Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
02-23-2021, 12:24 PM,
#91
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
मौसेरी बहन की चुदाई

सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार! मैं फ़िर अपने वायदे के साथ अपनी दूसरी कहानी लिख रहा हूं। आप सब जानते हैं कि मेरा नाम पुनीत है और मुझे इनसेस्ट सेक्स बहुत अच्छा लगता है। उम्मीद है आपको मेरी पहली कहानी ‘मौसी को चोदा ज़रूर अच्छी लगी होगी। अब मैं आपको अपनी इस कहानी में बताऊंगा कि मैंने कैसे मौसी की बड़ी लड़की सविता की चुदाई की।

मौसी और मौसा जी की चुदाई के बाद शाम को मैंने उनसे अपना वायदा पूरा करने के लिये कहा जिसमें उन्होने अपनी बेटी सविता को चोदने की इजाजत दे दी थी।

मौसा जी बोले- तुम शाम को उसे जब अकेले देखना और फिर मौका देखकर उसकी चुदाई कर लेना।

मैं इस प्लानिंग से मैं बहुत खुश हो गया।

शाम को हम सब एक साथ डिनर कर रहे थे। मेरी नज़र बार बार सविता की चूची पर जा रही थी जो कि उसके नाईट सूट से बाहर आने को बेताब थी। दोस्तों उसकी फ़िगर 34-28-34 हैं। उसके चूंची अपनी मां की ही तरह सभी को बहुत तड़पाती होंगी।

खाना खाने के बाद निशा (छोटी बेटी) और नितिन (छोटा लड़का) बोले- भैया चलो ऊपर कमरे में चलकर कुछ खेलते हैं।

पर मेरा मूड तो कुछ और ही था, मैंने मौसी से कहा- मौसी आप और मौसा जी इन दोनों के साथ ऊपर जाकर खेलो, मैं अभी टीवी देख कर आ जाऊंगा।

उन्होंने कहा- ठीक है।

और वो ऊपर चले गये और साथ ही सविता को मेरा ध्यान रखने को बोल गये।
मौसा जी कहने लगे- सविता, भैया को अपनी सभी नई सीडी दिखा देना।
सविता बोली- ओ के पापा।

हम दोनों अब टीवी के सामने दीवान पर साथ बैठे थे, वो बोली- भैया, आपको कौन सी मूवी देखनी है?
मैंने कहा- कोई भी बड़े बच्चों वाली लगा दो !
तो वो बोली- क्या मतलब?

मैं उसकी तरफ़ आंख मारकर बोला- वही जो लोग शादी के बाद देखते हैं।
इतना सुनकर वो बोली- धत्त ! तुम बड़े गन्दे हो !
और हंसने लगी। मैं समझ गया कि वो तैयार है। और थोड़ी सी तैयारी के बाद आसानी से काम बन जयेगा।

वो बोली- भैया, ऐसी तो कोई सीडी नहीं है मेरे पास।
मैं बोला- कोई बात नहीं ! मैं अभी मारकेट से ले आता हूं।

इतना कहकर मैं बाहर जाने लगा। मुझे उसके चेहरे पर एक अलग मुस्कान दिख रही थी। मारकेट में बहुत मुश्किल से मुझे एक ब्ल्यू फ़िल्म की सीडी मिल गई। जो कि हिन्दी में थी।
मैं अब वापस आकर सविता से बोला- लो सीडी। स्टार्ट करो ! मैं अपनी ड्रेस चेंज करता हूं।
वो बोली- ठीक है।
उसने मुझे मौसा जी का एक पायजामा और कुरता लाकर दिया।

मैंने अपनी पैन्ट खोली तो उसकी नज़र मुझे ही घूर रही थी। मैं मुस्कराने लगा। कपड़े बदलने के बाद मूवी शुरु हो गई तो हम फ़िर साथ दीवान पर बैठ गये। मूवी के पहले सीन में लड़की नहा रही थी। तभी एक लड़का भी बाथरूम में आकर उसके साथ छेड़छाड़ करने लगता है। मैंने देखा कि सविता का चेहरा एकदम लाल हो रहा था। मैंने तभी उसका हाथ पकड़ लिया। उसक पूरा बदन कांप रहा था।

मैं समझ गया के ये सब बैचेनी मूवी के कारण है पर मैं अनजान बनकर उसे पूछने लगा- अरे, तुम्हें क्या हुआ? लगता है तुम्हारी तबियत खराब है, देखो, तुम्हारा पूरा बदन कांप रहा है। लाओ मैं तुम्हारा हार्ट बीट्स चेक करता हूं।

इतना कहते ही मैंने अपना हाथ उसके नाईट सूट में घुसा दिया और उसकी चूची दबाने लगा।

सविता एकदम चौंक कर बोली- पुनीत, यह क्या कर रहे हो। मैं आपकी बहन हूं और कोई आ गया तो बहुत बुरा होगा।
मैं उसको इमोशनल करते हुए बोला- सविता, तुम मेरी बहन हो, यह मेरी मज़बू्री है नहीं तो मैं तुम्हें बचपन से जान से ज्यादा प्यार करता हूं और तुम्हारे बिना रह नहीं सकता।
इतना सुनकर वो इमोशनल होकर मुझसे चिपट गई और बोलने लगी- आई लव यू पुनीत, तुमने पहले मुझसे ये सब क्यूं नहीं कहा।

मैं बोला- हम शादी तो नहीं कर सकते पर थोड़ी मस्ती तो ले ही सकते हैं।
वो बोली- अगर मैं प्रेगनेंट हो गई तो?
मैं बोला- तुम मुझ पर विश्वास करो मैं ऐसे कुछ नहीं होने दूंगा।
वो बोली- तब ठीक है।

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02-23-2021, 12:24 PM,
#92
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अब हमारे बीच किसी तरह की कोई दूरी नहीं रह गई थी। इसलिये मैंने पहले जाकर टीवी ओफ़ कर दिया जिससे पूरा ध्यान सविता की चुदाई पर लगा सकूं। दीवान पर आकर मैंने उसे लेटा दिया और उसके बगल में लेट कर उसके होठों को चूसने लगा। वो भी मेरे पूरा साथ देते हुए अपने जीभ मेरे मुंह में अन्दर बाहर कर रही थी। इस सब में इतना मज़ा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकता। मैंने अपना कुरता उतार दिया और बनियान भी। अब मैं केवल पायजामे और उसके अन्दर अन्डरवियर में था। मैंने सविता के नाईट सूट के बटन खोलने शुरू कर दिया। वो शरमा कर सिमटी जा रही थी। पहली बार कोई उसके जवान बदन को छू रहा था।

उसका नाईट सूट हटते ही उसकी चूची ब्रा में कैद होकर भी आधी से ज्यादा दिख रही थी। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उन्हें चूमना शुरू कर दिया, मेरा हाथ उसके पैन्टी को खोलने में लगा था और उसकी पैन्टी निकालने कि लिये मैंने उसे इशारा किया तो उसने अपने चूतड़ों को थोड़ा सा ऊपर कर दिया और मैंने उसे टांगों से बाहर निकाल दिया।

उफ़्फ़फ़्फ़फ़ ! उसकी गोरी और मांसल जांघे देख कर मेरा लौड़ा पजामा फ़ाड़ने को तैयार हो गया। मुझसे अब रहा नहीं गया। मैंने अपना पजामा और अन्डरवियर निकालकर फेंक दिया। वो मेरे खड़ा लण्ड देखकर बोली- पुनीत ये लण्ड मेरी चूत में कैसे जायेगा, मैंने तो आज तक इसमें एक उंगली भी नहीं डाली।

मैं बोला- मेरी जान देखती जाओ ! तुम्हारा दीवाना क्या क्या करता है।

मैं उसकी ब्रा का हुक खोलने लगा तो वो मुझसे चिपट गई। मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी पीठ को सहलाने लगा। मेरा लण्ड बार बार जोर मार रहा था और उसकी जांघो पर छू हो रहा था। आआह्हह्ह ! यह एक अलग मज़ा था। मेरी छाती और उसकी चूंची के बीच बस उसकी ब्रा थी जो मैंने एक तरफ़ खींच कर निकाल दी।

उफ़्फ़फ़फ़्फ़फ़ ! उसकी दूध जैसे गोरी चूची देखकर मन कर रहा था कि उसको काट लूं। उसके गुलाबी चुचूक को मैं मुंह में लेकर चूसने लगा। वो एकदम टाईट हो गये। उसके हाथ मेरे बालों में घूम रहे थे और मैं बहुत बेचैनी के साथ उसकी चूची को सुसक कर रहा था। थोड़ी देर के बाद मैं उसके पैर की तरफ़ आ गया और उसकी पैन्टी अपने दांतों से खींचने लगा। उसको बाहर निकालकर मैं अपना हाथ उसके पैरों को छूते हुए जांघो पर घुमाने लगा। मेरे मुंह उसकी चूत पर था। उस पर बहुत घने बाल थे।

मैं सविता से बोला- तुम कभी अपनी चूत शेव नहीं करती?

वो बोली- कभी इस तरफ़ ध्यान ही नहीं दिया।

मैं बोला- कोई बात नहीं, फ़िर कभी मैं साफ़ कर दूंगा।

मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर घुमानी शुरू कर दी। उसको बड़ा अज़ीब लग रहा था, वो बोली- पुनीत, यह क्या कर रहे हो?

मैंने पूछा- क्यूं? मज़ा नहीं आ रहा क्या?

वो बोली- मज़ा तो बहुत आ रहा है।

उसकी सिसकारी सारे कमरे में सुनाई दे रही थी आआआह ह्ह्हह। पुन्नन्नीईत बस करो आआअह्हह मैं मर जाऊंगी आआ आआअह्हह!

मैं और भी जोश में आने लगा और उसकी चूत में अपनी जीभ घुसाने लगा। मेरे मन था कि वो भी मेरे लण्ड चूसे पर अभी मैं उसे झिझक के मारे कह नहीं पा रहा था। उसने एक हाथ से मेरा लण्ड ज़ोर से पकड़ा हुआ था और अपनी आंखें बंद करके आआअह्हह्ह ऊऊओहह्ह कर रही थी। उसकी चूत एकदम गीली हो रही थी। मैं समझ गया कि एक बार उसकी चूत पानी छोड़ चुकी है। अब मैं उसे चोदने की तैयारी करने लगा।

मैंने उसकी गाण्ड के नीचे एक तकिया लगा दिया। उसकी चूत अब बहुत उभर गई थी। मैंने उसकी दोनों टांगों को खोल कर बीच में आ गया। अपने लण्ड मैंने जैसे ही उसकी चूत पर रखा तो मुझे लगा कि जैसे मेरे लण्ड में आग लग गई हो। उसकी चूत एकदम गरम हो रही थी। मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाना शुरू किया तो वो दर्द से तड़प कर एकदम हटकर बैठ गई।

सविता बोली- पुनीत। इतना दर्द मुझसे सहन नहीं होगा। तुम्हारा लण्ड मेरी चूत में नहीं जायेगा। मैं मर जांऊगी। तुम चाहे जो कर लो पर मैं चूत में लौड़ा नहीं लूँगी।

मैं बोला- जान, पहले तो सभी को दर्द होता है पर बाद में खूब मज़ा आता है। जरा सोचो अगर तुम्हारी मम्मी चुदने के लिये मना कर देती तो तुम कहां से पैदा होती।

बात उसकी समझ में आने लगी, वो बोली- ठीक है पुनीत, तुम्हारे लिये मैं यह दर्द सह लूगीं, पर तुम थोड़ा सा तेल अपने लोड़े पर लगा लो।

मैंने कहा- ठीक है।

हमने तेल ढूंढना शुरू किया तो उस कमरे में तैल तो नहीं मिला पर दूध में से मलाई अपने लौड़े और उसकी चूत में लगा दी। अब मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत में डालना शुरू किया। लौड़े का सुपारा उसकी चूत में जाते ही उसकी चीख निकल गई, मैंने अपने हाथों से उसके मुंह को सील कर दिया और धीरे धीरे धक्के मारने लगा।

थोड़ी देर बाद उसको भी मज़ा आने लगा और उसने अपने चूतड़ उछालने शुरू कर दिये। पूरा कमरे में एक संगीत सा बजने लगा। उसके हाथ लगातर मेरे चूतड़ पर घूम रहे थे और वो कभी कभी अपनी उंगलियाँ मेरी गाण्ड में डालने की कोशिश कर रही थी जिससे मेरा जोश और भी बढ़ जाता था और मैं और ज़ोर से धक्के मारने लगता। मेरे पूरा लण्ड जब तक उसकी चूत में था और मेरे आण्ड उसकी गाण्ड से टकरा रहे थे। लगातार धक्के मारने के वजह से मैं झड़ने वाला था। इसलिये मैंने लण्ड उसकी चूत से निकाल कर पानी उसके पेट पर झड़ा दिया। मैंने देखा उसकी चूत से खून निकला हुआ था। मेरा लण्ड भी लाल हो रहा था।

यह देखते ही सविता बोली- तुमने आज मेरी सील तोड़कर लड़की से औरत बना दिया है। आई लव यू ।

वो मेरे लण्ड को सहलाते हुए बोली- मुझे कभी भूल तो नहीं जाओगे पुनीत।

मैंने कहा- नहीं जान, मैं तो तुम्हारी शादी होने के बाद भी तुम्हें चोदना चहता हूं।

बहुत देर तक ऐसे ही एक दूसरे हो चूमते और सहलाते और बातें करते हुए ही लेटे रहे। फ़िर सविता बोली- चलो, अब ऊपर कमरे में चलते हैं, नहीं तो मम्मी पापा शक करेंगे।

उसे क्या पता था कि उसको चोदने का प्रोग्राम उसकी मम्मी ने ही बनाया है। मैं मन ही मन मौसी को धन्यवाद कर रहा था।

तो दोस्तो, यह थी मेरी कहानी।
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02-23-2021, 12:25 PM,
#93
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हाय फ्रेंडस पहले मैं अपने बारे में बता दूँ मेरी उम्र 22 साल है और मैं मध्यप्रदेश से हूँ मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है मैं अपनी स्टोरी हिन्दी में लिख रहा हूँ जिससे ज़्यादा लोगो को समझ में आये ये हादसा 2 महीने पहले का है मेरी बहन की उम्र 21 साल है उसका नाम गीत है वो मेरे ताऊजी की लड़की है दिखने में पूरी आइटम है एकदम रंडी जैसी, कातिलाना फिगर गांड देखो तो ऐसा लगता है की एक झटके से मारो और छेद में मुँह घुसाकर चाट जाओ दूध भी काफ़ी सेक्सी थे कुल मिलाकर वो एक सेक्स बॉम्ब है वो बेंगलूर में पढ़ती है उसका सेमस्टर ब्रेक हुआ था इसीलिये वो घर आई थी मैं उसे करीब 6 महीने के बाद देख रहा था वो एक पूरी आइटम बन चुकी थी.

में उसे देख के बहुत खुश हुआ वो भी मुझे देख के बहुत खुश हुई और आकर मुझसे गले मिलने लगी ना चाहते हुये भी मैने उसके कोमल कोमल दूध को फील किया मेरे मन में उसके लिये कोई ग़लत भावना नही थी हम दोनो काफ़ी फ्रेंक थे और सेम उम्र के होने की वजह से काफ़ी करीब भी थे एक दिन मैं अपने रूम में बैठ कर फोन में चेटिंग कर रहा था.

इतने में वो आई और आकर दूसरी कुर्सी पर बैठ गई हम दोनो इधर उधर की बाते करने लगे हम दोनो आजू बाजू बैठे थे तभी मेरे मन में उसको छेड़ने की सूझी तो में उसके कान के पीछे मोर के पंख से गुदगुदी करने लगा वो एकदम हड़बड़ा गई मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था उसको ऐसा देखने में पर धीरे धीरे वो मज़े लेने लगी उसके चहरे से ऐसा लग रहा था की उसे बहुत मज़ा आ रहा है वो पंख से और चिपक रही थी.

मुझे बिल्कुल आइडिया नही था की उस जगह लड़कियो को छेड़ने से लड़कियां गर्म हो जाती हैं मैने पंख हटाया तो उसने आँख खोली और मुझे देख के आंख मारी मैने उसे एक स्माइल दी इतने में मेरे पापा वहा आ गये और ये एपिसोड यही ख़त्म हो गया हमारे घर में 3 रूम थे एक मम्मी पापा का एक मेरा और एक मेरी रियल बहन मन का रूम था वो गीत मन के रूम में रुकी थी हर रूम में एक अटेच टायलेट और बाथरूम था.

भगवान की दया से उस रात मेरे रूम का टायलेट लीक करने लगा और रूम में पानी भर गया तो मम्मी ने कहा की मैं मन के रूम में ही सो जाऊं मेरी तो जैसे किस्मत ही खुल गई थी ये सुनके गीत ने भी स्माइल दी मेरे तो होश ही उड़ गये थे हमने रात के 10 बजे के आस पास खाना ख़त्म किया और कुछ देर टी.वी देखने के बाद सोने चले गये बेड पर मैं एक कोने में सोया था बीच में मन और दूसरी साइड में गीत थी मैं काफ़ी खुश था की आज ज़रूर कुछ होगा रात के करीब 1 बजे तक मैने सोने का नाटक किया एक बजे मैने मन को चेक किया की वो गहरी नींद में है या नही वो काफ़ी गहरी नींद में सो रही थी फिर मैं उठा और गीत के साइड में गया.

उसकी आँखे बंद थी वो बहुत खूबसूरत लग रही थी तो मैने उसके कान के पीछे से ही उसे छेड़ना शुरू किया पहले मैं उंगली से उसके कान के पीछे गुदगुदी कर रहा था पर उसका कोई रिएक्शन नही था तो मुझे लगा की वो सो रही है मैं फिर उसके कान और उसके पीछे वाले पार्ट को जीभ से लिक करने लगा वो थोड़ा हिली मुझे समझ में आ गया की वो जागी हुई है तो मैने देरी ना करते हुये उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिये मैं उसके लिप्स चूस रहा था.

उसे किस करना नही आता था इसीलिये वो भी वही कर रही थी जो मैं कर रहा था मै उसके लोवर लिप्स को चूस रहा था और वो मेरे उपर वाले लीप को क्या रस भरे होंठ थे उसके मैने अपनी जीभ उसके मुँह के अंदर डाल दी और उसकी जीभ पर वार करने लगा फिर मैने उसकी जीभ मुँह में ली और उसे सक करने लगा ऐसा फ्रेंच किस तो मैने ज़िंदगी में कभी नही किया था.

फिर उसने अपनी आँखे खोली और मुझे देखा और कहा आई लव यू आरूष मैने भी स्माइल दी और उसे फिर किस करने लगा किस करते करते मैं उसके बूब्स भी दबा रहा था काफ़ी बड़े थे उसने एक चैन वाला टॉप पहना हुआ था तो मैने उसकी चैन खोल दी रूम में लाइट ज़्यादा नही थी इसीलिये ज़्यादा साफ नही दिख पा रहा था पर उसके निपल हार्ड हो चुके थे मैने उसके बूब्स पर तुरन्त अटेक कर दिया और उन्हे चूसने लगा बूब्स चूसते चूसते मैने अपना एक हाथ उसके लोवर के अंदर डाल दिया और उसकी चूत को एक्सप्लोर कर रहा था.

