Biwi ki Chudai बीवी के गुलाम आशिक
06-03-2019, 01:36 PM,
#51
RE: Biwi ki Chudai बीवी के गुलाम आशिक
मैं अपने ऑफिस में अब नही बैठता था,मुझे एक अलग कमरा गृह मंन्त्री के ऑफिस में दिया गया था, गृह मंन्त्री ने भी इसके लिए एक आदेश जारी करके मुझे कुछ स्पेसल पवार दी थी,मुझे मेरी टीम चुनने की भी आजादी दी गई थी ,पूरे पुलिस महकमे में एक अजीब सी हलचल थी की कुछ तो हो रहा है लेकिन किसी को सही तरह से पता ही नही था की क्या हो रहा है ..
प्रदेश भर के ईमानदार और काबिल अधिकारी और कर्मचारियों को एक ही जगह में लाया जा रहा था,यही सबसे बड़ा सुबूत था की कोई बड़े ऑपरेशन की तैयारी चल रही है …
लेकिन वजह यही बताई जा रही थी की मंन्त्री जी को जान का खतरा है वही कुछ लोग ये बोल रहे थे की डॉली उनकी मुह बोली बेटी है और इसीलिए उसकी शादी की तैयारी और सुरक्षा के लिए ऐसा किया जा रहा है,असल में जो लोग मेरे लिए इस मिशन में काम कर रहे थे उन्हें भी नही पता था की वो क्या कर रहे है ,जैसे की विक्रम ...असली बात सिर्फ 3 लोगो को ही पता थी एक तो मैं दूसरे डॉ चुतिया और तीसरे खुद मंन्त्री जी …….
ऐसे जिसे जो भी लग रहा था कही ना कही सही ही लग रहा था ,क्योकि मंन्त्री जी के भी कई दुश्मन थे और शादी में गुप्त रूप से निगरानी करना भी बेहद ही जरूरी था…
मैं अपने नए ऑफिस में बैठा था,कान में हेडफोन लगाए हुए था और कई आवाज एक साथ मेरे कानो में आ रहे थे,मैं फ्रीक्वेंसी देख देख कर सब को क्लोज कर रहा था मुझे अपने काम की चीज चाहिए थे ,जो मुझे मिल ही गई वो उसी माइक्रोफोन से आ रही आवाज थी जो अब्दुल के फार्महाउस के मीटिंग वाले कमरे में लगाई थी …
‘ऐसा नही हो सकता ,’
मोना की आवाज आई ..मैं ध्यान से सुनने लगा
‘क्यो नही हो सकता,हमे सतर्क रहना होगा ,पुलिस अचानक से इतनी एक्टिव कैसे हो गई है ‘
एक मोटी सी अजनबी आवाज थी
‘सही कह रहा है ठाकुर ,अचानक से ही कुछ ही दिनों में पुलिस विभाग में कई परिवर्तन हुए है उसे अनदेखा नही किया जा सकता,और मैंने तो ये भी सुना है की खुद अभिषेक ही टीम बना रहा है ,मुझे तो लगता है की उसे हमारे डील की भनक लग गई है ..’
अब्दुल के आवाज में चिंता थी ...लेकिन मोना के हँसने की आवाज आयी
‘तुम लोग खामखाह डर रहे हो अभिषेक मेरी मुठ्ठी में है वो कुछ करेगा तो मुझे पता चल ही जाएगा,सारे घर में मैंने कैमरा लगा के रखा है उसकी कोई भी हरकत से हमे पता चल ही जाएगा,और अभी तक मैंने तो कुछ ऐसा नोट नही किया …’
मोना की बात सुनकर मेरे होठो में मुस्कान आ गई साली कितनी चालाक हो गई है …सच बताऊँ तो नफरत नही बल्कि प्यार आया लगा की उसके गालो को खा जाऊ मैं हमेशा से ऐसी ही मोना चाहता था थोड़ी चालाक और थोड़ी कमीनी ,लेकिन जब वो ऐसी हुई तो उसकी ये चालाकी और कमीनापन मेरे ही खिलाफ था …
‘वो बात तो सही है लेकिन पुलिस की टीम बना रहा है ये क्या बात हुई और इतने बदलाव ...कई लोगो से रोज का मिलना जुलना ,शक करने की बात तो है ना ..’
वो आदमी फिर से बोल उठा,मोना फिर से थोड़ी हँसी ..
‘मंन्त्री की लड़की की शादी है तुम्हे ये मजाक लग रहा है,कितने बड़े बड़े लोग आएंगे,’
‘लेकिन मुहबोली बेटी की शादी के लिये इतना कुछ …’
इस बार मोना जोरो से हँसी ..
‘दुनिया के लिए गोद लिया है उसने सच तो ये है की वो उसकी खुद की बेटी है ...मेरे साथ पूरा कालेज पढ़ी है मैं अच्छे से जानती हु की वो अपनी बेटी को कितना प्यार करता है,फिर भी शायद इतनी सुरक्षा की जरूरत नही पड़ती लेकिन किसी चूतिये ने गृह मंन्त्री को उसकी बेटी के शादी में ही मार डालने की धमकी दे दी तो अब तो पुलिस का पहरा रहेगा ही ,अभिषेक खुद ही थका हुआ घर आता है सारी बात मुझे बताता है …मैंने इसीलिए ये डेट फिक्स किया था ताकि सारे पुलिस वाले उधर ही बिजी रहे और हम अपना काम आसानी से कर ले …’
‘वाह मान गए गुरु तुम्हारी जान तो कमाल की है …इसे तो भगा के ही ले जा ..’
वो हँसने लगा साथ ही अब्दुल भी हँसने लगा..
‘वो तो है ..’
‘क्या वो तो है मैं शादीशुदा हु समझ गए ..’
‘अरे तो क्या हुआ ये एक काम हो जाए फिर तो मौजा ही मौजा है ..उसे मार के फेंकवा देंगे कही ..”
‘अब्दुल ..’ मोना गुस्से से चिल्लाई ..थोड़ी देर के लिए वँहा शांति छा गई …
‘आज कह दिया फिर कहा ना …’
ऐसा लगा जैसे मोना वँहा से निकल गई हो
‘अरे मोना मेरी बात तो सुनो …’
करीब 15 मिनट तक कोई भी आवाज उस कमरे से नही आई ना ही दूसरे कमरों से थोड़े देर बात फिर से आवाज आई ..
‘चली गई ..साले ये चिड़िया तो तूने गजब की फ़साई है लेकिन खतरनाक भी लग रही है ..दिल तो नही आ गया इसपर ..’
वही अजनबी आवाज मेरे कानो में आयी ..
साथ अब्दुल की हँसी गूंजी ..
‘जब मैं पहली बार अभिषेक से मिला था तो लगा कि साला कितना चालाक आदमी है ,जैसा उसने बंसल को पकड़वाया मैं तो उसका दीवाना हो गया था ..लेकिन ...ये साली उससे भी तेज है ,बहुत तेज ..’
अब्दुल की आवाज थोड़ी धीरे हो गई थी जैसे वो कुछ सोच में पड़ गया हो ..
‘इतनी तेज लड़की हमे फंसा भी सकती है क्या पता की ये अभिषेक के साथ ही मिलकर ..’
‘नही अभिषेक को इसके कारनामो का पता नही होना चाहिए क्योकि वो इससे बेहद प्यार करता है और मुझे नही लगता की वो किसी और के साथ इसे देख भी सकता है ..’
‘लेकिन तू तो कह रहा था की वो साला DSP गांडू है अपनी बीवी को दूसरे के साथ देखकर खुस होता है ..’
‘अरे वैसे नही बे,ये लड़की उसे कहानी बताती है जो सच है की नही उसे नही पता,उस गांडू को अपनी बीवी पर पूरा भरोसा है की वो कोई भी गलत काम नही करेगी,तो वो बस सुनकर ही मजे लेता है ..’
दूसरा आदमी जिसका नाम ठाकुर था वो हँसने लगा ..ऐसा लगा जैसे की अपना पेट पकड़कर हँस रहा है ..
‘कैसे चूतिये है दुनिया में अपनी ही बीवी को दूसरे के साथ देखकर ..’
‘अबे देखकर नही उसके बारे में सोचकर,अभी हमे कुछ करते देखा नही है देख लेगा ना तो दोनो को ना मार डाले…’
‘तू तो कह रहा था की गांडू है ..’
‘वो तो है लेकिन साले का गुस्सा भी गजब का है कुछ नही देखता पेल ही देता है..’
‘तुझे पेलेगा साले तू डॉन है..’
‘तूने उसका गुस्सा नही देखा है मैंने देखा है ..’
‘चल छोड़ ये सब लेकिन इस लड़की पर भी नजर रखनी पड़ेगी,साली चीज क्या है समझ नही आता,कभी तो तेरे बांहो में झूलती है फिर उस इंस्पेक्टर को कैसे सेट किया उस दिन देखा ना,ड्राइवर ने बताया की उससे ही मसलवा रही थी ,और अब साली पतिव्रता भी बन रही है ,क्या है कुछ समझ नही आ रहा ..’
‘हम्म्म्म…’अब्दुल ने एक गहरी सांस छोड़ी ..
‘ये तो मेरे भी समझ में नही आ रहा ,कुछ तो खास है जो हमे सच में नही पता जो ये उस अभिषेक से इतना प्यार दिखा रही है ..’
‘मतलब ??’
