03-11-2020, 10:38 AM,
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sexstories
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RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
मैं ये सोचने लगा की इस 1 दिन और 1 रात का कैसे अच्छी तरह से उपयोग किया जाये मेरे दिमाग में आया की दीदी को अगर पता ही नहीं चले की उनके साथ क्या हुआ है तो , मुझे मेरा रास्ता मिल गया था मैंने प्लान बनाया की 1 ऑरेंज वोडका का quater लाऊंगा और उसे ऑरेंज कोल्ड ड्रिंक में के दीदी को पिला दूंगा और उनके साथ सब कुछ कर लूँगा लेकिन फिर मेरे मन मैं १ बात आयी की यार सोनू जब दीदी बस में होश मे थी तब करने में जितना मजा आया था उतना जब दीदी सो रही थी तब नहीं आया था तो क्यों ना एसा कुछ किया जाये की दीदी के सामने सब हो मैंने वोडका को अपना प्लान B बनाया की अगर कुछ नहीं हुआ तो ये करूँगा और प्लान A के बारे मैं सोचने लगा तभी मेरे दिमाग मैं १ आईडिया आया क्यों मैं दीदी को एसा कुछ करते हुए पकड़ लूं की वो मेरे चुप रहने के लिए मुझे सब कुछ करने दे मैंने कहा यही सही है फिर मैंने सोचा आज बस की घटना से शुरआत करता हू मैंने दीदी से पूछा "दीदी आज आप बस में क्या कर रहे थे " दीदी जल्दी से उठ के अपने बेड पे बैठ गयी और मुझसे पुछा " क्या !!!!! "....
तभी मेरे दिमाग मैं १ आईडिया आया क्यों मैं दीदी को एसा कुछ करते हुए पकड़ लूं की वो मेरे चुप रहने के लिए मुझे सब कुछ करने दे मैंने कहा यही सही है फिर मैंने सोचा आज बस की घटना से शुरआत करता हू मैंने दीदी से पूछा "दीदी आज आप बस में क्या कर रहे थे " दीदी जल्दी से उठ के अपने बेड पे बैठ गयी और मुझसे पुछा " क्या !!!!! "
अब आगे :- दीदी ने वापस मुझसे पूछा "क्या कहा तूने " इतने में मम्मी ने दीदी को बुलाया दीदी चली गयी फिर मैंने वापस सोचा की यार सोनू अगर तूने ऐसा कुछ किया या दीदी को ब्लैकमेल करने की कोशिश की तो इन 2 दिनों में तो हो सकता है की दीदी मुझे सब करने दे लेकिन जब पापा मम्मी आ जायेंगे तो कुछ नहीं हो पायेगा दीदी वो मस्ती मजाक भी बंद कर देंगी जिसके वजह से मैं दीदी के मजे लेता था और दीदी सतर्क भी हो जायेगी क्योंकि उनको मेरे बारे मे पता भी चल जायेगा और क्या पता जब पापा मम्मी आ जाये तो वो उन्हें बता दे इन सब में बहुत रिस्क था इसलिए मैंने दीदी को बेहोश करके ही सब कुछ करने का प्लान बनाया इतने में दीदी वापस आई और मुझसे पूछा "बता ना क्या बोल रहा था तू क्या कर रही थी मैं बस में " मैंने बात पलट दी मैंने कहा " अरे दीदी मैं पूछ रहा हु की आप बस मैं क्या कर रहे थे जब आपकी तबियत ख़राब हो रही थी "
दीदी बोली "कुछ नहीं क्या करती बैठी थी आँख बंद करके चल अब सो जा कल स्कूल जाना है " मैंने बोला " स्कूल ?? क्यों कल तो अपन को घर पर ही रुकना है ना पापा मम्मी बाहर जा रहे है " दीदी बोली "नहीं उनका प्लान केंसिल हो गया है " मेरा दिमाग ख़राब हो गया मैंने सोचा साला जब भी कुछ प्लान बनाता हूँ मेरी ही वाट लग जाती है मैं चुप चाप मन मसोस के सो गया सुबह हम दोनों भाई बेहेन स्कूल के लिए निकल गए दीदीअपनी क्लास में चली