Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
03-11-2020, 10:38 AM,
#11
RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
हम दोनों पापा के साथ घर आ गये घर आके दीदी बेड पे बैठ गयी दीदी आलथी पालथी मार के बैठी थी मैं जाके उनके सामने बैठ गया और फिर लेट गया मेरा सर दीदी की गोद में था मैंने धीरे से अपने दोनों हाथ पीछे किये और अपने सर के नीचे रखे और तभी मुझे दीदी के सलवार के सामने की तरफ थोडा गीला गीला सा महसूस हुआ मेरे दिमाग में तुरंत आया की कहीं ये दीदी की चूत का डिस्चार्ज तो नहीं क्या दीदी बस में गरम थी तभी दीदी ने मुझसे कहा "ले सोनू हट मुझे कपडे चेंज करने दे " मैं हट गया दीदी जाने लगी और मम्मी से बोला "मम्मी में नहा के कपडे चेंज करके आती हु आप सब्जी बना लो रोटी मैं सेक दूँगी , नहाने से कम से कम मूड तो फ्रेश हो जायेगा " मम्मी ने कहा " ठीक है नहा ले " और फिर दीदी अपने रूम में गयी अपने घर के कपडे निकाले टॉवल लिया और नहाने चली गयी मैंने पापा मम्मी से नजरे बचा के दीदी जे रूम में गया और दीदी के बाथरूम के दरवाजे में जो छेद मैंने किया था उसमे से पेपर का टुकड़ा निकाला और बाथरूम के अंदर देखने लगा वेसे मुझे दीदी को वापस नंगी देखने की इच्छा नहीं थी क्योंकि अभी अभी मेरा मुट दीदी ने निकाला था मैं तो बस अपने 1 सवाल का जवाब ढूँढने के लिए बाथरूम में देख रहा था और वो सवाल था ' क्या बस में दीदी गरम थी ? ' जो भी मैंने दीदी के साथ किया उस से दीदी को केसा लगा मैं बस ये जानना चाहता था


मैंने देखा बाथरूम में दीदी ने पहले अपने बालो का जूडा बनाया फिर अपने कुर्ते पे से अपने कन्धों पे से चुन्नी पे लगी दोनों पिने हटाई फिर अपनी चुन्नी उतार के रखी फिर दीदी ने अपना कुरता उतारा अब दीदी मेरे सामने अपनी ब्रा में आगयी थी दीदी ने वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी थी मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा दीदी की ब्रा और उसके स्ट्रैप्स पूरी तरह से टेड़े मेढे और मुड़े हुए थे दीदी की ब्रा की ऐसी हालत देख के मुझे बस का पूरा सीन याद आ गया की मैंने किस तरह से दीदी के कुर्ते में हाथ डाल के दीदी के बोबो को मसला था ये मुड़ी हुई ब्रा उसी की गवाही दे रही थी फिर दीदी ने अपनी सलवार उतारी अब मेरी दीदी मेरे सामने ब्रा पेंटी में खड़ी थी दीदी ने नेवी ब्लू कलर की पेंटी पेहेन रखी थी मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था अब दीदी अपने दोनों हाथ पीछे लेके गयी और अपनी ब्रा का हुक खोल दिया और अपनी ब्रा भी उतार दी दीदी के गोरे गोरे मुलायम मुलायम बोबे नंगे होगये थे कितनी सेक्सी लग रही थी मेरी दीदी आधी नंगी अपनी पेंटी में मेरे सामने खड़ी हुई दीदी के मोटे मोटे बोबे जिन पे बहुत छोटे छोटे ब्राउन कलर के निप्पल थे मेरे सामने थे मैंने देखा की दीदी के बोबे थोड़े लाल हो गए थे शायद मैंने बहुत ही ज्यादा मसल दिए थे फिर दीदी अपनी पेंटी उतारने लगी अब मुझे मेरे सवाल का जवाब मिलने वाला था की क्या
दीदी गरम थी

दीदी ने अपनी पेंटी उतारी और उसे उलटी करके देखने लगी मुझे समझ में आगया था की दीदी अपनी पेंटी पे लगे अपनी चूत के डिस्चार्ज को देख रही है दीदी की चूत बिलकुल चिकनी थी और दीदी की पेंटी में इतना डिस्चार्ज था की वो उनकी पूरी चूत पे लग गया था दीदी की चूत गीली होने के कारण चमक भी रही थी अब मुझे समझ में आ गया था की दीदी भी गरम थी बस में मैं जो भी कर रहा था उसमे उन्हें भी मजा आ रहा था मुझे मेरे सवाल का जवाब मिलते ही बहुत अच्छा सा लगने लगा दीदी ने अपनी ब्रा तो अपने सूट के नीचे डाल दी लेकिन पेंटी को उसी समय धोने लगी दीदी ने अपनी पेंटी धोके रखी फिर नहाने लगी दीदी ने धीरे धीरे नहाना चालू किया और मैंने धीरे धीरे वापस अपना लंड हिलाना चालू किया फिर दीदी ने मग्गे मैं पानी भरा और 2 - 3 बाद अपनी चूत के अंदर मारा और हाथ डाल के भी अपनी चूत को अंदर से साफ़ किया मैं दीदी को ऐसे ही नहाते हुए देखता रहा और अपना लंड हिलाने लगा थोड़ी ही देर में मेरा मुट निकल गया मैंने अपना लंड अंदर कियाऔर वापस छेद में से दीदी को नहाते हुए देखने लगा तभी पीछे से मम्मी की आवाज आई "सोनू !!! क्या कर रहा है तू .......

मुझे मेरे सवाल का जवाब मिलते ही बहुत अच्छा सा लगने लगा दीदी ने अपनी ब्रा तो अपने सूट के नीचे डाल दी लेकिन पेंटी को उसी समय धोने लगी दीदी ने अपनी पेंटी धोके रखी फिर नहाने लगी दीदी ने धीरे धीरे नहाना चालू किया और मैंने धीरे धीरे वापस अपना लंड हिलाना चालू किया फिर दीदी ने मग्गे मैं पानी भरा और 2 - 3 बाद अपनी चूत के अंदर मारा और हाथ डाल के भी अपनी चूत को अंदर से साफ़ किया मैं दीदी को ऐसे ही नहाते हुए देखता रहा और अपना लंड हिलाने लगा थोड़ी ही देर में मेरा मुट निकल गया मैंने अपना लंड अंदर कियाऔर वापस छेद में से दीदी को नहाते हुए देखने लगा तभी पीछे से मम्मी की आवाज आई "सोनू !!! क्या कर रहा है तू .....

अब आगे - मैं दीदी को नहाते हुए देख रहा था तभी मुझे मम्मी की आवाज आई "सोनू क्या कर रहा है तू " मेरी तो डर के मारे हालत ख़राब हो गयी मैंने सोचा बेटा सोनू आज तो पकडे गए अब तो जूत पड़ेंगे मैंने डरते डरते पीछे मुड़ के देखा तो मम्मी दीदी के रूम के दरवाजे पे खड़ी थी और पर्दा हटा के मुझे देख रही थी मम्मी मेरे पीछे की तरफ खड़ी थी मम्मी ने अंदर आते हुए फिर पूछा "क्या कर रहा है तू यहाँ पे " मेरे दिमाग में कुछ भी नहीं आ रहा था डर के मारे मेरी हालत खराब हो रही थी मैंने सोचा क्या बोलू पता नहीं मम्मी कब से खड़ी है यहाँ पे पता नहीं क्या क्या देख लिया मम्मी ने कहीं मम्मी ने मुझे बाथरूम में झांकते हुए और मुट मारते हुए तो नहीं देख लिया मैंने अपने आप को सँभालते हुए और अपने डर को छुपाते हुए मम्मी से कहा की "मम्मी दीदी ही अंदर से आवाज लगा रही थी आपको शायद कुछ कह रही है आपने सुना नहीं इसलिए मैं दरवाजे के पास खड़ा होके पूछ रहा था की क्या हुआ " मम्मी ने बोला ठीक है तू जा मैं देखती हू "

मैं वहां से जल्दी से निकल गया और सोचा चलो मम्मी ने कुछ नहीं देखा लेकिन मुझे अभी भी डर लग रहा था की कहीं दीदी ने अगर ये बोल दिया की उन्होंने उन्होंने किसी को आवाज नहीं लगायी तो भी में फंस जाऊंगा मैं परदे के पीछे खड़ा होक मम्मी की बात सुनने लगा मम्मी ने बाथरूम का दरवाजा खट खटा के कहा "क्या हुआ प्रीती क्यों आवाज लगा रही थी " दीदी ने अंदर से कहा "अरे मम्मी टंकी में पानी ख़तम हो गया है बोरिंग चालू करो " अब मेरी जान में जान आयी की चलो बच गया आज तो थोड़ी देर बाद दीदी नहा के बाहर आई बहुत सेक्सी लग रही थी उन्होंने ब्लैक कलर की नाइटी पेहेन रखी थी दीदी मम्मी के साथ खाना बनाने किचन में चली गयी और मैं बैठा बैठा जो भी मैंने अभी तक दीदी के साथ किया वो सब सोचने लगा मैं दीदी के बदन का दीवाना हो गया था मेरी हमेशा उनके बदन को छूने की इच्छा होती हमेशा उनके कपडे उतार के उन्हें नंगी देखने की इच्छा होती मैंने दीदी के पूरे बदन पे अपना हाथ फेर चूका था और आज बस में मैंने उनके बोबे भी दबाये थे और दीदी ने भी अपने हाथ से मेरा लंड हिलाया था अब मैं आगे बड़ना चाहता था उन्हें अपने हाथों से पूरी नंगी करके उनके बोबे चुसना चाहता था उनकी चूत चाटना चाहता था उन्हें अपना लंड चुस्वाना चाहता था उन्हें चोदना चाहता था

लेकिन मुझे पता था की एसा हो नहीं सकता क्यों की 1 भाई बेहेन के बीच में ये चीज़ इतनी जल्दी और इतनी आसानी से नहीं हो सकती मैं यही सब सोच रहा था की इतने में दीदी आगयी और मेरे पास बैठ गयी और बोली "ओये क्या सोच रहा है इतना ध्यान से किस लड़की के बारे में सोच रहा है " मैंने बोला "कुछ नहीं दीदी " दीदी ने कहा "क्या हो गया इतना खोया सा क्यों है ला रिमोट दे टीवी का " मुझे मस्ती सूझी मैंने कहा " नहीं दे रहा " तो दीदी मुझसे रिमोट छीनने लग गयी मैंने रिमोट अपने हाथ में लेके ऊपर कर दिया दीदी उसे लेने के कोशिश करने लगी मैंने कहा "लो न दीदी मैं तो कबसे आप को देना चाहता हु लेकिन आप ले ही नहीं रहे हो " तभी दीदी 1 दम से मेरे ऊपर कूद गयी दीदी मेरे ऊपर थी मैंने अपना हाथ और पीछे की तरफ कर दिया दीदी रिमोट छीनने के लिए झुकी और मुझे दीदी की नाइटी के गले में से उनकी ब्रा दिख गयी ये ब्रा नई थी दीदी की ये ब्रा मैंने पहले कभी नहीं देखि थी ये ब्रा बिलकुल टाइट थी दीदी के बोबो पे से इस कारण बहुत ही सेक्सी शेप बन रहा था दीदी क बोबो का दीदी ने आज लाइट ब्लू कलर की ब्रा पेहेन रखी थी

मैं उनकी ब्रा और बोबे देखने में इतना खो गया की दीदी ने कब रिमोट ले लिया मुझे पता ही नहीं चला दीदी रिमोट लेके बोली "देख लिया ना मैं खुद ही अगर कुछ लेना चाहूँ ना तो अपने आप ही ले लेती हूँ " मैंने सोचा दीदी कब लोगी मेरा लंड अपने इन कोमल होंठो के अंदर इतने मम्मी आई और बोली " सोनू प्रीती चलो खाना लग गया चलो खाना खालो " हम दोनों खाने की टेबल पे बैठ गए और खाना खाने लगे इतने में मम्मी ने पापा से कहा " अरे सुनो आज मेरे भाई का फोन आया था वो कह रहा था की पिताजी की तबीयत ख़राब है तो चलो अपन समाचार लेके आ जाते है कल " मुझे फ़ौरन ख्याल आया अरे यार पूरा १ दिन और पूरी 1 रात मैं और मेरी प्यारी दीदी इस घर में अकेले रहेंगे अब मैं कुछ प्लान कर सकता हूँ इतने में पापा ने कहा "हा चलो कल मेरी छुट्टी भी है तो कल हो आते है तो परसों शाम तक वापस आ जायेंगे " मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ की अब सही वक़्त आ गया है थोड़ी देर बाद हम सब खाना खा के उठ गए मैं और दीदी अपने रूम मैं आ गये और अपने अपने बेड पे लेट गए दीदी ने अपना सेल निकाला और चैटिंग करने लगी और
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03-11-2020, 10:38 AM,
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RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
मैं ये सोचने लगा की इस 1 दिन और 1 रात का कैसे अच्छी तरह से उपयोग किया जाये मेरे दिमाग में आया की दीदी को अगर पता ही नहीं चले की उनके साथ क्या हुआ है तो , मुझे मेरा रास्ता मिल गया था मैंने प्लान बनाया की 1 ऑरेंज वोडका का quater लाऊंगा और उसे ऑरेंज कोल्ड ड्रिंक में के दीदी को पिला दूंगा और उनके साथ सब कुछ कर लूँगा लेकिन फिर मेरे मन मैं १ बात आयी की यार सोनू जब दीदी बस में होश मे थी तब करने में जितना मजा आया था उतना जब दीदी सो रही थी तब नहीं आया था तो क्यों ना एसा कुछ किया जाये की दीदी के सामने सब हो मैंने वोडका को अपना प्लान B बनाया की अगर कुछ नहीं हुआ तो ये करूँगा और प्लान A के बारे मैं सोचने लगा तभी मेरे दिमाग मैं १ आईडिया आया क्यों मैं दीदी को एसा कुछ करते हुए पकड़ लूं की वो मेरे चुप रहने के लिए मुझे सब कुछ करने दे मैंने कहा यही सही है फिर मैंने सोचा आज बस की घटना से शुरआत करता हू मैंने दीदी से पूछा "दीदी आज आप बस में क्या कर रहे थे " दीदी जल्दी से उठ के अपने बेड पे बैठ गयी और मुझसे पुछा " क्या !!!!! "....

