Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
02-04-2019, 12:40 PM,
#21
RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
अपडेट 11:



बच्चे का नाम समीर रखा गया ...साना और हरदयाल की जिंदगी में एक ख़ुशगवार हवा के झोंके की तरेह यह बच्चा था ...एक शीतल , ताज़ा और मस्ती भरी हवा का झोंका ..दोनों झूम उठे थे ..


और फिर उस दीन ..


अभी साना हॉस्पिटल में ही थी ... प्रसव का पाँचवा ही दिन था ..किसी ज़रूरी बिज़्नेस मीटिंग के सिलसिले में हरदयाल एक दिन पहले ही बॅंकाक गया हुआ था ....आज शाम की फ़्लाइट से उसे आना था ....एर पोर्ट से प्लेन में बोर्ड करने के पहले साना से काफ़ी अच्छी बातें हुई ....साना को क्या मालूम कि वो अपने दिल-अज़ीज़ से आखरी बार बात कर रही है...


प्लेन टेक ऑफ करते ही क्रॅश हो जाता है धमाके के साथ ....उसके टूकड़े टूकड़े हो जाते हैं ... और नीचे सागार की गहराइयों में डूब जाता है प्लेन के टूकड़े..और इसके साथ साना की जिंदगी के भी टूकड़े टूकड़े हो जातें हैं .... किसी की लाश तक नही मिली...कुछ भी बाकी नही रहा ...


उसकी जिंदगी में शीतल और ताज़ा हवा का झोंका एक भयानक तूफान में बदल चूका था ..साना की जिंदगी तहस नहस हो गयी ...


उसी पल साना को समीर से अब तक जितना प्यार था ..उतनी ही नफ़रत हो गयी...ना जाने क्यूँ उसे ऐसा लगा समीर का आना एक बहोत बड़ा अप शकून था..उसके आते ही उस ने अपनी सब से प्यारी चीज़ खो दी...


हॉस्पिटल से घर तो आ गयी साना ..पर यह साना अब पूरानी साना की सिर्फ़ परछाईं मात्र रह गयी ...असली साना शायद हरदयाल के साथ ही सागर की गहराइयों में दफ़न हो चूकी थी .... हमेशा हमेशा के लिए ...


पर जिंदगी की गाड़ी तो चलती ही रहती है ...साना की जिंदगी भी चलती गयी , पर अब इस में रफ़्तार , तेज़ी और मस्ती नही थी.उसकी जगेह हिचकॉलों , धक्कों और सूस्त रफ़्तार ने ले ली थी....


समीर की तरेफ से उसका ध्यान बिल्कुल ही हट गया था ..उस के लिए उसका होना यह ना होना बराबर था ....वो उसकी सूरत से नफ़रत करती ....


समीर म्र्स. डी'सूज़ा के ही हाथों और देख रेख में बड़ा होता गया ..म्र्स. डी' सूज़ा ने उसकी परवरिश में कोई भी कमी नही की अपनी तरेफ से ..वो उसके लिए मा से भी बढ़ कर थी ...


साना अपनी जिंदगी के हिचकॉलों और झटकों को शांत करने की नाकामयाब कोशिश में फिर से अपने आप को शराब और शबाब की पुरानी लत में डूबो देती है ..जहाँ समीर के लिए उसके पास कोई समय , लगाव यह जगेह नही थी ....


साना की अंधेरी जिंदगी में एक ही रोशनी थी ..वो था अभी भी उसका हरदयाल के लिए अटूट प्यार ....वो अपने आप को उसके प्यार की निशानी समझती ...अपने आप को हरदयाल की निशानी समझती ...उसे ना जाने क्यूँ ऐसा लगता कि हरदयाल शायद ..शायद सागार की गहराइयों से उछलता हुआ एक दिन ज़रूर बाहर आएगा और उसे अपनी बाहों में जाकड़ लेगा ..भर लेगा....


उसे अपने आप को संभालना पड़ेगा , अपने आप को उस दिन के लिए तैय्यार रखना होगा...इस सोच ने उसे अपनी शरीर को बिल्कुल फिट रखा , मन से तो साना बूझी रहती पर शरीर तरो-ताज़ा , फिट जैसी साना को हरदयाल ने जाने के पहले देखा था साना ने अपने बदन को बिल्कुल वैसा ही रखा ...नतीज़ा उसकी खूबसूरती , जवानी और सेक्स अपील अभी भी बरकरार थी ...


और दूसरी रोशनी की किरण थी उसका हरदयाल के बिज़्नेस से लगाव....हरदयाल की वापसी की कल्पना और सपनों में खोई ..वो इसे बर्बाद नही होने देना चाहती ..उस ने बड़े अच्छे से पूरा बिज़्नेस संभाल लिया था...


पर घर में अकेलापन उसे काटने को दौड़ता ... समीर से उसे कोई लगाव था नही ..इसी अकेलेपन को दूर करने की नाकाम कोशिश में साना ने शराब और शबाब का सहारा लिया ..क्लब और पार्टीस में ही उसकी शामें गुज़रती ..


समीर बड़ा हो रहा था ... अपनी मोम की ओर प्यार भरी नज़रों से देखता , पर उसे वहाँ प्यार की जगेह एक खाली खाली सा , बड़ा ठंडा और सूखा सा जवाब मिलता..उसका दिल टूट जाता ..पर फिर भी उसे अपनी मोम से अंदर ही अंदर लगाव , आकर्षण और एक खींचाओ सा महसूस होता ....वो उसके बाहों में आने को , उसके सीने से लगने को , उस के करीब जाने को ,उसकी गर्म और नर्म गोद में समा जाने को तड़प उठ ता ..


म्र्स. डी'सूज़ा ऐसे मौकों पर उसे समझाती " सॅम बेटा ..मोम को तंग मत करो..वो बहोत काम में बिज़ी रहती हैं ....थक जाती हैं ..सॅम ... आओ मैं तुम्हें कहानी सूनाती हूँ , " और वो अपनी बाहों में लिए अपने सीने से लगाए उसे उसके कमरे मे ले जातीं . कहानी यह कोई लॉरी सूनाती...


समीर के बर्थ डे पर साना आती , पर सिर्फ़ एक गेस्ट की तरेह , उसे गले से लगाती , गालों पर एक ठंडी सी किस देती , रस्म निभाने की कोशिश में , और फिर काम का बहाना ..और चली जाती ...सम उसकी ओर बढ़ता उसे थामने को , उसे रोकने को ..पर साना उसकी पहून्च से दूर चली जाती ....


इसी तरेह समय गुज़रता गया और समीर बच्चे की दहलीज़ पार करता हुआ अब 18 साल का खूबसूरत, हॅंडसम जवान था , कसरती , गथीला बदन ,हरदयाल की जवानी की तस्वीर , साना उसे देख कई बार उसे गले लगाने को मचल उठ ती पर फिर हरदयाल की याद आते ही उसके बढ़ते पावं थम जाते ...


पर समीर के दिल में अपनी मा के लिए कोई नफ़रत नही थी ....उसे विश्वास था अपने प्यार और पूजा पर ...मोम को सूँदरता की देवी की तरेह पूजता ... उसके लिए वो एक ऐसी देवी थी जिसका आशीर्वाद और प्यार पाना उसके जीवन का एक मात्र लक्ष्य था ...और उस ने ठान लिया था , अपनी मोम को पा कर ही रहेगा ...आज नहीं तो कल ...जिंदगी के किसी भी पल ..और वो उसी एक पल के इंतेज़ार के सहारे ही जी रहा था....
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02-04-2019, 12:40 PM,
#22
RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
एक रोज नाश्ते की टेबल पर समीर कॉलेज जाने को तैयार हो नाश्ते के इंतेज़ार में था ..पर ना जाने क्यूँ आज उसका मूड काफ़ी अच्छा और कुछ मस्ती करने का था... टेबल पर अपनी उंगलियों से थपकी देता हुआ एक पॉपुलर गाना गुनगुनाता जा रहा था और म्र्स डी'सूज़ा को जोरों से आवाज़ भी देता जाता " सौज़ी मोम ..सौज़ी मोम अरे कहाँ हैं आप ..मेरे पेट में चूहे दौड़ रहें हैं नाश्ता लाइए ना ..आप भी ना ...इतनी देर लगा रही हैं ..."

म्र्स डी' सूज़ा को सॅम , सौज़ी मोम बूलाता था ...जो शायद साना को ख़टकती थी ..पर वो ख़ूले तौर पर बोल नही पाती ..बोलती भी कैसे उस ने तो अपने और अपने बेटे के बीच एक नफ़रत की दीवार जो खड़ी कर रखी थी ....


उसी समय दो बातें हुईं ...


उसकी सौज़ी मोम ने नाश्ते का प्लेट उसके सामने रखा ..नाश्ते में उसका फॅवुरेट नाश्ता टोस्ट और डबल ओमलेट था .ओमलेट भी बिल्कुल गर्म भाप निकलता हुआ और साथ में चाइ का गर्म गर्म बड़ा सा प्याला ....


सॅम नाश्ता देखते ही उछल पड़ा और उठता हुआ म्र्स. डी' सूज़ा को गले लगा लिया ..उसके गाल चूम लिए और कहा " वाह सौज़ी मोम यू आर दा स्वीटेस्ट मोम " और फिर सौज़ी मोम के हाथ थाम उसे भी चूमने लगा ...


उसी वक़्त साना भी नाश्ते के लिए आ टपकी ..अपने सौज़ी मोम को इस तरेह प्यार करते सॅम को देख उसके दिल में एक हुक सी उठी.....आखीर वो भी तो मा थी ...उसकी नफ़रत की दीवार के चलते उसे आज तक यह प्यार नसीब नही हुआ ..इसका उसे बड़ा झटका लगा .....वो अपने आप पर खीज़ उठी.... और यह खीज़ उस ने सॅम पर गुस्सा होते हुए उतारी ....


