Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
02-23-2021, 12:31 PM,
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
भैया मैं आपकी छोटी बहन हूँ-1

मेरी फॅमिली मे हम 4 मेंबर्ज़ हैं.मेरे पापा जो की एम.पी मे सरकारी जॉब करते

हैं और मोन्थ मे 1 या 2 बार ही घर आते हैं.

मेरी मम्मी, भैया और मैं. मेरा नाम कंचन है और मैं 13 साल की एक सुंदर

गोरी लड़की हू और 8थ क्लास की स्टूडेंट हू ,मेरी हाइट 5फ्ट,3इंच है, मेरा बदन

बहुत ही कोमल है और मेरा फिगर 32-28-34 है. मेरे बड़े भैया का नाम अनुज

है और उनकी एज 21 यियर्ज़ है और वो बी.ए फाइनल एअर की स्टडी कर रहे

हैं.ओके अब मैं आप लोगो को अपने बारे मे बता देती हू मैं एक बहुत ही शरीफ

लड़की हू और अपनी क्लास मे सबसे सुंदर हूँ, मेरी क्लास के लड़के और बाकी

स्कूल के लड़के मुझे अक्सर छेड़ते रहते है, और मेरी सेक्सी बॉडी पर कॉमेंट्स मरते, लेकिन मैं ने कभी मूड कर उनको कोई रेस्पॉन्स नहीं दियाया क्योंकि मेरे मन मे सेक्स के बारे मे कभी कोई ख़याल नही आया.

मेरे भैया मुझे बहुत प्यार करते हैं और मैं भी. लेकिन मुझे क्या पता था

की भैया ये भाई-बहन वाला प्यार भूल कर मुझे ही चाहने लगे थे और मुझ से सेक्स के खाविश्मंद थे. अच्छा तो अब मैं अपनी मैं टॉपिक पर आती हूँ. ये बात आज से 4 महीने पहले की है जब मेरी मम्मी को एक हफ्ते के लिए आउट ऑफ स्टेशन जाना पड़ा क्योकि मेरे मामा की शादी थी. पर उस टाइम मेरे एग्ज़ॅम्स चल रहे थे जिसके कारण मैं नही जा सकती थी और मम्मी मुझे अकेला छोड़ के भी नही जा सकती थी क्योकि उस टाइम पापा भी एम.पी मे थे इसलिए मम्मी भाई को मेरा ख़याल रकने के लिए मेरे पास ही रहने को कहा और

चली गई.भैया मम्मी को स्टेशन ड्रॉप करने गये फिर मैने डोर बंद कर दिया,

और टीवी देखने लगी. शाम के करीब 6 बजे भैया स्टेशन से वापस आए फिर

भैया और मैं बातें करने लगे. हम दोनो ने मिल कर

डिन्नर बनाया और फिर रात को डिन्नर कर के भैया और मैं टी.वी पे मूवी देखने

लगे और मूवी देखते देखते मुझे पता नही कब नींद आ गई रात करीब 1:30

बजे मेरी नींद खुली, कमरे मैं नाइट बल्ब की मधाम रोशनी हो रही थी. मैने देखा भैया ने अपना लंड पैंट से बाहर निकाल रखा था और उसे सहला रहे थे और एक हाथ से

मेरे नन्हे नन्हे मासूम बूब्स को सहला रहे थे. ये देख कर मुझे भैया पे बहुत तेज गुस्सा आया और मैं भैया पर भड़क उठी,भैया ये आप क्या कर रहे हो मैं आपकी छोटी बहन हूँ.भैया एक दम से डर गये उन्हो ने अपनी पॅंट ठीक की और कहने लगे कंचन आइ लव यू. मैने कहा भैया ये किया बदतमीज़ी है मैं आपकी छोटी बहन हूँ.

आप मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं, अगर आप मेरे साथ ऐसी बदतमीज़ी

करोगे तो मैं आपसे कभी बात नही करूँगी और मैं रोने लगी. फिर भैया

ने कहा सॉरी कंचन मैं बहक गया था मैं अब ऐसा नही करूँगा मुझे माफ़

करदो. मैं कमरे से बाहर निकली डोर बंद किया और मैं अपने रूम मे जाके सो गई.

अगले दिन मैं सुबा जल्दी उठ कर नहाने चली गई, नहाने के बाद मैने येल्लो

कलर का टॉप और वाइट स्कर्ट पहना फिर मैं भैया को जगाने गई, उस हादसे के

बाद मुझे भैया के पास जाना अजीब सा लग रहा था, पर वो थे तो मेरे भैया

मुझे लगा की भैया अब सरमिंदा होंगे. मैने उन्हे जगाया और कहा भैया चलिए

जाकर मूह धो लीजिए मैं चाइ लेके आती हूँ और मैं चाइ बनाने चली गयी.

थोड़ी देर बाद मैं चाइ लेके आई,तो भैया ने मुझ से बोला कंचन, कल रत को जो हुआ तुम उसके कारण मुझसे नाराज़ तो नही हो ना! मैने कोई जवाब नही दिया फिर भैया ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा, देखो कंचन मैं तुम्हे बहुत प्यार करता हू और जैसे जैसे तुम जवान हो रही हो मैं तुम्हे और भी प्यार करना चाहता हूँ

मैं फिर से रोने लगी और कहा भैया मैं आपकी छोटी बहन हूँ आप जो भी

कर रहे है वो सब ठीक नही है, और आप मेरे बड़े भाई हो आप मेरे साथ ऐसा

नही कर सकते ये सब ग़लत है.

भैया को मेरी बात और आँसुओं का कोई फ़र्क नही पड़ रहा था. और फिर भैया

ने मेरे कदमों पे अपना सिर रखते हुए कहा, कंचन,मैं तुझ से बहुत प्यार

करता हूँ मैं पूरी ज़िंदगी तेरा गुलाम बन कर रहूँगा,तू जो

कहोगी,करूँगा, लेकिन मुझे निराश मत कर,वरना मेरी हालत एक मुर्दे जैसी हो

जाएगी.प्लीज़, कंचन तुम मेरी बेहन हो,मेरे ऊपेर रहम खारो,प्लीज़ मान जाओ एक

भाई अपनी बेहन के कदमों में पड़ा अपने प्यार की भीक माँग रहा है और अगर

मेरा प्यार मुझे नही मिला तो मैं अपनी जान दे दूँगा.

अब मुझे भैया के उपर तरस आ रहा था और अपने लिए अपने भैया का प्यार देख

कर मेरे सारे बदन मे आग लग गई फिर मैने भैया का हाथ पकड़ा और कहा

ठीक है भैया लेकिन यह संबंध समाज के मुताबिक अवैध हैं और अगर किसी

को भी मालूम हो गया तो हमारी बहुत बदनामी होगी ये शब्द कहते ही भैया ने

मुझे अपनी बाहों मे भर लिया और मेरी कमर मे अपना हाथ डालते हुए कहने लगे

कंचन तो चिंता मत कर और मेरे कुंवारे गुलाबी होंटो को चूसने लगे और कहने लगे आइ लव यू कंचन अगर तू मुझे नही मिलती तो मैं मर ही जाता तो मैने कहा नही

भैया मैं भी आप से बहुत प्यार करती हून आज के बाद कभी मरने की बात मत

करना. फिर क्या था मेरे इतना बोलते ही भैया की ख़ुसी का तो कोई ठिकाना नही

रहा. उन्होने मुझे अपनी बाँहों मैं उठाया और अपने रूम मैं लेगये. और मुझे

बेड पर लिटा दिया और मेरे होटो को बुरी तरहा चूमने लगे. भैया इस तरहा मेरे

होटो को चूम रहे थे जैसे से आग बरसों पुरानी हो. वो एक हाथ से मेरी जाँघो

(थाइस)को सहलाने लगे. आफ्टर 5 मिनट मुझे भी सेक्स का भूत सवार होने लगा.

मेरी छोटी छोटी सी निपल्स टाइट होने लगे थे.और फिर भैया ने धीरे से अपना हाथ मेरी

टी-शर्ट मे घुसा दिया और मेरे बूब्स पे ले गये और सहलाने लगे मेरे पूरे

शरीर मे कुछ हो रहा था अब मैं भी किस्सिंग में भैया का साथ देने लगी.

मेरा रेस्पॉन्स देख भैया धीरे-धीरे अपना हाथ मेरी चूत की फांको के पास ले गये और चूत को सहलाने लगे. मेरी चूत में अब गुदगुदी होने लगी थी. उउउफफफ्फ़ ओउउच

मैं फर्स्ट टाइम किसी के साथ सेक्स कर रही थी वो भी मेरे भैया के साथ.

मेरा पूरा जिस्म कांप रहा था तभी भैया उठे और मेरी टी-शर्ट और स्कर्ट उतार

दी अब मैं भैया के सामने सिर्फ़ पॅंटी मे थी शर्म के मारे मेरा चेहरा

लाल हो गया था और मेरा बदन कापने लगा मुझे बहुत शर्म आ रही थी.भैया

की आँखों की चमक और बढ़ चुकी थी. और भैया मेरे नंगे छोटे छोटे मुम्मों

को सहलाने लगे.. मेरे मूह से एक ज़ोर की सिसकारी निकली आअहहसिईइ आईईईई भैया

यह आप क्या कर रहे है प्ल्स मुझे छोड़ दो

कंचन मेरी प्यारी बहन तुम्हारा भाई तुमसे प्यार कर रहा है आज अपने भैया को

मत रोको और देखते ही देखते उन्होने मेरी ऐक चूची अपने मूँह मैं भर ली,. मेरे सख़्त और नुकीले मुम्मो को देखके भैया से रहा नही गया और वो कहने लगे कितना गदराया हुआ और सख़्त बदन है तेरा कंचन तेरा. और मेरी एक चुचि को मूह मे लेके चूसने लगे मेरे शरीर मे करेंट सा दौड़ने लगा. ये सोच के मेरे सगे भैया

अपनी सग़ी छोटी बेहन के बदन को चूम रहे है.

भैया मेरे मुम्मो को बारी बारी से चूस रहे थे और कभी कभी निपल्स को

काट भी रहे थे और मेरी तो जैसे जान ही निकल रही थी . .. और मैं

सिसकिया लेने लगी .. . अयाया . .भैया ..उफ़फ्फ़. और भैया मेरे निपल्स के साथ

खेलते हुए मेरी मरमरी चिकनी चिकनी जंघे को भी सहला रहे थे फिर भैया

धीरे धीरे मेरे पूरे बदन को चूमते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगे और नाभि

पे किस्सिंग करने लगे और फिर मेरी थाइस चूमने लगे और फिर मेरी गोरी

जाँघो को सहलाते हुए उन्होने मेरी पॅंटी खींच दी और भैया

मेरी छोटी सी बिना बालो की गोरी गुलाबी चूत को देखते ही रह गये.
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02-23-2021, 12:31 PM,
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भैया मैं आपकी छोटी बहन हूँ-2

अब मैं अपने सगे भैया के सामने बिल्कुल नंगी थी , 13 साल का कच्चा शरीर काप रहा था और भैया मेरी चूत को देखते हुए बोले हाए कंचन मेरी बहन क्या चीज़ है कितना कोमल बदन है तेरा हं ससस्स हहाअ.. और मेरी जाँघो को फैला दिया. मेरी छूट की काली एकदम

क़ास्सी हुई थी दोनो फांके चिपकी हुई थी भैया ने हौले से मेरी चिपकी हुई

फांको को उंगली से अलग किया .ह्हाआ उई मेरी चूत की दोनो फांको पे होंठ रख दिए और कसी हुई चूत के होठों को अपने होठ से दबा के बुरी तरह चूसने लगे और में तो बस कसमसाती रह गयी, तड़पति मचलती आआहह आअहह भैया हाअ उईईइ आहह मुझे ऐसा लगा की मेरी चूत में आग लग गई है. में बुरी तरहा छटपटाने लगी. मैं भैया के बालों को नोचने लगी और उनके सर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी. मेरे मूह से आवाज़े आने लगी आहह आअसशह आआहा आआमम आआशह. मैने कहा भाया मुउउउज्झीए कुचह हू राहाआ हॅयियी आआहहह मेरी साँसे बहुत तेज़ हो गई थी. मैं पागलों की तरहा तड़प रही थी. और मेरी चूत पानी छोड़ने लगी मैने भैया से कहा

प्लीज़ भाइया कुच्छ कीजीये मेंन मारररर जाआओंगीइ. पर भैया मेरी कहाँ

सुनने वाले थे और भाई मेरी चूत चूस चूस के मेरी कच्ची जवानी का रस पीते गये,

और बड़ी देर तक मेरी 13 बरस की छ्होटी सी चूत से चिपके रहे.मेरी चूत का

पानी छोड़ छोड़ के बुरा हाल हो चुक्का था फिर भैया ने अपने भी कपड़े उतारे

जैसे ही उन्होने अपना अंडरवेर उतारा मैं एक दम सून्न रह गई उनका लंड 7इंच

लंबा और 3 मोटा था और मैं तो अभी नाबालिग़ थी. और फिर भैया अपना

लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगे.और थोड़ी देर बाद मेरी चूत पे हल्का सा ज़ोर

डाला तो मुझे बहुत तेज दर्द हुआ और मैं एक दम से पीछे को हो गई मैं डर

गैइ सोचने लगी अब मेरा क्या होगा.

और में भैया से मिन्नत करने लगी की मुझे छोड़ दो, उन्होने मुझसे कहा अच्छा

कंचन मैं अपना लंड तेरी चूत मे नही डालूँगा बस उप्पेर से ही सहलाउन्गा

ठीक है और और मेरी चिकनी जाँघो को सहलाते हुए उन्होने अपना लंड मेरी चूत

की दरार पे फिसला दिया और बोले क्या चीज़ है तेरी चूत कंचन हाए इतनी

कसी चूत एकदम तरोटाज़्ज़ा चूत है मेरी बहना की. ऐसा कहते हुए भैया

धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत पे रगड़ने लगे और मेरे निपल्स चूसने लगे फिर

भैया ने अपना लंड मेरी चूत की सेंटर पर रखा और एक शॉट लगाया लंड मेरी

चूत में नही जा रहा था. में सिहर उठी क्योंकि दर्द के मारे मेरी जान

निकल रही थी.भाई ने मुझे सहलाते हुए कहा कंचन पहले थोडा सा दुखेगा

फिर खूब मज़ा आएगा फिर मैं चुप हो गई और आंझे बंद कर ली.

फिर भैया ने अपना लिंग मेरी चूत के छोटे से छेद पे रख कर एक जोरदार झटका

दिया जिसका उनका सूपड़ा अंदर गया जैसे ही सूपड़ा अंदर गया ही था की मैं

चिल्लाने लगी.उउउइइ माऐईन्न मईए माअरर गाऐयइ नीइकाअलू ईसीए मीईंन

मॅर जाओंगीइइ मम्मी मैं मररर गैइइ भाईईईया प्लेआसीए भैया निकालो इससे.

फिर भैया ने मेरे निपल्स को बुरी तरह चूस्ते हुए तुरंत दूसरा शॉट

लगाया ये शॉट इतना तेज लगाया कि भैया का आधा लंड मेरी छोटी सी मासूम

चूत के पतले होंटो को चीरता हुआ अंदर चला गया.मेरी दर्द के मारे जान

निकलने लगी और मेरे मूह से जूरदार चीख निकल गई.अहहाआहहुउऊउउ उवीए..वी. .मैं

मरगई भैय्ाआ... ..आआअहह भैयाः मैं मर गाइइ.प्ल्स छोड़ दो मुझेई. मेरी

आँखों से आँसू आने लगे मुझे बहुत दर्द हो रहा था.

मेरी चूत से खून भी निकल रहा था ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने भट्टी से

निकाला लाल लाल गर्म लोहा चूत में घुसा दिया हो. मैं बहुत तड़प रही थी. मैं भागना

चाहती थी लेकिन भैया ने मुझ पर अपनी पकड़ इतनी मजबूत बना रखी थी की

मैं कुछ नही कर सकती थी सिवाए आँसू बहाने के. मेरी सील टूट चुकी थी.

करीब 15 मिनट तक भैया बिल्कुल शांत रहे, भैया मेरे सॉफ्ट होंठो को चूस और बूब्स दबा रहे थे.भैया एक भूके बच्चे की तरह मेरे निपल्स को चूस रहे थे जब भैया को लगा की मैं अब शांत पड़ रही हूँ तो उन्होने तीसरा शॉट मारने में देर

नही की, उन्होने आखरी शॉट इतनी ज़ोर का मारा कि उनका

पूरा लंड मेरी छोटी सी चूत की गहराई में समा गया. मुझे इतनी ज़ोर से दर्द

हुआ जिससे कुछ सेकेंड्स के लिए तो मेरी साँस ही अटक गई थी.

मेरी चूत से दोबारा खून निकलना सुरू हो गया और मेरी चूत मे बहुत तेज जलन

होने लगी और मैं बुरी तरह चिल्लाने लगी आअहह . भैया ..आहह ह .में मर

गयी .. आअहह . ..मैं भैया की पकड़ से छूटना चाहती थी पर पर भैया

ने मुझे बहुत मजबूती से पकड़ रखा था मैं पागलों की तरहा तड़प रही थी.

फिर भी भैया को कोई फ़र्क नही पड़ रहा था.और वो मेरे निपल्स को चूस्ते रहे

थे मेरी आँखों से आँसुओं की बौछार निकलने लगी वो पूरा लंड

घुसाने के बाद 20 मिनट तक रुके रहे. फिर धीरे-धीरे मेरा दर्द कम होने लगा

और मैं धीरे-धीरे शांत पड़ने लगी. फिर भैया ने अपने लंड को आगे पीछे

करना सुरू किया. भैया मेरे निपल्स चूस्ते हुए धीरे धीरे अपना लंड

खींच के फिर से धीरे से घुसा दिया भैया जैसे ही लंड थोड़ा बाहर निकल

कर लंड वापस अंदर करते मुझे बहुत तेज दर्द होता और ऐसा लगता जैसे मेरी

चूत मे किसी ने आग लगा दी पर भैया इसी तारह बड़ी ही धीरे धीरे अपनी छोटी बेहन को चोद्ते रहे उन्न्ह आअहहू हाअए आन्णन्न् भैया आई आई रीई भैया हंणन्न् ऊऊहह ऐसे ही धीरे-धीरे मेरा दर्द भी कम हो गया फिर क्या था भैया ने अपनी स्पीड बढ़ई और चुदाई सुरू की.कुछ ही देर मैं मुझे भी मज़ा आने लगा, अब मैं भी

उनके हर एक शॉट का जवाब अपनी गंद हिलाकर देने लगी भैया

भी मेरी टाइट चूत मे अपने फिट लंड से मुझे चोदने का आनंद लेने लगा. पूरे

कमरे मैं अब हमारी चुदाई की आवाज़ें गूँज रही थी आजज्ज हफफसास्स्स

पाचक-पाचक- पाचक आवाज़ें आ रहीं थी. उउंम आह आह आह उउउ उईईईई मानणन

आअहह आशह. भैया पूरी स्पीड से चुदाई कर रहे थे. में भाई के साथ मिल के

खूब उच्छल कूद करते हुए चुदवाने लगी भैया ज़ोर ज़ोर से पंपिंग करते हुए

मेरे निपल्स को भी चूस लेते और फिर मुझे लगा की मेरी चूत से कुछ

निकलने वाला है,

और मेरी चूत मे खूब तेज़ खुजली सी हुई और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया

बस बस भैयाआआ ह्ह्ह्ह्हाआ आँहंमह और मैं भैया से चिपक गई और 5

सेकेंड में सुस्त पड़ गई मेरा पानी निकल चुका था. लेकिन भैया मेरी चूत को

चोदने मे लगे रहे भैया की साँसे अब तेज होने लगी थी, शायद वो झड़ने

वाले थे. लेकिन मैं इससे पहले कुछ समझ पाती भैया ने अपना सारा पानी मेरी चूत मैं ही गिरा दिया और मेरे उपर ही गिर गये. उनके पानी से मेरी चूत गर्म हो गई थी

भैया मेरे बगल में लेट गये.भैया के लंड पे मेरा खून लगा हुआ था और

मेरी चूत का खून और भैया के पानी से भरी हुई थी हम दोनो आधे घंटे तक

ऐसे हे लेटे रहे. फिर मैं उठी और बथ्रूम में जाने लगी तो मुझसे उठा

भी नही जा रहा था,

इस चुदाई की वजह मैं ठीक से चल भी नही पा रही थी. मेरी चूत बहुत

दर्द कर रही थी. किसी तरहा मैं बाथरूम पहुँची और नहाने बैठ गई.