तभी मेरे दिमाग मैं १ आईडिया आया क्यों मैं दीदी को एसा कुछ करते हुए पकड़ लूं की वो मेरे चुप रहने के लिए मुझे सब कुछ करने दे मैंने कहा यही सही है फिर मैंने सोचा आज बस की घटना से शुरआत करता हू मैंने दीदी से पूछा "दीदी आज आप बस में क्या कर रहे थे " दीदी जल्दी से उठ के अपने बेड पे बैठ गयी और मुझसे पुछा " क्या !!!!! "

अब आगे :- दीदी ने वापस मुझसे पूछा "क्या कहा तूने " इतने में मम्मी ने दीदी को बुलाया दीदी चली गयी फिर मैंने वापस सोचा की यार सोनू अगर तूने ऐसा कुछ किया या दीदी को ब्लैकमेल करने की कोशिश की तो इन 2 दिनों में तो हो सकता है की दीदी मुझे सब करने दे लेकिन जब पापा मम्मी आ जायेंगे तो कुछ नहीं हो पायेगा दीदी वो मस्ती मजाक भी बंद कर देंगी जिसके वजह से मैं दीदी के मजे लेता था और दीदी सतर्क भी हो जायेगी क्योंकि उनको मेरे बारे मे पता भी चल जायेगा और क्या पता जब पापा मम्मी आ जाये तो वो उन्हें बता दे इन सब में बहुत रिस्क था इसलिए मैंने दीदी को बेहोश करके ही सब कुछ करने का प्लान बनाया इतने में दीदी वापस आई और मुझसे पूछा "बता ना क्या बोल रहा था तू क्या कर रही थी मैं बस में " मैंने बात पलट दी मैंने कहा " अरे दीदी मैं पूछ रहा हु की आप बस मैं क्या कर रहे थे जब आपकी तबियत ख़राब हो रही थी "

दीदी बोली "कुछ नहीं क्या करती बैठी थी आँख बंद करके चल अब सो जा कल स्कूल जाना है " मैंने बोला " स्कूल ?? क्यों कल तो अपन को घर पर ही रुकना है ना पापा मम्मी बाहर जा रहे है " दीदी बोली "नहीं उनका प्लान केंसिल हो गया है " मेरा दिमाग ख़राब हो गया मैंने सोचा साला जब भी कुछ प्लान बनाता हूँ मेरी ही वाट लग जाती है मैं चुप चाप मन मसोस के सो गया सुबह हम दोनों भाई बेहेन स्कूल के लिए निकल गए दीदीअपनी क्लास में चली गयी और मैं अपनी क्लास में 7th पीरियड में मैं टॉयलेट करने गया हमारे स्कूल मैं टॉयलेट काफी बड़ा था और उसमे 8 टॉयलेट्स थे मैं अंदर गया तो अंदर कोई भी नहीं था मैं 1 टॉयलेट में घुस कर गेट बंद करके बैठ गया तभी किसी ने गेट खोला और अंदर आया मुझे पता नहीं था की वो कौन था फिर दूसरा इन्सान भी अंदर आया उनमे से 1 बोला यार आज कामिनी मैडम को देखा क्या सामान बन के आयी है मैं वो आवाज पहचान गया वो विवेक सर की आवाज थी जेसा की मैंने बताया था की विवेक सेर 1 नंबर का कमीना इंसान था जो स्कूल की लड़कियों को छूने के बहाने ढूढता था कभी उनके कन्धों पे हाथ फेरता था तो कभी पीठ पे उनके साथ दीपक सर भी थे मैं उनकी बातें सुनने लगा


विवेक सर - "यार कामिनी को देखा क्या कंचा लग रही थी आज लाल साड़ी खुले हुए बाल कट स्लीव का ब्लाउज चिकने हाथ क्या सेक्सी लग रही थी साली के बोबे कितने बाहर आ रहे थे ब्लाउज में से "
दीपक सर - "हां यार मेरा तो सुबह सुबह ही खड़ा हो गया था उसको देख के पता नहीं किसके नीचे जाएगी साली "
विवेक सर - "हाँ यार क्या कमसिन अदा है उसकी बार बार अपने बाल पीछे कर रही थी साली के अंडर आर्म्स भी चिकने और गोरे गोरे उसकी चूत भी उतनी ही चिकनी होगी "
दीपक सर - "और गांड देखी उसकी साड़ी में से जब चल रही थी तो कैसे ठुमक रही थी मस्त माल है और विवेक तू कब से इन मैडम को देखने लगा तेरा क्लास की लडकियों से दिल भर गया क्या "
विवेक सर - "नहीं यार लेकिन वो केस हुआ था ना 1 लड़की कुतिया ने शिकायत कर दे थी ना प्रिंसिपल से तब से चुप बेठा हूँ "


दीपक सर - "अच्छा तो आजकल किसी के हाथ नहीं फेर रहा क्या "
विवेक सर- "नहीं यार लेकिन 1 लड़की है जिसने मुझे पागल कर रखा है सेक्सी है यार बहुत क्या बदन है उसका क्या बोबे है
उसकी स्कूल की यूनिफार्म में से बाहर आते है उसकी जवानी ने मुझे पागल कर रखा है आजकल "
दीपक सर - "अच्छा कौन है "
विवेक सर - "12th A में है प्रीती सक्सेना उसने , उसकी तो मैं चुदाई करना चाहता हू अपने स्कूल की अच्छी अच्छी लडकिया तो सारी काम में आ चुकी है बस वो ही अनछुही है "
दीपक सर - "हा यार है तो सेक्सी वो मैंने तो हाथ पकड़ा था 1 बार जब बोर्ड पे सम करवा रहा था उस से बहुत ही कोमल और चिकने हाथ है पता नहीं बोबे कितने मुलायम होंगे उसके "


मैं एक दम से चौंक गया साले कुत्ते मेरी बेहेन के बारे में बात कर रहे थे मैंने सोचा की इन सब कुत्तो को बस मेरी दीदी ही दिखती है क्या जो देखो उन्ही के पीछे पड़ा हुआ है फिर मैंने सोचा की क्यों न हो मेरी दीदी है ही इतनी कातिल और सेक्सी उनका खुद का भाई यानी की मैं उनको चोदना चाहता हु तो ये तो गैर है उनकी बातें सुन सुन के मेरा लंड खड़ा होने लगा
विवेक सर - "और मैंने तो 1 बार उसकी स्कर्ट के अंदर भी हाथ डाल दिया था उसकी झांग भी छू ली " ( हमारे स्कूल की यूनिफार्म थी वाइट शर्ट और ब्लू स्कर्ट लडकियों के लिए और पेंट लडको के लिए )
दीपक सर - "क्या बात कर रहा है कब कैसे "
विवेक सर- "अभी जब स्कूल पिकनिक पे गए थे ना तब रात को आते समय अँधेरा तो था ही और बस में मेरे पास ही बैठी थी वो तब , और अब तो उसके मेरे सबजेक्ट में मार्क्स भी कम है तो उसी का फायदा उठाने की सोच रहा हू "
दीपक सर - "फिर तो आज ही चांस मारले आज प्रिंसिपल भी नहीं है और स्टाफ भी कम है प्रिंसिपल के केबिन मे बुला ले आज और हाँ ध्यान से करना सब और मुझे भी चखा देना उसकी जवानी "
विवेक सर - "हाँ यही सही अभी लास्ट पीरियड में बुलाता हूँ उसको "


इतने में बेल बज गयी 8 th पीरियड लग गया था और वो लोग बाहर चले गए मुझे उनकी प्लानिंग पता चल गयी थी मैं भी देखना चाहता था की आज केबिन में क्या होता है मैं बाहर निकला और क्लास में गया तो मैडम ने कहा की तुम्हें विवेक सर प्रिंसिपल केबिन में बुला रहे है तुम्हारी स्कूल डायरी के साथ मैंने सोचा मुझे क्यों हमारी क्लास का गेम्स पीरियड था तो पूरी क्लास बाहर थी मैं मेरी डायरी लेके केबिन में गया वहां विवेक सर और मेरी दीदी बैठे थे विवेक सर ने बोला "आओ बेटा तुम्हारी दीदी अपनी डायरी लाना भूल गयी आज तो मैं तुम्हारी डायरी में नोट डाल रहा हूँ पापा से साइन करा के लाना " मैंने डायरी दी और यस सर बोल के बाहर आ गया और छुप के देखने लगा की केबिन के अंदर क्या होता है
दीदी - " सर प्लीज नोट मत डालिए प्लीज सर "
विवेक सर - "बेटा तुम्हारे मेरे सब्जेक्ट में मार्क्स बहुत कम है और मुझे तुम्हारे बोर्ड्स के मार्क्स भी भेजने है तो तुम्हारे पापा को पता होना चाइये की तुम पढती नहीं हो इसलिए कम मार्क्स भेजे है "
दीदी - " प्लीज सर नोट मत डालिए मैं मेहनत करुँगी और अच्छे मार्क्स लाऊंगी प्लीज सर "
विवेक सर - " ठीक है मैं नोट नहीं डालता और तुम्हारे नंबर भी बड़ा सकता हूँ अगर तुम चाहो तो "
दीदी - "कैसे सर "
विवेक सर - "बस तुम्हे मेरे कुछ सवालो का जवाब देना होगा और हर सही जवाब के 2 मार्क्स दूंगा मैं तुम्हे , तुम्हारे 50 मार्क्स है 80 % मार्क्स के लिए तुम्हे 30 मार्क्स और चाइए बोलो "
दीदी - "हा सर मैं हर सवाल का सही जवाब दूँगी "
विवेक सर - "ठीक है तुम्हारे घर में कौन कौन है "
दीदी - "पापा मम्मी मेरा छोटा भाई और मैं "


विवेक सर - "लो तुम्हारी आंसर शीट में मैंने 2 मार्क्स बड़ा दिए , अच्छा अब बताओ स्कूल से घर जाके क्या करती हो "
दीदी - " घर जाके नहा के कपडे चेंज करके खाना खाती हूँ "
विवेक सर - "येलो 2 मार्क्स और , अच्छा तुम कौनसे साबुन से नहाती हो "
दीदी - "सर ये कैसा गन्दा सवाल है "
विवेक सेर - "ठीक है जाओ कल साइन करा के लाना नोट पे "
दीदी- "नहीं नहीं सर वो म म मैं पियर्स साबुन से नहाती हू "
विवेक सर - "अरे वाह तभी इतनी खुशबू आती है तुम में से येलो 2 मार्क्स और , अच्छा अब बताओ की नहा के क्या पहनती हो "
दीदी - (नीचे देखते हुए बोली )" सर कैपरी और टॉप "
विवेक सर - "अरे वाह अच्छा है अच्छा टॉप के अंदर क्या पहनती हो "
दीदी ने कुछ नहीं कहा
विवेक सर - "अरे बोलो ना क्या पहनती हो शमीज या ब्रा "
दीदी - "सर ....वो ....मैं.... सर ....वो ...."
विवेक सर -"बोलो ना क्या पहनती हो तुम नहा के अपने टॉप के नीचे "
दीदी - " सर ब्रा "
विवेक सर - "अच्छा तुम किस साइज़ की ब्रा पहनती हो "
दीदी कुछ नहीं बोली

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03-11-2020, 10:39 AM,
#13
RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
विवेक सेर - "अरे जल्दी बोलो नहीं तो नंबर नहीं दूंगा "
दीदी - " सर वो 34 साइज़ "
विवेक सर - "और कैपरी के नीचे "
दीदी - " पेंटी "
विवेक सर - "अच्छा तुमने अभी किस कलर की ब्रा पेहेन रखी है "
दीदी - " सर वाइट कलर की "
विवेक सर - "और पेंटी ?"
दीदी - "जी वो ब्राउन कलर की है "
विवेक सर - "अच्छा तुम्हारे पीरियड्स होने लग गए क्या "
दीदी (नीचे देखते हुए )- "हा सर "
विवेक सर - "तुम पहली बार पीरियड्स में कब हुई थी "
दीदी - " 9th क्लास में "
विवेक सर - "तुम कौनसा पैड यूज़ करती हो पीरियड्स में "
दीदी - "जी व्हिस्पर चॉइस "


विवेक सर - "चलो अब मुझे तुम्हारी ब्रा दिखाओ "
दीदी - "क्या ?? नहीं नहीं सर "
विवेक सर - "अब तुमने सब कुछ तो बता दिया है तो दिखा भी दो ना "
ये सारी बातें सुन के मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा था और ना चाहते हुए भी मैं देखना चाहता था की आगे क्या होता है और मैं चाहता था की आगे कुछ हो
विवेक सर दीदी के पास चले गए
दीदी - "नहीं सर प्लीज सर मुझे जाने दीजिये "
विवेक सर - "सोच लो अब जो बोलूँगा वो करोगी तो 5 नंबर दूंगा "
दीदी - "नहीं सर मुझे नंबर नहीं चाइए मुझे जाने दीजिये प्लीज "
विवेक सर - "अच्छा मुझसे जबान चलाती है अब रुक अभी तेरे 50 की जगह 20 नंबर करता हूँ और तुझे फेल करता हूँ और नोट लिख के भेजता हू तुम्हारे पापा को की आपकी बेटी बोर्ड्स नहीं दे पायेगी "
दीदी - "नहीं सर ऐसा मत कीजिये प्लीज सर मैं दिखाती हूँ सर "


दीदी ने अपनी शर्ट के बटन पे हाथ रखा फिर बोली "प्लीज सर मुझसे नहीं होगा सर "
विवेक सर दीदी के पास गए और उनकी स्कूल की शर्ट पे से उनके बोबे दबाने लगे , और बोले "अरे वाह मेरे रानी कितने नरम है तेरे बोबे तेरे निप्पल का क्या कलर है " दीदी बोली "सर ब्राउन " विवेक सर बोले "अरे वाह मेरी जान तू तो क़यामत है क्या बोबे है तेरे इतने मोटे मोटे नरम नरम इतनी सी उम्र में अभी तो तू कलि है जब फूल बनेगी तो पागल कर देगी सबको "

दीदी बोल रही थी की सर छोडिये मुझे लेकिन विवेक सर दीदी के बोबे अपने दोनों हाथों से दबा रहे थे तभी विवेक सर ने दीदी की शर्ट के ऊपर के 2 बटन खोले और अपना हाथ दीदी की शर्ट में डाल दिया और उनके बोबो पे अंदर से हाथ फेरने लगे और बोले "आज तक कितनो ने दबाये है तेरे बोबे जो इतने मोटे हो गए " फिर विवेक सर ने दीदी की शर्ट के 3 बटन खोल दिए और उनकी शर्ट थोड़ी सी पीछे कर दी अब दीदी अपनी ब्रा में विवेक सेर के सामने थी फिर विवेक सर ने 1 हाथ दीदी की ब्रा के कप में डाला और ब्रा के अंदर से उनके बोबे दबाने लगे दीदी के आँखें बंद थी सर ने कहा "साली तू भी तो गरम हो रही है तेरे निप्पल तो बिलकुल टाइट खड़े हुए है क्या माल है मेरी जान तू " ये सब मेरे सामने पहली बार हो रहा था मुझसे और रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड निकाला और मूट मारने लगा थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया तब जाके मैं होश में आया अब मैंने सोच की सबसे पहले मेरी दीदी के साथ सब कुछ मैं ही करूँगा इस कमीने के चुंगल से दीदी को केसे निकाला जाये

तभी मेरे दिमाग में 1 आईडिया आया मैंने पास में रखी स्कूल की बेल जोर जोर से बजा दीदी विवेक सर की हालत ख़राब हो गयी वो फटाफट दीदी से दूर हुए दीदी ने भी जल्दी जल्दी अपने कपडे ठीक किये और दोनों बाहर आ गये दीदी को दूर से देख कर मुझे तसल्ली हुई की बच गए आगे कुछ नहीं हुआ मैंने कॉरिडोर मैं दीदी को रोक और पूछा "क्या हुआ दीदी आप यहाँ केसे किस बात का नोट था " दीदी कुछ नहीं बोली हमारे स्कूल की छुट्टी हो गयी थी हम घर पहुंचे खाना खाया और सो गए उस दिन कुछ ख़ास नहीं हुआ दीदी बहुत परेशान थी शायद आज जो भी हुआ उस वजह से रात को खाने के बाद जब हम सोने के लिए गए तो मैंने दीदी से पूछा की "क्या हुआ दीदी आज आप इतने उदास क्यों हो " दीदी ने कहा की " कुछ नहीं " मैंने कहा की दीदी "आपको मेरी कसम है बताओ " दीदी ने मुझे देखा और कहा "सोनू मुझे विवेक सर बहुत परेशान करते है आज भी केबिन में उन्होंने मेरा हाथ पकड़ने को कोशिश की और बोला की अगर मैंने कुछ बोला तो वो मुझे फेल कर देंगे और मुझे एग्जाम नहीं देने देंगे मुझे बहुत डर लग रहा है " मैंने कहा " बस दीदी इतनी सी बात अब आप कल देखना की मैं क्या करता हूँ कल से ना तो विवेक आपको कभी परेशान करेगा और आपके मार्क्स भी अच्छे भेजेगा " ...
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03-11-2020, 10:39 AM,
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RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
रात को खाने के बाद जब हम सोने के लिए गए तो मैंने दीदी से पूछा की "क्या हुआ दीदी आज आप इतने उदास क्यों हो " दीदी ने कहा की " कुछ नहीं " मैंने कहा की दीदी "आपको मेरी कसम है बताओ " दीदी ने मुझे देखा और कहा "सोनू मुझे विवेक सर बहुत परेशान करते है आज भी केबिन में उन्होंने मेरा हाथ पकड़ने को कोशिश की और बोला की अगर मैंने कुछ बोला तो वो मुझे फेल कर देंगे और मुझे एग्जाम नहीं देने देंगे मुझे बहुत डर लग रहा है " मैंने कहा " बस दीदी इतनी सी बात अब आप कल देखना की मैं क्या करता हूँ कल से ना तो विवेक आपको कभी परेशान करेगा और आपके मार्क्स भी अच्छे भेजेगा "......