गयी और मैं अपनी क्लास में 7th पीरियड में मैं टॉयलेट करने गया हमारे स्कूल मैं टॉयलेट काफी बड़ा था और उसमे 8 टॉयलेट्स थे मैं अंदर गया तो अंदर कोई भी नहीं था मैं 1 टॉयलेट में घुस कर गेट बंद करके बैठ गया तभी किसी ने गेट खोला और अंदर आया मुझे पता नहीं था की वो कौन था फिर दूसरा इन्सान भी अंदर आया उनमे से 1 बोला यार आज कामिनी मैडम को देखा क्या सामान बन के आयी है मैं वो आवाज पहचान गया वो विवेक सर की आवाज थी जेसा की मैंने बताया था की विवेक सेर 1 नंबर का कमीना इंसान था जो स्कूल की लड़कियों को छूने के बहाने ढूढता था कभी उनके कन्धों पे हाथ फेरता था तो कभी पीठ पे उनके साथ दीपक सर भी थे मैं उनकी बातें सुनने लगा
विवेक सर - "यार कामिनी को देखा क्या कंचा लग रही थी आज लाल साड़ी खुले हुए बाल कट स्लीव का ब्लाउज चिकने हाथ क्या सेक्सी लग रही थी साली के बोबे कितने बाहर आ रहे थे ब्लाउज में से "
दीपक सर - "हां यार मेरा तो सुबह सुबह ही खड़ा हो गया था उसको देख के पता नहीं किसके नीचे जाएगी साली "
विवेक सर - "हाँ यार क्या कमसिन अदा है उसकी बार बार अपने बाल पीछे कर रही थी साली के अंडर आर्म्स भी चिकने और गोरे गोरे उसकी चूत भी उतनी ही चिकनी होगी "
दीपक सर - "और गांड देखी उसकी साड़ी में से जब चल रही थी तो कैसे ठुमक रही थी मस्त माल है और विवेक तू कब से इन मैडम को देखने लगा तेरा क्लास की लडकियों से दिल भर गया क्या "
विवेक सर - "नहीं यार लेकिन वो केस हुआ था ना 1 लड़की कुतिया ने शिकायत कर दे थी ना प्रिंसिपल से तब से चुप बेठा हूँ "
दीपक सर - "अच्छा तो आजकल किसी के हाथ नहीं फेर रहा क्या "
विवेक सर- "नहीं यार लेकिन 1 लड़की है जिसने मुझे पागल कर रखा है सेक्सी है यार बहुत क्या बदन है उसका क्या बोबे है
उसकी स्कूल की यूनिफार्म में से बाहर आते है उसकी जवानी ने मुझे पागल कर रखा है आजकल "
दीपक सर - "अच्छा कौन है "
विवेक सर - "12th A में है प्रीती सक्सेना उसने , उसकी तो मैं चुदाई करना चाहता हू अपने स्कूल की अच्छी अच्छी लडकिया तो सारी काम में आ चुकी है बस वो ही अनछुही है "
दीपक सर - "हा यार है तो सेक्सी वो मैंने तो हाथ पकड़ा था 1 बार जब बोर्ड पे सम करवा रहा था उस से बहुत ही कोमल और चिकने हाथ है पता नहीं बोबे कितने मुलायम होंगे उसके "
मैं एक दम से चौंक गया साले कुत्ते मेरी बेहेन के बारे में बात कर रहे थे मैंने सोचा की इन सब कुत्तो को बस मेरी दीदी ही दिखती है क्या जो देखो उन्ही के पीछे पड़ा हुआ है फिर मैंने सोचा की क्यों न हो मेरी दीदी है ही इतनी कातिल और सेक्सी उनका खुद का भाई यानी की मैं उनको चोदना चाहता हु तो ये तो गैर है उनकी बातें सुन सुन के मेरा लंड खड़ा होने लगा
विवेक सर - "और मैंने तो 1 बार उसकी स्कर्ट के अंदर भी हाथ डाल दिया था उसकी झांग भी छू ली " ( हमारे स्कूल की यूनिफार्म थी वाइट शर्ट और ब्लू स्कर्ट लडकियों के लिए और पेंट लडको के लिए )
दीपक सर - "क्या बात कर रहा है कब कैसे "
विवेक सर- "अभी जब स्कूल पिकनिक पे गए थे ना तब रात को आते समय अँधेरा तो था ही और बस में मेरे पास ही बैठी थी वो तब , और अब तो उसके मेरे सबजेक्ट में मार्क्स भी कम है तो उसी का फायदा उठाने की सोच रहा हू "