नहाने के बाद मेरे सरीर में कुछ ताक़त आई. मैं ऐसे ही नंगे बदन बेडरूम

में गई वाहा देखा तो पूरी बेडशीट खून से लाल हो रखी थी भैया अभी भी

बेड पर लेटे हुए थे. शायद भैया भी थक चुके थे, वो हल्की नींद में थे.

फिर मैने कपड़े पहने.

मेरी चूत सूज गई थी जिससे मुझे बहुत दर्द हो रहा था. मैने पानी पिया

और वही ज़मीन पर बैठ कर रोने लगी. मेरी रोने की आवाज़ सुनकर भैया जाग

गये और मेरे पास आए और बोले क्या हुआ कंचन, मेने मूह नीचे कर रखा था

भैया नंगे थे.उनके लंड पर मेरी चूत का खून लगा हुआ था. मैने उनकी बात का जवाब नही दिया और रोती रही. भैया ने मेरा सर उपर किया और कहा देख कंचन रोने से कुछ नही होता जो होना था हो गया. मैं ओर तेज रोने लगी. भैया मुझे समझाने

लगे हमारी बदनामी नही होगी जब हम किसी को बताएन्गे ही नही तो किसी को

कैसे पता चलेगा, तू मेरी सिस्टर है और मैं तुझे लव करता हूँ. आज से तू

ही मेरी गर्लफ्रेंड है भैया ने मुझसे कहा कंचन डू यू लव मी.

मैने शरमाते हुए हां में सर हिला दिया और भैया के गले लग गई. फिर रात

को हमने खाना खाया उसके बाद भैया ने मेरी चुदाई नही की क्योंकि मेरी चूत

सूजी हुई थी. उन्होने मेरी चूत को गरम कपड़े से सेका जिससे मेरी चूत का दर्द

कम हुआ

end
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02-23-2021, 12:31 PM,
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
गंदे ख्याल मेरे भाई के

हैल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम अभिलाषा है और मैं काठमांडू से हूँ | मेरी उम्र 22 साल है और मैंने हाल ही में अपना ग्रेजुएशन कम्पलीट किया है | मैं आप लोगो को अब अपने रंग रूप के बारे में बता दूं | मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच है और रंग एक दम गोरा है और इसी के साथ ही भगवान ने मुझे 28-32-34 का मस्त फिगर दिया है जिसे देख कर मुझे बस चोदने की मनोकामना करते हैं | खैर फ्रेंड्स, मैं तो ऐसे ही अपने हुस्न के जलवे बिखेरते हूँ | अब मैं आप लोगो के समय को ज्यादा बर्बाद न करते हुए अपनी पहली कहानी का आरंभ करती हूँ | ये बात उस समय की है जब मैं अपने मामा के घर उनके बेटे के पहले जन्मदिन पर गई थी | मामा जी उस समय मुंबई शिफ्ट हो चुके थे | अब हम घर वालो का मन तो नहीं हुआ कि हम वहां जाए क्यूंकि वो शहर दूर था | मैं आप लोगो को अपनी फॅमिली के बारे में बता दूं – मेरे घर में मेरे पापा भुवन जो कि आर्मी में नौकरी करते हैं और मम्मी स्मिता जो कि हाउसवाइफ हैं मैं और मेरा छोटा भाई जो अभी स्कूल में है |

स्कूल में खेलकूद के चक्कर में सारे बच्चो को छुट्टी मिल गई थी करीब दस दिन की | मम्मी ने पापा से बात की कि हम लोगो को वहां जाना है तो क्या करे ? जगह दूर भी है तो जाना थोडा मुश्किल है और आप यहाँ है नहीं तो घर भी सूना रहेगा | तो पापा ने कहा कि कोई बात नहीं तुम अकेले चले जाओ और मामा को कॉल कर देना | अभिलाषा और बबलू घर में ही रुक जायेंगे | इस बात से पहले तो मम्मी को ठीक नहीं लगा पर मम्मी अकेले वहां जाने के लिए मान गई | मेरे मामा जी बहुत अच्छे हैं और हम लोगो से काफी लगाव भी है | दूर रहने की वजह से हम लोग नहीं जा पाए वरना हम साथ में चले जाते | मैंने सुबह ही मम्मी के कपड़े और जरुरी सामान रख उनका बैग पैक कर दिया और फिर उसके बाद मैं और मेरा भाई उनको छोड़ने स्टेशन चले गए | अब ट्रेन भी चल चुकी थी और मैं और मेरा भाई हम दोनों घर वापस हो गए | शाम का समय था तो मैंने बबलू से पुछा कि तुझे कहीं जाना तो नहीं है | तो उसने कहा नहीं दीदी मुझे अभी कहीं नहीं जाना है अगर जाना होगा तो मैं आप को बता दूंगा | मैंने कहा चल ठीक है मैं सीमा ( मेरी पड़ोसन दोस्त ) के घर जा रही हूँ अगर तुझे कहीं जाना होगा तो तू मुझे वहां आ कर बता देना | उसने कहा ओके दीदी और मैं सीमा के घर आई |

जब मैं उसके घर गई तो घर एक दम खाली था | जब मैं आवाज़ देते हुए उसके रूम पर पंहुची तो देखा कि वो एक ब्लू फिल्म देख कर अपनी बुर में ऊँगली कर रही थी और एक हाँथ से अपने मम्मे सहला रही थी | ये देख कर मैं उसके पास गई और उसके कान से हैडफ़ोन निकाल दी तो वो एक दम से चौंक कर उठी और कहा अबे तूने तो मुझे डरा ही दिया | मैंने कहा शुक्र मना मैं ही थी और कोई नहीं वरना तू तो गई थी | उसके बाद उसने अपने कपड़े पहने और फिर हम दोनों बात करने लगे | बातो ही बातो मैंने उससे पुछा कि तू किसकी ब्लू फलम देख रही थी तो उसने कहा अरे बहुत गजब की फिल्म थी यार उसमे एक छोटा भाई अपनी बड़ी बहन को चोदता है | मेरे मन में आया कि चलो मैं भी देखती हूँ | मैंने उससे कहा कि चल हम दोनों साथ में देखते है | वो तो जैसे उसी का इन्तेजार कर रही थी | उसने तुरंत ही वो ब्लू फिल्म लगा दी | जैसे ही मूवी में चुदाई हुई तो मैं गरम होने लगी | पता नहीं चला कि मेरा हाँथ कब मेरे चूत पर चला गया और मैं अपनी बुर को सहलाने लगी | थोड़ी देर के बाद मैं झड़ गई और मेरी पेंटी एक दम चूत के रस से गीली हो गई तो मैंने उससे कहा कि यार मैं झड़ गई हूँ घर से हो कर आती हूँ | उसने कहा चल ठीक है | जब मैं घर वापस आई तो घर का दरवाजा खुला था तो मुझे लगा शयद मेरा भाई कहीं नही गया है घर पर ही है | फिर मैं तुरन्त बाथरूम गई और जैसे ही दरवाजा खोला तो देखा कि मेरा भाई एक दम नंगा हो कर अपने लंड पर मेरी पेंटी पहन कर मुट्ठ मार रहा था |

ये देख कर वो अपने लंड को ढंकने लगा और मैं शर्म से लाल हो गई | चुदाई से पहले मैं आपको अपने भाई के बारे में बताती हूँ | मेरे भाई की हाईट 5 फुट 10 इंच है और उसका बदन भी हट्टा कट्टा है | वो मुझे देख कर सोर्री कहने लगा तो मैंने उसे कुछ नहीं कहा और बस वहां से निकल जाने को कहा | वो चुपचाप चला गया | फिर मैंने अपनी पेंटी बदली और अपनी वो वाली पेंटी को हाँथ में लिया तो उसमे से कुछ चिपचिपा सा लगा | जब मैंने देखा तो वाइट सा कुछ लगा था मैं समझ गई कि ये उसका वीर्य है | मैंने अपनी दोनों पेंटी को पहले अच्छे से धोई और सुखाने के लिए छत पर गई तो वो वहां पर बैठा हुआ था | कपड़े डालने के बाद मैं उसके पास गई और उससे पुछा कि ये तू क्या नाटक कर रहा था | तो उसने कहा दीदी सॉरी मुझसे गलती हो गई मुझे माफ़ कर दो | मैंने उससे कहा देख तू ऐसी हरकत किया है ये बात तो मुझे बताना ही पड़ेगा मम्मी पापा को | तो वो रोने लगा और कहने लगा दीदी प्लीज मुझे छोड़ दो मुझे माफ़ कर दो मत बताना किसी को दीदी आप जैसा कहोगे मैं वैसा ही करूँगा | उसके बार बार मिन्नते करने पर मैंने उसे माफ़ कर दिया |

अब रात का खाना खाते वक़्त मैंने उससे पुछा कि तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या ? उसने कहा नहीं दीदी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है | फिर मैंने पुछा कि ठीक है पर अब कभी ऐसी हरकत मत करना | उसने कहा ठीक है दीदी अब मैं ऐसा कभी नहीं करूँगा | थोड़ी देर बाद मैंने उससे पुछा कि तुझे मेरे ही कपड़े मिले थे क्या ये सब करने को ? तो उसने अपना सिर नीचे झुका लिया लेकिन कुछ बोला नहीं | मैंने उसके हाँथ में हाँथ रखते हुए कहा चल बता भी दे मैं कुछ नहीं बोलूंगी तुझे | अब उसको थोड़ी हिम्मत आई तो उसने कहा दीदी आप मुझे अच्छे लगते हो और मैंने आपको कई बार नहाते हुए देखा भी है इसलिए मैंने आपकी पेंटी के साथ ऐसा किया | उसकी ये बाते सुन कर मेरे पैरो तले जमीन खिसक गई | मुझे गुस्सा तो आया पर मैंने उसे कुछ नहीं बोला और चुपचाप खाना ख़त्म किये | अब सोने की बारी थी तो वो मेरे पास ही सोता था | उस दिन रात में मैंने उससे कहा कि तू दूसरे कमरे में जा कर सो जा | तो उसने कहा नहीं दीदी मुझे अकेले में डर लगता है यहीं सो जाने दो न क्या दिक्कत है ? तो मैंने कहा चल ठीक है पर मुझसे दूर सोना | वो समझ गया कि मैंने ऐसा क्यूँ कहा | खैर अब सो रहे थे | रात के करीब 1 बजे मेरी नींद खुली तो देखा कि मेरा भाई वहां नहीं था | तो मुझे लगा शायद चला गया होगा दूसरे कमरे में | मुझे बहुत जोर से बाथरूम लगी थी तो मैं बाथरूम की तरफ गई और देखा कि लाइट जल रही है | जब मैं पास गई तो मुझे कुछ आवाज़ आ रही थी |

वो आवाज़ किसी और की नहीं बल्कि मेरे भाई कि थी और वो कह रहा था आहा मेरी जान अभिलाषा हाय क्या माल है आहा ऊउंह तुझे तो कुतिया बना कर चोदूंगा आहा | उसकी ऐसी बाते सुन कर मुझे बहुत गुस्सा आया पर रात का समय था थोडा मन मेरा भी हुआ | मैंने दरवाजे के छेद से अन्दर देखा तो भाई का 8 इंच का लम्बा लंड मेरी आँखों के सामने था और वो उसे जोर जोर से हिला रहा था | उसके इतने बड़े लंड को देख कर मेरी चूत में हलचल होने लगी | मेरे दिल की धड़कने तेज होने लगी और मेरे शरीर में एक अजीब सी कसक होने लगी और साथ ही उत्तेजना होने लगी |

मैंने अपने भाई के प्रति कभी ऐसी फीलिंग्स नहीं लाइ थी जैसी अब आ रही थी मुझमे | मुझे एक अलग ही आभास हो रहा था और मेरे भाई से चुदवाने की इच्छा अपने आप जाग रही थी | मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था और मैं चुदासी हो रही थी | वही मेरा भाई आहा ऊंह अभिलाषा तुझे चोदना है तुझे मेरे बच्चे की माँ बनाना है तुझे खूब चोदूंगा बस एक बार मुझसे अपनी चूत चुद्वाले | ये सुन सुन कर अब मेरा मन भी चुदाई करने का होने लगा था | मेरी चूत से पानी रिश्ने लगा था और मैं बेकाबू हो रही थी | तभी उसने आहाआ करते हुए अपने वीर्य को झड़ा दिया | उसके वीर्य को देख कर मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गई | उसके निकलने से पहले मैं अपने रूम में जा कर जल्दी से सोने का बहाना करने लगी | ऐसे ही लेटे लेटे मेरी नींद ही लग गई | अगली सुबह जब मैं उठी तो वो नहीं दिखा मुझे | मुझे रात को वो सब याद आ रहा था और अब मैं उस पर गुस्सा नहीं बस प्यार दिखाना चाह रही थी | मैं नीचे गई तो देखा कि वो सोफे पर बैठ कर टीवी देख रहा था | मैंने बिना कुछ बोले नीचे आई और किचन में जा कर पानी पीने लगी | पानी पीने के बाद मैंने ब्रश किया और नहा कर पूजा की | ये मेरी रोज की आदत है | फिर मैं पूजा कर के किचन में जा कर नाश्ता बनाने लगी | तब तक भाई भी नहा कर एक फ्रेश हो गया था | मैंने उसे आवाज़ दे कर नाश्ता करने के लिए बुलाया | तो उसने कहा दीदी आप रख दो मैं अभी आता हूँ | मैंने कहा ठीक है |

मैं नाश्ता करने लगी और 5 मिनट के बाद वो भी आ गया नाश्ता करने के लिए | मैंने सोचा कि क्यूँ न इसे पटा कर चुदवाया जाए | क्यूंकि कल का सीन अभी तक मेरे दिमाग से नहीं निकला था और मैं चाहती थी कि अब मैं अपने भाई से चुद्वाऊ उस ब्लू फिल्म में जैसे एक बहन अपने छोटे भाई से चुद्वाती है | मैंने उससे पुछा कि कल रात मेरी नींद खुली थी तू दिखा नहीं दूसरे दूसरे कमरे में सो रहा था क्या ? वो एक दम से घबरा गया | उसने कहा हाँ दीदी आपने कहा था ना इसलिए मैं चला गया था | मैंने मन ही मन कहा साले अपनी बड़ी बहन के नाम की मुट्ठ मारता है और झूट बोल रहा है मुझसे | मैंने बनते हुए कहा अच्छा चल ठीक है | ये कह कर मैंने उसे जाने दिया | दो दिन तो ऐसे ही निकल गए और हमारे पास बस 6 दिन ही बचे हुए थे | अब मैं उसके सामने झुक कर झाड़ू या पोछा करती ताकि उसे मेरे मम्मों के दर्शन हो सके | मैं उसके सामने अपनी चूतड मटका मटका कर चलती और वो अपना लंड मसल कर रह जाता |

मैं उसे ये समझाना चाहती थी कि वो समझ जाये कि अब उसकी बड़ी बहन उससे चुदवाने को तैयार है और चाह रही है कि तू पहल करे | अब वो दिन भी आ ही गया जिसका मुझे इन्तेजार था | एक रात खाना खाने के बाद मैं और मेरा भाई हम दोनों हॉलीवुड मूवी देख रहे थे जिसका नाम बेसिक इन्स्सित था | उसमे कुछ गंदे सीन आते तो मैं बड़े ही मजे ले कर देखती और वो मुझे देखा | अब धीरे धीरे मैं गरम होने लगी तो मैंने उससे कहा कि चल तू मूवी देख मैं सोने जा रही हूँ | उसने कहा ठीक है दीदी | मैं ऊपर जा कर सोने लगी और मुझे मालूम था कि ये जरुर मेरे नाम की मुट्ठ मरेगा और मेरा नाम लेगा | मैं करीब दस मिनट के बाद वापस आ गई और जैसा कि मैंने कहा था कि ये मेरे नाम की मुट्ठ मारेगा वो ठीक यही कर रहा था | मैंने भी देर न करते हुए सीधे जा कर उसके लंड को अपने हाँथ से पकड़ ली और नाटक करते हुए कहने लगी तू फिर से ये सब करने लगा | मैंने तुझे मना किया था न ? तो वो एक दम से झेंप गया और कहने लगा दीदी सॉरी दीदी मुझे माफ़ कर दो | मैंने कहा अब तुझे माफ़ी नहीं मिलेगी और मैं जा रही हूँ पापा को बताने कि ये ऐसी ऐसी हरकत करता है | ये बात सुन कर उसके पसीने छूटने लगे और उसका लंड भी डर के कारण छोटा हो गया | मैं फ़ोन की तरफ जाने लगी तो उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया | उसका लंड मेरी गांड की दरार से टकरा रहा था और वो मेरे दोनों दूध को पीछे से ही पकड़ा रहा |

