06-05-2017, 02:42 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
मैं आज आंटी लोगो के साथ नही घूमना चाहता था ..मैं चाहता था कि सोनम या मनु मुझे मिल जाय…बट वो दोनो ही अलग ग्रूप मे निकल गई….सोनू भी दीपा के साथ निकल गया…रिचा मेरे पास आई..पर मैने उसे वेट करो कह कर टाल दिया…
मैं सोच ही रहा था कि किसके साथ जाउ…मुझे किसी न्यू माल के साथ जाना था..पर फिलहाल सब बिज़ी थे….
फिर मैने सोचा कि क्यो ना पहले घूम लूँ..फिर मस्ती की सोचुगा…ऑर यही सोच कर मैं मन्गो के पेड़ो की तरफ निकल गया….
थोड़ा आगे जाकर…मैं ऐसी जगह पहुचा जहाँ पर आम के घने पेड़ लगे हुए थे और रोशनी भी बहुत कम आ रही थी…महॉल थोड़ा डरावना था…सिर्फ़ चिड़ियो की आवाज़े ऑर हवा के चलने की आवाज़े ही आ रही थी..
मैं भी थोड़ा सा डर रहा था ऑर आगे जा ही रहा था कि किसी ने पीछे से मेरे कंधे पर हाथ रखा…मैने 1 मिनिट के लिए तो डर ही गया ऑर मैने चिल्लाते हुए पीछे देखा….
मैं-कौन है…कौन है..??
और जब मैं पूरा पलटा तो देखा कि वो तो दामिनी थी….जो मुझे देख कर हँसने लगी…
मैं- ओह..तुमने तो …डरा ही दिया….
दामिनी(हँसते हुए)- बस इतनी जल्दी डर गये…वैसे तो बड़े मर्द बनते हो…
मैं- तो क्या…मर्द भी डरता है….समझी
दामिनी- ओके….ओके..आइ एम सॉरी…
मैं- कोई नही…पर तुम यहाँ …???
दामिनी- हाँ, वो मैने तुम्हे यहा आता देख लिया था तो पीछे -पीछे आ गई...
मैं- अच्छा…वैसे कुछ काम था या ऐसे ही…
दामिनी- काम तो तुमसे बहुत से है…और आगे भी रहेगे…
और दामिनी ने मुझे बाहों मे जाकड़ लिया…
मैं- ओके...पर यहाँ ...*कंट्रोल करो...
दामिनी- मैं आज फुल कंट्रोल मे हूँ...वरना अभी तक तो तुम्हारा लंड मेरी चूत मे होता..
मैं- ओह..ऐसा क्या..तो फिर मेरे पीछे आने की कोई ख़ास वजह…या घूमने ही आई हो…???
दामिनी- वजह है…मेरा प्रोमिस...
मैं- प्रोमिस..????....क्या…????
दामिनी- भूल गये , मैने कहा था ना कि यहा से जाने के पहले तुम्हे फ्रेश चूत दूँगी…
मैं- ओह , हाँ…तो फिर…कब दोगि..???
दामिनी- आज ही….अभी ऑर यही..
मैं- यहाँ...*????
दामिनी- हाँ, यहाँ
मैं- पागल हो क्या....यहाँ कैसे...*???
दामिनी- तुम टेन्षन क्यो लेते हो...वैसे भी सब अपनी मस्ती मे बिज़ी है...तुम जब तक न्यू चूत को फाड़ दो....
मैं- ह्म्म्म ..वो तो ठीक है , पर कहाँ फाडू…ऑर है कौन वो..
दामिनी- है कौन , ये तो मिल कर पूछ लेना…ऑर फाड़ने की जगह मैं बताती हूँ…
मैं- तो फिर चलो….आइ एम रेडी
दामिनी- जानती हूँ….तो तुम उस घर मे जाओ…वहाँ वो वेट कर रही है…
मैं- जाओ मतलब क्या…तुम नही चलोगि…
दामिनी- अरे यार हम साथ मे जायगे तो ठीक नही होगा…तुम जाओ ना…वैसे भी वहाँ मेरा क्या काम…
मैं- ओके…बट पहले तुम जाओ..फिर मैं आता हूँ..ऑर उसके बाद तुम निकल..जाना…
दामिनी- पर मेरी ज़रूरत क्या है..???
मैं- यार फ्रेश माल है...थोड़ी जान-पहचान करवा दोगि तो वो कंफर्टबल हो जायगी , समझो ना
दामिनी-ह्म्म..ठीक है मैं जाती हूँ…तुम जल्दी आना..ओके..
मैं- हाँ..तुम चलो , मैं आया…
इसके बाद दामिनी आगे जाती हुई साइड मे बने एक छोटे से घर मे चली गई…ऑर थोड़ी देर बाद मैं भी आजू-बाजू देखते ही घर मे पहुच गया…
मैने जैसे ही अंदर पहुचा तो देखा कि दामिनी के साथ एक लड़की खड़ी हुई थी…उसका चेहरा दूसरी तरफ था..शायद शरमा रही होगी…
दामिनी- अब मैं चली..तुम मस्ती करो..ऑर हाँ..थोडा प्यार से…उंगली भी नही गई इसकी चूत मे…..इसलिए यहाँ क्रीम ऑर आयिल भी रख दिया है है ..वो रहा..
दामिनी ने मुझे इशारे से आयिल ओर क्रीम दिखा दी…
मैं-ह्म्म..पूरा इंतज़ाम....क्या बात है…
दामिनी- ऑर नही तो क्या..वरना तुम्हारे लंड से इसकी फट जायगी..हहेहहे
मैं- ह्म्म्म्म ..मैं जानता हूँ…पहले भी शील तोड़ी है मैने कई….इसकी भी प्यार से तोड़ुगा…
दामिनी फिर बाहर चली गई ओर मैने गेट को अंदर से लॉक किया ओर उस लड़की के पास आ गया….
वो लड़की अभी भी मेरी तरफ नही पलटी थी ऑर अपनी आँखे ज़मीन मे गढ़ाए हुए थी…
मैने पीछे से जाकर उसके कंधो को हाथ से पकड़ा तो वो सिसक उठी…और जैसे ही मैने उसे पलटाया तो देख कर चौंक गया….
ये तो वही लड़की थी जो कामिनी के घर काम करती है…पारूल..हाँ, ये वही है…
मैं- पारूल …तुम…
पारूल- हुम्म
मैं- ओह ..तुम तो जानी-पहचानी , निकली
पारूल- ( चुप रही..ऑर नज़रे नीचे किए हुए थी..)
मैं- अब देख भी लो….ऐसे नज़रे चुराने से मज़ा नही आयगा…
मेरे कहने से पारूल ने मुझे देखा तो उसकी आँखो मे शर्म और एक्साइट्मेंट सॉफ दिखाई दे रहा था...शायद पहले सेक्स का वेट कर रही थी....
मैं- ओह पारूल..उस दिन तुम्हे देख कर मन हुआ था कि कभी तुम्हारे साथ मस्ती करूँ...देखो आज मौका मिल ही गया...
पारूल- (फिर से चुप रही...शायद शरम के मारे चुप थी...)
मैं- देखो अगर तुम बोलोगि नही तो मैं जा रहा हूँ....