अब आगे - मैंने रात को सोचा की ऐसा क्या करू की विवेक सर दीदी को ना तो कभी परेशान करे और ना ही जो भी उन्होंने दीदी के साथ किया वो किसी को बतायें ऐसा करना काफी मुशकिल था क्योंकि आज विवेक सर दीदी की ब्रा के अंदर तक हाथ डाल चुके उनके बोबे दबा चुके थे और उन्हें पता चल चुका था की दीदी कुछ नहीं बोलेगी और वो कुछ भी कर सकते है और तभी मुझे 1 आईडिया आया और मुझे पता चल गया की अब क्या करना है सुबह हम दोनों भाई बेहेन स्कूल गए लंच के बाद मैं अपनी डायरी लेके स्टाफ रूम में गया वहां बस विवेक सर थे मैंने गेट के पास खड़े होके "कहा मे आई कम इन सर " सर ने बोला " हाँ आ जाओ बेटा क्या हुआ " मैंने कहा " सर वो कल आपने मेरी डायरी में नोट साइन कराने के लिए कहा था पापा से लेकिन मुझे वो नोट मिला नहीं क्या आप बता सकते है की आपने वो नोट कहाँ डाला था " सर ने कहा "नहीं बेटा मैंने नोट नहीं डाला था " मैंने कहा " ठीक है सर , सर वो मुझे आपका फोन नंबर और घर का एड्रेस चाइए था " सर ने पुछा "क्यों " मैंने कहा " पता नहीं वो दीदी और पापा कल कुछ बात कर रहे थे फिर पापा ने मुझसे कहा की कल विवेक सर का फोन नंबर और एड्रेस लेके आना उन्हें आपसे कुछ बात करनी है आपके घर पे और हाँ मुझे प्रिंसिपल मेम का नंबर दीजियेगा पापा ने उनका नंबर भी माँगा है " विवेक सर के होश उड़ गए वो पसीना पसीना हो गए उनके चेहरे से डर साफ़ झलक रहा था उन्होंने कहा " क्यों बेटा क्या हो गया मैं तुम्हे स्कूल की छुट्टी में देता हूँ अभी तुम क्लास मे जाओ और तुम्हारी दीदी को स्टाफ रूम में भेज दो कहना की मैंने बुलाया है "


मैंने कहा "ठीक है सर " मुझे पता था की उन्हें बहुत डर लग रहा है उन्होंने ये सोचा होगा की शायद दीदी ने पापा को सब कुछ बता दिया है और अब पापा उनके खिलाफ कुछ एक्शन लेने वाले है मै दीदी की क्लास में गया दीदी को बुलाया और कहा "दीदी विवेक आपको स्टाफ रूम में बुला रहा है आप डरना मत मै गेट के बार ही खड़ा रहूँगा और थोडा गुस्से में जाना और गुस्सा दिखाना " दीदी ने कहा "ठीक है सोनू " दीदी स्टाफ रूम में गयी और मैं बाहर खड़ा हो गया दीदी ने अंदर जाके गुस्से में बोला " यस सर " विव्केक सर ने बोला "बेटी मुझे माफ़ कर दो मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी प्लीज प्रिंसिपल से शिकायत मत करो मेरी नौकरी चली जाएगी प्लीज मुझे बचा लो अपने पापा को रोक लो मैं वादा करता हूँ की ऐसा दुबारा कभी नहीं होगा "दीदी ने गुस्से में कहा "वो तो आपको ये सब करने से पहले सोचना चाहिए था आपको शर्म नहीं आई मैं आपकी बेटी की उम्र की हूँ अब भुगतो जो किया सबको पता चलना चाहिए आपके करैक्टर के बारे में " विवेक सर बोले "नहीं नहीं बेटी मुझे माफ़ कर दो मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी मैं वेसे भी ये स्कूल छोड़ के जाने वाला हू अगले महीने अगर ऐसा कुछ हो गया तो मुझे किसी स्कूल में नौकरी नहीं मिलेगी मुझे माफ़ कर दो मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगा तुम्हारे नंबर भी पूरे भेजूंगा और आगे से किसी के साथ भी ऐसा नहीं करूँगा मेरे बच्चे की कसम मुझे माफ़ कर दो " दीदी ने कहा "ठीक है सर लेकिन आगे से ऐसा किसी के साथ मत कीजियेगा "


ये कह के दीदी बाहर आ गयी दीदी के चेहरे पे काफी सुकून दीदी ने मुझे ख़ुशी से और इस तरह देखा की अगर अभी बोल दू की नंगी हो जाओ तो नंगी हो जाएँगी फिर हम दोनों अपनी अपनी क्लासों में चले गए छुट्टी के बाद घर पहुंचे जेसे ही मैंने अपने रूम में बेग रखा दीदी ने मुझे कस के गले लगा लिया मेरा चेहरा दीदी के बोबो की ठीक थोडा ऊपर था दीदी "बोली थैंक यू सो मच सोनू तूने मुझ पे बहुत बड़ा एहसान किया है " मैंने भी दीदी को कस के पकड़ लिया मुझे तो दीदी के बदन को छूने का आनंद चाहिए था कितना कोमल बदन था मेरी प्यारी दीदी का मैंने कहा "कोई बात नहीं दीदी " लेकिन दीदी ने अभी भी मुझे कस के पकड़ रखा था मैं दीदी की शर्ट के अंदर से दीदी की ब्रा देखने के कोशिश कर रहा था फिर मैंने अपना हाथ दीदी की पीठ पर फेरा और उनकी ब्रा की स्ट्रैप्स और उनके ब्रा के हुक को फील किया और धीरे धीरे अपना हाथ दीदी की स्कर्ट पे ले गया और उनकी गांड पे हलके से अपना हाथ फेरा थोड़ी देर बाद दीदी ने मुझे अलग किया और कपडे चेंज करने चली गयी लेकिन दीदी के बदन को छूने से मेरा लंड बिलकुल टाइट हो गया था मैंने सोचा दीदी के बोबे दबाये हुए बहुत दिन हो गए आज कुछ करना पड़ेगा


आज मैं बहुत ज्यादा मूड में था थोड़ी देर बाद दीदी नहा के कपडे चेंज कर के आई बड़ी ही सेक्सी लग रही थी दीदी ने नहा के सलवार सूट पहना था उन्होंने डार्क बेंगनी कलर का सूट पेहेन रखा था उनके गोरे कलर पे वो डार्क सूट बहुत ही सेक्सी लग रहा था उनका कुरता बहुत ही पतला था और उनके बदन से चिपका हुआ था जिसकी वजह से उनका फिगर बहुत ही सेक्सी लग रहा था उनके टाइट बोबे उस चिपके हुए कुर्ते में से बाहर आ रहे थे और नीचे उनके पतले पेट पर कुरता चिपका हुआ था उनके पतले कुर्ते में से मुझे उनकी पूरी ब्रा का शेप उनकी ब्रा की स्ट्रैप्स साफ़ दिख रही थी उनकी पटियाला सलवार भी उतनी ही पतली थी और दीदी की गोरी गोरी झान्गें नजर आ रही थी उनके बालो की लटे बार बार उनके चेहरे पे आ रही थी और वो अपनी उंगलियों से उन्हें अपने कान के पीछे करती उनका ये रूप देख के मैं पागल हो गया मैं उनके बाथरूम में गया और उनकी उतारी हुई ब्रा पेंटी को पागलो की तरह सूंघने लगा उनकी ब्रा पेंटी में से उनके बदन की बहुत ही कमसिन और कामुख खुशबु आ रही थी मैं यही सब कर रहा था इतने में दीदी की आवाज आई "कहाँ है सोनू खाना खा ले "


मैंने दीदी की ब्रा पेंटी रखी और बाहर आ गया हम दोनों ने खाना खाया आज तो दीदी के चेहरे पे अजीब सी ख़ुशी और चमक थी हम दोनों खाना खाने लगे थोड़ी देर में दीदी ने खाना खा लिया और वो बोतल से पानी पीने लगी थोडा सा पानी उनके मुह से गिर के उनके गले से होता हुआ उनके कुर्ते के गले के अंदर चला गया मैं सोचने लगा की काश मैं भी एसे ही अंदर जा पता वो सीन बहुत ही सेक्सी था तभी थोडा सा पानी दीदी के कुर्ते के बाहर गिर गया उनके बोबे पे और गीला होने के कारण मुझे दीदी का निप्पल का शेप दिखा आज इन सब से मैं पागल हो चुका था अब मैंने सोच लिया था की आज रात को दीदी के जिस्म को छुउंगा वापस शाम को मैं खेलने चला गया खेल के वापस आया तो देखा की दीदी नेल पोलिश लगा रही थी मैंने सोचा दीदी आज तो वेसे ही इतनी कातिल लग रही हो और जुल्म क्यों ढा रही हो मैं जाके दीदी के सामने बैठ गया फिर दीदी ने अपने पैरो के नेल्स पे नेल पोलिश लगाना शुरू की जेसी ही दीदी बार बार झुकती मुझे उनकी ब्रा में क़ैद उनके बोबो का थोडा थोडा ऊपर का हिस्सा दिखाई देता मैं आज सुबह से ही बहुत उत्तेजित था मैं रात होने का इन्तेजार करने लगा


थोड़ी देर बाद रात हो गयी हम लोग खाना खाने लगे खाना खाके दीदी और मम्मी टीवी देखने लगे लेकिन मैंने आज टीवी नहीं देखा मैं रूम मैं आके लाइट बंद करके लेट गया करीब आधे घंटे बाद दीदी अंदर आयी उन्होंने लाइट जलाई मैं सोया नहीं था सोने का नाटक करने लगा दीदी ने लाइट जला के बोला "ओये भंगी सो गया क्या " मैंने कोई जवाब नहीं दिया इतने में मम्मी आई और बोली "अरे प्रीती क्या हुआ सोनू आज इतनी जल्दी कैसे सो गया " दीदी ने कहा " थक गया हो मम्मी खेल खेल के " फिर दीदी ने कहा "अच्छा मम्मी सुनो ना यार मुझे थोड़ी खांसी हो रही है और चेस्ट में भी पेन हो रहा है थोडा थोडा " मम्मी ने कहा "और नहा ले गर्मी में आके इसलिए मना करती हू रुक दवाई लाती हु और हाँ अगर चेस्ट में पेन हो रहा है तो रात को ब्रा का हुक खोल के सो जाना या फिर ब्रा उतार देना और खाली शमीज और टॉप पेहेन लेना " दीदी ने कहा " हाँ मम्मी ब्रा उतार ही देती हूँ और खाली शमीज पेहेन लेती हूँ और ऊपर से टॉप डाल लूंगी " मम्मी ने कहा "ठीक है " मैं ये सब सुन रहा था और मैं मन ही मन बहुत ख़ुश था की चलो आज तो दीदी ब्रा उतार की सोयेंगी तो मैं उनके बोबे आराम से छू पाऊँगा


थोड़ी देर बाद दीदी ने लाइट ऑफ की और वो भी सो गयी मैं थोडा टाइम निकलने का इन्तेजार करने लगा थोड़ी देर बाद मैंने दीदी को आवाज दी दीदी ने कुछ जवाब नहीं दिया मैंने और तेज आवाज दी दीदी कुछ नहीं बोली फिर मैं उठा दीदी मेरी तरफ पीठ करके सो रही थी मैंने दीदी की गांड पे हाथ रखा और उन्हें जगाने की कोशिश की लेकिन दीदी नहीं उठी मैंने सोचा आज दीदी इतनी गहरी नींद में कैसे सो रही है फिर मुझे लगा की शायद कल विवेक सर वाली टेंशन में दीदी रात भर नहीं सो पाई होंगी इसलिए आज सो रही है ढंग से मैंने सोचा आज बहुत ही अच्छा मौका है मैं दीदी के मुह की तरफ गया और दीदी के कंधे पे हाथ रख उन्हें उठाने लगा दीदी ने अद्खुली पलकों से मुझे देख के कहा "क्या हुआ सोनू " मैंने कहा "दीदी मुझे डर लग रहा है " दीदी ने कहा " आजा यहाँ पे आजा मेरे बेड पे यहाँ सोजा मेरे पास और अब डिस्टर्ब मत करना " मैंने कहा " ठीक है दीदी " अब मैं दीदी के बेड पे उनके बिलकुल पास लेटा हुआ था दीदी मेरी तरफ मुंह करके सो रही थी मेरा लंड खड़ा था