हम अपनी रास लीला में मशगूल थे की मेरी बहन मन ने करवट ली जैसे ही उसने करवट ली तो हम दोनो की गांड फट गई में तुरंत भाग के अपनी साइड में गया और सोने का नाटक करने लगा जैसे ही मैं अपनी साइड में पहुँचा तो 5 मिनिट के बाद मन उठ के बाथरूम करने गई.

मैने गीत की तरफ देखा तो वो हँसने लगी मैने उससे कहा बच गये आज तो फिर मन वापस आई और सो गई हम भी पड़े पड़े सो गये सुबह हुई तो देखा घड़ी में 10 बज रहे थे सब कही जाने की तैयारी कर रहे थे मेरे पूछा पर हमारे नौकर ने बताया की सब लोग शिरडी जा रहे हैं मैं थोड़ा निराश हो गया की अब मुझे मौका नही मिलेगा गीत को चोदने का गीत भी थोड़ी दुखी लग रही थी हम सब तैयार हुये जाने के लिये जैसे ही हम घर से निकल रहे थे वैसे ही गीत का सीढ़ियो से पैर फिसल गया.

और वो 2 सीढ़ियो से गिर गई सब उसकी तरफ भागे उसे पैर में चोट आई थी सबने जाने से मना करना ठीक समझा पर गीत ने उन्हे मना कर दिया गीत ने कहा की आप लोग मेरी वजह से अपनी ट्रिप क्यों बर्बाद कर रहे हो मैने भी मौके पर चौका लगाया और मम्मी से कहा की गीत के साथ मैं रुक जाता हूँ वैसे भी वो कुछ दिनो बाद चली जायेगी इसी बहाने उसके साथ टाइम भी बिता लूँगा.

सब मान गये और हमें अकेला छोड़ के सब चले गये सबके जाते ही मैने गेट बंद किया और गीत को स्माइल दी उसने भी रिटर्न स्माइल दी गीत को ज़्यादा चोट नही आई थी बस हल्की सी मोच थी मैने उसे एक ऑयल मसाज की और वो ठीक हो गई मैं ऑयल रखने किचन में गया और वापस आया तो गीत दीवार की तरफ फेस करकर खड़ी थी मैं गया और उसको पीछे से अपनी बाहों में भर लिया.

और उसके कान में कहा तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो वो शरमाई और कहा “सच” मैने हाँ में सर हिला दिया फिर मै उसकी गर्दन पर अपने होठ फेरने लगा उसकी बॉडी का नशा मुझे मधहोश कर रहा था मैने उसकी गर्दन पर किस करना शुरू किया मैं मधहोश था मैने उसे अपनी तरफ घुमाया तो उसका सिर नीचे था और आँखे बंद मैने उसका सिर उठाया और उसके लिप्स पर किस करने लगा.

हमारा किस धीरे धीरे फ्रेंच किस में बदल गया पहले हम धीरे धीरे एक दूसरे के होठो के रस का मज़ा ले रहे थे फिर सेक्स का खुमार हम पर भारी पड गया और हम जोश में किस करने लगे इतना मज़ा लाइफ में पहले कभी नही आया था मुझे फिर मेरे हाथ उसके बूब्स की ओर चल पड़े उसके बूब्स काफ़ी हार्ड थे और मैं उन्हे दबाने लगा उसकी निपल को टॉप के ऊपर से ही पकड़ के मसलने लगा वो सिसकारियां ले रही थी मैने उसका हाथ पकड़ के अपनी ज़िप के ऊपर रख दिया वो मेरे लंड को पेन्ट के ऊपर से ही रगड़ने और दबाने लगी मैने देर ना करते हुये उसका टॉप उतार दिया.

उसके बूब्स मेरे सामने सिर्फ़ एक ब्रा के अंदर बन्द थे मेरे होश उड़ रहे थे मैने उन्हे ब्रा के ऊपर से ही चूसना शुरू किया मैं किचन में जाकर एक पानी की बोतल लाया और उसके बूब्स के ऊपर डाल दिया और उन्हे पीने लगा वो मज़े में खो गई थी वो सिर्फ़ सिसकारियां ले रही थी मैने उसकी जीन्स भी उतार दी और उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से दबाने लगा वो पूरी गीली हो चुकी थी मैने उसकी पेंटी उतार दी क्या चूत थी.

उसकी बिल्कुल गोरी चिकनी क्लीन शेव मैं नीचे झुका और उसे सूँघा फिर जीभ की नोक से उसे चाटता रहा और उसकी नवल को चाटने लगा वो ऊवू आआआः कर रही थी इस दौरान उसने मेरा पेन्ट खोल दिया था और वो मेरी चड्डी के अंदर हाथ डाल के मेरे लंड को सहला रही थी फिर मैने उसकी पेंटी उठाई और उसमे पानी डाल के उसका पानी पीने लगा वो मेरे लंड से खेल रही थी.

फिर मैने उसे बेड पर लेटाया और उसको अपना लंड चूसने को दिया जैसे ही उसने मेरा लंड मुँह में लिया मैं तो पागल हो गया उसको होठो का मेरे लंड पर ऊपर नीचे होना मुझे अभी भी मूठ मारने पर मजबुर कर देता है हम 69 की पोज़िशन में आ गये मैने जैसे ही उसकी चूत चाटनी शुरू की वो अकड़ गई और उसने रस छोड़ दिया मैने सारा रस चाट लिया वो काफ़ी मज़े से मेरा लंड चूस रही थी और छोड़ ही नही रही थी.

फिर मैने डिसाइड किया की पहले इसका मुँह चोदूंगा और फिर इसकी चूत तो मैने उसका सिर पकड़ा और ज़ोर ज़ोर से शॉट मारने लगा और 5-6 मिनिट के बाद मैने उसके मुँह को अपने स्पर्म से भर दिया वो पूरा पी गई फिर मैने उसे एक ज़बरदस्त किस दी हमने फिर फोरप्ले स्टार्ट किया अब वो मुझसे भीख माँगने लगी की प्लीज़ डाल दो अपना लंड मेरी चूत में मैने भी उसकी फरियाद सुनी और उसे लेटाया उसकी गांड के नीचे एक तकिया एड्जस्ट किया और उसके पैर फैलाये.

मैने अपना लंड उसकी चूत के होल पर लगाया और मैने अपना लंड उसके होल के आस पास रगड़ना शुरू किया तो उसने खुद ही लंड पकड़ के ज़ोर से चूत की तरफ सरका दिया चूत इतनी गीली थी की लंड का सूपड़ा झट से अंदर चला गया उसकी चीख निकल गई और वो चिल्लाने लगी की बाहर निकालो इसे मुझे नही करना बाहर निकालो मैने उसे शांत करने के लिये उसे किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा तो वो थोड़ी रिलेक्स हुई मैं धीरे धीरे अपने लंड को अंदर डालने की कोशिश कर रहा था पर वो नही जा रहा था ऐसा लग रहा था की किसी ने लंड को क़स के मुट्ठी में जकड़ रखा हो.

फिर मैने लिप्स से उसके लिप्स को लॉक किया और एक ज़ोर का धक्का मारा मेरा पूरा लंड अंदर चला गया उसके आँसू निकल आये और वो छटपटा रही थी मैने उसके बूब्स दबाने और चूसने शुरू किये थोड़ी देर में वो शांत हुई और मैने बिल्कुल धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया उसे थोड़ी तकलीफ़ हो रही थी पर अब मज़ा भी आ रहा था वो मेरा साथ देने लगी उसने मेरी कमर पर अपने पैर जमा लिये और मुझे और अंदर पुश कर रही थी मैं भी उसे काफ़ी तेज़ी से चोद रहा था और 15 मिनिट तक चोदने के बाद मैने उसी घोड़ी बनने को कहा.

फिर मैने उसे घोड़ी के पोज़ में चोदा वो मस्ती से मज़े ले रही थी कभी अपनी गांड सिकोडती तो कभी अदा से मुझे देखती वो पूरे टाइम यही कहती रही की भाई आई लव यू चोद मुझे और अंदर मेरे भैया मेरे सैया और 30 मिनिट की चुदाई के बाद वो ढीली पड़ी और मुझसे लिपट गई मैने उसे बाहों में जकड़ लिया और उसी पोज़िशन में उसकी चूत अपने पानी से भर दी.
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02-23-2021, 12:25 PM,
#94
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
मेरी फैमिली में चार मेंबर हैं.. मैं, मेरा भाई राहुल और मम्मी-पापा।

बात सर्दियों की है। दिसंबर का टाइम चल रहा था और हम दोनों भाई-बहन की स्कूल की छुट्टियाँ चल रही थीं, हम दोनों ही काफ़ी बोर हो रहे थे।
एक दिन पापा ने कहा कि हम सब मंसूरी जा रहे हैं।

वहाँ हमारे चाचा जी अपनी फैमिली के साथ रहते थे.. पापा उनके घर जाने के लिए कह रहे थे। चाचा एक बैंक में मैनेजर थे, उनकी लड़की की शादी थी।
हम दोनों भाई-बहन बहुत खुश हुए कि चलो इसी बहाने अब कहीं घूमने का मौका तो मिला।

हमने जाने की तैयारी शुरू कर दी। चूंकि वहाँ हमारी फैमिली से कोई भी बंदा 5-6 सालों से नहीं गया था.. इसलिए सभी वहाँ जाने को काफ़ी उत्सुक थे।

हम सभी ने शादी के लिए शॉपिंग आदि भी कर ली थी। पापा ने चाचा के घर कॉल करके बता भी दिया कि हम सभी लोग फलां दिन आ रह हैं। वहाँ भी सब खुश हो गए।

पर होनी को कुछ और ही मंजूर था.. हमारे जाने से एक दिन पहले हमारे पड़ोस वाले घर में पापा के दोस्त की डैथ हो गई तो पापा ने कहा- मेरा जाना अब ठीक नहीं है, तुम दोनों अपनी मम्मी को लेकर निकल जाना।
पर मम्मी ने भी जाने से मना कर दिया।

अब हम दोनों को ही जाना था और हम शादी के दिन सुबह जल्दी रवाना हो गए। मंसूरी पहुँचते-पहुँचते हमें लगभग शाम के 5 बज गए थे।
हम दोनों चाचा के घर पहुँचे, वहाँ सबने हमारा वेलकम किया।
चाचा ने पूछा कि भैया-भाभी नहीं आए तो राहुल भैया ने उन्हें सब बता दिया।

खैर.. शादी वाला घर था, सब काफ़ी जल्दी में थे। इधर हम दोनों की हालत तो सफ़र की वजह से खराब हो चुकी थी। हम दोनों थोड़ा आराम किया और शाम को शादी में चले गए। दोस्तों ये कहानी आप भीआईपीचोटी डॉट कॉम पर पड़ रहे है

बारात आई हम सबने काफ़ी एंजाय भी किया और सुबह को चाचा की लड़की की विदाई भी हो गई। हम भी दोपहर को घर वापसी के लिए निकल पड़े। उस दिन काफ़ी खराब मौसम था। जैसे ही हम दोनों ने मंसूरी क्रॉस की, अचानक आंधी तूफ़ान और पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो गई और रास्ते बंद हो गए।

जैसे-तैसे हम देहरादून पहुँचे। इस टाइम शाम के 5 बज गए थे। हम दोनों ने घर पर कॉल किया तो पापा ने कहा कि रात का रास्ता खराब है, तुम वहीं किसी होटल में स्टे कर लो और कल सुबह निकलना।

हम दोनों ने उनकी बात मान ली और होटल में रूम ले लिया।

मैंने और राहुल भैया ने चेंज किया और फिर खाना खाया। चूंकि ठंड ज्यादा ही थी इसलिए राहुल भैया ने रम का इंतजाम कर लिया और रम पीने के बाद तो ठंड मानो गायब सी हो गई।
फिर हम दोनों ने खाना खाया और ना जाने कब हम दोनों भाई-बहन सो गए।

तकरीबन रात हो 2:30 बजे मेरी आँख खुली तो पहले मैं वॉशरूम गई और फिर दुबारा आकर लेट गई। अब तक रम का नशा उतर चुका था इसलिए मुझे फिर से सर्दी लगने लगी। मैं जल्दी से राहुल भैया के कम्बल में जाकर उनसे चिपक गई। अब मुझे थोड़ी राहत मिली।

पता नहीं कब मेरा हाथ उनके सीने पर चला गया और मैं राहुल भैया के सीने को सहलाने लगी। कुछ देर बाद मेरा हाथ खुद उनके सो रहे लंड पर पहुँच गया। मैं उसे पजामे के ऊपर से ही पकड़ कर उससे खेल रही थी।
मेरा हाथ लगते ही उस सो रहे लंड में भी हलचल शुरू हो गई। अब राहुल भैया का तना हुआ लंड अपने हाथ में पकड़ते ही मेरा मन उसे अपनी चूत में लेने को मचलने लगा।

मैंने राहुल भैया को किस करना शुरू कर दिया। मैं उनके होंठों को अपने होंठों में लेकर चूस रही थी। बहुत ही मजा आ रहा था, अपनी जीभ से राहुल की जीभ को छूना बहुत अच्छा लग रहा था। पर राहुल भैया अब भी सो रहे थे, क्योंकि उन्होंने मुझसे ज़्यादा ड्रिंक की हुई थी।

अब मुझसे रुका नहीं गया तो मैंने जल्दी से अपना पजामा और पेंटी नीचे करके अपनी गीली हो चुकी चूत राहुल भैया के मुँह पर रख कर उनके मुँह पर बैठ गई।
आह.. कितना मजा आ रहा था..
मैं अपनी चूत उनके होंठों पर रगड़ रही थी। जब उनकी गर्म साँसें मेरी चूत के दाने पर लग रही थीं तो बड़ा मजा आ रहा था।
अब मेरी रगड़ की स्पीड तेज होती जा रही थी। मेरी चूत पूरी तरह से पानी से तर हो चुकी थी और राहुल भैया के होंठ भी मेरे चूत के पानी से भीग गए थे।

तभी शायद उनकी आँख खुल गई और जब उन्होंने मेरी चूत अपने मुँह पर देखी तो वो भी लपलपा कर मेरी चूत की माँ चोदने लगे।
अह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… भैया कितने प्यार से मेरी चूत को चाट रहे थे। मैं कामुक भरी आवाज में सिसकारने सी लगी थी।

जैसे ही भैया की जीभ मेरी चूत को खोलते हुए अन्दर जाती.. उस समय मैं सातवें आसामान पर होती।
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तभी भैया ने अपने हाथ बढ़ा कर मेरे दोनों मोटे-मोटे चूचों को पकड़ लिया और मेरे चूचे को बुरी तरह से दबाने लगे। इधर भैया मेरे चूचे दबा रहे थे और उधर अपनी जीभ से मेरे चूत की रगड़ाई भी कर रहे थे। जब राहुल भैया मेरी पूरी चूत को होंठों में लेकर चुसकारी मारते, तो ऐसा लगता था शायद मैं अब पानी छोड़ दूँगी।

मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मैंने तुरंत भैया को उठाया और उनके कपड़े उतारने शुरू कर दिए।

मेरा मन था कि राहुल भैया का लंड चूसूं, पर एक तो वो तन चुका था और फिर मुझे राहुल भैया का लंड अपने मुँह से ज़्यादा अपनी चूत में लेने की जल्दी हो रही थी।

भैया भी समझ गए और उन्होंने ढेर सारा थूक अपने लंड पर मल दिया और एक झटके में मुझे गिरा कर लेटा दिया।

भैया की ऐसी हरकत देख कर मैं समझ गई कि आज मेरा प्यारा भैया मेरी चूत को बड़े मज़े से चोदेगा।

फिर मैंने थोड़ा नखरा दिखाना शुरू किया और भैया से कहा- राहुल भैया, ये क्या कर रहे हो?
राहुल- मैं अपनी प्यारी बहन को चोदने की तैयारी कर रहा हूँ।
मैं- भैया नहीं.. मुझे मत चोदो.. मेरे मुँह में लंड देकर अपना पानी छोड़ दो।
राहुल- नहीं मेरी बहना.. मुझे आज मत रोक प्लीज़..
मैं- नहीं भैया बहुत तकलीफ़ होगी।
राहुल- नहीं बहाना कुछ नहीं चलेगा।

मैं- नहीं राहुल भैया मेरी चूत आपका लंड नहीं झेल पाएगी।
राहुल- अरे डर मत.. मुझसे मोटा लंड भी झेल जाएगी।
मैं- राहुल भैया प्लीज़ आपके लंड से मेरी चूत फट जाएगी..!
राहुल- अब फटे तो फटने दे.. बस चुदवा ले मुझसे.. जल्दी.. आआह..

राहुल लंड लगाने लगा।
‘थोड़ा ऊऊऔरर हाँ.. अब गया थोड़ा..’
‘अभी पूरा भी जाएगा साली रंडी..’
‘हाय राहुल साले बहनचोद.. साले आराम से चोद भोसड़ी के.. अह.. कोई भैया इतनी बेहरमी से अपनी बहन की चुदाई करता है क्या.. अह.. जरा आराम से बहनचोद.. मैं कहीं भागी नहीं जा रही.. ऊऊह साले आऐईईए.. मार दिया.. बहन के लंड.. तूने आह्ह..
‘अरे रांड बहना.. बस दो मिनट और झेल ले बहन की लौड़ी.. बाकी लंड भी कर दूँगा अन्दर.. बस ले थोड़ी गहरी साँसें ले ले कमीनी.. आहह उम्म्म्मम.. ऊऊओह.. बस बहना.. मेरी प्यारी छिनाल बहना खाले अपने राहुल का लंड कुतिया.. आआह..’
‘साले मादरचोद भैया मारोगे क्या बहन के लौड़े.. रुक जा साले राहुल.. तेरी मां की चूत साले.. मर गई.. कुत्ते..’
‘ना मेरी रंडी बहन.. तू मत मर मेरी बहन की चूत.. मैं मार तो रहा हूँ.. ऊऊऊऊआआह.. तेरी चूत का बीज रगड़ दूँ.. आह..’
‘राहुल नीचे कर साले अपने होंठ.. ला पिला दे मुझे अपने होंठों का रस.. अह.. मेरा प्यारा राहुल आआआअहह.. चोद दे.. अपनी बहन की चुदाई करके उसे मजा दे!’
‘हाँ बहन की लौड़ी साली चूस-चूस कर सुजा दे मेरे होंठों को बुरी तरह से..’

