की फंतासी भरी रात बिताकर अपने कमरे मे जा चुकी थी. कुछ देर बाद आशना और वीरेंदर फ्रेश होकर नीचे आए. आशना को देख कर बिहारी एक दम सकपका गया. 

बिहारी के चेहरे पर आए डर के भाव पढ़ते हुए आशना ने रुआंसी होकर कहा: काका, आप भी मुझसे डर रहे हैं. वीरेंदर भी मेरे पास आने से कतराने लगे हैं. अब आप भी ऐसा करोगे तो मैं इस घर मे कैसे रह पाउन्गी. मुझे तो लगता है कि मुझे यहाँ से चली ही जाना चाहिए. 

बिहारी: ऐसी ग़लती ना करना बिटिया. जानती हो ना बीना की आत्मा ने सचेत किया था कि कोई भी इस घर से जाने की कोशिश करेगा तो वो हम सब को मार देगी. 

आशना: हमे क्यूँ मारेगी काका वो. वो तो अपने कातिल से बदला लेने के लिए आई है. हम ने उसका कतल नहीं किया तो भला हम क्यूँ डरे. 

आशना(वीरेंदर की तरफ देखते हुए): वीरेंदर, अब तो आपको यकीन हो गया ना कि मैं आपसे झूठ नहीं बोल रही थी. बीना जी की आत्मा सच मे वापिस आ गयी है. 

वीरेंदर: यकीन नहीं होता लेकिन कल रात जो आँखों से देखा उसे झुठला भी नहीं सकता. 

बिहारी: बाबू जी, पहले तो मुझे भी अजीब लगा था जब आपने मुझे आशना बिटिया के हाल के बारे मे बताया था लेकिन कल रात जो भी देखा, उसे नकारा भी तो नहीं जा सकता. मुझे तो लगता है कि सच मे बीना जी की आत्मा वापिस आ गयी है. 

वीरेंदर: लेकिन अगर वो वापिस आ भी गयी है तो वो यहाँ क्यूँ आई? हम ने तो उसे नहीं मारा. 

बिहारी से कोई भी जवाब देते ना बना. 

आशना खाने की टेबल पर बैठ चुकी थी. रात भर वीरेंदर द्वारा किए गये अतिक्रमित सेक्स के कारण वो काफ़ी थकि हुई महसूस कर रही थी. उसके चेहरे को देख कर इस वक्त अनुमान लगाया जा सकता था कि वो शायद काफ़ी बीमार है. बिहारी भी यही समझ रहा था कि आत्मा के प्रवेश ने उसके बदन को झींझोड़ दिया है. 

बिहारी, आशना की इस अवस्था को देख कर परेशान हो उठा था. वो आशना के जिस रूप पर फिदा था, इस वक्त आशना उसके बिल्कुल विपरीत दिख रही थी. बेतरतीब हुए बाल, ढीली सी टी-शर्ट और मुरझाया हुआ चेहरा.

आशना, बिहारी के मनो भाव को अच्छे से समझ रही थी. उसे इस वक्त बिहारी से सख़्त चिड हो रही थी. उसका मन कर रहा था कि उठकर बिहारी को एक ज़ोरदार झापड़ रसीद करे. वीरेंदर भी आशना के दिल मे उठ रहे आक्रोश से अन्भिग्य ना था. ऐसी सिचुयेशन्स से निपटने केलिए उसने आशना को पहले ही आगाह कर रखा था और उसे क्या करना है यह भी बता दिया था. 

वीरेंदर और आशना ने चुपचाप नाश्ता किया. बिहारी को वो यह जताना चाहते थे कि उनके बीच काफ़ी तनाव पैदा हो गया है. काफ़ी हद तक वो बिहारी के सामने तनावपुराण वातावरण दर्शाने मे कामयाब रहे थे. वो यह भी जानते थे कि बिहारी जैसा साँप किसी भी वक्त काट सकता है. उसका फन जल्द ही ना कुचला गया तो वो ख़तरनाक हो सकता है. 

जब तक बिहारी ने किचन का काम ख़तम किया तब तक वीरेंदर और आशना टेबल पर ही बैठे रहे. कोई किसी से कुछ ना बोला. बिहारी उनके बीच की चुप्पी से काफ़ी परेशान था. वो चाहता था कि जल्द से जल्द इन दोनो का मिलन हो जाए ताकि वो अपने प्लान मे कामयाब हो जाए और फिर किसी तरह आशना को लेकर इस घर से हमेशा हमेशा के लिए दूर चला जाए. 

किचन से बाहर आकर बिहारी वीरेंदर के पास जाकर खड़ा हो गया. 

बिहारी: छोटे मालिक मुझसे आशना बिटिया की यह हालत देखी नहीं जा रही. मेरी जान पहचान के एक तांत्रिक बाबा हैं जो बीना की आत्मा को क़ैद करके हमे छुटकारा दिला सकता है. आप अगर आग्या दें तो मैं उनसे निवेदन करके उन्हे यहाँ पर बुला लाउ. 

