RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
प्रिया- मैंने अपना मुँह खोल दिया और राहल ने अपना लण्ड मेरे मुँह में दे दिया। मैं धीरे-धीरे लण्ड को कुल्फी की तरह चूसने लगी। थोड़ी देर में राहुल ने लण्ड को मेरे मुँह से निकाला और दो-तीन पिचकारी छोड़ दी।
आरोही- कैसी पिचकारी?
प्रिया- आदमी जब फारिग होता है तो उसका भी वीर्य निकलता है, जो पिचकारी छोड़ता हुआ निकलता है। थोड़ी देर बाद राहुल मुझे फिर में चूमने सहलाने लगा और इस बार राहुल मेरी टांगों के बीच आ जाता है और मेरी टांगों को ओड़ा फैलाकर मेरी चूत के छेद को उंगली से टटोलने लगता है। और फिर अपने लण्ड को हाथ से पकड़कर मेरी चत के छोटे से छेद पर लगा देता है, और अंदर करने के लिए जोर लगाने लगा। मगर इतना बड़ा लण्ड भला मेरी छोटी सी चूत में कहा जा सकता था, बार-बार फिसल जाता था।
आरोही- फिर?
प्रिया- फिर राहुल मुझसे पूछने लगा की कोई क्रीम है? मैंने राहुल को अपने पर्म से कोल्ड क्रीम की डिबिया दी, और राहल ने थोड़ी सी कीम मेरी चूत पर लगाई और थोड़ी अपने लण्ड पर। फिर अपने लण्ड को मेरी चूत के छोटे से केंद्र पर लगाकर जो धक्का मारा तो राहुल का लण्ड अंदर घुस गया। उफफ्फ... मैं दर्द में तड़प गई। मेरी तो एकदम से जान पर बन आई। ऐसा लगा जैसे किसी ने चूत में चाकू घोंप दिया हो। मेरी चीख निकलने वाली थी की एकदम से राहुल ने मेरे होंठों को अपने होंठों में भर लिया, और राहुल ने एक-दो और धक्के मार कर अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। मेरे आँसू निकल गये थे।
आरोही- फिर?
प्रिया- करीब 10 मिनट बाद मैं कुछ नार्मल हुईं। अब मुझे इतना दर्द नहीं हो रहा था। राहुल के लण्ड में चूत में जगह बना ली थी। लण्ड स्पीड से अंदर-बाहर हए जा रहा था। अब मुझे भी मजा आने लगा था।
आरोही की ये सब सुनकर एक सिसकी सी निकल गई।
-
-
-
--
प्रिया- क्या हुआ आरोही?
आरोही- पता नहीं प्रिया, तेरी बातों से बड़ी बेचैनी सी होने लगी है।
प्रिया- "अच्छा, कहां पर?" और प्रिया अपना हाथ आरोही की सलवार पर एकदम चूत के ऊपर रख देती है, जो इस वक़्त गीली हो चुकी थी- "ओहह... तरी चूत तो गोली हो गईं। अब तुझे भी एक जोरदार लण्ड चाहिए, जो तेरी बेचेनी दूर करेंगा..."
आरोही- चुप कर मुझे नहीं चाहिए।
प्रिया- "ओह्ह... मेरी बन्लो। तुझे नहीं चाहिए ता बता फिर ये गीली क्यों हो गई?"
आरोही कछ बोल ना सकी, और थोड़ी देर बाद दोनों नीद की आगोश में चले गये।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सुबह राहल और प्रिया अपने घर के लिए निकल रहे थे।
प्रिया सुमन से बोलती है- "बुआ आप भी हमारे साथ चलिए ना... मुझे मम्मी पापा के सामने थोड़ी हिम्मत सी रहेंगी...'
राजेश- चली जाओं सुमन, एक दो दिन में आ जाना।
सुमन- आप भी चलिए परसों आ जायेंगे।
राजेश- "ठीक है चलो..." और प्रिया के साथ राजेश और सुमन भी चले गये।
आरोही और विशाल घर में रह जाते हैं। आरोही घर की सफाई में लगी थी, और विशाल हाल में बैठा अपने लैपटाप पर फेसबुक खोले हुए था। आरोही सफाई करते हुए जैसे ही हाल में आती है।
|