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RE: Bhabhi Chudai Kahani चिकनी भाभी
" आपकी कसम भाभी इतनी लाजबाब चूत तो मैने किसी फिल्म में भी नहीं देखी. भैया कितनी किस्मत वाले हैं. लेकिन भाभी इस बिल को तो एक लंबे मोटे साँप की ज़रूरत है."
भाभी मुस्कुराते हुए बोली,
"कहाँ से लाउ उस लंबे मोटे साँप को.?"
"मेरे पास है ना एक लंबा मोटा साँप. एक इशारा करो, सदा ही आपके बिल में रहेगा."
"हट नालयक." यह कहा कर भाभी कपड़े सुखाने छत पे चली गयी..
ज़ाहिर था कि ये करने का विचार भाभी के मन में नॉवेल पढ़ने के बाद ही आया था. अब तो मुझे पूरा विश्वास हो गया कि भाभी मुझसे चुदवाना चाहती है. मैं मोके की तलाश में था जो जल्दी ही हाथ
आ गया.
तीन दिन बाद कॉलेज में बॉडी बिल्डिंग कॉंपिटेशन था. मैने खूब कसरत और मालिश करनी शुरू कर दी थी. भाभी भी मुझे अच्छी खुराक खिला रही थी. एक दिन भाभी नहा रही थी और मैं अपने कमरे में मालिश कर रहा था. मैने सिर्फ़ अंडरवेर पहन रखा था. इतने में भाभी नहा कर कमरे में आ गयी. वो पेटिकोट और ब्लाउस में थी.
मैने भाभी से कहा" भाभी ज़रा पीठ की मालिश कर दोगि?" भाभी बोली " हाँ हाँ क्यों नहीं चल लेट जा" मैं चटाई पर पेट के बल लेट गया. भाभी ने हाथ में तैल ले कर मेरी पीठ पर लगाना शुरू कर दिया. भाभी के मुलायम हाथों का स्पर्श बहुत अच्छा लग रहा था. पीठ पर मालिश करने के बाद चलने को हुई तो मैं बोला,
"कर ही रही हो तो पूरे बदन की मालिश कर दो ना. आपके हाथ की मालिश होने पर मैं ज़रूर बॉडी बिल्डिंग कॉंपिटेशन में जीत जाउन्गा."
"ठीक है कर देती हूँ, चल उल्टा हो कर लेट जा." मैं पीठ के बल लेट गया. भाभी ने पहले मेरे हाथों की मालिश की और फिर टाँगों की शुरू कर दी. जैसे जैसे मेरी जांघों के पास पहुँची मेरी दिल की धड़कन तेज़ होने लगी. मेरा लंड धीरे धीरे हरकत करने लगा. अब भाभी पेट पर और लंड के चारों तरफ जांघों पर मालिश करने लगी. मेरा लंड बुरी तरह से फंफनाने लगा. ढीले लंड से भी अंडरवेर का कसा उभार होता था. अब तो ये उभर फूल कर दुगना हो गया. भाभी से ये छुपा नही था और उनका चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया था.कनखियों से उभार को देखते हुए बोली-
"आशु, लगता है तेरा अंडरवेर फॅट जाएगा. क्यों क़ैद कर रखा है बेचारे पन्छि को. आज़ाद कर दे." और यह कह कर खिलखिला कर हंस पड़ी.
"आप ही आज़ाद कर दो ना भाभी इस पन्छि को. आपको दुआएँ देगा."
"ठीक है मैं इसे आज़ादी देती हूँ" ये कहते हुए भाभी ने मेरा अंडरवेर नीचे खैंच दिया. अंडरवेर से आज़ाद होते ही मेरा 8 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड किसी काले कोब्रा की तरह फनफना कर खड़ा हो गया. भाभी के तो होश ही उड़ गये. चेहरे की हँसी एकदम गायब हो गयी. उनकी आँखें फटी की फटी रह गयी. मैने पूछा,
"क्या हुआ भाभी? घबराई हुई सी लगती हो."