दोस्तों ये कहानी आप भीआईपीचोटी डॉट कॉम पर पड़ रहे है

यह कहते ही हम भाई-बहन एक-दूसरे के होंठों को चूसते रहे। भैया भी मेरे होंठों को कस-कस कर चूस रहे थे।

तभी..
‘साले राहुल बहनचोद भाई.. अपनी बहन के चूचे तो मसल दे… जल्दी मसल साले दबा-दबा कर इनको लाल कर दे मेरे बहनचोद भाई हाँन्न् ऐसे ही दबा इन्हें कुत्ते राहुल.. हाय क्या अदा है तेरे हाथों में.. मेरे भाई.. जी चाहता है तुझसे ही शादी कर लूँ मेरे प्यारे भाई.. कितनी अच्छी तरह से चुदाई के मज़े देता है मुझे.. कितना प्यारा है मेरा राहुल.. चोद साले चोद मुझे.. अगर आज तूने मेरी चूत फाड़ दी तो मैं तुझसे शादी करके तुझसे रोज अपनी चूत मरवाया करूँगी.. अह.. मेरे राहुल भैया चोद मेरी चूत को, फाड़ इसे आज.. अपने लंड से मेरे भैया..!’

‘हाँ मेरी बहनचोद बहन मैं भी तुझे चोरी छिपे आँखों से चोद-चोद कर थक गया हूँ। मुझे अपना पति बना ले मेरी रानी.. ले मेरा पूरा लंड अपनी चूत की गहराई में खा ले मेरी बहना.. आह इसे पूरा निगल जा अपनी चूत में मेरी बहन आअहह.. ले मेरी बहन मेरा लंड अपनी चूत की प्यास बुझा ले मेरी रानी.. क्या मस्त मजा देती है मेरी बहन की चुदाई मुझे.. आहह बहना ले मेरी बहना..’

‘आहअ राहुल भैयाआ चोद दे मुझेईईई इतनी बुरी तरह से चोद भोसड़ी के कि मेरी चूत तेरे लंड की गुलाम बन जाए राहुल साले भोसड़ी के चोद दे मुझे.. रूला दे मेरे भैयाआआ.. मेरा हरामी राहुल भैया चोद-चोद कर लाल कर दे मेरी चूत मेरे राहुल.. साले तेरी बहन की चूत.. भोसड़ी के चोद मेरे राहुल भैया चोद मुझे आआह.. ऐसे ही और तेज स्ट्रोक लगा साले राहुल बहनचोद.. आह.. ले मैं आ रही हूँउन्न..’

‘हाँआ मेरी बहन.. बस मैं भी आ रहा हूँ.. तेरी चूत में ही अपना सारा रस टपका-टपका कर तुझे निहाल कर दूँगा बहएना.. आअहह..’
‘अहह.. भैया भैया.. राहुल भैया मैं आ गईईईईई सीईईई.. आअह.. राहुल भैया मेरा गिर गया..’
‘मैं भी आ गया.. मेरी बहना आआआहह.. ‘आआहह..’

और इसी तरह हम दोनों भाई-बहन ने रात को 4 बार चुदाई का मजा लिया और फिर वापस अपने घर आ गए।

तो दोस्तो कैसी लगी आपको मेरी भाई बहन की चुदाई की कहानी

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02-23-2021, 12:26 PM,
#95
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
मुहंबोला भाई बहनचोद निकला

मेरा कोई सगा भाई नहीं है.इसलिए जब भी राखी या दूज का त्यौहार आता है मैं पड़ोस के एक लडके को राखी बांधती हूँ .उस लडके का नाम विशाल है .वह मेरा दूर के रिश्ते की बुआ का लड़का है .उसकी आयु 24 आयु 17 साल है .विशाल मेरे घर से 7 किलोमीटर दूर सिटी में कम्पूटर की मरम्मत की दुकान है .साथ ही विशाल वहीं पर विडियो लाइब्रेरी भी चलाता था .अपने साथ उसने एक लड़े को भी काम पर रहा था .जिसका नाम सुनील था .

सुनील 27 साल का युवक था .उसका काम ग्राहकों को उनकी पसंद की सीडियां देना था .विशाल का घर दूकान और मेरे घर से बहु दूर था ,इसलिए उसने अपनी दूकान के ऊपर एक कमरा किराये पर ले लिया था .कमरे में लैट बाथ साथ ही थे .जब भी विशाल को समय मिलाता था वह एक दो दिन में मेरे घर जरुर अत था .कई बार मम्मी उस से बाजार से जरूरी सामान मंगवा लेती थी . छोटी होने के कारण विशाल मुझे बहुत चाहता था ,और जब भी आता था मेरे लिए कोई न कोई चीज जरुर लाता मम्मी भी उसे पसंद कराती थीं ,और उस से हरेक बात में सलाह लेती थीं..विशाल के पिता गुजर गए थे ,और वसीयत में एक मकान छोड़ गए थे ,जो दुकान से दूर था ,उसी में विशाल की माँ रहती था ,विशाल दिन भर दुकान पर रहता था ,सुनील उसके लिए घर से खाना ले आता था .रत को विशाल घर में खाना खाता था . यह घटना राखी के दिन की है ,हर साल की तरह मैं विशाल को राखी बांधती थी .और उसी के आने का इन्तेजार हो रहा था .विशाल ने मुझे राखी पर एक मोबाइल गिफ्ट देने का वादा किया था .उस दिन रह रह कर बरसात हो रही थी .और रास्तों में पानी भर गया था ,करीब शाम के पांच के करीब विशाल आया .और देर के लिए माफ़ी मांगी .

फिर मैंने जब उसे राखी बांधी तो ,उसे मोबाइल देने का वादा दिलाया .खाने के बाद विशाल में कहा मेरे साथ मार्केट चलो ,तुम्हें जैसा मोबाईल चाहिए वैसा दिलवा दूंगा .उस समय शाम के सात बज चुके थे ,तभी जोर की बरसात होने लगी .मेरी मम्मी ने विशाल से कहा तुम अगले दिन मोबाइल खरीद देना .लेकिन मैं उसी दिन की जिद करने लगी .विशाल ने कहा अगर पानी के कारण देर हो गयी तो ? मगर मैंने कहा चाहे कितनी भी देर हो जाये नुझे तो मोबाईल चाहिए .मेरी मम्मी भी बोली बेटा यह बड़ी जिद्दी है .अगर तू आज मोबाईल नहीं देगा तो यह मेरी जान खाती रहेगी .मुझे तुम पर पूरा विश्वास है ,भले कुछ देर अधिक भी हो जाये . विशाल बोला आंटी चिंता मत करो ,अगर बरसात जोर से आने लगेगी तो हम अपनी दुकान के ऊपरी कमरे में रुक जायेंगे .क्योंकि वह में सिटी में है .वहीँ नए नए तरह के मोबाइल मिलते है . यह सुनते ही मैं विशाल की बाइक पर बैठ गयी .और जाते जाते विशाल ने ममी से कहा आंटी आप चिंता नहीं करो .मैं आपको फोन कर दिया करूँगा . उस समय थोड़ी बून्दाबून्दी हो ताहि थी ,हमने काफी घुमानेके बाद एक मोबाईल पसंद कर लिया .लेकिन जैसे ही हम दुकान से बहार निकले तो मुसलाधार बरसात होने लगी .साथ में ठंडी हवाएं भी चलने लगी विशाल ने मेरी मम्मी को बता दिया कि हम बाजार में हैं ,हमें देर हो सकती है ,विशाल का कमरा थोड़ी दूर ही था ,उसने कहा कि बरसात रुकने तक मैं उसके कमरे में रुक सकती हूँ ,क्यों वहां कोई नहीं होगा ,कमरे की एक चाभी विशाल के पास थी .दूसरी उसने अपने नौकर को दे रखी थी .कमरे के आने तक हम पूरी तरह भीग चुके थे .मिझे सर्दी लग रही थी .मैं काँप रही थी .लेकिन उस कमरे में मेरे लिए दूसरा कपड़ा नहीं था ,विशाल ने मुझे अपना कुरता दे दिया ,मैं निचे से नंगी थी . विशाल के कमरे में सिर्फ एक तौलिया और लुंगी थी .जब वह गिले कपडे बदने लगा तो उसकी तौलिया निचे गिर गयी .और उसका लम्बा मोटा ,गोरा ,प्यारा लंड मैंने देख लिया .शायद उसने जानबूझ कर ऐसा किया होगा . मैं दो \तीन बार मोहल्ले के लड़कों से चुदवा चुकी थी .तब से मुझे लंड लेने की इच्छा होती रहती थी .

विशाल का लंड मुझे अच्छा लगा ,10 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था .मेरी चूत भर जाने पर भी लंड बचा रहता जब से मैंने विशाल का मस्ताना लंड देखा देखा सर्दी होने बावजूद मेरी चूत में वासना की आग भड़क रही थी ,मैं सोच रही थी की ,किसी न किसी तरकीब से विशाल का लंड लिया जाये ,मैंने विशाल से कहा मुझे ऐसा लग रहा है कि मुझे सर्दी होने वाली है .तुम्हारे कमरे में गैस भी नहीं है ,वर्ना चाय बन सकती थी .विशाल ने कहा मैं तो नीचे से किसी दुकान से चाय मंगवा लेता हूँ .अगर कोई दुकान खुली हो ,मरे पास तो सिर्फ एक बोतल ब्रांडी है .

मुझे जब भी सर्दी हो जाती है ,मैं एक दो पैग ले लेता हूँ .मैं नौकर सुनील को फोन करता हूँ वह चाय का इंतजाम कर देगा ,अगत तुम चाहो तबतक तुम भी एक पैग ले सकती हो .मैं खुश होकर बोली अगर तुम खुद अपने हाथों से पिलाओगे ,तो मैं पी लूंगी . मेरा काम हो गया .मेरी चूत लुप लुपहोने लगी .मैंने फ़ौरन एक कि जगह तिन पैग ले लिए और कहा मेरी सर्दी जल्दी जाने वाली नहीं है ,मुझे और गर्मी चाहिए .विशाल में मुझे अपने पास बिठाया और कहा लो तुम मुझ से सट कर बैठ जाओ ,शायद मेरे शारीर से तुम्हे कुछ गर्मी मिल जाए .बातें करते वक्त विशाल मेरे शारीर पर हाथ फेरने लगा .उसका लंड लुंगी में उछलने लगा था .और मेरी चूत से रस रिसने लगा था .विशाल ने मुहे अपने बिलकुल पास लिटा लिया .और अपनी टाँगें मेरी टांगों में फसा लीं .मेरी चूचियां एकदम कड़क हो गयीं .विशाल कि सांसें मेरी सांसों से मिल रही थीं .

तभी विशाल का नौकर सुनील अचानक कमरे में अगया ,हम दरवाजा बंद करना भूल हाय थे ,हमें ऐसी हालत में देखकर सुनील पहले तो चौंका और बोला यार मॉल तो मस्त लाये हो ,क्या अकेले ही मजा लेने का प्लान था .विशाल ने कहा यह मेरी मुंहबोली बहिन है .सुनील बोला इस से कोई फर्क नहीं होता .यह तेरी सगी बहिन तो नहीं है ,तुझ्र यह कहावत पता नहीं ? “लंड न देखे दिन या रात,छूत ने देखे रिश्ता नात”यार जब लंड टायर हो ,छुट गर्म हो .तो सरे रश्ते नाते भूलकर चुदाई का मजा लेना चाहिए ,ऐसे में अगर मेरी सगी बहिन भी होती तो ,मैं उसे चोदे बिना नहीं छोड़ता .यार छूत का अपमान नहीं करना चाहिए . सुनील में मुझ से कहा ,आप ही बताइए क्या मैंने कोई गलत बात कही है .?ब्रांडी के नशे में ,या चुदवाने की इच्छा में मैंने हाहा तुम सच कह रहे हो .कुदरत ने सर्फ मर्द और स्त्री ही बनाये हैं ,रिश्ते तो लोगों ने बनादिये हैं . विशाल ने कहा इसला मतलब ,तुम चुवाने को राजी हो .सुनील भी बोल पड़ा मैंने यह ज्ञान दिया है ,मेरा भी कुछ हक़ बनता है .इस लड़की को एक साथ दो दो लंड का मजा मिलेगा .यह भी याद करेगी कि चुदाई क्या होती है .विसाल ने मुझ से पूछा कि क्या तुम तय्यार हो ?मैंने अपना सर हिला कर हाँ का इशारा कर दिया .सुनील फ़ौरन नंगा हो गया ,उसका लंड भी दस इंच से कम नहींथा ,और कड़क होकर ऊपर नीचे हो रहा था.मुझे लंड का गुलाबी गुलाबी सुपरा बहुत प्यारे लग रहे थे ,और उनको चूसने कि इच्छा नहीं रोक पा रही थी तभी सुनील ने विशाल हे कहा आओ अज पिंकी को दो दो लंड का मजा इ दें ,यह भी याद करेगी .

अगर यह ऐसा मजा ले लेगी तो हमें खुद चोदने के लिए रोज बुलाया करेगी .विशाल ने कहा पिंकी आओ ,तुम मेरे खड़े लंड पर इस तरह चढ़ जाओ ,जिस से लंड फक से चूत में समां जाए .तुम चुद चुकी हो ,तुम्हे दर्द नहीं होगा .जिस समय में विशाल का लंड लेने के लिए लंड पर सवार होने लगी तो मेरी गंद सुनील के सामने आगई .उसने फ़ौरन अपना लंड मेरी गंद में घुसा दिया .लंड गांड में रास्ता बनाते हुए अन्दर समां गया .मेरी चीख निकने ही वाली थी लेकिन मने उसे रोक लिया .मजा लेने के लिए दर्द सहना ही पड़ता है ,वर्ना मजा कैसे आयेगा .फिर दौनों के लंड अपना कम करने लगे ,मई स्वर्ग के मजे ले रही थी मेरी चूत से चिकना रस रिस रहा था ,लेकिन गांड लाल हो रही थी उस दिन दो घंटे तक मैं दोनो छेदों में दो दो लंड के मजे ले रही थी .थोडा सी ब्रांडी पीकर यही कम दुहराया गया ,दोनो झड गए ,मैंने उनके लंड चाट चाट कर साफ कर दिया .और वादा किया कि जब भी मैं रिंग करूँ तो सब कम छोड़कर मेरी चूत कि सा सर्दी निकल दिया करो . आज भी मैं चुप कर दोनो से लंड ले रही हूँ ,मेरी गांड इतनी पोली हो गयी है कि गांड मरवाने में कोई तकलीफ नहीं होती ,बल्कि मजा आता है अगर आप चाहे तोआप भी मेरे साथ मजा ले सकते हैं आखिर छूट और गांड किस लिए होते है ? जो लड़कियाँ दो दो लंड लेती हैं ,वह जवान बनी रहती हैं गांड मरवा कर देखो!
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02-23-2021, 12:26 PM,
#96
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
भैया की रंडी

फ्रेंड्स मेरा नाम राज है आज मैं आपको अपनी वो सच्चाई बताने जा रहा हूँ जो एक हादसा है जो मेरे ओर मेरी बहन के बीच मैं हुआ मैं अपनी बहन के बारे मैं बता दूँ मेरी बहन का नाम शेली है ओर वो मुझसे 3 साल छोटी है वो दिखने मैं बहुत सुन्दर है उसके बूब्स का साइज़ 36 है ओर गांड देख लो तो वही घोड़ी बना कर लंड डालने का दिल करे क़िसी का भी अब मैं अपनी स्टोरी पर आता हूँ पहले मेरे मन मैं ऐसा कोई विचार नही था अपनी बहन को चोदने का लेकिन मैं रोज इस साइट की स्टोरी पढ़ता हूँ ओर भाई बहन की स्टोरी मुझे ज्यादा अच्छी लगती है ओर मेरी बहन भी दिन ब दिन निखरती जा रही थी एक दिन वो घर मैं अकेली थी सब बाहर गये थे ओर मैं अपने कॉलेज गया था.

मेरी छुट्टी जल्दी हो जाने की वजह से मैं घर जल्दी आ गया जब मैं घर पहुँचा तो शेली मेरे रूम मैं सो रही थी शेली ने पजामा ओर टी शर्ट पहनी थी ओर उल्टी लेटी थी जिससे मेरी बहन की 36 की गांड उपर थी ओर पेंटी की शेप नज़र आ रही थी ओर मेरी बहन के बूब्स नीचे दबे थे मैं शेली के पास गया ओर उसकी टी शर्ट मैं हाथ डाल कर कमर पर हाथ फेरने लगा ओर घर मैं भी कोई नही था तो मुझे ज्यादा डर नही लग रहा था मैं हल्के हल्के से हाथ फेरता हुआ उसकी ब्रा तक ले गया ओर हुक खोल दिये और टी शर्ट उपर करके मैं अपनी बहन की कमर पर अपनी जीभ फेरने लगा इतने मैं शेली हिली तभी मैं पीछे हट गया वो सीधी हो कर लेट गई उस टाइम मेरी बहन की निपल टी शर्ट के उपर से खड़ी हुई थी.

मैं अपनी दो उंगलियों से उसकी निप्पल मसलने लगा ओर जब शेली के मुँह की तरफ देखा तो मेरी बहन अपनी आँख ज़ोर से बंद कर रही थी मैं समझ गया की मेरी प्यारी बहन जाग रही है ओर मज़े ले रही है मेने उसकी टी शर्ट उपर की ओर शेली को आवाज़ दी की शेली थोड़ा उपर हो जाओ तो टी शर्ट ओर उपर कर दूँ उसने अपनी कमर उठाई ओर उपर हो गई अब मैं समझ गया की मेरी बहन पूरी गर्म है तो मेने उसकी टी शर्ट गले तक उपर कर दी.

फिर मेने ब्रा के उपर से ही बूब्स पकड़े ओर मसलने लगा 2 मिनिट मसलने के बाद मेने ब्रा को भी उपर किया ओर अपनी बहन के गोरे गोरे बूब्स मसलने लगा ओर लाइट ब्राउन चूची चूसने लगा फिर मेने उसकी टी शर्ट ओर ब्रा उतार दी मेरी बहन उपर से नंगी थी ओर मेने अपना लंड निकाल लिया ओर शेली की आँखों के उपर कर दिया ओर बोला बहन आँखे खोलो तो जेसे ही उसने आँखे खोली मेरा 7 इंच का लंबा लंड देख कर दंग रह गई मेने कहा इसे पकड़ो उसने अपने हाथो से मेरा लंड पकड़ा ओर एक किस की जेसे साली इस काम मैं एक्सपर्ट हो तो मैं अपना लंड उसके मुँह पर रगड़ने लगा मेरी बहन ने अपना मुँह खोला ओर लंड के टोपे को मुँह मैं लेकर चूसने लगी फिर मेने हल्के हल्के झटको के साथ अपनी बहन का मुँह चोदने लगा मैं अपना आधा लंड ही अपनी बहन के मुँह में दे रहा था.

फिर मेने अपना लंड शेली के मुँह से निकाला ओर उसके पजामे को नीचे सरका कर उतार दिया मेरी बहन ने रेड पेंटी पहनी थी जो गीली थी मेने पेंटी की साइड से हाथ डाल कर चूत रगड़ने लगा शेली ऊऊहह भैया आआअहह मुझे कुछ हो रहा है प्लीज करते रहो आहह करती रही फिर मेने अपना हाथ पेंटी से बाहर निकाल लिया ओर पेंटी भी उतार दी मेरी बहन की चूत एकदम टाइट थी उस पर छोटे छोटे बाल थे मेने अपनी एक उंगली उसमे डाली तो शेली चिल्लाई फिर मैं अपनी बहन की चूत को चाटने लगा ओर अपनी जीभ भी अंदर करने लगा मेरी बहन के मुँह से आआआः ऊहह भैया ओर अंदर जीभ डालो भैया आआहह जेसी आवाज़े आ रही थी मेरी बहन झड़ने वाली थी तो मेने चूत चाटनी बंद कर दी.