वो सॅम पर भड़क उठी और कहा " समीर यह क्या बच्पना है ... बिहेव लाइक आ मॅन ..क्या बच्चो जैसी हरकतें कर रहे हो....आंटी आप इसे समझायें ..आप के लाड प्यार ने इसे बीगाड़ रखा है..."


और साना पैर पटकते हुए बिना नाश्ता किए बाहर निकल जाती है ....


सॅम बिल्कुल हैरान था अपनी मोम के इस रवैय्ये से ..उसे समझ नही आया उस ने क्या ग़लती की... वो भौंचक्का सा हो गया ..चेहरा उतर गया ..उसका अब तक मस्ती भरा मूड अब एक उदासी और निराशा में बदल चूका था ..


पर जब उसकी नज़र अपनी सौज़ी मोम पर पड़ी ..वो और भी हैरान था ....उसकी सौज़ी मोम के चेहरे पे गुस्सा , शर्म या झीझक का नामो-निशान नही था ...वो मुस्कुरा रही थी....


" कम ऑन सौज़ी मोम ... आप भी अजीब ही नमूना हो..मोम ने इतना कुछ बोल दिया ..और आप मुस्कुरा रही हैं ...."


म्र्स. डी'सूज़ा सॅम के बगल आ कर खड़ी हो जाती है..उसके सर पर हाथ रख बड़े प्यार से सहलाती है और कहती है " बेटा ..तुम मर्द हो ना ..इन बातों को समझ नही सकते ...एक औरत ही औरत की लॅंग्वेज समझती है .....आज पहली बार साना बेटी ने रिक्ट किया है ..उसे तुम्हारा मुझे इस तरेह प्यार करना अच्छा नही लगा ..जानते हो क्यूँ ?'


" आप ही बताओ ना सौज़ी मोम , क्यूँ..?"


" बेटा अंदर ही अंदर वो तुझ से बहोत प्यार करती है ....तुम्हें किसी और को मोम बोलना उसके मोम के दिल को बूरी तरेह झकझोर दिया है सॅम बेटे .....तुम देखना एक ना एक दिन वो तुझ से अपने प्यार का कितना खुल्लम खुल्ला इज़हार करेगी ....देख लेना ...यही वजह है मेरे मुस्कुराने का .." म्र्स. डी'सूज़ा कहती है ..


" आइ डॉन'ट बिलीव ...ऐसा कभी नही हो सकता सौज़ी मोम ..कभी नही..काश ऐसा हो सकता .काश .." सॅम सौज़ी मोम के सीने पर सर रखे सिसक सिसक कर रो रहा था ...


" होगा बेटा होगा ...बस तुम अपना पेशियेन्स मत खोना और गुस्से में कुछ ऐसा वैसा मत कह देना अपनी मोम को ...हॅव पेशियेन्स माइ चाइल्ड , हॅव पेशियेन्स ....साना को वक़्त दो बेटे ..वक़्त दो .उसके दिल में भी तो कितना बड़ा जखम है ना ....समय आने दो बेटा सब ठीक हो जाएगा ...सब ठीक हो जाएगा .....चल नाश्ता कर ले ..तेरे कॉलेज का भी टाइम हो रहा है..."


और म्र्स. डी' सूज़ा अपने हाथों से सॅम को नाश्ता खीलाती है ....


सॅम नाश्ता करते करते सौज़ी मोम से बोलता है..." मैं भी तो कितना प्यार करता हूँ सौज़ी मोम अपनी मोम से ...बे-इंतेहा ... पर आज तक मुझे अपने प्यार के बदले सिवाय झीड़की ..ताने और उनका गुस्से के सीवा कुछ नही मिला ..कुछ नही सौज़ी मोम ...मेरा दिल फॅट उठ ता है....मैं क्या करूँ ,,बताइए ना मैं क्या करूँ..??"


" हां बेटा मैं जानती हूँ और सब देखती हूँ ..बेटा प्यार करना एक बहोत बड़ी देन है ..सब के दिल में यह ज़ज़्बात नही आते ...तुम एक अलग ही हो सब से ..तुम ने आज तक कितना कुछ सहा है ..झेला है ..मेरी नन्ही सी जान ...इतनी छोटी उम्र में भी तुम ने बड़े बड़े प्यार करनेवालों को पीछे छोड़ दिया है...तुम भगवान की देन हो बेटा ...प्यार करनेवाले हमेशा देते हैं कुछ माँगते नही....पर उन्हें मिलता भी है ...तुम्हें भी मिलेगा ..ज़रूर मिलेगा ,,मेरा दिल कहता है ....साना के दिल में भी प्यार का अथाह सागर है सॅम ... आज उस सागर में तुम ने एक हलचल पैदा कर दी है ...देखना यह हलचल अब किस तरेह एक लहर बन के तुझे अपने लहरों में समा लेगी ....तुम्हें अपने प्यार के सागर की गहराइयों में डूबो देगी ..बस तुम सिर्फ़ पेशियेन्स रखो ..उसे वक़्त दो ....." म्र्स. डी' सूज़ा उसे समझाती है..दिलासा देती है ...." नाउ कम ऑन स्माइल लाइक आ मान .....प्यार करनेवाले हमेशा मुस्कुराते हैं रोते नही..."


सॅम पर सौज़ी मोम की बातों का गहरा असर होता है ..वो नाश्ता ख़त्म करता हुआ , मुस्कुराता है ..सौज़ी मोम के गालों को चूमता है और कहता है " सौज़ी मोम ....आइ आम सो लकी टू हॅव यू ...अगर आप ना होतीं ना ..तो मैं कब का मर चूका होता ...सौज़ी मोम आइ लव यू ..लव यू सो मच ..आप मेरे लिए मा से भी बढ़ कर हो ....."


और फिर मुस्कुराता हुआ कॉलेज के लिए बाहर निकल जाता है...


सौज़ी मोम सॅम को बाहर जाते हुए देखती है..अपनी आँसुओ से गीली आँखें पोंछती है

और मन ही मन में कहती है " गॉड ब्लेस्स यू माइ चाइल्ड .... तुम ने बहोत सह लिया ,,बहोत सह लिया ....भगवान अब उसे कुछ दे ..कुछ दे दे ना .मेरा दिल फॅट जाता है..... "


वो डाइनिंग टेबल के पास रखी कुर्सी पर बैठ फूट फूट के रो पड़ती है....सॅम के सामने उस ने अपने को काफ़ी रोक रखा था ..उसके जाते ही उसके आंसूओं का बाँध फूट पड़ता है....
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02-04-2019, 12:40 PM,
#23
RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
इधर बिना नाश्ता किए ..पेट खाली पर दिल और दिमाग़ में एक सैलाब लिए साना अपने ऑफीस में दाखिल होती है ..आज गुस्सा , खीज़ और भूख के मारे अपने मातहतों को ज़रा ज़रा सी बात पर डाँट देती , फटकार देती ...सब हैरान परेशान थे साना मॅ'म का यह रूप देख ..कभी भी वो अपने ऑफीस में ज़्यादा बात नही करती , बस सिर्फ़ काम से काम रखती थी , डांटना फटकारना और बे मतलब किसी से बातें करना , यह सब उस ने आज तक नही किया ...


वो खुद भी परेशान थी ...आज उसे क्या हो गया है....जब उसे समीर से कोई मतलब नही तो फिर उसके इस बर्ताव से , उसका आंटी से इस तरेह प्यार करने से इतना खीज़ और गुस्सा क्यूँ आया ..क्यूँ..? उसका आंटी को सौज़ी मोम बूलाने से उसकी छाती क्यूँ फॅट पड़ी ..क्यूँ..?? आज तक तो ऐसा नही हुआ ...उफफफफ्फ़ ..आअज क्या हो गया उसे...उस बेचारे को बेवज़ह डाँट दिया ....वो फिर चौंक पड़ी अपने को समीर के लिए बेचारा कहने पर ..आज तक उसने उसके लिए "बेचारा " नही सोचा ..हमेशा उसे अपने प्यार का कांटा ही समझा ऐसा काँटा जिस ने उसके दिल को भेद दिया था ..तार तार कर दिया था ...उसके प्यार को उसकी दुनिया से कुरेद कर निकाल फेंका था ..यह सब उसके इस दुनियाँ में आते ही तो हुआ..फिर आज वो मेरे लिए बेचारा कैसे हो गया....हे भगवान ..आज क्या हो गया ....


उसे लगा जैसे उसका सर फॅट जाएगा ..वो बहोत बेचैन थी...उसके दिल और दीमाग में उसे ऐसा महसूस हुआ मानो हथौड़े चल रहे हों .....वो ज़्यादे देर वहाँ बैठ ना सकी और फिर वो ऑफीस से बाहर निकल गयी......अपनी सेक्रेटरी से कहा' " मेरी तबीयत ठीक नही लग रही , मैं घर जा रही हूँ ... कोई ज़रूरी कॉल आए तो मुझे कॉल कर लेना ... "


घर पहूंचते ही सीधा बेड रूम के अंदर गयी ...... वहाँ एक कोने में बनी छोटे से बार काउंटर से स्कॉच की बॉटल निकाली...और सीधा मुँह से लेगाती हुई गतागत दो तीन घूँट उस ने गले के नीचे उतार लिए .....


तब तक म्र्स डी' सूज़ा आ गयी और दरवाज़ा खटखटाया ... साना ने उसकी ओर देखा और आँखों से इशारा करते हुए उसे अंदर आने को कहा ..


