RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
और फिर दोनों एक दर्ज की बौंहों में लिपटें हए ऐसे लेट जाते हैं, जैसे दोनों कितनै जन्मों के साथी हों। यही लेटे हुए विशाल आरोही के चेहरे को सहलाने लगता है।
विशाल- आरोही तुम बहुत खूबसूरत हो, बहुत मासूम सी प्यारी सी गुड़िया।
आरोही- "भैया आप भी बहुत अच्छे हो.. मेरा इतना खयाल रखते हो, मुझे इतना प्यार करते हो.."
फिर विशाल अपने होंठों को आरोही के होंठों को करीब ले जाता है और आरोही भी अपने होंठों को विशाल के होंठों के करीब ले जाती है। और दोनों फिर से एक दूजे के होंठ चूमने लगते हैं। कुछ देर में ही विशाल के लण्ड में फिर से तनाव आना शुरू हो जाता है, और आरोही की नंगी चत से टकराने लगता है। आरोही को भी लण्ड की टचिंग में सनसनाहट सी दौड़ जाती है।
विशाल- आरोही मैं तुझं और प्यार करना चाहता हूँ।
आरोही- भैया आपको रोका किसने है? जैसे चाहे मुझसे प्यार करो।
विशाल- मगर आरोही इस प्यार में बड़ा दर्द मिलता है।
आरोही- कोई बात नहीं भैया, मैं भैया के लिए हर दर्द सह लगी।
विशाल जानता था आरोही को अभी इस दर्द का अहसास नहीं है, जो कुछ इस वक़्त आरोही बोल रही है ये उसका जोश है। और विशाल बिस्तर से उठकर अलमारी की तरफ पहचता है।
आरोही- क्या हुआ भैया?
विशाल- "कुछ नहीं आरोही तेल की शीशी देख रहा है.." और विशाल अलमारी से नारियल तेल की शीशी उठा
लाता है। विशाल का लण्ड आरोही की चूत में जाने के अहसास से झटके पर झटके मार रहा था। विशाल बिल्कुल आरोही की दोनों टांगों के बीच बैठ जाता है, और कहता है- "आरोही में जो हम कर रहे हैं. बाद में हमें इसका पछतावा तो नहीं होगा?"
आरोही- भैया मैं तुमसे बहुत प्यार करती है और जब इतना आगे बढ़ चुके हैं, तो फिर पछतावा कैसा? भैया मुझे अपने प्यार का हर शुख दे दो। आज मुझे इतना प्यार करा की काई दूरी बाकी ना रह जाय। मैं तुममें समा जाऊँ, तुम मुझं में समा जाओ.."
विशाल आरोही की टाँगे फैला देता है और नारियल तेल उंगली में लेकर आरोही की चूत पर धीरे-धीरे मलने लगता है। आरोही की सिसकियां निकालने लगती है।
आरोही- "आहह... इसस्स्स... सस्स्सीईईई उईईई... इसस्स्स
.."
विशाल काफी देर तक अपनी उंगली से तेल को चूत के चारों तरफ मल देता है। जिसमें आरोही की चूत में फिर से गीलापन आ जाता है। विशाल थोड़ा तेल अपने लण्ड पर लगाकर लण्ड को जैसे ही चूत के छेद में घुसाने लगता है।
आरोही कहती हैं- "भैया, बिना कंडोम के कहीं में प्रेग्नेंट ना हो जाऊँ?"
विशाल- "आरोही ऐसा कुछ नहीं होगा। में एक टेबलेट ला दूँगा.. और फिर विशाल अपने लण्ड को चूत के छेद पर रख देता है।
आरोही की धड़कन लण्ड के इस अहसास से एकदम रूक जाती हैं, और आरोही को ऐसा लगता है जैसे उसके साथ कुछ अनर्थ होने वाला है और आरोही अपनी आँखें बंद कर लेती है।
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