मुझे अच्छा लग रहा था और मैं झूटमूट का नाटक कर रही थी | उसने मुझे घसीट कर दिवार के सहारे टिका दिया और कहने लगा दीदी प्लीज मत बताओ न प्लीज दीदी | मैंने कहा तू मुझे छोड़ बहुत कास कर दबा रखा है | उसने कहा दीदी पहले आप कहो कि आप नहीं बताओगी तभी मैं आपको छोडूंगा | मैंने कहा ठीक है नहीं बताउंगी | फिर जैसे ही उसने अपनी पकड़ ढीली किया मैं तुरंत उसके चंगुल से आजाद होने की कोशिश की पर उसने फिर से मुझे कास कर पकड़ लिया | अब हम दोनों एक दूसरे के एक दम करीब थे और हम दोनों की साँसे एक दम तेज होने लगी थी | मैं भी शांत खड़े हो कर उसे देख रही थी और वो भी | फिर उसने अपने होंठ मेरे होंठ में रख दिया और मेरे होंठ को दबा कर चूसने लगा | मुझे भी अच्छा लग रहा था और मैं भी उसका साथ देते हुए उसके होंठ को चूसने लगी | उसने मुझे अब आजाद कर दिया क्यूंकि वो समझ चुका था कि मैं नहीं मना करुँगी | वो मेरे होंठ को चूसते हुए मेरे मम्मों को भी दबा रहा था और मैं भी उसके होंठ को चूसते हुए उसके बदन को सहलाने लगी | हम दोनों ने करीब 15 मिनट तक एक दूसरे के होंठ का स्वाद लिया | उसके बाद उसने मेरे टॉप को निकाल दिया और मेरे ब्रा के ऊपर से ही मेरे मम्मों को दबाने लगा तो मेरे मुंह से आहा ऊंह आऊं आम आआ की हलकी सिस्कारियां निकलने लगी | उसने जरा भी देर नहीं किया और मेरे ब्रा को भी निकाल कर मेरे दोनों कबूतरों को आजाद कर दिया |

कुछ देर तक वो मेरे मम्मों को अपने हाँथ में ले कर देखने लगा तो मैंने पुछा क्या देख रहा है ? तो उसने कहा दीदी रोज मैं बस इसको छूने के सपने देखा करता था आज मिल रहा है तो बड़ा ही मजा आ रहा है | मैंने कहा कि चल चूस ले | वो मेरे एक मम्मे को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा और दूसरे मम्मे को दबाने लगा | उसके ऐसे करने से मेरे मुंह से मादक सिसकियाँ निकलने लगी | उसको मेरी सिसकियों से ज्यादा उत्त्जेना होने लगी तो उसने मेरे दोनों मम्मों को जोर जोर से अपने मुंह में ले कर चूसने लगा और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहाहा उन्ह उमह करते हुए सिसक्र्याँ लेने लगी | मैंने कहा भाई अब मुझसे रहा नहीं जाता जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड घुसेड कर चोद दे | फिर हम दोनों जल्दी नंगे हो गए और उसने मुझे लेटा कर अपने लंड को एक ही धक्के में अन्दर डाल कर चोदने लगा | मैं भी अपनी कमर उठा उठा क्र चुदाई में साथ देने लगी | फिर उसने अपनी चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दिया और जोर जोर से मेरी चूत को बेरहमी से चोदने लगा | मैं सिस्कारियां लेते हुए उसके गाली भी दे रही थी | उसने करीब मेरी चूत को आधे घंटे तक चोदा और फिर मेरी चूत में ही झड़ गया |
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02-23-2021, 12:31 PM,
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मेरी छोटी बहन

हेलो दोस्तों, कैसे हैं ? आशा है की ठीक ही होंगे। मेरे घर में मम्मी , पापा और मेरी छोटी बहन जिसका नाम ऋतू है, रहते हैं। मेरी उम्र २३ साल है और ऋतू की 19 साल। अपनी बहन के बारे पिछले १ महीने से पहले मेरे मन में कभी भी कुछ गलत ख्याल नहीं आया था। खैर, जिस दिन आया उस दिन की बात बता रहा हूँ।
हुआ ये की मेरे मम्मी पापा को एक रिश्तेदार की शादी में बंगलौर जाना था। उन्हें वापस आने में लगभग १५ दिन का टाइम लग जाता। वो लोग चले गए। अब घर पर मैं और मेरी बहन ऋतू थे। ऋतू ने खाना बनाया और हम दोनों खाकर अपने अपने कमरे में लेट गए जाकर। मैं अपने मोबाइल में पोर्न देखने लगा क्यूंकि मेरा मुठ मारने का बहुत मन था। लगभग आधे घंटे बाद मुझे महसुसु हुआ की कोई मेरे साथ और देख रहा था। मैंने ध्यान दिया तो वो ऋतू थी। मैं चौक गया। मैंने तुरंत मोबाइल बंद किया और उससे बोलै – अरे तुम कब आयी ? वो बोली – भैया, मुझे डर लग रहा था इसीलिए बस अभी आयी। मुझे पता था की वो देर से खड़ी थी। खैर, मैंने बोलै -ठीक है, साथ में लेट जाओ। वो लेट गयी। मैंने पूछा – तुमने कुछ देखा तो नहीं ? वो बोली- क्या ? मैंने कहा -अरे मैं फ़ोन में कुछ देख रहा था। वो बोली – नहीं, मेरे आने पर तो आपने फ़ोन बंद कर लिया था। खैर, हम दोनों सो गए।

पोर्न देखने की वजह से मेरा लैंड खड़ा था और बिना मुठ मारे वो बैठेगा नहीं ये मुझे पता था। जब मुझे लगा की ऋतू सो गयी है तो मैंने मोबाइल निकाला, ईरफ़ोन लगाए और फिर से पोर्न देखने लगा और पेंट के अंदर लैंड सहलाने लगा। अचानक से ऋतू बोली – भैया, कुछ हिल रहा था। मैं डर गया, मैंने झट से मोबाइल बंद किया और पूछा कहाँ ? वो बोली -आपकी कमर के पास। असल में मैं लैंड हिला रहा था और वो उसी को बोल रही थी। मुझे भी पता है इतनी अनजान वो है नहीं जितनी बन रही है। मैंने बोलै – कुछ नहीं, सो जाओ। वो बोली – अरे भैया दिखाओ न क्या हिल रहा था। मैंने कहा – अरे वो तेरे मतलब की चीज नहीं है। वो बोली – मेरे ही मतलब की चीज है और आपके मतलब की चीज मेरे पास है। मैं चौंक गया। वो फिर बोली – मैंने सब देख लिए है और मैं मम्मी-पापा को बता दूंगी। मैं उससे रिक्वेस्ट करने लगा की नहीं, प्लीज् नहीं बताना। वो बोली – चलो फिर, जल्द से दिखाओ। मैं शर्मा गया और आँखें बंद कर के मैंने चादर हटा दी। ऋतू मेरे खड़े लैंड को देखने लगी। वो बोली – अरे भैया, शर्माओ मत, घर की बात घर में रहेगी और मजे भी पुरे होंगे।

मैं समझ गया की मेरी बहन मुझसे कई कदम आगे है। मुझे अभी भी समझ में नहीं आ रहा था की मैं क्या करूँ। मैंने खुद को काबू में किया लेकिन तब तक ऋतू मेरे लंड को सहलाना शुरू कर चुकी थी। अब जब खड़े लैंड पर ऐसे नरम हाथ हों तो किसी का भी मन डोल जाएगा। मैंने अब कहा – अब तू रुक। इतना कह कर मैं उसके ऊपर आ गया और उसको किश करने लगा। वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी।
अब मैंने उसके सलवार को उतार दिया और ब्रा को भी। उसके परकी टाइप के दूध हैं। अब मै उसे हाँथ से दबाते हुए उसके निप्पलस को अपनी ऊँगली से मसलने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए सिस्कारियां लेने लगी।

मैंने ऋतू के दूध को अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से मसलते हुए चूसने लगा। वो भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहा आआअ आहा आआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मेरे लंड को सहलाने लगी ऊपर से ही। | उसके बाद मैंने उसके पूरे कपडे उतार दिए और उसे लेटा दिया।

अब मैं उसकी टाँगे चौड़ी कर के उसकी चूत चाटने लगा। और उसके मुंह इ आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ की सिस्कारियां निकलने लगी | अब मैंने भी अपने सारे कपडे उतार दिया और पूरा नंगा हो गया | उसके बाद उसने मेरे लंड को चाटना चालू कर दिया और अच्छे से मेरे लंड को चाटने लगी तो मैं भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए सिस्कारियां लेने लगा | फिर उसने मेरे लंड को अपने मुंह में डाल ली और चूसने लगी | मैं भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करने लगा। मुझे उसके लंड चूसने के तरीके से इतना मजा आ रहा था की मैं बस दस मिनट में झड़ गया। वो मेरे लैंड का सारा माल पि गयी।

जब मेरे लंड का माल निकल गया तो मैं निढाल होकर लेट गया। वो अब भी प्यासी थी। मैंने बोला – चलो अपना जादू को खड़ा करो। वो बोली – जो आज्ञा। अब वो बारी बारी से मेरे लंड और गोटों से खेलने लगी। मेरे लंड में हरकत होने लगी। अब उसने अपने दोनों दूधों के बीच में मेरे लंड को फंसाया और फिर ऊपर निचे करना शुरू कर दिया। अब मैंने आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करना चालु कर दिया। मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था।

मैंने ऋतू को लिटाया और उसके पेट पे किस करने लगा। उसको मजा आ रहा था। मैंने फ़ोन की टोर्च आन की तो उसका कतीला बदन मुझे उसकी ओर खींच रहा था। मैं उसको चूमते और चांटे ही जा रहा था। करीब आधे घंटे तक मैंने उसके दूध और शरीर को चाटा। मैंने अब उसकी चूत में ऊँगली से अंदर बाहर करना शुरू कर दिए और वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करने लगी।

अब उससे रहा नहीं जा रहा था। वो बोली – भैया, अब और न तड़पाओ, चोद भी दो मुझे। मैंने बोला -ठीक है , चोद रहा हूँ। मैंने उसकी चुत पर लंड टिकिया तो वो फिसल गया। मुझे पता चला गया इसकी चूत टाइट है क्रीम लगा के चोदना पड़ेगा। मैंने क्रीम लगायी और उसकी चूत में जैसे ही लंड डाला वो चिल्लाने लगी। मैंने धीरे धीरे उसके अन्दर लंड डाला और उसको किस भी करता गया | फिर धीरे धीरे उसकी चूत में मेरे पूरा लंड चला गया और अब चुदाई अच्छे से होने लगी। वो भी मस्ती में आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करती रही और चुदती रही गांड हिला हिला के |

पोजीशन बदलने के लिए कहा और मैं खुद लेट गया। वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लैंड को अपनी चुत में लेकर उछलने लगी। वो जोर जोर से आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रही थी। मुझे जोश आ गया। मैंने उसकी कमर को पकड़ा और जोर छूट को चोदना शुरू कर दिया।

उसके बाद मैंने उससे कहा मेरा लंड चूसो। वो उठी और मेरा लंड चूसने लगी। वो मेरा लंड गले तक ले रही थी और मुझे मज़ा आरा हा था। मैं मस्ती में आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रहा था | फिर मैंने उसको चोदना चालु किया और वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करते हुए झड़ गयी और मैं भी झड़ गया।
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02-23-2021, 12:31 PM,
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
दोस्तों, सुबह जब मैं उठा तो ऋतू नंगी ही मेरे साथ में लेती हुई थी। उसका कमसिन बदन देख कर मेरे लंड में फिर से जान आ गयी। मैंने उसे उठाया और किश किया। हम दोनों ने प्लान किया की आज बाथरूम सेक्स करते हैं। फ्रेश होने और ब्रश करने के बाद हम दोनों एक साथ बाथरूम में चले गए और शावर ों कर लिया। ऊपर से बारिश जैसी पानी की बूंदें और साथ में सेक्सी बहन.. क्या नजारा था। हम दोनों एक दूसरे को किस करने मजे जुट गए। किश करते करते मैंने उसको लव बाईट दे दिया। वो मुस्कुरा पड़ी और उसने मुझे भी लव बाईट दे दिया।

फिर मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। बूब्स को चूसते हुए मैंने उसकी चुत को सहलाना भी शुरू कर दिया था। वो मस्त होकर जोर जोर से आ आ हा आ ऊ ऊन्न्ह ऊ ऊ म्म्ह ऊ उ म्म ऊ उन्न्ह अ हहा आ अ हा अ अह ह हा ह ह हाआअ अ ह हहा आ ऊ उ न्न्ह ऊउम् म् ह ऊनंह ऊ उम्म् म् ह अ ह ह हा आ आ अ आहाआआ उ न् ह ऊ उन् न्ह ऊ उ म्म्ह आहा आआ आ हा ऊ उम् म् ह ऊ उन् न्ह आअ हाआ अ करने लगी।

जब उसकी चुत का पानी निकाल गया तो वो बैठ गयी और मेरे लंड को चाटने लगी | मेरे मुंह से आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ की सिस्कारिया निकलने लगा। वो बहुत अच्छे से मेरे लंड को चाट रही थी। मैं भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मजे लेने लगा। मेरे लंड को चाटने के बाद उसने मुंह में भर ली मेरे लंड को और सुपाडे को चाटते हुए चूसने लगी ऊपर नीचे करते हुए। मैं भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए सिस्कारिया लेने लगा।

अब मैंने उसे अपनी गोद में बैठाया और उसके होंठ में अपने होंठ रखते हुए किस करने लगा। वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे गले में हाँथ डाल ली और मेरे होंठ को चूसने लगी। फिर मैं उसके दूध को मसलने लगा। वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ कार्टर हुए सिस्कारिया लेने लगी। उसके मस्त दूध देखकर मुझे जोश आ गया और मैं उसके निप्पल और जोर से चूसने लगा तो वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मेरे सिर के बालो को सहलाने लगी।

अब मेरा निशाना उसकी चुत पर था। उसकी चूत एक दम चिकनी चूत थी यार। मैंने उससे पूछा कि तुम अपनी चूत चिकनी ही रखती हो क्या ? तो उसने कहा कि हाँ मैं रोज सुबह उठ कर अपनी चूत के बाल साफ करती हूँ। फिर मैंने उसे उठा कर अपने कंधे पर रखकर उसकी टाँगे चौड़ी कर के उसकी चूत में अपनी जीभ लगा कर चाटने लगा। उसके मुंह से आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ की सिस्कारिया निकलने लगी। वो भी गरम हो चुकी थी और मैं भी। मैं उसकी चूत को जीभ से चाटते हए उसकी चूत की झिल्ली को अपने होंठ में दबा कर चूसने लगा और वो भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी |

मैंने अब और देर करने सही समझा और उसकी एक टांग उठा कर मैंने अपने लंड को उसकी चूत पे टिकाया और धीरे धीरे उसकी चूत में डालने लगा। वो अपने होंठ को कास कर दबा कर मेरे लंड का स्वागत कर रही थी | फिर जब मेरा लंड उसकी चूत में चला गया तो मैं धीरे धीरे पेलने लगा और उसके मुंह से आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ की आवाज निकलने लगी | फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से चोदने लगा उसके मुंह से भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ की आवाज जोर जोर से आने लगी | फिर मैंने उसे घोड़ी बना दिया और चोदने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए अपने दूध को मसलने लगी | करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद मैं उसकी गांड के ऊपर झड़ गया। अब मैं कभी भी उसकी चूत की खुजली मिटा दिया करता हूँ।

अब मम्मी-पापा के वापस आने की तारीख नजदीक आ रही और इसका मतलब ये भी था की अब हम दोनों ऐसे खुल के चुदाई नहीं कर पाएंगे। मैंने ऋतू से कहा – ऋतू, मेरी एक इच्छा है। वो बोली – बोलो भैया। मैंने कहा -मुझे तुम्हारी सेक्सी गांड मारनी है। वो पहले तो बोली की बहुत दर्द होगा लेकिन फिर मान गयी। उसको भी पता था की मम्मी पापा के आने के बाद छह कर भी वो मेरी ये इच्छा पूरी नहीं कर पाएगी। उसने कहा – चलो, लुब्रीकेंट या क्रीम ले आना और फिर रात में क्र लेना। मैं खुश हो गया। मैं दिन में जाकर लुब्रीकेंट ले आया और रात का इंतजार करने लगा। हम दोनों खाना खाया और फिर गए।

मुझे रहा नहीं जा रहा था अब। मैंने उसको पकड़ा लिया तो उसे भी मेरे होंठ में अपने होंठ रख दिए और मेरे होंठ को चूसने लगी | मैं भी चुदासा था तो मैं क्यू हाँथ आया मौका छोड़ता | मैं भी उसका साथ देते हुए उसके होंठ को चूसने लगा | वो मेरे होंठ को चूसते हुए मेरे लंड को पकड के हिलाने लगी | मैं भी उसके होंठ को चूसते हुए उसकी चूत में ऊँगली करने लगा।

फिर उसके बाद मैंने उसकी सलवार और सूट को उतार दिया और उसके ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध को मसलने लगा। वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मेरे हाँथ को सहलाने लगी। फिर मैंने उसके ब्रा के भी खोल दिया और फिर उसके मस्त दूध को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा और वो आ आ हाआ ऊ ऊन्न्ह ऊऊ म्म् ह ऊउम् म ऊ उन् न्ह अहहा आ अ हाअ अहहहा ह हहा आअ अह हहाआ ऊ उन् न्ह ऊ उ म् म् ह ऊनंह ऊउ म्म्म् ह अह हहाआ आ अ आहा आआउ न्ह ऊउन्न्ह ऊ उम् म्ह आहा आआआ हा ऊउम् म्ह ऊउ न्न्ह आअहाआअ करते हुए कहा कि पी लो जान मेरे इन भरे हुए दूध को। मैंने भी कहा हां मेरी बहना जान और मसल मसल के उसके दूध पीने लगा। उसके मुंह से लगातार आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ की आवाजे निकल रही थी और उसकी चूत भी गीली हो चुकी थी।

उससे भी कण्ट्रोल नहीं हुआ और वो मेरे लंड को पकड़ के चाटने लगी और लंड के सुपाडे पर अपनी जीभ फेरने लगी। मैं भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए सिस्कारिया लेने लगा | मेरे लंड को वो बहुत अच्छे से चाट रही थी ऐसा लग रहा था जैसे स्वाद ले रही हो।

मेरे लंड को चाटने के बाद उसने अपने मुंह में डाल लिया और ऊपर नीचे करते हुए चूसने लगी | मैं भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए उसके दूध के निप्पलस को मसलने लगा। वो मेरे लंड को अपने गले तक ले रही थी | उसकी लार मेरे लंड से टपकते हुए मेरे अन्टोलो को भिगो रही थी। उसके बाद मैंने उसे बेड पर घोड़ी बना दिया और उसकी चूत और गांड दोनों को चाटने लगा। वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मजे लेते हुए अपने दूध को दबाने लगी | फिर उसने कहा कि भैया अब चोद दो मुझसे नही रहा जा रहा है। तो मैंने कहा ठीक है और सीधा उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और चोदने लगा। वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए बोल रही थी कि और चोदो मेरी चूत को फाड़ दो इस भोसड़ी को। मैं भी उसकी चूत को जोर जोर से चोदने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करने लगी।

अब मैं बोलै – चलो बहना, तैयार हो जाओ। वो समझ गयी की अब उसकी गांड की बारी है। मैंने उसकी गनद के छेद पर ढेर सारा लुब्रीकेंट लगाया और अपने लंड पर भी। उसकी गांड पर टिका कर मैंने जोर का झटका दिया। वो रो पड़ी। मैंने लैंड बाहर निकाला और फिर से डाल और गांड में डाल दिया | उसे दर्द नहीं हुआ तो मैं समझ गया कि ये गांड भी चुदवाती है | फिर मैं उसके दोनों दूध को पकड के उसकी गांड मारने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए सिस्कारिया लेने लगी | मैं उसकी गांड पे थप्पड़ मारते हुए चोद रहा था और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए गांड चुदाई का मजा ले रही थी | उसके बाद मैंने उसकी गांड में ही अपना वीर्य छोड़ दिया |
हम लोग अब जब भी मौका मिलता है, चुदाई कर लेते हैं।
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02-23-2021, 12:31 PM,
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
दीदी की तूफानी चुदाई

दोस्तो, मेरा नाम राकेश उर्फ़ रॉकी है. मैं दिल्ली में रहता हूँ. मेरे घर में मेरे मम्मी पापा और मेरी बड़ी बहन रूबी है. मेरी उम्र 28 वर्ष है. मेरी बहन इस समय 30 वर्ष की है. यह घटना आज से लगभग 10 साल पहले की है.