साना के हाथ में स्कॉच की बॉटल देखते ही म्र्स डी'सूज़ा समझ गयी मज़रा क्या है ...उस ने उसके हाथ से बॉटल ले ली और वापस बार काउंटर पर रख दिया ..साना को अब तक स्कॉच का शूरूर सा महसूस हो रहा था , और खाली पेट शूरूर जल्दी आती है ,,उसका बदन उसके वश में नही रहा था ...म्र्स. डी'सूज़ा ने उसे थामते हुए उसे पलंग पर लीटा दिया और कहा " बेटी तू यह क्या कर रही है..? तेरा दिल तो जल रहा है अब खाली पेट पिएगी,...तेरा जिगर भी जल के खाक हो जाएगा ....ओह गॉड यह क्या हो रहा है इस घर में ...सब जल मरने को तैय्यार हैं यहाँ ... रुक मैं कुछ खाने को लाती हूँ..आज तू ने गुस्से में नाश्ता भी नही किया .... "


म्र्स डी' सूज़ा भागते हुए किचन की ओर जाती है और पिज़्ज़ा और केक का बड़ा सा टूकड़ा एक प्लेट में लाती है और साना को खीलाती है ..


खाना पेट में जाते ही साना को कुछ अच्छा लगा , उसके चेहरे पर कुछ रंगत आई , म्र्स. डी' सूज़ा एक कुर्सी ले कर उसके बगल बैठ गयी ..उसके माथे पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहती है ...

" साना बेटी ..तुझे क्या हो गया है .क्यूँ सब कुछ बर्बाद करने पर तूलि है तू..? कब तक तू अपने को इस शराब के नशे से बहलाती रहेगी ? ....प्यार का नशा तेरा कहाँ गया बेटी ....क्या तेरे अंदर प्यार मर गया ..? तू एक मा भी है , अपने शराब के नशे में भूल गयी .? तेरा इतना प्यारा बेटा , जो तेरे लिए जान तक देने को तैय्यार है.... तेरी एक प्यार भरी नज़र के लिए तरसता है , तड़प्ता है , बीलखता है ...इस प्यार की आस लिए उस ने अपना बचपन खो दिया , अब जवानी भी शायद उसकी ख़त्म हो जाएगी इसी आस में .....क्या किया है उस ने .....बता ना बेटी क्या गुनाह है उसका ...??उस बच्चे का टूटा दिल देख मेरा दिल फॅट जाता है ...कितना भोला है बेचारा.....अब देर मत कर बेटी वरना बहोत देर हो जाएगी ,,बहोत देर ..फिर तू सिर्फ़ पछताने के सीवा कुछ नही कर पाएगी .....फिर स्कॉच की बोतलों में इतनी शराब नही होगी के तुम अपने गम को शराब में डूबो सको....साना प्लीज़ होश में आ जाओ बेटी ....अभी भी देर नही हुआ ....होश में आ जाओ ..."


साना म्र्स. डी' सूज़ा की ओर एक टक देखती है ..उसकी बातों ने उसे हिला दिया था... वो रोने लगती है ..सिसकने लगती है और रोते हुए ही बोल उठ ती है ..


" आंटी ...आप जानती हैं ना मैं पापा से कितना प्यार करती थी ...इस बच्चे ने मेरा प्यार छीन लिया आंटी .मेरा सब कुछ ले लिया ...आंटी ...मैने अपना सब से कीमती जेवर खो दिया ....और आप कहती हैं इस ने क्या किया..???"


म्र्स. डी' सूज़ा उसके आँखों से आँसू पोंछती है ....फिर से प्यार से उसका माथा सहलाती है और कहती है .." मुझ से ज़्यादा और कौन जानता है यह सब बातें साना बेटी ..? पर जो तू ने खो दिया , अब वापस तो नही आ सकता ना ...बोल ना बेटी ? पर तेरा जो कीमती जेवर तेरे पास है ..तेरा बेटा समीर ..उसे तो मत खो .. एक बार तू खो चूकी है अपना प्यार , तू खुद जानती है कितना दर्द होता है..... तू दुबारा इस दर्द को झेलने पर क्यूँ आमादा है बेटी ....ऐसा मत कर ..दुबारा तू इसे झेल नही पाएगी साना ...नही झेल पाएगी .....सब कुछ जल जाएगा ..सब कुछ बर्बाद हो जाएगा .....बेटी अभी भी समय है .. लगा ले गले उस प्यार के भूखे को .देख तेरी छाती कैसे ठंडी हो जाएगी ....बढ़ा दे अपने हाथ .भर ले उस अभागे को अपनी बाहों में ... देर मत कर .."


" आंटी आप ने तो बोल दिया और मैने भी सून लिया ..पर मैं उसे जब भी देखती हूँ .मुझे पापा का चेहरा सामने दीखता है और फिर मैं यह भूल जाती हूँ के यह मेरा ही बेटा है..मुझे सिर्फ़ यह याद रहता है इस समीर के चेहरे ने मेरे प्यारे पापा के चेहरे को ढँक दिया ....छुपा दिया मेरे पापा को .." और फिर हिचकियाँ लेते हुए रोने लगी ....

म्र्स डी' सूज़ा उसे अपने सीने से लगा लेती है , उसके आँसू फिर से पोंछती है , और कहती है..

" ना रो बेटी ..ना रो..

बेटी यह भी तो हो सकता है ना कि तेरे पापा ने समीर का चेहरा ले लिया और तेरे पास फिर से आ गये.? तू देखती नही समीर की हर बात हरदयाल से कितनी मिलती जूलती है ..वोही क़द , वोही चेहरा ... वोही उँचाई ..सब कुछ तो वोही है बेटी ....तेरे पापा कहाँ गये? ..वो तो तेरे पास ही हैं ना ....समीर ने तेरे पापा को छुपाया नही बेटी वो फिर से उन्हें तेरे सामने ले आया है ... उसे पहचान .."


साना फिर से रो पड़ती है म्र्स. डी' सूज़ा की बातों से..फिर से हिचकियाँ बँध जाती है वो बीलख उठ ती है ..." हे भगवान ..मेरी समझ में कुछ नही आ रहा .....आंटी . मैं क्या करूँ ..मैं क्या करूँ ....हे भगवान ...."


साना म्र्स डी' सूज़ा से और भी चीपक जाती है , और भी हिचकियाँ ले ले रोती जाती है ...शायद उसके इतने दिनों से छुपाए आँसू , दिल का गुब्बार , भादास , दूख , गम सब कुछ आज आँसू बन कर निकलते जा रहे थे ...


म्र्स. डी' सूज़ा उसे पुचकार्ति है , उसकी पीठ सहलाती है और बोलती जाती है


" हां बेटी रो ले , रो ले जितना चाहे रो ले ..अपने आँसू मत रोक .इतने दिनों से तेरे अंदर भरे थे....हां बेटी निकाल दे .."


साना रोते रोते , आँसू बहाते बहाते म्र्स. डी' सूज़ा की गोद में पड़े पड़े ही सो जाती है ..ना जाने कब उसकी आँखें लग जाती हैं ...



म्र्स डी' सूज़ा उसे पलंग पर लीटा देती है ....एक चादर उस पर डाल देती है ..और दबे कदमों से बाहर निकल जाती है ...


उसकी आँखों से भी लगातार आँसू टपक रहे थे..पर यह आँसू आशा और खुशी के आँसू थे ..आज म्र्स डी' सूज़ा को विश्वास हो गया था .. उसे पूरी उम्मीद हो गयी थी साना और समीर का मिलन अब दूर नही...
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02-04-2019, 12:41 PM,
#24
RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
अपडेट 14


शाम हो चूकी थी...समीर अपने कॉलेज से आ चूका था....उस ने देखा उसकी सौज़ी मोम मोम के कमरे की ओर जा रही थी , यानी की मोम शायद आ चूकी थीं घर ..पर यह एक अजीब ही बात थी ....मोम और इस समय घर में..? ऐसा तो उसकी 18 साल की छोटी पर कुछ लंबी सी जिंदगी में आज तक नही हुआ ..इस समय मोम यह तो ऑफीस में होतीं यह फिर क्लब में ...और फिर क्लब होते हुए घर आतीं यह फिर वहीं से सीधे किसी पार्टी में .... अपनी मोम की शकल उसको सुबेह ही दीखती ....


उस ने आश्चर्य करते हुए सौज़ी मोम से पूछा .." क्या बात है सौज़ी मोम ..आप मोम के कमरे में अभी इस वक़्त जा रही हैं ..? "


म्र्स. डी' सूज़ा उसे अपनी तरेफ इशारे से बूलाती हैं ...और अपने साथ ले उसे उसकी मोम के कमरे की ओर ले चलती है ..दरवाज़ा बिना किसी आवाज़ किए धीरे से खोलती है और अंदर देखती है... समीर भी सौज़ी मोम के साथ अंदर देखता है ...


साना बीस्तर पर अभी भी सो रही थी ... बिल्कुल एक बच्ची की तरेह शांत , निश्चल चेहरा था ..चेहरे पर कोई शीकन नही थी...सारी दुनिया से बेख़बर थी ...


यह कुछ तो उसके स्कॉच के शूरूर का और कुछ उसके रोने से , आँसू बहाने से अपने आप को हल्का महसूस करने का असर था ...