‘मतलब कभी तो ऐसे बात करती है जैसे साली अपने पति के लिए मर जाएगी फिर लगता है की साली रंडी है ...ऐसे तो नही हो सकता की वो उससे प्यार करती है ..तो क्या है जो वो ऐसे प्यार दिखा रही है ,,,ये काम हो जाए फिर साली को ब्लैक मेल करके सब राज पता कर लूंगा ‘
‘वो कैसे ..’
‘अबे उसने बोला ना की उसके घर में कैमरा लगा है ..’
‘ओह तो साले चुदाई की कई वीडियो होगी तेरे पास तो ‘
दोनो जोरो से हँसने लगे………….
वही ये सब सुनकर मेरा सर भी चकरा गया था मेरे सर में तेज दर्द होने लगा था मुझे अब एक ही चीज की जरूरत थी ...शराब ...

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06-03-2019, 01:36 PM,
#52
RE: Biwi ki Chudai बीवी के गुलाम आशिक
शादी को बस दो ही दिन बचे थे,साथ ही डील को भी,हर गतिविधियों पर एक साथ नजर रखी जा रही थी ,रात भी मैं घर नही गया था लेकिन कही किसी गतिविधियों का पता नही चला था,दोपहर हो चुका था जो की मीटिंग का समय था ,
लोग फिर से अब्दुल के फार्महाउस में आने लगे थे कोई 3 लोगो की आवाज आ रही थी लेकिन अभी अब्दुल और मोना नही आये थे …
थोड़ी देर बाद ही दोनो भी आ गए ..
‘काम में दो ही दिन बचे है और ये इमरजेंसी मीटिंग किसलिए ..?’
एक आदमी चिल्लाया ..
‘शांत हो जाओ माल का आखिरी ट्रक भी आ चुका है,..’
‘ये हमे पता है ये बताने के लिए बुलाया है ..’
‘नही बल्कि ये बताने के लिए की अब डील परसो नही बल्कि उसके एक दिन बाद होगी..’मोना की आवाज आयी
‘वाट ..’वँहा बैठे सभी तीनो लोग एक साथ ही चिल्लाए
‘पागल हो गए हो क्या क्लाइंट दूसरे शहर से नही देश के बाहर से आ रहा है अगर कुछ गड़बड़ हो गई तो ...और वो डील भी कैंसल कर सकते है ..’
‘उनसे हम बात कर लेंगे ..’मोना फिर से बोली
‘चुप कर छिनाल ये तेरा ही आईडिया होगा ..’
ये आवाज ठाकुर की थी
‘ठाकुर ..तमीज से बात कर ..’अब्दुल भड़क गया था ..
‘देखो उस दिन मंन्त्री के बेटी की शादी है तुम सब को बताने की जरूरत नही की किसी ने उसी शादी में मंन्त्री को मारने की भी धमकी दे रखी है ,और तुम DSP अभिषेक और इंस्पेक्टर विक्रम को अच्छे से जानते हो वो बाल की खाल खिंचने वालो में से है..सारे नाकों पर पुलिस होगी ,हो सकता है की समुद्र के किनारों में भी गस्त की जाए ...खतरा ज्यादा रहेगा ..’
मोना ने सबको समझाया ..
‘लेकिन तुमने ही तो कहा था की वही दिन ठीक है और समुद्र कौन सा शहर के पास है ..’
‘हा मैंने कहा था लेकिन उस समय किसी को जान से मारने की कोई भी धमकी नही दी गई थी ..और ऐसे भी एक खुशखबरी भी है की शादी की रात को ही अभिषेक स्विटीजरलैंड जाने वाला है ,तो काम और भी आसान हो जाएगा ‘
मोना की बात सुनकर सभी तो चुप हो गए लेकिन मेरे माथे पर पसीना आ गया लगा की सारे किये कराए पर पानी फिर गया..
‘वो अकेला जाएगा ..या तू भी ‘ठाकुर ने फिर से कहा
‘ये क्यो जाएगी ??’
किसी दूसरे व्यक्ति ने पूछ लिया
‘क्योकि ये उसकी बीवी है ..’
‘क्या??’बाकी के दोनो लोग ऐसे चौके जैसे भूत देख लिया हो,मैं इस समय अब्दुल और मोना का चहरा तो नही देख पा रहा था लेकिन मुझे मालूम था की ठाकुर की इस बात से वो जरूर गुस्सा हुए होंगे,सालो ने मेरी इज्जत सरे बाजार उछालने की कसम खा ली थी..
‘हा मैं भी जाऊंगी और ऐसे भी इस काम में मेरा क्या काम है,तुम तो हमेशा से यही चाहते थे की मैं इस डील में ना रहू ..’
मोना का स्वर ठंडा था..
‘ह्म्म्म तो ठीक है शादी के एक दिन के बाद ही डील होगी लेकिन अगर क्लाइंट नही माने तो ये तुम्हारी जिम्मेदारी ..’
‘हमने उनसे बात कर ली थी ,वो मान गए है बस तुम लोग अपनी तैयारी रखना ..’
अब्दुल इतना बोलकर शायद वँहा से निकल गया …….

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दिमाग की बत्ती जब गुल हो जाती है और शराब भी कोई सहारा ना दे तो क्या किया जाए,
इस एक डील की वजह से मैंने कई रिस्क लिए थे ,कई जगह गैर कानूनी काम भी कर रखे थे,कई सेटिंग्स किये थे,सब कुछ एक ही झटके में कैसे बदल जाने दे सकता था…..
अंत में जब कुछ समझ नही आया तो मैं घर को निकल गया,मुझे सोचने के लिए थोड़ा आराम भी चाहिए था…
मैं फ्रेश होकर ध्यान करने बैठ गया शायद जब कुछ समझ ना आये तो सब कुछ छोड़कर अपने अंदर झांकना चाहिए,कई रास्ते दिखाई देने लगते है ……
मेरे दिमाग में कई सवाल घूमने लगे ,कई विचार मेरे सामने लेकिन मैंने किसी भी विचार को नही पकड़ा,मैंने पहले भी मेडिटेशन की प्रैक्टिस की हुई थी मुझे पता था की दिमाग को शांत कैसे किया जाय,विचार आते है और चले जाते है ,मुझे बस दृष्टा होकर बैठना था और मैं बैठा था,मन के अंदर की कोलाहल और भी ज्यादा बढ़ने लगी यही समय था जब मुझे शांति से सब कुछ देखना था,फिर अचानक एक पल आया और सभी कुछ खत्म ….
मन शांति की एक अलग ही आनन्द को महसूस करने लगा,आधे घण्टे हो चुके थे फिर से विचार आने शुरू हुए लेकिन इस बार सभी बेहद ही सलीके से थे कोई कौतूहल नही हो रहा था,इसीलिए ध्यान में बैठने का समय कम से कम एक घंटा होना चाहिए आधे घंटे तो बस स्थिर होने में ही लग जाते है ,जैसे जैसे समय बढ़ता गया शांति में फिर से हलचल हुई इस बार मेरे मन के सामने सभी कुछ आ चुका था अब बस वो आश थी जिसमे मुझे कोई ऐसा हिंट मिल जाए जिससे मेरा काम बन जाए ,मैं बस देख रहा था देख रहा था…
मन की थकान इतनी थी की मन जैसे ही ज्यादा शांत होने लगा मैं कही खो गया और फिर नींद के आगोश में चला गया…..
दरवाजा खुलने के आभास से मेरी तंद्रा टूटी मैं फिर से अकड़ कर बैठ गया पता नही कितने समय तक मैं सोया हुआ था,..
मोना के मेरे कमरे में आने का आभास हुआ,हम दोनो में ये करार था की अगर मैं ध्यान में बैठा हु तो मुझे डिस्टर्ब ना किया जाए …
कुछ देर मैं मोना की गतिविधियों के बारे में ही सोचता रहा ,मन जब शांत हो तो आप एक ही चीज को कई तरीके से सोचने और समझने की योग्यता पा लेते है,मेरे सामने कुछ तथ्य ऐसे आये जिसे मैंने अभी तक सोचा ही नही था और साथ ही आया मेरे होठो में एक मुस्कान ,मुझे अपने सवाल का हल मिल चुका था……
मैं उठा और सीधे मोना को जकड़ लिया उसके गाल पर एक पप्पी दे दी ..
वो अपने कपड़े निकाल कर अपनी नाइटी पहन चुकी थी ,वो हल्के से हँसी ..
“लगता है काम का बहुत प्रेशर है ,आज कितने दिनों बाद तुम्हे ध्यान करते देख रही हु ..”
“हा जान पता नही कौन ऐसा चुतिया है जो मंन्त्री जी को मारने का प्लान कर रहा है ,सभी अधिकारी मेरे ही पीछे पड़े रहते है हर समय साला परेशान कर रखा है लोगो ने,बस ये शादी अच्छे से हो जाए फिर हम दोनो फुर्र हो जायेगे,सीधे स्विटीजरलैंड..
उसके होठो में मुस्कान तो थी लेकिन ऐसा लगा की कुछ जानने की कोशिस कर रही है …
“क्या हुआ ऐसे क्यो देख रही हो ..”
“कुछ नही सुबह 3 बजे की फ्लाइट है ,रात भर शादी में बिजी रहेंगे ,एक दिन अगर ये फ़्लाइट पास्पोण्ड हो जाती तो ठीक रहता ना थोड़ा आराम भी कर लेते..”