मेरी बहन रूबी दिखने में एकदम मस्त माल दिखती है. उसका गोल गोल भरा हुआ बदन और एकदम गोरा रंग है. मेरी बहन के मम्मों का साइज़ अभी 40 का है. उस समय लगभग 36 का रहा होगा. उसकी गांड को छिपाए हुए उसके मस्त चूतड़ एकदम गोल-गोल थे.

खैर उस समय रूबी घर से दूर एक चंडीगढ़ में हॉस्टल में रह कर कॉलेज में पढ़ती थी और मैंने अपने 12 वीं की परीक्षा दे रखी थी. कुछ दिन बाद बहन के एग्जाम भी पूरे हो चुके थे, तो मम्मी ने कहा- जाओ, अपनी दीदी को घर ले आओ.

मैं अपनी बहन को लेने उसके हॉस्टल चला गया. अगले दिन शाम को हमारी ट्रेन 7 बजे थी. हमारी बर्थ कन्फर्म नहीं थी, परन्तु हम दोनों स्टेशन आ गए और मैंने टीटी को 200 रूपये देकर स्लीपर कोच में एक बर्थ कन्फर्म करवा ली.

हम दोनों जाकर सीट पर बैठ गए और ट्रेन चल पड़ी. करीब 9 बजे हमें नींद आने लगी. हमने बैग से कम्बल निकाला और ओढ़ लिया. टीटीई ने मुझे बताया था कि आगे जाकर सीट कन्फर्म हो जाएगी, शायद किसी स्टेशन पर बहुत सारी सवारियां उतरने वाली थीं.

जिस कम्पार्टमेंट में हम दोनों थे, उसमें एक बूढ़े लोगों का बड़ा समूह यात्रा कर रहा था. उन सभी को आगे आने वाले किसी स्टेशन पर उतरना था, जिस वजह से उन सभी ने शाम से ही अपने बिस्तर जमा लिए थे और वे सब सो गए थे.

कुछ देर बाद रूबी ने भी मुझसे कहा- भाई मुझे नींद आ रही है.
मैंने कहा- ठीक है … तुम सो जाओ.

वो बर्थ पर लेट गयी और वो अपना सिर मेरी गोद में रखकर लेट गयी. मैं खिड़की के सहारे बैठा था और रूबी आराम से मेरी गोद में सिर रखकर सो रही थी.

एक घंटे बाद लगभग सभी लाइटें बंद हो गईं … तो मुझे भी नींद आने लगी. तभी एकदम से मेरी दीदी ने करवट बदली और अपना मुँह मेरी तरफ कर दिया, जिससे उसकी गर्म सांसें मेरी पेंट की ज़िप से होकर मेरे लौड़े को छू रही थीं. अचानक से मेरे दिल में एक कंपकपी सी छूट गयी. उसकी गर्म सांसों की वजह से मेरे लौड़े का साइज़ बढ़ने लगा और कुछ ही देर में मेरा लौड़ा पूरे जोश में आ गया. मैं जितना रोकने की कोशिश करता, यह उतना ही ज्यादा जोश मारता. मेरा लौड़ा अब उसके मुँह और होंठों को टच कर रहा था.

तभी दीदी ने अचानक से अपना हाथ मेरे लौड़े पर रख दिया. मैं एकदम से घबरा गया. लेकिन थोड़ी देर तक उसने कुछ नहीं किया, तो मुझे लगा कि वह सो रही है.

ट्रेन तेज़ गति से आगे बढ़ रही थी, उससे भी तेज़ मेरी धड़कन चल रही थी. फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसकी कमर पर हाथ रख दिया.
‘आह्ह्ह …’ उसकी कमर छूते ही जैसे मुझे करंट लगा. कितनी मस्त थी यार … क्या बताऊं. फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को थोड़ा खिसका कर अन्दर हाथ डाल दिया और उसकी कमर को धीरे-धीरे सहलाने लगा. मेरा लौड़ा और ज्यादा कड़क हो गया था. फिर मैंने अपने लौड़े पर रूबी के मुँह का दबाव महसूस किया. उसकी सांसें भी बहुत तेज़ी से चल रही थीं.

तब मुझे लगा कि शायद वो जाग रही है और उसको भी मजा आ रहा है. इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गयी और मैंने उसकी पूरी कमर पर हाथ फेरना चालू कर दिया.
फिर मैंने उसकी बगल के नीचे से उसके मम्मों को पहली बार छुआ.
इस्स्स्स … आअह्ह … क्या अहसास था वो. उसके मुलायम दूधिया मोटे मोटे चुचे थे.

मैं पूरे जोश में आ गया और उसके मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा. वह एकदम से कसमसा उठी.
पहले तो मैं घबरा गया और मैंने अपना हाथ हटा लिया. फिर मैंने धीरे से महसूस किया कि उसने मेरी ज़िप खोल दी और अंडरवियर को हटा दिया. मेरा लौड़ा एकदम से फनफनाता हुआ बाहर आ गया था. उसने लपककर मेरे लंड पर एक किस जड़ दी. मेरा जोश का ठिकाना न रहा.

अब हम दोनों भूल चुके थे कि हम दोनों सगे भाई-बहन हैं. मैंने तुरंत उसकी टी-शर्ट ऊपर करके उसकी ब्रा को खोल दिया और उसके मोटे मोटे मम्मों को मसलना शुरू कर दिया.

फिर मैंने भी एक हाथ से उसकी जीन्स का हुक खोलकर उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया. उसकी चूत एकदम क्लीन शेव थी. उसकी चिकनी चूत को छूते ही उसने पानी छोड़ दिया.

मैंने इधर उधर देखा, सब लोग गहरी नींद में सो रहे थे और हम दोनों भाई बहन एक दूसरे को चूसने में मस्त थे. हमने कम्बल को ठीक से ओढ़ लिया और रूबी अब मेरे लौड़े को जोर जोर से चूसने लगी थी. मेरे लंड के सुपारे को आगे पीछे करके जोर जोर से लंड चूस रही थी. मेरी जोर जोर से सिसकारियां निकल रही थीं.

तभी बीच में एक स्टेशन आ गया और ट्रेन से बहुत सारी सवारियां उतर गईं. हमारा कम्पार्टमेंट लगभग खाली हो चुका था. जिधर हम दोनों लेटे थे, उधर तो एक भी सवारी नहीं रह गई थी.

ट्रेन फिर से चल पड़ी और हम दोनों फिर से शुरू हो गए. अब मैदान भी साफ़ था और कोई हमें देखने वाला भी नहीं था. मैंने बेखौफ उसकी जीन्स और पैंटी पूरी उतार दी और उसके ऊपर चढ़ गया. ऊपर से कम्बल ओढ़ा हुआ था. हम दोनों किस करने लगे.

‘आह्ह उह्ह … उम्म …’ क्या मस्त अहसास था वो … शायद हम दोनों का पहला अहसास था.

अब हम दोनों पूरे नंगे हो चुके थे. मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरे लौड़े द्वारा चुदने वाली पहली चूत मेरी सगी बहन की ही होगी.

रूबी मेरे नीचे थी और मैं उसके ऊपर चढ़ा था. अपनी छाती से मैं उसके मोटे मोटे मम्मों को रगड़ रहा था और मेरा 8 इंच का भारी भरकम लौड़ा उसकी चिकनी चूत पर टच हो रहा था. हम दोनों से रहा नहीं जा रहा था.
उसने धीरे से मेरे कान में कहा- भाई, अब लंड अन्दर डाल दो.

मैं उसके मुँह से लंड डालने की बात बहुत ज्यादा जोश में आ गया और अंधेरे में ही तीर चला दिया. परन्तु निशाना चूक गया और मेरा लौड़ा फिसल कर नीचे चला गया. मैंने दुबारा फिर से कोशिश की, परन्तु नाकाम रहा. उसने अपनी टांगें पूरी खोल दीं. मैंने तीसरी बार फिर से प्रयास किया, परन्तु उसकी चूत इतनी टाईट थी कि मेरा लौड़ा अन्दर नहीं जा रहा था.

उसने मेरी तरफ सवाल भरी निगाहों से देखा … तो मैंने कहा जानेमन मैं सोच रहा था कि आराम से काम हो जाए, पर अब लगता है जोर लगाना पड़ेगा.
उसने कहा- तो लगा न चूतिये … रोका किसने है.

मेरी बहन के मुँह से ये शब्द सुनकर मैं चौंक गया और ज्यादा जोश में भी आ गया. हम दोनों उठकर बैठ गए. मैंने उसको इशारा किया और वो तुरंत मेरी गोदी में आकर बैठ गयी उसने अपनी चूत मेरे लौड़े पर टिकाई और जोर लगाया, परन्तु लौड़ा अन्दर नहीं जा रहा था.

मैंने उसको कंधों को पकड़ा और थोड़ा ऊपर उठा कर कहा- पूरा जोर लगाकर गिरना.
उसने वैसा ही किया और हम दोनों के संयुक्त प्रयास से मेरे लंड का सुपारा उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया.
अआह्ह्ह … वह जोर से चिल्लाने को हुई, मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया. मेरी बहन दर्द से छटपटा उठी. उसकी आंखों से आंसू बह निकले. ये आंसू हमारे प्यार के आंसू थे.

अब मैं उसको किस करने लगा और उसके बूब्स चूसने लगा, जिससे उसका दर्द कुछ कम हुआ. फिर मैंने थोड़ा नीचे सरकते हुए एक जोरदार झटका मारा.
‘ऊउईइ माँ … मर गई …’ उसकी आह निकली और मेरी बहन की चूत से खून रिसने लगा.

आह दोस्तो … क्या बताऊं उस समय की मेरी फीलिंग्स.

फिर मैंने एक और जोरदार धक्का मारकर अपना 8 इंच का लौड़ा उसकी चूत की गहराई में उतार दिया. वो दर्द के मारे छटपटाने और रोने लगी. लेकिन मैंने उसकी चीखों पर कोई ध्यान नहीं दिया, बस उसके दूध मसलता रहा.

अब मैं धीरे धीरे उसको चोदने लगा.

‘अआह उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ अआह स्स्स्स.’

कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और हम दोनों जोर जोर से चोदन में लग गए. हमारे आस-पास की सभी सीटें खाली थीं, तो हमें कोई डर नहीं था.

अब हमने अपना कम्बल भी उतार दिया. उस टाइम हम दोनों ने पहली बार एक दूसरे के बदन को देखा. उसकी हसीन नंगी जवानी को देख कर मेरी आआह्ह्ह निकल गई. अब मैं अपनी रूबी दीदी को जोर जोर से चोदने लगा था. ट्रेन की स्पीड के साथ-साथ मेरी स्पीड भी बढ़ती जा रही थी.

फिर मैंने उसको बर्थ पर घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में अपना लम्बा मोटा लौड़ा डाल कर चोदने लगा.
आःह आआह ह्हह …
हम दोनों भाई बहन पूरे जोश में लगभग 20 मिनट तक चोदने में लगे रहे और हम दोनों एक साथ ही झड़ गए.

उस रात फिर मैंने अपनी रूबी दीदी को 2 बार और चोदा और उसके बाद घर पर भी जब हमें मौका मिलता, मैं उसको जोरदार तरीके से चोद देता.

अब से 2 साल पहले उसकी शादी हो गयी. शादी से पहली रात भी मैंने उसकी चुदाई की. परन्तु शादी के बाद मेरी दीदी ने चुदाई से मना कर दिया.

दो साल बाद भी उसको कोई बच्चा नहीं हुआ, तो एक दिन वह मेरे पास आकर रोने लगी और मुझे बताया कि वह अपने पति से संतुष्ट नहीं है.

अब मैं इस असमंजस में हूँ कि मुझे क्या करना चाहिए? क्या शादी के बाद यह सब ठीक है?
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02-23-2021, 12:31 PM,
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
वो रसीले होंठ

दोस्तो, पसन्द तो मैं दीदी को बचपन से ही करता हूं। जब से लन्ड जवान हुआ है तब से ही मैं उनके हुस्न का दीवाना हूँ। स्कूल में जब दीदी स्कर्ट में गांड मटकाते हुए चलती थी तो मेरा लन्ड मचल उठता था। मैंने कई बार अपनी बहन के बारे में सोच कर मुठ मारी है. मगर खुल कर कभी प्रयास नहीं किया था.

यह बात तब की है जब मैं फर्स्ट ईयर में था। छुट्टियों में घर आया हुआ था. मुझे नहीं पता था कि इन छुट्टियों में मुझे एक खुशबूदार चूत मिलने वाली है.

प्रीति:

मैं छत पर बैठी रो रही थी, मेरे हाथों में शराब की बोतल थी। वैसे मैं शराब पीने की आदी नहीं थी. लेकिन आज कुछ हुआ ही था ऐसा कि मुझे पीने की जरूरत आन पड़ी थी.

“दीदी आप यहाँ है, वहाँ पार्टी में सब आपका इन्तजार कर रहे हैं.”
“तू चल मैं आती हूँ.” मैं रुंधी सी आवाज में बोली.

“दीदी आप रो रही हो?” वो मेरे पास आते हुए बोला.
“नहीं ऐसा कुछ नहीं है.” मैंने आँसू पौंछते हुए कहा.
“आप रो रहे हो … और ये शराब कब से पीने लगे आप?” थोड़ी गम्भीर आवाज में उसने बोला.

“मैं नहीं रो रही. मैंने कहा न कि तू चल, मैं आती हूँ.”
विशाल घुटनों के बल मेरे सामने बैठ गया। मेरा हाथ पकड़ कर बोला- क्या हुआ है दीदी? प्लीज बताओ, मैं प्रोमिस करता हूं मैं आपकी हेल्प करूँगा.

मैं अभी भी चुप थी, मेरा भाई फिर बोल पड़ा- दीदी, आप मुझ पर भरोसा कर सकते हो. ये बात हम दोनों के बीच ही रहेगी प्रोमिस!
उसके इस अंदाज पर मैं पिघल गयी। उसकी बांहों में लिपट कर रोने लगी। उसने भी गले लगा कर मुझे सहारा दिया। लेकिन आप सब जैसा सोच रहे हैं वैसे नहीं। मैंने उसे फोन में व्हाट्सएप खोल कर थमा दिया जिसमें अश्विन और मेरे चैट्स खुले थे।

अश्विन उर्फ आशू मेरा एक्स बॉयफ्रेंड था। तीन महीने पहले हमारा ब्रेकअप हो गया क्योंकि वो बड़ा ही कमीना था। उसने मेरे साथ धोखा किया था। धोखे में मुझे मजबूर कर अपने एक दोस्त से चुदवा दिया और उसका वीडियो बना लिया। अब मुझे ब्लैकमेल कर रहा था। जब मन करता मुझे बुला कर अपनी वासना बुझाता।
मैं मजबूर थी।

आज के दिन भी वो मुझे अपने एक दोस्त के नीचे चुदने के लिए बुला रहा था।

दोस्तो, चुदाई या सेक्स अपनी जगह है लेकिन वो मेरा पहला प्यार था. दिल से चाहती थी उसे. मुझे जरा भी अंदाजा नहीं था कि वो मेरा इस कदर फायदा उठाएगा। मैं पूरी तरह टूट चुकी थी।

“बहनचोद …” चैट्स पढ़ कर विशाल गुस्से में चिल्लाया.
मैं तो डर ही गयी. उसका चेहरा गुस्से से लाल था। लेकिन दूसरे ही पल वो मेरे सामने घुटनों पर था.

मेरा हाथ पकड़ कर बोला- दीदी आप टेंशन ना लो, इसे मैं देखता हूँ. आज आपका बर्थडे है. आपको सब पार्टी में खोज रहे हैं. बस जल्दी से तैयार होकर नीचे आओ.

मैंने हाँ में सिर हिलाया और वो चला गया। मैं तैयार होकर नीचे आ गयी. पार्टी में सबके साथ एन्जॉय करने लगी। लेकिन मेरी गांड फटी पड़ी थी क्योंकि मेरा मोबाइल भाई के पास ही था। व्याकुलता में रात कटी. पता नहीं था कि वो क्या करने वाला है।

सुबह मुझे विशाल ने अपने साथ कॉलेज चलने को कहा; मैं चल पड़ी। जैसे-जैसे वो बोलता गया मैं करती गयी।

उसने बाइक पार्किंग में रोकी। कुछ दूरी पर आशू और उसके दोस्त बैठे थे। उसने रास्ते भर से ही मुझे समझा रखा था। मैं आशू और उसके दोस्तों की ओर बढ़ी. आशू के साथ उसके चार दोस्त बैठे थे।

मुझे उनकी तरफ आता देख एक ने बोला- वो देख आ गयी आशू की रंडी!
फिर सब हँसने लगे।
आशू- क्यों री … कल बुलाया तो क्यों नहीं आई?
“देखो मैं ऐसा वैसा कुछ नहीं करने वाली अब, वैसे भी हमारा ब्रेकअप हो चुका है.”

आशू- सुबह-सुबह चढ़ा कर (दारू पीकर) आयी है क्या, तुझे पता है न मैं क्या कर सकता हूँ?
वो मेरा वीडियो कॉलेज ग्रुप में डालने की धमकी देने लगा. बोला कि मुझे पूरे कॉलेज के सामने नंगी कर देगा. मैं डर के मारे चुप हो गयी.

विशाल पीछे से आते हुए- क्या कर लेगा तू?
आशू- तू कौन है बे? प्रीति का नया कस्टमर है क्या?

बस इतना कहना था कि भाई ने एक पंच दे मारा आशू के थोबड़े पर. तभी उसके चारों दोस्त भी मेरे भाई पर टूट पड़े. विशाल 6 फिट लम्बा और शरीर से काफी तगड़ा था. स्कूल के दिनों से ही बॉक्सिंग कर रहा था. दो मिनट में ही उसने सबको धो डाला.

चारों में से कोई नहीं उठ पाया.