सौज़ी मोम दरवाज़े को फिर से बिना आवाज़ किए उधका देती है समीर के साथ बाहर निकल आती है ...और फिर उसके साथ डाइनिंग टेबल से लगे कुर्सी पर बैठ ..उसकी ओर देखती है


" बेटा तुम ने देखा ना आज कि साना कैसी है....देखा ना कितनी मासूम थी ..कितनी हसीन लग रही थी ...? "


" हां सौज़ी मोम ....एक तो आज इस वक़्त मोम घर पर है ..और फिर इतना शांत और निश्चिंत चेहरा आज तक मैने नही देखा ..यह क्या हो गया उन्हें ..तबीयत तो ठीक है ना उनकी..? " सॅम हैरान होते हुए कहता है..


" बेटा यह आज जो रूप है ना तेरी मोम का..यह उसके असली रूप की थोड़ी सी झलक है ....बहोत थोड़ी सी ..देखा ना कितना सुन्दर , कितना खूबसूरत और निश्चल है यह चेहरा ? "


"पर आज हुआ क्या सौज़ी मोम ...? यह बदलाव ? "


" मैने सुबेह कहा था ना तुझ से सॅम ..तुम ने उसकी मा की ममता को झकझोर दिया है ...उसके दिल में उथल पुथल मची है.... जिस तरेह तुम ने पढ़ा होगा ना क़ि सागर में मंथन हुआ था और कितने रत्न निकले थे...वोही मंथन आज साना के सागर से गहरे प्यार भरे दिल में भी हो रहा है और फिर इसमें से तुम्हारे लिए मोती ही मोती निकलेंगे बेटा ...इसमें से सिर्फ़ तुम्हारे लिए प्यार की अमृत फूट पड़ेगी ..तू संभाल नही पाएगा इतना प्यार देगी वो तुझे..अभी अभी उसके अंदर का तूफान शांत हुआ है और अब वो शान्ती उसके चेहरे पर झलक रही है .....बस थोड़ा सब्र करो बेटा ..." म्र्स डी' सूज़ा उसे कहती है ..


समीर आँखें फाडे साना की ओर देखता है , अपनी मोम का यह रूप ..,उसके उपर का चादर अस्त व्यस्त सा उसकी शरीर को ढँक कम रहा था , उसके बदन की गोलाईयो , उसकी छाती के उभार को और भी हसीन बना रहा था ... सुडौल टाँगें बाहर निकली हुई थी , साँसों के साथ उसकी चूचियों का उपर नीचे होना ..बाल चेहरे पर बीखरे बीखरे ... सम की आँखों में एक अजीब ही चमक थी ...वो अपनी मोम में खो सा गया था ..म्र्स. डी' सूज़ा की नज़र उस पर पड़ती है ..वो मुस्कुरा देती है..सम थोड़ा झेंप जाता है ..पर झेंप मिटाते हुए कहता है

" पर सौज़ी मोम यह सब हुआ कैसे ...जब मोम ऑफीस जा रही थीं.कितने गुस्से में थी ....बताइए ना क्या हुआ उसके बाद ..?"


और फिर म्र्स डी.'सूज़ा , साना के ऑफीस से जल्दी आ जाने से ले कर उसके और साना के बीच हुई बातों का पूरा हाल सुनाती हैं ....


समीर सारी बात बड़े ध्यान से सूनता है , और थोड़ा कन्फ्यूज़्ड सा लगता है ....उसे यह समझ नही आ रहा था उसकी मोम के पापा और उसके खुद के पापा जिनकी मौत एर क्रॅश में हो गयी थी , इन दोनों के बीच क्या रिश्ता था ...उसके पापा को मोम बार बार पापा ..पापा क्यूँ बोल रही थी ..जैसा कि म्र्स. डी' सूज़ा अपनी बात करते वक़्त कहती जातीं ...


सॅम को यह मालूम नही था अब तक कि उसके पापा और उसके मोम के पापा एक ही थे ...एक ही शक्श था दोनों शक्शियत का मालिक ... उसे किसी ने बताया नही था अब तक .यह बात उस से छुपाई गयी थी...


वो पूछता है हैरानी से " सौज़ी मोम ...मेरे पापा को मोम भी पापा ..पापा कहती जा रही थी ....क्या मतलब है इसका ..?? "


और तभी उसके दिमाग़ की घंटी बजती है ..उसका माथा ठनक उठता है ....

और फिर एक दम से चौंकता हुआ कुर्सी से उठ ता है म्र्स डी' सूज़ा को उनके कंधो से जकड़ता हुआ झकझोरता है और बोल उठ ता है .." सौज़ी मोम ..कहीं ऐसा तो नही...... " और बोलता हुआ अचानक चूप हो जाता है और आँखें फाडे म्र्स डी' सूज़ा की ओर देखता है ....
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02-04-2019, 12:41 PM,
#25
RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
म्र्स डी"सूज़ा समझ जाती है ..उसकी आँखों में परेशानी , उस के चेहरे पर सवाल का जवाब सून ने से पहले ही जान लेने का अस्चर्य और हैरत सॉफ झलक रहे थे ...


" हां सॅम बेटा ....तुम ठीक समझ रहे हो .बिल्कुल ठीक ...जिस तरेह तुम अपनी मा में अपनी मा और एक प्रेमिका का रूप देखते हो ना ..तेरी मा भी अपने बाप में अपने प्रेमी का भी रूप देखती थी...जैसे तुम्हारे दिल में साना के लिए अथाह..असीम और बे-इंतहा प्यार है ना.. साना के दिल में भी वैसा ही था .... हरदयाल उसका बाप था और तेरा भी ..तभी तो उसे खोने के सदमे से उसे दोहरा मार लगा बेटे ..जिस से वो अब तक सम्भल नही पाई..... "


समीर म्र्स. डी'सूज़ा की बातों से सकते में था ..उसे समझ नही आ रहा था क्या करे ...और खुद अपने और मोम के रिश्तों के बारे भी म्र्स. डी' सूज़ा के मुँह से ऐसी बातें सून उसे अस्चर्य हुआ ..आखीर उन्होने ऐसा कैसे समझ लिया....


" ह्म्‍म्म अब मुझे कुछ कुछ समझ में आया मोम क्यूँ मेरे साथ ऐसा बर्ताव करती हैं ..उन्होने अपने बाप और प्रेमी ..दोनो को एक साथ खो दिया ..सच है कितना बड़ा धक्का लगा होगा उन्हें ..पर सौज़ी मोम अब मेरे और मोम के बीच भी वोही संबंध है ..मैं भी उन्हें वैसे ही प्यार करता हूँ ..आप कैसे कह सकती हैं.? मैने तो आज तक ऐसा कुछ भी नही किया ..? "

इस बात पर म्र्स. डी' सूज़ा जोरों से हंस पड़ती है...." बेटा मैने तुम्हें और तुम्हारी मा दोनों को अपनी गोद में पाला है..मैं तुम दोनों की रग रग से वाक़िफ़ हूँ..मैं तुम दोनों को इतनी अच्छी तरेह जानती हूँ, जितना तुम भी अपने आप को नही जानते .. तुम्हारे रोम रोम में तुम्हारी मा बस्ती है...तुम्हारी तड़प और तुम्हारी ललक मैं देखती हूँ हर रोज़..मैं क्या समझती नही ? तुम दोनों आख़िर एक ही बाप की संतान हो..जब उसके जीन्स में अपने ही खून से जिस्मानी रिश्ता रखने की भूख थी ..फिर अगर तुम्हारे में भी है तो क्या बूरा है ....डरो मत आगे बढ़ो , पर हॅव पेशियेन्स ..उसे समय दो ....देखना वो किस तरेह तेरी बाहों में होगी...."


" हां सौज़ी मोम ....मैं बहोत तड़प्ता हूँ मोम के लिए ..बहोत ...मेरा दिल उन्हें अपने प्यार से शराबोर कर देने को बेताब है ....इतना प्यार कि वो समेट ना पायें ..जितना खोया है उन्होने मैं उस से भी ज़्यादा प्यार करूँगा सौज़ी मोम ...उस से भी ज़्यादा ..बस सिर्फ़ एक बार ..सिर्फ़ एक बार मेरी ओर प्यार से नज़रें तो मिलाए ना मोम ....सिर्फ़ एक बार ..." सॅम की आवाज़ में तड़प , कसक , दर्द और मोम के लिए अटूट प्यार भरा था ..


तभी उपर मोम के बेड रूम का दरवाज़ा खुलता है ..दोनों उपर की ओर देखते हैं ...सामने सीढ़ियों से उतरती हुई साना नीचे डाइनिंग हॉल की ओर बड़े नपे तुले कदमों से आती जा रही थी...उसकी नज़र सॅम की ओर थी..उसे एक टक देखे जा रही थी ......सॅम की नज़रें भी मोम की नज़रों से टकरा रही थी....वो भी एक टक उन्हें देखे जा रहा था..


साना ने अपने ऑफीस का ड्रेस उतार दिया था ..जिसे पहने वो सो गयी थी ..और अब उसके बदन पर एक ढीला सा टॉप था और उतना ही लूज़ और पतला पाजामा ...ब्रा और पैंटी साना ने पहनी नही थी ....


उनके ढीले कपड़ों के अंदर उनके कसे बदन की झलक , उनकी गदराई जांघों की थिरकन , उनके सीने की गोलाईयो का उछलना और मचलना ...सम आँखें फाड़ अपनी मोम का अपनी जिंदगी में पहली बार एक बिल्कुल ही अलग रूप देख रहा था ....हैरान था वो .और सब से बड़ी हैररानी थी मोम की नज़रें ..आज उनकी नज़रों में सॅम के लिए नफ़रत , गुस्सा या खीज़ का नामो-निशान नही था ....आज उनकी नज़रों में उसके लिए प्यार , ममता , स्नेह और दर्द भरा था ....