अब मेने भी अपने सारे कपड़े उतार दिये मैं शेली के बूब्स रगड़ने लगा फिर उपर हो कर मैं अपनी बहन को लिप किस करने लगा मेरी बहन मेरे नीचे दबी थी ओर मेरा लंड उसकी चूत को टच कर रहा था मेरे लंड से पानी भी निकल रहा था जो मेरी बहन की चूत पर लिप्स पर लग रहा था ओर मैं अपनी जीभ उसके मुँह मैं डालने लगा मेरे हाथ मैं शेली के बूब्स थे जिन्हे मैं निचोड़ रहा था ओर शेली आअहह ऊओहमम्म करते हुये मेरे बालो मैं हाथ फेर रही थी फिर मैं खड़ा हो गया बेड पर ओर शेली को नीचे बेठा दिया ओर अपने लंड को उसके मुँह के पास किया शेली मेरे लंड को ध्यान से देख रही थी ओर मैं अपने हाथ मैं लंड पकड़ कर शेली के मुँह पर मार रहा था कई बार ज़ोर से गालो पर मारता तो शेली अपनी आँखो को ज़ोर से बंद करती और उसके गाल लाल हो गये थे.

फिर मेने अपना लंड शेली के लिप पर रखा मेरी बहन काफ़ी समझदार थी तो उसने खुद अपना मुँह खोल लिया ओर लंड के टोपे को चूसने लगी मेने अपनी बहन का मुँह पकड़ा ओर ज़ोर से झटके मारने लगा जिससे लंड मेरी बहन के गले तक चला गया शेली मुझे धक्के से पीछे करने लगी क्योकी मेरी बहन का सांस रुक गया था मेने 2 या 3 झटके मार कर लंड मुँह से निकाल लिया मेरी बहन खांसने लगी फिर बोली भैया आराम से कर लो ऐसे तो मत करो कोई रंडी तो नही हूँ जो ऐसा कर रहे हो तो मैं बोला बहन चूसती तो ऐसे है जेसे पहले कई लंड चूसे है तूने ओर अपने भाई को भी बता दे किस किस की रंडी बनी है और किसका बिस्तर गर्म किया है मेरी बहन ने तो वो बोली भैया कैसी बात करते हो ऐसा कुछ नही है तो मैं बोला शेली झूठ मत बोल अब तो तू मुझे बता सकती है इसमें छिपाने वाली बात ही नही है तो शेली बोली भैया मेरी क्लास मैं एक लड़का है साहिल जो आपकी बहन को लंड चुसवाता है पर आपके जेसे थोड़े जो मेरे गले तक डाल दिया मेरी सांस रुक गई थी तो मैं बोला कभी चूत भी मरवाई मेरी बहन ने उससे तो वो बोली कभी मोका नही मिला तो मैं बोला पहले मैं तेरी चूत खोल दूँ.

फिर अपने यार को घर ले आना ओर यही चुदना मेरे सामने मैं चुप हो कर तुम दोनो की चुदाई देखूँगा तो शेली भी खुश हुई ओर फिर से मेरा लंड चूसने लगी थोड़ी देर बाद मेने शेली को बेड पर लेटाया ओर अपने लंड को चूत पर रगड़ने लगा शेली बोली क्यो तड़पाते हो अपनी रंडी बहन को भैया डाल दो अंदर तो मेने लंड के टॉप को अपनी बहन की चूत पर सेट किया ओर ज़ोर का झटका मारा मेरा लंड मेरी बहन की चूत की सील तोड़ता हुआ आधा अंदर चला गया ओर मेरी बहन ज़ोर से चिल्लाई ओर मुझे धक्के से पीछे करने लगी मेने भी शेली को अच्छे से पकड़ा था जिससे वो पीछे ना हटा सकी शेली मुझसे लंड बाहर निकालने को बोली लेकिन मेने अंदर ही रहने दिया ओर हल्के हल्के झटको से साथ अपनी चुदक्कड बहन को चोदने लगा शेली आअहह उूउउइइ भैया बाहर निकाल लो प्लीज भाई आअहह करती रही.

थोड़ी देर मैं अपनी बहन को ऐसे ही चोदता रहा तो मेरी चुदक्कड बहन को मज़ा आने लगा वो ऊऊहह भाई थोड़ा ओर अंदर करो ना भाई आअहह भाई मज़ा आ रहा है तो मैं बोला मेरी रंडी बहना कहे तो पूरा दे दूँ तेरी चूत मैं तो वो बोली हाँ भाई दे दो ना प्लीज पूछते क्यो हो ओर मेने अपना थोड़ा लंड बाहर निकाला ओर पूरा ज़ोर का झटका मारा लंड मेरी बहन की चूत मैं पूरा चला गया शेली बहुत ही ज़ोर से चिल्लाई मेने 2 या 3 झटके ही मारे थे जब मेने अपनी बहन की चूत देखी तो वहा पर खून लगा था.

शेली की सील पेक चूत की सील टूट चुकी थी ओर उसकी आँखो मैं पानी था ओर आँखे बंद थी और मैं ऐसे ही अपना लंड अपनी बहन की चूत मैं डाल कर धीरे धीरे झटके मारता रहा शेली ऊऊहह आअहह उउउइइ भैया दर्द हो रहा है प्लीज रुक जाओ आहह करने लगी मैं भी थोड़ा रुक गया ओर शेली के बूब्स मसलने लगा ओर लिप किस करता रहा शेली को थोड़ी राहत मिली तो मेने शेली से पूछा की चुदाई स्टार्ट करूँ तो बोली हाँ भैया मारो अब चूत मैं दर्द नही है पूरी तेज़ी से चोदना अपनी रंडी बहन को मेने ये सुनते ही झटके मारने स्टार्ट कर दिये ओर तेज झटको से अपनी रंडी बहन की चूत मारने लगा शेली मज़े से आहह ऊऊहह हमम्म भैया आअहह मारो ओर तेज़ी से मारो भाई फाड़ दो आज अपनी बहन की चूत को आआहह मज़ा आ रहा है भाई और मेरे बहनचोद भाई ऊओह मारते रहो करने लगी.

मैं भी अपनी रंडी बहन को गांली देते हुये चोदने लगा मेरी बहन झड़ने वाली थी आअहह बहनचोद मैं झड़ रही हूँ अपना माल मेरी चूत मैं डाल मेरी चूत की प्यास बुझा दे मेरे बहनचोद भाई आहह ऊऊहह करते हुये झड़ गई और मुझे मेरे लंड पर अपनी बहन की चूत से निकला पानी महसूस हुआ ओर मैं तेज झटके मारता रहा चूत से फूचफूच फुचा फूच की आवाज़े रूम मैं गूँजने लगी मेरी चुदक्कड बहन बोली भाई बस करो मैं झड़ गई हूँ आप भी झड़ो अब आहह भाई प्लीज़ ओर मैं ओर तेज हो गया आआहह रंडी कुत्तिया तुझे तो मैं अपने बच्चे की माँ बनाऊंगा साली रंडी आअहह मेरा माल तेरी बच्चेदानी मैं निकल रहा है रंडी मेरी बहन आअहह करते हुये झड़ गया.

मेरे लंड से वीर्य की गर्म धार मेरी छोटी रंडी बहन की बच्चेदानी मैं निकल गई मैं 5 मिनिट तक शेली के उपर लेटा रहा थोड़ी देर बाद मेरी बहन बोली भाई ऐसा भी करता है अपनी बहन के साथ जो आपने किया है मेने क्या किया है साली तू खुद ही कह रही थी ओर तेज ओर तेज अब बोल रही है ऐसा भी करता है कोई भाई साली अभी तो तुझे मेरे सामने अपने यार से चुदना है बोल चुदेगी ना तो वो बोली हाँ भैया ज़रूर हमें मोका मिल जाये बस आपके सामने मैं अपने है तूने ओर अपने भाई को भी बता दे किस किस की रंडी बनी है और किसका बिस्तर गर्म किया है मेरी बहन ने तो वो बोली भैया कैसी बात करते हो ऐसा कुछ नही है तो मैं बोला शेली झूठ मत बोल अब तो तू मुझे बता सकती है इसमें छिपाने वाली बात ही नही है तो शेली बोली भैया मेरी क्लास मैं एक लड़का है साहिल जो आपकी बहन को लंड चुसवाता है पर आपके जेसे थोड़े जो मेरे गले तक डाल दिया मेरी सांस रुक गई थी तो मैं बोला कभी चूत भी मरवाई मेरी बहन ने उससे तो वो बोली कभी मोका नही मिला तो मैं बोला पहले मैं तेरी चूत खोल दूँ.

फिर अपने यार को घर ले आना ओर यही चुदना मेरे सामने मैं चुप हो कर तुम दोनो की चुदाई देखूँगा तो शेली भी खुश हुई ओर फिर से मेरा लंड चूसने लगी थोड़ी देर बाद मेने शेली को बेड पर लेटाया ओर अपने लंड को चूत पर रगड़ने लगा शेली बोली क्यो तड़पाते हो अपनी रंडी बहन को भैया डाल दो अंदर तो मेने लंड के टॉप को अपनी बहन की चूत पर सेट किया ओर ज़ोर का झटका मारा मेरा लंड मेरी बहन की चूत की सील तोड़ता हुआ आधा अंदर चला गया ओर मेरी बहन ज़ोर से चिल्लाई ओर मुझे धक्के से पीछे करने लगी मेने भी शेली को अच्छे से पकड़ा था जिससे वो पीछे ना हटा सकी शेली मुझसे लंड बाहर निकालने को बोली लेकिन मेने अंदर ही रहने दिया ओर हल्के हल्के झटको से साथ अपनी चुदक्कड बहन को चोदने लगा शेली आअहह उूउउइइ भैया बाहर निकाल लो प्लीज भाई आअहह करती रही.

थोड़ी देर मैं अपनी बहन को ऐसे ही चोदता रहा तो मेरी चुदक्कड बहन को मज़ा आने लगा वो ऊऊहह भाई थोड़ा ओर अंदर करो ना भाई आअहह भाई मज़ा आ रहा है तो मैं बोला मेरी रंडी बहना कहे तो पूरा दे दूँ तेरी चूत मैं तो वो बोली हाँ भाई दे दो ना प्लीज पूछते क्यो हो ओर मेने अपना थोड़ा लंड बाहर निकाला ओर पूरा ज़ोर का झटका मारा लंड मेरी बहन की चूत मैं पूरा चला गया शेली बहुत ही ज़ोर से चिल्लाई मेने 2 या 3 झटके ही मारे थे जब मेने अपनी बहन की चूत देखी तो वहा पर खून लगा था.

शेली की सील पेक चूत की सील टूट चुकी थी ओर उसकी आँखो मैं पानी था ओर आँखे बंद थी और मैं ऐसे ही अपना लंड अपनी बहन की चूत मैं डाल कर धीरे धीरे झटके मारता रहा शेली ऊऊहह आअहह उउउइइ भैया दर्द हो रहा है प्लीज रुक जाओ आहह करने लगी मैं भी थोड़ा रुक गया ओर शेली के बूब्स मसलने लगा ओर लिप किस करता रहा शेली को थोड़ी राहत मिली तो मेने शेली से पूछा की चुदाई स्टार्ट करूँ तो बोली हाँ भैया मारो अब चूत मैं दर्द नही है पूरी तेज़ी से चोदना अपनी रंडी बहन को मेने ये सुनते ही झटके मारने स्टार्ट कर दिये ओर तेज झटको से अपनी रंडी बहन की चूत मारने लगा शेली मज़े से आहह ऊऊहह हमम्म भैया आअहह मारो ओर तेज़ी से मारो भाई फाड़ दो आज अपनी बहन की चूत को आआहह मज़ा आ रहा है भाई और मेरे बहनचोद भाई ऊओह मारते रहो करने लगी.

मैं भी अपनी रंडी बहन को गांली देते हुये चोदने लगा मेरी बहन झड़ने वाली थी आअहह बहनचोद मैं झड़ रही हूँ अपना माल मेरी चूत मैं डाल मेरी चूत की प्यास बुझा दे मेरे बहनचोद भाई आहह ऊऊहह करते हुये झड़ गई और मुझे मेरे लंड पर अपनी बहन की चूत से निकला पानी महसूस हुआ ओर मैं तेज झटके मारता रहा चूत से फूचफूच फुचा फूच की आवाज़े रूम मैं गूँजने लगी मेरी चुदक्कड बहन बोली भाई बस करो मैं झड़ गई हूँ आप भी झड़ो अब आहह भाई प्लीज़ ओर मैं ओर तेज हो गया आआहह रंडी कुत्तिया तुझे तो मैं अपने बच्चे की माँ बनाऊंगा साली रंडी आअहह मेरा माल तेरी बच्चेदानी मैं निकल रहा है रंडी मेरी बहन आअहह करते हुये झड़ गया.

मेरे लंड से वीर्य की गर्म धार मेरी छोटी रंडी बहन की बच्चेदानी मैं निकल गई मैं 5 मिनिट तक शेली के उपर लेटा रहा थोड़ी देर बाद मेरी बहन बोली भाई ऐसा भी करता है अपनी बहन के साथ जो आपने किया है मेने क्या किया है साली तू खुद ही कह रही थी ओर तेज ओर तेज अब बोल रही है ऐसा भी करता है कोई भाई साली अभी तो तुझे मेरे सामने अपने यार से चुदना है बोल चुदेगी ना तो वो बोली हाँ भैया ज़रूर हमें मोका मिल जाये बस आपके सामने मैं अपने यार की रंडी बनूँगी वो भी इसी बेड पर. तो दोस्तो आगे की स्टोरी मैं आपसे जल्द ही शेयर करूँगा. बनूँगी वो भी इसी बेड पर. तो दोस्तो आगे की स्टोरी मैं आपसे जल्द ही शेयर करूँगा.
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02-23-2021, 12:26 PM,
#97
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
बहन के हुस्न का दीवाना-1

मैं मेरी दीदी और मेरे बीच के संबंधों की शुरूआत की कहानी लिख रहा हूँ। इस कहानी को रोचक बनाने के लिए उचित एवं नाटकीय रूपांतरण किये गए हैं। मजे की बात है कि यह कहनी मैंने और दीदी ने मिल कर लिखी है। यदि आपको हमारी ये रचना पसन्द आये तो मेल करके जरूर बताएं।

कहानी को मैं नाम के संबोधन के साथ ही बताऊंगा. जहां पर मेरी बात होगी तो आप मेरा नाम (राज) पढ़ेंगे और जहां पर दीदी अपनी बात रखेगी, वहां पर आपको प्रीति लिखा दिखाई देगा.

दोस्तो, पसन्द तो मैं दीदी को बचपन से ही करता हूं। जब से लन्ड जवान हुआ है तब से ही मैं उनके हुस्न का दीवाना हूँ। स्कूल में जब दीदी स्कर्ट में गांड मटकाते हुए चलती थी तो मेरा लन्ड मचल उठता था। मैंने कई बार अपनी बहन के बारे में सोच कर मुठ मारी है. मगर खुल कर कभी प्रयास नहीं किया था.

यह बात तब की है जब मैं फर्स्ट ईयर में था। छुट्टियों में घर आया हुआ था. मुझे नहीं पता था कि इन छुट्टियों में मुझे एक खुशबूदार चूत मिलने वाली है.

प्रीति:

मैं छत पर बैठी रो रही थी, मेरे हाथों में शराब की बोतल थी। वैसे मैं शराब पीने की आदी नहीं थी. लेकिन आज कुछ हुआ ही था ऐसा कि मुझे पीने की जरूरत आन पड़ी थी.

“दीदी आप यहाँ है, वहाँ पार्टी में सब आपका इन्तजार कर रहे हैं.”
“तू चल मैं आती हूँ.” मैं रुंधी सी आवाज में बोली.

“दीदी आप रो रही हो?” वो मेरे पास आते हुए बोला.
“नहीं ऐसा कुछ नहीं है.” मैंने आँसू पौंछते हुए कहा.
“आप रो रहे हो … और ये शराब कब से पीने लगे आप?” थोड़ी गम्भीर आवाज में उसने बोला.

“मैं नहीं रो रही. मैंने कहा न कि तू चल, मैं आती हूँ.”
राज घुटनों के बल मेरे सामने बैठ गया। मेरा हाथ पकड़ कर बोला- क्या हुआ है दीदी? प्लीज बताओ, मैं प्रोमिस करता हूं मैं आपकी हेल्प करूँगा.

मैं अभी भी चुप थी, मेरा भाई फिर बोल पड़ा- दीदी, आप मुझ पर भरोसा कर सकते हो. ये बात हम दोनों के बीच ही रहेगी प्रोमिस!
उसके इस अंदाज पर मैं पिघल गयी। उसकी बांहों में लिपट कर रोने लगी। उसने भी गले लगा कर मुझे सहारा दिया। लेकिन आप सब जैसा सोच रहे हैं वैसे नहीं। मैंने उसे फोन में व्हाट्सएप खोल कर थमा दिया जिसमें अश्विन और मेरे चैट्स खुले थे।

अश्विन उर्फ आशू मेरा एक्स बॉयफ्रेंड था। तीन महीने पहले हमारा ब्रेकअप हो गया क्योंकि वो बड़ा ही कमीना था। उसने मेरे साथ धोखा किया था। धोखे में मुझे मजबूर कर अपने एक दोस्त से चुदवा दिया और उसका वीडियो बना लिया। अब मुझे ब्लैकमेल कर रहा था। जब मन करता मुझे बुला कर अपनी वासना बुझाता।
मैं मजबूर थी।

आज के दिन भी वो मुझे अपने एक दोस्त के नीचे चुदने के लिए बुला रहा था।

दोस्तो, चुदाई या सेक्स अपनी जगह है लेकिन वो मेरा पहला प्यार था. दिल से चाहती थी उसे. मुझे जरा भी अंदाजा नहीं था कि वो मेरा इस कदर फायदा उठाएगा। मैं पूरी तरह टूट चुकी थी।

“बहनचोद …” चैट्स पढ़ कर राज गुस्से में चिल्लाया.
मैं तो डर ही गयी. उसका चेहरा गुस्से से लाल था। लेकिन दूसरे ही पल वो मेरे सामने घुटनों पर था.

मेरा हाथ पकड़ कर बोला- दीदी आप टेंशन ना लो, इसे मैं देखता हूँ. आज आपका बर्थडे है. आपको सब पार्टी में खोज रहे हैं. बस जल्दी से तैयार होकर नीचे आओ.

