RE: Chudai Story अजब प्रेम की गजब कहानी
अवी- अपनी नज़रे उसकी ओर करके अरे भाभी वो दोनो तो कही नज़र नही आ रही है
शालिनी - कोई बात नही तुम बैठ जाओ
अवी- अच्छा भाभी और फिर अवी फिर से बैठ जाता है शालिनी अपनी दोनो जाँघो की जड़ मे अपन दुपट्टा डाल कर अपनी चूत को
छुपा लेती है और अवी की नज़रो को देखने लगती है अवी शालिनी की नज़रो से अपनी नज़रे बचा कर उसकी चूत को देखने की
कोशिश करता है और शालिनी अपनी नज़रे तिर्छि करके उसकी हर्कतो को समझ चुकी होती है और फिर
शालिनी- अवी क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगे
अवी- मुस्कुरकर क्यो नही भाभी
शालिनी- तो फिर पहले मुझे भाभी की बजाय शालिनी कह कर पुकारो
अवी- ओके शालिनी जी
शालिनी- जी नही ओन्ली शालिनी
अवी- मुस्कुराता हुआ ओके शालिनी
शालिनी- पर दोस्ती अगर करोगे तो निभाना भी पड़ेगी और दोस्ती मे एक दूसरे से सब कुछ शेर करना पड़ेगा
अवी- भाभी मैं दोस्ती का मतलब जानता हू
शालिनी -अपना हाथ बढ़ाते हुए तो ठीक है मिलाओ हाथ
अवी- मुस्कुरकर शालिनी की ओर हाथ बढ़ा देता है और फिर शालिनी उससे अपना हाथ मिला लेती है
शालिनी- तो अब हम दोस्त बन चुके है
अवी- मुकुरकर बिल्कुल
शालिनी- अब तुम बिल्कुल फ्रॅंक होकर मुझसे मेरे बारे मे कुछ भी पूछ सकते हो या कह सकते हो
अवी- बिल्कुल
शालिनी- और मैं भी तुमसे जो पूछूंगी तुम्हे अपना दोस्त समझ कर मुझे बताना होगा
अवी- क्यो नही दोस्ती की है तो निभाउन्गा, लेकिन एक बात मेरी भी है शालिनी
शालिनी- वह क्या
अवी- दोस्ती मैं विश्वास सबसे बड़ी चीज़ होती है और हम दोनो एक दूसरे का विश्वास कभी नही तोड़ेंगे जिस दिन हमने एक
दूसरे का विश्वास तोड़ा और धोखा दिया उस दिन हमारी दोस्ती भी ख़तम हो जाएगी
शालिनी- मैं यह बात याद रखूँगी, ओके
अवी- मुस्कुरकर ओके
शालिनी- अच्छा दोस्त तो फिर अब ज़्यादा शरमाने की कोशिश ना करते हुए सीधे-सीधे अपने दोस्त को बता दो कि तुम दोनो
मे से किसके मोटे-मोटे चूतादो को घूर रहे थे
अवी- अपने मन मे सोचता है, एक तो मेरा मोटा लंड वैसे ही इसकी फूली हुई गुलाबी चूत को देख कर पागल हो रहा है उपर
से यह भारी-भारी चूतादो की बात करके मुझे और पागल कर रही है लगता है अपन मोटा लंड अभी निकाल कर इसकी फूली
हुई चूत को और फाड़ दू वैसे भी इसका पाजामा तो फटा ही है, काश यह मुझसे अभी अपनी चूत मरवा लेती तो आज तो मैं
इसे खूब कस-कस कर चोद्ता,
शालिनी- अपना मूह बनाते हुए, अवी तुम क्या दोस्ती नही निभाना चाहते
अवी- नही-नही ऐसी तो कोई बात नही है
शालिनी- तो फिर मैं जो पूछ रही हू उसे बताते क्यो नही
अवी- मुस्कुरकर ठीक है भाभी, ओह मेरा मतलब है शालिनी मैं तुम्हे बता देता हू पर तुम्हे अपना वादा याद रखना
होगा कि ,
शालिनी- मुझे सब याद है अवी और फिर तुम अपने मन की बात बताओ मैं तुम्हे अपने दिल की ऐसी बाते बताउन्गि जो मैने
अभी तक नरेन्द्र को भी नही बताई है, तो अब तो तुम्हे मुझ पर भरोशा करना चाहिए
अवी- ठीक है शालिनी जब तुम इतनी बड़ी बात कर रही हो तो मैं तुम्हे बता देता हू, दरअसल मैं स्वीटी के ही मोटे-मोटे
चूतादो को देख रहा था,
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