वीरेंदर की आँखों में चमक आ गयी. 

वीरेंदर: काका, क्या यह सच मे संभव है? मेरा मतलब क्या आशना उस आत्मा के चंगुल से बच सकती है?

बिहारी: क्यूँ नहीं छोटे मालिक. वो तांत्रिक बाबा बहुत ही पहुँचे हुए बाबा हैं. उनके लिए तो यह काम बाए हाथ का है. मैं अभी उनके पास जाकर उन्हे अपने साथ ले आता हूँ. भगवान ने चाहा तो कल का सूरज हम सब की ज़िंदगी से इस अंधेरे को मिटा देगा. 

वीरेंदर: काका, चलिए मैं भी आप के साथ चलता हूँ. आप रुकिये मैं चेंज करके आता हूँ. वीरेंदर अभी सीडीयों तक पहुँचा ही था कि आशना ने पहले से सुनियोजित किए हुए प्लान के मुताबिक अपने बेतरतीब बालों को झटक कर आगे की तरफ किया और टेबल के नीचे से अपने हाथों से अपनी बेल्ट पर लगा बटन दबा दिया.

जिस वक्त आशना ने अपने बालों को झटका दिया उस वक्त बिहारी आशना के ठीक सामने खड़ा था. जैसे ही आशना ने यह हरकत की, बिहारी उछल कर दूर जा गिरा. बिहारी की हालत देख कर आशना की हँसी निकल गयी लेकिन बटन दबने से माइक्रोफोन से एक डरावनी हँसी की आवाज़ आई. ठीक उसी वक्त वीरेंदर के कदम भी रुक गये. आशना के चेहरे पर आए बालों को देख कर और उसकी डरावनी हँसी सुनकर वीरेंदर समझ गया कि प्लान का दूसरा फेज़ शुरू हो चुका है. 
Reply
02-02-2019, 01:20 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
वीरेंदर झट से बिहारी के पास जाकर खड़ा हो गया. आशना(डरावनी आवाज़ मे): कोई मेरा कुछ नहीं बिगड़ पाएगा. आने दो उस तांत्रिक को, एक एक को देख लूँगी. एक बार वो तांत्रिक अगर यहाँ आ गया तो चुन चुन कर तुम सबका खून पी जाउन्गी. किसी को ज़िंदा नहीं छोड़ूँगी. 

वीरेंदर(डरते हुए): बीना आंटी ल...... लेकिन आप हमारे पीछे क्यूँ पड़ी हैं? आपके कतल में हमारा कोई हाथ नहीं. 

बीना: हाथ है, तुम तीनो मे से ही किसी ने मेरी कार की ब्रेक्स फैल की थी. अगर ऐसा नहीं है तो मेरे कातिल का पता करना तुम्हारा काम है. अगर कल तक मुझे अपने कातिल का पता ना चला तो मैं तुम मे से किसी को भी नहीं छोड़ूँगी. 

बिहारी थर थर काँप रहा था. वीरेंदर भी डरने का नाटक कर रहा था. 

वीरेंदर: बीना आंटी आपने आशना के शरीर का ही सहारा क्यूँ लिया. क्या आपको लगता है कि यह सब इसी ने किया है. 

बीना: इसी के कारण हुआ है मेरे साथ जो भी हुआ है. मेरा कतल होने की वजह यही लड़की है. कल तक अगर मुझे मेरे कातिल का पता ना चला तो सबसे पहले मैं इसे ही मारूँगी. उसके बाद तुम दोनो को तडपा तडपा कर मारूँगी. 


वीरेंदर: नहीं बीना आंटी.........
इस से पहले के वीरेंदर आगे कुछ बोल पता, आशना ने एक ज़ोरदार ठहाका लगाया. आशना ने तुरंत ही अपनी बेल्ट पर लगे बटन को प्रेस किया और उसकी चीख पूरे हाल मे गूँज गयी. चीख मारते ही आशना बेहोश होकर टेबल पर गिर पड़ी. वीरेंदर ने दौड़कर उसे सहारा दिया. बिहारी वहीं खड़ा जड बन चुका था. 

आशना को अपने कमरे मे छोड़ कर जब वीरेंदर नीचे पहुँचा तो उसने जड बन चुके बिहारी को झींझोड़ा. बिहारी एक दम घबरा कर दूर हट गया. 

वीरेंदर: काका, होश मे आइए, मैं हूँ. क्या हुआ है आपको? इस तरह डरे हुए क्यूँ लग रहे हैं आप?

बिहारी: वो, वो मुझे मार डालेगी मालिक. मुझे बचा लीजिए, मैं मरना नहीं चाहता. 