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RE: Bhabhi Chudai Kahani चिकनी भाभी
चिकनी भाभी--7
गतान्क से आगे................
"भाभी ब्लाउस तो उतार दो तैल लगाने की जगह कहाँ है. अब शरमाओ मत. याद है ना मैं आपको नंगी भी देख चुका हूँ." भाभी ने अपना ब्लाउस उतार दिया. अब वो काले रंग के ब्रा और पेटिकोट में थी. मैं भाभी की टाँगों के बीच में बैठ कर उनकी पीठ पर तैल लगाने लगा. चुचियो के आस पास मालिश करने से वो उत्तेजित हो जाती. फिर मैने ब्रा का हुक खोल दिया और बड़ी बड़ी चुचिओ को मसल्ने लगा. भाभी के मुँह से सिसकारी निकलने लगी. वो आँखें मूंद कर लेटी रही. खूब अच्छी तरह चुचिओ को मसल्ने के बाद मैने उनकी टाँगों पर तैल लगाना शुरू कर दिया. जैसे जैसे तैल लगाता जा रहा था, पेटिकोट को उपर की ओर खिसकाता जा रहा था.
मेरा अंडरवेर मेरी टाँगों में फसा हुआ था, मैने उसे उतार फेंका. भाभी की गोरी गोरी मोटी जांघों के पीछे बैठ कर बड़े प्यार से मालिश की. धीरे धीरे मैने पेटिकोट भाभी के चूतदों के उपर सरका दिया.
अब मेरे सामने भाभी के बड़े बड़े , गोरे और गोल गोल चूतड़ थे. भाभी ने छ्होटी सी जालीदार नाइलॉन की पारदर्शी काली पॅंटी पहन रखी थी जो कुच्छ भी छुपा पाने में असमर्थ थी.
उपर से भाभी के चुतड़ों की आधी दरार पॅंटी के बाहर थी. फैले हुए मोटे चूतड़ करीब पूरे ही बाहर थे. चुतड़ों के बीच में पॅंटी के दोनो तरफ से बाहर निकली हुई भाभी की लंबी काली झटें दिखाई दे रही थी. भाभी की फूली हुई चूत के उभार को बड़ी मुश्किल से कछि में क़ैद कर रखा था. मैने उन मोटे मोटे चुतड़ों की जी भर के मालिश की जिससे पॅंटी चूतरो से सिमट कर बीच की दरार में फँस गयी.
अब तो पूरे चूतड़ ही नंगे थे. मालिश करते करते मैं उनकी चूत के आस पास हाथ फेरने लगा और फिर फूली हुई चूत को मुथि में भर लिया. भाभी की पॅंटी बिल्कुल गीली हो गयी थी. उनकी प्यासी बूर बहुत पानी छ्चोड़ रही थी.
"इसस्स…. आआ…. क्या कर रहा है. छ्चोड़ दे उसे, मैं मर जाउन्गि. तू पीठ पर ही मालिश कर नहीं तो मैं चली जाउन्गि."
"ठीक है भाभी पीठ पर ही मालिश कर देता हूँ." मैं भाभी की टाँगों के बीच में थोड़ा आगे खिसक कर उनकी पीठ पर मालिश करने लगा. ऐसा करने से मेरा तना हुआ लॉडा भाभी की चूत से जा टकराया. अब मेरे तने हुए लंड और भाभी की चूत के बीच छ्होटी सी पॅंटी थी. भाभी की चूत का रस जालीदार पॅंटी से निकल कर मेरे लंड के सुपरे को गीला कर रहा था. मैं भाभी की चुचिओ को दबाने लगा और अपने लंड से भाभी की चूत पर ज़ोर डालने लगा.
लंड के दबाव के कारण पॅंटी भाभी की चूत में घुसने लगी. बड़े बड़े चूतादो से सिमट कर अब वो बेचारी पॅंटी उनके बीच की दरार में धँस गयी थी. भाभी के मुँह से उत्तेजना भरी सिसकारियाँ निकलने लगी.