आशू- इसका अंजाम बहुत बुरा होगा.
मेरी ओर देखते हुए उसने कहा.
विशाल ने अपनी जेब से एक पेन ड्राइव निकाला और आशू की जेब में डालते हुए फुसफुसाकर बोला- इसको पूरे कॉलेज में बांट देना, तुझे तेरी औकात पता लग जायेगी.

आशू का चेहरा उस समय देखने लायक था. उस दिन के बाद से मेरा भाई कॉलेज की लड़कियों का हीरो बन गया. मैं भी खुश थी कि आशू जैसे लड़के के साथ ऐसा ही होना चाहिए था. उस दिन के बाद से हर लड़की मुझसे मेरे भाई विशाल के बारे में ही पूछती रहती थी.

सब कुछ ठीक चल रहा था. मेरे भाई के प्रति मेरे मन में सेक्स जैसे कोई भाव नहीं थे जब तक कि मेरी दोस्ती आयशा के साथ न हुई थी. आयशा आशू की गर्लफ्रेंड थी. आयशा के होते हुए भी आशू मुझे ही चोदता था.

आशू के साथ लड़ाई होने के बाद आयशा ने उसके साथ ब्रेकअप कर लिया था. अब वो मेरी अच्छी दोस्त बन गयी थी. एक दिन वो ग्रुप स्टडी के लिए मेरे घर आई थी। हम दोनों पढ़ाई कम और इधर उधर की बातें ज्यादा कर रहे थे।

“यार तेरा भाई बड़ा डैशिंग है.” आयशा बोली.

मैं- हा हा हा … कॉलेज की बाकी लड़कियां भी यही सोचती हैं, मेरे से उसका नम्बर मांगती हैं.
वो बोली- हां यार … कसम से, तेरे भाई को देख कर तो चूत मचल उठती है.
मैंने कहा- चुप कर! कुछ भी बोलती रहती है.

आयशा- यार काश मेरा भी तेरे जैसा कोई भाई होता!
मैं- तो क्या करती फिर तू? मैंने उसे छेड़ते हुए पूछा.
वो बोली- तो फिर बाहर मुँह मारने की जरूरत ही नहीं पड़ती, घर में ही इतना हॉट लौड़ा मिल जाता.

मैं हैरान होते हुए- चुप कर! ऐसे थोड़ी न होता है?
वो बोली- अरे, होता है मेरी जान. मेरी एक कजिन है. वो भी चुदवाती है रोज अपने भाई से!

हैरानी से मैंने कहा- चल झूठी, ऐसा केवल कहानियों में होता है.
आयशा- सच में भी होता है डियर, वैसे तुझे भरोसा नहीं तो मैं मिलवा दूंगी, तू खुद पूछ लेना.

मैंने कहा- सच्ची?
वो बोली- और क्या… मैंने तो अपनी मां को भी कई बार अपने मामा के साथ देखा है. वो दोनों कई बार चुदाई करते हैं. कई बार तो मैंने उनको सेक्सी बातें करते हुए भी सुना है.
“धत्त… सही में?” मैंने आश्चर्य से पूछा.

वो बोली- हां सच्ची यार, जब भी मेरे मामा विदेश से आते हैं तो वो दोनों मुझे किसी न किसी बहाने से घर के बाहर भेज देते हैं. पापा तो बचपन में ही गुजर गये थे. इसलिए मां अपने भाई के साथ ही काम चला लेती है.

कुछ देर की चुप्पी के बाद मैंने पूछा- पर यार, सगे भाई के साथ कैसे हो सकता है ये सब?

मैं इससे आगे कुछ कहती इससे पहले ही वो बोल पड़ी- अरे बहुत फायदे हैं … देख! पहले तो घर मे ही लौड़ा मिल जाएगा. जब मन करे, चुद सकती है. दूसरा फायदा ये कि घर का है तो तू ट्रस्ट कर सकती है. आशू की तरह तुझे धोखा खाने का डर भी नहीं रहेगा. तीसरा फायदा ये कि घर वालों की टेंशन भी वही लेगा. तुझे तो बस चुदाई के मजे लेने हैं.

“हा हा हा … और?” मैंने हंसते हुए आयशा से पूछा.
वो बोली- सेफ सेक्स की गारंटी होती है. जब मन करे चुद लिया कर. अगर मेरा कोई भाई इतना सेक्सी होता तो मैं बॉयफ्रेंड ही नहीं रखती.

आयशा तो चली गयी लेकिन दिन भर ये बात मेरे दिमाग में घूमती रही।
“सेफ सेक्स की गारन्टी” बात तो कुतिया ने सही कही थी। हाँ ये अलग है कि वो मेरे भाई पर लाइन मार रही थी।

आयशा ने उस दिन मुझे मेरी फड़कती चूत का इलाज बता दिया था. मेरे दिमाग में खुराफात का बीज पड़ गया था.

एक दिन सुबह-सुबह मैं विशाल के कमरे में गयी तो केवल बॉक्सर में ही था. उसने शायद कुछ देर पहले ही वर्कआउट किया था. उसका कसरती बदन, मस्त डोले, चौड़ी छाती, सिक्स पैक ऐब्स, उसके मस्त कट्स देख कर मैं उसको देखती ही रह गयी. किसी बॉडी बिल्डर से कम नहीं लग रहा था वो। उसको देख कर किसी भी चूत का चुदने को मन कर जाये.

नाश्ता करने के बाद मैं और भाई मेरी मां के साथ मंदिर में दर्शन के लिए गये. हम लोग बाहर खड़े होकर मां का वेट करने लगे. विशाल से बात करने का अच्छा मौका था.

मैंने पूछा- तूने आशू के कानों में उस दिन ऐसा क्या कहा था जो वो अगले ही दिन मेरे पैरों में गिर गया था?
वो बात पलटने की कोशिश करते हुए बोला- छोड़ो न दीदी. बीत गयी तो बात गयी.

जोर देकर मैं बोली- नहीं बता, मुझे जानना है?
वो बोला- मैंने उसे एक पेन ड्राइव दी थी, उसकी करतूतों का चिट्ठा था उसमें. उसने जितनी भी लड़कियों के साथ सेक्स किया था उसके सारे वीडियो थे उसमें.

हैरानी से मैंने पूछा- लेकिन ये सब तुझे कहां से मिला?
विशाल- “आसान था, मैंने प्रीति बनकर उससे चैट की. उसका लंड खड़ा कर दिया. उसके कुछ वीडियो और फोटो मांग लिये. उसने अपने मोबाइल को कम्प्यूटर से कनेक्ट कर लिया. मैंने अपने एक दोस्त की मदद से उसका कम्प्यूटर हैक कर लिया और सारे वीडियोज और फोटोज गायब कर लिए.

“हे भगवान, तूने वो फोटोज देखे तो नहीं?” मेरी बात पर वो मूक बना खड़ा था।
“बोल, बोलता क्यों नहीं… ” मैंने गुस्से से पूछा.
विशाल बोला- सॉरी दीदी, मैं आपकी मदद कर रहा था.

उसकी बात सुनकर मैं वहीं पर सिर को पकड़ कर बैठ गयी. कुछ देर के बाद मैंने पूछा- तेरे दोस्त ने भी देख लिये?
“नहीं दीदी बिल्कुल नहीं, मम्मी कसम, उसने सिर्फ मेरी मदद की थी. मैंने सारी फ़ाइल डिलीट करवा दी. उसने कुछ नहीं देखा.”

मेरे पैरों तले से जमीन खिसक गयी थी ये जान कर कि मेरा भाई मेरी नंगी फोटोज देख चुका है. मैं वहीं सीढ़ियों पर बैठ गयी. मुझे खुद पर बहुत गुस्सा आ रहा था. कैसे मैं आशू की बातों में आ गयी. आखिर क्यों मैंने उस पर भरोसा किया.

नतीजा यह हुआ कि मैं अपने भाई के सामने नंगी हो गयी थी.

मेरे चेहरे पर चिंता के भाव देख कर विशाल डर गया और वो मुझे मनाने लगा- सॉरी दीदी, मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था. मैं तो आपकी हेल्प करना चाह रहा था. मैंने आपके कुछ फोटोज के अलावा कुछ नहीं देखा. मेरी नजर आपकी इज्जत आज भी वैसी ही है.

बात तो उसकी सही थी. उसने मुझे एक बड़ी समस्या से निकाला था। वैसे भी गलती उसकी नहीं मेरी थी। उसने तो मेरी हेल्प की थी। फिर मैं मान गयी। उसने भरोसा दिलाया कि वो सारे फोटो डिलीट कर चुका है.

उस दिन मेरे ज़हन में एक बात आयी। ये जानते हुए भी कि मैं कितनी बड़ी रण्डी हूं उसने मेरा फायदा नहीं उठाया। मेरी हेल्प की और मुझे इस समस्या से निकाला।
ये सोचते हुए आयशा की बात मेरे दिमाग में घूमने लगी ‘सेफ सेक्स की गारंटी!’

उस दिन के बाद से मेरे मन में एक भावना का उदय हो गया था. मेरे भाई का भोला चरित्र मेरे मन को भा गया था. मेरी नजर उसके लिए बदलने लगी थी. अब मैं छिप कर अपने भाई की सेक्सी बॉडी को निहारा करती थी.

घर में विशाल केवल बनियान और शॉर्ट्स में ही घूमा करता था. उसको अपनी बॉडी दिखाने का बहुत शौक था. मेरा भाई मुझे पसंद आने लगा था. वो सच में बहुत सेक्सी था.

मैं एक दिन पार्लर गयी और मैंने सिर को छोड़कर शरीर के सारे बाल हटवा लिए. अपनी चूत भी चिकनी करवा ली. मैं अपने ही घर में सेक्सी ड्रेस पहनने लगी. अपना चिकना बदन अपने भाई को दिखाने लगी. हमारी फैमिली वैसे भी काफी खुले विचारों वाली थी इसलिए कोई दिक्कत नहीं थी. सूट सलवार पहनने वाली लड़की अब एक सेक्सी माल बन चुकी थी.

मेरे इस नये अवतार को देक कर भाई भी हैरान था. उसकी नजर अक्सर मेरे बूब्स पर रहती थी. वो मेरे सेक्सी बदन को निहारा करता था. मैंने भी उसको जैसे खुली छूट दे रखी थी. कभी कभी तो मैं नीचे से ब्रा भी नहीं पहनती थी ताकि उसको मेरे कड़क निप्पल्स दिखाई दे जायें.

कई बार मैं विशाल को खुद ही मेरे बदन को छूने का मौका देती थी ताकि वो मुझे पटक कर चोद दे. मगर अभी तक मुझे बिल्कुल अकेले में ऐसा मौका नहीं मिल पाया था. वैसे तो हमारे कमरे भी अलग थे लेकिन मैं अपनी तरफ से पहल नहीं करना चाह रही थी. यदि मैं ऐसा करती तो उसकी नजरों में गिर जाती.

एक दिन भगवान ने मेरी तड़पती हुई चूत की पुकार सुन ली और मुझे मौका मिल ही गया. उस दिन मेरे छोटे मामा की शादी थी. मां और पापा पहले ही निकल चुके थे. हम दोनों के एग्जाम्स चल रहे थे. हम शादी के दो दिन पहले ही पहुंचने वाले थे.

पापा ने हमें बस से आने के लिए कहा. ट्रेन में कोई बुकिंग नहीं मिल रही थी. मुझे बसों में सफर करने में बिल्कुल भी रूचि नहीं थी इसलिए मैंने भाई को पर्सनल सवारी से जाने की इच्छा जताई. बाय रोड 8 या 10 घंटे का सफर था. हम लोग आसानी से कार से जा सकते थे. भाई भी कार से जाने के लिए मान गया और हम निकल पड़े.

अब विशाल के शब्दों में:

मौसम आज सुबह से ही खराब था। सुबह से ही बारिश हो रही थी। रास्ता लम्बा था। मैं धीरे धीरे कार चला रहा था। ट्रेन और बस के चक्कर में हमने काफी लेट कर दिया था। अन्धेरा होने को आया था.

हम लगभग आधे रास्ते तक ही पहुंचे थे। तभी तेज हवा के साथ बारिश होने लगी.

कुछ दूरी पर जाकर देखा तो हाइवे जाम हो गया था. कुछ लोगों से पूछने पर पता लगा कि तूफान की वजह से आगे रास्ता बंद कर दिया गया है. तूफान के समय में भूस्खलन का डर रहता है. हम भाई-बहन ने किसी होटल में रुकने का प्लान किया. हमें 2 किलोमीटर पैदल चलने के बाद एक होटल मिला.

पैदल चलते हुए हम भीग गये थे. जब होटल में पहुंचे तो होटल मैनेजर ने पहले ही कह दिया कि लाइट बारिश रुकने के बाद ही आयेगी. होटल में बिजली भी नहीं थी. मगर हमें लाइट से क्या करना था. हमें तो रात गुजारने के लिए छत चाहिए थी. चाबी लेकर हम भाई-बहन कमरे में आ गये. मैंने दीदी की ओर देखा तो वो पूरी की पूरी भीग गयी थी.

दीदी की भीगी हुई जुल्फें, गोरा सा चेहरा, सुर्ख लाल होंठ. उसने रेड कलर का सूट पहना हुआ था. उसका सूट भीग कर उसके बदन के साथ चिपक गया था. दीदी के उभार भी साफ नजर आ रहे थे. मगर बाकी दिनों की तुलना में थोड़े छोटे लग रहे थे.

बारिश में भीगी उस लड़की को देख कर लग ही नहीं रहा था कि वो मेरी बहन है. वो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी. मुझे पहली बार दीदी की खूबसूरती का अंदाजा हुआ था.

अब प्रीति के शब्दों में:

मैं भीगे बदन के कारण ठंड से ठिठुर रही थी।
भाई ने कहा- दीदी, आप भीग चुकी हो. कपड़े बदल लो.
हमने एक्स्ट्रा कपड़े लिए ही नहीं थे। सारे लग्गेज को हमने मां और पापा के साथ ही भेज दिया था.

उसने मुझे ठंड से ठिठुरती देख कर अपनी जैकेट ऑफ़र की। लेकिन मैं पूरी तरह भीगी हुई थी। उसके कपड़े उसके लैदर जैकेट की वजह से काफी हद तक बचे हुए थे।
कुछ देर बाद वो बोला- दीदी अगर आप बुरा न मानो तो आप मेरे कपड़े पहन सकती हो.
“और तू क्या पहनेगा फिर?” मैंने पूछा.

वो बोला- “मेरे पास है न. वैसे भी मैं भीगा नहीं हूं, मुझे जरूरत नहीं है”

चूंकि छोटे कपड़े तो मैं घर में भी पहनती थी। वैसे भी नंगी तो वो मुझे देख ही चुका था। उसे रिझाने का ये मौका मैं कैसे गंवा देती।

मैं कपड़े बदलने गयी तब तक उसने होटल वालों से कह कर अलाव का इंतजाम करवा लिया था। कुछ देर आग के सामने बैठे हुए हम बातें करते रहे। आग की गर्मी से हमें कुछ राहत मिली.
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02-23-2021, 12:32 PM,
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
आज सुबह से ही मेरी चूत फड़क रही थी। मुझे अहसास हो रहा था कि आज कुछ होने वाला है लेकिन मुझे इसकी उमीद नहीं थी कि मैं भाई के साथ घर से इतनी दूर इस होटल में अकेले एक कमरे में होंगी।

पिछले कई महीनों से मैं एक किसी ऐसे ही अवसर की तलाश में थी. उस रात भाई को देख कर मेरे मन में एक ही तमन्ना बार बार उठ रही थी कि वो अपनी मजबूत बांहों में भर कर मुझे पूरी रात प्यार करे.

मैं उसके सेक्सी बदन को भोगना चाह रही थी. मगर अभी भी हमारे बीच में बहन-भाई के रिश्ते की दीवार सी खड़ी थी. उस दीवार को लांघने की हिम्मत भी नहीं हो पा रही थी मुझसे.

प्रीति:

उस दिन के बाद से मेरे कॉलेज की हर लड़की मेरे भाई के बारे में ही पूछती रहती थी. यहां तक कि मेरे एक्स ब्वॉयफ्रेंड आशू की गर्लफ्रेंड आयशा भी मेरे भाई पर लाइन मारने लगी थी.

धीरे धीरे भाई की तरफ मेरा आकर्षण बढ़ने लगा. उसका कसरती बदन और सिक्स पैक एब्स मुझे उसकी ओर खींचते थे. मेरी चूत फड़कने लगी थी और मैं अपने भाई से चुदना चाह रही थी.
मेरी दोस्त आयशा ने मुझे भाई बहन की चुदाई की कहानी बताई थी. मैं भी अब कुछ ऐसा ही अनुभव लेना चाहती थी.

एक दिन वो मौका भी मुझे मिल गया जब मुझे अपने अपने छोटे मामा की शादी में जाना था. अपने भाई के साथ मैं कार में जा रही थी लेकिन रास्ते में बारिश शुरू हो गयी. हम दोनों भीग गये और होटल में रुकने का प्लान किया. होटल के अकेले कमरे में मेरी चूत में गर्मी पैदा होने लगी लेकिन मैं भाई बहन के रिश्ते की दीवार को लांघने की हिम्मत नहीं कर पा रही थी.

तभी विशाल बोला- दीदी, आप बेड पर सो जाओ.
“और तू?” मैंने पूछा.
“मैं मम्मी-पापा को कॉल करने की कोशिश करता हूं.” वो बोला.

मैं बेड पर लेट गई. वो खिड़की पर बैठ कर फोन में कुछ कर रहा था। मैं जानती थी कि वो जानबूझकर बहाने बना रहा है। असल में वो मुझसे शरमा रहा था। क्योंकि कमरे में सिर्फ एक ही बेड था। उसका यही भोलापन तो मेरे दिल में घर कर गया था.

विशाल के शब्दों में:

मैंने चोर नजरों से दीदी को देखा। क्या मस्त लग रही थी वो। उन्होंने ऊपर मेरी शर्ट पहन रखी थी। जिसमें उनकी ब्लैक कलर की ब्रा की झलकी साफ नजर आ रही थी।

नीचे मेरी शर्ट उनकी आधी जांघों को ही ढक पा रही थी। उनकी गोरी चिकनी टांगें बिल्कुल नग्न थीं। ठंड से ठिठुर कर वो पैर मोड़ कर सोई थी।
दीदी ने कहा- विशाल, क्या कर रहा है, आ यहीं सो लेंगे, एक ही रात की तो बात है.

ये सुन कर मेरी धड़कनें बढ़ गयीं। आज उनके इस अवतार को देख कर मुझे दीदी के करीब जाने में भय सा लग रहा था. किंतु मैं उनकी बात को भी नहीं टाल सकता था.