मैंने गहरी सांस ली ,
“यार अब ये तो नही हो सकता जाना तो उसी दिन पड़ेगा,चलो कोई नही रात फ्लाइट में ही सो जाएंगे और क्या ..ऐसे भी उसके बाद तो आराम ही आराम है 15 दिन का पूरा पैकेज दिया है मंन्त्री जी ने …”
मोना के चहरे में आश्वस्त होने का भाव आया,लगा जैसे वो ये जानना चाहती थी की हम उसी दिन जा रहे है की नही …

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06-03-2019, 01:37 PM,
#53
RE: Biwi ki Chudai बीवी के गुलाम आशिक
सुबह उठते ही मैंने कुछ फोन किये जिसमे एक था डॉ चुतिया को ...मैंने अपने प्लान में कुछ बदलाव लाया था जो उन्हें पता होनी जरूरी थी …….
शादी का दिन आ चुका था …
लोग शादी में मस्त थे और मैं अपने काम में ,डॉ साहब ,और विक्रम भी वँहा आये हुए थे..
मोना ने एक लाल रंग की साड़ी पहनी थी ,स्लेवलेस ब्लाउज बेहद ही सेक्सी लग रहा था ,ब्लाउज में कई तरह से सितारे जैसे मोती चमक रहे थे,कंधा तो खुला था ही बल्कि गला भी बहुत खुला हुआ था,एयरकंडीशन होटल के बड़े से हाल में शादी की रस्म होनी थी ,एक ही दिन हल्दी से लेकर बारात तक का कार्यक्रम रखा गया था ,पूरा दिन मैं और मोना दोनो ही व्यस्त रहे थे,मैं अपने काम में और मोना तो थी दूल्हा और दुल्हन की सबसे अच्छी दोस्त…
शाम की पार्टी में मोना का सेक्सी रूप देखकर एक बार तो मेरे मुह से भी आह सी निकल गई थी …
वही शराब के काउंटर में बैठा विक्रम भी मोना को घूरे जा रहा था ,वो साला मुझे ऐसे इग्नोर कर रहा था जैसे मुझे जानता ही नही हो,वैसे भी वो डयूटी में था,दो पैक लगा कर उसने फिर से अपना वाकीटोकि सम्हाल लिया..
“विक्रम ..”
मैंने ही उसे आवाज लगाई …पहले तो वो मुझे थोड़ा घूरा फिर मेरे पास आया
“जी सर कहिए..”
“साले अभी तक गुस्सा है ..”
“मैं होता कौन हु आपसे गुस्सा होने वाला आप तो बड़े अधिकारी है ..”
मैं उसे कुछ कहने ही वाला था की मेरे दिमाग ने मुझे मनाकर दिया ,वो साला बेहद ही सेंटी आदमी था,
“ह्म्म्म तो मोना के साथ कितना आगे पहुचा ..”मैंने एक ग्लास उठा लिया था ,उसने मुझे और भी घृणा से घूरा ..
“सर ये मेरा पर्सनल मेटर है ,और अभी मैं डयूटी पर हु तो एक्सक्यूज़ मि ..”
वो जा ही रहा था की मैंने उसे फिर से टोका ..
“मैं तुम्हारा इंजार्च हु ..और मैं जंहा कहु वही तुम्हे डयूटी करनी पड़ेगी ..”
वो मुझे गुस्से से घूरने लगा
“और मैं चाहता हु आज मोना के साथ ही रहे उसे भी तो खतरा है…”उसने मुझे घूरा
“ओके सर ..अगर आप यही चाहते है तो आज कुछ करके ही रहूंगा …...”
“साला गांडू ..”वो जाते जाते फुसफुसाया और जाकर स्टेज के पास खड़ा हो गया,और मैं अपना पैक लेकर डॉ के पास जाकर बैठ गया…
“सुना है तुम आज रात ही स्विटीजरलैंड निकलने वाले हो ..”
“सही सुना है ,यंहा सब कुछ आपको ही देखना पड़ेगा ,मैं ऑफिशल छुट्टी पर हु तो मुझे कोई प्रॉब्लम नही है ..”
“ह्म्म्म बेटा तुम तो निकल जाओगे और हम फंस जाएंगे …”
हम दोनो ही थोड़े हंसे ,
“ऐसे ये इंस्पेक्टर तो तुम्हारा दोस्त है ना “
“हा ..”
“मोना को पता है की नही ..”
“नही ..”
“तो दोनो ये इशारे में क्या बात कर रहे है …”
मैंने ध्यांन नही दिया था लेकिन डॉ ने इसे पकड़ लिया था ..
“मोना को नही पता की वो मेरा दोस्त है लेकिन दोनो एक दूसरे को जानते तो है …”
डॉ ने बार मुझे घूरा …
“यार कभी कभी तो मुझे तुम पर भी शक होता है ,”
मैं हँस पड़ा…
“होना भी चाहिए ..लेकिन ये याद रखियेगा की मैं कमीना तो हु लेकिन नियत मेरी हमेशा से साफ ही रही है …”

***********
शाम रात में बदलने लगी थी ,10 बज चुके थे ,लेकिन अभी भी दूल्हा दुल्हन स्टेज में ही थे साथ ही मोना भी ,
मैं बार बार समय देख रहा था और कभी कभी स्टेज में भी जा रहा था,..
“यार मोना हमे पेकिंग भी तो करनी है ..”
“अरे ये चले जाना थोड़ी देर तो रुको ,12 बजे तक साथ खाना खा कर जाना ..”रोहित बोल पड़ा ..
“ओके..”मैं फिर से अपने काम में लग गया..
“मेहमान कम होते जा रहे थे और मोना के चहरे में एक बेचैनी आ रही थी,विक्रम उसे बार बार इशारा कर रहा था,विक्रम स्टेज के पास से निकल कर होटल के कमरों की तरफ चला गया,5 मिनट भी नही बीते थे की मोना ने भी उधर का रुख कर लिया,मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई थी….

*********
लगभग 12:30 हो रहे थे जब हम सबने खाना खाया और घर को निकल गए ,शादी बड़े ही आराम से निपट गया था,मैं बहुत ही रेलेस्क्स दिख रहा था वही मोना थोड़ी बेचैन..
“ऐसे क्यो बेचैन हो “
मैंने कर में ही उसे कहा..
“कुछ नही सब पेकिंग भी तो करनी है ..और थोड़ा आराम भी करना है ..”
“हा बात तो सही है ..घर जाकर थोड़ा पी के सोते है जल्दी उठाकर तैयारी कर लेंगे “
“हा ये सही रहेगा ..”
मोना थोड़ा चहक कर बोली लेकिन मेरे होठो में अनजाने ही एक मुस्कान आ गई थी ..
घर जाकर मोना ने ही दो पैक बनाये तब मैं बाथरूम में था,दोनो ने चेयर किया..
“अब जाकर मुझे थोड़ी शांति मिली कल से आराम ही आराम ..”मैं अपना पैक खत्म करते कहा..
मोना के होठो में एक फीकी मुस्कान थी ,वो भी एक ही झटके में पूरा पैक खत्म कर मेरे साथ ही सो गई ……...
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06-03-2019, 01:37 PM,
#54
RE: Biwi ki Chudai बीवी के गुलाम आशिक
मोना पूरी तरह से नंगी सोई हुई थी ,उसकी एक और अब्दुल तथा दूसरी ओर उसका दोस्त ठाकुर था,दोनो ही मोना की तरह पूरे नंगे थे,दोनो ही नींद में मोना के बदन पर हाथ रखे हुए थे और कभी कभी नींद में ही उसके बदन पर हाथ फेर देते…
दोपहर का वक्त हो चुका था ,खिड़की से सूरज की किरणे छनकर आ रही थी …
किसी के द्वारा दरवाजे को जोरो से पीटने की आवाज से उनकी नींद टूटी ,तीनो ही एक साथ ही नींद उस समय एक साथ खुल गई जब धड़ाम की जोर से आवाज हुई तीनो उठ चुके थे लेकिन उनके सर में एक तेज दर्द था,कमरे में कई लोगो के जूतों की आवाज आने लगी,
मोना उठ बैठी थी और उसकी नजर पहले सीधे उस शख्स पर पड़ी जो सामने खड़ा था ..
“तुम यंहा आह??”
वो अपने दर्द देते सर को पकड़ कर कुछ समझने की कोशिस करती है ,तभी वो अपने आस पास देखती है ,अब्दुल और ठाकुर भी उठ चुके थे वो एक दूसरे को चौकने वाली नजर से देख रहे थे …
“तुम्हारा खेल खत्म हुआ “
विक्रम की आवाज से तीनो के जिस्म में जैसे करेंट सा लग गया..
“मैं मैं यंहा कैसे पहुची ..”मोना हड़बड़ाते हुए अपने आस पास देखने लगती है वो वही कमरा था जंहा वो रात में अभिषेक के साथ सोई थी ,उसे कुछ याद नही आ रहा था,तभी ..चटाक ..
विक्रम ने एक जोरदार थप्पड़ उसके गालो में लगा दिया था..
“मादरचोद साली अपने यारो के साथ नंगी सोई है मेरे दोस्त को धोखा देकर यंहा गुलछर्रे उड़ा रही है और मुझे ही पूछ रही है की यंहा कैसे पहुची …”
मोना बिल्कुल ही बेचैन हो गई थी वही हाल उन दोनो का भी था …
“अभिषेक कहा है ..और और ..”
मोना की हालत ही खराब थी ..