मैंने हाँ में सिर हिलाया और वो चला गया। मैं तैयार होकर नीचे आ गयी. पार्टी में सबके साथ एन्जॉय करने लगी। लेकिन मेरी गांड फटी पड़ी थी क्योंकि मेरा मोबाइल भाई के पास ही था। व्याकुलता में रात कटी. पता नहीं था कि वो क्या करने वाला है।

सुबह मुझे राज ने अपने साथ कॉलेज चलने को कहा; मैं चल पड़ी। जैसे-जैसे वो बोलता गया मैं करती गयी।

उसने बाइक पार्किंग में रोकी। कुछ दूरी पर आशू और उसके दोस्त बैठे थे। उसने रास्ते भर से ही मुझे समझा रखा था। मैं आशू और उसके दोस्तों की ओर बढ़ी. आशू के साथ उसके चार दोस्त बैठे थे।

मुझे उनकी तरफ आता देख एक ने बोला- वो देख आ गयी आशू की रंडी!
फिर सब हँसने लगे।
आशू- क्यों री … कल बुलाया तो क्यों नहीं आई?
“देखो मैं ऐसा वैसा कुछ नहीं करने वाली अब, वैसे भी हमारा ब्रेकअप हो चुका है.”

आशू- सुबह-सुबह चढ़ा कर (दारू पीकर) आयी है क्या, तुझे पता है न मैं क्या कर सकता हूँ?
वो मेरा वीडियो कॉलेज ग्रुप में डालने की धमकी देने लगा. बोला कि मुझे पूरे कॉलेज के सामने नंगी कर देगा. मैं डर के मारे चुप हो गयी.

राज पीछे से आते हुए- क्या कर लेगा तू?
आशू- तू कौन है बे? प्रीति का नया कस्टमर है क्या?

बस इतना कहना था कि भाई ने एक पंच दे मारा आशू के थोबड़े पर. तभी उसके चारों दोस्त भी मेरे भाई पर टूट पड़े. राज 6 फिट लम्बा और शरीर से काफी तगड़ा था. स्कूल के दिनों से ही बॉक्सिंग कर रहा था. दो मिनट में ही उसने सबको धो डाला.

चारों में से कोई नहीं उठ पाया.

आशू- इसका अंजाम बहुत बुरा होगा.
मेरी ओर देखते हुए उसने कहा.
राज ने अपनी जेब से एक पेन ड्राइव निकाला और आशू की जेब में डालते हुए फुसफुसाकर बोला- इसको पूरे कॉलेज में बांट देना, तुझे तेरी औकात पता लग जायेगी.

आशू का चेहरा उस समय देखने लायक था. उस दिन के बाद से मेरा भाई कॉलेज की लड़कियों का हीरो बन गया. मैं भी खुश थी कि आशू जैसे लड़के के साथ ऐसा ही होना चाहिए था. उस दिन के बाद से हर लड़की मुझसे मेरे भाई राज के बारे में ही पूछती रहती थी.

सब कुछ ठीक चल रहा था. मेरे भाई के प्रति मेरे मन में सेक्स जैसे कोई भाव नहीं थे जब तक कि मेरी दोस्ती आयशा के साथ न हुई थी. आयशा आशू की गर्लफ्रेंड थी. आयशा के होते हुए भी आशू मुझे ही चोदता था.

आशू के साथ लड़ाई होने के बाद आयशा ने उसके साथ ब्रेकअप कर लिया था. अब वो मेरी अच्छी दोस्त बन गयी थी. एक दिन वो ग्रुप स्टडी के लिए मेरे घर आई थी। हम दोनों पढ़ाई कम और इधर उधर की बातें ज्यादा कर रहे थे।

“यार तेरा भाई बड़ा डैशिंग है.” आयशा बोली.

मैं- हा हा हा … कॉलेज की बाकी लड़कियां भी यही सोचती हैं, मेरे से उसका नम्बर मांगती हैं.
वो बोली- हां यार … कसम से, तेरे भाई को देख कर तो चूत मचल उठती है.
मैंने कहा- चुप कर! कुछ भी बोलती रहती है.

आयशा- यार काश मेरा भी तेरे जैसा कोई भाई होता!
मैं- तो क्या करती फिर तू? मैंने उसे छेड़ते हुए पूछा.
वो बोली- तो फिर बाहर मुँह मारने की जरूरत ही नहीं पड़ती, घर में ही इतना हॉट लौड़ा मिल जाता.

मैं हैरान होते हुए- चुप कर! ऐसे थोड़ी न होता है?
वो बोली- अरे, होता है मेरी जान. मेरी एक कजिन है. वो भी चुदवाती है रोज अपने भाई से!

हैरानी से मैंने कहा- चल झूठी, ऐसा केवल कहानियों में होता है.
आयशा- सच में भी होता है डियर, वैसे तुझे भरोसा नहीं तो मैं मिलवा दूंगी, तू खुद पूछ लेना.

मैंने कहा- सच्ची?
वो बोली- और क्या… मैंने तो अपनी मां को भी कई बार अपने मामा के साथ देखा है. वो दोनों कई बार चुदाई करते हैं. कई बार तो मैंने उनको सेक्सी बातें करते हुए भी सुना है.
“धत्त… सही में?” मैंने आश्चर्य से पूछा.

वो बोली- हां सच्ची यार, जब भी मेरे मामा विदेश से आते हैं तो वो दोनों मुझे किसी न किसी बहाने से घर के बाहर भेज देते हैं. पापा तो बचपन में ही गुजर गये थे. इसलिए मां अपने भाई के साथ ही काम चला लेती है.

कुछ देर की चुप्पी के बाद मैंने पूछा- पर यार, सगे भाई के साथ कैसे हो सकता है ये सब?

मैं इससे आगे कुछ कहती इससे पहले ही वो बोल पड़ी- अरे बहुत फायदे हैं … देख! पहले तो घर मे ही लौड़ा मिल जाएगा. जब मन करे, चुद सकती है. दूसरा फायदा ये कि घर का है तो तू ट्रस्ट कर सकती है. आशू की तरह तुझे धोखा खाने का डर भी नहीं रहेगा. तीसरा फायदा ये कि घर वालों की टेंशन भी वही लेगा. तुझे तो बस चुदाई के मजे लेने हैं.

“हा हा हा … और?” मैंने हंसते हुए आयशा से पूछा.
वो बोली- सेफ सेक्स की गारंटी होती है. जब मन करे चुद लिया कर. अगर मेरा कोई भाई इतना सेक्सी होता तो मैं बॉयफ्रेंड ही नहीं रखती.

आयशा तो चली गयी लेकिन दिन भर ये बात मेरे दिमाग में घूमती रही।
“सेफ सेक्स की गारन्टी” बात तो कुतिया ने सही कही थी। हाँ ये अलग है कि वो मेरे भाई पर लाइन मार रही थी।

आयशा ने उस दिन मुझे मेरी फड़कती चूत का इलाज बता दिया था. मेरे दिमाग में खुराफात का बीज पड़ गया था.

एक दिन सुबह-सुबह मैं राज के कमरे में गयी तो केवल बॉक्सर में ही था. उसने शायद कुछ देर पहले ही वर्कआउट किया था. उसका कसरती बदन, मस्त डोले, चौड़ी छाती, सिक्स पैक ऐब्स, उसके मस्त कट्स देख कर मैं उसको देखती ही रह गयी. किसी बॉडी बिल्डर से कम नहीं लग रहा था वो। उसको देख कर किसी भी चूत का चुदने को मन कर जाये.

नाश्ता करने के बाद मैं और भाई मेरी मां के साथ मंदिर में दर्शन के लिए गये. हम लोग बाहर खड़े होकर मां का वेट करने लगे. राज से बात करने का अच्छा मौका था.

मैंने पूछा- तूने आशू के कानों में उस दिन ऐसा क्या कहा था जो वो अगले ही दिन मेरे पैरों में गिर गया था?
वो बात पलटने की कोशिश करते हुए बोला- छोड़ो न दीदी. बीत गयी तो बात गयी.

जोर देकर मैं बोली- नहीं बता, मुझे जानना है?
वो बोला- मैंने उसे एक पेन ड्राइव दी थी, उसकी करतूतों का चिट्ठा था उसमें. उसने जितनी भी लड़कियों के साथ सेक्स किया था उसके सारे वीडियो थे उसमें.

हैरानी से मैंने पूछा- लेकिन ये सब तुझे कहां से मिला?
राज- “आसान था, मैंने प्रीति बनकर उससे चैट की. उसका लंड खड़ा कर दिया. उसके कुछ वीडियो और फोटो मांग लिये. उसने अपने मोबाइल को कम्प्यूटर से कनेक्ट कर लिया. मैंने अपने एक दोस्त की मदद से उसका कम्प्यूटर हैक कर लिया और सारे वीडियोज और फोटोज गायब कर लिए.

“हे भगवान, तूने वो फोटोज देखे तो नहीं?” मेरी बात पर वो मूक बना खड़ा था।
“बोल, बोलता क्यों नहीं… ” मैंने गुस्से से पूछा.
राज बोला- सॉरी दीदी, मैं आपकी मदद कर रहा था.

उसकी बात सुनकर मैं वहीं पर सिर को पकड़ कर बैठ गयी. कुछ देर के बाद मैंने पूछा- तेरे दोस्त ने भी देख लिये?
“नहीं दीदी बिल्कुल नहीं, मम्मी कसम, उसने सिर्फ मेरी मदद की थी. मैंने सारी फ़ाइल डिलीट करवा दी. उसने कुछ नहीं देखा.”

मेरे पैरों तले से जमीन खिसक गयी थी ये जान कर कि मेरा भाई मेरी नंगी फोटोज देख चुका है. मैं वहीं सीढ़ियों पर बैठ गयी. मुझे खुद पर बहुत गुस्सा आ रहा था. कैसे मैं आशू की बातों में आ गयी. आखिर क्यों मैंने उस पर भरोसा किया.

नतीजा यह हुआ कि मैं अपने भाई के सामने नंगी हो गयी थी.

मेरे चेहरे पर चिंता के भाव देख कर राज डर गया और वो मुझे मनाने लगा- सॉरी दीदी, मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था. मैं तो आपकी हेल्प करना चाह रहा था. मैंने आपके कुछ फोटोज के अलावा कुछ नहीं देखा. मेरी नजर आपकी इज्जत आज भी वैसी ही है.

बात तो उसकी सही थी. उसने मुझे एक बड़ी समस्या से निकाला था। वैसे भी गलती उसकी नहीं मेरी थी। उसने तो मेरी हेल्प की थी। फिर मैं मान गयी। उसने भरोसा दिलाया कि वो सारे फोटो डिलीट कर चुका है.

उस दिन मेरे ज़हन में एक बात आयी। ये जानते हुए भी कि मैं कितनी बड़ी रण्डी हूं उसने मेरा फायदा नहीं उठाया। मेरी हेल्प की और मुझे इस समस्या से निकाला।
ये सोचते हुए आयशा की बात मेरे दिमाग में घूमने लगी ‘सेफ सेक्स की गारंटी!’

उस दिन के बाद से मेरे मन में एक भावना का उदय हो गया था. मेरे भाई का भोला चरित्र मेरे मन को भा गया था. मेरी नजर उसके लिए बदलने लगी थी. अब मैं छिप कर अपने भाई की सेक्सी बॉडी को निहारा करती थी.

घर में राज केवल बनियान और शॉर्ट्स में ही घूमा करता था. उसको अपनी बॉडी दिखाने का बहुत शौक था. मेरा भाई मुझे पसंद आने लगा था. वो सच में बहुत सेक्सी था.

मैं एक दिन पार्लर गयी और मैंने सिर को छोड़कर शरीर के सारे बाल हटवा लिए. अपनी चूत भी चिकनी करवा ली. मैं अपने ही घर में सेक्सी ड्रेस पहनने लगी. अपना चिकना बदन अपने भाई को दिखाने लगी. हमारी फैमिली वैसे भी काफी खुले विचारों वाली थी इसलिए कोई दिक्कत नहीं थी. सूट सलवार पहनने वाली लड़की अब एक सेक्सी माल बन चुकी थी.

मेरे इस नये अवतार को देक कर भाई भी हैरान था. उसकी नजर अक्सर मेरे बूब्स पर रहती थी. वो मेरे सेक्सी बदन को निहारा करता था. मैंने भी उसको जैसे खुली छूट दे रखी थी. कभी कभी तो मैं नीचे से ब्रा भी नहीं पहनती थी ताकि उसको मेरे कड़क निप्पल्स दिखाई दे जायें.

कई बार मैं राज को खुद ही मेरे बदन को छूने का मौका देती थी ताकि वो मुझे पटक कर चोद दे. मगर अभी तक मुझे बिल्कुल अकेले में ऐसा मौका नहीं मिल पाया था. वैसे तो हमारे कमरे भी अलग थे लेकिन मैं अपनी तरफ से पहल नहीं करना चाह रही थी. यदि मैं ऐसा करती तो उसकी नजरों में गिर जाती.

एक दिन भगवान ने मेरी तड़पती हुई चूत की पुकार सुन ली और मुझे मौका मिल ही गया. उस दिन मेरे छोटे मामा की शादी थी. मां और पापा पहले ही निकल चुके थे. हम दोनों के एग्जाम्स चल रहे थे. हम शादी के दो दिन पहले ही पहुंचने वाले थे.

पापा ने हमें बस से आने के लिए कहा. ट्रेन में कोई बुकिंग नहीं मिल रही थी. मुझे बसों में सफर करने में बिल्कुल भी रूचि नहीं थी इसलिए मैंने भाई को पर्सनल सवारी से जाने की इच्छा जताई. बाय रोड 8 या 10 घंटे का सफर था. हम लोग आसानी से कार से जा सकते थे. भाई भी कार से जाने के लिए मान गया और हम निकल पड़े.

अब राज के शब्दों में:

मौसम आज सुबह से ही खराब था। सुबह से ही बारिश हो रही थी। रास्ता लम्बा था। मैं धीरे धीरे कार चला रहा था। ट्रेन और बस के चक्कर में हमने काफी लेट कर दिया था। अन्धेरा होने को आया था.

हम लगभग आधे रास्ते तक ही पहुंचे थे। तभी तेज हवा के साथ बारिश होने लगी.

कुछ दूरी पर जाकर देखा तो हाइवे जाम हो गया था. कुछ लोगों से पूछने पर पता लगा कि तूफान की वजह से आगे रास्ता बंद कर दिया गया है. तूफान के समय में भूस्खलन का डर रहता है. हम भाई-बहन ने किसी होटल में रुकने का प्लान किया. हमें 2 किलोमीटर पैदल चलने के बाद एक होटल मिला.

पैदल चलते हुए हम भीग गये थे. जब होटल में पहुंचे तो होटल मैनेजर ने पहले ही कह दिया कि लाइट बारिश रुकने के बाद ही आयेगी. होटल में बिजली भी नहीं थी. मगर हमें लाइट से क्या करना था. हमें तो रात गुजारने के लिए छत चाहिए थी. चाबी लेकर हम भाई-बहन कमरे में आ गये. मैंने दीदी की ओर देखा तो वो पूरी की पूरी भीग गयी थी.

दीदी की भीगी हुई जुल्फें, गोरा सा चेहरा, सुर्ख लाल होंठ. उसने रेड कलर का सूट पहना हुआ था. उसका सूट भीग कर उसके बदन के साथ चिपक गया था. दीदी के उभार भी साफ नजर आ रहे थे. मगर बाकी दिनों की तुलना में थोड़े छोटे लग रहे थे.

बारिश में भीगी उस लड़की को देख कर लग ही नहीं रहा था कि वो मेरी बहन है. वो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी. मुझे पहली बार दीदी की खूबसूरती का अंदाजा हुआ था.

अब प्रीति के शब्दों में:

मैं भीगे बदन के कारण ठंड से ठिठुर रही थी।
भाई ने कहा- दीदी, आप भीग चुकी हो. कपड़े बदल लो.
हमने एक्स्ट्रा कपड़े लिए ही नहीं थे। सारे लग्गेज को हमने मां और पापा के साथ ही भेज दिया था.

उसने मुझे ठंड से ठिठुरती देख कर अपनी जैकेट ऑफ़र की। लेकिन मैं पूरी तरह भीगी हुई थी। उसके कपड़े उसके लैदर जैकेट की वजह से काफी हद तक बचे हुए थे।
कुछ देर बाद वो बोला- दीदी अगर आप बुरा न मानो तो आप मेरे कपड़े पहन सकती हो.
“और तू क्या पहनेगा फिर?” मैंने पूछा.

वो बोला- “मेरे पास है न. वैसे भी मैं भीगा नहीं हूं, मुझे जरूरत नहीं है”

चूंकि छोटे कपड़े तो मैं घर में भी पहनती थी। वैसे भी नंगी तो वो मुझे देख ही चुका था। उसे रिझाने का ये मौका मैं कैसे गंवा देती।

मैं कपड़े बदलने गयी तब तक उसने होटल वालों से कह कर अलाव का इंतजाम करवा लिया था। कुछ देर आग के सामने बैठे हुए हम बातें करते रहे। आग की गर्मी से हमें कुछ राहत मिली.

आज सुबह से ही मेरी चूत फड़क रही थी। मुझे अहसास हो रहा था कि आज कुछ होने वाला है लेकिन मुझे इसकी उमीद नहीं थी कि मैं भाई के साथ घर से इतनी दूर इस होटल में अकेले एक कमरे में होंगी।

पिछले कई महीनों से मैं एक किसी ऐसे ही अवसर की तलाश में थी. उस रात भाई को देख कर मेरे मन में एक ही तमन्ना बार बार उठ रही थी कि वो अपनी मजबूत बांहों में भर कर मुझे पूरी रात प्यार करे.

मैं उसके सेक्सी बदन को भोगना चाह रही थी. मगर अभी भी हमारे बीच में बहन-भाई के रिश्ते की दीवार सी खड़ी थी. उस दीवार को लांघने की हिम्मत भी नहीं हो पा रही थी मुझसे.
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02-23-2021, 12:27 PM,
#98
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मेरी (राज की) दीदी प्रीति के ब्वॉयफ्रेंड ने उसको ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था. अपनी दीदी की मदद करने के लिए मैंने उसको सबक सिखाया.

प्रीति:

उस दिन के बाद से मेरे कॉलेज की हर लड़की मेरे भाई के बारे में ही पूछती रहती थी. यहां तक कि मेरे एक्स ब्वॉयफ्रेंड आशू की गर्लफ्रेंड आयशा भी मेरे भाई पर लाइन मारने लगी थी.

धीरे धीरे भाई की तरफ मेरा आकर्षण बढ़ने लगा. उसका कसरती बदन और सिक्स पैक एब्स मुझे उसकी ओर खींचते थे. मेरी चूत फड़कने लगी थी और मैं अपने भाई से चुदना चाह रही थी.
मेरी दोस्त आयशा ने मुझे भाई बहन की चुदाई की कहानी बताई थी. मैं भी अब कुछ ऐसा ही अनुभव लेना चाहती थी.

एक दिन वो मौका भी मुझे मिल गया जब मुझे अपने अपने छोटे मामा की शादी में जाना था. अपने भाई के साथ मैं कार में जा रही थी लेकिन रास्ते में बारिश शुरू हो गयी. हम दोनों भीग गये और होटल में रुकने का प्लान किया. होटल के अकेले कमरे में मेरी चूत में गर्मी पैदा होने लगी लेकिन मैं भाई बहन के रिश्ते की दीवार को लांघने की हिम्मत नहीं कर पा रही थी.