और जैसे ही मैं मुड़ा तो पारूल ने मुझे पकड़ के अपनी तरफ पलटा दिया ऑर मेरे गले से कस कर लिपट गई…
पारूल- मत जाओ ..शाब..मत जाओ…
मैं- ओके..नही जाता पर मुझे साहिब मत बोलो….
पारूल- तो क्या कहूँ...
मैं- ह्म्म...एक काम करो...तुम मुझे भैया कहो..
पारूल- भैया...नही ...भाई के साथ ऐसा नही कर सकते...
मैं- ओह हो...तुम भैया ही कहो...इसमे ज़्यादा मज़ा आयगा...खून का नही सही...मुँह बोला भाई तो बना ही सकती हो ना..
पारूल- पर कामिनी मेडम...आप तो उसके मेहमान हो...ऑर हम छोटे लोग...
मैं- चुप करो…इंसान , सब बराबर होते है…तुम मुझे भैया ही कहो…
पारूल- ह्म्म..पर भैया के साथ ये करना ठीक होगा…
मैं- अरे उसमे क्या…मेरे दोस्त की बहन भी मुझे भैया कहती है..और मैं उसे भी चोदता हूँ…
पारूल- हाय राम..आप अपने दोस्त की बहन के साथ…
मैं- तो क्या हुआ…चूत ओर लंड की भूख ऐसी ही है….ओर वैसे भी जब अपने भूख मिटाने को मिले तो मज़ा दोगुना बढ़ जाता है..
पारूल- सच मे..
मैं- हाँ…तू मुझे भैया कह कर चुदना ..फिर देख कितना मज़ा आता है….
पारूल-ह्म्म....ठीक है…
मैं- तो अब अपने भाई को खुश कर…
और मैने अपने होठ पारूल के होंठो पर रख दिए..ऑर उसके निचले होठ को मूह मे भर कर चूसने लगा…पारूल अभी अनाड़ी थी इसलिए वो ठीक से किस भी नही कर पा रही थी…
मैं(किस तोड़ कर)- पहली बार किस कर रही हो
पारूल-जी सर…अरे..जी भैया..
मैने- ओके..देखो जैसे मैं तुम्हारे होठ चूस रहा था ऐसे ही तुम मेरे चूसो ..ओके
पारूल -जी भैया
फिर मैने पारूल को किस करना सुरू कर दिया ऑर इस बार पारूल ने मेरे होंठो को मूह मे भर के चूसना सुरू कर दिया….
मैने थोड़ी देर तक पारूल को किस करता रहा ..ऑर पारूल भी मेरी तरह नकल करते हुए ..मुझे किस करती रही..ऑर पूरी तरह गरम होने लगी…थोड़ी देर मे पारूल ने मुझे बाहों मे जाकड़ कर किस करना सुरू कर दिया….फिर मैने किस ख़त्म किया तो पारूल हाँफने लगी…
मैं-आहह क्या हुआ..
पारूल- आहह…पता नही…कुछ –कुछ हुआ है…गर्मी लग रही है…
मैं- ह्म्म..तो एक काम करो..अपने कपड़े निकाल दो…
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06-05-2017, 02:43 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
पारूल- मुझे शर्म आती है….
मैं- अपने भैया की बात नही मनोगी…
पारूल- आप से ही तो शर्म आ रही है..
मैं- लेकिन तुम भैया को खुश करने आई हो ना...तो निकालो जल्दी...
पारूल(शरमा कर)- भैया आप ही उतार दो ना...
मैं- ओके मेरी गुड़िया…अभी निकालता हूँ…
और उसके बाद मैने पारूल की ड्रेस निकाल दी…अब वो मेरे सामने ब्रा –पैंटी मे थी…ओर मैने उसे गौर से देखने लगा….
पारूल थोड़ी सावली कलर की मस्त जवान लड़की थी पर अब तक किसी ने उसे छुआ भी नही थी…उसके बूब्स ऑर गंद देख कर सॉफ पता चल रहा था कि वो फ्रेश माल है…
पायल मुझे ऐसे घूरते हुए देख कर शरमा गई ऑर अपनी ब्रा ऑर पैंटी पर हाथ रख कर बूब्स और चूत को छिपाने लगी….
मैं- अरे मेरी बहना..अब भैया से कैसी शरम …भैया को बॉडी दिखाओ अपनी..
पारूल- नही भैया …शर्म आ रही है…
मैं(पायल के कंधे पर हाथ रख कर)- अब भैया की बात नही मनोगी…
पारूल- भैया ..मानूगी …पर
मैं- पर वर कुछ नही...दिखाओ जल्दी...
पारूल- ह्म्म...ये लो..देख लो…
और पारूल ने अपने हाथों को हटा दिया..
मैं- ऐसे नही बहना...थोड़ा खोल कर दिखाओ...
पारूल- भैया..आप ही खोल लो ना…
मैने देखा कि इस घर मे भी कामिनी ने बेड ऑर सोफा रखवाया हुआ था..तो मैने पारूल को गोद मे उठाया ऑर बेड पर लिटा दिया ऑर मैं भी उसके साइड मे लेट कर उसे किस करने लगा….
थोड़ी देर मे किस करते हुए मैने पारूल के बूब्स को ब्रा से निकाला ऑर उस पर किस कर दिया…फिर दूसरे बूब को निकाल कर किस किया…अब पारूल ने भी अपनी ब्रा को पीछे से खोल दिया ऑर उसके बूब्स मेरे सामने आ गये…पारूल की शर्म ख़त्म हो रही थी….इसी बीच मैने पारूल की पैंटी को साइड करके उसकी चूत को सहलाना भी सुरू कर दिया,,,
और मैं फिर से उसे किस करने लगा ओर साथ मे उसकी चूत को हाथ से सहलाने लगा….
थोड़ी देर किस करने के बाद मैने किस तोड़ा ओर पारूल के बूब्स देख कर कहा…
मैं- ओह मेरी गुड़िया…इतने मस्त बूब्स , अपने भैया से छिपा रही थी…अब भैया को दूध पिलाओगी..
पारूल-आहह..हाँ भैया..पी लो….
मैं- पीता हूँ गुड़िया…अभी लो…
और मैने पारूल के बूब्स को चाटना शुरू कर दिया..ऑर पारूल मस्त हो कर सिसकने लगी...
मैं-सस्ररुउउप्प्प..आअहह…सस्रररुउउप्प्प
पारूल-आहह..भैया….आअहह
मैं-सस्स्रररुउप्प्प….सस्स्रररुउउप्प….सस्स्ररुउउप्प्प
पारूल- आहह…आहह…ऐसे…हहह
थोड़ी देर बाद मैने पारूल के एक बूब को पूरा मूह मे भर लिया ऑर चूसने लगा…
मैं- उम्म्म्म…उउंम..उूउउम्म्म्मम
पारूल- ओह्ह…माँ…..क्या…कर…राह्ह्ही…..आहह
मैं- उउंम्म..उउंम्म..उउंम्म…
पारूल- आअहह…आहह…ऊहह…ऊहह..भैयाअ….आहह
मैं- उउम्म्म्म..उूउउम्म्म्मममह..उउम्म्मह
पारूल-हहाअ..भीयाअ…ऐसे…..हीईिइ..आहह…..आहह
मैने पारूल के बूब को बारी-बारी मूह मे भर कर चूस्ता रहा और साथ मे उसकी चूत को सहलाता रहा …ऑर पारूल…पूरी मस्त हो कर सिसकती रही…फिर मैने बूब को चूसना छोड़ा ऑर कहा…
मैं- आहह..मज़ा आया, गुड़िया…
पारूल-आहह..हाँ..भैया…बहुत मज़ा..आहह…
मैं- और मज़ा करेगी ना…भैया के साथ….