“साली रंडी,जा पहले अपने कपड़े पहन ले ,तेरी तो इज्जत नही है लेकिन क्या करे तू मेरे दोस्त की बीवी है ,और मेरे प्यारे दोस्त की तो इज्जत है ..और गिरफ्तार कर लो इन हराम के पिल्लों को ..”
वँहा खड़े कुछ और सिपाही जो अभी तक मोना को घूर रहे थे,विक्रम का गुस्सा देखकर और उसकी बात सुनकर थोड़ा चौक कर एक्टिव हुए ,तीनो ने जल्दी से जो मिला वही पहन लिया…
अब्दुल और ठाकुर कुछ सोच भी पाते उससे पहले ही सिपाही उन्हें धर दबोचे और घिसटते हुए कमरे से और हाल में ले आये , ,मोना अब भी विक्रम के सामने खड़ी चीजों को समझने की कोशिस कर रही थी ,महिला पुलिस ने से भी पकड़ लिया ..
“विक्रम अभिषेक कहा है ..”मोना रोने लगी थी ,विक्रम जिसकी आंखे लाल थी और थोड़ा पानी भी उसकी आंखों में आ चुका था वो अब हँसने लगा …
“तुझसे बड़ी कमीनी मैंने आज तक नही देखा ,मेरे दोस्त को खुद ही देश से बाहर भेज दिया और अब मुझे ही पूछ रही है की वो कहा है ...खुद अपने यारो के साथ मिलकर प्लान बनाया ,मुझे भी फसाने की कोशिस की ताकि तुम्हारे प्लान के बीच में नही आऊ लेकिन तुम्हारा पर्दा फाश हो चुका है ,जिन 200 नाबालिक लड़कियों को तुम दुबई भेज रही थी वो सभी सही सलामत है ,तुम्हारा क्लिइंट भी पुलिस के मुठभेट में मारा गया है ,और उसके जहाज से अवैध रूप से भारत के बाहर ले जा रहे ,हाथी दांत और प्राचीन कलाकृति का जखीरा भी हमने बरामद कर लिया है ..तुम्हारा प्लान तो अच्छा था की सभी पुलिस वाले शादी में व्यस्त होंगे और तुम लोग अपना काम कर जाओगे लेकिन अफसोस ….”
मोना की हालत ऐसी थी मानो काटो तो खून ही नही वो पीली पड़ गई थी …
“विक्रम मैं मैं कुछ भी नही जानती मेरा यकीन करो …”
विक्रम जोरो से हंसा ..
“साली मुझे ये बताने की जरूरत नही की तू रांड है,तेरी रंडिपन मैं पहले ही देख चुका हु...और आज जो तू अपने पति के जाने के बाद अपने यारो के साथ नंगी सोई है उससे बड़ा प्रमाण और क्या होगा की तू रांड है …”
“ये लोग यंहा कैसे आये मुझे नही पता ..”मोना डर से कांप रही थी ..
विक्रम फिर से जोरो से हंसा
“बेचारा मेरा दोस्त ….”उसके आंखों में पानी आ गया था
“वो कितना प्यार और विस्वास करता था तेरे ऊपर ...लेकिन है तो वो भी एक पुलिस वाला,उसे तब शक हुआ जब तूने स्विटीजरलैंड की टिकिट कैंसल की और उससे कहा की तू रोहित और डॉली के साथ आएगी ,वो तो इसे ही सच समझ कर एयरपोट चला गया था लेकिन फिर जब उसने रोहित से बात की और उसे पता चला की तुम्हरा रोहित और डॉली के साथ जाने का कोई टिकट नही किया गया है तब उसे शक हुआ ,और उसने मुझे फोन किया ,मैंने उसके बात सुनी तो मुझे भी शक हुआ,मैंने जब उसे दुबई जा रहे माल के बारे में बताया और ये बताया की अब्दुल और ठाकुर का कही पता नही है ,तब उसने कहा की मेरे घर पर धावा बोलो ..शायद वही डील के रुपये भी मिल जाए और गुनहगार भी ...मैं ही उसे गलत समझता रहा की वो अपने ही बीवी को दूसरे के साथ देखने को मर रहा था लेकिन जब उसने बताया की उसकी बीवी थोड़ी बहक गई है और वो तुझसे इतना प्यार करता है की तुझे छोड़ भी नही पाता ,और समझा भी नही पाता ,इसलिए उसने मुझे कहा की मैं तेरे पास रहु ताकि अब्दुल के झांसे में तू फंसने से बच जाए ...लेकिन बेचारे को क्या पता था की उसकी बीवी क्या दूसरे के झांसे में फसेंगी वो तो खुद उसे ही झांसा दे रही थी ,अंडरवर्ड के लोगो की रांड और उनकी क्राइम पार्टनर ...अब तुम्हरा खेल खत्म हुआ मोना,बस सोच रहा हु की अभिषेक को ये कैसे बताऊंगा की उसकी बीवी जिसपर वो इतना भरोसा करता था वो ….जब उसे पता चलेगा तो वो टूट ही जाएगा ...एक ईमानदार इंसान की बीवी अंडरवर्ड के लोगो के साथ मिलकर ये सब...तुम उन लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने वाली थी मोना इसकी सजा तो तुम्हे मिलेगी …”
विक्रम अचानक से गरजा ..
“नही विक्रम ये सब झूट है ,मैं तो कल अभिषेक के साथ ही सोई थी हम दोनो साथ ही जाने वाले थे ,और हा अब्दुल मेरा दोस्त है पर...वो क्या कर रहा है इसका मुझे कोई पता नही था ..ये भी नही पता की वो दोनो यंहा कैसे आये ..”
विक्रम के होठो में फिर से एक व्यंगात्मक हँसी आ गई ..
“साली चुतिया ही समझती है क्या ...अब इतना बड़ा चुतिया भी कोई नही होगा ...तू उनके साथ नंगी सोई थी ,और तूने अपने ही मोबाइल से टिकट करवाया था और फिर खुद ही कैंसल भी किया और हमे चुतिया समझ रही है …”
“मैंने….नही नही मैंने नही मंन्त्री जी ने टिकिट करवाया था …”
विक्रम और भी जोरो से हँसने लगा
“रुको सब कुछ क्लियर हो जाएगा ,हमारे घर में कई कैमरे लगे हुए है अभी सब पता चल जाएगा …”
मोना ने तुरंत ही अपना मोबाइल निकाला और देखने लगी लेकिन उसके साथ ही साथ उसके चहरे का रंग ही उड़ता गया ...वो पागलों जैसे उन जगहों पर पहुची जंहा उसने कैमरे लगाए थे लेकिन कोई भी कैमरा कही नही था ..विक्रम सब कुछ आराम से देख रहा था और हँस रहा था..
“बहुत नाटक हो गया तुम्हारा गिरफ्तार कर लो इसको और पूरे घर की तलाशी लो ,पैसा यंही मिलेगा …”
मोना को तुरंत ही गिरफ्तार कर लिया गया था और तलाशी से घर में एक बड़ा बेग निकला जिसमे लगभग 2 करोड़ रुपये थे …
अब्दुल मोना और ठाकुर एक दूसरे का चहरा देख रहे थे …
“ये कैश कहा से आया तुमने तो हीरे में सौदा किया था ना ..”
ठाकुर ने हल्के से अब्दुल से कहा ...अब्दुल जैसे किसी दूसरी ही दुनिया में खो गया था ..
“साले वो 200 करोड़ के हीरे थे …मेरे जीवन की पूरी कमाई ”अब्दुल ने ऐसे कहा जैसे उसकी दुनिया ही खत्म हो गई हो

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06-03-2019, 01:37 PM,
#55
RE: Biwi ki Chudai बीवी के गुलाम आशिक
1 महीने बाद …
मियामी(USA ) के एक पर्सनल बीच हाउस में मैं आराम कर रहा था,सामने समुंदर था और हाथ में वाइन ….
“तुमने ये कब लगा की मोना तुमसे धोखा कर रही है ..”
विक्रम आंखे फाड़े मुझे देख रहा था ,और डॉ चुतिया उसकी बात सुनकर हँस रहे थे ..वो जब से आया था तब से ना जाने कितने प्रश्न करना चाह रहा था लेकिन मैं उसे रोके हुआ था ,अब उसे और रोकना मुश्किल था …
मेरे होठो में भी एक मुस्कान आ गई …
“जब हम उसके ऑफिस के पार्टी में पहली गए थे,वही वो समय था जंहा से मैं उसके ऊपर नजर रखनी शुरू की थी ,उससे पहले भी उसकी कई आदतें मुझे थोड़ी खटकती जरूर थी लेकिन मैं उसे इतनी तो आजादी दे कर रखा था ..मैं सच में उससे बेहद ही प्यार करता था,पहले तो उसकी बाते बस मुझे शरारत ही लगती थी लेकिन उस दिन से मैं थोड़ा ध्यान देने लगा था,क्योकि उससे पहले हमारी कई बात होती थी और वो हमेशा मुझे किसी ऐसे चीज की तरफ धकेल रही थी जिसका नाम cuckold है ,पहले तो ऐसा लगा की मैं ही उसे इसकी ओर धकेल रहा हु लेकिन जब मैंने ध्यान देना शुरू किया तो सब कुछ साफ था …
मैंने जीवन में कभी ऐसी कहानियां और पोर्न नही देखा था लेकिन मेरे कम्प्यूटर में वो साइट खुली मिलती थी ,मुझे पहले लगता था की ये सब पॉपअप के कारण हो रहा है ,लेकिन फिर मोना कही से अचानक आ जाती जब मैं वो पढ़ या देख रहा होता,वो भी थोड़ा इंटरेस्ट दिखाती थी तो मैं भी उधर आकर्षित होने लगा,मुझे तो कभी ये समझ ही नही आया की ये मेरे दिमाग में एक सोची समझी साजिश की तहत डाला जा रहा है..”