मैं दीदी की बगल में ही सो गया। हम दोनों एक दूसरे के विपरीत करवट लेकर लेटे हुए थे। हम एक दूसरे के आमने सामने थे। मैंने दीदी के प्यारे से चेहरे को फिर से देखा। उनके वो गुलाबी होंठ, काली-काली आंखें, गोरे मुखड़े पर कहर बरपा रही थीं।

भीगे बालों में मेरी बहन अप्सरा लग रही थी। पारदर्शी सफ़ेद शर्ट में झलकता उनका गोरा मखमली बदन मुझे पागल बना रहा था। कसम से आज वो कमाल की सेक्सी लग रही थी।

प्रीति के शब्दों में:

आह! जिस पल का मुझे महीनों से इन्तजार था। वो आ गया था। शायद भाई मुझे देख रहा था. मगर इस बार बहन की तरह नहीं। उसे मेरी मदमस्त जवानी दिख रही थी। ये सब किसी फिल्म की तरह था लेकिन रोमांचक था।

मैं उसकी फौलादी बांहों में कस जाना चाहती थी। हाँ मेरी जवानी खुद ही उससे लुटने को फड़फड़ा रही थी. लेकिन मैं तो एक लड़की थी. लड़की कभी पहल नहीं करती.

वो हरामी भी कब से मुझे घूर रहा था लेकिन कोई पहल नहीं कर रहा था. मेरी चूत में हलचल होने लगी थी. न चाहते हुए भी मुझे ही पहल करनी पड़ी और बोली- क्या देख रहा है?

विशाल के शब्दों में:

मैं दीदी की रसीली मदमस्त जवानी में खोया हुआ था।
“क्या देख रहा है?” उन्होंने आंखें बंद किये हुए पूछा।
मुझे जवाब नहीं सूझा और मैं हड़बड़ा गया।
हड़बड़ाहट में बोला- क … कक … कुछ भी तो नहीं दीदी.

दीदी ने आंखें खोल दीं. वो आश्चर्य की निगाहों से मेरी ओर देख रही थी. उन्होंने मेरी ओर कातिल मुस्कान से देखा और फिर दोबारा से अपनी आंखें बंद करके सोने का नाटक करने लगी.

उनके हुस्न के जादू से मेरे लौड़े का बुरा हाल हो रहा था. मेरा लौड़ा मेरी पैंट को फाड़ कर बाहर आने के लिए तैयार था. उसे बस इस हुस्न की परी की उस रसीली मुनिया (चूत) के हां कहने की जरूरत थी. बहुत ही कातिल दृश्य था मेरी आंखों के सामने.

“दीदी आप बहुत ही सुंदर हो.” मेरे मुख से निकल ही गया। हालांकि उस टाइम पर ये मैंने बड़ी ही हिम्मत से कहा था।

“अच्छा जी … वो कैसे?” दीदी ने फिर से कटीली मुस्कान के साथ पूछा।

इसका जबाब मेरे पास नहीं था। क्या बोलता कि ‘दीदी आपकी गोल चूचियां मुझे पागल कर रही हैं!’
नहीं … ये जवाब सही नहीं था. मुझे काफी संभल कर जवाब देना था.

कुछ देर तक हम दोनों फिर से चुप करके लेटे रहे.
फिर मैंने कहा- दीदी आप सच में कयामत हो.
वो बोली- कैसे?

मैंने कहा- आपकी ये आंखें किसी को भी घायल कर सकती हैं।
वो बोली- अच्छा … और?
मैंने कहा- आपकी घुंघराली काली जुल्फें, जो सावन की घटा की तरह हैं, कोई भी इनका दीवाना हो जाये.

“और?”
“आपके ये रसीले सुर्ख होंठ, जो प्यासे समंदर की तरह हैं, आपके गोरे चेहरे पर आकर्षण का केंद्र हैं. आपके गुलाबी गाल … जब आप हँसती हो तो गुलाब से खिल उठते हैं।”

इतना कहकर मैं रुक गया। हम दोनों ने असहज महसूस किया। मैं कुछ ज्यादा बोल गया था। मैं माफी मांग कर अपनी गलती जाहिर नहीं करना चाहता था।

दीदी बोली- मेरी आज तक किसी ने ऐसे तारीफ नहीं की, आशू ने भी नहीं.
मैं बोला- शायद किसी ने आपको तबियत से देखा ही नहीं.
मैं आवेग में कह गया।

प्रीति के शब्दों में:

मैं अपने भाई की आंखों में देख रही थी। मैं सच में उसकी ओर बहती जा रही थी। ऐसी तारीफ मेरी किसी ने नहीं की। उसके द्वारा मेरे होंठों की तारीफ़ ने तो मेरे अंदर हलचल पैदा कर दी थी। मैं उसकी आंखों में अपने लिए चाहत देख पा रही थी। जी हाँ … जिस्मानी चाहत।

मगर विशाल की बातें उससे थोड़ी अलग थीं. मेरी अन्तर्वासना कह रही थी कि आगे बढ़ कर अपने भाई के होंठों पर होंठों को रख दूं.
मगर मैंने खुद को रोके रखा और उसकी आंखों में देखते हुए पूछा- और … और क्या पसंद है तुझे मेरे अंदर?

एक पल के लिये भी मैंने नजरें नहीं हटाईं क्योंकि मुझे अब कोई डर नहीं था। उसकी चाहत मुझ पर हावी थी और मुझे उसके ख्यालों का पता लग चुका था।

विशाल के शब्दों में:

दीदी मेरी आंखों में देख रही थी। ये खुली छूट थी। उन्हें मेरी बातों का बुरा नहीं लगा था। उनके इस बर्ताव से मेरी वासना को चिंगारी मिल गयी। उनकी आँखों में जिस्मानी प्यास देख कर मैं मदहोश हो उठा। मैंने नियंत्रण खो दिया।

मर्दाना बात बताऊं तो जब एक मस्त हॉट माल अधनंगी हालत में तुम्हारे सामने हो तो आपको कंट्रोल करना कठिन ही नहीं नामुमकिन हो जाता है। मेरा हाल भी वैसा ही था.

मैंने आगे बढ़ कर उनके होंठों को चूम लिया। उनका विरोध ना पाकर उनके होंठों को अपने होंठों तले दबा कर चूसने लगा। उफ्फ … वो रसीले होंठ। आज भी मुझे उत्तेजित कर जाते हैं. दीदी भी उतनी ही प्यासी थी। शायद मुझसे कहीं ज्यादा। वो भी मेरा साथ देने लगी। उस आनंद में मैं इतना खो गया कि मुझे होश ही नहीं रहा कि हम दोनों भाई-बहन हैं.

प्रीति के शब्दों में:

मेरा भाई मदहोश होकर मेरे होंठों का रस-पान कर रहा था। वो मेरे बदन पर हाथ फेरते हुए किस कर रहा था। मैं भी उसका भरपूर साथ दे रही थी। धीरे धीरे उसने उसने दोनों हाथ मेरे शर्ट के नीचे डाल दिए और उसके हाथ मेरी नंगी पीठ को सहलाने लगा।

मैं उसकी मजबूत बांहों में जकड़ती जा रही थी। उसके हाथ मेरी ब्रा तक पहुंच चुके थे। वो ब्रा खोलने की कोशिश करने लगा मगर ब्रा उससे खुली नहीं. मैंने हाथ पीछे ले जाकर ब्रा को खोलने में उसकी मदद की.

मेरे मम्मे अब आजाद थे। मेरी नंगी पीठ पर हाथ फिराते हुए वो मेरे होंठों को हब्शी की तरह चूस रहा था. मैं पूरी तरह चुदने के लिए तैयार थी। तभी वो एक झटके में मुझसे अलग हो गया.
“नहीँ ये सब गलत है दीदी!” कहकर वो झटके से अलग हुआ और बेड से उठ गया। मुझे बहुत गुस्सा आया। मैं खुल कर उससे चुदने को भी नहीं कह सकी थी.

मुझे पता था ये गांडू कुछ न कुछ गड़बड़ करेगा। मुझे अधनंगी करके मुझे गर्म करके छोड़ गया। पहली बार उसके भोलेपन पर मुझे प्यार नहीं बल्कि गुस्सा आ रहा था। यहाँ एक हॉट लड़की चूत खोले अपनी जवानी परोस रही है और इसे फालतू चीजों की पड़ी है।

मुझे बड़ा ही अपमान महसूस हुआ। शायद मुझमें ही कुछ कमी है. ऐसे हीन भाव आने लगे मेरे मन में। मैं मन मारकर सो गई।

सुबह मैं उठी तो मेरे बगल में मेरे सूखे हुए कपड़े रखे हुए थे। भाई कमरे में नहीं था। मैं तैयार होकर बाहर आई. बाहर गाड़ी खड़ी थी। भाई काउंटर के पास मेरा इन्तजार कर रहा था। हमने चेक आउट किया। फिर से गाड़ी में हम नाना के घर के लिए निकल गए।

गाड़ी में सब शांत था. दोनों में से कोई किसी से बात नहीं कर रहा था। एक दो बार उसने बात करने की कोशिश की लेकिन मैंने कुछ रेस्पोन्स नहीं दिया.

हम नानी के घर पहुँच गए. गाड़ी से उतरते समय भी उसने मुझे बात करना चाहा लेकिन मैंने उसे अनदेखा कर दिया और वहाँ भीड़ के साथ हो लिये हम दोनों.

अगले दो दिनों तक मैं खूब मस्त रही, उसे इग्नोर करती रही। इस बीच उसने कई बार मुझसे बात करना चाही लेकिन मैं जान बूझकर मौका नहीं दे रही थी।

शादी का दिन आ गया। दुल्हन भी सजी, मैं भी सज गयी। मैंने एक मॉडर्न लहंगा पहना था. नेट वाली स्लीव लेस चोली था। वन साइडेड दुपट्टा था जिसमें मेरी नंगी पीठ और पेट साफ नजर आ रहे थे। मेरी पतली कमर, फूले हुए स्तन अलग से चमक रहे थे। ऐसा लग रहा था कि मैं लड़कों के आकर्षण का केंद्र बन गयी थी.

मैं खुद सोच में पड़ गयी थी कि एक पढा़ई करने वाली लड़की पटाखा कैसे बन गयी. मेरी मां ने मुझे दूल्हे यानि कि मेरे मामा का कमरा सजाने के लिए काम दे दिया था.

कमरे को सजाने के काम में मैं लग गयी. तभी विशाल कमरे में आया और दरवाजा बंद करने लगा.
मैंने कहा- “तू? तू यहाँ क्या कर रहा है?”
वो दरवाजा बंद करके मेरी तरफ बढ़ा।

मैं बाहर की ओर जाने लगी. उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और मुझे अपनी ओर खींचते हुए बोला- दीदी सुन तो सही.
मैंने हाथ झटकते हुए कहा- मुझे तेरी कोई बात नहीं सुननी है.

उसने मुझे दीवार के सहारे अपनी मजबूत बांहों के नीचे दबा लिया. मेरे होंठों के पास अपने होंठ लाकर बोला- दीदी, आपको मेरी बात सुननी ही होगी.
मैंने कहा- मुझे तुझसे कोई बात नहीं करनी. तूने मुझे अधनंगी छोड़ दिया. गलती मेरी ही थी. तू भी अश्विन के जैसा ही निकला. तूने मेरी इन्सल्ट की है.

ये कहते हुए मेरी आंखों में आंसू आ गये.
वो मेरे गालों से अपने गाल सटाते हुए बोला- नहीं दीदी, आप गलत सोच रही हो. मैं घबरा गया था. ऐसा कुछ नहीं है जैसा आप सोच रही हो. एक बार मेरी बात तो सुन लो.

मैंने छुड़ाने की कोशिश की लेकिन उसकी पकड़ मजबूत थी. इसलिए मैं छुड़ा नहीं पायी.
उसने बोलना शुरू किया- दीदी मैं स्कूल के दिनों से ही आपको पसंद करने लगा था. आपके पीछे बैठ कर आपको देखता रहता था. आपके सेक्सी जिस्म के बारे में सोच कर न जाने कितनी बार मैंने … (मुठ मारी हुई है)

वो कहते हुए ही रुक गया.
फिर बोला- आज तक मैंने सिर्फ आपको सपने में ही देखा है. उस दिन के लिए मैं दिल से सॉरी कह रहा हूं. आई लव यू दीदी.

विशाल के शब्द:
मेरी बातों को दीदी हैरानी से सुन रही थी. जब मेरी बात खत्म हो गयी तो मुझे लगा कि दीदी मान गयी और उसने मुझे हटा दिया.
मगर अगले ही पल उसने मेरे गाल पर जोर का तमाचा दे मारा.
मैंने कहा- क्या हुआ दीदी?

वो बोली- कमीने, ये सब तू उस रात को नहीं बोल सकता था.
मैंने कहा- सॉरी दीदी.
अगले ही पल दीदी ने अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख दिया और मुझे प्यार करने लगी. मैं भी दीदी के होंठों को चूसने लगा.

प्रीति के शब्द:

मेरी सहमति क्या मिली, मेरा सेक्सी भाई विशाल मेरे ऊपर भूखे भेड़िये की तरह टूट पड़ा। मेरे ऊपर उसने चुम्बनों की बारिश कर दी। मेरे होंठों को चूसते हुए खुद से ही मेरे जिस्म से चिपकने लगा। वो दोनों हाथों से मेरे चेहरे को पकड़े हुए जोरों से मेरे होंठों का रसपान कर रहा था।

उसने मुझे एक झटके में गोद में उठा लिया जैसे कि मैं कोई छोटी सी बच्ची थी. उसने मुझे बेड पर पटक लिया. वो सेज मैंने अपने मामा के लिए सजाई थी. मगर सुहागरात शायद हम भाई-बहन की होने वाली थी.

विशाल ने एक झटके में अपनी शेरवानी उतार फेंकी. उसका विशालकाय कसरती बदन मेरी आंखों के सामने था. उसके मस्त डोले, फौलादी सीना, और ऊंचा कद. किसी बॉडी बिल्डर के जैसा लग रहा था वो. उसके आगे में सच में ही बच्ची लग रही थी.

वो मेरे ऊपर आ गया। मुझे बेसब्री से चूमने लगा. वो बरसों से तड़प रहा था। मैं उसकी बेताबी समझ रही थी. वो पागल हो गया था जैसे. मुझे चूसने काटने लगा.
मेरा दुपट्टा तो कब का मेरा साथ छोड़ चुका था। उसने चूमते हुए मेरी चोली की स्ट्रिप कंधों से सरका दी और मेरे नग्न कंधो और गर्दन के भागों को चूमने-चाटने लगा. मैं तो मचल उठी।

मेरा भाई मेरी चूचियों के ऊपर के नग्न भाग को चूम रहा था. मैं उत्तेजना में सिसकारियां भर रही थी. कपड़ों के ऊपर से ही उसने मेरे स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया. वो मजे से उन पर हाथ फिराकर पूरा आनंद ले रहा था जैसे.

फिर वो मेरी चोली खोलने लगा तो मैंने उसे रोका. शादी का माहौल था, कोई भी आ सकता था। मैं नंगी नहीं हो सकती थी. वो मेरी चूचियों को चोली के ऊपर से ही दबाने लगा. उनको मुंह में भरने की कोशिश करने लगा.

उसके बाद वो नीचे की ओर मेरे पेट की तरफ चला. मेरी सिसकारियां निकलने लगीं. मैं उसके बालों में हाथ फिराते हुए उसके सिर को अपनी चूचियों पर दबाने की कोशिश कर रही थी.

विशाल मेरे लहंगे को उठा चुका था. उसने मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को चूमा और अपने लबों को मेरी चूत पर रखने लगा. मेरे शरीर में करंट सा दौड़ने लगा.

विशाल के शब्दों में:

दीदी की चूत से मस्त मादक खुशबू आ रही थी. उसकी पैंटी का निचला हिस्सा गीला हो चुका था. उसकी चूत की फांकें साफ नजर आ रही थीं. मैंने पैंटी के ऊपर से चूत पर जीभ को फिराया. उन पलों को सोचता हूं तो उसकी चूत के रस का नमकीन स्वाद आज भी मेरे मुंह में पानी ले आता है.

प्रीति के शब्द:

उसने मेरी पैन्टी भी निकाल दी और मेरी गीली हो चुकी चूत पर हमला बोल दिया. उसने मेरे लहंगे के अंदर ही मेरे चूतड़ों को पकड़ कर अपनी जीभ को मेरी चूत में घुसा दिया. मैं तो जैसे होश में ही नहीं रह गयी थी.

मैं उसके सिर को अपनी चूत में दबाने लगी. इतनी गर्म हो गयी थी कि मैं अगले कुछ मिनट में ही झड़ गयी. झड़ने में पहली बार मुझे इतना आनंद मिला था. मेरा भाई विशाल सच में बहुत मस्त तरीके से चूत को चूसता था.

जब तक मैंने खुद को संभाला तो मैंने पाया कि मेरा लहंगा मेरी कमर तक उठ गया था. उसका 8 इंच का लौड़ा मेरी चूत पर लगा कर वो मेरी चूत को सहला रहा था. उसका खूंखार लंड देख कर मैं तो सहम सी गयी.

मैं सोचने लगी कि अगर इस मूसल लंड से अभी चुदने लग गयी तो चीखें निकल जायेंगी और सबको पता लग जायेगा.
मैंने पूछा- कॉन्डम कहां हैं?
वो बोला- मेरे पास नहीं है.

इतने में ही फोन की रिंग बजने लगी. मैंने देखा तो मां का फोन था.
“कहां है तू?” मां ने पूछा.
मैंने कहा- बस अभी आती हूं मम्मी.

वो बोली- मैंने जो काम दिया था वो किया कि नहीं?
मैंने कहा- हां हो गया मां, बस अभी नीचे ही आ रही हूं.

फोन रखने के बाद मैंने विशाल से कहा- चल उठ, मां बुला रही है.
वो मुझसे रुकने की मिन्नत करने लगा.
मैंने उसको समझाते हुए कहा- पागल हो गया है क्या, हम लोग शादी में आये हुए हैं. मां ने बहुत सारा काम दिया हुआ है. वैसे भी शादी खत्म होने वाली है. नीचे सब लोग वेट कर रहे हैं. मैं काफी देर से गायब हूं. अभी रिस्क है.
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02-23-2021, 12:32 PM,
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विशाल बोला- प्लीज दीदी … एक बार करने दो.
मैंने कहा- नहीं, अभी हमारे पास सेफ्टी भी नहीं है.
ये सुनकर उसका मुंह उतर गया.
मैंने कहा- अच्छा ठीक है. अभी के लिए जा. हम घर पहुंच कर देखेंगे.

ये सुनकर उसके चेहरे पर फिर से मुस्कान आ गयी.
वो बोला- आइ लव यू दीदी.
मैंने कहा- आइ लव यू टू … अब तू निकल यहां से, वरना दोनों पकड़े जायेंगे.

उसने मेरी गीली पैंटी को देख कर कहा- अब ये तो आपके किसी काम की नहीं है.
मैंने अपनी गीली पैंटी उसके मुंह पर दे मारी और उससे बोली- ये ले … खा ले इसको … अब निकल यहां से.
वो चला गया.

विशाल ने बेड की सारी सजावट खराब कर दी थी. मुझे सारा काम दोबारा से करना पड़ा लेकिन साथ ही खुशी भी हो रही थी. मैंने अपने कपड़े ठीक किये और थोड़ा सा मेकअप किया और फिर से नीचे आ गयी.
वो मुझे कहीं पर दिखाई नहीं दिया.