मैंने धीरे धीरे अपना हाथ दीदी की झांघ पे रखा और धीरे धीरे अपना हाथ उनकी कोमल और नरम झांघ पे फेरने लगा फिर मैं अपना हाथ धीरे धीरे ऊपर की तरफ लेके जाने लगा मुझे दीदी की पेंटी की लाइन महसूस हुई मैंने अपना हाथ फेरना जारी रखा और अब मेरा हाथ दीदी की गांड तक पहुँच गया था मैं अपना हाथ दीदी की गांड पे फेरने लगा उनकी गांड को सहलाने लगा फिर मैंने अपना हाथ दीदी की गांड पे से और ऊपर उनके टॉप और उनकी शमीज के अंदर दीदी की पीठ की तरफ किया आज उनकी पीठ पूरी नंगी थी आज दीदी ने ब्रा नहीं पहनी थी मैंने थोड़ी देर दीदी की नंगी पीठ पे हाथ फेरा फिर अपना हाथ निकाला और दीदी के हाथ पर अपना हाथ रखा और धीरे से उनका हाथ अपने लोअर पे से अपने खड़े हुए लंड पर टच करवाया मुझे 1 करंट सा लगा फिर मैं अपने होंठ दीदी के होंठो की तरफ लेके गया और उन्हें धीरे से किस किया आज मैंने पहली बार अपनी दीदी को किस किया था दीदी को किस करना मेरा बहुत ही अलग अनुभव था दीदी को किस करने के बाद मैं और ज्यादा मदहोश हो गया था बहुत नरम और कोमल होंठ थे मेरी प्यारी दीदी के मैं फिर धीरे से अपना हाथ दीदी के टॉप पर लेके गया और उनके टॉप पे से उनके नरम बोबे दबाये कितने मुलायम बोबे थे दीदी के मैं थोड़ी देर तक उनके बोबे दबाता रहा फिर


मैंने दीदी के होठो पे वापस किया और उन्हें किस करते करते मैं उनके बोबे दबाने लगा अब मैंने अपना लोअर उतार दिया मेरा लंड बाहर आ गया था अब मैं नंगा दीदी के साथ उन्ही के बेड पे था मैंने दीदी का हाथ लिया और उनके हाथ मैं अपना नंगा लंड पकडाया और धीरे धीरे ऊपर नीचे करने लगा और उनके बोबे दबाना लगा फिर उन्हें किस करने लगा फिर मैंने उनके पेट पर अपना हाथ रखा और धीरे धीरे उनका टॉप और उनकी शमीज ऊपर करने लगा और दीदी के नंगे बोबे मेरे सामने थे आज मैंने बड़े ध्यान से और आराम से अपनी दीदी के प्यारे बोबो को देखा उनके बोबे गोरे गोरे और मोटे मोटे थे और उनके निप्पल ब्राउन कलर के बहुत छोटे छोटे थे मैंने पहले दीदी के नंगे बोबो पे अपना हाथ फेरा उन्हें दबाया उन्हें सहलाया फिर उन्हें किस किया और फिर उनका 1 निप्पल अपना मुह मैं ले लिया आज मैंने पहली बार अपनी दीदी का निप्पल मुह मैं लिया था मैं उनके निप्पल को चूसने लगा दीदी का निप्पल खड़ा हो चूका था मैंने दीदी के पूरे बोबे को अपने मुह में लिया और चूसने लगा दीदी के बोबे को चूसते चूसते अपने आप ही मेरा हाथ दीदी के दोनों जाँघों के बीच उनकी चूत पे चला गया मैं दीदी की कैप्री के ऊपर से उनकी पूरी चूत पे अपना हाथ फेरने लगा फिर मैंने दीदी का दूसरा बोबा चूसना चालू किया और अपना हाथ दीदी की केप्री के अंदर डाल दिया और उनकी पेंटी के ऊपर से उनकी चूत पे सामने की तरफ से ऊपर से लेके नीचे तक पूरी चूत में अपना हाथ फेरने लगा मैं तो बिलकुल ही ये भूल चूका था की मैं ये सब तब कर रहा था जब दीदी सो रही थी
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03-11-2020, 10:39 AM,
#15
RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
फिर मैंने दीदी की केप्री उतारने की सोची लेकिन उनकी कैप्री का इलास्टिक बहुत टाइट था वो नीचे नहीं हुई अब मैंने दीदी की केप्री और चड्डी उतारने का विचार त्याग दिया और मैं वापस दीदी के बोबे चूसने लगा और उनकी केप्री के अंदर से उनकी पेंटी पे से उनकी चूत पे हाथ फेरने लगा मैं बहुत ज्यादा गरम हो चूका था मैंने अपना लोअर थोडा सा दीदी के पेरो पे डाला और थोडा सा चादर पे ताकि मुट यहाँ वहां ना गिर जाए फिर मैंने दीदी के बोबो को उनके निप्पल को चुसना चालू किया और अपने हाथ से दीदी का हाथ पकड़ा और उनके हाथ से अपना नंगा लंड पकड़वाया और उसे ऊपर नीचे करने लगा मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था दीदी के हाथों में तो जादू था मैं जल्दी जल्दी दीदी के बोबे चूसने लगा और जल्दी जल्दी उनके हाथ से अपना लंड हिलाने लगा थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया आज मेरा बहुत सारा मुट निकला था आज मैं बहुत संतुष्ट था थोड़ी देर बाद मैं सही हुआ मैंने अपने पास देखा मेरी आधी नंगी दीदी मेरे साथ बेड पे थी मैंने दीदी के होठो पे वापस बहुत ही गहरा और लंबा किस किया फिर उनके कपडे ठीक किये अपना लोअर हटाया उसे छुपा के नया लोअर पेहेन के दीदी के पास आके लेट गया मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी सुबह हुई तो दीदी ने मुझे उठाया "सोनू उठ जा स्कूल जाना है " मैं उठा फिर दीदी मेरे पास आई और बोली "क्यों डर गया था कल तू क्या हुआ ".......


फिर मैंने दीदी की केप्री उतारने की सोची लेकिन उनकी कैप्री का इलास्टिक बहुत टाइट था वो नीचे नहीं हुई अब मैंने दीदी की केप्री और चड्डी उतारने का विचार त्याग दिया और मैं वापस दीदी के बोबे चूसने लगा और उनकी केप्री के अंदर से उनकी पेंटी पे से उनकी चूत पे हाथ फेरने लगा मैं बहुत ज्यादा गरम हो चूका था मैंने अपना लोअर थोडा सा दीदी के पेरो पे डाला और थोडा सा चादर पे ताकि मुट यहाँ वहां ना गिर जाए फिर मैंने दीदी के बोबो को उनके निप्पल को चुसना चालू किया और अपने हाथ से दीदी का हाथ पकड़ा और उनके हाथ से अपना नंगा लंड पकड़वाया और उसे ऊपर नीचे करने लगा मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था दीदी के हाथों में तो जादू था मैं जल्दी जल्दी दीदी के बोबे चूसने लगा और जल्दी जल्दी उनके हाथ से अपना लंड हिलाने लगा थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया आज मेरा बहुत सारा मुट निकला था आज मैं बहुत संतुष्ट था थोड़ी देर बाद मैं सही हुआ मैंने अपने पास देखा मेरी आधी नंगी दीदी मेरे साथ बेड पे थी मैंने दीदी के होठो पे वापस बहुत ही गहरा और लंबा किस किया फिर उनके कपडे ठीक किये अपना लोअर हटाया उसे छुपा के नया लोअर पेहेन के दीदी के पास आके लेट गया मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी सुबह हुई तो दीदी ने मुझे उठाया "सोनू उठ जा स्कूल जाना है " मैं उठा फिर दीदी मेरे पास आई और बोली "क्यों डर गया था कल तू क्या हुआ "....
मैंने दीदी के होठो पे वापस बहुत ही गहरा और लंबा किस किया फिर उनके कपडे ठीक किये अपना लोअर हटाया उसे छुपा के नया लोअर पेहेन के दीदी के पास आके लेट गया मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी सुबह हुई तो दीदी ने मुझे उठाया "सोनू उठ जा स्कूल जाना है " मैं उठा फिर दीदी मेरे पास आई और बोली "क्यों डर गया था कल तू क्या हुआ ".........
अब आगे - मैंने दीदी से कहा "वो दीदी मुझे बाहर से कुछ आवाजें आ रही थी इसलिए मुझे डर लग रहा था लेकिन आप कल रात को इतनी ज्यादा गहरी नींद में कैसे सो रही थी " दीदी ने बोला " अरे सोनू वो विवेक सर की टेंशन के कारण परसों नींद ही नहीं आई और कल मम्मी ने खांसी की दवाई भी दे दी थी तो उससे और ज्यादा नींद आ गयी चल अब तैयार हो जा फटाफट स्कूल के लिए " फिर हम दोनों स्कूल के लिए हमारी स्कूल बस का वेट करने लगे बस आयी तो मैंने देखा की बस का कंडेक्टर मेरी दीदी को घूर घूर के देख रहा था फिर जेसे ही दीदी बस म चडी तो कंडेक्टर ने धीरे से अपना हाथ दीदी की गांड पे फेरा उसने ऐसा इतने ध्यान से किया की किसी ने नोटिस नहीं किया लेकिन वो मैंने देख लिया था थोड़ी देर बाद हम स्कूल पहुंचे स्कूल मे कुछ ख़ास नहीं हुआ...
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03-11-2020, 10:39 AM,
#16
RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
शिप्रा दीदी

1 बजे हम स्कूल से घर पहुंचे घर पहुँच के देखा तो डाइनिंग टेबल पे 1 लड़की बैठी हुई थी और खाना खा रही थी मैंने दीदी से पूछा " ये कौन है दीदी " दीदी ने कहा "स्टुपिड मुझे क्या पता मैं भी तो स्कूल से आई हु अभी अभी तेरे साथ " इतने में मम्मी ने बोल "अरे बच्चो आ गए तुम देखो तो कौन आया है "


उस लड़की ने पीछे मुड के देखा तो दीदी चिल्ला पड़ी " माय गॉड शिप्रा दीदी आप कब आये " और दीदी भाग के उनके गले लग गयी शिप्रा दीदी को मैं नहीं पहचान पाया क्योंकि मैं उनसे बचपन में मिला था वो मेरी मौसी की लड़की थी जो बी कॉम फाइनल इयर में थी बहुत ही सेक्सी लग रही थी वो दीदी से खूब गले मिली और बोली " ओहो मेरी प्रीती बहुत बड़ी हो गयी तू तो कौनसी क्लास में है तू " दीदी ने कहा " दीदी 12 th में हू और आप क्या कर रहे हो आजकल " तो शिप्रा दीदी ने बोला " मेरा बी कॉम का फाइनल इयर चल रहा है " फिर शिप्रा दीदी ने मेरी दीदी को साइड मे किया और मुझे देख के बोली "ओ हेल्लो मिस्टर कौनसी दुनिया में हो , तूने तो मुझे पहचाना ही नहीं होगा छोटा सा था जब मैं मिली थी तुझसे " मुझे तो शिप्रा दीदी की कोई बात सुनाई ही नहीं दीक्योंकि मैंने उन्हें देखा तो देखता ही रह गया



ब्लैक कलर का टॉप ब्लू कलर की जींस लम्बे बाल सर पे गोगल लगा हुआ होंठो पे लाइट ब्राउन कलर का लिप ग्लॉस 1 हाथ में घडी और 1 हाथ मे बेन्गल्स वो बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रही थी वो मेरे पास आई और चुटकी बजा के बोली "ओये दीन दुनिया से बेखबर कौनसी दुनिया में है पहचाना या नहीं " मैंने ना में सर हिला दिया उन्होंने कहा "भोंदूमल मैं शिप्रा हु तेरी मौसी की लड़की अब कुछ याद आया " इतने में मम्मी बोल पड़ी " अरे शिप्रा इसे कहाँ से याद होगा ये तो बहुत ही छोटा था तब फिर तुम मिले भी तो नहीं उसके बाद " तो शिप्रा दीदी ने कहा "अरे तो अब मिल लेंगे मौसी , कौनसी क्लास मे है तू भोंदूमल " मैंने कहा "10th में " तभी दीदी ने बोल " शिप्रा दीदी आज इतने सालो बाद 1 दम से कैसे आना हुआ " तो शिप्रा दीदी ने कहा "अरे यार मेरे फाइनल इयर के एग्जाम आने वाले है तो 2 - 3 बुक्स है जो मिल नहीं रही है बस वही लेने आई थी यहाँ से परसों निकलने का प्लान है "

इसपे दीदी बोली "क्या दीदी इतने सालो बाद आये हो और बस 2 दिन में चले जाओगे थोडा तो रुको " तो शिप्रा दीदी ने कहा "अरे प्रीती अभी एग्जाम है बाद में आउंगी फिर छुट्टियों में " मैं तो छुप छुप के बस शिप्रा दीदी को ही देख रहा था वो बहुत सेक्सी थी मैं उनका दीवाना हो चूका था उन्होंने v नैक का टॉप पेहेन रखा था जिसमे से उनके कंधो पर से उनकी ब्रा की 1 स्ट्रेप दिख रही थी शिप्रा दीदी ने वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी थी मेरी नजरे उनके पूरे बदन पे थी उनके टॉप में से उनके बोबे बाहर आ रहे थे फिर नीचे टॉप उनके पेट से चिपका हुआ था और जीन्स में से उनकी प्यारी कोमल गांड बाहर आ रही थी मैं उनके टॉप के गले में से उनके बोबे देखने की कोशिश कर रहा था इतने में मम्मी ने कहा "अरे शिप्रा तू नहा के फ्रेश हो जा और रेस्ट कर ले थोड़ी देर " शिप्रा दीदी ने कहा "जी मौसी " और कुर्सी पे से उठते हुए अपने सेंडल उठाने लगी जैसे ही वो झुकी उनके टॉप के गले में से मुझे अंदर का नजारा देखने का मौका मिला मुझे शिप्रा दीदी की ब्रा की थोड़ी सी झलक मिली

लेकिन तभी शिप्रा दीदी ने अपना मुह ऊपर करके बोला " अरे सोनू सुन तो " और उन्होंने मुझे उनके टॉप के गले में झांकते हुए पकड़ लिया मैंने जल्दी से अपनी नजरे हटा ली लेकिन मैं जनता था की शिप्रा दीदी मुझे देख चुकी है उनके टॉप के अंदर झांकते हुए वो थोडा सा मुस्कुराई शायद वो समझ गयी थी की मैं क्या देख रहा था उन्होंने मुझसे कहा "अरे सोनू सुन मुझे 2 शेम्पू का पाउच ला के दे " मैंने कहा " हाँ दीदी " मैंने सोचा की बाल बाल बच गए आज तो फिर मैंने सोचा की शिप्रा दीदी नहाने जाने वाली है तो क्यों ना उन्हें नंगी देखा जाये मैं जल्दी से शेम्पू के पाउच लेके आया उन्हें दिए और अपने रूम में जाके बैठ गया थोड़ी देर में शिप्रा दीदी नहाने गयी उन्होंने दरवाजा बंद किया और इतने मैं मेरी दीदी रूम में आगयी और बोली "ओये तुझे मम्मी बुला रही है जा " मुझे इतना गुस्सा आया अपनी दीदी पर की यार इसे भी अभी ही आना था क्या खैर मैंने सोचा चलो रहने दो बाद में देखेंगे कभी और बहार चला गया थोड़ी देर बाद शिप्रा दीदी नहा के बाहर आयी बहुत ही सेक्सी लग रही थी