विक्रम अब भी कंफ्यूज था ..
“ऐसे कैसे हो सकता है …??”
अब डॉ ने कहना शुरू किया ..
“असल में ये मानव की प्रवित्ति में से एक है की हमारे अंदर ये फीलिंग थोड़ी या ज्यादा मात्रा में होती ही है की जिसे हम अपनी प्रॉपर्टी समझते है हम उसपर अपना ही हक समझते है ,लेकिन उसी समय हमे ये भी लगता है की कोई हमारी प्रॉपर्टी की तारीफ करे ,सोचो अगर तुम्हारे पास एक आलीशान बंगला है तो तुम्हे जो बंगले का सुख मिलेगा वो तो ठीक है लेकिन अगर कोई उसकी तारीफ ही ना करे तो ..???
सोचने वाली बात है की हम उसकी मालकियत भी चाहते है और साथ ही ये भी की कोई उसकी तारीफ करे,तुमने लोगो को अपने कपड़ो का शो ऑफ करते देखा होगा,या फिर अपने घर को घुमाते हुए पाया होगा,हमे लगता है की ये शो ऑफ कर रहा है ,लेकिन क्या ये सच नही है की शो ऑफ वही करता है जिसके पास कुछ दिखाने के लायक हो …
ये तो निर्जीव चीजे है जिसे आप उन चीजों को उनसे छीन नही सकते लेकिन प्यार के मामले में ऐसा नही है ..इसलिए ये थ्योरी इन मामले में थोड़ी फीकी जरूर पड़ जाती है लेकिन फिर भी इससे हमे एक हिंट तो मिल ही जाता है की मनुष्य की प्रवित्ति क्या होती है..
मोना ने इसी का इस्तेमाल अभिषेक के लिए किया,मोना खुद कितनी सुंदर और आकर्षक है ये उसे अच्छे से पता था ,उसे ये भी मालूम था की उसका हुस्न किसी भी कमजोर मर्द को उसका गुलाम बना देगा ,वो दिमाग से चालाक थी और चहरे से मासूम …
यही कारण था की अभिषेक भी उसके प्यार में पागल था,अब मनुष्य की स्वाभाविक प्रकृति का प्रयोग मोना ने करना शुरू किया,अभिषेक सभी पतियों जैसे अपनी पत्नी की सुंदरता को दुसरो को किसी ना किसी रूप में दिखाता था,चाहे वो अपने दोस्तो को जलाने की बात हो या किसी और को ,ये नार्मल चीज थी लेकिन मोना चाहती थी की वो थोड़े और दूसरे लेबल में जाए,उसने अभिषेक के कम्प्यूटर और मोबाइल में उन सब साइट्स के लिंक्स को पॉपअप की तरह डाऊनलोड किया ,उसे बस थोड़ी मेहनत करनी पड़ी क्योकि अभिषेक की नजर जब उनमे गई तो उसका दिमाग उसके आकर्षण से मुक्त नही हो पाया ..
अब हाल ही में इसपर कई रिसर्च किये गए जिनमे पाया गया की पत्नी को adultres (शादी शुदा महिला जो पति को धोखा देती है ) के रूप में देखना कामन सी बात है,पुरुषों में ये प्रवित्ति आदि काल से है लेकिन फिर भी वो इसके बारे में सोचना तक ही पसंद करते है ,ना की रियल लाइफ में ये चाहते है ...तो अभिषेक के दिमाग में ये चीज आयी और वो इससे जुड़े कंटेंट्स को नेट में पड़ने लगा,और साथ ही अपने सेक्स लाइफ को और भी बेहतर बनाने के लिए मजाक में ही मोना से इसका जिक्र करने लगा,मोना ने वही किया जो एक सुशील पत्नी करती यानी की अभिषेक को उसके इस फेंटेसी के लिए झिड़का,अभिषेक को लगा की उसकी पत्नी बहुत ही अच्छी है और इसे थोड़ा और बोल्ड किया जाए जिससे उसके अंतरंग जीवन में बहार आ जाए ...लेकिन बेचारे को क्या पता था की ये सब कुछ तो मोना ही करवा रही है ,अनजाने में ही वो मोना से कुछ ऐसी बाते बोल गया जिससे वो खुद ही फसने लगा,मोना बड़े ही जतन से उसे फंसा रही थी लेकिन ...वो भूल गई की अभिषेक एक जासूस है कोई आम मर्द नही वही उसने कुछ ऐसी गलतियां कर दी जिससे अभिषेक को उसकी नियत पर शक हो गया …”
डॉ के बोलने के बाद विक्रम मुझे घूरने लगा,मेरे होठो में एक फीकी मुस्कान थी ..
“लेकिन उसने ऐसा क्यो किया होगा ,आखिर उसे क्या जरूरत थी इन सबकी ???”
मैंने एक गहरी सांस ली …
“मेरे दिमाग में भी पहला सवाल यही आया था ...जब मैंने मोना के अचानक ही बदलते रूप को देखा ...मुझे वो पार्टी याद है जब उसके कलीग्स उसके ऊपर कमेंट्स कर रहे थे,(अपडेट-2 ),उसके बाद उसने मुझे अपने उन सभी लड़को से मिलवाया था साथ ही राज से ,उसने ऐसे मिलवाया जैसे की राज से उसका कोई खास नाता नही हो ,लेकिन उससे कुछ दिन पहले ही मैं एक क्लब में गया था जंहा मैंने मोना को राज के साथ देखा था…
मेरे दिमाग की घंटी बजनी शुरू तो हो गई थी लेकिन फिर भी मैंने अपने उस सबक को याद किया जो मेरे पुलिस के बड़े अधिकारी जो खुद भी एक बेहद ही अच्छे इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर थे उन्होंने दिया था..उन्होंने कहा था की जब तक पुख्ते सबूत इकट्ठा ना हो जाए तब तक किसी को दोषी मत मानो ,चाहे तुम्हे पता ही क्यो ना हो की वो दोषी है…
मेंने इस नॉकरी में जो चीज सीखी थी वो ये थी की चाहे दुश्मन का पता भी चल जाए फिर भी चुप चाप सही मौके और तरीके का इंतजार करो ,ताकि एक ही वार में काम हो जाए और दुश्मन को कोई मौका ही ना मिले..
वही मैंने भी किया,मैंने ना सिर्फ इंतजार किया बल्कि मोना को ये ही लगने दिया की वो जीत रही है …
तो ….मुझे ये तो पता चल गया था की मोना मुझसे कुछ छिपा जरूर रही है,और अगर वो मेरे दिमाग में ये सब डाल रही थी तो क्यो...मैं इसकी खोजबीन के लिए उसके शहर गया,लेकिन जाते जाते मैंने घर में कई माइक्रोफोन लगा दिए जो की किसी डिवाइस के पकड़ में ना आये,ये मैंने बहुत सोच समझकर नही किया था बल्कि इसलिए ही किया था क्योकि मेरे पास दूसरे और नही थे इन्हें मैंने एक खास मिशन के लिए मंगवाया था ,
मोना के शहर और उसके कॉलेज के दिनों का पता करने पर मुझे रोहित और डॉली के बारे में पता चला,ये भी की कैसे मोना ने रोहित को अपने काबू में कर रखा था,उतना ही नही असल में उसे पवार की एक अजीब भूख रही जो ऐसे तो सबमे होती ही है लेकिन मोना ने अपने कालेज के समय में भी कई कारनामे किये थे,मुझे पता चला की वँहा ही उसका एक बड़े अंडरवर्ड डॉन के बेटे से भी नाता था ….”
“अब्दुल ???”
विक्रम बोल उठा ..और मैं मुस्कुराने लगा ..
“हा अब्दुल ...मैंने अपने तरीके से उसके बारे में पता किया तब मुझे सब कुछ सही से समझ आने लगा,अब्दुल पुराने डॉन असलम का बेटा है जो अपनी सारी ताकत खो चुका था,लेकिन संयोग था की अब्दुल अब हमारे शहर पर राज करने की ख्वाहिश लेकर आ चुका था ,और जो केस मेरे हाथ में आय था (बंसल वाला केस) वो उसे फिर से पावरफुल बना सकता था ,अब्दुल ने अपने पुराने प्यार मोना से संपर्क किया (बीवी का आशिक नम्बर-1) तब उसे पता चला की उसका पति कोई और नही बल्कि मैं हु ,तब कुछ केस को लेकर मेरी थोड़ी ख्याति थी ,अब्दुल को शहर के साथ साथ अपनी पुरानी आइटम को पाने की चाहत जागी,मोना और अब्दुल ने अपने कमीने दिमाग से एक अजीब सी साजिश रचने की सोची ...मुझे cuckold में धकेलने की ,ताकि दोनो मजे भी कर सके और साथ ही मैं भी उनके काबू में रहु...अब्दुल ने दुबई वाले डील की प्लानिंग उसी समय कर ली थी ,लेकिन उसके सामने एक बड़ा खतरा था बंसल जो की उस समय वँहा का डॉन था,और मंन्त्री भी …
जब मुझे ये सब पता चला तो एक बार के लिए मेरा दिल तो टूट ही गया लेकिन फिरभी मैं ठहरा अड़ियल पुलिस वाला,इतनी जल्दी और बिना कोई सजा दिए मैं भी कैसे मान सकता था,मैं उस समय भी कुछ कर सकता था लेकिन मैंने इंतजार करने की सोची और वापस आ गया…
उसके बाद ही अब्दुल ने मुझे अपने हवेली में बुलाया (अपडेट-5) ,कुछ तो मुझे पहले से पता था और कुछ मेरा उस समय का दिमाग,इन दोनो का मिलान से अब्दुल चौका,बुरी तरह से चौका,उसने तो सोचा भी नही होगा की मैं इतना चालाक निकल जाऊंगा,हालांकि उसे ये पता नही था की मैं उसके बारे में किसी अलग सोर्स से पता लगा कर आया हु,उसे तो लगा की मैं इतने दिमाग वाला हु,उसे अपना प्लान फेल होता दिखाई दिया लेकिन फिर भी उसे उम्मीद की एक किरण भी दिखाई दी ,बंसल को पकड़वाने की उम्मीद,मैंने ही उसे समझाया की वो बंसल का गुलाम बन जाए और उसका साया बनकर मेरी मदद करे,मोना को थोड़ी छूट देना भी मेरे लिए इसी लिए जरूरी था ताकि वो मेरे नजरो के सामने ही रहे ,इसीबीच एक और चीज हुई ,बंसल का केस चल ही रहा था और मोना ने घर में कैमरे लगा दिए ,.शायद अब्दुल के कहने पर .”