सॅम अपनी आँखें मलता है ....कहीं वो सपना तो नही देख रहा ..? पर जब मोम उसके बगल आ कर बैठ गयीं , अपना हाथ सॅम के सर पर रखा ..उनके बदन की खुशबू का झोंका उसे अपनी साँसों के साथ अंदर जाता महसूस हुआ ..उनकी हथेली का गर्म और नरम स्पर्श अपने सर पे महसूस हुआ ..वो चौंक गया ..यह सपना नही हक़ीक़त थी ....जो सपने से भी ज़्यादा हसीन और खूबसूरत थी ...जिस सपने का उसे इतने सालों से इंतेज़ार था ..

सॅम अपने सपने से जागता है ...मोम की तरेफ निहारता है ...साना उसके सर पर हाथ फेरती है , और उस से पूछती है .." सॅम बेटा ..कॉलेज से कब आया तू..."


उनकी आवाज़ में प्यार , दुलार और ममता लबालाब भरी थी ...


सॅम इतना प्यार , दुलार और स्नेह अपनी मोम का जिसके लिए वो तड़प रहा था , उसकी भीख माँगता फीर रहा था आज तक ..आज जब उसे अचानक मिला ..वो अपने आप को रोक नही सका , और फिर वो बीलख बीलख कर रो पड़ा , एक छोटे से बच्चे की तरेह फूट पड़ा सॅम ..


साना उसका सर अपने सीने से चीपका लेती है , उसके माथे को चूमती है , उसके गालों को बेतहाशा चूमती जाती है ..उस से लिपट जाती है और खुद भी फूट फूट के रो पड़ती है ..


मा बेटा एक दूसरे की बाहों में रोते जा रहे थे ,साना अपनी आंसूओं से इतने दिनों से अपने अंदर जमी नफ़रत , गुस्सा और दूरियों की मोटी परत को धोती जा रही थी ...


म्र्स. डी' सूज़ा चूप चाप खड़ी खड़ी मा - बेटे का यह अनहोनी सा लगता मिलाप , प्यार और एक दूसरे के लिए तड़प देखती जा रही थी ,,उसकी आँखों से भी लगातार आंसूओं की धार छूट रही थी ...


वो उन्दोनो को अकेले छोड़ किचन की ओर दबे पावं चल पड़ती है ...


दोनों मा -बेटे अभी भी एक दूसरे से चीपके सिसक रहे थे ...रो रहे थे ..इतने दिनों की दूरियाँ एक पल में मिटा देने को... बरसों के अंतराल को मिटाने की..जाने कितनी सारी अनकही बातों को अपनी आँसुओ से उसी एक पल में एक दूसरे को सब कुछ जताने की , बताने की पूरजोर कोशिश में जुटे थे...
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02-04-2019, 12:41 PM,
#26
RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
कुछ देर बाद म्र्स. डी' सूज़ा हाथ में चाइ की ट्रे थामे डाइनिंग टेबल पर दोनों के सामने रख देती है .... उन्हें देख दोनों एक दूसरे से अलग होते हैं ..अपने अपने आँसू पोंछते हैं...एक दूसरे को देखते हैं ..पर दोनों चूप हैं ..किसी के पास शब्द नही..अल्फ़ाज़ नही ..इतने दिनों की भडास चन्द लफ़्ज़ों में कैसे उतारें..कैसे कहें ....ऐसे समय लफ़्ज़ों की भाषा बेमायने हो जाती हैं और मौन की भाषा , चूप रहने की भाषा ही सब से असरदार भाषा होती है..और दोनों मा-बेटे एक दूसरे को देखते इसी भाषा का बड़े ही असरदार ढंग से इस्तेमाल में ला रहे थे...


पर वातावरण में एक भारीपन था , एक अजीब ही तनाव सा था ..मानो इस तनाव से सब कुछ खींचता हुआ टूट जाएगा , फॅट जाएगा ...


म्र्स. डी' सूज़ा इस तनाव को कम करने की कोशिश करते हुए बोलती है ..


" कम ऑन ..साना आंड सम ..अरे बाबा पूरी जिंदगी पड़ी है...रो लेना ..जितना आँसू चाहे बहा लेना ...अभी ज़रा ब्रेक ले ले ..चल चाइ पी ले ... यह सेंटिमेंटल सीन बदलो भी ..ज़रा कॉमेडी ब्रेक लेते हैं ..क्यूँ ठीक है ना..??"


सूज़ी मोम की बातों से दोनों के चेहरे पे हल्की सी मुस्कुराहट आती है ...


साना समझ जाती है अपनी आंटी की बात ...अपने आँखों से आँसू पोंछती है , ट्रे से बिस्कुट और केक का प्लेट उठाती है और उसे सॅम की तरफ बढ़ाते हुए कहती है ..


" सॅम बेटा ..तू कॉलेज से आ कर कुछ खाया भी नही होगा ..भूखा होगा ..चल कुछ खा ले "


सॅम की जिंदगी में यह पहली बार हुआ था ... आज सब कुछ पहली बार हो रहा था उस बेचारे की जिंदगी में ....


वो प्लेट से एक बड़ा सा केक का टूकड़ा उठाता है मुँह की ओर अपना हाथ ले जाता है..पर फिर से मा की ओर देखता हुआ फूट पड़ता है ....


इस बार साना ने हिम्मत से काम लिया ..आखीर वो उसकी मा थी ..अपने बेटे का हाल समझती थी ... इतने दिनों से बेचारा इस तरेह के प्यार और दुलार का भूखा था ..आज अचानक उसे सब मिलता है..वो संभाल नही पा रहा था ..


साना बड़े प्यार से उसके हथेली को अपने हाथों से पकड़ उसके मुँह की ओर ले जाती है और मुँह के अंदर डालती हुई बोलती है...


" खा ले बेटा ..खा ले ..मैं जानती हूँ बेटा ..मैं जानती हूँ..मैं कितनी अभागन हूँ ..कितनी बेशरम हूँ...मैं अपने बेटे को इस हाल तक पहुचाने के पहले मर क्यूँ नही गयी... मुझे माफ़ कर दे अगर कर सकता है तो ..खा ले बेटा ..मुझ पर तरस खा के ही खा ले..खा ले .."


सॅम समझता है अपनी मोम का हाल ..वो समझ जाता है के साना किस हाल में है..उसे अपने आप को संभालना पड़ेगा ..अपनी मोम को संभालना होगा ..अपने प्यार को संभालना होगा ...सौज़ी मोम बोलती हैं ना प्यार करनेवाले देते हैं ..लेते नही ..मैं भी अपने प्यार को ..अपनी मोम को आज तक जो नही दे पाया ..आज तक जो उसकी मोम नही ले पाई ..सब कुछ दूँगा ..उसकी झोली भर दूँगा ..उसी पल वो ठान लेता है अपने मन में...अपने आप को संभालने की ठान लेता है ....अपने मोम को संभालने की ठान लेता है ..


उसकी आँखों में अब एक चमक थी ... अपने आँसू पोंछता है और इस तरेह बोलता है , जैसे कुछ हुआ नही ...


" क्या मोम आप भी ना...अरे मैं अब बड़ा हो गया हूँ ...मैं कोई दूध पीता बच्चा थोड़ी हूँ जो आप के हाथों से खाऊंगा .? मेरे हाथों को देखिए अब कितना दम है ..मैं आप को अपने हाथों से खीलाऊँगा ..आप भी तो भूखी हैं ..सुबेह नाश्ता भी नही किया .."

कहते हुए साना के हाथ से केक मुँह में लेता है और दूसरा बड़ा टूकड़ा अपने हाथों से उठाता हुआ साना के मुँह में डालता है ...साना यह टूकड़ा अपने मुँह में लेते हुए निहाल हो उठती है ..उसका प्यार अपने लिए देख गद गद हो उठ ती है ..उसकी आँखों से भी आँसू फूट पड़ने को तैयार हैं ..पर अपने आप को संभालती है और बोलती है ...


" हां बेटे मैं भूकी थी अब तक ..अब मेरी भूख मिट जाएगी ....हां बेटा ...मैं कितनी बेवक़ूफ़ थी ...बे-वज़ह अब तक भूखी रही ... हां बेटा...बहोत भूखी .."


साना की गहरी बात का मतलब सॅम अच्छी तरेह समझ जाता है ..सही में कितनी बेवक़ूफ़ थी उसकी मोम... पर उसे किसी भी हालत में अपनी मोम को अपने आप को इस तरेह कोसने की कोशिश , इस तरेह अपने गुनाहों की अपने आप को सज़ा देने की कोशिश से निकालना होगा ...हटाना होगा ..वरना यह हालत और भी बूरी होगी मोम के लिए ..और यह काम उसके अलावा और कोई नही कर सकता ..यह भी वो समझता था ..अच्छी तरेह .

सच है दूख , दर्द और पीड़ा इंसान को बहोत जल्द ही बहोत समझदार बना देते हैं .. और यही हुआ सॅम के साथ ...वो अपनी उम्र के लड़कों से कहीं ज़्यादा मेच्यूर और समझदार था......
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02-04-2019, 12:41 PM,
#27
RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
वो उठता है अपनी कुर्सी से...कुर्सी से हट ता हुआ खड़ा हो जाता है..अपनी बाहें फैलाता हुआ साना की ओर देखता है और कहता है..


'" देखिए मोम ..अच्छी तरेह देखिए मुझे ....क्या मैं आप को बच्चा लगता हूँ...कम ऑन मोम देखिए ना ...."


साना अपनी नज़रें सॅम की तरेफ करती है..अपने बेटे की जवानी का यह रूप उसे पहली बार दीखता है..उसके बेटे का खिलखिलाना आज उसे पहली बार दीखता है..उसके चेहरे पर अपनी मा के लिए उसका पास , उसके साथ होने का अहसास उसे पहली बार दीखता है ..पहली बार साना ने महसूस किया अपने बेटे का अहसास ..अपनी मा होने का अहसास ...