वीरेंदर: काका, कुछ नहीं होगा. हम कल तक कुछ ना कुछ ज़रूर कर लेंगे. 

वीरेंदर ने बिहारी के कान मे कहा: काका हमे इसी वक्त उस तांत्रिक को यहाँ बुला लेना चाहिए. चलिए हम दोनो उनसे निवेदन करके उन्हे यहाँ लेकर आते हैं. 

बिहारी की आँखों में दर के भाव थे. उन्ही डरी हुई आँखों से उसने पहले वीरेंदर की तरफ देखा और फिर हाल के चारो और नज़र दौड़ाई. डर उसके चेहरे से सॉफ झलक रहा था. 

बिहारी(धीमे से): अगर उस आत्मा को पता लग गया तो वो आज के आज ही हमे मार डालेगी मालिक. अब मुझे मरने से कोई नहीं बचा सकता. वो मार देगी मुझे. 

वीरेंदर: होश मैं आओ काका, क्या बके जा रहे हो. वो बस तुमको ही नहीं मुझे और आशना को मारने की धमकी भी दे गयी है. इस से पहले कि वो हम में से किसी को कोई नुकसान पहुँचाए, हमे जल्द से जल्द इस आत्मा को इस घर से निकालने के लिए उस तांत्रिक की मदद लेनी ही होगी. इस से पहले के आशना कि शरीर पर वो आत्मा क़ब्ज़ा कर ले, हमे आशना को बचाना होगा. 

बिहारी को इस वक्त आशना या वीरेंदर से कोई सहानुभूति ना थी. उसे बस उनकी दौलत से प्यार था जिस के लिए उसने यह सारा खेल रचा था. उसे क्या पता था कि बीना का कतल उसे इतना भारी पड़ेगा. बीना की मौत के बाद तो वो निसचिंत हो गया था कि देर-सवेर वो इस दौलत को हथिया ही लेगा. बिहारी इस वक्त इतना ज़्यादा डर चुका था कि वो बिना दौलत के भी यहाँ से भाग निकलता लेकिन बीना की आत्मा की धमकी सुनकर वो कोई भी ख़तरा मोल नहीं लेना चाहता था. 

वीरेंदर उसे खींच कर घर से बाहर ले गया और गाड़ी मे अपने साथ आगे बिठा दिया. बिहारी अभी भी कांप रहा था. वो बहुत डरा हुआ था. उसे ऐसा लग रहा था कि बीना की आत्मा उसके आस पास ही है. गाड़ी को हाइवे पर लाकर वीरेंदर ने स्पीड पकड़ ली. घर से दूर आकर अब बिहारी भी नॉर्मल साँसें ले रहा था. 

तभी बिहारी को अपने कान के पीछे कुछ हलचल महसूस हुई. उसने झट से पीछे मुड़कर देखा लेकिन उसे वहाँ कोई ना दिखा. बिहारी के दिल की धड़कन एक दम तेज़ हो गयी. 

वीरेंदर: डरो मत काका, यहाँ कोई नहीं है. वो आत्मा घर से बाहर हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती. उसके लिए उसे आशना के शरीर का सहारा लेना पड़ेगा और आशना इस वक्त घर मे ही है. हमे जल्द से जल्द तांत्रिक को अपने साथ लाना होगा. आशना इस वक्त घर मे बिल्कुल अकेली है, उसकी जान को ख़तरा है.
Reply
02-02-2019, 01:20 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
बिहारी को जब यह बात समझ आई कि बीना की आत्मा घर से बाहर उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती, वो थोड़ा निसचिंत हो गया. तभी बिहारी एक दम चौंका. बिहारी को देख कर वीरेंदर ने एकदम ब्रेक लगाई. 

वीरेंदर: क्या हुआ काका?

बिहारी: उसने कहा था कि हम मे से अगर किसी ने भागने की कोशिस भी की तो वो हमे नहीं छोड़ेगी तो इसका मतलब वो घर से बाहर भी हमारे पीछे आ सकती है. बिहारी की बात सुनकर, वीरेंदर भी सोचने का नाटक करने लगा.

वीरेंदर: मुझे तो इस वक्त आशना की चिंता हो रही है, कहीं उस आत्मा ने उसे कुछ नुकसान ना पहुँचा दिया हो. 

बिहारी: जल्दी चलो, उस तांत्रिक के घर से हम ज़्यादा दूर नहीं हैं. वीरेंदर ने गाड़ी स्टार्ट की और सरपट भगा दी. थोड़ी देर बाद बिहारी को अपने कान के पास फिर से हलचल महसूस हुई. उसने झट से पीछे देखा और जैसे ही उसकी नज़र पीछे पड़ी, उसकी ज़ोरदार चीख निकल गयी. 