“एक मिनट रुक तूने भी तो घर में माइक्रोफोन लगाए थे ना “
“ओह हा जब मैं मोना के शहर गया था उसके बारे में पता करने,दो रात मैं वँहा रहा था और दोनो ही रात मैंने मोना और राज के सेक्स की आवाजे सुनी …”
मैं इतना बोलकर ही चुप हो गया था,मेरे आंखों से अभी भी चिंगारियां निकल रही थी ...सभी थोड़ी देर के लिए शांत हो गए थे …
विक्रम एक पैक बनाकर मेरी ओर देता है …
“तूने सही किया दोस्त मुझे तो लगा था की तू लालची निकला जो पूरे हीरे लेकर ..लेकिन …”
“अरे ये विक्रम तू बात को यंहा से वँहा मत ले जा लाइन से सुनने दे “डॉ की बात से विक्रम फिर से मुझे देखने लगा …
“मोना के राज(बीवी का आशिक -2) से संबंध थे ये मुझे उन माइक्रोफोन से ही पता लगा ,और ये भी मोना ने घर में कैमरे लगवाए ताकि मेरे ऊपर नजर रखी जा सके,वाह रे मेरी बीवी जिस गेम का मैं खुद को चेम्पियन मानता था वो उसमे मुझे ही हराना चाहती थी ,असल में उस समय मुझे ठीक से समझ नही आया की उसने कैमरे क्यो लगाए थे,अब समझ आता है,,अब्दुल और वो मिलकर दुबई वाले डील की प्लानिंग उसी समय से करने में लगे थे,तब मुझे इस डील की भनक भी नही लगी थी ..”
“वो डील छोड़ यार तू बंसल में आया था ..”
विक्रम बोल उठा उसने अपना पैक फिर से गटक लिया था…


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06-03-2019, 01:37 PM,
#56
RE: Biwi ki Chudai बीवी के गुलाम आशिक
“हा तो मैं बंसल में आया था ...बंसल ने अब्दुल और मोना की केम्रेस्टरी को देखकर कहा था की इनका कोई पुराना कनेक्सन है वो गलत नही था,ऐसे वो पहले से प्लान किया गया मिशन था लेकिन जिस तरह के वाकये वँहा हुए वो प्लान नही थे ,असल में वो इमोशन प्लान नही किये गए थे जो वँहा मेरे दिमाग और मन में आये थे,मैं तो अपनी पूरी फ्रस्ट्रेशन निकाल रहा था जो मैं मोना और अब्दुल के लिए नही निकाल पा रहा था,मैं उन्हें ऐसे भी मरना ही चाहता था ,लेकिन नही मार पाया तो वही सही ..खैर इससे दो चीजे हुई ,पहला की मोना और अब्दुल को मेरे गुस्से का पता चला और ये भी मुझे cuckold बनाना उनके लिए इतना भी आसान नही होने वाला और दूसरा की अब्दुल को अंडरवर्ड की कमान मिल गई..
उसके बाद हमारे जीवन में रोहित आया (बीवी का आशिक नम्बर-3),दिल में वही पुरानी तमन्ना लिए ..लेकिन जब वो मुझसे मिला तो मुझे बहुत ही जल्दी समझ आ गया था की ये लड़का बहुत अच्छा है ,मैं उसके बारे में पहले से जानता था और साथ ही डॉली के बारे में भी ,मोना ने फिर से उसके ऊपर जाल डालना शुरू कर दिया था ,मोना के लिए रोहित एक अच्छा मोहरा भी था क्योकि मैं उसे पसंद करता था,मोना को लगा की रोहित ही वो शख्स है जिसके जरिये वो उस दीवार को आसानी से तोड़ सकती है जो उसे और अब्दुल को अलग किये हुए है ,लेकिन तभी मुझे मंत्री जी ने बुलाया ,कारण था रोहित,उन्हें पता लग गया था की रोहित और डॉली लिवइन में रह रहे है लेकिन रोहित अब किसी दूसरी लड़की की तरफ आकर्षित हो रहा है,वो रोहित को कड़ाई से भी समझा सकते थे लेकिन डॉली का डर भी था,वही दूसरी ओर वो इससे दुनिया के सामने भी आ सकते थे और उनके और डॉली के बीच का रिश्ता भी खुलने का डर था,मंन्त्री जी को ये भी पता चल गया था की जिस लड़की के चक्कर में रोहित पड़ रहा है वो कोई और नही उसकी पुरानी दोस्त है और अब वो मेरी पत्नी है,उन्होंने मुझे समझने के लिए बुलाया था लेकिन मेरी डॉली को लेकर जानकारी ने उन्हें इम्प्रेस कर दिया और उन्होंने मुझे फ्री हैंड दे दिया ,
मैं डॉली से मिलने गया और साथ ही घर में कैमरे भी लगा दिए,मैं जानता था की मेरे द्वारा लगाए गए कैमरे का पता मोना को आसानी से चल जाएगा,फिर भी मैंने उसे लगाया ,कारण दो थे …
एक था की मैं देखना चाहता था की अब मोना क्या करेगी ,और दूसरा मैं मोना के लगाए कैमरों की एक्सेस पाना चाहता था,मेरे घर में एक ही वाईफाई है और सभी कैमरे उसी से एक्सेस किये जाते है ,लेकिन अलग अलग पर्सवार्ड और डिवाइस आईडी के साथ ,मुझे एक काम करना था की मोना को बिना पता चले ही मुझे उन आईडी को पता करना था,पर्सवार्ड तो मैं ब्रेक भी कर लेता…
ये काम मेरे द्वारा लगाए कैमरों के माध्यम से हो सकता था क्योकि वो भी उन्ही वाईफाई के साथ कनेक्ट थे जिसके साथ मोना के लगाए गए कैमरे,बस अब मुझे इंतजार करना था की मोना को इसके बारे में पता चले और वो अपने कैमरों के सभी भी थोड़ी छेड़छाड़ करे,मैंने जानबूझकर घर के कई जगह में जाकर उन्हें चेक किया,इस दौरान मुझे उसके छिपाए कुछ कैमरों का भी पता चल गया,लेकिन मैंने कोई रिएक्ट नही किया ताकि मोना को बस शक हो यकीन नही .. मोना सच में चालाक निकली उसने डिवाइस पकड़ने की मशीन से उन कैमरों का पता लगाया और मुझे जलाया,लेकिन उसके साथ ही उसके दिमाग में एक बात तो आई की कही मुझे उसके छिपाए कैमरों का तो पता नही चला,उसने उन्हें चेक किया और परवार्ड बदले,बेचारी मोना,उसने ऐसा करके मुझे अपने कैमरों का एक्सेस दे दिया,मोना कितनी भी चालाक हो लेकिन जासूसी के उन पैतरों और और कुछ बेहद ही पेचीदा टेक्निकल चीजों से अनजान थी जिसे हम जैसे ट्रेनिंग लिए हुए जासूस इस्तेमाल करते है…
उसके कैमरों का एक्सेस मिलने से मेरी एक चिंता तो दूर हो गई की अब मैं वो देख पाऊंगा जो की वो मुझसे छिपाना चाहती थी और साथ ही वो दिखा पाऊंगा जिसे देखने के लिए उसने कैमरे लगाए थे…
ये सब उसी दिन हुआ जब रोहित घर में आया था और मोना ने दरवाजा बंद कर लिया था..
खैर उसके बाद मैं डॉली से मिला और कमरे में उसे झिड़क कर भगा दिया,कारण था की मोना ने मेरे साथ एक माइक्रोफोन भी भेजा था जिससे की वो मेरी बाते सुन सकती थी ,मैंने डॉली को भेज तो दिया लेकिन सिर्फ मोना के लिए असल में मैंने उसी रूम में डॉली से इशारों में कुछ बात की और बतलाया की कोई माइक्रोफोन से हमारी बाते सुन रहा है,
मैंने उसे अलग से बुलाया और उससे बाते की ,इसके दो फायदे हुए की मैंने मोना को वो सुनवा दिया जो वो सुनना चाहती थी कि मैं उसके ऊपर कितना भरोसा करता हु ,दूर दूसरा मुझे रोहित को वापस डॉली के पास लाने का रास्ता भी सूझ गया,रोहित से मोना ने झगड़ा कर ही लिया था ,लेकिन जिस्म की हवस के कारण और अपनी जीत की खुसी में उसने राज को घर बुलाया,लेकिन उसे पता नही था की अब मेरे पास उसके ही कैमरों के एक्सेस थे,वही मैंने वो वीडियो रिकार्ड कर ली ..”