कितना अच्छा लग रहा था..उसका जवान बेटा उसके सामने खड़ा था अपनी जवानी की मस्ती के साथ..भरा पूरा बदन , लंबा 6' का क़द और उसके पापा की हू-ब-हू शक़ल ...मांसल बाहें ..चौड़ा सीना ...साना मचल उठी उसके सीने से लगने को..उसके सीने में समा जाने को....


साना उसकी ओर देखते हुए कहती है ...


" हां बेटा अब तो तू सही में कितना बड़ा हो गया है..बहोत बड़ा है मेरा बेटा ...बहोत उँचा ...हां बेटा अब तू बड़ा हो गया...पर मा के सामने तो बच्चा ही रहेगा ना ...." और यह कहते हुए खिलखिला उठ ती है ....

अपनी मों का खिलखिलाना देख सॅम झूम उठ ता है..आगे बढ़ता है .....साना को अपनी बाहों से जकड़ता हुआ कुर्सी से उठा लेता है ...अपने सामने कर लेता है ...उसके गाल चूमता है ..उसके दोनों हाथ चूमता है ...और साना भी उसके चौड़े सीने में अपना सर रख उसे अपनी बाहों में ले लेती है ....

अपने बेटे को सीने से लगाने का अहसास उसे आज पहली बार हुआ ...उफ़फ्फ़ यह कैसा अहसास था ... साना सीहर उठी ... सम भी सीहर उठा पहली बार अपनी मा के सीने से लग कर ...


दोनों एक दूसरे की गर्मी , एक दूसरे की धड़कानों का अहसास लिए जा रहे थे ,आँखें बंद किए इस अहसास को अपने में समेट लेने की कोशिश में थे...


सॅम अपनी मा से कहता है " मोम ... आप कितनी स्वीट हो...यू आर दा स्वीटेस्ट मोम..."


यह वो ही शब्द थे जिन्हें सून आज सुबेह साना कितनी जल भून गयी थी ..और अब यह वोही शब्द उसे शहद की तरेह मीठा और अमृत की तरेह उसे नयी जिंदगी दे रहा था ....


साना आज पूरी तरेह मा थी ...अपने सॅम की मा.... !!


एक ऐसा अहसास था उन दोनों में ....सिर्फ़ वो दोनों ही समझ सकते थे..महसूस कर सकते थे ..इस अहसास में कितनी गर्मी थी , कितनी तड़प थी , कितनी भूख थी, कितनी प्यास थी ...इतने दिनों तक दबा अहसास आज एक दम से सारे रुकावटों , सारे बंधनो को तोड़ता हुआ बहार आता जा रहा था ..


दोनों एक दूसरे से चीपके थे ...सॅम का अपनी मोम को जकड़ते हुए उपर उठाने से उसकी जांघों के बीच का उभार साना की जांघों के बीच की मुलायम , पर अब तक कितनी गीली और फूली फूली चूत से स्पर्श होता है .....इस स्पर्श से दोनों सीहर उठते हैं ....इस सीहरन में हवस का नामो-निशान नहीं था ..यह सीहरन , मिलन और एक दूसरे पर अपने प्यार का इज़हार करने की चराम सीमा थी..दोनों अब उस कगार पर खड़े थे ...अपने अपने प्यार का एक दूसरे से पूरी तरेह इज़हार करने की कगार पर थे ..और इस अहसास ने दोनों के शरीर , दिल और दिमाग़ को पूरी तरेह जगा दिया था..इतने दिनों तक सोए अरमानों , इच्छाओ को झकझोर दिया था ...अपने को ,अपने प्यार को एक दूसरे से बाँटने को मचल रहे थे ..


इसका नतीज़ा यही हो रहा था ...सॅम के इस बाँटने के अहसास ने उसके लंड को कड़क और बूरी तरह कड़क कर दिया था साना के इस अहसास ने अपना रास्ता ढूँढ लिया था , उसकी चूत से रस की तरेह लगातार रीस्ता हुआ बाहर आता जा रहा था ..


दोनों तड़प रहे थे ..सॅम को इस तड़प से बूरी तरेह कड़क लौडे में दर्द सी महसूस हुई..मानो फट पड़ेगा ....साना की चूत लावा उगलती जा रही थी .


सॅम से बर्दाश्त नही हो सका ..वो दर्द भरी आँखों से अपनी मोम को देखता है ..और मोम को बोलता है ...." अया ..! म-ओ-ओ-म ...?"

उसके इस इन लफ़्ज़ों में उसके अंदर की सारी तड़प , भूख और दर्द शामिल थे और इस दर्द को मिटाने के लिए आगे बढ़ने की इज़ाज़त की माँग थी ...


साना अपने बेटे का हाल समझती है..उसे भी तो अपने बेटे को पूरी तरेह अपने में समा लेने की चाहत थी , तड़प थी .


साना ,सॅम की तरेफ अपनी आँखें करते हुए उसकी आँखों में झाँकती है , सर हिलाती हुई अपनी हामी भर देती है और बोलती है.." हां..बेटा ..हां ..." और अपना सर उसके सीने में लगाए छूपा लेती है....


सॅम का पूरा शरीर गन गना जाता है, सीहर उठ ता है मोम की इस प्रतिक्रिया(रिक्षन) से , उसका लॉडा और भी कड़क हो जाता है ,,मानो साना की चूत में उसके पाजामा को भेदता हुआ अंदर चला जाएगा....
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02-04-2019, 12:41 PM,
#28
RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
वोही चूत जिस का स्पर्श इस दुनिया में आते वक़्त उसकी छोटी सी नूनी ने महसूस किया था......उस वक़्त जब उसे और कूछ महसूस नही हुआ था ..यही अहसास सब से पहला अहसास था ..और आज अपनी जवानी की ओर पहला कदम रख रहा था ..आज भी उसे इसी चूत का पहली बार महसूस हो रहा था ....उफफफफफ्फ़.....कितनी अजीब सी बात थी..इस बात से सॅम और भी मचल उठा .. कंपकपी सी महसूस हुई ..

उस ने साना को और भी अपने करीब खींच लिया...और फिर उस से रहा नही गया ..वो अपनी मोम को अपनी गोद में उठा लेता है ..अपनी बाहों में ले लेता है...और उसे एक बच्ची की तरेह उठा लेता है ..एक हाथ साना के घूटनों के नीचे और दूसरा हाथ उसके सीने के नीचे पीठ पर रखता हुआ ...मोम को सीने से लगा लेता है ..उसे चूमता है ...और अपनो गोद में लिए मोम को उसके बेड रूम की तरेफ ले चलता है...


म्र्स. डी'सूज़ा उन्हें इस तरेह देख खुशी के आँसू बहाती है ..उन्हें एक टक देखती रहती है ...


साना अपने बेटे की गोद में निहाल हो उठ ती है ..उसके मा होने का अहसास उसे प्यार , दुलार और ममता की उँचाइयों में ले जाता है..वो आँखें बंद किए , अपने दोनों हाथ सॅम की गर्दन के चारों ओर लपेटे ..अपने आप को अपने बेटे की मज़बूत बाहों में , अपने बेटे के प्यार की छाँव में सौंप देती है ..और एक अद्भूत दुनिया में खो सी जाती है..जहाँ सिर्फ़ वो है और उसका बेटा और उन दोनों की एक दूसरे में खो जाने की तड़प , ललक और भूख ...


सॅम उसे पलंग पर लीटा देता है ..और अपनी मोम से बूरी तरेह लिपट जाता है ..पहली बार अपनी जिंदगी में ..पहली बार वो अपनी मोम को महसूस करता है..वो बार बार उसे महसूस करना चाहता है..बार बार मोम से लिपट ता है..उसे चूमता है..उसके सीने से अपने सीने को दबाता है...मा के सीने की गर्मी , मा के सीने की नर्मी ..मा के सीने का प्यार बार बार महसूस करता है ...उसका सारा बदन कांप रहा था ..सीहर रहा था ...उसका लॉडा कड़क और कड़क होता जा रहा था ...मानो अब और नही , उसका लॉडा टूकड़े टूकड़े हो जाएगा ....


साना भी बहाल थी ..अपने बेटे का स्पर्श पहली बार महसूस कर ...उसकी चूत से भी उसका प्यार , दुलार और ममता लगातार रस बन बन छूट ते जा रहे थे..


साना अपनी भर्राई सी आवाज़ में बोल उठ ती है ..


" बेटा ....यह कपड़ों का परदा क्यूँ है हमारे बीच ? यह दूरी हटा दे ना सॅम ..मुझे पूरी तरेह अपने से लगा ले ना बेटा ..मुझे भी तेरा पूरा अहसास होने दे ना बेटा जिस तरेह तू अपनी मा की कोख से आया था ..आज मुझे पूरी अपने मा होने का अहसास करा ना मेरे बेटे...."


सम उठ ता है और एक झटके में अपने कपड़े उतार फेंकता है ..और साना भी अपने कपड़े उतार बिल्कुल नंगी हो जाती है..नंगी चूत फैला देती है बेटे के सामने ....टाँगें फैला देती है बेटे के लिए ..बेटे को अपने में फिर से समा लेने के लिए ..हमेशा हमेशा के लिए ...


दोनों नंगे एक दूसरे को निहारते जा रहे हैं ....


साना अपनी बाहें फैलाए उसे अपने से चीपका लेती है और बार बार कहती जाती है " हां बेटे ..आ जा ..आ जा मेरे पास ..मेरी कोख में ..बहोत तड़प रही हूँ ,मेरी मा का शरीर अपने बेटे से एक होने की ललक लिए मचल रहा है बेटा ...आ जा ..देर मत कर ...."