तभी राज बोला- दीदी, आप बेड पर सो जाओ.
“और तू?” मैंने पूछा.
“मैं मम्मी-पापा को कॉल करने की कोशिश करता हूं.” वो बोला.

मैं बेड पर लेट गई. वो खिड़की पर बैठ कर फोन में कुछ कर रहा था। मैं जानती थी कि वो जानबूझकर बहाने बना रहा है। असल में वो मुझसे शरमा रहा था। क्योंकि कमरे में सिर्फ एक ही बेड था। उसका यही भोलापन तो मेरे दिल में घर कर गया था.

राज के शब्दों में:

मैंने चोर नजरों से दीदी को देखा। क्या मस्त लग रही थी वो। उन्होंने ऊपर मेरी शर्ट पहन रखी थी। जिसमें उनकी ब्लैक कलर की ब्रा की झलकी साफ नजर आ रही थी।

नीचे मेरी शर्ट उनकी आधी जांघों को ही ढक पा रही थी। उनकी गोरी चिकनी टांगें बिल्कुल नग्न थीं। ठंड से ठिठुर कर वो पैर मोड़ कर सोई थी।
दीदी ने कहा- राज, क्या कर रहा है, आ यहीं सो लेंगे, एक ही रात की तो बात है.

ये सुन कर मेरी धड़कनें बढ़ गयीं। आज उनके इस अवतार को देख कर मुझे दीदी के करीब जाने में भय सा लग रहा था. किंतु मैं उनकी बात को भी नहीं टाल सकता था.

मैं दीदी की बगल में ही सो गया। हम दोनों एक दूसरे के विपरीत करवट लेकर लेटे हुए थे। हम एक दूसरे के आमने सामने थे। मैंने दीदी के प्यारे से चेहरे को फिर से देखा। उनके वो गुलाबी होंठ, काली-काली आंखें, गोरे मुखड़े पर कहर बरपा रही थीं।

भीगे बालों में मेरी बहन अप्सरा लग रही थी। पारदर्शी सफ़ेद शर्ट में झलकता उनका गोरा मखमली बदन मुझे पागल बना रहा था। कसम से आज वो कमाल की सेक्सी लग रही थी।

प्रीति के शब्दों में:

आह! जिस पल का मुझे महीनों से इन्तजार था। वो आ गया था। शायद भाई मुझे देख रहा था. मगर इस बार बहन की तरह नहीं। उसे मेरी मदमस्त जवानी दिख रही थी। ये सब किसी फिल्म की तरह था लेकिन रोमांचक था।

मैं उसकी फौलादी बांहों में कस जाना चाहती थी। हाँ मेरी जवानी खुद ही उससे लुटने को फड़फड़ा रही थी. लेकिन मैं तो एक लड़की थी. लड़की कभी पहल नहीं करती.

वो हरामी भी कब से मुझे घूर रहा था लेकिन कोई पहल नहीं कर रहा था. मेरी चूत में हलचल होने लगी थी. न चाहते हुए भी मुझे ही पहल करनी पड़ी और बोली- क्या देख रहा है?

राज के शब्दों में:

मैं दीदी की रसीली मदमस्त जवानी में खोया हुआ था।
“क्या देख रहा है?” उन्होंने आंखें बंद किये हुए पूछा।
मुझे जवाब नहीं सूझा और मैं हड़बड़ा गया।
हड़बड़ाहट में बोला- क … कक … कुछ भी तो नहीं दीदी.

दीदी ने आंखें खोल दीं. वो आश्चर्य की निगाहों से मेरी ओर देख रही थी. उन्होंने मेरी ओर कातिल मुस्कान से देखा और फिर दोबारा से अपनी आंखें बंद करके सोने का नाटक करने लगी.

उनके हुस्न के जादू से मेरे लौड़े का बुरा हाल हो रहा था. मेरा लौड़ा मेरी पैंट को फाड़ कर बाहर आने के लिए तैयार था. उसे बस इस हुस्न की परी की उस रसीली मुनिया (चूत) के हां कहने की जरूरत थी. बहुत ही कातिल दृश्य था मेरी आंखों के सामने.

“दीदी आप बहुत ही सुंदर हो.” मेरे मुख से निकल ही गया। हालांकि उस टाइम पर ये मैंने बड़ी ही हिम्मत से कहा था।

“अच्छा जी … वो कैसे?” दीदी ने फिर से कटीली मुस्कान के साथ पूछा।

इसका जबाब मेरे पास नहीं था। क्या बोलता कि ‘दीदी आपकी गोल चूचियां मुझे पागल कर रही हैं!’
नहीं … ये जवाब सही नहीं था. मुझे काफी संभल कर जवाब देना था.

कुछ देर तक हम दोनों फिर से चुप करके लेटे रहे.
फिर मैंने कहा- दीदी आप सच में कयामत हो.
वो बोली- कैसे?

मैंने कहा- आपकी ये आंखें किसी को भी घायल कर सकती हैं।
वो बोली- अच्छा … और?
मैंने कहा- आपकी घुंघराली काली जुल्फें, जो सावन की घटा की तरह हैं, कोई भी इनका दीवाना हो जाये.

“और?”
“आपके ये रसीले सुर्ख होंठ, जो प्यासे समंदर की तरह हैं, आपके गोरे चेहरे पर आकर्षण का केंद्र हैं. आपके गुलाबी गाल … जब आप हँसती हो तो गुलाब से खिल उठते हैं।”

इतना कहकर मैं रुक गया। हम दोनों ने असहज महसूस किया। मैं कुछ ज्यादा बोल गया था। मैं माफी मांग कर अपनी गलती जाहिर नहीं करना चाहता था।

दीदी बोली- मेरी आज तक किसी ने ऐसे तारीफ नहीं की, आशू ने भी नहीं.
मैं बोला- शायद किसी ने आपको तबियत से देखा ही नहीं.
मैं आवेग में कह गया।

प्रीति के शब्दों में:

मैं अपने भाई की आंखों में देख रही थी। मैं सच में उसकी ओर बहती जा रही थी। ऐसी तारीफ मेरी किसी ने नहीं की। उसके द्वारा मेरे होंठों की तारीफ़ ने तो मेरे अंदर हलचल पैदा कर दी थी। मैं उसकी आंखों में अपने लिए चाहत देख पा रही थी। जी हाँ … जिस्मानी चाहत।

मगर राज की बातें उससे थोड़ी अलग थीं. मेरी अन्तर्वासना कह रही थी कि आगे बढ़ कर अपने भाई के होंठों पर होंठों को रख दूं.
मगर मैंने खुद को रोके रखा और उसकी आंखों में देखते हुए पूछा- और … और क्या पसंद है तुझे मेरे अंदर?

एक पल के लिये भी मैंने नजरें नहीं हटाईं क्योंकि मुझे अब कोई डर नहीं था। उसकी चाहत मुझ पर हावी थी और मुझे उसके ख्यालों का पता लग चुका था।

राज के शब्दों में:

दीदी मेरी आंखों में देख रही थी। ये खुली छूट थी। उन्हें मेरी बातों का बुरा नहीं लगा था। उनके इस बर्ताव से मेरी वासना को चिंगारी मिल गयी। उनकी आँखों में जिस्मानी प्यास देख कर मैं मदहोश हो उठा। मैंने नियंत्रण खो दिया।

मर्दाना बात बताऊं तो जब एक मस्त हॉट माल अधनंगी हालत में तुम्हारे सामने हो तो आपको कंट्रोल करना कठिन ही नहीं नामुमकिन हो जाता है। मेरा हाल भी वैसा ही था.

मैंने आगे बढ़ कर उनके होंठों को चूम लिया। उनका विरोध ना पाकर उनके होंठों को अपने होंठों तले दबा कर चूसने लगा। उफ्फ … वो रसीले होंठ। आज भी मुझे उत्तेजित कर जाते हैं. दीदी भी उतनी ही प्यासी थी। शायद मुझसे कहीं ज्यादा। वो भी मेरा साथ देने लगी। उस आनंद में मैं इतना खो गया कि मुझे होश ही नहीं रहा कि हम दोनों भाई-बहन हैं.

प्रीति के शब्दों में:

मेरा भाई मदहोश होकर मेरे होंठों का रस-पान कर रहा था। वो मेरे बदन पर हाथ फेरते हुए किस कर रहा था। मैं भी उसका भरपूर साथ दे रही थी। धीरे धीरे उसने उसने दोनों हाथ मेरे शर्ट के नीचे डाल दिए और उसके हाथ मेरी नंगी पीठ को सहलाने लगा।

मैं उसकी मजबूत बांहों में जकड़ती जा रही थी। उसके हाथ मेरी ब्रा तक पहुंच चुके थे। वो ब्रा खोलने की कोशिश करने लगा मगर ब्रा उससे खुली नहीं. मैंने हाथ पीछे ले जाकर ब्रा को खोलने में उसकी मदद की.

मेरे मम्मे अब आजाद थे। मेरी नंगी पीठ पर हाथ फिराते हुए वो मेरे होंठों को हब्शी की तरह चूस रहा था. मैं पूरी तरह चुदने के लिए तैयार थी। तभी वो एक झटके में मुझसे अलग हो गया.
“नहीँ ये सब गलत है दीदी!” कहकर वो झटके से अलग हुआ और बेड से उठ गया। मुझे बहुत गुस्सा आया। मैं खुल कर उससे चुदने को भी नहीं कह सकी थी.

मुझे पता था ये गांडू कुछ न कुछ गड़बड़ करेगा। मुझे अधनंगी करके मुझे गर्म करके छोड़ गया। पहली बार उसके भोलेपन पर मुझे प्यार नहीं बल्कि गुस्सा आ रहा था। यहाँ एक हॉट लड़की चूत खोले अपनी जवानी परोस रही है और इसे फालतू चीजों की पड़ी है।

मुझे बड़ा ही अपमान महसूस हुआ। शायद मुझमें ही कुछ कमी है. ऐसे हीन भाव आने लगे मेरे मन में। मैं मन मारकर सो गई।

सुबह मैं उठी तो मेरे बगल में मेरे सूखे हुए कपड़े रखे हुए थे। भाई कमरे में नहीं था। मैं तैयार होकर बाहर आई. बाहर गाड़ी खड़ी थी। भाई काउंटर के पास मेरा इन्तजार कर रहा था। हमने चेक आउट किया। फिर से गाड़ी में हम नाना के घर के लिए निकल गए।

गाड़ी में सब शांत था. दोनों में से कोई किसी से बात नहीं कर रहा था। एक दो बार उसने बात करने की कोशिश की लेकिन मैंने कुछ रेस्पोन्स नहीं दिया.

हम नानी के घर पहुँच गए. गाड़ी से उतरते समय भी उसने मुझे बात करना चाहा लेकिन मैंने उसे अनदेखा कर दिया और वहाँ भीड़ के साथ हो लिये हम दोनों.

अगले दो दिनों तक मैं खूब मस्त रही, उसे इग्नोर करती रही। इस बीच उसने कई बार मुझसे बात करना चाही लेकिन मैं जान बूझकर मौका नहीं दे रही थी।

शादी का दिन आ गया। दुल्हन भी सजी, मैं भी सज गयी। मैंने एक मॉडर्न लहंगा पहना था. नेट वाली स्लीव लेस चोली था। वन साइडेड दुपट्टा था जिसमें मेरी नंगी पीठ और पेट साफ नजर आ रहे थे। मेरी पतली कमर, फूले हुए स्तन अलग से चमक रहे थे। ऐसा लग रहा था कि मैं लड़कों के आकर्षण का केंद्र बन गयी थी.

मैं खुद सोच में पड़ गयी थी कि एक पढा़ई करने वाली लड़की पटाखा कैसे बन गयी. मेरी मां ने मुझे दूल्हे यानि कि मेरे मामा का कमरा सजाने के लिए काम दे दिया था.

कमरे को सजाने के काम में मैं लग गयी. तभी राज कमरे में आया और दरवाजा बंद करने लगा.
मैंने कहा- “तू? तू यहाँ क्या कर रहा है?”
वो दरवाजा बंद करके मेरी तरफ बढ़ा।

मैं बाहर की ओर जाने लगी. उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और मुझे अपनी ओर खींचते हुए बोला- दीदी सुन तो सही.
मैंने हाथ झटकते हुए कहा- मुझे तेरी कोई बात नहीं सुननी है.

उसने मुझे दीवार के सहारे अपनी मजबूत बांहों के नीचे दबा लिया. मेरे होंठों के पास अपने होंठ लाकर बोला- दीदी, आपको मेरी बात सुननी ही होगी.
मैंने कहा- मुझे तुझसे कोई बात नहीं करनी. तूने मुझे अधनंगी छोड़ दिया. गलती मेरी ही थी. तू भी अश्विन के जैसा ही निकला. तूने मेरी इन्सल्ट की है.

ये कहते हुए मेरी आंखों में आंसू आ गये.
वो मेरे गालों से अपने गाल सटाते हुए बोला- नहीं दीदी, आप गलत सोच रही हो. मैं घबरा गया था. ऐसा कुछ नहीं है जैसा आप सोच रही हो. एक बार मेरी बात तो सुन लो.

मैंने छुड़ाने की कोशिश की लेकिन उसकी पकड़ मजबूत थी. इसलिए मैं छुड़ा नहीं पायी.
उसने बोलना शुरू किया- दीदी मैं स्कूल के दिनों से ही आपको पसंद करने लगा था. आपके पीछे बैठ कर आपको देखता रहता था. आपके सेक्सी जिस्म के बारे में सोच कर न जाने कितनी बार मैंने … (मुठ मारी हुई है)

वो कहते हुए ही रुक गया.
फिर बोला- आज तक मैंने सिर्फ आपको सपने में ही देखा है. उस दिन के लिए मैं दिल से सॉरी कह रहा हूं. आई लव यू दीदी.

राज के शब्द:
मेरी बातों को दीदी हैरानी से सुन रही थी. जब मेरी बात खत्म हो गयी तो मुझे लगा कि दीदी मान गयी और उसने मुझे हटा दिया.
मगर अगले ही पल उसने मेरे गाल पर जोर का तमाचा दे मारा.
मैंने कहा- क्या हुआ दीदी?

वो बोली- कमीने, ये सब तू उस रात को नहीं बोल सकता था.
मैंने कहा- सॉरी दीदी.
अगले ही पल दीदी ने अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख दिया और मुझे प्यार करने लगी. मैं भी दीदी के होंठों को चूसने लगा.

प्रीति के शब्द:

मेरी सहमति क्या मिली, मेरा सेक्सी भाई राज मेरे ऊपर भूखे भेड़िये की तरह टूट पड़ा। मेरे ऊपर उसने चुम्बनों की बारिश कर दी। मेरे होंठों को चूसते हुए खुद से ही मेरे जिस्म से चिपकने लगा। वो दोनों हाथों से मेरे चेहरे को पकड़े हुए जोरों से मेरे होंठों का रसपान कर रहा था।

उसने मुझे एक झटके में गोद में उठा लिया जैसे कि मैं कोई छोटी सी बच्ची थी. उसने मुझे बेड पर पटक लिया. वो सेज मैंने अपने मामा के लिए सजाई थी. मगर सुहागरात शायद हम भाई-बहन की होने वाली थी.

राज ने एक झटके में अपनी शेरवानी उतार फेंकी. उसका राजकाय कसरती बदन मेरी आंखों के सामने था. उसके मस्त डोले, फौलादी सीना, और ऊंचा कद. किसी बॉडी बिल्डर के जैसा लग रहा था वो. उसके आगे में सच में ही बच्ची लग रही थी.

वो मेरे ऊपर आ गया। मुझे बेसब्री से चूमने लगा. वो बरसों से तड़प रहा था। मैं उसकी बेताबी समझ रही थी. वो पागल हो गया था जैसे. मुझे चूसने काटने लगा.
मेरा दुपट्टा तो कब का मेरा साथ छोड़ चुका था। उसने चूमते हुए मेरी चोली की स्ट्रिप कंधों से सरका दी और मेरे नग्न कंधो और गर्दन के भागों को चूमने-चाटने लगा. मैं तो मचल उठी।

मेरा भाई मेरी चूचियों के ऊपर के नग्न भाग को चूम रहा था. मैं उत्तेजना में सिसकारियां भर रही थी. कपड़ों के ऊपर से ही उसने मेरे स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया. वो मजे से उन पर हाथ फिराकर पूरा आनंद ले रहा था जैसे.

फिर वो मेरी चोली खोलने लगा तो मैंने उसे रोका. शादी का माहौल था, कोई भी आ सकता था। मैं नंगी नहीं हो सकती थी. वो मेरी चूचियों को चोली के ऊपर से ही दबाने लगा. उनको मुंह में भरने की कोशिश करने लगा.

उसके बाद वो नीचे की ओर मेरे पेट की तरफ चला. मेरी सिसकारियां निकलने लगीं. मैं उसके बालों में हाथ फिराते हुए उसके सिर को अपनी चूचियों पर दबाने की कोशिश कर रही थी.

राज मेरे लहंगे को उठा चुका था. उसने मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को चूमा और अपने लबों को मेरी चूत पर रखने लगा. मेरे शरीर में करंट सा दौड़ने लगा.

राज के शब्दों में:

दीदी की चूत से मस्त मादक खुशबू आ रही थी. उसकी पैंटी का निचला हिस्सा गीला हो चुका था. उसकी चूत की फांकें साफ नजर आ रही थीं. मैंने पैंटी के ऊपर से चूत पर जीभ को फिराया. उन पलों को सोचता हूं तो उसकी चूत के रस का नमकीन स्वाद आज भी मेरे मुंह में पानी ले आता है.

प्रीति के शब्द:

उसने मेरी पैन्टी भी निकाल दी और मेरी गीली हो चुकी चूत पर हमला बोल दिया. उसने मेरे लहंगे के अंदर ही मेरे चूतड़ों को पकड़ कर अपनी जीभ को मेरी चूत में घुसा दिया. मैं तो जैसे होश में ही नहीं रह गयी थी.

मैं उसके सिर को अपनी चूत में दबाने लगी. इतनी गर्म हो गयी थी कि मैं अगले कुछ मिनट में ही झड़ गयी. झड़ने में पहली बार मुझे इतना आनंद मिला था. मेरा भाई राज सच में बहुत मस्त तरीके से चूत को चूसता था.

जब तक मैंने खुद को संभाला तो मैंने पाया कि मेरा लहंगा मेरी कमर तक उठ गया था. उसका 8 इंच का लौड़ा मेरी चूत पर लगा कर वो मेरी चूत को सहला रहा था. उसका खूंखार लंड देख कर मैं तो सहम सी गयी.

मैं सोचने लगी कि अगर इस मूसल लंड से अभी चुदने लग गयी तो चीखें निकल जायेंगी और सबको पता लग जायेगा.
मैंने पूछा- कॉन्डम कहां हैं?
वो बोला- मेरे पास नहीं है.

इतने में ही फोन की रिंग बजने लगी. मैंने देखा तो मां का फोन था.
“कहां है तू?” मां ने पूछा.
मैंने कहा- बस अभी आती हूं मम्मी.

वो बोली- मैंने जो काम दिया था वो किया कि नहीं?
मैंने कहा- हां हो गया मां, बस अभी नीचे ही आ रही हूं.