“कौन सी वीडियो…??”
विक्रम बोल पड़ा..
“वही जिसे देखकर अभी सर ने मेरे दिमाग से मोना का बहुत उतारा ..”
बीच से नहा कर आता हुआ रोहित बोल पड़ा ,साथ ही डॉली भी उसके पीछे आ रही थी,दोनो ने अपने ड्रिंक्स उठाये ..
“लुकिंग सेक्सी बेबी “डॉली सच में टू पीस बिकिनी सेक्सी लग रही थी ,मेरी बात सुनकर वो मुस्कुराई
“थैक्स जीजू ..”
“अब जीजू मत बोल ..गली लगती है ..”मेरे होठो में एक फीकी सी मुस्कान आ गई ,वो मेरी ओर बड़ी ,उसके चहरे में एक गहरा इमोशन दिख रहा था,वो झुकी और मेरे गालो में एक किस किया ..
“थैक्स फ़ॉर एवरीथिंग सर ...आप सही समय में नही आते तो मेरा रोहित फिर से उस कमीनी के चपेट में आ जाता ,”
मैंने बस उसे मुस्कुराते हुए देखा ..
लेकिन विक्रम बेचैन था..
“मतलब ..मतलब की राज और मोना का सेक्स वीडियो तुमने रोहित को दिखाया ..”
मैंने एक गहरी सांस ली ..
“डॉली के पास से वापस आने पर मैं सीधे ही रोहित से मिला ,मेरे पास उसके दिमाग से मोना का भूत उतारने का और कोई चारा ही नही था,असल में अगर मैं ऐसे ही उसे कुछ कहता तो उसे लगता की मैं उसपर और अपनी सती सावित्री बीवी पर शक कर रहा हु ,उसे तो ये लग रहा था की वो ही गलत है और मोना के जीवन में दखल दे रहा है ,यही तो मोना की खासियत रही है की खुद गलती करके भी दूसरे को ही दोषी महसूस करवा देती थी ,मैंने रोहित से सीधे बात की और वो वीडियो दिखया,मोना का मोहजाल एक ही बार में टूट गया,मैंने उसे समझाया की कैसे मोना रोहित के जरिये मुझे फसाना चाहती है और कैसे ऑफिस में राज के साथ खिलवाड़ कर रही है …बस अपना काम निकलवाने के लिए ..रोहित को चीजे समझ आयी और वो डॉली के पास लौट गया,वही रोहित के डॉली के पास जाने से मोना को एक धक्का लगा और वो अब अब्दुल को ज्यादा समय देने लगी,
अब अब्दुल ने अपनी दुबई वाली डील को फाइनल करने की सोची ,कई लड़कियों की तस्करी ,के साथ साथ ही उसने भारी मात्रा में स्मगलिंग का समान इकठ्ठा कर रखा था,उसे एक जगह में लाकर दुबई भेजना उसका प्लान था ,उसे एक तगड़ा ग्राहक भी मिल चुका था बस उसे सही समय का इंतजार था,अब्दुल को लगा की अब समय आ चुका चुका चुका है लेकिन वो ये भी जानता था की इस काम के बाद उसका यंहा रहना सही नही रहेगा,वो देश छोड़कर बाहर भाग जाना चाहता था,उसने अब मोना को लालच दिया की वो उसका साथ दे ताकि वो फाइनल काम करके यंहा से रफूचक्कर हो जाए और फिर बाहर से ही धंधे को ऑपरेट करे ...ऐसे उसका मोना को ले जाने का कोई भी इरादा नही था,क्योकि जो व्यक्ति रोज ही अलग अलग पकवान खा सकता था वो एक ही क्यो बंधा रहता,लेकिन फिर भी उसने मोना का इस्तेमाल करने की सोच ली थी ,...
उसने इतने मात्रा में काम किया की उसकी भनक इंटेलिजेंस के पास भी पहुची ,और साथ ही डॉ के पास भी ,सभी ने अपनी अपनी तैयारी शुरू कर दी थी ,ये बात मंन्त्री जी तक भी पहुच गई थी और इस काम के लिए उन्होंने मुझे लगा दिया …
मैं तो बस अपना काम करना चाहता था लेकिन तभी मुझे मेरे खबरियों ने बतलाया की अब्दुल अपनी प्रोपर्टी भी बेच रहा है,मेरा तो जैसे दिमाग ही खुल गया,अब्दुल ने मोना को तो अपने साथ मिलाया था ताकि मुझे रोक सके लेकिन बेचारे ने अनजाने में मेरी मदद कर दी,अब्दुल ने अपनी प्रॉपर्टी को हीरे की शक्ल दी थी और साथ डील भी हीरे में करने वाला था,मतलब साफ था की वो देश छोड़कर जाने का प्लान कर रहा है ..
मेरे लिए बदला लेने का यही सबसे अच्छा मौका था,मुझे उन लड़कियों को भी बचाना था,साथ ही देश की संपत्ति को भी ,लेकिन मेरा दिमाग उन हीरो पर अटक गया साथ ही इस बात पर भी अगर अब्दुल देश छोड़कर भागेगा तो कैसे और साथ ही अगर वो हीरे देश से बाहर ले जाएगा तो कैसे,मुझे पता चला स्विटीजरलैंड का जंहा ये काम आसानी से हो सकता था,एक ऐसा देश जो पैसों में कुछ भी उपलब्ध करवा देता है ,मैंने अपने। कॉन्टेक्ट्स वँहा बढ़ाये,और हीरे को कैश करने का इंतजाम भी कर लिया,साथ ही अपना जाल बुनना भी शुरू कर दिया,इसमें मेरी मदद रोहित और डॉली ने की मंन्त्री जी को ये बोलकर ही वो स्विटीजरलैंड में हनीमून मनाना चाहते है और ये भी चाहते है की अभी और मोना भी उनके साथ जाए ..
मेरे पास मंन्त्री जी के पैसे रखे थे और साथ ही मोना के मोबाइल का एक्सेस भी मैंने सबकी टिकट करवा दी लेकिन,मोना और अपनी एक दिन पहले की ..क्योकि मुझे पता था की डील वो शादी के दिन ही करेंगे,मतलब अगर अब्दुल पकड़े गया तो मुझे भी वँहा होना होगा वैसे में मुझे उन सवालों का जवाब देना होगा जो मैं देने से बचना चाहता था..”
“कैसे सवाल ??”
“वो पता चल जायेगा ..फिर हुआ वही की मैं अपने प्लान में काम करने लगा मैंने माइक्रोफोन उसके फार्महाउस में लगा दिए,लेकिन फिर मोना ने अचानक से प्लान बदलकर शादी के दूसरे दिन करने की बात कही ,मैं हैरान हो चुका था क्योकि अगर ऐसा होता तो मुझे तब स्विटीजरलैंड के लिए निकला गया होना था..
मैं उस दिन ध्यान में बैठा ... तो मुझे समझ आया की हो ना हो मोना को थोड़ा शक मुझपर जरूर हो गया है ,वो शायद ये समझ गई हो की कही मैं उसकी बात तो नही सुन रहा हु,उसने वँहा इसीलिए शायद मेरे बारे में कहा की मैं अभी की बीवी हु और वो मुझसे प्यार है ,उसने अब्दुल को समझा दिया था की डील प्लान के अनुसार ही होगा लेकिन अभी थोड़ा सस्पेंस रहने दो ,पहले वो मुझसे कन्फर्म करना चाहती थी,इसका आभास होने पर मैंने भी अपने प्लान में कुछ बदलाव किया और एक तरफ की कमान और जानकारी डॉ को दे दी ताकि वो माल को बाहर जाने से रोके और क्लाइंट को पकड़वाए,ये मैं डील हो जाने के बाद चाहता था ताकि अब्दुल जाकर हीरा कलेक्ट करे और साथ ही अपने हीरे भी उसमे मिला दे …
मेरे लिए अब्दुल को अकेले लुटाना बेहद ही आसान हो जाना था,इसलिए मैंने तुम्हे पार्टी वाले दिन (विक्रम को ) मोना के साथ बिजी कर दिया था ….”
“और वो साली मुझे मार कर बेहोश कर चले गई थी ..साले तूने अच्छा चुतिया बनाया मुझे ,अपनी बीवी की निगरानी के लिए मुझे अपनी बीवी के पीछे ही लगा दिया (बीवी का आशिक नंबर -4) और मैं सोचता रहा की तुझे गांडूपन का भूत चढ़ गया है .. ”विक्रम का चहरा उतर गया जिसे देखकर हम सभी हँस पड़े थे..
“सही कहा उसने तुम्हे बेहोश किया और खुद डील की जानकारी लेने अब्दुल को कांटेक्ट किया . तब तक अब्दुल डील कर चुका था और फिर …”
“फिर क्या ..??”
विक्रम के साथ ही सभी उत्सुक थे ..
“बाकी की कहानी तू इससे ही सुन ले ..”