पारूल-हम भैया..करूगी…इतना मज़ा कभी नही आया…
मैं- तो देखना..आज तुझे कितना मज़ा कराता हूँ…
और उसके बाद मैं पारूल की चूत की तरफ आ गया ऑर पैंटी की पट्टी को साइड किया ऑर उसके पैरो को फैला कर , पारूल की चूत पर जीभ फिरा दी….जो पानी- पानी हो रही थी…
मैं- सस्र्र्ररुउउप्प…आहह….मस्त चूत है तेरी…
पारूल-आहह…भैया…नही…वहाँ…गंदा है…
मैं- चुप...चुदाई मे गंदा नही होता कुछ...सब मस्त होता है...तू बस मज़े कर....सीख जायगी...सस्स्रररुउउप्प्प्प...
पारूल- भैयाअ....आहह....तीएकक....हाइी...जो..आहह..कहो...
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06-05-2017, 02:44 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
मेरी बात सुनते ही पारूल की आँखो से आँसू आ गये और वो सुबकने लगी...
पारूल-(रोते हुए)- नही भैया….मैं रंडी नही…पर इसके लिए दामिनी जी मुझे पैसे देगी…ऑर मेरे लिए पैसे बहुत ज़रूरी है..तो
मैं- ऐसी भी क्या ज़रूरत आ पड़ी जो पैसो के लिए ये काम करने लगी…
पारूल- भैया , मेरे घर की हालत तंग है और मैं पढ़ना चाहती हू , इसलिए …
मैं- अच्छा…रो मत….ये बताओ कि तुम्हारे घर मे कौन-कौन है…???
पारूल- मैं ओर मेरी माँ…
मैं- और तुम्हारे पापा...*????....नही है..???
पारूल- नही…वो हमें छोड़ कर चले गये थे….
मैं- और वो ममता कौन है…
पारूल वो मेरी रिश्तेदार है..मौसी की लड़की…
मैं- तो ये सब पैसो के लिए कर रही हो…क्यो
पारूल- ह्म्म
मैं- क्यो तुम्हारी माँ कहती है क्या, ये वो घर नही चला सकती…???
पारूल- भैया..मेरी माँ काम करती है…पर उससे गुज़ारा ही हो पाता है बस ..ऑर मैं पढ़ना चाहती हूँ…इसलिए कामिनी जी कि घर काम करने लगी , कि पैसे जोड़ कर पढ़ाई कर सकूँ…
मैं- तो आज ये सब क्यो किया…
पारूल- इससे मुझे एक साथ पैसे मिल जाते ऑर मेरे घर मे काम आते ..ओर मैं पढ़ाई शुरू कर पाती….
मैं- बस इसी लिए
पारूल- जी भैया…
मैं(कुछ सोच कर)- ओके…अगर तुम्हे ये सब मिल जाय तो…..
पारूल- मतलब....मैं समझी नही भैया
मैं- देखो , अगर तुम्हारी माँ ऑर तुम्हारा खर्च अच्छे से चलने लगे ऑर तुम पढ़ाई भी करने लगो तो फिर… ये सब करोगी...*???
पारूल- कभी नही भैया....पर ऐसा कैसे होगा...
मैं- देखो पारूल..अगर तुम चाहो तो तुम अपनी माँ के साथ मेरे घर आ जाओ..वहाँ तुम पढ़ाई करना ऑर तुम्हारी माँ को मैं अपने घर काम दे दूँगा...ओर पैसे भी अच्छे मिलेगे..पढ़ाई भी अच्छे से कर पओगि...पर ये सब मत करना...
पारूल- भैया..मैं माँ से बात करूगी....ऑर मैं ये सब किसी के साथ नही करूगी
मैं- ओके...तुम्हारी माँ से मैं बात कर लूँगा...तुम कल मेरे साथ मेरे घर चलोगि..ऑर तुम्हारी माँ भी....ठीक है
पारूल-ठीक है...पर ये सब आप करोगे क्या मेरे साथ...
मैं - ये सब...मतलब...???
पारूल(शरमाते हुए)- वही जो आज किया है....
मैं- अगर तुम खुशी से चाहो तो…पैसो के लिए नही…ऑर हाँ…मैं तुम्हारे लिए जो कर रहा हूँ वो सेक्स के लिए नही…समझी
पारूल- जी भैया..पर आपके साथ करने मे अच्छा लगा…
मैं- तो कभी-कभी कर लेना…पर पढ़ाई करना ओककक
पारूल-जी भैया…
मैं- बाकी मैं दामिनी को बोल दूँगा , वो तुम्हारी मां को मना लेगी…तुम रेस्ट करो..मैं टॅबलेट पहुचाता हूँ…
पारूल- जी भैया…
मैने जाने लगा तो पारूल ने फिर से मुझे टोक दिया…
पारूल- भैया , एक बात पूछ सकती हूँ...*???
मैं- हाँ, पूछो
पारूल- आप मेरे लिए इतना सब क्यो कर रहे है….???
मैं- सच बोलू तो मुझे भी नही पता ….बस तुम्हे देख कर दिल किया ऑर करने का मन हो गया,….अब रेस्ट करो..ओके
पारूल- भैया..आपका दिल भी बहुत बड़ा है…
मैं(मुस्कुरा कर)- हो सकता है…मैं नही जानता…अब कोई बात नही…रेस्ट करो…ओके
पारूल – जी भैया…
इसके बाद मैं पारूल को छोड़ कर उस घर से बाहर आया और दामिनी को कॉल करके सब बता दिया…दामिनी ने कहा कि पारूल ऑर उसकी माँ कल मेरे साथ आ जायगी ऑर पारूल को टॅबलेट भी पहुच जायगी ऑर बाद मे दामिनी पारूल को अपने साथ घर ले जायगी….अभी रेस्ट करने दो...
जब मैने पारूल का मामला सेट कर दिया तो मुझे भूख सी लगने लगी और मैं लंच की जगह पर वापिस आने लगा…जहा लंच रेडी हो रहा था…..
मैने वापिस आते हुए पारूल के सवाल के बारे मे सोचने लगा कि, क्यो कर रहा हूँ मैं इतना सब पारूल के लिए….पर मेरे पास कोई जवाब नही था…पता नही क्यो, मुझे पारूल की मजबूरी देखी नही गई…..वो सिर्फ़ पैसो के लिए मेरे साथ सेक्स करने को राज़ी हुई थी….ऑर यही बात मुझे दिल मे लग गई…क्योकि मैं सिर्फ़ मस्ती के लिए सेक्स को अच्छा मानता हूँ…किसी की मजबूरी का फ़ायदा उठा कर सेक्स करना ,,,मुझे अच्छा नही लगता,….खैर जो भी हो…शायद मेरे दिल ने सही डिसिशन लिया…पारूल का भला करने का….