मुझसे ना रहा गया और मैने एक ज़ोरदार धक्का लगाया. मेरे लंड का सुपरा भाभी की जालीदार पॅंटी को फाड़ता हुआ उनकी चूत में समा गया.
"आआआः…….ऊवू….उई माआ. ऊऊफ़.. यह क्या कर दिया आशु. तुझे ऐसा नहीं करना चाहिए. छोड़ मुझे, मैं तेरी भाभी हूँ. मुझे नहीं मालिश करवानी" लेकिन भाभी ने हटने की कोई कोशिश नहीं की. मैने थोड़ा सा दबाव डाल कर आधा इंच लंड और भाभी की चूत में सरका दिया.
" अया …ऊवू तेरे लॉड ने मेरी पॅंटी तो फाड़ ही दी, अब मेरी चूत भी फाड़ डालेगा." मेरे मोटे लंड ने भाभी की चूत के छेद को बुरी तरह फैला दिया था.
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RE: Bhabhi Chudai Kahani चिकनी भाभी
अगले दिन मेरा बॉडीबिल्डिंग कॉंपिटेशन था. मैने ये प्रतियोगिता इस साल फिर से जीत ली. अब मैं दूसरी बार कॉलेज का बॉडी बिल्डिंग चॅंपियन हो गया. मैं बहुत खुश था. घर आ कर मैने जब भाभी को यह खबर सुनाई तो उसकी खुशी का ठिकाना ना रहा.
"आज तो जश्न मनाने का दिन है. आज मैं तेरे लिए बहुत अच्छी अच्छी चीज़ें बनाउन्गि. बोल तुझे क्या इनाम चाहिए?"
"भाभी आप जानती हैं मैं तो सिर्फ़ इसका दीवाना हूँ, ये ही दे दीजिए"मैं भाभी की चूत पर हाथ रखता हुआ बोला.
"अरे वो तो तेरी ही है जब मर्ज़ी आए ले लेना. आज तू जो कहेगा वही करूँगी."
"सच भाभी ! आप कितनी अच्छी हो." यह कह कर मैने भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और अपने होंठ भाभी के रसीले होंठों पर रख दिए. मैं दोनो हाथों से भाभी के मोटे मोटे चूतड़ सहलाने लगा और उनके मुँह में अपनी जीभ डाल कर उनके होठों का रस पीने लगा.
ज़िंदगी में पहली बार किसी अनुभवी औरत को इस तरह चूमा था. भाभी की साँसें तेज़ हो गयी. अब मैने धीरे से भाभी की सलवार का नारा खोल दिया और सलवार सरक कर नीचे गिर गयी.
"आशु, तू इतना उतावला क्यों हो रहा है ? मैं कहीं भागी तो नहीं जा रही. पहले खाना तो खा ले फिर जो चाहे कर लेना. चल अब छ्चोड़ मुझे." यह कह कर भाभी ने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश की.
मैने कुर्ते के नीचे हाथ डाल कर भाभी के चूतदों को उनकी सॅटिन की पॅंटी के उपर से दबाते हुए कहा,
"ठीक है भाभी जान, छ्चोड़ देता हूँ, मगर एक शर्त आपको माननी पड़ेगी."
"बोल मेरे राजा क्या शर्त है ?"
"शर्त यह है कि आप अपने सारे कपड़े उतार दीजिए, फिर हम खाना खा लेंगे." मैं भाभी के होंठ चूमता हुआ बोला. "क्यों तू किसी ज़माने में कौरव था जो अपनी भाभी को द्रौपदी की तरह नंगी करना चाहता है?" भाभी मुस्कुराते हुए बोली. मैं भाभी की पॅंटी में हाथ डाल कर उनके चूतरो को मसल्ते हुए बोला,
"नहीं मेरी जान आप तो द्रौपदी से कहीं ज़्यादा खूबसूरत हैं, और मैने अपनी प्यारी भाभी को आज तक जी भर के नंगी नहीं देखा."
"झूट बोलना तो कोई तुझसे सीखे. कल तूने क्या किया था मेरे साथ? बाप रे ! सांड़ की तरह ……. ……..भूल गया?"
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