गीले गीले बाल गोरा चेहरा डार्क ब्लू कलर का स्लीवलेस टॉप चेक्स वाला पजामा चिकने चमकते हाथ वो बहुत सेक्सी लग रही थी थोड़ी देर बाद शिप्रा दीदी और मेरी दीदी दोनों बैठ कर टीवी देखने लगे मैं चुपके से बाथरूम में गया और वहा पे शिप्रा दीदी की ब्रा और पेंटी ढूँढने लगा फिर मैंने देखा की उन्होंने अपने टॉवल के नीचे अपनी ब्रा और पेंटी धोके सुखा रखी थी मैंने उनकी पेंटी उठाई और उसे सूंघने लगा और शिप्रा दीदी की ब्रा को अपने मुह पे रगड़ने लगा उनकी पेंटी में से बहुत ही कातिल और कमसिन खुशबु आ रही थी मेरा लंड खड़ा हो चुका था मैंने शिप्रा दीदी की पेंटी अपने पूरे नंगे लंड पे फेरी मैं उनकी पेंटी अपने लंड पर लपेट ही रहा था रहा था की तभी मम्मी ने मुझे आवाज लगायी मैंने जल्दी से शिप्रा दीदी की ब्रा पेंटी वापस उसी जगह रखी खुद को नार्मल किया और बाहर आया मुझे देख " मम्मी ने बोला कहाँ घूम रहा है शिप्रा दीदी बुला रही है ना कम से कम ढंग से मिल तो ले उनसे

मैंने कहा " हाँ मम्मी " मैं जाके शिप्रा दीदी के साथ बैठ गया उन्होंने मुझे देखते ही बोला "और हमारे छोटू मोटू सोनू यहाँ तो आओ " मैं उनके पास चला गया शिप्रा दीदी ने मुझे हग कर लिया और उनके बदन की इतनी कामुख खुशबु थी और उनके बोबे मेरी छाती को छू रहे थे इन सब से मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा हो गया और मेरा खड़ा लंड हलके से उनके पैर पे लग गया उन्होंने मुझे अलग किया और वो फिर मुझे देख के फिर से मुस्कुराई शायद उन्हें पता चल चुका था की मेरा लंड खड़ा हुआ था हम लोगो ने थोड़ी सी बातें की फिर रात का खाना खाने बैठ गए हम खाना खा रहे थे तो पापा ने मम्मी से पुछा की "शिप्रा के सोने का एडजस्टमेंट कहा किया 1 काम करो मैं ड्राइंग रूम में सो जाता हू तुम शिप्रा के साथ सो जाना " तो मम्मी ने कहा "नहीं जी मैंने सोनू और प्रीती के जो बेड अलग अलग थे उनको मिला दिया है तो तीनो बच्चे साथ में आराम से सो जाएँगे " मैंने मन ही मन सोचा की काश शिप्रा दीदी मेरे पास सो जाये हम लोगो ने खाना खत्म किया और सोने के लिए अपने रूम में आ गये दीदी ने कहा की "शिप्रा दीदी आप हम दोनों के बीच सोना ताकि हम दोनों आपसे बात कर सके " शिप्रा दीदी ने कहा " ठीक है "

थोड़ी देर बाद हम लोग सो गए शिप्रा दीदी मेरे पास ही सो रही थी मैं सोच रहा था की क्या करू नींद में शिप्रा दीदी के बदन को हाथ लगाऊं या नहीं वो जग गई तो अगर उन्हें पता चल गया तो मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था 1 घंटे बाद मैंने अपना हाथ शिप्रा दीदी की तरफ किया मैंने अपना हाथ उनके चादर के अंदर उनके पजामे के ऊपर से उनके घुटने पे रखा उन्होंने कुछ रियेक्ट नहीं किया फिर मैं अपना हाथ धीरे धीरे ऊपर ले जाना लगा उनकी झांगो की तरफ उन्होंने कुछ रियेक्ट नहीं किया फिर मैं धीरे धीरे अपना हाथ उनकी झांगो पे फेरने लगा फिर मैं धीरे धीरे अपना हाथ उनकी दोनों झांगो के बीच डालने लगा तभी उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया मैं बुरी तरह से डर गया मैंने अपना हाथ बाहर खींच लिया तभी शिप्रा दीदी ने मेरे कान में बोला "सोनू मैं अभी सोयी नहीं हू जब सो जाऊ तब करना " मेरी तो हालत ख़राब हो गयी



उन्होंने फिर मेरे कान में बोला "क्या करना चाहता है बोल " मैं कुछ नहीं बोला मेरी डर के मारे हालत ख़राब हो गयी थी तभी शिप्रा दीदी ने अपने हाथ से मेरे खड़े हुए लंड को पकड़ लिया मेरे लोअर पे से और मेरे कान में बोली "तूने जबसे मेरे टॉप के अंदर देखा है तब से ये ऐसे ही खड़ा है ना " मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था की ये हो क्या रहा है तभी अचानक शिप्रा दीदी ने मेरे लोअर में अपना हाथ डाल दिया और मेरे नंगे खड़े लंड को अपने हाथ से पकड़ लिया और मेरे लंड के टोपे पे अपनी उंगलिया फिराते हुई मेरे कान में बोली "अरे वाह सोनू तू तो बहुत बड़ा हो गया है " मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था शिप्रा दीदी मेरे लंड पे हाथ फेर रही थी और मुझे बहुत डर लग रहा था मैंने डरते डरते और रुआंसा होते हुए कहा "प्लीज शिप्रा दीदी मम्मी से मत कहना प्लीज " शिप्रा दीदी ने मेरे लंड पे अपना हाथ फेरते हुए मेरे कान मे बोला " अरे नहीं बोलूंगी बोलना होता तो पहले ही बोल देती जब दिन में तू मेरी ब्रा की स्ट्रेप देख रहा था मेरे टॉप में झाँक रहा था जब तू बाथरूम मैं मेरी अंडर गारमेंट्स से खेल रहा था तुझे क्या लगता है मुझे नहीं पता था क्या हम लडकियों को सब पता होता है समझा मेरे भोंदूमल , अच्छा ये बता की पहले ये सब किसी के साथ किया है "
मैंने कहा "नहीं दीदी " तो दीदी ने कहा "गुड आयी लव वर्जिन्स " तभी शिप्रा दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी दोनों झांगो के बीच डाल दिया और मेरे कान में बोली "बता क्या क्या देखना चाहता है कहाँ कहाँ हाथ लगाना चाहता है " अब मैं थोडा रिलैक्स था और शिप्रा दीदी अपने हाथ से लगातार मेरे लंड को सहला रही थी इसलिए मैं मदहोश भी हो चुका था मैंने कहा " शिप्रा दीदी सबसे पेहले मैं आपके बोबो पे हाथ फेरना चाहता हूँ " शिप्रा दीदी ने कहा " हाँ ले न फेर न तुझे अच्छे लगते है क्या मेरे बोबे " और वो मेरा हाथ अपने टॉप पे ले गयी अपने बोबो पे और बोली "ले तेरा हाथ मेरे बोबो पे है अब बोल क्या करना चाहता है " मैंने शिप्रा दीदी के बोबो को दबाया और शिप्रा दीदी के बोबे पे हाथ लगते ही मैं पागल हो गया मैं पलट के शिप्रा दीदी के ऊपर चढ़ गया और उन्हें होंठो पे किस करने लगा वो भी मेरे बालो में अपना हाथ फेरने लगी और मुझे किस करने लगी लेकिन तभी उन्होंने मुझे रोका और कहा " यहाँ नहीं सोनू प्रीती पास में ही सो रही है कहीं और चलते है चल छत पे चलते है "
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03-11-2020, 10:39 AM,
#17
RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
मैंने कहा " दीदी छत पे तो आस पास सब ऊपर ही सोते है चलो जीने तक ही चलते है " और शिप्रा दीदी और मैं जीने पे चल दिए जीने पे पहुँचते ही मैंने उन्हें दीवार से सटाया और उन्हें पागलों की तरह किस करने लगा वो भी मुझे वेसे ही किस करने लगी मैं किस करते हुए उनके बोबे दबा रहा था फिर मैंने नीचे उनकी गर्दन पे स्मूच करना चालू किया शिप्रा दीदी मेरे बालो में हाथ फेर रही थी फिर मैं नीचे गया और उनका टॉप इतनी जोर से खींचा की वो थोडा सा फट गया मैंने उनका टॉप उतार के फेंक दिया अब शिप्रा दीदी मेरे सामने अपनी ब्लैक ब्रा में थी मैंने उनकी ब्रा के दोनों कप नीचे कर दिए और शिप्रा दीदी के बोबे मेरी आँखों के सामने नंगे हो गए उनके निप्पल डार्क ब्राउन कलर के थे उनके दोनों निप्पल खड़े हुए थे मैंने उनके 1 बोबे अपने मुह में लिया और चुसना चालू किया शिप्रा दीदी के मुह से सिसकियाँ निकलने लगी फिर मैं उनके दोनों बोबे चूसने लगा और वो मेरे बालो में हाथ फेर रही थी मैं और नीचे गया और उनके पेट पे स्मूच करने लगा फिर मैंने उनकी नाभि में अपनी जीभ डाल दी और उसे गोल गोल घुमाने लगा उनकी नाभि में जीभ घुमाते हुए मैं उनके बोबे भी दबा रहा था शिप्रा दीदी की सिसकियाँ बढती जा रही थी



फिर मैंने उनका पजामा उतार फेंका शिप्रा दीदी ने पिंक कलर की स्ट्राइप्स वाली लो वेस्ट पेंटी पेहेन रखी थी मैंने अपना मुह उनकी पेंटी पे से उनकी चूत पे रखा उनकी चूत बहुत ही ज्यादा गरम थी मैंने शिप्रा दीदी की पेंटी पे से उनकी चूत पे किस किया अपने होंठो से उनकी चूत पे स्मूच किया और उनके दोनों निप्पलो को अपनी उंगलियों से गोल गोल घुमाने लगा शिप्रा दीदी मेरे बालों में हाथ फेर रही थी शिप्रा दीदी की पेंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी फिर मैंने शिप्रा दीदी की पेंटी भी उतार दी अब शिप्रा दीदी मेरे सामने पूरी नंगी थी उनकी चूत बिलकुल चिकनी थी और बहुत ज्यादा गीली थी उनके डिस्चार्ज के कारण मैंने उनकी नंगी चूत के ऊपर की तरफ थोड़ी सी स्किन बाहर निकल रही थी उसपे अपने होंठ रखे शिप्रा दीदी सिहर उठी फिर मैंने उनकी चूत की दोनों स्किन को अलग किया और उसके अंदर अपनी जीभ डाल दी अब शिप्रा दीदी मेरे बालों को खींचने लगी कभी वो मेरे बालो को खींचती कभो मेरे सर को अपनी चूत पे धक्का देती मैं लगातार उनकी चूत चाटता रहा मेरे दोनों हाथ उनके बोबो पे थे और मेरी जीभ शिप्रा दीदी की चूत में शिप्रा दीदी बहुत तेज तेज और लम्बी लम्बी सांसें ले रही थी



फिर मैंने उनकी चूत के होल पे अपनी जीभ रखी और उसे गोल गोल घुमाने लगा अब शिप्रा दीदी बहुत ही जोर जोर से सिसकियाँ लेने लगी वो बहुत जल्दी जल्दी मेरे बालों पे अपनी उँगलियाँ चलाने लगी मैं भी शिप्रा दीदी की चूत में अपनी जीभ ऊपर नीचे घुमाने लगा और उनकी पूरी चूत को चाटने लगा और जोर जोर से उनके बोबे दबाने लगा उनके निप्पलो को गोल गोल घुमाने लगा तभी उनके मुह से आवाज निकली " आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सोनॊऒऒ "और उनकी चूत से बहुत सारा पानी निकल गया मैं उनकी चूत का सारा पानी चाट गया और वापस उनकी चूत चाटने लगा फिर थोड़ी देर बाद मैं अपनी ऊँगली उनकी चूत में डालने लगा तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली "सोनू तू मुझे बहुत जन्नत दिखा चूका अब मेरी बारी है तुझे असली जन्नत दिखाने की तूने आज तक ऐसी जन्नत नहीं देखी होगी " ये कह के शिप्रा दीदी ने मुझे खड़ा किया और मुझे जोरदार किस किया फिर मेरे गले पे किस किया एसे वो मेरे पूरे बदन को चूमते चूमते नीचे जाने लगी फिर वो घुटनों के बल बैठी मेरा लोअर उतारा और मेरा लंड उनकी आँखों के सामने आ गया उन्होंने मेरे लंड पे किस किया मेरी तो आँखें ही बंद हो गयी शिप्रा दीदी के कोमल होंठ मेरे लंड पे लगते ही



फिर उन्होंने मेरे पूरे लंड को किस करने के बाद उसे अपने मुह में ले लिया मैं तो जेसे दूसरी दुनिया में था शिप्रा दीदी अपने होंठो और जीभ से मेरे लंड को चूसने लगी चाटने लगी मुझे बहुत ही मजा आ रहा था मैं शिप्रा दीदी के बालो में अपने हाथ फेरने लगा मैंने नीचे देखा तो मेरा लंड शिप्रा दीदी के मुह में था और वो मेरी तरफ देख रही थी मेरे लंड को चूसते हुए हम दोनों की नजरे मिली फिर शिप्रा दीदी ने मेरा हाथ पकड़ के अपने बोबे पे लगाया मेरे हाथ पहले शिप्रा दीदी के बालो पे थे फिर उनके कंधे से होते हुए उनके बोबे पे चले गए शिप्रा दीदी मेरा लंड चूस रही और मैं उनके बोबे दबा रहा था फिर मैं 1 हाथ से शिप्रा दीदी का बोबा दबाने लगा और दुसरे हाथ से उनके बाल सहलाने लगा शिप्रा दीदी ने मेरा लंड जल्दी जल्दी चुसना शुरू कर दिया मैं भी जल्दी जल्दी शिप्रा दीदी का बोबा दबाने लगा मेरा मुट निकलने ही वाला था मैंने शिप्रा दीदी के दोनों बोबे अपने हाथो में पकड़ लिए और उन्हें जोर जोर से दबाने लगा शिप्रा दीदी भी जल्दी जल्दी मेरा लंड चूसने लगी और तभी मेरा मुट निकल गया मेरा सारा मुट शिप्रा दीदी के मुह मे निकल गया जिसे वो निगल गयी और मेरे लंड को साफ़ कर दिया उन्होंने मेरा लंड अपने मुह से निकाला हम दोनों की नजरे 1 दुसरे से मिली शिप्रा दीदी खड़ी हुई फिर हम दोनों ने 1 प्यारा सा लम्बा सा किस किया मैंने शिप्रा दीदी से बोला " आयी लव यू दीदी " तभी मम्मी की आवाज आयी "कौन है वहा "............