फिर मैं सोचते हुए उस जगह आ गया , जहाँ पर लंच का प्रोग्राम था…वहाँ मुझे सब लोग दिखाई दे रहे थे ….
मुझे देखते ही आंटी ने आवाज़ दी….ऑर मैं आंटी के पास पहुच गया…
आंटी- कहाँ था तू…भूख नही लगी क्या…???
मैं- बहुत भूख लगी है आंटी …इसी लिए तो आया…ऑर मैं तो बस ऐसे ही घूम रहा था…
आंटी- ह्म्म..अब कुछ खा ले , फिर घूमते रहना….
फिर आंटी ने मुझे प्लेट लगा के दी ऑर कहा…
आंटी- देख..आज तू ड्रिंक ना ही करे तो अच्छा..ऑर करना भी हो तो 1-2 पेग ही लेना…ओके
मैं- ओके आंटी ..वैसे भी दिन मे मेरा मूड नही होता…नही लूँगा..
आंटी- अब तू बैठ के खाना खा….मैं आती हूँ…
इसके बाद मैं वहाँ लगी हुई टेबल पर बैठ गया ऑर खाना खाने लगा….यहाँ भी खाने मे नोन-वेग था और मैं भूख भी थी..फिर क्या मैं मगन होकर खाना खाने लगा.....
मैं खाना खा ही रहा था कि तभी मेरी टेबल पर दीपा ऑर सोनू भी आ गये…
सोनू- ऑर भाई ..खाना हो रहा है..???
मैं- ओह, सोनू…हाँ यार भूख लग रही थी
सोनू- यार भूख तो मुझे भी लगी है..
दीपा- क्यो, अभी मुझे ख़ाता रहा था तो पेट नही भरा…
मैं- क्या…तुम लोग यहाँ भी सुरू हो गये….
सोनू- क्या करूँ भाई...दीपा आंटी इतनी मस्त है कि जब भी देखो तो मन हो जाता है...
मैं- ओके..तो दोनो ने खूब मज़े किए…
सोनू – हाँ..भाई आज तो खुले आसमान के नीचे मज़े किए…
मैं- ग्रेट यार…लगा रह…ऑर दीपा तूने भी फुल मस्ती की…हाँ
दीपा- हाँ , सच मे ..आज खुले मे चुदने का मज़ा आ रहा था…
मैं - हाँ साली , तुझे तो मज़ा आयगा ही...अब रंडी बन गई तू...है ना
दीपा - नही...सिर्फ़ तुम्हारे लिए रंडी हूँ...तुम ना कह दो तो इसे छुने भी ना दूं...
सोनू- अरे आंटी....ए के भाई ऐसा मत करना प्ल्ज़्ज़
मैं - अरे दीपा मैं जानता हूँ...तुम इसे मज़ा करवाओ..मैं तो बस मज़ाक कर रहा था...
दीपा- ऐसा मज़ाक मे भी मत कहना...मैं सिर्फ़ तुम्हारी रंडी हूँ...
मैं - ओके...सॉरी अब तुम दोनो मज़े करो ओके
सोनू- भाई खाने के बाद हम वहीं जा रहे है…तुम भी आओ ना..
दीपा- हाँ…चलो ना..दोनो मेरी चूत ऑर गान्ड को खुले मे फाड़ना…
मैं- अरे दीपा…तुम दोनो मज़े करो ना…मैं अभी थोड़ा बिज़ी हूँ…कुछ काम है
दीपा- खूब जानती हूँ तेरे काम को…किस पर दिल आ गया…
मैं- अरे …ऐसा कुछ नही..बस देखता हूँ…कोई मिल जाय तो बताउन्गा..
दीपा- ओके…तुम जैसा कहो…पर मुझे मत भूलना…चलो मैं कामिनी के पास जा रही हूँ…तुम लोग खाना खा लो…ऑर सोनू खाना खा कर मुझे बता देना
मैं- ओके..
सोनू-ओके आंटी...जल्दी आना
इसके बाद दीपा चली गई ऑर सोनू बोला...
सोनू- भाई मेरा काम आगे बढ़ा किया...
मैं- अरे यार...बोला ना हो जायगा...अभी खाना खा और मुझे भी खाने दे..
सोनू - ओके भाई ..सॉरी..खाना खाते है..
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06-05-2017, 02:44 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
सोनू और मैं खाना खाने लगे…हम ने नॉर्मल बाते करते हुए ही खाना खाया ऑर उसके बाद टहलने लगे…..
थोड़ी देर बाद , सोनू दीपा को ले कर निकल गया ऑर मैं सोनम और मनु को ढूढ़ने लगा…कि शायद कोई तो अकेले मे मिल जाय….जिससे बात आगे बढ़ा सकूँ….
पर इस मामले मे मेरी किस्मत खराब निकली…मनु कामिनी के साथ निकल गई ऑर सोनम , अपनी माँ ऑर काजल के साथ…
जब सब निकल गये तो मैं क्या करूँ…यही सोच कर मैं भी निकल गया उसी जगह की तरफ , जहाँ मैं सबसे पहले गया था…
मैं चलते हुए आगे जा ही रहा था कि मुझे किसी के पुकारने की आवाज़ आई…
पीछे से कोई सुनिए-सुनिए कह कर बुला रहा था...जब मैने देख तो एक साइड मे मुझे एक लड़की दिखाई दी…जो ज़मीन पर चद्दर डाल कर बैठी हुई थी ओर मुझे हाथ हिलाते हुए बुला रही थी…..पर चेहरा सॉफ नही दिख रहा था...बालो की वजह से....
मैं(मन मे)- अब ये किसे बुला रही है....क्या मुझे...???...पर मुझे क्यों बुला रही है..कही चुदाई तो नही करवानी इसे भी…ह्म्म्मह हो भी सकता है…चलो अगर इसकी मिल गई तो ये आज की दूसरी न्यू चूत मिलेगी…
मैं अपना मूड बना कर उस लड़की के पास पहुच गया …पास जाते ही मैं उसे पहचान गया....ये तो ममता थी...पर ड्रेस चेंज थी उसकी...
मैं- ह्म्म्मल..तो तुम हो…यह क्या कर रही हो…
ममता- क्यो पहचाना नही था क्या...
मैं - अरे वो ड्रेस चेंज हो गई ना...तो
ममता - अरे वो उस ड्रेस पर कुछ गिर गया था तो चेंज कर ली...
मैं- ह्म्म..ये ड्रेस मस्त है...
ममता- सच मे...थॅंक यू
मैं - तो बताओ यहाँ क्या कर रही हो...???
ममता- मैं तो पेट पूजा करने बैठी हूँ…देखो..ये चिकन और ड्रिंक…दिखाई नही दिया क्या…
मैं- अच्छा…दिखाई तो दिया…पर ऐसे अकेले वो भी सुनसान जगह…कोई खाने पीने के लिए नही आता…समझी
ममता- बात तो सही है..पर मेरा मन हुआ ऑर मैं यहाँ आ गई..