विशाल के शब्द:
मैं दीदी की चुदाई करने से एक कदम की दूरी पर रहकर चूक गया था. मेरा लंड तना हुआ था. मैं सीधा जेन्ट्स के बाथरूम में गया और दीदी के बारे में सोच कर मुठ मारने की सोची.
मैंने दीदी की गीली पैंटी निकाली और उसको मुंह पर लगा कर लंड को रगड़ने लगा.

उसकी पैंटी से आ रही उसके प्रिकम की खुशबू मेरी सांसों में घुलने लगी. मेरा लौड़ा फटने को हो गया. मैंने पैंटी को जीभ से चाटा. मैंने अपने लंड को वापस तना हुआ ही अंदर दबा लिया. मैंने मन बना लिया था कि दीदी की चूत मैं घर जाकर नहीं बल्कि यहीं पर चोदनी है.

मैं तुरंत बाहर निकला और मार्केट से एक कॉन्डम का डिब्बा ले आया. उसमें 10 कॉन्डम थे. अब मैं सही मौके का इंतजार करने लगा.

फिर दीदी ने मुझे अपनी गीली पैंटी दे दी और मैं सीधा जेन्ट्स के बाथरूम में आ गया. दीदी की गीली पैंटी को जेब से निकाल कर मैंने सूंघ लिया.

मेरा लौड़ा खड़ा हो गया और मैं मुठ मारने लगा. फिर कुछ सोचकर मैंने लंड को वापस अंदर कर लिया. मैंने मन बना लिया कि मैं घर तक पहुंचने का वेट नहीं कर सकता. दीदी की चूत की चुदाई यहीं पर करनी है मुझे.

मार्केट में जाकर मैं कॉन्डम ले आया और सही मौके का इंतजार करने लगा.

प्रीति के शब्द:
कुछ घंटों में शादी खत्म हो गयी। सब मेहमान चले गये. घर के लोग भी अपने अपने कमरे में जाने लगे।
मामाजी मामी को चोदने के लिए कमरे में ले गए. उसी कमरे में सुहागरात मनाने के लिए जहां पर कुछ देर पहले मैंने अपने भाई के साथ अधूरी सुहागरात मनाई थी.

मैं सोने की कोशिश कर रही थी लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। आज दोपहर का दृश्य मेरे तन बदन में आग लगाए हुए था। उसका लंड मैंने पहली बार देखा था. मेरी बेचैनी बढ़ने लगी थी. मेरी चूत में पसीना आ रहा था उसके लंड के बारे में सोचकर.

मां से मैंने कहा- मैं बाहर घूमने के लिए जा रही हूं. मेरे सिर में दर्द सा है.
मां बोली- जल्दी आना, रात बहुत हो गयी है.
मैं कमरे से निकल गयी. सब लोग अपने कमरों में जाकर सो गये थे.

मेरे कदम खुद ही जेन्ट्स के रूम की ओर बढ़ रहे थे. सोच रही थी कि अगर भाई को बुलाऊंगी तो वो सोचेगा कि मेरी बहन चुदने के लिए कितनी उतावली हो रही है.

रूम तक पहुंचने से पहले ही मुझे किसी ने हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया. मुझे दीवार से लगा कर मेरे होंठों को उसने अपने होंठों से चूसना शुरू कर दिया. स्पर्श से ही मुझे पता लग गया कि वो मेरा भाई ही है.

उसकी पकड़ से मेरे लिये छूटना नामुमकिन था. मगर मैं तो खुद ही नहीं छूटना चाह रही थी. मैं उसके आगोश में खो सी गयी.
वो बोला- दीदी एक बार करने दो प्लीज.
मैंने कहा- पागल है क्या, किसी ने देख लिया तो.

वो बोला- कोई नहीं देखेगा. देखो, अब तो मेरे पास कॉन्डम भी हैं.
उसने कॉन्डम का पैकेट दिखाते हुए कहा.
मैंने कहा- घर जाकर कर लेना.
वो बोला- नहीं, मुझसे रुका नहीं जायेगा. एक बार प्लीज … दीदी … करने दो प्लीज!
उसकी जिद के आगे मैं हार गयी.

फिर हम लोग आगे चलने लगे. वो मेरे पीछे पीछे आ रहा था. हम लोग ऐसे चल रहे थे जैसे किसी को हमारे ऊपर शक न हो.

विशाल के शब्दों में:
अपनी गांड को मटकाते हुए दीदी स्टोर रूम की ओर बढ़ रही थी. मुझे स्कूल के दिन याद आ गये जब मैं दीदी की मस्त गांड को देख कर मुठ मार कर अपने लंड को शांत किया करता था. आज मेरी तमन्ना पूरी होने वाली थी.

प्रीति के शब्द:
स्टोर रूम में पहुंच कर हमने भीतर से दरवाजे को बंद कर लिया. अंदर कुछ पुराना सामान पड़ा हुआ था. यह जगह काफी सेफ लग रही थी और किसी के आने का डर नहीं था. मेरी इजाजत के बिना ही विशाल ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मेरे होंठों को चूसने लगा.

उसने मेरी टीशर्ट को मेरे कंधे से हटा दिया और मेरे कंधे के नग्न भाग को चूमने लगा. मैं सिहर गयी. फिर उसने मुझे घुमा लिया और मेरी टीशर्ट को ऊपर उठा कर मेरी नंगी पीठ पर चुम्बन जड़ दिया.

फिर उसने मेरी टीशर्ट को उतार दिया. मैं अपनी नंगी चूचियों को छिपाने लगी. मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया था. वो मेरी नंगी पीठ को चूमने लगा. मेरी आंखें बंद होने लगीं.

कमर के नीचे मैंने लॉन्ग स्कर्ट पहनी हुई थी. स्कर्ट के ऊपर से ही वो मेरे चूतड़ों को दबाने लगा. फिर वो नीचे बैठ गया. मेरे चूतड़ों पर उसने अपने गर्म होंठ रख दिये.

मेरे मखमली चूतड़ों पर अपने दांत गड़ा कर वो उनको चूमने लगा. मैं तो उन्माद से भर गयी जैसे. ऐसा लग रहा था कि जैसे वो उनको खाना चाहता है.

अचानक से ही उसने मेरी गांड पर अपना चेहरा मलना शुरू कर दिया. मैंने नीचे से पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी. मुझे उसकी नाक अपनी गांड के छेद पर लगती हुई महसूस हो रही थी.

मेरा बैलेंस बिगड़ने लगा और मैंने अपनी चूचियों को छोड़ कर पास की अलमारी को पकड़ कर खुद को संभाला. इस बात से अन्जान वो मेरी गांड में ही मुंह को घुसेड़े जा रहा था.

विशाल ने मुझे मेरी कमर से पकड़ लिया था इसलिए उसकी पकड़ से छूट पाना काफी मुश्किल था. उसका जोश देख कर लग रहा था कि आज मैं बुरी तरह से चुदने वाली हूं.

काफी देर तक वो मेरी गांड से खेलता रहा. उसने मुझे कंधों से पकड़ कर अपनी तरफ घुमाया.
मैं हाथों से अपनी चूचियों को छिपा रही थी. मुझे अपने सगे भाई के सामने नंगी होने में शर्म आ रही थी. उसने मेरे होंठों पर होंठों को रख दिया और मेरे होंठों का रसपान करने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगी.

कुछ देर में वो अलग हुआ। उसने मेरी चूचियों से मेरे हाथ हटा लिये। मैं अब निर्विरोध उसे अपने जिस्म से खेलने दे रही थी। मेरे नंगे चूचे उसके सामने थे। उसने मेरे दायें चूचे को मुंह में भर लिया।

जब उसने मेरे चूचे पर मुंह रखा तो मैं एक उन्माद से भर गयी. बहुत ही सुखद अहसास था वो. मैं बाकी लड़कियों से कहूंगी कि कभी अपने भाई से कभी अपनी चूचियों को चुसवा कर देखना, वो अहसास ही निराला होता है. फिर विशाल यहां वहां देखने लगा. वो कुछ जल्दी में लग रहा था.

विशाल के शब्दों में:

दीदी के हॉट जिस्म से खेलने का मेरा बड़ा मन था। बचपन से इस जिस्म को निहारते हुए बड़ा हुआ था मैं। कितनी ही बार दीदी के सेक्सी जिस्म को सोच कर मुठ मार चुका था। थोड़ी सी देर में मन कहां भरने वाला था। मैं चाहता था कि जल्दी से दीदी की चुदाई कर दूँ. मुझे डर था कहीं वो अपना मन न बदल लें।

प्रीति:
अलमारी पर रखे पुराने गद्दे को उसने नीचे उतारा। उसे जमीन पर बिछा दिया और मुझे गद्दे पर आने का इशारा किया। मैं पीठ के बल लेट गयी। वो मेरे ऊपर आ गया।

गद्दे पर आते ही वो मेरे ऊपर टूट पड़ा. मेरी चूचियों गर्दन और पेट को जोर से चूमने लगा. मैं सिहर गयी और मेरी वासना सातवें आसमान पर पहुंच गयी थी। मैं लगातार ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां ले रही थी। पूरे कमरे में मेरी ही सिसकरियां गूंज रही थीं।

मेरी चूचियां चूस कर वो मेरे नग्न पेट की तरफ बढ़ा। मेरी कमर पर चूमते चाटते हुये उसने मेरी स्कर्ट भी मेरे तन से अलग कर दी। अब मैं भाई के सामने बिल्कुल नग्न थी। मैं वासना में खोई हुयी थी।

अब तो मेरी मुनिया भी उसके सामने नंगी हो चुकी थी। उसने मेरे दायें पैर के अंगूठे को मुँह में भर लिया। मेरे पैरों पर चूमते हुए जांघों के बीच आ गया। उसने मेरी मुनिया पर जीभ से चाटा. मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया. उसको मेरी हालत देख कर काफी मजा आ रहा था.

वो मेरी चूत चाटने लगा। मैं मदमस्त हो उठी। कुछ देर में फिर वो अलग हुआ। मेरी वासना चरम पराकाष्ठा पर थी. मुझे वर्तमान में आने में समय लगा। आंखें खोल कर जब मैंने देखा तो अगले ही मिनट वो सिर्फ चड्डी में था, जिसमें उसका तना हुआ वज्र लण्ड साफ दिखाई दे रहा था। वो मुस्कराते हुये अपनी चड्डी के ऊपर से ही अपने लंड को मसल रहा था.

उसने मेरी ललचाई नजरों को झेंपते हुये मुझे अपना लौड़ा ऑफर किया चाटने के लिये। मैंने साफ मना कर दिया। इस पर उसने अपनी चड्डी भी निकाल फेंकी। 8 इंच का मूसल लंड फुफकारता हुआ बाहर निकल आया. वो तोप की तरह टाइट था।

वैसे तो मुझे लंड चूसना पसंद नहीं था लेकिन उसके मदमस्त लन्ड को देख मेरे मुँह में पानी आ गया। हालांकि उसने दोबारा नहीं पूछा। वो झुका और उसने अपने नीचे गिरी लोअर से कंडोम का पैकेट निकाल लिया. पैकेट को मुंह से फाड़ कर लौड़े पर लगाने लगा।

उसने मुझे पीठ के बल लिटा दिया। इतना भयंकर लन्ड देख मेरी गांड तो फटने लगी थी लेकिन पीछे हटने की हालत में मैं भी नहीं थी। मेरी कमर के नीचे विशाल ने तकिया डाल दिया ताकि मेरी चूत थोड़ी उठ जाए. वो थूक लगा कर मेरी चूत पर मलने लगा। मेरी चूत तो पहले से ही गीली थी।

डर के मारे मैं बोली- भाई, थोड़ा आराम से … करना।
वो मेरी ओर देख कर शैतानी मुस्कान से हँसने लगा. फिर अपने लंड के टोपे को मेरी चूत पर मसलने लगा. मैं फिर से मचल उठी. तेज तेज सिसकारियां लेने लगी.

उसने लंड को मेरी चूत के छेद पर सेट कर दिया और अंदर पेलने लगा. मेरे मुंह से चीख निकल गयी. मैं चिल्लाई तो उसने मेरे मुंह पर हाथ रख लिया और मेरी चीख को अंदर ही दबा लिया. वो मेरे होंठों को चूमने लगा और चूचियों को मसलने लगा.

दोस्तो, मेरी चूत नयी तो नहीं थी. मैं दो दो लंड से चुद चुकी थी. मगर भाई का लंड उन दोनों लंड पर बहुत भारी था. विशाल ने दबाव बनाया और उसका लंड मेरी चूत की दीवारों को चीरते हुए अंदर तक चला गया.

दर्द के मारे मेरी आंखों से आंसू आ गये. वो लगातार मुझे चूमे-चाटे जा रहा था।
मैं सामान्य हुई।
उसने धक्के लगाना शुरू किया। हल्के हल्के धक्के लगाता रहा।
कुछ देर में मेरी चूत ने उसके लन्ड को एडजस्ट कर लिया. उसने धक्के तेज कर दिये.

अब मैं भी मस्ती से सिसकारियां ले रही थी। मेरी और उसकी सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं।

मैं उसके भार से नीचे दबी थी। इसी आसन में वो मुझे करीब 10 मिनट तक चोदता रहा। साथ ही साथ वो मेरी चूचियां मसलता तो कभी चूसता और चाट लेता. कभी मेरे होंठों को चूसता तो कभी मेरी गर्दन व गालों पर चुम्बन कर देता. उसके ऐसा करने से मैं कुछ ज्यादा ही गर्म हो गयी थी.

फिर उसने आसन चेंज किया. मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से उसने लन्ड पेल दिया और घोड़ी वाले आसन में चुदाई करने लगा। मेरी कमर पकड़ कर धक्के लगाते हुए उसका लंड पूरा का पूरा मेरी चूत में जा रहा था जिसके कारण फच-फच की आवाज हो रही थी. लगता उसका लन्ड पूरा मेरी चुत में घुसता जिससे फच फच की आवाज होती।

‘आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… इस्स… ह्म्म्म… यस. फक मी… याह्ह’ करके मैं और वो दोनों कामुक आवाजें निकाल रहे थे.
फिर वो नीचे आ गया और मुझे अपने लौड़े पर बिठा लिया और नीचे से धक्के लगाने लगा।

विशाल- ये काफी मस्त आसान था। मैं दीदी की कमर से पकड़ कर बैलेंस बनाये हुए था. वो खुद ही उछल कर मेरे लंड को अंदर ले रही थी. दीदी का खुला बदन मेरी आंखों के सामने था। हर एक धक्के के साथ उनकी चूचियां ऊपर नीचे हो रही थीं। दीदी के हाथ उसके बालों में थे। उनकी चिकनी काखें मेरे सामने थीं। दीदी का वो चुदक्कड़ और कामुक रूप सच में देखने लायक था.

प्रीति- भाई काफी उत्तेजित था। उसके धक्के अपने पूरे जोर पर थे। मैं भी अब अपने चरम सुख के करीब पहुंच गयी थी। वो मुझे अपनी बांहों में जकड़े हुए धक्के लगा रहा था। उसकी पकड़ मुझ पर मजबूत होती जा रही थी। मेरा बदन अकड़ने लगा.

मैं कांपते हुए झड़ने लगी और उसे कसकर अपने बांहों में जकड़ने लगी। कुछ देर में वो भी झड़ गया। निढाल होकर विशाल मेरे ऊपर गिर गया। हाँफते हुए वो मेरे होंठों को चूमने लगा। फिर मेरे बगल में लेट गया।

कुछ देर तो हम यूं ही पड़े हुए हाँफते रहे. 30 मिनट तक जबरदस्त चुदाई हुई थी। चढ़ाई करके मैं उसके विशालकाय शरीर पर लेटी हुई उससे पूछने लगी- अच्छा सच बता कि तू स्कूल में मेरे पीछे क्यों बैठा करता था.

वो बोला- मुझे आपके बदन की खुशबू बहुत पसंद थी। आप नई नई जवान हुई थी. आपकी कांखों से आती मादक खुशबू मुझे पागल बनाती थी। आप के बदन की खुशबू लेने के लिए मैं आपके पीछे बैठता था।
“छीईई …”
“इसमें छी क्या दीदी, आपकी गर्म जवानी थी ही ऐसी!”
“और क्या क्या किया है तूने मेरे पीठ पीछे?”

“आपके चूचे आपकी उम्र की लड़कियों से काफी बड़े थे। स्कूली ड्रेस में आपके तने हुए चूचों को देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो जाता था।”
“अच्छा जी!” मैंने कहा.

“हाँ, स्कर्ट में आपकी मटकती गांड देखकर जी करता था कि काट खाऊँ मैं आपके मस्त चूतड़ों को!”

“बदमाश … अपनी बहन के चूचे और गांड देखता था तू!” मैंने उसके सीने पर प्यार से मुक्का मारते हुए कहा.
“आपको हमारा किराये का घर याद है जब हम छोटे थे?”
“हाँ याद है.”

“उसमें एक ही बाथरूम हुआ करता था.”
“हाँ सही कहा.”
“आपके नहाने के बाद मैं अक्सर बाथरूम में जाता था, आपकी गर्म पैंटी सूंघता था और मुठ मारता था. आपके कॉलेज में जाने पर तो कभी कभी मुझे आपकी गीली पैंटी मिल जाती थी जिसे मैं सूँघता और चाटता था. आपकी चूत की खुशबू बहुत मादक लगती थी. मेरे लौड़े का बुरा हाल हो जाता था.”

“हे भगवान, तू तो नंगी देखता तो चोद ही डालता मुझे!”
उसकी बातों से मैं फिर से गर्म हो रही थी.

“नहीं दीदी, नंगी तो मैंने कई बार देखा तुम्हें, मैं अक्सर आपको कपड़े बदलते हुये, बाथरूम में नहाते हुए छुप कर देखता था। लेकिन पहल करने की हिम्मत न हुई।”

अब मैं समझी कि मेरी नंगी फोटोज देख कर भी उसने प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी। नंगी तो वो मुझे बचपन से देखता आ रहा है.

“तो अब तो कर लिया न!”
“अब तो रोज करूँगा दीदी!”
“अच्छा जी?”
“हाँ, मेरी डार्लिंग दीदी!”

“अच्छा सुन, ये बात हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए, किसी को पता चला तो बड़ी बदनामी होगी.”
“उस सब की टेंशन आप मुझ पर छोड़ दो दीदी, सबके सामने हम भाई बहन की तरह ही रहेंगे.”
“ओके”
“बोलो, रोज चुदोगी न मुझसे?”
“हम्म बाबा ठीक है.”
“नहीं, मुँह से बोलो.”

“ओके बाबा रोज चुदूँगी अपने छोटे भाई से, अब सो जा मुझे भी सोने दे.”
“दीदी एक बार और करने दो न … मैं आपसे बातें करके गर्म हो चुका हूँ.” विशाल ने मेरे बोबे दबाते हुए बोला.