वीरेंदर(गाड़ी को साइड मे रोकते हुए): काका क्या हुआ? लेकिन बिहारी तो बेहोश हो चुका था. उसका सर डॅशबोर्ड पर गिर चुका था.

डिग्गि मे रागिनी खड़ी थी. रागिनी के डरावने रूप को देख कर एक पल के लिए तो वीरेंदर भी डर गया. रागिनी ने अपने बाल बिखराए हुए थे. होंठों पर लाल लिपस्टिक कुछ ज़्यादा ही गहरी थी. चेहरे पर सफेद पाउडर की परत और सर से लेकर गालों तक टपकते हुए लाल रंग की स्याही उसे एक भयानक रूप दे रही थी. वीरेंदर ने बिहारी के बेहोश होते ही रागिनी की तरफ दोबारा देखा और उसे "थंब्स अप" का इशारा करके उसे गाड़ी से नीचे उतर जाने को कहा. जैसे ही रागिनी गाड़ी से नीचे उतरी, एक गाड़ी पीछे से तेज़ी से आई और रागिनी के पास रुकी. रागिनी ने बिना देर किए गाड़ी का दरवाज़ा खोला और वो गाड़ी हवा से बातें करने लगी.


रागिनी फ्रंट सीट पर सर को झुकाए हुए बैठी थी. आशना ने उसके कंधे पर हाथ रखा तो रागिनी के आँसुओं की झड़ी छूट पड़ी. 

रागिनी(रोते हुए): आइ आम सॉरी दीदी, मुझे माफ़ कर दो. मुझे गुमराह किया गया था. बीना और बिहारी ने मिलकर मुझे फसाया और फिर आप दोनो के खिलाफ इस्तेमाल किया. 

आशना: टेक इट ईज़ी रागिनी. यू हॅव टू बी स्ट्रॉंग. 

रागिनी: जानती हूँ दीदी, अब आगे की ज़िंदगी आसान नहीं है मगर जीना तो पड़ेगा ही. मेरी हालत देख कर कोई भी लड़की मुझसे एग्ज़ॅंपल ले सकती है कि माँ-बाप को दुख देने वाली संतान कभी सुखी नहीं रह सकती. आज मुझे मेरे ही करमो की सज़ा मिली है. इस ज़िंदगी मे आपके काम आकर अगर मैं एक भी अच्छा काम कर रही हूँ तो मरते वक्त मुझे कोई अफ़सोस नहीं होगा. 

आशना: ग़लती तो तुमने की है अपना घर छोड़ कर लेकिन मैं वादा करती हूँ कि बहुत जल्द तुम ऐसा ज़िंदगी जीना शुरू कर दोगि जिसकी तुम हकदार हो. हालाँकि जो कुछ तुम्हारे साथ हुआ है उसे तुम्हारे दिल से तुम्हारी यादों से मिटा तो नहीं सकते मगर हम यह यकीन दिलाते हैं कि आने वाले दिनो मे तुम्हे इतनी खुशियाँ मिलेंगी कि तुम अपने आप को कभी अकेला महसूस नहीं करोगी. इंसान जब अकेला होता है तो तभी उसे पुरानी यादें घेरती हैं और तुम्हारी लाइफ मे अकेलापन दूर करना अब हमारी ज़िम्मेदारी है.

बिहारी को जब होश आया तो वो अपने कमरे मे अपने बिस्तर पर था. वीरेंदर उसके पास बैठा था और एक नर्स उसकी कंडीशन को मॉनिटर कर रही थी. 

बिहारी(एक दम चौंकते हुए): म....... मैं, यहाँ कैसे पहुँच गया. 

वीरेंदर: काका, आप आराम से लेटे रहिए. आप अचानक से बेहोश हो गये थे. आपकी हार्ट बीट बहुत ज़्यादा बढ़ जाने से आपको कॉम्प्लीट बेड रेस्ट सजेस्ट की गयी है. यह नर्स आपका ध्यान रखेगी. 

नर्स: मिस्टर. बिहारी अब आप कैसा फील कर रहे हैं?
Reply
02-02-2019, 01:20 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
बिहारी ने उसे बस गर्दन हिला कर "ठीक है" का जवाब दिया. बिहारी ने आँखें बंद की तो अचानक उसे याद आया कि वो किस वजह से बेहोश हुआ था. बिहारी एक दम उठ कर बैठ गया. उसकी हार्ट बीट एक दम तेज़ चलने लगी. नर्स ने उसे पकड़ कर बिस्तर पर लिटाना चाहा लेकिन बिहारी को काबू कर पाना उसके लिए मुश्किल साबित हो रहा था. 

बिहारी के चेहरे पर खोफ़ को देख कर वीरेंदर अंदर ही अंदर झूम रहा था. वीरेंदर ने नर्स की हेल्प से बिहारी को बिस्तर पर लिटाया और नर्स ने उसे बेहोशी का इंजेक्षन दे दिया. धीरे धीरे बिहारी बेहोशी मे चला गया. 