सॅम भी अब तक बेचैनी की चरम सीमा पर था ..उसके लौडे में हलचल मची थी ...हिल रहा था


साना अपनी हथेली से उसके लौडे को थाम्ती हुई सीधा अपनी चूत की सुराख पर लगा देती है और अपनी कमर उपर करते हुए अपने बेटे का पूरे का पूरा , लंबा और मोटा लॉडा अपनी गीली और रस से शराबोर चूत के अंदर लेती जाती है....इतना लंबा और मोटा लंड साना ने आज तक अपनी चूत में अंदर नही लिया था..उसका पूरा बदन उसके लौडे का पूरे का पूरा अंदर जाते ही अकड़ जाता है ....उसका पूरा बदन गन गना उठ ता है ..अपने बेटे के कसे लौडे का अपनी चूत के अंदर महसूस से..... साना की चूत निहाल हो जाती है ..कांप उठ ती है....चूत के होंठ फड्क उठ ते है..


सॅम भी सीहर उठ ता है....यह कैसा महसूस था......आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह यह नायाब अहसास ... वो कांप उठ ता है ...कितनी गर्मी थी अंदर , कितना मुलायम था अंदर और साथ में , कितना शूकून था मा की चूत में ...उफफफफफफ्फ़ .......


इतने देर तक दोनों की तड़प , ललक और भूख ने उन दोनों को वहाँ तक पहूंचा दिया था ,,जहाँ चरम आनंद के अनुभव के लिए सिर्फ़ एक दूसरे का पूरी तरेह महसूस होने की देर थी ...सॅम को ऐसा लगता है मानो उसके बदन का सारा खून लौडे पर सनसानता हुआ जमा होता जा रहा हो....


सॅम दो तीन धक्के लगाते ही बूरी तरेह झाड़ गया अपनी मोम की चूत के अंदर ..उसका सारी तड़प , भूख , इतने दिनों की लालसा और मोम के लिए भरपूर प्यार उमड़ता हुआ , उबलता हुआ निकल पड़ता है ....झटके पे झटका खाता हुआ ..पीचकारी की धार मारता हुआ ..सॅम के मुँह से चीख निकल पड़ती है...."ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह-ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह-ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह...म-ओ-ओ-म .....!'


साना अपने बेटे के उबलते हुए प्यार , तड़प , ललक और भूख का अपने अंदर महसूस झेल नही पाई .....वो भी सीहर उठी ..कांप उठी , थरथरा उठी ....वो भी अपने आनंद और मज़े की चरम सीमा पर थी ..वो भी झड़ने लगी ....उसके चूतड़ उछल रहे थे , जंघें थरथरा रही थी ...चूत फडक रही थी ....साना भी चीख पड़ती है ..." ह-आ-आ-य-ए...उ-उ-उ ..स-आ-आ-एम्म्म .... " और साना ढीली पड़ जाती है ..


दोनों एक दूसरे के अहसास से निढाल थे ...सुस्त हो गये थे ...और एक दूसरे की बाहों में खो गये ..शांत हो कर ....


सॅम अपनी मोम के सीने से लगा अपने को कितना महफूज़ समझ रहा था ,कितना शूकून था मोम के सीने में .... मानो उसने सारी दुनिया जीत ली हो ....


साना उसके सर के बाल सहला रही थी ..


जाने कब तक दोनों ऐसे ही एक दूसरे को महसूस करते हुए पड़े रहे ....
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02-04-2019, 12:41 PM,
#29
RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
अपडेट 16:



"मोम ..." सॅम ने चूप्पी तोड़ते हुए कहा


" हां बेटा ..बोल ना .." साना उसके सर पर हाथ फेरती हुई कहती है..


" क्या सभी मोम इतनी अच्छी होती हैं ..." सॅम अपनी मोम की तरफ बड़े प्यार से देखते हुए कहता है...


" मैं क्या जानू बेटा ..मैं तो आज तक एक बहोत ही बूरी मोम थी ...आज ही तो मुझे अपने मोम होने का अहसास तू ने दिलाया ..मेरे बेटे ..मैं क्या बताऊं ...? क्या मैं तुझे अच्छी लगी ..?" साना ने उसके चेहरे को अपनी हथेलियों से थामते हुए चूम लिया ...


" हां मोम आप सही में बहोत अच्छी हो.बहोत अच्छी ..आज मैने भी तो अपनी मोम को पहली बार महसूस किया ... मेरी भी मोम है मैने आज ही तो महसूस किया ...उफफफफफफ्फ़ ..यह कितना खूबसूरत अहसास है मोम ..दुनिया का शायद सब से खूबसूरत अहसास ... मोम ..मेरा दिल करता है बस आप के साथ ऐसे ही अपनी पूरी जिंदगी बीता दूं..आप के सीने से लगे लगे ..आप के सीने की गर्मी और नरम नरम गोलाईयो से लगे लगे ..मोम मैं इन्हें चूसूं ..??"


" हां बेटा चूस ना ...ले चूस ..जितना जी चाहे , जब तक जी चाहे चूस ले इन्हे ..." साना अपने चूची अपनी हथेलियों से थाम्ती हुई , दबाती हुई सॅम के मुँह के अंदर डाल देती है ..." मैं भी तो अपने बेटे को अपना पूरे का पूरा प्यार देना चाहती हूँ ना ..आज तक मेरी ममता भी तो कितनी प्यासी है बेटे..कितनी भूखी है मेरे राजा बेटे..चूस ले ..मेरी ममता की प्यास बुझा दे बेटे ..मेरी झोली भर दे बेटे ...हां चूस ....आआआः ..हां बेटे बस चूसता जा..."


सॅम अपनी मा की एक चूची जोरों से चाट ता है और दूसरी अपने हाथों से दबाता जाता है .....उफफफफफफ्फ़..यह कैसा अहसास था ...वो पागलों की तरेह , एक भूखे इंसान की तरेह अपनी मा की चूचियों पर टूट पड़ता है ....


साना अपने बेटे की अपने लिए ललक , प्यास और भूख उसका अपनी चुचियों के चूसने और दबाने से महसूस हो रही थी .मानो एक भूखा बच्चा उसकी चूचियों को निच्चोड़ निच्चोड़ कर ..चूस चूस कर खाली कर देगा ....वो एक अजीब ही अहसास से पागल हो उठी थी , उसकी मा की ममता जाग उठी थी..अपने बेटे की ललक पूरी करने पर जी जान से जुटी थी ..अपनी चूची उसके मुँह में अपनी हथेली से दबाती हुई और अंदर , और अंदर करती जाती .." हां बेटे चूस और चूस .....ले अब दूसरी वाली भी चूस ना ..इसे भी खाली कर दे ..मेरा पूरा बदन चूस ले बेटा...मुझे खा जा मेरे राजा बेटे ,,खा जा....सब कुछ मेरा तुम्हारा ही तो है ...आअहह....हाआँ .....उफफफफफफफ्फ़...देने में कितना मज़ा है ..मुझे आज महसूस हुआ बेटे ..ले ले ...मेरा पूरा बदन अपने में समा ले बेटा ......आआआः .....मेला बेटा ..मेला राजा बेटा ..कितना भूखा है ....हाआँ अपनी सारी भूख मिटा ले ..."


साना मज़े , मस्ती और प्यार से शराबोर थी......मस्ती के आलम में उस ने अपने आप को अपने बेटे के हवाले कर दिया था ..सॅम बूरी तरेह अपनी मा की भारी भारी , मुलायम चूचियों की घूंड़ी पर अपने होंठ लगाए चूसे जा रहा था ,,चॅप..चप..पुच पच ..चटखारे लेता हुआ ....


फिर वो अपना चेहरा उपर करता है..अपनी मा को जाकड़ लेता है..उसके सीने से चीपक जाता है और उसके होंठ पर अपने होंठ रख देता है ..उसकी चूत पर अपना फिर से कड़क और खड़ा हुआ लॉडा दबाता है ....उसके होंठ लगातार चूस्ता जाता है...चाट ता जाता है ...." उफ्फ मोम मैं क्या करूँ..तुम्हें पूरा अपने अंदर कैसे ले लूँ मोम बोलो ना मैं क्या करूँ ....." और उसकी मुँह में अपनी जीभ डाल देता है ..अपनी मा के मुँह का रस , उसकी थूक , उसका लार मोम के मुँह के अंदर जीभ से चाट ता है ..चूस्ता है ..मोम भी अपना सारा रस अपनी जीभ में लाते हुए उसके मुँह में डालती जाती है..सॅम उसे अपने गले से नीचे उतारता जाता है.....अपनी मोम को चूस्ता है , चाट ता है .....


साना इस चुसाइ से सीहर रही है .उसकी चूत से रस की धार निकलती जा रही है...वो कांप रही है .." हाआँ बेटा ,....हां बस ऐसे ही जितना चाटना है मुझे चाट ..मुझे चूस ले खा ले बेटा ..अपनी भूख मीटा ले .....आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ...उउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह...मेरा बेटा ..मेरा राजा बेटा ..इतने दिनों तक भूखा था ......"


सॅम अपनी जीभ मुँह से निकालता है ..उसे अपने होंठों पर फिराता है और अपनी मा के वहाँ लगे थूक और लार चाट ता है ..उसके गाल चाट ता है ..उसके गले को चाट ता है..उसके सीने को चाट ता है..फिर पेट पर जीभ फिराता है....साना कराह रही है ....सिसक रही है ..कांप रही है उसके हर बार जीभ फिराने से ...