फोन रखने के बाद मैंने राज से कहा- चल उठ, मां बुला रही है.
वो मुझसे रुकने की मिन्नत करने लगा.
मैंने उसको समझाते हुए कहा- पागल हो गया है क्या, हम लोग शादी में आये हुए हैं. मां ने बहुत सारा काम दिया हुआ है. वैसे भी शादी खत्म होने वाली है. नीचे सब लोग वेट कर रहे हैं. मैं काफी देर से गायब हूं. अभी रिस्क है.

राज बोला- प्लीज दीदी … एक बार करने दो.
मैंने कहा- नहीं, अभी हमारे पास सेफ्टी भी नहीं है.
ये सुनकर उसका मुंह उतर गया.
मैंने कहा- अच्छा ठीक है. अभी के लिए जा. हम घर पहुंच कर देखेंगे.

ये सुनकर उसके चेहरे पर फिर से मुस्कान आ गयी.
वो बोला- आइ लव यू दीदी.
मैंने कहा- आइ लव यू टू … अब तू निकल यहां से, वरना दोनों पकड़े जायेंगे.

उसने मेरी गीली पैंटी को देख कर कहा- अब ये तो आपके किसी काम की नहीं है.
मैंने अपनी गीली पैंटी उसके मुंह पर दे मारी और उससे बोली- ये ले … खा ले इसको … अब निकल यहां से.
वो चला गया.

राज ने बेड की सारी सजावट खराब कर दी थी. मुझे सारा काम दोबारा से करना पड़ा लेकिन साथ ही खुशी भी हो रही थी. मैंने अपने कपड़े ठीक किये और थोड़ा सा मेकअप किया और फिर से नीचे आ गयी.
वो मुझे कहीं पर दिखाई नहीं दिया.

राज के शब्द:
मैं दीदी की चुदाई करने से एक कदम की दूरी पर रहकर चूक गया था. मेरा लंड तना हुआ था. मैं सीधा जेन्ट्स के बाथरूम में गया और दीदी के बारे में सोच कर मुठ मारने की सोची.
मैंने दीदी की गीली पैंटी निकाली और उसको मुंह पर लगा कर लंड को रगड़ने लगा.

उसकी पैंटी से आ रही उसके प्रिकम की खुशबू मेरी सांसों में घुलने लगी. मेरा लौड़ा फटने को हो गया. मैंने पैंटी को जीभ से चाटा. मैंने अपने लंड को वापस तना हुआ ही अंदर दबा लिया. मैंने मन बना लिया था कि दीदी की चूत मैं घर जाकर नहीं बल्कि यहीं पर चोदनी है.

मैं तुरंत बाहर निकला और मार्केट से एक कॉन्डम का डिब्बा ले आया. उसमें 10 कॉन्डम थे. अब मैं सही मौके का इंतजार करने लगा.
कहानी अगले भाग में जारी रहेगी.
Reply
02-23-2021, 12:27 PM,
#99
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
कहानी के पिछले भाग में मैंने आपको बताया था कि मैं दीदी की चूत चुदाई के नजदीक पहुंच कर चूक गया. बीच में ही मां का फोन आ गया. उसने दीदी को नीचे आने के लिए कहा.

फिर दीदी ने मुझे अपनी गीली पैंटी दे दी और मैं सीधा जेन्ट्स के बाथरूम में आ गया. दीदी की गीली पैंटी को जेब से निकाल कर मैंने सूंघ लिया.

मेरा लौड़ा खड़ा हो गया और मैं मुठ मारने लगा. फिर कुछ सोचकर मैंने लंड को वापस अंदर कर लिया. मैंने मन बना लिया कि मैं घर तक पहुंचने का वेट नहीं कर सकता. दीदी की चूत की चुदाई यहीं पर करनी है मुझे.

मार्केट में जाकर मैं कॉन्डम ले आया और सही मौके का इंतजार करने लगा.

प्रीति के शब्द:
कुछ घंटों में शादी खत्म हो गयी। सब मेहमान चले गये. घर के लोग भी अपने अपने कमरे में जाने लगे।
मामाजी मामी को चोदने के लिए कमरे में ले गए. उसी कमरे में सुहागरात मनाने के लिए जहां पर कुछ देर पहले मैंने अपने भाई के साथ अधूरी सुहागरात मनाई थी.

मैं सोने की कोशिश कर रही थी लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। आज दोपहर का दृश्य मेरे तन बदन में आग लगाए हुए था। उसका लंड मैंने पहली बार देखा था. मेरी बेचैनी बढ़ने लगी थी. मेरी चूत में पसीना आ रहा था उसके लंड के बारे में सोचकर.

मां से मैंने कहा- मैं बाहर घूमने के लिए जा रही हूं. मेरे सिर में दर्द सा है.
मां बोली- जल्दी आना, रात बहुत हो गयी है.
मैं कमरे से निकल गयी. सब लोग अपने कमरों में जाकर सो गये थे.

मेरे कदम खुद ही जेन्ट्स के रूम की ओर बढ़ रहे थे. सोच रही थी कि अगर भाई को बुलाऊंगी तो वो सोचेगा कि मेरी बहन चुदने के लिए कितनी उतावली हो रही है.

रूम तक पहुंचने से पहले ही मुझे किसी ने हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया. मुझे दीवार से लगा कर मेरे होंठों को उसने अपने होंठों से चूसना शुरू कर दिया. स्पर्श से ही मुझे पता लग गया कि वो मेरा भाई ही है.

उसकी पकड़ से मेरे लिये छूटना नामुमकिन था. मगर मैं तो खुद ही नहीं छूटना चाह रही थी. मैं उसके आगोश में खो सी गयी.
वो बोला- दीदी एक बार करने दो प्लीज.
मैंने कहा- पागल है क्या, किसी ने देख लिया तो.

वो बोला- कोई नहीं देखेगा. देखो, अब तो मेरे पास कॉन्डम भी हैं.
उसने कॉन्डम का पैकेट दिखाते हुए कहा.
मैंने कहा- घर जाकर कर लेना.
वो बोला- नहीं, मुझसे रुका नहीं जायेगा. एक बार प्लीज … दीदी … करने दो प्लीज!
उसकी जिद के आगे मैं हार गयी.

फिर हम लोग आगे चलने लगे. वो मेरे पीछे पीछे आ रहा था. हम लोग ऐसे चल रहे थे जैसे किसी को हमारे ऊपर शक न हो.

राज के शब्दों में:
अपनी गांड को मटकाते हुए दीदी स्टोर रूम की ओर बढ़ रही थी. मुझे स्कूल के दिन याद आ गये जब मैं दीदी की मस्त गांड को देख कर मुठ मार कर अपने लंड को शांत किया करता था. आज मेरी तमन्ना पूरी होने वाली थी.

प्रीति के शब्द:
स्टोर रूम में पहुंच कर हमने भीतर से दरवाजे को बंद कर लिया. अंदर कुछ पुराना सामान पड़ा हुआ था. यह जगह काफी सेफ लग रही थी और किसी के आने का डर नहीं था. मेरी इजाजत के बिना ही राज ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मेरे होंठों को चूसने लगा.

उसने मेरी टीशर्ट को मेरे कंधे से हटा दिया और मेरे कंधे के नग्न भाग को चूमने लगा. मैं सिहर गयी. फिर उसने मुझे घुमा लिया और मेरी टीशर्ट को ऊपर उठा कर मेरी नंगी पीठ पर चुम्बन जड़ दिया.

फिर उसने मेरी टीशर्ट को उतार दिया. मैं अपनी नंगी चूचियों को छिपाने लगी. मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया था. वो मेरी नंगी पीठ को चूमने लगा. मेरी आंखें बंद होने लगीं.

कमर के नीचे मैंने लॉन्ग स्कर्ट पहनी हुई थी. स्कर्ट के ऊपर से ही वो मेरे चूतड़ों को दबाने लगा. फिर वो नीचे बैठ गया. मेरे चूतड़ों पर उसने अपने गर्म होंठ रख दिये.

मेरे मखमली चूतड़ों पर अपने दांत गड़ा कर वो उनको चूमने लगा. मैं तो उन्माद से भर गयी जैसे. ऐसा लग रहा था कि जैसे वो उनको खाना चाहता है.

अचानक से ही उसने मेरी गांड पर अपना चेहरा मलना शुरू कर दिया. मैंने नीचे से पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी. मुझे उसकी नाक अपनी गांड के छेद पर लगती हुई महसूस हो रही थी.

मेरा बैलेंस बिगड़ने लगा और मैंने अपनी चूचियों को छोड़ कर पास की अलमारी को पकड़ कर खुद को संभाला. इस बात से अन्जान वो मेरी गांड में ही मुंह को घुसेड़े जा रहा था.

राज ने मुझे मेरी कमर से पकड़ लिया था इसलिए उसकी पकड़ से छूट पाना काफी मुश्किल था. उसका जोश देख कर लग रहा था कि आज मैं बुरी तरह से चुदने वाली हूं.

काफी देर तक वो मेरी गांड से खेलता रहा. उसने मुझे कंधों से पकड़ कर अपनी तरफ घुमाया.
मैं हाथों से अपनी चूचियों को छिपा रही थी. मुझे अपने सगे भाई के सामने नंगी होने में शर्म आ रही थी. उसने मेरे होंठों पर होंठों को रख दिया और मेरे होंठों का रसपान करने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगी.

कुछ देर में वो अलग हुआ। उसने मेरी चूचियों से मेरे हाथ हटा लिये। मैं अब निर्विरोध उसे अपने जिस्म से खेलने दे रही थी। मेरे नंगे चूचे उसके सामने थे। उसने मेरे दायें चूचे को मुंह में भर लिया।

जब उसने मेरे चूचे पर मुंह रखा तो मैं एक उन्माद से भर गयी. बहुत ही सुखद अहसास था वो. मैं बाकी लड़कियों से कहूंगी कि कभी अपने भाई से कभी अपनी चूचियों को चुसवा कर देखना, वो अहसास ही निराला होता है. फिर राज यहां वहां देखने लगा. वो कुछ जल्दी में लग रहा था.

राज के शब्दों में:

दीदी के हॉट जिस्म से खेलने का मेरा बड़ा मन था। बचपन से इस जिस्म को निहारते हुए बड़ा हुआ था मैं। कितनी ही बार दीदी के सेक्सी जिस्म को सोच कर मुठ मार चुका था। थोड़ी सी देर में मन कहां भरने वाला था। मैं चाहता था कि जल्दी से दीदी की चुदाई कर दूँ. मुझे डर था कहीं वो अपना मन न बदल लें।

प्रीति:
अलमारी पर रखे पुराने गद्दे को उसने नीचे उतारा। उसे जमीन पर बिछा दिया और मुझे गद्दे पर आने का इशारा किया। मैं पीठ के बल लेट गयी। वो मेरे ऊपर आ गया।

गद्दे पर आते ही वो मेरे ऊपर टूट पड़ा. मेरी चूचियों गर्दन और पेट को जोर से चूमने लगा. मैं सिहर गयी और मेरी वासना सातवें आसमान पर पहुंच गयी थी। मैं लगातार ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां ले रही थी। पूरे कमरे में मेरी ही सिसकरियां गूंज रही थीं।

मेरी चूचियां चूस कर वो मेरे नग्न पेट की तरफ बढ़ा। मेरी कमर पर चूमते चाटते हुये उसने मेरी स्कर्ट भी मेरे तन से अलग कर दी। अब मैं भाई के सामने बिल्कुल नग्न थी। मैं वासना में खोई हुयी थी।

अब तो मेरी मुनिया भी उसके सामने नंगी हो चुकी थी। उसने मेरे दायें पैर के अंगूठे को मुँह में भर लिया। मेरे पैरों पर चूमते हुए जांघों के बीच आ गया। उसने मेरी मुनिया पर जीभ से चाटा. मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया. उसको मेरी हालत देख कर काफी मजा आ रहा था.

वो मेरी चूत चाटने लगा। मैं मदमस्त हो उठी। कुछ देर में फिर वो अलग हुआ। मेरी वासना चरम पराकाष्ठा पर थी. मुझे वर्तमान में आने में समय लगा। आंखें खोल कर जब मैंने देखा तो अगले ही मिनट वो सिर्फ चड्डी में था, जिसमें उसका तना हुआ वज्र लण्ड साफ दिखाई दे रहा था। वो मुस्कराते हुये अपनी चड्डी के ऊपर से ही अपने लंड को मसल रहा था.

उसने मेरी ललचाई नजरों को झेंपते हुये मुझे अपना लौड़ा ऑफर किया चाटने के लिये। मैंने साफ मना कर दिया। इस पर उसने अपनी चड्डी भी निकाल फेंकी। 8 इंच का मूसल लंड फुफकारता हुआ बाहर निकल आया. वो तोप की तरह टाइट था।

वैसे तो मुझे लंड चूसना पसंद नहीं था लेकिन उसके मदमस्त लन्ड को देख मेरे मुँह में पानी आ गया। हालांकि उसने दोबारा नहीं पूछा। वो झुका और उसने अपने नीचे गिरी लोअर से कंडोम का पैकेट निकाल लिया. पैकेट को मुंह से फाड़ कर लौड़े पर लगाने लगा।

उसने मुझे पीठ के बल लिटा दिया। इतना भयंकर लन्ड देख मेरी गांड तो फटने लगी थी लेकिन पीछे हटने की हालत में मैं भी नहीं थी। मेरी कमर के नीचे राज ने तकिया डाल दिया ताकि मेरी चूत थोड़ी उठ जाए. वो थूक लगा कर मेरी चूत पर मलने लगा। मेरी चूत तो पहले से ही गीली थी।

डर के मारे मैं बोली- भाई, थोड़ा आराम से … करना।
वो मेरी ओर देख कर शैतानी मुस्कान से हँसने लगा. फिर अपने लंड के टोपे को मेरी चूत पर मसलने लगा. मैं फिर से मचल उठी. तेज तेज सिसकारियां लेने लगी.

उसने लंड को मेरी चूत के छेद पर सेट कर दिया और अंदर पेलने लगा. मेरे मुंह से चीख निकल गयी. मैं चिल्लाई तो उसने मेरे मुंह पर हाथ रख लिया और मेरी चीख को अंदर ही दबा लिया. वो मेरे होंठों को चूमने लगा और चूचियों को मसलने लगा.

दोस्तो, मेरी चूत नयी तो नहीं थी. मैं दो दो लंड से चुद चुकी थी. मगर भाई का लंड उन दोनों लंड पर बहुत भारी था. राज ने दबाव बनाया और उसका लंड मेरी चूत की दीवारों को चीरते हुए अंदर तक चला गया.

दर्द के मारे मेरी आंखों से आंसू आ गये. वो लगातार मुझे चूमे-चाटे जा रहा था।
मैं सामान्य हुई।
उसने धक्के लगाना शुरू किया। हल्के हल्के धक्के लगाता रहा।
कुछ देर में मेरी चूत ने उसके लन्ड को एडजस्ट कर लिया. उसने धक्के तेज कर दिये.

अब मैं भी मस्ती से सिसकारियां ले रही थी। मेरी और उसकी सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं।

मैं उसके भार से नीचे दबी थी। इसी आसन में वो मुझे करीब 10 मिनट तक चोदता रहा। साथ ही साथ वो मेरी चूचियां मसलता तो कभी चूसता और चाट लेता. कभी मेरे होंठों को चूसता तो कभी मेरी गर्दन व गालों पर चुम्बन कर देता. उसके ऐसा करने से मैं कुछ ज्यादा ही गर्म हो गयी थी.

फिर उसने आसन चेंज किया. मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से उसने लन्ड पेल दिया और घोड़ी वाले आसन में चुदाई करने लगा। मेरी कमर पकड़ कर धक्के लगाते हुए उसका लंड पूरा का पूरा मेरी चूत में जा रहा था जिसके कारण फच-फच की आवाज हो रही थी. लगता उसका लन्ड पूरा मेरी चुत में घुसता जिससे फच फच की आवाज होती।

‘आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… इस्स… ह्म्म्म… यस. फक मी… याह्ह’ करके मैं और वो दोनों कामुक आवाजें निकाल रहे थे.
फिर वो नीचे आ गया और मुझे अपने लौड़े पर बिठा लिया और नीचे से धक्के लगाने लगा।

राज- ये काफी मस्त आसान था। मैं दीदी की कमर से पकड़ कर बैलेंस बनाये हुए था. वो खुद ही उछल कर मेरे लंड को अंदर ले रही थी. दीदी का खुला बदन मेरी आंखों के सामने था। हर एक धक्के के साथ उनकी चूचियां ऊपर नीचे हो रही थीं। दीदी के हाथ उसके बालों में थे। उनकी चिकनी काखें मेरे सामने थीं। दीदी का वो चुदक्कड़ और कामुक रूप सच में देखने लायक था.

प्रीति- भाई काफी उत्तेजित था। उसके धक्के अपने पूरे जोर पर थे। मैं भी अब अपने चरम सुख के करीब पहुंच गयी थी। वो मुझे अपनी बांहों में जकड़े हुए धक्के लगा रहा था। उसकी पकड़ मुझ पर मजबूत होती जा रही थी। मेरा बदन अकड़ने लगा.

मैं कांपते हुए झड़ने लगी और उसे कसकर अपने बांहों में जकड़ने लगी। कुछ देर में वो भी झड़ गया। निढाल होकर राज मेरे ऊपर गिर गया। हाँफते हुए वो मेरे होंठों को चूमने लगा। फिर मेरे बगल में लेट गया।

कुछ देर तो हम यूं ही पड़े हुए हाँफते रहे. 30 मिनट तक जबरदस्त चुदाई हुई थी। चढ़ाई करके मैं उसके राजकाय शरीर पर लेटी हुई उससे पूछने लगी- अच्छा सच बता कि तू स्कूल में मेरे पीछे क्यों बैठा करता था.

वो बोला- मुझे आपके बदन की खुशबू बहुत पसंद थी। आप नई नई जवान हुई थी. आपकी कांखों से आती मादक खुशबू मुझे पागल बनाती थी। आप के बदन की खुशबू लेने के लिए मैं आपके पीछे बैठता था।
“छीईई …”
“इसमें छी क्या दीदी, आपकी गर्म जवानी थी ही ऐसी!”
“और क्या क्या किया है तूने मेरे पीठ पीछे?”

“आपके चूचे आपकी उम्र की लड़कियों से काफी बड़े थे। स्कूली ड्रेस में आपके तने हुए चूचों को देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो जाता था।”
“अच्छा जी!” मैंने कहा.

“हाँ, स्कर्ट में आपकी मटकती गांड देखकर जी करता था कि काट खाऊँ मैं आपके मस्त चूतड़ों को!”

“बदमाश … अपनी बहन के चूचे और गांड देखता था तू!” मैंने उसके सीने पर प्यार से मुक्का मारते हुए कहा.
“आपको हमारा किराये का घर याद है जब हम छोटे थे?”
“हाँ याद है.”