( मैं जानता था कि ये यहाँ पर खाने-पीने नही आई है..पर सॉफ बोलती भी नही…चलो इसको अपने तरीके से हॅंडल करता हू……)
मैं- ओके…तो तुम अपने मन की करो ऑर मैं चला घूमने…
ममता- अरी..अर्रे…मेरी बात तो सुनो…
मैं- क्या बात….तुम खाने आई हो तो ऐश करो..मैं क्या करूगा…मैं खा कर आया हूँ
ममता- ओके…मैं सच बताती हूँ…पर पहले तुम बैठ जाओ प्लीज़
मैं- ह्म्म्मत
( ऑर मैं उसके साथ बैठ गया )
ममता- मान गये…दिमाग़ भी खूब चलता है आपका…
मैं- ह्म्म..तो अब बताओ यहाँ कैसे…???
ममता- वो , मैं बस आपके साथ अकेले मे बात करना चाहती थी..
मैं- अच्छा..बात करनी है तो करो ..वैसे तुम्हे कैसे पता कि मैं यहाँ आउगा…
ममता- अंदाज़ा लगाया था…आप पहले आए थे तो सोचा फिर से आओगे…
मैं- ओके..तो अब बोलो क्या बात है…
ममता- ओके..मैं सॉफ बोलती हूँ…मुझे भी आपके साथ मस्ती करनी है…
मैं-मस्ती मतलब क्या…???
ममता- अर्रे..आप भी..मस्ती मतलब मस्ती
मैं-वही तो , मस्ती मतलब कैसी मस्ती…???
ममता- अरे…चुदाई करनी है…अब समझे…
मैं- तो ऐसा बोलो ना…
ममता- अब सुन लिया…अब करोगे ना….
मैने सोचा कि इस साली को थोड़ा तड़पाया जाय...फिर इसको जम कर चोदुन्गा…
ममता- क्या हुआ…क्या सोचने लगे...*???
मैं- कुछ नही...तुम क्या कह रही थी
ममता- चुदाई …ऑर क्या
मैं- पर मेरा मूड नही अभी...
ममता(ज़ोर से) - मूड नही मतलब...सामने से चूत दावत दे रही है ऑर तुम्हारा मूड नही...
मैं- हाँ..मेरा मूड नही….अब चलूं मैं
ममता(चिल्लाते हुए)- नही..मूड क्यो नही है…???
मैं-पता नही , बस ऐसे ही...
ममता- तो मूड बनाओ ना…प्लीज़
मैं- ह्म्म्म..तो तुम मेरा मूड बनाओ…बोलो मुझे गरम कर सकती हो…???
ममता- ऐसी बात …तो अब देखो मेरा जलवा….
मैं-दिखाओ फिर…
ममता- अभी दिखाती हूँ…..पहले एक ड्रिंक तो लो…
मैं- ह्म्म..लाओ फिर…
इसके बाद ममता ने मुझे एक पेग बना कर दिया ऑर खुद भी ले लिया…
मैने पेग को मूह से लगाया भी नही था ऑर ममता अपना पूरा पेग एक बार मे ख़त्म कर गई और फिर ग्लास रख कर मुझे देखते हुए अपने होंठो को चबाने लगी…
मैं सीप लेते हुए ममता की हरकते देख रहा था ऑर ममता अपनी मस्ती मे मुझे गरम करने के लिए अपने जिस्म की नुमाइश कर रही थी….
पहले ममता चद्दर पर लेट गई ऑर अपने बूब्स ड्रेस के उपर से ही मसलने लगी…उसने एक मस्त ड्रेस पहनी हुई थी जो उसके घुटनो के पास तक आ रही थी…वो सच मे मस्त लग रही थी…ऑर हॉट भी..
ममता ने थोड़ी देर बूब्स सहलाने के बाद अपने पैरो को हवा मे उठा दिया जिससे उसकी ड्रेस कमर पर आ गई ऑर मेरी आँखो के सामने उसकी चूत ऑर गंद आ गई…जो अभी पैंटी के अंदर क़ैद थी…गजब गंद थी उसकी…ना छोटी ना बड़ी…बिल्कुल परफ़ेक्ट….
ममता पैंटी के उपर से अपनी चूत पर हाथ फिराने लगी ऑर मुझे गरम करने लगी….मैं पेग पीते हुए ये नज़ारा देखते हुए गरम होने लगा था ऑर मेरा लंड अकड़ना सुरू हो गया था…
थोड़ी देर बाद ममता खड़ी हो गई ऑर
अपनी पैंटी निकाल कर अपनी ड्रेस को हाथ से पकड़ कर उपर करते हुए गान्ड हिलाने लगी....
ममता खड़ी-2 घूमते हुए मुझे अपनी गंद ऑर चूत दिखाते हुए अपने होंठ चवा रही थी ऑर मैं मस्त होता जा रहा था....
मैने सोचा कि अभी रोक कर चुदाई शुरू कर दूं...पर फिर सोचा कि थोड़ा और तड़पने दो....मज़ा भी आ रहा है...
यही सोच कर मैं पेग पीते हुए नज़ारा देखने लगा और ममता बार डॅन्सर की तरह अपनी जवानी के जलवे दिखाने लगी....
थोड़ी देर मटकने के बाद ममता मेरे पास आकर मेरे दोनो तरफ पैर करके खड़ी हो गई..…जिससे उसकी चूत मेरे सामने आ गई ऑर मेरे लंड ने झटका मार दिया….
ममता की चूत पूरी चिकनी थी पर चुदि हुई ...फिर भी ज़्यादा फटी नही दिख रही थी...चुदाइ के लिए पर्फेक्ट थी...मज़ा आयगा.....
ममता अपनी चूत दिखाते हुए मुझे बोली.....
ममता- अब क्या कहते हो..मूड बना कि नही…???
मैं- ह्म्म..थोड़ा बन रहा है…तुम करती रहो....शायद बन जाए
ममता- आज मूड तो मैं बना कर ही रहूगी...
मैं- हाँ बनाओ पर पहले पेग बनाओ..ख़त्म हो गया है…
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06-05-2017, 02:44 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
इसके बाद ममता ने दूसरा पेग बना कर मुझे दिया ऑर मेरी जाँघो को सहलाने लगी….मैं सीप मारता रहा और ममता मेरी जाँघो से होते हुए मेरे लंड पर भी हाथ फिराने लगी….
थोड़ी देर तक हाथ फिराने के बाद ममता वापिस खड़ी हो गई ओर फिर से अपनी चूत दिखाने लगी…मैने अपने ड्रिंक मे उंगली डाल कर गीली की और उसकी चूत मे डाल दी…तो ममता तड़प उठी….
ममता- आहह…मूड बन गया ना…
मैं- तुम चालू रहो..बन रहा है…
ममता ने फिर पलट कर अपनी गान्ड मेरे सामने कर दी…उसकी गान्ड देख कर तो मेरा लंड पूरा तन गया…और पेंट से बाहर आने को तड़पने लगा….ऐसी ही मज़े लेते हुए मैने अपना पेग ख़त्म किया ऑर ममता से बोला….
मैं- मेरा ड्रिंक ख्तम हो गया…
ममता- अभी बनाती हूँ….
मैं- बनाने की ज़रूरत नही….अब मैं तुम्हारा चूत रस पिउगा….
ऐसी ही मज़े लेते हुए मैने अपना पेग ख़त्म किया ऑर ममता से बोला….
मैं- मेरा ड्रिंक ख्तम हो गया…
ममता- अभी बनाती हु….