नर्स: शायद यह किसी घटना से आतंकित हो गये हैं. शाम को डॉक्टर. आकर इन्हे एक बार फिर चेक कर लेंगे. मैने ऑब्ज़र्वेशन्स ले ली हैं. कोई प्राब्लम होगी तो आप मुझे कॉल करके बुला सकते हैं. तब तक ध्यान रहे कि पेशेंट को सोने दिया जाए. इनके दिमाग़ पर काफ़ी मेंटल स्ट्रेस है. यू हॅव टू बी वेरी केर्फुल टू डील वित हिम. ही कॅन लूज़ हिज़ मेंटल बॅलेन्स. 

वीरेंदर ने नर्स को उसकी फी देकर विदा किया और उसे बता दिया कि ज़रूरत पड़ने पर वो उसे बुला लेंगे. बिहारी को उसके कमरे मे सोता हुआ छोड़ कर वीरेंदर, आशना के रूम में आ गया. आशना और रागिनी दोनो वहाँ बैठी बातें कर रही थी. वीरेंदर को देखते ही रागिनी उठी और वीरेंदर के पाँव मे गिर गयी. 

रागिनी: मुझे माफ़ कर दीजिए सर. मैं बहकावे में आ गयी थी. मैं अपनी ही नज़रों मे गिर चुकी हूँ. जिस घर मे मुझे सहारा मिला मैं उसी को बर्बाद करने पर तूल गयी थी. 

वीरेंदर: पुरानी सब बातों को भूल जाओ. तुम ठीक हो हमारे लिए यही सबसे बड़ी खुशी की बात है. परसो रात जब तुम्हे सर्वेंट क्वॉर्टर्स से उठाकर हॉस्पिटल पहुँचाया था उस वक्त तुम्हारी कंडीशन काफ़ी नाज़ुक थी. भगवान का शूकर है कि तुम ठीक हो. अभी कुछ दिन तुम आराम करो. जब तक पूरी तरह से रिकवर नहीं कर लेती तब तक तुम घर से बाहर कदम भी नहीं रखोगी. 

वीरेंदर के दिल की सफाई को जानकार रागिनी की आँखें छलक आई. उसे अपने किए पर बहुत पछ्तावा हो रहा था. उसे ऐसा लग रहा थे कि उसने खुद भगवान का दिल दुखा दिया है. वीरेंदर ने उसे एक बार भी यह अहसास नहीं होने दिया कि रागिनी ने उनके साथ ग़लत किया है बल्कि वो तो उसकी हालत पर चिंतित था. इस इंसान को तो शैतान भी धोखा देने मे एक बार सोचेगा तो फिर बिहारी मे कितना कमीनपन होगा जो ऐसे देवता समान पुरुष की पीठ मे चुरा घोंपने चला था.


वीरेंदर: तुम्हारी दीदी ने तुम्हारे लिए एक बेहतर भविष्य चुना है. अगर हम पर भरोसा है तो तुम आशना की सलाह पर गौर करना वरना तुम जहाँ कहोगी हम तुम्हारे लिए रहने का प्रबंध कर देंगे. इस घर के दरवाज़े भी तुम्हारे लिए हमेशा खुले रहेंगे. अब फ़ैसला तुम पर है.

रागिनी सर झुकाए खड़ी रही.

वीरेंदर: अगर तुम चाहो तो तुम्हे तुम्हारे घर पहुँचा दें. 

रागिनी की आँखों से आँसू छलक पड़े. 

रोते हुए रागिनी बोली: अब क्या मुँह लेकर वहाँ जाउन्गी. वो तो अब तक मुझे भूल भी गये होंगे. मेरे वहाँ जाने से उनके ज़ख़्म फिर से हरे हो जाएँगे. आप मुझे किसी भी जगह कोई छोटा मोटा काम दिलवा दीजिए, बाकी की ज़िंदगी मैं इसी तरह गुज़ार लूँगी. 

वीरेंदर: आशना, तुम रागिनी से बात कर लो. अगर इसे मंज़ूर हो तो मुझे बता देना, मैं सब फ्रॉमॅलिटीस पूरी करवा दूँगा. आशना ने वीरेंदर की बात सुनकर हामी भरी.

आशना और रागिनी ने किचन मे जाकर लंच तैयार किया. खाना खाते हुए रागिनी बोली: दीदी अब तो आपके पास सारे सबूत हैं, मुझे लगता है कि अब हमे पोलीस की मदद ले लेनी चाहिए. रागिनी की बात सुनकर आशना और वीरेंदर की नज़रें मिली और दोनो मुस्कुरा दिए. 

जिस सच को छुपाने के लिए उन्होने यह खेल खेला था उस सच से रागिनी अंजान थी. 