मैंने थोडा छुप के नीचे देखा तो सीडियो के पास मम्मी थी मैंने जल्दी से अपना लोअर पहना और अपने बाल सही किये और शिप्रा दीदी ने अपनी ब्रा पेंटी उठाई मैंने शिप्रा दीदी को अँधेरे में छुपाया और इससे पहले की मम्मी लाइट जलाती मैंने नीचे आते हुए बोला " मैं हूँ मम्मी सोनू " मम्मी ने मुझे देखते हुए बोला " सोनू इतनी रात को ऊपर जीने पे क्या कर रहा है तू " मैंने कहा "मम्मी वो मुझे छत पे से कुछ आवाज आई थी तो वो चेक करने आया था "

मम्मी ने ऊपर आते हुए बोला " कहाँ से बता मुझे " मैंने मम्मी को रोकते हुए बोल " अरे मम्मी वो बिल्ली थी मैंने भगा दिया उसे चलो अब सो जाओ आप भी " मम्मी ने कहा " ठीक है बेटा तू भी सोजा " फिर मम्मी अपने रूम में चली गयी और गेट बंद कर लिया मैंने थोडा राहत की सांस ली और वापस जीने पे गया वहां जाके देखा तो शिप्रा दीदी अपने सारे कपडे पेहेन चुकी थी और थोड़ी सी डरी हुई खड़ी थी मुझे देखते ही उन्होंने बोला "आज तो बाल बाल बच गए सोनू , मेरा दिल तो अभी भी जोर जोर से धड़क रहा है " मैंने बोला "देखू तो दीदी " और ये कहते हुए मैंने उनके टॉप पे से उनका 1 बोबा पकड़ लिया और उसे दबाने लगा अपने हाथ से शिप्रा दीदी ने मेरा हाथ झटकते हुए बोला "पागल है क्या अगर मौसी वापस आगयी तो चल अब यहाँ से " और वो जाने लगी मैंने उनका हाथ पकड़ के उन्हें अपनी तरफ खींचा और हग कर लिया और उन्हें किस करने लगा

उन्हें किस करते हुए मैं अपने दोनों हाथ उनकी गांड पेफेरने लगा उनकी गांड को सहलाने लगा उसे दबाने लगा थोड़ी देर बाद वो अपने होंठ मुझसे छुडाते हुए बोली " अरे सोनू यार मरवाएगा क्या चल अगर मौसी वापस आ गयी तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी चल ना यार " मुझे उनकी बात सही लगी अगर मम्मी वापस आ जाती तो बचने का कोई चांस नहीं था और हो भी सकता है की वो वापस चेक करने के लिए आ जाये मैंने कहा " हाँ दीदी चलो " हम दोनों अपने रूम में आ गये शिप्रा दीदी ने पहले मेरी दीदी को चेक किया , वो गहरी नींद में सो रही थी फिर हम दोनों बेड पे लेट गए लेकिन आज मुझे जिस जन्नत का एहसास शिप्रा दीदी ने कराया था वो मैं अभी तक भूला नहीं था जब मैंने शिप्रा दीदी को वापस हग करके किस किया था तब से मेरा लंड वापस खड़ा हो गया था जो अभी तक खड़ा था

फिर शिप्रा दीदी पानी पीके मेरे पास लेटी और उनके लेटते ही मैंने उनके टॉप पे से उनके बोबे पे अपना हाथ रख दिया वो मुस्कुरा के मेरे कान में धीरे से बोली " हाँ हाँ अब तू थोड़ी ना मानेगा आखिर शेर के मुह खून जो लग गया है " मैंने कहा"दीदी खून नहीं आपका बोबा लग गया है" शिप्रा दीदी बोली "धत" मैं उनके टॉप पे से उनके बोबे दबाना लगा शिप्रा दीदी के मुह से धीरे से सिसकी निकली मैंने शिप्रा दीदी के कान में कहा "दीदी आपके बोबे कितने नरम नरम मुलायम मुलायम है" फिर मैंने अपना हाथ शिप्रा दीदी के टॉप के नीचे से उनके पेट पे रखा और उनके पेट को सहलाने लगा शिप्रा दीदी ने मेरे कान मे कहा "मत कर सोनू प्रीती पास में ही सो रही है "

लेकिन मुझे तो जेसे कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था मैं शिप्रा दीदी को वापस गरम करना चाहता था मैं उनके पेट को सहलाते हुए अपना हाथ उनके टॉप के नीचे से धीरे धीरे ऊपर लेके जाने लगा शिप्रा दीदी सिसकियाँ लेने लगी फिर मेरा हाथ उनकी ब्रा पे टच हुआ मैंने पहले उनके दोनों बोबे उनकी ब्रा पे से दबाये फिर उनकी ब्रा के दोनों कप्स को नीचे कर दिया शिप्रा दीदी के दोनों बोबे उनके टॉप के अंदर नंगे हो गए थे मैंने उनके 1 नंगे बोबे को दबाया और उनके निप्पल को अपनी ऊँगली से गोल गोल घुमाने लगा अब शिप्रा दीदी भी गरम हो चुकी थी उन्होंने मेरी तरफ करवट ली और अपने होंठ मेरे होंठो पे रख दिए और मुझे पागलो की तरह किस करने लगी

मैं भी उन्हें किस करने लगा और उनके दोनों नंगे बोबे दबाने लगा शिप्रा दीदी भी मुझे किस करते हुए अपना हाथ मेरे चादर में डालके नीचे ले गयी और लोअर पे से मेरे खड़े हुए लंड को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी शिप्रा दीदी के दोनों निप्पल खड़े हो चुके थे मैं उनके दोनों निप्पलो से खेलने लगा फिर मैंने शिप्रा दीदी के होंठ छोड़े और अपना हाथ उनके पेट से नीचे उनकी चूतकी तरफ लेके गया शिप्रा दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया मैं वापस उन्हें किस करने लगा थोड़ी ही देर में उनकी पकड़ ढीली हो गयी और मैंने जल्दी से अपना हाथ सीधे उनकी कैप्री के अंदर से उनकी पेंटी के अंदर डाल दिया

अब मेरा हाथ शिप्रा दीदी की नंगी और चिकनी चूत पे था मैं अपना हाथ उनकी पूरी चूत पे फेरने लगा उनकी नंगी चूत को अपने हाथ से सहलाने लगा उनकी चूत बहुत ही ज्यादा गीली थी धीरे धीरे शिप्रा दीदी अपनी टांगें खोलने लगी अब मेरा हाथ उनकी पूरी चूत में ऊपर नीचे हो रहा था शिप्रा दीदी पूरी तरह गरम हो चुकी थी वो मेरे होंठो को छोड़ ही नहीं रही थी और मैं भी उनके होंठो को चूसते हुए उनकी चूत को सहला रहा था फिर शिप्रा दीदी ने मुझे किस करते हुए मेरे लोअर के अंदर अपना हाथ डाल दिया और मेरे नंगे लंड को सहलाने लगी उसे ऊपर नीचे करने लगी

मैंने अपनी 1 ऊँगली शिप्रा दीदी की चूत के होल पे रखी और गोल गोल घुमाने लगा शिप्रा दीदी इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गयी की उन्होंने अपने दांत से मेरा 1 होंठ को काट लिया मैंने दर्द के कारण अपने होंठ उनसे छुडाये फिर मैंने अपनी उंगलियों से शिप्रा दीदी की clit को सहलाने लगा अब शिप्रा दीदी पागल हो चुकी थी उनकी आँखें बंद थी मैंने उनकी clit को सहलाना जारी रखा और उनकी गर्दन पे स्मूच करते हुए नीचे जाने लगा शिप्रा दीदी ने एकदम से मेरे बाल पकड़ लिए और धीरे से कहा "नहीं वहां नहीं मैं खुद पर काबू नहीं रख पाऊँगी जहाँ तुम्हारी उंगलिया है वहीँ सहलाते रहो मैं झरने वाली हूँ " मैं वापस उन्हें किस करने लगा और अपनी उंगलियों से उनके clit को जल्दी जल्दी सहलाने अब शिप्रा दीदी ने अपना हाथ मेरे लंड पे से हटा लिया और मेरे हाथ को पकड़ लिया मैं फिर भी सहलाता रहा थोड़ी ही देर में उन्होंने अपने नाखून मेरे कंधे पे गडा दिए और उसे रगड़ दिया और उनके मुह से 1 लम्बी सी सिसकी निकली "आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ....." मैंने उनकी आवाज को दबाने के लिए अपने होंठ उनके होंठ पे रख दिए

शिप्रा दीदी झर चुकी थी उनकी पूरी पेंटी उनकी चूत के डिस्चार्ज में गीली हो गयी थी मैंने अपना हाथ उनकी पेंटी में से निकाला और उसे चाटने लगा शिप्रा दीदी ये देख के मुस्कुराने लगी उन्होंने मुझे 1 प्यारा सा किस किया और अपने हाथ से मेरी चादर के अंदर मेरे लोअर को नीचे तक उतार दिया अब मैं चादर के नीचे बिलकुल नंगा था उन्होंने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और उसे हिलाने लगी मुझे थोड़ी देर तो मजा आया फिर मुझे थोड़ी सी अपने लंड पे जलन होने लगी मैंने शिप्रा दीदी से कहा " दीदी आपके हाथ और आपकी उंगली की अन्घूठी से मुझे थोड़ी सी जलन हो रही है " दीदी ने अपना हाथ निकाला और अपनी पेंटी के अंदर डाला फिर वापस मेरे लंड पे लगाया अब उनका हाथ चिकना हो गया था मैं समझ गया की शिप्रा दीदी अपनी चूत का डिस्चार्ज मेरे लंड को चिकना करने के लिए इस्तेमाल कर रही है अब उनका हाथ चिकना हो गया था वो जल्दी जल्दी मेरे लंड को हिलाने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं भी उनके नंगे बोबे दबाने लगा फिर मैंने शिप्रा दीदी से कहा की "दीदी प्लीज अपने मुह में लो न चूसो ना " शिप्रा दीदी ने कहा "नहीं सोनू बहुत रिस्क है प्रीती पास में ही सो रही है उसको पता लग जाएगा तू फ़िक्र मत कर मैं हाथ से ही मजा दे दूंगी "

और वो मेरे लंड को वापस हिलाने लगी मुझे मजा आ रहा था शिप्रा दीदी जल्दी जल्दी मेरे लंड को ऊपर नीचे करने लगी मैं भी उनके बोबे मसलने लगा फिर मुझे कुछ ध्यान आया और मैंने शिप्रा दीदी से कहा की " दीदी मुट निकलेगा तो चादर गन्दी हो जाएगी क्या करे " शिप्रा दीदी ने कुछ सोचा फिर अपनी चादर में हाथ डाला और मैंने धयान से देखा तो उन्होंने अपनी कैप्री पूरी उतार दी फिर अपनी पेंटी उतारी उसे अपने हाथ में लिया मैं समझ गया की उनका आईडिया क्या था उन्होंने अपनी पेंटी मेरे लंड पे रखी और वापस अपनी कैप्री ऊपर करने लगी मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और कहा "नहीं दीदी उसे नीचे ही रहने दो मैं वहां हाथ फेरते हुए झरना चाहता हूँ " शिप्रा दीदी मुस्कुराई और बोली "अच्छा हाथ तो छोड़ चादर तो ओड़ने दे "
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03-11-2020, 10:39 AM,
#18
RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
दीदी ने अपनी पेंटी मेरे लंड पे लपेटी और फिर उसे ऊपर नीचे करने लगी अब मुझे पहले से बहुत ज्यादा मजा आ रहा था मुझे पता था की मेरे लंड पे शिप्रा दीदी की पेंटी है और शिप्रा दीदी खुद उसे अपने हाथो से मेरे लंड पे लपेट कर मेरा लंड हिला रही है अब मेरा लंड बहुत ही चिकना हो गया था शिप्रा दीदी की पेंटी में बहुत ज्यादा डिस्चार्ज था इस वजह से उनके डिस्चार्ज की चिकनाई के कारण अब मेरा लंड आसानी से ऊपर नीचे हो रहा था शिप्रा दीदी ने मेरे लंड को हिलाते हुए मुझे किस करने लगी फिर मैंने शिप्रा दीदी की ब्रा का हुक खोल दिया और उनकी ब्रा उनके टॉप में से बाहर निकाल दी और उनके पूरे टॉप को उनके गले तक ऊपर कर दिया शिप्रा दीदी ने अपनी ब्रा अपने तकिये के नीचे रखी और वापस मुझे किस करने लगी और जल्दी जल्दी मेरा लंड ऊपर नीचे करने लगी मैं भी जल्दी जल्दी उनके बोबे दबाने लगा

उन्होंने कहा "अरे धीरे दबा ना यार कहीं भागी थोड़ी ना जा रही हूँ " मैंमुस्कुरा दिया और उनके बोबे दबाते हुए उन्हें किस करने लगा अब मैं झरने ही वाला था तभी मैंने शिप्रा दीदी से कहा की " दीदी मैं आपके बोबे चूसते हुए और आपके वहां हाथ फेरते हुए झरना चाहता हूँ " शिप्रा दीदी मुस्कुरा के बोली " धीरे धीरे तेरी इच्छाएं तो बढती ही जा रही है , रुक मैं कुछ करती हूँ " फिर उन्होंने मेरी तरफ करवट ली अपना हाथ अपने सर पे रख के अपने हाथ के बल लेट गयी इससे उनके दोनों बोबे मेरी तरफ भी हो गए और थोड़े से लटक भी गए फिर शिप्रा दीदी ने कहा "अब तू थोडा सा नीचे होजा और कर जो करना है " वो जल्दी जल्दी मेरा लंड हिलाने लगी और मैं उनके बोबे चूसने लगा फिर मैंने शिप्रा दीदी से कहा "दीदी अपनी झांगे तो खोलो मेरा हाथ वहां नहीं जा पा रहा " शिप्रा दीदी ने अपनी झांगे थोड़ी खोली और मैंने अपना हाथ उनकी दोनों झांगों के बीच डाल दिया और उनकी चूत सहलाने लगा

मुझे बहुत मजा आ रहा था मेरे मुह में शिप्रा दीदी का बोबा थामेरा हाथ उनकी नंगी चिकनी चूत पे था और वो अपने हाथो से मेरा लंड हिला रही थी अब शिप्रा दीदी ने जल्दी जल्दी मेरा लंड ऊपर नीचे करने लगी मैं भी उनके बोबे को चूसने लगा और उनकी चूत पे हाथ फेरने लगा मेरा मुट निकलने ही वाला था मैं इतना ज्यादा उत्तेजित हो गया की मैंने शिप्रा दीदी का निप्पल अपने दांत से काट लिया उनके मुह से आवाज निकली " आउच ....जंगली आराम से कर ना " मैं मुस्कुरा दिया और वापस उनका निप्पल चूसने लगा शिप्रा दीदी अपनी पेंटी को मेरे लंड के टोपे पे लपेट कर जल्दी जल्दी मेरे लंड को ऊपर नीचे करने लगी और मैं भी जल्दी जल्दी अपना हाथ उनकी चूत पे फेरने लगा और थोड़ी ही देर मैं मेरा मुट निकल गया मेरा सारा मुट शिप्रा दीदी की पेंटी पे निकल गया शिप्रा दीदी ने अपनी पेंटी से मेरा पूरा लंड साफ़ किया और फिर वो पेंटी अपने मुह के पास लायी और मेरा सारा मुट अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ़ कर दिया और मुझे आँख मारके मुस्कुराई