फिर वो नीचे आ जाता है ..नाभी के अंदर जीभ घुसेड़ता है ,,और वहाँ जीभ घूमाता है..साना का पेट उछल पड़ता है ...." आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ......हां बेटा हां ...चाट ...जो जी में आए कर ..मेरे बदन से खेल ...खूब खेल ..पूरी कसर निकाल ले बेटा ....मुझे चूस चूस, चाट चाट के मार डाल ....हां बेटा ..हां...."


अब सॅम से रहा नही जाता , वो अपना मुँह सीधा मोम की चूत के उपर रखता है ..उसकी गीली और रस और वीर्य से शराबोर चूत पर टूट पड़ता है..अपनी मोम की चूत को अपनी उंगलियों से फैलाता हुआ अपनी जीभ घुसेड़ता है वहाँ ..पूरी फाँक की लंबाई को चाट ता जाता है ..चाट ता जाता है....उफफफफफ्फ़..क्या महसूस था ....कितना मुलायम था वहाँ ..मोम का सारा प्यार तो वहीं था .. मोम की चूत में ... उसके चाट ते ही साना के चूतड़ उछल पड़ते है ....उसकी जाँघ थरथरा उठ ती है ,...उसके सारे बदन में कंपकंपी होती जाती है ..साना मानो हवा में लहरा रही थी , तैर रही थी ... और फिर सॅम उसकी चूत की पंखुड़ियों को होंठों से जकड़ता हुआ पूरी तरेह चूस डालता है ..उसका सारा रस अपने अंदर लेता जाता है ...


साना का पूरा बदन कांप उठ ता है ..उसकी चूतड़ , उसका बदन उछल पड़ता है ..उपर उठ ता जाता है ..उसके वश में कुछ भी नही रह जाता ...कुछ भी नही ..साना ऐसे कांप रही थी मानो ठंड से कांप रही हो ....थरथरा रही हो ..उस से रहा नही जाता ....उसकी चूत के होंठ फडक रहे थे ....अपने आप..सॅम की चुसाइ से .. ..और फड़कते फड़कते रस की धार फूट रही थी ....फिर उसकी चूतड़ उपर नीचे , उपर नीचे उछाल मारते है....अपने आप ..यह सब बस होते जा रहा था ..साना बिल्कुल बेहोश सी थी ..और उसका बदन ऐंठ जाता है ..उसकी चूत गाढ़े रस की फूहार छोड़ती जाती है ...उसका पूरा बदन ढीला हो जाता है..और सम सब कुछ चूस्ता जा रहा है ..चूस्ता जा रहा है जब तक कि मोम की चूत बिल्कुल खाली नही हो जाती और मोम उसके जाकड़ में ढीली नही हो जाती..


मोम अब निढाल सी पड़ी है , हाँफ रही है ...


सम अपना कड़क लॉडा उसकी चूत से लगाए उसके उपर लेट जाता है..उसे जाकड़ लेता है ....उसे चूमता है ...उसे चाट ता है ..उसका मन आज भरता ही नही..वो बिल्कुल पागल है अपनी मोम के लिए .....


" मोम ..मैं क्या करूँ ..बोलो ना मोम ..मुझे क्या हो गया है..उफफफफफफ्फ़ ..मोम ..मोम,बोलो ना" अपना लॉडा हाथ में ले लेता है ..उसे अपनी मोम को दीखाता है ..." देखो ना मोम कितना ज़्यादा कड़क है ..मोम मुझे यहाँ दर्द हो रहा है ..मोम दूख़्ता है ..मैं क्या करूँ मोम बोलो ना ..."
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02-04-2019, 12:41 PM,
#30
RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
साना देखती है अपने बेटे का विशाल लंड ... कितना कड़क , लंबा और मोटा था ....वो उठ बैठती है .उसके लौडे को अपनी हथेली से बुरी तरेह जाकड़ लेती है ..उसे सहलाती है..

"हां ..हां .आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह .हां मोम अब अच्छा लगा ....कुछ दर्द कम हुआ .."


" हां बेटा ...मैं जानती हूँ बेटा ..तू कितना तड़प रहा है मेरे लिए ...." और फिर उसके लौडे को अपने मुँह में ले लेती है ..उसके सुपाडे पर जीभ फिराते हुए होंठों से जाकड़ लेती है और चूस्ती जाती है , चाट ती जाती है ....सॅम को बहोत आराम मिलता है ..उसके लौडे को अपनी मा के मुँह की गर्मी और गीलेपन से बहोत शूकून मिलता है .....पर उसका बदन सीहर उठ ता है....


उसका लॉडा मोम के मुँह के अंदर ही अंदर और भी कड़क होता जाता है ....साना की चूत फिर से गीली होती जाती है .....


साना उसके लौडे को अपने मुँह से बाहर निकालती है ...अपनी टाँगें फैला देती है ..लौडे को चूत की फाँक के बीच उसके सुपाडे से रगड़ती जाती है ...इस रगड़ से वो खुद भी सीहर उठ ती है और सॅम भी उछल पड़ता है इस घीसाई से ....दो चार बार उपर नीचे करती है ....फिर उसके लौडे को अपनी चूत की छेद पर रख देती है और सॅम से कहती है

" बेटा अब डाल दे इसे अपनी मा के अंदर .....तभी तुझे और मुझे दोनों को शांति मिलेगी ..हां बेटा तुम्हें अपनी मोम की चूत की गर्मी चाहिए और तुम्हारी मोम को तुम्हारे लंबे और मोटे लौडे की गर्मी ...दोनों को गर्मी चाहिए तभी हम दोनों ठंडे होंगे ..कैसा है यह भूख बेटा जो गर्मी से ही ठंडी होती है .....आ चल अब देर मत कर .कर ले अपनी भूख शांत .."


और फिर सॅम अपनी मोम की चूतड़ को जकड़ते हुए अपना मोटा लॉडा अपनी मा की चूत ,जो अब तक बूरी तरेह गीली हो चूकी थी , के अंदर डालता है ..फॅच से अंदर फिसलता हुआ चला जाता है .....साना चीख पड़ती है मस्ती में ....." हाआँ ....हाआँ ...उउउउउउउउ...हां बेटा रूकना मत , खूब जोरों से अंदर बहार करता जा ..हां बेटा करता जा..रूकना मत ...अपनी मोम को खूब चोद ..अपना सारा गुस्सा निकल दे बेटा ..मेरी चूत फाड़ दे बेटा ..हां बेटा इसके चिथड़े चीथड़े कर डाल ....हां ...आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ..."


और सॅम मोम की बातों से और भी जोश में आता जा रहा था और उसके धक्के ज़ोर और ज़ोर , और ज़ोर होते जाते ..हर धक्के पर साना का चूतड़ उछल पड़ता ...


" बेटा मेरी चूचियाँ भी चूस ना , दबा ना उन्हें , देख ना कितनी टाइट हैं मेरी निपल्स ..इन्हें भी चूस और धक्के लगाता जा ..हाआंन्‍नननननननननननननणणन् ..हां ले , ले चूस इन्हें .." सम अपनी मोम के सीने से चीपक जाता है उसकी चूचियो बारी बारी मुँह में भर लेता है और चूस्ता जाता है ..जैसे जैसे चूस्ता है..उसकी मोम की चूत से पानी छूट ता जाता है..उसके लंड पर महसूस होता है और वो सीहर उठ ता है और फिर धक्के ज़ोर पकड़ते जाते हैं .....


वो बेतहाशा अपनी मोम को चोदे जा रहा था ..अपनी लौडे को शांत करने की कोशिश में जूटा था ...फतच फतच..पॅच पॅच और ठप ठप की आवाज़ से कमरा गूँज रहा था ....


और फिर उसकी मोम की चूत की पंखुड़ियाँ टाइट हो जाती हैं , उसके लौडे को जाकड़ लेती है..फिर खूल जाती है ..दो चार बार ऐसा होता है और फिर मोम का पूरा बदन ऐंठ जाता है ....उपर उछलता है और फिर नीचे ढीला होता हुआ पड़ जाता है ..साना के मुँह से एक मस्ती भरी चीख निकलती है ..." स-आ-आ-आ-म ...." और हान्फ्ते हुए अपने बेटे के नीचे ढीली पड़ जाती है..


पर सॅम अभी उसे चोदे जा रहा है ....उसके मोम की रस की धार उसके लंड पर पड़ती है और इस धार की गर्मी वो बर्दाश्त नही कर पाता ..उसका पूरा बदन गन गना उठ ता है और वो भी झटके पे झटका खाता है ..उसका लॉडा भी मोम की चूत के अंदर झटके खाता हुआ झाड़ता जाता है , झाड़ता जाता है ,,


उसके अंदर जमा सारा रस और वीर्य अपनी मोम की छूट के अंदर पीचकारी मारता हुआ निकल पड़ता है ....वो भी मस्ती की चरम सीमा पर है और चीख पड़ता है..."म-ओ-ओ-ओ-ओ-ओ-म ......"


सॅम अपनी मोम को जाकड़ लेता है बूरी तरेह .... अपना लंड उसकी चूत में डाले रहता है ...और उसके अंदर खाली होता जाता है ...


सॅम अपनी मोम से चीपकता हुआ अपना सर मोम के सीने पर रख देता है ..


अब सॅम शांत हो जाता है ..उसका लॉडा भी शांत हो जाता है ..


साना अपने बेटे का वीर्य अपनी चूत में भर लेती है ..वो इस अहसास से निहाल हो जाती है ....


दोनों की गर्मी ठंडी हो जाती है ...


एक दूसरे की बाहों की गर्मी का अहसास करते हुए पड़े रहते हैं ..एक दूसरे में खोए रहते हैं ...
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