मैं- बनाने की ज़रूरत नही….अब मैं तुम्हारा चूत रस पिउगा….
ममता- आह..मूड बन गया…ह्म्म
मैं- अब आओ जल्दी..वरना मूड ऑफ हो जायगा…
ममता- नही-नही …ये लो…
ममता मेरे सामने अपनी चूत खोल कर आ गई..और मैने लेट कर उसको अपने मूह पर आने को कहा और ममता मेरे चेहरे के दोनो साइड पैर रख कर अपनी चूत को मेरे मूह पर ले आई.....मैने चूत चाटना सुरू किया ऑर ममता ने एक हाथ से मेरे लंड को सहलाना सुरू कर दिया.....
मैने तुरंत ही ममता की चूत मे जीभ फिराना चालू किया.....
मैं- सस्रररुउउप्प....सस्स्रररुउउप्प्प..आहह
ममता-आअहह…म्माआ…मस्त ...आआहह
मैं-सस्स्ररुउप्प्प..सस्ररुउपप…सस्ररुउउप्प..सस्ररुउपप
सस्ररुउपप…..सस्ररुउपप…सस्ररुउपप..सस्ररुउपप..सस्ररुउपप....
ममता-आअहह…उउंम्म…म्म्म्मपह…आअहह….म्मपम्मूउहह…..
आआअझहह..आऐइयािससी…हहीी..आअहह..म्म्मुज़्ज़ाअ…
एयेए….आआ…गगग्गयययययाआअ…उउम्म्म्मम…..आअहह….आहह
मैं(रुक कर)- अभी से इतना सिसकने लगी...आगे तो बहुत कुछ होना है...
ममता – आहह..वो आप से चुदने का मन था तो ज़्यादा ही गरम हो गई हूँ…
मैं- ओके…तो ये लो फिर…स्रररुउउप्प…सस्ररुउउप्प
ममता-उफफफ्फ़..म्म्माि…..आअहह…
मैं-सस्स्ररुउप्प्प..सस्ररुउपप…सस्ररुउउप्प..सस्ररुउपप…स्ररुउपप..सस्ररुउपप..
ममता-आअहह…उउंम्म…म्म्म्मपह…आअहह….म्मपम्मूउहह…..
आआअझहह..आऐइयािससी…हहीी..आअहह..म्म्म.ज़्ज़ाअ…
एयेए….आआ…गगग्गयययययाआअ…उउम्म्म्मम…..आअहह….आहह
ऐसे ही मेरी जीभ फिराने से ममता सिसक रही थी ऑर उसकी चूत पूरी पानी-पानी हो रही थी....मैने ममता की चूत को चाटना चालू रखा ऑर ममता ने मेरे लंड को सहलाना....मैने ममता की चूत को मूह मे भरा ऑर चूसने लगा…
मैं- उम्म्म्ममम…उउउंम्म…
ममता-आहहह…उउउइ..म्मा…अब इसे…आहह….निकालो….
ममता तेज़ी से मेरे लंड को दबा रही थी ऑर लंड को बाहर निकालने को तड़प रही थी….
मेरा लंड भी अब कड़क हो कर पेंट मे दर्द होने लगा तो मैने ममता को नीचे किया ऑर कहा…
मैं- अब निकाल मेरे लंड को फिर तेरी फाड़ता हूँ…
ममता तो जैसे इसी इंतज़ार मे थी…उसने झपट कर मेरे पेंट को ओपन किया ऑर पेंट को अंडरवर के साथ पैरो से निकाल दिया ऑर मेरी टी-शर्ट उपर करने लंड को किस किया ऑर मेरे दोनो साइड पैर रख कर लंड को अपनी चूत पर सेट करने लगी…..
मैं- अरे उसे गीला तो कर ले…चूस तो सही…
ममता- बाद मे जी भर के चूसूगी अभी मुझे छूट मे चाहिए,,,
मैं- ओके…पर गीला तो कर ले…
मैने बोल ही रहा था कि ममता ने मेरे लंड का सुपाडा अपनी चूत मे भर लिया…
ममता- आहह….ऐसे ही चोदो….मज़ा आयगा…
मैं- तू तो बड़ी रंडी है…
ममता ने फिर से अपने आप को मेरे लंड पर दबाया ऑर आधे से ज़्यादा लंड उसकी चूत मे घुस गया…
ममता- आअहह…रंडी नही हूँ..आहह
मैं- अच्छा….कितनो से चुदि है..???
ममता- आप तीसरे हो…ऊहह म्माआ…
ममता ने पूरा लंड चूत मे भर लिया....
मैं- आहह...दर्द हुआ क्या
ममता- आहह..आहह...हाँ...बड़ा है....इतना ..बड़ा..आहह...नही लिया.....था..आहह
मैं- तो आज ले लिया ना...अब ऐश कर…
मानता – आहह..हाँ…आप चोदो ना….दर्द हो..आहह
मैं ममता की बात समझ गया ऑर उसको नीचे से प्यार से धक्के मारने लगा…ममता ने झुक कर अपने बूब्स मेरे मूह पर कर दिए और मैं बूब्स चूस्ते हुए उसे चोदने लगा…..
मैं- उम्म्म..आहह….एस….उउम्म्म्म
ममता-आहह..आहह..आह…अफ…आहह
मैं- उउंम….यीहह..सस्स्रररुउप्प्प..उउंम्म
ममता- आहह..अह्ह्ह्ह…आह…हाअ…जजूर्र ससी…आहह
मैं कमर उछाल –उछाल कर ममता को चोद रहा था ऑर उसके मस्त बूब्स का रस्पान भी कर रहा था ऑर ममता पूरा दिल लगा कर अपने जिस्म को मुझसे चुदवा रही थी…
ममता-आहह…ज़ोर से,,,,,आअहह…यस…..सर…..ज़ोर...स्सी…फाड़…दो..आहह
मैं- उउंम्म…आह…ये ले…कुतिया…..लंड खाना है…ये ले….उउम्म्म्मम
ममता- हाँ…ऐसे ही,….ओह्ह्ह...म्मा…..फादद्ड़…..आहहाहह…..उउफ़फ्फ़…
मैं थोड़ी देर तक ममता को चोदता रहा ओर फिर मैने उसके बूब्स को छोड़ा तो उसने मेरा इशारा समझ कर खुद ही उछाल-उछाल कर लंड की लेना शुरू कर दिया…
ममता -आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह…उउउफ़फ्फ़….हहाअ…..
मैं-यस बेबी…जंप….य्ाआ..यस
सुषमा-आअहह…आहह…हहा…हाअ…आहह
मैं- यस…जंप…ज़ोर से..कुतिया……तेज ..
ममता -हाअ..आहह…..आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…आऐईइसस्ससी..आहहह
मैं- हाँ..ऐसे ही….ज़ोर से…
मैने ममता के बूब्स को हाथो से पकड़ लिया ऑर सहलाते हुए उसको चोदने लगा…ममता भी पूरी स्पीड से उछल रही थी, उसकी मस्त गान्ड मेरी जाँघो पर पट-पट कर रही थी…ऑर सुषमा चुदाई का आनद ले रही थी….