आशना: इस इंसान ने हम सबकी ज़िंदगी मे ज़हर घोलने की कोशिस की है. इतनी जल्दी इसे पोलीस के हवाले नहीं करेंगे. बहुत जल्द यह सलाखों के पीछे होगा मगर उस से पहले हमे इसके दिमाग़ की नसों के चिथड़े उड़ाने होंगे ताकि ज़िंदगी मे कभी यह दोबारा अपने दिमाग़ का इस्तेमाल ही ना कर सके. 

आशना की बात सुनकर रागिनी चुप चाप खाना खाने लगी. थोड़ी देर बाद जैसे अचानक रागिनी को कुछ याद आया हो. 

रागिनी: एक बात तो पूछना भूल ही गयी. अगर उस रात आपने मुझे सर्वेंट्स क्वॉर्टर से छुड़ा लिया था तो फिर वो कॉन थी जिसे बिहारी ने मुझे समझ कर मार दिया और इतना सब होने के बावजूद उस लड़की ने कोई हरकत क्यूँ नहीं की. 

आशना मुस्कुराइ और बोली: क्यूंकी लाशें हरकतें नहीं करती.

रागिनी, आशना की तरफ हैरानी से देखने लगी. 

वीरेंदर: मैं बताता हूँ. 

रागिनी ने वीरेंदर की तरफ देखते हुए नज़रें झुका ली.

वीरेंदर: परसो रात तुम्हे सर्वेंट क्वॉर्टर्स से निकालने से पहले हम ने सारा इंतज़ाम कर लिया था. 

तुम्हे याद होगा, जिस हॉस्पिटल मे तुम्हे अड्मिट किया था वहाँ एक डॉक्टर. थे डॉक्टर. विजय. 

रागिनी: हां, उन्होने ही तो अपनी सुपारविषन मैं मेरा इलाज करवाया था और डॉक्टर्स. को सख़्त हिदायत दी थी मेरा ख़याल रखने की. 

वीरेंदर: वो मेरे होने वाले शाडू साहब हैं. यानी कि आशना की छोटी बेहन के फियान्से.

रागिनी ने धीरे से गर्दन हिला दी.

वीरेंदर: परसो जब मैने और आशना ने तुम्हे वहाँ से छुड़ाने के प्लान को अमल मे लाने के लिए उनसे एक लड़की की लाश की डिमॅंड की तो यह काम उनके लिए कोई मुश्किल तो नहीं था मगर लीगल तौर पर इतना आसान भी नहीं था. 
Reply
02-02-2019, 01:21 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
किसी भी हॉस्पिटल की मॉर्चुवरी मे लावारिस लाश को ज़्यादा से ज़्यादा 6 से 7 दिन तक स्टोर कर रखा जाता है. अगर फिर भी कोई जान-पहचान वाला लाश को लेने ना आए तो हॉस्पिटल की तरफ से उसे डिस्पोस कर दिया जाता है. हम ने जब उनसे एक लाश की डिमॅंड की तो उन्होने बिना किसी झीजक के मुझे हां कर दी लेकिन इस काम के लिए हमे कुछ फॉरमॅलिटीस पूरी करनी थी. उस लाषो को अपना दूर का रिलेटिव बताकर और कुछ झूठे सबूत पैदा कर वो लाश हमे सौंप दी गयी.

रागिनी: तो क्या डॉक्टर. विजय ने पूछा नहीं कि लाश का क्या करोगे?

वीरेंदर: डॉक्टर. बीना को वो बड़े अच्छे से जानते थे. मैने जब उन्हे बताया कि यह लाश हमे डॉक्टर. बीना के कातिल तक पहुँचा सकती है तो उन्होने उस से आगे कोई सवाल नहीं किया और हमारी हर मुमकिन मदद की. बाकी सब तो तुम जानती ही हो तुम्हे छुड़ाने के बाद हम ने वो लाश वहाँ रख दी.
रागिनी: तो क्या बिहारी को पता नहीं चला कि वो लाश किसी और की है.

आशना: पता तो तब चलता जब वो उस लाश का चेहरा देख पाता. हम ने सर्वेंट्स क्वॉर्टर की सर्विस लाइन को पोल से ही निकाल दिया था.

रागिनी खामोश हो गयी. इसके आगे की कहानी वो जानती थी.

खाना ख़तम करने के बाद वीरेंदर ने अपने अगले प्लान के बारे मे आशना और रागिनी से डिसकस किया. इस प्लान के सफल होने के साथ बिहारी अपना मानसिक संतुलन खो सकता था या फिर उसे दिमागी तौर पर बीमार साबित किया जा सकता था.

शाम करीब 5:00 बजे डॉक्टर. ने आकर बिहारी का चेक अप किया. 

डॉक्टर.: ही ईज़ ऑलराइट नाउ मिस्टर. वीरेंदर, बस मेडिसिन्स टाइम पर देते रहना. ही विल बी ऑल ओक इन वन ओर टू डेज़. 