मुझे इसकी बिलकुल उम्मीद नहीं थी वो सीन और शिप्रा दीदी का आँख मारना इतना सेक्सी लगा की मैंने शिप्रा दीदी को उसी समय पकड़ा और 1 लम्बा किस किया फिर हम दोनों अलग हुए शिप्रा दीदी ने मेरे कान में कहा "मजा आया " मैंने कहा " बहुत दीदी और आपको " दीदी ने कहा "मुझे कितना मजा आया ये तो तुझे मेरी पेंटी से ही पता चल गया होगा ना " और हम दोनों मुस्कुरा दिए फिर शिप्रा दीदी ने कहा "हाँ तो अब ऊपर करलू क्या अपनी केप्री " मैंने कहा " नहीं दीदी ऐसे ही रहने दो ना " दीदी मुस्कुरा दी और अपनी केप्री ऊपर की अपनी ब्रा पहनी अपना टॉप नीचे किया और अपनी पेंटी को तकिये के नीचे रखा मैंने भी अपना लोअर ऊपर किया और फिर हम दोनों सो गए सुबह मेरी आँख खुली तो बेड पे मैं अकेला ही था शिप्रा दीदी और मेरी दीदी दोनों उठ चुके थे मैं लेटा हुआ कल रात के बारे में सोचने लगा तभी बाथरूम का गेट खुला और शिप्रा दीदी नहा के बाहर आयी उन्होंने वाइट कलर का सलवार सूट पहना हुआ था बहुत ही सेक्सी लग रही थी उन्होंने टॉवल से अपने गीले बाल पोछते हुए मुझे आँख मारी और बोला "गुडमोर्निंग ...."
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03-11-2020, 10:39 AM,
#19
RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
मैंने भी उन्हें मुस्कुरा के गुड मोर्निंग कहा और आँखों से इशारा करके अपने पास बुलाया शिप्रा दीदी दरवाजे के पास गयी इधर उधर देखा की कोई है तो नहीं और फिर मेरे पास आई और बोली "हाँ जी बोलो क्यों इशारे कर रहे हो " मैंने उनका हाथ पकड़ के अपनी तरफ खींच लिया वो खुद को संभाल नहीं पाई और मेरे ऊपर लेट गयी हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे मैंने उनके गीले बालों में हाथ फेरते हुए कहा "शिप्रा दीदी बड़ी सेक्सी लग रही हो यार " और उन्हें किस करने के लिए आगे बड़ा उन्होंने मेरे होंठ पर अपनी ऊंगली रख के मुझे पीछे करते हुए कहा "नहीं अभी नहीं कोई आ जायेगा" मैंने कहा "चेक किया ना आपने अभी कहाँ है सब " उन्होंने कहा "सब ड्राइंग रूम में बैठे है पेपर पढ रहे है" मैंने पलट के उन्हें बेड पे लिटा दिया और खुद उनके ऊपर लेट गया शिप्रा दीदी मेरे नीचे थी और मैं उनके ऊपर बहुत ही सेक्सी , कामुख और मदहोश कर देने वाली खुशबु आ रही थी उनके बदन में से मैंने उन्हें निहारते हुए बोला "तो एक छोटा सा किस तो दे दो " उन्होंने कहा "नहीं हिम्मत है तो खुद ले लो " मैंने उनके दोनों हाथ पकडे और उनके होंठो के पास अपने होंठ लेके गया उन्होंने अपना फेस घुमा लिया मैंने उनकी नाजुक गर्दन पे किस किया और कहा "किस दे रही हो या काट लूं यहाँ पे सबको दिख जायेगा " उन्होंने कहा "अच्छा बाबा लो " और उन्होंने अपना फेस सीधा कर लिया मैंने अपने होंठ शिप्रा दीदी के होंठो पे रखे और हम दोनों ने एक प्यारा सा किस किया वो मेरे होंठ चूस रही थी और मैं उनके , मैं अपना एक हाथ उनके गीले और खुशबुदार बालों में फेर रहा था और दूसरा हाथ उनके बोबे पे रखा तो उन्होंने मेरा हाथ झटक दिया और "कहा नहीं अभी नहीं अब चलो नहीं तो कोई देख लेगा "


ये कह के उन्होंने मुझे धक्का दिया और बेड से खड़ी हो गयी और फिर कांच में देख कर अपने बाल सुखाने लगी और बनाने लगी मैं थोड़ी देर तक उन्हें ऐसे ही देखता रहा फिर खड़ा हुआ और उनके पास गया वो अपने दोनों हाथ ऊपर करके अपने बालों में क्लिप लगा रही थी और मैंने पीछे से हाथ डालके उनके दोनों बोबे पकड़ लिए और उन्हें दबाने लगा उन्हें सहलाने लगा उन्होंने मेरे दोनों हाथ झटकते हुए कहा "बेशर्म इंसान जब देखो इन्ही के पीछे पड़े रहते हो कोई देख लेगा " ये कह के वो खिलखिलाके हंसती हुई रूम के बाहर चली गयी मैं भी उठ के अपना मुह धोके ड्राइंग रूम में गया वहां बस पापा मम्मी ही बैठे थे मैंने उन्हें गुड मोर्निंग कहा और मम्मी से पूछा "मम्मी प्रीती दीदी कहाँ है " मम्मी ने कहा "अरे वो उसकी फ्रेंड के गयी है पास में " मैंने कहा "सुबह सुबह " तो मम्मी ने कहा "हाँ उसने एक बुक मंगाई थी बसवही देने गयी है , अच्छा सोनू वो शिप्रा को बोल की चाय उबल गयी होगी तो छान के ला दे सबके लिए"

मैंने कहा "हाँ मम्मी " मैं किचन में गया तो शिप्रा दीदी चाये के पास ही खड़ी थी मैंने पीछे से जाके उनकी कमर को पकड़ लिया और उनकी पूरी पीठ पे किस करने लगा मैंने कहा "शिप्रा दीदी आज तो बहुत ही सेक्सी लग रही हो आप " फिर मैं पीछे से उनकी गर्दन पे किस करने लगा और उन्हें किस करते करते मैं अपना हाथ उनकी पतली सी सलवार पे से उनकी गांड पे फेरने लगा उनकी गांड बहुत ही कोमल थी फिर मैंने उनका हाथ पकड़ के उन्हें अपनी तरफ घुमाया उन्होंने कहा "सोनू पागल है क्या कोई देख लेगा " मैंने कहा "कोई नहीं देखेगा प्रीती दीदी है नहीं और पापा मम्मी बातें कर रहे है जब तक उनकी आवाजें हमें सुनाई दे रही है तब तक कोई प्रॉब्लम नहीं है " ये कह के मैं उन्हें किस करने लगा और उन्हें भी मेरी बात सही लगी और वो भी मुझे किस करने लगी मैंने उन्हें किस करते करते उनके बालो का क्लिप खोल दिया जिससे उनके बाल खुल गए

और मैं उन्हें किस करते हुए उनके बालो में हाथ फेरने लगा वो भी मेरे होंठो को चूस रही थी उन्हें किस करते करते मैंने अपना हाथ उनके बालों से निकाला और उनके बोबे पे रख दिया और उनके होंठ चूसते हुए उनके बोबे दबाने लगा शिप्रा दीदी के दोनों हाथ मेरे बालो में थे और मुझे किस करते हुए वो मेरे बालों में हाथ फेर रही थी थोड़ी देर तक हम ऐसे ही एक दूसरे के होंठ चूसते रहे फिर मैंने उन्हें अलग किया और उनकी आँखों में देखा तो उनकी आँखें नशीली और पूरी तरह से लाल हो चुकी थी मैं और उत्तेजित हो गया और उन्हें वापस किस करने लगा अब मैंने उन्हें किस करते हुए अपने हाथ नीचे से उनके कुर्ते के अंदर डाला आज शिप्रा दीदी ने कुर्ते के नीचे शमीज और उसके नीचे ब्रा पेहेन रखी थी मैंने उन्हें किस करते हुए पहले शमीज पे से उनके बोबे दबाये फिर उनकी शमीज में हाथ डालने के लिए उसे ऊपर करने की कोशिश की लेकिन वो ऊपर नहीं हुई शिप्रा दीदी ने शमीज अपनी सलवार के अंदर डाल रखी थी मैंने और थोडा जोर लगाया तो उनकी शमीज उनकी सलवार में से निकल गयी अब मैंने उनकी शमीज भी ऊपर कर दी और उन्हें किस करते हुए उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाने लगा फिर मैंने अपने दूसरे हाथ से शिप्रा दीदी का हाथ पकड़ा और उनके हाथ को अपने लंड पे लगाया अब शिप्रा दीदी लोअर पे से मेरे पूरे लंड पे अपना हाथ फेरने लगी मैं उन्हें किस कर रहा था और मेरा हाथ शिप्रा दीदी के कुर्ते में था उनकी ब्रा पे और शिप्रा दीदी का हाथ मेरे लंड पे था

तभी शिप्रा दीदी ने अपना हाथ मेरे लोअर के अंदर डाल दिया और लोअर के अंदर से मेरे नंगे लंड को सहलाने लगी मैं अब बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चूका था मैंने उसी समय शिप्रा दीदी को किचन की दीवार से सटा दिया और उन्हें किस करते करते उनका कुर्ता ऊपर करने लगा फिर मैंने शिप्रा दीदी के होंठ छोड़े और उनकी गर्दन पे स्मूच करने लगा उनकी गर्दन पे अपने होंठ फेरने लगा फिर मैं उनके सामने घुटनों के बल बैठ गया और उनका कुर्ता ऊपर कर दिया फिर उनकी शमीज ऊपर की फिर उनकी ब्रा भी ऊपर कर दी आज शिप्रा दीदी ने वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी थी उनकी ब्रा ऊपर करते ही उनके दोनों बोबे मेरी आँखों के सामने नंगे हो गए शिप्रा दीदी के दोनों बोबो के निप्पल खड़े हुए थे मैंने शिप्रा दीदी का एक बोबा अपने मुह में लिया और उसे चूसने लगा और उनके दूसरे बोबे को अपने हाथ से दबाने लगा शिप्रा दीदी के मुह से सिसकियाँ निकल रही थी उनकी आँखें बंद थी और उनके दोनों हाथ मेरे बालो में चल रहे थे

फिर मैंने उनके दुसरे बोबे को मुह में लिया और उसे चूसने लगा और पहले वाले बोबे के खड़े हुए निप्पल को अपनी उंगली से गोल गोल घुमाने लगा फिर मैं और नीचे गया और शिप्रा दीदी की नाभि पे किस किया फिर मैंने अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी और उनकी नाभि में अपनी जीभ गोल गोल घुमाने लगा उनकी नाभि में अपनी जीभ घुमाते हुए मैं उनके दोनों बोबे अपने दोनों हाथ से दबाने लगा फिर मैं और नीचे गया उनकी सलवार पे से उनकी चूत पे किस किया और उनकी सलवार का नाडा खोलने लगा शिप्रा दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया मैंने ऊपर देखा तो उन्होंने ना में अपना सर हिलाया मैं वापस ऊपर गया और उनके बोबे चूसने लगा फिर थोड़ी देर शिप्रा दीदी के बोबे चूसने के बाद मैं वापस ऊपर गया अब शिप्रा दीदी बेकाबू हो चुकी थी उन्होंने मुझे पागलों की तरह किस करना चालू कर दिया वो मेरे होंठो को चूसने लगी और मैं भी उन्हें किस करने लगा और किस करते हुए उनके नंगे बोबे दबाने लगा फिर मैंने अपना हाथ नीचे उनकी दोनों झांगो में डाल दिया और सलवार पे से उनकी पूरी चूत मसलने लगा


तभी मम्मी की ड्राइंग रूम से आवाज आई "शिप्रा चाय लिया बेटा जल्दी " शिप्रा दीदी ने मेरे होंठ छोड़े लेकिन मैं अभी भी उनकी चूत मसल रहा था शिप्रा दीदी ने कांपती और लडखडाती आवाज में कहा "हाँ मॊस्सी बस्स्स्स अभी लाअय्यीईई " लेकिन मैं शिप्रा दीदी को छोड़ ही नहीं रहा था मैं वापस उनके नंगे बोबे चूसने लगा और सलवार पे से उनकी चूत रगड़ने लगा शिप्रा दीदी का हाथ भी मेरे लोअर में था और वो भी मेरे नंगे लंड को मसल रही थी मैं वापस ऊपर गया अब हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे वो मेरी आँखों में देखते हुए मेरे नंगे लंड को रगड़ रही थी और मैं उनकी आँखों में देखते हुए उनकी सलवार पे से उनकी चूत को रगड़ रहा था फिर मैंने उनकी आँखों में देखते देखते अपना हाथ उनकी सलवार के अंदर उनकी पेंटी में डाल दिया और उनकी नंगी चूत को ऊपर से लेके नीचे तक रगड़ने लगा

फिर मैंने उनकी आँखों में देखते हुए अपनी एक उंगली उनकी चूत की दोनों स्किन के बीच डाल दी और उसे ऊपर नीचे करने लगा अब शिप्रा दीदी की आँखें बंद हो चुकी थी और वो बहुत लम्बी लम्बी सांसें ले रही थी फिर मैं उन्हें किस करने लगा उनके होंठ चूसने लगा और जल्दी जल्दी अपनी उंगली उनकी चूत के अंदर ऊपर नीचे करने लगा और तभी शिप्रा दीदी ने मेरे बालों को जोर से खींचते हुए मुझे एक लम्बा सा किस किया और शिप्रा दीदी झर गयी उन्होंने थोड़ी देर बहुत प्यार से मेरी आँखों में देखा और नीचे घुटनों के बल बैठ गयी और मेरा लोअर नीचे कर दिया मेरा नंगा खड़ा हुआ लंड उनकी आँखों के सामने था उन्होंने मेरे लंड पे किस किया फिर उन्होंने अपनी जीभ मेरे लंड के टोपे पे गोल गोल घुमाई फिर उन्होंने अपनी उंगली से मेरे लंड के छेद को थोडा सा चोडा किया और उसपे अपनी जीभ घुमाने लगी मैं तो हवा में था और
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03-11-2020, 10:39 AM,
#20
RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
फिर शिप्रा दीदी ने मेरा लंड अपने मुह में ले लिया मैं वापस उसी जन्नत में पहुँच गया वो मेरे लंड को चूसने लगी मैं शिप्रा दीदी के बालों में अपना हाथ फेरने लगा फिर शिप्रा दीदी मेरे लंड के टोपे को अपने होंठो से अंदर बाहर करने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर शिप्रा दीदी ने मेरी आँखों में देखा और मेरे लंड को अपने हाथ से ऊपर नीचे करने लगी फिर मेरी आँखों में देखते हुए ही उन्होंने वापस मेरा लंड अपने मुह में ले लिया और उसे चूसने लगी मेरा एक हाथ शिप्रा दीदी के बोबे पे गया और मैं उनका बोबा दबाने लगा वो भी जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी मैंने दूसरा हाथ उनके सर पे लगाया और अपने लंड पे धक्का दिया वो और जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी और तभी मेरा मुट निकल गया मेरा सारा मुट शिप्रा दीदी के मुह में निकल गया जिसे वो निगल गयी फिर वो खड़ी हुई हमने एक किस किया उन्होंने अपने कपडे सही किये मैंने अपना लोअर ऊपर किया और देखा तो चाय पूरी काली होके जल चुकी थी शिप्रा दीदी ने फटाफट वो पतीला धोया और नई चाय बनाने लगी तभी मम्मी के आने की आवाज आई मैं पानी पीने लग गया और शिप्रा दीदी चाय बनाने में मम्मी ने आके पुछा " क्या कर रही है शिप्रा क्या हुआ चाय का ये क्या नई चाय क्यों बना रही है क्या हुआ ".....