मैं-यस …जंप….य्ाआ
सुषमा-आअहह…आहह…हहा…आईसीए..आहह…..आहहह…अहहह..
य्यीएस्स..यीस्स्स..आहह
मैं- आहह…ज़ोर से…यस…
ममता- आहह आह…आहह
मैं-यस बेबी यस
ममता- अहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..एस्स्स्स्स…आअहह…
फफफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..आहह…आईइईसीए..हहीी..आहह…जजूर्र…सीए..
ययएएसस्सस्स…आअहह…ययईईसस्स….ऊऊहह
ऐसी ही आवाज़ो के साथ ममता उछल कर चुदते हुए हुए थक गई ऑर मेरे उपर बैठ कर अपनी गंद को गोल-गोल घुमाने लगी…मेरा लंड अभी उसी की चूत मे था…ममता ने अपनी गंद को घूमाते हुए मुझे किस करना सुरू किया ऑर थोड़ी देर तक हम ऐसे ही सॉफ्ट चुदाई करते रहे….
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06-05-2017, 03:03 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
किस ख़त्म करने के बाद ममता उठी ऑर एक ही झटके मे अपनी ड्रेस निकाल कर नंगी हो गई ऑर फिर मेरे लंड को किस करने लगी…मेरी नज़र तो उसकी गंद पर अटक गई थी पर मैं अभी गंद मारना नही चाहता था …
जब ममता फिर से मेरे लंड पर सवारी करने आने लगी तो मैने उसे कहा…
मैं- अब तुम पलट कर सवारी करो….तुम्हारी गान्ड देखूं ज़रा
ममता- ठीक है ..जैसा कहो …सब तुम्हारा ही समझो….
इसके बाद ममता ने उल्टा बैठ कर अपनी चूत मे लंड सेट किया ऑर गप्प से अंदर ले गई ऑर मेरी जाँघो पर बैठ गई …मैने पीछे से ममता की गान्ड को पकड़ा ऑर धक्के मारना चालू कर दिया….
ममता- आहह…ज़ोर से पेलो बाबू….ज़ोर से…
मैं- देखती जा...इतना पेलुगा कि चल भी नही पाएगी...ये ले...
ममता- आहह...फाड़ दो....जैसा चाहो...आहह
मैं- येस्स्स..ये ले...ये ले...ऐसे ही ना...
ममता- अहहह..हाअ,,...आईससीए,,,हहीी,,,,,,आहहह.....फ्फ़ादद..द्दूव
मैने नीचे से गान्ड पकड़ कर तेज़ी से ममता को चोदने लगा ओर ममता भी अपनी गान्ड को हिला कर चुदने लगी.....
ममता -आहह…आअहह….आहहह..….
मैं- येस्स…ये ले…ओर तेजज..यहह
ममता-आअहह…म्म्मा अस्सटत्…ल्ल्लुउन्न्ड्ड़ हहाईयैयाीइ….जब भी अंदर …आहह.जाता है….मज़ादेता…आहह..है…ऊहह
मैने ममता की गान्ड को दबाते हुए दोनो हाथो से पकड़ा ओर तेज़ी से चोदने लगा…
ममता—आहह…रर्रााज्जज्जा……आऐईइईसीई,,हिी….क्क्ूनूस्स्स…क्करर्र डदीया…आब्ब…मैईन्न..बभी….ख़्ूनस्ष्ह..क्करररर द्दुऊऊग़गगीइइ…आहह….ऊओररर…त्टीजज……
मैं-इहहाअ….य्ययहहाअ
ममता-आअहह…ऊओझहह…म्म्म…ज़्ज़ाअ…आहह
मैं-येस्स्स….तू मुझे खुश करेगी….
ममता -आअहह…बिल्कुल…..ऐसा खुश करूगी…आअहह…की...याद रखॉगीए…आअहह….
मैं-बहुत खूब….ये ले…
ममता - आअहह..म्म्मा.यन्न्न्न् बभहिी आईयाईयाय,,,आहह
हमारी चुदाई पूरे सवाब पर थी ओर मैदान मे सनसनाती हुई हवा ऑर चिड़ियो की आवाज़ो के बीच चुदाई की आवाज़े शोर मचाने लगी थी....
मैं- यस…कुतिया…अब फटी ना..ये ले…
ममता – आहह…ज़ोर सी….फाआ,…आहह…दूओ..आहह….आहह
मैं- ये ले …ओर ले…यीहह
ममता- अहहह....आहह...आईसीई..हहीी...आहह......माअररर....माअररर...तीएजज्ज़
और 20 मिनिट की चुदाई मे ममता झड़ने लगी.....
ममता-आअहह…आह.आ.आह…अमम्मायन्न…आऐईइ…..आ..आह...आऐईयईईईईई
मैं-आअहह….ये ले …
ममता झड़ने लगी ओर चुदाई की आवाज़ बदलने लगी
आअहह…..स्शहहह..आहह…त्ततुनूउप्प्प…कचूनूप्प्प…..ईएहहाअ…आहह…त्ततुनूउप्प्प…त्ततुनूउप्प्प….फ़फफूूककचह…फ़फफूूककच…
.ऊओ…ईीस्स…यईीसस…आअहह….ऊओ……फफफफकक्चाआप्प्प….टतततुउउप्प…आहह
ऐसे ही ममता झाड़ गई ओर मैने उसको उपर से हटा कर उस की चूत से लंड निकाल लिया….और ममता थक कर मेरे बाजू मे लेट गई ..ऑर लेट ते ही मुझे बाहों मे लपेट कर साँसे लेने लगी......
थोड़ी देर तक हम ऐसे ही खुले आसमान के नीचे आपस मे लिपटे हुए नंगे पड़े रहे ....जब ममता नॉर्मल हुई तो मुझे किस करने लगी ऑर कुछ देर तक हम एक दूसरे के होंठो को चूस्ते रहे...
जब हमने होंठो का रस्पान कर लिया तो किस ख़त्म कर के बातें शुरू की.....
मैं- इतनी जल्दी थक गई…
ममता- आपके लंड ने थका दिया…
मैं- अच्छा…पर मेरा क्या…मूड बना के छोड़ दोगि क्या बीच मे…
ममता- मैने कब कहा कि चली जाउन्गी…आपको खुश कर के ही मानुगी…चाहे थक के मेरा हाल क्यो ना बुरा हो जाए…
मैं- ह्म्म…तो फिर आओ जल्दी…मूड ऑफ मत करो…
ममता- अभी आई…
और ममता उठ कर मेरे पैरो के पास गई ऑर कुतिया बन कर मेरे लंड को चाटने लगी….
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06-05-2017, 03:03 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
मैं- आहह…चूस …फिर तेरी फाडू….
ममता- ह्म्म्म…सस्स्रररुउउप्प्प…सस्स्ररुउउउप्प…सस्ररुउउप्प
मैं- आहह…क्या जीभ फिराती है…मस्त…
ममता- सस्ररुउउप्प…सस्ररुउउउप्प्प..सस्रररुउउप्प
मैं- हाँ.मेरी कुतिया…चाट ऐसे ही..अह्ह्ह्ह
ममता-सस्रररुउपप..सस्ररुउउप्प..स्ररुउउप्प..उउम्म्म्म
और ममता ने लंड चाट ते हुए मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ऑर प्यार से चूसने लगी….