वीरेंदर ने डॉक्टर. को बाहर तक छोड़ा. अब उनके प्लान के अगले फेज़ का वक्त था. 

5:30 बजे रागिनी नर्स की ड्रेस पहन कर बिहारी के रूम मे घुसी. बिहारी अभी भी आँखें बंद किए लेटा हुआ था. वीरेंदर पहले से ही वहीं बैठा था. वो जानता था कि बिहारी को देख कर रागिनी अपना होश खो सकती है. रागिनी ने जब बिहारी को देखा तो उसके दिल मे उसके लिए नफ़रत के भाव आने लगे. रागिनी के दिल का हाल जान कर वीरेंदर ने उसे दिल को मज़बूत रखने और सबर से काम लेने का इशारा किया. 

रागिनी ने एक टॅबलेट ली और पानी का गिलास लेकर बिहारी के पास चली गयी. रागिनी ने बिना कुछ बोले बिहारी के आगे दवाई और गिलास बढ़ा दिया. 

वीरेंदर: काका, उठिए और दवाई खा लीजिए.


बिहारी बेसूध सा पड़ा रहा. वीरेंदर ने इस बार उसे हिलाकर जगाया तो बिहारी की नींद टूटी. वो काफ़ी थकावट महसूस कर रहा था. बेहोशी की दवाई का असर अभी भी उस पर था. बिहारी ने धीरे से आँखें खोली और वीरेंदर की तरफ देखा. 

वीरेंदर: काका, अब कैसा महसूस कर रहे हैं आप?

बिहारी ने धीरे से हां मे गर्दन हिलाई. 

वीरेंदर: काका यह दवाई खा लीजिए. 

रागिनी ने झट से टॅबलेट और गिलास बिहारी के आगे बढ़ा दिया. बिहारी ने रागिनी की तरफ देखे बिना ही टॅबलेट ली और मुँह में डाल ली. जैसे ही पानी का ग्लास लेने के लिए उसने हाथ आगे बढ़ाया उसकी नज़र रागिनी के चेहरे पर पड़ी. रागिनी के चेहरे को देखते ही बिहारी के चेहरे का रंग उड़ गया और उसके गले से एक ज़ोरदार चीख निकली. चीख इतनी भयानक थी कि बिहारी के बेहोश होते ही ऐसा लगा कि जैसे उसके प्राण ही निकल गये हों. 

वीरेंदर ने बिहारी को हिलाकर जगाना चाहा लेकिन बिहारी तो जैसे डर की वजह से कोमा मे चला गया था. 

वीरेंदर ने रागिनी की तरफ मुस्कुराते हुए देखा और बोला: थॅंक्स, यू कॅन गो नाउ. 

रागिनी कुछ कहना चाहती थी लेकिन वीरेंदर के कहने पर वो आशना के कमरे मे चली गयी. 
Reply
02-02-2019, 01:21 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
वीरेंदर ने तुरंत ही डॉक्टर. को फोन करके बता दिया कि होश मे आने के बाद बिहारी अबनॉर्मल तरीके से बिहेव कर रहा है. उसके बाद वीरेंदर, बिहारी को होश मे लाने की कोशिश करने लगा. करीब 20 मिनट तक बिहारी को होश मे लाने की अथक कोशिश के बाद जब बिहारी को होश आया तो वो अपने आप मे नहीं था. वो काफ़ी डरा हुआ था और चिल्लाए जा रहा था. वो बिस्तर से उठकर भागने लगा तो वीरेंदर ने उसे पकड़ लिया. 

वीरेंदर: होश मैं आओ काका, यह क्या हो रहा है आपको?

बिहारी: वो वो भी आ गयी. अब मैं नहीं बचूँगा. वो दोनो मिलकर मुझे मार डालेंगी. छोड़ दो मुझे, मैं भाग जाना चाहता हूँ यहाँ से.

तभी उसे बाहर खड़ी आशना की वोही भयानक आवाज़ आई.

आशना: कहाँ जाएगा तू. तू कहीं भी भाग ले, मैं तेरा पीछा नहीं छोड़ूँगी. अब तू नहीं बचेगा, तूने ही मेरा कतल किया है कमिने. मैं जानती थी यह नीच हरकत तेरे सिवा कोई नहीं कर सकता. बीना की आत्मा की आवाज़ सुनकर बिहारी की सोचने समझने की रही सही शक्ति भी जवाब दे गयी. वो एक दम बौखला गया. 