“उसमें एक ही बाथरूम हुआ करता था.”
“हाँ सही कहा.”
“आपके नहाने के बाद मैं अक्सर बाथरूम में जाता था, आपकी गर्म पैंटी सूंघता था और मुठ मारता था. आपके कॉलेज में जाने पर तो कभी कभी मुझे आपकी गीली पैंटी मिल जाती थी जिसे मैं सूँघता और चाटता था. आपकी चूत की खुशबू बहुत मादक लगती थी. मेरे लौड़े का बुरा हाल हो जाता था.”

“हे भगवान, तू तो नंगी देखता तो चोद ही डालता मुझे!”
उसकी बातों से मैं फिर से गर्म हो रही थी.

“नहीं दीदी, नंगी तो मैंने कई बार देखा तुम्हें, मैं अक्सर आपको कपड़े बदलते हुये, बाथरूम में नहाते हुए छुप कर देखता था। लेकिन पहल करने की हिम्मत न हुई।”

अब मैं समझी कि मेरी नंगी फोटोज देख कर भी उसने प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी। नंगी तो वो मुझे बचपन से देखता आ रहा है.

“तो अब तो कर लिया न!”
“अब तो रोज करूँगा दीदी!”
“अच्छा जी?”
“हाँ, मेरी डार्लिंग दीदी!”

“अच्छा सुन, ये बात हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए, किसी को पता चला तो बड़ी बदनामी होगी.”
“उस सब की टेंशन आप मुझ पर छोड़ दो दीदी, सबके सामने हम भाई बहन की तरह ही रहेंगे.”
“ओके”
“बोलो, रोज चुदोगी न मुझसे?”
“हम्म बाबा ठीक है.”
“नहीं, मुँह से बोलो.”

“ओके बाबा रोज चुदूँगी अपने छोटे भाई से, अब सो जा मुझे भी सोने दे.”
“दीदी एक बार और करने दो न … मैं आपसे बातें करके गर्म हो चुका हूँ.” राज ने मेरे बोबे दबाते हुए बोला.

“अभी तो किया था?”
“क्या करूँ दीदी, आप इतनी सेक्सी हॉट हो कि आप को देख कर हमेशा मेरा लन्ड खड़ा हो जाता है.” वो लगातार मेरे बोबे दबाते हुए मुझे सूँघते हुए चूमता-चाटता जा रहा था।

मैं भी थोड़ा गर्म हो गयी थी उसकी बचपन की कहानियां सुनकर- भाई, गर्म तो मैं भी हूं लेकिन मेरी चूत चुदने के हालात में नहीं है.
उसने जो चुदाई की थी उससे मेरी चूत पाव रोटी बन गयी थी और काफी दर्द कर रही थी.

मैंने कहा- तू कहे तो मैं हाथ से शांत कर दूं तेरे लंड को?
वो तो मेरी गांड मारने की फिराक में था लेकिन मैंने साफ मना कर दिया। कुछ देर की बहस के बाद में वो मान गया।

फिर मैं उसके पैरों के पास आई। उसका मूसल लन्ड फुंफकार रहा था। मैंने उसे हाथों से पकड़ लिया. वो काफी मोटा और लम्बा था। उसका लंड मेरी मुट्ठी में पूरा आ भी नहीं रहा था. मुझे यकीन नहीं हुआ कि मैं कुछ देर पहले ही इस लंड से चुद चुकी हूं.

मैंने हाथ ऊपर नीचे करना शुरू किया। उसका लन्ड खम्भे की तरह खड़ा था और गर्म भी था। भाई को भी मस्ती छाने लगी जो उसके चेहरे पर साफ दिख सकती थी। उसका मस्त लौड़ा देख मेरे मुंह में पानी आ रहा था। मैंने न चाहते हुए भी उसके टोपे पर जीभ से फेर दिया। हल्का नमकीन स्वाद था उसके लंड का.

जीभ से सुपारे को चाटते हुए उसका टोपा मैंने मुँह में भर लिया। उसका टोपा काफी बड़ा था, मुश्किल से मुंह में आ पा रहा था। मैं उसके टोपे को मुँह में लेकर चूसने लगी। साथ में नीचे ही नीचे उसके लन्ड को मुठिया भी रही थी। अब मुझे भी मस्ती छा रही थी. मैंने उसका लण्ड अंदर लेना शुरू किया।

राज:
दीदी रंडियों की तरह मेरा लौड़ा चूस रही थी। उन्होंने लौड़े को गले तक उतार रखा था। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वो लंड को पहली बार चूस रही है।

वो मेरा लंड अपने गले तक उतार रही थी. जब उसकी सांस फूल जाती तो फिर से बाहर निकाल लेती. फिर मेरे लौड़े पर जीभ फिराने लगती. बीच बीच में दीदी मेरे अंडकोष भी चाट रही थी.

प्रीति:
मुझे अब मजा आ रहा था। उसका प्रीकम का स्वाद मैं अपनी जीभ पर महसूस कर सकती थी। भाई अहहह … इस्स … की कामुक आवाजें निकाल रहा था।

15 मिनट से मैं उसका लौड़ा चूस रही थी लेकिन साला झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। मेरा मुँह दर्द करने लगा तो वो मेरा सिर पकड़ कर मेरा मुख चोदन करने लगा।
5 मिनट के मुख चोदन में भी वो नहीं झड़ा तो मैंने हार मान कर उसे चुदाई की इजाजत दे दी।

मैं उसके लन्ड पर सवार हो गई। वो धक्के लगाने लगा। उसने मुझे अपने से चिपका रखा था। मेरा भाई मेरे होंठ चूसते हुए धक्के लगा रहा था। मैं भी उसका लन्ड चूस कर गर्म हो चुकी थी और मस्ती में चुद रही थी।

अगले 20 मिनट मुझे अलग अलग आसनों में चोदने के बाद वो मेरी चूत में ही झड़ गया। मैं जीवन में पहली बार एक ही दिन में तीसरी बार झड़ी थी। उसका जोश काबिले तारीफ था। लेकिन लौड़ा बड़ा ही बेदर्द था. इसका अहसास तो मुझे सुबह ही होने वाला था।

मैं थक गई थी। कब आंख लग गयी पता ही नहीं चला। सुबह उठी तो मैंने पाया कि हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो रहे थे। मैंने मोबाइल देखा तो दिन के 10 बज रहे थे। मैंने भाई को उठाया और खुद भी कपड़े पहने।

कल की चुदाई के बाद जो हाल था उसके कारण मैं लँगड़ा कर चल रही थी। भाई ने मुझे सहारा देकर कमरे तक पहुंचाया। उसने बर्फ से मेरी चूत की सिकाई की। तब जाकर मैं थोड़ा चलने के काबिल हुई।

आते समय भी वो जुगाड़ लगाकर मेरे साथ अकेले हो लिया। रास्ते में उसने एक बार फिर मुझे चोद दिया ये कहते हुए कि फिर “आपकी रसीली चूत पता नहीं कब नसीब हो”

इसके बाद तो वो जब मन करता वो मेरी चुदाई करता। मुझे भी जब मन करता उससे चुदने लगी. वैसे ऐसा कभी नहीं होता कि मेरा मन न हो चुदाई के लिए. मैं हमेशा तैयार रहती हूँ।

ज्यादातर हम घर के बाहर ही चुदाई करते थे. कभी होटल में, कभी किसी दोस्त के यहाँ। घर में पापा मम्मी होते थे तो यहां तो मुश्किल था।
लेकिन धीरे धीरे उसकी हिम्मत और बढ़ने लगी. अब मौका पाकर वो घर में भी शुरू हो जाता था। राज के रूप में मुझे अपनी प्यासी चूत का परमानेंट इलाज मिल गया था.

राज के शब्द:
दोस्तो, ये थी हम भाई-बहन की चुदाई की शुरूआत की कहानी।
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02-23-2021, 12:27 PM,
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
बहनचोद निकला मुहंबोला भाई

मेरा कोई सगा भाई नहीं है.इसलिए जब भी राखी या दूज का त्यौहार आता है मैं पड़ोस के एक लडके को राखी बांधती हूँ .उस लडके का नाम विशाल है .वह मेरा दूर के रिश्ते की बुआ का लड़का है .उसकी आयु 24 आयु 17 साल है .विशाल मेरे घर से 7 किलोमीटर दूर सिटी में कम्पूटर की मरम्मत की दुकान है .साथ ही विशाल वहीं पर विडियो लाइब्रेरी भी चलाता था .अपने साथ उसने एक लड़े को भी काम पर रहा था .जिसका नाम सुनील था .

सुनील 27 साल का युवक था .उसका काम ग्राहकों को उनकी पसंद की सीडियां देना था .विशाल का घर दूकान और मेरे घर से बहु दूर था ,इसलिए उसने अपनी दूकान के ऊपर एक कमरा किराये पर ले लिया था .कमरे में लैट बाथ साथ ही थे .जब भी विशाल को समय मिलाता था वह एक दो दिन में मेरे घर जरुर अत था .कई बार मम्मी उस से बाजार से जरूरी सामान मंगवा लेती थी . छोटी होने के कारण विशाल मुझे बहुत चाहता था ,और जब भी आता था मेरे लिए कोई न कोई चीज जरुर लाता मम्मी भी उसे पसंद कराती थीं ,और उस से हरेक बात में सलाह लेती थीं..विशाल के पिता गुजर गए थे ,और वसीयत में एक मकान छोड़ गए थे ,जो दुकान से दूर था ,उसी में विशाल की माँ रहती था ,विशाल दिन भर दुकान पर रहता था ,सुनील उसके लिए घर से खाना ले आता था .रत को विशाल घर में खाना खाता था . यह घटना राखी के दिन की है ,हर साल की तरह मैं विशाल को राखी बांधती थी .और उसी के आने का इन्तेजार हो रहा था .विशाल ने मुझे राखी पर एक मोबाइल गिफ्ट देने का वादा किया था .उस दिन रह रह कर बरसात हो रही थी .और रास्तों में पानी भर गया था ,करीब शाम के पांच के करीब विशाल आया .और देर के लिए माफ़ी मांगी .

फिर मैंने जब उसे राखी बांधी तो ,उसे मोबाइल देने का वादा दिलाया .खाने के बाद विशाल में कहा मेरे साथ मार्केट चलो ,तुम्हें जैसा मोबाईल चाहिए वैसा दिलवा दूंगा .उस समय शाम के सात बज चुके थे ,तभी जोर की बरसात होने लगी .मेरी मम्मी ने विशाल से कहा तुम अगले दिन मोबाइल खरीद देना .लेकिन मैं उसी दिन की जिद करने लगी .विशाल ने कहा अगर पानी के कारण देर हो गयी तो ? मगर मैंने कहा चाहे कितनी भी देर हो जाये नुझे तो मोबाईल चाहिए .मेरी मम्मी भी बोली बेटा यह बड़ी जिद्दी है .अगर तू आज मोबाईल नहीं देगा तो यह मेरी जान खाती रहेगी .मुझे तुम पर पूरा विश्वास है ,भले कुछ देर अधिक भी हो जाये . विशाल बोला आंटी चिंता मत करो ,अगर बरसात जोर से आने लगेगी तो हम अपनी दुकान के ऊपरी कमरे में रुक जायेंगे .क्योंकि वह में सिटी में है .वहीँ नए नए तरह के मोबाइल मिलते है . यह सुनते ही मैं विशाल की बाइक पर बैठ गयी .और जाते जाते विशाल ने ममी से कहा आंटी आप चिंता नहीं करो .मैं आपको फोन कर दिया करूँगा . उस समय थोड़ी बून्दाबून्दी हो ताहि थी ,हमने काफी घुमानेके बाद एक मोबाईल पसंद कर लिया .लेकिन जैसे ही हम दुकान से बहार निकले तो मुसलाधार बरसात होने लगी .साथ में ठंडी हवाएं भी चलने लगी विशाल ने मेरी मम्मी को बता दिया कि हम बाजार में हैं ,हमें देर हो सकती है ,विशाल का कमरा थोड़ी दूर ही था ,उसने कहा कि बरसात रुकने तक मैं उसके कमरे में रुक सकती हूँ ,क्यों वहां कोई नहीं होगा ,कमरे की एक चाभी विशाल के पास थी .दूसरी उसने अपने नौकर को दे रखी थी .कमरे के आने तक हम पूरी तरह भीग चुके थे .मिझे सर्दी लग रही थी .मैं काँप रही थी .लेकिन उस कमरे में मेरे लिए दूसरा कपड़ा नहीं था ,विशाल ने मुझे अपना कुरता दे दिया ,मैं निचे से नंगी थी . विशाल के कमरे में सिर्फ एक तौलिया और लुंगी थी .जब वह गिले कपडे बदने लगा तो उसकी तौलिया निचे गिर गयी .और उसका लम्बा मोटा ,गोरा ,प्यारा लंड मैंने देख लिया .शायद उसने जानबूझ कर ऐसा किया होगा . मैं दो \तीन बार मोहल्ले के लड़कों से चुदवा चुकी थी .तब से मुझे लंड लेने की इच्छा होती रहती थी .

विशाल का लंड मुझे अच्छा लगा ,10 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था .मेरी चूत भर जाने पर भी लंड बचा रहता जब से मैंने विशाल का मस्ताना लंड देखा देखा सर्दी होने बावजूद मेरी चूत में वासना की आग भड़क रही थी ,मैं सोच रही थी की ,किसी न किसी तरकीब से विशाल का लंड लिया जाये ,मैंने विशाल से कहा मुझे ऐसा लग रहा है कि मुझे सर्दी होने वाली है .तुम्हारे कमरे में गैस भी नहीं है ,वर्ना चाय बन सकती थी .विशाल ने कहा मैं तो नीचे से किसी दुकान से चाय मंगवा लेता हूँ .अगर कोई दुकान खुली हो ,मरे पास तो सिर्फ एक बोतल ब्रांडी है .

मुझे जब भी सर्दी हो जाती है ,मैं एक दो पैग ले लेता हूँ .मैं नौकर सुनील को फोन करता हूँ वह चाय का इंतजाम कर देगा ,अगत तुम चाहो तबतक तुम भी एक पैग ले सकती हो .मैं खुश होकर बोली अगर तुम खुद अपने हाथों से पिलाओगे ,तो मैं पी लूंगी . मेरा काम हो गया .मेरी चूत लुप लुपहोने लगी .मैंने फ़ौरन एक कि जगह तिन पैग ले लिए और कहा मेरी सर्दी जल्दी जाने वाली नहीं है ,मुझे और गर्मी चाहिए .विशाल में मुझे अपने पास बिठाया और कहा लो तुम मुझ से सट कर बैठ जाओ ,शायद मेरे शारीर से तुम्हे कुछ गर्मी मिल जाए .बातें करते वक्त विशाल मेरे शारीर पर हाथ फेरने लगा .उसका लंड लुंगी में उछलने लगा था .और मेरी चूत से रस रिसने लगा था .विशाल ने मुहे अपने बिलकुल पास लिटा लिया .और अपनी टाँगें मेरी टांगों में फसा लीं .मेरी चूचियां एकदम कड़क हो गयीं .विशाल कि सांसें मेरी सांसों से मिल रही थीं .

तभी विशाल का नौकर सुनील अचानक कमरे में अगया ,हम दरवाजा बंद करना भूल हाय थे ,हमें ऐसी हालत में देखकर सुनील पहले तो चौंका और बोला यार मॉल तो मस्त लाये हो ,क्या अकेले ही मजा लेने का प्लान था .विशाल ने कहा यह मेरी मुंहबोली बहिन है .सुनील बोला इस से कोई फर्क नहीं होता .यह तेरी सगी बहिन तो नहीं है ,तुझ्र यह कहावत पता नहीं ? “लंड न देखे दिन या रात,छूत ने देखे रिश्ता नात”यार जब लंड टायर हो ,छुट गर्म हो .तो सरे रश्ते नाते भूलकर चुदाई का मजा लेना चाहिए ,ऐसे में अगर मेरी सगी बहिन भी होती तो ,मैं उसे चोदे बिना नहीं छोड़ता .यार छूत का अपमान नहीं करना चाहिए . सुनील में मुझ से कहा ,आप ही बताइए क्या मैंने कोई गलत बात कही है .?ब्रांडी के नशे में ,या चुदवाने की इच्छा में मैंने हाहा तुम सच कह रहे हो .कुदरत ने सर्फ मर्द और स्त्री ही बनाये हैं ,रिश्ते तो लोगों ने बनादिये हैं . विशाल ने कहा इसला मतलब ,तुम चुवाने को राजी हो .सुनील भी बोल पड़ा मैंने यह ज्ञान दिया है ,मेरा भी कुछ हक़ बनता है .इस लड़की को एक साथ दो दो लंड का मजा मिलेगा .यह भी याद करेगी कि चुदाई क्या होती है .विसाल ने मुझ से पूछा कि क्या तुम तय्यार हो ?मैंने अपना सर हिला कर हाँ का इशारा कर दिया .सुनील फ़ौरन नंगा हो गया ,उसका लंड भी दस इंच से कम नहींथा ,और कड़क होकर ऊपर नीचे हो रहा था.मुझे लंड का गुलाबी गुलाबी सुपरा बहुत प्यारे लग रहे थे ,और उनको चूसने कि इच्छा नहीं रोक पा रही थी तभी सुनील ने विशाल हे कहा आओ अज पिंकी को दो दो लंड का मजा इ दें ,यह भी याद करेगी .

अगर यह ऐसा मजा ले लेगी तो हमें खुद चोदने के लिए रोज बुलाया करेगी .विशाल ने कहा पिंकी आओ ,तुम मेरे खड़े लंड पर इस तरह चढ़ जाओ ,जिस से लंड फक से चूत में समां जाए .तुम चुद चुकी हो ,तुम्हे दर्द नहीं होगा .जिस समय में विशाल का लंड लेने के लिए लंड पर सवार होने लगी तो मेरी गंद सुनील के सामने आगई .उसने फ़ौरन अपना लंड मेरी गंद में घुसा दिया .लंड गांड में रास्ता बनाते हुए अन्दर समां गया .मेरी चीख निकने ही वाली थी लेकिन मने उसे रोक लिया .मजा लेने के लिए दर्द सहना ही पड़ता है ,वर्ना मजा कैसे आयेगा .फिर दौनों के लंड अपना कम करने लगे ,मई स्वर्ग के मजे ले रही थी मेरी चूत से चिकना रस रिस रहा था ,लेकिन गांड लाल हो रही थी उस दिन दो घंटे तक मैं दोनो छेदों में दो दो लंड के मजे ले रही थी .थोडा सी ब्रांडी पीकर यही कम दुहराया गया ,दोनो झड गए ,मैंने उनके लंड चाट चाट कर साफ कर दिया .और वादा किया कि जब भी मैं रिंग करूँ तो सब कम छोड़कर मेरी चूत कि सा सर्दी निकल दिया करो . आज भी मैं चुप कर दोनो से लंड ले रही हूँ ,मेरी गांड इतनी पोली हो गयी है कि गांड मरवाने में कोई तकलीफ नहीं होती ,बल्कि मजा आता है अगर आप चाहे तोआप भी मेरे साथ मजा ले सकते हैं आखिर छूट और गांड किस लिए होते है ? जो लड़कियाँ दो दो लंड लेती हैं ,वह जवान बनी रहती हैं गांड मरवा कर देखो!
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