दीपक सर - "फिर तो आज ही चांस मारले आज प्रिंसिपल भी नहीं है और स्टाफ भी कम है प्रिंसिपल के केबिन मे बुला ले आज और हाँ ध्यान से करना सब और मुझे भी चखा देना उसकी जवानी "
विवेक सर - "हाँ यही सही अभी लास्ट पीरियड में बुलाता हूँ उसको "
इतने में बेल बज गयी 8 th पीरियड लग गया था और वो लोग बाहर चले गए मुझे उनकी प्लानिंग पता चल गयी थी मैं भी देखना चाहता था की आज केबिन में क्या होता है मैं बाहर निकला और क्लास में गया तो मैडम ने कहा की तुम्हें विवेक सर प्रिंसिपल केबिन में बुला रहे है तुम्हारी स्कूल डायरी के साथ मैंने सोचा मुझे क्यों हमारी क्लास का गेम्स पीरियड था तो पूरी क्लास बाहर थी मैं मेरी डायरी लेके केबिन में गया वहां विवेक सर और मेरी दीदी बैठे थे विवेक सर ने बोला "आओ बेटा तुम्हारी दीदी अपनी डायरी लाना भूल गयी आज तो मैं तुम्हारी डायरी में नोट डाल रहा हूँ पापा से साइन करा के लाना " मैंने डायरी दी और यस सर बोल के बाहर आ गया और छुप के देखने लगा की केबिन के अंदर क्या होता है
दीदी - " सर प्लीज नोट मत डालिए प्लीज सर "
विवेक सर - "बेटा तुम्हारे मेरे सब्जेक्ट में मार्क्स बहुत कम है और मुझे तुम्हारे बोर्ड्स के मार्क्स भी भेजने है तो तुम्हारे पापा को पता होना चाइये की तुम पढती नहीं हो इसलिए कम मार्क्स भेजे है "
दीदी - " प्लीज सर नोट मत डालिए मैं मेहनत करुँगी और अच्छे मार्क्स लाऊंगी प्लीज सर "
विवेक सर - " ठीक है मैं नोट नहीं डालता और तुम्हारे नंबर भी बड़ा सकता हूँ अगर तुम चाहो तो "
दीदी - "कैसे सर "
विवेक सर - "बस तुम्हे मेरे कुछ सवालो का जवाब देना होगा और हर सही जवाब के 2 मार्क्स दूंगा मैं तुम्हे , तुम्हारे 50 मार्क्स है 80 % मार्क्स के लिए तुम्हे 30 मार्क्स और चाइए बोलो "
दीदी - "हा सर मैं हर सवाल का सही जवाब दूँगी "
विवेक सर - "ठीक है तुम्हारे घर में कौन कौन है "
दीदी - "पापा मम्मी मेरा छोटा भाई और मैं "
विवेक सर - "लो तुम्हारी आंसर शीट में मैंने 2 मार्क्स बड़ा दिए , अच्छा अब बताओ स्कूल से घर जाके क्या करती हो "
दीदी - " घर जाके नहा के कपडे चेंज करके खाना खाती हूँ "
विवेक सर - "येलो 2 मार्क्स और , अच्छा तुम कौनसे साबुन से नहाती हो "
दीदी - "सर ये कैसा गन्दा सवाल है "
विवेक सेर - "ठीक है जाओ कल साइन करा के लाना नोट पे "
दीदी- "नहीं नहीं सर वो म म मैं पियर्स साबुन से नहाती हू "
विवेक सर - "अरे वाह तभी इतनी खुशबू आती है तुम में से येलो 2 मार्क्स और , अच्छा अब बताओ की नहा के क्या पहनती हो "
दीदी - (नीचे देखते हुए बोली )" सर कैपरी और टॉप "
विवेक सर - "अरे वाह अच्छा है अच्छा टॉप के अंदर क्या पहनती हो "
दीदी ने कुछ नहीं कहा
विवेक सर - "अरे बोलो ना क्या पहनती हो शमीज या ब्रा "
दीदी - "सर ....वो ....मैं.... सर ....वो ...."
विवेक सर -"बोलो ना क्या पहनती हो तुम नहा के अपने टॉप के नीचे "
दीदी - " सर ब्रा "
विवेक सर - "अच्छा तुम किस साइज़ की ब्रा पहनती हो "
दीदी कुछ नहीं बोली
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