तभी कॉल बेल बजी. आशना ने बेल्ट का बटन दबाकर माइक्रोफोन ऑफ किया और दरवाज़े पर खड़े डॉक्टर. और नर्स को जल्द से अंदर ले आई. बिहारी, वीरेंदर की पकड़ से निकलने की लाख कोशिश कर रहा था. बिहारी ज़ोर ज़ोर से चीख रहा था और वीरेंदर से छूटने का भरसक प्रयास कर रहा था. बेकाबू बिहारी को देख कर डॉक्टर. ने नर्स को झट से इंजेक्षन तैयार करने को कहा. 

बिहारी: तुम सब भी मारे जाओगे. छोड़ दो मुझे, एक एक को मरना है. मुझे जाने दो, मैं मरना नहीं चाहता. मुझे जाने दो. वो दोनो मिलकर सब सत्यानाश कर देंगी. बिहारी की बातें डॉक्टर. और नर्स की समझ मे नहीं आ रही थी. उन्हे यह सब बिहारी के दिमाग़ का फितूर लग रहा था. नर्स ने इंजेक्षन तैयार करके बिहारी को इंजेक्ट कर दिया. बिहारी कुछ देर तक छटपटाता रहा और फिर धीरे धीरे शांत पड़ गया. 

बेहोशी मैं भी वो कुछ कुछ बुद्बुदाये जा रहा था. 

डॉक्टर. ने वीरेंदर की तरफ देखा और बोला: मिस्टर. वीरेंदर, ऐसा कब से बिहेव कर रहे हैं यह?

वीरेंदर: डॉक्टर. दोपहर को यह मेरे साथ ही थे. ऑफीस की तरफ जाते हुए गाड़ी मे ही यह सब शुरू हो गया. 

डॉक्टर.: देखिए मिस्टर. वीरेंदर, इनके कुछ टेस्ट्स करने पड़ेंगे उनकी बिना पर ही मैं कुछ बता सकूँगा लेकिन यहाँ तक फिज़िकल ओप्ब्स्वेशन्स का सवाल है, मुझे तो यह केस पूरे हिस्टीरिया का लगता है. यह अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं. इस अवस्था मे इन्हे घर मे रखना काफ़ी ख़तरनाक साबित हो सकता है. 

वीरेंदर: लेकिन डॉक्टर. सुबह तक तो यह बिल्कुल नॉर्मल थे और फिर अचानक से यह सब?

डॉक्टर. : आइ कॅन अंडरस्टॅंड मिस्टर. वीरेंदर, लेकिन कयि बार ऐसा हो जाता है कि इंसान अपने दिल की बात किसी को बता नहीं पाता और फिर जब एक दम से उस पर सारे एमोशन्स हावी हो जाते हैं तो वो इस तरह से बिहेव करना शुरू कर देता है. 

वीरेंदर: तो अब हमे क्या करना चाहिए? 

डॉक्टर.: आइ थिंक के आपको एक बार नूरॉलजिस्ट से कन्सल्ट कर लेना चाहिए. कल आप इन्हे लेकर हॉस्पिटल आ जाइए. इनके सारे टेस्ट्स वहीं हो जाएँगे. अभी तो इन्हे इंजेक्षन दे दिया है और सुबह तक यह बेहोश ही रहेंगे, बाकी की रिपोर्ट कल के डाइयग्नोसिस के बाद ही पता चलेगी. 

डॉक्टर. को विदा करके वीरेंदर ने बिहारी के दरवाज़े को बाहर से लॉक किया और अपने रूम मे आ गया.

आशना और रागिनी ने मिलकर डिन्नर तैयार किया. डिन्नर के बाद आशना और रागिनी, आशना के कमरे मे चले गये और वीरेंदर अपने कमरे में. वीरेंदर और आशना, रागिनी को अपने बीच के संबंध के बारे मे अभी नहीं जताना चाहते थे इस लिए उन्होने उस रात अलग सोने का फ़ैसला किया. 

रात को ही बातों के दौरान आशना ने रागिनी को बता दिया कि उसके फ्यूचर के बारे मे सोचते हुए वीरेंदर ने डिसिशन लिया है कि उसकी और मोहित(वीरेंदर के शोरुम का मॅनेजर) की शादी करवा दी जाए. आशना ने रागिनी को बताया कि मोहित एक डाइवोर्स है. उसकी पहली बीवी शादी के कुछ दिनो बाद ही अपने बाय्फ्रेंड के साथ भाग गयी थी. 

रागिनी, मोहित को अच्छे से जानती थी. रागिनी ने बिना किसी शर्त के आशना की बात मान ली. 

आशना: तुम्हारी शादी की तारीख 11 नवंबर. को तय हुई है. हम ने मोहित से भी बात कर ली है, उसे भी कोई आपत्ति नहीं है. अगर तुम्हे लगता है कि तुम उसके साथ खुश रह पाओगी तो हम शादी की तैयारियाँ शुरू कर देते हैं. 
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,296,659 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 521,925 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,149,780 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 871,122 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,540,637 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,985,511 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,794,364 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,506,504 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,822,576 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 265,872 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)