RE: Behen ki Chudai मेरी बहन-मेरी पत्नी
मैंने पहली बार देखा कि अमृता की चूत के बाल सुनहरे रंग के जैसे थे, जबकि रात की कम रोशनी में तो मुझे उसकी चूत पर बाल काले रंग के दीखते थे |मुझे अमृता के बदन को तस्सल्ली से निहारना बहुत अच्छा लग रहा था और मै जी भर के बहुत देर तक अपनी बहन के नंगे बदन को निहारता रहा |
रात तो बीयर का नशा था या पूरे दिन की शरारत का असर ये तो मुझे नहीं पता, मगर रात अपनी बहन की दूसरी ट्रिप लेने से पहले ही मेरी आंख लग गयी और मै सो गया था |
मगर जब मै सुबह उठा तो मैंने पहली बार दिन की रोशनी में अपनी बहन को नंगा देखा था (वैसे तो मै उसे दो साल से नंगा देख रहा था, मगर मैंने उसे सिर्फ रात की कम रोशनी में ही देखा था )|
अमृता मेरे बराबर में गहरी नींद सो रही थी |शायद वो भी कल की बीयर और दिन भर की मस्ती के कारण थक गयी थी , वरना वो तो सुबह मुझसे पहले उठ जाती है | मगर उस दिन दस बजने वाले थे और अमृता अभी तक सो रही थी | मुझे भी सोती हुई अमृता इतनी प्यारी लग रही थी की मैंने भी उसे उठाना उचित नहीं समझा और सोती हुई अपनी नंगी बहन को निहारने लगा |
उसका बदन बहुत नशीला लग रहा था |सोते समय उसकी चूचियां फैली हुई थीं और टाँगे खुली हुई थी, जिसके कारण उसकी चूत भी साफ़ दिखाई दे रही थी | उस दिन पहली बार मैंने ध्यान से देखा तो मुझे पता चला की उसकी चूत पर जो बाल थे वो सुनहरापन लिए हुए थे वरना रात के अँधेरे में तो चूत के बाल काले ही दीखते थे |उसकी गोरी-गोरी चूचियों पर हल्से से ब्राउन रंग के निप्पल क़यामत ढा रहे थे |कुल मिला कर कहूँ तो मेरी सुबह बहुत हसीन हो गयी थी | मेरी बहुत सी रातें तो हसीन रही थी, मगर वो पहली सुबह थी जो इतनी हसीन थी |
अपनी सोती हुई बहन को जी भर के निहारने के बाद मेरे दिल में शरारत सूझी और मैंने सोचा क्यों न मै उसकी सुबह की शुरुआत भी मस्ती के साथ करवाऊं | इसलिए मै उसकी खुली हुई टांगों के बीच में आ कर बैठ गया और उसकी चूत को देख कर अपने हाथ से सहलाते हुए अपने लंड को अच्छे से खड़ा करने लगा (वैसे तो मेरा लंड खड़ा ही था मगर मै उसे और सख्त करना चाहता था )| अपने लंड को और सख्त करने के बाद मै धीरे धीरे अपनी बहन के ऊपर इस तरह लेट गया की मेरा लंड उसकी चूत से टकरा जाए और अपने एक हाथ से उसकी चूची को पकड़ कर अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए (ये सब मैंने बहुत धीरे धीरे किया ताकि उसके किस्स करने से पहले उसकी नींद ना टूट जाए )|
अमृता के ऊपर लेटकर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगडा, उसकी लेफ्ट वाली चूची को अपने राईट वाले हाथ से दबाया और उसके होंठो पर किस्स कर दिया | जैसे ही अमृता ने आँख खोली मैंने उसे कहा -
"हमारे प्यार की पहली सुबह मुबाकर हो मेरी जान "
उसने भी बदन में अंगडाई लेते हुए अपनी बाहे मेरे गले में डाली और मेरे होंठो पे किस्स करते हुए बोली-
"आपको भी जानू "
उसके बाद हम दोनों किस्स करने लगे |किस्स करते करते कभी मै अपने लंड को उसकी चूत पे रगड़ देता (मगर अंदर नहीं डालता था ) तो कभी वो अपनी कमर उठा कर मेरे लंड पे अपनी चूत की रगड़ मार देती थी | बहुत मजा आ रहा था |
क्रमशः........
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