ममता- उम्म्म…उउउम्म्म्म…सस्सुउुऊउग़गग…सस्रररूउउग़गग
मैं- आह…ऐसे ही…ज़ोर .से…आहह
ममता- उउउंम्म…उउउंम्म..सस्स्रररूउग़गग..सस्रररगगगगगग..सस्ररघ्ज्ग
मैं- आहह…ऑर तेजज…तीज्ज्ज…आहह
ममता- उउउंम..उउंम्म..उउंम..सस्ररूउग़गग…सस्ररूउग़गग…
ममता मेरे लंड को गले की गहराई मे लेते हुए चूसे जा रही थी….ऑर मेरा लंड चूसने के बाद फिर से कड़क हो कर चूत फाड़ने को मचलने लगा…
ममता- उउंम..सस्ररूउउगग..क्क्हूम्म..सस्सुउउंम्म
मैं-आहह…अब…आजजा…आहह…तेरी फाड़ दूं…
ममता..उउंम..उउंम्म..उउंम..आहह..आह
ममता ने मेरे लंड को मुँह से निकाला ओर बोली….
ममता – अब सवारी करनी है मुझे…
मैं- कितनी सवारी करेगी…जबसे लंड पर ही सवार है तू…
ममता- ऐसा लंड हो तो कोई पागल ही सवारी को मना करेगा…
मैं- तो आजा..जैसा करना है कर…फाटनी तो चूत ही है…हाहहः
इसके बाद ममता फिर से मेरी तरफ गान्ड करते हुए लंड को चूत मे ले कर बैठ गई ऑर अपने हाथ पीछे रख कर मेरे लंड पर उछलने लगी….
मैने नीचे से गान्ड पकड़ कर तेज़ी से ममता को चोदने लगा ऑर ममता भी तेज़ी से उपर नीचे होने लगी.....
ममता -आहह…आअहह….आहहह..….
मैं- येस्स…ये ले…ओर तेजज..यहह
ममता-आअहह…म्म्मा अस्सटत्…ल्ल्लुउन्न्ड्ड़ हहाईयैयाीइ….जब भी अंदर …आहह.जाता है….मज़ादेता…आहह..है…ऊहह
मैं- हाँ..तू मज़े कर मेरी रानी…जोर्र से…
ममता—आहह…रर्रााज्जज्जा……आऐईइईसीई,,हिी….क्क्ूनूस्स्स…क्करर्र डदीया……आहह….ऊओररर…त्टीजज……
मैं-इहहाअ….य्ययहहाअ…ऑर तीज्ज्ज्ज
ममता-आअहह…ऊओह…यीस्स..आहह...उउउफ़फ्फ़..म्मा...
मैं- ज़ोर से...ओर ज़ोर से.....येस्स..येस्स..
ममता- हाँ…आअहह….आऐईीससी…आअहह…आहह
थोड़ी देर तक ममता पूरे जोश के साथ मेरे लंड की सवारी करती हुई चुद रही थी फिर वो तक गई तो लंड पर बैठ गई ओर धीरे-धीरे चुदने लगी…
मैं- आहह..थक गई ना..
ममता- हाअ…ये लंड झाड़ता ही नही…आहह
मैं- बस झड जायगा..थोड़ा और ज़ोर लगा….
ममता- अहहह.हाँ...लगाती हूँ..
मैं- अब तू रुक …अब मैं तुझे अपनी कुतिया बना कर चोदुन्गा…
ममता- मैं कुतिया बन गई….बोलो कुतिया क्या करे…
मैं- अभी बताती हूँ…
मैने ममता की कमर पकड़ कर उसे साइड मे उल्टा लिटा दिया और उसे कुतिया बनने को कहा…..
जैसे ही ममता कुतिया के पोज़ मे आई तो मैने पीछे से एक ही धक्के मे पूरा लंड ममता की चूत मे डाल दिया ऑर उसके बाल पकड़ कर तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया…..
ममता- आहह….माँ…उूउउइइ…..आहह
मैं- अब तेरी फाड़ता हूँ मेरी कुतिया…
ममता-आअहह..फाड़....दो…आअहह…ज्ज़ोर..से…माररू..
मैं तो ये ले …फटी तेरी..यीहह
मैने ममता को बालो से पकड़ कर फुल स्पीड मे चोदना शुरू किया ऑर ममता ज़ोर-ज़ोर से आवाज़े निकालने लगी ऑर चुदाई का रंग चरम पर पहुँच गये…
ममता-आअहह…आअहह…ऊररर…तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्मायआ….उूउउफ़फ्फ़…म्म्माो….फ़फफादद्ड़..दद्दूव…आअहह...उूउउफ़फ्फ़..म्म्माम.....आाऐययईई.....म्म्मागआ...आअहह
मैं- आहह..ईएहह….येस्स..एस्स….ये..ले…
ममता- आअहह…आअहह…ऊररर…तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्माहआ….उूउउफ़फ्फ़…माआ…म्माईिईन्न्न…..म्म्माक…आआईइ……आअहह…ऊओह
मैं- ओर तेजज्ज़ डालु..
ममता-आअहह….दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल…द्ददी…..आआअहह…फासस्थटत्त…आअहह
..यस…येस..यस…आअहह....तीएजज्ज़....ऊओरर..त्त्तीज्ज्ज....आहह...उउफफफ्फ़...आआहह
मैं-यस बेबी..ये ले..…ये ले
मैने तेज़ी से ममता की चुदाई कर रहा था ऑर ममता की गान्ड पर मेरी जांघे इतनी तेज़ी से टकराने लगी कि उसकी गान्ड लाल पड़ने लगी …..15-20 मिनिट की दूसरी छुदाई मे ममता फिर से झड़ने लगी ओर उसकी सिसकारिया…हवा के साथ मिल कर तेज होने लगी…
ममता-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह…..आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…ज्जॉर्र्र..ससी..आहहह///..
फफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..तीज़्ज़ज्ज…हहाअ…उउउफफफ्फ़
एसस्सस्स…आअहह…आअहह…ययईईसस्स….ऊऊहह…आअहह
मैं-यस बेबी यस
ममता- अहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..एसस्सस्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…म्माईिईन्न्न,….आआईयइयाय …आअहहहह…ऊओ…म्मा….ऊहह…ऊहह..ऊहह
ऐसे चिल्लाते हुए ममता झड़ने लगी ऑर उसका चूत रस मेरे लंड से होते हुए फुकछ-फुकछ की आवाज़े करने लगा…
मैं भी झड़ने ही वाला था तो मैने कहा…
मैं- मैं भी आ रहा हूँ…कहाँ निकालु
ममता- आहह…आह..मेरे…मुँह मे…आहह..पिलाओ…..आअहह
मैने ममता को छोड़ा ऑर चूत से लंड निकाल के खड़ा हो गया …ममता भी पलट कर घुटनों पर आ गई ऑर मेरे लंड के सामने मुँह खोल दिया....
मैने पिचकारी मार के लंड रस ममता के मुँह मे भर दिया…जिसे ममता पीने लगी ओर कुछ उसके मुँह पर लग गया…..
इसके बाद ममता ने मेरा लंड चूस चाट कर सॉफ किया ओर फिर हम दोनो वही नंगे लेट गये…
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