मम्मी ने शिप्रा दीदी से पूछा "अरे शिप्रा चाय तो मैं चड़ा के गयी थी तू नई क्यों बना रही है " शिप्रा दीदी ने जवाब दिया "अरे मौसी वो दूध फट गया था इसलिये नयी चाय बनाई " मम्मी ने कहा "ठीक है जल्दी से छान के लिया " और मम्मी किचन से बाहर चली गयी मम्मी के जाते ही मैंने शिप्रा दीदी को वापस पीछे से पकड लिया और पीछे से हाथ डालके उनके बोबे दबाने लगा और उनकी गर्दन पे किस करने लगा शिप्रा दीदी बोली "ओये अभी तो किया है इतना कुछ तेरा दिल नहीं भरा क्या " मैंने कहा " नहीं दीदी चलो वापस करते है ना आपका बदन तो बहुत प्यारा है " शिप्रा दीदी ने मेरा हाथ झटकते हुए कहा " पागल है क्या छोड़ मुझे कोई आ जाएगा हट जाने दे मुझे " मैंने उन्हें छोड़ दिया और किचन से बाहर अपने रूम में जाके लेट गया और जो भी अभी किचन में हुआ उस के बारे में सोचने लगा शिप्रा दीदी में कुछ बात तो थी उन्हें हमेशा छूने की इच्छा होती थी मैं सोचने लगा की जब शिप्रा दीदी चली जाएंगी तब मैं क्या करूँगा तभी शिप्रा दीदी की आवाज आई "सोनू चाय पी ले " मैं उठ के ड्राइंग रूम में गया और बैठ के सब के साथ चाय पीने लगा इतने में प्रीती दीदी भी अपनी फ्रेंड के यहाँ से वापस आ गई उन्होंने ग्रे कलर का टॉप और ब्लैक कलर की केप्री पेहेन रखी थी बड़ी सेक्सी लग रही थी प्रीती दीदी उनके पतले टॉप में से उनके मोटे बोबे बाहर निकल रहे थे शिप्रा दीदी के चक्कर में मैं अपनी दीदी को तो भूल ही गया था लेकिन सेक्सी तो दोनों ही थी प्रीती दीदी को देखते ही मम्मी ने कहा "अरे प्रीती बेटा आ गई दे दी बुक " प्रीती दीदी ने कहा " हाँ मम्मा " तो मम्मी ने कहा " चल आजा चाय पी ले " प्रीती दीदी ने मुझे देख के बोला "और आलसी इन्सान आज जल्दी कैसे उठ गया " और मेरे सर पे अपना हाथ फेरते हुए शिप्रा दीदी और मेरे बीच बैठ गयी

उनके पास बैठते ही मुझे पता नहीं क्या होने लगा उनके बदन की खुशबु उनके कोमल बदन का हल्का सा स्पर्श बहुत ही कातिल था मैं छुप छुप के प्रीती दीदी के टॉप में से उनके बाहर निकले हुए बोबो को देख रहा था तभी मम्मी ने कहा "अरे शिप्रा तू आज अपना मार्केट का काम करले आज लिया बुक्स वगेरह जो भी तुझे लाना है " शिप्रा दीदी ने कहा "हां मौसी प्रीती को भी ले जाती हु साथ में मुझे तो पता है नहीं रास्ते और दुकानों के बारे में " तभी प्रीती दीदी बोली " अरे शिप्रा दीदी आप पहले बताते ना मैंने तो आज मेरी फ्रेंड मिनी को बुला लिया घर पे वो आने वाली है 1 घंटे में हमें सिलेबस कम्पलीट करना है " तो शिप्रा दीदी कहा "तो फिर , चल तू रहने दे मैं अकेले ही मैनेज कर लुंगी " तभी प्रीती दीदी ने मेरे कंधे पे जोर से हाथ मारते हुए बोला "अरे ये है ना हमारे घर का सबसे बड़ा फालतू इन्सान इसे ले जाओ इसे कोई काम नहीं है " मैं मन ही मन खुश हुआ मैंने सोचा वाओ !!! दिन भर शिप्रा दीदी के साथ मस्ती करने का मौका इतने में मम्मी ने कहा "हाँ शिप्रा तू सोनू को लेजा साथ में , और सोनू तू चल जा तैयार हो जा शिप्रा तू भी तैयार हो जा जल्दी ही निकल जाओ फिर गर्मी ज्यादा हो जाएगी " मैंने कहा " ठीक है मम्मी " और उठ के तैयार होने चला गया मैं तैयार होके शिप्रा दीदी का वेट करने लगा थोड़ी देर बाद शिप्रा दीदी रूम से बाहर आई


आज तो बड़ी ही सेक्सी लग रही थी क़यामत ढा रही थी मैं तो थोड़ी देर तक उन्हें देखता ही रहा इतनी सेक्सी लग रही थी की जो देखे उसका खड़ा हो जाये उन्होंने बिलकुल डार्क ग्रीन कलर का सूट पेहेन रखा था खुल्ले काले लहराते चमकते हुए बाल जिनके के ऊपर गोगल लगा हुआ आँखों में काजल कान में बड़े बड़े इअर रिंग्स होंठो पे चमकता हुआ लिप ग्लॉस एक हाथ में घडी एक हाथ में ब्रेसलेट गोर चिकने हाथ गले में एक पतली सी चेन उनके गुलाबी कोमल बदन की खुशबू मैं तो उन्हें देखता ही रह गया उनके मोटे बोबे उनके चिपके हुए सूट के कुर्ते में से बाहर आ रहे जिन्हें उन्होंने अपनी चुन्नी से ढक रखा था उन्होंने आज अपने सूट की चुन्नी अपने सामने की तरफ डाल रखी थी मुझे इस तरह से उन्हें देखते हुए उन्होंने मुझसे कहा "ओये क्या हो गया " मैंने कहा " शिप्रा दीदी कितनी सेक्सी लग रही हो यार " फिर मैं उनके पास गया और जल्दी से उनका हाथ पकड़ के अपनी जींस पे से अपने लंड पे लगा दिया और कहा "देखो न आपको देखते ही पागल हो गया है " शिप्रा दीदी ने मुस्कुराते हुए अपना हाथ छुडाते हुए कहा "चुप कर बेशर्म इंसान चल अब "

शिप्रा दीदी ने स्कूटी स्टार्ट की चश्मा लगाया और मैं उनके पीछे बैठ गया मैंने कहा " चलो दीदी " शिप्रा दीदी स्कूटी चलाने लगी और मैं अपने दोनों हाथ उनके कंधे पे रख के बैठ गया थोड़ी देर बाद मैं अपने दोनों हाथों से शिप्रा दीदी के कंधे सहलाने लगा फिर मैं अपने दोनों हाथ नीचे उनकी पीठ पे लेके गया और अपने दोनों हाथ उनकी पूरी पीठ पे फेरने लगा मैं शिप्रा दीदी की ब्रा स्ट्रेप पे अपना हाथ घुमाने लगा फिर मैं अपने हाथ से उनकी ब्रा स्ट्रेप को फील करते हुए उनके गले पे किस किया शिप्रा दीदी स्कूटी चलाते हुए बोली "हाँ हाँ उठा जितना हो सके फायदा ले खूब मजे ले मुझे तो पहले ही पता की तू पीछे क्यों बैठ रहा है " मैंने उनके कान में कहा की " दीदी आप हो ही इतनी सेक्सी की आपके नाजुक बदन को छुहे बिना रहा ही नहीं जाता " तो शिप्रा दीदी बोली "ठीक है लेकिन जो भी करे ध्यान से करना रस्ते में किसी की नजर ना पड़े " मैंने कहा " हाँ दीदी " मैं वापस उनकी पीठ पे हाथ फेरने लगा


फिर मैंने देखा की रोड थोडा खाली था आगे से कोई गाडी नहीं आ रही थी तो मैंने फटाफट शिप्रा दीदी के पीछे से अपने दोनों हाथ उनके सामने की तरफ उनके बोबो पे रख दिए और उनके ग्रीन कुर्ते पे से चुन्नी के ऊपर से उनके दोनों बोबे दबाने लगा शिप्रा दीदी स्कूटी चला रही थी और मैं उनके बोबे दबा रहा था फिर मैंने अपने दोनों हाथ उनकी चुन्नी के नीचे डाल दिए अब मेरे हाथ उनके कुर्ते के ऊपर से उनके बोबे पे थे और उनके बोबे दबाते हुए मैंने उनके कान में बोला "शिप्रा दीदी आपके बोबे बहुत नरम नरम है " तभी शिप्रा दीदी ने कहा "सोनू जल्दी से हाथ हटा सामने दूर से एक बस आ रही है " मैंने जल्दी से अपने दोनों हाथ हटा लिए थोड़ी देर बाद बस निकल गयी मैंने देखा की आगे फिर कोई गाडी नहीं थी मैं वापस शिप्रा दीदी के पीछे से हाथ डाल के उनके बोबे दबाने लगा और पीछे से उनकी पूरी गर्दन पे अपने होंठ फेरने लगा स्मूच करने लगा मैं अपने काबू से बाहर होता जा रहा था मैंने सामने से शिप्रा दीदी के कुर्ते में अपना हाथ डालना चाहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया और बोली "दिमाग तो ठीक है तेरा हम घर में नहीं खुले रोड पे है " मैंने अपना हाथ हटा लिया


लेकिन मुझसे रहा नहीं जा रहा था मैंने शिप्रा दीदी से स्कूटी रोकने को कहा शिप्रा दीदी ने स्कूटी रोकी और पूछा "क्या हुआ सोनू " मैं स्कूटी से उतरा मैंने इधर उधर देखा कोई नहीं था और तभी मैंने शिप्रा दीदी को पकड़ा और उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें किस करने लगा हम बिलकुल खुले हुए रोड पे थे और मैं शिप्रा दीदी को किस कर रहा था और उन्हें कोमल होंठ चूस रहा था अपने एक हाथ से उनका बोबा दबा रहा था शिप्रा दीदी मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैंने उन्हें कस के पकड़ रखा था तभी मुझसे छुटने के लिए उन्होंने मेरे बाल जोर से खींचे मैंने उन्हें तब भी नहीं छोड़ा और जब उन्होंने मेरे बाल खींचे तो मुझे और मजा आने लगा और मैं और जोर से उनके दोनों होंठ चूसने लगा तभी उन्होंने अपने दोनों हाथो से मेरे बाल खींचे तब मैं उनके अलग हुआ मुझे बहुत ही नशीला लग रहा था मैंने आस पास देखा तो कुछ छोटे बच्चे हमें देख रहे थे बाकी वहां कोई नहीं था फिर मैंने शिप्रा दीदी को देखा उनकी भी आँखें लाल थी मुझे देखते हुए उन्होंने बोला "माय गॉड तू तो पूरा का पूरा पागल है देख तो लेता कहा क्या कर रहा है खुले हुए रोड पे ? अक्ल नहीं है क्या तुझमे क्या रेप करेगा क्या यहीं पे स्टुपिड " मैं उन्हें थोड़ी देर तो देखता रहा फिर वापस उन्हें एक छोटा सा किस किया और कहा की "अब आप पीछे बैठो स्कूटी में चलाऊंगा "


वो मेरे पीछे बैठ गयी और मैं स्कूटी चलाने लगा शिप्रा दीदी ने अपना हाथ मेरी कमर पे रख रखा था मैंने उनका हाथ पकड़ा और अपने लंड पे लगा दिया और कहा "दीदी सहलाओ ना इसे " शिप्रा दीदी ने कहा " नहीं पागल है क्या " मैंने मुस्कुराते हुए कहा अच्छा स्कूटी रोकू क्या " तो शिप्रा दीदी ने कहा " नहीं मेरे देवता तू स्कूटी मत रोक चलाता रह मैं कर रही हु बस तू ध्यान रखना सामने थोडा कोई आ तो नहीं रहा " मैंने कहा " हाँ दीदी " और फिर मैं स्कूटी चलाने लगा और शिप्रा दीदी ने अपना हाथ जींस पे से मेरे लंड पे रखा और उसे सहलाने लगी मुझे मजा आने लगा थोड़ी देर तक शिप्रा दीदी मेरे लंड को ऐसे ही सहलाती रही फिर उन्होंने मेरी जींस की चेन खोली और अपनी 3 - 4 उंगलिया अंदर डाल के मेरे लंड को सहलाने लगी और मेरे लंड के टोपे पे अपनी उंगलिया घुमाने लगी मैं तो मदहोश होता जा रहा था तभी दीदी ने हाथ हटा लिया सामने से कोई गाडी आ रही थी और अब थोडा थोडा मार्किट स्टार्ट हो गया था अब हम कुछ नहीं कर सकते थे तो मैं स्कूटी चलाने लगा और शिप्रा दीदी भी ढंग से बैठ गयी थोड़ी देर बाद हम बुक स्टोर पहुँच गए मैंने स्कूटी स्टैंड पे लगायी और शिप्रा दीदी के साथ बुक स्टाल पे गया शिप्रा दीदी ने अपनी बुक के लिए पूछा तो दुकानदार ने कहा की वो बुक 1 या 2 घंटे में आने वाली है आप 2 घंटे बाद आना तो शिप्रा दीदी ने बोला की " यार सोनू अब क्या करें " तो मैंने कहा की "चलो बैठते है कहीं पे "

हमने स्कूटी उठाई और चलने लगे तभी एक बड़ा सा पार्क आया मैंने कहा चलो यहीं बैठते है थोड़ी देर फिर हम स्कूटी स्टैंड करके पार्क में घूमने लगे वहां ज्यादा लोग नहीं थे 3 - 4 कपल्स थे हम एक झाडी की आड़ में बैठ गए शिप्रा दीदी मेरे सामने बैठी थी और मैं उनके सामने उन्होंने मुझसे पूछा "जंगली क्या हो गया था आज रोड पे तूझे देखा तो कर की कहाँ क्या कर रहा है " मैंने बोला " दीदी आप हो ही इतनी सेक्सी की खुद पर काबू ही नहीं रहा , वेसे दीदी आपका लिप ग्लॉस तो गायब हो गया "

शिप्रा दीदी बोली "हाँ तू जो खा गया पूरा " फिर हम दोनों मुस्कुराते हुए एक दूसरे की आँखों में देखने लगे मैंने इधर उधर देख कोई नहीं था मैं शिप्रा दीदी के पास गया और उन्हें किस करने लगा इस बार वो भी मुझे किस करने लगी मेरे होंठो को चूसने लगी हम थोड़ी देर तक ऐसे ही एक दुसरे को चूमते रहे फिर हम अलग हुए हम दोनों एक दुसरे की आँखों में देख रहे थे मैंने शिप्रा दीदी की आँखों में देखते हुए कहा " दीदी दिखाओ ना " शिप्रा दीदी ने कहा "क्या " मैंने आँखों से उनके बोबो की तरफ इशारा करते हुए कहा "ये" उन्होंने कहा " पागल है क्या यहाँ केसे देखेगा " मैंने कहा " आप झुकते हुए अपने कुर्ते के गले को अपनी उंगलियों से खींचो ना " शिप्रा दीदी बोली "कोई देख ना ले सोनू " मैंने कहा "कोई नहीं देखेगा दीदी कोई भी तो नहीं है दिखाओ ना " तो शिप्रा दीदी ने मेरे सामने झुकते हुए अपने कुर्ते के गले को खींचते हुए चौड़ा किया और मुझे अंदर का थोडा सा नजारा दिखाई दिया
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