06-05-2017, 02:15 PM,
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sexstories
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RE: चूतो का समुंदर
मैं-आंटी..
आंटी-हाँ
मैं-डाल दूं
आंटी-हाँ बेटा जल्दी डाल दे अब बर्दास्त नही होता
मैने लंड आंटी की चूत के उपर रगड़ते हुए उनकी आखो मे देखा…तो आंटी शरमाने लगी….
आंटी-क्या हुआ बेटा
मैं-आंटी….आज से आप मेरी रखैल बनोगी
आंटी-शरमाते हुए….बना ले ना
मैं-सच
आंटी-सच मे…आहह…अब डाल भी दे
मैने आंटी को तड़पते हुए फिर कहा
मैं-पहले मेरी रखैल की तरह बोलो
आंटी-क्या
मैं-रखैल की तरह मिन्नते करो
आंटी-मेरे मालिक….अपनी गुलाम पर तरस खाओ ऑर मेरी फाड़ दो…आअहह…जल्दी
मैने 1 छोटा सा धक्का लगाया तो मेरा लंड आंटी की चूत मे एंटर हुआ….अभी टोपा ही अंदर गया था
आंटी-आअहह….
मैं- आंटी…
आंटी-डाल दे
मैने 1 तेज झटका मारा तो 5 इंच लंड चूत के अंदर
आंटी-आआहह…ब्बबाअदददाअ हहाऐईयइ….आअहह
मैं-आंटी..निकाल लूँ क्या
आंटी-नाआंणननी……
मैं-तो ये लो…ऑर मैने बाकी का3 इंच भी अंदर कर दिया
आंटी-आआहह,,,,,,म्म्म्मीमाआआ…..आआअहह….म्म्माीररर ग्गगाआयइ
आंटी के पति का लंड छोटा होगा…तभी आंटी चीख पड़ी
मैं- आंटी…
आंटी-आअहह…म्म्मा अररर द्ददडााल्ल्ल…र्ररुउउक्क्क ज्ज्जाआ
आंटी की आँखो मे आंशु आ गये थे लेकिन मैं तो आंटी को तडपा कर चोदना चाहता था…ताकि आंटी मेरे लंड की गुलाम हो जाए
मैने लंड को पीछे लिया ओर आधे से ज़्यादा बाहर करके 1 तेज धक्का मारा ऑर लंड पूरा अंदर डाल दिया….
इस शॉट से आंटी का मुँह खुला रह गया ऑर आँखे फटी रह गई
मैने कोई फ़िक्र ना करते हुए तेज़ी से धक्के मारना सुरू कर दिया
आंटी-आआहह.....अहहहह...आघह
म्म्माोरर.....गगग्गगाऐइ.......अर्र्ररुउउउक्क्क.....ज्ज्जाआअ.....म्म्म.म्मद्द्ददडाआररक्चो....हह..ऊ...द.द..द.....ड्ड....म्म्म्मा अररर द्द्ददडााललाल्ल्लाला
मैं-चुप कर रंडी....आज तेरी फाड़ डालुगा....
आंटी-आअहह......र्र्ररुउउउक्क्क ज्ज्जजाआाअ
आआहहह....म्म्मा.अररर ग्ग्गाऐइ
मैं धक्के मारते हुए सोचने लगा कि इतना तो कुवारि लड़की भी नही चिल्लाती.....ऑर ये तो 3 बच्चों की माँ है….फिर भी,,,साली नाटक कर रही है
मैने धक्को की स्पीड कम नही की...ऑर तेज़ी से आंटी को चोदने लगा...
थोड़ी देर बाद आंटी की चीखे....सिसकारियो मे बदल गई
मैं-आअहह…आंटी…..मज़ा आ रहा है
आंटी-आअहह,,,,,,कचछूड्द ड्डेययाल्ल…आअहह….त्ट्तीएजज़्ज़्ज
मैं-ये ले साली
आंटी-आअहह….फ़फफ़ाआद्ड डदीए बबबीएतत्टाआ……आआब्ब्बब तततुउउ …आअहह…..
मैं-आंटी….खुश हो????
आंटी-आअहह…तततुउउउ,,,,हहिि म्म्मरीएरररीि कक्चहूवततत ककक्काअ म्म्मा ल्ल्लीक्कककक….आअहह…ऊररर त्तीएज्ज्ज्ज..आअहह…म्म्माएअज़्जज आआ गगग्गययाअ
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06-05-2017, 02:16 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
मैं-आंटी….आज से आप मेरी रंडी हो ऑर मैं जैसे चाहूं , जब चाहूं,,,कुछ भी करवाउन्गा तुमसे …याद रखना
आंटी-ठीक है…बस मेरे घर मे पता नही चलना चाहिए….बाकी जो कहो मैं तैयार हूँ
मैने आंटी की गंद पर चपत लगा कर बोला
मैं-मेरी रंडी टेन्षन मत ले…बस मज़े के लिए तैयार हो जा...आज से आपकी न्यू लाइफ स्टार्ट…ऑर हाँ उस बॉक्स मे इससे भी छोटी ड्रेस है ये आपको शादी के घर पहनाउन्गा…देखते जाओ आंटी मैं आपको सेक्स बॉम्ब बना दूँगा…
आंटी-बेटा इतना खर्चा क्यो...काफ़ी ड्रेस थी ना
मैं- आंटी आपकी फरन्डस देखेगी तो जलेगी कि आप भी खर्च करने मे कम नही ऑर सबके मुँह बंद हो जायगे..