“अभी तो किया था?”
“क्या करूँ दीदी, आप इतनी सेक्सी हॉट हो कि आप को देख कर हमेशा मेरा लन्ड खड़ा हो जाता है.” वो लगातार मेरे बोबे दबाते हुए मुझे सूँघते हुए चूमता-चाटता जा रहा था।

मैं भी थोड़ा गर्म हो गयी थी उसकी बचपन की कहानियां सुनकर- भाई, गर्म तो मैं भी हूं लेकिन मेरी चूत चुदने के हालात में नहीं है.
उसने जो चुदाई की थी उससे मेरी चूत पाव रोटी बन गयी थी और काफी दर्द कर रही थी.

मैंने कहा- तू कहे तो मैं हाथ से शांत कर दूं तेरे लंड को?
वो तो मेरी गांड मारने की फिराक में था लेकिन मैंने साफ मना कर दिया। कुछ देर की बहस के बाद में वो मान गया।

फिर मैं उसके पैरों के पास आई। उसका मूसल लन्ड फुंफकार रहा था। मैंने उसे हाथों से पकड़ लिया. वो काफी मोटा और लम्बा था। उसका लंड मेरी मुट्ठी में पूरा आ भी नहीं रहा था. मुझे यकीन नहीं हुआ कि मैं कुछ देर पहले ही इस लंड से चुद चुकी हूं.

मैंने हाथ ऊपर नीचे करना शुरू किया। उसका लन्ड खम्भे की तरह खड़ा था और गर्म भी था। भाई को भी मस्ती छाने लगी जो उसके चेहरे पर साफ दिख सकती थी। उसका मस्त लौड़ा देख मेरे मुंह में पानी आ रहा था। मैंने न चाहते हुए भी उसके टोपे पर जीभ से फेर दिया। हल्का नमकीन स्वाद था उसके लंड का.

जीभ से सुपारे को चाटते हुए उसका टोपा मैंने मुँह में भर लिया। उसका टोपा काफी बड़ा था, मुश्किल से मुंह में आ पा रहा था। मैं उसके टोपे को मुँह में लेकर चूसने लगी। साथ में नीचे ही नीचे उसके लन्ड को मुठिया भी रही थी। अब मुझे भी मस्ती छा रही थी. मैंने उसका लण्ड अंदर लेना शुरू किया।

विशाल:
दीदी रंडियों की तरह मेरा लौड़ा चूस रही थी। उन्होंने लौड़े को गले तक उतार रखा था। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वो लंड को पहली बार चूस रही है।

वो मेरा लंड अपने गले तक उतार रही थी. जब उसकी सांस फूल जाती तो फिर से बाहर निकाल लेती. फिर मेरे लौड़े पर जीभ फिराने लगती. बीच बीच में दीदी मेरे अंडकोष भी चाट रही थी.

प्रीति:
मुझे अब मजा आ रहा था। उसका प्रीकम का स्वाद मैं अपनी जीभ पर महसूस कर सकती थी। भाई अहहह … इस्स … की कामुक आवाजें निकाल रहा था।

15 मिनट से मैं उसका लौड़ा चूस रही थी लेकिन साला झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। मेरा मुँह दर्द करने लगा तो वो मेरा सिर पकड़ कर मेरा मुख चोदन करने लगा।
5 मिनट के मुख चोदन में भी वो नहीं झड़ा तो मैंने हार मान कर उसे चुदाई की इजाजत दे दी।

मैं उसके लन्ड पर सवार हो गई। वो धक्के लगाने लगा। उसने मुझे अपने से चिपका रखा था। मेरा भाई मेरे होंठ चूसते हुए धक्के लगा रहा था। मैं भी उसका लन्ड चूस कर गर्म हो चुकी थी और मस्ती में चुद रही थी।

अगले 20 मिनट मुझे अलग अलग आसनों में चोदने के बाद वो मेरी चूत में ही झड़ गया। मैं जीवन में पहली बार एक ही दिन में तीसरी बार झड़ी थी। उसका जोश काबिले तारीफ था। लेकिन लौड़ा बड़ा ही बेदर्द था. इसका अहसास तो मुझे सुबह ही होने वाला था।

मैं थक गई थी। कब आंख लग गयी पता ही नहीं चला। सुबह उठी तो मैंने पाया कि हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो रहे थे। मैंने मोबाइल देखा तो दिन के 10 बज रहे थे। मैंने भाई को उठाया और खुद भी कपड़े पहने।

कल की चुदाई के बाद जो हाल था उसके कारण मैं लँगड़ा कर चल रही थी। भाई ने मुझे सहारा देकर कमरे तक पहुंचाया। उसने बर्फ से मेरी चूत की सिकाई की। तब जाकर मैं थोड़ा चलने के काबिल हुई।

आते समय भी वो जुगाड़ लगाकर मेरे साथ अकेले हो लिया। रास्ते में उसने एक बार फिर मुझे चोद दिया ये कहते हुए कि फिर “आपकी रसीली चूत पता नहीं कब नसीब हो”

इसके बाद तो वो जब मन करता वो मेरी चुदाई करता। मुझे भी जब मन करता उससे चुदने लगी. वैसे ऐसा कभी नहीं होता कि मेरा मन न हो चुदाई के लिए. मैं हमेशा तैयार रहती हूँ।

ज्यादातर हम घर के बाहर ही चुदाई करते थे. कभी होटल में, कभी किसी दोस्त के यहाँ। घर में पापा मम्मी होते थे तो यहां तो मुश्किल था।
लेकिन धीरे धीरे उसकी हिम्मत और बढ़ने लगी. अब मौका पाकर वो घर में भी शुरू हो जाता था। विशाल के रूप में मुझे अपनी प्यासी चूत का परमानेंट इलाज मिल गया था.

विशाल के शब्द:
दोस्तो, ये थी हम भाई-बहन की चुदाई की शुरूआत की कहानी
Reply
11-17-2022, 02:48 PM,
Thumbs Up  RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
(02-23-2021, 12:22 PM)desiaks Wrote: बहन के साथ सुहागरात

ये बात करीब डेढ़ साल साल पहले की है, मेरी छोटी बहन, जिसका नाम मालिनी है, उसने अपनी बारहवीं पास की, उस वक्त उसकी उम्र 18 साल से ऊपर थी. उसका रिजल्ट बहुत अच्छा नहीं आया था, तो उसे किसी अच्छे कॉलेज में दाखिला नहीं मिला. इस बात को लेकर मालिनी ने मुझे फ़ोन किया और मुझसे सुझाव लेने लगी कि उसे क्या करना चाहिए.
मैंने उससे कहा- तुम जे बी टी कर सकती हो, मैं आसानी से भोपाल में तुम्हारा दाखिला करवा दूंगा.
मेरी बात सुनकर मालिनी बहुत खुश हुई और भोपाल आने की तैयारी करने लगी. मैंने भी पिछले 2 साल से अपनी बहन को सिर्फ तस्वीरों में देखा था. मैंने अपने माता-पिता को समझा दिया और उन्हें मना लिया.
दाखिले एक महीने बाद से शुरू होने थे लेकिन मालिनी ने तुरंत आने की जिद की, जिसे मैंने मान लिया. अगले शनिवार को मालिनी को आना था. मैंने अपने मकान मालिक को मालिनी के बारे में कुछ नहीं बताया, मैंने सोचा जब मालिनी आ जाएगी तब बता दूंगा, वर्ना वो मकान किराए को लेकर ड्रामा करेंगे. तय वक्त के मुताबिक़ मालिनी शनिवार की सुबह आने के लिए ट्रेन में शुक्रवार बैठ गयी.
शनिवार की सुबह मैं भी नहाकर स्टेशन पर पहुंच गया और मालिनी का इन्तजार करने लगा. आठ बजे ट्रेन पहुंच गयी, चूँकि मैंने पिछले 2 सालों से मालिनी को सिर्फ तस्वीरों में देखा था, इसलिए मैं भी काफी उत्साहित था. जैसे ही मालिनी ट्रेन से उतरी, मैं उसे देखता ही रह गया. करीब 5 फुट 5 इंच की लम्बाई और 34सी के चूचों के साथ मालिनी 23-24 साल की लड़की लग रही थी. मालिनी ने उस वक्त टी-शर्ट और लोअर डाला हुआ था. उसको देखते ही मेरा लौड़ा खड़ा हो गया और मेरे दिमाग में शैतानी आने लगी.
मैंने मालिनी को अपनी कार में बैठाया और अपने घर की तरफ चलने लगा. मैंने मालिनी से कहा कि मेरा मकान मालिक बहुत सख्त है और वो किसी और को मेरे घर में रहने की परमिशन नहीं देगा. इससे बचने के लिए मैंने उसे बोल दिया कि मेरी पत्नी आ रही है.
इस पर मालिनी हैरान हो गयी और बोली- मैं आपकी बहन हूँ.
मैंने मजबूरी का हवाला दिया और कहा कि जल्दी ही मैं नया कमरा देख लूँगा.
तब जाकर मालिनी खामोश हुई, लेकिन पूरे रास्ते वो मन ही मन हंस रही थी. मैंने भी सोचा चलो पहली परेशानी तो दूर हुई. रास्ते में मैंने कार एक पेट्रोल पंप पर रोकी और अपने मकान मालिक की बीवी, राखी आंटी को फ़ोन करके कहा कि मेरी पत्नी आ रही है.
आंटी ने हैरानी जताई और बोलीं- तुमने कभी बताया नहीं कि तुम्हारी शादी हो चुकी है.
मैंने बस हंस कर कह दिया- आपने कभी पूछा ही नहीं.
वो बोलीं- चलो अच्छा है कि अब वो तुम्हारा घर संभाल लेगी.
कुछ ही देर में हम घर पहुंच गए, जैसे ही हम घर में घुसने लगे, पीछे से आवाज आई तो देखा कि मकान मालकिन हाथ में चावल से भरा लोटा लेकर खड़ी थीं. ये सब देखकर मालिनी हंसने लगी.
मैंने मालिनी से कहा- किसी की भावनाओं का मजाक नहीं उड़ाते.
मालिनी ने अपने सीधे पांव से लोटे को गिराया और अन्दर घुसी.
राखी आंटी ने कहा- बेटी, अब तुम्हारी शादी हो चुकी और तुम्हें अपने पति से आशीर्वाद लेना चाहिए.
मालिनी के पास कोई आप्शन नहीं था, वो मेरे पास आई और एक पत्नी की तरह मेरे पांव छुए.
आंटी ने कहा- बेटी अब तुम आ गयी हो, तो ये रुचित भी संभल जाएगा और सिगरेट और शराब की आदत छोड़ देगा.
यह कहने के बाद आंटी चली गईं.
इतने ड्रामे से मालिनी परेशान नहीं हुई बल्कि हंसने लगी. मैंने भी सोचा चलो दूसरा काम भी हो गया और सब कुछ प्लान के मुताबिक़ चल रहा है और अच्छा ही हुआ कि आंटी ने मेरे सिगरेट और शराब की बात बोल दी.
मैंने गेट बंद किया और अपनी जेब से एक सिगरेट निकाली और कश लेने लगा. मालिनी मेरी तरफ अजीब से भाव से देख रही थी जैसे कह रही हो कि वो भी सिगरेट के कश लेना चाहती है, मगर शायद उसकी हिम्मत नहीं हुई.
दोपहर को आंटी खाना लेकर आ गईं, उस वक्त हम दोनों सो रहे थे. मालिनी ने उठ कर दरवाजा खोला, उस वक्त उसके बाल फैले हुए थे. मालिनी को ऐसे देखकर आंटी हंसने लगीं.
मैंने आंटी से पूछा- क्या हुआ?
तो आंटी जी बोलीं- लगता है आते ही पहला राउंड ले लिया तुमने मालिनी के साथ, कम से कम आज तो आराम करने देते.
ये सुनकर मालिनी शरमा गयी और खाना लेकर रसोई में चली गयी. आंटी वहीं खड़ी रहीं और बोलीं- कल एक व्रत है, जिसे सुहागन औरतें अपने पति के लिए रखती हैं और अब चूँकि मालिनी भी यहीं है, तो उसे भी रखना है.
मैं वहीं से मालिनी को देख रहा था, उसे व्रत के नाम से चिढ़ है.
मैंने आंटी जी को बोल दिया कि मालिनी जरूर रखेगी. आंटी जी के हाथ में एक पोलीथिन थी, उसमें से उन्होंने एक साड़ी निकाली और बोलीं कि ये मालिनी के लिए है. ब्लाउज आदि वो अपने हिसाब से काट-छांट कर लेगी और पहन लेगी.
आंटी के जाने के बाद मालिनी गुस्से में मेरे पास आई और बोली कि ये बहुत दखल दे रही है, ऐसे तो मुझे सच में तुम्हारी पत्नी बनकर रहना होगा.
मैंने उससे कहा कि कुछ दिन संभाल लो, मैं दूसरा कमरा देख लूँगा.
इस पर मालिनी मान गयी क्योंकि वो वापिस दिल्ली नहीं जा सकती थी. वहां उसे इतनी आजादी भी नहीं थी.
अगले दिन आंटी जी सुबह ही आ गईं, उन्होंने दरवाजा बजाया, जिससे मेरी आंख खुल गयी. मैंने देखा कि मालिनी अपने कमरे में नहीं थी, मैंने दरवाजा खोला. इतने में मालिनी रसोई में से निकलकर आई. उसने आंटी की दी हुई साड़ी पहन रखी थी और उसमें वो क़यामत लग रही थी.
मालिनी मेरे पास आकर खड़ी हो गयी, मालिनी को देखकर आंटी बोलीं- लगता है पूरी रात बहुत मजा दिया है, बहू को अपने वश में कर लिया है.
मैंने भी सोचा मौका है, मैंने मालिनी को बांहों में लिया और कहा- मालिनी तो मेरी जान है.
आंटी ने मेरे गालों पर एक हल्का थप्पड़ मारा और मुझे अलग किया.
आंटी बोलीं- तुम दोनों बहुत शैतान हो.
इसके 2 घंटे बाद मालिनी पूजा करके आ गयी और आते ही एक अच्छी पत्नी की तरह उसने मेरे पैर छुए.
मैंने कहा- तुम बहुत सुन्दर लग रही हो, काश सच में तुम मेरी पत्नी होती, तो मैं तुम्हें रानी बना कर रखता.
मालिनी खुल कर बोली- भोपाल में तो मैं तुम्हारी पत्नी ही हूँ, अब जब तक हम भोपाल में हैं. पति-पत्नी की तरह रहेंगे और मैं भी तुम्हें पसंद करती हूँ.
मैंने हैरानी से कहा- क्या … तुम्हें कोई ऐतराज नहीं है?
मालिनी बोली- ऐतराज होता तो मैं पहले ही नहीं आती क्योंकि मैंने तुम्हारी और आंटी की बातें सुन ली थी. जब तुम आंटी से फ़ोन पर बातें कर रहे थे.
मैंने मालिनी को बांहों में भरा और उसके होंठों पर एक जोरदार चुम्बन दिया. मैंने मालिनी को गोद में उठाया और अपने बिस्तर पर कर दिया.
क्योंकि उसने लाल साड़ी पहन रखी थी तो मैंने कहा- आज हमारी सुहागरात है और आज से मेरी हर चीज पर तुम्हारा हक है.
मैंने हल्के से उसकी साड़ी उतारी. अब मालिनी खुद को मेरी पत्नी मान चुकी थी, तो वो मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैंने भी अपनी टी-शर्ट और पजामा उतारा और फिर अपना अंडरवियर उतार कर अपना लौड़ा मालिनी के सामने कर दिया.
मेरा 7 इन्च लम्बा और 3.5 इंच लौड़ा देखकर मालिनी सहम गयी. फिर हंसते हुए बोली- अब से इस फौलादी लौड़े पर मेरा हक है.
मैंने कहा- हां जानेमन, अब से ये लौड़ा तुम्हारी चूत की गुलामी के लिए हमेशा तैयार रहेगा.
फिर मैंने मालिनी का ब्लाउज उसके बदन से अलग किया और उसने लाल ही कलर की ब्रा पहन रखी थी, मैं समझ गया कि मालिनी ने पहले से ही सब प्लान कर रखा है. मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध पीने लगा, मालिनी मेरे लौड़े से खेलने लगी. मेरे लौड़े को ऊपर नीचे घुमाने लगी. मैंने इतने में उसका पेटीकोट भी अलग कर दिया और उसको ब्रा-पेंटी में कर दिया. मैंने उसको पकड़ा और उसकी पेंटी भी उतार दी और उसकी चूत को चाटने लगा.
चूत पर मेरी जीभ पाते ही मालिनी सिहर गयी. शायद थोड़ी देर पहले ही उसने मूता था, उसकी पेशाब की गंध अभी तक थी, लेकिन मैंने चाटकर उसकी चूत को गीला किया.
मेरी बहन अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी, उसने लपक कर मेरा लौड़ा पकड़ लिया और उसे चाटने लगी. वो एक अनुभवी औरत की तरह सब कर रही थी. मैं भी अपनी छोटी बहन की चूत चाट रहा था. हम दोनों 6-9 की पोजीशन बनाये हुए थे और एक दूसरे को चाट रहे थे.
करीब 10 मिनट एक-दूसरे को चाटने के बाद मेरी बहन मेरा लौड़ा चूत में लेने को तैयार थी, मैंने मालिनी को लिटाया और उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया. फिर उसकी चूत के दरवाजे पर अपना लौड़ा सैट किया और एक हल्का झटका दिया.
मालिनी के मुँह से एक हल्की सी आवाज निकली, तब मुझे लगा कि मालिनी लौड़ा सहन कर लेगी, इसलिए मैंने एक तेज झटका मारा और अपना आधे से ज्यादा लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया.
मालिनी के मुँह से एक तेज चीख निकल गयी, वो चिल्लाने लगी और साथ में गालियां बकने लगी- बहनचोद, अपनी बहन पर रहम कर, उम्म्ह… अहह… हय… याह… इतना मोटा लौड़ा मेरी चूत में पेल दिया. पहले दिन तो रहम करता, अब तो अगले 2 साल तक मैं तेरी रंडी हूँ, जब मन करे तब चोद दियो, आज तो छोड़ दे. इतना दर्द तो तब भी नहीं हुआ था, जब बड़े भैया ने मुझे चोदा था.
यह सुनकर मैं समझ गया कि मेरे बड़े भैया मोहित पहले ही मालिनी को चोद चुके हैं. मालिनी शायद दर्द के मारे बोल गयी. इसके बाद मेरे मन में बची-खुची शर्म भी चली गयी. मैंने सोचा जब पहले ही मोहित भैया चोद चुके हैं, तो मैं क्यों पीछे रहूँ.
मैंने अपने झटके चालू रखे और करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों अलग हुए.
इस तरह हम भाई बहन ने सुहागरात मनायी. इस चुदाई के बाद मालिनी और मैं अब पूरी तरह खुल चुके थे.
आपको भाई बहन की सुहागरात की कहानी कैसी लगी, उसके लिए कमेंट्स कीजिये.
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