मैंने बीच हाउस के अंदर से साड़ी पहनकर आती हुई मोना दिखाईं दी ,वो स्माइल करते हुए हमारे पास आ रही थी,जंहा डॉ ,रोहित और डॉली के चहरे में उसे देखकर एक मुस्कान आयी वही विक्रम चौक कर खड़ा हो गया था …
“इसकी माँ का ये यंहा कैसे आयी ,इसे तो जेल में होना चाहिए था,..??”
“ये भी तेरे साथ ही उसी फ्लाइट में आयी है शायद तूने ध्यान नही दिया..”
“लेकिन ये तो जेल में …”
सभी हँस पड़े ..
“आप भूल गए इंस्पेक्टर जी की मेरे पिता जी गृह मंन्त्री है ..और ऐसे भी इसके खिलाफ कोई खास सुबूत तो था नही .जो था वो अभिषेक ने ही मिटवा दिए जब आप यंहा आने की तैयारी कर रहे थे..”डॉली ने इठला कर कहा
विक्रम का मुह खुला का खुला रह गया था..और मोना ने बोलना शुरू किया ..
“जब मैं आपको बेहोश कर अब्दुल को फोन लगाई तो उसने कहा की वो देश छोड़कर जाने की तैयारी में है,मैंने उसे कहा की वो मेरे आने तक का वेट करे,मैंने अभी को ड्रिंक में बेहोशी की दवाई मिलाकर देने का प्लान बनाया था और ड्रिंक की बोतल भी तैयार रखी थी , लेकिन उसने अपनी औकात वही दिखा दी ,साथ ही मेरी औकात भी की मैं उसके लिए बस एक रंडी से ज्यादा कुछ भी नही ...मैं उसके सामने रोई गिड़गिड़ाई लेकिन वो नही माना,
मैं निराश थी ,जिसके लिए मैंने अपने पति को धोखा दिया था वो ही शख्स मुझे मेरी औकात दिखा कर जा रहा था,मैं टूट चुकी थी लेकिन मैंने हिम्मत नही हारी थी मैं अब्दुल से लड़ने के लिए खुद को तैयार कर रखा था,मैं वापस गई और अभी के साथ घर गई ,मैंने वही ड्रिंक अभी को पिलाई लेकिन ना जाने कैसे अभी के जगह मैं बेहोश हो गई,जब मैं बेहोश हो रही थी तो अभी ने मुझे एक रिकार्डिंग सुनाई जिसमे अब्दुल कह रहा था की वो मुझे कैमरे के सहारे ब्लैकमेल करेगा...मैं जान चुकी थी की अभिषेक को सब कुछ पहले से ही पता था ,मेरे आंखों में आंसू थे लेकिन अब उन आंसुओ की कोई कीमत नही रह गई थी ,मैं बेहोश हो गई और जब मेरी आंख खुली तो आप ही थे जो दरवाजा तोड़ कर अंदर घुसे थे…”
मोना के आंखों में अब भी आंसू थे लेकिन वो अभी मेरी ओर नही देख पा रही थी ,उसने जो मेरे साथ किया था उसके बाद वो मुझसे नजर मिलाती भी तो कैसे …
पूरे माहौल में एक शांति छा गई थी ..विक्रम अभी भी मोना को शक की निगाहों से घूर रहा था..
“लेकिन अभी सर अपने ठाकुर और अब्दुल को कैसे पकड़ा ..”
रोहित बोल पड़ा ..
“मेरे लिए आसान था,उन दोनो को तो ये ही पता था की मैं अभी ड्रिंक पी कर बेहोश होंउंगा ,लेकिन मैंने मोना को ड्रिंक में दवाई मिलते पहले ही देख लिया था ,मैंने बस ग्लास बदल दी ,मोना के बेहोश होने के बाद मैंने उसके मोबाइल से उसकी टिकट भी कैंसल कर दी ,विक्रम बेहोशी से उठ चुका था और साथ ही वो डॉ के साथ उन दुबई से आये क्लाइंट और माल को पडकने में लगा हुआ था,मुझे पता था की वो सुबह तक वही बिजी रहने वाले है तब तक अब्दुल देश छोड़कर बाहर जा चुका होगा,मैंने पहले ही उन दोनो के पीछे अपने आदमी लगा रखे थे ,मैंने बस उन्हें ये कहा की उन्हें बेहोश करके मेरे घर तक ले आओ बदले में एक करोड़ का ईमान भी रख दिया था,अब एक करोड़ एक मामूली चोर उचक्के के लिए बहुत ज्यादा होता है ,उसने भी कई दिनों से अब्दुल और ठाकुर को पकड़ने की प्लानिंग कर रखी थी, उनका काम बस इतना था की जब मैं कहु तब उन्हें पकड़ कर मेरे बताए ठिकाने में छोड़ना है और उनके पास जो बेग होगा जो की खास पर्सवार्ड से सिक्योर होगा उसे मुझे सौपना है ,और लगे हाथ ही अपना पैसा ले जाना है ,मुझे पता था की उनके पास इतना दिमाग नही है की वो उस सूटकेस को खोलने की भी सोचे ऐसे भी कोशिस करेंगे तो भी नही खोल पाएंगे ,..मैंने पहले ही इन सभी चीजों की तैयारी कर रखी थी ,अपने पुराने परचितो के जरिये से जो की हवाला का काम करते थे और मुझे बहुत मानते थे,उनसे मैंने 3 करोड़ का कर्ज लिया था उन्हें थोड़ी बहुत स्टोरी भी बता रखी थी ,उसके बदले 4 करोड़ का हीरा देने का प्लान था,बस और क्या है समय में मेरे घर में 3 करोड़ भी पहुच गए और दोनो लोग बेहोश होकर भी,मैंने पैसे का लेन देन किया,अब्दुल के बेग जो की उसकी आंखों की पुतली और उसके अंगूठे से कही खुल सकता था उसे खोला,हीरे अपने पास रखे और चल दिया,लेकिन जाने से पहले मैं कुछ ऐसा करना चाहता था जिसे मोना और वो दोनो भी याद रखे ,इसलिए तीनो को नंगा करके एक ही बिस्तर में डाल दिया साथ ही 2 करोड़ कैश भी वही छोड़ दिए ताकि तुम्हे (विक्रम को) कोई प्रॉब्लम ना हो ...बाकी क्योकि का किस्सा तो तुम जानते ही हो ,मैं उस हवाला वाले को उसके हीरे देकर खुद बाकी के हीरो के साथ स्विटीजरलैंड के लिए निकल गया ...

कहानी पूरी हो चुकी थी ,लेकिन बस एक ही सवाल रह गया था ..जो विक्रम ने पूछ ही लिया..
“इतना सब होने के बाद भी तुमने इसे जेल से छुड़वाकर यंहा क्यो बुला लिया ..”
मैंने मोना की ओर देखा ,वो बेहद ही नर्वस थी ..मेरे होठो में एक मुस्कान आयी ,मैं खड़ा हुआ और मोना के पास पहुचा ,वो मेरे गले से लग गई थी …
“क्योकि मेरे दोस्त जो इसने किया वो भी प्यार या हवस के लिए किया,जिसका इसे सबक मिल गया ..
बाकी रही इसे यंहा बुलाने की बात तो मैंने जीवन में प्यार एक ही लड़की से किया है और वो ये है ...चाहे जीवन कोई भी रंग दिखाए प्यार तो हमेशा ही रहता है …”
“तो अपने मुझे माफ कर दिया ..”मोना सिसक रही थी ..
“नही मैं माफ करने वालो में से नही हु ,तुमने जो किया उसी सजा तुमने भुगत ही ली है ,स्मगलिंग में तुम इन्वाल्व थी लेकिन तुमने वो किया नही था,तो उसकी सजा जितनी तुम्हे मिलनी थी वो मिल चुकी है,और रही मुझे धोखा देने की सजा तो तुम्हे अब्दुल ने धोखा देकर पूरा कर दिया ..मैं अब बस अपनी उसी मोना के साथ रहना चाहता हु जिससे मैंने प्यार किया था ,जो मुझे दिखती थी ,भले ही थी नही तो क्या हुआ,अब बन सकती हो ,एक चांस तो तुम्हे देना बनता है ..”
मोना खुसी से मुझसे लिपट गई थी ,हमे देखकर रोहित और डॉली भी एक दूसरे से लिपट गए..
लेकिन विक्रांत अब भी शक की निगाह से हमे देख रहा था ..
“तुझे नही लगता की ये बहुत ही चालू चीज है ,सोच ले फिर से भरोसा करना महंगा पड़ सकता है ..”
हम सभी हँस पड़े ..
“दोस्त सस्ते शौक तो हम पालते भी नही ...वैसे भी शरलॉक होम्स जैसे आदमी को अगर किसी लड़की से प्यार हो जाए तो वो लड़की भी इरिना एडलर जैसी होगी ना..”
सभी फिर से हँस पड़े थे,..(शरलॉक होम्स को तो आप जानते ही होंगे,इरिना एडलर उसकी प्रेमिका है जिसे शरलॉक बेहद ही प्यार करता है लेकिन इरिना खुद एक इंटरनेशनल क्रिमिनल है और साथ ही शादीशुदा भी ,इसकी जानकारी के लिए आप फ़िल्म देख सकते है या फिर उसके उपन्यास पढ़ सकते है )
विक्रम पहली बार मुस्कुराया था..वो जोरो से बोल उठा ..
“साले लेकिन एक बात तो सही है ,की बीवी का असली आशिक तो तू है …(बीवी का सच्चा आशिक नंबर-1)”

************* समाप्त ***************
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