ओर ये कह कर मैं नीचे आ गया...ऑर आंटी मेक-अप करके आयगी…ऐसा बोल कर मेक-अप करने लगी
मैने जैसे ही नीचे आया तो रश्मि से बोला
मैं-काम हो गया
रश्मि-हाँ सर...जैसा आप ने कहा था वैसा हो गया
मैं-ओके...1 काम करो उसे संभाल के रखना...मैं कुछ दिन बाद जब घर आउन्गा तब देना मुझे ओके
रश्मि-जी सर
मैने रश्मि को एक काम बोला था….जो मेरे लिए आगे काम आयगा…प्लान क्या था ऑर मैने क्या संभाल के रखने को बोला…ये राज कहानी मे आगे खुलेगा…सही टाइम पर
मैं और रश्मि बात ही कर रहे थे कि आंटी नीचे आती हुई दिखाई दी…क्या माल लग रही थी आंटी….…
उनको इस ड्रेस मे देख कर किसी का लंड भी खड़ा हो जाय…
उपर से उनके बड़े-2 बूब्स , जो आधे बाहर थे ऑर मस्त उभरी हुई गंद ….बुड्ढे का लंड भी खड़ा कर दे…
मैं आंटी को देख ही रहा था कि रश्मि धीरे से बोली
रश्मि-सर आइटम तो मस्त चूज़ की आपने ऑर ड्रेस भी…अब क्या करने वाले हो आप
मैं-देखती जाओ....इस साली को सच मे सेक्स बॉम्ब ना बनाया तो मेरा नाम नही....
मैं-(मन मे)-मुझसे पंगा लेने का सोचा साली ने...अब देखना कैसी हालत करता हूँ इसकी...ऑर इसके साथियो की
( कहानी मे जो भी बात अभी आपके सामने नही आई...वो आपको कहानी के साथ पता चलती जाएगी…ये आंटी के पंगे वाली बात भी जल्दी ही सामने आयगी…....
आप लोग पॅशन्स रखे प्लज़्ज़्ज़ )
इतने मे आंटी हमारे पास आ गई ऑर बोली
आंटी-बेटा सच मे ऐसे ही चलूं
मैं-अब क्या लिख कर दूं मेरी रांड़
आंटी-ओके, बेटा अब मेरी इज़्ज़त तेरे हाथ मे जो..करना है करो बस...किसी को पता ना चले
मैं-डॉन’ट वरी …आपके घर मे आपकी इज़्ज़त वैसी ही रहेगी…बस बाहर वैसी होगी जैसी मैं चाहूगा
आंटी-मतलब..???
मैं(बात संभालते हुए)-अरे मतलब मेरी पर्सनल रांड़…ऑर अब चलो …आपकी फ्रेंड की भी जलानी है ना
आंटी-हाँ…उसे जलाने के लिए तो कुछ भी कर सकती हूँ
मैं-ओके…रश्मि हम जा रहे है….टेककेइर
इसके बाद हम बाहर आकर कार मे बैठे ऑर निकल गये आंटी की फ्रेंड के गाओं की तरफ…
( आक्च्युयली वो गाओं से बड़ा ही था…कस्बे के जैसा
हमे लगभग 4 घंटे की ड्राइव करनी थी….अभी दोपहर के 1.30 हो रहे थे तो हम 5.30 तक पहुच सकते थे
बट इतनी जल्दी जा कर क्या करना है….अभी तो सफ़र शुरू हुआ है …आगे-2 देखो क्या-क्या होता है..)
मैं कार चलाते हुए आगे का प्लान कर रहा था कि तभी आंटी बोली
आंटी-चलो अच्छा है तुम्हारी कार मे कोई बाहर से अंदर नही देख पाता ..नही तो कोई भी देख लेता
मैं-डॉन’ट वरी…यहाँ आप सेफ है….हां यहाँ से निकलने के बाद आपको बदल के रख दूँगा
आंटी-क्या मतलब
मैं-कुछ नही…मतलब ये कि सहर से बाहर निकलते ही मेरे साथ मेरी आंटी नही होगी…बल्कि मेरी पर्सनल रंडी होगी
आंटी(मुस्कुरा कर)-जो हुकुम सर
मैं ऑर आंटी..ऐसे ही मस्ती भरी बाते करते हुए जा रहे थे …लगभग 30 मिनट बाद हम सहर से बाहर आ गये …
अब हम हाइवे पर थे..जहाँ दोनो तरफ पेड़ ऑर खेत ही दिखाई दे रहे थे…
दूर-2 तक कोई इंसान नज़र नही आ रहा था..हाँ थोड़ा ट्रॅफिक ज़रूर मिल रहा था इस हाइवे पर…
मैने सोचा चलो अब इसको असली मे रंडी बनाने का प्लान शुरू करते है…..क्या करूँ….
कुछ सोच कर…हाँ ये सही रहेगा…अगर ये मान गई तो शादी मे पहुचने से पहले इसकी बची हुई शरम दूर हो जाएगी…ऑर ये फिर कही भी चुदने को रेडी हो जाएगी…पक्की रंडी की तरह…हम ऐसा ही करता हूँ…
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